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व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का खास महत्व है. खासतौर पर मासिक शिवरात्रि व्रत को बेहद शुभ माना गया है. वैशाख माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस दिन भक्त भोलेनाथ के लिए सच्चे मन से उपवास रख उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. अगर आप भी देवों के देव महादेव का आशीर्वाद और उनकी कृपा पाना चाहते हैं तो मासिक शिवरात्रि का व्रत रख भगवान शंकर की आराधना कर सकते हैं. जानिए मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व और पूजन के नियम.
कब है वैशाख माह की मासिक शिवरात्रि
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का शुभारंभ 6 मई सोमवार 2024 दोपहर 2:40 पर होगा. मासिक शिवरात्रि तिथि का समापन अगले दिन 7 मई दिन मंगलवार सुबह 11:40 पर होगा. इस बार सोमवार 6 मई 2024 को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा जिसका भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें. इसके बाद भोलेनाथ के सामने व्रत का संकल्प लें. पूजा की शुरुआत करने के लिए वेदी स्थापित करें और विधि-विधान से उसे सजाएं. फिर शिव परिवार की प्रतिमा का स्थापना करें. पंचामृत से अभिषेक करें और देवों के देव महादेव को सफेद चंदन का तिलक लगाएं. मां पार्वती को सिंदूर अर्पित करें. घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. खीर का भोग लगाएं और सफेद फूलों की माला अर्पित करें. बेलपत्र भगवान शंकर का प्रिय है इसलिए पूजा में बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं. मासिक शिवरात्रि व्रत में तुलसी, हल्दी और केतकी के फूल का प्रयोग ना करें. पूजा के दौरान शिव चालीसा का पाठ करें. आरती से पूजा को पूरी करें. पूजा समाप्त होने के बाद अपनी गलतियों की क्षमा मांगे. माना जाता है कि इस तरह पूजा करने पर भगवान शिव की कृपा मिलती है.
आस्था /शौर्यपथ / हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य से पहले कलाई पर कलावा बांधा जाता है. इसे रक्षा सूत्र या मौली भी कहा जाता है. रक्षा सूत्र बांधना वैदिक परंपरा का हिस्सा रहा है. यज्ञ में इसे बांधने की परंपरा सदियों पुरानी है. इसका उल्लेख पौराणिक कथाओं में भी है. जिसमें बताया गया है कि असुरों के दानवीर राजा बलि की अमरता के लिए भगवान वामन ने उनकी कलाई पर कलावा बांधा था. ऐसे में अगर आप भी रक्षा सूत्र पहनते हैं, तो आइए जानते हैं इसे कितनी बार लपेटना चाहिए, कौन सा रक्षा सूत्र नहीं पहनना चाहिए और इसे बांधने के क्या नियम हैं.
रक्षा सूत्र कितने दिनों तक पहनना चाहिए
कई बार ऐसा होता है, जब कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के कई-कई दिनों तक हम उसे निकालना ही भूल जाते हैं. ज्योतिष के अनुसार, ज्यादा दिन तक हाथ में रहने वाले कलावे का जब रंग उतरने लगता है तो उसकी ऊर्जा भी कम होने लगती है और एक समय बाद खत्म हो जाती है, इसलिए शास्त्रों में बताया गया है कि इसे कितने दिन पहनना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, हाथ में कलावा 21 दिनों से ज्यादा नहीं बांधना चाहिए, क्योंकि इतने दिन में उसका रंग उतरने लगता है और जिस कलावा का रंग उतर जाए, उसे नहीं पहचना चाहिए.
अशुभ होता है ऐसा कलावा
शास्त्रों में बताया गया है कि जिस कलावा का रंग उतर गया है, उसे नहीं बांधना चाहिए. ऐसे में उसे उतार देना चाहिए. 21 दिनों के बाद फिर किसी शुभ मुहुर्त में इसे बंधवा सकते हैं. कहा यह भी जाता है कि हाथ से उतारा हुआ कलावा भी नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इससे निगेटिविटी बढ़ती है. हाथ से उतारा हुआ रक्षा सूत्र बहती नदी में प्रवाहित करना चाहिए. यह शुभ माना गया है.
कलावा बांधने का सही नियम क्या है
पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को अपना दाएं हाथ में रक्षा सूत्र बांधना चाहिए.
शादीशुदा महिलाएं बाएं हाथ में रक्षा सूत्र बंधवाए
कलावा बंधवाते समय उस हाथ की मुट्ठी बंद रखें.
कलावा बंधवाते वक्त दूसरा हाथ हमेशा सिर पर रखना चाहिए.
कलावा सिर्फ तीन बार ही लपेटाना चाहिए.
आस्था /शौर्यपथ / सनातन धर्म में वैशाख का महीना बहुत पवित्र माना जाता है. कहते हैं कि इस महीने स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं माना जाता है कि अगर वैशाख के महीने में तुलसी की पूजा की जाए और उन्हें कुछ विशेष चीजें अर्पित की जाएं, तो इससे भी घर से तंगहाली दूर होती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. इस बार वैशाख महीने की शुरुआत 21 अप्रैल 2024, रविवार से हो चुकी है, जो 21 मई 2024, मंगलवार तक रहेगी. ऐसे में वैशाख के महीने में आपको तुलसी पर क्या उपाय करने चाहिए, जानें यहां.
तुलसी की विशेष पूजा
गुरुवार का दिन मां तुलसी को समर्पित होता है, ऐसे में इस दिन उनकी विशेष पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलते हैं. गुरुवार को तुलसी की पूजा करते समय एक बर्तन में 7 हल्दी की गांठ, एक गुड़ का टुकड़ा और 7 चने की दाल डालें और उसे तुलसी के पास रख दें, ऐसा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होती है.
जल में हल्दी मिलाकर करें अर्पित
वैशाख के महीने में जब आप तुलसी में जल चढ़ाएं तो एक कटोरे में जल लेकर उसमें थोड़ी सी हल्दी डालें और इसे अर्पित करें. हल्दी और पानी को हाथ में लें और अपनी मनोकामना मन में बोलते हुए तुलसी को अर्पित कर दें. इससे इच्छाओं की पूर्ति हो सकती है.
गुरुवार को जलाएं आटे का दीया
इसके अलावा हर गुरुवार को वैशाख के महीने में अगर तुलसी के पास शाम के समय आटे का दीया जलाया जाए और उसमें घी की बाती रखी जाए, तो इससे तुलसी मैया बहुत प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर असीम कृपा बरसाती हैं.
वैशाख महीने की एकादशी है खास
वैशाख महीने में आने वाली एकादशी पर तुलसी की पूजा का विशेष महत्व होता है, इस दिन तुलसी के पौधे पर आप लाल रंग की चुन्नी चढ़ाएं, सुहाग की चीजें अर्पित करें. ऐसा करने से लक्ष्मी मां की कृपा बनी रहती है. इस बार वैशाख महीने में एकादशी 4 मई 2024 को मनाई जाएगी.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /आंखें हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा हैं लेकिन आज के समय की खराब लाइफस्टाइल और खान-पान के चलते आंखें कमजोर होती जा रही हैं. घंटों लैपटॉप और मोबाइल पर रहने के चलते भी आंखें कमजोर हो रही हैं. उम्र बढ़ने का असर भी हमारी आंखों की रोशनी पर साफ देखा जा सकता है. लेकिन सिर्फ उम्र का असर ही नहीं बल्कि आज के समय में तो छोटे बच्चों में भी आंखें कमजोर होने की समस्या देख सकते हैं. आंखों की रोशनी बेहतर रखने के लिए आपको अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत है. आंखों की देखभाल करने के साथ साथ आप अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करें. आप अंजीर को डाइट में शामिल कर आंखों को हेल्दी रख सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कैसे करें अंजीर का सेवन.
आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए आप अपनी डाइट में विटामिन ए, सी और ई, जिंक, ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर चीजों को शामिल करें. आपको बता दें कि अंजीर में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और कॉपर, मैक्रो- और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, फाइबर और प्रोटीन जैसे गुण पाए जाते हैं जो आंखों की सेहत के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद माने जाते हैं.
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कैसे करें अंजीर का सेवन-
कमजोर आंखों की रोशनी को तेज करने के लिए आप अंजीर को अपनी डाइट में कई तरह से शामिल कर सकते हैं. 3-4 अंजीर को रातभर पानी में भिगोकर रख दें. फिर अगली सुबह उठकर इसे खाली पेट खा लें. इसे आप दूध के साथ भी ले सकते हैं. लगातार कुछ दिनों तक ऐसा करने से आंखों की रोशनी को तेज करने में मदद मिल सकती है.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /गर्मी के मौसम में हम सभी ठंडी चीजों का सेवन करना पसंद करते हैं. दही उन्हीं चीजों में से एक है. दही से बनी छाछ और लस्सी पीने का अपना ही एक मजा है. गर्मी में दही खाने के ढेर सारे फायदे हैं. गर्मी के मौसम में हर कोई किसी न किसी रूप में दही का सेवन करना पसंद करता है. आपको बता दें कि दही में कैल्शियम, विटामिन बी 2, विटामिन बी 12, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मददगार हैं. अगर आप प्लेन दही का सेवन नहीं करना चाहते हैं तो आप लौकी से रायता बना सकते हैं. लौकी का रायता खाने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कैसे बनाएं लौकी का रायता.
गर्मी में लौकी का रायता न सिर्फ स्वाद को बढ़ाने का काम करता है बल्कि, शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मददगार है. इसे बनाने के लिए लौकी, काला नमक, भुना जीरा और प्लेन दही की जरूरत होती है. इसे आप लंच और डिनर में खा सकते हैं.
लौकी का रायता खाने के फायदे-
लौकी फाइबर का अच्छा सोर्स होती है और इसमें फैट भी बिलकुल नहीं होता है. रोजाना लौकी के रायते का सेवन कर वजन को कम करने में मदद मिल सकती है. लौकी में विटामिन-सी होता है और इसके बीज में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो आपको यूटीआई की परेशानी में राहत दिला सकते हैं. लौकी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. गर्मियों के मौसम में लौकी के रायते का सेवन कर स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिल सकती है.
घर पर कैसे बनाएं लौकी का रायता-
आवश्यक सामग्री -
लौकी — 250 ग्राम
दही — 400 ग्राम ( 2 कप ) (फैंटा हुआ)
घी - 1 छोटी चम्मच
हरा धनिया - 1 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)
नमक — 1/4 छोटी चम्मच या स्वादानुसार
हरी मिर्च — 1 ( बारीक कटी हुई )
जीरा —1/2 छोटी चम्मच
हींग पाउडर - 1 पिंच
विधि -
लौकी को धोकर छीलिये और लौकी को छोटे छोटे टुकड़े में काट लीजिये.
कद्दूकस की गई लौकी को किसी बर्तन में भरकर उबालने रख दीजिये. लौकी को उबालते समय 1/2 कप पानी डाल दीजिए और बर्तन को ढककर लौकी के नरम होने तक इसे उबाल लीजिए.इसे उबलने में करीब 8 से 10 मिनिट लग जाते हैं.
10 मिनिट बाद, लौकी का एक टुकड़ा निकालकर दबाकर देखिए, यह नरम हो गया है. उबली हुई लौकी को पानी से निकालकर एक प्याले में रख लीजिए. इसे चमचे से थोड़ा सा मैश कर लीजिए.
मैश की हुई लौकी में फैंटा हुआ दही, हरी मिर्च, हरा धनियां और नमक डालकर मिला दीजिये.
तड़का लगाइए
तड़का पैन गरम कीजिए. इसमें घी डाल्कर गरम कीजिए. गरम घी में जीरा डालकर भून लीजिए और इसके बाद, गैस बंद कर दीजिए. फिर, पैन में हींग पाउडर भी डाल दीजिए. तैयार तड़के को रायते में डालकर मिक्स कर लीजिए. लौकी का रायता तैयार है.
इतना रायता परिवार के 3 से 4 सदस्यों के लिए पर्याप्त है. रायते को कर ठंडा होने के लिये फ्रिज में रख दीजिये, ठंडा रायता ज्यादा स्वादिष्ट लगता है. ठंडा रायता गरम गरम खाने के साथ परोसिये और खाइये.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / विटामिन सी हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए अपनी डाइट में विटामिन सी से भरपूर चीजों को शामिल करें. आमतौर पर फलों का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए आप अपनी डाइट में संतरा, नींबू, अनानास, पपीता जैसे फलों को शामिल कर सकते हैं. आपको बता दें कि अगर हमारी इम्यूनिटी मजबूत है तो शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मदद मिल सकती है. इतना ही नहीं विटामिन सी की कमी से शरीर में कमजोरी, बालों का झड़ना और स्किन से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
विटामिन सी से भरपूर चीजें-
1. संतरा-
संतरे में केवल विटामिन सी ही नहीं बल्कि, फाइबर और थियामिन और पोटैशियम जैसे खनिज भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं.
2. अनानास-
अनानास एक खट्टा मीठा रसीला फल है ये विटामिन सी का अच्छा सोर्स माना जाता है. अनानास को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. इसको आप जूस, स्मूदी के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.
3. अमरूद-
अमरूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. अमरूद के सेवन से शरीर को इंफेक्शन से बचाने में मदद मिल सकती है.
4. पपीता-
पपीते को विटामिन सी और फाइबर का अच्छा सोर्स माना जाता है. पपीते के सेवन से इम्यूनिटी को मजबूत, स्किन हो हेल्दी और वजन को कंट्रोल कर सकते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /गर्मियों के मौसम में कई चीजें खानी की मनाही होती है खासतौर पर जिनकी तासीर गर्म हो. गर्म तासीर वाली चीजों का ज्यादा सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है और लहसुन भी उन्हीं में से एक है. लहसुन किचन में मौजूद एक ऐसी सामग्री है जिसे स्वाद और सेहत के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. लहसुन को आमतौर पर दाल सब्जी में तड़के लिए इस्तेमाल किया जाता है. आपको बता दें कि लहसुन में एंटी-बायोटिक, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, मैंगनीज, पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम और विटामिन जैसे गुण पाए जाते हैं. जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं गर्मी के मौसम में लहसुन का जरूरत से ज्यादा सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. तो चलिए जानते हैं गर्मी में लहसुन खाने से होने वाले नुकसान.
गर्मी में लहसुन खाने के नुकसान-
1. मुंह से बदबू-
अगर किसी को मुंह से बदबू आने की शिकायत है, तो उन्हें लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि लहसुन खाने से मुंह की बदबू और बढ़ सकती है.
2. पेट में जलन-
गर्मी के मौसम में अगर आप लहसुन का जरूरत से ज्यादा सेवन करते हैं तो इससे आपके पेट में जलन हो सकती है.
3. एलर्जी-
अगर आपको लहसुन खाने से स्किन में रैशेज, लाल निशान हो रहे हैं तो आप इसका सेवन करने से बचें.
4. कब्ज-
एसिडिटी की समस्या से पेट दर्द, पेट फूलना और गैस बनने लगती है और ऐसे में लहसुन का सेवन करना इस समस्या को और बढ़ा सकता है.
5. सिरदर्द-
गर्मियों के मौसम में कच्चे लहसुन का अधिक मात्रा में सेवन करने से सिरदर्द की समस्या हो सकती है. इसलिए सिरदर्द में लहसुन का सेवन करने से बचें.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /नींबू एक ऐसा फल है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अनगिनत फायदे प्रदान करता है. इसमें विटामिन सी, लेमोनीन, पोटेशियम, फाइबर और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को हेल्दी रखने में मदद करते हैं. गर्मियों में नींबू का बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है. यहां हम नींबू के कुछ ऐसे गुणों के बारे में बता रहे हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए चमत्कार कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं नींबू में ऐसा क्या है जो इसे इतना फायदेमंद माना जाता है.
नींबू स्वास्थ्य के लिए क्यों इतना फायदेमंद? |
1. विटामिन सी का भंडार: नींबू विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत है. इसमें विटामिन सी ज्यादा मात्रा में होने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और हमें कई बीमारियों से बचाता है.
2. पाचन में मददगार: नींबू का उपयोग पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है. गर्म पानी में नींबू का रस पीना पाचन को सुधार सकता है और अपच को कम कर सकता है.
3. वजन कम करना: नींबू में पाए जाने वाले फाइबर की मात्रा हमारे वजन को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है. फाइबर भरपूर मात्रा में होने से हमें लंबे समय तक भोजन की भूख नहीं लगती है और हम खाने की मात्रा को कम करते हैं.
4. स्किन केयर: नींबू में मौजूद विटामिन सी के कारण यह त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. विटामिन सी त्वचा को चमक देता है, साथ ही उसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं.
5. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या: लेमन में पाए जाने वाले पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. यह ब्लड प्रेशर को सामान्य लेवल पर रखने में मदद कर सकता है और हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देता है.
नींबू का नियमित सेवन करने से हम अपने स्वास्थ्य को संतुलित रख सकते हैं और कई बीमारियों से बच सकते हैं. इसके अलावा लेमन कई सारे व्यंजनों और ड्रिंक्स में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे हम अपने भोजन को स्वादिष्ट और पौष्टिक बना सकते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / गर्मियां जोरों पर हैं ऐसे में अपनी डाइट में लिक्विड चीजों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें. क्योंकि गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी होना आम बात है. लेकिन शरीर में बार-बार पानी की कमी से शरीर कमजोर पड़ने लगता है. इस मौसम में शरीर से पसीने के माध्यम से पानी निकलता है. इसलिए शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए आप अपनी डाइट नारियल पानी को शामिल कर सकते हैं. नारियल पानी का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. नारियल पानी में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे, एंटीऑक्सीडेंट्स, अमीनो- एसिड, एंजाइम्स, विटामिन सी आदि. रोजाना सुबह खाली पेट नारियल पानी पीने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं नारियल पानी पीने से होने वाले फायदे.
नारियल पानी पीने के फायदे-
1. सिरदर्द-
तेज धूप और गर्मी के कारण कई लोगों के सिर में अचानक दर्द होने लगता है या बाहर से लौटने पर ये दर्द होता है. इसके पीछे का कारण डिहाइड्रेशन भी हो सकता है. अगर आपको भी ऐसी समस्या होती है तो आप नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं. इससे आपको राहत मिल सकती है.
2. डायबिटीज-
डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है नारियल के पानी का सेवन. दरअसल इंसुलिन की कमी की वजह से डायबिटीज की समस्या होती है.
3. वजन घटाने-
नारियल पानी पीने से शरीर को सभी आवश्यक तत्व मिल जाते हैं. साथ ही इसे पीने से बहुत देर तक पेट भरा रहता है जिससे अधिक खाने से बच सकते हैं और वजन को कम कर सकते हैं.
4. एनर्जी-
अगर आपको थकान महसूस होती है तो आप रोजाना सुबह नारियल पानी का सेवन करें. इससे थकान, कमजोरी की समस्या को दूर किया जा सकता है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / सनातन धर्म में भगवान काल भैरव का विशेष स्थान है. उनकी उपासना महत्वपूर्ण मानी जाती है. वैदिक पंचांग बताता है कि हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. इस बार 1 मई, 2024 बुधवार को कालाष्टमी की पूजा की जाएगी. मान्यता है कि इस दिन भगवान काल भैरव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन में सुख और समृद्धि आती है और हर रोग-दोष का नाश हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन अगर व्रत और पूजा करने के साथ 'श्री भैरव चालीसा' का पाठ किया जाए तो काल भैरव की सदैव कृपा बनी रहती है.
कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर 1 मई, 2024 की सुबह 5.45 बजे से कालाष्टमी के शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी, जो अगले दिन 2 मई की सुबह 4.01 बजे तक चलेगी. बुधवार को ही काल भैरव देव की पूजा की जाएगी. दिन में किसी भी वक्त भगवान की आराधना कर सकते हैं. ज्योतिषों का मानना है कि इस व्रत का पूरा लाभ पाने के लिए प्रदोष काल में पूजा करना सबसे अच्छा साबित होगा.
कालाष्टमी व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में कालाष्टमी व्रत का अपना विशेष महत्व है. इस दिन साधक श्रद्धाभाव से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. शिव मंदिर सजाए जाते हैं. रात में पूजा की जाती है. देर रात यानी निशा काल में बाबा काल भैरव की आराधना होती है. तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधक कालाष्टमी की रात में ही विशेष विद्या सिद्धि प्राप्ति की आराधना करते हैं.
कालाष्टमी का योग
ज्योतिष के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी का शुभ योग बन रहा है. संध्याकाल 8 बजकर 02 मिनट तक यह योग बन रहा है. इसके बाद शुक्ल योग बन जाएगा. इस तिथि पर शिव वास का भी योग है.
श्री भैरव चालीसा का पाठ
मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन श्री भैरव चालीसा का पाठ करने से भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं और हर तरह की सुख-सुविधाएं देते हैं, दुखों का नाश हो जाता है. ऐसे में साधकर को विधिवत पूजा करने के बाद इस पाठ को करना चाहिए.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / कहते हैं कि देवों के देव महादेव सब देवों में सबसे भोले हैं. अगर सच्चे मन से उनकी पूजा अर्चना की जाए तो वो भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं. खासकर सोमवार के दिन अगर भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि अर्पित करके उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाए तो वो साधकों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. कहते हैं कि भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के हर दुख दूर होते हैं और उसे सुखों की प्राप्ति होती है. ऐसे में शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने के दौरान आपको भगवान शिव के किस स्तोत्र का जाप करना चाहिए और इसके फायदे क्या होते हैं जानिए यहां.
करें श्री शिव बिल्वाष्टकम् स्तोत्र का पाठ
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधं
त्रिजन्म पापसंहारम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
त्रिशाखैः बिल्वपत्रैश्च अच्चिद्रैः कोमलैः शुभैः।
तवपूजां करिष्यामि ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
कॊटि कन्या महादानं तिलपर्वत कोटयः।
काञ्चनं क्षीलदानेन ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
काशीक्षेत्र निवासं च कालभैरव दर्शनं।
प्रयागे माधवं दृष्ट्वा ऎकबिल्वं शिवार्पणं।।
इन्दुवारे व्रतं स्थित्वा निराहारो महेश्वराः।
नक्तं हौष्यामि देवेश ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
रामलिङ्ग प्रतिष्ठा च वैवाहिक कृतं तधा।
तटाकानिच सन्धानम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
अखण्ड बिल्वपत्रं च आयुतं शिवपूजनं।
कृतं नाम सहस्रेण ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
उमया सहदेवेश नन्दि वाहनमेव च।
भस्मलेपन सर्वाङ्गम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
सालग्रामेषु विप्राणां तटाकं दशकूपयो:।
यज्नकोटि सहस्रस्च ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
दन्ति कोटि सहस्रेषु अश्वमेध शतक्रतौ।
कोटिकन्या महादानम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
बिल्वाणां दर्शनं पुण्यं स्पर्शनं पापनाशनं।
अघोर पापसंहारम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
सहस्रवेद पाटेषु ब्रह्मस्तापन मुच्यते।
अनेकव्रत कोटीनाम् ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
अन्नदान सहस्रेषु सहस्रोप नयनं तधा।
अनेक जन्मपापानि ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
बिल्वस्तोत्रमिदं पुण्यं यः पठेश्शिव सन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति ऐकबिल्वं शिवार्पणं।।
श्री शिव बिल्वाष्टकम् स्तोत्र के फायदे
श्री शिव बिल्वाष्टकम् इतना शक्तिशाली स्तोत्र है कि माना जाता है कि इसे पढ़ने भर से साधकों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. कहते हैं कि भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र अर्पित करने के दौरान अगर शिव बिल्वाष्टकम् स्तोत्र का पाठ किया जाए तो भगवान भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं और मनुष्य को सभी पापों से छुटकारा मिलता है. वो असीम सुखों की प्राप्ति करता है और भगवान भोलेनाथ की कृपा हमेशा पाता हैं.
शौर्यपथ /लौंग एक लोकप्रिय मसाला है जिसका भोजन बनाने में उपयोग किया जाता है. लौंग का उपयोग भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ साथ पूजा-पाठ, तर्पण और टोटकों में किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र में लौंग का बहुत महत्व है, जिससे कई तरह की समस्याओं से छुटकारापाया जा सकता है. आइए जानते हैं लौंग के कुछ ऐसे उपाय जिनसे धन की कमी से लेकर गृह कलह तक से मिल सकती है राहत.
धन की कमी दूर करने का उपाय
कई लोग मेहनत करने के बावजूद धन की कमी का सामना करते हैं. माना जाता है कि इस परेशानी को लौंग के उपाय से दूर करने में मदद मिल सकती है. धन की कमी दूर करने के लिए सोने से पहले चांदी की कटोरी में लौंग के साथ कपूर जलाना चाहिए. इस उपाय से आर्थिक तंगी दूर होने लगती है.
कलह दूर करने के उपाय
लौंग के उपाय से नकारात्मक एनर्जी दूर होती है. कलेश और लडाई झगड़े को घर से दूर रखने के लिए सुबह लौंग और कपूर जलाना चाहिए. माना जाता है कि इस उपाय से घर की एनर्जी सकारात्मक होने लगती है और घर के सदस्यों के बीच का मनमुटाव दूर हो जाता है.
परेशानियों से बचने का उपाय
जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए हर मंगलवार को हनुमान मंदिर में भगवान के सामने दीपक में पांच लौंग जलाने चाहिए. माना जाता है कि इस उपाय से परेशानियों से छुटकारा मिलता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
सेहत के लिए
घर के सदस्यों के बार-बार बीमार पड़ने पर भी लौंग का उपाय अपनाया जा सकता है. परिजनों को रोग मुक्त रखने के लिए सुबह शाम कटोरी में कपूर के साथ लौंग की कलियां जलानी चाहिए.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /आमतौर पर लोग पानी को प्लास्टिक की बॉटल में स्टोर करते हैं. जबकि प्लास्टिक की बॉटल में पानी रखना सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है. ऐसे में आप चाहें तो पानी रखने के लिए तांबे की बॉटल या फिर तांबे की किसी भी बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि तांबा यानी कॉपर के बर्तन में पानी रखकर इसका सेवन करने से सेहत को एक नहीं बल्कि कई सारे फायदे होते हैं. दरअसल कॉपर के बर्तन में जब पानी को आठ घंटे या उससे ज्यादा समय तक रखा जाता है. तब तांबे के कुछ अंश पानी में घुल जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. तो आइए जानते हैं तांबे के बर्तन में पानी रखकर पीने के फायदे क्या हैं.
तांबे के बर्तन में पानी रखकर पीने के फायदे |
1. कैंसर से लड़ने में मददगार
फ्री रेडिकल्स और उनके हानिकारक प्रभाव ही कैंसर के प्रमुख कारण रहे हैं. तांबा एक ऐसा प्रसिद्ध एंटीऑक्सीडेंट है, जो सभी फ्री रेडिकल्स के खिलाफ लड़ता है और उनके नकारात्मक प्रभावों को खत्म करने में मदद कर सकता है. इसके साथ ही तांबा मेलेनिन के उत्पादन में मदद करता है, जो सूर्य के हानिकारक यूवी किरणों से बचाव भी करता है.
2. हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकता है
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, तांबा कोलेस्ट्रॉल और ट्रिग्लिसराइड स्तर को कम करने के लिए जाना जाता है. अगर किसी की बॉडी में कॉपर की कमी बचपन से ही हो गई है, तो यह हाइपोटेंशन के विकास का कारण बनती है. अगर किसी वयस्क की बॉडी में तांबे की कमी है, तो उनको हाइपरटेंशन की दिक्कत हो सकती है. ऐसे में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है.
3. एनीमिया से बचाव कर सकता है
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से एनीमिया की दिक्कत से राहत मिल सकती है. बता दें कि शरीर में तांबे की कमी से हेमेटोलॉजिकल विकार हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कम सफेद रक्त कोशिकाएं भी होती हैं. तांबा खाद्य को हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है. यह शरीर में आयरन को अवशोषित करने में मददगार साबित होता है, जिसकी कमी से एनीमिया होता है.
4. गठिया और जोड़ों की सूजन से राहत
कॉपर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गठिया और रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित रोगियों को काफी राहत प्रदान करते हैं. इसके साथ ही तांबे में हड्डियों को मजबूत करने वाले गुण होते हैं. तांबे के बर्तन में रखा पानी गठिया के लिए बेहतर इलाज साबित हो सकता है.
5. पाचन में सहायक
आयुर्वेद का दावा है कि "ताम्र जल" पीने से पेट डिटॉक्सीफाई और साफ होता है. कॉपर में ऐसे गुण भी होते हैं जो क्रमाकुंचन (पेट की परत का लयबद्ध विस्तार और संकुचन) को उत्तेजित करते हैं, पेट की परत की सूजन को कम करते हैं और बेहतर पाचन में सहायता करते हैं. कॉपर के बर्तन में रखा पानी पीना पेट के अल्सर, अपच और पेट के संक्रमण को दूर करने के लिए एक बेहतर तरीका हो सकता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /उम्र बढ़ने के साथ ही तमाम तरह की दिक्कतें आने लगती हैं. इन्ही में से एक है हड्डियों का कमजोर होना. दरअसल बढ़ती उम्र के साथ बोन डेंसिटी कम होती जाती है, जिसके चलते स्केलेटन सिस्टम से जुड़ी दिक्कतें बढ़ने लगती हैं. अगर इन को नजरअंदाज किया जाए तो आगे चलकर आपको अर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है. इतना ही नहीं अगर बढ़ते बच्चों को भी कैल्शियम, विटामिन डी जैसे पोषक तत्व न मिलें तो आगे चलकर उनको भी हड्डियों से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आप चाहें तो कुछ चीजों को अपनी और उनकी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं. जिनके सेवन से हड्डियों को पर्याप्त पोषण तो मिलेगा ही साथ ही बोन डेंसिटी भी बूस्ट होगी. तो आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में.
हड्डियों को मजबूती देने वाली चीजें
1. पालक
पालक में अच्छी मात्रा में कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन और कई तरह के जरूरी मिनरल्स होते हैं. जो बोन डेंसिटी को बढ़ाने में मददगार होते हैं. पालक के सेवन से हड्डियों की मजबूती बढ़ती है. ऐसे में आप चाहें तो रोजाना एक कप पालक को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं.
2. पनीर
हड्डियों की मजबूती बढ़ाने के लिए 'चीज' एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. ये बॉडी में कैल्शियम की जरूरत को पूरा करता है, लेकिन चीज का सेवन आपको सीमित मात्रा में ही करना चाहिए क्योंकि फुल फैट चीज में कैलोरी और सैचुरेटेड फैट भी काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है.
3. अंजीर
अंजीर में कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे स्केलेटन सेविंग तत्व पाए जाते हैं. जो हड्डियों की मजबूती बढ़ाने में मदद करते हैं. ऐसे में आप अंजीर को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. अगर आपको अंजीर ताजे फल के रूप में नहीं मिलता है, तो आप सूखे अंजीर का सेवन कर सकते हैं.
4. प्लांट बेस्ड मिल्क
कोकोनट, आलमंड और सोयाबीन जैसे प्लांट बेस्ड मिल्क कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर होते हैं. ये दोनों पोषक तत्व बोन हेल्थ को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में इनको अपने आहार मे शामिल करके आप हड्डियों की मजबूती को बढ़ावा दे सकते हैं.
5. योगर्ट
योगर्ट भी हड्डियों को मजबूती देने में अच्छी भूमिका निभा सकता है. योगर्ट में काफी मात्रा में विटामिन डी और कैल्शियम मौजूद होता है. रोजाना एक कटोरी योगर्ट को अपनी डाइट में शामिल करके आप हड्डियों को मजबूती देने में कामयाब हो सकते हैं.