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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
फेसबुक लाइव से मिली थी महापौर को शिकायत
जनता की मांग पर अस्पताल को खोलने मेयर देवेंद्र यादव ने की थी पहल
महापौर ने बीएसपी प्रबंधन से बैठक कर अस्पताल को फिर से खोलने की मांग
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई नगर विधायक व महापौर देवेंद्र यादव जी ने जनता की मांग पर एक सार्थक पहल की थी। जिसके परिणाम स्वरूप खुर्सीपार कर बीएसपी अस्पताल को फिर से शुरू कर दिया है। अस्पताल के शुरू होने से क्षेत्र के नागरिकों को काफी लाभ मिल रहा है। अब खुर्सीपार, छावनी इलाके के मरीज इस अस्पताल में अपना ट्रीटमेंट करा रहे हैं। अस्पताल खुलने से मरीजों को जिला अस्पताल दुर्ग या शास्त्री अस्पताल व अन्य प्राइवेट अस्पताल में महंगा खर्चा नहीं करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि लॉक डाउन की वजह से खुर्सीपार के बीएसपी हॉस्पिटल को बंद कर दिया गया था। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से और मेन पवार की कमी के कारण अस्पताल बंद कर दिया गया था। यहां के डॉक्टर की ड्यूटी दूसरी जगह लगा दी गई थी। इस वजह से खुर्सीपार का हॉस्पिटल लॉक डाउन से बंद कर दिया गया। जिससे क्षेत्र के मरीजों को इलाज की पूरी सुविधा नहीं मिल पा रही है। अस्पताल बंद होने से क्षेत्र के लोगों को इलाज कराने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खुर्सीपार इलाके का यह इकलाैता अस्पताल है। ऐसे में इस अस्पताल के बंद होने से यहां के मरीजों को दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए जाना पड़ रहा था। महंगी दवाइयां व महंगा इलाज कराना पड़ रहा है। इससे क्षेत्र के गरीब व सामान्य परिवार के लोगों को काफी परेशानी हो रही थी।
महापौर व भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव फेसबुक लाइव के माध्यम से जनता से रूबरू होकर उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कर रहे थे। तब फेसबुक लाइफ पर खुर्सीपार क्षेत्र की जनता ने बीएसपी के हॉस्पिटल को शुरू करने की मांग की थी। जनता की मांग पर महापौर देवेंद्र यादव जी ने बीएसपी प्रबंधन से बैठक करके चर्चा की और हॉस्पिटल को शुरू करने के विषय पर प्रस्ताव रखा। जिस पर बीएसपी प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही हॉस्पिटल शुरू कर देंगे।
महापौर से चर्चा के अनुसार बीएसपी प्रबंधन ने अस्पताल को फिर से शुरू कर दिया है। इससे क्षेत्र की जनता में काफी हर्ष का माहौल है। अब इस अस्पताल के ओपीडी में रोज 50 से 60 मरीजों का चैकअप व इलाज किया जा रहा है। बुखार,सर्दी खासी, उल्टी दस्त आदि सामान्य बीमारी के साथ ही अन्य जरूरी दवाइयां व इलाज सुविधा मरीजों को मिल रही है।
धमधा के केंद्रों में पहुंचे, स्वास्थ्य जांच और रैंडम चेकिंग की मॉनिटरिंग भी की, व्यवस्था से जताया संतोष
पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय अमले की अच्छा कार्य करने पर प्रशंसा भी की
दुर्ग / शौर्यपथ / अन्य राज्यों से पहुंचने वाले जिले के श्रमिकों के ठहराए जाने एवं क्वारन्टीन करने की पूरी सुविधा जिला प्रशासन ने सुनिश्चित की है। सुविधाओं का जायजा लेने कलेक्टर अंकित आनंद एवं जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार आज धमधा ब्लाक के विभिन्न ग्रामों में पहुंचे। कलेक्टर एवं सीईओ ने धमधा ब्लाक के मेदेसरा, दानिकोकडी, करेली, पेंड्री, दनगांव आदि गांवों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने यहां बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण किया। स्थानीय अमले ने कलेक्टर को बताया कि बाहर से आने वाले लोगों की क्वारन्टीन की व्यवस्था और रहने खाने की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। 15 दिन का राशन उपलब्ध करा दिया गया है। सिलेंडर वगैरह का इंतजाम कर दिया गया है। बिस्तर लगा दिए गए हैं। पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। कलेक्टर ने सभी गांव में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा किए गए कार्यों और ग्रामीणों द्वारा मिल रहे सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कोविड आपदा के इस दौर में मिलजुल कर कार्य कर तथा पूरी सावधानी बरतकर इस संक्रमण से बच सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में इस बात का खास ध्यान रखना है कि क्वारन्टीन में रह रहे लोगों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही इनकी लगातार मॉनिटरिंग भी होती रहे। उन्होंने कहा कि यदि यह पाया जाता है कि क्वारन्टीन अवधि के दौरान कोई क्वारन्टीन सेंटर से बाहर गया या उसने कोविड संक्रमण से संबंधित गाइडलाइन का पालन नहीं किया तो क्वारन्टीन अवधि समाप्त होने के पश्चात उस पर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने यहां स्वास्थ्य जांच एवं रेंडम चेकिंग की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में गाइडलाइन के मुताबिक रेंडम चेकिंग की जाए ताकि संक्रमण का पता लगाया जा सके एवं पूरी तौर पर इसकी रोकथाम की जा सके। उन्होंने कहा कि मॉनिटरिंग कार्य में लगे सभी अधिकारी दायित्वों का पूर्णता से निर्वहन करें। इसके लिए 10 गांव पर एक क्लस्टर बनाया गया है।क्लस्टर प्रमुख अपनी रिपोर्ट दैनिक रूप से एसडीएम को उपलब्ध कराएं। कोविड संक्रमण को रोकना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए ग्राम वासियों के सहयोग से निश्चित ही सफलता मिलेगी। कलेक्टर ने इस मौके पर मनरेगा कार्य का निरीक्षण भी किया। साथ ही उन्होंने गर्मी को देखते हुए पेयजल आदि की वस्तुस्थिति की जानकारी भी ली।
5600 लोगों के धमधा में क्वारन्टीन की व्यवस्था- एसडीएम सुश्री दिव्या वैष्णव ने बताया कि धमधा ब्लॉक में 5600 लोगों के क्वारन्टीन की व्यवस्था कर ली गई है। अभी 400 लोग क्वारन्टीन केंद्रों में रह रहे हैं। ब्लॉक में प्रवेश के दोनों नाकों पर पुलिस एवं स्वास्थ्य टीम मौजूद है। यहाँ स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और जांच पर्ची देकर सीधे क्वारन्टीन केंद्रों में भेजा जा रहा है। आइसोलेशन वाले मामलों में भी स्वास्थ्य टीम निगरानी रख रही है।
दुर्ग / शौर्यपथ / ईटली और अमेरिका सहित अन्य देशों के अलावा इंदौर में कोरेना के कारण लोग जिस प्रकार नोटों को बाहर सड़क पर फेंक रहे थे, और लोग कोरोना उसे उठाने पर कोरोना हो जाने के डर के कारण उठा नही रहे थे, उसी प्रकार का दहशत दुर्ग में भी देखने को मिला।
हुआ यूं कि मोहन नगर थानाक्षेत्र के कादंबरी नगर के समीप बाईपास रोड पर आज सुबह नोट बिखरे पड़ें मिले, और लोगों की नजर पडऩे के बाद भी किसी ने उन नोटों को कोरोना के संक्रमण के डर से नही उठाया, लोगो को लगा कि कहीं कोरोना फैलाने की साजिश के तहत तो कही ये नोट नही फेंक दिया गया, इसलिए लोगो ने उसे छुआ तक नही। मोहल्ले के लोगों ने तत्काल इसकी सूचना पार्षद देवनारायण चंद्राकर को दी। पार्षद ने मोहन नगर थाने में फोन करके मामले से अवगत कराया। टीआई नरेश पटेल ने बताया कि पांच सौ के नौ, दो सौ के दो तथा दस रुपए के दो नोट सड़क पर पड़े मिले। जिसे सैनिटाइज कर जब्त किया गया है। जब्त किए गए नोट कुल चार हजार नौ सौ बीस रुपए है।
भिलाई / शौर्यपथ / रायगढ़ के पेपर मिल में हुए हादसा अभी एक सप्ताह भी नही हुआ कि भिलाई इस्पात संयंत्र में देर रात्रि हादसा हो गया लेकिन राहत भरी ये खबर है कि इसमें किसी की मौत नही हुई बल्कि एक व्यक्ति घायल हो गया। बिती रात 11 बजे रेल मिल शिपिंग एवं इंस्पेक्शन एरिया में कार्य करते समय तीस 30 फीट ऊंचाई से क्रेन टूटकर केबिन पर गिर गया जिसमें क्रंन चालक उसी में दबकर फंस गया और घायल हो गया जिसे मौके पर तुरंत फायर बिग्रेड के जवानों ने वहां पहुंचकर केबिन काटकर ड्रायवर को निकाला एवं तत्काल ड्रायवल को अस्पतताल ले जाया गया। घायल ड्रायरव की हालत अभी पहले से ठीक बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार बीती रात्रि करीब 11 बजे रेल मिल शिपिंग एवं इंस्पेक्शन एरिया में काम चल रहा था। इसी दौरान 16 नंबर क्रेन करीब 30 फीट ऊंचाई से टूटकर नीचे गिर पड़ी। इसके चलते क्रेन चला रहे ऑपरेटर मंसाराम ठाकुर केबिन के अंदर ही फंस गए। इस पर आसपास कर्मचारियों ने उन्हें निकालने का प्रयास किया और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। दमकल की टीम ने केबिन काटकर मंसाराम को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। प्लांट की ओर से बताया गया है कि क्रेन ऑपरेटर मंसाराम ठाकुर को हल्की चोट लगी है। घटना के बाद कर्मचारी को तत्काल मौके पर ही प्राथमिक इलाज दिया गया। इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। खतरे की कोई बात नहीं है। हालांकि हादसा कैसे और क्यों हुआ, इसकी जांच प्रबंधन द्वारा कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगेगा।
दुर्ग / शौर्यपथ / निगमायुक्त के निर्देश पर शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने लगातार कवायद जारी है । आज रविवार को मेडिकल वेस्ट के प्रति लापरवाही बतरने करने वाले ओम साई मेडिकल स्टोर्स के संचालक प्रकाश ठाकुर को निगम टीम ने रंगे हाथ पकड़ा गया और उसे ₹11500 का जुर्माना लगाया गया । संचालक द्वारा शिवनाथ नदी रोड गंजपारा में मेडिकल वेस्ट का कचरा दुकान के बाहर सड़क पर भी फेंक दिया गया था निगम टीम द्वारा देखे जाने पर नगर निगम स्वस्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता एव उनकी टीम ने जुर्माना लगा कर उन्हें सख्त हिदायत दी गई है ।
कचरे के लिए डस्टबिन रखने तथा एकत्र कचरा को नगर निगम की रिक्शा कचरा गाड़ी को दिये जाने कहा गया । कार्रवाही के दौरान सफाई दरोगा,राजू सिंह,सुरेश भारती, कपिल गोइर,शकील खोखर,बंटी के अलावा स्वस्थ्य विभाग टीम मौजूद थे । निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन द्वारा शहर में संचालित हो रहे समस्त मेडिकल दुकाने क्लीनिक आदि से अपील कर कहा है की वह कोई भी मेडिकल वेस्ट शहर के किसी भी स्थान पर खुले में ना फेंके अन्यथा अधिक से अधिक राशि जुर्माना करने के साथ मेडिकल वेस्ट फेंकने वालों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध की जाएगी ।
उन्होंने कहा अपने मेडिकल व क्लीनिक का मेडिकल वेस्ट का निष्पादन करें और निगम की कचरा गाड़ी में उस वेस्ट को दें उन्होंने बताया शहर में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं इसके तहत समस्त वार्डों में सैनिटाइज करने के साथ ब्लीचिंग और दवाई का छिड़काव कचरा उठाने का कार्य प्राथमिकता से कराया जा रहा है अतः इस कार्य में नगर निगम को सहयोग प्रदान करें।
रायपुर / शौर्यपथ / घरेलु हिंसा को रोकने के लिए राजधानी पुलिस की चुप्पी तोड़ो मुहिम कारगर साबित हो रहा है। पुलिस ने यह अभियान महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने और उनकी शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए 29 अप्रैल को शुरू किया था। लॉकडाउन पीरियड में 50 दिन की सोशल डिसटेंसिंग से लोग घरों में रहने की वजह से तनावग्रस्त हो रहे हैं। इसका नतीजा घरेलू हिंसा के रुप में सामने आ रहाहै। घरेलू हिंसा के मामले लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अचानक बढ़ गए हैं।
लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा को रोकने के लिए कॉल करने पर पीडि़तों के पास पुलिस की टीम पहुंच रही है। 1जनवरी 2020 से मार्च तक पुलिस के पास घरेलू हिंसा से जुड़े कुल 135 मामले आए थे। लेकिन केवल लॉकडाउन की अवधि 29 अप्रेल से 8 मई तक 10 दिन में 50 से ज्यादा नए प्रकरण पुलिस तक पहुंचे हैं।
अमृता सोरी, ए एस पी (इन्वेस्टीगेशनयूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वीमेन –आईयूसीएडब्ल्यू) के नेतृत्व में चल रहे चुप्पी तोड़ अभियान से जुड़ी पुलिस टीम वर्ष2018 से 1500 पेंडिंग शिकायतों में कॉल कर प्रतिदिन 100 महिलाओं से संपर्क कर रही है। पुराने शिकायतों से जुड़ी पीडि़त 550 महिलाओं से संपर्क कर शिकायत दर्ज किए गए हैं और उनकी समस्याओं पर निराकरण के लिए चर्चा कर काउंसिलिंग भी करायी जा रही है।
इसके बाद भी मामला नहीं सुलझने पर पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर और 2 लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है। लॉकडाउन की अवधि में पीड़ित महिलाओं का थाना आकर शिकायत कर पाना संभव नहीं था इसलिए इस अभियान के तहत रायपुर पुलिस द्वारा पीड़ित महिलाओं को दूरभाष के माध्यम से संपर्क कर सहायता प्रदान की जा रही है।
रायपुर पुलिस द्वारा शुरुआत किये गए चुप्पी तोड़ अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही हैं। इस मुहिम के क्रियान्वयन हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक,आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू. रायपुर के पर्यवेक्षण में दो टीम गठित की गयी है जिसमें महिला थाना एवं महिला सेल प्रभारी द्वारा प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा एवं इस अभियान के तहत पीड़ित महिलाओं से संपर्क करने के लिए ग्यारह बिंदुओं का प्रोफार्मा तैयार किया गया था। वहीं शिकायत बताने के लिए जारी नंबर पर टेलीफोन, और वाट्सअप मैसेज के माध्यम से घर बैठे दर्ज करा सकते हैं। यह नम्बर हैं: 0771-4247110, 9479190127 और व्हाट्सअप्प नम्बर है: 9479191250.
घरेलू हिंसा बढऩे को लेकर स्पर्श क्लीनिंक के मनोरोग चिकित्सक डॉ. अविनाश शुक्ला का कहना है इनमें नशे की पूर्ति नहीं होने से चिड़चिड़ापन और आर्थिक तंगी को प्रमुख माना जा रहा है। साथ ही लॉकडाउन के कारण लोग इन दिनों सामान्या से ज्याजदा तनाव में हैं। चाहे व्यापारी हो, श्रमिक हो लॉकडाउन से काम बंद होने से आर्थिक बोझ व कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य की चिंता के बीच सोशल डिसटेंसिंग में पुरुष वर्ग द्वारा घरों से बाहर नहीं निकलने से तनाव महसूस कर रहे हैं। घरों में 24 घंटे रहने से वक्त तो ज्यादा मिल रहा है परिवार के लिए लेकिन पति-पत्नी के बीच रिलेशनशीप में सौहाद्र नहीं है। छुटियों के बीच दूसरे शहर घूमने जाने का प्लान और बच्चों का स्कूल नहीं होने से दिनभर घर में माहौल उबाऊ होने लगा है। इस वजह से भी पति-पत्नी के बीच विवाद और झगड़े की स्थिति बन रही है।
मनोरोग चिकित्सक डॉ. शुक्ला ने बताया , कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉक डाउन की स्थिति ने सभी की दिनचर्चा को बदलकर रख दिया है। ऐसे में घरों में बढ़ते आपसी तनाव यानी घरेलू हिंसा को खत्म करने के लिए पति –पत्नी के बीच बातचीत के तौर तरीकों में कुछ नयापन का एहसास होना चाहिए। एक दूसरे के भावनाओं का आदर करना चाहिए। किसी बात पर ठेस लगने जैसे कठोर भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए। जो पत्नी को पसंद नहीं ऐसा कार्य बार-बार नहीं करना चाहिए। पत्नी् को बच्चों के सामने नहीं डांटना चाहिए बल्कि उनकी प्रशंसा करना चाहिए। जरुरत पड़े तो आपसी मतभेद को खत्म करने के लिए मैरीज काउंसलर से भी परामर्श लेना चाहिए।
भिलाई नगर / शौर्यपथ / अपने कार्यरत स्थल इत्यादि से घरों की ओर रवाना होने वाले मजदूर/श्रमिक जो पदयात्रा एवं साइकिल यात्रा करके जा रहे हैं उनके लिए नगर पालिक निगम भिलाई द्वारा श्रमिक सहायता केंद्र बनाया गया है जहां पर ऐसे मजदूर और श्रमिक पानी और सूखा नाश्ता करके थोड़ी देर आराम करके अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सकते हैं! उपायुक्त तरुण पाल लहरें ने बताया कि नेहरू नगर गुरुद्वारा के पास श्रमिक सहायता केंद्र की स्थापना की गई है ताकि गंतव्य की ओर रवाना होने वाले श्रमिकों/मजदूरों को राहत प्रदान किया जा सके! दोपहर 2:00 बजे 8 श्रमिक मध्य प्रदेश छिंदवाड़ा की ओर तथा चार श्रमिक महाराष्ट्र की ओर साइकिल से जा रहे थे जिन्हें श्रमिक सहायता केंद्र में बुलाकर उनके हाथों को सैनिटाइज कर सूखा नाश्ता चना, मुर्रा, मिक्सचर और पानी दिया गया और जिनके पास मास्क उपलब्ध नहीं था उन्हें मास्क भी उपलब्ध कराया गया! इनके बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है तथा छाया प्रदान करने टेंट लगाया गया है!
ऐसे लोगों की मदद करने दानदाता भी आ रहे हैं आगे जोन क्रमांक एक नेहरू नगर क्षेत्र के सहायक अभियंता सुनील दुबे ने बताया कि अपने गंतव्य की ओर रवाना होने वाले मजदूरों/श्रमिकों के लिए अर्जुन सचदेवा ने 10 कैरेट पानी बॉटल, और बहुत से पैकेट मिक्सचर के प्रदाय किए हैं!
भिलाई निगम क्षेत्र की जागरूक जनता सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहती है ऐसे समाज सेवी, संगठन या व्यक्ति भी इनकी सुखा नाश्ता, फल इत्यादि देकर मदद कर सकते हैं! सहायता केंद्र को बिल्कुल हाईवे के समीप बनाया गया है ताकि मजदूर एवं श्रमिकों को दूर से ही यह केंद्र दिखाई दे! 2 कर्मचारियों की ड्यूटी भी सहायता केंद्र में लगाई गई है!
मजदूरों ने कहा शुक्रिया भिलाई श्रमिक सहायता केंद्र में नाश्ता करने के बाद कुछ देर वही ठहरे मजदूरों ने कहा कि भिलाई निगम द्वारा सूखा नाश्ता, पानी, मास्क तथा टेंट की व्यवस्था की गई है जिसके लिए हम शुक्रिया अदा करते हैं!
नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव तथा आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी की अभिनव पहल से सहायता केंद्र की स्थापना नेहरू नगर क्षेत्र में गुरुद्वारा के पास की गई है! जिससे अपने गंतव्य की ओर जाने वाले मजदूर एवं श्रमिकों को इस केंद्र में राहत मिल रही है!
भिलाई / शौर्यपथ / अमृत मिशन फेस टू के तहत नवनिर्मित हाउसिंग बोर्ड पानी टंकी और पाइप लाइन की टेस्टिंग का काम पूरा कर लिया गया है। साथ ही पानी की सप्लाई भी शुरू कर दी गई है। इस टंकी के निर्माण से हाउिसंगबोर्ड क्षेत्र के करीब 25 हजार परिवार लाभान्वित होंगे। क्षेत्र के हर परिवार को पानी मिल सके। इसके लिए तेजी से नल कनेक्शन भी दिया जा रहा है। अबतक 2600 नए उपभोक्ताओं को नल कनेक्शन दिया गया जा चुका है।
महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए थे। जिसके तारतम्य में अधिकारियों द्वारा शुद्ध पेयजल प्रदाय करने कार्य किया जा रहा है। वर्तमान समय में अधिकारी पहले नवनिर्मित हाउसिंग बोर्ड पानी टंकी की टेस्टिंग की। इसके बाद टंकी में पानी भरने के साथ ही अमृत मिशन योजना के तहत हाउसिंग बोर्ड एरिया में जो नई पाइप लाइन बिछाई गई हैं। उस पाइप लाइन की साफ-सफाई कार्य पूरा किया गया। नए पाइप और नई टंकी दोनों की पूरी तरह से एक टेस्टिंग करने के बाद क्षेत्र में पानी की सप्लाई शुरू कर दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि पानी सल्पाई शुरू होने से क्षेत्र की जनता में काफी हर्ष का माहौल है। लोगों के हर घर तक पानी पहुंचाई जा रही है। लाेगों के घरों में जब नल से पानी आना शुरू हुआ तो लोग बहुत खुश हुए। गौरतलब है कि महापौर व भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव के पहल से अमृत मिशन फेस 2 याेजना के तहत हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में अब लोगों को पानी की समस्या नहीं होगी। नव निर्मित हाउसिंगबोर्ड पानी टंकी की क्षमता 32 लाख लीटर की है। इसके अलावा हर घर तक पानी की सप्लाई की जा सके, इसके लिए नई वितरण पाइपलाइन लगभग 35 किलोमीटर तक बिछाई गई है। इस नई पाइप लाइन से नल कनेक्शन देने का काम भी जोरो से चल रहा है।
क्षेत्र में करीब 3500 घर है। इसमें से 2600 घरों में नए पाइप से कनेक्शन दिया जा चुका है और मात्र करीब 1000 घर बचे है। जिनके घरों में नल कनेक्शन का काम चल रहा है। इसमें से आधे से ज्यादा घर ऐसे है, जिनके नलों की शिप्टिंग की जानी है। यह काम भी जल्द पूरा कर लिया है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर मौर्य ने क्वारेनटाईन सेंटरों में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए शिक्षा विभाग के शिक्षकों, सहायक शिक्षकों, शिक्षाकर्मियों सहित अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के लिए अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व को अधिकृत किया है। कलेक्टर मौर्य ने आज इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि जिला एवं पुलिस प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
कलेक्टर मौर्य ने बताया कि अन्य प्रदेशों से नागरिक बड़ी संख्या में वापस आ रहे हैं। जिन्हें छात्रावास, स्कूल, सामुदायिक भवन, होटल आदि स्थानों पर बनाए गए क्वारेनटाईन सेंटरों में रखा जाएगा। क्वारेनटाईन सेंटरों में रखे गए व्यक्तियों की व्यवस्थाओं और देख रेख के लिए शिक्षा विभाग के शिक्षकों, सहायक शिक्षकों, शिक्षाकर्मियों सहित अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। कर्मचारियों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर मौर्य एवं पुलिस अधीक्षक शुक्ला ने आज रेलवे स्टेशन में श्रमिक स्पेशल ट्रेन के तहत राजनांदगांव आने वाले श्रमिकों की व्यवस्था के लिए निरीक्षण किया। कलेक्टर मौर्य ने अधिकारियों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए रेलवे स्टेशन में सिढ़ीयों को निरंतर सेनेटाईज करने के निर्देश दिए। लाकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के श्रमिक, छात्रों, संकट में पड़े लोगों एवं चिकित्सा की जरूरत वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेन कन्फर्म किया गया है।
कलेक्टर कहा कि यह क्षेत्र अति संक्रमित होने की वजह से प्रतिबंधित क्षेत्र रहेगा। उन्होंने प्लेटफार्म एवं प्रतीक्षालय का निरीक्षण किया। उन्होंने रेलवे स्टेशन में बस की व्यवस्था, होर्डिंग लगाने एवं पुलिस एवं शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्टेशन में हेल्प डेस्क बनाया जाएगा, जहां आने वाले श्रमिकों को मदद रहेंगी। सूचना केन्द्र से सभी श्रमिकों को माइक से जानकारी दी जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि प्रतीक्षालय के समीप बस रहेंगी व जो श्रमिकों को रेलवे स्टेशन से रैन बसेरा तक पहुंचायेगी। रैन बसेरा में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने रैन बसेरा का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री मौर्य ने कहा कि रैन बसेरा में शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी।
सभी अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी रखेगें। रैन बसेरा में श्रमिकों के लिए भोजन एवं आवास की व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर एडीएम श्री ओंकार यदु, एडीएम श्री हरिकृष्ण शर्मा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तनुजा सलाम, नगर निगम आयुक्त चन्द्रकांत कौशिक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, एसडीएम राजनांदगांव मुकेश रावटे, एसडीएम डोंगरगांव विरेन्द्र सिंह सहित अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
धमतरी शौर्यपथ
आश्रय स्थलों में ठहरे हुए प्रवासी श्रमिकों को अवसाद, चिंता, बेचैनी और घबराहट दूर करने के लिये नियमित रूप से परामर्श प्रदान किया जा रहा है ।इसी के तहत लाभांडी स्थित आश्रय स्थल में रुके लगभग 100 प्रवासी श्रमिकों को चिंता से उबारने के लिये विशेषज्ञों द्वारा परामर्श प्रदान किया गया ।
ज़िले के विभिन्न आश्रय स्थलों में रुके छत्तीसगढ के अलावा अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को ज़िला मानसिक स्वास्थ्य द्वारा गठित दल के माध्यम से परामर्श दिया गया है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायपुर डॉ मीरा बघेल ने बताया परामर्श के लिए तीन सदसीय दल का गठन किया गया है जोनियमित रुप से प्रवासी श्रमिकों के लियें बने आश्रय स्थलों पर जा कर सेवाएंप्रदानकर रहे है। ज्यादातर श्रमिक घर पहुंचने की चिंता को लेकर अवसाद से ग्रसित है।लॉक डाउन में घर से और परिवार से दूर पर होने वाली बेचैनी और घबराहट महसूस कर रहे है जिसको दूर करने के लिए विषय विशेषज्ञों द्वारा उन्हें सलाह दी जा रही है ।
मनोचिकित्सक डॉ.अविनाश शुक्ला ने बताया साफ-सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और आपसी व्यवहारिक वातावरण बनाने की सलाह दी जाती है| मुख्य रूप से लोगों में परिवार से मिलने के प्रति चिंता ज्यादा है, जिसकी समझाइश देकर और फोन के माध्यम से बात करवाकर उनके तनाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
मनोवैज्ञानिक सुश्री ममता गिरी गोस्वामी ने बताया लॉक डाउन के चलते में आश्रय स्थल में रहने वाले काफी प्रवासी श्रामिकों कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है। यह लोग किसी भी तरह अपने-अपने घरों को जाना चाह रहे हैं। उन्हें अपने परिवार की चिंता सता रही है। परामर्श के दौरान देखने में आया है कि अधिकतर यही सोच रहे हैं कि उनकी पीछे परिवार का पालन पोषण कैसे हो रहा होगा । उन्हें खाना मिल रहा है या भूखे हैं। परामर्श में उन्हें समझाया गया कि सरकार उनका ध्यान रख रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
कोविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रवासी श्रमिकों का मानसिक तनाव दूर करने के संबंध में 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के द्वारा सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश दिया है।
प्रवासियों को तनाव दूर करने के दिए गए सुझाव
कोविड -19 के संबंध में केवल विश्वसनीय माध्यमों से ही जानकारी प्राप्त करें। ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए वेबसाइट व हेल्पलाइन से जानकारी लेना लाभकारी है ।
व्हाट्सएप, फेसबुक या अपने पड़ोसी द्वारा बताई गई जानकारी पर जल्द विश्वास न करें और न ही जल्दी चितित हो।
स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार लें। पर्याप्त पानी व नींद लेने के साथ प्रतिदिन व्यायाम करें।
घर पर खेलना, कुछ नया कौशल सीखने या सिखाने का अभ्यास करें। प्रतिदिन कुछ देर ध्यान करने के साथ दस मिनट तक सांस लेने व छोड़ने की क्रिया का अभ्यास करें।
प्रियजनों से फोन से बात करें। साथ ही साबुन या हैंडवाश से हाथ धोते हुए शारीरिक दूरी हर हाल में बनाए रखें। सरकार व प्रशासन द्वारा आप की सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए जाए उसका पालन करें।
जीवन को जीतना है
डॉ. शैल चन्द्रा की कविता
क्या हुआ जो घरों में बंद हैं।
होगा आगे आनंद ही आनंद है।
अभी इक्कीस दिन सब्र के साथ रहो घर के अंदर।
नहीं तो महाप्रलय का आएगा समंदर।
बाहर घूमने वालों कुछ दिन खा लो दाल -रोटी।
भीड़ लगाने वालों संभलो,
वरना कोरोना नोच लेगी तुम्हारी बोटी -बोटी।
यह वक्त जिंदगी और मौत का छोड़ रही है सवाल।
भीड़ बढ़ाकर मत करो तुम बवाल।
घर में रहकर लगा दो हर द्वार में ताले।
बच जाओगे तुम हो किस्मत वाले।
हर हालत में बाहर न रखना कदम ।
वरना निकल जायेगा तुम्हारा दम।
घर में रहकर कोरोना को हराना है।
मौत को मात देकर जीवन को जीतना है।
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मौत मंडरा रहा है सर पर।
रहो लोगों तुम घर पर।
घर पर रहने से ही बचोगे।
इसी तरह मौत से जंग जीतोगे।
घर पर रहना ही देशभक्ति है।
कोरोना से लड़ने की यही शक्ति है।