November 21, 2024
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

   दुर्ग / शौर्यपथ / नगर निगम दुर्ग नेताप्रतिपक्ष द्वारा श्रमिक बाहुल्य वार्डो में अब तक राशन का पैकेट नहीं पहुॅचाये जाने का आरोप तथ्यों एवं वास्तविकता के विपरित है। जबकि निगम प्रशासन द्वारा जरुरतमंद गरीब परिवारों को राहत प्रदान करने प्रदेश में सर्वप्रथम दुर्ग महापौर परिषद ने प्रस्ताव पारित कर शासन से स्वीकृति ली, एवं पार्षद निधी अंतर्गत 59 वार्डो के पार्षदों द्वारा 42900 राशन पैकेट की अनुशंसा व मांग के विरुद्ध आज दिनांक तक 35735 परिवारों को राशन का पैकेट वितरण किया जा चुका है।
     उल्लेखनीय है कि शहर के गरीब और जरुरतमंद परिवारों को शासन की स्वीकृति अनुसार माननीय विधायक अरुण वोरा के मार्गदर्शन में महापौर एवं पार्षद निधि से समस्त वार्डो व बस्तियों में राशन पैकेट का वितरण कार्य प्राथमिकता से किया गया, जो पूर्णता पर है। महापौर निधि के अंतर्गत पार्षदों की मांग पर श्रमिक बाहुल्य बस्ती में पूर्ति हेतु 2271 राशन पैकेट का वितरण किया गया। तथा शेष बस्तियों में राशन का पैकेट वितरण निरंतर किया जा रहा है। करहीडीह वार्ड में राशन पैकेट पहुॅचाया जा चुका है एवं औद्योगिक नगर वार्ड 18, बोरसी वार्ड 50, और पोटियाकला वार्ड 54 में आज वितरण कार्य पूरा किया गया। शेष बचे बस्तियों में आगामी 2 से 3 दिनों में वितरण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा। उपरोक्त वार्डो के पार्षदों द्वारा उनके वार्डो में राशन वितरण करने की अनुशंसा 28 अप्रैल से 1 मई के बीच दिया गया है जिसके कारण उनके वार्डो में देरी से राशन पैकेट पहुॅच पाया है। इस प्रकार नेताप्रतिपक्ष का कथन तथ्यों एवं वास्तिविकता के विपरित है।
         विदित हो कि शहर के श्रमिक बाहुल्य बस्तियों नयापारा, पंचशील नगर, राजीव नगर, गयानगर, उरला बघेरा, गिरधारी नगर, शंकर नगर, सिकोला भाठा, सिकोला बस्ति, तितुरडीह उड़िया बस्ति, शक्ति नगर, शांति नगर, आईएचएसडीपी आवास कालोनी, पोलसायपारा, पचरीपारा, स्टेशनपारा, पाटणकर कालोनी, बांस पारा, केलाबाड़ी फोकट पारा, रायपुर नाका उड़िया बस्ति, कंडरापारा, सरस्वती नगर, बांधापार, बोरसी, पुलगांव इत्यादि श्रमिक बाहुल्य बस्तियों में राशन पैकेट का वितरण किया जा चुका है। शेष बचे 2/3 बस्ती मेें राशन वितरण का कार्य प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त निगम प्रशासन द्वारा निगम के अधिकारीयों कर्मचारियों एवं समाज सेवी संस्थाओं व्यक्तियों के सहयोग से प्राप्त सामग्री एवं धनराशि से बिना राशनकार्ड वाले परिवार और लाॅकडाउन के कारण यहाॅ फंसे अन्य प्रदेशों के परिवार कुल 3721 परिवारों को राशन पैकेट वितरण किया गया है। इस तरह से राशन पैकेट वितरण के कारण शहर में राशन के अभाव में कोई विपरित स्थिति निर्मित नहीं हुई है।

दुर्ग । शौर्यपथ । कहते है घर का मुखिया चाहे तो घर मे कलह की कोई जगह नही होती और किसी को भी ग्लानि महसूस नही करना पड़ता । बात बहुत ही छोटी है किंतु देखी जाए तो बड़ी गहरी भी । 

  बात बीते दिन की है दुर्ग शहर में लॉक डाउन के नियमो का पालन कड़ाई से हो रहा है कि नही इसका निरीक्षण करने दुर्ग जिला के कलेक्टर अंकित आनंद स्वयम बाजार क्षेत्र में निकले वह उनकी नजर शनिचरी बाज़ार में एक महिला के ऊपर पड़ी जो सब्जी भेज रही थी । महिला बुजुर्ग थी तो कलेक्टर आनंद स्वयं उत्तर कर महिला को समझाईश दी कि लॉक डाउन के नियमो के तहत दुकान / पसरा बन्द करने का समय हो गया साथ ही महिला की समस्त सब्जी (भाजी) को तय कीमत देकर खरीद लिए । 

   अंकित आनन्द दुर्ग के प्रशासनिक मुखिया है सिर्फ दो शब्द के आदेश से ही बुज़ुर्ग महिला को दुकान बंद करनी पड़ती । सब्जी चाहे खराब हो जाये दूसरे दिन या महिला का आर्थिक नुकसान हो जाये आदेश का पालन करवाने वाले कर्मचारी को कोई मतलब नही रहता । किन्तु ज़िले के मुखिया ने ना ही बुजुर्ग महिला को अहसान तले दबाया और ना ही आदेश का कड़ाई से पालन करवाने के लिए सख्त कदम उठाए । बस एक मुखिया होने का फर्ज अदा करते हुए बुजुर्ग महिला से समस्त  सब्जी खरीदी और आइंदा समय से व्यापार बन्द करने की बात कहते हुए मास्क देकर सोशल डिस्टेंस की जानकारी देते हुए आगे बढ़ गए । 

 किसी भी  कलेक्टर के सम्पूर्ण कार्यकाल में ऐसे कई वाकये आते है जिन्हें वह याद भी नही रख पाते होंगे किन्तु उनके इस तरह के व्यवहार को बुजुर्ग महिला ताउम्र याद रखेंगी । 

   शौर्यपथ / देशभक्ति, यह शब्द आज कल बहुत प्रचलन मे है। जिसे देखो वही देशभक्ति का गाना गा रहा है। अभी कुछ दिन पहले पूरे देश मे थाली बजा कर,दीया जलाकर देशभक्ति दिखाने की होड़ मची हुई थी। इससे खुशी भी हुई कि समस्त देशवासी देशभक्त है। लेकिन अब बारीकी से नजर डालता हूं तो देखता हूं कि एक तबका चूसी हुई हड्डियों में से भी रस निकालने में लगा हुआ है।

   कोरोना महामारी के मध्य बहुत से लोग व संगठन, गरीबो व जरूरतमंदों की अपने सामर्थ्य के अनुसार मदद कर रहे है। भूखों को खाना खिला रहे है। अनाज बांट रहे है। मास्क, दवाईयां इत्यादि बांट रहे है। एक प्रकार से देशभक्ति परिभाषित कर रहे हैं ।

    अब एक नजर डालते हैं उन काली भेड़ो व सफेदपोश लोगो पर जिन्होने आगे बढ बढ़कर खूब थाली पीटी व दीये जलाये। लेकिन अपनी मक्कारी से बाज नही आ रहे है। ये बात है उन मुनाफाखोरो, मिलावटखोरों  व भ्रष्टाचारियों की जो इस संकट की घड़ी में भी लोगो को लूटने का कोई अचसर हाथ से जाने नहीं दे रहे हैं।   मुनाफाखोर ज़रूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाकर जरूरत का समान स्टाक कर कृत्रिम कमी का माहोल बनाकर बाजार में उसे कई गुना दामों पर बेच रहे है।

   यही हाल मिलावटखोरो का हैं, जो हमेशा मिलावट करते ही है, लेकिन ऐसी संकट की घड़ी मे भी मिलावट करने से बाज नहीं आ रहे है। सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी घूस का लोभ छोड नही पा रहे है, उन्हे हर काम मे कमीशन चाहिए। भले ही अनाज, मसालों, फल -सब्जियों,मतलब सभी आवश्यक अधिकांश वस्तुओं मे मिलावट कर रहे है। इन धन-पशुओ को हम कैसे देशभक्त कह सकते है ? जो संकट के समय भी अपने देशवासियो को लूटने से बाज नही आ रहे है।  कोरोना वायरस का खतरा हर इंसान के सर पर मंडरा रहा है। इसके बावजूद इन लोगो की पैसे की भूख समाप्त नही हो रही है। इन्हे मृत्यु का भय भी लूट-खसोट से नहीं रोक पा रहा है। 

   कोरोना ने जैसे इनको इच्छामृत्यु का वरदान दे रखा है। अब समय आ गया है इन देश द्रोहियों को बेनकाब करने का। जो देशभक्ति का चोला पहन कर अपने देशवासियो को लूटने मे कोई कसर नही छोड रहे है। आम नागरिकों की मजबूरी का फायदा उठा रहे है।  काली कमाई के यह सौदागर यह देश के घोषित दुश्मनो से भी ज्यादा घातक हैं। देश को घुन की तरह धीरे धीरे खोखला कर रहे है। रंगे सियारों को आखिर कैसे देशभक्त कहा जा सकता है। ( संजय सिंह ठाकुर  की कलम से ..)

  दुर्ग / शौर्यपथ / राज्य शासन द्वारा लाकडाउन के कारण अन्य राज्य में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लाने की तैयारी श्रम विभाग ने प्रारंभ कर दी है। शासन के गाइड लाइन के अनुसार श्रम विभाग में 2593 श्रमिक अन्य राज्यों में जाने के लिए पंजीकृत हुए है। जिसमें झारखंड से 896, उडि़सा से 529, बिहार से 555, पश्चिम बंगाल से 562 श्रमिकों की संख्या दर्ज की गई है। जो कि दुर्ग जिले में निवासरत् है एवं अन्य राज्यों के नागरिक है। ये अपने घर वापसी के लिए तैयार है। साथ ही अब तक 1374 श्रमिकों ने दूसरे राज्यों से श्रम विभाग को दुर्ग वापस आने के लिए संपर्क किया है। जिसमें पुणे से 412, हैदराबाद से 164, नागपुर से 135, सूरत से 103 सहित अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिक शामिल है।
वर्तमान में दुर्ग जिले में जिसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उडि़सा, राजस्थान एवं पंजाब राज्य के लोगों को राहत शिविर केन्द्र अग्रसेन भवन, सांस्कृतिक भवन कुम्हारी, आकाशगंगा आश्रय स्थल, रैन बसेरा बस स्टैण्ड, कुशाभाऊ ठाकरे भवन, सांस्कृतिक भवन वैशालीनगर, कुगदा, रैन बसेरा जिला अस्पताल, चंद्रखुरी, मंगल भवन खुर्सीपार में कुल 165 श्रमिक को ठहराया गया है।
श्रम विभाग के अधिकारी आरके प्रधान ने विधायक अरुण वोरा को जानकारी देते हुआ कहा कि देश के किसी भी स्थान व राज्य से संपर्क करने वाले श्रमिकों की आने-जाने की व्यवस्था का संचालन सुगमंता से किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। विधायक वोरा ने कहा है कि जिला प्रशासन और श्रम विभाग के अधिकारी संयुक्त रुप से सर्वेक्षण कर ले ताकि श्रमिको के आने, उनके स्वास्थ्य परीक्षण और उन्हे गंतव्य तक भेजने तथा क्वारेंटाइन में रखने की उचित व्यवस्था करें।

विनोद रायसागर की रिपोर्ट
मुंगेली / शौर्यपथ / आज सुबह मुंगेली के राम गोपाल तिवारी वार्ड में रहने वाला सोनू यादव ने अपने ही मां का टंगिये से गला काट कर हत्या कर दी ।बताया जा रहा है कि पिता धनी राम यादव जो पंप आपरेटर है का बेटा सोनू यादव आदतन नशेड़ी था शराब के अलावा अन्य नशे का भी आदि था,कुछ काम भी नहीं करता था ।
         आज सुबह ही अपने आदत के अनुसार अपनी मां सुनीता यादव से पैसा मांगा ,पैसा नहीं मिलने पर गुस्से में आग बबूला हो गया तथा घर में ही रखे टंगिये से अपनी मां के ऊपर ताबड़तोड़ हमला कर दिया गुस्सा इतना ज्यादा था कि आव देखा न ताव अपनी मां का धड़ से सिर काटकर अलग कर दिया ,बीचबचाव में आयी उसकी बहन मधु यादव पर भी टंगिये से हमला कर दिया जिससे उसकी बहन वहीं पर ढेर हो गई बहन को जिला हास्पिटल भेज दिया गया है उसकी भी हालत एकदम नाज़ुक स्थिति में है ।
          बताया गया कि सोनू यादव ये सब करने के बाद घर से निकल कर गली में हथियार को लेकर टहल रहा था ।लोगों को जब घटना के बारे में पता चला पुलिस को फोन करके बुलाया गया ,पुलिस आने के कऱीब पंद्रह बीस मिनट के बाद समझाने पर ही हथियार को छोड़ा ,उसके बाद ही सोनू यादव को गिरफ्तार कर थाना ले जाया गया ।

  राजनांदगांव / शौर्यपथ / जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना महामारी के चलते रोजगार के लिए रास्ते ढूंढ रहा है, वही भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना सार्थक साबित हो रही है, इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में पूर्व से ही अपना बहुमूल्य योगदान दिया और आज जब बात ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रामीण रोजगार की हो रही है तब यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की लाइफ लाइन के रूप में उभर कर आई है। छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में मनरेगा में अपनी अलग ही पहचान बना चुका है, इसी कड़ी में राजनांदगांव जिला सबसे अधिक 2 लाख 3 हजार 831 मजदूरों को मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार प्रदान कर प्रदेश में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री तनुजा सलाम के अथक प्रयासों से राजनांदगांव राज्य के दूसरे जिलों को पीछे छोड़ते हुए पूरे छत्तीसगढ़ में आज की स्थिति में सबसे ज्यादा जरूरत मंद लोगों को रोजगार देने वाले जिले के रूप में अपनी पहचान बनाई है। आज की स्थिति में जिले के अंतर्गत कुल 4 हज़ार 129 कार्य प्रगतिरत है। 11 हजार कार्य पूर्व से स्वीकृत हैं एवं कुल 772 पंचायतों में लगातार काम चल रहा है। कुछ दिनों पूर्व जिले ने दो लाख मजदूरों का लक्ष्य निर्धारित किया था, आज की स्थिति में जिसे प्राप्त कर लिया गया है।
राजनांदगांव जिले के 9 ब्लॉक जिसमें सबसे अधिक खैरागढ़ ब्लॉक 33 हजार 995 मजदूरों, छुरिया ब्लॉक में 32 हजार 946 मजदूरों, राजनांदगांव ब्लॉक में 28 हजार 639 मजदूरों, अंबागढ़ चौकी ब्लॉक में 19 हजार 372 मजदूरों, डोंगरगढ़ ब्लॉक में 21 हजार 165 मजदूरों मानपुर में 17 हजार 111 मजदूर, छुईखदान ब्लॉक 27026 मजदूरों, डोंगरगांव ब्लॉक में 11 हजार 572 मजदूरों, मोहला ब्लॉक में 12 हजार 005 मजदूरों को रोजगार मिला रहा है । साथ ही राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण कब चलते समय-समय पर जारी किए गए आदेशों का पालन करते हुए लगातार सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क, गमछा का उपयोग, कार्यस्थल पर हाथ धुलवाने की व्यवस्था एवं लोगों को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर नियमों का पालन भी कराया जा रहा है। लॉकडॉउन के बावजूद भी मनरेगा के लिए लगभग 5 हजार से अधिक नवीन जॉब कार्ड बनाया गए हैं एवं इसके अंतर्गत लगभग 14 हजार 600 नवीन मजदूर रोजगार के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं एवं जिले मे मनरेगा अंतर्गत नवीन तलाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, भूमि सुधार नरवा योजना अंतर्गत एल बी सी डी, गैबियन, बोल्डर चेक डैम, गौठानों एवं उनके आस-पास सामूहिक बाड़ी निर्माण, निजी बाड़ी निर्माण एवं वृक्षारोपण योजना को ध्यान में रखते हुए नर्सरियों में पौधे तैयार करने के कार्य प्राथमिकता के साथ किए जा रहे हैं, ताकि जिले में मजदूरों को रोजगार की किसी भी प्रकार की कमी ना हो।
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी अंतर्गत जिले में विशेष कार्य योजना तैयार कर गौठानों के आसपास के क्षेत्र में बाड़ी, गौठानों में पशुओं के लिए समुचित व्यवस्था के साथ-साथ गोबर खाद का निर्माण, नदी नालों के उत्थान के कार्य एवं बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के कार्य किए जा रहे हैं।

शराब दुकान पर सोशल डिस्टेंस के लिये चिंतित भाजपा विधायक के बंगले में उमड़ा था जन सैलाब
स्वास्थ व्यवस्था पर चिंतित भाजपा सांसद सुनील सोनी बताये क्यो टांग दिया सरकारी अस्पताल को चौथे माले पर
केंद्र सरकार से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मांगे गयी 30 हजार करोड़ के राहत राशि दिलवाने का प्रयास करेंगे

    रायपुर/ / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुनील सोनी और पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल के संयुक्त प्रेस वार्ता पर प्रश्न उठाते कहा कि जहां एक ओर पूरा देश और छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना महामारी के वि परीत परिस्थितियो में लड़ाई लड़ रहे है वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद सुनील सोनी और विधायक बृजमोहन अग्रवाल लगातार जनता को गुमराह करने वाला बयान जारी कर रहे हैं।
प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भाजपा सांसद सुनील सोनी लगातार प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ कर सफलता अर्जित करने में सबसे अग्रणी है और मरीजों की संख्या में भी भारतीय जनता पार्टी के शासित राज्यों से कहीं कम है। इसका कारण है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनका पूरा मंत्रिमंडल सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रदेश कांग्रेस की टीम पूरी टीम शिद्दत के साथ इस महामारी का डटकर मुकाबला कर रही है यह बात भाजपा के बयान वीर सांसद को नागवार गुजर रही है और वह प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं। जबकि उन्हें बताना चाहिए कि केंद्र सरकार से कोरोना महामारी से उबरने और राज्य की अर्थव्यवथा सुधारने के लिए प्रदेश के मुखिया ने 30 हजार करोड़ की राहत पैकेज की मांग प्रधानमंत्री श्री मोदी से की है उस पर भाजपा के रायपुर सांसद सुनील सोनी यह मांगी गयी राशि दिलवाने के पक्ष में है कि नही है।
तिवारी ने कहा कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल शराब दुकान में उमड़ी भीड़ और सोशल डिस्टेंस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं लेकिन 1 मई को उनके सरकारी बंगले में इससे ज्यादा भीड़ उमड़ी हुई थी सैकड़ों गाड़ी बंगले के बाहर खड़े हुए थे लोगों का तांता लगा हुआ था और सोशल डिस्टेंस तार-तार हो रही थी कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रश्न किया कि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को यह बताना चाहिए कि 1 मई के दिन उनके बंगले में सैकड़ों हजारों की तादाद में भीड़ क्यों आयी हुई थी और अगर उनके आरोप निराधार हैं तो क्या पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल 1 मई के सीसीटीवी फुटेज को जनता के समक्ष प्रस्तुत करेंगे ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी देश के 600 से अधिक रेड, ग्रीन, ऑरेंज और ऑरेंज जोन जिलों में हो शराब बिक्री के विरोध में प्रेस वार्ता करेंगे।

कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य निरंतर कर रहे हैं रैन बसेरा का निरीक्षण
लॉकडाउन में दूर का सफर तय कर आने वाले श्रमिकों के लिए राहत भरे छांव की तरह है रैन बसेरा आश्रय स्थल
हमर अपन गाँव जाये के अब्बड़ खुशी लगथे- गोवर्धन


   राजनांदगांव / शौर्यपथ / हाथों में सामान लिए निकल पड़े हैं श्रमिक, घर वापसी के लिए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के आह्वान पर अन्य राज्यों एवं दूर-दराज क्षेत्रों में फंसे श्रमिक आने लगे। कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के कारण श्रमिक अन्य राज्यों में फंसे हुए थे। राजनांदगाँव जिला बागनदी बॉर्डर से लगा हुआ है, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 6 आवागमन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। जिले में महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों के साथ ही अन्य राज्य के मजदूर भी अपने राज्यों को जाने के लिए निरंतर आने लगे। उनका आश्रय स्थल बना रैन बसेरा।
कलेक्टर मौर्य लगातार रैन बसेरा जाकर निरीक्षण कर रहे हैं और सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस अतिसंवेदनशील क्षेत्र को निरंतर सेनेटाइज करने के लिए निर्देश दे रहे हैं। कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य एवं उनकी टीम चौकस है। देर रात तक श्रमिकों की आवाजाही बनी हुई है। रैन बसेरा में आते ही श्रमिकों के लिए पानी और नाश्ते की व्यवस्था की गई है। उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जा रहा है। यहाँ ड्यूटी पर तैनात प्रतिबद्ध टीम 24x7 अपनी सेवायें दे रहे हैं। दूर का सफर तय कर आने वाले राज्य के श्रमिकों एवं अन्य राज्यों के श्रमिकों के लिए अभी रैन बसेरा राहत भरे छांव की तरह है।
हैदराबाद से आये श्रमिक श्री गोवर्धन एवं उनकी पत्नी संतोषी की बातों से खुशी साफ झलक रही थी। उन्होंने कहा कि हमर अपन गाँव जाये के अब्बड़ खुशी लगथे। उहाँ के सरकार भी मदद करत रहिस, लेकिन हमन उहाँ बइठे बइठे अकबका गे रहेन। अब जाके बने लागिस। इंहा बढिय़ा खाये बर नाश्ता अउ खाना मिल गिस। काली हमन अपन गाँव विचारपुर चल देबो, मुंगेली जिला पड़थे। हैदराबाद से आये श्रमिक श्री देवराज कोशले ने कहा कि अब जब वापस छत्तीसगढ़ आ गए हैं, तब जान में जान आई है। यहाँ आने को लेकर दिल में बहुत खुशी है।
जैसे ही जानकारी मिली कि लॉकडाउन में वापस घर जा सकते हैं, अपनी पत्नी श्रीमती दृष्टि कोशले एवं अपनी नन्हीं बच्ची नीतू कोशले को लेकर निकल पड़े। उन्होंने कहा कि यहाँ रैन बसेरा में अच्छा भोजन एवं नाश्ता मिल रहा है। अब वे यहाँ कुछ समय रूककर अपने ग्राम बेड़ापारा जिला मुंगेली चले जायेंगे। हैदराबाद से आये तीरथराम ने कहा कि रोजी मजूरी बर गए रहेन, अब वापस आ गेन तो बने लगथे। अब हमन अपन गाँव मोंगरा, विकासखंड खैरागढ़ चल देबो। उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती संतोषी और बेटा शिव थे। हैदराबाद से योगेश्वरी यादव अपने पति एवं नन्ही बच्ची पूर्वी यादव के साथ आ रही थी। उन्होंने बताया कि वे कुछ समय रैन बसेरा में रूककर अपने गाँव तुलसीपुर, जिला खैरागढ़ चले जायेंगे। कलेक्टर श्री मौर्य के साथ निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री मिथलेश चौधरी, एसडीएम श्री मुकेश रावटे, ईडीएम श्री सौरभ मिश्रा सहित अन्य अधिकारी एवं टीम के अन्य सदस्य मौजूद थे।

     कृष्णा टंडन की रिपोर्ट 

   जांजगीर-चाम्पा / शौर्यपथ / महात्मा गांधी नरेगा के तहत 7 मई गुरूवार को जिले की ग्राम पंचायतों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रोजगार दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान निजी भूमि पर आजीविका संवर्धन के लिए डबरी, कुआं, बकरी शेड, पशु आश्रय, मुर्गी शेड, सुअर पालन शेड, अंजोला टैंक, नाडेप जैसे निर्माण कार्यों के बारे में ग्रामीणों को अवगत कराया गया। तो वहीं वर्तमान में कोरोना वायरस महामारी से बचाव एवं नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए मजदूरों से कार्य करने कहा गया।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तीर्थराज अग्रवाल ने बताया कि जिले की सभी ग्राम पंचायतों में रोजगार दिवस आयोजन करते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क लगाकर कार्य करने, कार्यस्थल पर हेंडवाश, सैनिटाइजर से हाथ धोने के निर्देश सभी मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक को दिए गए थे। गुरूवार को जिले की 657 ग्राम पंचायतों में से 539 ग्राम पंचायतों में 1 हजार 204 कार्यों में 1 लाख 39 हजार 347 मजदूरों ने काम किया।
गुरूवार को जनपद पंचायत नवागढ़ की ग्राम पंचायत पचेड़ा में गोठान के पास सामुदायिक डबरी निर्माण कार्य के दौरान आयोजित रोजगा दिवस में सहायक प्रचार-प्रसार अधिकारी श्री देवेन्द्र कुमार यादव ने कार्यस्थल पर मनरेगा के दिशा निर्देशों से मजदूरों को अवगत कराया। इस दौरान तकनीकी सहायक अब्दुल कामिल सिद्दीकी, सरपंच श्री कृष्णा कश्यप, रोजगार सहायक श्रीमती चित्रावती कश्यप ने मजदूरों को मास्क का वितरण किया। इसके अलावा जनपद पंचायत नवागढ़ की ग्राम पंचायत गोधना, करमंदी, पाली, बोड़सरा, सक्ती जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत किरारी, लिमतारा, कुरदा, चिखलरौंदा, बरपाली कला में रोजगार दिवस के माध्यम से ग्रामीणों को वर्तमान कोरोना वायरस के संबंध में बचाव एवं नियंत्रण के साथ ही कार्यस्थल पर आने का कहा है।
मालखरौदा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत किरारी, डभरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत दर्री, लटेसरा, पामगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत भिलौनी, मेउ, कोसला, बलौदा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत खोहा, बछौद, अकलतरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत अकलतरी, बरपाली, बम्हनीडीह जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत रिसदा आदि में रोजगार दिवस मनाया गया।

निम्न दाब बिजली उपभोक्ताओं को 31 मई तक नही लगेगा अधिभार
प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य जगत को सरकार के इन निर्णयों से मिली बड़ी राहत
प्रभार की राशि को समान मासिक किश्तों में आगामी छह माह के विद्युत देयकों के साथ ली जाएगी

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के निम्नदाब, गैर घरेलू (व्यवसायिक), कृषि आधारित उद्योग समेत अन्य औद्योगिक उपभोक्ताओं के हित में कई बड़े फैसले लिए गए है।
कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन अवधि में विभिन्न औद्योगिक संगठनों एवं संस्थानों सहित गैर घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा सरकार से रियायत दिए जाने की मांग लगातार की जा रही थी। जिस पर विचारोपरांत मुख्यमंत्री बघेल द्वारा उनके हित में अनेक निर्णय लिए गए।
उपभोक्ताओं के हित में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रदेश के गैर घरेलू (व्यवसायिक), कृषि आधारित उद्योग समेत अन्य औद्योगिक विद्युत कनेक्शन के अप्रैल,मई एवं जून 2020 के बिलों पर डिमांड चार्जेज़ भुगतान को जून 2020 तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। स्थगन अवधि (मॉरिटोरियम पीरियड) के पश्चात उक्त प्रभार की राशि को समान मासिक किश्तों में आगामी छह माह के विद्युत देयकों के साथ ली जाएगी।
उक्त अवधि अर्थात अप्रेल,मई एवं जून 2020 के बिलों पर “ डिलेड पेमेंट सरचार्ज ” 1.5 प्रतिशत के बजाए एक प्रतिशत ही लिया जाएगा।
कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रदेश भर के सभी नगद बिल संग्रहण केंद्रों को अस्थाई रूप से बंद किया गया था। इसे दृष्टिगत रखते हुए लिए गए निर्णय के मुताबिक ऐसे सभी निम्नदाब विद्युत उपभोक्ता जिन्हें 23 मार्च से 3 मई 20 की अवधि में विद्युत देयक का भुगतान करना था उन्हें अब 31 मई 2020 तक बिना अधिभार के विद्युत देयक भुगतान करने की सुविधा दी जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग भी इस पर सहमत है।
छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 23 मार्च से 30 जून 2020 के बीच प्रदेश में क्रय की जाने वाली विद्युत एवं पारेषण हेतु देयकों के विलंब से भुगतान पर वर्तमान में लागू “ डिलेड पेमेंट सरचार्ज ” की दर में पचास प्रतिशत की कमी की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग भी इस पर सहमत है।
कोरोना वायरस कोविड -19 के कारण विविध संकट से जूझ रहे प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य जगत को सरकार के इन निर्णयों से बड़ी राहत मिल सकेगी।

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