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नई दिल्ली / शौर्यपथ /कोलकाता ममता बनर्जी सरकार के मंत्रियों को शपथ दिलाने के कुछ क्षणों बाद ही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में चुनाव बाद हिंसा से उपजी स्थिति पर चिंता जताते हुए सोमवार को कहा कि वह प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. धनखड़ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि लोगों को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की कीमत अपनी जान से चुकानी पड़ रही है.
राज्यपाल ने रेखांकित किया, “ चुनाव बाद हिंसा से उपजी स्थिति चिंताजनक है. मैं राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगा.” उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन ने प्रभावित इलाकों का दौरा करने से पहले जरूरी व्यवस्था करने के उनके आग्रह पर अब तक जवाब नहीं दिया है.
धनखड़ ने कहा, “अगर आपका वोट आपकी जान जाने या संपत्ति के नष्ट होने का कारण बनता है, अगर यह आगज़नी का कारण बनता है तो फिर लोकतंत्र के खत्म होने का संकेत मिलता है.”
विधानसभा चुनाव के दो मई को नतीजों के ऐलान के बाद बंगाल के कई हिस्सों से संघर्ष की खबरें मिली हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में कहा है कि चुनाव बाद हिंसा में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है.
नई दिल्ली /शौर्यपथ / बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कोरोना वैक्सीन, ऑक्सीजन सप्लाई और बेड समेत चिकित्सा सुविधाओं के मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है.बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार विज्ञापन पर तो करोड़ो खर्च कर रही है, लेकिन कोरोना महामारी से निबटने में उनकी कोशिश केवल जुबानी ही है. संबित पात्रा ने कहा कि पिछले 7 सालों में केजरीवाल सरकार से दिल्ली में एक भी हॉस्पिटल नही खोला है. यहां तक कि महामारी से निपटने को लेकर केजरीवाल केवल राजनीति कर रहे हैं.पात्रा ने कहा कि दिल्ली में कोरोना वैक्सीन की रफ्तार बहुत धीमी है. पात्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन को वोट बटोरने का मशीन बना लिया है.
BJP प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि वो 1.34 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर देने वाले हैं, जिस पर करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च आएगा. लेकिन वो आज इस पर कुछ नहीं कर रहे हैं. दिल्ली में अभी तक 45 साल से ज्यादा उम्र के 8.93 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की दूसरी डोज लग पाई है. 60 से ज्यादा उम्र के सिर्फ 48 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की पहली डोज लग पाई है. ऐसा तब हो रहा है, जब मोदी सरकार मुफ्त वैक्सीन मुहैया करा रही है. जबकि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के सिर्फ 17 फीसदी लोगों को ही दिल्ली में कोरोना की दूसरी वैक्सीन लग पाई है.
पात्रा ने आरोप लगाया कि दिल्ली की सरकार ने सही समय पर सही तरीके से वैक्सीनेशन को आगे नहीं बढ़ाया, इसलिए कई लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पाई. ऑक्सीजन के मामले पर भी केजरीवाल जी राजनीति कर रहे हैं, क्योंकि दिल्ली सरकार कोविड प्रबंधन नहीं कर पा रही है. दिल्ली सरकार ने सही समय पर वेंटिलेटर्स के लिए कोई ऑर्डर नहीं दिया.
ऑक्सीजन ऑडिट को लेकर केजरीवाल ने मना कर दिया था. जब दिल्ली में प्रति व्यक्ति ऑक्सीजन की उपलब्धता अधिकतम है, फिर वो ऑक्सीजन कहां जा रहा है, हम ये सवाल पूछते हैं.
दिल्ली में विज्ञापन पर केजरीवाल सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. छह सालों में ही 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम विज्ञापन पर खर्च की गई है. वहीं एक RTI से पता चला है कि पिछले 7 साल में दिल्ली में एक भी नया अस्पताल नहीं खुला है. मोहल्ला क्लीनिक के विषय में भी 2 दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी. लेकिन ये सब जानते हैं कि इन मौहल्ला क्लीनिक में कोविड से संबंधित प्राथमिक उपचार भी नहीं हो रहा.
नई दिल्ली /शौर्यपथ / कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा की ओर से सराहनीय कदम उठाया गया है. गुरुद्वारे में 400 ऑक्सीजन बेड का एक कोविड केयर सेंटर तैयार किया गया है. इसकी शुरुआत आज से हो चुकी है. दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से इस कोविड केयर सेंटर का इंतजाम किया गया है. साथ ही इसे लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के साथ अटैच किया गया है. बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने इस ट्रीटमेंट सेंटर के लिए 2 करोड़ रुपए दान दिए हैं.
गुरुद्वारा में अब तक सिख धर्म के लोग माथा टेका करते थे लेकिन अब यहां कोरोना मरीजों का इलाज होगा. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आम लोगों के लिए गुरुद्वारे के दरवाजे खोलते हुए दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा में 400 ऑक्सीजन बेड का आइसोलेशन एंड ट्रीटमेंट सेंटर शुरू कर दिया है. इस ट्रीटमेंट सेंटर की सबसे खास बात है कि यहां पर हर बेड पर मरीज को ऑक्सीजन देने की व्यवस्था की गई है.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने एनडीटीवी से कहा कि 'देश मे सरकार और आर्मी के बाद केवल 10 दिन में बनाया गया ये पहला सेमी-हॉस्पिटल है. यहां इलाज, एम्बुलेंस, दवा आदि सारी सुविधाएं हैं केवल ICU को छोड़कर. यहां जिस मरीज को 5 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत है उसके लिए भी व्यवस्था है और जिस मरीज को 20 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत है उसके लिए भी व्यवस्था की गई है.
मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 साल के प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ये आयोजन किया है. इस आइसोलेशन एंड ट्रीटमेंट सेंटर का नाम भी श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखा गया है और यहां 400 बेड की व्यवस्था भी इसीलिए की गई है.
ट्रीटमेंट सेंटर के नोडल अधिकारी सरदार हरमीत सिंह कालका ने बताया कि यहां सभी तरह की सुविधाएं पूरी तरह से मुफ़्त हैं. यहां हर धर्म हर जाति हर पॉलिटिकल पार्टी के लोग आ सकते हैं, केवल एक शर्त है कि वो मरीज़ हो और उसका ऑक्सीजन लेवल 85 से नीचे नहीं होना चाहिए.
ट्रीटमेंट सेंटर शुरू होने के मौके पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी यहां आकर जायजा लिया और बताया कि इस ट्रीटमेंट सेंटर को दिल्ली सरकार के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के साथ अटैच किया गया है. अगर किसी मरीज कि यहां तबीयत बिगड़ती है तो उसको तुरंत लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा.
Shouryapath news bastar । : मामले में जय्दा जानकारी देते हुए जनता जोगी पार्टी के संभागीय सयुंक्त महासचिव नरेंद्र भवानी ने बताया की जरुरत मंदो को लगातार लगभग 9 दिनों से सूखा राशन एवं हरी सब्जी जरुरत मंदो तक पंहुचा रही हैं रोजाना लगभग 350 - 550 परिवार का बजट आता हैं लेकिन रोजाना लगभग 200 - 250 परिवार तक हमारी टीम साहयता लेकर पहुंच पाने में सफल होती हैं ! वहीं आज पत्र समाचार जारी करने के दृष्टि से तीसरा चरण में जरुरत मंदो की साहयता के दौरान आड़ावाल नयापारा जो श्री वेंकट राव एवं विजय जी के नेतृत्व में लगभग 50 पैकेट और मेठगुडा में 50 पैकेट जो श्री रोहित पोयाम, टाइटस जी के नेतृत्व में जरुरत मंदो तक पहुंचा तो अंतः 100 पैकेट ग्राम पंचायत बिरिंगपाल में श्री विनोद जॉन और श्री तरुण सेन एवं श्री मंगलू बघेल के नेतृत्व में साहयता सामग्री पहुंचा पाए रोजाना यह समस्त सामग्री जो टमाटर, मिर्ची, दो प्रकार का सब्जी,चांवल, किसी में सोयाबीन बड़ी, किसी में पोहा, आलू एवं प्याज रहता हैं जो लगभग 5 क़्वींटल का सामग्री होता हैं और यह सब सामग्री हमारे युवा संभागीय अध्यक्ष श्री संतोष सिंह के कार्यलाय में श्री सूर्यपाल शर्मा, श्री विनोद जॉन, श्री विकास तिवारी, श्री तरुण सेन, श्री छोटू यादव, श्री राहुल शर्मा, श्री वेंकट राव, श्री विजय, द्वारा रोजाना सामान लाने से लेकर पैक करके अलग अलग टीम बनाकर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए जरूरतमन्द लोगो तक यह साहयता राहत सामग्री पंहुचा पाते हैं ! अब तक लगभग 2800 लोगो को राहत सामग्री पहुंचाने में सफल हुए हैं रोजाना फोन कॉल के माध्यम से मदत हेतु आम जनता का आदेश प्राप्त होता हैं उसपे लगातार टीम काम कर रही हैं !
नई दिल्ली / शौर्यपथ / पटना देश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.लालू ने 1996-97 के पोलियो टीकाकरण अभियान से इसकी तुलना करते हुए कहा है कि आज सरकार पैसे लेकर भी कोरोना का टीका उपलब्ध नहीं करा पा रही है. लालू यादव ने कहा, '1996-97 में जब हम समाजवादियों की देश में जनता दल की सरकार थी, जिसका मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष था, तब हमने पोलियो टीकाकरण का विश्व रिकॉर्ड बनाया था. लालू यादव हाल ही में जमानत पर जेल से छूटकर बाहर आए हैं.
उस वक्त आज जैसी सुविधा और जागरुकता भी नहीं थी, फिर भी 07 दिसंबर 1996 को 11.74 करोड़ शिशुओं और 18 जनवरी 1997 को 12.73 करोड़ शिशुओं को पोलियो का टीका दिया गया था. वह भारत का विश्व रिकॉर्ड था. उस दौर में वैक्सीन के प्रति लोगों में हिचकिचाहट व भ्रांतियां थीं, लेकिन जनता दल नीत संयुक्त मोर्चा की समाजवादी सरकार ने दृढ़ निश्चय किया था कि पोलियो को जड़ से ख़त्म कर आने वाली नस्लों को इससे मुक्ति दिलायेंगे.
राजद सुप्रीमो ने कहा, आज दुःख होता है कि तथाकथित विश्वगुरु सरकार अपने नागरिकों को पैसे लेकर भी टीका उपलब्ध नहीं करा पा रही है. मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस जानलेवा महामारी में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पूरे देशवासियों को निःशुल्क टीका देने का ऐलान करें. लालू यादव ने यह भी कहा कि राज्य और केंद्र के टीके की क़ीमत अलग-अलग नहीं होना चाहिए. राज्यों से ही देश बनता है. ये केंद्र की ज़िम्मेदारी है कि देश के प्रत्येक नागरिक का चरणबद्ध समुचित टीकाकरण मुफ़्त में हो.
Shouryapath news bastar। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि किसानों को चार क़िस्त में देने वाली राशि को बिना रकम काटे एक मुश्त दिया जाए, फसल की रकम को चार किस्तो में भुगतान जो किया जा रहा है जबकि चुनावी घोषणा पत्र में इस बात का उल्लेख नही किया गया था की समर्थन मूल्य की राशि को सरकार इस तरह से किस्तो में भुगतान करेगी प्रदेश के किसानों के साथ यह एक तरह का छल किया गया है आज वैश्विक महामारी के दौर में ग्रामीण अर्थव्यवस्था बिल्कुल चरमरा सी गयी है लोगो की रोजमर्रा की जरूरत के हिसाब से उनके पास पैसे नही है वे इस दौर में दर दर भटक रहे है आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि किसानों के फसल की राशि का भुगतान एक मुश्त करें व रवि फसल लेने वाले किसानों के ऊपर प्राकृतिक आपदा के रूप में ओला बारिश से जो नुकसान किसानों को हुआ है उसका आपदा प्रबंधन के रूप में सरकार मुआवजा राशि भुगतान करें ताकि ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को बल मिले। आप नेता समीर खान ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) श्रमिकों को 1 अप्रैल 2021 से प्रतिदिन 193 रूपए मजदूरी देना तय हुआ है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्यवार प्रतिदिन मजदूरी की दर का राजपत्र में प्रकाशन कर दिया गया है। मनरेगा के तहत काम करने वाले अकुशल हस्त कर्मकारों हेतु छत्तीसगढ़ के लिए 193 रूपए प्रतिदिन की मजदूरी तय की गई है। यह नई दर 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी हो चुकी है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 190 रूपए मजदूरी दर निर्धारित थी। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए इसमें तीन रूपए की बढ़ोतरी की गई है।लेकिन छत्तीसगढ़ के कई जिलों में अभी तक मनरेगा मजदूरों को नियमित रूप से मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है और वे इसे पाने के लिए पंचायत अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर उन्हें चलता कर रहे हैं लेकिन सबसे दुख की बात यह है कि इन मजदूरों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे ऐसे में अपनी दैनिक जरूरतों के खर्चे पूरे कर सकें। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष ने मांग की है किसानों के फसल व मनरेगा में कार्य किये हुए श्रमिकों को बकाया राशि के साथ वर्तमान राशि का भुगतान एक मुश्त किया जाए।
नई दिल्ली/ शौर्यपथ / कोरोना जैसी घातक बीमारी से पूरा देश जंग लड़ रहा है. कोरोना को समझना इंसान के लिए तो मुनासिब है लेकिन जानवरों का क्या? कोरोना की इस दूसरी जानलेवा लहर में कई जानवरों ने अपने मालिकों को खो दिया. ऐसे जानवरों को पता ही नहीं कि उनके साथ आखिर हुआ क्या. उन्हें मिलने वाला प्यार और सारी सुविधाएं अचानक कहां चली गईं. पता भी होता तो ये जानवर अपना दर्द बयां नहीं कर सकते.. क्योंकि ये बेजुबान हैं. ऐसे ही बेसहारा जानवरों का दर्द समझा है नोएडा के ध्यान फाउंडेशन ने.
ध्यान फाउंडेशन इन दिनों बेसहारा जानवरों के लिए देवदूतों की तरह काम कर रहा है. ध्यान फाउंडेशन की ओर से कोरोना काल में अपने मालिकों को खो चुके जानवरों, जिनमें ज्यादातर पालतू कुत्तें हैं उनको एनिमल शेल्टर में पनाह दी जा रही है. इन जानवरों की देखभाल पहले की तरह तो नहीं हो पा रही, लेकिन उन्हें खाना और रहने के लिए छांव जरूर मिल रही है.
नोएडा में ध्यान फाउंडेशन की सदस्य पूनम ने बताया कि कोरोना से पहले जानवरों का जीना मुश्किल नहीं था. होटल और ढाबों का बचा हुआ खाना इनका आहार होता था. लेकिन अब कोरोना की पाबंदियों में जानवरों को भूखा रहना पड़ रहा है. ध्यान फाउंडेशन ऐसे जानवरों को खाना खिलाने की कोशिश करता है. वहीं जिन जानवरों के मालिक अब नहीं हैं, वैसे जानवरों को ध्यान फाउंडेशन के एनिमल शेल्टर में लाया जाता है और उनकी देखभाल की जाती है.
ध्यान फाउंडेशन के सदस्य योगेंद्र ने कहा कि कोरोना काल में इंसान तो अपनी भूख किसी तरह मिटा ले रहा है, लेकिन सड़क पर घूमते बेजुबान और बेसहारा जानवरों का बुरा हाल है. जानवर भोजन की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं. गाय और कुत्तों को भोजन नसीब नहीं हो रहा है. ध्यान फाउंडेशन इन जानवरों की देखभाल करता है. योगेंद्र ने बताया कि एक व्यक्ति जिसने 11 कुत्तों को पाल रखा था, उसकी कोरोना से मौत हो गई. जिसके बाद इन सभी 11 कुत्तों को एनिमल शेल्टर में लाया गया. उन्होंने बताया कि बीते डेढ़-दो महीने में उनके पास 25 से अधिक कॉल आ चुकी है बेसहारा जानवरों को सहारा देने के लिए. उन्होंने कहा कि ध्यान फाउंडेशन बेसहारा कुत्तों के लिए ही नहीं बल्कि अन्य जानवरों को भी सहारा देने का काम कर रहा है.
मुंबई / शौर्यपथ/ मुंबई में अपने पति और सास-ससुर की प्रताड़ना से त्रस्त विवाहिता ने खुदकुशी कर ली. 27 साल की विवाहिता ने विक्रोली रेलवे स्टेशन पर रेल के नीचे आकर खुदकुशी कर ली. शुरू में लगा कि एक्सीडेंट है लेकिन जब स्टेशन पर लगा सीसीटीवी देखा गया तो खुदकुशी का खुलासा हुआ. हालांकि विवाहिता ने खुदकुशी के पहले अपने पिता को मैसेजे भेज जानकारी दी थी लेकिन वो समय रहते देख नहीं पाया था. कुर्ला रेलवे पुलिस ने पति और सास ससुर के खिलाफ प्रताड़ना और खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.
मृतका की शादी 2 साल पहले ही हुई थी. पिता के मुताबिक उनकी बेटी एक प्राइवेट कंपनी में HR थी जबकि पति कार चालक है. ससुराल वाले उनकी बेटी की पूरी कमाई भी ले लेते थे और घर का काम भी करवाते थे. 2 साल बाद भी मां नहीं बनने पर उसे ताना भी मारते थे. उनकी बेटी ये सब सहन करती रही लेकिन 5 मई को जो हुआ उससे वो टूट गई.
पिता के मुताबिक 5 मई को दामाद ने उन्हें अपने घर बुलाया और पत्नी की दोस्त और सहेलियों के साथ सेल्फी (ग्रुप फ़ोटो) दिखाते हुए आपत्ति जताई जिसे लेकर वाद विवाद हुआ. मामला पुलिस तक गया. पुलिस ने पति हर्षद को चेतावनी दी और पिता को समझाया कि कुछ दिन के लिए वो बेटी को अपने पास रखें. उसके 2 दिन बाद 7 मई को विवाहिता ने खुदकुशी कर ली.
उसने अपने पिता को लिखे मैसेज में लिखा कि "मैंने सबकुछ बरदाश्त किया. अपना सबकुछ पति हर्षद को सौंप दिया लेकिन चरित्र हनन का आरोप बरदाश्त नहीं कर सकती." पुलिस ने पति हर्षद शेरे, ससुर सिद्धार्थ शेरे और सास शरद शेरे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
(आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है. अगर आपको सहारे की जरूरत है या आप किसी ऐसे शख्स को जानते हैं जिसे मदद की दरकार है तो कृपया अपने नजदीकी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाएं.)
Shouryapath news durg । दुर्ग / बारिश के पूर्व फाउंडेशन तक का कार्य और पाइपलाइन आदि से संबंधित जलजीवन मिशन आदि के कार्य पूरा कर लें। मनरेगा के कार्यों को विस्तारित करें। इसमें गुणवत्तामूलक कार्य स्वीकृत कर बड़े पैमाने पर रोजगारमूलक कार्यों का सृजन करें। यह निर्देश कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अधिकारियों को समीक्षा बैठक में दिये। कलेक्टर ने कहा कि बारिश से पूर्व फाउंडेशन आदि से संबंधित कार्य पूरे हो जाएंगे तो आगे कार्यों में आसानी होगी। जलजीवन मिशन से जुड़े कार्य भी प्राथमिकता वाले हैं इसमें पाइपलाइन आदि का कार्य तय समय में पूरा कर लें ताकि बारिश से पूर्व ही यह सब कार्य हो जाए और किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। बैठक में भिलाई निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी, रिसाली निगम आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे, भिलाई चरौदा निगम आयुक्त श्री कीर्तिमान राठौर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। *जिला अस्पताल और सुपेला में चल रहे कार्य सबसे अहम-* कलेक्टर ने जिला अस्पताल और सुपेला अस्पताल में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर पूरा करने कहा। उन्होंने कहा कि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े निर्देश तय समय पर पूरा करें। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में ड्रेनेज की समस्या किसी तरह से नहीं रहनी चाहिए। डीएमएफ में हमेशा से हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को अहमियत दी गई है। यह काम समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से होते रहना चाहिए। *डीएमएफ के कार्यों को विस्तार दें-* कलेक्टर ने डीएमएफ से जुड़े हुए कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अपने लक्ष्यों को समय पर पूरा करने वाले अधिकारियों की प्रशंसा की और अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाने वाले अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि तय समय पर गुणवत्तायुक्त ढंग से उनके कार्य पूरे हो जाएं। *नरवा के स्ट्रक्चर पर काम अहम-* कलेक्टर ने कहा कि बारिश से पूर्व नरवा स्ट्रक्चर पर ठोस ढंग से काम होना चाहिए ताकि बारिश के मौके पर जल संरक्षण का लाभ भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने की दिशा में हो सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए जो भी कार्य तय किये गये हैं। उन्हें प्रभावी रूप से मानिटरिंग करते हुए करें। उन्होंने कहा कि वे इन स्ट्रक्चर की प्रगति स्पाट पर पहुँचकर भी करेंगे। कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना की समीक्षा भी की। उन्होंने अधिकारियों से गौठानों की निरंतर मानिटरिंग करने, गोबर क्रय करने, वर्मी कंपोस्ट बनवाने एवं इसे विक्रय की प्रक्रिया की मानिटरिंग करते रहने के निर्देश दिये। *इंग्लिश मीडियम स्कूलों के प्राचार्यों को भी निर्देश*- कलेक्टर ने इंग्लिश मीडियम स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के संबंध में भी और यहाँ होने वाली पढ़ाई के संबंध में भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी प्राचार्य साल भर की पढ़ाई की प्लानिंग कर लें। शिक्षकों की नियुक्ति से लेकर कोर्स मटेरियल एवं एडमिशन तक सभी तरह के प्लान बना लें। उन्होंने अधिकारियों को इंफ्रास्ट्रक्चर के संबंध में निरंतर मानिटरिंग करते रहने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस सत्र से 7 नये इंग्लिश मीडियम स्कूल आरंभ हो जाएंगे। यहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर की और सुविधाओं के संबंध में सारी तैयारियाँ कर लें।
Shouryapath news jagdalpur । : मामले में जनता कांग्रेस के संभागीय सयुंक्त महासचिव नरेंद्र भवानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एवं बस्तर सोशल मिडिया के माध्यम से पत्र लिख बोले की पेयजल एवं कृषि जैसे महत्वपूर्ण कार्य हेतु बोर खनन कर्मियों को कोरोना काल में जिला प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए बस्तर जिला में खनन हेतु सशर्त अनुमति देने हेतु विचार किया जाए, ताकि लाकडाउन में कृषि कार्य एवं पेयजल के लिए यह महत्वपूर्ण कार्य ना रुके ! साथ ही साथ बोर संचालको को भी राहत मिलेगा कइयों की गाड़िया किस्तों में हैं एक गाडी के पीछे इनके 10 - 20 मजदुर होते हैं उनका राशन तनख्वाह चालाक का तनख्वाह और उसके अलावा लाखो क़िस्त वो अलग दो महीनो से फिलाहल लाकडाउन व कोरोना की मार सह रहे सभी लोग किन्तु इस विपरीत परिस्थिति में भी कम से कम बोर खनन कर्मियों को कृषि एवं पेयजल हेतु जरुरी कामो के लिए अनुमति प्रदान करने की ओर विचार किया जा सकता हैं, यह महत्वपूर्ण कार्य भी नहीं रुकेगा और बोर खनन संचालक, उनके मजदुर और उनके चालकों का भी रोजगार शुरू हो जाएगा, महोदय से निवेदन हैं इस ओर विचार कर उचित निर्णय लेवें !