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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / सेवा पर्व और छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर सेवा पखवाड़ा अंतर्गत जनपद पंचायत डोंगरगढ़ के ग्राम पंचायत कलकसा में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी के साथ स्वच्छता का संदेश दिया गया। ग्राम सभा में आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत आदि सहयोगी एवं साथियों द्वारा तैयार की गई ग्राम विजन प्लान 2030 का अनुमोदन कर गांव को आगामी 2030 तक विकसित बनाने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण स्वीकृत हितग्राहियों को आवास निर्माण कार्य में आ रही समस्याओं का निराकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रेषित पाती का वाचन किया गया। ग्राम सभा में सरपंच श्रीमती उमा विनोद धुर्वे, उपसरपंच श्री राज धृतलहरे, पंच श्री चंद्रेश, श्री मोतीलाल, जितेश्वरी, ढेला बाई, संकुल समन्वयक राजेश राजेकर, प्रधान पाठक भैंसरा श्री रावते, श्री मति मेड़े, श्रीमति सीमा प्रधान पाठक एवं ग्राम रोजगार सहायक नरोत्तम कुंजाम, आवास मित्र, मनोहर साहू, आदि कर्मयोगी कार्यकर्ता, वालिंटियर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुरजा नेताम, तुलसी यादव, सहायिका हीरो बाई, मितानिन, हेमा, कौशल्या, स्वच्छता दीदी, बिहान समूह, सदस्य, ग्रामीणजन, विनोद कुमार धुर्वे, सेवाराम साहू, विजय, परमानंद, सोनू व नागरिक उपस्थित थे।
विभाग प्रमुखों से ली कार्यों की जानकारी, साफ-सफाई और अभिलेख संधारण पर दिए निर्देश
राजनांदगांव / शौर्यपथ /
कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव ने आज कलेक्टोरेट स्थित विभिन्न शाखाओं और कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विभाग प्रमुखों एवं कर्मचारियों से चल रहे कार्यों की जानकारी ली तथा कार्यालयों में साफ-सफाई, रिकॉर्ड संधारण और फाइल व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने ई-ऑफिस प्रणाली और विभागों में रखी जा रही पंजीयों का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने आधार सेवा केन्द्र पहुंचकर आधार कार्ड बनवाने एवं अपडेट कराने आए नागरिकों से प्रत्यक्ष संवाद किया और उन्हें दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता की जानकारी ली।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे लोकहित में पारदर्शी कार्य करते हुए शासन की योजनाओं का अधिकतम लाभ जनता तक पहुंचाएं। श्री यादव ने जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति में लंबित प्रकरणों को शीघ्र निपटाने और उद्यमिता विकास के लिए अधिक से अधिक ऋण स्वीकृति के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कोषालय, सांख्यिकी, निर्वाचन, आपदा एवं राहत, भूमि रिकॉर्ड, नजूल जांच न्यायालय, खनिज, उद्यानिकी, भूमि संरक्षण, आबकारी, छात्रवृत्ति, जिला शहरी विकास अभिकरण, भू-अभिलेख, भू-अर्जन, समग्र शिक्षा, पीएम स्वनिधि और अल्प बचत शाखा सहित अन्य विभागों का भी निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सी.एल. मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
रायपुर। शौर्यपथ। राज्य स्तरीय परंपरागत वैध सम्मेलन का आयोजन हुआ इस सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शामिल हुए। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी चिकित्सीय सुविधा की प्रथम कड़ी में स्थानीय वैद्य एवं परंपरागत औषधि का एक बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है । इस सम्मेलन में वो सभी प्रथम पंक्ति के चिकित्सीय क्षेत्र से जुड़े हुए शामिल हुए जो परंपरागत चिकित्सीय व्यवस्था से जुड़े है जिनकी सेवाएं समाज में एक अहम स्थान रखती हैं ।
शौर्यपथ फिल्मी दुनिया। दृश्यम फ़िल्म से इन्हें शोहरत तो मिली। मगर वो शोहरत नफ़रत भी साथ लेकर आई। पता नहीं कौन-कौन लोग इन्हें गालियां बका करते थे फोन करके। सड़क पर देखते तो लोग चिढ़ने लग जाते थे इनसे। और इस सारी नफ़रत की जड़ थी दृश्यम फ़िल्म में अजय देवगन की फ़ैमिली को इनके द्वारा टॉर्चर किए जाना। इंस्पैक्टर गायतोंडे के किरदार को इन्होंने इतना रियलिस्टिक बना दिया कि लोग सच में इन्हें घटिया इंसान समझने लगे। लेकिन निगेटिव किरदार निभाने वाले एक एक्टर के लिए लोगों की गालियां वास्तव में ईनाम होता है। क्योंकि इससे पता चलता है कि एक्टर ने इतना बढ़िया काम किया है कि लोगों के ज़ेहन में उसकी वही छवि बस गई है।
लेकिन इंस्पैक्टर गायतोंडे यानि कमलेश सावंत का क्लॉज़ शॉट उन्होंने लिया ही नहीं। दृश्यम का वो आखिरी सीन रामोजी फिल्म सिटी में शूट किया गया था। शूटिंग कंप्लीट करने के बाद जब पूरी यूनिट मुंबई वापस आ गई और फिल्म की फाइनल एडिटिंग की जाने लगी तो अजय देवगन को आइडिया आया कि इस सीन पर कमलेश सावंत का भी एक क्लॉज़ शॉट होना चाहिए। अजय ने तुरंत शूटिंग अरेंज कराई और कमलेश सावंत को फिल्म सिटी बुलाया। और वहीं के एक पार्क में इंस्पैक्टर गायतोंडे की पिटाई वाला वो सीन शूट कराया गया।
और ये सीन इतनी सफाई के साथ शूट किया गया कि किसी को पता ही नहीं चल सका कि इस सीन का ज़्यादातर हिस्सा कहीं और शूट किया गया है। अजय ने ये सारा काम दृश्यम की रिलीज़ से महज़ 4 दिन पहले ही कराया था। और इस पूरे घटनाक्रम में अजय देवगन ने ये साबित किया कि वो ना सिर्फ बड़े स्टार हैं। बल्कि बड़े दिल वाले इंसान भी हैं। वरना एक छोटे कलाकार को दृश्यम जैसी बड़ी फिल्म में इतनी आसानी से क्लॉज़ शॉट भला कहां मिल पाता है।
साथियों कमलेश सावंत जितने शानदार कलाकार हैं उतनी ही शानदार एक्टर बनने की इनकी कहानी है। स्टेप बाय स्टेप कमलेश सावंत जी कामयाबी की सीढ़ियां चढ़े हैं। और स्टेप बाय स्टेप ही काफ़ी पहले मैंने बहुत विस्तार से इनकी जीवनी लिखी थी। इनकी जीवनी आप यहां पढ़ सकते हैं- https://shorturl.at/HTxm5 कुछ साल पहले मेरी फोन पर कमलेश सावंत जी से बात हुई थी। तब उन्होंने अपनी कहानी पूरे विस्तार से बताई थी। पढ़िए-पढ़िए। पसंद आएगी आपको इनकी कहानी। #kamleshsawant #biography #BiographyinHindi #KissaTV #shouryapathnews.in
राजनांदगांव। शौर्यपथ/शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर सोमवार को अहिंसा के दूत, समाधि सम्राट आचार्य 108 श्री विद्यासागर महाराज जी एवं नव आचार्य 108 श्री समयसागर जी महाराज जी का अवतरण दिवस पूरे हर्षोल्लास और भक्ति भाव से दिगंबर जैन समाज द्वारा मनाया गया। इस अवसर पर समाज ने विविध धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया।
दिगंबर जैन पंचायत के सचिव सूर्यकांत जैन ने जानकारी दी कि प्रातः 7:30 बजे आचार्य श्री की पूजा एवं सर्वमंगलकारी आचार्य छत्तीसिंह विधान का आयोजन परम पूज्य आर्यिका 105 सुशांत मति माताजी एवं 105 तथामति माताजी के सानिध्य में संपन्न हुआ। पूरे समाजजन ने मंत्रोच्चार और भक्ति भाव से सहभागिता की।
समाज के अध्यक्ष अशोक झंझरी एवं श्रेष्ठी जनों ने आदिनाथ भगवान का अभिषेक पूजन सौधर्म इंद्र बनकर किया। माताजी के बुखार बिंद से भगवान की शांति धारा सम्पूर्ण जीव कल्याण के लिए संपन्न हुई। दोपहर 2 बजे से दिगंबर जैन समाज एवं चातुर्मास समिति द्वारा 21,000 लड्डुओं का वितरण अहिंसा प्रवेश द्वार, गंज लाइन के समक्ष किया गया। इस अवसर पर गुरु भक्तों, मोहल्ले के वरिष्ठ जनों, शहर के गणमान्य नागरिकों एवं अहिंसा प्रेमी बंधुओं ने भाग लेकर पुण्यलाभ प्राप्त किया।
इसी क्रम में जैन आदर्श महिला मंडल द्वारा मूकबधिर बच्चों के बीच मिठाई एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया गया, जिससे सेवा और सहानुभूति का सन्देश समाज में फैला। संध्या 7 बजे दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री की संगीतमय महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने भावविभोर होकर आरती में सहभागिता की और मंदिर प्रांगण “जय आचार्य विद्यासागर महाराज” एवं “अहिंसा परमो धर्मः” के जयघोषों से गुंजायमान हो उठा।
इस पावन आयोजन में समाज के वरिष्ठ एवं गणमान्य जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, जिनमें डी.सी. जैन, अखिलेश जैन, पार्षद रानू जैन, रविकांत जैन, पंकज जैन, रिंकू झंझरी, निखिल द्विवेदी, राधावल्लभ राठी, शरद जैन, अनिल जैन, ललित जैन, रचित जैन, राजेश जैन खन्ना, सुधीर जैन मीनू, रवि जैन, धर्मेश जैन, मनोज जैन, शिरीष जैन, आलोक जैन लल्ली, कमलेश जैन, सीमा जैन, प्रियंका जैन, राजीव जैन, मुकेश जैन, नरेश नाहटा, अंशुल जैन, जितेन्द्र जैन, वंदना जैन, मीना जैन, दर्शना जैन, कल्पना जैन, सुषमा जैन, अनीता जैन, माया जैन और श्रद्धा जैन सहित बड़ी संख्या में आचार्य श्री के भक्तों ने श्रद्धापूर्वक उपस्थिति दर्ज की। पूरा परिसर आचार्य श्री की महिमा और अहिंसा के जयघोषों से भक्ति भाव में सराबोर रहा।
By- नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ। जगदलपुर के राजमहल परिसर के मीना बाजार में चल रहे मौत के कुएँ की जांच अब जनता के बीच चर्चा का विषय बन गई है। हमारी पूर्व प्रकाशित खबर के बाद RTO विभाग की उड़नदस्ता टीम ने भौतिक निरीक्षण तो किया, लेकिन जांच का हाल ऐसा रहा मानो सुरक्षा नहीं, औपचारिकता की जांच की गई हो।
टीम ने रिपोर्ट में बताया कि “सभी दस्तावेज वैध पाए गए”, पर सवाल यह है कि जिन पुरानी गाड़ियों से यह जोखिम भरा खेल चल रहा है, क्या वे तकनीकी रूप से चलने योग्य हैं? क्या किसी विशेषज्ञ ने वाहनों की फिटनेस, ब्रेकिंग सिस्टम या सुरक्षा संरचना की जांच की? रिपोर्ट में इसका कोई ज़िक्र नहीं — क्योंकि यहाँ मामला किसी आम नागरिक का नहीं, मेला प्रबंधन और रसूखदारों का है।
दोहरी नीति पर सवाल:
हैरानी की बात यह है कि सड़क पर अगर कोई गरीब मजदूर या आम व्यक्ति अपनी पुरानी मोटरसाइकिल या बिना कागज़ की गाड़ी लेकर निकल जाए, तो यही विभाग पूरा कानून सिर पर उठाकर चलानी काट देता है। उसे रोकने, डराने और वसूली करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती। लेकिन जब वही कानून मौत के कुएँ के अंदर टूटता है, तब सबकी आँखें मूँद ली जाती हैं — क्योंकि वहाँ बड़े लोगों का परिचय और रसूख काम आता है। यही विभाग जो सड़क पर आम जनता से नियम पालन की दुहाई देता है, अब खामोश है जब नियमों की धज्जियाँ उनके सामने उड़ाई जा रही हैं। क्या कानून सिर्फ गरीबों के लिए बना है? क्या विभाग की सख्ती सिर्फ उन पर दिखती है जिनका कोई सियासी या अफसरशाही परिचय नहीं होता?
स्थानीय नागरिकों की नाराज़गी:
नागरिकों ने कहा कि अगर यही लापरवाही किसी आम व्यक्ति के मामले में हुई होती तो RTO का पूरा अमला उसके पीछे पड़ गया होता। पर यहाँ विभाग ने न फिटनेस जाँची, न सुरक्षा का ब्यौरा लिया — बस फाइलें पलट कर “सब वैध है” का ठप्पा लगा दिया।
निष्कर्ष:
जिले में नियमों की परिभाषा अब चेहरों से तय होने लगी है। मौत के कुएँ में जहाँ जनता की जान दांव पर है, वहाँ प्रशासन कागज़ों में फिटनेस और रसूख में इंसाफ ढूँढ रहा है।
सवाल अब जनता पूछ रही है —
क्या कानून सिर्फ गरीबों के लिए है और सुरक्षा सिर्फ रसूख वालों की सुविधा के लिए? क्यूंकि RTO उड़नदस्ता की यह जांच साबित करती है कि विभागीय कार्यवाई अब भी कागज़ों में ही सक्रिय है। मौत का कुआँ आज भी घूम रहा है — फर्क बस इतना है कि अब यह कानून की आंखों के सामने घूम रहा है।
श्रद्धालुओं ने भावुकता के साथ माता मावली को किया विदा
By - नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व का एक अत्यंत भावुक और गरिमामय अध्याय मंगलवार को समाप्त हुआ। लगभग 75 दिनों तक चलने वाले इस अद्वितीय और अद्भुत सांस्कृतिक महापर्व की अंतिम रस्म मावली विदाई के साथ इसका समापन हो गया। हजारों की संख्या में जुटे भक्तों द्वारा अपार श्रद्धा के बीच आराध्य देवी मावली माता की डोली और छत्र को ससम्मान विदा किया गया। परंपरा के निर्वहन में माता की डोली को जगदलपुर के दंतेश्वरी मंदिर से गाजे-बाजे और भव्य शोभायात्रा के साथ साथ जिया डेरा तक ले जाया गया। इस अवसर पर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, महापौर संजय पांडे और अन्य जनप्रतिनिधियों सहित बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष बलराम मांझी, बस्तर दशहरा समिति के पारम्परिक सदस्य मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, नाईक-पाईक और कमिश्नर डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक सुन्दर राज पी, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हुई ’माई जी’ की विदाई
मां दंतेश्वरी मंदिर के समीप निर्मित आकर्षक मंच पर माई जी की डोली को रखा गया, जिसे श्रद्धालुओं ने दर्शन किया और बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव द्वारा परंपरा के अनुसार माई जी की आरती की गई। पुलिस जवानों द्वारा हर्ष फायर कर सलामी दिए जाने के बाद कमलचंद्र भंजदेव ने माई जी की डोली को अपने कंधे पर धारण किया और जिया डेरा के लिए रवाना हुए। विदाई समारोह को बेहद गरिमामय बनाया गया। राज परिवार के सदस्यों ने स्वयं मावली माता की डोली को अपने कंधों पर उठाकर इस प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया। भक्तों ने पूरे रास्ते फूलों की वर्षा कर और जयकारे लगाकर अपनी माई जी को भावभीनी विदाई दी। डोली विदाई की यह रस्म बस्तर दशहरा पर्व की समाप्ति का प्रतीक है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि 600 वर्ष से अधिक पुरानी बस्तर की समृद्ध आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन भी है। इस विदाई के साथ भक्तों ने अगले वर्ष फिर से उत्सव की शुरुआत की उम्मीद लिए देवी से क्षेत्र की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद माँगा।
श्रद्धा और सम्मान से सजी विदाई यात्रा
शोभायात्रा के दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूँज थी, वहीं माता मावली की डोली के सामने उनके साज-श्रृंगार के सामान कांवरिया कावड़ में लेकर चल रहे थे। पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर कलश धारण किए महिलाएं, इस विदाई यात्रा की शोभा बढ़ा रही थीं। पूरे मार्ग पर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह माई जी का स्वागत किया, पूजा-अर्चना की और भावुकता के साथ उन्हें विदाई दी। जिया डेरा से माता मावली की डोली एवं छत्र को एक सुसज्जित वाहन से दंतेवाड़ा के लिए रवाना किया गया।
जगदलपुर, शौर्यपथ। जन अधिकार सामाजिक कल्याण संघ छत्तीसगढ़ की बस्तर संभाग स्तरीय प्रथम बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन 5 अक्टूबर को बोधघाट, जगदलपुर में किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाना और सामाजिक सरोकारों को लेकर कार्ययोजना तैयार करना रहा।
इस संबंध में प्रदेश महासचिव विपिन कुमार तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को अवगत कराया कि बैठक का आयोजन प्रदेश अध्यक्ष दादा चंद्रिका सिंह के नेतृत्व में किया गया, जिसमें बस्तर संभाग के सातों जिलों के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बीजापुर जिला संरक्षक श्री तेलैया ने की, जबकि संचालन श्री के.के. भटनागर, जिला अध्यक्ष बस्तर ने किया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश अध्यक्ष दादा चंद्रिका सिंह ने संगठन की कार्यप्रणाली पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि संगठन जनता की आवाज़ है, जिसे शासन-प्रशासन तक पहुँचाना हमारा दायित्व है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से अपील की कि वे संगठन के 31 बिंदुओं पर समाजहित में निरंतर कार्य करते रहें और जनता की समस्याओं को पत्राचार, मुलाकात एवं संवाद के माध्यम से संबंधित विभागों तक पहुँचाएं।
बैठक में प्रदेश प्रभारी कर्मवीर सिंह जादौन, प्रदेश महासचिव कृष्ण कुमार साहू, विपिन तिवारी, सत्यभान सिंह जादौन, लाला लहरे, अनिल ठाकुर, प्रदेश उपाध्यक्ष कोटेश्वर राव चापडी, राजेश माने, महेंद्र कुमार साहू, श्रीमती सत्यशीला मेश्राम, जिलाध्यक्ष राजेंद्र पांडे, ए. सुधाकर, श्रीमती जयंती परते,श्रीमती राव, श्रीमती माधवी सरकार, श्रीमती सुनीता शोरी, श्रीमती हेमलता नेताम, अशोक जयसवाल, चंद्रिका देवांगन, तुलसीराम बघेल, जितेंद्र सेठिया, शंकरलाल श्रीवास्तव, विनय मंडल, शिवा स्वर्णकार, ईश्वर लाल कश्यप सहित बस्तर संभाग के सातों जिलों के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
बैठक के समापन पर सभी पदाधिकारियों ने निस्वार्थ भाव से जनसेवा करने एवं संगठन को मजबूत बनाने का संकल्प लिया।
0 देश—विदेश की 63 टीमें उतरी मैदान में,मशाल रैली और रंगीन गुब्बारों से हुआ भव्य शुभारंभ
राजनांदगांव। शौर्यपथ/ दिल्ली पब्लिक स्कूल, राजनांदगांव में सोमवार को सीबीएसई नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप 2025-26 का भव्य शुभारंभ उत्साह और जोश के बीच हुआ। उद्घाटन समारोह में सैनिक कैडेटों द्वारा आयोजित प्रेरणादायी मशाल रैली और रंग-बिरंगे बैलून उड़ाने के साथ कार्यक्रम की शानदार शुरुआत हुई। पूरे परिसर में खिलाड़ियों एवं अतिथियों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
इस वर्ष की प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा दुबई, कुवैत, मस्कट और ओमान की टीमें भी हिस्सा ले रही हैं, जिससे आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्राप्त हुआ है। कुल 63 टीमों के बीच होने वाले मुकाबलों को लेकर खिलाड़ियों में विशेष उत्साह देखा गया।
मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि डीपीएस के छात्र आज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। खेल केवल शारीरिक कौशल का नहीं, बल्कि अनुशासन, टीम वर्क और आत्मविश्वास का भी प्रतीक है।
चेयरमैन सौरभ कोठारी ने शिक्षा और खेल के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया, वहीं सीबीएसई ऑब्जर्वर शैलेंद्र मोहन उपाध्याय ने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता और अंतरराष्ट्रीय मित्रता की भावना को मजबूत बनाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय कोच राजेश्वर राव कालवा ने खिलाड़ियों को रणनीति, एकाग्रता और खेल भावना के महत्व पर मार्गदर्शन दिया। विद्यालय की प्राचार्या ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रतियोगिता की रूपरेखा, नियमावली और सुरक्षा व्यवस्थाओं की जानकारी दी।
यह आयोजन युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करने और उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच प्रदान करने का सशक्त माध्यम बना है। डीपीएस राजनांदगांव ने शिक्षा के साथ खेल क्षेत्र में भी अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करते हुए इस नेशनल चैंपियनशिप को सफल आयोजन का रूप दिया है। आने वाले दिनों में होने वाले रोमांचक मुकाबले खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के लिए आकर्षण और प्रेरणा का केंद्र रहेंगे।
कोंडागांव, शौर्यपथ। कोंडागांव शहर मंडल अध्यक्ष कुलवंत चहल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कोंडागांव लोकप्रिय विधायक सुश्री लता उसेंडी निरंतर क्षेत्र की जनता के लिए कार्य कर रही है नवीन कार्य के साथ ही उनकी मांगों को पूरा करने में लगी है। और करे भी क्यो नहीं जब प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने विकास की रोशनी फैलाने का जो संकल्प लिया है उसे पूरा भी कर रहे हैं। शहर मंडल अध्यक्ष कुलवंत सिंह चहल ने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद कोंडागांव में जिस गति से विकास कार्य आगे बढ़ रहे हैं, उसे देखकर कांग्रेस बुरी तरह तिलमिला उठी है। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, विकास की गंगा बह रही है, मगर कोंडागांव के कांग्रेसियों को यह सब पच नहीं रहा। उन्हें तो बस आमजन को बस सब्ज बाग दिखाना आता है, धरातल में सब शून्य है।
श्री चहल ने कहा कि कांग्रेसियों की स्थिति अब ऐसी हो गई है कि जिले में हो रहे हर विकास कार्य से उनका पेट दर्द करने लगता है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने अपने शासन में केवल दिखावा किया, ढिंढोरा पीटती रही कि विकास हो रहा है, जबकि धरातल पर कुछ नहीं था। अब जब हमारी सरकार ने कार्यों की गति तेज़ की है, तो कांग्रेसियों का खाना तक हजम नहीं हो रहा।”
उन्होंने बताया कि हाल ही में कोंडागांव की लोकप्रिय विधायक एवं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी द्वारा कई नए विकास कार्यों का भूमि पूजन किया गया, जिसे देखकर कांग्रेस के पेट में मरोड़ शुरू हो गई। बौखलाए कांग्रेसी अब प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव के 2 माह पूर्व कुछ कागजो में कुछ मंचो द्वारा तो खुद ही नारियल फोड़ लोगो को गुमराह करने का प्रपंच रचा था, यहाँ तक ये भी देखने को आया है कि कांग्रेस के पूर्व विधायक ने एक ही कार्य का पांच बार से ज्यादा एक ही कार्य का भूमिपूजन किया था। पर स्वीकृति नही ला पाए।
श्री चहल ने कहा कि कांग्रेस का दावा कि “पहले ही भूमि पूजन किया गया था” पूरी तरह भ्रामक और तथ्यहीन है। कांग्रेस शासन में यह कार्य केवल कागज़ों पर रह गया था। अब भाजपा सरकार ने उसी मार्ग का वास्तविक निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है।
श्री चहल ने व्यंग्य करते हुए कहा, लगता है विपक्ष में बैठने का ग़म अभी तक कांग्रेस के सर से उतरा नहीं, तभी उनकी याददाश्त भी कमजोर हो गई है। कांग्रेसियों ने आज फिर ओछी हरकत की उन्होंने कलेक्टर को सौपे ज्ञापन में कहा हैं कि भाजपा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नही पूछती। कभी मौके पर जाकर देखे की वहां के जनप्रतिनिधि का नाम शिलान्यास के पत्थरों पर अंकित है ।उन्होंने अपनी उपस्थित दी या नही ये उनकी जवाबदारी। इससे बेहतर होता, वे प्रेस विज्ञप्ति जारी करने से पहले पुराने स्वीकृति पत्र को एक बार पढ़ लेते की कितने कामो को स्वीकृति मिली है और कितने काम कागजो में है, जिनकी स्वीकृति विधायक महोदय के द्वारा करवाया जा रहा है।ये पब्लिक है ये सब जानती है।
0 कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के तहत पर्यवेक्षक की पत्रकारवार्ता, जिला अध्यक्ष चयन प्रक्रिया पर बोले सापरा
राजनांदगांव/शौर्यपथ / कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2025 को संगठन सृजन और सुधार का वर्ष घोषित करते हुए पूरे देश में संगठन पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की है। इसी क्रम में राजनांदगांव पहुंचे कांग्रेस पर्यवेक्षक चरण सिंह सापरा ने रविवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि अब कांग्रेस में नेतापुत्र नहीं, बल्कि भूमिपुत्र आगे बढ़ेंगे। सच्चे, निष्ठावान और जमीनी कार्यकर्ताओं को नेतृत्व में स्थान मिलेगा।
सापरा ने बताया कि अहमदाबाद में हुए कांग्रेस अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया था कि 2025 को संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने का वर्ष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य है कि जो कार्यकर्ता वर्षों से बूथ, ब्लॉक और मंडल स्तर पर पार्टी का झंडा उठाए हुए हैं, उन्हें अब नेतृत्व में लाया जाए।
उन्होंने कहा कि संगठन सृजन अभियान के तहत जिला कांग्रेस कमेटी से लेकर ब्लॉक और मंडल स्तर तक कार्यकर्ताओं की सक्रियता और जनाधार का आकलन किया जा रहा है। सापरा ने दो टूक कहा “भूमिपुत्र तो जमीनी स्तर पर मेहनत करते रहते हैं, लेकिन नेतापुत्र पदों पर पहुंच जाते हैं — अब यह अंतर खत्म होगा,” ।
सापरा ने यह भी स्पष्ट किया कि नए जिला अध्यक्षों की जवाबदेही तय की जाएगी। यह पद अब स्थायी नहीं रहेगा, परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा तो बदलाव संभव है। पत्रकारवार्ता के दौरान सापरा ने भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश में ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति फैला रही है। कांग्रेस संगठन इस नफरत के खिलाफ तिरंगे के साथ खड़ा रहेगा।
उन्होंने बताया कि वे जिले के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। सापरा ने कहा हम सिर्फ पदाधिकारियों से नहीं, हर उस साधारण कार्यकर्ता से मिल रहे हैं जो कांग्रेस के विचार और झंडे के साथ खड़ा है। यही सच्ची लोकतांत्रिक प्रक्रिया है।
प्रेस वार्ता में सह-पर्यवेक्षक विधायक संदीप साहू, विधायक भोलाराम साहू, पीसीसी उपाध्यक्ष वीरेश ठाकुर, पीसीसी महामंत्री शाहिद भाई, जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा, भागवत साहू, पूर्व मंत्री धनेश पाटिला, प्रदेश प्रवक्ता रूपेश दुबे, सूर्यकांत जैन, कमलजीत पिंटू, पूर्व महापौर हेमा देशमुख, संयुक्त सचिव आफताब आलम तथा पूर्व विधायक भुनेश्वर बघेल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
इटावा। शौर्यपथ। कालका एक्सप्रेस के इंजन से एक ‘फर्जी लोको पायलट’ को गिरफ्तार किया गया है, जिसने रेलवे सुरक्षा तंत्र को हिला कर रख दिया। लोको पायलट की वर्दी, नकली आईडी कार्ड, लाल-हरी झंडी और लॉगबुक के साथ पकड़ा गया युवक आकाश कुमार दो साल से ट्रेनों के इंजनों में सफर कर रहा था।
*किराया बचाने का बहाना या कुछ और?*
फिरोजाबाद के कौसल्या नगर निवासी आकाश ने दावा किया कि वह ट्रेन का किराया बचाने के लिए यह सब करता था। लेकिन रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञ इसे सिर्फ ‘किराया बचाने की चाल’ मानने को तैयार नहीं। जीआरपी को शक है कि इसके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है, जो बेरोजगार युवाओं को ठग रहा हो।
*रेलवे सुरक्षा पर सवाल*
यदि यह युवक असली लोको पायलट बनकर ट्रेन चलाने की कोशिश करता, तो हजारों यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती थी। जीआरपी ने युवक को जेल भेज दिया है और उसके पीछे की साजिश की गहराई से जांच शुरू कर दी है।
क्या आकाश वाकई अकेला था या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है? पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है।