July 02, 2025
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दुर्ग

दुर्ग (4727)

दुर्ग / शौर्यपथ / यातायात विभाग और आरटीओं विभाग को लोगों की जान की परवाह बिल्कुल नही है। कहीं भी ये केवल दोपहिया वाहन वालों को कभी हेलमेट के नाम पर तो कभी कुछ के नाम पर चालान काटने तक ही सीमित है, लोग मरे तो मरे इनको क्या करना। भारी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य है ताकि उनके तेज गति पर नियंत्रण लग सके, लेकिन आरटीओं के अधिकारियों और कर्मचारियों को केवल शहर के भारी वाहनों खासतौर से हाईवा वालों से केवल मंथली से मतलब है। लोग मरे चाहे जाये चुल्हा भाड़ में की तर्ज पर केवल ये लोग कार्य कर रहे हैं।
पिछले कई सालों से सबसे अधिक अवैध और वैध सामानों की ढुलाई सबसे अधिक हाईवा वाहनों से ही हो रही है, और इनकी गति पर नियंत्रण नही हेै, ये ब्रेकर हो, गड्डा हो, चाहे सामने कोई हो, उनको कुचलते दबाते जल्दी निकलने से मतलब है। जबसे हाईवा वाहनों की शहरी और शहरी क्षेत्र से लगे गांवों में बाढ आई है तब से हाईवा लोगों के जान का काल बन गया है। आये दिन हाईवा के चपेट में आकर लोग मर रहे है।
आरटीओं विभाग कभी ये देखने या जांच करने नही जाते कि जीपीएस सिस्टम लगा है कि नही लगा है तो उसमे छेड़छाड़ तो नही किया गया है, यहां तब कि जब फिटनेट चेक कराने गाड़ी आती है वहां भी आपसी लेनदेन कर बिना जीपीएस के जांच के फिटनस ओके कर दिया जा रहा है। इस लापरवाही के कारण लोगों की जान जा रही है और तेज रफ्तार हाईवा के कारण लोग असमय काल की गाल में समा रहे हैं।
इसी प्रकार का आज फिर एक मामला सामने आया है कि पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना के भाई अशोक कुमार बाफना की तेज रफ्तार हाईवा क्रमांक सीजी 07 बीडी 0780 ने आज प्रात: दस बजे बागडूमर के पास सायकल से जा रहे पति पत्नी को जोरदार ठोकर मार दिया जिससे घटना स्थल पर ही साठ वर्षीय मोतीन बाई की मौत हो गई वहीं उसका पति माखन सिंह दूर फेंका गया जिससे उसको मामूली चोट आई और पतिबच गया। बताया जाता है कि पति माखन सिंह अपनी पत्नी मोतिन बाई को सायकल पर बिठाकर अपनें गांव से केनरा बैंक रूपये निकालने जा रहा था।

दुर्ग / शौर्यपथ / प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने सृमीक्षा बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा कोविड केअर पर की। उन्होंने कहा कि कोविड मरीजों को संक्रमण के दायरे से बाहर लाना, उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराना अभी सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है। अस्पतालों में व्यवस्था मुकम्मल होनी चाहिए। साफ सफाई लगातार होती रहे। भोजन आदि का समय बिल्कुल नियमित बना रहे। गंभीर मरीजों की स्थिति पर विशेष नजर रखें। अतिरिक्त वेंटिलेटर का इंतजाम भी कर लें। सीटी स्कैन की व्यवस्था भी मुकम्मल हो। मंत्री ने कहा कि कोविड के लिए स्टीम, गर्म पानी वगैरह बहुत उपयोगी होते हैं। यह व्यवस्था होती रहे। खाने की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। बैठक में सांसद विजय बघेल, संभागायुक्तटीसी महावर, आईजी विवेकानंद सिन्हा, सीएफ श्रीमती शालिनी रैना, कलेक्टर डॉ. सवृर्1ेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी प्रशांत ठाकुर, नगर निगम आयुक्त भिलाई ऋतुराज रघुवंशी, जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक एवं अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे, बीबी पंचभाई उपस्थित थे। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग हो रही है। खाने की गुणवत्ता देखने अधिकारी औचक निरीक्षण करते हैं। साफ सफाई के लिए टीम लगाई गई है। व्यवस्था की बेहतरी के लिए निरंतर जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों से मिले फीडबैक के मुताबिक कार्य कर रहे हैं। विधायक श्री अरुण वोरा ने टेस्टिंग बढ़ाने तथा कोविड संक्रमण को रोकने अन्य सुझाव भी दिए।
कलेक्टर ने बताया कि कोविड वारियर इस आपदा से जूझने पूरे समय लगे हैं। हम लगातार संक्रमित क्षेत्रों का सर्वे कर रहे हैं और सैंपल ले रहे हैं। इसे तेजी से बढ़ाया गया है और आगे भी संक्रमण को थामने की दिशा में अधिकाधिक टेस्ट का लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि मरीजों की सुविधा और उनके बेहतर उपचार के लिए सभी प्रभावी कार्य सुनिश्चित हो। इस संबंध में जो निजी अस्पताल प्रोटोकॉल के मुताबिक कार्य करना चाहें उन्हें भी प्रोत्साहित करें। मंत्री ने कहा कि सैनिटीजशन का कार्य बेहद अहम है। इसकी मॉनिटरिंग होती रहे।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी वीसी के माध्यम से कुछ देर के लिए बैठक से कनेक्ट हुए। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के दौरान कोरोना संक्रमण को रोकने में पुलिस ने बड़ी भूमिका निभाई। ऐसे संक्रमित कोरोना वारियर के इलाज पर भी लगातार नजर रखें। साथ ही जेल में भी संक्रमण की स्थिति पर नजर रखें।
बैठक में मंत्री ने अन्य विभागों की समीक्षा भी की। उन्होंने गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखने की बात कही। सुपोषण अभियान के लक्ष्यों पर नजर रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को सुपोषित रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। मंत्री ने कानून एवं व्यवस्था के अतिरिक्त अन्य विषयों पर भी गहन चर्चा की। मंत्री ने कहा कि कोविड नियंत्रण के साथ ही रोजगारमूलक गतिविधि को भी बढ़ावा दिया जाए। मंत्री ने कहा कि नागरिकों की बुनियादी समस्या हल करना सबसे पहली प्राथमिकता है। कोविड काल में रेस्पॉन्स सिस्टम पर सबसे ज्यादा काम करें, इससे संक्रमण को थामने में काफी मदद मिलेगी।

भिलाई / शौर्यपथ / चरोदा रेलवे में इन दिनों कोविड-19 के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां के अधिकारी सेनेटाईज कराने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने सहित अन्य एहतियात बरतने के प्रति बिलकुल लापरवाही और उदासीन बने हुए है। रेलवे के चरोदा स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड के एक सीनियर सेक्शन इंजीनियर की कोरोना के मौत और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद भी भारी लापरवाही बरती जा रही है, यहां कोरोना संक्रमण रोकने कोई उपाय नहीं बरतने से रेलवे के चरोदा स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड में कार्य करने वाले कर्मचारियों का गुस्सा आज फूट पड़ा और यहां सामान्य पाली में काम करने वाले करीब 2 सौ कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया और डीईई शशांक कोष्टा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इन कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि लोको शेड में सीनियर सेक्शन इंजीनियर रहे देवकुमार सोनवानी की 30-31 सितंबर की दरम्यानी रात तबियत बिगडऩे के बाद अस्पताल ले जाने पर मौत हो गई थी। बाद में कोरोना जांच में सोनवानी के संक्रमित होने की पुष्टि हई थी। बावजूद इसके लोको शेड में संक्रमण रोकने के लिए न तो सेनिटाइजर का छिड़काव किया गया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के प्रति अधिकारियों ने किसी तरह की दिशा-निर्देश जारी किया। इससे पहले लोको शेड के सेक्शन ई-6 जूनियर इंजीनियर रुस्तम राय की जांच रिपोर्ट में भी 28 अगस्त को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। रुस्तम राय अभी चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर सेंटर में भर्ती है। लेकिन बताया जा रहा है कि 27 सितंबर को रुस्तम राय 4 से 5 सेक्शन में जाकर लोको रिपेयरिंग का काम करता रहा। वहीं अनेक कर्मचारियों की मौजूदगी में शेड के अंदर हुए बैठक में भी उसने हिस्सा लिया था। वहीं लंग्स में संक्रमण के चलते नारायणा हास्पिटल में भर्ती वरिष्ठ अनुभाग अभियंता ए प्रसाद राव भी कोरोना संक्रमण के संदेह के घेरे में है। इन हालातों के बावजूद लोको शेड का न तो सैनिटाइजेशन हुआ और न ही रेलवे के दूसरे विभागों की तर्ज पर सुरक्षा का कोई उपाय अपनाया गया है।
अधिकारी लागू किये 50 प्रतिशत कर्मचारियों से बारी बारी काम लेने का नियम
रेलवे बोर्ड द्वारा कोरोना संक्रमण की संभावना के चलते 50 प्रतिशत उपस्थिति का नियम लागू किया गया है। लेकिन इसका पालन केवल कार्यालयीन कर्मचारियों पर लागू होने से इलेक्ट्रिक लोको शेड के कर्मचारियों को कोरोना काल से पहले की तरह ही प्रतिदिन ड्यूटी करनी पड़ रही है। अब जब कर्मचारियों का आक्रोश फूट पड़ा है तो आज पूरे लोको शेड को सेनिटाइज करने व शनिवार 5 सितंबर को काम के अनुसार कर्मचारियों की ड्यूटी सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया गया है। इसके बाद सोमवार से सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए काम लेने का भरोसा अधिकारियों ने दिया है।
लगभग आठ सौ कर्मचारी है यहां कार्यरत
बीएमवाय चरोदा के इलेक्ट्रिक लोको शेड में तकरीबन 800 कर्मचारी कार्यरत है। यहां पर रेलवे के इलेक्ट्रिक लोको इंजन का रखरखाव व मरम्मत होता है। कर्मचारियों की माने तो कोरोना संक्रमण का दस्तक पड़ते ही देश व प्रदेश के अनेक निजी व सरकारी इकाईयों में काम बंद हो गया, लेकिन इलेक्ट्रिक लोको शेड में पूर्ववत कामकाज चलता रहा। डिविजनल इलेक्ट्रिक अभियंता शशांक कोष्टा के द्वारा शेड का कभी भी सैनिटाजेशन या फागिंग नहीं कराया गया। जबकि पीपी यार्ड सहित आसपास के अन्य शेड में निश्चित समयावधि के बीच सेनिटाइजर का छिड़काव व फांगिंग होता रहा है।

दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना की त्रासदी से निपटने के लिए अविलंब निर्णय प्रशासन द्वारा लिए जा रहे हैं। आज सेक्टर 9 हॉस्पिटल में भी कोविड यूनिट आरम्भ करने का निर्णय लिया गया। इसमें 25 बेड होंगे। इसमें आईसीयू एवं एचडीयू की सुविधा भी होगी। इस संबंध में इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीएसपी प्रबंधन के साथ मिलकर चर्चा की। चर्चा के पश्चात निर्णय लिया गया कि कोविड मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सेक्टर 9 हॉस्पिटल में कोविड यूनिट आरंभ किया जाए। इस कोविड यूनिट में 25 बेड होंगे, इसमें गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू की सुविधा भी होगी। इससे बीएसपी प्रबंधन में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा।
कलेक्टर ने बीएसपी प्रबंधन के साथ मिलकर आज अस्पताल में कोविड यूनिट के लिए प्रोटोकॉल के मुताबिक आवश्यक सुविधाओं पर चर्चा की। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि इसके लिए प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी सामग्रियां उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन की जरूरतों से संबंधित, साथ ही कोरोनावारियर्स के लिए की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण पीपीई किट वगैरह सभी सुविधाएं इस केंद्र में उपलब्ध होंगे। उल्लेखनीय है कि परसों ही 6 निजी अस्पतालों को भी जिला प्रशासन ने कोविड के मरीजों के इलाज की अनुमति दी है यह सुविधा उन मरीजों के लिए है जो शासकीय अस्पतालों में इलाज का लाभ नहीं लेना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि शासकीय अस्पतालों में मरीजों का इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है। जिला प्रशासन लगातार कोविड मरीजों के इलाज की निगरानी एवं उन्हें दी जा रही सुविधाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है।
कल ही विधायक देवेंद्र यादव, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं अन्य अधिकारियों ने कोविड केयर सेंटर कचांदूर एवं शंकराचार्य हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि निजी अस्पतालों के आरंभ होने से इलाज की अतिरिक्त क्षमता जिले में उत्पन्न हुई है। जिला प्रशासन द्वारा तेजी से कोविड संक्रमण को थामने के संदर्भ में निर्णय लिए जा रहे हैं कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य तेज किया जा चुका है। हर दिन लगभग हजार सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके पश्चात मरीजों को अस्पताल पहुंचाने एवं इनके प्राइमरी कांटेक्ट की व्यवस्था की जा रही है। कलेक्टर ने सभी निगम अधिकारियों को एवं पंचायत अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया है कि हॉटस्पॉट एरिया में किसी भी तरह से कोताही नहीं बरतें, संक्रमण को उन्हीं स्थानों तक सीमित रखने की दिशा में काम करना है।
जहां पर संक्रमण के बड़े पैमाने पर मामले सामने आ रहे हैं। वहां पर तेजी से सर्वे कार्य किया जा रहा है। जिन लोगों को सर्दी खांसी की शिकायत आ रही है उनके सैंपल भेजे जा रहे हैं साथ ही डेटाबेस के माध्यम से इसकी मॉनिटरिंग भी लगातार की जा रही है। इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी एक बड़ा निर्णय लिया गया है। काढ़ा वितरण के महा अभियान जिला प्रशासन द्वारा चलाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्टॉल लगाकर काढ़े के वितरण करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं।

भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के राजभाषा विभाग द्वारा राजभाषा माह का शुभारंभ शुक्रवार 04 सितंबर को कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन सभागार में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। इस उदघाटन समारोह सह काव्य पाठ के मु य अतिथि कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासनसुरेश कुमार दुबे थे एवं विशिष्ट अतिथि महाप्रबंधक प्रभारी (कार्मिक) सुश्री निशा सोनी,एवं अध्यक्षता, महाप्रबंधक संपर्क प्रशासन एवं जनसंपर्क जेकब कुरियन ने की तथा इस कार्यक्रम का संयोजन उप महाप्रबंधक (संपर्क एवं प्रशासन) एवं राजभाषा प्रभारी श्री सौमिक डे की।
कार्यक्रम में उप महाप्रबंधक संपर्क एवं प्रशासन एवं राजभाषा प्रभारी सौमिक डे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सितंबर माह को राजभाषा पखवाड़ा के रूप में मनाने के लिए संयंत्र स्तरीय विभिन्न प्रतियोगिताओं की रूपरेखा प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने बताया कि 08 सितंबर, 2020 को तात्कालिक निबंध लेखन प्रतियोगिता के रूप में प्रथम प्रतियोगिता आयोजित होने जा रही है, जिसके पश्चात 10 सितंबर को काव्य लेखन, 16 सितंबर 2020 को संयंत्र के महिला कार्मिकों हेतु चित्र देखो-कहानी लिखो एवं 18 सितंबर को क्विज प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। सभी प्रतियोगिताओं में प्रविष्टियाँ सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार की जायेगी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष जेकब कुरियन ने कहा कि आप सभी जानते ही हैं कि प्रतिवर्ष सितंबर माह में संयंत्र प्रबंधन द्वारा राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। किंतु इस वर्ष परिस्थितियां कुछ अलग व विपरीत भी हैं इसलिए हमने इन प्रतियोगिताओं का तरीका बदला है किंतु मुझे पूरा विश्वास है कि इससे इनमें भाग लेने वाले हमारे संयंत्र के हिंदी प्रेमी कार्मिकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आएगी, क्योंकि यूनिकोड एवं गूगल वायस टाइपिंग जैसे टूल्स के माध्यम से अब आप बहुत ही आसानी और सरलता से अपनी विचारों को देवनागरी लिपि में प्रकट कर सकते हैं और यही इस राजभाषा पखवाड़े का उद्देश्य भी है। हम बिना किसी झिझक के, बिना किसी परेशानी के हिंदी के प्रचार-प्रसार में जितना सहयोग कर सकते हैं, करें।
उद्घाटन समारोह में संयंत्र के कार्मिक क िकिशोर तिवारी,आलोक शर्मा एवं हेमंत जगम द्वारा स्वरचित कविताओं का पाठ कर सभागार एवं विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की वाह-वाही लुटी। कवियों को कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जेकब कुरियन द्वारा सम्मानित किया गया। अंत में आभार-प्रदर्शन कर इस उद्घाटन समारोह का समापन किया गया, जिसमें राजभाषा विभागीय टीम ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई सेक्टर 6 में बन रहे नए इंग्लिश मीडियम स्कूल का निरीक्षण आज स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने किया! इस दौरान जिले के कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी उपस्थित रहे! सेक्टर 6 इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए किए जा रहे मॉडिफिकेशन कार्य का जायजा उन्होंने लिया! निरीक्षण में उन्होंने पेंटिंग कार्य, शौचालय, खिड़की, दरवाजे, खेल मैदान, पार्किंग एरिया आदि का जायजा लेकर अधिकारियों को उचित निर्देश दिए! श्री शुक्ला ने बायोलॉजी, केमिस्ट्री एवं फिजियोलॉजी लैब का भी निरीक्षण किया! लाइब्रेरी एवं कक्षाओं में पहुंचकर वेंटीलेशन की व्यवस्था देखी! उन्होंने प्राइमरी स्कूल के बच्चों के द्वारा बनाए गए शिक्षा संबंधी प्रेरणादायक आर्ट को देखकर इसकी तारीफ की !
उल्लेखनीय है कि भिलाई में दो इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने हैं खुर्सीपार के अंडा चौक स्थित स्कूल एवं सेक्टर 6 स्कूल का मोडिफिकेशन किया गया है! सेक्टर 6 स्थित स्कूल में फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी लैब को एक नए रूप में तैयार किया गया है ताकि विद्यार्थी आसानी से अपने प्रैक्टिकल कार्य यहां पर कर सकें! लैब में गैस कनेक्शन, प्लेटफार्म, वाटर सप्लाई, इक्विपमेंट को सुरक्षित रखने के लिए छोटे-छोटे खंड तैयार किए गए है! लाइब्रेरी में विद्यार्थियों की क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें पूर्व से लगे हुए पार्टीशन को हटाया गया है! पहले छतों से सीपेज की शिकायत प्राप्त होती थी जिसे फ्लोरिंग कर ठीक किया गया है! स्कूल को आकर्षक बनाने के लिए बरामदा में पेंटिंग की गई है! बच्चे बारिश में भी प्रार्थना कर सकें इसके लिए बरामदा में लाइट लगाई गई है!
स्कूल के पीछे पहले कचरा पसरा रहता था और टूटी हुई सेप्टिक टैंक थी जिसे सफाई करा कर इसे खेल मैदान के रूप में विकसित किया जा रहा है, पानी जमा होने के कारण बीएसपी के मेन सीवर लाइन से जोड़ा गया है जिसके कारण यह क्षेत्र खेल मैदान के लिए तैयार हो रहा है! शौचालयों का संधारण कर दरवाजा इत्यादि को व्यवस्थित कर दिया गया है! क्लास रूम में बैठक के लिए कुर्सी टेबल की उचित व्यवस्था की गई है! डॉ आलोक शुक्ला ने स्कूल के निरीक्षण के पश्चात कलेक्टर भूरे एवं निगमायुक्त रघुवंशी से स्कूल के शैक्षणिक विकास के संबंध में चर्चा की! निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल, जोन आयुक्त महेंद्र पाठक, सहायक अभियंता सुनील जैन, उप अभियंता श्वेता महेश्वर एवं स्कूल स्टाफ मौजूद रहे!

दुर्ग ( चरोदा ) / शौर्यपथ / दुर्ग-भिलाई ही नही पूरे प्रदेश और देश में कोरोना संक्रमितों की अप्रत्यासित वृद्धि हो रही है। इसके कारण अब लोगों में दहशत भी फैलने लगा है। इसी दहशत में बिते शाम एक युवक की मौत हो गई। भिलाई-चरोदा नगर निगम के ग्रामीण वार्ड सोमनी में गुरुवार की शाम को एक अच्छे खासे स्वस्थ्य युवक की सदमें से इसलिए मौत हो गई कि उसके मां, पिता व दादा में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई थी, उसके बाद यह युवक बहुत ही सदमे में आ गया और इसके कारण उसको हार्टअटेैक हो गया जिससे उस युवक की मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते 31 अगस्त को सोमनी गांव के एक अधेड़ व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इस व्यक्ति को उपचार हेतु भेजने के बाद चाृर सितंबर को परिवार के अन्य सदस्यों का सेम्पल लेकर रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया। इसमें 31 अगस्त को संक्रमित व्यक्ति के बुजुर्ग पिता तथा पत्नी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। जबकि पुत्र, उसकी पत्नी व उनके बच्चे में कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं मिला। लेकिन दादा, पिता व मां में कोरोना संक्रमण का पता चलते ही निगेटिव होने के बावजूद युवक में घबराहट बढऩे लगी और शाम 7.30 बजे के आसपास घर पर ही तबियत बिगडऩे से उसने दम तोड़ दिया।
इस अप्रत्याशित घटना को लेकर सोमनी गांव में नाराजगी का आलम है। लोगों का नगर निगम प्रशासन व स्वास्थ्य विभभाग पर आरोप है कि 31 अगस्त को परिवार के एक सदस्य में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो जाने के बाद घर का सेनिटाइजेशन नहीं कराया गया। वहीं परिवार के सदस्यों की जांच में भी चार दिन की अतिरिक्त समय लिया जाना घातक साबित हुआ।

भिलाई / शौर्यपथ / कचांदुर स्थित कोविड सेंटर में इन दिनों यहां के मरीज गंदगी से काफी परेशान हैं। वार्डों में टायलेट गंदे होने के साथ ही कमोड टूट फूट गए हैं जिससे यहां के मरीजों को काफी दिक्कतोंं का सामना करना पड़ रहा है। कोविड सेंटर में खाने की गुणवत्ता पर तो ध्यान दिया जा रहा है लेकिन वार्डों की सफाई व टॉयलेट की गंदगी पर किसी का ध्यान नहीं है। रही डॉक्टरी परीक्षण की तो सुबह एक बार डॉक्टर का आगमन होता है उसके बाद मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है।
बता दें कि कचांदुर स्थित चंदुलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नि:शुल्क कोविड सेंटर बनाया गया हैं। यहां जिले के कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कोविड सेंटर में मरीज वार्डों की गंदगी से परेशान हैं। यहां के कुछ मरीजों ने वार्डों में सफाई व टॉयलेट की गंदगी को लेकर शिकायत की है। मरीजों का कहना है कि यहां भोजन की व्यवस्था काफी अच्छी की गई है। सुबह के नास्ते से लेकर दोपहर व रात का खाना बेहतर आता है लेकिन टॉयलेट की सफाई करने के लिए सफाई कर्मी नहीं आ रहे हैं। यही नहीं टॉयलेट के कमोड तक टूट गए हैं। एक टॉयलेट का इस्तेमाल 30 से 40 मरीज कर रह हैं। कोरोना मरीजों को अलग अलग टॉयलेट इस्तेमाल किए जाने का निर्देश है लेकिन यहां एक वार्ड में केवल दो टॉयलेट हैं और वे भी गंदे और टूटे फूटे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसे टॉयलेट का उपयोग कर मरीज स्वस्थ्य होंगे या और ज्यादा बीमार पड़ेंगे। आज की कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे व एसपी प्रशांत ठाकुर ने कोविड सेंटर का औचक निरीक्षण भी किया और भोजन की गुणवत्ता जांचने कोरोना मरीजों को दिया जाने वाला खाना भी खाया और संतुष्ठि जताई। साथ ही सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए। इस दौरान महापौर भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव व आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी भी मौजूद रहे। अब देखना यह है कि कलेक्टर के निर्देशका कितना असर होता है। यहां की इस अव्यवस्था के कारण मरीज बेहद हलाकान है।

दुर्ग / शौर्यपथ / जिले में काढ़ा वितरण को लेकर महा अभियान चलाया जाएगा। निगम में वार्डों में एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्टाल लगाकर काढ़े का वितरण किया जाएगा कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि आयुष विभाग द्वारा जो काढ़ा बताया गया है वह प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोगी है। लोगों तक सामग्री उपलब्ध हो तथा काढ़ा बनाने की विधि भी लोगों को मालूम हो जाए इस संबंध में व्यापक अभियान जिला प्रशासन द्वारा चलाया जाएगा। कलेक्टर ने इस संबंध में व्यवस्था बनाने के निर्देश निगम के एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।
कलेक्टर ने कहा कि कोविड की बीमारी से लडऩे के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के साथ ही मास्क पहनना एवं सैनिटाइजेशन का पालन करना बेहद आवश्यक है, इसके साथ ही प्रतिरोधक क्षमता को लेकर कार्य करना भी आवश्यक है। इस संदर्भ में आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किए गए निर्देश उपयोगी हो सकते हैं। इसके मुताबिक काढ़े को अधिकाधिक लोगों तक उपलब्ध किया जाए ताकि पप्रतिरोधी क्षमता के माध्यम से कोविड की बीमारी से स्वयं को प्रतिरोधी बनाने में मदद मिल सके। कलेक्टर ने आज निगम के एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को कोविड संक्रमण को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने और किसी तरह की चूक नहीं करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह से चूक नहीं होनी चाहिए। जो लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं उनकी सतत मॉनिटरिंग होनी चाहिए। कोविड के मरीजों की प्राइमरी कांटेक्ट की ट्रेसिंग बहुत जरूरी है। इसके साथ ही जल्द से जल्द इनकी टेस्टिंग भी जरूरी है। टेस्टिंग के नतीजे आते ही इन्हें तय समय अवधि में अस्पताल में शिफ्ट किया जाना जरूरी है जो लोग शासकीय अस्पतालों की सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं उनका निशुल्क इलाज शासकीय अस्पताल में किया जाएगा।
जो लोग इसके इच्छुक नहीं है वह प्रशासन द्वारा चिन्हांकित निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष अलर्ट में रहे जहां कहीं से भी पॉजिटिव होने अथवा किसी कोविड मरीज के मृत होने की सूचना मिलती है। वहां पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। कलेक्टर ने कहा कि कोविड केयर सेंटर में भी मरीजों के प्रभावी इलाज पर नजर रखें। मरीजों की सुविधा का हर तरह से ध्यान रखें। कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार कार्य करें, साथ ही जो मरीज डिस्चार्ज हुए हैं। उन्हें घरों तक पहुंचाने की सुविधा भी उपलब्ध कराएं। डिप्टी कलेक्टर सुश्री प्रियंका वर्मा ने बताया कि डिस्चार्ज मरीजों के लिए निगम द्वारा दो बसें उपलब्ध कराई गई है। कल 74 कोविड मरीज डिस्चार्ज हुए जिन्हें घर तक बसों के माध्यम से विदा किया गया। कलेक्टर ने कहा कि जो लोग होम आइसोलेशन में है उनकी विशेष रूप से मॉनिटरिंग की जाए।
सर्दी खांसी के मरीजों के लिए सर्वे का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए, इनका सैंपलिंग का कार्य भी तेजी से किया जाए , जिन क्षेत्रों में सर्दी खांसी के अधिक मरीज आ रहे हैं उन्हें चिन्हांकित किया जाए एवं इन क्षेत्रों में विशेष रूप से अभियान चलाकर लगातार लोगों के स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग की जाए।

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