December 07, 2025
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दुर्ग

दुर्ग (4885)

भिलाई नगर/ शौर्यपथ / महापौर एवं भिलाई नगर विधायक यादव की पहल पर सेक्टर 9 वार्ड 68 के क्षेत्रों में सोलर एलइडी लाइट लगाई गई है, जिसकी रोशनी से पूरा वार्ड क्षेत्र प्रकाशमान हो गया है! सोलर एलइडी लाइट लगाने की यह योजना अनुसूचित जाति बाहुल्य के क्षेत्रों के लिए है! महापौर श्री यादव ने शासन की इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र के रहवासियों को दिलाने के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग को पत्र प्रेषित कर पहल किया था!
निगमायुक्त श्री ऋतुराज घुवंशी ने विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही कार्य आदेश जारी करने के निर्देश जोन क्रमांक 5 के अधिकारियों को दिए थे ! जिसके मुताबिक कार्य आदेश जारी कर कार्य पूर्ण कर लिया गया! 17 लाख 80 हजार की लागत से 47 नग पोल सहित सोलर एलइडी लाइट लगाई गई है! एक एलईडी लाइट 24 वाट केपेसिटी की है! 6 मीटर लंबा पोल में लगा हुआ यह लाइट वार्ड क्षेत्र को रोशन कर रहा है!
विद्युत की बचत के साथ ही 5 साल का फ्री मेंटेनेंस भी सोलर एलइडी लाइट होने के कारण विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता नहीं है जिससे विद्युत की बचत होगी साथ ही इसकी खासियत यह है कि सूर्य की किरणें पड़ने के साथ ही यह लाइट ऑटोमेटिक बंद हो जाती है और शाम को अंधेरा होते ही स्वयं चालू हो जाती है! इसमें लगे हुए बैटरी सूर्य के प्रकाश से चार्ज होते हैं और वार्ड 68 के क्षेत्रों को भरपूर रोशनी प्रदान कर रहे हैं! 5 साल की वारंटी के साथ इसका मेंटेनेंस भी फ्री में होगा इसके लिए मैसर्स चार्टर्ड इंजीनियर एंड ट्रेडिंग इंटरप्राइजेज को कार्य आदेश दिया गया था! अनुसूचित जाति बाहुल्य एरिया में इस प्रकार की एलईडी लाइट लगाने की योजना थी इसके लिए सर्वे किया गया था! इसीलिए इस योजना का लाभ महापौर के प्रयासों से वार्ड क्रमांक 68 हॉस्पिटल सेक्टर के रहवासियों को मिल रहा है!
लाइट लगाने के पहले दिन ही गुल हुआ बिजली लेकिन हॉस्पिटल सेक्टर क्षेत्र में रही भरपूर रोशनी वार्ड क्रमांक 68 की वार्ड पार्षद दिनशा तुमाने ने बताया कि जिस दिन सोलर एलईडी लाइट लगाई गई थी उसी दिन उनके वार्ड क्षेत्र में बिजली चली गई! परंतु सोलर लाइट होने के कारण हॉस्पिटल सेक्टर के क्षेत्र में भरपूर रोशनी रही! इसके लिए क्षेत्र वासियों में काफी उत्साह था और उन्होंने महापौर एवं निगम प्रशासन आभार व्यक्त किया! उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के 70% लोग यहां पर निवासरत है पहले यहां अंधेरा पसरा रहता था लेकिन अब इस क्षेत्र में कभी भी अंधेरा नहीं रहेगा! हॉस्पिटल सेक्टर के एसएसए स्ट्रीट 7, 8, 9, 10 एवं 11, हॉस्पिटल सेक्टर मार्केट क्षेत्र में, झुग्गी झोपड़ी क्षेत्र में तथा उद्यानों में सोलर एलईडी लाइट लगाई गई है!

दुर्ग / शौर्यपथ / महापौर धीरज बाकलीवाल के प्रयास और सक्रियता से जी ई रोड मुख्य मार्ग की बंद लाईटों में सुधार कार्य कर प्रकाश व्यवस्था ठीक किया गया। इसके लिए भिलाई निगम से स्काई लिफ्ट मंगवायी गई और तत्काल बंद लाईटों को चालू किया गया ।
उल्लेखनीय है कि जी ई रोड मुख्य मार्ग में लगभग 40 से 50 लाईटें बंद होने के कारण रात्रि मे ंअंधेरा रहता था। इसकी सूचना शिकायत आम जनता ने महापौर बाकलीवाल से किये है उन्होनें मुख्यमार्ग में बंद लाईटों को ठीक करने निगम अधिकारियों को निर्देश दिये। निगम अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग निगम का स्काई लिफ्ट खराब होने के कारण लाईटों को ठीक नही ंकर पा रहे हैं। महापौर बाकलीवाल ने जिला कलेक्टर को समस्या से अवगत कराते हुये भिलाई निगम के आयुक्त से बात कर स्काई लिफ्ट की व्यवस्था की । विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने आज जी ई रोड मुख्य मार्ग में अब तक 20 खराब लाईटों को बदलकर प्रकाश की व्यवस्था की है वहीं बंद 9 लाईटों के वायरिंग में फ्ाल्ट होने से उसमें सुधार कार्य किया गया।

भिलाई नगर/शौर्यपथ/ महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव जोन क्रमांक 4 के अंतर्गत संचालित गोबर खरीदी केंद्र पहुंचे वहां पर उन्होंने गोबर से बन रहे विभिन्न उत्पादों को देखकर महिलाओं के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की! और महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए फौरन 100 पैकेट दीया तैयार करने का ऑर्डर भी दे दिया! एक पैकेट में छोटी एवं बड़ी गणेश की प्रतिमा, कमल स्वरूप बना हुआ डेकोरेशन मूर्ति, छोटे एवं बड़े विभिन्न प्रकार का दीया सम्मिलित है! उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की महत्वकांक्षी योजना है, गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने के साथ ही इनसे बने उत्पादों को तैयार कर महिलाएं अपने आय में वृद्धि कर रही है! महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए इस योजना से जोड़ा गया है ताकि इन्हें रोजगार मिले और इनकी आर्थिक स्थिति में और सुधार हो सके! महापौर यादव एवं निगमायुक्त ऋतुराज रघुवंशी लगातार गोबर खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं! खुर्सीपार में स्थित गोबर खरीदी केंद्र में महिलाएं प्रतिदिन 10000 दीया 1 दिन में तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रही है! दीया के साथ ही दीपावली का त्यौहार को देखते हुए लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा, और अन्य प्रकार की सीनरी इत्यादि बना रही है! समिति की अध्यक्ष भारती पखाले ने बताया कि महिलाओं ने छोटे-बड़े डेढ़ लाख दीया तैयार कर लिए हैं और लगभग एक लाख दीया खरीदी के लिए आर्डर मिल चुका है! उल्लेखनीय है कि कई पशु पालक पहले गोबर को इधर-उधर फेंक दिया करते थे परंतु शासन की महत्वकांक्षी योजना से जुड़कर आज लाभ अर्जित कर रहे हैं! इस दौरान जोन आयुक्त जोन क्रमांक 4 अमिताभ शर्मा, कार्यपालन अभियंता संजय बागड़े, सहायक अभियंता अखिलेश चंद्राकर, उप अभियंता नितेश मेश्राम एवं चंद्रकांत साहू मौजूद रहे!

दुर्ग । शौर्यपथ । छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य विभाग 104 आरोग्य सेवा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं पिरामल स्वास्थ्य द्वारा छत्तीसगढ़ के 40 प्रमुख निजी अस्पतालों में किए गए कोविड-19 सर्वेक्षण में 92.86 फ़ीसदी अंकों के साथ बीएसआर हाईटेक सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल को सर्वश्रेष्ठ कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया है. यह सूची सीधे मरीजों एवं उनके परिजनों से लिए गए फीडबैक के आधार पर बनाई गई है. कोविड पेशेंट फीडबैक के इस सर्वेक्षण में स्वास्थ्य सेवा सुविधाएं , औषधि , भोजन एवं पानी , मास्क , सोशल डिस्टेंसिंग एवं स्वच्छता संबंधी प्रश्नों को शामिल किया गया था , इस सर्वेक्षण की सूचना सर्वेक्षण में शामिल किए गए अस्पतालों को भी नहीं थी, इन आंकड़ों के आधार पर 4 अस्पतालों को बेहद कार्य निष्पादन के लिए प्रमाणित किया गया है , प्रथम नंबर पर जहां बीएसआर सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल को रखा गया है वहीं दूसरे नंबर पर वर्धमान हॉस्पिटल वहाँ तीसरे नंबर पर उपाध्याय हॉस्पिटल रायपुर तथा चौथे नंबर पर वी केयर हॉस्पिटल रायपुर को रखा गया है जबकि श्री नारायणा इस सूची में पांचवें क्रम पर हैं, बीएसआर हॉस्पिटल प्रबंधन ने इसका पूरा श्रेय कोविड में लगे अपने चिकित्सकों एवं सहयोगी टीमों को दिया है | *उपलब्धियां * कोविड-19 सर्वेक्षण में मिले 92.86 फ़ीसदी अंक * फीडबैक में औषधि भोजन सहित अनेक प्रश्नों को किया गया था शामिल* *सुविधा को लेकर सर्वोच्च प्राथमिकता- मनोज* हॉस्पिटल के निदेशक मनोज अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल की पूरी टीम को भी प्रोटोकॉल को फॉलो करने के साथ-साथ कलेक्टर दुर्ग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का पूरी तरह से पालन करते हुए इन पायदान पर पहुंचने में सफल रही उन्होंने बताया कि अस्पताल ने पेशेंट सेफ्टी, पेशेंट केयर तथा उनके हॉस्पिटल स्टे को अधिक से अधिक सुविधाजनक बनाने सर्वोच्च प्राथमिकता दी है उन्होंने बताया कि पेशेंट फीडबैक सर्वे में सर्वोच्च रैंकिंग मिलने का सुखद अवसर है पर यह हमारी जिम्मेदारी को और भी बढ़ा देती है हमारी पूरी कोशिश होगी कि हम जनता के इस भरोसे को टूटने नहीं देंगे और उन पर पूरा विश्वास बनाए रखेंगे ।

-कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे , महापौर बाकलीवाल ने एम्बुलेंस यूनिट का किया मुआयना
-41 तरह के खून जांच की होगी सुविधा
दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना का शुभारंभ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 01 नवंबर को किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल योजना का विधिवत् शुभारंभ कर राज्य की जनता को समर्पित करेंगे। योजनांतर्गत राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में मोबाइल यूनिट पहुँचकर स्लम बस्तियों के लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार की व्यवस्था करेगी। योजनांतर्गत दुर्ग जिले के सभी नगरी निकायों के लिए 11 यूनिट मोबाइल एम्बुलेंस उपलब्ध होगी। इसके अंतर्गत आज पहली यूनिट दुर्ग पहुंची। कलेक्टर ने यूनिट का मुआयना कर इसमें उपलब्ध सुविधा सहित उपचार के लिए की गई व्यवस्था को देखा कलेक्टर भूरे के साथ दुर्ग निगम के महापौर बाकलीवाल ने भी एम्बुलास का मुयायना किया । योजना के संचालन के लिए निजी एजेंसियों की सेवाएं ली जाएगी। इसके संचालन के लिए जिला स्तर पर निगरानी टीम इसकी माॅनिटरिंग करेगी। मोबाइल यूनिट में चिकित्सक, ए.एन.एम., लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट मौजूद रहेंगे।
कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजनांतर्गत अधिकृत एजेंसी एवं चयनित मोबइल यूनिट टीम के स्टाॅफ की संक्षिप्त बैठक लेकर योजना के उददेश्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना है। योजना का शुभारंभ आगामी 01 नवंबर को किया जाएगा। इसके लिए निजी एजेंसी की सेवाएं ली जाएगी। उन्होंने कहा कि योजना की सफलता के लिए आप सब की महती भूमिका की आवश्यकता है। जो दायित्व दिया जाएगा उसे पूर्ण जवाबदेही के साथ कर्मठता पूर्वक किया जाना अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि योजना को लेकर शहरी मलीन बस्ती में निवास करने वाले लोगों की काफी अपेक्षा है। उल्लेखनीय है कि मलीन बस्ती में ज्यादातर गरीब तबके के लोग निवासरत होते हैं। जिन्हें सामान्य तौर पर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता है। किसी प्रकार की कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर वे आसपास के बड़े अस्पतालों पर निर्भर होते हैं। इससे उन्हें डाॅक्टर की फीस एवं दवाइयों के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं । साथ ही अपनी दैनिक कार्यों को छोड़कर दिनभर अस्पताल का चक्कर लगाना होता है। इन सबसे मुक्ति दिलाने और अपने मोहल्ले में ही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना प्रारंभ की जा रही है।
कलेक्टर ने कहा कि सामान्य तौर पर किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या का समय पूर्व उपचार हो जाने से बीमारी ठीक हो जाती है। समय पर उपचार नहीं मिलने से बीमारी के प्रकोप बढ़ने का खतरा बना रहता है। ऐसे स्थिति में यह योजना लोगों के लिए वरदान साबित होगी। योजना की सार्थकता और सफलता के लिए योजना से जुडे़ चिकित्सकों की टीम पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि योजनांतर्गत 41 प्रकार के खून जांच और बीमारियों के उपचार की सुविधा रहेगी।
इस टीम को सामान्य मौसमी बीमारियों, डेंगू, मलेरिया, पीलिया, टायफाईड जैसे बीमारियों के लिए भी सतर्क रहना होगा। कलेक्टर ने योजनांतर्गत चिन्हित टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी मुख्यमंत्री की मंशानुरूप कार्य करेंगे। सभी अपनी पूर्ण दक्षता और निष्ठा के साथ कार्य का संपादन करेंगे ।

- 91 प्रतिशत स्कोर हासिल किया दुर्ग ने, सभी मानदंडों में अग्रणी
- शानदार मेडिकल मैनेजमेंट के बूते मिली सफलता
- नियमित रूप से मेडिकल सुपरविजन के मामले में अग्रणी रहने से मिली शानदार सफलता

दुर्ग / शौर्यपथ / होम आइसोलेशन के दुर्ग माडल ने इस सप्ताह हेल्थ डिपार्टमेंट के फीडबैक सर्वे में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। फीडबैक सर्वे में 91 प्रतिशत स्कोर दुर्ग जिले को प्राप्त हुआ है। 85 प्रतिशत से अधिक स्कोर फीडबैक के लिए शानदार माना जाता है, यहां स्कोर छह प्रतिशत अधिक होने के कारण दुर्ग का होम आइसोलेशन माडल काफी बेहतर तरीके से काम करता प्रतीत हो रहा है। फीडबैक की रैंकिंग में मेडिकल सुपरविजन के संबंध में 452 लोगों से थर्ड पार्टी ने फालोअप लिया। सभी पैरामीटर में दुर्ग जिले की रैंकिंग बहुत अच्छी रही। उल्लेखनीय है कि यहां होम आइसोलेशन मैनेजमेंट के अंतर्गत लगभग 8000 मरीज थे। इन सभी के मेडिकल पैरामीटर देखना और उसके मुताबिक इनकी दवाइयां एवं ट्रीटमेंट का फालोअप करना, काउंसिलिंग करना और जरूरी पड़ने पर इन्हें बिल्कुल समय गंवाये रिफर करना बड़ा काम था। होम आइसोलेशन कंट्रोल रूप में मेडिकल टीम की प्रभारी डाॅ. रश्मि भुरे एवं उनके छह सहयोगी मेडिकल अधिकारियों ने लगातार स्थितियों पर नजर रखी।
इसका बहुत अच्छा नतीजा सामने आया और रिकवरी रेट शानदार रही। कोविड कंट्रोल बिल्कुल अलग किस्म का कार्य था। इसके लिए जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों, आयुर्वेद अधिकारियों, स्टाफ नर्स की ट्रेनिंग बेहद जरूरी थी। डाॅ. रश्मि भुरे ने यह ट्रेनिंग कराई, साथ ही जटिल केस के संबंध में रिफर करने तुरंत निर्णय लिया। अलग-अलग तरह की मेडिकल हिस्ट्री के संबंध में भी मरीजों से काउंसिलिंग की और इसके मुताबिक होम बेस्ड केयर किया गया। इससे रिकवरी की दर तेजी से बढ़ गई।
यह हैं छह एएमओ जिन्होंने कड़ी मेहनत कर बढ़ाई रिकवरी दर- होम बेस्ड केयर में लगभग आठ हजार पेशेंट रहे। इतनी बड़ी संख्या में मरीजों का केयर करना आसान नहीं था। इसके लिए छह एएमओ अर्थात सहायक स्वास्थ्य अधिकारी लगाए गए और इनके साथ 20 जूनियर डॉक्टर और 30 नर्सिंग स्टाफ अटैच किया गया। सभी एएमओ ने 24 घंटे दिन और रात होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की देखभाल की।
रिसाली में डाॅ. जागृति चंद्राकर ने संभाला मोर्चा- रिसाली में मोर्चा डाॅ. जागृति चंद्राकर ने संभाला। यूँ तो उनका आफिशियल टाइम आठ घंटे का होता है लेकिन यह इमरजेंसी का वक्त था। रात-रात को पेशेंट फोन करते थें, डाॅ. जागृति ने बताया कि हमेशा एलर्ट रहना पड़ता है इस वजह से काफी सारे मरीजों से अटैचमेंट हो गया, बाद में उनकी दुआ मिली तो बहुत अच्छा लगा।
दुर्ग में डाॅ. रिजवान की जिम्मेदारी- डाॅ. रिजवान ने दुर्ग की कमाल संभाली। दुर्ग में काफी ज्यादा पेशेंट थे। अपनी टीम के माध्यम से डाॅ. रिजवान लगे रहे। डाॅ. रिजवान ने बताया कि कोविड के समय कभी-कभी मरीज मनोवैज्ञानिक रूप से पैनिक मोड में आ जाते हैं। हमने इलाज के साथ काउंसिलिंग की, इससे मरीजों को काफी लाभ मिला।
डाॅ. सोनिया किशीकर ने कहा दवाओं की नियमितता पर सबसे ज्यादा फोकस- भिलाई को तीन हिस्सों में बांटा गया था। भिलाई लेफ्ट का काम डाॅ. सोनिया के जिम्मे आया। डाॅ. सोनिया ने बताया कि मैं हमेशा पूछती कि आपने दवा खा ली। किस समय खाई, लिखकर नोट करें, रैपर दिखायें। फिर कहतीं कि आक्सीजन लेवल बताएं। यह कारगर रहा। अगर फीडबैक सर्वे में देखें तो 99 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे समय पर दवा खाते थे।
डाॅ. राजपूत ने कहा, फोकस सिक्स मिनट वाक पर- डाॅ. सतीश राजपूत ने भिलाई 3, खुर्सीपार, चरौदा और कुम्हारी की जिम्मेदारी देखी। उन्होंने बताया कि हम लोगों ने आक्सीजन लेवल पर फोकस किया। हमने सबसे कहा था कि सिक्स मिनट वाक का टेस्ट करें। यदि आक्सीजन लेवल तीन प्रतिशत से ज्यादा डाउन होता है तो यह सही नहीं है। इस तरह आरंभ से ही कोविड की गंभीरता के संबंध में मरीज जागरूक हो गए जिसका अच्छा लाभ मिला।
ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी चुनौती संभाली डाॅ. रामस्वरूप मरकाम ने- ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की जिम्मेदारी काफी बड़ी थी क्योंकि इसमें रिस्पांस टाइम का काफी महत्व था। कोविड हास्पिटल तक लाने में समय लगता है। ऐसे में बहुत जरूरी होता है कि काफी पहले मरीज की गंभीरता पर नजर रखें। डॉ. मरकाम ने ऐसे मरीजों की सूची तैयार कर ली और लगातार इनके आक्सीजन स्टेटस की मानिटरिंग करते रहे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के भी मरीजों की रिकवरी काफी रही।
डाॅ. सुशीला बंजारे ने काउंसिलिंग पर दिया जोर- डाॅ. सुशीला बंजारे ने भिलाई राइट की जिम्मेदारी संभाली। यहां काफी संख्या में मरीज थे। उन्होंने दिन रात मरीजों की काउंसलिंग की। रिफरल केस में समन्वय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और काफी अच्छा काम किया। उन्होंने बताया कि काउंसिलिंग का पार्ट अच्छा होने से काफी समस्याएं हल हो जाती हैं। वो संभाला और स्थिति बेहतर होती गई।

सड़क किनारे कचरा डालने पर सत्यम बेकरी पर लगाया गया 5000 रु0 जुर्माना......
कार्रवाही के दौरान दुकान के बाहर सीसी टीवी कैमरा लगाने के लिए दिए निर्देश......

दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने आज सुबह साइकिल से वार्ड में साफ सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने पहुचे,सड़क किनारे कचरा डालते देखे जाने पर स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता को जुर्माना के लिए दिए सख्त निर्देश,स्वास्थ्य अधिकारी एव स्वच्छता निरीक्षक राजेन्द्र सर्राटे द्वारा वार्ड 23 सिंधी कालोनी वार्ड में सड़क किनारे कचरा व गंदगी फैलाने वाले सत्यम बेकरी के संचालक मुरली खेदपाल के ऊपर कार्यवाही कर 5000 रु0 का जुर्माना लगाया गया।वार्ड 23 सिंधी कालोनी में मुरली खेदपाल पिता श्रीमाल का सत्यम बेकरी है जिसके द्वारा निरंतर सड़क किनारे कचरा व गंदगी फैलाने पर आज कार्यवाही कर बेकरी संचालक मुरली खेदपाल को चेतावनी दी गई है कि दोबारा दुकान के बाहर सड़क पर कचरा फेकने व गंदगी पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सत्यम बेकरी के संचालक को स्वस्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता के द्वारा निर्देश दिया गया है कि अपने दुकान में सीसी टीवी अवश्य लगवाए, पता लगाया जा सके,सड़क किनारे कचरा किस व्यक्ति द्वारा फेका जा रहा।
संचालक द्वारा जल्द अपने दुकान के बाहर जल्द सीसी टीवी लगवाने की बात कही।इस दौरान दरोगा राजू सिंग, व अन्य उपस्थित थे ।
आयुक्त इन्द्रजीत बर्मन द्वारा दुर्ग शहर वासियों से अपील शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 लागू है अतः किसी भी प्रकार से घर और दुकान का कचरा सड़क और नाली में फेक कर गंदगी न करें। चेतावनी के बाद भी यदि किसी के द्वारा कचरा फेका जाता तो इसकी सूचना शिकायत नगर निगम कार्यलय में अवश्य देवें ऐसे लोगों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

दुर्ग / शौर्यपथ / स्वामी आत्मानंद जी ने अपने जीवनकाल में रामकथा के विभिन्न प्रसंगों पर सुंदर व्याख्यान दिए थे। रामायण के चरित्रों की उनकी सुंदर व्याख्या अनेक स्रोतों में बिखरी हैं। इन्हें संकलित करने का महती कार्य किया डॉ. राजलक्ष्मी वर्मा ने और इसे रामरस पुस्तक का स्वरूप दिया। इस पुस्तक का विमोचन आज मुख्यमंत्री ने अपने भिलाई- 3 स्थित कैम्प निवास में किया। वेबिनार के माध्यम से हुए इस इस कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी जी के इस अतुलनीय कार्य को सहेजा जाना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। यह पुस्तक सुधि पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी होगी। उन्होंने संकलन कार्य के लिए डॉ. राजलक्ष्मी वर्मा को भी बधाई दी एवं शुभकामनाएं व्यक्त की।
इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल, संभागायुक्त टीसी महावर, आईजी विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी प्रशांत ठाकुर एवं अन्य गणमान्य अतिथि तथा अधिकारी उपस्थित थे।

-प्रशासन की इस पहल से लोगों को मिल रही सही जानकारी अफवाहों की जगह सकारात्मक संदेश देने में मिल रही मदद

दुर्ग / शौर्यपथ / जिले में सोशल मीडिया के माध्यम से कोविड-19 से बचाव की जानकारी साझा करने की जिम्मेदारी, युवा इनफ्लुएंसर, समाज सेवी संगठन निभा रहे हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने भी युवाओं के इस कदम की सराहना की है। पिछले माह युवाओं की टीम से मिलकर उनसे जागरूकता अभियान में जिला प्रशासन का सहयोग करने की अपील की थी। जिस पर करीब करीब 30 से अधिक अपने अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से जरूरी जानकारियां साझा करते हैं। युवाओं का मानना है सोशल मीडिया के माध्यम से काफी अच्छे परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। सभी युवाओं ने अपना अनुभव बताया कि वे जब से दुर्ग जिले में होम आइसोलेशन के कंट्रोल रूम के नंबर आपातकालीन नंबर फीवर क्लीनिक की जानकारी लगातार साझा कर रहे हैं, अब पेज से जुड़े सभी लोग उनसे आधिकारिक जानकारी के लिए संपर्क करते हैं और उनकी पोस्ट पर भरोसा करते हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने भी इन युवाओं द्वारा किए जा रहे प्रयास की सराहना की है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से ये युवा इंफ्लुएंसर कोरोना के प्रति जागरूकता की मुहिम में सहयोग कर रहे हैं। सबके प्रयास से ही हम सफलता अर्जित कर सकते हैं। अभी बहुत अधिक जागरूकता की जरूरत है क्योंकि आने वाले 100 दिनों तक सावधानी बहुत जरूरी है।
फॉलोवर्स को जो भी जानकारी चाहिए होती सीधे दुर्ग भिलाई रायपुर पेज के एडमिन से पूछते हैं, इस अभियान से जुड़कर उनके फॉलोवर्स भी बढ़ गए हैं- कनक अग्रवाल बताते हैं कि उनके दो पेज हैं, दुर्ग-भिलाई-रायपुर में 16 हजार से अधिक और अपना छत्तीसगढ़ पेज में 11 हजार लोग जुड़े हैं। जब से उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में जानकारी शेयर करना शुरू किया है तब उनके दोस्त, परिचित, फालोअर्ज को जब भी कोई जानकारी चाहिए होती है तो सबसे पहले उनसे ही पूछते हैं। कहते हैं भाई वो पोस्ट फिर से भेजना जिसमें फीवर क्लिनिक की लिस्ट है। कोविड टेस्ट रिपोर्ट की लिंक भेजना ,ये सब साझा करके काफी अच्छा लगता है। लोगों का भरोसा जीतने के साथ ही उनके पेज के फॉलोवर्स भी बढ़े हैं।
जिला प्रशासन की इस पहल से आई है पारदर्शिता ,सही जानकारियाँ लोगों तक पहुंच रहीं अफवाहों से निजात मिली - ये कहना है मिनेन्द्र चन्द्राकर का, वे बताते हैं आम नागरिक कोविड के इलाज हेतु, चिकित्सकीय संस्थाओं को दिए गए प्रोटोकॉल से अनभिज्ञ थे, जो यह कहता है कि चिकित्सक 24 घण्टे कोविड वार्ड में नही रह सकते हैं, अपितु आवश्यकता होने पर, सीसीटीवी की ओर अभिवादन कर उन्हें बुलाया जा सकता है। ऐसी जानकारियां इस समूह के गठन से, सीधे नागरिकों तक पहुंची है, जिससे प्रशासन और जनता के मध्य पारदर्शिता बढ़ी है, और निश्चित ही प्रशासन और कोरोना वारियर्स के प्रति विश्वास और सम्मान में वृद्धि हुई है। पिछले कुछ दिनों में भिलाई में कोविड के मरीजों हेतु बेड ना होने की बात सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही थी। ऐसी स्थिति में, यह आवश्यक था कि जिला प्रशासन द्वारा कोविड बेड की जानकारी नियमित रूप से,जो वेबसाइट पर सूचीबद्ध की जा रही है, का लोगों को ज्ञान हो। जिला प्रशासन द्वारा जारी वेबसाइट का पता होने से, हम व्यक्तिगत स्तर पर लोगों तक ये बात पहुंचा पाए,कि ऐसे आधे अधूरे खबरों का अवलोकन न कर, सटीक व त्रुटिरहित जानकारी हेतु, वे सीधे आधिकारिक वेबसाइट का अवलोकन करें। मिनेन्द्र कहते हैं उन्हें निश्चित रूप से लगता है कि ना केवल लोगों में बल्कि हम सभी मे, प्रशासन और व्यवस्थाओं को लेकर जो भ्रांतियां थी, वह दूर हुई है और निश्चित रूप से सकारात्मक परिवर्तन आए हैं।
भ्रम दूर हुए और सही जानकारी लोगों तक पहुँची- स्टार लाइट फाउंडेशन के प्रतीक ठाकरे कहते हैं कि जिला प्रशासन द्वारा एनजीओ, समाज सेवियों और सोशल मीडिया के युवा इंफ्लुएंसर्स को कोरोना जागरूकता अभियान में जोड़ने की पहल काफी सार्थक साबित हुई है। उनके पेज के माध्यम से लोगों को जानकारी मिल रही जिसको वो आगे साझा कर रहे हैं। सही जानकारी समय पर मिल जाने से अफवाह फैलने का खतरा दूर हुआ है जिससे भ्रम की स्थिति नहीं बनती। युवाओं को भी जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मिल रही है है साझा कर रहे हैं एक विश्वास का वातावरण निर्मित हुआ है जो कि सबके हित में अच्छा है।
लोगों को जागरुक करने में मिल रही है मदद- हमर छत्तीसगढ़ पेज के नारायण राव बताते हैं कि यह बहुत पुराना पेज है इसमें 30 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं। इस पेज में लोग अधिकतर सभी जिले की जानकारी पूछते है यहाँ तक कि उनको कॉल करके भी कोरोना हेल्प लाइन नंबर और होम क्वारंटाइन, लाकडाउन के बारे में पूछते है। उन्होंने बताया कि दुर्ग जिला प्रशासन के अभियान से जुड़ने के बाद जानकारी आसानी से मिलने लगी और लोगो को इससे फायदा हुआ। लोगो का रिस्पांस भी बहुत अच्छा मिलने लगा और मदद के बाद लोग उनको धन्यवाद भी बोलते हैं । सोशल डिस्टनसिंग और मास्क पहनने के लिए लोगो तक हम इस माध्यम से जागरूकता फैलाने के अभी तक कामयाब रहे है। उनका मानना है कि जरूरी जानकारियां सोशल मीडिया के माध्यम से लोगो को पहुंचाना चाहिए ।
इम्यूनिटी बढ़ाने के तरीके, हॉस्पिटल का प्रोसीजर, होम क्वारेन्टीन की देते हैं जानकारी अब लोग कोरोना को मजाक में नहीं लेते-सी जी के टुरा पेज के प्रतीक साहू बताते हैं उनके अधिकतर कॉन्टैक्ट इंस्टा में ही है तो वे वहां ज्यादा से ज्यादा जानकारियां शेयर करते हैं। पिछले कुछ दिनों से लोग कोरोना को सिर्फ मजाक न समझ कर उसकी जानकारी शेयर कर रहे है और मुझसे भी इन्फॉर्मेशन की मांग करते है। जैसे इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं, हॉस्पिटल का प्रोसीजर क्या है, होम क्वरेंटाइन की जानकारी, काढ़ा बनाने की विधि आदि। कहते हैं उन्हें गर्व है कि मैं इस ग्रुप से जुड़ कर लोगो की मदद कर पा रहे हैं।
दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी करती हैं साझा काफी लोगों को हो रहा फायदा- अंकिता आहूजा बताती हैं वो अपने पेज रायपुर भिलाई दुर्ग के माध्यम से दुर्ग जिले में बचाव और जागरूकता से जुड़ी सारी जानकारी साझा करती हैं जिससे काफी लोगों को फायदा हो रहा है। इस प्रकार आई एम फ्रॉम छत्तीसगढ़ से जिज्ञासा गुप्ता दे रहीं है कोरोना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां। वो बताती हैं उनके पेज से मिल रही जानकारी को काफी सराहना मिल रही है।
इंस्टा पेज सी जी अपडेट के माध्यम से शेख जुबैर दे रहे कोविड 19 से जुड़ी जरूरी जानकारियां- रायपुर के रहने वाले और इंस्टाग्राम में सीजी अपडेट नामक पेज की पेज की एडमिन शेख जुबैर बताते हैं कि वह लगभग 6 महीने से कोविड-19 से जुड़ी जरूरी जानकारियां दे रहे हैं। इससे सिर्फ दुर्ग ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लोगों को फायदा हुआ है। वे अपने पेज से सभी तरह के अपडेट देते रहते थे परन्तु जब से जिला दुर्ग के साथ जुड़कर काम करना शुरू किया है लोगों का भरोसा बढ़ा है। बहुत अच्छा लगता है जब लोग खुद मुझ पर भरोसा करके टेस्ट सेंटर, फीवर क्लिनिक, कंट्रोल रूम के नंबर पूछते हैं उनकी मदद हो जाती है और इस संकट के समय अपना छोटा सा योगदान देकर काफी अच्छा महसूस होता है। जुबैर बताते हैं पहले उन्हें जानकारी जुटाने में समय लगता था लेकिन अब जिला प्रशासन की आधिकारिक जानकारी तुरंत मिल जाती है।

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