December 07, 2025
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दुर्ग

दुर्ग (4886)

भिलाई / शौर्यपथ / कोविड-19 महामारी के मद्देनजर उत्पादन में प्रतिबंधों और रूकावटों के बावजूद, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने वर्तमान वित्तवर्ष-2020-21 के अपै्रल से सितम्बर की अवधि के दौरान उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में रिकाॅर्ड निष्पादन दर्ज किया है। साथ ही बीएसपी ने प्रथम तिमाही अपै्रल से जून की अवधि के मुकाबले दूसरे तिमाही जुलाई से सितम्बर की अवधि में उत्पादन में बेहतर वृद्धि दर्ज करने में सफलता प्राप्त किया है। विदित हो कि मार्च से जून-2020 के दौरान स्टील की माँग गिरने के पश्चात् फिर बढ़ोतरी की ओर है। सेल-बीएसपी बढ़ी हुई माँग का फायदा उठाने और प्रथम तिमाही मंें निष्पादन में कमी की भरपाई करने हेतु वर्तमान वित्तवर्ष की शेष अवधि में उत्पादन को अधिकतम करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसा करते हुए संयत्र प्रबंधन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है तथा कार्य स्थलों में सैनिटाइजेशन, लोगों को फेस मास्क पहनने के लिए संवेदनशील बनाना और सोशल डिस्टेंसिंग आदि को बनाए रखने पर जोर दे रही है ताकि कोविड-19 के खतरे से बचाव हो सके।
सेल-बीएसपी द्वारा निष्पादन गति में निरंतर श्रेष्ठ वृद्धि की कड़ी में जहाँ ब्लास्ट फर्नेस-8 ने प्रथम तिमाही अवधि के दौरान 11,84,660 टन हाॅट मेटल का सर्वश्रेष्ठ संचयी उत्पादन किया, वहीं सभी ब्लास्ट फर्नेसों ने संयुक्त रूप से प्रथम तिमाही के मुकाबले में द्वितीय तिमाही में कुल हाॅट मेटल के उत्पादन में 48.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
जहाँ संयंत्र के एसएमएस-3 ने प्रथम तिमाही की अवधि में 8,87,128 टन सर्वाधिक कास्ट स्टील उत्पादन का कीर्तिमान रचा, वहीं दोनों स्टील मेल्टिंग शाॅप्स, एसएमएस-2 एवं एसएमएस-3 ने प्रथम तिमाही की तुलना में द्वितीय तिमाही में कुल क्रूड स्टील उत्पादन में 47.3 प्रतिशत की बढ़त हासिल की। जिसमें प्रथम तिमाही की तुलना में द्वितीय तिमाही में एसएमएस-2 से 64 प्रतिशत और एसएमएस-3 से 33.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल है।
संयंत्र ने यूनिवर्सल रेल मिल और रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल दोनों से वित्तवर्ष 2019-20 के प्रथम छमाही (अपै्रल से सितम्बर) के 5,89,391 टन पिछले सर्वश्रेष्ठ के मुकाबले वर्तमान वित्तवर्ष 2020-21 के प्रथम छमाही में 5,94,983 टन प्राइम रेल्स का सर्वाधिक उत्पादन किया है। जबकि यूआरएम ने 2019-20 के प्रथम छमाही अवधि में 2,38,842 टन के पिछले सर्वश्रेष्ठ के मुकाबले वर्तमान वित्तवर्ष 2020-21 की इसी अवधि में 2,95,228 टन प्राइम रेल्स का सबसे अधिक उत्पादन दर्ज किया। यूआरएम और आरएसएम दोनांे ने संयुक्त रूप से प्रथम तिमाही की तुलना में द्वितीय तिमाही में यूटीएस 90 प्राइम रेल्स के कुल उत्पादन में 25.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। जिसमें प्रथम तिमाही की तुलना मंें द्वितीय तिमाही में आरएसएम से 11.4 प्रतिशत और यूआरएम से 37 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है।
संयंत्र के बार एवं रॉड मिल ने वर्तमान वित्तवर्ष के दौरान सेल सिक्योर टीएमटी उत्पादों के नए ग्रेड को विभिन्न मापदंडों में रोलिंग किया है। वर्ष 2019-20 के प्रथम छमाही में 40,503 टन की तुलना में वर्तमान वित्तवर्ष के प्रथम छमाही में 1,25,176 टन उच्चतम उत्पादन दर्ज किया है।
संयंत्र की अन्य फिनिशिंग मिल्स में, मर्चेंट मिल को प्रथम तिमाही के अपै्रल महीने में प्रचालित नहीं किया गया और वायर रॉड मिल को मई और जून-2020 में प्रचालित नहीं किया गया। मर्चेन्ट मिल ने प्रथम तिमाही की तुलना में द्वितीय तिमाही में 246.7 प्रतिशत का उत्पादन वृद्धि दर्ज किया। जबकि वायर राॅड मिल ने 140.3 प्रतिशत उत्पादन वृद्धि दर्ज की। दूसरी ओर प्लेट मिल जो प्रथम तिमाही के तीनों महीनों के दौरान प्रचालन से बाहर रही, प्रथम छमाही अवधि में 2,17,000 टन का उत्पादन किया।
संयंत्र ने वर्तमान वित्तवर्ष के प्रथम तिमाही के मुकाबले कुल फिनिश्ड इस्पात और विक्रेय योग्य इस्पात उत्पादन में क्रमशः 102.7 प्रतिशत और 58.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

दुर्ग / शौर्यपथ / सड़क दुर्घटना में क्षतिग्रस्त वाहन का बीमा दावा भुगतान करने से बीमा कंपनी ने इंकार कर दिया, इसे सेवा में निम्नता पाते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर 2 लाख 31 हजार रुपये हर्जाना लगाया।

ग्राहक की शिकायत
टाटीबंध रायपुर निवासी रमाकांत यादव का ट्रक सड़क दुर्घटना में दिनांक 11 जनवरी 2018 क्षतिग्रस्त हो गया। जिसकी पुलिस में सूचना देने के बाद वाहन को रिपेयर करवाया गया एवं वाहन में आए खर्च संबंधी बिल व रसीदों को बीमा कंपनी में जमा कर क्लेम फॉर्म जमा कराया गया लेकिन बीमा कंपनी ने दावा राशि का भुगतान नहीं किया।

बीमा कंपनी जवाब
बीमा कंपनी ने फोरम के समक्ष उपस्थित होकर कहा कि परिवादी ने अपने वाहन को दुर्घटना दिनांक से काफी पहले रामेश्वर यादव नामक व्यक्ति को विक्रय कर कागजात सौंप दिए थे। परिवादी घटना दिनांक को क्षतिग्रस्त वाहन का ना तो स्वामी था, ना ही कब्जाधारी था। परिवादी ने वाहन का बीमा कराते समय इस तथ्य को छुपाया और वाहन के विक्रय की लिखित सूचना आरटीओ कार्यालय और बीमा कंपनी नहीं दी। घटना दिनांक को परिवादी का वाहन में बीमा हित नहीं होने के कारण उसे बीमा दावा राशि का भुगतान नहीं किया गया है। परिवादी के प्रति किसी प्रकार से सेवा में कोई कमी नहीं की गई है।


फोरम का फैसला
प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजों एवं प्रमाणों के आधार पर जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने उपभोक्ता के प्रति बीमा कंपनी द्वारा सेवा में निम्नता का कृत्य किया जाना प्रमाणित पाया। आयोग ने विचारण के दौरान यह अभिनिर्धारित किया कि जिस व्यक्ति के नाम पर वाहन पंजीकृत है उसे ही मोटर व्हीकल एक्ट के प्रयोजनों के लिए वाहन का मालिक माना जाता है और पंजीकृत स्वामी के नाम पर ही बीमा करके बीमा पॉलिसी जारी की गई है इस कारण बीमा अवधि में हुई दुर्घटना से क्षति के परिणाम स्वरुप उत्पन्न दावे के लिए बीमा कंपनी उत्तरदायी है। बीमा कंपनी अपने दायित्व से बच नहीं सकती। परिवादी पंजीकृत वाहन स्वामी होने के साथ-साथ बीमा पालिसीधारक है, इसलिए वाहन में उसका बीमा हित विद्यमान है और वह बीमा दावा प्राप्त करने का अधिकारी है।


हर्जाना राशि
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने संयुक्त रूप से फैसला सुनाते हुए यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर 2 लाख 31 हजार रुपये हर्जाना लगाया, जिसके तहत बीमा दावा राशि 210000 रुपये, मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति स्वरूप 20000 रुपये तथा वाद व्यय के रुप में 1000 रुपये देना होगा एवं दावा राशि पर 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा।

भिलाई / शौर्यपथ / पूर्व सांसद ताराचंद साहू के दामाद की मृत्यू व उसके बाद 7 लाख रुपए बिल वसूली को लेकर मित्तल हॉस्पिटल नेहरू नगर जांच के घेरे में आ गया है। इस मामले में स्वाभिमान पार्टी की कलेक्टर को की गई शिकायत के आधार पर अब जांच शुरु कर दी गई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर डां सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सीएमएचओ गंभीर सिंह ठाकुर को जांच के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जांच के बाद इसकी रिपोर्ट जल्द सौंपने का भी निर्देश दिया है। कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ ने तीन सदस्यीय जाचं समिति गठित कर दी है। डॉक्टरों की तीन सदस्यीय समिति मित्तल अस्पताल के समस्त प्रकार के लेनदेन और कोरोना वायरस के नाम पर किए जा रहे इलाजों में दी जाने वाली दवाइयों और उनके बिलों की जांच करेगी।
बता दें कि नेहरू नगर स्थित मित्तल अस्पताल लगातार विवादों में आ रहा है। अस्पताल में अत्याधिक बिल वसूली के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यही इलाज में लापरवाही और उसके कारण मरीजों की मौत होने के मामले भी सामने आ रहे हैं। प्रशासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किए जाने के बाद भी मित्तल अस्पताल प्रबंधन कोरोना मरीजों से तय दर से ज्यादा वसूलता रहा है। इस मामले में मित्तल हॉस्पिटल पर पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा 40 हजार रुपए का जुर्माना किए जाने के साथ ही जिन मरीजों से ज्यादा राशि वसूली गई उनकी रकम वापस करने का भी निर्देश जिला प्रशासन ने दिया था।
स्वाभिमान पार्टी की शिकायत पर बनपी समिति
इधर पूर्व सांसद ताराचंद साहू के दामाद की मृत्यू पश्चात 7 लाख रुपए बिल वसूली करने की शिकायत विगत दिनों स्वाभिमान पार्टी के नेताओं ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपते हुए की थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि नेहरू नगर भिलाई के मित्तल अस्पताल के विरुद्ध कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों से अवैध वसूली की जा रही है जिसे तत्काल बंद करवाया जाए। साथ ही पूर्व सांसद स्वर्गीय ताराचंद साहू के दामाद शिवकुमार साहू के मृत्यु के पश्चात अस्पताल प्रबंधन द्वारा लिए गए लगभग 7 लाख रुपए की अवैध वसूली के विरुद्ध जांच कर रकम लौटाया जाए।
7 दिन में हो कार्रवाई अन्यथा करेंगे धरना प्रदर्शन
स्वाभिमान पार्टी के नेता सतीश त्रिपाठी ने कहा है कि हमने 7 दिनों में कार्रवाई करने के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। इस पर फिलहाल प्रशासन ने जांच समिति का गठन कर जांच की बात कही है। जल्द से जल्द यदि मरीजों के परिजनों को पैसे की वापसी नहीं कराई गई तो इसके लिए पार्टी के बैनर तले धरना और प्रदर्शन किया जाएगा। पार्टी की ओर से बयान जारी कर पार्टी के नेता सतीश कुमार त्रिपाठी ने स्पष्ट कहा है कि वह जांच के नाम पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसलिए जल्द से जल्द प्रशासनिक कार्रवाई और जांच पूरी कर पीडि़त परिवारों को जुर्माने सहित रकम वापस की जानी चाहिए।
दुर्ग अपर कलेक्टर बी बी पंचभाई ने कहा कि शिकायत मिली है शिकायत के आधार पर सीएमएचओ को जांच कमेटी बनाने का निर्देश दिया गया है जांच के बाद नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जांच समिति का हुआ गठन
दुर्ग सीएमएचओ डां गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा कि मित्तल हॉस्पिटल नेहरू नगर में मरीज की मौत के बाद 7 लाख रुपए की वसूली की शिकायत मिली है। इस मामले में जांच के लिए समिति का गठन कर दिया गया है। जल्द ही समिति जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मचारियों को  इस वर्ष  दिवाली बोनस  के रूप में  16500 रुपए दिए जाने का फाइनल निर्णय यूनियन और सेल प्रबंधन के बीच चर्चा के दौरान लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व में सेल प्रबंधन 15500 रुपए देने का निर्णय लिया था पर यूनियन के विरोध के चलते एक हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है दिवाली के पूर्व सभी संयंत्र कर्मचारियों के अकाउंट में बोनस राशि सेल द्वारा डाल दी जाएगी। 21 अक्टूबर तक संयंत्र कर्मचारियों के अकाउंट में बोनस का पैसा डालने का निर्णय लिया गया है .

भिलाईनगर / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम, भिलाई क्षेत्रांन्तर्गत गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी केन्द्रों में गोबर से कंडे तैयार किए जा रहे हैं। तैयार किए जा रहे कंडे की तादाद बढ़ती जा रही है। प्रत्येक जोन में इसका कार्य तीव्रता से हो रहा है। महिला समूहों द्वारा बनाये जा रहे कंडे की विक्रय की व्यवस्था निगम ने प्रारंभ कर दिया है। आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने आज अपने निरीक्षण के दौरान उपायुक्त एवं नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना अशोक द्विवेदी को इसके कार्ययोजना तैयार करने को लेकर निर्देशित किया है। आयुक्त रघुवंशी गोधन न्याय योजना को लेकर बेहद गंभीर है, शासन के मुख्य योजना पर कोई भी लापरवाही नही चाहते है। इसके संर्दभ में उन्होंने जोन आयुक्तों को कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये है। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त तरुण पाल लहरें मौजूद रहे!
पर्यावरण प्रदूषण कम करने के कारगार साबित होगा गोबर का कंडा
प्रत्येक जोन क्षेत्रों में तीव्र गति से गोबर से कंडे बनाये जाने का काम किया जा रहा है। जोन कं. 02 एवं 03 को अधिक से अधिक कंडे तैयार करने का लक्ष्य दिया गया है। मुक्तिधाम में कंडे से दाह संस्कार होने से प्रदूषण में कमी आयेगी। लकड़ी का उपयोग कम होगा। कंडा की खासियत यह है कि यह पूरी तरह से जल जाता है, राख के अलावा कोई भी अवशेष नहीं बचता। गोबर और भूंसे के इस्तेमाल से बना कंडा तीव्रता से जलता है। जिसका उपयोग मुक्तिधाम में लकड़ी के साथ किया जाता रहा है। अब स्व सहायता समूह की महिलाओं से गोबर कंडा खरीद कर मुक्तिधाम में इसका व्यापक उपयोग निगम भिलाई करेगा!
महिलाओं को रोजगार मिलने के साथ राजस्व की होगी बचत
गोबर से बने कंडे को निगम खरीदेगी और इसका उपयोग दाह संस्कार के लिए रामनगर और छावनी मुक्तिधाम में किया जाएगा। 2रू प्रतिकिलो की दर से क्रय किये जा रहे गोबर से कंडे तैयार करने में आ रही लागत का आंकलन व प्रचलित बाजार दरो की तुलना करते हुए निगम कंडे क्रय करके मुक्तिधाम में दाह संस्कार के लिये उपयोग करेगी। महिलाओं को कंडे बेचने से प्राॅफिट भी होगा और रोजगार भी मिलेगा। लकड़ी खरीदी में लागत अधिक लगता है इसमें भी कमी आयेगी इससे निगम का राजस्व भी बचेगा। रामनगर मुक्तिधाम में अक्टूबर माह के डेथ रेट में कमी आई है, एक शव के लिये लगभग 300 कंडे की आवश्यकता का अनुमान लगाया गया है!

भिलाईनगर/ शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र का एक ऐसा डंपिंग साइट जिसमें वर्ष 1995 से समस्त जोन क्षेत्र के कचरे को एकत्र कर निरंतर कचरा डाला जाता रहा है! यह डंपिंग साइट अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर है! भिलाई निगम के संपूर्ण क्षेत्र से निकलने वाला कचरा कुरूद के ट्रेंचिंग ग्राउंड में डाला जाता रहा है! वहां कचरा इस कदर जमा हो गया था कि 200-300 मीटर के क्षेत्र में बदबू का आलम हो गया था! रहवासी परेशान थे! साथ ही इस रास्ते से गुजरना मुमकिन नहीं था! कचरे का ढेर 25 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गया था! इस स्थल पर वाहनों का आवागमन तो दूर व्यक्ति के खड़े होने की जगह नहीं बची थी! चारों ओर केवल कचरा ही कचरा नजर आता था!
कचरे के ढेर के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजरने के कारण आए दिन कचरे में आग लगने की शिकायत प्राप्त होने लगी! उस दौरान 300 टन कचरा प्रतिदिन पूरे निगम क्षेत्र से निकलकर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड में पहुंचता था! तब एक भी एसएलआरएम सेंटर निगम क्षेत्र में नहीं बना था, जिससे कचरे का निष्पादन किया जाता! इन परिस्थितियों को देखते हुए महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने कुरूद स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड के डंपिंग साइट को पूर्ण रूप से समाप्त करने का फैसला लेते हुए अधिकारियों को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए! वर्ष 2016 में निगम क्षेत्र में पहला एसएलआरएम सेंटर नेहरू नगर ऑक्सीडेशन पॉन्ड में तैयार किया गया! जिसके तैयार होने से कचरे के ढेर में कमी होने लगी! एक एसएलआरएम सेंटर होने के कारण कुरूद का कचरा डंपिंग साइट को पूर्ण रूप से समाप्त करना एक बड़ी चुनौती थी!
महापौर यादव के निर्देश पर वर्ष 2018 में डंपिंग साइट को पूर्णत: विलोपित करने का कार्य प्रारंभ किया गया! सिस्टम था बायोरेमेडीएशन जैसी आधुनिक तकनीक का! डंपिंग साइट समाप्त करने की कड़ी चुनौती को महापौर ने स्वीकार करते हुए कार्य प्रारंभ कराया और प्रतिदिन 10 टन कचरे की छनाई शुरू हुई, इसमें से 2 टन खाद के अलावा, पॉलिथीन तथा अन्य प्रकार के कचरे अलग अलग होते गए, कचरा का ढेर धीरे-धीरे समाप्त होने लगा! इसी बीच खुर्सीपार सहित अन्य क्षेत्रों में एसएलआर सेंटर का निर्माण हुआ! कुरूद स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड का कचरा धीरे-धीरे सिमटने लगा! ट्रेंचिंग ग्राउंड से निर्मित हुए खाद को विक्रय किया गया और अब तक 700 टन खाद तैयार होकर विक्रय हो चुका है, जिससे निगम को 15 लाख 40 हजार का राजस्व प्राप्त हुआ है!
आयुक्त रघुवंशी ने निगम की पदस्थापना के बाद से ही इस पर फोकस किया और लगातार फीडबैक लेते रहे अब स्थिति यह है कि कुरूद स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड का कचरे का ढेर 80 से 90% तक समाप्त किया जा चुका है! संबंधित ठेकेदार ने बताया कि बचे हुए कचरे को जल्द ही समाप्त कर दिया जाएगा!

दुर्ग / शौर्यपथ / जिले के प्रभारी सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने आज पाटन विकासखंड के विभिन्न ग्रामों का दौरा कर यहां कराए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने ग्राम सिकोला में बनाए गए गौठानों का अवलोकन कर किसानों से गोबर की खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट की जानकारी ली। गौठान में पानी की व्यवस्था से भी अवगत हुए। यहां नलजल योजनांतर्गत उच्चस्तरीय पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है। पाइप लाइन बिछाने के कार्य सहित ग्राम के सभी घरों में नल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करने के लिए किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली।
उन्होंने योजनांतर्गत कार्य को निर्धारित समयावधि में गुणवत्तापूर्वक पूर्ण करने को कहा। इसी तरह ग्राम फुंडा, ग्राम पंदर में पहुंचकर नलजल योजना के क्रियान्वयन की भी जानकारी ली। प्रभारी सचिव ने ग्राम देवादा में जिम का निरीक्षण किया। जिम में पहुंचकर उन्होंने इसकी सराहना किया। लोक निर्माण विभाग द्वारा कराए जा रहे सड़क निर्माण कार्य का अवलोकन करने के साथ ही सड़क के किनारे नाली निर्माण में बहाव पर विशेष ध्यान रखने कहा। जिससे नाली से पानी की निकासी सुगमता पूर्वक हो सके।
'त्योहारों के मौसम में कोरोना संक्रमण से कैसे बचें' : चिकित्सक से ली गई विशेष भेंटवार्ता आज आकाशवाणी रायपुर से प्रसारित

रायपुर / शौर्यपथ / आकाशवाणी केंद्र, रायपुर द्वारा आज एक विशेष कार्यक्रम- 'त्योहारों के मौसम में कोरोना संक्रमण से कैसे बचें' प्रसारित किया जाएगा। इसके अंतर्गत रायपुर मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर ओ. पी. सुंदरानी से ली गयी विशेष भेंटवार्ता प्रसारित की जाएगी। प्रादेशिक समाचार एकांश द्वारा तैयार किया गया यह कार्यक्रम सुबह साढ़े दस बजे प्रसारित होगा, जिसे छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्र रिले करेंगे।

दुर्ग / शौर्यपथ / स्वसहायता समूहों द्वारा गोबर से बने हुए डिजाइनर दीये लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं और देश-विदेश से इनकी माँग आ रही है। इन हुनरमंद लोगों द्वारा बनाये गए उत्पादों से जिले के नागरिक भी पूरी तरह से रूबरू हों इसके लिए मुकम्मल तैयारी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने निगम अधिकारियों को निर्देशित किया है कि दीपावली के अवसर पर बड़ा बाजार सजेगा, इसमें स्थानीय उत्पादों का काफी बड़ा बाजार होगा। दीपावली में परंपरागत रूप से दीयों के द्वारा रौशनी की परंपरा है। हमारी स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने बीते महीने इस संबंध में बहुत अच्छा कार्य किया है।
उन्होंने गोबर के डिजाइनर दीये, धूपबत्ती आदि बनाये हैं। इसके साथ ही वे स्थानीय उत्पाद भी काफी गुणवत्तापूर्वक तैयार कर रही हैं। दीपावली के मौके पर वे बाजार के आर्थिक लाभ की संभावनाओं का पूरा दोहन कर सकें, इसके लिए जरूरी है कि उन्हें प्राइम लोकेशन पर अपने उत्पादों के विक्रय और डिस्प्ले के लिए जगह दी जाए। कलेक्टर ने कहा कि इसके साथ ही स्वसहायता समूहों की महिलाओं का नियमित प्रशिक्षण भी जरूरी है ताकि वे बाजार की डिमांड को समझकर उसके अनुरूप उत्पाद तैयार कर सकें। इसके लिए गुणवत्ता, मूल्य निर्धारण, बाजार तक पहुंच आदि चीजें बहुत जरूरी हैं। इस संबंध में इन्हें पूरा मार्गदर्शन दें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने इन गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर भिलाई निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी, रिसाली निगम कमिश्नर श्री प्रकाश सर्वे, अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई, सहायक कलेक्टर जितेंद्र यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
लिफ्ट इरीगेशन की संभावनाओं पर होगा काम- कलेक्टर ने कहा कि जिले में लिफ्ट इरीगेशन की बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इसका पूरा दोहन करना है। इसके लिए उन्होंने विद्युत कंपनी के अधिकारियों के साथ संयुक्त दौरा करने के निर्देश क्रेडा अधिकारियों को दिये। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को कहा कि जहां कहीं भी नहरों में झाड़ी, गाद आदि जमा होता है वहां ठीक करा लें ताकि ज्यादा से ज्यादा बूंद सिंचित की जा सके। उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्ते वे इस कार्य का अवलोकन करेंगे।
धान खरीदी केंद्रों में मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित करें- कलेक्टर ने कहा कि आने वाले दिनों में धान खरीदी आरंभ होगी। धान खरीदी केंद्रों में सारी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करा लें। जिन 7 अतिरिक्त केंद्रों में धान खरीदी इस साल से शुरू होनी है वहां भी धान खरीदी की तैयारियों की मुकम्मल व्यवस्था करा लें। हर समिति में चबूतरों की उपलब्धता सुनिश्चित करा लें। 30 अक्टूबर तक सभी चबूतरे पूरे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि बारदानों की उपलब्धता तथा कैप कवर की व्यवस्था मुकम्मल कर लें।
कलेक्ट्रेट भवन का रिनोवेशन होगा लेकिन मूल स्वरूप कायम रहेगा- कलेक्टर ने कहा कि कलेक्ट्रेट भवन का रिनोवेशन किया जाएगा लेकिन भवन का मूल स्वरूप इसी तरह से कायम रहेगा। अन्य निर्माण कार्यों के संबंध में उन्होंने कहा कि एजेंसियों के निर्माण कार्य कोरोना की वजह से होने वाले लाकडाउन की वजह से प्रभावित हुए हैं। अब इन्हें गति देने की जरूरत है। अधिकारी लगातार मानिटर करें और इन्हें जल्द से जल्द पूरा करें।
सुबह और शाम के दौरों के माध्यम से प्रभावी रूप से हो साफ सफाई की मानिटरिंग- कलेक्टर ने कहा कि निगम अधिकारी सुबह और शाम दोनों समय सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करें। सफाई पुख्ता होनी चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि टीकाकरण और मातृ स्वास्थ्य के जो कार्यक्रम चल रहे हैं उन पर लगातार मानिटरिंग रहें।

-‘धमधा के किसान श्री विश्राम सिंह पटेल की कहानी’, जिन्हें दूध से ज्यादा आय गोबर बेचकर हुई
- दो किस्तों को मिलाकर अब तक करीब 16 हजार रुपए कमाए, वहीं इस दौरान दूध बेचकर हुई करीब 11 हजार 300 रुपए की आमदनी
-सोच रहे थे अपने मवेशी बेच दें मगर ‘गोधन न्याय योजना’ ने बदल दिया इरादा
-गौपालन को मिला सहारा और जैविक खेती को मिल रहा बढ़ावा पशुपालकों और किसानों के लिए फायदे की योजना है गोधन न्याय योजना

दुर्ग / शौर्यपथ / जनहित में लिया गया एक सही निर्णय किस तरह कारगर साबित होता है इसका साक्षात उदाहरण है धमधा के किसान श्री विश्राम सिंह पटेल। वे बताते हैं कि कुछ महीनों पहले रखरखाव में हो रहे खर्च के कारण उन्होंने इरादा कर लिया था कि वह अपने सारे मवेशी बेच बेच देंगे लेकिन उनका इरादा बदल दिया राज्य शासन की गोधन न्याय योजना ने। जब उनको पता चला कि सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने से गोबर खरीदने की योजना शुरू की है तो उन्होंने भी सोचा क्यों न वो भी इस योजना का फायदा उठाएं।
40 मवेशियों से मिलता है करीब ढाई से तीन क्विंटल गोबर, दो किस्तों को मिलाकर अब तक करीब 16 हजार रुपए कमाए, वहीं इस दौरान दूध बेचकर हुई करीब 11 हजार 300 रुपए की आमदनी - श्री विश्राम सिंह पटेल बताते हैं शुरुआत में तो केवल आजमाने के लिए उन्होंने गोबर इकट्ठा किया तो देखा 40 मवेशियों से करीब ढाई से 3 क्विंटल गोबर इकट्ठा हो जाता है। उनके पास 10 गायें गिर नस्ल की, 15 देसी नस्ल की हैं और 15 बछड़े और बछिया है। उन्होंने बताया कि एक गाय साल भर दूध नहीं देती जब उसके बछड़े होते तभी दूध देती है। इस लिहाज से एक समय मे 25 में 8 से 10 गायें ही दूध देती हैं । उनके यहाँ देसी गाय एक दिन में डेढ़ से दो लीटर दूध देती है और गिर गाय 7 से 8 लीटर। वर्तमान में 4 देसी और 3 गिर गायें दूध दे रही हैं। जिनसे प्राकृतिक रूप से एक दिन में करीब 15 से 20 लीटर दूध मिलता है। वहीं 40 मवेशियों से करीब ढाई से तीन क्विंटल गोबर मिला जिसे बेचकर पहली किस्त में 6470 और दूसरी किस्त 9450 दोनों को मिलाकर करीब 16 हजार रुपए मिले। वहीं दूध बेचकर इसी अवधि में उनको 11 हजार 300 रुपए की आमदनी हुई। श्री विश्राम सिंह पटेल बताते हैं कि एक दिन उन्होंने करीब 700 रुपए का गोबर बेचा और उसी दिन 500 रुपए का दूध। ये देखकर उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गोबर से भी उनको इतनी आय हो सकती।
गौपालन को मिला सहारा और जैविक खेती को मिल रहा बढ़ावा पशुपालकों के लिए फायदे की योजना है गोधन न्याय योजना - श्री पटेल ने बताया कि 40 मवेशियों के पालन पोषण रख-रखाव बहुत महंगा पड़ रहा था। हरा चारा तो अपने खेतों से मिल जाता था मगर बाजार से चारा, मवेशियों के टीकाकरण, श्रमिकों की मजदूरी मिलाकर काफी खर्च हो जाता था। एक समय ऐसा आया कि उन्होंने तो गौपालन बंद करने का सोच लिया था लेकिन, ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत हो रही गोबर खरीदी से उनके गौपालन को सहारा मिला और उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। अतिरिक्त आमदनी होने से उनको मवेशियों के रख-रखाव में मदद मिलेगी।

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