October 23, 2025
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दुर्ग

दुर्ग (4826)

 विदेशी उत्पादों को नकारें, स्वदेशी अपनाएं-उप मुख्यमंत्री अरुण साव 

     दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव आज दुर्ग जिले के नया बस स्टैंड पहुँचे, जहाँ उन्होंने स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री साव ने कोका-कोला और पेप्सी जैसी विदेशी पेय सामग्रियों को प्रतीकात्मक रूप से नाली में बहाकर विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश के आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक पहचान को जागृत करने का माध्यम है। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि भारत को विश्व गुरु और सोने की चिड़िया हमारे संस्कारों और स्वभाव के कारण कहा जाता है। स्वदेशी केवल उत्पादों का चयन नहीं, बल्कि हमारी आत्मा से जुड़ा विषय है। हम हजारों वर्षों से दुनिया को शिक्षा, आयुर्वेद, विज्ञान और संस्कृति देते आए हैं। यही हमारे संस्कार हैं। उन्होंने ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ के विचार की महत्ता बताते हुए कहा कि आज भी दुनिया को यदि कोई देश अपना परिवार मानता है, तो वह केवल भारत है।
  उप मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत की शक्ति और सामर्थ्य का प्रमाण है। आज भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि वहां का हर नागरिक आत्मसम्मान के साथ खड़ा हो सकता है, तो भारत जैसे विशाल देश को भी स्वदेशी अपनाकर आत्मनिर्भर बनना चाहिए। श्री साव ने कहा कि जब हमारे सैनिक सीमा पर माइनस डिग्री तापमान में देश की रक्षा कर रहे हैं, तो हमें भी अपने घरों में विदेशी वस्तुओं को प्रवेश न देकर देश की आंतरिक सुरक्षा में योगदान देना चाहिए। हमारे खान-पान, रहन-सहन पर विदेशी वस्तुओं ने मानसिक आक्रमण कर दिया है, जिसे हमें पहचानने की आवश्यकता है। उन्होंने दीपावली पर स्थानीय कुम्हारों के बनाए दीयों और गणेश की मूर्तियों को प्राथमिकता देने की अपील की और कहा कि स्थानीय कलाकारों से खरीदी गई वस्तुएं न केवल हमारी संस्कृति को जीवित रखेंगी, बल्कि उनके परिवारों का भरण-पोषण भी करेंगी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन की भूमिका को याद किया और कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में स्वदेशी आंदोलन की बड़ी भूमिका रही। आज भी यही भावना देश को सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बना सकती है। तन स्वदेशी, मन स्वदेशी, संस्कार स्वदेशी इन्हीं विचारों के साथ आगे बढ़ने को कहा। कार्यक्रम में विधायक ललित चंद्राकर, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू,  जितेन्द्र वर्मा,  सुरेन्द्र कौशिक सहित स्वदेशी सुरक्षा स्वावलंबन के संयोजक जगदीप पटेल व दिनेश पटेल सहित व्यापारीगण, स्थानीय जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे। 

सिर्फ रेलवे संरेखण से 150 मीटर के भीतर आने वाले खसरों पर जारी रहेगा प्रतिबंध

          दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर अभिजीत सिंह ने खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना के लिए दुर्ग जिले के प्रभावित 23 गांवों में भू-अर्जन संबंधी प्रतिबंध में आंशिक छूट देने के निर्देश दिए है। ज्ञात हो कि खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा परियोजना नई रेलवे लाइन में पाटन अनुभाग के ग्राम ठकुराईनटोला, बठेना, देमार अरसनारा, नवागांव, देवादा, सांतरा, मानिकचौरी, बोहारडीह, फेकारी, धौराभाठा तथा दुर्ग अनुभाग के ग्राम घुघसीडीह, खोपली, बोरीगारका, पुरई, कोकड़ी, कोड़िया, भानपुरी, चंदखुरी, कोनारी, चंगोरी, बिरेझर, थनौद इस प्रकार कुल 23 ग्राम सम्मिलित है। पूर्व आदेश के अनुसार इन गांवों की सभी भूमियों पर खाता विभाजन, अंतरण, व्यपवर्तन और खरीदी-बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई गई थी। जिसे अब आंशिक छूट देने का निर्णय लिया गया है।
   उल्लेखनीय है कि दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे, बिलासपुर के उप मुख्य अभियंता/निर्माण द्वारा नई सूची उपलब्ध कराई गई है। जिसके अनुसार अब केवल उन खसरों पर प्रतिबंध जारी रहेगा जो रेलवे संरेखण से 150 मीटर की परिधि के अंतर्गत आते हैं। रेलवे द्वारा प्रस्तुत सूची में शामिल खसरों को छोड़कर, शेष सभी भूमियों पर लगा प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है।
आंशिक रूप से प्रतिबंधित क्षेत्र में ग्राम करगाडीह और पाउवारा भी शामिल
   कलेक्टर सिंह ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम 2024 के तहत उक्त 23 ग्रामों के अलावा ये दुर्ग अनुभाग के दो नए गांव करगाडीह और पाउवारा में भूमि अंतरण, खाता विभाजन एवं व्यपवर्तन को आंशिक रूप से प्रतिबंधित किया है। दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे, बिलासपुर द्वारा दी गई नई सूची के आधार पर उक्त गांवों को भी अब परियोजना में शामिल किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और बिचौलियों को मुनाफा कमाने से रोकने के लिए दोनों गांवों में रेलवे ट्रैक के 150 मीटर के दायरे में आने वाली निजी जमीनों/खसरों पर तत्काल प्रभाव से खाता विभाजन, अंतरण, व्यपवर्तन और खरीदी-बिक्री पर रोक लगाई गई है। जिन व्यक्तियों की जमीन/खसरा इस प्रतिबंध से प्रभावित हुई है, वे अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। इन आवेदनों पर रेलवे विभाग से राय लेने के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।

    दुर्ग / शौर्यपथ / शहर में कानून व्यवस्था और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दुर्ग पुलिस ने शनिवार को अचानक चेकिंग अभियान चलाया। ग्रीन चौक पर एडिशनल एसपी, दुर्ग सीएसपी, यातायात प्रभारी और मोहन नगर थाना प्रभारी की टीम ने चारों तरफ से नाकेबंदी कर मोटरसाइकिल, ई-रिक्शा सहित सभी वाहनों की सघन जांच शुरू की।
  चेकिंग के दौरान पुलिस ने बिना कागज़ात वाले दर्जनों वाहनों के चालान काटे और कई संदिग्धों को पूछताछ किया गया । टीम ने हेलमेट न पहनने वालों पर भी सख्ती बरती।
  अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि शहर में अवैध गतिविधियों पर अंकुश और यातायात व्यवस्था में सुधार हो सके।

   भिलाई। राष्ट्रव्यापी हर घर तिरंगा अभियान के तहत नगर पालिक निगम रिसाली में बुधवार को भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर और निगम आयुक्त मोनिका वर्मा ने किया। इस अवसर पर निगम क्षेत्र के नागरिकों को राष्ट्रीय ध्वज भी वितरित किया गया।

सुबह रिसाली निगम मुख्य कार्यालय से तिरंगा यात्रा का शुभारंभ हुआ, जिसे निगम आयुक्त मोनिका वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा में शामिल कर्मचारी, पार्षद और बड़ी संख्या में नागरिक देशभक्ति के जयकारे लगाते हुए वार्ड-13 टंकी मरोदा, वार्ड-14 मरोदा टैंक, मरोदा सेक्टर पूर्व, मरोदा सेक्टर पश्चिम होते हुए रिसाली सेक्टर पश्चिम और डीपीएस रिसाली मार्ग से गुजरते हुए मैत्री नगर परशुराम चौक पहुंचे।

यहां विधायक ललित चंद्राकर ने परशुराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पैदल पदयात्रा शुरू की। यात्रा जोहार चौक पहुंची, जहां शहीद रजनीकांत की प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष शैलेन्द्र साहू, पार्षद सुनंदा चंद्राकर, रमा साहू, सारिका साहू, शीला नारखेड़े, डॉ. सीमा साहू, सांसद प्रतिनिधि दीपक पप्पू चंद्राकर, मंडल अध्यक्ष राजू जंघेल, अनुपम साहू समेत सैकड़ों नागरिक मौजूद थे।

जवानों का उत्साह और ध्वज वितरण
तिरंगा यात्रा में नगर पालिक निगम रिसाली के कर्मचारियों और नागरिकों के साथ-साथ सीआईएसएफ के लगभग 30 जवानों ने भी भाग लिया। वे “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के उद्घोष करते हुए मार्च कर रहे थे। यात्रा के दौरान कृष्ण टॉकिज रोड स्थित एस टू एस शैक्षणिक संस्थान की ओर से निगम को लगभग 1500 राष्ट्रीय ध्वज प्रदान किए गए, जिन्हें नागरिकों के बीच वितरित किया गया।

   भिलाई। जल संरक्षण और गिरते भूजल स्तर की गंभीर समस्या से निपटने के लिए नगर पालिक निगम भिलाई ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के निर्माण कार्यों में तेजी ला दी है। आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय ने सभी जोन आयुक्तों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार कराए जाएं, ताकि बारिश के पानी का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सके।

निर्माण कार्य केवल सरकारी स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि मकान मालिक, होटल संचालक, स्कूल-कॉलेज प्रबंधन, अस्पताल और विभिन्न शासकीय भवनों में भी जल संरक्षण हेतु इस व्यवस्था को अपनाने के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। निगम के अनुसार, जिन भवनों में अभी तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया गया है, वहां चयनित एजेंसियों के माध्यम से जल्द ही निर्माण कार्य कराया जाएगा।

विशेषज्ञ बताते हैं कि इस प्रणाली के जरिए वर्षा जल को विशेष संरचनाओं से गुजारकर भूजल में पुनः पहुंचाया जाता है। इससे न केवल बोरवेल और कुओं में पानी का स्तर सुधरता है, बल्कि भविष्य में जल संकट से निपटने के लिए यह एक स्थायी समाधान भी है।

नगर निगम का दावा है कि बारिश के पानी को संरक्षित कर रिचार्ज करने से स्थानीय जल स्रोतों की उम्र बढ़ेगी और नागरिकों को साल भर पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। यह पहल भिलाई को ‘जल संरक्षण में आत्मनिर्भर शहर’ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में बिना बढ़ोतरी के बोनस सीधे कर्मचारियों के खातों में भेजने की संभावित योजना को लेकर कर्मचारियों में भारी नाराज़गी है। इस मुद्दे पर बुधवार, 13 अगस्त को भिलाई इस्पात मजदूर संघ (बीएमएस) की अहम बैठक इस्पात भवन कॉफी हाउस में संघ के महामंत्री चन्ना केशवलू के नेतृत्व में आयोजित हुई।

बैठक में चर्चा के दौरान सदस्यों ने बताया कि समाचार पत्रों के माध्यम से लगातार यह जानकारी मिल रही है कि बोनस भुगतान पंचवर्षीय फार्मूले के आधार पर किया जाएगा और सीधे खातों में राशि भेज दी जाएगी। इस फैसले से कर्मचारियों में गहरा रोष है, क्योंकि उनका कहना है कि ऐसा समझौता केवल स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में हुआ है, जबकि अन्य किसी संयंत्र में यह व्यवस्था नहीं है।

संघ पदाधिकारियों ने कहा कि अन्य महारत्न और नवरत्न कंपनियों में बोनस में हर साल बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन सेल में यह व्यवस्था कर्मचारियों के साथ अन्यायपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि बोनस समझौते में बदलाव नहीं किया गया तो मजदूर संघ आंदोलन और निर्णायक लड़ाई के लिए बाध्य होगा।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों के लंबित एरियर्स और इंसेंटिव भुगतान को लेकर प्रबंधन शीघ्र एनजेसीएस (राष्ट्रीय संयुक्त समिति) की बैठक बुलाकर ठोस निर्णय ले। इन सभी मांगों को लेकर जल्द ही प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

बैठक में महामंत्री चन्ना केशवलू, उपाध्यक्ष आई. पी. मिश्रा, डिल्ली राव, मृगेंद्र कुमार, सुधीर गडेवाल, जगजीत सिंह, संयुक्त महामंत्री वशिष्ठ वर्मा, प्रदीप पाल, अनिल गजभिये, जोगिंदर कुमार, हरीशंकर चतुर्वेदी, कोषाध्यक्ष रवि चौधरी, सचिव ए. वेंकट रमैया, संतोष सिंह, अखिलेश उपाध्याय, संजय कुमार साकुरे, संतोष जगन्नाथ नाले, वेगी अविनाश, वीरेंद्र गोस्वामी, विजय शर्मा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।

भिलाई। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर भिलाई स्टील प्लांट शेड्यूल्ड ट्राइब एम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन एवं आदिवासी मंडल भिलाई के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को भव्य रैली का आयोजन किया गया। रैली का प्रारंभ रेल चौक से हुआ, जिसमें आदिवासी संस्कृति, पारंपरिक खानपान, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक एकता का मनमोहक प्रदर्शन देखने को मिला।

कार्यक्रम में शामिल आदिवासी मंडल के पदाधिकारियों का स्वागत फूल-मालाओं, पारंपरिक गीतों, ढोल-नगाड़ों और नृत्य की ताल पर किया गया। आयोजन में लगभग 2,500 सदस्यों को पारंपरिक नाश्ता — फरहा और टमाटर की चटनी — सरई पत्तों के दोने में परोसा गया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता का प्रतीक बना। मौके पर लगाए गए आकर्षक सेल्फी प्वाइंट ने भी लोगों का ध्यान खूब खींचा और आयोजन का मुख्य आकर्षण बन गया।

शाम को सेक्टर-4 स्थित इस्पात क्लब में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें करीब 500 एसटी कर्मचारी और उनके परिजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत संगठन के अध्यक्ष प्रदीप टोप्पो ने आदिवासी संस्कृति पर लिखी अपनी कविता के साथ स्वागत संबोधन से की। उन्होंने कहा, "इस आयोजन का उद्देश्य न केवल हमारी समृद्ध आदिवासी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का उत्सव मनाना है, बल्कि सभी एसटी कर्मचारियों को एक मंच पर एकजुट करना भी है। यह दिन हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है, पूर्वजों के संघर्ष और उनकी विरासत की याद दिलाता है तथा भविष्य के लिए प्रेरित करता है।"

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में के.के. तिर्की और डॉ. श्रीमती नीलि एस. कुजूर मौजूद थे। अतिथियों का स्वागत पारंपरिक रीति से — हाथ धोकर, बैज और आदिवासी गमछा पहनाकर तथा गुलदस्ता भेंट कर — किया गया। अपने संबोधन में के.के. तिर्की ने कहा कि आदिवासी समुदाय प्रकृति से गहराई से जुड़ा हुआ है और उसका संरक्षण हमारी परंपरा का हिस्सा है।

कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, पारंपरिक नृत्यों और गीतों ने माहौल को उत्साह और गौरव से भर दिया। आयोजन के अंत में सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से आदिवासी गौरव और एकता बनाए रखने का संकल्प लिया।

भिलाई। आईआईटी भिलाई की शोध टीम ने आईआईटी मद्रास और जर्मनी के शीर्ष संस्थानों के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक क्रांतिकारी तकनीक विकसित की है, जिसके जरिए महंगे व जहरीले धातुओं की जगह सस्ते, प्रचुर और सुरक्षित धातु—लोहे का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता वाले प्लास्टिक और पॉलिमर बनाए जा सकेंगे।

टीम में अमूल जैन, भानेंद्र साहू और डॉ. संजीव बनर्जी शामिल हैं, जिन्होंने विशेष लौह-आधारित उत्प्रेरकों की मदद से यह विधि तैयार की। यह तकनीक सामान्य कमरे के तापमान पर सटीक रूप से नियंत्रित पॉलिमर तैयार करती है, जिससे प्रक्रिया न केवल पर्यावरण-अनुकूल और सुरक्षित बनती है बल्कि उद्योगों व छोटे व्यवसायों (MSME) के लिए किफायती और मापनीय भी।

शोध में पहली बार रेडॉक्स और नियर-इन्फ्रारेड (NIR) सक्रिय लौह ट्राइरेडिकल कॉम्प्लेक्स आधारित पॉलीमराइजेशन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया। यह प्लेटफॉर्म हल्के और सामान्य परिस्थितियों में एक्रिलामाइड्स और मेथैक्रिलेट्स का नियंत्रित रेडिकल पॉलीमराइजेशन संभव बनाता है। नतीजतन, अभूतपूर्व चेन-एंड फिडेलिटी, संकीर्ण फैलाव और उच्च पर्यावरणीय सुरक्षा के साथ पॉलिमर व डिब्लॉक कोपॉलीमर तैयार होते हैं।

यह तकनीक बायोमेडिसिन, स्मार्ट कोटिंग्स और प्रतिक्रियाशील प्रणालियों के लिए उन्नत कार्यात्मक सामग्री विकसित करने का मार्ग खोलती है। इसके जरिए भारत के उद्योग और MSME अब महंगे या जहरीले धातुओं की निर्भरता घटाकर, हरित और उच्च प्रदर्शन वाले पॉलिमर का उत्पादन कर सकेंगे।

इस परियोजना को भारत सरकार के DSIR–CRTDH कार्यक्रम से सहायता मिली। शोध पत्र विश्व-प्रसिद्ध एंग्वैंड्टे केमी इंटरनेशनल एडिशन (Wiley-VCH) में प्रकाशित हुआ है, जो पॉलिमर रसायन विज्ञान के भविष्य में इस खोज के महत्व को रेखांकित करता है।

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के व्यवसायिक उत्कृष्टता विभाग द्वारा 29 से 31 जुलाई तक मानव संसाधन विकास केंद्र में संयंत्र स्तरीय ‘गुणवत्ता-2025’ क्वालिटी सर्कल एवं फाइव-एस प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कर्मचारियों और अधिकारियों ने कार्यक्षेत्र में किए गए सृजनात्मक कार्यों व अभिनव समाधान की प्रस्तुतियां दीं।

समापन एवं पारितोषिक वितरण समारोह 12 अगस्त को कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यू) विजय कुमार बेहेरा उपस्थित थे।

प्रतियोगिता में 74 टीमों ने पांच श्रेणियों—मैन्यूफैक्चरिंग स्ट्रीम, मैन्यूफैक्चरिंग सपोर्ट स्ट्रीम, प्योर सर्विसेज स्ट्रीम, लीन क्वालिटी सर्कल और 5-एस—में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

  • मैन्यूफैक्चरिंग स्ट्रीम में टीम ऊर्जा (यूआरएम) प्रथम, टीम रेल रक्षक (रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल) द्वितीय और टीम अनन्या (सिंटर प्लांट-3) तृतीय रही।

मुख्य अतिथि पवन कुमार ने कहा कि यह प्रतियोगिता संयंत्र में गुणवत्ता के प्रति जागरूकता और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देती है तथा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग का मार्ग प्रशस्त करती है।

महाप्रबंधक (व्यवसायिक उत्कृष्टता) मनोज दुबे ने स्वागत भाषण में बताया कि इस वर्ष 26 विभागों की 74 टीमों ने भाग लिया, जो पिछले वर्ष की 53 टीमों की तुलना में लगभग 40% अधिक है, इसे उन्होंने सराहनीय उपलब्धि बताया।

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