December 07, 2025
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दुर्ग

दुर्ग (4886)

 

दुर्ग। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग के निर्देशन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग विजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में सायबर थाना दुर्ग ने अंतरराज्यीय साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। दुर्ग पुलिस ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 48 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले दो मुख्य आरोपियों को आंध्रप्रदेश से गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया है।

48.67 लाख की फॉरेक्स ठगी—ऐसे हुआ खुलासा

9 अक्टूबर 2025 को एक पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि इंस्टाग्राम पर फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर भेजे गए एक लिंक पर क्लिक करने के बाद उससे कुल ₹48,67,500 की ठगी की गई। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सायबर थाना दुर्ग में अपराध क्रमांक 08/2025, धारा 318(4), 336, 3(5) BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन आंध्रप्रदेश में चिन्हित की। इसके बाद एक विशेष टीम अनकापल्ली जिले में दबिश देकर दोनों साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया।


गिरफ्तार आरोपी

  1. पी. सत्यनागा मूर्ति, उम्र 25 वर्ष
    निवासी: पुलापर्थी, यालामंचली मंडल, जिला अनकापल्ली (आंध्रप्रदेश)

  2. बालाजी श्रीनू, उम्र 34 वर्ष
    निवासी: चिन्ना विधि, तहसील यालामंचली, जिला पुलापर्थी, विशाखापट्टनम (आंध्रप्रदेश)

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड भी जब्त किए। न्यायालय में पेश करने के बाद दोनों को केंद्रीय जेल दुर्ग भेज दिया गया है।


कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम

  • निरीक्षक जितेंद्र वर्मा

  • सउनि. पूर्ण बहाद्दुर

  • आरक्षक अनूप कुमार शर्मा

  • आरक्षक जुगनू सिंह

  • आरक्षक विवेक सिंह

टीम ने तकनीकी दक्षता और सतर्कता के आधार पर अंतरराज्यीय साइबर गैंग का सफाया किया।


दुर्ग पुलिस की अपील

नागरिक किसी भी अनजान लिंक, फॉरेक्स ट्रेडिंग, ऑनलाइन निवेश या त्वरित लाभ के लालच में आने से पहले उसकी विश्वसनीयता की गहन जांच करें।
संदिग्ध गतिविधि या ठगी की स्थिति में तुरंत सायबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
पहले सतर्क रहें—फिर सुरक्षित रहें।

28 पेटी अवैध शराब, टाटा सफारी और मोबाइल सहित 4.74 लाख की मशरूका जब्त

नंदिनी नगर (durg ) / shouryapath / थाना नंदिनी नगर पुलिस ने मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना पर बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब परिवहन में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से 28 पेटी देसी शराब, एक टाटा सफारी वाहन, चार स्मार्टफोन और नगदी रकम सहित कुल 4,74,500 रुपये की मशरूका जब्त की है।

सूचना मिली थी कि धमधा मार्ग से नंदिनी खुर्द की ओर एक पुरानी टाटा सफारी में दीगर राज्य की अवैध शराब लाई जा रही है। जानकारी मिलते ही नंदिनी नगर थाना प्रभारी के निर्देशन में टीम ने बताए गए मार्ग पर घेराबंदी कर रेड कार्रवाई की।

छापेमारी में बरामद सामग्री

  • 28 पेटी देसी शराबकीमत: ₹1,34,400

  • टाटा सफारी वाहनकीमत: ₹3,00,000

  • 04 स्मार्टफोनकीमत: ₹25,000

  • नगदी₹15,100
    कुल जब्ती राशि: ₹4,74,500

घटना में पकड़े गए आरोपियों का कृत्य धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत दंडनीय पाया गया, जिस पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर विधिवत कार्रवाई की है।


गिरफ्तार आरोपी

  1. नरेश कुर्रे, उम्र 38 वर्ष, निवासी ग्राम डूमर, नंदिनी नगर

  2. लवकेश उर्फ बबलू, उम्र 30 वर्ष, निवासी गिरहोला, नंदिनी नगर

  3. आर्यन कुमार लहरे, उम्र 24 वर्ष, निवासी ग्राम डूमर, नंदिनी नगर

  4. प्रभू बारले, उम्र 24 वर्ष, निवासी वार्ड 04, अहिवारा

पुलिस की त्वरित कार्रवाई से क्षेत्र में चल रही अवैध शराब तस्करी पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता मिली है।

- 30 नवम्बर तक मतदाता से गणना पत्रक वापस जमा करायी जाए
- मेपिंग पश्चात् चिन्हाकित एएसडी का भी एन्ट्री कराएं
- सुपरवाईजरों से विडियो काल कर समस्या की जानकारी ली
दुर्ग। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिंह ने आज नगर निगम दुर्ग के सभाकक्ष में विधानसभा क्षेत्र दुर्ग शहर और नगर निगम भिलाई में विधानसभा क्षेत्र वैशाली नगर एवं भिलाई नगर में चल रहे निर्वाचक नामावलियों की विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य की मतदान केन्द्रवार समीक्षा की। उन्होंने 55 प्रतिशत से कम वाले मतदान केन्द्र के बीएलओ से तथा 55 से 70 प्रतिशत वाले मतदान केन्द्र के बारे में सुपरवाइजर से विडियो कॉलिंग के माध्यम से समस्या की विस्तृत जानकारी ली। इसी प्रकार 70 से 90 प्रतिशत वाले केन्द्रों के संबंध में ईआरओ और एईआरओ से जानकारी ली। साथ ही शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण करने के संबंध में रायशुमारी की गई।
कलेक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य को प्राथमिकता के साथ सभी को समय पर पूर्ण किया जाना है। गणना पत्रक जमा करने के अंतिम तिथि के इन्तजार किये बगैर बीएलओ को संबंधित क्षेत्र के घर-घर जाकर गणना पत्रक संग्रहण करना होगा। जो मतदाता गणना पत्रक वापस जमा नहीं कर रहे हैं ऐसी स्थिति में पंचनामा तैयार कर इस पर मतदाता का हस्ताक्षर करवा कर रखें। इसी प्रकार बीएलओ द्वारा गणना पत्रक वितरण हेतु तीन बार मतदाता के घर जाने पर भी यदि मतदाता नहीं मिले तो घर में नोटिस चस्पा कर, मौके पर पंचनामा तैयार कर, ऐसे मतदाताओं का शिफ्टेट फार्म भरा जाए। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति मतदान केन्द्र से संबंधित वार्ड में निवासरत् नहीं है। वर्तमान में अन्यत्र निवास कर रहा है, ऐसे मतदाताओं को गणना पत्रक उपलब्ध न कराएं।
कलेक्टर ने कहा कि सुपरवाइजर एवं बीएलओ यह सुनिश्चित करें कि 30 नवम्बर की रात्रि तक सभी मतदान केन्द्रों से संबंधित वितरित गणना पत्रक बीएलओ को वापस जमा हो जाएं। मेपिंग पश्चात् चिन्हांकित एएसडी की एन्ट्री रात्रि तक पूर्ण कर ली जाए। गणना पत्रक एन्ट्री पश्चात् आगामी दो दिनों में डिजिटाइजेशन का कार्य पूर्ण किया जाए। उन्होंने अवगत कराया कि वर्तमान में सिंगल मल्टीपल लॉगिन चल रहा हैं। यदि निर्वाचन आयोग इसे बंद कर दिया तो गणना पत्रक एन्ट्री करना संभव नही हो पाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए गणना पत्रक संग्रहण हेतु सुपरवाइजर, बीएलओ एवं उनके सहायक कर्मचारी पूरा जोर लगाएं ताकि आगामी दो दिनों में संग्रहित पत्रकों का डिजिटाइजेशन किया जा सकें।
इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी अपर कलेक्टर  विरेन्द्र सिंह, दुर्ग शहर ईआरओ एडीएम अभिषेक अग्रवाल, भिलाई नगर ईआरओ अपर कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, वैशाली नगर ईआरओ संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शिल्ली थामस, आयुक्त नगर निगम दुर्ग सुमीत अग्रवाल, आयुक्त नगर निगम भिलाई राजीव पाण्डे, दुर्ग शहर एसडीएम उत्तम ध्रुव एवं एईआरओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।    

1 दिसम्बर को मालवीय नगर कॉम्प्लेक्स के पास 600 एमएम वाल्व बदला जाएगा, 24 एमएलडी फिल्टर प्लांट रहेगा शटडाउन

दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम दुर्ग ने महत्वपूर्ण तकनीकी कार्यों के कारण 1 दिसम्बर 2025, दिन सोमवार को बड़े पैमाने पर जलप्रदाय प्रभावित रहने की चेतावनी जारी की है। मालवीय नगर कॉम्प्लेक्स के पास 600 एमएम वाल्व को बदलने का कार्य सुबह की वाटर सप्लाई के बाद किया जाएगा। इसी कारण 24 एमएलडी फिल्टर प्लांट का शटडाउन लिया गया है, जिसके चलते रात 1 दिसम्बर की शाम से 2 दिसम्बर की सुबह तक कई वार्डों में पानी की सप्लाई बाधित रहेगी।

निगम ने बताया कि जिन क्षेत्रों में टंकियों से जलप्रदाय प्रभावित होगा, वहाँ आवश्यकता अनुसार टैंकरों के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे समय रहते पर्याप्त मात्रा में पानी संग्रहित कर लें।

ये क्षेत्र रहेंगे प्रभावित

पदमनाभपुर टंकी क्षेत्र (वार्ड 43, 44, 45, 46)
कसारीडीह पूर्व, बाबा गुरु घासीदास वार्ड, पद्मनाभपुर पश्चिम, पद्मनाभपुर पूर्व।

शंकर नगर टंकी क्षेत्र (वार्ड 10, 11, 12, 13)
शंकर नगर पश्चिम-पूर्व, मोहन नगर पश्चिम-पूर्व।

शक्तिनगर टंकी क्षेत्र (वार्ड 17, 18, 19, 20, 21, 22)
औद्योगिक नगर उत्तर-दक्षिण, शहीद भगत सिंह उत्तर-दक्षिण, तितुरडीह, स्टेशनपारा।

गिरधारी नगर टंकी क्षेत्र (वार्ड 09, 05)
स्वामी विवेकानंद वार्ड, मरारपारा।

हनुमान नगर टंकी (वार्ड 21, 19, 20)
तितुरडीह, शहीद भगत सिंह उत्तर-दक्षिण।

ट्रांसपोर्ट नगर टंकी (वार्ड 16)
करहीडीह।

शनिचरी बाजार टंकी (वार्ड 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38 आंशिक)
तमेरपारा, आपापुरा, चंडीमंदिर, शिवपारा, रामदेव मंदिर, गंजपारा, आजाद वार्ड।

निगम की तैयारी और अपील

महापौर अलका बाघमार, आयुक्त सुमित अग्रवाल तथा प्रभारी लीना दिनेश देवांगन ने नागरिकों से अपील की है कि सोमवार को जल का संयमित उपयोग करें तथा आवश्यक मात्रा में संग्रहण कर लें।
निगम की जल विभाग टीम मालवीय नगर में मरम्मत कार्य के लिए लगातार तैनात रहेगी। प्रयास है कि कार्य शीघ्रता से पूरा हो और नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो।

    भिलाई / शौर्यपथ / वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एफआईआर कार्य में लगे सभी बीएलओ से विधायक रिकेश सेन ने बात कर उनके प्रयासों को साधुवाद दिया है। उन्होंने 293 बीएलओ से कार्य प्रगति की जानकारी ले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी चर्चा की है। श्री सेन ने कहा कि सभी बीएलओ पूरी जिम्मेदारी के साथ एसआईआर कार्य में लग कर मतदाताओं को सहयोग कर रहे हैं। कई मतदान केंद्र में 70 से 80 प्रतिशत फार्म जमा हो जाने पर विधायक ने बीएलओ को बधाई दी और कहा कि इस तरह पूरी निष्ठा से कर्तव्य निर्वहन में लगे वैशाली नगर विधानसभा के सभी 293 बीएलओ को मुख्यमंत्री से सम्मानित करवाने की पहल उनके द्वारा की जाएगी। आपको बता दें कि वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र के कुल 258 मतदान केन्द्र के लिए 293 बीएलओ मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में लगे हैं। इन सभी बीएलओ से विधायक रिकेश सेन ने टेलीफोन पर चर्चा कर कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए उन्हें बधाई दी है।
श्री सेन ने बीएलओ से संबंधित क्षेत्र के गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन कार्य के विषय में जानकारी ली और कार्य में आ रही समस्याएं भी पूछी। विधायक ने बताया कि वैशाली नगर विधानसभा में सभी बूथ स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं से गणना प्रपत्र एकत्र कर रहे हैं, और भरे हुए प्रपत्रों को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने के कार्य में जुटे हुए हैं। यह अभियान भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना है। इस अभियान में सभी बीएलओ के परिश्रम और मतदाताओं को सहयोग कार्य की श्री सेन ने सराहना की।
उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि 4 दिसंबर 2025 तक वो अपने गणना प्रपत्र संबंधित बीएलओ या सहायता केंद्रों पर जमा कर सकते हैं। यदि किसी का नाम सूची में नहीं है या कोई सुधार करवाना है, तो वे इस दौरान आवेदन भी कर सकते हैं। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में कार्य कर रहे सभी बूथ लेवल अधिकारियों की हौसला अफजाई करते हुए विधायक रिकेश सेन ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में लगे सभी अधिकारियों का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा सम्मान हो, इसके लिए वो पहल करेंगे।

   दुर्ग/ शौर्यपथ / नगर पालिक निगम दुर्ग में आज एक महत्वपूर्ण एवं बहुप्रतीक्षित बैठक आयोजित की गई, जिसमें वित्त, लेखा एवं अंकेक्षण समिति की बैठक प्रभारी नरेंद्र बंजारे की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिसमे कर्मचारियों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर निर्णायक कदम उठाए।
बैठक में समिति सदस्य देव नारायण चंद्राकर, विजंयत पटेल, सजान जोसेफ, अब्दुल खालिक, सावित्री दमाहे, मनोज सोनी, मनीष बघेल, संजय अग्रवाल और हिरोदी चंदनिया सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। सभी सदस्यों ने निगम कर्मचारियों के हितों से जुड़े मामलों पर गंभीरता से चर्चा की और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

उपादन राशि के लंबित प्रकरणों पर तेजी

बैठक में बताया गया कि कई कर्मचारियों की उपादन (सेवानिवृत्ति लाभ) राशि जारी होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। दस्तावेज़ सत्यापन का कार्य समिति द्वारा स्वयं मॉनिटर किया जा रहा है ताकि कोई भी प्रकरण बिना कारण लंबित न रहे।
प्रभारी बंजारे ने कहा कि उपादन राशि कर्मचारियों के जीवनभर की सेवा का सम्मान है और इसे समय पर जारी कर उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना निगम की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि शेष सभी लंबित प्रकरण जल्द ही निपटा दिए जाएंगे।

मृत कर्मचारियों के परिवारों को बड़ी राहत—अनुकम्पा नियुक्ति को मंजूरी

बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय मृत कर्मचारियों के परिवारों से जुड़े अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों का रहा। प्रभारी बंजारे ने बताया कि राज्य शासन से अनुमति प्राप्त होने के बाद अब इन नियुक्तियों को बिना किसी अनावश्यक विलंब के पूरा किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कई परिवार अपने सदस्यों के आकस्मिक निधन के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। अनुकम्पा नियुक्ति उन्हें आर्थिक संबल और स्थिरता प्रदान करेगी। निगम ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसे सभी प्रकरणों को पारदर्शी, संवेदनशील और प्राथमिकता आधारित प्रक्रिया से पूरा किया जाए।

कर्मचारी हित सर्वोपरि—समिति की स्पष्ट प्रतिबद्धता

बैठक में समिति सदस्यों ने कहा कि कर्मचारी किसी भी संस्थान की रीढ़ होते हैं। उनकी सेवा, समर्पण और परिवार की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना निगम की जिम्मेदारी है।
निगम प्रशासन ने वादा किया कि—

उपादन राशि समयबद्ध और तेज प्रक्रिया से जारी की जाएगी।
पात्र परिवारों को अनुकम्पा नियुक्ति में अब विलंब नहीं होने दिया जाएगा।
सभी नीतियों और निर्णयों में पारदर्शिता और संवेदनशीलता रखी जाएगी।
निगम के कल्याणकारी कदमों से कर्मचारियों में उत्साह

आज की बैठक से निगम कर्मचारियों और उनके परिवारों में राहत और विश्वास का माहौल बना है। लंबे समय से लंबित प्रकरणों के समाधान की दिशा में हुए इन सकारात्मक कदमों को कर्मचारी हित में बड़ा निर्णय माना जा रहा है।

“दुनिया से मिलने का समय — जनता से नहीं।”

दुर्ग / शौर्यपथ / जनता के समस्या-समाधान के लिए बने लगभग हर सरकारी द्वार पर आज आम नागरिकों को इंतज़ार, धक्का-मुक्की और निराशा ही हाथ लग रही है। दुर्ग निगम क्षेत्र के दो सबसे बड़े जिम्मेदार — महापौर श्रीमती अलका बाघमार और आयुक्त सुमित अग्रवाल — बड़े-बड़े कार्यक्रमों, संगठनों और आयुक्त मीटिंगों में व्यस्त दिखते हैं; वहीं जो लोग जीवन-यापन, सड़क-नालियों, स्वच्छता, कब्जा, पेंशन या राहत के लिए इन अधिकारियों से मिलने आते हैं, उन्हें महापुरुषों के कक्षों के सामने बस एक ही चीज़ देखने को मिलती है — इंतज़ार।
नागरिकों के मुताबिक़ निगम कक्ष और महापौर कार्यालय के बाहर घंटों पापड़ बेलने के बावजूद भी मिलने का समय नहीं मिलता। शिकायतकर्ता, बुजुर्ग, माँ-बच्चे और छोटे व्यापारी—सब अपने मसलों के साथ प्रशासनिक दरवाज़ों पर भटकते हुए नजर आते हैं।

क्या है समस्या — सीधे शब्दों में

किसी तय ‘जनसुबिधा-समय’ (public hour) का अभाव: आयुक्त व महापौर द्वारा आम जनता से मिलने के लिए कोई सार्वजनिक, नियमित समय निर्धारित नहीं है।

पहुँच आसान, पर मिलने का रास्ता मुश्किल: कुछ खास लोगों और पदाधिकारियों से मुलाकात सहजता से हो जाती है; सामान्य नागरिकों के लिए वही विभाग अक्सर ‘सुलभ’ नहीं बन पाते।

शिकायतों का फ़ॉलो-अप गायब: शिकायत दर्ज कराने के बाद भी आवेदक को आगे की जानकारी या समाधान नहीं मिलता; बार-बार निगम चक्कर काटने की नौबत आती है।

आचरण में पक्षपात के आरोप: शिकायतकर्ता कहते हैं कि मामलों में पक्षपात या अनियमित प्राथमिकता दिए जाने की छवि बन रही है — और यही प्रशासनिक भरोसे को चोट पहुंचा रहा है।

धरातल पर असर — जनता की तकलीफें

जो लोग सीधे मिलकर समस्याएँ बताना चाहते हैं, जैसे कि सड़क की दिक्कत, अवैध कब्जा, पेंशन का मुद्दा या सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी शिकायत — उन्हें कई बार लंबा इंतज़ार, अनदेखा किया जाना या प्राथमिकता न मिलना पड़ता है। इससे छोटे-व्यापारी, बुज़ुर्ग और कमजोर तबके के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं। शहरी शासन पर विश्वास कम होना शुरू हो गया है — यही सबसे बड़ा प्रश्न है।

प्रशासनिक जवाबदेही — क्या चाहिए?

नागरिकों की लगातार बढ़ती नाराज़गी को देखते हुए कुछ त्वरित और व्यावहारिक सुझावः

1. साप्ताहिक ‘जनसुनवाई-घंटे’ तय करें — उसी समय पर हर सप्ताह महापौर/आयुक्त आम नागरिक मिलें।
2. ऑनलाइन अपॉइंटमेंट व ट्रैकिंग — शिकायत-रिकॉर्ड और फॉलो-अप के लिए डिजिटल सिस्टम (टोकन/अपॉइंटमेंट) सार्वजनिक करें।
3. नोडल अधिकारी व शिकायत समाधान टीम — हर वार्ड के लिए जिम्मेदार अधिकारी/नोडल प्वाइंट घोषित हों।
4. पारदर्शिता रिपोर्ट — हर महीने सार्वजनिक करें कि कितनी शिकायतें मिली, कितनी निस्तारित हुईं और किनसे निपटा गया।
5. खुले दरवाज़े की नीति — ‘विशेष मुलाक़ात’ और ‘सार्वजनिक मुलाक़ात’ में स्पष्ट अंतर रखें; विशेष मुलाक़ात के निर्णय का रेकॉर्ड भी सार्वजनिक हो।

“जब समय है बाहर कार्यक्रमों के लिए, पर जनता के लिए नहीं”

नागरिकों का तर्क है कि महापौर और आयुक्त सार्वजनिक-कार्यक्रमों, बैठकों और निजी मुलाकातों में समय दे देते हैं पर वही समय सीधे मिलने के लिए जनता को नहीं मिल पाता। सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग अक्सर ‘सुलभता’ के वादे करते हैं — पर जमीन पर वह वादा खोखला दिखता है। यह कटाक्ष केवल नाराज़गी नहीं, बल्कि एक चेतावनी भी है कि अगर प्रशासन ने समयबद्धता और सार्वजनिक पहुँच सुनिश्चित नहीं की, तो जनता का भरोसा और घटेगा — और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।

दुर्ग के नागरिक आज भी उम्मीद करते हैं कि उनके चुने हुए जनप्रतिनिधि और सौंपे गए प्रशासक कम से कम मिलने का समय दें। महापौर अलका बाघमार और आयुक्त सुमित अग्रवाल के पास बड़े-बड़े एजेंडे और कार्यक्रम हों, यह स्वीकार्य है — पर जनता की आवाज़ सुनना और समस्याओं का समय पर निस्तारण करना ही सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रशासनिक व्यस्तता को जनता की पहुँच से ऊपर नहीं रखा जा सकता — वरना ‘सुलभ सरकार’ का नार बनकर रह जाएगा।

दुर्ग / शौर्यपथ / सोमवार 25 नवंबर को दुर्ग जिले में तकनीकी विकास, प्रशासनिक निर्णय, सुरक्षा व्यवस्था, आगजनी, राजनीतिक गर्माहट और कानून-व्यवस्था से जुड़े कई अहम घटनाक्रम सामने आए। जिले में पूरे दिन एक के बाद एक घटनाएं चर्चाओं में रहीं। प्रस्तुत है दिनभर की प्रमुख गतिविधियों का संपूर्ण विशेष समाचार—

 दुर्ग में आईटी पार्क की शुरुआत — युवाओं के लिए बड़े अवसरों का दौर शुरू

दुर्ग शहर के लिए गर्व की बात है कि तकनीकी नवाचार का नया अध्याय शुरू हो चुका है। जिले में प्रस्तावित आईटी पार्क में एआई आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। यह पार्क डिजिटल प्रगति को गति देगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार, प्रशिक्षण और स्टार्टअप के नए अवसर खोलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि आईटी पार्क दुर्ग को मध्य भारत के प्रमुख तकनीकी केंद्रों में शामिल कर सकता है।

धान खरीदी शुरू—150 में से 70 मिलर इस बार अपात्र, शासन के सामने नई चुनौती

सहकारी समितियों की हड़ताल के बीच शासन ने तय समय पर धान खरीदी शुरू की, परन्तु दुर्ग में एक बड़ा बदलाव देखा गया।
पिछले वर्ष 150 राइस मिलर धन उठाव के लिए पात्र थे, जबकि इस वर्ष केवल 80 मिलर्स को पात्रता मिली है।
70 मिलर्स अपात्र पाए गए— इसका प्रमुख कारण यह है कि उन्होंने पिछले वर्ष का चावल एफसीआई में जमा नहीं किया।
यह स्थिति अब शासन के लिए नई चुनौती बनकर सामने आई है।

अवैध कब्जे को हटाने पहुंची निगम टीम पर विवाद, मामला थाने पहुंचा

भिलाई निगम की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान जोन-1 नेहरू नगर में महिला और निगम टीम के बीच विवाद हो गया।
महिला का आरोप — बिना नोटिस कार्रवाई।
निगम का आरोप — आबंटित भूमि से अधिक हिस्से पर अवैध निर्माण।
दोनों पक्षों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, फिलहाल एफआईआर नहीं, जांच जारी है।

फोम फैक्ट्री में भीषण आग—6 दमकलों की मदद से नियंत्रण

कुम्हारी के मुरमुंडा क्षेत्र स्थित फोम मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में अचानक भीषण आग लग गई।
आग की लपटों से क्षेत्र के लोग घबरा गए और भारी भीड़ जमा हो गई।
6 दमकलें पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया।
प्लांट के अंदर रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया।
फैक्ट्री मालिक व कर्मचारी मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लेते रहे।

महिला पार्षद और बेटी पर मारपीट का आरोप — वीडियो वायरल

भिलाई चरौदा में वार्ड की महिला पार्षद माया यादव और उनकी बेटी पर निवासी संध्या सिंह के साथ डंडों से मारपीट का आरोप लगा है।
पुराने विवाद के चलते यह घटना होने का दावा।
दोनों पक्षों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल, पुलिस जांच में जुटी।

तांत्रिक आरोपी थाने से फरार — तीन पुलिसकर्मी लाइन अटैच

जामुल पुलिस द्वारा पकड़े गए तांत्रिक आरोपी हेमंत अग्रवाल के भिलाई-3 थाने से फरार होने पर एसएसपी ने बड़ी कार्रवाई की है।
रोजनामचा में दर्ज नहीं, थाने के बाहर बैठा छोड़ दिया गया— ऐसी गंभीर लापरवाही सामने आई।
तीन पुलिसकर्मी—

प्रधान आरक्षक दिनेश कुमार,आरक्षक रत्नेश शुक्ला,आरक्षक चेतराम को लाइन अटैच कर दिया गया।

 गाइडलाइन शुल्क बढ़ोतरी के विरोध में हंगामा — भाजपा अध्यक्ष का वाहन रोका गया

कलेक्ट्रेट के सामने जमीन व्यवसायियों का पंजीयन शुल्क बढ़ोतरी के विरोध में चल रहा प्रदर्शन सोमवार को अचानक गरमा गया।
इसी दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के वाहन को प्रदर्शनकारियों ने रोकने की कोशिश की।
भाजपा कार्यकर्ताओं और व्यापारियों में धक्का-मुक्की हुई।
पुलिस की सक्रियता से स्थिति संभली।
यह घटना पूरे दिन जिले और सोशल मीडिया पर चर्चा में रही।

संस्थानों में आवारा कुत्तों से सुरक्षा कड़ी — सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर निगम सक्रिय

सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में दुर्ग निगम ने विभिन्न संस्थानों में आवारा कुत्तों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं।
नागरिकों, बच्चों और मरीजों की सुरक्षा के उद्देश्य से यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
निगम ने आम जनता से स्वच्छता एवं जनहित में सहयोग की अपील की है।

वार्ड 15 सिकोला बस्ती के सामाजिक भवन का शिक्षा मंत्री ने निरीक्षण किया

दुर्ग नगर निगम के वार्ड 15 में निर्माणाधीन सामाजिक भवन का स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने निरीक्षण किया।
उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता, प्रगति और उपयोगिता की समीक्षा की तथा अधिकारियों को समय पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण करने के निर्देश दिए।
यह भवन क्षेत्र के लिए सांस्कृतिक, सामाजिक तथा सार्वजनिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा।

धान खरीदी में तकनीकी सुधार से किसान खुश — तेज प्रक्रिया, बेहतर सुविधा

राज्य में धान खरीदी के पहले ही दिन किसानों ने इस बार तेज प्रक्रिया और बेहतर सुविधा का अनुभव बताया।
ग्राम जजगीर के किसान गौकरण साहू ने 139 क्विंटल धान बेचकर बताया कि—

तुंहर टोकन तुंहर ऐप से घर में बैठकर टोकन मिल गया

केंद्रों में बिजली, संचार और भंडारण की व्यवस्था बेहतर
किसान लगातार शासन की नई तकनीकी व्यवस्थाओं से संतुष्टि जाहिर कर रहे हैं।

 समापन

सोमवार को दुर्ग जिले में तकनीकी विकास, राजनीतिक टकराव, कानून-व्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा और कृषि प्रबंधन से जुड़े बड़े और महत्वपूर्ण घटनाक्रमों ने पूरे जिले को चर्चा में बनाए रखा।
दुर्ग के आईटी पार्क की घोषणा जहां भविष्य की उम्मीद जगाती है, वहीं पुलिस लापरवाही, आगजनी और राजनीतिक हंगामे ने कई गंभीर सवाल भी खड़े किए।

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को स्कूलों के आसपास आवारा कुत्तों और मवेशियों की निगरानी का जिम्मा सौंपे जाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे शिक्षकों का अपमान बताते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला है, वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने कहा है कि यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत बच्चों की सुरक्षा और मध्यान भोजन की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत स्कूलों के प्राचार्य अथवा संस्था प्रमुख को “नोडल अधिकारी” नियुक्त किया गया है। इन नोडल अधिकारियों को स्कूल परिसर या आसपास घूमने वाले आवारा कुत्तों और मवेशियों की जानकारी स्थानीय निकायों — ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत या नगर निगम — को देने की जिम्मेदारी दी गई है।
यह आदेश बलौदा बाजार के एक स्कूल में हुई घटना के बाद जारी हुआ, जहां एक कुत्ते ने मध्यान भोजन को जूठा कर दिया था। इस मामले में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार पर जुर्माना लगाया था और प्रत्येक छात्र को क्षतिपूर्ति राशि देने का निर्देश दिया था। शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने बताया कि “सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही यह कदम उठाया गया है ताकि भविष्य में बच्चों के भोजन की स्वच्छता और सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।”
वहीं इस आदेश को लेकर शिक्षकों में नाराजगी है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि उन्हें पहले ही कई गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल किया जाता है, ऐसे में इस नए कार्य से पढ़ाई पर ध्यान देना और कठिन हो जाएगा। कुछ शिक्षकों ने व्यंग्य करते हुए कहा, “अब हम पढ़ाएं या कुत्ते गिनें?”
राजनीतिक स्तर पर भी यह मुद्दा गरमा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “गुरुजी बच्चों को पढ़ाएं या कुत्तों को भगाएं? यह आदेश शिक्षकों का सार्वजनिक अपमान है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पर अफसरशाही हावी है और शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है।
वहीं, इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि, “अगर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है तो उस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती, लेकिन शिक्षकों पर लगातार गैर-शैक्षणिक कार्यों का दबाव बढ़ने से शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है।”
फिलहाल, यह मामला प्रशासनिक निर्देश से शुरू होकर अब राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बन गया है। शिक्षक संगठनों ने आदेश रद्द करने की मांग की है, वहीं सरकार बच्चों की सुरक्षा को लेकर अपने रुख पर कायम है।

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