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दुर्ग / शौर्यपथ / कोलंबो (श्रीलंका) में आयोजित वर्ल्ड पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए गर्व का पल लेकर आए भिलाई के देवेंद्र वर्मा। 77 वेट क्लास के बेहद प्रतिस्पर्धात्मक मुकाबले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए उन्होंने बेंच प्रेस में स्वर्ण पदक जीता और साथ ही ओवरऑल स्ट्रॉन्ग मैन का खिताब भी अपने नाम कर लिया। इस उपलब्धि से न सिर्फ भिलाई, बल्कि पूरे देश का मान-सम्मान अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऊँचा हुआ है।
आज एच.टी.सी. कार्यालय में सर्व समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री इंद्रजीत सिंह ‘छोटू’ ने देवेंद्र वर्मा का सम्मान किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने इंडिया टीम के कोच ऊदल कुमार वाल्मीकि और देवेंद्र के पर्सनल कोच श्रीनिवास साहू को भी इस ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई दी।
श्री इंद्रजीत सिंह ‘छोटू’ ने कहा कि योग्य और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होगी, समिति सदैव उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि संसाधनों की कमी किसी भी खिलाड़ी के सपनों के बीच बाधा नहीं बनने दी जाएगी।
सम्मान समारोह में समिति के श्री मलकीत सिंह, श्री अनिल चौधरी, श्री जोगा राव, निर्मल सिंह निम्मे, साजिद अंसारी, इंद्रजीत सिंह चिंटू, रमन राव, शाहनवाज कुरैशी, डॉ. हरजिंदर सिंह सहित कई पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।
दुर्ग / शौर्यपथ / जहाँ एक ओर स्वास्थ्य केंद्र लोगों को जीवन दान देने का काम करते हैं, वहीं दुर्ग जिले के उतई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। केंद्र की ही एक महिला कर्मचारी, कनिष्ठ सचिवीय सहायक (जेएसए) किरण भारत सागर ने अपनी निजी 'फाइनेंशियल इमरजेंसी' को पूरा करने के लिए सीधे सरकारी खजाने पर हाथ साफ कर दिया। महिला बाबू ने जननी सुरक्षा योजना और जीवनदीप समिति के पवित्र बैंक खातों से कुल 26 लाख 6 हजार 57 रुपए उड़ा दिए, मानो यह कोई व्यक्तिगत बचत खाता हो।
? 'लोन चुकाने' के लिए सरकारी फंड का 'डायवर्जन'
गबन की आरोपी किरण भारत सागर ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने विभिन्न फाइनेंस कंपनियों से लिए गए लाखों रुपए के लोन को चुकाने के लिए इस सरकारी धन का दुरुपयोग किया। उसने बजाज, नावी, श्रीराम फाइनेंस जैसी कंपनियों में मोटी रकम जमा की, और तो और, अपनी सहूलियत के लिए एक चमचमाती स्कूटी भी खरीद डाली।
?️ विधायक की दो टूक: 'सेवा मुक्ति' और कड़ी कार्रवाई
जैसे ही यह गंभीर वित्तीय अनियमितता उजागर हुई, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने त्वरित और सख्त रुख अपनाया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को तत्काल पत्र लिखकर आरोपी महिला बाबू को कड़ी से कड़ी सज़ा देने और अविलंब सेवा मुक्ति (बर्खास्त) करने की मांग की है। विधायक ने इसे 'गंभीर अपराध' बताते हुए साफ़ कहा है कि इस मामले में लिप्त हर व्यक्ति को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई सरकारी बाबू ऐसी हिम्मत न कर सके।
?♀️ जेल की हवा: 'जीवनदीप' की रोशनी पर पड़ा 'ग्रहण'
मामला खुलने पर उतई पुलिस ने बोरसी भाठा निवासी नारायण लाल बंजारे की रिपोर्ट पर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने जेएसए किरण भारत (39 वर्ष) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(5) और 318(4) के तहत मामला दर्ज किया है। पूछताछ और गिरफ्तारी के बाद, अब यह 'सरकारी सेविका' न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दी गई है।
टिप्पणी: यह घटना दर्शाती है कि जब सरकारी योजनाओं का पैसा भी निजी ऐशो-आराम और कर्ज़ चुकाने के लिए इस्तेमाल होने लगे, तो कागज़ों पर दिख रही योजनाओं की सफलता और जनता की सुरक्षा दोनों पर सवालिया निशान लग जाता है। 'जननी सुरक्षा' का पैसा 'जीवनदीप' में आग लगाने का काम कर रहा था।
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दुर्ग / शौर्यपथ / बिना किसी अनुमति एवं पूर्व सूचना के मार्ग को अवरुद्ध कर प्रदर्शन करने वाले पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने उग्र प्रदर्शन कर ड्यूटी पर तैनात पुलिस स्टाफ से झूमा झटकी, शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर आवागमन अवरुद्ध किया था ।इस मामले में अन्य फरार आरोपियों की तलाश में टीम लगी हुई है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सुखनंदन राठौर ने बताया कि 1 दिसंबर को कानून व्यवस्था ड्यूटी पर दुर्ग कोतवाली थाने एवं अन्य थानों से पुलिस बल पटेल चौक बीएसएनल ऑफिस के सामने ड्यूटी पर तैनात थे। प्रदर्शनकारियों ने बिना किसी पूर्व अनुमति एवं सूचना के बीएसएनल ऑफिस के सामने रोड को जाम कर मार्ग अवरुद्ध कर दिया था। इससे आवागमन बाधित हो रहा था। वहां पर उपस्थित पुलिस स्टाफ द्वारा समझाइश देकर व्यवस्था बंदोबस्त करने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों के द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ उग्र प्रदर्शन कर ड्यूटी पर तैनात पुलिस स्टाफ से उलझ कर झूमा झटकी कर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की गई और मार्ग अवरुद्ध किया गया। इससे ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को चोटे आई थी। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 221, 126(2), 191(2) के तहत अपराध दर्ज किया था। इसके बाद विवेचना करते हुए धारा 121(1), 132 ,61(2), 125( क) भी जोड़ी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की गई और पांच आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। इस मामले में पुलिस ने अनिल वासनिक निवासी अंबेडकर नगर दुर्ग, विक्की चंद्राकर निवासी शीतला नगर, दिनेश पांडेय निवासी गया नगर, राकेश यादव निवासी गया नगर, जितेंद्र बत्रा निवासी सिंधी कॉलोनी स्टेशन रोड दुर्ग को गिरफ्तार किया है।
दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी किसानों के आर्थिक स्तर को ऊपर उठाने में सहायक रही है। इस वर्ष भी 15 नवम्बर से प्रदेश सरकार द्वारा धान की खरीदी प्रारंभ की गई है। जिले के धमधा विकासखंड अंतर्गत पथरिया के उन्नत कृषक श्री अवध राम, सरकार की इस योजना से अपने परिवार की माली हालत को ऊपर उठाने में सफलता पायी है। इस वर्ष श्री अवध राम कोडिय़ा उपार्जन केन्द्र में 137 क्विंटल धान की बिक्री कर चुका है। उन्होंने बताया कि सरकार की तुंहर टोकन एप ऑनलाईन सिस्टम से उन्होंने अपना टोकन प्राप्त किया और निर्धारित तिथि को धान की बिक्री की है। श्री अवध राम ने बताया कि विगत वर्ष की धान बिक्री से मिली राशि से कृषि कार्य के लिए नया ट्रेक्टर खरीदा है। इस वर्ष की राशि से उन्होंने पक्के मकान बनाने का विचार किया है। कृषक श्री अवध राम ने बताया उनका संयुक्त परिवार है। श्री अवध राम के भाई विष्णु प्रसाद, युवराज और केशव अपने पुस्तैनी जमीन ऑठ एकड़ को अपने-अपने नाम से समान बंटवारा कर अभी भी संयुक्त रूप से खेती-किसानी का काम करते आ रहे हैं। परिवार के 18 सदस्य सभी एक दूसरे के काम में हाथ बटाते है जिससे कृषि कार्य में मजदूर की आवश्यकता नहीं पड़ती। खरीफ सीजन धान की पैदावारी के साथ साग-सब्जी भी उपजाते हैं। वहीं रबी सीजन में गेहूं, चना एवं दहलन-तिलहन की फसल लेते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृषि फसलों में पैदावारी बढ़ाने के लिए वे विभागीय अधिकारी की परामर्श से शासन की योजनाओं से जुड़े हैं। श्री अवध राम का कहना है कि सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी से उन्हें मेहनत का वाजिब दाम मिल रहा हैं। साथ ही कोचियों से मुक्ति मिली है। उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ में धान की पैदावारी 22 से 24 क्विंटल तक है। सरकार द्वारा प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदी की जा रही है। इससे फसल बेचने का अच्छा आधार मिल गया है। उन्होंने धान खरीदी की व्यवस्था का सराहना करते हुए शासन-प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।
दुर्ग / शौर्यपथ / अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर 03 दिसम्बर 2025 को लायंस चैरिटेबल ट्रस्ट, प्रयास श्रवण बाधित दिव्यांग विद्यालय, सुपेला भिलाई में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दिव्यांगजनों के प्रति सम्मान एवं सकारात्मक वातावरण निर्मित करने हेतु अध्ययनरत दिव्यांग छात्र/छात्राओं एवं जिले से आये अन्य दिव्यांग हितग्राहियों को सम्मिलित किया गया। उक्त कार्यक्रम श्री भगवानदास अग्रवाल, श्री विपिन बंसल, लायंस क्लब, चैरिटेबल ट्रस्ट समिति, श्रीमती अंजुम अली, अल मदद एजुकेशन एण्ड वेलफेयर सोसायटी भिलाई तथा डॉ. अमरीन, डॉ. संजय गुप्ता, शंकराचार्य कॉलेज जुनवानी के आतिथ्य में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का प्रारंभ मॉ सरस्वती की तैल्य चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक श्री ए.पी. गौतम एवं अतिथियों द्वारा उपस्थित छात्र/छात्राओं को उनकी स्वालंबन जीवन एवं जीवन में कभी हार न मानने के प्रेरणा स्वरुप उद्बोधन दिया गया। इस अवसर पर अल मदद एजुकेशन एण्ड वेलफेयर सोसायटी एवं शंकराचार्य कॉलेज से उपस्थित 30 डॉक्टरों द्वारा सभी दिव्यांग छात्र/छात्राओं का जनरल मेडिकल चेकअप किया जाकर उचित परामर्श एवं मेडिसिन का वितरण किया गया। कार्यक्रम में 250 छात्र/छात्राएं व अन्य दिव्यांगजन तथा समाज कल्याण विभाग दुर्ग एवं प्रयास दिव्यांग विद्यालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में समाज कल्याण विभाग द्वारा चिन्हांकित दिव्यांगजनों को 05 सामान्य ट्रायसायकल, 10 श्रवण यंत्र, 05 व्हील चेयर एवं 01 बैसाखी उपकरण का वितरण किया गया।
दुर्ग / शौर्यपथ / जिले में बढ़ती ठंड और शीत लहर के गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों को देखते हुए, जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन की सुरक्षा के लिए आवश्यक एहतियाती कदम उठाने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। शीत लहर (कोल्ड वेव्स) के कारण हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए, सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे इन निर्देशों का गंभीरता से पालन कर स्वयं को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।
शीत लहर क्या है?
शीत लहर एक ऐसी स्थिति है जिसमें हवा का तापमान सामान्य से काफी नीचे गिर जाता है। हवा का दबाव बढ़ जाता है, ठंडी हवाएं चलने लगती है। फ्रॉस्ट या बर्फ जमने लगती है।
ठंड की लहर के दौरान क्या करें?
ठंड के प्रकोप से बचाव के लिए नागरिक गर्म कपड़े पहनें। यदि कपड़े गीले हो जाएँ, तो उन्हें तुरंत बदलकर सूखे कपड़े धारण करें। विशेष ध्यान देते हुए, बच्चों और बुजुर्गों को हर समय गर्म रखें, क्योंकि वे ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। अपने शरीर को अंदर से गर्म रखने के लिए, गरम पेय पदार्थों का सेवन करें और पौष्टिक भोजन करें। यदि आप बाहर काम कर रहे हैं, तो शरीर को सामान्य तापमान पर रखने के लिए बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें। इन उपायों से ठंड के कारण होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।
ठंड की लहर के दौरान क्या न करें?
ठंड की लहर के दौरान कुछ गतिविधियों से सख्ती से बचना चाहिए। बिना किसी आवश्यक कार्य के ठंड में बाहर न जाएँ। शरीर को ठंड से बचाने के लिए पतले या गीले कपड़े बिलकुल न पहनें। ठंड से राहत पाने के लिए आग के बहुत पास न बैठें, क्योंकि यह त्वचा को नुकसान पहुँचा सकता है। शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर की गर्मी कम करने की प्रक्रिया को भ्रमित कर सकता है। यदि किसी हिस्से में फ्रॉस्टबाइट हो जाए, तो उस हिस्से को कदापि न रगड़ें, बल्कि तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
bhilai / shouryapath / अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव व भिलाई नगर विधायक सतनाम भवन सेक्टर 6 में अयोजित युवक युवती परिचय सम्मेलन एवं सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित हुए
आज हजारों की संख्या में सतनाम भवन सेक्टर 6 में समाज के वरिष्ठ लोगों द्वारा सामाजिक कार्यक्रम व युवक युवती परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया है जिसमें भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव जी ने उपस्थित होकर सभी को पुरस्कार वितरण किया व सम्मान किया
भिलाईनगर। नगर पालिक निगम भिलाई अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना मोर मकान-मोर आस एवं मोर मकान-मोर चिन्हारी घटक के विभिन्न परियोजना स्थलों में निर्मित/निर्माणाधीन आवासों का आबंटन मुख्य कार्यालय सभागार कक्ष में दिनांक 01.12.2025 को समय 12:00 बजे खुली लाटरी आयोजित किया गया है। हितग्राहियो द्वारा जमा किए गए आवेदन पत्रों का सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर अंशदान राशि का 10 प्रतिशत राशि तथा बेदखली व्यवस्थापन हेतु हितग्राही अंशदान राशि 75000 निगम कोष में जमा कराया गया है। नियमानुसार लाटरी पद्वति में वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों को प्राथमिकता के आधार पर भूतल के आवास तथा अन्य वर्ग के हितग्राहियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तल के आवास को सम्मिलित किया गया है। जो हितग्राही लॉटरी के पूर्व 11.30 बजे तक हितग्राही अंशदान राशि 75000 रुपए जमा कर देंगे । उन्हें भी लॉटरी में शामिल किया जाएगा ।
नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर नीरज पाल एवं आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय की ओर से अपील है कि प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही निर्धारित तिथि व समय पर उपस्थित होकर लाटरी में भाग लें
पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग के समक्ष दुर्ग जिले के पुलगांव स्थित बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व संचालन व्यवस्था एक बार फिर कटघरे में आ गई है। शुक्रवार रात, 28 नवम्बर 2025 की रात यहां से सात नाबालिग आपराधिक प्रवृत्ति के बालक दीवार फांदकर फरार हो गए। तेज़ कार्रवाई में पुलिस ने अगले दिन यानी 29 नवम्बर को चार बालक पकड़ लिए; शेष तीन के जिले से बाहर जाने की सूचनाओं के बाद खोजबीन तेज हुई और आज तिल्दा से उन तीनों को भी पकड़कर सुधार गृह वापस लाया गया — यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने दी।
यह मौका सिर्फ 25 दिनों के भीतर दूसरी बार आया है जब उसी संस्थान से बड़े पैमाने पर फरारियों की घटना हुई। पहले 3 नवम्बर 2025 को भी इसी सुधार गृह से 3 नाबालिग भागे थे — जिनमें कुछ ऐसे बालक भी शामिल थे जिनके विरुद्ध हत्या व लूट जैसे गंभीर आरोप दर्ज थे। पिछले वर्षों के रिकॉर्ड पर भी यह संस्थान चिंताजनक रूप से बार-बार चर्चा में रहा है:
1 जून 2024 — एक 13 वर्षीय बालक फरार; तब सुधार गृह के स्टाफ को बच्चे के गायब होने का भी पता नहीं चला।
19 जुलाई — (वर्ष का उल्लेख प्राप्त नहीं) पाँच अपचारी बालक फरार।
2 मार्च 2018 — दो बालक फरार।
जुलाई 2019 — पाइप से पिटाई के गंभीर आरोपों के बाद बाल कल्याण अधिकारी सहित 7 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था।
1 नवम्बर 2017 — गुटबंदी व मारपीट के परिणामस्वरूप एक 17 वर्षीय बालक पार्थ साहू की मृत्यु; घटना के बाद बड़े स्तर पर हंगामा और जांच के आदेश दिए गए थे।
24 नवम्बर 2014 — झगड़े और मारपीट के बाद 37 बच्चे सुधार गृह से भाग निकले थे।
इन लगातार घटनाओं ने संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा, स्टाफ की निगरानी, तथा विभागीय जवाबदेही पर गम्भीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस के अनुसार, फरार बालक अक्सर सुधार गृह की पीछे की ऊँची दीवार फांदकर भागते हैं। इस बार भी रात में ही अलर्ट जारी हुआ और खोज अभियान शुरू कराया गया। प्रारम्भिक दौर में चार बच्चे आसपास के इलाकों से मिले और सुधार गृह लौटाए गए। शेष तीन के जिले पार करने की सूचनाओं पर पुलिस ने अन्य जिलों में भी तलाशी बढ़ाई और अंततः तिल्दा से उन्हें पकड़कर वापस लाया गया। SSP विजय अग्रवाल ने बताया कि सभी भागे हुए आपराधिक बच्चे अब पुनः सुधार गृह में हैं और महिला एवं बाल विकास विभाग तथा प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
विश्लेषण बताते हैं कि संप्रेक्षण गृह से बार-बार भागने के कारण कई स्तरों पर हैं — इनमें प्रमुख हैं:
सुरक्षा व्यवस्था की खामियाँ: दीवारों पर मॉनीटरिंग, चौकीदारी, प्रवेश-निकास रिकॉर्ड, CCTV तथा अंदरूनी पेट्रोलिंग में निरंतरता का अभाव।
स्टाफ की लापरवाही व प्रशिक्षण की कमी: कुछ घटनाओं में स्टाफ निगरानी में चूक हुई; साथ ही कर्मियों के व्यवहार (मारपीट, कठोरता) संबंधी गंभीर आरोप भी समय-समय पर आए हैं।
अनुशासन व सुधारात्मक माहौल का अभाव: कुछ बालक यह मानते हैं कि सुधार गृह जेल जैसा कठोर स्थान है; आवश्यक ‘कॉमन रूम’ या सकारात्मक गतिविधियाँ न होने पर वे भागने का जोखिम बढ़ाते हैं।
गुटबंदी व मारपीट: संस्थान के भीतर आपस में गुट बनना और आपसी मारपीट भी भागने की एक बड़ी वजह बताई जा रही है।
साभार में रहने, पढ़ाई व मनोवैज्ञानिक परामर्श जैसी सुविधाओं के साथ-साथ स्टाफ के व्यवहार में सुधार आवश्यक बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुधार गृह संस्थागत सुधार और पुनर्वास के उद्देश्यों पर केंद्रित रहना चाहिए—जेल जैसा दंडात्मक माहौल बन जाने पर परिणाम विपरीत होते हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सुधार गृह प्रशासन पर बार-बार ऐसी घटनाएँ हो जाने के बावजूद ठोस सुधार न करने के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और कुछ बाल अधिकार कार्यकर्ताओं की मांग है कि—
स्वतंत्र जांच कराना चाहिए और दोषी स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई हो।
संप्रेक्षण गृह की दीवारें, CCTV कवरेज, रात्री गश्त और प्रवेश-निकास रेकॉर्ड को तुरंत सुदृढ़ किया जाए।
स्टाफ का नियमित मनोवैज्ञानिक व मानवाधिकार आधारित प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए।
बालकों के लिए शिक्षा, कौशल और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का सुनिश्चित प्रावधान हो ताकि पुनर्वास संभव हो।
किशोर न्याय बोर्ड और प्रशासन के बीच समन्वय सुदृढ़ हो और गृह में पारदर्शिता हेतु बाहरी ऑडिट की व्यवस्था हो।
बाल संप्रेक्षण गृह का उद्देश्य सामाजिक पुनर्संरचना और सुधार है, न कि कठोर कारावास। परंतु बार-बार हो रही फरारियां, मारपीट के आरोप और स्टाफ की संभावित लापरवाही इस संस्थान की विश्वसनीयता को लगातार हिला रही हैं। यदि तत्काल और ठोस सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो न केवल बच्चों का हित प्रभावित होगा, बल्कि समाज में सुरक्षा व पुनर्वास दोनों ही लक्ष्यों की पूर्ति भी संभव नहीं रहेगी। स्थानीय प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग और किशोर न्याय बोर्ड को मिलकर त्वरित, पारदर्शी और स्थायी सुधार योजनाएँ लागू करनी होंगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
