May 19, 2024
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रायपुर

रायपुर (4614)

राज्य शासन ने नए अध्यक्षों के निर्वाचन हेतु आवश्यक कार्यवाही के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र
  रायपुर/शौर्यपथ / राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने तीन नगरीय निकायों में अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया है। विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी अलग-अलग आदेश के अनुसार बिलासपुर जिले के तखतपुर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक-13 की पार्षद श्रीमती अमरीका कृष्ण कुमार साहू को तखतपुर नगर पालिका का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राज्य शासन द्वारा बेमेतरा जिले के मारो नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक-15 के पार्षद श्री धनलाल देशलहरे को मारो नगर पंचायत का और मुंगेली जिले के सरगांव नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक-5 के पार्षद श्री परमानंद साहू को सरगांव नगर पंचायत का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
   राज्य शासन ने तीनों नगरीय निकायों में वर्तमान अध्यक्षों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद अध्यक्ष के रिक्त पदों की जानकारी देते हुए नए अध्यक्षों के निर्वाचन के लिए आवश्यक कार्यवाही हेतु छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है।

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः - मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री श्री साय शक्ति वंदन अभियान में हुए शामिल
 प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के चयनित लाभार्थियों को मुख्यमंत्री ने दिया चेक और स्वच्छता दीदियों को किया सम्मानित
    रायपुर/शौर्यपथ / प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्व-सहायता समूह की महिलाओं से सीधे संवाद किया। उन्होंने शासन की विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं से देश की मातृशक्ति को अवगत कराने नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम के तहत पूरे देश की महिलाओं को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरे 140 करोड़ देशवासी मेरा परिवार है। महिलाओं की सुरक्षा, सुविधा और सशक्तिकरण ही मोदी की गारंटी है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से बालिकाओं को लाभ मिला, उज्ज्वला गैस कनेक्शन योजना के तहत मुफ्त घरेलू गैस कनेक्शन दिया जा रहा है, हर घर नल योजना से लोगों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल रही है। वहीं शासन द्वारा नारी हित के लिए अन्य योजनाएं और अभियान चलाकर उन्हें लाभान्वित किया जा रहा हैं।
   मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय  रायपुर के शंकर नगर स्थित दुर्गा मैदान में आयोजित शक्ति वंदन अभियान में शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन जनप्रतिनिधियों और स्वसहायता समूह की महिलाओं के साथ सुना। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री स्वनीधि योजना की हितग्राही महिला दीदियों को चेक वितरित कर और स्वच्छता दीदियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
    मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही नारियों का पूजन होता आ रहा है। वेदों में भी कहा गया है 'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः' अर्थात जहाँ नारियों की पूजा होती है वहाँ भगवान का वास होता है। हम ज़ब भी भगवान का नाम लेते हैं तो पहले भगवती का नाम आता है उमापति महादेव, राधा कृष्ण, सीता राम। मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए नारी शक्तियों की आराधना की जाती है। जैसे शक्ति प्राप्त करने के लिए माँ दुर्गा, वैभव- धन सम्पदा के लिए माता लक्ष्मी और ज्ञान की प्राप्ति के लिए माता सरस्वती की आराधना की जाती है। इस प्रकार सभी शक्तियाँ माताओं के पास ही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सदैव महिलाओं को सम्मान दिया है। आज देश का जो सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का है वहाँ भी एक महिलाओ श्रीमती द्रौपदी मुर्मू  विराजमान हैं, इससे बड़ा सम्मान महिलाओं के लिए क्या हो सकता है । महिलाओं को सम्मान देने के लिए हमारी सरकार ने राशन कार्ड महिलाओं के नाम से, उज्जवला कनेक्शन महिलाओं के नाम से किया है। लोकसभा और राज्य सभा में 33 प्रतिशत आरक्षण और पंचायती राज में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। महिलाओं को स्व सहायता समूह के माध्यम से सदैव सशक्त बनाने का कार्य किया है। यह सरकार नारियों का सम्मान करने वाली सरकार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मोदी की गारंटी में महतारी वंदन योजना के तहत प्रत्येक विवाहित महिला के खाते में हर महीने जो एक हजार रूपये अंतरण करने की बात कही है शीघ्र ही लागू करने वाले हैं।
    वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश नारी वंदन का कार्यक्रम कर रहा है। प्रत्येक विकासखंड में शक्ति वंदन अभियान का आयोजन हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मातृशक्ति को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने महिलाओं को केंद्र बिंदु मानकर प्रधानमंत्री आवास योजना, नल-जल योजना, उज्जवला योजना जैसी विभिन्न योजनाएँ प्रारम्भ की है। छत्तीसगढ़ में माताओं को देवियों की तरह पूजा जाता है। हम ज़ब भी ईश्वर का स्मरण करते हैं तो सबसे पहले देवियों का स्मरण करते हैं, जैसे सीता-राम, राधा-कृष्ण। यही हमारी देश की पहचान है, आज हम ऐसी नारी शक्ति का अभिनंदन कर रहे हैं। हमारा देश इस वंदन से उत्तरोत्तर आगे बढ़ेगा। हमारी सरकार ने अपने इन तीन महीने के कार्यकाल में ही महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए अनेक काम किये हैं।
    विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश के साथ ही हमारे देश में जितना माताओं-बहनों का सम्मान किया जाता है उतना पूरे विश्व में कहीं नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सरकार बनते ही सबसे पहले प्रदेश के पांच शक्ति पीठों को कारिडोर बनाने का निर्णय कर नारी शक्तियों को सम्मानित किया। हमारी सरकार माताओं का सम्मान करते हुए उनका आशीर्वाद लेकर आगे बढ़ रही है।
  इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री स्वनिधि हितग्राही महिला दीदी श्रीमती छाया साहू, श्रीमती मालती साहू और श्रीमती जानकी तांडी को योजना का चेक वितरित किया। साथ ही स्वच्छता दीदी श्रीमती चन्द्रकला पंड्या, श्रीमती जीत बाई मंडावी और श्रीमती मैना बाई बंजारे को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, जनप्रतिनिधि, नगर निगम के अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में स्वच्छता दीदी भी उपस्थित थीं।

रोड सेफ्टी एण्ड इंफोर्समेंट कार्यशाला
  रायपुर/शौर्यपथ / राज्य पुलिस एवं परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों के लिये रोड सेफ्टी एण्ड इंफोर्समेंट के द्वितीय दिवस कार्यशाला का शुभारंभ आज श्री सत्येन्द्र गर्ग पूर्व विशेष पुलिस आयुक्त नई दिल्ली, पूर्व पुलिस महानिदेशक अंडमान, अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष संजय शर्मा, श्री अनिल चिकारा पूर्व उपायुक्त परिवहन विभाग के द्वारा सम्मिलित रूप से  किया गया।
    सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा प्रायोजित सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण के दूसरे दिन, छत्तीसगढ़, रायपुर में सड़क सुरक्षा लीड एजेंसी के सहयोग से एशियाई परिवहन विकास संस्थान द्वारा आयोजित, श्री अनिल छिकारा, पूर्व उप परिवहन नई दिल्ली के आयुक्त ने दुर्घटनाओं में शामिल वाहनों के यांत्रिक विश्लेषण करने में अंतर्दृष्टि साझा की। उनका जोर दुर्घटनाओं के मूल कारणों की पहचान करने पर था, खासकर यदि वे यांत्रिक विफलताओं के कारण थे, और उनके पीछे के कारणों को समझने पर था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने प्रवर्तन में ई-चालानिंग प्रक्रिया और परिवहन सेवाओं में फेसलेस सुविधाओं की शुरूआत के बारे में विस्तृत विवरण प्रदान किया।
    आईआरएडी और दुर्घटना डेटा पर सत्र ने प्रतिभागियों को दुर्घटना से संबंधित जानकारी के व्यवस्थित संग्रह, विश्लेषण और व्याख्या में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की। एनआईसी के विशेषज्ञ श्री सारांश शिर्के द्वारा संचालित इस सत्र का उद्देश्य सड़क सुरक्षा नीतियों और हस्तक्षेपों को आकार देने में डेटा की भूमिका के बारे में प्रतिभागियों की समझ को बढ़ाना था। सत्र की शुरुआत आईआरएडी के अवलोकन के साथ हुई, जिसमें दुर्घटना डेटा की रिकॉर्डिंग और विश्लेषण के लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस के रूप में इसके महत्व पर जोर दिया गया। श्री शिर्के ने आईआरएडी की प्रमुख विशेषताओं के बारे में बताया, जिसमें इसकी व्यापक डेटाबेस संरचना, विभिन्न रिपोर्टिंग स्रोतों के साथ एकीकरण और सड़क सुरक्षा घटनाओं का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने में इसकी भूमिका शामिल है। उन्होंने सटीक और मानकीकृत रिपोर्टिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को डेटा संग्रह की प्रक्रिया के माध्यम से निर्देशित किया गया। सत्र में आईआरएडी द्वारा कैप्चर की गई जानकारी के प्रकारों पर चर्चा की गई, जिसमें शामिल वाहनों, सड़क की स्थिति, मौसम और चोटों की गंभीरता के बारे में विवरण शामिल थे।
    साक्ष्य-आधारित सड़क सुरक्षा नीतियों और हस्तक्षेपों को तैयार करने में डेटा विश्लेषण का महत्व सत्र का मुख्य फोकस था। श्री शिर्के ने प्रदर्शित किया कि कैसे आईआरएडी उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान, मौजूदा सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन और दुर्घटना की रोकथाम के लिए लक्षित रणनीतियों के विकास की अनुमति देता है।    सत्र का समापन सड़क सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर अपनी-अपनी भूमिकाओं में सूचित निर्णय लेने के लिए आईआरएडी डेटा में योगदान और उपयोग करने में प्रतिभागियों की भूमिका पर चर्चा के साथ हुआ। कुल मिलाकर, आईआरएडी और दुर्घटना डेटा पर सत्र ने सड़क सुरक्षा में सुधार और दुर्घटनाओं को कम करने में डेटा द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका की व्यापक समझ प्रदान की।
    यातायात नियंत्रण उपकरणों पर सत्र सड़क पर यातायात प्रवाह और सुरक्षा के विनियमन को नियंत्रित करने वाले आवश्यक तत्वों और सिद्धांतों की व्यापक खोज थी। ट्रैफिक इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ, एआईटीडी के डॉ. अनिंदा बिजॉय पॉल के नेतृत्व में, सत्र का उद्देश्य प्रतिभागियों को विभिन्न यातायात नियंत्रण उपकरणों और सड़कों पर व्यवस्था बनाए रखने में उनकी भूमिका की गहन समझ से लैस करना था। व्याख्यान की शुरुआत यातायात नियंत्रण के बुनियादी उद्देश्यों के अवलोकन के साथ हुई, जिसमें वाहनों और पैदल यात्रियों की आवाजाही में सुरक्षा, दक्षता और पूर्वानुमान सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया गया। प्रतिभागियों को प्रमुख प्रकार के यातायात नियंत्रण उपकरणों से परिचित कराया गया, जिनमें नियामक, चेतावनी और मार्गदर्शक संकेत, साथ ही फुटपाथ चिन्ह और सिग्नल शामिल थे।     नियामक संकेतों, जैसे कि रुकने के संकेत, उपज के संकेत और गति सीमा के संकेतों पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें उनके विशिष्ट अर्थ और ड्राइवरों से आवश्यक संबंधित कार्रवाईयों को रेखांकित किया गया। विविध यातायात परिदृश्यों में प्रभावी संचार के लिए सुसंगत और मानकीकृत साइनेज के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
    सत्र में ड्राइवरों को संभावित खतरों के प्रति सचेत करने के लिए डिज़ाइन किए गए चेतावनी संकेतों पर चर्चा की गई, जिसमें स्पष्ट दृश्यता और समझ की आवश्यकता पर जोर दिया गया। रणनीतिक प्लेसमेंट के महत्व और चेतावनी संकेतों के उचित उपयोग को समझाने के लिए व्यावहारिक उदाहरण और केस अध्ययन प्रस्तुत किए गए।
    लेन लाइनों, क्रॉसवॉक और स्टॉप लाइनों सहित फुटपाथ चिन्हों को भी व्याख्यान में शामिल किया गया था, जिससे यातायात प्रवाह को निर्देशित और व्यवस्थित करने में उनकी भूमिका स्पष्ट हुई। डॉ. पॉल ने प्रतिभागियों की समझ को बढ़ाने के लिए फुटपाथ चिन्हों से जुड़े विभिन्न रंगों, पैटर्न और अर्थों को समझाया। यह चर्चा ट्रैफ़िक सिग्नलों, ट्रैफ़िक प्रवाह को अनुकूलित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए उनके डिजाईन, समय और समन्वय की खोज तक विस्तारित हुई। ड्राइवरों और पैदल चलने वालों दोनों के लिए यातायात संकेतों को समझने और उनका पालन करने के महत्व को रेखांकित किया गया।
    दुर्घटना प्रबंधन और आघात देखभाल पर व्याख्यान में घटनाओं से निपटने और दुर्घटनाओं के बाद तत्काल देखभाल प्रदान करने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई। आपातकालीन चिकित्सा के विशेषज्ञ डॉ. अनिल चौहान ने सत्र का नेतृत्व किया, और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में प्रतिभागियों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और रणनीतियों को साझा किया।
    व्याख्यान की शुरुआत दुर्घटना प्रबंधन के लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण के महत्व पर जोर देकर हुई। डॉ. अनिल चौहान ने आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों के समन्वय में त्वरित मूल्यांकन और प्रभावी संचार के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों को घटना प्रबंधन के प्रमुख चरणों के माध्यम से निर्देशित किया गया, जिसमें सभी शामिल पक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दृश्य को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।आघात देखभाल खंड में, व्याख्यान में दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के आवश्यक सिद्धांतों को शामिल किया गया। डॉ. चौहान ने ‘सुनहरे घंटे‘ की अवधारणा पर चर्चा की, जिसमें दर्दनाक चोट के बाद पहले घंटे के भीतर त्वरित हस्तक्षेप के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दिया गया। उपस्थित लोगों ने मरीजों को उनकी चोटों की गंभीरता के आधार पर प्राथमिकता देने और उनका परीक्षण करने के बारे में जानकारी प्राप्त की।

मकान क्रेता को अनुबंध विलंब अवधि की क्षतिपूर्ति और आधिपत्य 45 दिवस के भीतर प्रदान करें
  रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा मेसर्स नवभारत ड्वेलिंग्स प्रा.लि., विसी इन्फ्राक्चर प्रा.लि., श्री रोहित श्रीवास्तव के प्रोजेक्ट ‘किंग्सटाउन’, डूंडा, जिला-रायपुर को मकान का निर्धारित अवधि में अनुबंध निष्पादित नहीं करने के कारण शिकायतकर्ताओं को 45 दिवस के भीतर मकान का आधिपत्य और अनुबंध विलंब अवधि की ब्याज राशि प्रदान करने का आदेश दिया है।
   उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के समक्ष आवेदकगण श्री विनीत रामटेक एवं श्री उदय रामटेके, निवासी-फ्लैट नं.-बी-1, ए-202, गोल्डन टॉवर, अमलीडीह, रायपुर (छ.ग.) के द्वारा अनावेदकगण (1) मेसर्स नवभारत ड्वेलिंग्स प्रा.लि. (2) विसी इन्फ्राक्चर प्रा.लि., (3) श्री रोहित श्रीवास्तव के प्रोजेक्ट ‘किंग्सटाउन’, डूंडा, जिला-रायपुर (छ.ग.) के विरूद्ध शिकायत प्रस्तुत की गई है। आवेदकगण एवं अनावेदकगण के मध्य 02 जुलाई 2013 को अनुबंध निष्पादित किया गया है। अनुबंध की शर्तों अनुसार आवेदकगण द्वारा संपूर्ण विक्रय प्रतिफल का भुगतान कर दिया गया है। कंपनी द्वारा मकान का आधिपत्य देने की अधिकतम अवधि 31 जुलाई 2016 तक निर्धारित थी। अनावेदक द्वारा अपूर्ण मकान का विक्रय विलेख पंजीयन 20 मार्च 2022 को निष्पादित कराया गया है, किन्तु अपूर्ण मकान को पूर्ण कराकर आधिपत्य प्रदान नहीं करने के कारण क्षुब्ध होकर प्राधिकरण (रेरा) के समक्ष शिकायत प्रस्तुत किया गया।
  आवेदकगण के शिकायत पर प्राधिकरण द्वारा उभय पक्षों की सुनवाई की गई। इस तारतम्य में प्रकरण पर परिशीलन करते हुये लगभग 04 माह की अल्प अवधि में ही प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सदस्य द्वारा आज 06 मार्च 2024 को आदेश पारित कर आवेदक पीड़ित पक्ष को त्वरित न्याय प्रदान किया गया, जिसमें अनावेदकगण 45 दिवस के भीतर प्रश्नाधीन भू-संपदा जी-28 का निर्माण पूर्ण कर आधिपत्य आवेदकगण को उपलब्ध कराने आदेशित किया गया। साथ ही प्राधिकरण अधिनियम की धारा-18, नियम-17 के अधीन यह अभिनिर्धारित करता है कि अनावेदकगण भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रदत्त ऋण पर मार्जिनल व्याज दर 8.70 प्रतिशत + 2 प्रतिशत अर्थात् 10.70 प्रतिशत के ब्याज दर पर लागत राशि 43,91,250/- रूपये पर अगस्त 2016 से मार्च 2024 अर्थात् 07 वर्ष 08 माह हेतु ब्याज की राशि 36,01,976/- रूपए का भुगतान 45 दिवस के भीतर करे। इस प्रकार प्राधिकरण (रेरा) द्वारा त्वरित न्यायोचित राहत प्रदान की गई।

श्रम मंत्री ने की विभागीय काम-काज की समीक्षा
    रायपुर/शौर्यपथ /श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने आज विभागीय कामकाज की समीक्षा के दौरान कार्य में लापरवाही बरतने के कारण दुर्ग जिले के श्रम निरीक्षक श्री अमित चिराग और जांजगीर-चांपा जिले के श्रम उप निरीक्षक श्री कैलाश साहू को तत्काल निलंबित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
    बैठक नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में श्रमायुक्त एवं सहसचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की सचिव श्रीमती सविता मिश्रा, अपर श्रम आयुक्त श्री एस.एल. जांगड़े सहित जिलों से आए श्रम विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
    मंत्री श्री देवांगन ने समीक्षा के दौरान शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के तहत दुर्ग जिले के ग्राम अमलेश्वर में संचालित भोजन केन्द्र बिना सूचना के बंद पाये जाने और केन्द्र बंद होने की सूचना नहीं देने संबंधी अनियमितता के कारण भोजन केन्द्र निरीक्षण हेतु अधिकृत श्रम निरीक्षक श्री अमित चिराग को तत्काल निलंबित किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसी प्रकार मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के तहत् जिला जांजगीर-चांपा में निर्माण श्रमिकों से प्राप्त आवेदनों का नियमानुसार परीक्षण किये बिना योजना आवेदन को स्वीकृत करने की अनुशंसा के कारण अपात्र हितग्राहियों को देय राशि की वसूली से शासन की छवि खराब होने और गलत अनुशंसा करने के कारण संबधित श्रम उप निरीक्षक श्री कैलाश साहू को तत्काल निलंबित करने के निर्देश भी दिए।
       बैठक में मंत्री श्री देवांगन ने छत्तीसगढ राज्य में संचालित कारखानों में औद्योगिक दुर्घटना को नियंत्रित करने एवं श्रमिकों को व्यवसायजन्य बीमारियों से सुरक्षित करने हेतु निर्धारित मापदण्डों का पालन करवाने के निर्देश जिला अधिकारियों को दिये गये, जिससे श्रमिकों को सुरक्षित कार्यदशा एवं स्वस्थ्य कार्य वातावरण उपलब्ध हो सके। उन्होंने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम-1948 के अंतर्गत श्रमिकों को देय चिकित्सा हितलाभ एवं सामाजिक सुरक्षा का समुचित व्यवस्था कराये जाने के निर्देश के साथ-साथ औषधालयों में पदस्थ डॉक्टरों की समस्याओं का नियमानुसार शीघ्र निराकरण हेतु आश्वस्त किया गया।

शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने 15 सदस्यीय स्पेशल टॉस्क फोर्स बनाने की दी सलाह
विद्यार्थियों के अंदर अन्वेषण तथा शोध कार्यों को मिलेगा बढ़ावा
युवाओं में तार्किक क्षमता संवर्धन के साथ उनका सर्वांगीण विकास होगा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में शिक्षा मंत्री हुए शामिल
   रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आज राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर एक दिवसीय कार्याशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। मंत्री श्री अग्रवाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी के विशेष सहयोग से उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला सफलतापूर्वक सम्पन्न होने जा रहा है, तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षा कार्य करने की सुदृढ़ नींव स्थापित हो रही है। केन्द्रीय शासन एवं मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 छत्तीसगढ़ प्रदेश के उच्च शिक्षा में लागू करने की दृढ़ संकल्पित योजना के क्रियान्वयन की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।
    शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर प्रदेश के युवाओं के स्वर्णिम भविष्य निर्माण होगा, जो प्रदेश शासन का लक्ष्य है। जहाँ नई शिक्षा नीति द्वारा युवाओं में कौशल विकास, शोध एवं नवाचार में विकास कर उन्हे स्वावलंबन बनाना हमारा संकल्प है। प्रदेश के ऑटोनामस महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विगत सत्रों से लागू किया जा चुका है। जिसके सफलतापूर्वक संचालन से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे है। आगामी सत्रों से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में चरणबद्ध योजनांतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। जिससे प्रदेश के उच्च शिक्षा में विकास करते हुए, उत्कृष्ट शिक्षा स्थापित किया जा सकेगा तथा प्रदेश के युवाओं का बेहतर भविष्य निर्मित किया जा सकेगा। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को राज्य में लागू करने के लिए 15 सदस्यीय स्पेशल टॉस्क फोर्स बनाने की सलाह दी।
   शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू किये जाने से युवाओं में तार्किक क्षमता संवर्धन के साथ उनका सर्वांगीण विकास होगा। एनईपी में प्रावधानित एकाधिक प्रवेश एवं एकाधिक निकास की सुविधा से युवाओं को परिस्थिति एवं आवश्यकतानुसार उच्च शिक्षा प्राप्त करने का विकल्प मिलेगा। ग्रेड आधारित निरंतर मूल्यांकन जिसमें एक अहम हिस्सा आंतरिक मूल्यांकन के होने से विद्यार्थियों को अंतिम परीक्षा के तनाव से मुक्ति मिलेगी, जो सकल दर्ज अनुपात संवर्धन हेतु प्रभावशाली भी होगा। उच्च शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक विस्तार से प्रदेश के युवाओं की पहुंच वैश्विक स्तर तक की हो जाएगी। यह उच्च शिक्षित युवा पीढ़ी प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाएगी।
   शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि उच्च शिक्षा, मानव और समाज कल्याण हेतु सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्तमान में भारत विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है एवं सबसे अधिक युवा जनसंख्या भी भारत देश में ही है। भारत देश को युवाओं के आधार पर 21वीं सदी का विकसित देश बनाने के लिये उच्च शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सकल दर्ज अनुपात (जीईआर), गुणवत्तायुक्त शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, उच्च शिक्षा में अनुसंधान इत्यादि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जारी किया गया है, जिसको छत्तीसगढ़ राज्य में पूरी तरह लागू किया जाना हैं।
    गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में उच्च शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 6 मार्च 2024 को रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें अन्य राज्यों के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विशेषज्ञ तथा सीमांत राज्यों के अधिकारीगण, जिनके द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया गया है, उनके द्वारा अनुभव को साझा किया गया। इस कार्यशाला में स्वागत उद्बोधन उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना द्वारा दिया गया। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल, महात्मा गांधी हार्टिकल्चर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर.एस. कुरील, उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव श्रीमती मोनिका एस. गर्ग, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संभावनाओं पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
  इस महत्वकांक्षी एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन में राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों के 21 कुलपति, 25 कुल सचिव एवं 8 स्वशासी एवं 33 अग्रणी एवं 08 स्वशासी महाविद्यालयों के प्राचार्यों सहित 50 से अधिक शिक्षविद् के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में उच्च शिक्षा आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा द्वारा समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों को आभार ज्ञापित किया गया।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए इनफोर्समेंट एजेंसीज की ली बैठक
अधिकारियों को ईएसएमएस एप और पोर्टल का दिया गया प्रशिक्षण
   रायपुर/शौर्यपथ /मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने आगामी लोकसभा निर्वाचन के दौरान निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए राज्य में कार्यरत सभी इनफोर्समेंट एजेंसीज की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में दिसम्बर-2023 में राज्य में संपन्न हुए विधानसभा आम निर्वाचन के दौरान निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण में इन एजेंसीज द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की। बैठक में अधिकारियों को निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए ईएसएमएस  एप और पोर्टल पर काम करने का प्रशिक्षण भी दिया गया। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर और संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री पी.एस. ध्रुव भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
  मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने बैठक में सभी इनफोर्समेंट एजेंसीज के अधिकारियों को राज्य में प्रलोभनरहित, निष्पक्ष, निर्बाध एवं भयरहित निर्वाचन के लिए आपसी समन्वय से सक्रियतापूर्वक काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी एजेंसीज को आपस में बेहतर तालमेल, संवाद और सूचनाओं का आदान-प्रदान सुनिश्चित करते हुए निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण का कार्य प्रभावी तरीके से करने निर्देशित किया। उन्होंने लोकसभा निर्वाचन के लिए आदर्श आचार संहिता के दौरान नगदी, शराब, मादक पदार्थों, कीमती वस्तुओं और फ्रीबीज  के परिवहन पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में की गई जब्ती और कार्रवाई की रिपोर्ट प्रतिदिन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय प्रेषित करने के निर्देश दिए।
  मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती कंगाले ने राज्य में लोकसभा आम निर्वाचन के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के बाद सभी इनफोर्समेंट एजेंसीज को सतर्क और सक्रिय रहने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी एजेंसीज को अपने टोल-फ्री नम्बर एक्टिव करने के साथ ही निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए पर्याप्त मानव संसाधन तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने अंतर-राज्यीय सीमा पर स्थित परिवहन विभाग के सभी चेक-पोस्ट्स पर कैमरा लगाने निर्देशित किया। श्रीमती कंगाले ने निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए इनफोर्समेंट एजेंसीज द्वारा गठित टीमों की कार्रवाई के दौरान नागरिकों की सुविधाओं का ध्यान रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोगों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े, इसका भी ख्याल रखें। उन्होंने बैठक में विगत विधानसभा आम निर्वाचन के दौरान इनफोर्समेंट एजेंसीज द्वारा की गई जब्तियों की जिलेवार और एजेंसीवार समीक्षा की। उन्होंने सभी एजेंसीज को पिछले निर्वाचनों तथा विगत छह महीनों में हुई जब्तियों की समीक्षा और अध्ययन कर जिलों की सेंसिटीविटी निर्धारित करते हुए कार्ययोजना तैयार कर लोकसभा निर्वाचन के दौरान निर्वाचन व्यय का अनुवीक्षण करने के निर्देश दिए।
   उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के प्रभारी श्री अपूर्व प्रियेश टोप्पो ने बैठक में इनफोर्समेंट एजेंसीज के अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए तैयार किए गए ईएसएमएस   एप और वेब पोर्टल पर काम करने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने इनफोर्समेंट एजेंसीज द्वारा की गई जब्तियों और कार्रवाई की जानकारी एप और पोर्टल पर दर्ज करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। समीक्षा बैठक में पुलिस, आयकर, प्रवर्तन निदेशालय, आबकारी विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग, सीजीएसटी, डीआरआई, एनसीबी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आरपीएफ, भारतीय विमानन प्राधिकरण, राज्य विमानन विभाग, राज्य कर (एसजीएसटी), भारतीय डाक विभाग, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया और स्टेट लेवल बैंकिंग कमेटी के नोडल अधिकारी  उपस्थित थे।

रायपुर/शौर्यपथ /जिला मुख्यालय गांधी भवन बेसिक स्कूल बेमेतरा मैदान सहित सभी नगरीय निकायों में शक्ति वंदन अभियान कार्यक्रम आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा महिला समूहों से महिला सशक्तिकरण के सम्बन्ध में वर्चुअल संवाद किया गया। जिसका प्रसारण ज़िले के सभी नगर पंचायतों में प्रोजेक्टर के माध्यम से किया गया।
खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ग्राम पंचायत खंडसरा ब्लॉक नवागढ़ में महिला स्व सहायता समूह सशक्तिकरण संकल्प से शक्ति संगठन समृद्धि कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति को अपने हुनर को प्रदर्शित करने के लिए शक्ति वंदन कार्यक्रम के तहत एक मंच उपलब्ध कराया गया, जिसमें आप सब महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा भी लिया। यह ख़ुशी की बात है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस योजना से महिलाओं के खाते में 1000 रुपये महीना और साल में 12000 रुपये की राशि आयेगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलायें, जनप्रतिनिधि सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मल, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में हुई विस्तारपूर्वक चर्चा
रायपुर/शौर्यपथ / राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) छत्तीसगढ़ एवं वाटरएड इंडिया, छत्तीसगढ़ द्वारा ’ग्रामीण स्वच्छता पर कॉर्पाेरेट का सामाजिक उत्तरदायित्व और उद्योग प्रतिनिधि एवं रिसाईक्लर्स’ विषय पर राज्य स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला राजधानी रायपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित की गई थी।
उद्योग प्रतिनिधियों को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं वर्तमान में चल रहे गतिविधियों के संबंध में जानकारी दी गयी। कार्यशाला में प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमति निहारिका बारीक सिंह, मिशन संचालक श्रीमती पदमिनी भोई सहित वाटरएड इंडिया एवं उद्योग प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यशाला में बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के निर्देशों के अनुसार 33 प्रतिशत सीएसआर निधियों का खर्च खुले में शौच मुक्त देश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। उद्योग प्रतिनिधियों को जागरूकता गतिविधियों में सहयोग करने, स्वच्छता प्रदर्शनी, स्वच्छता मेला, स्वच्छता पार्क निर्माण में सहयोग करने का सुझाव दिया गया।
कार्यशाला में स्वच्छता सामग्री के रूप में ग्रामीण परिवारों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देना या स्थानीय संगठन के माध्यम से ग्रामीण आबादी के लिए स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने, आवश्यकता के अनुसार सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण करने, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रौद्योगिकी और संसाधनों के लिए सहायता प्रदान करना तथा स्वच्छता सुविधाओं और ठोस एवं तरल अपशिष्ट परिसंपत्तियों के रख-रखाव के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यशाला में ओ.डी.एफ. प्लस मॉडल गांव बनाने हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान करने, सामुदायिक स्वच्छता संरचनाओं के लिए व्यवसाय मॉडल में सहयोग करना जैसे सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का रख-रखाव, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र, तरल अपशिष्ट संरचनाएँ, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयाँ, गोबरधन परियोजनाएँ आदि के निर्माण में आवश्यक बजट एवं सहयोग प्रदान करने, फिकल स्लज मैनेजमेंट हेतु मल कीचड़ उपचार संयंत्रों एवं उसका रख-रखाव, तरल अपशिष्ट इकाइयों का रख-रखाव, प्लास्टिक अपशिष्ट इकाइयों का संचालन एवं परिवहन में सहयोग के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।

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