April 26, 2024
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रायपुर

रायपुर (4601)

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सपरिवार किया आत्मीय स्वागत
   रायपुर/शौर्यपथ / केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री निवास रायपुर पहुँचने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह को शाल एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनन्दन किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सांसद श्री सुनील सोनी, उप मुख्यमंत्री द्वय श्री विजय शर्मा, श्री अरुण साव, विधायक श्री किरण सिंह देव, विधायक श्री अजय चंद्राकर, विधायक श्री राजेश मूणत,  श्रीमती प्रियंवदा सिंह जूदेव, श्री रोहित चाहर एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

    रायपुर/शौर्यपथ /राजिम कुम्भ कल्प 2024 में डॉ. प्रियंका बिस्सा व्यास टीम, नेहरू युवा केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मगरलोड एवं छत्तीसगढ़ नर्सिंग कॉलेज के सहयोगी युवा साथियों द्वारा वृहद् स्तर पर निःशुल्क रक्त परीक्षण शिविर “रक्तवीर” स्वास्थ्य शिक्षा एवं जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया।
    “रक्तवीर” अभियान ने विराट संत समागम में मात्र पांच दिनों में 23,180 लोगों का ब्लड टेस्ट कार्ड उपलब्ध कराकर नया विश्व रिकॉर्ड दर्ज किया गया। इस ब्लड टेस्ट कार्ड में हाइट (लम्बाई), वेट (वजन), ब्लड प्रेशर, शुगर, ब्लड ग्रुप , हीमोग्लोबिन , सिकलिंग एवं एच.आई.वी. की निःशुल्क जाँच किए गए। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि सोनल शर्मा ने विधिवत पूरी जाँच के उपरांत विश्व रिकॉर्ड की घोषणा की। मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती कौशल्या देवी, धर्मस्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल एवं गरियाबंद विधायक श्री रोहित साहू द्वारा परीक्षणार्थियों को सम्मानित किया गया ।
    स्वास्थ्य विभाग मगरलोड की बी.एम.ओं डॉ. शारदा ठाकुर ने बताया कि परीक्षण कराने वालों में 65 प्रतिशत लोगों को बी.पी, शुगर की भी जानकारी नहीं थी लेकिन रक्तवीर अभियान से स्वास्थ्य जानकारी लाखों लोगों तक पहुँची। नेहरु युवा केंद्र जिला अधिकारी श्री अर्पित तिवारी, छ.ग. नर्सिंग की प्रशासनिक अधिकारी भारवी वैष्णव प्राचार्य कर्ष जी, गुरु डॉ वासु वर्मा ने सभी स्वयंसेवकों में उत्साह बनाये रखा व प्रोत्साहित किया।
     राष्ट्रपति से सम्मानित डॉ. प्रियंका बिस्सा व्यास ने बताया कि ब्लड प्रेशर, शुगर व बीएमआइ के नियंत्रण से व्यक्ति निरोग रहता है। इस अभियान में लोगो में जागरूकता लाने के लिए पूरे मेला में घूम-घूम कर जाँच की गयी जो सबसे चुनौतीपूर्ण रहा। इस अभियान में 195 वालंटियर्स व सहयोगी अजय बोराल, अंकिता टंडन, ऐश्वर्य,सृष्टि, विनय, आशी, मुस्कान एवं लैब टीम में किशोर देवांगन, संतोष, तरुण, गार्गीशंकर सेन, रितेश, संजय एवं भुवन का विशेष योगदान रहा।
    इसके पूर्व 2018 में इस अभियान भारत का पहला ब्लड टेस्ट कार्ड बना जिसमें 11,551 लोगों की रक्त जाँच कर उन्हें कार्ड उपलब्ध कराया गया था। इसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा हुई । राजिम कुंभ 2024 में इटली, फ्रांस से आए लोगों ने भी इस अभियान में अपना प्ररीक्षण कराया।

महानदी का त्रिवेणी संगम हुआ भक्तिमय
    रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन आज राजिम कुंभ कल्प 2024 के समापन अवसर पर राज्यपाल श्री हरिचंदन ने त्रिवेणी संगम में साधु संतो के साथ पूरे विधि विधान से महानदी आरती की। इस मौके पर विधायक सर्वश्री रोहित साहू, पुरंदर मिश्रा और जबलपुर से आयी साध्वी प्रज्ञा भारती के साथ ग्यारह पंडितो ने मंत्रोच्चारण के साथ महानदी महाआरती में शामिल हुए।
    सनातन धर्म में नदियां और सरोवर हमारे आस्था के केन्द्र रहे हैं। महानदी आरती का उद्देश्य नदियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर उनके प्रति समर्पण, आस्था और संकल्प का भाव सभी के मन में जागृत करना है। महानदी आरती में अनेक ज्योतिपुंज, शंखनाद, कपूर, चवर, आचमन से पूरे मेला परिसर भक्तिमय हो गया। महाआरती में शिव स्त्रोत के बाद सामूहिक महाआरती की गई। श्रद्धालुगणों के आरती और जय-जय श्री राम के जयकारे से पूरा आरती घाट गूंज उठा। महानदी की आरती करने उद्देश्य छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी को संरक्षित करने का एक प्रयास है। इसी प्रयास की कड़ी में राजिम कुंभ में वेदरतन सेवा प्रकल्प के संयोजन और संरक्षिका साध्वी प्रज्ञा भारती के सानिध्य में राजिम कुंभ में भव्य एवं दिव्य महानदी की आरती की प्रतिदिन शुरूआत की गई है।

राजिम कुंभ के समापन समारोह में राज्यपाल मुख्य अतिथि के रूप में हुए शामिल
कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने की
राजिम कुंभ कल्प 2024 भव्यता के साथ हुआ संपन्न
संगम नगरी राजिम कुंभ कल्प में दिखा अयोध्या धाम का आकर्षक वैभव
रामोत्सव के रूप में मनाया गया राजिम कुंभ कल्प
राजिम के पवित्र कुंभ में देशभर के साधू-संतों एवं महामंडलेश्वरों ने लिया हिस्सा
    रायपुर/शौर्यपथ / राजिम के त्रिवेणी संगम में 24 फरवरी से प्रारंभ राजिम कुंभ कल्प-2024 आज 08 मार्च को भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने की। राजिम कुंभ के दौरान संगम नगरी राजिम कुंभ कल्प में अयोध्या धाम का आकर्षक वैभव दिखा। इस वर्ष का राजिम कुंभ कल्प रामोत्सव के रूप में मनाया गया। कुंभ में देशभर से साधु-संत एवं महामंडलेश्वर भी शामिल हुए। समापन समारोह के अवसर पर मुख्यमंच में राज्यपाल श्री हरिचंदन एवं मौजूद अतिथियों ने भगवान राजीव लोचन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया। साथ ही प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
समापन समारोह में राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पवित्र नगरी राजिम के कुंभ मेले में शामिल होकर मुझे आत्मिक प्रसन्नता हो रही है। राजिम मेले में पधारे समस्त संतों, विद्वानों और धर्मगुरूओं को मैं प्रणाम करता हूं। यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि देश के प्रतिष्ठित आचार्यों, साधु, संतों, महामंडलेश्वर, महात्माओं का आगमन राजिम में हुआ है। संतो के दिखाए मार्ग पर चलने से ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के हृदय स्थल में महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित राजिम नगरी, छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रतिष्ठित प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस वर्ष 24 फरवरी माघ पूर्णिमा से राजिम कुंभ कल्प मेले का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व विभाग द्वारा किया गया। इस मेले का आज समापन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मेले में कलाकारों का संगम, श्रद्धालुओं की असीम आस्था और संतों के आशीर्वाद से राजिम कुंभ मेले ने देश में अपनी विशेष पहचान बनाई है। इस मेले में छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी लगाई गई है जहां शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं से अवगत होकर नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं, जो अत्यंत सराहनीय है। मुख्यमंच में राज्यपाल श्री हरिचंदन को ‘राजिम कुंभ कल्प लोक आस्था का विराट संगम’ पुस्तिका भेंट की गई।
       इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि 5 साल बाद पुनः भारतवर्ष के वासी इस भव्य आयोजन के साक्षी बने है। सभी प्रतीक्षा में थे की राजिम कुंभ का पुनः आयोजन होना चाहिए। उन्होंने इस भव्य कुंभ के आयोजन के लिए मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज माता शक्ति स्वरूपा का दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और भगवान शिव का दिवस महाशिवरात्रि है। यह ब्रम्हांड के सृजन का दिन है। उन्होंने सभी को राजिम कुंभ कल्प की बधाई देते हुए कहा कि राजिम कुंभ में पहुंच के कृतार्थ हुए।  
      समापन समारोह में संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 5 साल बाद पुनः राजिम कुंभ का भव्य आयोजन हुआ। यह सब साधु संतो के आशीर्वाद से ही संपन्न हुआ। उन्होंने सभी साधु संतो को प्रणाम करते हुए उनका अभिवादन किया। राजिम कुंभ कल्प में देशभर के साधु-संत, महात्मा एवं महामंडलेश्वरों ने शामिल होकर सद्गुणों की अमृतवर्षा की। इससे सभी श्रद्धालुगण कृतार्थ हुए। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश में नदियों, पानी को बचाने जुटी साध्वी प्रज्ञा भारती का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की जन्मभूमि है, प्रभु श्रीराम का वन गमन मार्ग है यह पूरे देश और विश्व को पता लगे इसी उद्देश्य से राजिम कुंभ कल्प का आयोजन किया जा रहा है। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि राजिम कुंभ में इस वर्ष 20 लाख से अधिक श्रद्धालुगण शामिल हुए। उनके सहयोग से यह कुंभ संपन्न हुआ। कुंभ में देशभर के साधु संत एवं शंकराचार्य भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के बाद मध्य भारत में कोई प्रयागराज है तो वह राजिम है। यहां हजारों साल प्राचीन मंदिर है। ऋषि मुनियों का आश्रम है। राजिम धार्मिक, सांस्कृतिक महत्वों के लिए पूरे देश में विशेष स्थान रखता है।
समापन समारोह में सांसद श्री चुन्नीलाल साहू, राजिम विधायक श्री रोहित साहू, रायपुर उत्तर के विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, राजिम नगर पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती रेखा सोनकर, प्रबंध संचालक पर्यटन श्री जितेन्द्र शुक्ला, कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल, एसएसपी श्री अमित तुकाराम कांबले सहित देशभर से आए साधु संत, महा मंडलेश्वर सहित भारी संख्या में आमजन मौजूद थे।

आज सपत्नीक आर्टिकल 370 फिल्म देखने मैग्नेटो माल पहुंचे थे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
  रायपुर/शौर्यपथ/आर्टिकल 370 मूवी छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री कर दी गई है। आज इस बात की घोषणा मैग्नेटो माल में आर्टिकल 370 फिल्म देखने पहुंचे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की। इस मौके पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय तथा मंत्रिमंडल के सहयोगी कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम एवं वन मंत्री श्री केदार कश्यप तथा विधायकगण भी मौजूद रहे।
   इस संबंध में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी विचारधारा एक देश, एक विधान,  एक निशान को लेकर है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 इस बुनियादी विचारधारा से असंगत थी। हमारे नेताओं ने आजादी के बाद से ही इसका कड़ा विरोध किया। धारा 370 को हटाने का संकल्प हमने लिया था। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह संकल्प पूरा हुआ। आज कश्मीर शांति की ओर बढ़ रहा है। भारत की एकता को लेकर यह बड़ा काम मोदी जी ने किया।
   मुख्यमंत्री ने कहा कि मूवी में कश्मीर के हालात को बहुत अच्छी तरह से दिखाया गया है और यह बताया गया है कि किस तरह से आर्टिकल 370 की वजह से कश्मीर विकास की राह में पिछड़ रहा था और इसे खत्म करने के लिए हमारे नेताओं ने कितना कठिन संघर्ष किया।
        इस मौके पर सांसद श्री सुनील सोनी, विधायक श्री अनुज शर्मा, विधायक श्री खुशवंत साहेब, विधायक श्री संपत अग्रवाल भी उपस्थित रहे।

राजिम कुंभ में पहुंचा रामनामी अनुयायी दल
रामनामी संप्रदाय को मानने वाले लोगों के रोम-रोम में बसते हैं प्रभु श्रीराम
रायपुर /शौर्यपथ / पूरे शरीर में राम नाम का गोदना, सिर पर मोरपंख का मुकुट धारण किए और राम नाम लिखा वस्त्र पहनकर रामभक्ति की अलख जगाते रामनामी लोगों में रामभक्ति की अनोखी परंपरा है। ऐसे ही अनुयायियों का दल राजिम कुंभ मेला में पहुंचा है।
सारंगढ़, बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा और बलौदाबाजार जिले से लगभग 18 रामनामी आए हुए हैं, जिसमें तीन महिलाएं और पुरूष शामिल हैं। इनके सिर पर मोर पंख लगा हुआ मुकुट है, जिसके नीचे में राम-राम लिखा हुआ है। श्री कौशल भारतीय ने बताया कि इस पंथ को मानने वाले अपने पूरे शरीर में राम-राम का गोेदना बनवाते हैं, लेकिन अब केवल माथे पर ही राम-राम लिखा होता है, जिसे शिरोमणी कहते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1975 में इस संस्था का पंजीयन हुआ था। उस समय रामनामी पंथ को मानने वालों की संख्या 27 हजार से अधिक थी, अब यह धीरे-धीरे कम होती जा रही है।
ऐसा माना जाता है कि रामनामी संप्रदाय को मानने वाले लोगों के रोम-रोम में राम बसते हैं। इसीलिए अनुयायियों के पूरे शरीर में रामनाम का गोदना बना होता हैं। उनका कहना है कि प्रत्येक मानव में राम का वास होता है। इसलिए हम उन्हें राम-राम कहकर संबोधित करते हैं और भगवान श्रीराम को याद करते हैं। इस पंथ को मानने वालों में 40 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को ही स्वीकार किया जाता है। इनका पूरा जीवन राम के लिए समर्पित होता है। राम नाम को ही अपने जीवन का एकमात्र आधार मानते हैं और उनके प्रति अपने श्रद्धा-भक्ति से अपने पूरे शरीर में राम नाम का गोदना गुदवाकर प्रकट करते हैं। हर समय ये राम नाम का जाप करते हैं। इनके पांच प्रमुख प्रतीक होते हैं शरीर पर राम नाम, घुंघरू बजाना, मोर पंख से बना मुकुट पहनना, सफेद कपड़ा धारण कर और भजन कीर्तन से वे सृष्टि के कण-कण में राम को देखते हैं।

रायपुर/शौर्यपथ / हल्की गुलाबी ठंड के बीच महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शुक्रवार तड़के सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने राजिम के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगायी और भोलेनाथ की पूजा की। धर्म के प्रति आस्था का भाव गुरूवार की रात से ही देखने को मिल रहा था। भोलेनाथ महादेव जी के प्रति अटूट भक्ति रखने वाले भक्त तड़के 2 बजे से ही राजिम संगम की धार में डुबकी लगाने पहुंच गए थे।
महाशिवरात्रि पर इस पुण्य स्नान को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए तड़के सुबह से लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुगणों ने पुण्य स्नान कर दीपदान किया। पश्चात दर्शनार्थियों की लम्बी लाईन श्री कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर और श्री राजीव लोचन मंदिर, बाबा गरीब नाथ की ओर लग गई। श्रद्धालुगण भगवान के दर्शन करने लाईन में डटे-रहकर अपनी बारी की इंतजार करते रहे। यह सिलसिला तड़के तीन बजे से जारी रहा। वैसे महाशिवरात्रि पर्व में स्नान के बाद दीपदान करने की परंपरा कई सौ वर्षों पहले से ही चली आ रही है। इस परंपरा और श्रद्धा का पालन आज भी श्रद्धालुओं को करते देखा गया। नदी की धारा में दोने में रखा दीपक की लौ किसी जुगनू की भांति चमकती नजर आई। कई महिलाओं ने रेत का शिवलिंग बना कर बहुत ही श्रद्धा के साथ बेल पत्ता, धतुरा के फूल चढ़ाकर आरती भी की। मान्यता के अनुसार यहां कई भक्तों ने नदी अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया। श्रीकुलेश्वर मंदिर क्षेत्र में जगह-जगह पंडितों का हुजूम भी लगा हुआ था, जहां भगवान श्री सत्यनारायण और शिवजी की कथा भी श्रद्धालुजन करा रहे थे।
महाशिवरात्रि पर संगम स्नान का है खास महत्व
वैसे तो पर्व व त्यौहार में स्नान का अपना अलग महत्व होता है, लेकिन महाशिवरात्रि पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने का खास कारण है। बताया जाता है महाशिवरात्रि में किसी भी प्रहर अगर भोले बाबा की प्रार्थना की जाए, तो मॉ पार्वती और भोलेनाथ सीधे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान शंकर के शरीर पर शमशान की भस्म गले में सर्पों का हार, कंठ में विष, जटाओं में पावन गंगा तथा माथे में प्रलयंकारी ज्वाला उनकी पहचान है। माना जाता है कि महानदी, सोंढूर, पैरी के संगम में स्नान करने से तन पवित्र तो होते है बल्कि मन की मलिनता दूर हो जाती है। इस दिन संगम की सूखी रेत पर सूखा लहरा लेने की भी परंपरा है। विश्वास है कि भोलेनाथ वेश धारण कर मेले का भ्रमण करते हैं।

नक्सलियों का विरोध करने का निर्णय लेकर फाइटर बनने तय किया : पोकेश्वरी
कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा हासिल कर दिया हिम्मत का परिचय, मुख्यमंत्री ने शीतल के साहस को किया सलाम
रायपुर/शौर्यपथ मैं अपने गाँव की सरपंच थीं। मैं और मेरे पति गाँव को सुधारने में सक्रिय थे। हम दोनों को विकास कार्य के लिए धमकियों का सामना करना पड़ता था। विकास कार्यों को रोकने के लिए हम पर दबाव बनाया जाता था। हमारी स्कूल और आंगनबाड़ी को बंद करने को कहा गया। मुझे इस बात की बहुत पीड़ा थी। मैंने नक्सलियों का विरोध करने का निर्णय लिया। अपने समाज की समस्याओं को अंतरमन से समझकर मुझे स्वयं को सशक्त बनाने की जरूरत महसूस हुई और मैं फाइटर बन गई। आज मैं अपने पति से भी ज्यादा शक्तिशाली महसूस करती हूं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से बात करते हुए बस्तर फाइटर नारायणपुर की पोकेश्वरी सलाम ने अपने जीवन की आपबीती मुख्यमंत्री को बतायी।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज दंतेवाड़ा के जावंगा एजुकेशन सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में दंतेश्वरी फाइटर्स, बस्तर फाइटर्स के महिला जवानों से संवाद किया। इस दौरान महिला जवानो ने मुख्यमंत्री से अपने जीवन के अनुभव भी साझा किए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पोकेश्वरी आपके साहस को सलाम करता हूँ मैं भी पंच पद से राजनीति जीवन शुरू किया था आज जनता के आशीर्वाद से सरपंच, विधायक, सांसद, केंद्र में मंत्री पद के साथ अब प्रदेश का मुख्यमंत्री बना।
शीतल ने बताया कि मेरा गांव भी नक्सल आतंकवाद से पीड़ित था। नक्सलवादियों की गतिविधियों का खामियाजा मेरे परिवार को भी भुगतना पड़ा। दादा के भाई को सलवा जुडूम का समर्थन करने के कारण मार दिया गया और मेरे पिता की बहन को नक्सली अपने दल में शामिल करने के लिए उस पर लगातार दबाव डालते रहे। चाचा लगातार तनाव के कारण विक्षिप्त हो गए। मैंने कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा हासिल की क्योंकि मुझे शिक्षा की शक्ति पर विश्वास था, लेकिन मुझे इस बात का दुख है कि मैं अब भी अपने गांव लौटने में असमर्थ हूं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शीतल जी, मुझे यह जानकर बड़ा दुख हुआ कि आपको और आपके परिवार को आतंकवाद के कारण इतने कष्ट उठाने पड़े। आपने लेकिन एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है जो मेरे हृदय के बहुत करीब है। शिक्षा और वो भी महिलाओं की शिक्षा का। आपकी तरह मुझे भी शिक्षा की शक्ति पर विश्वास है। और मेरा मानना है कि यदि एक पुरुष शिक्षित है. तो केवल एक व्यक्ति शिक्षित है, परंतु यदि एक महिला शिक्षित है तो पूरा घर शिक्षित होता है। ये महिलाओं की शिक्षा की शक्ति है। हमारी सरकार महिलाओं की शिक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है। में यह आशा करता हूं कि आपकी कहानी सुनकर न सिर्फ इस क्षेत्र की बल्कि सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ की महिलाओं को शिक्षा हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी। सिलगेर,टेकलगुड़ेम पूवर्ती के बच्चों को राजधानी रायपुर का भ्रमण करवाया जिससे उनको नया एक्सपोजर मिला।

सुरक्षा कैम्प की स्थापना से बदल गया ग्रामीणों का जीवन, सुश्री बघेल ने मुख्यमंत्री को सुनाई आपबीती...
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बस्तर फाइटर्स एवं दंतेश्वरी फाइटर्स की महिलाओं और स्कूली बच्चों से संवाद कर रहे थे। वह बस्तर फाइटर्स से संवाद कर रहे थे, इसी बीच सुश्री बघेल जो महिला आरक्षक के रूप में दंतेश्वरी फाइटर्स में सेवा दे रही हैं, उन्होंने अपने जीवन का अनुभव साझा करते हुए सुश्री बघेल ने मुख्यमंत्री से बताया कि मेरा गांव में पहले नक्सली आतंकवाद की चपेट में था। नक्सलवादी आये दिन हमारे गांव के लोगों को बंदूक की नोक पर प्रताड़ित करते, उन पर नक्सलवाद को अपनाने के लिए दबाव डालते। नक्सलियों को रोकने के लिए शासन ने सुरक्षा कैम्प की स्थापना की। इस कैम्प ने ग्रामीणों का जीवन पूरी तरह बदल दिया। वे भयमुक्त होकर जीवन यापन करने लगे क्योंकि अब वहां नक्सली नहीं पुलिस थी। नवयुवकों ने पुलिस और नक्सलियों की कार्यप्रणाली के फर्क को समझा। उन्हें अपनी लोक तांत्रिक ताकत का भी एहसास हुआ। इस तरह वे पुलिस से प्रेरित होकर बस्तर फाइटर्स का हिस्सा बन गए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुश्री बघेल की हिम्मत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर बड़ा अच्छा लगा कि एक सुरक्षा कैम्प ने ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया। ये कैम्प सुरक्षा कैम्प होने के साथ-साथ विकास के कैम्प भी हैं। इन कैम्पों के माध्यम से राज्य शासन ने नियद नेल्लानार योजना की शुरूआत की है। इस योजना में कैम्पों की पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले सभी गांवों का समग्र विकास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुझे यह खुशी है कि आप को अपने क्षेत्र में तानाशाही के मुकाबले लोकतंत्र की ताकत पर विश्वास हुआ। मुझे महिलाएं स्वाभाविक रूप से लोकतंत्र का प्रतीक लगती हैं, क्योंकि इनके अंदर ’स्व’ की बजाय ’सब’ को साथ लेकर चलने की आदत होती है। मैं आशा करता हूं कि आप जैसी महिलाएं लोकतंत्र को सदैव मजबूत बनाती रहेंगी। बस्तर की फाइटर लड़कियां महिलाओं के हौसले और लोकतंत्र को बचाये रखने की जज्बे का प्रतीक है।

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