May 25, 2025
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रायपुर

रायपुर (5887)

    रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित सुशासन तिहार 2025 के तहत किसानों, ग्रामीण समुदायों, आमजनों तथा मछुआरों को भी विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ पहुँचाने की दिशा में व्यापक पहल की गई है। दंतेवाड़ा जिला में सुशासन तिहार के प्रथम चरण में प्राप्त आवेदनों का तेजी से निराकरण कर आमजनों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। इसी क्रम में, मत्स्य पालन विभाग ने प्राप्त आवेदनों का गहन सत्यापन कर किसानों को लाभान्वित करने की कार्यवाही तेजी से पूरी की गई है।
सुशासन तिहार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करना, समस्याओं का त्वरित समाधान करना और पात्र हितग्राहियों तक सुविधाओं को पारदर्शी ढंग से पहुँचाना है। इस क्रम में मत्स्य पालन विभाग को सुशासन तिहार के दौरान मत्स्य कृषकों से विभिन्न मांगों के संबंध में आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनका सत्यापन उपरांत विभाग ने कुआकोंडा के खतकुड़ी कोर्राम, बालवीर कोर्राम, हल्बारास के राजेश राणा, पांडेवार के महेश ठाकुर और टेकनार के अमेश कुमार को मछली पालन हेतु आवश्यक जाल (नेट) प्रदाय करने के साथ-साथ आधुनिक तौर-तरीके से मत्स्य पालन करने की तकनीक के संबंध में मार्गदर्शन दिया। मत्स्य जाल प्राप्त होने से इन किसानों को अब अपनी आजीविका को और मजबूत करने का अवसर मिला है। यह सहायता न केवल उनकी आज की जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि भविष्य में उनकी आय में भी इजाफा करेगी। मछली पालन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले जाल की उपलब्धता से आधुनिक तकनीकों की उपलब्धता से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, जिससे वे बेहतर आर्थिक स्थिरता हासिल कर सकेंगे। दंतेवाड़ा जिला प्रशासन और मछली पालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की पहल से किसानों का शासन के प्रति विश्वास और भागीदारी दोनों बढ़ेगी।

  रायपुर /शौर्यपथ /मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ राज्य के सुदूर अनुसूचित एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां यात्री परिवहन की सुविधा कम है, वहां आम जनता को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना‘‘ शुरू करने का अहम निर्णय लिया गया है।
     इस योजना के तहत हल्के/मध्यम परिवहन मोटरयान 18 से 42 बैठक क्षमता (चालक को छोड़कर) के वाहन को अनुज्ञा पत्र और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नवीन ग्रामीण मार्गाें के विनिर्धारण के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा। इस योजना के तहत संबंधित वाहन स्वामी को ग्रामीण मार्गाें पर वाहनों के संचालन के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से तीन साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।
      इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपए प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रूपए प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रूपए प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।
  मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके तहत नवा रायपुर अटल नगर में State of Art NIELIT की स्थापना के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान NIELIT को 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
       राज्य में NIELIT केन्द्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। यह केन्द्र न केवल युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नये अवसर प्रदान करेगा। इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।
  मंत्रिपरिषद ने रेगहा, बटाई, लीज और डुबान क्षेत्र पर खेती करने वाले किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना का लाभ अब उक्त श्रेणी के किसानों को भी मिलेगा। मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका लाभ प्रदेश के ऐसे उक्त समस्त कृषक जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समिति एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान/धान बीज का उपार्जन किया गया हो, उन्हें आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया है।
  मंत्रिपरिषद की बैठक में सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति उपरांत सेवा समाप्त किये गये 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उनको अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।
     अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार हटाये गए बी.एड अर्हताधारी 2621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के राज्य में रिक्त 4,422 पदों में समायोजित किया जाएगा। समायोजन गैर विज्ञापित पदों पर किया जाएगा। कला/विज्ञान संकाय से 12वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अर्हता (12वीं गणित/विज्ञान) पूर्ण करने हेतु 3 वर्ष की अनुमति दी जाएगी साथ ही इन अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में एस.सी.ई.आर.टी. के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 355 अभ्यर्थियों के लिए सांख्येत्तर पदों का सृजन किया जाएगा।
     समायोजन के लिए जिलों की प्राथमिकता में पहले राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के जिलों के रिक्त पदों में उसके पश्चात सीमावर्ती जिलों के रिक्त पदों पर तत्पश्चात अन्य जिलों में समायोजन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से आ रहे बदलाव          
   रायपुर/शौर्यपथ /हर वर्ष 1 मई को हम श्रमिक दिवस मनाते हैं। यह एक ऐसा दिन जो श्रमिकों के अथक परिश्रम, संघर्ष और योगदान को सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है। छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है, राज्य की आर्थिक प्रगति में महिला श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी जाना जाता है।
कृषि, खनन, वनों से प्राप्त उत्पादों और छोटे उद्योगों पर आधारित अर्थव्यवस्था वाले छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में महिलाएँ खेती-बाड़ी, तेंदूपत्ता संग्रहण और हस्तशिल्प निर्माण जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में निर्माण कार्य, घरेलू सेवाएँ और छोटे व्यापारों में उनकी भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। महिला श्रमिकों की भागीदारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्रों में, फिर भी उनकी मेहनत को अब भी उचित मान्यता और पारिश्रमिक नहीं मिल पाता। महिला श्रमिकों के सामने कई चुनौतियाँ हैं। जिनमें समान वेतन का अभाव, समान कार्य के बावजूद वेतन असमानता, खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों में असुरक्षित परिस्थितियाँ, प्रसूति लाभों और स्वास्थ्य सुविधाओं की सीमित पहुँच, कम पढ़ाई और तकनीकी प्रशिक्षण के कारण सीमित अवसर, पारंपरिक सोच और घरेलू जिम्मेदारियाँ उनकी स्वतंत्रता को सीमित करती हैं।
  छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिसमें मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए विशेष सहायता दी जा रही है। नई श्रमिक नीति द्वारा  असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिला श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी और कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों को अनिवार्य बनाया गया है। महिला शक्ति केंद्रों के विस्तार से प्रत्येक जिले में महिला शक्ति केंद्र स्थापित कर महिला श्रमिकों को कानूनी सहायता, स्वास्थ्य सुविधा और रोजगार परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देकर महिला स्वावलंबन के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। सखी वन स्टॉप सेंटर में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए त्वरित सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था। मनरेगा में महिलाओं के भागीदारी बढ़ाने रोजगार दिवसों में महिलाओं के न्यूनतम 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने की पहल शामिल हैं।
 छत्तीसगढ़ में महिला श्रमिकों कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से मिनीमाता महतारी जतन योजना है, जो पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों को प्रसूति सहायता प्रदान करती है।इस योजना के तहत बच्चे के जन्म के बाद पंजीकृत महिला श्रमिकों को 20 हजार की एकमुश्त राशि मिलती है। इसके अलावा राज्य सरकार विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम और सहायता योजनाएं भी चलाती है, जो महिला श्रमिकों को सशक्त बनाने में मदद करती हैं।
  मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना अंतर्गत 18 से 50 वर्ष आयु के बीच की पंजीकृत महिला श्रमिकों को सिलाई मशीन के लिए सहायता प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण के लिए सहायता प्रदान करती है।छत्तीसगढ़ महिला कोष महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन करता है, जिसमें वित्तीय सहायता प्रशिक्षण और अन्य संसाधन शामिल हैं।घरेलू महिला कामगार कौशल उन्नयन एवं ठेका श्रमिक, हमाल कामगार परिवार सशक्तिकरण योजना,घरेलू महिला श्रमिकों, ठेका श्रमिकों और हमाल श्रमिकों के कौशल विकास और परिवार को सशक्त बनाने के लिए योजना है। सक्षम योजना छत्तीसगढ़ महिला कोष के तहत संचालित एक योजना है जो विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा और अविवाहित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है। महतारी वंदन योजना से महिलाओं को 1 हजार रूपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार महिला श्रमिकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चला रही है, प्रशिक्षण के बाद उनके रोजगार का प्रबंध भी कर रही है, ताकि उन्हें आर्थिक मजबूती मिल सके, सरकार माताओं-बहनों तक जनहितैषी योजनाओं के शत प्रतिशत लाभ की पहुंच भी सुनिश्चित कर रही है। जबकि स्वयं सहायता समूहों के जरिए आर्थिक स्वतंत्रता और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय सरकार में प्रदेश के विकास में महिला श्रमिकों के योगदान को सम्मान मिला है।

कार्यालय को व्यवस्थित रखने तथा साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करने के दिए निर्देश
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने आज संयुक्त जिला कार्यालय के विभिन्न कक्षों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सभी कार्यालय प्रमुखों एवं मौके पर उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को कार्यालय में अधिकारी-कर्मचारियों की टेबल, कुर्सी के अलावा दस्तावेज आदि को व्यवस्थित कर कार्यालय के गरिमा के अनुरूप बेहतर एवं सुव्यस्थित स्वरूप में रख-रखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को अपने-अपने कार्यालयों में साफ-सफाई की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने अपने-अपने कार्यालयों के अलावा कार्यालय के सामने स्थित बरामदे का भी नियमित रूप से साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए।
इस मौके पर कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने संयुक्त जिला कार्यालय के प्रथम तल में स्थित आदिवासी विकास विभाग, खनिज, भू-अभिलेख, रिकार्ड रूम, खाद्य विभाग, जनसंपर्क विभाग, जिला योजना एवं सांख्यिकी, अंत्यावसायी, जिला हथकरघा, जिला कोषालय, आबकारी, स्वान कक्ष, महिला एवं बाल विकास विभाग, निर्वाचन, समग्र शिक्षा, क्रेडा एवं श्रम विभाग आदि का अवलोकन किया। श्रीमती मिश्रा ने भू-अभिलेख कार्यालय के निरीक्षण के दौरान कार्यालय में रखे गए पुराने दस्तावेजों का भी अवलोकन किया। उन्होंने कार्यालय के पुराने दस्तावेजों का अपलेखन कराने के निर्देश जिला नाजिर को दिए। श्रीमती मिश्रा ने रिकार्ड रूम के निरीक्षण के दौरान पुराने एवं जीर्णशीर्ण दस्तावेजों का भी अवलोकन किया। उन्होंने अत्यंत पुराने एवं जीर्णशीर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने हेतु जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। आबकारी विभाग के निरीक्षण के दौरान अधिकारी-कर्मचारियों से कुल स्टाफ के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों से परिचय प्राप्त कर उनके कार्यों के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को समय पर कार्यालय पहुँचकर निर्धारित समयावधि तक कार्यालय में उपस्थित रहकर पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने को कहा। इस दौरान अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक, जिला जनसंपर्क अधिकारी चंद्रेश कुमार ठाकुर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

 जिले में अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकथाम हेतु अधिकारियों कों सतर्क रहने निर्देश
    मोहला /शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति एवं पुलिस अधीक्षक श्री यशपाल सिंह नेआज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान अधिकारियों ने जिले में कानून व्यवस्था के संबंध में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों, प्रयासों और आवश्यक पहल की समीक्षा की। बैठक में जिले में 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों एवं पुलिस बल को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। माननीय मुख्यमंत्री के संकल्प अनुसार बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की अवधारणा को साकार करने हेतु जिले के प्रशासनिक अमले को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
         अक्षय तृतीया पर गाँव में बाल विवाह के मामलें सामने आते है। यह एक गम्भीर सामाजिक बुराई है समाज में इस कुप्रथा का स्वरूप बहुत ही भयावह है सामान्य रूप से प्रचलित वैवाहिक कार्यक्रमों के साथ-साथ शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों में 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर अन्य वैवाहिक कार्यक्रम भी शुरु हो जाएंगे, किसी भी स्थिति में बाल विवाह न हो, यह प्रशासन के द्वारा सामुदायिक सहयोग से ही संभव है जिसके लिए जिले में अधिकारियों की टीम गठित कर कई तैयारियां की गई है। बैठक में सुशासन तिहार में आए आवेदन पत्रों के निराकरण कों लेकर समीक्षा की गई एवं आवेदनों कों जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए गए। जिले में बोर उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए व बिना अनुमति बोर उत्खनन पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए। जिले में अवैध रूप संचालित हो रहें ईट भट्टे पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। बैठक में अवैध शराब की बिक्री, महाराष्ट्र से आयातित शराब एवं उन्हें बेचने वाले कोचियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। जी ए डी कॉलोनी के पीछे, आत्मानंद स्कूल के पास, स्टेडियम, छुरिया मंदिर, प्रमुख चौक चौराहे के क्षेत्र में शाम के समय असामाजिक तत्वों के लोगों के द्वारा नशा शराब आदि के सेवन पर प्रतिबंध लगाने के लिए सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि जिले में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने पैनी नजर रखा जाये। राजस्व, पुलिस विभाग को सतत रूप से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और जिले के गरिमा के अनुकूल वातावरण निर्मित करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में अपर कलेक्टर विजेन्द्र सिंह पाटले, जिला पंचायत सीईओ सुश्री भारती चन्द्राकर, एसडीएम मोहला हेमेन्द्र भुआर्य, एसडीएम मानपुर श्री अमित नाथ योगी सहित पुलिस प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।

 दिव्यांगता सफलता में बाधा नहीं : विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा
 महासमुंद/शौर्यपथ /समावेशी शिक्षा को प्रोत्साहन देते हुए महासमुंद जिले में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को स्मार्टफोन, की-बोर्ड और स्मार्ट ईयरफोन वितरित किए गए। यह सहायक उपकरण महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा द्वारा प्रदान किए गए।
जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा, महासमुंद के तत्वावधान में  गत दिवस आयोजित इस गरिमामय कार्यक्रम में तीन विद्यार्थियों जिसमें शासकीय हाई स्कूल, लाटादादर, पिथौरा के कक्षा नवमी के छात्र हेमंत भोई, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सलडीह की कक्षा दसवीं की छात्रा तारा निषाद एवं हाई स्कूल, सिंघोड़ा की कक्षा नवमी की छात्रा खिलेश्वरी मिरी को ये सहायक उपकरण प्रदान किए गए।
इस अवसर पर  विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने अपने  उद्बोधन में  कहा कि दिव्यांगता सफलता में बाधा नहीं है। उन्होंने कहा, “यदि संकल्प दृढ़ हो तो कोई भी व्यक्ति कठिन परिश्रम से जीवन में ऊँचाइयाँ हासिल कर सकता है। आज अनेक दिव्यांगजन देश-विदेश में उच्च पदों पर कार्यरत होकर समाज को प्रेरणा दे रहे हैं।” उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाई में मन लगाकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।चयनित विद्यार्थियों को स्मार्ट उपकरणों के प्रभावी उपयोग हेतु 24 से 26 अप्रैल तक ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान, निमोरा, रायपुर में विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया।
कार्यक्रम को डिप्टी कलेक्टर श्रीमती सृष्टि चंद्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी  मोहन राव सावंत, जिला मिशन समन्वयक रेखराज शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में गणमान्य नागरिक, शिक्षा विभाग के अधिकारी और चयनित विद्यार्थियों के अभिभावकगण उपस्थित रहे।

दंतेवाड़ा जिला के दुरस्थ अंचल की ग्रामीण महिलाओं के चेहरे पर आई मुस्कान
रायपुर/शौर्यपथ /जल जीवन मिशन योजनांतर्गत दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिला के दुरस्थ अंचल के निवासरत ग्रामीणों में स्वच्छ पेयजल मिलने से लागों के चेहरों में स्पष्ट रूप से मुस्कान देखी जा सकती है। दंतेवाड़ा के ग्राम पंचायत बालपेट के आश्रित ग्राम भैरमबंद निवासी श्रीमती सुमित्रा भास्कर कहती है कि ’’पहले मुझे पीने का पानी लेने के लिए अपने घर से दूर मेन रोड पार करने के बाद लंबी दूरी तय कर हैण्डपम्प से लाना पड़ता था। जहां अन्य महिलाएं भी पानी लेने, कपड़े धोने व नहाने जाती थी। खासकर गृष्म काल में लंबे इंतजार के बाद मुझे पानी मिलता था। नहाने और कपड़े धोने के लिए मैं बच्चों को लेकर नदी जाती थी। दिनभर में कुल 5 से 7 गुण्डी पानी लाने के कारण मेरा पूरा दिन केवल पानी भरने और घर के दैनिक कामों में ही गुजर जाता था’’। कमोबेश यही व्यथा यहां के हर ग्रामीण महिलाओं की रही है। जो अपने परिवारजनों के लिए दैनिक कार्यों और पेयजल के लिए नदियों कुओं और हैंड पंप में ही अपने दिनचर्या का अधिकतर समय व्यतीत करने में विवश थी। परन्तु अब स्थितियां बदली है और वे अब जल जीवन मिशन योजना के लाभ से स्वच्छ पेयजल के साथ-साथ अपना और अपने बच्चों के भविष्य को आधुनिक स्वरूप दे रही है।
घरों में नल सुविधा होने से प्रसन्न सुमित्रा भास्कर ने बताया कि पहले तो जिंदगी की सबसे बड़ी समस्या पानी भरना ही था जिसके कारण कभी कुछ करने का सोच भी नहीं सकती थी। उन्होंने बताया कि वे सरस्वती स्व सहायता समूह में सदस्य हैं लेकिन उसमें भी कभी ठीक से समय नहीं दे पाती थी। काफी समय पानी भरने में ही व्यतीत हो जाता था और शुद्ध पानी भी नहीं मिल पाता था।
उन्होंने बताया कि ग्राम भैरमबंद जिला दंतेवाड़ा के मुख्यालय से लगभग 07 किमी की दूरी पर स्थित है। ग्राम भैरमबंद में कुल घरों की संख्या 60 और कुल जनसंख्या 323 है, ग्राम में कुल 03 बसाहट पटेलपारा, राउतपारा, स्कूलपारा है। ग्राम में 01 प्राथमिक शाला और 01 आंगनवाड़ी है यहां जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन के तहत कुल 11.5 लाख लागत की योजना बनाकर, पहले से कुल 03 जीआई स्ट्रक्चर एवं 1400 मीटर पाईप लाईन का विस्तार कर ग्राम के सभी घरों में जल जीवन मिशन योजना को पहुंचाया गया है। इससे ग्रामीणों को न केवल घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल प्राप्त हो रहा है बल्कि यहां के स्कूलों और आंगनबाड़ी में अध्ययनरत बच्चों को पेयजल एवं मध्यान्ह भोजन हेतु शुद्ध पेयजल प्राप्त हो रहा है।
सुमित्रा भास्कर ने बताया कि अब मेरे घर में जल जीवन मिशन योजना का नल लग जाने से सुबह 7 बजे से ही घर में पानी मिल जाता है। उन्होंने बताया कि सिलाई में बहुत रूचि होने से लाईवलीहुड कॉलेज में फैशन डिजाइनर का कोर्स कर रही हैं। सुमित्रा ने बताया कि अपने दोनों बच्चों को तैयार कर उन्हें आंगनबाड़ी और स्कूल भेज कर घर का पूरा काम 9 बजे तक निपटा कर लाईवलीहुड की बस से सिलाई प्रशिक्षण के लिए चली जाती है और शाम को 4 बजे वापस आ जाती है। अब तो पूरा दिन ही व्यवस्थित हो गया है। इस प्रकार जल जीवन मिशन के माध्यम से पानी भरने के श्रम से मुक्ति तो मिली है साथ ही समय की बचत होने से मुझे अपने स्वरोजगार के सपने को भी साकार करने का मौका मिला है। सिलाई प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांतघर में ही सिलाई सेंटर खोलने की योजना है।
शासन की जल जीवन मिशन योजना की प्रशंसा करते हुए वे यह भी कहती है, जल जीवन मिशन योजना ने तो जैसे मुझे साफ पानी देने के साथ नयी जिंदगी ही दे दी। पहले हैंडपंप का पानी पीने और नदी में नहाने के कारण मेरे जैसी कई महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता था। तबीयत खराब होने से दवाई का खर्चा और घर परिवार में परेशानी अलग होती थी। पर अब तो नल के स्वच्छ पानी से पूरा परिवार स्वस्थ है। जल जीवन मिशन योजना लाने के लिए हम महिलाएं शासन का आभार व्यक्त करती हैं।

मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा की
अटल विश्वास पत्र पर प्रमुखता से अमल करने के दिए निर्देश, सभी शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में हो सुधार
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मंत्रालय में आयोजित बैठक में विभाग द्वारा किए जा रहे बड़े कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष की प्राथमिकताओं पर चर्चा कर विभाग द्वारा संचालित केंद्र और राज्य शासन की योजनाओं के मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन की भी जानकारी ली। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव और मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बैठक में अधिकारियों को शहरों में आने वाले दस वर्षों की जरूरत के हिसाब से पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की कार्ययोजना बनाने और उन पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहरों के आउटर में विकसित हो रहे नए रिहायशी इलाकों में प्राथमिकता से उद्यान बनाने को कहा, ताकि बच्चों को खेलने-कूदने तथा बड़े-बुजुर्गों को वॉकिंग, जॉगिंग, योग और शारीरिक व्यायाम के साथ ही आमोद-प्रमोद की जगह सुलभ हो सके। मुख्यमंत्री ने सभी नगरीय निकायों में अटल विश्वास पत्र पर प्रमुखता से अमल करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी शहरों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करते हुए भारत सरकार द्वारा जारी स्वच्छता की अपनी वर्तमान रैंकिंग में सुधार लाने को कहा। उन्होंने शहरों को सुंदर और स्वच्छ बनाने जन भागीदारी बढ़ाने के साथ ही इंदौर जैसे बेहतर सफाई व्यवस्था वाले शहरों में नगर निगमों के आयुक्तों को अध्ययन के लिए भेजने को कहा।
मुख्यमंत्री साय ने नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए शहरी आबादी से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य विभागों से समन्वय बनाकर बुनियादी शहरी सुविधाएं विकसित करने को कहा। इससे निकट भविष्य में समीपवर्ती ग्रामीण इलाकों के नगरीय निकाय में शामिल होने या नए नगरीय निकाय के रूप में अस्तित्व में आने पर शहरों के मुताबिक व्यवस्थाएं और जन सुविधाएं विकसित करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में काम पूरा करने पर जोर देते हुए निर्धारित समयावधि में काम पूरा करने वाले निकायों के लिए रिवार्ड-सिस्टम बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने निर्माण और विकास कार्यों की प्रगति की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए एप या ऑनलाइन सिस्टम तैयार करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने रायपुर नगर निगम की तरह अन्य नगरीय निकायों में भी संपत्ति कर की वसूली के लिए ऑनलाइन सिस्टम विकसित करने पर जोर दिया। इससे लोग घर बैठे या अपने कार्यस्थल से ही मोबाइल या कम्प्यूटर से संपत्ति कर जमा कर सकेंगे जिससे राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने अगले एक वर्ष में सभी निकायों में ऑनलाइन संपत्ति कर जमा करने की व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मोर संगवारी योजना के तहत घर पहुंच दस्तावेज बनाने की व्यवस्था को केंद्र सरकार के डिजी-लॉकर से लिंक करने को कहा। इससे नागरिकों के दस्तावेज स्थायी रूप से उनके डिजी-लॉकर में सुरक्षित रहेंगे। इससे योजना संचालन के व्यय में भी कमी आएगी।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अरुण साव ने बैठक में बताया कि नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन सवेरे निकाय के अधिकारियों के साथ साफ-सफाई एवं विकास कार्यों के निरीक्षण के अच्छे परिणाम आ रहे हैं। इससे विभाग के कार्यों में कसावट के साथ ही निर्माण कार्यों की प्रगति एवं साफ-सफाई की नियमित मॉनिटरिंग हो रही है। सभी नगरीय निकायों में वर्तमान जरूरतों के मुताबिक सेट-अप के पुनरीक्षण और निकायों के वर्गीकरण की कार्यवाही की जा रही है। बड़े विकास कार्यों, शहरों की आवश्यकता एवं भावी जरूरतों के मुताबिक शहरी विकास को गति देने इस साल मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना शुरू की जा रही है। इसके लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बैठक में नगरीय निकायों में अधोसंरचना मद, 15वें वित्त आयोग एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति तथा सुडा (राज्य शहरी विकास अभिकरण) के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), पीएम स्वनिधि, अमृत मिशन तथा स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के साथ ही विभिन्न निकायों में बन रहे अटल परिसरों तथा नालंदा परिसरों की प्रगति की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव  पी. दयानंद,  राहुल भगत, डॉ. बसवराजु एस., संचालक आर. एक्का, उप सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव तथा सुडा के सीईओ शशांक पाण्डेय भी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री   विष्णु  देव  के  निर्देश  पर  नगरीय  प्रशासन विभाग  ने  जारी  किया  आदेश
रायपुर/शौर्यपथ / राज्य संघ  लोकसेवा  आयोग  की  मुख्य  परीक्षा  में  उत्तीर्ण  होने  वाले छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों  को  राज्य  शासन की  ओर  से  एक  लाख  रुपये  की  प्रोत्साहन राशि  दी  जाएगी। मुख्यमंत्री  विष्णु  देव  साय के  निर्देश  पर  नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कल इसके  आदेश  जारी  कर  दिए  गए  हैं।
उल्लेखनीय  है  कि  राज्य  शासन  द्वारा नगर  निगमों  में  महापौर  सम्मान  राशि  दी  जाती  है। प्रतिभागियों  को  प्रोत्साहन  राशि  इसी  निधि  के अंतर्गत  दी जाएगी।

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