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रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 23 सितम्बर को धमतरी जिले के ग्राम करेलीबड़ी में आयोजित राज्य स्तरीय महतारी सदन लोकार्पण कार्यक्रम मेें 51 महतारी सदनों को मातृशक्ति को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धमतरी जिले को 245 करोड़ 80 लाख की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी करेंगे। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव एवं श्री विजय शर्मा, मंत्री श्री राम विचार नेताम, मंत्री श्री टंकराम वर्मा अतिविशिष्ट अतिथि होंगे। कार्यक्रम में सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी एवं श्री भोजराज नाग, विधायक श्री अजय चन्द्राकर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण सार्वा, जनपद अध्यक्ष श्री विरेन्द्र कुमार साहू विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
करेलीबड़ी धमतरी जिले के कुरूद विधानसभा क्षेत्र का गांव है। धमतरी जिले में महतारी सदन निर्माण योजना के अंतर्गत 4 महतारी सदनों का निर्माण क्रमशः ग्राम पंचायत भेंड्री, मेधा, खरेंगा और करेलीबड़ी में कराया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने तथा आपसी समरसता स्थापित करने, सामायिक कार्यक्रमों में सामूहिक भागीदारी तथा महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों में महतारी सदन का निर्माण कराया जा रहा है।
महतारी सदन निर्माण की इस योजना के तहत प्रथम चरण में वर्ष 2024-25 अंतर्गत कुल 202 महतारी सदन के लिए कुल 50 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। लगभग 2500 वर्गफीट में निर्मित होने वाले प्रत्येक महतारी सदन की लागत 24.70 लाख रूपए है, जिससे प्रत्येक महतारी सदन में एक हॉल, कमरा, किचन, स्टोर, दुकान, बाउड्रीवाल, प्रसाधन एवं बोरवेल का निर्माण कराया गया है।
महतारी सदन के लोकार्पण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य की महिला स्व-सहायता समूह की 2 लाख सदस्य महिलाएं वर्चुअल रूप से शामिल होंगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की क्षमता को देश के विकास के साथ जोड़ने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य में ग्राम पंचायतों महतारी सदन का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य में द्वितीय चरण में वर्ष 2025-26 अंतर्गत कुल 166 महतारी सदन के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 50 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है। द्वितीय चरण में निर्मित होने वाले प्रत्येक महतारी सदन की लागत 30 लाख रूपए है।
रायपुर / शौर्यपथ / राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर ने स्वच्छता पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत स्वच्छता जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर संस्थान की लिटरेरी समिति द्वारा ‘स्वच्छता ही सेवा’ विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई, जबकि नृत्य क्लब ने स्वच्छता जागरूकता पर आधारित सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुति प्रस्तुत की। कार्यक्रम में डॉ. मनोज चोपकर, डॉ. सुवेंदु रूप, डॉ. सुधाकर पाण्डेय, डॉ. संजय कुमार, डॉ. टी. पी. साहू, डॉ. वाय विजय बाबू, डॉ. चेतना शर्मा राजपूत, डॉ. अनिल मांझी सहित कई फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
निबंध प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया और स्वच्छता के महत्व पर अपने विचार साझा किए। प्रतिभागियों ने व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान देने के महत्व को रेखांकित किया।
इसके बाद नृत्य क्लब द्वारा प्रस्तुत ‘स्वच्छता: एक गूंज – एक सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुति’ ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। कलाकारों ने शक्तिशाली अभिव्यक्तियों और सुंदर नृत्य मुद्राओं के माध्यम से स्वच्छता, सतत विकास और सामूहिक जिम्मेदारी जैसे विषयों को उजागर किया। स्वच्छता एंथम ‘स्वच्छमेव जयते’ पर आधारित इस प्रस्तुति ने यह संदेश दिया कि प्रत्येक व्यक्ति के छोटे-छोटे प्रयास मिलकर एक स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
एनआईटी रायपुर ने स्वच्छ भारत मिशन के अनुरूप नवाचारी और जनजागरूकता से जुड़े कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करते हुए इस पहल में सक्रिय योगदान जारी रखने का संदेश दिया।
रायपुर / शौर्यपथ /
जनसंपर्क विभाग की सहायक संचालक श्रीमती रीनू ठाकुर के निधन से शासन-प्रशासन एवं विभागीय परिवार में शोक की लहर है। अपने सरल स्वभाव, कर्त्तव्यनिष्ठा और संवेदनशील कार्यशैली के कारण वे सभी की प्रिय रही थीं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि “श्रीमती ठाकुर अपनी कर्त्तव्यपरायणता, सौम्य व्यक्तित्व और मधुर व्यवहार के कारण विभागीय परिवार में विशिष्ट स्थान रखने वाली अधिकारी थीं। उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन सदैव पूर्ण समर्पण और निष्ठा से किया। उनके कार्य के प्रति प्रतिबद्धता अनुकरणीय रही है।” मुख्यमंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति और शोकाकुल परिवार को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े ने भी श्रीमती ठाकुर के निधन को अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि “श्रीमती ठाकुर ने महिला एवं बाल विकास विभाग में भी अपनी सेवाएँ दी थीं। उनका सरल स्वभाव, कर्त्तव्यनिष्ठा और संवेदनशीलता हमेशा याद रखी जाएगी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें।”
इस दुखद घड़ी में शौर्यपथ दैनिक समाचार परिवार भी श्रीमती रीनू ठाकुर के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करता है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि उनके परिवार को यह आघात सहन करने की शक्ति मिले।
जनसंपर्क विभाग सहित पूरे शासकीय जगत ने एक कर्मठ, संवेदनशील और समर्पित अधिकारी को खो दिया है।
रायपुर / शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों एवं परिजनों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिए लगातार उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है। इसी सिलसिले में आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित श्रमिक महासम्मेलन में मुख्यमंत्री ने दीदी ई-रिक्शा चालक भुनेश्वरी साहू और मनोज साहू से संवाद किया।
मुख्यमंत्री साय ने रेजा श्रमिक भुनेश्वरी उनकी जीवन यापन के संबंध में जब पूछा तो मोवा रायपुर निवासी भुनेश्वरी ने बताया कि वे पहले रेजा कुली के काम करती थी। इसी दौरान उन्हें दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के बारे में जानकारी मिली। अब वह ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण और बच्चों के परिवरिश ठीक से कर रही है। भुनेश्वरी ने बताया कि उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी अच्छी चल रही है। उन्होंने सरकार की इस महती योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इसी प्रकार राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के मनोज कुमार साहू ने मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए कहा कि मेरी दो बच्ची है। बड़ी बेटी भूमिका साहू कक्षा 10 वीं के टॉप 10 में अपना स्थान बनाया है। श्रम विभाग द्वारा संचालित योजना से मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना का लाभ मिल जिसके अंतर्गत 1 लाख रूपए एवं स्कूटी के लिए अलग से सहायता राशि मिली। इसके लिए मैं प्रदेश के मुखिया श्री विष्णु देव साय एवं श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन के प्रति हृदय से धन्यवाद प्रकट करता हूं।
रायपुर / शौर्यपथ / दृश्य–श्रव्य माध्यम, मीडिया और रचनात्मक कार्यों में रुचि रखने वालों के लिए भारत का सर्वश्रेष्ठ वैश्विक मंच ‘वेव्स एप’ अब 26 भाषाओं में निशुल्क उपलब्ध है। इसे दूरदर्शन और मोबाइल पर गूगल भंडार (एंड्रॉइड) तथा आईफ़ोन भंडार (आईओएस) से डाउनलोड किया जा सकता है।
‘वेव्स एप’ एक बहुपयोगी मंच है, जिसमें चलचित्र, संगीत, खेल, कार्टून, समाचार, कहानी वाचन, बच्चों के कार्यक्रम, धारावाहिक, इतिहास, धार्मिक चैनल, स्वास्थ्य, जीवनशैली संबंधी कार्यक्रम, लोक तथा पाश्चात्य संगीत जैसे अनेक आकर्षक कार्यक्रमों का आनंद लिया जा सकता है।
गौरतलब है कि गत 1 मई 2025 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व ध्वनि एवं दृश्य सम्मेलन ‘वेव्स’ का शुभारंभ किया था। इस सम्मेलन में दुनिया के 90 से अधिक देशों के सामग्री रचनाकारों और चलचित्र निर्माताओं ने भाग लिया था। इसके उपरांत भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा ‘वेव्स एप’ को जारी किया गया, जो अब एक सशक्त भारतीय मंच के रूप में विश्व पटल पर स्थापित हो चुका है।
एम्स रायपुर में शुरू हुई पहली शासकीय रोबोटिक सर्जरी सुविधा ‘देवहस्त’
रायपुर / शौर्यपथ /
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायपुर ने चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। शनिवार को यहां मध्य भारत की पहली शासकीय रोबोटिक सर्जरी सुविधा ‘देवहस्त’ का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
नवीनतम तकनीक से सुसज्जित यह सुविधा न्यूनतम चीरा (Minimally Invasive) पद्धति पर आधारित है, जिससे सर्जरी अधिक सुरक्षित, सटीक और रोगियों के लिए कम दर्दनाक होगी। मरीजों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ, कम अस्पताल प्रवास और बेहतर उपचार परिणामों का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी प्रदेश की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में एक नए युग की शुरुआत है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सुविधा राज्य को चिकित्सा शिक्षा और नवाचार का प्रमुख केंद्र बनाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इसे स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा और शोध में एक नया मानदंड करार दिया।
एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक ले. जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ड्यूल-कंसोल दा विंची Xi सर्जिकल सिस्टम और SimNow जैसे अत्याधुनिक सिमुलेशन प्लेटफॉर्म से प्रशिक्षु चिकित्सकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रारंभिक चरण में यह सुविधा यूरोलॉजी, जनरल सर्जरी, ईएनटी और स्त्री रोग विभाग में उपलब्ध होगी।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. दिव्यज्योति मोहंती और संयोजक डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि इस सुविधा से रोगियों को महानगरों की यात्रा किए बिना ही किफायती, विश्वस्तरीय उपचार मिलेगा।
विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने बी.एससी. नर्सिंग छात्रा सुश्री ज्योत्स्ना किराड़ो को ‘देवहस्त’ नाम सुझाने के लिए सम्मानित किया।
इस पहल से छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य भारत के रोगियों को जटिल सर्जरी के लिए एक सुलभ और भरोसेमंद विकल्प उपलब्ध होगा।
रायपुर / शौर्यपथ / अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) रायपुर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय फार्माकोलॉजी दिवस का आयोजन किया। यह दिवस भारतीय फार्माकोलॉजी के जनक माने जाने वाले कर्नल सर रमनाथ चोपड़ा की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने किया। उन्होंने कहा कि कर्नल चोपड़ा ने भारत में फार्माकोलॉजी को एक वैज्ञानिक विधा के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर डीन (एकेडमिक्स) प्रो. (डॉ.) एली मोहापात्रा भी मौजूद रहे।
इस आयोजन में पं. जेएनएम मेडिकल कॉलेज, अभिषेक मिश्रा मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसबीआईएमएस) और रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के फार्माकोलॉजिस्ट्स भी शामिल हुए। इससे विभिन्न संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग को नई दिशा मिली।
फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) नितिन गायकवाड़ ने स्वागत भाषण में दिवस की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। इसके बाद अतिथियों ने कर्नल चोपड़ा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर औपचारिक उद्घाटन किया।
वैज्ञानिक व्याख्यान श्रृंखला में डॉ. योगेंद्र केचे ने कर्नल चोपड़ा के जीवन और योगदान पर विचार रखे। डॉ. सूर्यप्रकाश धनैरिया ने आवश्यक औषधियाँ और दवाओं के तर्कसंगत उपयोग विषय पर व्याख्यान देते हुए इनके सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्व को रेखांकित किया। वहीं, डॉ. उषा जोशी ने स्वास्थ्य सेवा और अनुसंधान में फार्माकोलॉजिस्ट्स की भूमिका विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का समापन आयोजन सचिव एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आलोक सिंह के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों, वक्ताओं, शिक्षकों, छात्रों और सहयोगी संस्थानों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम की सफलता में डॉ. पुगझेंथन टी., डॉ. प्रफुल्ल थावरे, डॉ. समीर उत्तमराव खसबगे, विभाग के रेज़िडेंट्स (एसआर व जेआर) और कार्यालयीन स्टाफ की भूमिका को विशेष रूप से सराहा गया।
यह आयोजन न केवल कर्नल सर रमनाथ चोपड़ा के योगदान को नमन था, बल्कि फार्माकोलॉजी के क्षेत्र में तर्कसंगत दवा उपयोग, रोगी सुरक्षा और अनुसंधान की आवश्यकता पर भी बल देता है। एआईआईएमएस रायपुर ने इस अवसर पर स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
रायपुर पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग तेज
रायपुर / शौर्यपथ / राजधानी रायपुर में पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। कबीर नगर थाना क्षेत्र के निवासी राजकुमार मिश्रा, जो पेशे से कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े हैं, ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी नारायण सेन ने उन्हें बिना किसी अपराध और बिना शिकायत के ही जबरन गिरफ्तार कर लिया। इस घटना ने न केवल नागरिक अधिकारों पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया है बल्कि पुलिस की जवाबदेही पर भी बहस छेड़ दी है।
शिकायत का विवरण
राजकुमार मिश्रा ने उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत सौंपी है। उनके अनुसार,17 अगस्त 2025 को कुछ लोगों के इशारे पर उन्हें थाने बुलाया गया।थाने में उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उनकी तबीयत खराब होने के बावजूद जबरन मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया। डॉक्टर ने बीपी अधिक होने की वजह से परीक्षण से इनकार किया, इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें थाने में बैठाकर घंटों परेशान किया।बाद में उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत पर रिहाई मिली।
शिकायतकर्ता का कहना है कि वे नशा नहीं करते और उनका सामाजिक एवं व्यावसायिक जीवन पूरी तरह साफ-सुथरा है। इसके बावजूद पुलिस ने किसी प्रभावशाली व्यक्ति के दबाव में झूठा मामला दर्ज कर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
मानसिक और सामाजिक आघात
राजकुमार मिश्रा ने कहा कि इस पूरे प्रकरण ने उन्हें मानसिक रूप से आहत किया है। समाज में उनकी छवि खराब हुई है, जिससे व्यवसाय पर भी असर पड़ने की आशंका है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच और संबंधित पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासनिक और कानूनी पहलू
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति निर्दोष होते हुए भी इस तरह पुलिस की मनमानी का शिकार होता है तो यह न केवल संविधान प्रदत्त व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है बल्कि पुलिस की जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्न उठाता है।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, इस मामले में यदि शिकायतकर्ता के आरोप सही पाए जाते हैं तो पुलिसकर्मी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ फौजदारी अपराध के तहत भी कार्रवाई संभव है।
पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस मामले में पुलिस प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
निष्कर्ष : यह घटना एक बार फिर उस मूलभूत सवाल को सामने लाती है कि –"क्या आम नागरिक अपने अधिकारों के संरक्षण को लेकर पुलिस पर भरोसा कर सकते हैं, और क्या मनमानी के खिलाफ उन्हें न्याय मिल पाएगा?"
राज्य में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा यह अभियान
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में “आदि कर्मयोगी अभियान” 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक चलाया जाएगा। छत्तीसगढ़ सहित देशभर के अनेक राज्यों में संचालित हो रहे इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय अंचलों में सेवा, समर्पण और सुशासन की भावना के साथ शासकीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत जनजातीय परिवारों को मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित किया जाना है, अतः इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के 28 जिलों, 128 विकासखंडों और 6,650 आदिवासी बहुल ग्रामों को शामिल किया गया है। अभियान के संचालन हेतु ग्राम स्तर पर 1,33,000 से अधिक कैडर (एनजीओ, स्वयंसेवी, पंचायत प्रतिनिधि, युवा एवं सेवाभावी संगठन) तैयार किए जाएंगे। ये कैडर आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन तथा ग्राम विकास की योजना निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर चरणबद्ध रूप से आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक चयनित ग्राम में “आदि सेवा केंद्र” की स्थापना की जाएगी, जो शासकीय सेवाओं की प्रदायगी और जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने का केंद्र बनेगा। पूरे अभियान के दौरान ‘आदि सेवा केंद्र’ के माध्यम से ‘सेवा पर्व’ और ‘आदि कर्मयोगी सेवा अभियान’ का संचालन किया जाएगा। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
आदिम जाति विकास तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग द्वारा निर्धारित विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार जिलों में एनजीओ, सीएसओ तथा स्थानीय वालंटियर्स का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही ग्रामों के “ट्राइबल विलेज विजन 2030” का निर्माण भी किया जाएगा। इस दौरान शिकायत निवारण शिविर, जनजागरूकता अभियान तथा “आदिवासी सेवा दिवस” का आयोजन किया जाएगा।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
