March 26, 2025
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रायपुर

रायपुर (5644)

छत्तीसगढ़: सखी वन स्टॉप सेंटर की एसओपी निर्धारित करने वाला पहला राज्य
महिला कल्याण के लिए चार नए पोर्टल लॉन्च, महतारी वंदन योजना की 13वीं किश्त जारी
मुख्यमंत्री साय महिला मड़ई समापन समारोह में हुए शामिल
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय  आज राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित "वृहद महतारी वंदन सम्मेलन" में शामिल हुए और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की सभी महिलाओं को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ में महिलाएँ सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि महिलाओं के त्याग और समर्पण के बिना कोई भी समाज और राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भारत में मातृशक्ति की पूजा की परंपरा सदियों पुरानी है और छत्तीसगढ़ सरकार इस परंपरा को और सशक्त कर रही है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कोई भी समाज तब तक संपूर्ण नहीं हो सकता जब तक समाज की महिलाएँ सशक्त न हों। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सम्मानित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं और आने वाले समय में भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई नए कदम उठाए जाएँगे। महिला सशक्तिकरण की यह यात्रा सतत जारी रहेगी, क्योंकि नारी शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति है।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिला कल्याण के लिए महतारी वंदन योजना के तहत पिछले 13 महीनों से प्रति माह 1,000 रुपये की राशि सीधे महिलाओं के बैंक खातों में अंतरित कर रही है। अब तक 70 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में 8,488 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए भी एक नई पहल की गई है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब से उनका मानदेय सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे भुगतान में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होगी।
चार नए पोर्टल और डिजिटल पहल की लॉन्चिंग
मुख्यमंत्री साय ने  इस अवसर पर उत्पीड़ित एवं संकटग्रस्त महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण डिजिटल सुविधा की शुरुआत किया जिसके तहत वे ऑनलाइन एवं मोबाइल एप के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकेंगी। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री श्री साय ने बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पोर्टल, इंफ्रा पोर्टल तथा स्थापना पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिलाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
महिला स्व-सहायता समूहों के लिए नए अवसर
महिला मड़ई में लगे स्टॉल्स के संबंध में मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि अब तक 15 से 20 लाख रुपये से अधिक की खरीद-बिक्री हो चुकी है, जो महिला उद्यमिता को दर्शाता है। उन्होंने घोषणा की कि नवा रायपुर में 200 करोड़ रुपये की लागत से "यूनिटी मॉल" बनाया जाएगा, जहाँ महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बेचने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध होंगे।
सखी वन स्टॉप सेंटर की एसओपी – छत्तीसगढ़ बना पहला राज्य
मुख्यमंत्री श्री साय ने सखी वन स्टॉप सेंटर की मानक संचालन प्रक्रिया का विमोचन किया और बताया कि छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
उन्होंने कहा कि सखी वन स्टॉप सेंटर संकटग्रस्त महिलाओं को तत्काल सहायता, परामर्श और कानूनी सहायता प्रदान करता है। अब इस सेंटर के व्यवस्थित संचालन के लिए एक मानक प्रक्रिया बनाई गई है, जिससे इसकी प्रभावशीलता और बढ़ेगी।
महिला सशक्तिकरण के लिए बजट में विशेष प्रावधान
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिला सशक्तिकरण को केवल एक नारा नहीं, बल्कि अपनी नीति और संकल्प का अभिन्न हिस्सा मानती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के राज्य बजट में महिलाओं और समाज कल्याण से जुड़ी कई योजनाओं को सशक्त किया गया है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने से लेकर, उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और शिक्षा तक हर क्षेत्र में सरकार पूरी ताकत के साथ काम कर रही है।
महिलाओं के लिए आरक्षण और नए अवसर
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से लाखों महिलाओं को लाभ मिल रहा है।पंचायती राज संस्थाओं में पहले से ही महिलाओं को 50% आरक्षण प्राप्त है। अब विधानसभा और लोकसभा में भी 33% आरक्षण का लाभ जल्द ही महिलाओं को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज महिलाएँ राजनीति से लेकर फाइटर प्लेन उड़ाने और रेल संचालन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
"अजेय नारी - आराध्य नारी" थीम पर हुआ महिला मड़ई का आयोजन
चार दिवसीय महिला मड़ई का आयोजन "अजेय नारी - आराध्य नारी" थीम पर किया गया। इसमें राज्य के 33 जिलों से आए 87 महिला स्व-सहायता समूहों ने अपने हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी और विक्रय किया।
इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को भी विभिन्न माध्यमों से आमजन के सामने प्रस्तुत किया गया।
  कार्यक्रम में रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत, विधायक श्रीमती गोमती साय, विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, बाल संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती पुष्पा पाटले, संभाग आयुक्त  महादेव कावरे, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, संचालक जन्मजेय महोबे, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह और आयुक्त नगर निगम  विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और महिलाएँ उपस्थित रहीं।

मुख्यमंत्री ने ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन के कॉफी टेबल बुक सोल ऑफ द सॉयल का किया विमोचन
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत के स्मृतियों पर आधारित है कॉफी टेबल बुक "सोल ऑफ द सॉयल लाइफ्स रिदम्स इन छत्तीसगढ़"
रायपुर/शौर्यपथ /हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने से न केवल वर्तमान पीढ़ी  ज्ञानवान बनेगी बल्कि, आने वाली पीढ़ी भी गौरवान्वित होगी। सोल ऑफ द सॉयल छत्तीसगढ़ में जीवन की लय को सहेजने का एक सुंदर प्रयास है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यह बातें आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ क्लब में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत के स्मृतियों पर आधारित कॉफी टेबल बुक "सोल ऑफ द सॉयल लाइफ्स रिदम्स इन छत्तीसगढ़" का विमोचन करते हुए कही। उल्लेखनीय है कि यह कॉफी टेबल बुक आईएएस, आईपीएस और आईएफएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की संयुक्त परिकल्पना है।
        मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विमोचन के मौके पर मौजूद सभी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आदिम संस्कृति, कला, साहित्य, लोक संगीत, लोक नृत्य जैसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजना आवश्यक है। इस तरह का प्रकाशन निश्चित रूप से बहु उपयोगी और हम सब को गौरवान्वित करने वाला है। इस कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयास बहुत ही प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की उपजाउ मिट्टी से किसान तो खुशहाल हुए ही हैं, सभी वर्ग की समृद्धि का रास्ता खुला है। यह धरती सामाजिक चेतना की भूमि है, जहां बाबा गुरू घासीदास जी जैसे महान संत और शहीद वीर नारायण सिंह जैसे बलिदानी पैदा हुए। उन्होंने कहा कि यह धरती माता कौशल्या का मायका और भगवान श्रीराम का ननिहाल है। यह माता शबरी की कर्मभूमि है, जिसे भगवान श्रीराम ने स्वयं माता के हाथों जूठे बेर का भोग लगाकर धन्य किया। वनवास काल में रामलला के चरण कमल यहां पड़े। इस धरती की महिमा और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का बखान करते कवि, साहित्यकार नहीं थकते हैं। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को जानने समझने के सुंदर अवसर के रूप में यह किताब अपने उद्देश्यों को लेकर सफल होगी।  इस दौरान मुख्यमंत्री ने कॉफी टेबल बुक में संकलित की गई कुछ कविताएं भी सुनी।
       भारतीय प्रशासनिक सेवा की सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. इंदिरा मिश्रा ने इस मौके पर कहा कि तीनों ही एसोसिएशन की महिलाओं ने मिलकर यह सुंदर प्रयास किया है। आज महिला दिवस के खास मौके पर 200 पन्नों की इस पुस्तक से प्रिय स्मृतियों का निर्माण हो गया है। डॉ. मिश्रा ने अपने प्रशासनिक अनुभव और अपने आईएएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन के अध्यक्ष काल के अनुभवों को भी साझा किया। आईएएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती रितु अमिताभ जैन ने कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन दिया। विमोचन कार्यक्रम में श्रीमती जाह्नवी पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ी कविता का पाठ किया।
      इस मौके पर आईपीएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति गौतम, आईएफएस ऑफिसर्स वाइफ एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति साहू, डॉ. वंदना अग्रवाल सहित तीनों एसोसिएशन की सदस्य मौजूद रहीं।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर जिले के कुनकुरी के बाजारडांड़ में स्थापित स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव जी की सात फीट ऊंची प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने स्व. जूदेव के जीवन, योगदान और समाज सेवा को दर्शाने वाली विशेष फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री साय ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि स्व. कुमार दिलीप सिंह जूदेव जी का जीवन समाज सेवा, जनकल्याण और आदिवासी उत्थान के लिए समर्पित था। उनकी निस्वार्थ सेवा और योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि स्व. कुमार दिलीप सिंह जूदेव के विचार और सेवा कार्य आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज और प्रदेश के विकास में योगदान देना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि फोटो प्रदर्शनी में स्व. जूदेव के सामाजिक कार्यों, जनसेवा और विभिन्न प्रेरणादायक क्षणों को संजोया गया था, जिसे देखने बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रति वर्ष 8 मार्च को स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजन करने की घोषणा की
शिविर में एम्स रायपुर के चिकित्सकों के द्वारा मरीजों का किया जा रहा है उपचार
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के कुनकुरी अंतर्गत सलियाटोली स्थित बालासाहेब देशपांडे महाविद्यालय मैदान में स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव की स्मृति में उनकी जयंती पर आयोजित वृहद स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का मां सरस्वती, भारत माता, छत्तीसगढ़ी महतारी और स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रति वर्ष 8 मार्च को वृहद स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के नागरिक स्वस्थ रहें और राज्य समृद्धि की ओर अग्रसर हो। इसी दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य करते हुए  इस वर्ष के बजट में कुनकुरी में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रावधान किया गया है। साथ ही  जशपुर में शासकीय नर्सिंग कॉलेज और शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इन सुविधाओं के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को बेहतर उपचार मिलेगा और उन्हें इलाज के लिए अन्य शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से स्वास्थ्य शिविर का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यदि किसी मरीज में गंभीर बीमारी का पता चलता है, तो सरकार द्वारा रायपुर में उनके समुचित इलाज की व्यवस्था की गई है।
 मुख्यमंत्री साय ने विभिन्न विशेषज्ञ विभागों के काउंटरों का अवलोकन कर डॉक्टरों से चर्चा करते हुए उनके समर्पण व सेवा के लिए आभार व्यक्त किया।
 एम्स रायपुर के विशेषज्ञ चिकित्सक कर रहे है उपचार
उल्लेखनीय है कि यह शिविर जिला प्रशासन जशपुर द्वारा एम्स रायपुर के सहयोग से आयोजित किया गया है। शिविर में एम्स  के मेडिसिन, सर्जरी, कैंसर, नाक-कान-गला, नेत्र, अस्थि, गुर्दा, चर्म, स्त्री रोग और मनोरोग के  विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शिविर में जांच के दौरान पाए गए गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को रायपुर रेफर कर इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। शिविर में  निःशुल्क दवाइयाँ भी उपलब्ध कराई जा रही है । शिविर में मरीजों के सुविधा के लिए 10 पंजीयन काउण्टर, 7 जनरल ओपीडी काउण्टर, 2 लेबोरेटरी काउण्टर, सभी विशेषज्ञ विभागों के पृथक-पृथक काउण्टर सहित जनरल वार्ड की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री साय ने आयुष्मान कार्ड और टीबी मरीजों को फूड बास्केट का किया वितरण
शिविर में मुख्यमंत्री  साय ने प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना अंतर्गत सुंदर यादव, सुनिता बाई, भगवती सिंह,  फ्रांसिस तिग्गा, प्लासिदियस केरकेट्टा, खिलासो बाई को आयुष्मान कार्ड एवं वय वंदना कार्ड वितरण किया। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान अंतर्गत 10 टीबी मरीजों को फूड बास्केट का भी वितरण किया।
मुख्यमंत्री साय ने टीबी मुक्त भारत अभियान अंतर्गत टीबी मरीजों के सेवा के लिए  निक्षय मित्रों को किया सम्मान
मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान अंतर्गत टीबी मरीजों के सेवा के क्षेत्र में सराहनीय कार्यों के लिये निक्षय मित्रों को सम्मानित किया, जिनमें सीएमएचओ जशपुर डॉ. जी. एस. जात्रा को  टीबी मरीजों को पोषण सहयोग प्रदाय कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान के लिये,  डीडीएम निरंजन प्रसाद गुप्ता को जशपुर जिले के विशेष पिछडी जनजाति (पीवीटीजी) पहाडी कोरवा एवं बिरहोर समुदाय के सभी टीबी मरीजों की जिम्मेदारी लेकर उन्हें पोषण सहयोग प्रदाय कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान के लिये और श्री भरत रत्नम खुटे को  टीबी मरीजों को पोषण सहयोग प्रदाय कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान के लिये सम्मान किया गया।
   इस अवसर पर  विधायक एवं उपाध्यक्ष सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण श्रीमती गोमती साय, विधायक  श्रीमती रायमुनी भगत,  कमिश्नर नरेंद्र कुमार दुग्गा, आईजी अंकित गर्ग, जिला पंचायत सदस्य शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, श्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, कृष्णा राय, राजेश कुमार गुप्ता  सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित थे।

नक्सल प्रभावित गांव की महिलाओं ने नक्सलियो के डर से छोड़ा गांव, पांच सालों से होली के मौके पर गुलाब बनाकर कमा रही हजारों रूपए
स्व सहायता समूह की महिलाएं बना रही होली के लिए फूलों और सब्जियों से हर्बल गुलाल
रायपुर /शौर्यपथ / बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित पंचायत भैरमगढ़ के शिविर में रहने वाली कई महिलाओं की जिंदगी को जहां नक्सलियों ने बेरंग कर दिया था।  अपनी जान बचाने के लिए इन महिलाओं ने अपना गांव छोड़ दिया और अब हर्बल गुलाल बनाकर लोगों की जिंदगी में रंग घोल रही हैं। यह काम ये महिलाएं पिछले पांच सालों से बिना किसी परेशानी के कर रही हैं और आने वाले सालों में इसे करने की बात कह रही हैं।
बीजापुर जिले के भैरमगढ़़ में बिहान कार्यक्रम के अंतर्गत माँ दुर्गा महिला स्व सहायता समूह की महिलएं पिछले पांच सालों से हर्बल गुलाल बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। इस बार बीजापुर के लोग इनके बनाए हर्बल रंगों और गुलाल से होली खेलेंगे। इन महिलाओं के बनाए हर्बल गुलाल की डिमांड भी काफी अधिक है। कई लोग इनको गुलाल का ऑर्डर भी दे रहे हैं। इधर जनपद पंचायत सीईओ पुनीत राम साहू ने बताया कि महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसका फायदा उठाते ये महिलाएं पिछले पांच सालों से गुलाल बनाकर बाजार में बेचकर इसका फायदा उठा रही हैं। हर साल करीब 50 किलो से ज्यादा गुलाल बेचकर अपने परिवार का भरण भोषण कर रही हैं। इस समय इस समूह में 10 महिलाएं हैं।
अलग-अलग फूलों से तैयार हो रहा हर्बल गुलाल
 इस स्वसहायता समूह की महिलाएं होली के लिए अलग-अलग फूलों और सब्जियों से रंग तैयार कर रही हैं। ये महिलाओं पालक भाजी, लाल भाजी, टेसू के फूल, गेंदा फूलों से हर्बल गुलाल तैयार कर रहीं है।  इन महिलाओं को पहले से ही प्रशासन की ओर से ट्रेनिंग दी गई है। पिछले  पांच सालों में अब तक ये महिलाएं तकरीबन 150 किलो गुलाल बेच चुकी हैं.। खास बात यह है कि ये हर्बल गुलाल लोगों के चेहरे पर नुकसान नहीं पहुंचाता। यही कारण है कि लोग पहले से ही इसका ऑर्डर दे कर हर्बल गुलाल मंगवा रहे हैं। विकास खंड परियोजना प्रबंधक रोहित सोरी ने बताया कि समूह की महिलाएं इतामपार गांव जो इंद्रावती नदी के उस पार वहां की रहने वाली है। नक्सल हिंसा के चलते इन महिलाओं ने गांव को छोड़ दिया है और इस समय भैरमगढ़ के शिविर कैँप में रह रही हैं। इन महिलाओं को जिला प्रशासन के द्वारा रहने की सुविधा दी गई है। सोरी ने बताया कि इसके अलावा ये महिलाएं अलग- अलग व्यसाय कर जीवन यापन कर रही हैं।  
हर्बल गुलाल की मांग ज्यादा
 स्व सहायता समूह की अध्यक्ष फगनी कवासी और सचिव अनीता कर्मा ने बताया कि पहले हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग जिला प्रशासन द्वारा दी गई थी। यहां बनाया गए रंग पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। हम फूल की पंखुड़ियां, पालक भाजी, लाल भाजी,हल्दी, बेसन पलाश के फूलों से अलग-अलग रंग तैयार कर रहे हैं। हमारे बनाए हर्बल गुलाल की डिमांड भी काफी ज्यादा है। इसके चलते हम पिछले पांच  सालों से यह काम कर रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि जिला पंचायत के साथ ही मार्केट में भी जगह-जगह स्टॉल लगाकर इनका गुलाल बेचा जा रहा है। इससे अच्छी आमदनी भी हो रही है।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जूदेव की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत भी उपस्थित रहीं।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी न केवल प्रखर राष्ट्रवादी थे, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान के दृढ़ रक्षक भी थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन धर्म, संस्कृति और समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनके नेतृत्व में प्रारंभ हुआ ‘घर वापसी’ अभियान एक ऐतिहासिक सामाजिक आंदोलन बना, जिसने हजारों लोगों को उनकी मूल सनातन परंपरा से पुनः जोड़ने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि श्री जूदेव जी जल, जंगल, जमीन और जनजातीय अस्मिता के सशक्त प्रहरी थे। छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में आदिवासी समाज को उनका गौरव और पहचान लौटाने के लिए उन्होंने अनवरत संघर्ष किया। उनके प्रयासों से समाज में राष्ट्रवादी चेतना का प्रसार हुआ और छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से और अधिक जुड़ने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रवादी मूल्यों को आत्मसात कर समाजहित में कार्य किया। उनकी दृढ़ता, निडरता और ओजस्वी नेतृत्व आज भी हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

  रायपुर/शौर्यपथ / बजट में ई - वे बिल की लिमिट बढ़ाने और वेट में छूट की घोषणा पर छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि मंडल ने अध्यक्ष श्री अमर परवानी के नेतृत्व में आज शाम मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में मुलाकात कर उनके प्रति आभार प्रकट किया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वित्तीय वर्ष 2025 - 26 के बजट में व्यापारियों को राहत देने के उद्देश्य से और कर के बोझ को कम करने के लिए ई-वे बिल सीमा 50 हजार रुपए से बढाकर एक लाख रुपए करने और 25 हजार रुपए तक की वैट देनदारी को माफ करने की घोषणा की है।
 अमर परवानी ने कहा कि ई -वे बिल की लिमिट पचास हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने से बड़ी संख्या में व्यापारियों को राहत मिलेगी। इसी तरह छोटे व्यापारियों के वेट टैक्स में आउट स्टैंडिंग पच्चीस हजार रुपए तक की राशि माफ करने की घोषणा से पूरे प्रदेश में 66 हजार व्यापारियों को फायदा होगा। इन घोषणाओं के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि राज्य सरकार व्यापारियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। राज्य सरकार की नीतियों से व्यापार -व्यवसाय के लिए प्रदेश में उत्साहजनक वातावरण बना है।
इस अवसर पर सर्वश्री सुरेन्द्र सिंह, शंकर बजाज, अवनीत सिंह, जीतू दोशी और प्रीतपाल सिंह सहित बड़ी संख्या में चैंबर के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।

रायपुर/शौर्यपथ / अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च को रायपुर स्थित साइंस कॉलेज मैदान में वृहद महतारी वंदन सम्मेलन और राज्य स्तरीय महिला मड़ई का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि होंगे तथा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित सभी कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक, रायपुर महापौर एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे।
महतारी वंदन योजना की 13वीं किश्त का होगा वितरण
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना के सफलतापूर्वक एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाओं को योजना की 13वीं किश्त का भुगतान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल उपस्थिति में महतारी वंदन योजना की प्रथम किश्त विवाहित महिलाओं के बैंक खातों में अंतरित की गई थी। अब तक 12 किश्तों में 7,838 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश की माताओं-बहनों को वितरित की जा चुकी है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए 'सम्मान सुविधा प्रणाली' का शुभारंभ
मुख्यमंत्री श्री साय इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय भुगतान के लिए "सम्मान सुविधा प्रणाली" का शुभारंभ करेंगे। यह पहली बार होगा जब मुख्यमंत्री स्वयं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को डिजिटल और केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से सीधे मानदेय का भुगतान करेंगे।
इस प्रणाली में फेशियल रिकग्निशन सिस्टम के माध्यम से कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियमित उपस्थिति दर्ज होगी, जिसके आधार पर उन्हें सीधे राज्य सरकार से मानदेय का भुगतान किया जाएगा। यह प्रणाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय भुगतान में सटीकता, पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करेगी।
छत्तीसगढ़ बनेगा 'सखी वन स्टॉप सेंटर' की मानक संचालन प्रक्रिया निर्धारित करने वाला पहला राज्य
मुख्यमंत्री श्री साय इस अवसर पर उत्पीड़ित एवं संकटग्रस्त महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण डिजिटल सुविधा की शुरुआत करेंगे, जिसके तहत वे ऑनलाइन एवं मोबाइल एप के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकेंगी।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री श्री साय बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पोर्टल, इंफ्रा पोर्टल तथा स्थापना पोर्टल का भी शुभारंभ करेंगे। साथ ही, बिलासपुर स्थित क्षेत्रीय महिला प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण भी किया जाएगा।
महिला सुरक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए "सखी वन स्टॉप सेंटर" की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का विमोचन भी किया जाएगा। इसके साथ ही, छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन जाएगा जो सखी वन स्टॉप सेंटर के सुचारू संचालन हेतु एक निर्धारित SOP लागू करेगा।
महिला सशक्तिकरण में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को मिलेगा सम्मान
कार्यक्रम में राज्य की 32 उत्कृष्ट आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, 3 सर्वश्रेष्ठ सखी वन स्टॉप सेंटर, 2 नवा बिहान योजना के महिला संरक्षण अधिकारी सहित अन्य महिला सशक्तिकरण में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा।
राज्य स्तरीय महिला मड़ई: महिला उद्यमिता और स्वावलंबन का मंच
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 4 से 8 मार्च 2025 तक राज्य स्तरीय महिला मड़ई का आयोजन किया जा रहा है। इस मड़ई में महिला स्व-सहायता समूहों और महिला उद्यमियों द्वारा निर्मित उत्पादों के प्रदर्शन और विक्रय के लिए 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं।
राज्य के विभिन्न जिलों से आईं महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं अपनी उत्पादित सामग्रियों का प्रदर्शन और विक्रय कर रही हैं। इसके साथ ही, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु विशेष स्टॉल भी लगाए गए हैं। इस आयोजन के अंतर्गत प्रदेशभर से नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों और महिला समूहों के प्रतिनिधियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, ताकि वे महिला उद्यमिता और स्वावलंबन से जुड़े विभिन्न प्रयासों को नजदीक से देख और समझ सकें।
महिला सशक्तिकरण का महाकुंभ: 50,000 से अधिक महिलाओं की सहभागिता
  वृहद महतारी वंदन सम्मेलन और राज्य स्तरीय महिला मड़ई में पूरे प्रदेश से 50,000 से अधिक माताएं, बहनें और बेटियां शामिल होंगी। इस भव्य आयोजन के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, सामाजिक उत्थान और आर्थिक स्वावलंबन को एक नई दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है।
नारी शक्ति के सम्मान का महोत्सव
  यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की माताओं, बहनों और बेटियों के सम्मान और सशक्तिकरण का महोत्सव होगा। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचे, इसके लिए इस अवसर पर महिला समृद्धि संबंधित शासकीय योजनाओं के व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णदेव साय ने दी बधाई
रायपुर/शौर्यपथ / बस्तर जिले ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, शिक्षण को अधिक रोचक और प्रभावी बनाने, नवीन शैक्षणिक तकनीकों के सफल क्रियान्वयन और शिक्षक-छात्र संबंधों को मजबूत करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इसी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नीति आयोग ने बस्तर जिले को 3 करोड़ रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बधाई देते हुए कहा कि बस्तर जिले के विद्यार्थियों की मेहनत, शिक्षकों के समर्पण और हमारी सरकार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता ने जिले को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यह सम्मान पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह पुरस्कार आकांक्षी जिलों में बुनियादी शिक्षा के सुदृढ़ीकरण और शिक्षा की समावेशी एवं नवाचारयुक्त नीति को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सफलता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश में संपूर्ण शिक्षा तंत्र को और अधिक सशक्त बनाने तथा बस्तर में बौद्धिक और शैक्षणिक विकास को नया आयाम देने के लिए राज्य सरकार को और अधिक प्रेरित करेगी। शिक्षा के क्षेत्र में यह उपलब्धि न केवल बस्तर जिले, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

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