October 22, 2024
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रायपुर

रायपुर (5194)

   रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज दंतेवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान जिले में 167 करोड़ 21 लाख रुपए के विकास कार्यों की लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसमें लोकार्पण के तहत जिला दन्तेवाड़ा के विकासखण्ड कुआकोण्डा में शासकीय उपाधि महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्रों हेतु 100 सीटर कन्या छात्रावास भवन निर्माण कार्य 272.450 लाख रू., दन्तेवाड़ा में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण 99.000 लाख रू., 100 सीटर छात्रावास भवन का निर्माण कार्य दन्तेवाड़ा 160.000 लाख रू., बुढ़ा तालाब बारसूर में सौंदर्यीकरण कार्य विकासखण्ड-गीदम 453.000 लाख रू., शंकनी-डंकनी नदी तट पर घाट निर्माण 3659.700 लाख रू., 500 सीटर आवासीय विद्यालय कारली के भवन निर्माण कार्य विद्युतीकरण सहित वि.ख.-गीदम 487.150 लाख रू., एनीकट निर्माण कार्य कटेकल्याण पुजारी पारा डुमाम नदी पर 350.000 लाख रू., दुगेली एनीकट निर्माण कार्य 372.940 लाख रू., प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छिन्दनार का निर्माण कार्य 75.000 लाख रू., उप स्वास्थ्य केन्द्र हिड़पाल का निर्माण कार्य 28.510 लाख रू. के विभिन्न कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
   इसी प्रकार भूमिपूजन के अन्तर्गत आस्था विद्या मंदिर किरन्दुल हेतु भवन निर्माण, कर्मचारी हेतु आवास, छात्रावास भवन सड़क नाली बाउंड्री निर्माण आदि 4219.000, जिला दन्तेवाड़ा के रानीबाग में भवन निवास के भूतल एवं प्रथम तल का निर्माण कार्य 326.570, मड़कामीरास में 50 सीटर आदिवासी प्री. मे. कन्या छात्रावास निर्माण कार्य 191.510, जंगमपाल में 50 सीटर कन्या आश्रम का निर्माण कार्य 162.760, बड़ेगुडरा में 100 सीटर आदिवासी पो. मै.कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य 288.590, मारजूम में 50 सीटर कन्या आश्रम का निर्माण कार्य 162.760, समेली में 100 सीटर आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य  191.510, पालनार में 100 सीटर आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य 288.590, ग्राम जावंगा में स्वीमिंग पुल निर्माण कार्य 221.040, जोगिंग ट्रैक एवं बाउंड्रीबॉल निर्माण कार्य 47.130, सामुदायिक भवन गीदम जावंगा में पार्क एवं ट्यूबवेल निर्माण कार्य 49.510, आदिवासी बालक आश्रम बोदली में कार्य 162.760, आदिवासी बालक आश्रम समेली में कार्य 162.760, आदिवासी बालक आश्रम नहाड़ी में कार्य 162.760, आदिवासी बालक आश्रम बुरगुग 162.760, आदिवासी बालक आश्रम पोटाली 162.760, आदिवासी बालक आश्रम कौरगांव 162.760 आदिवासी बालक आश्रम मुस्तलनार 162.760, आदिवासी बालक आश्रम गुमलनार 162.760 आदिवासी पो. मै. बालक छात्रावास गीदम 191.510, आदिवासी नवीन पो. मै. बालक छात्रावास गीदम 191.510, आदिवासी पो. मै. बालक छात्रावास कुआकोण्डा 191.510, आदिवासी पो.मे. बालक छात्रावास कासोली 191.510, आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास कासोली 191.510, आदिवासी पो. मै. बालक छात्रावास दन्तेवाड़ा 191.510, आदिवासी पो. मै. कन्या छात्रावास दन्तेवाड़ा 191.510, कैडियापारा एनीकट (ग्राम पंचायत भूसारास) निर्माण कार्य 260.460, फरसपाल जलाशय योजना का जीर्णोद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य 255.770, चेक डेम निर्माण कार्य ग्राम झिरका पण्डेवार 49.990, झोडि़याबाड़म नदी पर एनीकट निर्माण कार्य 390.310, कामालूर से बासनपुर मार्ग पर पुलिया निर्माण 18.450, आर. सी. सी. स्लेब पुलिया निर्माण 03 स्पान 06 मी. स्पान बालूद से कुआपारा 49.560, पुलिया निर्माण कामालुर से बासनपुर आर. डी. 4. 05 मी. 41.300, आर. सी. सी. स्लेब पुलिया निर्माण 06 मी. स्पान बालूद से मंझारपारा 25.180, पुलिया निर्माण बालूद से टोटापारा मार्ग 30.160, डंकनी नदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण कार्य कि. मी. पोन्दुम से दाबपाल मार्ग पर 445.700, जिला दन्तेवाड़ा के ग्रामीण महिला एवं युवाओं के लिये आर्थिक अवसरों को उप्रेरित करने के लिये युवा हब संचालन कार्य 59.800, ग्राम पंचायत नहाड़ी के आश्रित ग्राम मुलेर में विद्युतीकरण कार्य 345.000 के कार्य शामिल हैं।
   इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमनसिंह और वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर श्री महेश कश्यप, विधायक दंतेवाड़ा श्री चैतराम अटामी, राज्य महिला आयोग के सदस्य श्रीमती ओजस्वी मण्डावी, डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, एसपी श्री गौरव राय तथा जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों मौजूद रहे।

   रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर वनौषधि प्रसंस्करण के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। वन औषधियों के प्रसंस्करण से न केवल प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग हो रहा है, बल्कि स्थानीय महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस क्षेत्र में महिलाओं की सक्रीय भूमिका को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है।
छत्तीसगढ़ के कटघोरा वनमंडल में स्थित हरिबोल स्व सहायता समूह, डोंगानाला की 12 महिलाओं द्वारा संचालित वनौषधि प्रसंस्करण केंद्र ने अपनी मेहनत, लगन और सामूहिक प्रयासों से एक प्रेरक सफलता हासिल की है। वर्ष 2006-07 में शुरू हुई यह केंद्र यूरोपियन कमीशन परियोजना के अंतर्गत संचालित होता है। आज यह समूह अपने अनूठे प्रयासों के कारण प्रदेशभर में एक मिसाल बन चुका है।
इस समूह की महिलाओं का शुरुआती जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था। पहले वे गांव में मजदूरी करके अपनी आजीविका चलाती थी। उनकी मासिक आय मुश्किल से 500-600 रुपये होती थी। आर्थिक तंगी से जूझते हुए उनके सामने कई चुनौतियाँ थी, लेकिन एक सामूहिक संकल्प ने उनकी जिंदगी बदल दी।
समूह ने वनौषधियों के प्रसंस्करण के क्षेत्र में कदम रखा और आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्माण शुरू किया। समूह द्वारा हिंगवाष्टक चूर्ण, अश्वगंधादि चूर्ण, सीतोपलादी चूर्ण, पुष्यानुग चूर्ण, बिलवादी चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, पंचसम चूर्ण, शतावरी चूर्ण, आमलकी चूर्ण, पयोकिल दंतमंजन, हर्बल काफ़ी चूर्ण, महिला मित्र चूर्ण, हर्बल फेसपैक चूर्ण, हर्बल केशपाल चूर्ण आदि जैसी कई आयुर्वेदिक वनौषधियों का निर्माण किया जाता है। कच्ची वनौषधियों का संग्रहण, घटकों का निर्धारण और प्रसंस्करण कार्य आयुर्वेद चिकित्सक (टेक्निकल स्टाफ) के मार्गदर्शन में किया जाता है। समूह ने हाल ही में आयुष विभाग से 2 करोड़ रुपये का ऑर्डर प्राप्त किया है, जिससे समूह की गुणवत्ता का प्रमाण स्वयं सिद्ध होता है। यह न केवल उनकी उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि उनके प्रयासों की निरंतर बढ़ती विश्वसनीयता और मांग को भी साबित करता है।
हरिबोल स्व सहायता समूह की महिलाओं की उद्यमिता से उत्पादित इन वनौषधियों की मांग स्थानीय और प्रदेश स्तर पर अत्यधिक है। समूह द्वारा प्रतिवर्ष औसतन लगभग 44 लाख की वनौषधियों का विक्रय किया जाता है। इसके अलावा केंद्र में नियुक्त अनुभवी वैद्य की देखरेख में स्थानीय एवं आसपास के सैकड़ों मरीजों का विभिन्न बीमारियों का इलाज भी किया जा रहा है।
हरिबोल स्व सहायता समूह की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम यह हुआ कि वर्ष 2007-08 में 97,204 रुपये का लाभ अर्जित किया गया। यह शुरुआत की सफलता ने महिलाओं का आत्मविश्वास और बढ़ा दिया। वर्ष 2023-24 में समूह ने 6,57,254 रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जिससे प्रत्येक सदस्य की वार्षिक आय लगभग पौने दो लाख रुपये तक पहुँच गई। यह आर्थिक परिवर्तन उनकी पुरानी स्थिति के मुकाबले एक विशाल उन्नति थी।
इसके अतिरिक्त समूह की प्रत्येक सदस्य को प्राप्त लाभांश में से 3000 रुपये घरेलू कामों के लिए दिया जाता है, जबकि शेष राशि का उपयोग केंद्र के उन्नयन और विकास के लिए किया जाता है। इस प्रकार समूह न केवल व्यक्तिगत आय में वृद्धि कर रहा है, बल्कि स्थिर और दीर्घकालिक विकास की दिशा में भी अग्रसर है।
हरिबोल स्व सहायता समूह ने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारा है, बल्कि समाज में अपनी पहचान भी मजबूत की है। महिलाएँ अब आत्मनिर्भर हैं और अपने परिवारों को बेहतर जीवन प्रदान कर रही हैं। उनके आत्मविश्वास में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और वे अपनी उद्यमशीलता से दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
समूह की अध्यक्ष श्रीमती सरोज पटेल ने इस सफलता के बारे में कहा, राज्य वन विभाग के सहयोग से हमारा जीवन स्तर बहुत सुधर गया है। आज हम आत्मनिर्भर हैं और समाज में सम्मानित स्थान पा चुके हैं।
इस परियोजना की सफलता में छत्तीसगढ़ वन विभाग ने अहम भूमिका निभाई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं वन मंत्री श्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में वन औषधियों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन में स्व सहायता समूहों को शामिल करके आय सृजन के प्रति राज्य वन विभाग प्रतिबद्ध है। इस पहल से न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया गया है, बल्कि राज्य की वन संपदा का भी सही उपयोग हो रहा है।
हरिबोल स्व सहायता समूह को न केवल स्थानीय स्तर पर सराहा गया है, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान मिला है। सिंगापुर में इसे प्रतिष्ठित ग्रिट पुरस्कार से सम्मानित किया गया और भारत सरकार के ट्राइफेड और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बेस्ट फॉरेस्ट प्रोड्यूस पुरस्कार से नवाजा गया है।
डोंगानाला का यह वनौषधि प्रसंस्करण केंद्र न केवल हरिबोल स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है। इस पहल ने यह साबित किया है कि सही दिशा और संकल्प के साथ किए गए प्रयास बड़े से बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। आज यह समूह अन्य स्व सहायता समूहों और ग्रामीण समुदायों के लिए एक आदर्श उदाहरण है कि सामूहिकता, मेहनत और दृढ़ निश्चय से सपने पूरे किए जा सकते है।

   रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के एक दिवसीय दंतेवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान दंतेवाड़ा आगमन पर स्थानीय कारली पुलिस लाईन हेलीपैड में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री साय के साथ में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और वन मंत्री श्री केदार कश्यप भी पहुंचे। इस दौरान सांसद बस्तर श्री महेश कश्यप, विधायक दंतेवाड़ा श्री चैतराम अटामी, राज्य महिला आयोग के सदस्य श्रीमती ओजस्वी मण्डावी सहित क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि, डीआईजी श्री कमल लोचन कश्यप, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, एसपी श्री गौरव राय एवं गणमान्य नागरिकों ने स्वागत किया।

114 स्वास्थ्य कर्मियों एवं 11 अतिथि शिक्षकों की डीएमएफ से हुई नियुक्ति
विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के 11 अभ्यर्थी बने अतिथि शिक्षक
रायपर/शौर्यपथ /कोरबा जिले में जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि से विभिन्न विकास कार्य किए जा रहे हैं। नीट, जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बच्चों की उच्च शिक्षण संस्थानों में निःशुल्क कोचिंग और उच्च शिक्षा हेतु महाविद्यालय, विश्वविद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई के लिए डीएमएफ मद से सहयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में बीते दिनों जिले के सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास मद से 114 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय (पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर) के 11 अभ्यर्थियों को विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति की गई है। उक्त बातें कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित डीएमएफ मद से स्वास्थ्य कर्मियों के नियुक्ति पत्र अभ्यर्थियों को वितरित करते हुए उद्योग, वाणिज्य, व्यापार एवं श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कही।
मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि जिले में खनिज न्यास संस्थान की राशि का उपयोग पारदर्शीपूर्ण तरीके से किया जा रहा है। श्री देवांगन ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि का उपयोग खनन प्रभावित जिले के ही विकास कार्यों में सदुपयोग किया जा रहा है। इस अवसर पर मंत्री श्री देवांगन ने दंत चिकित्सक डॉ. प्रीति गुप्ता, डॉ. अर्पण भेलवा, डॉ. प्रिया तिर्की, डॉ. धनंजय जायसवाल, लैब टेक्निशियन श्री दीपक कश्यप, सुश्री गीता, फार्मासिस्ट सुब्रत शर्मा एवं ड्रेसर मुकेश कुमार को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इसके साथ ही विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के सुश्री आरती एवं सुश्री अनुसुईया को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र प्रदान कर शुभकामनाएं दी। मंत्री श्री देवांगन ने श्री राजकुमार चिकनीपाली, श्री वनवीरा, श्री अंजयारी बाई पतरापाली, विमलाबाई पतरापाली को वनाधिकार पत्रों का भी वितरण किया।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने कहा कि जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि जिले के विकास कार्यों के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के अभ्यर्थियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उन्हें अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति प्रदान की गई है। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी, अपर कलेक्टर श्री दिनेश नाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एन. केसरी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री श्रीकांत कसेर सहित आदि विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

   रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर से भिन्न सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। जिला मुख्यालयों में 5 नवम्बर को एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विकास विभागों की विभागीय प्रदर्शनी में उपलब्धियों, महत्वपूर्ण योजनाओं एवं सफल परियोजनाओं को विशेष रूप से प्रदर्शित की जाएगी।
   राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा 5 नवम्बर को एक दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह एक नवम्बर से 6 नवम्बर तक जिला मुख्यालयों के समस्त शासकीय भवनों में रोशनी की जाएगी। शासन की जनकल्याणकारी तथा हितग्राही मूलक योजनाओं से संबंधित कार्यक्रमों में लोगों को लाभान्वित किया जाए। जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में मंत्रीगण, सांसदों, विधायकगण, जन-प्रतिनिधि को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा उक्त कार्यक्रम के आयोजन में मितव्ययिता बरतने के निर्देश दिए हैं।

   रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने एक दिवसीय दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की दर्शन और पूजा-अर्चना कर प्रदेश की जनता की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।मुख्यमंत्री श्री साय के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने भी मां दन्तेश्वरी की पूजा-अर्चना की।
   इस अवसर पर सांसद बस्तर श्री महेश कश्यप, विधायक दंतेवाड़ा श्री चैतराम अटामी, राज्य महिला आयोग के सदस्य श्रीमती ओजस्वी मण्डावी सहित क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि एवं डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, एसपी श्री गौरव राय समेत जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान सर्किट हाऊस परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत केसर आम का पौधा लगाया। इस दौरान छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमनसिंह ने आम एवं वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने नारियल का पौधा लगाया। इस अवसर पर सांसद बस्तर श्री महेश कश्यप ने बादाम एवं विधायक श्री चैतराम अटामी द्वारा कटहल का पौधा लगाया गया।
उल्लेखनीय है कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर एक पेड़ माँ के नाम अभियान के अंतर्गत लगातार पौधरोपण किया जा रहा है। इसी क्रम में दंतेवाड़ा जिले में अब तक 12 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं।

विष्णु केे सुशासन में लोगों तक पहुंच रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
जशपुरनगर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में जशपुर जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो रही हैं। इसी कड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शेखरपुर को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान दिया गया है।
        कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शेखरपुर में स्वास्थ्य सेवा और मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेन्द्र निषाद एवं डॉ.़ शशिकांत साहू ने बताया कि इससे पूर्व कायाकल्प में तीन बार से पुरस्कृत हो चकु हैं और जब हमें एनक्यूएएस के बारे में पता चला तभी से हमने एक जिद ले ली कि हमें इसे पूरा करना ही है। इस एनक्यूएएस में 06 डिपार्टमेंट थे। हमारे कर्मचारियों को डिपार्टमेंट के अनुसार काम बांटा गया और उसमें जो भी कमियाँ थी उसे हमारे जिले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी एवं जिला स्तरीय टीम द्वारा ब्लॉक से या जिला स्तर से उपलब्ध कराया गया। सारे 6 डिपार्टमेंट के मूल्यांकन में सभी कर्मचारियों द्वारा बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया गया। जिसे सेंट्रल से आए हुए एक्सटर्नल द्वारा काफी सराहा गया और आज हमारा पीएचसी शेखरपुर 88.99 प्रतिशत के साथ एनक्यूएएस क्वालिफाई कर चुका।
        मुख़्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डॉ. जी एस जात्रा एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री गणपत कुमार नायक द्वारा बताया गया कि आने वाले दिनों मे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शेखरपुर को रोल मॉडल के रूप मे चिन्हांकित करते हुए जिले के अन्य सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ केंद्रो एवं उपस्वास्थ्य केंद्रो को एनक्यूएएस प्रमाण प्रत्र के प्राप्ति के लिए प्रयास किया जायेगा।*

उच्च स्तरीय जलागार, सोलर आधारित योजना, नल कनेक्शन एवं पाइपलाइन की जांच की
  रायपुर /शौर्यपथ / जल जीवन मिशन के संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कांकेर और कोंडागांव जिले में मिशन के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कांकेर जिले के चारामा विकासखंड के ग्राम रतेडीह, कुरुटोला, कानापोड़ एवं डेढ़कोहका में विभागीय अधिकारियों के साथ कार्यों का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए। डॉ. भुरे ने कोंडागांव जिले के केशकाल विकासखंड के गुलबापारा में भी मिशन के अंतर्गत किए गए कार्यों का अवलोकन किया।
जल जीवन मिशन के संचालक डॉ. भुरे ने इन गांवों में मिशन के तहत बनाए गए उच्च स्तरीय जलागार, सोलर आधारित योजना, नल कनेक्शन, पाइपलाइन एवं अन्य तकनीकी पहलुओं की जांच की। उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर नल के माध्यम से जल आपूर्ति की जानकारी ली। डॉ. भुरे ने विभागीय अधिकारियों को जल जीवन मिशन के शेष कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। मिशन के कार्यों के निरीक्षण के दौरान उनके साथ  लोक स्वास्थय यांत्रिकी विभाग के कोंडागांव मंडल के अधीक्षण अभियंता श्री जी.एल. लखेरा, कांकेर के कार्यपालन अभियंता श्री बी.एन. भोयर, कोंडागांव के कार्यपालन अभियंता श्री विरेन्द्र पाण्डेय, सहायक अभियंता श्री राजेश हिरकने, उप अभियंता श्री आर.पी. जोशी और कु० निभा कोर्राम सहित सरपंच एवं स्थानीय ग्रामीण भी मौजूद थे।

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