October 23, 2025
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रायपुर

रायपुर (6236)

मुख्यमंत्री ने कहा – छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है, कानून अपना कार्य कर रहा है
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज मंत्रालय, महानदी भवन में केरल एवं ओडिशा के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा सांसद चलाकुडी से बेनी बेहनन, कोट्टायम से श्री के. फ्रांसिस जॉर्ज, कोल्लम से श्री एन. के. प्रेमचंद्रन, कोरापुट से सप्तगिरि उल्का, और केरल विधानसभा सदस्य श्रीमती रोजी एम. जॉन शामिल थे।प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से राज्य में हाल ही में चर्चा में आए धर्मांतरण प्रकरण की जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समरसता में विश्वास रखने वाला प्रदेश है, जहाँ सभी धर्मों के लोग सौहार्दपूर्वक रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि मामले की जांच न्यायिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है। कानून स्वतंत्र रूप से अपना कार्य कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश की बेटियाँ और नागरिक सुरक्षित और सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करें।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में पदक विजेता खिलाड़ियों ने सौजन्य भेंट की।
मुख्यमंत्री साय ने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने खिलाड़ियों को और अधिक मेहनत कर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रदेश के विजेता खिलाड़ियों में रजत पदक विजेता अन्नू देवी कुंवर, दीप्ति साहू तथा कांस्य पदक विजेता संजना कन्नौजिया और हर्षा सेन शामिल थीं। प्रशिक्षक विशाल हियाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ किक बॉक्सिंग संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री छगन लाल मुंदड़ा तथा महासचिव श्री आकाश गुरुदीवान  उपस्थित थे।

रायपुर में खुलेगा APEDA का क्षेत्रीय कार्यालय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों से कृषि निर्यात को मिलेगा नया प्रोत्साहन, राज्य बनेगा एक्सपोर्ट हब
रायपुर/शौर्यपथ /  कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात को प्रोत्साहन देने की दिशा में छत्तीसगढ़ को एक बड़ी सौगात मिली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों एवं उद्योग विभाग की सक्रिय पहल के फलस्वरूप भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने रायपुर में APEDA का क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की है।
इस क्षेत्रीय कार्यालय के प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के किसानों, उत्पादकों और निर्यातकों को अनेक लाभ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे। अब उन्हें ट्रेनिंग, प्रमाणन, पैकेजिंग, मानकीकरण और निर्यात संबंधी सेवाओं के लिए अन्य राज्यों के कार्यालयों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
स्थानीय स्तर पर मिलेगी वैश्विक गुणवत्ता की सुविधा
राज्य में APEDA  कार्यालय की स्थापना से अब फाइटो-सेनेटरी प्रमाणपत्र, गुणवत्ता प्रमाणन, लैब टेस्टिंग, और निर्यात से जुड़ी प्रक्रियाएं यहीं पूरी की जा सकेंगी। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि किसानों और निर्यातकों की लागत में भी कमी आएगी।
छत्तीसगढ़ के उत्पादों को मिलेगी ब्रांडिंग और वैश्विक पहचान
APEDA  कार्यालय से फल, सब्ज़ियाँ, चावल, GI टैग वाले उत्पाद, मिलेट्स और अन्य कृषि उत्पादों का सीधे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में निर्यात आसान होगा। इससे उत्पादों को उचित दाम, व्यापारियों को नए बाज़ार, और राज्य को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी।
किसानों की आय और ज्ञान दोनों में वृद्धि
निर्यात से किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, नई तकनीकों, गुणवत्ता नियंत्रण, आधुनिक पैकेजिंग और अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग की जानकारी और प्रशिक्षण उन्हें स्थानीय स्तर पर मिल सकेगा।
निर्यात बुनियादी ढांचे को मिलेगा प्रोत्साहन
APEDA न केवल प्रमाणन और ब्रांड प्रमोशन में सहयोग करता है, बल्कि निर्यात बुनियादी ढांचे के निर्माण और रख-रखाव में भी सहायता करता है। इससे राज्य में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस जैसे सुविधाओं का विकास होगा, जिससे कृषि व्यापार को नई गति मिलेगी।
विशेष योजनाएं और सब्सिडी का लाभ राज्य को मिलेगा
APEDA  द्वारा चलाए जा रहे एक्सपोर्ट प्रमोशन, स्किल डेवलपमेंट और सब्सिडी योजनाओं का लाभ अब छत्तीसगढ़ के किसान, स्टार्टअप और MSMEs को सहजता से मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री साय ने इस ऐतिहासिक पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों और उत्पादकों को अब वैश्विक बाजार से जोड़ने का मजबूत माध्यम मिल गया है। यह कार्यालय न केवल कृषि निर्यात को प्रोत्साहन देगा, बल्कि राज्य की आर्थिक समृद्धि की दिशा में भी एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को ‘वोकल फॉर लोकल टू ग्लोबल’ की दिशा में एक अग्रणी राज्य बनाएगी और समृद्ध कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खोलेगी।

मंत्रिमण्डल ने दी स्टेट क्रिकेट संघ को 7.96 एकड़ भूमि
मुख्यमंत्री साय की विशेष पहल पर नियमों को शिथिल कर लिया गया निर्णय
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप राज्य के उभरते क्रिकेट खिलाड़ियों के प्रशिक्षण एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-3, ग्राम-परसदा में 7.96 एकड़ भूमि क्रिकेट एकेडमी की स्थापना हेतु आबंटित करने का निर्णय लिया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि सरकारी व्ययन नियमों के तहत, गैर-लाभकारी संस्थाओं को सीधे भूमि आवंटन का प्रावधान नहीं है, लेकिन इस विशेष मामले में राज्य शासन ने नियमों को शिथिल कर यह निर्णय लिया है, जिससे खिलाड़ियों के हित में क्रिकेट एकेडमी की स्थापना हो सके।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को 2016 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से पूर्णकालिक मान्यता प्राप्त है। इसके लिए नगर विकास प्राधिकरण ने कुल 7.96 एकड़ भूमि चिन्हित की है।
छत्तीसगढ़ राज्य में क्रिकेट के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। प्रदेश के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम मौजूद है, परंतु अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं और प्रशिक्षण के लिए एकेडमी की जरूरत महसूस की जा रही थी। इस निर्णय से प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को क्रिकेट में आगे बढ़ने के बेहतरीन अवसर मिलेंगे और राज्य को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम न केवल प्रदेश के युवा क्रिकेटरों के लिए अवसर के नए द्वार खोलेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ को खेल के क्षेत्र में मजबूत पहचान दिलाने में सहायक होगा।

गौसेवा के साथ घर-घर किचन गार्डन निर्माण पर भी दिया जा रहा है विशेष जोर
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य गौ संरक्षण एवं संवर्धन समिति द्वारा आयोजित ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने अभियान के पोस्टर का अनावरण किया और समिति के सदस्यों को इस पुण्य कार्य के लिए शुभकामनाएँ एवं बधाई दी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गौसेवा भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जो न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष समिति द्वारा चलाए जा रहे अभियान में गौसेवा के साथ-साथ घर-घर किचन गार्डन निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है, जो जनस्वास्थ्य सुधार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सराहनीय पहल है।
इस अवसर पर समिति के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुबोध राठी ने मुख्यमंत्री को अभियान की रूपरेखा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा आगामी 4 नवम्बर 2025 को प्रदेशभर में गौ विज्ञान परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा का उद्देश्य जनसामान्य में गौवंश के महत्व, पारिस्थितिक तंत्र में उसकी भूमिका, ग्लोबल वार्मिंग की रोकथाम में योगदान तथा पंचगव्य के वैज्ञानिक पक्षों के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है।
 राठी ने बताया कि यह परीक्षा माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक एवं महाविद्यालय—इन तीन श्रेणियों में आयोजित की जाएगी। प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को ₹51,000 नगद, द्वितीय स्थान हेतु ₹31,000 तथा तृतीय स्थान हेतु ₹21,000 नगद पुरस्कार एवं गौमय उत्पादों का किट प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार जिला स्तरीय परीक्षा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः ₹3,100, ₹2,100 एवं ₹1,100 नगद पुरस्कार के साथ गौ उत्पाद किट प्रदान किए जाएँगे।
परीक्षा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को गौ विज्ञान ग्रंथ एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इच्छुक विद्यार्थी अपनी संस्था के प्राचार्य अथवा गौ विज्ञान प्रभारी से संपर्क कर पंजीयन करा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष इस परीक्षा में प्रदेशभर से एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इस वर्ष समिति ने एक लाख से अधिक विद्यार्थियों की भागीदारी का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस अवसर पर प्रांत संयोजक अन्ना सफारे, प्रांत उप प्रमुख मनोज पांडेय, गौ ग्रंथ संपादक डॉ. अमित पांडेय सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

नागपंचमी पर्व प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व और करुणा का प्रतीक - मुख्यमंत्री साय
  रायपुर/शौर्यपथ/मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को नागपंचमी (29 जुलाई 2025)  के पावन अवसर पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व हमारी सनातन संस्कृति की गहराई, लोक आस्था की ऊर्जा और प्रकृति के साथ समरसता का जीवंत प्रतीक है। यह हमारे पूर्वजों द्वारा रचित वह परंपरा है, जो जीव-जगत के साथ सम्मानपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश देती है।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि नागपंचमी का पर्व पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है।
मुख्यमंत्री साय ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस पर्व के माध्यम से न केवल सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजें, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक सौहार्द को जीवन में अपनाएँ।

मुख्यमंत्री  साय ने मेडिश्योर हॉस्पिटल का किया शुभारंभ
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के कमल विहार सेक्टर-11ए में मेडिश्योर हॉस्पिटल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिससे जनसामान्य को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएँ सुलभ हो सकें।
मुख्यमंत्री साय ने हॉस्पिटल प्रबंधन को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त मेडिश्योर हॉस्पिटल आमजन के लिए एक बड़ी सौगात है। विशेष रूप से बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी उन्नत सुविधा राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे गंभीर रोगों से जूझ रहे मरीजों को राहत मिलेगी।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और कुपोषण जैसी गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। कार्यक्रम में विधायक श्री मोतीलाल साहू, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री नंद कुमार साहू, डॉ. विकास गोयल, डॉ. मीनल गोयल सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं श्री अरुण साव भी रहेंगे उपस्थित, हजारों श्रद्धालुओं की होगी सहभागिता
रायपुर/शौर्यपथ /श्रावण मास के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थित बाबा भोरमदेव धाम एक बार फिर श्रद्धा, भक्ति और सनातन आस्था का जीवंत प्रतीक बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय  सावन मास के तीसरे सोमवार को हेलीकॉप्टर से भोरमदेव मंदिर परिसर पहुँचकर प्रातःकाल कांवड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं, भक्तों एवं कांवड़ियों का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत एवं अभिनंदन करेंगे। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मुख्यमंत्री स्वयं श्रद्धालुओं का पुष्प वर्षा से स्वागत कर रहे हैं — जो जनभावनाओं के प्रति उनकी आत्मीयता और आस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री साय के साथ उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा तथा उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी इस पावन अवसर पर उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन छत्तीसगढ़ सरकार की सनातन परंपरा, लोक आस्था और श्रद्धालुओं के प्रति सम्मान के भाव को दर्शाता है, जो राज्य के सांस्कृतिक मूल्यों को संजोने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है।
उल्लेखनीय है कि श्रावण मास में भोरमदेव मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है। तीसरे सोमवार होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी आस्था — दोनों ही चरम पर होंगी। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव, बलौदा बाजार, मुंगेली, बिलासपुर सहित अन्य जिलों से हजारों की संख्या में कांवड़िए भोरमदेव धाम पहुँचते हैं। साथ ही, माँ नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से जल लेकर पदयात्रा करते हुए श्रद्धालु भोरमदेव मंदिर पहुँचते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर कांवड़ यात्रियों के स्वागत के लिए सुरक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, भोजन, रात्रि विश्राम, पार्किंग, मार्गदर्शन एवं प्राथमिक चिकित्सा जैसी समुचित व्यवस्थाएँ की गई हैं। मंदिर क्षेत्र को विद्युत सज्जा, भजन संध्या और स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से पूरी तरह भक्तिमय स्वरूप में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को एक दिव्य आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में श्रद्धालुओं के सम्मान एवं सेवा की यह परंपरा लगातार नई ऊँचाइयों को छू रही है। पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं का अभिनंदन करना केवल एक प्रतीकात्मक कृत्य नहीं, बल्कि इस भाव का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ सरकार धर्म, आस्था और संस्कृति के साथ दृढ़ता से खड़ी है, और जनमानस के विश्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
भोरमदेव धाम, जिसे “छत्तीसगढ़ का खजुराहो” भी कहा जाता है, श्रावण के इस पावन सोमवार को आस्था के महासंगम का केंद्र बनेगा। कांवड़ यात्रा और मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों की उपस्थिति के कारण यह आयोजन आध्यात्मिक ऊर्जा, प्रशासनिक सक्रियता और सामाजिक सहभागिता का एक अनुपम उदाहरण बन जाएगा — जो आने वाले समय में एक प्रेरक परंपरा के रूप में स्थापित होगा।

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी बैठक सम्पन्न
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी बैठक में शामिल हुए। इस अवसर पर वर्ष 2025-26 के वार्षिक बजट का अनुमोदन किया गया। साथ ही, मुख्यमंत्री  साय ने स्टेडियम परिसर में संघ के अध्यक्ष के नवीन कार्यालय कक्ष का विधिवत उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु हमारी सरकार ने खेल अलंकरण समारोहों का पुनः शुभारंभ किया है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्कृष्ट खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया शीघ्र ही पूर्ण की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन दिया कि संघ के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेलों के विकास के लिए वृहद स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेताओं को ₹3 करोड़, रजत पदक विजेताओं को ₹2 करोड़ तथा कांस्य पदक विजेताओं को ₹1 करोड़ की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, ओलंपिक खेलों में केवल प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की दिशा में आवश्यक पहल की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि वे स्वयं राज्य तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष हैं और बचपन से उन्हें तीरंदाजी का शौक रहा है। उन्होंने कहा कि जशपुर में एनटीपीसी के सहयोग से तीरंदाजी अकादमी का निर्माण किया जा रहा है, जिससे स्थानीय खिलाड़ियों को विशेष लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ एक उद्योग प्रधान और खनिज संसाधनों से भरपूर राज्य है। सरकार का प्रयास रहेगा कि सीएसआर मद के माध्यम से खेलों के लिए आधारभूत ढांचे का विकास किया जाए।
बैठक को संबोधित करते हुए खेल एवं युवा कल्याण मंत्री  टंक राम वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के मार्गदर्शन में वर्षों से बंद खेल अलंकरण समारोह पुनः आरंभ किए गए हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची भी घोषित की जाएगी। वर्मा ने कहा कि प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता केवल उन्हें उचित प्रशिक्षण और अवसर देने की है।
उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री  साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ युवा रत्न पुरस्कार की भी घोषणा की गई है, जिसके अंतर्गत खेल, कला, संगीत, साहित्य, उद्योग, व्यापार आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत प्रत्येक जिले में खेलों को बढ़ावा देने के कार्य किए जा रहे हैं। बस्तर ओलंपिक का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इस आयोजन की प्रधानमंत्री ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में भी प्रशंसा की है।
इस अवसर पर सांसद एवं ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष विजय बघेल ने भी बैठक को संबोधित किया और प्रदेश में खेलों के विस्तार के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए संगठनात्मक सुदृढ़ता और संसाधनों की उपलब्धता पर बल दिया।
बैठक में छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव विक्रम सिंह सिसोदिया ने वर्ष 2024-25 का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए राज्य सरकार से मिल रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खेलों के विकास के लिए लिए गए निर्णयों और सहयोग से प्रदेश में एक सकारात्मक खेल वातावरण निर्मित हो रहा है। इस अवसर पर संघ के अनेक पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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