December 26, 2024
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रायपुर

रायपुर (5356)

रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय  धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म देखने राजधानी के मैग्नेटो मॉल पहुंचे। इस फिल्म में 22 साल पहले गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन हादसे की कहानी की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म की डायरेक्टर सुश्री एकता कपूर और फिल्म की नायिका सुश्री रिद्धि डोगरा भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने  ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह फिल्म इतिहास के भयावह सत्य को उजागर करने का सराहनीय और प्रभावशाली प्रयास है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने इस फिल्म को राज्य में टैक्स फ्री किया है। मैं दर्शकों से अपील करना चाहता हूं कि पूरे परिवार के साथ फिल्म देखें। नई पीढ़ी को हमारे इतिहास की इस दुखद घटना के बारे में जानना बहुत जरूरी है। यह फिल्म इसलिए भी देखी जानी चाहिए क्योंकि अतीत का अध्ययन ही हमें वर्तमान और भविष्य के बारे में बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म दर्दनाक घटना को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े भी उनके साथ फिल्म देखने पहुंचे थे।

नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री ने दिया सम्मान      
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई
रायपुर /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले को मत्स्यपालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिला है। आज 21 नवंबर को विश्व मत्स्यपालन दिवस के अवसर पर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल एवं श्री जॉर्ज कुरियन ने छत्तीसगढ़ के मत्स्यपालन विभाग के संचालक श्री नारायण सिंह नाग, सहायक संचालक मत्स्यपालन कांकेर श्री एस.एस. कंवर को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ राज्य को इससे पूर्व मत्स्यपालन के क्षेत्र में देश के बेस्ट इनलैंड स्टेट का अवार्ड मिल चुका है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कांकेर को देश का बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए कांकेर सहित राज्य के सभी मत्स्य कृषकों एवं मत्स्यपालन विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ लैंडलॉक्ड प्रदेश होने के बावजूद भी मत्स्यपालन के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है। मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का आत्मनिर्भर राज्य है। यह राज्य के मत्स्य कृषकों की मेहनत का परिणाम है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मछली पालन के लिए 2.032 लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र है, जिनमें से 96 प्रतिशत में किसी न किसी रूप में मत्स्य पालन हो रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 546 करोड़ मत्स्य बीज तथा 7.30 लाख टन मत्स्य उत्पादन हो रहा है। यहां से पड़ोसी राज्यों को भी मत्स्य बीज का निर्यात होता है। राज्य मत्स्य बीज उत्पादन में देश में 6वें तथा मत्स्य उत्पादन में देश में 8 वें स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य के मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है। पात्रतानुसार मत्स्य कृषकों को एक प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत ब्याज पर अल्प अवधि ऋण भी दिया जा रहा है।

अब तक राज्य के लगभग 1.16 लाख से अधिक किसानों ने बेचा धान
धान खरीदी के एवज में किसानों को 971.16 करोड़ रूपए का भुगतान
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में अनवरत धान खरीदी का सिलसिला जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 5.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 1.16 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है। धान  खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 971 करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।  धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।
 खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
अधिकारियों ने बताया कि आज 21 नवम्बर को 26501 किसानों से 1.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है। इसके लिए 30828 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 25840 टोकन जारी किए गए है।

गुड गवर्नेंस की रीजनल कॉन्फ्रेंस में बेस्ट प्रेक्टिसेस पर हुई चर्चा
रायपुर में चल रही है ‘गुड गवर्नेंस‘ पर दो दिवसीय रीजनल कॉन्फ्रेंस
देश के विभिन्न राज्यों के 150 प्रतिनिधि ले रहे भाग
   रायपुर /शौर्यपथ / भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार के संयुक्त तत्वाधान में नवा रायपुर में ‘‘गुड गवर्नेंस‘‘ पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन आज से शुरू हुआ। इस सम्मेलन में गुड गवर्नेंस की बेस्ट प्रेक्टिसेस, नागरिक सशक्तिकरण, शासन-प्रशासन के कामकाज और नागरिक सेवाओं की आम जनता तक पहुंच को आसान बनाने के लिए विभिन्न ई-प्लेटफार्म के उपयोग आदि से संबंधित विषयों पर हुए विचार-विमर्श के दौरान वक्ताओं ने कहा कि सुशासन के लिए जनभागीदारी जरूरी है। इसके जरिए कठिन से कठिन चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यो से आए 150 प्रतिनिधि सहित छत्तीसगढ़ राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भाग ले रहे हैं।  
सम्मेलन के पहले दिन के दूसरे सत्र में ‘‘जिला प्रशासन में महिला नेतृत्व‘‘ विषय पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ शासन की अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा ने की। इस सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की कलेक्टर श्रीमती मोनिका रानी एवं लखीमपुरी-खीरी की कलेक्टर श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल और छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की कलेक्टर श्रीमती नम्रता गांधी ने सत्र को सम्बोधित किया। कलेक्टर श्रीमती मोनिका रानी ने सेवा से संतृप्तिकरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमें फील्ड में जाकर जनता से मिलकर शासकीय सेवाओं की सहजता से आम जनता तक पहुंच सुनिश्चित करना चाहिए। कलेक्टर श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि वे मल्टीटास्कर, प्राकृतिक रूप से देखभाल करने वाली और संवेदनशील होती हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में महिलाओं के समूह केले की खेती और सह-उत्पाद निर्माण और ई-कॉमर्स से अपने उत्पाद का विक्रय कर रहा है। महिला समूहों के इस कार्य की प्रशंसा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की है।
     धमतरी कलेक्टर श्रीमती नम्रता गांधी ने अपने व्यक्तव्य में नारी शक्ति से जल शक्ति जल जगार कार्यक्रम की सफलता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जन विश्वास एवं जनसहयोग से बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। जल जगार के बड़़े सार्थक परिणाम सामने आए हैं। जिले में जल संग्रहण और भू-जल स्तर बढ़ा है। फसल चक्र परिवर्तन किसानों ने अपनाया है। उन्होंने बच्चों के मेंटल हेल्थ, एजुकेशन विशेषकर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे आईआईटी, एम्स एवं मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।  
   सम्मेलन के तीसरे सत्र ‘‘जिलों का समग्र विकास‘‘ विषय पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक ने की। इस सत्र में वक्ता के रूप में सहायक आयुक्त वेस्ट गारो हिल श्री चैतन्य अवस्थी,  सुकमा कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव, कलेक्टर पठानकोट  श्री आदित्य उप्पल ने अपने विचार साझा किए। श्री चैतन्य अवस्थी ने कहा कि उत्तर-पूर्व के क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थिति के कारण अधिक चुनौतियां होती हैं, जिनसे निपटने के लिए हमने जनभागीदारी और सशक्तिकरण, प्रतिस्पर्धा और तकनीक का उपयोग किया है। इससे जिले की उपलब्धियां पिछले वर्षों के मुकाबले दोगुनी हुई हैं। उन्होंने बताया कि पीएम आवास योजना के लिए बैंकों को रजिस्ट्रेशन डेस्क के रूप में उपयोग किया गया। पश्चिम गारो में उज्ज्वला, स्वनिधि, मुद्रा और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजनाओं के 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किए गए।
    कलेक्टर श्री ए. श्याम प्रसाद ने पारवथीपुरम मन्यम जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रिज्म-10 योजना की जानकारी दी। जिले के दुर्गम क्षेत्रों में मरीजों को हॉस्पिटल ले जाने के लिए डोली सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। कलेक्टर श्री आदित्य उप्पल  ने कहा कि नागरिक केंद्रित सुशासन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने ‘सरकार आपके द्वार‘ कार्यक्रम शुरू किया है, इसके जरिए गांवों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाने और शिकायतों के निवारण पर मदद मिली है।
     सुकमा कलेक्टर श्री देवेश ध्रुव ने जिले की कठिन भौगोलिक स्थिति और माओवाद आतंक की चुनौती का उल्लेख करते हुए कहा कि सुरक्षा के बिना विकास के काम को अंजाम देना कठिन  है। इसलिए सुरक्षा कैंपों की स्थापना प्रमुखता से की जानी चाहिए। जिले में सुविधा शिविरों का आयोजन कर लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जिले में बंद पड़े 123 स्कलों को फिर से खोला गया है और विशेष जरूरतमंद बच्चों के लिए आकार कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

वित्त मंत्री ने सुशासन पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन का किया शुभारंभ
देशभर में हो रहे नवाचारों, बेस्ट प्रेक्टिसेस और जनोन्मुखी कार्यों पर सम्मेलन में हो रहा विमर्श  
केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय तथा राज्य शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा नवा रायपुर में दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन
   रायपुर/शौर्यपथ / सुशासन विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। इससे न केवल देश का सुव्यवस्थित विकास होता है, बल्कि यह नागरिकों के जीवन को भी बेहतर बनाता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर प्रारंभ हुए स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन, जीएसटी, जैम पोर्टल, डिजिटल इनक्लुजन जैसे नवाचारों ने देश में बड़ा बदलाव लाया है। वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने आज नवा रायपुर में केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग तथा छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा सुशासन पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए ये विचार व्यक्त किए। छत्तीसगढ़ सहित देशभर से आए भारतीय प्रशासनिक सेवा और केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अधिकारी सम्मेलन में सुशासन के लिए किए जा रहे नवाचारों, बेस्ट प्रेक्टिसेस और जनोन्मुखी कार्यों पर विमर्श कर रहे हैं।
नागरिक केंद्रित सुशासन पर आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को 55 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में ब्यूरोक्रेट्स की महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने सम्मेलन में भागीदारी कर रहे विभिन्न राज्यों के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से कहा कि सुशासन, नवाचार और बदलाव के लिए खुद को ट्रांसफॉर्म करना होगा, ताकि आप लोगों की प्रतिभा और व्यक्तित्व में क्षरण न हो। समय के साथ स्वयं को बदलने वाले ही प्रासंगिक रहेंगे।   श्री चौधरी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और सुशासन से वर्ष 2047 तक 55 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगी।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने सम्मेलन में कहा कि कई कलेक्टर और अधिकारी प्रभावी नवाचार कर रहे हैं। समय और अपने क्षेत्र की जरूरतों के अनुरूप बेहतर नागरिक सेवाएं डिलीवर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज सभी अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने की जरूरत है, तभी कल्याणकारी पहलों को नागरिकों तक प्रभावी तरीके से पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के प्रति नजरिया तेजी से बदलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि सम्मेलन में दो दिनों तक होने वाले नवाचारों, बेस्ट प्रेक्टिसेस और सुशासन के कार्यों की चर्चा से राज्य के अधिकारी भी प्रेरित होंगे और उन्हें यहां लागू करने की पहल करेंगे।
     मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन की सफलता तभी है जब हम जिनके लिए काम कर रहे हैं, उनके चेहरों पर मुस्कान ला पाएं। आपके लाभार्थी आपके कार्यों से संतुष्ट हैं, तो वही सुशासन की सफलता है। सुशासन के लिए लक्षित लोगों तक योजनाओं और कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पहुंचाने के लिए अच्छी नीयत सबसे ज़रूरी है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में विभिन्न विकास प्राधिकरणों के गठन, रायपुर में कैनाल लिंकिंग रोड, एक्सप्रेस वे के निर्माण जैसे कई उदाहरण देते हुए कहा कि शासन-प्रशासन में यहां भी कई नवाचार हो रहे हैं। क्षेत्रीय और स्थानीय जरूरतों को देखते हुए उनके अनुरूप लोगों के कल्याण के काम हो रहे हैं।
केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री पुनीत यादव ने उद्घाटन सत्र में कार्मिक एवं जन शिकायतों के निराकरण के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया की कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर तेजी से शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। देश के विभिन्न भागों में हो रहे नवाचार, बेस्ट प्रेक्टिसेस और सुशासन के कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित और पुरस्कृत किया जा रहा है।
आज के पहले सत्र में चार राज्यों में हो रहे अलग-अलग नवाचारों को साझा किया गया। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक श्री एस.एन. त्रिपाठी ने इस सत्र की अध्यक्षता की। उत्तरप्रदेश में जल जीवन मिशन के संचालक श्री अनुराग श्रीवास्तव ने वहां सौर आधारित सफल जल प्रदाय योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सौर आधारित जल प्रदाय योजनाओं से उत्तरप्रदेश में अगले 30 सालों में एक लाख करोड़ रुपए की बचत होगी। इन योजनाओं से कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। ओड़िशा के कोरापुट जिले के कलेक्टर श्री वी. कीर्ति वासन ने ग्रामीण औद्योगिक काम्प्लेक्स के ज़रिए स्थानीय लोगों को रोज़गार से जोड़ने के लिए किए जा रहे नवाचार की जानकारी दी। भारतीय प्रशासनिक सेवा के नागालैंड के अधिकारी श्री थवासीलन ने अपने राज्य में नागालैंड स्वास्थ्य सुरक्षा सोसाइटी और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के नवाचार को साझा किया। इनके माध्यम से वहां कैशलेस स्वास्थ्य बीमा सुविधा और राज्य से बाहर भी कैशलेस स्वास्थ्य बीमा लोगों को दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश में राजस्व विभाग की उपायुक्त सुश्री अलका सिंह ने वहां फरवरी माह से शुरू किए गए साइबर तहसील संबंधी नवाचार से अधिकारियों को रू-ब-रू कराया। वहां ‘संपदा’ पोर्टल से जमीन की ऑनलाइन रजिस्ट्री और तत्काल नामांतरण किया जा रहा है। आधुनिक तकनीकों के उपयोग से राजस्व मामलों का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। राज्य में लैंड रिकॉर्ड्स के डिजिटलाइजेशन के बाद 13 तहसीलदार 1364 राजस्व न्यायालय संचालित कर रहे हैं।

  रायपुर/शौर्यपथ /बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्तिवर्धन एवं रोगों से बचाव के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय, रायपुर में आज 2211 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। विभिन्न रोगों से रोकथाम एवं इम्युनिटी बढ़ाने के लिए 342 बच्चों को पांच दवाईयों से बने बाल रक्षा किट भी वितरित किए गए। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। स्वर्णप्राशन के साथ ही डॉ. लवकेश चंद्रवंशी ने बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया। उन्होंने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए स्वर्णप्राशन काफी लाभदायक है।  
   शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय परिसर में आयुष विभाग की संचालक सुश्री इफ्फत आरा, प्राचार्य प्रो. डॉ. जी.आर. चतुर्वेदी, चिकित्सालय अधीक्षक प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार जोशी और कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीरज अग्रवाल के निर्देशन में स्वर्णप्राशन कराया गया। महाविद्यालय के कौमारभृत्य विभाग की व्याख्याता डॉ. सत्यवती राठिया तथा स्नातकोत्तर एवं स्नातक छात्र-छात्राएं हर महीने इसमें महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
  उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय द्वारा इस वर्ष की अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों 25 जनवरी को 1235, 21 फरवरी को 1420, 18 मार्च को 1720, 16 अप्रैल को 1410, 13 मई को 1256, 10 जून को 1802, 8 जुलाई को 1342, 3 अगस्त को 1370, 30 अगस्त को 1660, 26 सितम्बर को 2046 और 24 अक्टूबर को 2216 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया था।

रायपुर/शौर्यपथ /प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने रबी सीजन में धान की खेती पर भाजपा सरकार के द्वारा प्रतिबंध लगाने का विरोध करते हुुये कहा है कि धान और किसान छत्तीसगढ़ की पहचान है, अभिमान है, छत्तीसगढ़ की समृद्धि का आधार है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी सरकार रबी फसल में धान बोने वाले किसानों को हतोत्साहित कर रही है। धमतरी, राजनांदगांव और रायपुर जिले के कलेक्टरों के द्वारा कोटवारों के माध्यम से गांव-गांव में मुनादी करा कर धान की फसल नहीं लेने के लिए किसानों को धमकाया जा रहा है। भाजपा सरकार के इशारे पर अधिकारी मौखिक आदेश देकर अघोषित तौर रबी सीज़न में धान के किसानों पर 50,000 रुपए प्रति एकड़ का भारी भरकम जुर्माना लगाने की धमकी दे रहे हैं।
   प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि खेत और मौसम के अनुकूल फसल का चयन करना किसानों का अधिकार है, रबी सीज़न में धान के किसानों को धमकाना अनुचित है, छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय है। अक्टूबर से दिसंबर के मध्य में रबी फसलों की बुवाई होती है। भाजपा सरकार की अकर्मण्यता के चलते छत्तीसगढ़ के किसान रबी फसल की बोवाई में डीएपी खाद के अनुपलब्धता के चलते पहले ही परेशान हैं, अब धान नहीं लगाने के तुगलकी फरमान से किसानों पर दोहरा संकट खड़ा हो गया है। धान के खेत में दलहन, तिलहन बोने का आदेश व्यवहारिक है। धान के खेत की मिट्टी और मौसम दलहन, तिलहन के अनुकूल नहीं है, ऐसे में धान के किसानों को होने वाली क्षति के लिए कौन जिम्मेदार होगा?
  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार चुनावी लाभ के लिए 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से खरीदी का वादा तो कर दी है, लेकिन खरीदी के अपने दायित्व से बचना चाहती है। टोकन जारी करने के लिए बनाए गए “टोकन तुहर हाथ“ ऐप ठीक से काम नहीं कर रहा है, आए दिन सर्वर की समस्या जग जाहिर है। गिरदावरी में जो षड़यंत्र पूर्वक हेर-फेर किया गया है, किसान उससे भी व्यथित हैं। कई जगहों पर फर्जी अनावरी रिपोर्ट मंगा कर 21 क्विंटल के स्थान पर मात्र 16 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से खरीदी की जा रही है, जिसके खिलाफ़ कल टेमरी के किसानों ने चक्काजाम कर अपना विरोध प्रदर्शन किया और अब रबी फसल में धान नहीं बोने की धमकी देना भाजपा के किसान विरोधी षड्यंत्र को प्रमाणित करता है।

निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समय-सीमा का ध्यान रखने के दिए निर्देश, जल जीवन मिशन के कार्यों को दिसम्बर-2024 तक पूर्ण करने कहा
   रायपुर/शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज बीजापुर जिला मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक लेकर विकास कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने बस्तर संभाग के नारायणपुर, सुकमा एवं दंतेवाड़ा जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग सहित बीजापुर जिले में विभिन्न विभागों के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। श्री साव ने बैठक में अंदरूनी इलाकों में सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण कार्यो में तेजी लाते हुए समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यों में अनावश्यक लेट-लतीफी करने वाले और गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देने वाले ठेकेदारों के कार्यों को निरस्त कर ब्लैक लिस्टेड करने को कहा। लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।   
उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री साव ने बैठक में बीजापुर के आवापल्ली, बासागुड़ा, जगरगुंडा मार्ग की प्रगति की जानकारी ली और इसका निर्माण कार्य आगामी दिसम्बर माह तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने 50 किलोमीटर लंबाई के नेलसनार-गंगालूर मार्ग के शेष बचे 11 किलोमीटर का निर्माण कार्य भी जल्दी पूरा करने को कहा। श्री साव ने बीजापुर से भोपालपटनम मार्ग में मोदकपाल के पास सड़क दुर्घटनाओं पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने भारत सरकार के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के कार्यों को दिसम्बर-2024 तक पूर्ण करने को कहा। उन्होंने बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के अंतर्गत तीन चरणों के सर्वे कार्य को जल्द पूरा करते हुए सभी पात्र हितग्राहियों को योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बीजापुर एवं बस्तर संभाग सुदूरवर्ती एवं दूरस्थ क्षेत्र है। यहां काम करने में कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। चुनौतियों के बीच काम करने का अनुभव अलग होता है। आप लोगों को बस्तर के सरल-सहज आदिवासी भाई-बहनों के विकास और कल्याण के कार्य करने का मौका मिला है। आप लोग संवेदनशीलता के साथ बस्तरवासियों की तकलीफों को समझें और उनसे प्रेमपूर्वक बातें कर उनकी समस्याओं का समाधान करें। बीजापुर के कलेक्टर श्री संबित मिश्रा ने बैठक में विकास योजनाओं और जिले में संचालित योजनाओं की जानकारी दी। पूर्व मंत्री श्री महेश गागड़ा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, जिला पंचायत के सीईओ श्री हेमंत रमेश नंदनवार, डीएफओ श्री रामाकृष्णा रंगानाथा वाय., इन्द्रावती टाइगर रिजर्व के उप निर्देशक श्री संदीप बल्गा और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता डॉ. एम.एल. अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

किसानों को 502.53 करोड़ रूपए का हो चुका भुगतान
दूसरे राज्यों से धान आवक रोकने सीमावर्ती क्षेत्रों में रखी जा रही है कड़ी निगरानी
   रायपुर/शौर्यपथ / खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयालदास बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी का महाअभियान शुरू हो चुका है। 14 नवम्बर से अब तक मात्र तीन दिन की खरीदी में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का आकड़ा 3 लाख टन के पार पहुंच गया है। मंत्री श्री बघेल ने कहा कि धान खरीदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 2739 उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीद रही है। चालू विपणन वर्ष में 160 लाख टन धान उपार्जन का अनुमान है।
देव-दीवाली 14 नवंबर से शुरू हुए धान खरीदी महापर्व के 6वें दिन तक 3.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य के 68,668 किसान अब तक धान बेच चुके हैं। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत् 502.53 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह महाअभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। खाद्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज 20,296 किसानों से 93 हजार 581 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। राज्य में धान बेचने के लिए इस साल 27.68 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें 1.42 लाख नए किसान शामिल है। उन्होंने बताया कि 19 नवम्बर के लिए कुल 23791 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 19934 टोकन जारी किए गए है।
मंत्री श्री बघेल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केन्द्रों के माइक्रो एटीएम से दो हजार रूपए से लेकर दस हजार रूपए तक की राशि निकालने की सुविधा दी है, इससे किसानों को धान बेचने परिवहन के लिए किराए पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली-मजदूरी का भुगतान करने में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री के इस फैसले से किसान बेहद प्रसन्न है।
मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने बताया कि दूसरे राज्यों से धान के अवैध आवक/परिवहन की रोकथाम के लिए बॉर्डर इलाकों में विशेष निगरानी रखने के लिए चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं। धान खरीदी व्यवस्था पर निगरानी के लिए अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई गई है, जो लगातार इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं।

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