October 24, 2025
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रायपुर

रायपुर (6236)

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित विधायक कॉलोनी में आयोजित शोक सभा में शामिल होकर वन मंत्री केदार कश्यप के भतीजे एवं बस्तर के पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप के सुपुत्र स्वर्गीय निखिल कश्यप को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने स्व. निखिल कश्यप की पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी तथा शोकाकुल परिजनों से भेंट कर गहरी संवेदना प्रकट की।
मुख्यमंत्री साय ने इस दुःखद अवसर पर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।

समन्वित प्रयासों से निराश्रित पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान आवश्यक : मुख्यमंत्री
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़कों पर निराश्रित पशुओं की आवाजाही पर प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की एक प्रमुख वजह निराश्रित मवेशी हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को त्वरित, ठोस और समन्वित कार्य योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।
मुख्यमंत्री साय ने पशुधन विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और लोक निर्माण विभाग को आपसी तालमेल के साथ जिम्मेदारी साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गंभीर है और इसके समाधान में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री  साय ने राज्य में संचालित गौशालाओं, गौठानों, कांजी हाउस एवं काउ-कैचर जैसी व्यवस्थाओं की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने इन संस्थानों की वर्तमान उपयोगिता, क्षमता और सुधार की संभावनाओं पर भी गहन चर्चा की और सुझाव माँगे।
मुख्यमंत्री  साय ने विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित गांवों में पशुओं के प्रबंधन हेतु प्रभावी एवं व्यावहारिक मॉडल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाईवे पर पशुओं की उपस्थिति केवल यातायात में बाधा नहीं, बल्कि जानलेवा दुर्घटनाओं का कारण बनती है, अतः इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई आवश्यक है।
बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों और उनमें निराश्रित पशुओं की भूमिका की समीक्षा की गई। साथ ही, गोधन विकास से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निराश्रित एवं लावारिस गौवंश की देखभाल, चारे की उपलब्धता और उनके पुनर्वास के लिए सुनियोजित रणनीति अपनाने की बात कही।
नगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर घूमने वाले पशुओं की रोकथाम के लिए काउ-कैचर की कार्यप्रणाली और उसके विस्तार पर भी विचार-विमर्श किया गया। कृषि एवं पशुधन विकास विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेशभर की गौठानों, गौशालाओं एवं पशुधन विकास योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।

बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री विशेषर सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद एवं श्री राहुल भगत, नगरीय प्रशासन विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. तथा लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जिले के प्राथमिक शालाओं के 08 हजार 517 विद्यार्थियों हेतु पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय के लिए 01 करोड़ 44 लाख रूपये स्वीकृत
01 करोड़ 87 लाख रूपये से अधिक के निर्माण कार्यों का किया भूमिपूजन
एक पेड़ मां के नाम के तहत् किया पौधा रोपण
दिव्यांगजन विद्यार्थियों को वितरण किया गया सहायक उपकरण
नारायणपुर/शौर्यपथ / राज्य सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता और संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप जिले के समस्त शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्यनरत छात्र छात्राओं हेतु शासकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय भाटपाल में आयोजित पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिले के प्राथमिक शालाओं के विद्यार्थियों के लिए 01 करोड़ 44 लाख रूपये स्वीकृत किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार के साथ पढ़ने में रूचि बढ़ेगा। वन मंत्री ने कहा कि स्कूल में नाश्ता की मानिटरिंग करने के लिए जनप्रतिनिधियों को दायित्व दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए उपस्थित ग्रामीणों से आव्हान किया कि महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री आवास एवं बीमारी होने पर स्वास्थ्य में लाभ लेने के लिए आयुषमान कार्ड बनाना आवश्यक है। महतारी वंदन योजना से लाभ लेने के लिए बैंक खाता खुलवाएं एवं आधार कार्ड को खाते से लिंक कराएं तभी इस योजना से लाभांवित हो सकते हैं। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि स्कूल मे पढ़ाए हुए विषय को अच्छे से अध्ययन कर अपने जिज्ञास को सार्थक करें। बच्चों से देश के महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री का नाम पूछे जाने पर उपस्थित बच्चों द्वारा सही जवाब दिया गया। वनमंत्री श्री कश्यप ने कार्यक्रम में जानकारी देते हुए कहा कि बस्तर को 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त किया जाएगा, जिसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा अबुझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षा कैम्प में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सड़क, पुल पुलिया निर्माण एवं मोबाईल टावर खड़े करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि नारायणपुर के विकास के लिए ग्राम पंचायतों में निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए 01 करोड़ 87 लाख रूपये का भूमिपूजन किया गया है। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पंचायत स्तर पर गुणवत्तायुक्त निर्माण के लिए मानिटरिंग की आवश्यकता है।
उन्होंने जिले के विकासखण्ड नारायणपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कोलियारी में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10.20 लाख, मातला में 13.64 लाख, कोलियारी में डुमादेवी देवगुड़ी में शेड हेतु 5 लाख, कोरेण्डा में शीतला माता गुड़ी में शेड हेतु 5 लाख, छिनारी में जिमीदारी माता गुड़ी में शेड हेतु 4.54 लाख, दंडवन में बुढ़ीमाता देवगुड़ी में शेड हेतु 4.54 लाख, धनोरा में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 15.05 लाख, राजपुर में आरसीसी पुलिया हेतु 4.81 लाख, भरण्डा में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10 लाख, केरलापाल में आरसीसी सड़क हेतु 10.53 लाख, मालिंगनार में आरसीसी पुलिया हेतु 15.84 लाख, बाकुलवाही में बाउंड्रीवाल हेतु 1.93 लाख, सोनपुर में रंगमंच हेतु 05 लाख, बड़ेजम्हरी में आरसीसी पुलिया हेतु 4.13 लाख, खोड़गांव में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10.08 लाख, फरसगांव में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10.50 लाख, दुग्गाबेंगाल में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 11.85 लाख इसी प्रकार विकासखण्ड ओरछा अंतर्गत ग्राम पंचायत नेड़नार में आरसीसी स्लेब कलवर्ट हेतु 24.12 लाख और कोहकामेटा में आरसीसी रोड हेतु 10.75 लाख रूपये, इस प्रकार कुल 01 करोड़ 87 लाख 53 हजार रूपये के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया।
एक पेड़ माँ के नाम एक प्रयास है, जो हमारी मातृभूमि और प्रकृति के प्रति हमारे सम्मान और समर्पण को दर्शाता है। इस अभियान का उद्देश्य माँ के नाम पर एक पेड़ लगाना और एक स्थायी स्मृति बनाना है, जो न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा बल्कि एक हरे और अधिक समृद्ध भविष्य के निर्माण में भी योगदान देगा। वनमंत्री श्री कश्यप द्वारा इस अवसर पर एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत् भाटपाल के शासकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय परिसर में नींबू एवं आम का पौधा लगाया गया।
प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने संबोधित करते हुए कहा कि जिले के प्राथमिक शालाओं के लगभग 8 हजार 517 विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय किया जाएगा, जिससे स्कूलों की दर्ज संख्या में वृद्धि होगी और पढ़ाई में भी मन लगेगा। जिले के 09 हजार विद्यार्थियांे को आय, जाति, निवास और जन्म प्रमाण पत्र प्रदाय किये गए हैं। जिले में एकल शिक्षक विद्यालयों में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शिक्षकों का पदस्थापना किया गया है, जिससे शिक्षक विहीन विद्यालय के विद्यार्थियांे को अच्छी शिक्षा मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि 25 अतिथि शिक्षकों और 04 स्टॉप नर्स एवं लैब टेक्निशियन का भी नियुक्त गिया है।
कार्यक्रम में वनमंत्री श्री कश्यप के द्वारा एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय छेरीबेड़ा के छात्र नरेन्द्र सलाम को ट्राईसाईकिल, सीमा पोटाई एवं शिव प्रसाद को श्रवण यंत्र, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भाटपाल की छात्रा निर्मला को व्हील चेयर, छात्र युवराज को एमआर कीट और प्राथमिक शाला बोरावण्ड की छात्रा सरस्वती सलाम को व्हील चेयर वितरण किया गया। कार्यक्रम में नवाचार गतिविधियों पर आधारित शिक्षा अभ्युदय पत्रिका का विमोचन किया गया।
 इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम, नगरपालिका अध्यक्ष इंद्रप्रसाद बघेल, सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम, जनपद पंचायत अध्यक्ष पिंकी उसेण्डी, बृजमोहन देवांगन, गौतम एस गोलछा, जिला एवं जनपद पंचायत सदस्य, अपर कलेक्टर बीरेन्द्र बहादुर पंचभाई, एसडीएम गौतमचंद पाटिल, जनपद सीईओ सुनिल कुमार सोनपिपरे, एसीटीडब्ल्यू के सहायक  आयुक्त डॉ. राजेन्द्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार पटेल सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

प्रदेश में खेती-किसानी का कार्य तेजी के साथ जारी
इस खरीफ सीजन में 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का है लक्ष्य
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का निर्देश: किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता से मिले खाद-बीज
किसानों को 10.20 लाख मीट्रिक टन खाद और 7.22 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित
अब तक 446.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज: प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी
  रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश में खेती-किसानी का काम तेजी के साथ जारी है। राज्य में अब तक 36.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान, मक्का, कोदो, कुटकी, अरहर, मूंग, मूंगफली, रामतिल सहित विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है, जो लक्ष्य का 75 प्रतिशत है। इस खरीफ सीजन में राज्य सरकार ने 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए हैं। उन्होंने किसानों को उनकी मांग के अनुसार सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण करने को भी कहा हैं। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 10.20 लाख मीट्रिक टन खाद और 7.22 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है। 21 जुलाई 2025 की स्थिति में प्रदेश में अब तक 446.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी है।  
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में 4.95 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें समस्त स्त्रोतों से 7.88 लाख क्विंटल बीज का भंडारण कर अब तक 7.22 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया है, जो मांग का 146 प्रतिशत है। जबकि खरीफ वर्ष 2024 में राज्य में बीज निगम से 4.64 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया था।
इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 13.78 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 10.20 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 70 प्रतिशत है।     
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खाद-बीज वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सोसायटियों में पर्याप्त खाद-बीज का भण्डारण कर सतत निगरानी करने को कहा गया है।

रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती वर्ष के आयोजन के संबंध में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष के आयोजन के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए आयोजित इस बैठक में राज्य शासन के सभी विभागों के प्रभारी सचिव, विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त और कलेक्टर शामिल हुए। रजत जयंती वर्ष में 15 अगस्त 2025 से 6 फरवरी 2026 तक 25 सप्ताहों के दौरान राज्य के सभी विभागों, माननीय मंत्रिगणों के अनेकों कार्यक्रम शामिल होंगे।
रजत जयंती वर्ष का आयोजन दो चरणों में होगा। पहला चरण 15 अगस्त 2025 से 31 अक्टूबर 2025 तक होगा। दूसरा चरण 01 नंवबर 2025 से 6 फरवरी 2026 तक होगा। रजत जयंती वर्ष के आयोजन के अवसर पर राज्य शासन के सभी विभागों द्वारा अपने साप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें उनकी विभागीय योजनाओं एवं राज्य में 25 वर्ष में विभाग द्वारा किए गए कार्यों का समावेश होगा। अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने सभी विभाग के प्रमुख अधिकारियों से शीघ्र ही अपने विभाग की कार्ययोजना संस्कृति सचिव को 5 अगस्त तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। जिला कलेक्टरों को भी जिला स्तर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए है।
छत्तीसगढ़ का रजत जयंती का उत्सव गरीब, युवा, अन्नदाता व नारी पर आधारित होगा। जिसमें इनकी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम में जनभागीदारी, सरकारी और निजी क्षेत्र से जुड़े लोगों सहित आम जनमानस की सक्रियता और सहभागिता से जनगौरव और देशभक्ति को बढ़ावा देने के  उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में विरासत और विश्वास का संगम होगा। जिसमें छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत की गतिविधियों का समावेश होगा। आयोजन में तकनीक के माध्यम से पारदर्शिता निगरानी की जाएगी।
बैठक में संस्कृति विभाग के सचिव श्री रोहित यादव ने रजत जयंती वर्ष के आयोजन के संबंध में प्रस्तुतिकरण के जरिए विस्तार से जानकारी दी। आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. रवि मित्तल ने रजत जयंती कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में विभिन्न विभागों की महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल करने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों के दौरान विभागों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का समावेश होना चाहिए।
रजत जयंती वर्ष के कार्यक्रम ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला स्तर तथा राज्य स्तर पर आयोजित होंगे। बैठक में विभागीय सचिवों से कहा गया है कि वे शीघ्र ही राज्य एवं जिला स्तर पर अपने विभागीय अधिकारियों की नियुक्ति कर दें। रजत जयंती के कार्यक्रम में प्रदर्शनी, जनसम्पर्क भ्रमण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्यक संगोष्ठी सहित विद्यालय और महाविद्यालय में प्रेरणादायक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। आयोजन की सफलता के लिए राज्य शासन के सभी विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है।

पात्र परिवारों को प्राथमिकता क्रम के अनुसार मिलेगा आवास
हितग्राहियों को चिंतित अथवा व्यग्र होने की जरूरत नहीं
पीएम आवास योजना के सर्वे सूची 2.0 में है शामिल करण सोनवानी का नाम
रायपुर/शौर्यपथ /जिला प्रशासन, धमतरी का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत आवास प्लस सर्वे सूची 2.0 में शामिल हितग्राही परिवारों को सत्यापन के उपरांत नियमानुसार आवास की स्वीकृति दी जाएगी। सर्वे सूची में शामिल हितग्राही परिवार के सदस्यों को इस बात को लेकर न तो चिंता करने की जरूरत है और न ही व्यग्र होने की जरूरत है। कलेक्टोरेट परिसर धमतरी में आज पीएम आवास स्वीकृति के मामले में बिलंब को लेकर ग्राम डोमा के करण सोनवानी द्वारा आत्मदाह किए जाने के प्रयासों को लेकर जिला प्रशासन ने यह बात कही है।
गौरतलब है कि करण सोनवानी का नाम पीएम आवास योजना (ग्रामीण) आवास प्लस 2.0 की सर्वे सूची की आईडी 93358481 में दर्ज है, परंतु युवक करण सोनवानी द्वारा चेकर साफ्टवेयर में अपना नाम चेक करने पर भ्रम की स्थिति निर्मित हुई, जिसके कारण उसके द्वारा आत्मदाह का प्रयास किया गया, जिसे कलेक्टोरेट परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मी द्वारा तत्परता से रोककर विफल कर दिया गया। जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि चेकर साफ्टवेयर रेंडमली चेक करता है, जिसके कारण युवक के मन में भ्रम की स्थिति निर्मित हुई।   
 कलेक्टर धमतरी अविनाश मिश्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के आवास प्लस सर्वे 2.0 की सूची में शामिल हितग्राहियों का सत्यापन  किया जा रहा है। यह कार्य 31 जुलाई 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। सत्यापन उपरांत पात्र परिवारों को नियम प्रक्रिया के तहत आवास की मंजूरी दी जाएगी।
 कलेक्टर ने कहा कि आमजन की समस्याओं एवं शिकायतों के निदान तथा शासकीय कार्यक्रमों एवं हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन धमतरी द्वारा जनदर्शन डेस्क शुरू किया गया है।  जहां लोग अपनी समस्याओं को सोमवार से शुक्रवार कार्य दिवस में अधिकारियों के समक्ष सीधे रख सकते हैं।
  जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रोमा श्रीवास्तव ने बताया है कि योजना के तहत धमतरी जिले में 84,439 हितग्राही परिवारों का सर्वे किया गया है, जिसमें से 26 हजार 923 हितग्राहियों का सत्यापन कार्य प्रगति पर है। हितग्राही परिवारों के सत्यापन का कार्य पूरा होने के बाद पात्र हितग्राही परिवारों को नियमानुसार प्राथमिकता क्रम के अनुसार आवास की स्वीकृति दी जाएगी।

राज्य सरकार प्रतिबद्ध है प्रदेश के हर खिलाड़ी को अवसर, संसाधन और मंच देने के लिए : मुख्यमंत्री
महासमुंद की नवलीन कौर ने तीरंदाजी में नेशनल गेम्स में बनाया स्थान, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जीता था गोल्ड मेडल
रायपुर/शौर्यपथ /खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हर खिलाड़ी को उसकी मेहनत, लगन और क्षमता के अनुरूप अवसर, संसाधन और मंच उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने महासमुंद जिले की नवोदित तीरंदाज नवलीन कौर को आगामी राष्ट्रीय खेलों में तीरंदाजी में स्थान बनाने पर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवलीन जैसी खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भविष्य की नींव हैं और सरकार उन्हें खेल के हर स्तर पर निखारने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
जन्म से ही स्वास्थ्यगत चुनौतियों से जूझने वाली नवलीन ने इसे अपनी कमज़ोरी नहीं, बल्कि ताकत में बदल दिया और खेल को अपना जीवन-मार्ग चुना। उन्होंने फरवरी 2025 में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति और मेहनत के आगे कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।
महासमुंद जिले के बागबाहरा की निवासी नवलीन कौर, श्री अरविंद एवं श्रीमती रंजीत कौर छाबड़ा की सुपुत्री हैं। उनका जन्म गर्भावस्था के सातवें महीने में हुआ था, जिससे प्रारंभिक वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियाँ रहीं। आस-पड़ोस, रिश्तेदार और परिचित हमेशा उनकी तबीयत के बारे में पूछते रहते थे, जिससे वह कभी-कभी उदास हो जाती थीं। लेकिन नवलीन ने इस जिज्ञासा को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और खुद को एक नई दिशा में ढाल दिया।
वर्ष 2018 में नवलीन ने बागबाहरा से लगभग पांच किलोमीटर दूर स्थित बिहाझर बालाश्रम में तीरंदाजी का प्रशिक्षण प्रारंभ किया। वे महासमुंद जिले की पहली महिला तीरंदाज बनीं। स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने दो बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए और एक बार राष्ट्रीय स्तर की स्कूली तीरंदाजी प्रतियोगिता में चौथा स्थान अर्जित किया। वर्ष 2023 में उन्होंने गुजरात में आयोजित एफजीएफआई राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया और राज्य स्तरीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
नवलीन का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक जीतना है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में कंपाउंड बो से खेला जाता है, जिसके लिए उनके परिजनों ने उन्हें एक नया आधुनिक कंपाउंड धनुष प्रदान किया है। उन्होंने सिटी ओपन तीरंदाजी प्रतियोगिता में कंपाउंड राउंड बालिका वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर इसकी शानदार शुरुआत की है। वर्तमान में नवलीन कोच श्री एवन साहू एवं खेल अधिकारी श्री मनोज धृतलहरे से तीरंदाजी के गुर सीख रही हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि क्रिकेट की लोकप्रियता के इस दौर में कोई खिलाड़ी यदि तीरंदाजी जैसे विशिष्ट खेल में कड़ी मेहनत करके प्रदेश और देश के लिए मेडल लाने की दिशा में काम कर रहा है, तो यह न केवल सराहनीय है बल्कि प्रेरणास्पद भी। नवलीन जैसी प्रतिभाएं छत्तीसगढ़ के युवाओं को यह संदेश देती हैं कि प्रतिबद्धता, अभ्यास और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

उत्पादन प्रोसेसिंग से लेकर एक्वा टूरिजम से बढ़ेगी ग्रामीणों की आय
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में जल्द ही मछली पालन के क्षेत्र में एक नये युग की शुरूआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों से केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के कोरबा जिले में हसदेव बांगो डुबान जलाशय में पहला एक्वा पार्क स्थापित होने जा रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत केन्द्र सरकार से 37 करोड़ 10 लाख रूपए से अधिक की राशि स्वीकृत हो चुकी हैं। यह एक्वा पार्क एतमा नगर और सतरेंगा क्षेत्र में फैलें सैकड़ों एकड़ डुबान जलाशय में विकसित होगा। इस एक्वा पार्क विकसित हो जाने से राज्य में मछली पालन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। मछली उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग, विक्रय, निर्यात और एक्वा टूरिजम से क्षेत्र के ग्रामीणों की आय बढ़ेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस पार्क की स्थापना के लिए राशि स्वीकृत करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित केन्द्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।
कोरबा जिले के हसदेव बांगो जलाशय के डुबान क्षेत्र में विकसित होने वाले इस एक्वा पार्क में दो तरह की सुविधाएं होंगी। एतमा नगर में फीड मिल, फिश प्रोेसेसिंग प्लांट, हेचरी और रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम स्थापित होगा। वहीं सतरेंगा में एक्वा टूरिजम को बढ़ाने के लिए म्यूजियम और अन्य सुविधा विकसित की जाएंगी। एतमा नगर में मछलियों के उत्पादन से लेकर उनकी प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के साथ-साथ उन्हें विदेशों में एक्सपोर्ट करने तक की सुविधा विकसित होगी। हेचरियों में मछलियों के बीज उत्पादन से लेकर फीड मिल में पूरक पोषक आहार भी यहीं बनेगा। फिश प्रोसेसिंग प्लांट में मछलियों की सफाई, हड्डियां हटाकर फिले बनाना और उसे उच्च स्तरीय गुणवत्ता वाले पैकेजिंग सिस्टम से पैक कर विदेशों में निर्यात करने की पूरी व्यवस्था यहां की जाएगी। एतमा नगर के इस प्रोसेसिंग यूनिट से हटकर सतरेंगा में एक्वा म्यूजियम बनेगा। पहले ही सतरेंगा पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का प्रमुख वाटर बॉडी है। एक्वा म्यूजियम बन जाने से विभिन्न प्रकार की मछलियों को पर्यटकों की जानकारी के लिए यहां रखा जाएगा। इसके साथ ही सतरेंगा में एंगलिंग डेस्क, कैफेटेरिया, फ्लोटिंग हाउस तथा मोटर बोट सहित वाटर स्पोर्ट्स की सविधाएं भी विकसित की जाएंगी, जिससे क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा। पर्यटन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय ग्रामीणों की आय बढ़ने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
एक्वा पार्क बनने से प्रदेश में मछली व्यवसाय को मिलेगी नई दिशा - मुख्यमंत्री साय
इस एक्वा पार्क की स्वीकृति मिलने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के मछली पालकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि इस एक्वा पार्क से न केवल मछली पालन की नई उन्नत तकनीकें लोगों तक पहुंचेंगी, बल्कि प्रोसेसिंग-पैकेजिंग यूनिट से छत्तीसगढ़ के मछली व्यवसाय को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की तिलपिया मछली की विदेशों में बहुत मांग है और इस एक्वा पार्क में इस मछली के उत्पादन से छत्तीसगढ़ के मछली पालकों के लिए अब सात समुन्दर पार भी व्यापार के द्वार खुलेंगे। उन्होंने एक्वा पार्क की स्थापना को मछली पालन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने वाला निर्णय बताया है।
अभी लगभग 800 केज में हो रहा मछली उत्पादन, 160 से अधिक मछुआरें उठा रहे लाभ
हसदेव बांगो जलाशय के डुबान क्षेत्र में वर्तमान समय में लगभग 800 केज लगे हैं। जहां मछली पालन विभाग के अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में लगभग 9  मछुआ समितियों के 160 सदस्य मछली पालन कर रहे हैं। उन्हें पांच-पांच केज आबंटित किए गए हैं। केज कल्चर से इन सदस्यों को औसतन 90 हजार रूपए सालाना शुद्ध आमदनी मिल रही है। मछुआ समिति के सदस्य श्री दीपक राम मांझीवार, श्री अमर सिंह मांझीवार और श्रीमती देवमति उइके ने बताया कि केज कल्चर से उन्हें न केवल रोजगार मिला है, बल्कि मछलियों का उत्पादन बढ़ जाने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। इस क्षेत्र में हर साल लगभग 1600 मेट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है। केज कल्चर से मछली पालन में 70 से 80 लोग सीधे तौर पर रोजगार पा रहे हैं, वहीं 20 से 25 पैगारों-चिल्हर विक्रेताओं को बेचने के लिए हर दिन मछली मिल रही हैं। यहां मछली पालन के विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों को उन्नत तकनीकों से प्रशिक्षित किया है। हसदेव बांगो डुबान केज कल्चर में मुख्यतः तिलपिया और पंगास मछली का उत्पादन किया जा रहा है। तिलपिया प्रजाति की मछली की अमेरिका में विशेष मांग है और इसका सीमित मात्रा में अभी निर्यात किया जा रहा है। एक्वा पार्क स्थापित कर इस मछली का उत्पादन बढ़ाकर अमेरिका सहित दूसरे यूरोपीय देशों में भी इसका निर्यात बढ़ाने की योजना है। इस मछली का निर्यात बढ़ने से बड़ी संख्या में स्थानीय स्तर पर ग्रामीणजन इस व्यवसाय से जुडे़ंगे और उनकी आमदनी बढ़ने से क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
एतमा नगर के साथ ही सतरेंगा में एक्वा पार्क के विस्तार तथा डिमोस्ट्रेशन यूनिट स्थापित हो जाने से पर्यटन बढ़ेगा। देश-प्रदेश से लोग यहां मनोरंजन के साथ-साथ स्वादिष्ट मछलियों के कई प्रकार के व्यंजनों का भी लुफ्त उठा सकेंगे, इससे भी स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी।

31 अक्टूबर तक कराना होगा पोर्टल पर पंजीयन
     मोहला/शौर्यपथ / राज्य सरकार द्वारा किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहन देने और लागत में राहत प्रदान करने के उद्देश्य से कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र में उन्नत बीज, खाद, कीटनाशक और आधुनिक तकनीकों में निवेश के लिए यह योजना किसानों के लिए संबल बनेगी।
        योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का एवं लघु धान्य फसलें जैसे कोदो, कुटकी, रागी आदिद्ध लेने वाले किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि दी जाएगी।
       इसके अलावा, वे किसान जिन्होंने पिछले खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कर धान की खेती की थी और सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर विक्रय किया था, यदि वे इस बार उसी रकबे में धान के स्थान पर अन्य फसलें लेते हैं, तो उन्हें 11 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि मिलेगी।
       इसी तरह, खरीफ 2025 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को धान कॉमन पर 731 प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 15 हजार 351 प्रति एकड़ और धान ग्रेड-ए, पर 111 प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 14, हजार 931 प्रति एकड़ की सहायता राशि मिलेगी।
         योजना का लाभ उठाने के लिए एकीकृत किसान पोर्टल व फार्मर रजिस्ट्री एग्रीस्टेक में 31 अक्टूबर 2025 तक पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। किसान सहकारी समितियों के माध्यम से नवीन पंजीयन या पुराने पंजीयन में सुधार करा सकते हैं।
         पात्रता के लिए यह आवश्यक है कि किसान ने पूर्व में पंजीयन कराया हो, धान की खेती की हो, समर्थन मूल्य पर विक्रय किया हो और वर्तमान में गैर-धान फसलों का पंजीयन कराया हो। ट्रस्ट, कंपनियांए शैक्षणिक संस्थान एवं सरकारी संगठन इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
         कृषकगण योजना संबंधी अधिक जानकारी हेतु अपने क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी या निकटतम सहकारी समिति से संपर्क कर सकते हैं।

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