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रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों से साइबर धोखाधड़ी से सतर्क रहने का अपील की है। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी दिनों-दिन बढ़ते जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ’मन की बात’ कार्यक्रम में इसका उल्लेख करते हुए कहा कि आम नागरिकों को साइबर ठगी को लेकर सतर्क और जागरूक रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल साइबर ठग लोगों की पूरी जानकारी निकालकर उनसे फोन पर ऐसे बात करते हैं मानो उनके परिजन ही बात कर रहे हों, और इस तरह उन्हें ठगी का शिकार बना लेते हैं। उन्होंने इस विषय पर पूरे प्रदेश को अलर्ट किया है और कहा है कि इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि साइबर ठगी के शिकार अक्सर पढ़े-लिखे लोग भी बन रहे हैं, जो ठगों की चालों के आगे घबरा जाते हैं। इसके कारण कई लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं और कुछ मामलों में तो पीड़ित आत्महत्या जैसा कठोर कदम भी उठा लेते हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को आश्वासन दिया कि सरकार साइबर सुरक्षा को लेकर हरसंभव कदम उठा रही है और लोगों को ठगी से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि किसी भी संदेहास्पद कॉल या संदेश का जवाब देने से पहले सतर्क रहें और किसी प्रकार से व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
नालंदा परिसर रायगढ़ शहर को एजुकेशन हब बनाने में साबित होगी मील का पत्थर: वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा ज्ञान आधारित समाज निर्माण में नालंदा परिसर की होगी अहम भूमिका
सर्व सुविधायुक्त होगी नालंदा परिसर लाइब्रेरी, 24/7 स्टडी जोन में एक साथ पढ़ सकेंगे 500 से अधिक बच्चे, हजारों किताबों का होगा संग्रह
रायपुर/शौर्यपथ / वित्तमंत्री श्री ओपी चौधरी की उपस्थिति में रायगढ़ में नालंदा परिसर के निर्माण के लिए रायगढ़ नगर निगम और एनटीपीसी के बीच 42.56 करोड़ के मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया गया। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि यह नालंदा परिसर हमारी नयी पीढ़ी के विकास और रायगढ़ को एजुकेशन हब बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
वित्तमंत्री श्री चौधरी ने कहा कि रायगढ़ को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाना हम सबका सपना है, जिसमें आने वाली पीढ़ी का सक्रिय योगदान होगा और नालंदा परिसर इसके लिए मजबूत बुनियाद तैयार करने का कार्य करेगा। एनटीपीसी के सहयोग से नालंदा परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए टेंडर की स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने ज्ञान आधारित समाज के निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि आने वाला समय ज्ञान पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि 1991 में भारत 266 बिलियन डॉलर से आज 2024 में 3 हजार 700 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनी है, आगे इसका आकार और तेजी से बढ़ेगा। अर्थव्यवस्था के मजबूत होने से देश में सभी वर्गों को इसका लाभ मिलता है, लेकिन जो समय के साथ ज्ञान अर्जन कर खुद को तैयार करते हैं, उन्हें इसका अधिक लाभ मिलता है।
श्री चौधरी ने कहा कि रायपुर में जब से नालन्दा परिसर बना तब से वहां पूरे शहर के छात्र-छात्राएं वहां पढऩे आते हैं। जिसमें से कई यूपीएससी और स्टेट पीएससी में मेंस और इंटरव्यू तक पहुंचे होते हैं। दूसरी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी भी आते हैं, जिससे लाइब्रेरी में शिक्षा के लिए अच्छा इको सिस्टम तैयार होता है। यह ज्ञान आधारित समाज के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 22 नालंदा परिसर निर्माण को स्वीकृति दी गई है।
ऐसे आया नालंदा परिसर बनाने का विचार
मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि जब वे 12 वीं पास कर के आगे की पढ़ाई के लिए भिलाई गया तो वहां मेडिकल और इंजीनियरिंग आईआईटी की तैयारी के लिए बहुत अच्छा माहौल था लेकिन सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए कोई माहौल नहीं था। वहां के बड़े बुक स्टोर्स में भी सिविल सर्विस के किताबों की किल्लत होती थी। गिनती की पुस्तकें मिलती थी। यहां तक की रायपुर में भी ढंग की बुक्स नहीं मिल पाती थी, फिर किताबें ढूंढने दिल्ली गया। वहां एक ही बुक डिपो में सारी किताबें मिल गई। जिससे एहसास हुआ कि यह एक बड़ा अंतर है कि सही किताबें और सही माहौल नहीं मिलने से हमारे प्रदेश में लोग सिविल सर्विस में सलेक्ट नहीं हो पाते हैं। इसके लिए जब वे कलेक्टर बने तो रायपुर में नालंदा परिसर की सोच को साकार किया। जिसका लाभ उठाकर आज सैकड़ों युवा सफलता के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।
नवोदय में मिली असफलता से दूसरों के लिए बेहतर करने की सीख मिली
वित्तमंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मैं नवोदय की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित नहीं हो पाया था। उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाया तो तैयारी सही नहीं थी। आगे जब इस बारे में सोचा तो मेरा लगा कि जीवन में जिस कठिनाई का सामना किए हैं सक्षम होने पर उसका समाधान दूसरों के लिए खोजना चाहिए। दंतेवाड़ा में नन्हे परिंदें प्रोजेक्ट शुरू किया। यहां दूर दराज के बेहद गरीब परिवार और नक्सल प्रभावित परिवारों से बच्चे को सलेक्ट कर लाते थे। उनकी 5 वीं की तैयारी कर नवोदय और सैनिक स्कूल की तैयारी करवाया जाता था। आज कई बच्चे वहां से पढ़कर अपने जीवन में काफी अच्छा कर रहे हैं।
लाइब्रेरी में होगी ये सुविधाएं
नालंदा परिसर लाइब्रेरी 24/7 स्टडी जोन होगा। जहां 500 से अधिक बच्चे एक साथ पढ़ सकें यह सुविधा होगी। 25 हजार किताबों के संग्रह के साथ अंतराष्ट्रीय स्तर के ई-बुक एक्सेस करने की भी सुविधा होगी। तीन कॉन्फ्रेंस हाल के साथ कैफेटेरिया भी होगा। सिविल सर्विसेज के साथ मेडिकल, इंजीनियरिंग, क्लैट की तैयारी के साथ मैथ्स ओलिंपियाड के लिए भी किताबें यहां होगी। करियर गाइडेंस सेमिनार का आयोजन होगा। 100 से अधिक कंप्यूटर के साथ इंटरनेट के लिए वाईफाई की सुविधा भी छात्रों को यहां मिलेगी। 5 वीं के बाद बच्चों को नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए तैयारी हेतु एक किड्स स्टडी जोन भी अलग से तैयार होगा। जहां उनके सिलेबस के अनुसार किताबें और स्टडी मटेरियल उपलब्ध रहेगा।
3 करोड़ से अधिक के 7 बीटी सड़क निर्माण का हुआ भूमिपूजन
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने इसके साथ ही 3 करोड़ 1 लाख 96 हजार रुपये की लागत से 7 बीटी सड़क निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। जिसमें 34 लाख 97 हजार रूपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 18 एवं 19 में तुलसी होटल से गांधी प्रतिमा एवं मालधक्का रोड तक बीटी रोड निर्माण कार्य, 15 लाख 32 हजार रूपये की लागत से 15 वें वित्त से वार्ड क्रमांक 18 पोस्ट ऑफिस के पीछे ओम मोबाईल से सांसद निवास तक बीटी सड़क निर्माण कार्य, 45 लाख 58 हजार रुपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 21 बेलादुला स्कूल से पीपल पेड़ तक बीटी रोड़ निर्माण कार्य, 30 लाख रुपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 27 गुरूद्रोण स्कूल से शिशुपाल घर तक बीटी रोड निर्माण कार्य, 49 लाख 33 हजार रुपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 46 उर्दना में मेन रोड से 6 वीं बटालियन ऑफिस तक बीटी सड़क निर्माण कार्य, 35 लाख रुपये की लागत से अधोसंरचना मद से वार्ड क्रमांक 8 एवं 9 रियापारा चौक से संबरी स्प्रे पेंटिंग शॉप चांदमारी (रामपुर मेन रोड) तक बीटी रोड निर्माण कार्य तथा 88 लाख 76 हजार रुपये की लागत से 15 वें वित्त से वार्ड क्रमांक 26 एवं 27 जियो मार्ट के सामने से हाऊसिंग बोर्ड बिल्डिंग तक अतरमुड़ा रोड में बीटी सड़क निर्माण कार्य शामिल है।
कार्यक्रम को नेताप्रतिपक्ष नगर निगम श्रीमती पूनम सोलंकी व सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य श्री शेख सलीम नियारिया, श्री रमेश भगत, पूर्व विधायक श्री विजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल, निगम कमिश्नर श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी, ईडी एनटीपीसी श्री अनिल कुमार एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
बसंती मिंज साल में 01 लाख रूपए की कर रही है अतिरिक्त आमदनी
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के सार्थक प्रयास कर रहे हैं। जिला मुख्यालय जशपुर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुनकुरी विकासखंड में ग्राम बोडाटांगरी को शासकीय टसर विस्तार केन्द्र वर्ष-2001-02 स्थापित किया गया है।
रेशम विभाग के द्वारा शासकीय टसर विस्तार केन्द्र बोडाटांगरी अन्तर्गत 20 हेक्टयर वनभूमि में साजा, अर्जुना पौधरोपण कराया गया है। यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। इसी ग्राम के 20 हितग्राही टसर कीट पालन कर अपना स्थिति सुधार कर अच्छा आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। वर्ष 2023-24 में ग्राम बोडाटोंगरीं सी.एस.बी. मधुपुर जिला देवघर (झारखण्ड) के द्वारा यहाँ के हितग्राहियों को अच्छे स्व. डिम्ब समूह प्रदाय किया जाता है, जिससे यहाँ के हितग्राहियों को अच्छा आमदनी तथा उत्पादन भी भारी मात्रा में होता है। आदिवासियों के उत्थान एवं रोजगार मूलक कार्य हेतु रेशम उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया गया है। जिससे जुडकर आज एक अच्छी जिन्दगी जी रहे है।
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में ग्राम बोड़ाटोगरी के निवासी श्रीमती बसंती मिंज द्वारा कोसा पालन कार्य किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोसा उत्पादन कार्य में सतुष्ट है एवं गरीब परिस्थिति व पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अपना सपना पूरा नहीं कर पाते थे छोटी-मोटी जरूरतों पर दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़ता था, कृषि भूमि भी कम होने के कारण अनाज का भी उत्पादन ज्यादा नहीं हो पाता था। परन्तु रेशम विभाग से जुड़कर उनकी आर्थिक स्थिति मजबुत हो गई है खेती किसानी के अलावा अतिरिक्त आय अर्जित कर पाते हैं। बंसती ने बताया कि उनकी वार्षिक आय लगभग 01 लाख तक हो जाती है। जिससे अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में शिक्षा दिला रहे तथा अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा कर पा रही है। उन्होने बताया कि रेशम विभाग अधिकारी द्वारा रोजगार हेतु अथक प्रयास कर उन्नत किस्म के स्व.डिम्ब समूह प्रदाय करते है। ताकि हमारी आमदनी अधिक से अधिक हो तथा आर्थिक स्थिति पर सुधार हो सके और जिस प्रकार से विभाग की पहल से हमारे जैसे दूरवर्ती क्षेत्र में बसे लोगों तक शासन का योजना का लाभ पहुंचा रहे हैं निश्चित तौर पर आने वाले पीढ़ियों को रोजगार हेतु किसी अन्यत्र राज्य में पलायन नहीं करना पडे़गा। स्वरोजगार का माध्यम रेशम विभाग से बेहतर कोई नही होगा।
सहायक संचालक रेशम जशपुर ने बताया कि जिले के सभी कोसा कृमिपालक को अच्छी आमदनी हो सके इसके लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किया जाता है। इसके लिए अन्य राज्यों से अण्डे मंगाकर वितरण किया गया है। वर्तमान में इस पहल से जिले के सभी कृमिपालकों को अच्छी उन्नत कोसा बीज अन्य राज्यों से मंगाकर लगभग 1 लाख डीएफएल्स वितरण कराया गया है। जिससे लगभग 60-70 लाख कोसा उत्पादन होने की सम्भावना है।
2216 बच्चों को कराया गया स्वर्णप्राशन, 300 बच्चों को पांच दवाओं से निर्मित बाल रक्षा किट भी दिए गए
रायपुर/शौर्यपथ /बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्तिवर्धन एवं रोगों से बचाव के लिए शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय, रायपुर में गुरुवार को 2216 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। विभिन्न रोगों से रोकथाम एवं इम्युनिटी बढ़ाने के लिए 300 बच्चों को पांच दवाईयों से बने बाल रक्षा किट भी वितरित किए गए। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। स्वर्णप्राशन के साथ ही डॉ. लवकेश चंद्रवंशी ने बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया।
शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय परिसर में आयुष विभाग की संचालक सुश्री इफ्फत आरा, प्राचार्य प्रो. डॉ. जी.आर. चतुर्वेदी, चिकित्सालय अधीक्षक प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार जोशी और कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीरज अग्रवाल के निर्देशन में स्वर्णप्राशन कराया गया। स्वर्णप्राशन समन्वयक डॉ. लवकेश चन्द्रवंशी ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह काफी लाभदायक है। महाविद्यालय के कौमारभृत्य विभाग की व्याख्याता डॉ. सत्यवती राठिया तथा स्नातकोत्तर एवं स्नातक छात्र-छात्राएं हर महीने इसमें महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय द्वारा इस वर्ष की अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों 25 जनवरी को 1235, 21 फरवरी को 1420, 18 मार्च को 1720, 16 अप्रैल को 1410, 13 मई को 1256, 10 जून को 1802, 8 जुलाई को 1342, 3 अगस्त को 1370, 30 अगस्त को 1660 और 26 सितम्बर को 2046 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया था।
रायपुर /शौर्यपथ /समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन कुमार गुप्ता ने कहा कि, जब से विष्णु देव साय की सरकार सत्ता में आई है, तब से महिलाओं के ऊपर अपराध बढ़ गए हैं। भाजपा के जिला अध्यक्ष ही बलात्कार कर रहे हैं। कानून व्यवस्था बहुत खराब हो गया है, ग्राम सरसीवा, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के निवासी महिला के साथ 19 /4/24 को दोपहर के 2:00 बजे उनके पति की नौकरी से निकाले जाने की सूचना पाकर हाथ-पाव जोड़ने निवेदन करने सरसीवा सोसाइटी गई महिला के साथ समिति प्रबंधक मोतीलाल प्रधान एवं माखनसिंह कंवर, बलौदाबाजार वाले प्रतीक प्रधान, बिलाईगढ़ निवासी जो मतदाता जागरूकता अभियान पवनी से आया हुआ था। ऐसा पीड़िता द्वारा बताया गया। और सरसीवा के स्थानीय का बड़ा नेता मिलकर मुझे धमकी दिए ऐसा कहना है, कि तुम हमारे साथ शारीरिक संबंध बनाओ नहीं तो तुम्हारे पति को नौकरी से निकाल देंगे, बोले और सामने में कार्यवाही रजिस्टर में सफेदा लगा दिये। मैंने मना किया ऐसा मत करो तो उन्होंने मुझे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। और जबरन बारी-बारी से चारों लोग महिला के साथ बलात्कार किया। उनको जान से मारने की धमकी मिल रही है। और पीड़िता के घर जाके जान से मारने की धमकी दी जाती है। और वीडियो बनाके रखे हैं। और ब्लैकमेल करते थे। थाना टी आई को सस्पेंड किया जाए, एसपी को सस्पेंड एवं कलेक्टर को तत्काल हटाया जाए। अगर थोड़ी सी भी इंसानियत है। तो गृह मंत्री विजय शर्मा अपने पद से इस्तीफा दे। और दोषी पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।
जनकल्याण के लिए हो आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग: राष्ट्रपति
रायपुर एम्स छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा के लिए वरदान: राज्यपाल श्री रमेन डेका
छत्तीसगढ़, मध्य भारत का मेडिकल हब बनने की ओर अग्रसर: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का द्वितीय दीक्षांत समारोह
रायपुर/शौर्यपथ / राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु ने आज एम्स रायपुर के द्वितीय दीक्षांत समारोह में संस्थान के 10 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं पदोपाधि तथा 514 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रोफेशनल का कार्य अत्यंत जिम्मेदारी भरा होता है, उनके निर्णय जीवन रक्षा से जुड़े होते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां से उत्तीर्ण चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल छात्र इस जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का निर्वहन पूरी तन्मयता और क्षमता के साथ करेंगे। उन्होंने उपाधि एवं पदोपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देेते हुए उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना की। इस अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, एम्स रायपुर के अध्यक्ष प्रो. जॉर्ज ए डिसूजा, एम्स के कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक कुमार जिंदल सहित एम्स रायपुर के चिकित्सक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि जब आप सबने मेडिकल को अपना कार्यक्षेत्र चुना होगा, तो आपके मन में दया और संवेदना का भाव रहा होगा। आपको यह हमेशा याद रखना होगा कि दया, करूणा, संवेदना मानवीय मूल्य को मजबूत बनाते हैं। इसलिए हमेशा अपने कार्य क्षेत्र में इन जीवन मूल्यों के साथ कार्य करें।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भारत सरकार देश के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है। पिछले एक दशक में देशवासियों को यूनिवर्सल हेल्थ कार्ड प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाए गए। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत बड़ी संख्या में नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाई उपलब्ध हो रही है। पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेज, एमबीबीएस और पीजी की सीटों में भी बढ़ोतरी हुई है। नए एम्स भी स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एम्स रायपुर उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ-साथ कुपोषण को दूर करने तथा सिकलसेल क्लिनिक का संचालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का उपयोग जनकल्याण के लिए किया जाना चाहिए। एम्स रायपुर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, चलित क्लीनिकल डिसीज और सपोर्ट सिस्टम पर भी कार्य कर रहा है। इससे दूर दराज के क्षेत्र के डॉक्टरों को आपातकालीन स्थितियों में रियल टाइम मदद तथा सामुदायिक स्वास्थ्य में सुधार होगा। हमने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। आपके कार्य विकसित राष्ट्र बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने इस अवसर पर सभी स्नातक छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और उनके सफल करियर की कामना की। उन्हांेने कहा कि आज से आप, लोगों के लिए आशा की किरण होंगे। उन्होंने एम्स रायपुर की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस संस्थान ने छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त की है। एम्स रायपुर का 2024 में राष्ट्रीय रैंकिंग में 38वां स्थान प्राप्त करना इसकी एक मिसाल है। इस संस्थान ने छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य प्रदेश के लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने का कार्य किया है। कोविड-19 महामारी के दौरान यहां के मरीजों को मिले उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की भी उन्होंने प्रशंसा की। राज्यपाल ने आयुष्मान भारत योजना जैसी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की सराहना की और कहा कि इस योजना ने संस्थान की गरिमा को और बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि यह गौरव की बात है कि इस आदिवासी प्रदेश में स्थित मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थाओं की प्रतिभाएं आपकी उपस्थिति में दीक्षा पूरी कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में देश की लगभग सभी ख्यातनाम संस्थाएं स्थित हैं। ये संस्थाएं राज्य के भविष्य को रास्ता दिखाने वाली मशालें हैं। इनमें से ज्यादातर संस्थाएं यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की रूचि और पहल पर छत्तीसगढ़ को मिली हैं। एम्स रायपुर छत्तीसगढ़ के साथ-साथ महाराष्ट्र और ओडिशा के लोगों के लिए भी वरदान है। इस संस्थान ने अपनी व्यवस्था और विशेषज्ञता के लिए पूरे देश में नाम कमाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना हमारी प्राथमिकता है। राज्य में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भर्तियां बड़े पैमाने पर की जा रही हैं। अस्पताल भवनों को बेहतर बनाया जा रहा है। आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था भी की जा रही है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर और सिम्स बिलासपुर में भवन विस्तार तथा सुविधाओं का विकास शुरू कर दिया गया है। प्रदेश के 4 नये मेडिकल कॉलेजों के भवनों के निर्माण के लिए 1020 करोड़ 60 लाख रुपए का प्रावधान कर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में भी कराने का निर्णय लिया है, इससे विशेष रूप ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों के लिए मेडिकल शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे। छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का मेडिकल हब बनाने में अपना योगदान देने के लिए हमारे शासकीय अस्पताल भी पूरी तरह तैयार हैं। हम राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं को दुर्गम क्षेत्रों के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कार्यक्रम के प्रारंभ में एम्स रायपुर के अध्यक्ष प्रो. जॉर्ज ए डिसूजा ने स्वागत भाषण तथा कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक कुमार जिंदल ने एम्स रायपुर का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
’’खेलेगा बस्तर, बढ़ेगा बस्तर’’
विकासखंड स्तर पर एक नवंबर से जिला स्तर पर 21 नवंबर से और संभाग स्तर पर प्रतियोगिताएं 26 नवंबर से प्रारंभ
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। यहां खेलों के क्षेत्र में अपार नैसर्गिक क्षमता विद्यमान है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशन में बस्तर संभाग के लोगों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्रदान किए जा रहें है। बस्तर ओलंपिक में विकासखंड स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन एक नवंबर से 20 नवंबर 2024, जिला स्तर पर 21 नवंबर से 25 नवंबर और संभाग स्तर पर प्रतियोगिताएं 26 नवंबर से 30 नवंबर के मध्य होंगी। बस्तर ओलंपिक में एथेलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वालीवाल और रस्साकसी जैसे खेलों को शामिल किया गया है। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में बस्तर ओलंपिक 2024 के आयोजन हेतु उच्च स्तरीय राज्य आयोजन समिति की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से संपन्न हुई।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खेलों में बस्तर संभाग के सभी जिलों से ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने क्षेत्रीय भाषा में विभिन्न प्रचार माध्यमों से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं। खेलों के आयोजन स्थलों पर व्यापक-व्यवस्थाएं करने एवं खिलाड़ियों को सभी आवश्यक सुविधा प्रदान करने निर्देश दिए हैं। आयोजन स्थल के आस-पास शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करने प्रदर्शनी इत्यादि लगाने के लिए अधिकारियों को कहा गया है। बस्तर संभाग के सभी गांव के युवाओं की अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी कराए जाने हेतु प्रयास करने एवं अधिक संख्या में खिलाड़ियों का पंजीयन कराना सुनिश्चित करने कहा गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ के लोगों को लाभांवित किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में शासन एवं जनता के मध्य मजबूत एवं प्रत्यक्ष संबंध स्थापित कर यहां के युवाओं को मुख्य धारा में जोड़ने, उनकी रचनात्मक एवं खेल प्रतिभा को पहचानकर खिलाड़ी के रूप में तैयार करने और यहां के लोगों को खेल गतिविधियों से जोड़ने और प्रोत्साहित करने हेतु बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य सचिव श्री जैन ने संभाग आयुक्त बस्तर को बस्तर ओलंपिक 2024 के आयोजन की गतिविधियों की लगातार मॉनिटरिंग करने कहा है। आयोजन हेतु खेल मैदान आयोजन स्थल पर आवश्यक खेल सामग्री, प्राथमिक उपचार, पेयजल, साफ सफाई इत्यादि व्यवस्थाओं के लिए व्यापक निर्देश दिए गए है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि बस्तर ओलंपिक आयोजन हेतु शुभंकर एवं लोगो का निर्धारण किया गया है। खेल प्रतियोगिताओं में वेटलिफ्टिंग एवं हॉकी खेल विधा में सीधा जिला स्तर से संभाग स्तर पर दल की भागीदारी होगी। अधिकारियों ने बताया कि खेल प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों के पंजीयन की प्रक्रिया जारी है। खेलों के सफल आयोजन हेतु विकासखंड, जिला एवं संभाग स्तरीय समितियों का गठन कर विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
बस्तर ओलंपिक आयोजन के लिए आयोजित उच्च स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति जनजाति विकास श्री सोनमणि बोरा, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री हिमशिखर गुप्ता, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, परिवहन विभाग के सचिव श्री एस.प्रकाश, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, संभागायुक्त बस्तर सहित कलेक्टर बस्तर, कोण्डागांव, कांकेर, सुकमा, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और पुलिस विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने यूको बैंक की नई शाखा का किया शुभारंभ
40 स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों को प्रदान किया चेक
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कैम्प कार्यालय बगिया से फरसाबहार विकास खंड के जोरण्डाझरिया ग्राम पंचायत अन्तर्गत ग्राम भेलवां में यूको बैंक की नई शाखा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 40 स्व सहायता समूह की महिला सदस्यों को 24 लाख का चेक प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा मिलने पर अपनी शुभकामनाएं दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन की दृष्टि से यह कदम महत्वपूर्ण है। इससे फरसाबहार और उसके आसपास के ग्रामीणों को बड़ा लाभ मिलेगा। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में भी सहुलियत होगी। स्थानीय निवासियों को बैंक से जुड़े दैनिक कार्यों के लिए अब और अधिक सुविधा मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में फरसाबहार विकास खंड के जोरण्डाझरिया की 4 स्व सहायता समूह की महिलाओं को 6-6 लाख के मान से 40 महिला सदस्यों को रोजगार करने के लिए 24 लाख का चेक प्रदान कर शुभकामनाएं दी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की पहल पर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाएं सब्जी की खेती और व्यापार के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। वे आचार पापड़, रेशम विभाग से जुड़कर कोसा कार्य और अन्य रोजगार कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
राज्य के सभी जिलों में गुणवत्तायुक्त तथा सर्वसुविधायुक्त न्यायालय व आवासीय भवन उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता: मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्य न्यायाधिपति श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने वर्चुअल माध्यम से बेमेतरा में कुटुम्ब न्यायालय भवन का भूमिपूजन व शिलान्यास किया। मुख्य न्यायाधिपति श्री सिन्हा ने कहा कि हमारी प्राथमिकता छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में गुणवत्तायुक्त तथा सर्वसुविधायुक्त न्यायालय व आवासीय भवन उपलब्ध कराना है। इसी कड़ी में आज कुटुम्ब न्यायालय भवन बेमेतरा का भूमिपूजन व शिलान्यास किया जा रहा है।
मुख्य न्यायाधिपति श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने न्यायालय भवन के गुणवत्तापूर्ण निर्माण व समय-सीमा के अन्तर्गत निर्माण पर बल देते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग तय समय-सीमा के अन्तर्गत इतना अच्छा व गुणवत्तायुक्त न्यायालय भवन तैयार करें। उन्होंने कहा कि नवीन भवन सभी प्रकार की सुविधाओं से सुसज्जित होगा जिससे यहां पक्षकारों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी। मुख्य न्यायाधिपति ने कहा कि भवन निर्माण हो जाने के बाद कुटुम्ब न्यायालय के अधिकारी और कर्मचारीगण की कार्य क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने न्यायालय परिसर में साफ-सफाई एवं रखरखाव को सुनिश्चित करने की बात कही।
बेमेतरा नवीन कुटुम्ब न्यायालय भवन का निर्माण 18 हजार वर्ग फीट में होगा। जिसमें कोर्ट रूम, न्यायाधीश विश्राम कक्ष, मीटिंग हाल, लाईब्रेरी, काउंसिलिंग रूम, किलकारी रूम, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम, लेखा शाखा, प्रतिलिपि, कम्प्यूटर, रीडर्स, स्टेनो, स्टाफ, न्यायालय अधीक्षक, अधिवक्ता आवक जावक, सेंट्रल फाईलिंग, नजारत, महिला कामन रूम, पुरूष कामन रूम, वेटिंग रूम व इन्फार्मेशन रूम के लिए एक-एक कक्ष होगा तथा दो-दो कक्ष मीडिएशन व स्टोर रूम के लिए होंगे। इस निर्माण को कार्यादेश से कुल 15 माह के भीतर पूर्ण किया जाना है। इस नवीन भवन के लिए 2 करोड़ 73 लाख 86 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त है। इस अवसर पर छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं पोर्टफोलियो न्यायाधीश बेमेतरा श्री न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को सम्बोधित किया।