May 19, 2024
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रायपुर

रायपुर (4614)

राजिम कुंभ में पहुंचा रामनामी अनुयायी दल
रामनामी संप्रदाय को मानने वाले लोगों के रोम-रोम में बसते हैं प्रभु श्रीराम
रायपुर /शौर्यपथ / पूरे शरीर में राम नाम का गोदना, सिर पर मोरपंख का मुकुट धारण किए और राम नाम लिखा वस्त्र पहनकर रामभक्ति की अलख जगाते रामनामी लोगों में रामभक्ति की अनोखी परंपरा है। ऐसे ही अनुयायियों का दल राजिम कुंभ मेला में पहुंचा है।
सारंगढ़, बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा और बलौदाबाजार जिले से लगभग 18 रामनामी आए हुए हैं, जिसमें तीन महिलाएं और पुरूष शामिल हैं। इनके सिर पर मोर पंख लगा हुआ मुकुट है, जिसके नीचे में राम-राम लिखा हुआ है। श्री कौशल भारतीय ने बताया कि इस पंथ को मानने वाले अपने पूरे शरीर में राम-राम का गोेदना बनवाते हैं, लेकिन अब केवल माथे पर ही राम-राम लिखा होता है, जिसे शिरोमणी कहते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1975 में इस संस्था का पंजीयन हुआ था। उस समय रामनामी पंथ को मानने वालों की संख्या 27 हजार से अधिक थी, अब यह धीरे-धीरे कम होती जा रही है।
ऐसा माना जाता है कि रामनामी संप्रदाय को मानने वाले लोगों के रोम-रोम में राम बसते हैं। इसीलिए अनुयायियों के पूरे शरीर में रामनाम का गोदना बना होता हैं। उनका कहना है कि प्रत्येक मानव में राम का वास होता है। इसलिए हम उन्हें राम-राम कहकर संबोधित करते हैं और भगवान श्रीराम को याद करते हैं। इस पंथ को मानने वालों में 40 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को ही स्वीकार किया जाता है। इनका पूरा जीवन राम के लिए समर्पित होता है। राम नाम को ही अपने जीवन का एकमात्र आधार मानते हैं और उनके प्रति अपने श्रद्धा-भक्ति से अपने पूरे शरीर में राम नाम का गोदना गुदवाकर प्रकट करते हैं। हर समय ये राम नाम का जाप करते हैं। इनके पांच प्रमुख प्रतीक होते हैं शरीर पर राम नाम, घुंघरू बजाना, मोर पंख से बना मुकुट पहनना, सफेद कपड़ा धारण कर और भजन कीर्तन से वे सृष्टि के कण-कण में राम को देखते हैं।

रायपुर/शौर्यपथ / हल्की गुलाबी ठंड के बीच महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शुक्रवार तड़के सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने राजिम के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगायी और भोलेनाथ की पूजा की। धर्म के प्रति आस्था का भाव गुरूवार की रात से ही देखने को मिल रहा था। भोलेनाथ महादेव जी के प्रति अटूट भक्ति रखने वाले भक्त तड़के 2 बजे से ही राजिम संगम की धार में डुबकी लगाने पहुंच गए थे।
महाशिवरात्रि पर इस पुण्य स्नान को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए तड़के सुबह से लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुगणों ने पुण्य स्नान कर दीपदान किया। पश्चात दर्शनार्थियों की लम्बी लाईन श्री कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर और श्री राजीव लोचन मंदिर, बाबा गरीब नाथ की ओर लग गई। श्रद्धालुगण भगवान के दर्शन करने लाईन में डटे-रहकर अपनी बारी की इंतजार करते रहे। यह सिलसिला तड़के तीन बजे से जारी रहा। वैसे महाशिवरात्रि पर्व में स्नान के बाद दीपदान करने की परंपरा कई सौ वर्षों पहले से ही चली आ रही है। इस परंपरा और श्रद्धा का पालन आज भी श्रद्धालुओं को करते देखा गया। नदी की धारा में दोने में रखा दीपक की लौ किसी जुगनू की भांति चमकती नजर आई। कई महिलाओं ने रेत का शिवलिंग बना कर बहुत ही श्रद्धा के साथ बेल पत्ता, धतुरा के फूल चढ़ाकर आरती भी की। मान्यता के अनुसार यहां कई भक्तों ने नदी अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया। श्रीकुलेश्वर मंदिर क्षेत्र में जगह-जगह पंडितों का हुजूम भी लगा हुआ था, जहां भगवान श्री सत्यनारायण और शिवजी की कथा भी श्रद्धालुजन करा रहे थे।
महाशिवरात्रि पर संगम स्नान का है खास महत्व
वैसे तो पर्व व त्यौहार में स्नान का अपना अलग महत्व होता है, लेकिन महाशिवरात्रि पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने का खास कारण है। बताया जाता है महाशिवरात्रि में किसी भी प्रहर अगर भोले बाबा की प्रार्थना की जाए, तो मॉ पार्वती और भोलेनाथ सीधे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान शंकर के शरीर पर शमशान की भस्म गले में सर्पों का हार, कंठ में विष, जटाओं में पावन गंगा तथा माथे में प्रलयंकारी ज्वाला उनकी पहचान है। माना जाता है कि महानदी, सोंढूर, पैरी के संगम में स्नान करने से तन पवित्र तो होते है बल्कि मन की मलिनता दूर हो जाती है। इस दिन संगम की सूखी रेत पर सूखा लहरा लेने की भी परंपरा है। विश्वास है कि भोलेनाथ वेश धारण कर मेले का भ्रमण करते हैं।

नक्सलियों का विरोध करने का निर्णय लेकर फाइटर बनने तय किया : पोकेश्वरी
कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा हासिल कर दिया हिम्मत का परिचय, मुख्यमंत्री ने शीतल के साहस को किया सलाम
रायपुर/शौर्यपथ मैं अपने गाँव की सरपंच थीं। मैं और मेरे पति गाँव को सुधारने में सक्रिय थे। हम दोनों को विकास कार्य के लिए धमकियों का सामना करना पड़ता था। विकास कार्यों को रोकने के लिए हम पर दबाव बनाया जाता था। हमारी स्कूल और आंगनबाड़ी को बंद करने को कहा गया। मुझे इस बात की बहुत पीड़ा थी। मैंने नक्सलियों का विरोध करने का निर्णय लिया। अपने समाज की समस्याओं को अंतरमन से समझकर मुझे स्वयं को सशक्त बनाने की जरूरत महसूस हुई और मैं फाइटर बन गई। आज मैं अपने पति से भी ज्यादा शक्तिशाली महसूस करती हूं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से बात करते हुए बस्तर फाइटर नारायणपुर की पोकेश्वरी सलाम ने अपने जीवन की आपबीती मुख्यमंत्री को बतायी।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज दंतेवाड़ा के जावंगा एजुकेशन सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में दंतेश्वरी फाइटर्स, बस्तर फाइटर्स के महिला जवानों से संवाद किया। इस दौरान महिला जवानो ने मुख्यमंत्री से अपने जीवन के अनुभव भी साझा किए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पोकेश्वरी आपके साहस को सलाम करता हूँ मैं भी पंच पद से राजनीति जीवन शुरू किया था आज जनता के आशीर्वाद से सरपंच, विधायक, सांसद, केंद्र में मंत्री पद के साथ अब प्रदेश का मुख्यमंत्री बना।
शीतल ने बताया कि मेरा गांव भी नक्सल आतंकवाद से पीड़ित था। नक्सलवादियों की गतिविधियों का खामियाजा मेरे परिवार को भी भुगतना पड़ा। दादा के भाई को सलवा जुडूम का समर्थन करने के कारण मार दिया गया और मेरे पिता की बहन को नक्सली अपने दल में शामिल करने के लिए उस पर लगातार दबाव डालते रहे। चाचा लगातार तनाव के कारण विक्षिप्त हो गए। मैंने कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा हासिल की क्योंकि मुझे शिक्षा की शक्ति पर विश्वास था, लेकिन मुझे इस बात का दुख है कि मैं अब भी अपने गांव लौटने में असमर्थ हूं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शीतल जी, मुझे यह जानकर बड़ा दुख हुआ कि आपको और आपके परिवार को आतंकवाद के कारण इतने कष्ट उठाने पड़े। आपने लेकिन एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है जो मेरे हृदय के बहुत करीब है। शिक्षा और वो भी महिलाओं की शिक्षा का। आपकी तरह मुझे भी शिक्षा की शक्ति पर विश्वास है। और मेरा मानना है कि यदि एक पुरुष शिक्षित है. तो केवल एक व्यक्ति शिक्षित है, परंतु यदि एक महिला शिक्षित है तो पूरा घर शिक्षित होता है। ये महिलाओं की शिक्षा की शक्ति है। हमारी सरकार महिलाओं की शिक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है। में यह आशा करता हूं कि आपकी कहानी सुनकर न सिर्फ इस क्षेत्र की बल्कि सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ की महिलाओं को शिक्षा हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी। सिलगेर,टेकलगुड़ेम पूवर्ती के बच्चों को राजधानी रायपुर का भ्रमण करवाया जिससे उनको नया एक्सपोजर मिला।

सुरक्षा कैम्प की स्थापना से बदल गया ग्रामीणों का जीवन, सुश्री बघेल ने मुख्यमंत्री को सुनाई आपबीती...
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बस्तर फाइटर्स एवं दंतेश्वरी फाइटर्स की महिलाओं और स्कूली बच्चों से संवाद कर रहे थे। वह बस्तर फाइटर्स से संवाद कर रहे थे, इसी बीच सुश्री बघेल जो महिला आरक्षक के रूप में दंतेश्वरी फाइटर्स में सेवा दे रही हैं, उन्होंने अपने जीवन का अनुभव साझा करते हुए सुश्री बघेल ने मुख्यमंत्री से बताया कि मेरा गांव में पहले नक्सली आतंकवाद की चपेट में था। नक्सलवादी आये दिन हमारे गांव के लोगों को बंदूक की नोक पर प्रताड़ित करते, उन पर नक्सलवाद को अपनाने के लिए दबाव डालते। नक्सलियों को रोकने के लिए शासन ने सुरक्षा कैम्प की स्थापना की। इस कैम्प ने ग्रामीणों का जीवन पूरी तरह बदल दिया। वे भयमुक्त होकर जीवन यापन करने लगे क्योंकि अब वहां नक्सली नहीं पुलिस थी। नवयुवकों ने पुलिस और नक्सलियों की कार्यप्रणाली के फर्क को समझा। उन्हें अपनी लोक तांत्रिक ताकत का भी एहसास हुआ। इस तरह वे पुलिस से प्रेरित होकर बस्तर फाइटर्स का हिस्सा बन गए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुश्री बघेल की हिम्मत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर बड़ा अच्छा लगा कि एक सुरक्षा कैम्प ने ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया। ये कैम्प सुरक्षा कैम्प होने के साथ-साथ विकास के कैम्प भी हैं। इन कैम्पों के माध्यम से राज्य शासन ने नियद नेल्लानार योजना की शुरूआत की है। इस योजना में कैम्पों की पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले सभी गांवों का समग्र विकास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुझे यह खुशी है कि आप को अपने क्षेत्र में तानाशाही के मुकाबले लोकतंत्र की ताकत पर विश्वास हुआ। मुझे महिलाएं स्वाभाविक रूप से लोकतंत्र का प्रतीक लगती हैं, क्योंकि इनके अंदर ’स्व’ की बजाय ’सब’ को साथ लेकर चलने की आदत होती है। मैं आशा करता हूं कि आप जैसी महिलाएं लोकतंत्र को सदैव मजबूत बनाती रहेंगी। बस्तर की फाइटर लड़कियां महिलाओं के हौसले और लोकतंत्र को बचाये रखने की जज्बे का प्रतीक है।

उद्योग, वाणिज्य और श्रम मंत्री तथा राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडेय की उपस्थिति में पाली महोत्सव का हुआ शुभारंभ
महाशिवरात्रि की दी बधाई और सभी की खुशहाली की कामना की
रायपुर/शौर्यपथ /महाशिवरात्रि पर्व सहित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित कोरबा जिले के ग्राम केराझरिया में दो दिवसीय पाली महोत्सव का शुभारंभ उद्योग, वाणिज्य एवं श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन,राज्य सभा सांसद सुश्री सरोज पांडेय सहित अन्य अतिथियों ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और महाशिवरात्रि की बधाई दी और कहा कि पाली का ऐतिहासिक शिव मंदिर छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पाली महोत्सव के माध्यम से यहाँ की संस्कृति को अलग पहचान मिल रही है।
महोत्सव में मुख्य अतिथि मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि पाली महोत्सव का आयोजन इस क्षेत्र के लोगों के गौरव से जुड़ा है। इसकी शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के समय हुई थी। इसे भव्य रूप से मनाते हुए राष्ट्रीय और स्थानीय कलाकारों को अवसर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा कर राज्य के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किसानों के हित में फैसला लिया है। 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी, 31 सौ रुपये धान का मूल्य का वादा पूरा किया जाएगा। शीघ्र ही 12 मार्च को अंतर की राशि किसानों के खातों में अंतरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता का पारिश्रमिक मूल्य चार हजार से 55 सौ प्रति मानक बोरा किया गया है। महतारी वन्दन योजना के माध्यम से 10 मार्च से सभी पात्र महिलाओं के खाते में राशि हर माह एक हजार रुपए प्रदान की जाएगी।
इस दौरान राज्य सभा सांसद सुश्री सरोज पांडेय ने कहा कि महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान महादेव हमारे देश में आस्था और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हम सबकी कामना है कि महादेव हम सभी देशवासियों को खुश रखे,उन्हें सफलता की राह में आगे बढ़ाए। हमारा छत्तीसगढ़ और हमारा भारत लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़े। उन्होंने महिला दिवस से जोड़कर कार्यक्रम का आयोजन करने और महिला कलाकारों का सम्मान किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि हमारे देश में नारी शक्ति वंदनीय है। सरकार द्वारा महतारी वन्दन योजना के माध्यम से नारी शक्ति को आर्थिक रुप से सशक्त किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश को लगातार विकास की राह में आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने महिला दिवस और महाशिवरात्रि की सभी को बधाई दी। कटघोरा विधायक श्री प्रेमचंद पटेल ने राज्य शासन की योजनाओं के बारे में बताते हुए लोगों को इसका लाभ उठाने तथा पाली महोत्सव के आयोजन में सभी को सम्मिलित होने की अपील की। कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने स्वागत भाषण के माध्यम से पाली महोत्सव के आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि महाशिवरात्रि पर्व और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को ध्यान रखकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। महिलाओं को सम्मान देने महिला कलाकारों को मंच दिया गया है ताकि अन्य महिलाएं प्रेरित हो सकें।
इस अवसर पर पूर्व गृहमंत्री श्री ननकीराम कँवर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कँवर, जनपद अध्यक्ष श्री दुलेश्वरी सिदार, अध्यक्ष नगर पंचायत पाली श्री उमेश चंद्रा सहित सरपंच केराझरिया श्री सत्यनारायण पैकरा सहित अन्य अतिथि एवं बड़ी संख्या में आम नागरिकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और दर्शकों ने पाली महोत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुफ्त उठाया।

नक्सल विचारधारा से तंग आकर पुलिस कमांडो बनी राजकुमारी
मुख्यमंत्री से बोलीं सुमित्रा- गलत होने का जल्द ही अंदाज़ा हुआ, इसलिए आत्मसमर्पण किया
रायपुर/शौर्यपथ / अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दंतेवाड़ा के जावंगा में बस्तर फाइटर्स एवं दंतेश्वरी फाइटर्स से चर्चा संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से अपने जीवन का अनुभव साझा करते हुए राजकुमारी ने बताया कि उन्होंने नक्सल विचारधारा से तंग आकर पुलिस कमांडो बनने की ठानी। सुमित्रा ने बताया कि मैं एक समय में स्वयं ही नक्सली थीं, मुझे अपने गलत होने का जल्द ही अंदाज़ा हो गया इसलिए मैंने आत्मसमर्पण कर दिया।
राजकुमारी ने बताया कि उनकी सगाई 17 वर्ष की उम्र में ही करा दी गई थी, वह शादी नहीं करना चाहती थी, इसलिए नक्सलियों के दल में शामिल हो गई। राजकुमारी ने कहा कि जल्द ही मैं आतंकवादी विचारधारा दूर होने लगी, क्योंकि उनके साथ रहते-रहते बार-बार असुरक्षा और भोजन की कमी का सामना करना पड़ता था। मैंने अपने तीन दोस्तों के साथ नक्सलियों के दल से भागने की योजना बनायी, क्योंकि मैंने ये देखा था कि नक्सली के साथ शादी करने से मना करने पर कैसे लड़की को मार दिया गया। मैंने भागकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। समर्पण नीति का फायदा लेकर मैं आज पुलिस कमांडों हूं। बाद में मेरे तीनों साथी भी भाग गए।
नक्सलवाद की राह छोड़कर पुलिस में नौकरी पाने वाली सुमित्रा ने बताया कि एक समय मैं स्वयं ही नक्सली थीं। मुझ पर पांच लाख रूपए का ईनाम घोषित था। मैं 2004 से लेकर 2018 तक नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रहीं। इसी दौरान मुझे नक्सल विचारधारा के खोखलेपन का एहसास हुआ। सरकार की अच्छी नीति और पुलिस के प्रयास से समझ में आया कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति बहुत कल्याणकारी है, तो अंततः मैंने आत्मसमर्पण कर दिया और समर्पण नीति के अनुरूप मुझे पुलिस में नौकरी मिल गई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजकुमारी और सुमित्रा की बात सुनकर कहा कि मैं आप दोनों को सेल्यूट करता हूं। आपने कठिन परिस्थितियों में भी अपने हौसले नहीं छोड़े।
मुख्यमंत्री ने राजकुमारी से कहा कि आप केवल इसलिए नक्सलवादी बन गई क्योंकि आप छोटी उम्र में शादी नहीं करना चाहती थीं। यह दुर्भाग्य की बात है कि समाज में आज भी बाल विवाह की कुप्रथा जारी है। अब ऐसा नहीं होगा। हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ से बाल विवाह की कुप्रथा का पूरी तरह उन्मूलन करने के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सुमित्रा से कहा कि आपने 15 साल नक्सली बनकर जंगल की खाक छानी और अब आप पुलिस में हैं, बल्कि आप दंतेश्वरी फाइटर हैं। मैं अक्सर सुनता हूं कि नक्सली संगठन में महिलाओं को सामान्य वैवाहिक जीवन जीने नहीं देते, उन्हें गर्भधारण करने से जबरदस्ती रोका जाता है। इतना शोषण सहने के बावजूद आपके अंदर की दुर्गा, या ये कह लें कि माँ दंतेश्वरी, सदैव आपके नारीत्व की ऊर्जा को न सिर्फ बनाये रखीं बल्कि बढ़ाती रहीं, कि आप के अंदर योद्धा बनने की ऊर्जा 15 साल बाद भी बची रही, आप दंतेश्वरी फाइटर्स बनीं। मैं आपकी ऊर्जा को प्रणाम करता हूं। यही ऊर्जा महिलाओं को अद्वितीय बनाती है। मुख्यमंत्री ने दोनों की हिम्मत और समर्पण को सैल्यूट किया।

रायपुर/शौर्यपथ /कुपोषण और एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से आगामी 09 मार्च से 23 मार्च तक प्रदेश में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जन समुदाय तक स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता संबंधी जानकारी का प्रचार कर व्यवहार परिवर्तन का प्रयास किया जाएगा।
पोषण पखवाड़ा के तहत इस वर्ष मुख्यतः तीन थीम पर आधारित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें “पोषण भी पढ़ाई भी” थीम के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र में शिक्षा चौपाल का आयोजन और विशेष रूप से ईसीसीई लर्निंग कॉर्नर को बढ़ावा दिया जाएगा। दूसरी थीम के तहत जनजाति, पारंपरिक, क्षेत्रीय और स्थानीय आहार प्रथाओं पर पोषण के प्रति संवेदनशीलता पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। तीसरी थीम गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और शिशु एवं छोटे बच्चे के आहार संबंधी व्यवहार पर केन्द्रित है।
पोषण पखवाड़ा को स्वास्थ्य, पंचायत, शिक्षा जैसे कई विभागों के सहयोग से परिणाम मूलक बनाया जाएगा। प्रमुख पंचायतों एवं हाट-बाजारों में महिलाओं एवं बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य एवं देखभाल संबंधी उचित आदतों के विकास एवं सुधार के संबन्ध में प्रदर्शन करते हुए लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस दौरान की जाने वाली सभी गतिविधियों को जन आंदोलन के डेश बोर्ड पोर्टल पर प्रतिदिन एन्ट्री भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि देशभर में वर्ष 2018 से पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है। व्यक्तिगत एवं समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधित व्यवहार परिवर्तन पोषण अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हर साल मार्च एवं अप्रैल माह में पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जाता है।

छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन सम्मेलन का आयोजन राजधानी रायपुर सहित सभी जिला मुख्यालयों, ब्लॉक मुख्यालयों, नगरीय निकायों में
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी महतारी वंदन सम्मेलन से वर्चुअल जुड़कर लोगों को सम्बोधित करेंगे
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर में आयोजित मुख्य समारोह में होंगे शामिल
छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त करने के लिए अभियान का होगा शुभारंभ
रायपुर/शौर्यपथ /अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 10 मार्च को प्रदेश की राजधानी रायपुर के साथ सभी जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय, नगरीय निकाय क्षेत्रों में महतारी वंदन सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्य मुख्यालय, जिला मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय एवं नगरीय निकायों में आयोजित कार्यक्रमों से सीधे वर्चुअल जुड़कर लोगों को संबोधित करेंगे और हितग्राहियों से बात करेंगे। इस अवसर पर महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से पहली किश्त का अंतरण किया जाएगा। इससे प्रत्येक माह महिलाओं के खाते में 1000 रूपये आएंगे।
राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दोपहर 1 बजे आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय शामिल होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय महिला स्व-सहायता समूहों और विभागीय गतिविधियों पर आधारित स्टॉल का अवलोकन करेंगे। सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री साय छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त करने के अभियान का शुभारंभ भी करेंगे। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदेश की जनता को दी गई गारंटी को पूरा करते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 01 मार्च 2024 से नवीन महतारी वंदन योजना लागू की गई है। योजना के तहत 21 वर्ष से अधिक आयु की पात्र विवाहित महिलाओं को एक-एक हजार रूपए की मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस प्रकार महिलाओं को 12 हजार रूपए वार्षिक प्राप्त होगा। योजना के तहत 10 मार्च को पहली बार सहायता राशि दी जाएगी। इससे लगभग 70 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित होंगी।
महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। सम्मेलन में विभागीय गतिविधियों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय हेतु स्टॉल भी लगाए जाएंगे। साथ ही विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी जायेगी। जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त करने का संकल्प भी लिया जाएगा।

पहली बार रायगढ़ में 9 खेल मैदानों में बॉक्स क्रिकेट कोर्ट होंगे तैयार, सॉफ्टवेयर से स्पॉट बुकिंग की मिलेगी सुविधा
10 बैडमिंटन कोर्ट भी बनाए जायेंगे, संजय मैदान रामभांठा में 49 लाख से बनेगा बाउंड्रीवाल
नगर पंचायत पुसौर में भी बनाया जायेगा बैडमिंटन और बॉक्स क्रिकेट कोर्ट
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने जल्द कार्य प्रारंभ करवाने अधिकारियों को दिए निर्देश
रायपुर/शौर्यपथ / रायगढ़ के खिलाडिय़ों और खेल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी की पहल से शहर के विभिन्न खेल मैदानों को संवारने और बेहतर खेल सुविधाएं मुहैय्या कराने के उद्देश्य से 3.67 करोड़ की लागत से खेल अधोसंरचना तैयार होने जा रही है। रायगढ़ शहर में पहली बार युवाओं के रुचि को ध्यान में रखते हुए आधुनिक बॉक्स क्रिकेट कोर्ट बनाए जायेंगे। रायगढ़ शहर के 8 मैदान एवं नगर पंचायत पुसौर के 01 मैदान सहित कुल 9 स्थानों में यह बॉक्स क्रिकेट कोर्ट तैयार किया जाएगा। जिसमें रात में भी खिलाडिय़ों के प्रेक्टिस करने के लिए लाईट के साथ सॉफ्टवेयर बेस्ड स्पॉट बुकिंग की सुविधा होगी। इसी तरह 10 जगहों पर बैडमिंटन कोर्ट भी बनाए जाएंगे। जिसमें प्रमुख रूप से शहर के संजय मैदान रामभांठा, रामलीला मैदान, शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम, पॉलीटेक्निक कॉलेज मैदान, रायगढ़ स्टेडियम बोइरदादार, नटवर स्कूल मैदान जैसे स्थान शामिल हैं। इसके साथ ही विभिन्न खेल मैदानों में बाउंड्रीवाल भी तैयार किए जायेंगे। इसके लिए प्रस्ताव को स्वीकृति मिल चुकी। डीएमएफ मद से उक्त कार्य करवाए जायेंगे। वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी ने गत दिवस रायगढ़ प्रवास के दौरान इन खेल अधोसंरचनाओं के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल को निर्देश देते हुए कहा कि निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर तत्काल कार्य प्रारंभ कराया जाए। जिससे शहर के खिलाडिय़ों और खेल प्रेमियों को इन सभी सुविधाओं का लाभ जल्द मिल सके।
स्वीकृत कार्यों में संजय मैदान रायगढ़ में 49.80 लाख रूपये की लागत से बाउण्ड्रीवाल फेसिंग लाईट आदि निर्माण कार्य, संजय मैदान रायगढ़ में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट तथा 20.33 लाख रुपये की लागत से बॉक्स क्रिकेट कोर्ट का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम रायगढ़ में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट तथा 20.33 लाख रुपये की लागत से बॉक्स क्रिकेट कोर्ट का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसी तरह रामलीला मैदान रायगढ़ में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट तथा 20.33 लाख रुपये की लागत से बॉक्स क्रिकेट कोर्ट का निर्माण कार्य, पालीटेक्निक कालेज मैदान में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट तथा 20.33 लाख रुपये की लागत से बॉक्स क्रिकेट कोर्ट का निर्माण कार्य, कौहाकुंडा स्कूल मैदान में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट निर्माण कार्य, छातामुड़ा स्कूल मैदान रायगढ़ में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट तथा 20.33 लाख रुपये की लागत से बॉक्स क्रिकेट कोर्ट का निर्माण कार्य, रायगढ़ स्टेडियम मैदान में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट तथा 20.33 लाख रुपये की लागत से बॉक्स क्रिकेट कोर्ट का निर्माण कार्य, नटवर स्कूल मैदान रायगढ़ में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट तथा 20.33 लाख रुपये की लागत से बॉक्स क्रिकेट कोर्ट का निर्माण कार्य, हाईस्कूल गोरखा में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट तथा 20.33 लाख रुपये की लागत से बॉक्स क्रिकेट कोर्ट का निर्माण कार्य, नगर पंचायत पुसौर में 8.71 लाख रुपये की लागत से बैंडमिटन कोर्ट तथा 20.33 लाख रुपये की लागत से बॉक्स क्रिकेट, एलईडी लाईट सहित निर्माण कार्य शामिल है।
इसी तरह हाईस्कूल गोरखा में 28 लाख रुपये की लागत से बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य, प्राथमिक शाला भवन सोनूमुड़ा में 10.10 लाख रूपये की लागत से बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य, प्राथमिक शाला भवन इंदिरानगर में 6.50 लाख रूपये की लागत से बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य, प्राथमिक शाला भवन, बोईरदादर में 2.70 लाख रूपये की लागत से बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य शामिल है।

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