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रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना का कहर प्रदेश सहित देश में लगातार विकराल रूप ले रहा है क्या आम क्या खास हर किसी तक इस बिमारी की पहुँच हो गयी . लगातार एतिहात बरतने के बावजूद जनप्रतिनिधियों को भी बिमारी अपने आगोश में ले रही है अब प्रदेश के मुखिया के ओएसडी व पीएसओ की कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव आई जिसकी जानकारी प्रदेश के मुखिया ने अपने ट्वीट के जरिये दी और स्वयं सुरक्षा की दृष्टी से आइसोलेट हो गए है .
राजधानी रायपुर के मुख्यमंत्री निवास से इस वक्त एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. सीएम भूपेश बघेल के ओएसडी और पीएसओ कोरोना पॉजिटिव मिले है. संक्रमित पाए जाने के बाद बघेल क्वारंटाइन हो गए है. मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है.
कोरोना छत्तीसगढ़ में अब बेकाबू हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आसपास भी अब कोरोना पहुंच गया है। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी और उनके पूरे परिवार की कोरोना रिपोर्ट पॉजेटिव आयी थी, अब मुख्यमंत्री के OSD की कोरोना रिपोर्ट पॉजेटिव आ गयी है। OSD के साथ-साथ मुख्यमंत्री के PSO की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजेटिव आयी है।
मुख्यमंत्री के करीबियों के पॉजेटिव होने के बाद प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। इधर मुख्यमंत्री ने अब खुद को क्वारंटीन कर लिया है। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि वो चार दिन के लिए खुद को आइसोलेट कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया है कि उनके ओएसडी और पीएसओ की रिपोर्ट कोरोना पॉजेटिव आयी है। हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव है। लेकिन एहितियातन उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है।
बेमेतरा। शौर्यपथ । नवागढ़ में विदेशी शराब दुकानदार मनमाने दामों पर शराब बेचकर अपनी जेब भरने में जुटे हैं। मनमाने दामों की वजह से शराब के शौकीनों की जेब ढीली हो रही हैं। खुलेआम ग्राहकों को धमकी दी जा रही है। कहा जा रहा है कि लेना है तो लो वरना यहां से भग जाओ। इसके बाद भी आबकारी विभाग द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ठेकेदार भी कमा रहे मुनाफा (Bemetara)शहर में दुकानें शासकीय कर्मचारियों के भरोसे चल रही हैं। यहां पर हालात यह है कि अंदर शासन द्वारा चलाई जा रही दुकानों में ठेकेदार के कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। वो लोग अपने हिसाब से रेट तय कर शराब बेच रहे हैं। ठेकेदार द्वारा चलाई जा रही शराब दुकानों पर एमआरपी से भी अधिक रुपए लिए जा रहे हैं। जबकि नियम के मुताबिक एमआरपी से अधिक में शराब नहीं बेची जा सकती है। सोशल डिसटेसींग का पालन नहीं (Bemetara)शराब दुकान में करोना नियम का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। सामाजिक दूरी सिर्फ और सिर्फ कागजों पर ही दिखाई देता है। महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच भी कोई पालन करना नहीं चाहते। कीचड़ से भरे हुए हैं रास्ते हो सकता है कोई अप्रिय घटना आबकारी विभाग से लाखों रुपए किराये मिलने के बाद भी दुकान मालिक ने शराब दुकान आने जाने के लिए रास्ते पर मुरुम डलवाना जरूरी नहीं समझ रहे हैं। जिससे बरसात का पानी भर जाने के कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। मदिरा प्रेमियों को कीचड़ में फिसल कर गिरने से कोई अप्रिय घटना घट सकता हैं। जिसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
रायपुर / शौर्यपथ / कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए इस बार 35वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए मनाया जाएगा । 25 अगस्त से 8 सितंबर तक जिला व ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों में नेत्रदान के प्रति जागरुक किया जाएगा। इस वर्ष राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा-2020 का थीम – “हॉस्पिटल कॉनियल रिट्रेवल प्रोग्राम” पर आधारित है। जिला अस्पताल में 25 अगस्त को सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल, सिविल सर्जन डॉ रवि तिवारी सहित ब्लॉक स्तर के नेत्र रोग अधिकारी इस बार शाम 3 से 4 बजे के बीच वेबीनार के माध्यम से इस पखवाड़े का शुभारंभ करेंगे। देखने का अधिकार मानव के मूल अधिकारों में से एक है। अत: यह आवश्यक है कि कोई भी व्यक्ति अनावश्यक दृष्टिहीन न होने पाए और यदि है तो दृष्टिहीन न रहने पाए। इसी उद्देश्य को लेकर दृष्टिविहीनता कार्यक्रम के तहत बच्चों तथा प्रजनन आयु समूह में आंखें की कार्निया, पुतली से नेत्रहीनता की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा प्रति वर्ष मनाया जाता है।
जिला अंधत्व नियंत्रण समिति के नोडल अधिकारी डॉ. निधी ग्वारे ने बताया कार्नियल अन्धेपन की समस्याओं को दूर करने के लिए हॉस्पिटल कॉनियल रिट्रेबल प्रोग्राम के अंतर्गत ऐसे मरीज जिनका अस्पताल में मृत्यु होने पर परिजनों को नेत्र दान के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसे मृत शरीर जिनकी उम्र 5 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम की अवस्था में मृत्यु होने पर 4-6 घंटे के भीतर कॉनियल निकालने की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। वहीं 24 घंटे के भीतर जरुरतमंद को ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। केवल ऐसे मृत शरीर से ही नेत्रदान लिया जा सकता हैं जिन्हें गंभीर बीमारी कैंसर, हेपेटाइटीस व एचआईवी एड्स जैसी रोग से ग्रसित नहीं होनी चाहिए।
राष्ट्रीय अंधत्वव नियंत्रण के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, कार्नियल अन्धेपन के बचाव व अच्छी दृष्टि के लिए आंखों की देखभाल बहुत जरूरी है। यह पाया गया है कि छोटे बच्चे अक्सर कार्नियल नेत्रहीनता के शिकार होते है। कार्नियल नेत्रहीनता का उपचार केवल किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसकी आंख के कॉर्निया को खराब कार्निया वाले मरीज की आंख में लगा देने से हो सकता है और उसकी आंख की रोशनी वापस लाई जा सकती है। उसका अंधापन दूर किया जा सकता है। इसे नेत्र प्रत्यारोपण भी कहते है।
उन्होंने बताया नेत्रदान सिर्फ मरणोपरांत ही किया जाता है। किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार शोकाकुल होता है ऐसी मुश्किल घड़ी में नेत्रदान करना जटिल होता है। ऐसे में समाज के लोग, समाज सेवी, अन्य प्रतिनिधि अहम भूमिका निभा सकते है। डॉ. मिश्रा ने बताया ने प्रदेश में राज्यभर के अस्पतालों में गत वर्ष 2019-20 में 362 नेत्रदान हुए थे। वहीं वर्ष 2018-19 में 360 और वर्ष 2017-18 में 378 नेत्रदान प्राप्त हुए थे। वर्तमान में हम देश में सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों में काम करने वाले नेत्र बैंक के प्रयासों से सालाना 60000 से 65000 आँखों का संग्रह नेत्रदान के जरिए प्राप्त हो रहे हैं।
डॉ मिश्रा ने बताया देश में राष्ट्रीय सर्वेक्षण अंधत्व वर्ष 2015-19 की रिपोर्ट के अनुसार देश में अंधेपन के कुल मामलों में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस की समस्या लगभग 7.9% बढ़ी है। रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि हर साल लगभग 20,000 नए अंधेपन के मामलों में वृद्वि होती है। देश में प्रति वर्ष लगभग 2 लाख कार्निया की जरूरत होती है। जबकि जागरूकता की वजह से नेत्रदान में अभी भी प्रगति हो रही है लेकिन यह अपर्याप्त है । बड़े शहरों और कस्बों में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के इलाज की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह सुविधा मेडिकल कॉलेज में आई बैंक द्वारा दी जाती है। कॉर्निया के अंधेपन के रोकथाम के लिए नेत्र प्रत्यारोपण के साथ-साथ कॉर्निया से होने वाले नुकसान को बचाया जाना जरूरी है।
इसके लिए छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को विटामिन ए पिलाना अतिआवश्यक है। सभी बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कराया जाना आवश्यक है। आंखों को चोट लगने से बचाया जाए और बच्चों को नुकीली वस्तु से न खेलने दें। आंख में संक्रमण होने पर इसका जल्द उपचार कराने के साथ नेत्र चिकित्सक की सलाह लें। यदि ऑखों में कुछ पड़ जाए तो आंख को मलें नही केवल साफ पानी से धोएं, फायदा न होनें पर नेत्र चिकित्सक से जांच करवाएं।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके निवास में मुलाकात कर मुख्य सचिव आर.पी. मंडल, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी सहित अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव, सचिव एवं विभागाध्यक्षों ने जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन एवं अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, राज्यपाल के सचिव श्री सोनमणि बोरा, सचिव जल संसाधन अविनाश चम्पावत, सचिव खाद्य डॉ. कमलप्रीत सिंह, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई, रायपुर कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, पुलिस महानिरीक्षक आनंद छाबड़ा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री बघेल से मुलाकात कर उन्हें जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके निवास में मुलाकात कर मंत्रियों, संसदीय सचिवों, विधायकों, निगम मंडलों के अध्यक्षों और अनेक जनप्रतिनिधियों ने जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री निवास में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिय़ा, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोकसभा सांसद दीपक बैज, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, संसदीय सचिव सुश्री शकुन्तला साहू, श्रीमती अंबिका सिंहदेव, डॉ. श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव, श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, चिंतामणि महाराज, विकास उपाध्याय, गुरुदयाल बंजारे और कुंवरसिंह निषाद, विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, विधायक श्रीमती अनिता योगेंद्र शर्मा, श्रीमती छन्नी चंदू साहू, देवेन्द्र यादव, श्रीमती ममता चन्द्राकर, नगर निगम रायपुर के महापौर ऐजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, रूचिर गर्ग और राजेश तिवारी, पूर्व सांसद श्रीमती करूणा शुक्ला सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री बघेल से मुलाकात कर उन्हें जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने जन्मदिन पर दुर्ग जिले के जुनवानी स्थिति श्री शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस में आधुनिक उपकरणों से लैस स्वर्गीय श्री अभिषेक मिश्रा की स्मृति वायरोलॉजी एवं डायग्नॉस्टिक कोविड-19 लैब का रायपुर निवास कार्यालय से ऑनलाइन शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज की टीम को अत्याधुनिक कोविड लैब तैयार करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री बघेल को श्री गंगाजली एजुकेशनल सोसायटी भिलाई के चेयरमेन आई.पी. मिश्रा ने जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को दीर्घायु होकर प्रदेश की सेवा करते रहने का आर्शीवाद दिया। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के डीन ने लैब की कार्यप्रणाली और अत्याधुनिक मशीनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कोविड लैब की क्षमता अभी 700 से 800 है, जिसे बढ़ाकर 1200 से 1400 करने की योजना है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री चलित संयंत्र पेयजल योजना के अंतर्गत रायपुर, बिलासपुर एवं बस्तर संभाग में मोबाइल वाटर प्यूरीफायर संयंत्र के माध्यम से शुद्ध पेयजल प्रदाय हेतु 3 नग ट्रक मोबाइल वाटर ट्रीटमेंट यूनिट के लिए 6 करोड़ 29 लाख 13 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई है।
बिलासपुर / शौर्यपथ / बिलासपुर जिले में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा नियमित रूप से की जा रही है । जांच से पूर्व स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया जाता है। पंजीयन उपरांत गर्भवती महिलाओं की समय-समय पर प्रसव पूर्व जांच कर टिटनेस का टीका दिया जाता है साथ ही जांच के लिए फालोअप भी किया जाता है। इस कार्य में एएनएम और मितानिन का कार्य काफी सराहनीय है। जब प्रसव हो जाता है तब मितानिन द्वारा प्रसव पश्चात जांच के तहत जच्चा बच्चा का 42 दिनों तक नियमित ख्याल रखा जाता है। स्वास्थ्य विभाग हर साल इसके लिए एक लक्ष्य निर्धारित करता है। इस बार लक्ष्य के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना काल में अच्छा कार्य किया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि साल 2020-21 में विभाग को 49,761 गर्भवतियों के पंजीयन का लक्ष्य दिया गया था। इसमें विभाग ने माह अप्रैल से जून तक मात्र तीन महीने में 95.93 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की है।
उन्होंने बताया कि तीन माह की प्रगति को देखें तो विभाग ने 12,440 गर्भवती पंजीयन के अनुपातिक लक्ष्य के सापेक्ष 11,934 पंजीयन करके अच्छी सफलता हासिल की है। जि़ले में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के लिए 12,440 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया है जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र की गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि समय से गर्भवती महिलाओं के पंजीयन और प्रसव पूर्व जांच होने से जोखिम की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं ।
नियमित रूप से गुणवत्तापूर्ण एएनसी जांच से समय से जटिलताओं की पहचान की जाती है और आवश्यक उपचार प्रदान किया जाता है जो कि मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर को कम करने में बहुत हद तक सहायक है । समय से पंजीयन से गर्भवती महिलाओं और नवजातों को सरकार द्वारा दी गयी सुविधायें भी आसानी से मिल जाती हैं।
गर्भवती की प्रसव पूर्व चार जांचें हैं बेहद जरूरी !
प्रथम चरण में गर्भधारण के तुरंत बाद या गर्भावस्था के पहले 3 महीने के अंदर जांच होती है। द्वितीय चरण में गर्भधारण के चौथे या छठे महीने में। तृतीय चरण में गर्भधारण के सातवें या आठवें महीने में तथा चतुर्थ चरण में गर्भधारण के नौवें महीने में जरूरी जांचे की जाती हैं। इसमें प्रत्येक गर्भवती के हीमोग्लोबिन की मात्रा अनुसार आईएफए, कैल्शियम के साथ साथ टीकाकरण, उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की स्क्रीनिंग की जाती है।
रायपुर / शौर्यपथ / गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने असंगठित कर्मकार मृत्यु सहायता योजना के तहत दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के तीन श्रमिकों के परिवार जनों को एक-एक लाख रूपए का चेक प्रदान किया। चेक प्राप्त हितग्राहियों में स्नेहलता हाडके, कमला बाई एवं शीला सेन शामिल हैं। इस अवसर पर श्रम विभाग दुर्ग के सहायक श्रमायुक्त एवं श्रम निरीक्षक उपस्थित थे।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
