May 09, 2025
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   रायपुर / शौर्यपथ / ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए अब इसमें कोई संदेह नहीं कि यह कार्यक्रम भविष्य में शिक्षा का सशक्त माध्यम बनेगा। इस कार्यक्रम ने कोरोना संक्रमण जैसी संकटपूर्ण और लॉकडाउन की स्थिति में विद्यार्थियों को बेहद सहज तरीके से घर बैठे अध्ययन-अध्यापन की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही उनके सर्वांगीण विकास में भी मददगार साबित हुआ है। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को इस पोर्टल के माध्यम से अपनी कला एवं रूचि को संवारने का अवसर मिला है। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ‘पढ़ई तुहर दुआर’ कार्यक्रम के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में संचालित भूगोल, सामाजिक विज्ञान, गणित की ऑनलाइन कक्षाओं में 3242 छात्र छात्राएं सम्मिलित हुए।
कक्षा 10वीं के सामाजिक विज्ञान विषय की ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान एससीईआरटी के संचालक श्री जीतेन्द्र कुमार शुक्ला ने कक्षा से जुड़े छात्र-छात्राओं के साथ ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ‘पढ़ई तुहर दुआर’ कार्यक्रम व ऑनलाइन कक्षा के अनुभव के बारे में चर्चा की। उपस्थित छात्र-छात्राआंे ने इसे एक नया रोचक अनुभव बताया।
आज वैश्विक बीमारी के चलते स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर भी अब असर दिखने लगा है, क्योंकि ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का समय निकल चुका है और आने वाले सत्र की तैयारी शुरू नहीं हो पा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की पढ़ाई की रूकावट को दूर करने के लिए एक ऐतिहासिक पहल की है। यूं तो बहुत से ऑनलाइन शिक्षा के कार्यक्रम अनेक सोशल मीडिया साइट पर उपलब्ध हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम अनुसार ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध होना एक अभिनव पहल है। जिसके अंतर्गत एक वेब पोर्टल का निर्माण किया गया है। जिसमें बच्चे अपनी कक्षा के विषयों का चयन कर उसका घर बैठे आसानी से अध्ययन कर रहे हैं।
‘पढ़ई तुहर दुआर’ के इस पोर्टल का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री बघेल द्वारा विगत माह 7 अप्रैल को किया गया था। आज एक माह बाद ही इसकी सफलता का आंकड़ा 27 करोड़ पेज व्यूव छू चुका है। जिसमें लगभग 20 लाख विद्यार्थी पंजीयन करवाकर एक लाख 70 हजार से अधिक शिक्षकों से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस ऑनलाइन शिक्षा का लाभ सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल दोनों ही के छात्र ले रहे हैं। ‘पढ़ई तुहर दुआर’ का यह पोर्टल सीजीस्कूलडॉटइन पर उपलब्ध है। छात्र इस साइट के द्वारा अपनी सुविधानुसार मोबाइल लैपटॉप या टैब पर पढ़ाई कर रहे हैं। इस वेब पोर्टल पर ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन आकर्षक तरीके से किया जा रहा है जिसमें छात्र अपनी कक्षा और विषय चयनित कर उस ऑनलाइन कक्षा से जुड़ते हैं और शिक्षकों के साथ परस्पर संवाद भी करते है एक तरह से वास्तविक कक्षा का स्वरूप है।
जिस तरह वास्तविक कक्षाओं में बच्चों को होमवर्क दिया जाता हैं, उसी तरह से इसमें भी होमवर्क दिया जाता है। जिसे बच्चे पीडीएफ फॉर्मेट में अपना होमवर्क पोर्टल पर अपलोड कर लेते हैं और शिक्षक उसे जाँच कर फीडबैक देते है। बिना किसी खर्च के तैयार की गई ये बेबसाइट बच्चों को भी निःशुल्क उपलब्ध हैं।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कोविड-19 के बचाव में एनसीसी कैडेट्स द्वारा किए जा रहे सहयोग की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि इस समय देश-प्रदेश कोरोना संकट का सामना कर रहा है। इन परिस्थितियों में एनसीसी कैडेट्स द्वारा लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। आम लोगों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराया जा रहा है। उनके द्वारा यातायात व्यवस्था संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।
राज्यपाल ने कहा कि एनसीसी युवाओं में राष्ट्रभक्ति का भाव पैदा करता है तथा उन्हें संकटापन्न स्थितियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षण भी देता है। ऐसा प्रशिक्षण का ही प्रभाव है कि आज एनसीसी कैडेट्स अंतर्राष्ट्रीय आपदा के समय कंधा से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना से लंबी लड़ाई लड़ना है। एनसीसी कैडेट्स अपना स्वयं का ध्यान रखें और आम जनता को कोरोना के प्रति जागरूक करें।

अवधेश टंडन की रिपोर्ट -

 मालखरौदा / शौर्यपथ / विदित हो कि मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का विवादों से हमेशा नाता रहा है यही कारण है कि आज भी यहां विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है मामला है मालखरोदा उप स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत आने वाले फगुरम प्राथमिक स्वस्थ केंद्र क्या जहा डॉक्टर सेट स्टाफ की मनमानी चरम सीमा पर है यहां के डॉक्टर स्टाफ लगातार नदारद रहते थे जिसकी सूचना मीडिया कर्मियों को मिलने पर लगातार पिछले कई दिनों से इस पर खबर चलाई , मामला था फागूराम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी द्वारा स्वास्थ्य केंद्र को अनाथ छोड़ कर लंच पर जाने का जिस पर हमने लगातार चिरनिंद्रा में सोए उच्चाधिकारियों को जगाने कई खबरों का प्रकाशन किया जिसके भी उच्चाधिकारियों को सांप सूंघ गया था या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों पर कार्रवाई करने हाथ-पैर फूल रहे थे या यूं कहें कि आपको मालखरौदा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि या उनके आकाओं का डर था,कि फगुरम में कार्रवाई से आपकी नौकरी पर खतरा न पड़ जाये। यही वहज ही नजर आता है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रोग्राम के लापरवाह डॉक्टरों को अभयदान देते रहे, मामला जांजगीर सी एम एच ओ के संज्ञान में लाने के बाद उन्होंने ने भी 3 दिन में कार्रवाई करने का भरोसा दिया, पर कोरोना महामारी के इस दौर में साहब गांधी की इतनी किल्लत की टेबल के नीचे कुछ भी आये। और एक दिन अचानक खबर आई कि मालखरौदा बीएमओ ने अपने लावलश्कर के साथ औचक निरीक्षण किया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी व कर्मचारियों को क्लीन चिट दे दी।
औचिक निरीक्षण, बात कुछ हजम नही होती,ऐसे में सवाल उठता है साहब ?
लगातार मीडिया में खबर प्रकाशन के बाद क्या फगुरम स्वास्थ्य केंद्र से अधिकारी और कर्मचारी क्या गायब रहेंगे जो आप औचिक निरीक्षण पर पहुंचे। क्या यह नही हुआ होगा कि आपके वहा पहुँचने से पहले किसी ने अंदुरूनी सूचना नही दी होगी क्योंकि साहब भी तो डॉक्टर है।
कार्रवाई से बचाने औचक निरीक्षण का ड्रामा क्यों?
इस पूरे मामले में देखा गया है कि अधिकारियों से लेकर मालखरौदा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों तक ने फगुरम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों का काफी समर्थन किया है और यही वजह है कि औचक निरीक्षण कर उन्हें अभयदान दे दिया गया क्या उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भगवान भरोसे छोड़ कर खांना खाने एक साथ जाने के लिए जवाब तलब नही करना चाहिए था।
जनप्रतिनिधियों के समर्थन पर हौसले है बुलंद
बता दे कि मीडिया में लगातार खबर प्रकाशन के बाद मालखरौदा क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधियों का भी फोन मालखरौदा क्षेत्र के रिपोर्टरों तक पहुंची है और उन्हें फगुरम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की खबर रोकने तक की बात कही गई परंतु साहब सवाल है जनता की जिंदगी का और यही वजह है कि लगातार इस पर खबर प्रकाशन की गई।

विनोद रायसागर की रिपोर्ट ..
मुंगेली / शौर्यपथ / देश में कोरोना संकट के कारण साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है एवं सोशल डिस्टेंस और सुरक्षा की बात पर हर कोई पहल कर रहा है किन्तु इन सबके बीच मुंगेली के नमकीन पदार्थ निर्माता राम तलेजा के लघु उद्योग नमकीन निर्माण फेक्ट्री में जिस तरह से खाने के सामान के निर्माण में अनियमितता और गंदगी बरती जा रही है उससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि व्यापारी को किसी के जान से कोई मतलब नहीं स्वास्थ्य से मतलब नहीं मतलब है तो सिर्फ रूपये कमाने से . रुपया कमाने की ऐसी प्रवित्ति वाले व्यापारी पर जिला प्रशासन ने कार्यवाही तो कर दी किन्तु क्या सिर्फ कार्यवाही ही ऐसे व्यापारी की सजा है जिसे संकट में भी सिर्फ कमाई की चिंता है वो भी आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करके .
मामला है नया बस स्टैंड मुंगेली के नमकीन व्यापारी राम तलेजा के सलौनी नमकीन फैक्टरी मे छापेमारी की कार्रवाई की गई. छापेमारी के दौरान फैक्टरी मे सलौनी निर्माण हेतु उनके कर्मचारी द्वारा बिना मास्क लगाये एवं पैर से मैदा को मिलाया जा रहा था और सलौनी तला जा रहा था . फैक्टरी मे साफ-सफाई का भी अभाव था. सलौनी के पैकिंग मे न ही निर्माण कम्पनी का नाम और न ही निर्माण तिथि, वैधता तिथि और न ही दर का उल्लेख किया गया था. इनके विरूद्ध भी प्रकरण पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्रवाई की गयी.
मुंगेली की आम जनता में चर्चा है कि ऐसे व्यापारी का लाइसेंस निरस्त कर देना चाहिए जो संक्रमण के दौर में भी ऐसी लापरवाही बार्ट रहा है . शासन अपने नियम अनुसार कार्यवाही कर रही है पर जनता को उम्मीद है कि शासन इस मामले पर ऐसी कार्यवाही करेगी जो आने वाले समय में मिसाल के रूप में कायम होगी .
कार्यवाही sdm चार्ली ठाकुर , तहसीलदार अमित सिन्हा , जिला खाद्य अधिकारी विमल दुबे एवं निगम अमले के कर्मचारियों की उपस्थिति में हुई .

 

धमतरी/नगरी शौर्यपथ

नगरी थानांतर्गत ग्राम गोविंदपुर व सिहावा थानांतर्गत ग्राम बरबांधा में आसमानी बिजली गिरने से एक पुरुष सहित दो महिलाओं की मौत हो गई ।
शुक्रवार शाम को हुई अचानक बारिश व आंधी तूफान से क्षेत्र में कई स्थानों पर काफी हानि की सूचना है। वहीं गोविंदपुर गट्टासिल्ली क्षेत्र मेंआसमानी बिजली के चपेट में आने से पति पत्नी की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि दोनों पति पत्नी खेत गए हुए थे इस दौरान आसमानी बिजली के चपेट में आ गए।
दूसरी घटना सिहावा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत बरबाँधा की फूलों बाई पति बंधन मरकाम उम्र 38 वर्ष शाम 4 से 5 के बीच अपने घर मे पानी भर रही थी।बाड़ी में लगे केला पेड़ के पास रखे ड्रम में पानी भरते समय अचानक आसमानी बिजली गिर गई और महिला उसके चपेट में आ गई।शासकीय अस्पताल बेलर गांव में परिजनों द्वारा लाये जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।मृतक महिला के दो छोटे छोटे बच्चे हैं जो 4 वर्ष व डेढ़ वर्ष के हैं।आसमान से गिरे बिजली ने इन दोनों बच्चों के सर से माँ का साया छीन लिया।
सिहावा पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।

धमतरी/नगरी शौर्यपथ
नगरी थानांतर्गत ग्राम गोविंदपुर में आसमानी बिजली गिरने से गांव के दो व्यक्ति की मौत की खबर आ रही है।शाम को हुई अचानक बारिश व आंधी तूफान से क्षेत्र में कई स्थानों पर काफी हानि की सूचना है।वहीं गोविंदपुर गट्टासिल्ली क्षेत्र के दो व्यक्ति के आसमानी बिजली के चपेट में आने से मौत हो गई।मौके पर नगरी पुलिस रवाना हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों पति पत्नी है और दोनों खेत गए हुए थे इस दौरान आसमानी बिजली के चपेट में आ गए।मृतक रामनाथ पिता जगत राम नेताम 65 साल,व पत्नी मंगली बाई 58 साल पति पत्नी की मौत हो गई।
पुत्र ने थाना में जानकारी दी है।

धमतरी/नगरी शौर्यपथ*

गुरुवार  14 मई के दिन,  ग्राम गोरेगांव निवासी  कृष्ण कुमार मण्डावी की कृषि ऋण पुस्तिका गुम हो जाने की शिकायत  नगरी थाने में की गई  है ।
कृष्ण कुमार मंडावी कृषि संबंधी अवश्यक  कार्य से नगरी तहसील कार्यालय पहुंचकर, बाईक में रखा थैला को खोला तो उनकी तीनों ऋण पुस्तिका गायब थी।
नगरी में  जिन स्थानों पर गए थे वहाँ  खोजबीन करने के पश्चात।   नगरी थाना में  शिकायत दर्ज कराई*

तेंदूपत्ता संग्रहण केंद्रों में सोशल डिस्टेंसींग नही रखा जा रहा है ध्यान

धमतरी/नगरी शौर्य पथ

दीपेश निषाद की रिपेर्ट

तेंदूपत्ता संग्रहण केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा है । मास्क का प्रयोग भी नही कर रहे हैं।

ग्राम पंचायत अमाली के तेंदूपत्ता संग्रहण केंद्र में बड़ी लापरवाही देखी गई।

अमाली सेंटर में तेंदूपत्ता लेकर आये ग्रामीण न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे हैं, न ही मास्क का प्रयोग कर रहे हैं ।

हद तो तब हो गई जब केंद्र के प्रबंधक भी इन नियमों की नियमों का पालन नही कर रहें है।
प्रबंधक ने स्वयं मास्क लगाना जरूरी नहीं समझा ।
ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोग कोरोना महामारी की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं ।
Covid 19 pandemic के खतरे के प्रति जागरूकता का अभाव देखा जा रहा है।

    रायपुर / शौर्यपथ लेख / डॉ रमन सिंह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री जिन्होंने १५ साल छत्तीसगढ़ पर राज किया . छत्तीसगढ़ में चाउर वाले बाबा से लेकर दारु वाले बाबा तक का सफ़र किया . छत्तीसगढ़ में खनिज का अकूत भण्डार है , छत्तीसगढ़ देश के पिछड़े राज्यों की गिनती में आने का श्री अगर डॉ सिंह को दे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी १५ साल सत्ता में रहने के बाद भी डॉ साहब ने छत्तीसगढ़ में रोजगार के कोई बड़े कार्य किये हो ऐसा प्रतीत नहीं होता . अगर छत्तीसगढ़ में बड़े स्तर पर रोजगार होता तो छत्तीसगढ़ राज्य से इतने मजदुर पलायन नहीं करते . छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के मूल निवासी अपनी बोली को खुले रूप में कहने पर भी शर्म करते थे डॉ रमन के राज में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी , धान के बोनस का वादा , स्तरहीन मोबाइल वितरण , टेबलेट वितरण , नान घोटाला जैसे कई घोटाले उजागर हुए . प्रदेश में असली मायने में देखा जाए तो छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों का राज २०१८ के बाद आया जब छत्तीसगढ़ी बोली बड़े शान से कही जाने लगी .
वर्तमान में कोरोना संकट सिर्फ छत्तीसगढ़ पर ही नहीं पुरे विश्व पर आया हुआ है और प्रदेश के साथ देश के मुखिया भी इस संकट से निपटने के लिए प्रयासरत है . प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली का ही असर है कि छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन के लगभग ५० दिनों बाद जिन्दगी पत्री पर दौड़ने लगी है छोटे बड़े सरे व्यापार खुल रहे है बाहर से आने वालो पर कड़ी नजर राखी जा रही है संदेह की स्थिति में तुरंत इलाज मुहैय्या कराई जा रही है अधिकारी कर्मचारी लगातार क्षेत्र पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है प्रदेश में ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई जो चर्चा का विषय बने भूख से छत्तीसगढ़ में किसी की मौत हुई हो वर्तमान संकट में ऐसा भी नहीं हुआ , संक्रमण से किसी की मौत हुई हो ऐसा भी नहीं हुआ , प्रवासी राज्यों के परिवारों को भी कोई तकलीफ हुई हो ऐसा भी कही नहीं दिखा . प्रदेश सरकार की निरंतर कोशिश है कि प्रदेश के मूल निवासी ही नहीं अन्य राज्यों के निवासी जो छत्तीसगढ़ में है उनकी भी फ़िक्र है छत्तीसगढ़ से पलायन करने वाले कम ही नजर आ रहे है एवं छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से आने वाले निरंतर आ रहे है . प्रदेश सर्कार अन्य प्रदेशो में फसे हुए श्रमिको को लाने का निरंतर प्रयास कर रही है जो लगातार सफल भी हो रही है साथ ही छत्तीसगढ़ से गुजरने वालो श्रमिको के लिए भी भोजन की व्यवस्था जगह जगह की जा रही है इसके लिए राजमार्ग पर विभिन्न स्थानों में केम्प लगाए गए है .
देश में छत्तीसगढ़ ही ऐसा राज्य है जहा कोरोना के मरीज की संख्या ५९ है और स्वस्थ होने वालो की संख्या ५५ एवं कुल मौते की संख्या नगण्य . छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिको के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है ऐसे में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को संकट के समय छत्तीसगढ़ के श्रमिक जो अन्य राज्यों में फसे है उन्हें लागे की पहल करनी चाहिए और केंद्र की भाजपा सरकार से निवेदन करना चाहिए कि गुजरात , उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में लाखो की संख्या में फसे श्रमिको का ख्याल रखे व उन्हें सकुशल छत्तीसगढ़ जल्द से जल्द भेजने की व्यवस्था करे . ऐसा करके डॉ सिंह छत्तीसगढ़ के श्रमिको का हित करते हुए एक नेक कार्य करने के लिए पहचाने जा सकते है . वर्तमान स्थिति में छत्तीसगढ़ के हर जनप्रतिनिधि का कर्तव्य है कि छत्तीसगढ़ में संकट से जंग लड़ना और जीतना इसमें सभी के सहयोग की ही अपेक्षा है ना कि राजनीती करण की .

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