December 07, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

   भिलाईनगर। नगर पालिक निगम भिलाई अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना मोर मकान-मोर आस एवं मोर मकान-मोर चिन्हारी घटक के विभिन्न परियोजना स्थलों में निर्मित/निर्माणाधीन आवासों का आबंटन मुख्य कार्यालय सभागार कक्ष में दिनांक 01.12.2025 को समय 12:00 बजे खुली लाटरी आयोजित किया गया है। हितग्राहियो द्वारा जमा किए गए आवेदन पत्रों का सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर अंशदान राशि का 10 प्रतिशत राशि तथा बेदखली व्यवस्थापन हेतु हितग्राही अंशदान राशि 75000 निगम कोष में जमा कराया गया है। नियमानुसार लाटरी पद्वति में वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों को प्राथमिकता के आधार पर भूतल के आवास तथा अन्य वर्ग के हितग्राहियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तल के आवास को सम्मिलित किया गया है। जो हितग्राही लॉटरी के पूर्व 11.30 बजे तक हितग्राही अंशदान राशि 75000 रुपए जमा कर देंगे । उन्हें भी लॉटरी में शामिल किया जाएगा ।
नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर नीरज पाल एवं आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय की ओर से अपील है कि प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही निर्धारित तिथि व समय पर उपस्थित होकर लाटरी में भाग लें

 

दुर्ग/shouryapath / 

पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग के समक्ष दुर्ग जिले के पुलगांव स्थित बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व संचालन व्यवस्था एक बार फिर कटघरे में आ गई है। शुक्रवार रात, 28 नवम्बर 2025 की रात यहां से सात नाबालिग आपराधिक प्रवृत्ति के बालक दीवार फांदकर फरार हो गए। तेज़ कार्रवाई में पुलिस ने अगले दिन यानी 29 नवम्बर को चार बालक पकड़ लिए; शेष तीन के जिले से बाहर जाने की सूचनाओं के बाद खोजबीन तेज हुई और आज तिल्दा से उन तीनों को भी पकड़कर सुधार गृह वापस लाया गया — यह जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने दी।


बार-बार हो रही फरारियों से उठ रहे हैं बड़े सवाल

यह मौका सिर्फ 25 दिनों के भीतर दूसरी बार आया है जब उसी संस्थान से बड़े पैमाने पर फरारियों की घटना हुई। पहले 3 नवम्बर 2025 को भी इसी सुधार गृह से 3 नाबालिग भागे थे — जिनमें कुछ ऐसे बालक भी शामिल थे जिनके विरुद्ध हत्या व लूट जैसे गंभीर आरोप दर्ज थे। पिछले वर्षों के रिकॉर्ड पर भी यह संस्थान चिंताजनक रूप से बार-बार चर्चा में रहा है:

  • 1 जून 2024 — एक 13 वर्षीय बालक फरार; तब सुधार गृह के स्टाफ को बच्चे के गायब होने का भी पता नहीं चला।

  • 19 जुलाई — (वर्ष का उल्लेख प्राप्त नहीं) पाँच अपचारी बालक फरार।

  • 2 मार्च 2018 — दो बालक फरार।

  • जुलाई 2019 — पाइप से पिटाई के गंभीर आरोपों के बाद बाल कल्याण अधिकारी सहित 7 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था।

  • 1 नवम्बर 2017 — गुटबंदी व मारपीट के परिणामस्वरूप एक 17 वर्षीय बालक पार्थ साहू की मृत्यु; घटना के बाद बड़े स्तर पर हंगामा और जांच के आदेश दिए गए थे।

  • 24 नवम्बर 2014 — झगड़े और मारपीट के बाद 37 बच्चे सुधार गृह से भाग निकले थे।

इन लगातार घटनाओं ने संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा, स्टाफ की निगरानी, तथा विभागीय जवाबदेही पर गम्भीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई — राहत के साथ सतर्कता

पुलिस के अनुसार, फरार बालक अक्सर सुधार गृह की पीछे की ऊँची दीवार फांदकर भागते हैं। इस बार भी रात में ही अलर्ट जारी हुआ और खोज अभियान शुरू कराया गया। प्रारम्भिक दौर में चार बच्चे आसपास के इलाकों से मिले और सुधार गृह लौटाए गए। शेष तीन के जिले पार करने की सूचनाओं पर पुलिस ने अन्य जिलों में भी तलाशी बढ़ाई और अंततः तिल्दा से उन्हें पकड़कर वापस लाया गया। SSP विजय अग्रवाल ने बताया कि सभी भागे हुए आपराधिक बच्चे अब पुनः सुधार गृह में हैं और महिला एवं बाल विकास विभाग तथा प्रशासन ने राहत की सांस ली है।


मूल कारण और व्यवस्थागत कमियाँ

विश्लेषण बताते हैं कि संप्रेक्षण गृह से बार-बार भागने के कारण कई स्तरों पर हैं — इनमें प्रमुख हैं:

  1. सुरक्षा व्यवस्था की खामियाँ: दीवारों पर मॉनीटरिंग, चौकीदारी, प्रवेश-निकास रिकॉर्ड, CCTV तथा अंदरूनी पेट्रोलिंग में निरंतरता का अभाव।

  2. स्टाफ की लापरवाही व प्रशिक्षण की कमी: कुछ घटनाओं में स्टाफ निगरानी में चूक हुई; साथ ही कर्मियों के व्यवहार (मारपीट, कठोरता) संबंधी गंभीर आरोप भी समय-समय पर आए हैं।

  3. अनुशासन व सुधारात्मक माहौल का अभाव: कुछ बालक यह मानते हैं कि सुधार गृह जेल जैसा कठोर स्थान है; आवश्यक ‘कॉमन रूम’ या सकारात्मक गतिविधियाँ न होने पर वे भागने का जोखिम बढ़ाते हैं।

  4. गुटबंदी व मारपीट: संस्थान के भीतर आपस में गुट बनना और आपसी मारपीट भी भागने की एक बड़ी वजह बताई जा रही है।

साभार में रहने, पढ़ाई व मनोवैज्ञानिक परामर्श जैसी सुविधाओं के साथ-साथ स्टाफ के व्यवहार में सुधार आवश्यक बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुधार गृह संस्थागत सुधार और पुनर्वास के उद्देश्यों पर केंद्रित रहना चाहिए—जेल जैसा दंडात्मक माहौल बन जाने पर परिणाम विपरीत होते हैं।


विभागीय जवाबदेही व मांगें

महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सुधार गृह प्रशासन पर बार-बार ऐसी घटनाएँ हो जाने के बावजूद ठोस सुधार न करने के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और कुछ बाल अधिकार कार्यकर्ताओं की मांग है कि—

  • स्वतंत्र जांच कराना चाहिए और दोषी स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई हो।

  • संप्रेक्षण गृह की दीवारें, CCTV कवरेज, रात्री गश्त और प्रवेश-निकास रेकॉर्ड को तुरंत सुदृढ़ किया जाए।

  • स्टाफ का नियमित मनोवैज्ञानिक व मानवाधिकार आधारित प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए।

  • बालकों के लिए शिक्षा, कौशल और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का सुनिश्चित प्रावधान हो ताकि पुनर्वास संभव हो।

  • किशोर न्याय बोर्ड और प्रशासन के बीच समन्वय सुदृढ़ हो और गृह में पारदर्शिता हेतु बाहरी ऑडिट की व्यवस्था हो।


निष्कर्ष — सुधार नहीं तो समस्या बनी रहेगी गम्भीर

बाल संप्रेक्षण गृह का उद्देश्य सामाजिक पुनर्संरचना और सुधार है, न कि कठोर कारावास। परंतु बार-बार हो रही फरारियां, मारपीट के आरोप और स्टाफ की संभावित लापरवाही इस संस्थान की विश्वसनीयता को लगातार हिला रही हैं। यदि तत्काल और ठोस सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो न केवल बच्चों का हित प्रभावित होगा, बल्कि समाज में सुरक्षा व पुनर्वास दोनों ही लक्ष्यों की पूर्ति भी संभव नहीं रहेगी। स्थानीय प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग और किशोर न्याय बोर्ड को मिलकर त्वरित, पारदर्शी और स्थायी सुधार योजनाएँ लागू करनी होंगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।

 

दुर्ग। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग के निर्देशन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग विजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में सायबर थाना दुर्ग ने अंतरराज्यीय साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। दुर्ग पुलिस ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 48 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले दो मुख्य आरोपियों को आंध्रप्रदेश से गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया है।

48.67 लाख की फॉरेक्स ठगी—ऐसे हुआ खुलासा

9 अक्टूबर 2025 को एक पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि इंस्टाग्राम पर फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर भेजे गए एक लिंक पर क्लिक करने के बाद उससे कुल ₹48,67,500 की ठगी की गई। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सायबर थाना दुर्ग में अपराध क्रमांक 08/2025, धारा 318(4), 336, 3(5) BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन आंध्रप्रदेश में चिन्हित की। इसके बाद एक विशेष टीम अनकापल्ली जिले में दबिश देकर दोनों साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया।


गिरफ्तार आरोपी

  1. पी. सत्यनागा मूर्ति, उम्र 25 वर्ष
    निवासी: पुलापर्थी, यालामंचली मंडल, जिला अनकापल्ली (आंध्रप्रदेश)

  2. बालाजी श्रीनू, उम्र 34 वर्ष
    निवासी: चिन्ना विधि, तहसील यालामंचली, जिला पुलापर्थी, विशाखापट्टनम (आंध्रप्रदेश)

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड भी जब्त किए। न्यायालय में पेश करने के बाद दोनों को केंद्रीय जेल दुर्ग भेज दिया गया है।


कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम

  • निरीक्षक जितेंद्र वर्मा

  • सउनि. पूर्ण बहाद्दुर

  • आरक्षक अनूप कुमार शर्मा

  • आरक्षक जुगनू सिंह

  • आरक्षक विवेक सिंह

टीम ने तकनीकी दक्षता और सतर्कता के आधार पर अंतरराज्यीय साइबर गैंग का सफाया किया।


दुर्ग पुलिस की अपील

नागरिक किसी भी अनजान लिंक, फॉरेक्स ट्रेडिंग, ऑनलाइन निवेश या त्वरित लाभ के लालच में आने से पहले उसकी विश्वसनीयता की गहन जांच करें।
संदिग्ध गतिविधि या ठगी की स्थिति में तुरंत सायबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
पहले सतर्क रहें—फिर सुरक्षित रहें।

28 पेटी अवैध शराब, टाटा सफारी और मोबाइल सहित 4.74 लाख की मशरूका जब्त

नंदिनी नगर (durg ) / shouryapath / थाना नंदिनी नगर पुलिस ने मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना पर बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब परिवहन में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से 28 पेटी देसी शराब, एक टाटा सफारी वाहन, चार स्मार्टफोन और नगदी रकम सहित कुल 4,74,500 रुपये की मशरूका जब्त की है।

सूचना मिली थी कि धमधा मार्ग से नंदिनी खुर्द की ओर एक पुरानी टाटा सफारी में दीगर राज्य की अवैध शराब लाई जा रही है। जानकारी मिलते ही नंदिनी नगर थाना प्रभारी के निर्देशन में टीम ने बताए गए मार्ग पर घेराबंदी कर रेड कार्रवाई की।

छापेमारी में बरामद सामग्री

  • 28 पेटी देसी शराबकीमत: ₹1,34,400

  • टाटा सफारी वाहनकीमत: ₹3,00,000

  • 04 स्मार्टफोनकीमत: ₹25,000

  • नगदी₹15,100
    कुल जब्ती राशि: ₹4,74,500

घटना में पकड़े गए आरोपियों का कृत्य धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत दंडनीय पाया गया, जिस पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर विधिवत कार्रवाई की है।


गिरफ्तार आरोपी

  1. नरेश कुर्रे, उम्र 38 वर्ष, निवासी ग्राम डूमर, नंदिनी नगर

  2. लवकेश उर्फ बबलू, उम्र 30 वर्ष, निवासी गिरहोला, नंदिनी नगर

  3. आर्यन कुमार लहरे, उम्र 24 वर्ष, निवासी ग्राम डूमर, नंदिनी नगर

  4. प्रभू बारले, उम्र 24 वर्ष, निवासी वार्ड 04, अहिवारा

पुलिस की त्वरित कार्रवाई से क्षेत्र में चल रही अवैध शराब तस्करी पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता मिली है।

- 30 नवम्बर तक मतदाता से गणना पत्रक वापस जमा करायी जाए
- मेपिंग पश्चात् चिन्हाकित एएसडी का भी एन्ट्री कराएं
- सुपरवाईजरों से विडियो काल कर समस्या की जानकारी ली
दुर्ग। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिंह ने आज नगर निगम दुर्ग के सभाकक्ष में विधानसभा क्षेत्र दुर्ग शहर और नगर निगम भिलाई में विधानसभा क्षेत्र वैशाली नगर एवं भिलाई नगर में चल रहे निर्वाचक नामावलियों की विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य की मतदान केन्द्रवार समीक्षा की। उन्होंने 55 प्रतिशत से कम वाले मतदान केन्द्र के बीएलओ से तथा 55 से 70 प्रतिशत वाले मतदान केन्द्र के बारे में सुपरवाइजर से विडियो कॉलिंग के माध्यम से समस्या की विस्तृत जानकारी ली। इसी प्रकार 70 से 90 प्रतिशत वाले केन्द्रों के संबंध में ईआरओ और एईआरओ से जानकारी ली। साथ ही शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण करने के संबंध में रायशुमारी की गई।
कलेक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य को प्राथमिकता के साथ सभी को समय पर पूर्ण किया जाना है। गणना पत्रक जमा करने के अंतिम तिथि के इन्तजार किये बगैर बीएलओ को संबंधित क्षेत्र के घर-घर जाकर गणना पत्रक संग्रहण करना होगा। जो मतदाता गणना पत्रक वापस जमा नहीं कर रहे हैं ऐसी स्थिति में पंचनामा तैयार कर इस पर मतदाता का हस्ताक्षर करवा कर रखें। इसी प्रकार बीएलओ द्वारा गणना पत्रक वितरण हेतु तीन बार मतदाता के घर जाने पर भी यदि मतदाता नहीं मिले तो घर में नोटिस चस्पा कर, मौके पर पंचनामा तैयार कर, ऐसे मतदाताओं का शिफ्टेट फार्म भरा जाए। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति मतदान केन्द्र से संबंधित वार्ड में निवासरत् नहीं है। वर्तमान में अन्यत्र निवास कर रहा है, ऐसे मतदाताओं को गणना पत्रक उपलब्ध न कराएं।
कलेक्टर ने कहा कि सुपरवाइजर एवं बीएलओ यह सुनिश्चित करें कि 30 नवम्बर की रात्रि तक सभी मतदान केन्द्रों से संबंधित वितरित गणना पत्रक बीएलओ को वापस जमा हो जाएं। मेपिंग पश्चात् चिन्हांकित एएसडी की एन्ट्री रात्रि तक पूर्ण कर ली जाए। गणना पत्रक एन्ट्री पश्चात् आगामी दो दिनों में डिजिटाइजेशन का कार्य पूर्ण किया जाए। उन्होंने अवगत कराया कि वर्तमान में सिंगल मल्टीपल लॉगिन चल रहा हैं। यदि निर्वाचन आयोग इसे बंद कर दिया तो गणना पत्रक एन्ट्री करना संभव नही हो पाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए गणना पत्रक संग्रहण हेतु सुपरवाइजर, बीएलओ एवं उनके सहायक कर्मचारी पूरा जोर लगाएं ताकि आगामी दो दिनों में संग्रहित पत्रकों का डिजिटाइजेशन किया जा सकें।
इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी अपर कलेक्टर  विरेन्द्र सिंह, दुर्ग शहर ईआरओ एडीएम अभिषेक अग्रवाल, भिलाई नगर ईआरओ अपर कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, वैशाली नगर ईआरओ संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शिल्ली थामस, आयुक्त नगर निगम दुर्ग सुमीत अग्रवाल, आयुक्त नगर निगम भिलाई राजीव पाण्डे, दुर्ग शहर एसडीएम उत्तम ध्रुव एवं एईआरओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।    

1 दिसम्बर को मालवीय नगर कॉम्प्लेक्स के पास 600 एमएम वाल्व बदला जाएगा, 24 एमएलडी फिल्टर प्लांट रहेगा शटडाउन

दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम दुर्ग ने महत्वपूर्ण तकनीकी कार्यों के कारण 1 दिसम्बर 2025, दिन सोमवार को बड़े पैमाने पर जलप्रदाय प्रभावित रहने की चेतावनी जारी की है। मालवीय नगर कॉम्प्लेक्स के पास 600 एमएम वाल्व को बदलने का कार्य सुबह की वाटर सप्लाई के बाद किया जाएगा। इसी कारण 24 एमएलडी फिल्टर प्लांट का शटडाउन लिया गया है, जिसके चलते रात 1 दिसम्बर की शाम से 2 दिसम्बर की सुबह तक कई वार्डों में पानी की सप्लाई बाधित रहेगी।

निगम ने बताया कि जिन क्षेत्रों में टंकियों से जलप्रदाय प्रभावित होगा, वहाँ आवश्यकता अनुसार टैंकरों के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे समय रहते पर्याप्त मात्रा में पानी संग्रहित कर लें।

ये क्षेत्र रहेंगे प्रभावित

पदमनाभपुर टंकी क्षेत्र (वार्ड 43, 44, 45, 46)
कसारीडीह पूर्व, बाबा गुरु घासीदास वार्ड, पद्मनाभपुर पश्चिम, पद्मनाभपुर पूर्व।

शंकर नगर टंकी क्षेत्र (वार्ड 10, 11, 12, 13)
शंकर नगर पश्चिम-पूर्व, मोहन नगर पश्चिम-पूर्व।

शक्तिनगर टंकी क्षेत्र (वार्ड 17, 18, 19, 20, 21, 22)
औद्योगिक नगर उत्तर-दक्षिण, शहीद भगत सिंह उत्तर-दक्षिण, तितुरडीह, स्टेशनपारा।

गिरधारी नगर टंकी क्षेत्र (वार्ड 09, 05)
स्वामी विवेकानंद वार्ड, मरारपारा।

हनुमान नगर टंकी (वार्ड 21, 19, 20)
तितुरडीह, शहीद भगत सिंह उत्तर-दक्षिण।

ट्रांसपोर्ट नगर टंकी (वार्ड 16)
करहीडीह।

शनिचरी बाजार टंकी (वार्ड 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38 आंशिक)
तमेरपारा, आपापुरा, चंडीमंदिर, शिवपारा, रामदेव मंदिर, गंजपारा, आजाद वार्ड।

निगम की तैयारी और अपील

महापौर अलका बाघमार, आयुक्त सुमित अग्रवाल तथा प्रभारी लीना दिनेश देवांगन ने नागरिकों से अपील की है कि सोमवार को जल का संयमित उपयोग करें तथा आवश्यक मात्रा में संग्रहण कर लें।
निगम की जल विभाग टीम मालवीय नगर में मरम्मत कार्य के लिए लगातार तैनात रहेगी। प्रयास है कि कार्य शीघ्रता से पूरा हो और नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो।

    भिलाई / शौर्यपथ / वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एफआईआर कार्य में लगे सभी बीएलओ से विधायक रिकेश सेन ने बात कर उनके प्रयासों को साधुवाद दिया है। उन्होंने 293 बीएलओ से कार्य प्रगति की जानकारी ले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी चर्चा की है। श्री सेन ने कहा कि सभी बीएलओ पूरी जिम्मेदारी के साथ एसआईआर कार्य में लग कर मतदाताओं को सहयोग कर रहे हैं। कई मतदान केंद्र में 70 से 80 प्रतिशत फार्म जमा हो जाने पर विधायक ने बीएलओ को बधाई दी और कहा कि इस तरह पूरी निष्ठा से कर्तव्य निर्वहन में लगे वैशाली नगर विधानसभा के सभी 293 बीएलओ को मुख्यमंत्री से सम्मानित करवाने की पहल उनके द्वारा की जाएगी। आपको बता दें कि वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र के कुल 258 मतदान केन्द्र के लिए 293 बीएलओ मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में लगे हैं। इन सभी बीएलओ से विधायक रिकेश सेन ने टेलीफोन पर चर्चा कर कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए उन्हें बधाई दी है।
श्री सेन ने बीएलओ से संबंधित क्षेत्र के गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन कार्य के विषय में जानकारी ली और कार्य में आ रही समस्याएं भी पूछी। विधायक ने बताया कि वैशाली नगर विधानसभा में सभी बूथ स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं से गणना प्रपत्र एकत्र कर रहे हैं, और भरे हुए प्रपत्रों को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने के कार्य में जुटे हुए हैं। यह अभियान भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना है। इस अभियान में सभी बीएलओ के परिश्रम और मतदाताओं को सहयोग कार्य की श्री सेन ने सराहना की।
उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि 4 दिसंबर 2025 तक वो अपने गणना प्रपत्र संबंधित बीएलओ या सहायता केंद्रों पर जमा कर सकते हैं। यदि किसी का नाम सूची में नहीं है या कोई सुधार करवाना है, तो वे इस दौरान आवेदन भी कर सकते हैं। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में कार्य कर रहे सभी बूथ लेवल अधिकारियों की हौसला अफजाई करते हुए विधायक रिकेश सेन ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में लगे सभी अधिकारियों का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा सम्मान हो, इसके लिए वो पहल करेंगे।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा सहित वन मंत्री श्री केदार कश्यप एवं संस्कृति मंत्री श्री राजेश अग्रवाल बैठक में हुए शामिल
05 जनवरी-05 फरवरी 2026 तक ‘बस्तर पंडुम 2026’ का होगा आयोजन

रायपुर / shouryapath / छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को जीवंत बनाने के लिए ‘बस्तर पंडुम 2026' के आयोजन के लिए शनिवार को उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के रायपुर स्थित निवास पर उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप एवं संस्कृति मंत्री श्री राजेश अग्रवाल बैठक में शामिल हुए। इस महोत्सव में बस्तर संभाग की अनूठी लोककला, संस्कृति, रीति-रिवाज और पारंपरिक जीवनशैली को मंच देने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर पंडुम का आयोजन न केवल बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास है, बल्कि इस क्षेत्र के प्रतिभाशाली कलाकारों को मंच देने और उनकी कला को प्रोत्साहन प्रदान करने का सुनहरा अवसर भी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में इसका सफल आयोजन हेतु सभी विभागों को मिलकर समन्वय के साथ कार्य करना है। वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर पंडुम अपने आप में अनूठा अवसर है जो बस्तर के युवाओं को अपनी सांस्कृतिक विविधता और उसकी खूबसूरती एक बड़े मंच पर दिखाने का मौका प्रदान करती है।
संस्कृति मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि बस्तर पंडुम का आयोजन राज्य की संस्कृति का परिचायक है। इसके लिए राज्य शासन के द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां तय समय सीमा में पूर्ण करनी होंगी।
05 जनवरी-05 फरवरी 2026 तक होने वाले ‘बस्तर पंडुम 2026’ में 12 प्रमुख विधाओं में बस्तर के पारंपरिक नृत्य-गीत, रीति-रिवाज, जनजातीय नृत्य, वाद्ययंत्र, शिल्प, पारंपरिक व्यंजन, जनजातीय गीत, वेशभूषा, चित्रकला, आंचलिक साहित्य, जनजातीय नाट्य, जनजातीय आभूषण, पेय पदार्थ एवं वन-औषधी के प्रदर्शन पर आधारित प्रतियोगिताएं होंगी। ये प्रतियोगिताओं क्रमशः जनपद, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित की जाएंगी।
प्रतियोगिता का पहला चरण 05 से 15 जनवरी 2026 तक जनपद स्तर पर होगा, दूसरा चरण 20 से 25 जनवरी 2026 तक जिला स्तर पर और अंतिम चरण 01 से 05 फरवरी 2026 तक संभाग स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन होगा। प्रत्येक चरण के विजेताओं को पुरस्कार राशि और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बस्तर पण्डुम में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किये जाने हेतु जनजातीय बाहुल्य राज्यों के जनप्रतिनिधियों, केन्द्रीय मंत्री, विदेशी राजनयिकों, राजदूतों एवं बस्तर क्षेत्र के स्थानीय विषय विशेषज्ञ, पद्म विभूषित गणमान्य नागरिकों, बस्तर क्षेत्र के विभिन्न कार्य क्षेत्रों उपलब्धि प्राप्त विशिष्ट जनों को बस्तर की विशिष्ट संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही बस्तर के समस्त समाज प्रमुख, सिरहा, मांझी, चालकी को भी आमंत्रित करने को कहा।
सभी ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करते हुये देश के समस्त राज्यों के कलाकारों को जनजातीय लोक कला नृत्यों के प्रदर्शन एवं प्रस्तुति हेतु आमंत्रित करने के निर्देश दिए। बस्तर पंडुम में संभाग के 07 जिलों के 1885 ग्राम पंचायत, 32 जनपद पंचायत, 08 नगर पालिका, 12 नगर पंचायत तथा 01 नगर निगम क्षेत्र के प्रतिभागी शामिल होंगे। इस अवसर पर संस्कृति विभाग के सचिव श्री रोहित यादव, संचालक श्री विवेक आचार्य, बस्तर पंडुम के नोडल अधिकारी श्री युगल किशोर एवं मंत्री श्री राजेश अग्रवाल के ओएसडी श्री जितेंद्र सिंह उपस्थित रहे।

शौर्यपथ राशिफल / 1 दिसंबर 2025 को सोमवार के दिन चंद्रमा मीन राशि में गोचर कर रहा है, जो भावनाओं और संकल्प का संतुलन लाएगा, जबकि शाम को मेष में प्रवेश से उत्साह बढ़ेगा।
इस दिन कुछ राशियों को लाभ मिलेगा, वहीं अन्य को स्वास्थ्य और खर्चों में सतर्क रहने की जरूरत होगी।
लाभकारी राशियाँ
सिंह: भावनात्मक गहराई और रिश्तों में स्पष्टता बनेगी, उत्साह बढ़ेगा। शुभ रंग सुनहरा।�कन्या: रिश्तों पर ध्यान केंद्रित, वित्तीय निर्णय स्पष्ट होंगे।
कुंभ: वित्त और महत्वाकांक्षाओं में मजबूती, संतुलित निर्णय लें। शुभ रंग इलेक्ट्रिक नीला।�मेष: धन योग बनेगा, लेकिन गुस्से पर काबू रखें।
सावधानी वाली राशियाँ
कर्क: यात्रा से बचें, स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। नीली वस्तु दान करें।
कुंभ: नेत्र पीड़ा, खर्चे बढ़ सकते हैं। हरी वस्तु पास रखें।
मेष: सर दर्द, मानसिक परेशानी संभव। नीली वस्तु दान शुभ।
सिंह: चोट-चपेट का खतरा, स्वास्थ्य पर ध्यान दें। पीली वस्तु रखें।
सभी 12 राशियों का संक्षिप्त राशिफल
वृषभ: आर्थिक सुधार की संभावना।
मिथुन: परिवार में खुशी, लेकिन नए व्यापार से बचें। काली जी को प्रणाम।
तुला: शत्रुओं पर विजय, लेकिन डिस्टरबेंस बरकरार। शनि को प्रणाम।
वृश्चिक: नए अनुभव संभव।
धनु: शिक्षा-व्यवसाय में सफलता।
मकर: स्वास्थ्य-अपनों पर ध्यान, काली जी को प्रणाम।
ग्रह स्थिति: गुरु कर्क में, सूर्य-शुक्र-मंगल वृश्चिक में। उपाय अपनाकर लाभ उठाएं।

शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट

दुर्ग नगर निगम इन दिनों उस प्रशासनिक विवाद के केंद्र में है जिसने न केवल स्थानीय शासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि एक ग्रेड-03 कर्मचारी और निगम आयुक्त के बीच का संघर्ष किस तरह सीधे-सीधे माननीय उच्च न्यायालय तक पहुँच गया। पूरे मामले की जड़ एक बहाली आदेश के अनुपालक न होने, दर्जनों नोटिसों की बाढ़, जातिगत भेदभाव के आरोप और निगम में अन्य मामलों में दिखी प्रशासनिक निष्क्रियता को लेकर है।
इस विशेष रिपोर्ट के लिए उपलब्ध कराए गए दस्तावेज़ों, अदालत आदेशों और विभागीय पत्रों का गहन अध्ययन बताता है कि विवाद सतही नहीं है—यह दुर्ग नगर निगम की आंतरिक कार्यप्रणाली, सत्ता संरचना, राजनीतिक दबावों और प्रशासनिक अनुशासन के बीच गंभीर असंतुलन की ओर संकेत करता है।

कर्मचारी भूपेंद्र गोइरे का संघषर्: निलंबन से लेकर हाईकोर्ट तक
नगर निगम दुर्ग के सहायक वर्ग-03 कर्मचारी भूपेंद्र गोइरे, जिनका नाम पूरे विवाद के केंद्र में है, को 07.08.2025 के आदेश क्रमांक 354 के तहत निगम ने उनके विभागीय दायित्वों से मुक्त कर दिया था। आरोप यह था कि वे पदस्थापना संबंधी आदेशों का पालन नहीं कर रहे थे। भूपेंद्र ने इस आदेश को मनमाना और अप्रक्रियात्मक बताते हुए उच्च न्यायालय की शरण ली।
दिनांक 09.09.2025 को माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने रिट याचिका संख्या 10175/2025 स्वीकार करते हुए मामले को सुना और दुर्ग नगर निगम व नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिया कि पीडि़त कर्मचारी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
रिट आदेश के बाद भूपेंद्र ने 11.09.2025 को पुन: अपना आवेदन निगम में प्रस्तुत किया। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी न तो बहाली हुई, न आदेश के अनुपालन का कोई स्पष्ट कारण बताया गया—इसके बजाय, उन्हें लगातार एक-दर्जन से अधिक नोटिस जारी किए गए। भूपेंद्र का कहना है कि यह सब मानसिक दबाव बनाने और बहाली प्रक्रिया को रोकने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था।

नोटिसों की बाढ़: मानसिक और प्रशासनिक प्रताडऩा का आरोप
उपलब्ध पत्रों के आधार पर साफ दिखाई देता है कि निगम आयुक्त द्वारा लगातार नोटिस जारी किए गए। इन नोटिसों में कर्मियों के खिलाफ नियमों के विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए, परंतु भूपेंद्र के जवाबों के बाद भी न तो विभाग ने नोटिसों को निस्तारित किया और न ही आगे की प्रक्रिया स्पष्ट की।
पीडि़त का आरोप है कि:नोटिसों का उद्देश्य उन्हें डराना था, न कि किसी वास्तविक त्रुटि को ठीक करना।नोटिसों में लगाए आरोप अधिकांशत: "तथ्यहीन" थे।बहाली आदेश लागू न करने के लिए नोटिसों को एक ढाल की तरह उपयोग किया गया।यह भी बताया गया कि निगम आयुक्त द्वारा इस पूरे घटनाक्रम में जातिगत भेदभाव किया गया, जिसे पीडि़त ने अपने हलफनामे के साथ हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया है।

विवाद का दूसरा पहलू: पत्रकार और निगम आयुक्त के बीच 'समझौताÓ?
भूपेंद्र का कहना है कि एक स्थानीय पत्रकार द्वारा उनके विरुद्ध निरंतर नकारात्मक और भेदभावपूर्ण खबरें प्रकाशित की जाती थीं। जब उन्होंने कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ की, तब निगम आयुक्त ने स्वयं उनसे पत्रकार के साथ आपसी समझौता करने के लिए कहा।
भूपेंद्र के अनुसार:उन्होंने आयुक्त के कहने पर समझौता किया। वही सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पत्रकार ने पूर्व में भी कई बार गलत या भ्रामक बातो के लिए माफी मांगी है।
पीडि़त का आरोप है कि जब उन्होंने आयुक्त के निर्देश पर समझौता कर लिया, तब उम्मीद थी कि निगम निष्पक्षता दिखाएगा, लेकिन हुआ उलटा—उन पर और तेजी से नोटिस जारी होने लगे। बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या तथाकथित पत्रकार और आयुक्त के मध्य कोई आंतरिक समीकरण था या फिर दबाव? यह मुद्दा अभी भी निगम कर्मचारियों और स्थानीय मीडिया गलियारों में चर्चा का विषय है।

अन्य मामलों में निष्क्रियता: निगम की दोहरी नीति?
कर्मचारी भूपेंद्र के मामले में नोटिसों की तेज़ी और हाईकोर्ट आदेश की अनदेखी के विपरीत, कई ऐसे मामले हैं जिनमें निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की।
1.सहायक राजस्व निरीक्षक थान सिंह का मामला
ऐसे ही एक मामले को ले तो सहायक राजस्व निरीक्षक थान सिंह का मामला लोलिपॉप फ्लेक्स/बैनर के भौतिक सत्यापन में लापरवाही बरती गई। इसके बावजूद कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई और ना ही शिकायतकर्ता को शिकायत पर किस तरह की कार्यवाही हुई इस बात की जानकारी विभाग द्वारा प्राप्त हुई
ऐसे कई उदाहर शौर्यपथ समाचार के पास उपलब्ध है जिन मामलो में भेदभाव की निति देखने को मिल रही है वही ग्रेड 3 के कर्मचारी पर निगम की कार्रवाई किसी एक कर्मचारी पर केंद्रित नजर आ रही है जबकि बाकी मामलों में निगम प्रशासन लगभग निष्क्रिय बना रहा।

उच्च अधिकारियों की अनदेखी: क्या पद का दुरुपयोग?
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी कई आदेशों और निर्देशों को भी निगम आयुक्त ने अनदेखा किया। विभागीय नोटशीट में साफ लिखा गया है कि पीडि़त के आवेदन पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए—लेकिन अनुपालन नहीं हुआ।
इस स्थिति को देखते हुए यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है: क्या निगम आयुक्त पद का लाभ लेकर अपनी मनमर्जी चला रहे हैं, या फिर वे किसी राजनीतिक दबाव में रिमोट-कंट्रोल की तरह काम कर रहे हैं? निगम के अंदर कर्मचारियों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि आयुक्त के कुछ निर्णयों के पीछे किसी बाहरी शक्ति या राजनीतिक हस्तक्षेप का प्रभाव है।
आगे क्या? — कानूनी, प्रशासनिक और संस्थागत प्रभाव
उच्च न्यायालय से आदेशित बहाली यदि समय सीमा में लागू नहीं की जाती, तो यह मामला अब अदालत की अवमानना की दिशा में भी जा सकता है। न्यायालय ने आदेश में यह स्पष्ट किया था कि प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर निर्णय लिया जाए और किसी पक्ष को अनावश्यक रूप से प्रभावित न किया जाए।
फिलहाल स्थिति यह है कि:कर्मचारी और आयुक्त के बीच संघर्ष और गहरा हो गया है,निगम की प्रशासनिक कार्यप्रणाली की छवि सवालों के घेरे में है,जबकि उच्च स्तरीय प्रशासन को इस पूरे मामले की सम्पूर्ण जानकारी है ।

दुर्ग निगम में 'प्रशासन बनाम कर्मचारी" की जंग
यह विवाद सिर्फ एक आदेश या एक नोटिस की बात नहीं है—यह उस प्रणाली का आईना है जिसमें एक कर्मचारी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत तक जाता है, पर निर्णय के बाद भी उसे राहत नहीं मिलती। जबकि दूसरी ओर निगम प्रशासन पर मनमानी, पक्षपात और आदेशों की अवमानना के गंभीर आरोप लगते हैं। क्या यह मामला प्रशासनिक सुधार की दिशा तय करेगा या फिर उच्च न्यायालय से अब एक और सख्त आदेश आएगा—यह आने वाले दिनों में सामने आएगा। लेकिन इतना तय है कि दुर्ग नगर निगम में यह विवाद अभी खत्म होने वाला नहीं है, बल्कि कई महत्वपूर्ण सवाल छोड़ रहा है जिनके जवाब मिलना आवश्यक है।

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