April 20, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

 दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल व कांग्रेस से राजेंद्र साहू में अपना नामांकन जमा किया राजेन्द्र साहू के साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविंद्र चौबे भिलाई चरोदा के महापौर निर्मल कोसरे उपस्थित थे वहीं भाजपा के विजय बघेल ने आज अपने नामांकन का एक सेट भरकर जमा कर दिया। नामांकन के पहले सेट में दीपक ताराचंद साहू प्रस्तावक बने हैं। बघेल ने नामांकन का दूसरा सेट भी तैयार रखा है, जिसके प्रस्तावक पद्मश्री आर. एस बारले हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में एक सभा का आयोजन हुआ। नामांकन दाखिल करने से पूर्व सांसद विजय बघेल ने आज अपने निवास में कुल देवता और गौ माता की पूजा अर्चना कर आशीष प्राप्त किया। फिर धर्मपत्नी श्रीमती रजनी बघेल ने आरती उतारी और बड़ी बहनों ने बघेल को विजय तिलक लगाकर आशीर्वाद दिया।
 
  घर निकल कर विजय बघेल उन्होंने संकट मोचन हनुमान मंदिर सेक्टर 9 एवं गायत्री मंदिर सेक्टर 6 में भाजपा समर्थक मंच छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित विजय संकल्प हवन में परिवारजनों के साथ शामिल होकर हनुमान जी एवं गायत्री माता की पूजा अर्चना कर जनसेवा हेतु आशीर्वाद प्राप्त किया।
  इससे पहले विजय बघेल ने दुर्ग में नामांकन रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, मंत्री दयालदास बघेल, विधायक रिकेश सेन, ललित चंद्राकर, गजेंद्र यादव, डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय, पुरुषोत्तम देवांगन, गौरीशंकर श्रीवास, प्रेमचंद देवांगन, विजय शुक्ला, महिला मोर्चा अध्यक्ष स्वीटी कौशिक, नेता प्रतिपक्ष भोजराम सिन्हा,
 दुर्ग शहर जिला अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ,भिलाई शहर जिला भाजपा अध्यक्ष महेश वर्मा सहित कार्यकर्ताओ का हुजूम शामिल रहा .
सभा में जमकर गरजे विजय बघेल ....
  नामांकन रैली के पूर्व सभा को संबोधित करते हुए भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल ने कहा कि यह चुनाव सांसद बनाने के लिए नहीं भारत को विश्व शिखर पर ले जाने के लिए है .दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी विजय बघेल ने आज अपने नामांकन का एक सेट भरकर जमा कर दिया है। नामांकन के पहले सेट में दीपक ताराचंद साहू प्रस्तावक बनें है। श्री विजय बघेल ने नामांकन का दूसरा सेट भी तैयार रखा है। जिसके प्रस्तावक पद्मश्री आर एस बारले है।
  इसके पहले दुर्ग मानस भवन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में एक भव्य सभा का आयोजन हुआ।नामांकन दाखिल करने से पूर्व सांसद विजय बघेल ने आज अपने निवास में कूल देवी-देवता की पूजा अर्चना की। इसके बाद घर से बाहर निकलते ही गौ माता की पूजा कर उन्हें हरा चारा, गूड़ खिलाया और गौ माता का आशीर्वाद लेकर नामांकन दाखिल करने के लिए घर से निकले। इससे पहले फिर बड़ी बहनों ने श्री बघेल को विजय तिलक लगाकर आशीर्वाद दिया। इसके बाद उन्होंने संकट मोचन हनुमान मंदिर सेक्टर 9 पहुंचे। जहां उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया। हनुमान जी की आराधना की और हनुमान जी को प्रमाण करके जय-जय श्रीराम का जयकारा लगाते हुए नामांकन दाखिल करने के लिए निकले।
विजय के विजय के लिए विजय संकल्प हवन ज्ञय
  गायत्री मंदिर सेक्टर 6 में भाजपा समर्थक मंच छत्तीसगढ़ ने अपने सबसे लोकप्रिय नेता, सरल, सहज, विनम्र और जनता के हर दुख में शामिल होने वाले सबसे लाडले सांसद विजय बघेल को एक बार फिर से भारी मतो से जीतने, फिर से सांसद बनाने के लिए विजय संकल्प हवन यज्ञ का आयोजन किया। विजय संकल्प हवन यज्ञ में पंडितो ने मंत्रोचार करके यज्ञ को संपन्न करवाया और संतों ने विजय बघेल को विजय तिलक लगाकर विजयी भव: का आशीर्वाद दिया। जिसमें विजय बघेल परिजनों के साथ शामिल हुए।
नामांकन रैली में भाजपा ने किया शक्ति प्रदर्शन
  विजय बघेल ने दुर्ग में नामांकन रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। जिसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, मंत्री दयाल दास बघेल, विधायक रिंकेश सेन, ललित चंद्राकर, गजेन्द्र यादव, डोमन लाल कोर्सेवाडा, पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, दीपक साहू, ईश्वर साहू सहित गांव-गांव से आए हजारों भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।
विश्व शिखर पर ले जाने का चुनाव है
  सांसद विजय बघेल ने कहा कि नामांकन रैली में आशीर्वीद देने के प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उपस्थित हुए है। यह कोई मामूली चुनाव नहीं है। यह चुनाव सांसद बनाने के लिए नहीं है। बल्की यह चुनाव है देश बनाने के लिए। राष्ट्र निर्माण केलिए, हमारे देश के मान, सम्मान और स्वाभिमान को वापस लाने के लिए, हमारे भारत को विश्व शिखर पर लेजाने के लिए।
  नामांकन रैली में दुर्ग जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, युवा मोर्चा के अध्यक्ष अमित मिश्रा ,सांसद प्रतिनिधि प्रमोद सिंह ,माया बेलचंदन , राजेन्द्र पाध्ये, शंकर लाल देवांगन ,श्रीमती रश्मि सिंह ,भिलाई शहर जिला महामंत्री प्रेमलाल साहू, विजेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष  विनोद सिंह, योगेंद्र पांडेय  मुन्ना, दिनेश लोहिया, उज्जवल दत्त ,नागेंद्र मिश्रा, विजय सिंह, भरत गौर, प्रवीण पांडेय, अरविंद जैन ,सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता व आम लोग शामिल हुए।

रायपुर/ शौर्यपथ / कांग्रेस की सरकार बनने पर महिला, युवा, किसान, मजदूर सभी का भला होगा। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की न्याय गारंटी में देश के सभी वर्गों पर केंद्रित है। कांग्रेस हर महिला को 8333 रू. महिना देगी। कांग्रेस ने महिलाओं के लिये महालक्ष्मी योजना लागू करने का वायदा किया है। जिससे हर महिला को 1 लाख रू. हर साल देने की गारंटी है। कांग्रेस का मानना है कि देश की उन्नति तभी संभव है जब आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाया जाये। इसलिये कांग्रेस ने मातृशक्ति को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के यूपीए सरकार ने रोजगार को कानूनी अधिकार देने के लिये मनरेगा कानून बनाया था, तथा हर मजदूर को न्यूनतम 150 दिवस कार्य मजदूरी मिलने का कानूनी अधिकार दिया है। अबकी बार कांग्रेस की सरकार बनने पर कांग्रेस  पार्टी मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी 200 से बढ़ाकर 400 रू. करने की गारंटी देती है। इससे देश के मजदूरों की आर्थिक बदहाली दूर होगी तथा उनके जीवन स्तर में परिवर्तन आयेगा।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आज देश का किसान अपने फसल की कीमत के लिये संघर्ष कर रहा। उसे अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिये आंदोलन करना पड़ रहा। मोदी सरकार ने किसानों का दमन किया। कांग्रेस की सरकार बनने पर कांग्रेस न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने संसद में कानून बनाएगी तथा स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करेगी।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आज देश की बेरोजगारी दर सर्वोच्च स्तर पर है। कांग्रेस युवाओं को रोजगार देने के लिये युवाओं को 5 गारंटी देती है। कांग्रेस 30 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देगी। साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देने हर जिले 5000 करोड़ का स्टार्टअप को बनायेगी। कांग्रेस का शुरू से मानना है कि देश का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब हर वर्ग के नागरिकों की आर्थिक समृद्धि के द्वार खोले जाये। इसीलिये कांग्रेस ने किसान न्याय गारंटी, युवा न्याय गारंटी, नारी न्याय गारंटी, श्रमिक न्याय गारंटी तथा हिस्सेदारी न्याय की गारंटी देने का निर्णय लिया है।

" सायकल रैली के माध्यम से शहर के मतदाताओं को मतदान करने किया गया प्रेरित "
‘‘शत-प्रतिशत मतदान, मुंगेली जिले का अभिमान’’ का दिया गया संदेश

मुंगेली / शौर्यपथ / कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री राहुल देव के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन में शतप्रतिशत मतदान के लिए मतदाताओं को जागरूक करने आज सायकल रैली का आयोजन किया गया। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती मेनका प्रधान ने बताया कि सायकल रैली में शिक्षकों व छात्र-छात्राओं द्वारा स्लोगन ‘‘रखबो मुंगेली के मान, करबो सब्बो झन मतदान’’ के माध्यम से शहर के मतदाताओं को 07 मई को मतदान करने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही लोकसभा निर्वाचन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जागरूक किया गया।
        सहायक रिटर्निंग आफिसर एवं एसडीएम मुंगेली श्रीमती पार्वती पटेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल दाउपारा से सायकल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली लोरमी बायपास से पुराना बस स्टैण्ड व सामुदायिक भवन होते हुए वापस स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल दाउपारा में आकर समाप्त हुई। रैली के समापन में शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को लोकतंत्र में पूर्ण आस्था रखते हुए निर्भीक होकर बिना किसी प्रलोभन के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान करने की शपथ दिलाई गई। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर श्री अजय शतरंज, जिला शिक्षा अधिकारी श्री सी. के. घृतलहरे, डीएमसी श्री ओ. पी. कौशिक सहित बीईओ, स्कूल के प्राचार्य, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

बस्तर लोकसभा चुनाव विशेष 2014

 संजय पराते की कलम से ...

   शौर्यपथ विशेष / वे डरे हुए हैं, बदहवास है। बावजूद इसके कि आंकड़े उनके पक्ष में है, इस बार जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। इस हकीकत को वे भी पहचान रहे हैं। इसलिए वे और भी डरे हुए हैं, बदहवास हैं। मोदी के जुमलों पर न्याय का हथौड़ा भारी पड़ रहा है।
  बस्तर लोकसभा में विधानसभा की 8 सीटें हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में तीन सीटें -- बस्तर, बीजापुर और कोंटा -- कांग्रेस ने जीती हैं, तो चार सीटों -- कोंडागांव, नारायणपुर, जगदलपुर और चित्रकोट -- पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इन 8 सीटों पर कांग्रेस को सम्मिलित रूप से 4,01,538 वोट तथा भाजपा को 4,81,151 वोट मिले थे। इस प्रकार भाजपा 79,613 वोट और 7.91% वोटों के अंतर से आगे थी।
  वर्ष 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव के परिणाम से विधानसभा चुनाव के ये परिणाम भाजपा के लिए आश्वस्तिदायक हैं। तब भाजपा को लोकसभा चुनाव में 3,63,545 वोट ही मिले थे और कांग्रेस को 4,02,527 वोट। इस प्रकार कांग्रेस के दीपक बैज ने भाजपा के बैदूराम कश्यप को 38,982 वोट और 4.27% के अंतर से हराया था। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पिछली बार जिन दो सीटों पर विजय पाई थी, उनमें से एक बस्तर थी।
   इस प्रकार बस्तर लोकसभा में पांच साल पहले कांग्रेस से 4.27% वोटों से पीछे रहने वाली भाजपा आज 7.91% वोट से आगे हैं। निश्चित ही ये आंकड़ें प्रभावशाली हैं और भाजपा के पक्ष में हैं। इसके बावजूद भाजपा के चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं और वह पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। क्यों? इसका एक कारण तो मतदाताओं का वह असामान्य व्यवहार ही है, जिसने दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी भरकम जीत दिलाने के चार माह बाद ही अप्रैल 2019 में हुए लोकसभा के चुनावों में उसे पटकनी देने में कोई संकोच नहीं किया था।  इस बार भी मतदाता कहीं ऐसा ही 'खेला' नहीं कर दें! दूसरा कारण, लगातार दस सालों से केंद्र में सत्ता में बने रहने  और 2013-18 के दौरान केंद्र और राज्य दोनों ही स्तर पर सत्ता में बने रहने से पैदा सत्ता-प्रतिकूलता का कारक है, जिसने पिछली बार राज्य की सत्ता से उसे 10% वोटों के अंतर से बाहर कर दिया था। तीसरा कारण, स्वयं भाजपा की वे नीतियां हैं, जिससे राज्य की जनता और खासकर बस्तर की आदिवासी और गरीब जनता भुगत रही है।
  इसी बदहवासी ने भाजपा को मोदी की कथित गारंटी के बावजूद अपना उम्मीदवार बदलने को मजबूर किया है। इस बार उसने एक भूतपूर्व सरपंच महेश कश्यप को टिकट दिया है, जिसकी राजनैतिक पृष्ठभूमि यही है कि वह संघ के आनुषंगिक संगठनों बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा रहा है और धर्मांतरण विरोधी आंदोलनों की अगुआई करते हुए ईसाई आदिवासियों पर हमले करता रहा है। इस चेहरे को सामने रखकर संघ-भाजपा ने हिन्दुत्व का कार्ड खेलने की कोशिश की है। कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी बदला है और उसने लगातार 6 बार विधायक निर्वाचित हुए और भूपेश मंत्रिमंडल के आबकारी मंत्री कवासी लखमा को मैदान में उतारा है। कांग्रेस प्रत्याशी का व्यक्तित्व निश्चित ही भाजपा पर भारी पड़ रहा है।
   बस्तर में मोदी की 8 अप्रैल को सभा हो चुकी है। राम मंदिर, धर्मांतरण और असफल हो चुकी केंद्रीय योजनाओं की जुगाली करने के सिवा उनके पास कोई मुद्दा नहीं था। मोदी गारंटी का जुमला भी था, लेकिन बेरोजगारों के लिए रोजगार, किसानों के लिए एमएसपी और कर्जमुक्ति, आदिवासियों के लिए राज्य प्रायोजित उत्पीड़न से मुक्ति और वनाधिकार, पेसा और मनरेगा कानूनों के क्रियान्वयन की गारंटी सिरे से गायब थी। पिछली कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार पर तो वे गरज-तरज रहे थे, लेकिन अपने किए दुनिया के सबसे बड़े चुनावी बांड घोटाले पर चुप थे। उनके भाषण इस बात के संकेत थे कि एक व्यक्ति और एक दल के शासन को लादने की पूरी गारंटी है। वहीं 13 अप्रैल को हुई अपनी सभा में राहुल गांधी का पूरा भाषण मुद्दों पर केंद्रित था। आदिवासियों, बेरोजगार नौजवानों, गरीबी की समस्या उनके भाषण के केंद्र में थी और भाजपा की सांप्रदायिक नीतियों पर उन्होंने अपना निशाना साधा।
  रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सोनी कहते हैं कि बस्तर के आदिवासियों को धारा 370 के हटने या राम मंदिर के निर्माण से कोई मतलब नहीं है। इन मुद्दों को सामने रखकर भाजपा को अपनी जीत का सपना नहीं देखना चाहिए। लेकिन पत्रकार पूर्णचंद्र रथ का कहना है कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र के शहरी हिस्से (जो अपेक्षाकृत बहुत छोटा है) में भाजपा का प्रभाव कांग्रेस से ज्यादा है।
  जगदलपुर के एक नौजवान कांग्रेसी कार्यकर्ता भुजित दोशी कहते है कि मोदी की सभा के मुकाबले राहुल की सभा का बड़ी होना बताता है कि बस्तर में हवा किस ओर बह रही है। महिलाओं के उत्थान के लिए हर वर्ष उन्हें 1 लाख रुपए देने के वादे के साथ ही आज राहुल गांधी ने किसानों की कर्जमुक्ति, उन्हें एमएसपी की कानूनी गारंटी देने और नौजवानों से खाली पदों को भरने का जो वादा किया है, वह मोदी की किसी भी गारंटी पर भारी पड़ेगी।
  दरभा के आदिवासी नौजवान संतोष यादव ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद नक्सलियों के दमन के नाम पर आदिवासियों का उत्पीड़न बढ़ गया है और भाजपा सरकार फिर से नए रूप में सलवा जुडूम को लाना चाहती है। लोहंडीगुड़ा के आदिवासी टाटा के लिए बंदूक की नोंक पर उनकी जमीन छीनने की रमन सरकार की करगुजारी को अभी तक नहीं भूले हैं। नगरनार के स्टील प्लांट को मोदी सरकार आज भी निजीकरण की सूची में रखे हुए हैं। इसलिए बस्तर का नौजवान मोदी की किसी भी गारंटी पर विश्वास करने के लिए तैयार नहीं है। हंसते हुए वे कहते हैं -- "हाथी के दांत दिखाने के और होते हैं, खाने के और। मोदी गारंटी का यही हाल है।" उल्लेखनीय है कि रमन राज में संतोष नक्सलियों के साथ संबंध रखने के झूठे आरोप में कई माह जेल काट चुके हैं।
  लेकिन फिर वही सवाल : जीतेगा कौन? क्या कांग्रेस 80,000 वोटों की खाई को पाटने में सफल हो पाएगी?पत्रकार रितेश पांडे एक मशहूर मजाक की याद दिलाते हैं : जनता तो चाहती है कि कांग्रेस जीते, लेकिन यदि कांग्रेसी ही भाजपा को जीताना चाहे तो...? वे कहते हैं कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार का यह एक बड़ा कारण था। लेकिन अब कांग्रेसी इस हार से सबक लेकर एकजुट होंगे और मोदी के जुमलों पर न्याय का हथौड़ा भारी पड़ेगा।

साभार - संजय पराते मोबाइल न.  94242-31650

रिसाली / शौर्यपथ / निस्तारी तालाब को सहेजने और उसे दुषित होने से बचाने रिसाली निगम प्रयास कर रहा है। वार्ड 29 लक्ष्मी नगर के डबरी से मिट्टी निकाल सवारा जा रहा है। इसका उपयोग केवल मवेशियों के लिए किया जाएगा।
  नगर पालिक निगम रिसाली की आयुक्त मोनिका वर्मा के निर्देश पर शीतला तालाब के बगल वर्षो पुराने डबरी को सवारा जा रहा है। मिट्टी निकलने का कार्य पूर्ण हो चुका है। सोमवार को आयुक्त ने स्थल निरीक्षण कर डबरी से जलीय पौध को निकालने के निर्देश दिए। आयुक्त ने कहा कि अगर डबरी की सफाई हो गई तो डेयरी संचालक अपने मवेशी को यही धोने का काम करेंगे। तालाब निस्तारी के लिए सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि निस्तारी तालाब में मवेशी धुलाई करने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी।
इसलिए पानी सूखता नहीं
  कल्याणी शीतला मंदिर तालाब के बगल बने डबरी पुरानी है। शीतला तालाब का आउटलेट इसी डाबरी में है। तालाब का ओवर फ्लो पानी इसी में आता है। वहीं तालाब भरने सिंचाई विभाग द्वारा छोड़े गए पानी का कुछ हिस्सा भी डबरी तक पहुंचता है। सफाई के अभाव में डबरी पूरी तरह दलदल नुमा बन गया था।
टंकी के नीचे बनेगा स्टोर रूम
  आयुक्त मार्निग विजिट के तहत वार्ड 29, 13 व 14 भ्रमण की। उन्होंने टंकी मरोदा में बने ओवर हेड टैंक का निरीक्षण की। आयुक्त ने डुंडेरा, पुरैना , नेवई और टंकी मरोदा टैंक के नीचे स्टोर रूम बनाने के निर्देश दिए, ताकि जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपना सामान रख सके।

दुर्ग / शौर्यपथ / महामाया बुद्व विहार कल्याण समिति कर्मचारी नगर दुर्ग के तत्वावधान में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व भूषण,भारत रत्न डां भीमराव अंबेडकर जी की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई।
     इस अवसर पर समिति के द्वारा एक विशेष केक बनवाया गया था जिसे सैकड़ों की संख्या में उपस्थित युवाओं, बच्चों एवं उनके परिवार जनो की उपस्थिति में सामूहिक रूप से काटकर खुशियां मनाते हुए लोगों ने एक दूसरे को बधाइयां दी। इस मौके पर बच्चों तथा युवाओं ने बाबा साहेब पर लिखी कविताओं का पाठ किया। समिति के अध्यक्ष संदीप पाटिल ने उपस्थित अनुयायियों को बताया कि डां बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ही दुनिया भर मे एकमात्र ऐसा महामानव हैं जिनकी जयंती  पूरी दुनिया भर के देशों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाने लगा है यह हम भारतीयों के लिए गौरव की बात है। इसके बाद दोपहर दो बजे से एक भव्य रैली निकाली गई जो नगर भ्रमण करती हुई वापस विहार में आकर समाप्त हुई।

प्रवासी मजदूरों को मतदान करने के लिए जागरूक करने हेतु किया गया लक्षित
पलायन करने वाले श्रमिकों को मतदान हेतु प्रेरित करने लिखी गई एक इबारत

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / महाराष्ट्र के गोंदिया जिले और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले ने एक अनूठी पहल करते हुए अंतर्राज्यीय स्वीप कार्यक्रम की योजना बनाने के उपलक्ष्य में हाथ मिलाये और पहली बार ऐसा वक्त रहा जब दो राज्यों के जिलों ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए मतदाता जागरूकता कार्यक्रम को नये आयाम प्रदान किए हैं। इस कार्यक्रम का लक्ष्य प्रवासी मजदूरों को मतदान करने के लिए जागरूक करने का था। अंतर्राज्यीय स्तर पर दो जिलों ने आपसी समझ एवं समन्वय से पलायन करने वाले श्रमिकों को मतदान हेतु प्रेरित करने एक इबारत लिखी है। इसके साथ ही नये मतदाताओं या ऐसे मतदाता जो किसी कारण से मतदान करने में वंचित हो गये हो, उन्हें लक्षित करते हुए मताधिकार के प्रति जागरूक किया गया। उन्हें एमएमएस करने के साथ ही मतदान करने के लिए फोन के माध्यम से सूचना दी जाएगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में मतदाता जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन लगातार किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ एवं स्वीप नोडल सुश्री सुरूचि सिंह के निर्देशन में जिले में स्वीप अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर सघन अभियान चलाये जा रहे हंै।


   यह कार्यक्रम डोंगरगढ़ विकासखंड अंतर्गत बागनदी पुल पर आयोजित किया गया और दोनों जिले के मतदाता अपने-अपने जिले से रैली के रूप में निकले और बागनदी पुल पर एकत्रित हुए। मिलने पर उन्होंने एक दूसरे को गुलाब के फूल भेंंट कर स्वागत किया और साथ-साथ रैली के रूप में मंच तक पहुंचे। मंच पर उपस्थित अधिकारियों ने मतदाताओं को हिंदी, छत्तीसगढ़ी एवं मराठी में सम्बोधित किया। इसके बाद प्रतिभागियों को छत्तीसगढ़ी के साथ-साथ मराठी में भी मतदाता शपथ दिलाई गई। आम तौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में कम मतदान होता है और मतदाताओं, विशेषकर प्रवासी मतदाताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं, इसलिए राज्य में पहली बार दोनों जिलों ने अंतर्राज्यीय स्वीप कार्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, जिला पंचायत सीईओ गोंदिया, परियोजना अधिकारी साक्षरता श्रीमती रश्मि सिंह, जनपद सीईओ डोंगरगढ़ सुश्री दिव्या ठाकुर, जनपद सीईओ छुरिया श्री नारायण बंजारा, राजनांदगांव एवं गोंदिया जिले की स्वीप टीम सहित अन्य अधिकारी व बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

 लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से कब्ज की समस्या होना बहुत आम बात हो गया है. यह एक ऐसी समस्या है जिससे आज के समय में अमूमन लोग जूझ रहे हैं. कब्ज की वजह से ना सिर्फ आपका पूरा दिन खराब होता है बल्कि इसका असर आपके मूड पर भी पड़ता है. इतना ही नहीं अगर इस समस्या को इग्नोर किया जाए तो आगे चलकर यह कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है. कब्ज से छुटकारा पाने के लिए कई लोग कई तरह की दवाइयों और चूरन का सेवन करते हैं, लेकिन उनका असर कुछ समय के लिए ही हो पाता है. हालांकि कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से इस समस्या को दूर किया जा सकता है. आज हम आपको एक ऐसा ही देसी नुस्खा बताएंगे जो कब्ज की समस्या को जड़ से खत्म करने में आपकी मदद कर सकता है.
ईसबगोल  
कब्ज को दूर करने के लिए आपको अपनी डाइट में फाइबर युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए. यह पेट को साफ करने में मदद कर सकता है. ऐसे में ईसबगोल का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इसमें घुलनशील फाइबर होता है जो पेट को साफ करने में मदद करता है. इसमें पाए जाने वाले तत्व आंतों में जमा गंदगी को भी बाहर निकालने में मदद करते हैं. अगर आप  रेगुलर इसका सेवन करेंगे तो आपको कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं से आराम मिल सकता है.
कब्ज में कैसे करें ईसबगोल का सेवन
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए आप रात को सोने से पहले इसका सेवन कर सकते हैं. इसके लिए आप गुनगुने पानी, दूध या फिर दही के साथ एक चम्मच ईसबगोल मिलाकर इसको खा लें. रोज रात को इसका सेवन कब्ज से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद साबित हो सकता है.

सेहत टिप्स /शौर्यपथ /हमारे देश में ढेर सारे फलों की पैदावार होती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग किस्म के फल उगाए जाते हैं. कहीं सेव, अनार तो कहीं संतरा, पपीता, अंगूर तो कहीं मोसंबी, तरबूज और खरबूज. इन फलों के बीच एक खास फल है, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. इस फल के नाम में इसकी खासियत छिपी हुई है. इसे भारत में कम उगाया जाता है, लेकिन बाहर से इसका आयात होता है. ये एक ऐसा फल है जिसके नाम को आधा काटने पर ये सब्जी बन जाता है. क्या आप पहचान पाए कि हम किस फल की बात कर रहे हैं.
होती है ये खासियतें
इस खास फल की अधिकतर खेती अफगानिस्तान और अमेरिका में होती है. इस फल के सेहत से जुड़े भी कई फायदे हैं. ये एक ऐसा फल है जो लिवर को कोलेस्ट्रॉल उत्पन्न करने से रोकता है. इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व दिल की बीमारियों को ट्रिगर करने वाली सूजन को कम करते हैं. हर दिन इसे खाने से बीपी कंट्रोल में रहता है. इसमें मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए अच्छा है. ये फाइबर से भरपूर होता है, जो कार्ब्स खाने के बाद ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता.
कौन सा है वो फल जिसे आधा काटते ही बन जाता है ‘सब्जी' ? ये है वो फल
हम जिस फल की बात कर रहे हैं, उसका नाम है आलूबुखारा. इसके नाम को आधा काटने से ये सब्जी यानी आलू बन जाता है. यह बड़ा या छोटा हो सकता है, लाल, बैंगनी, हरा, पीला या नारंगी स्किन और गुलाबी, पीला या नारंगी पल्प के साथ ये पाया जाता है. प्लम आड़ू, नेक्टराइन और खुबानी के समान परिवार से संबंधित हैं. लेकिन प्लम गुठली-फल वाले दूसरे फलों की तुलना में कहीं अधिर फायदेमंद है.

टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /चुकंदर खबरों में है, लेकिन गलत चीजों को लेकर. हाल के महीनों में आपूर्ति संबंधी समस्याओं के कारण ऑस्ट्रेलियाई सुपरमार्केट्स में डिब्बाबंद चुकंदर की कमी देखी गई. एक समय पर, एक टिन कथित तौर पर eBay पर A$65 से अधिक यानी तकरीबन साढ़े पांच हजार रुपये में बिक रहा था. लेकिन अब जब आपूर्ति बढ़ गई है, तो फिर से लौट आते हैं चुकंदर के फायदों पर.
Is beetroot really vegetable Viagra? क्या चुकंदर वास्तव में वनस्पति वियाग्रा यानी एक यौन शक्ति वर्धक दवा, है, जैसा कि यूके टीवी डॉक्टर माइकल मोस्ले सुझाव देते हैं? चुकंदर ऐसी ही एक सब्जी हैं जो हमारी ओवरऑल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है. चुकंदर स्किन और बालों के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है. बीटरूट में भरपूर मात्रा में फाइबर, फोलेट, फास्फोरस, आयरन, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. ये सभी चीजें स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. यह आपके रक्तचाप को कम करने से लेकर आपके दैनिक कसरत में सुधार तक में मदद करता है. चलिए जानते हैं चुकंदर के इन फायदों के बारे में विज्ञान क्या कहता है.
चुकंदर में ऐसा क्या खास है?
चुकंदर - जामुन, नट्स और पत्तेदार साग जैसे खाद्य पदार्थों के साथ - एक "सुपरफूड" है. इसमें प्रति ग्राम कुछ विटामिन और खनिजों का स्तर औसत से ऊपर होता है.
चुकंदर विशेष रूप से विटामिन बी और सी, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.
ज्यादातर खाना पकाने के तरीके इसके एंटीऑक्सीडेंट स्तर में महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं करते हैं. लेकिन कच्चे चुकंदर की तुलना में अगर प्रेशर कुकिंग के पोषक तत्वों को देखा जाए तो इसमें कैरोटीनॉयड (एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट) का स्तर कम होता है.
कैप्सूल, पाउडर, चिप्स या जूस के रूप में चुकंदर के एंटीऑक्सीडेंट काफी फायदेमंद होते हैं. हालांकि, यह विभिन्न उत्पादों के बीच भिन्न हो सकता है, जिसमें चुकंदर के रस के विभिन्न ब्रांड भी शामिल हैं.
क्या चुकंदर सच में वनस्पति वियाग्रा है?
कहा जाता है कि रोमन लोग चुकंदर और उसके रस का उपयोग कामोत्तेजक के रूप में करते थे. लेकिन इस बात के सीमित वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि चुकंदर आपके यौन जीवन को बेहतर बनाता है. इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा नहीं है. बल्कि, चुकंदर के प्रभाव को देखने वाले बड़ी संख्या में वैज्ञानिक अध्ययनों ने कामेच्छा या यौन स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं को नहीं मापा है.
यह कैसे काम कर सकता है?
जब हम चुकंदर खाते हैं, तो बैक्टीरिया और एंजाइमों से जुड़ी रासायनिक प्रतिक्रियाएं चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट को नाइट्राइट में और फिर नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल देती हैं. नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को फैलाने (चौड़ा करने) में मदद करता है, जिससे संभावित रूप से परिसंचरण में सुधार होता है.
आहार संबंधी नाइट्रिक ऑक्साइड के सबसे समृद्ध स्रोत जिनका क्लिनिकल स्टडीज में परीक्षण किया गया है वे चुकंदर, रॉकेट और पालक हैं.
ऐसा माना जाता है कि नाइट्रिक ऑक्साइड पुरुषों में सेक्स से पहले और उसके दौरान रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में टेस्टोस्टेरोन की भूमिका का समर्थन करता है.
चुकंदर की रक्त प्रवाह में सुधार करने की क्षमता हृदय और रक्त वाहिकाओं की संचार प्रणाली को लाभ पहुंचा सकती है. यह सैद्धांतिक रूप से पुरुषों और महिलाओं में यौन क्रिया पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
इसलिए, यह सुझाव देना उचित है कि चुकंदर और सेक्स के लिए तैयारी के बीच एक मामूली संबंध हो सकता है, लेकिन यह उम्मीद न करें कि यह आपके यौन जीवन को बदल देगा.
और क्या कमाल कर सकता है चुकंदर?
इंसानों में अपने एंटीऑक्सीडेंट और ट्यूमर-विरोधी प्रभाव के चलते हाल के सालों में चुकंदर ने अपनी ओर ध्यान खींचा है.
चिकित्सीय परीक्षणों ने चुकंदर के सभी सक्रिय तत्वों और उनके प्रभावों को सत्यापित नहीं किया है. हालांकि, चुकंदर कैंसर और मधुमेह जैसे ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए संभावित रूप से सहायक उपचार हो सकता है. विचार यह है कि आप चुकंदर की खुराक ले सकते हैं या अपनी नियमित दवाओं के साथ अतिरिक्त चुकंदर खा सकते हैं (उन्हें बदलने के बजाय).
इस बात के प्रमाण हैं कि चुकंदर का रस उच्च रक्तचाप वाले लोगों में सिस्टोलिक रक्तचाप (आपके रक्तचाप पढ़ने में पहला नंबर) को 2.73-4.81 mmHg (पारा का मिलीमीटर, रक्तचाप मापने की मानक इकाई) को कम करने में मदद कर सकता है. कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि यह कमी कुछ दवाओं और आहार संबंधी हस्तक्षेपों के साथ देखे गए प्रभावों के बराबर है.
अन्य शोध से पता चलता है कि बिना उच्च रक्तचाप वाले (लेकिन इसके जोखिम वाले) लोगों को भी लाभ हो सकता है.
चुकंदर एथलेटिक प्रदर्शन में भी सुधार कर सकता है. कुछ अध्ययन सहनशक्ति वाले एथलीटों (जो लंबी दूरी तक दौड़ते हैं, तैरते हैं या साइकिल चलाते हैं) के लिए छोटे लाभ दिखाते हैं. इन अध्ययनों में भोजन के विभिन्न रूपों पर ध्यान दिया गया, जैसे चुकंदर का रस और चुकंदर-आधारित पूरक.
अपनी डाइट में कैसे चुकंदर को शामिल करें
चुकंदर को साबुत, जूस और पूरक के रूप में सेवन करने के सकारात्मक प्रभाव मिलने के वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं. इसलिए भले ही आप डिब्बाबंद चुकंदर न पा सकें, ऐसे कई अन्य तरीके हैं जिनसे आप अपने आहार में अधिक चुकंदर प्राप्त कर सकते हैं. आप कोशिश कर सकते हैं:
    कच्चा चुकंदर - कच्चे चुकंदर को कद्दूकस कर लें और इसे सलाद या कोलस्लॉ में मिलाएं, या सैंडविच या रैप के लिए कुरकुरे टॉपिंग के रूप में उपयोग करने के लिए चुकंदर के टुकड़े काट लें.
    पका हुआ चुकंदर - स्वाद से भरपूर साइड डिश के लिए चुकंदर को जैतून के तेल, नमक और काली मिर्च के साथ भूनें. वैकल्पिक रूप से, चुकंदर को भाप में पकाएं और इसे एक स्टैंडअलोन डिश के रूप में परोसें या अन्य व्यंजनों में मिलाएं.
    चुकंदर का रस - जूसर का उपयोग करके ताजा चुकंदर का रस बनाएं. स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसे अन्य फलों और सब्जियों के साथ मिला सकते हैं. आप कच्चे या पके हुए चुकंदर को पानी के साथ मिलाकर छानकर जूस भी बना सकते हैं.
    स्मूदी - अपनी पसंदीदा स्मूदी में चुकंदर मिलाएं. यह जामुन, सेब और संतरे जैसे फलों के साथ अच्छी तरह मेल खाता है.
    सूप - स्वाद और रंग दोनों के लिए सूप में चुकंदर का उपयोग करें.
    अचार - चुकंदर का अचार घर पर बनाएं, या सुपरमार्केट से खरीदें. यह सलाद या सैंडविच के लिए एक स्वादिष्ट लगता है.
    ग्रिल्ड चुकंदर - स्मोकी स्वाद के लिए चुकंदर के टुकड़े करें और इसे ग्रिल करें.
    चुकंदर के चिप्स - कच्चे चुकंदर को पतले-पतले टुकड़ों में काटें, स्लाइस को जैतून के तेल और अपने पसंदीदा मसालों के साथ डालें, फिर क्रिस्पी चुकंदर के चिप्स बनाने के लिए उन्हें बेक करें या डीहाइड्रेट करें.
चुकंदर के नुकसान?
चुकंदर के लाभकारी प्रभावों पर बड़ी संख्या में किए गए अध्ययनों की तुलना में, नकारात्मक दुष्प्रभावों के बहुत कम प्रमाण हैं.
अगर आप बड़ी मात्रा में चुकंदर खाते हैं, तो आपका मूत्र लाल या बैंगनी हो सकता है (जिसे बीटुरिया कहा जाता है). लेकिन यह आम तौर पर हानिरहित है.
कुछ देशों में चुकंदर-आधारित आहार अनुपूरकों के हानिकारक पदार्थों से दूषित होने की खबरें आई हैं, फिर भी हमने ऑस्ट्रेलिया में इसकी सूचना नहीं देखी है.
सारांश
चुकंदर आपके यौन जीवन को बेहतर करने में मददगार हो सकता है. संभवतः पुरुषों और महिलाओं के लिए सेक्स को कुछ हद तक बढ़ावा दे सकता है. लेकिन यह आपके यौन जीवन को बदलने या वनस्पति वियाग्रा के तौर पर काम नहीं करता है. अगर आप सोच रहे हैं कि चुकंदर खाने से आपके यौन जीवन में कोई जादू की छड़ी चलेगी तो ऐसा नहीं होगा.  हम जानते हैं कि यौन जीवन को बेहतर करने में आपकी डाइट का अहम रोल है. लेकिन यह किसी दवा की तरह काम नहीं कर सकती.

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