March 27, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

दुर्ग//शौर्यपथ /नगर पालिक निगम महापौर श्रीमती अल्का बाघमार को ठगड़ा बांध से पानी बाहर निकलने की समस्या से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर उन्होंने तुरंत इस मामले की गंभीरता को समझते हुए स्थल निरीक्षण करने का निर्णय लिया।
  महापौर श्रीमती अल्का बाघमार एमआईसी सदस्य देव नारायण चंद्राकर, लीना दिनेश देवांगन, शेखर चंद्राकर, शशि साहू, हर्षिका संभव जैन, पार्षद लीलाधर पाल के साथ स्थल निरीक्षण के लिए पहुंची।
  निरीक्षण के दौरान, स्थानीय लोगों ने पानी निकासी की समस्या और इससे हो रही परेशानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। महापौर श्रीमती अल्का बाघमार ने समस्या का जायजा लेते हुए नगर निगम के अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से समाधान करने के लिए सख्त निर्देश दिए।
   महापौर ने कहा, “ठगड़ा बांध से पानी को बाहर फेंका जा रहा है, इसकी जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि ठगड़ा बांध में जलभराव रहना चाहिए, क्योंकि गर्मी के मौसम में पानी का अत्यधिक महत्व है और यह पशु-पक्षियों के जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
  महापौर ने स्थानीय निवासियों को भरोसा दिलाया कि नगर निगम उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करेगा। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोकने के लिए ठोस योजनाएँ तैयार की जाएं। उन्होंने अधिकारियों से ठगड़ा बांध से पानी की निकासी को बंद करने के लिए भी सख्त निर्देश दिए।

  बीजापुर/शौर्यपथ /संम्पूर्ण विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक तापमान में औसत रूप से वृद्धि हुई है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में 15 मार्च से जून 2025 के दौरान भीषण गर्मी पड़ने एवं लू चलने की संभावना है। गर्मी के कारण जन मानस का स्वास्थ्य प्रभावित होता है, जिससे लू लगना एवं मौसमी जलजनित संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। गर्मी के कारण लू लगने से बचाव तथा जलजनित संक्रामक बीमारियों से बचाव, रोकथाम एवं उपचार हेतु पूर्व से तैयारियां किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
   उक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए निम्न दिशा-निर्देश जारी किये गये हैः- लू के लक्षणः- सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का ना आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना,
  लू से बचाव के उपायः- लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाना होता है।
  इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए- बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जावें। धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें। पानी अधिक मात्रा में पीयें, अधिक समय तक धूप में न रहें, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपडे पसीने को सोखते रहें। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीयें। चक्कर आने, मितली आने पर छाया दार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निः शुल्क परामर्श लिया जावें। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरूरी सलाह लिया जावें।
  लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचारः- बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगावें। अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलायें जैसे कच्चे आम का पन्ना, जलजीरा आदि। पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा देवें। शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें। पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए ले जावें। मितानिन ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. की पैकेट हेतु संपर्क करें।

 महासमुंद /शौर्यपथ /महासमुंद तहसील के ग्राम तुमाडबरी में बिना अनुमति के बाडी में बोरवेल खुदाई करते एक बोरवेल वाहन एवं एक स्पोर्ट वाहन को प्रशासन ने जब्त किया है। एसडीएम हरिशंकर पैंकरा के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें बोरवेल वाहन क्रमांक सीजी04पीजे 2316 एवं सपोर्ट वाहन सीजी 04 एम जेड 0649 को जब्त किया गया।
 तहसील प्रशासन को सूचना मिली थी कि ग्राम तुमाडबरी के खेमाराम साहू के बाडी में बिना किसी आधिकारिक स्वीकृति के बोर खुदाई की जा रही है। इस पर तहसीलदार कृष्ण कुमार साहू एवं नायब तहसीलदार मोहित अमिला की टीम मौके पर पहुंची और खुदाई कार्य को रुकवाया। जांच में यह सामने आया कि संबंधित व्यक्ति के पास बोर खुदाई की कोई अनुमति नहीं थी। इसके बाद एसडीएम के निर्देशानुसार दोनों वाहनों को जप्त कर लिया गया।इस मौके पर मौजूद ग्रामीणों के समक्ष पंचनामा तैयार कर महासमुंद थाने में वाहनों को सुपुर्द किया गया।
गौरतलब है कि बिना अनुमति के बोरवेल खुदाई करना वर्तमान में कानूनन प्रतिबंधित है। भूजल स्तर को नियंत्रित रखने और अवैध खुदाई को रोकने के लिए प्रशासन समय-समय पर सख्त कार्रवाई करता रहा है। प्रावधानों के अनुसार प्राधिकृत अधिकारी नलकूप खनन की आवश्यकता होने पर अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही करेगें। बोरवेल खनन अथवा बोरवेल मरम्मत का कार्य पंजीकृत बोरवेल एजेंसी द्वारा ही की जाएगी। कोई भी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा उक्त अधिनियम के उल्लंघन में नलकूप खनन करना पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। प्रशासन ने किसानों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे बोरवेल खुदाई के लिए पहले आवश्यक अनुमति प्राप्त करें, अन्यथा अवैध खुदाई करने पर कानूनी कार्रवाई होगी।

जिला स्तरीय कार्यक्रम 26 मार्च को सिंगारभाट कांकेर में आयोजित
  उत्तर बस्तर कांकेर/शौर्यपथ /बस्तर के संस्कृति संरक्षण हेतु राज्य शासन द्वारा ‘‘बस्तर पंडुम’’ का आयोजन बस्तर संभाग के सभी जिलों में किया जा रहा है। इसी क्रम में कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशानुसार गत दिनों जिले के विकासखण्डों में बस्तर पंडुम प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिला पंचायत के सीईओ श्री हरेश मंडावी ने बताया कि बस्तर पंडुम में विकासखण्ड स्तरीय कार्यक्रम में विभिन्न आदिवासी समूहों के द्वारा प्राचीन लोकगीतों पर आधारित प्रस्तुति दी गई, जिसमें कांकेर विकासखण्ड में आयोजित प्रतियोगिता में जनजातीय लोक नृत्य में धनकुल महिला पार्टी व्यासकोंगेरा, जनजातीय लोक गीत में इरूंग पेन पसेंग मांदरी लोक नृत्य पार्टी तुलतुली, जनजातीय वाद्ययंत्रों वेशभूषा एवं आभूषण प्रदर्शन में बेलोसा दुलोसा लया गु्रप बागोडार, जनजाति कला एवं गोदना में जंगो रायतार महिला समूह अन्नपूर्णापारा कांकेर, जनजाति पेय पदार्थ एवं व्यंजन में सोनई-रूपई गोंडवाना महिला समूह कांकेर तथा जनजाति शिल्प कला प्रदर्शन में लखनलाल मरकाम खमढोड़गी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।  
 इसी प्रकार चारामा विकासखण्ड में आयोजित जनजातीय लोक नृत्य में नोमेश्वर कुंजाम एव ंदल, जनजातीय लोक गीत में बालक आश्रम सिरसिदा, जनजाति वाद्ययंत्रों में जय सोन्दर्य गन्धर्व बाजा पार्टी बरकछार, जनजाति वेशभूषा एवं आभूषण में कन्या आश्रम पण्डरीपानी, जनजाति कला एवं गोदना में कु. थामेश्वरी मंडावी, जनजाति पेय पदार्थ एवं व्यंजन में श्रीमती कांती केमरो तथा नरहरपुर में आयोजित प्रतियोगिता में जनजातीय लोक नृत्य में कचना धु्रवा आदिवासी मांदरी नृत्य, जनजातीय लोकगीत में जय गांडवाना रेला पाटा थीम, जनजाति वाद्ययंत्रों में धनेश्वरी मंडावी एवं साथी, जनजाति वेशभूषा एवं आभूषण प्रदर्शन में जोहार ट्रीबल इंडिया, जनजाति शिल्प एवं चित्रकला में आदिवासी ओझा गोदना कला, जनजाति पेय पदार्थ में लक्ष्मी उसेण्डी बारादेवी विजेता रहीं।
इसी तरह भानुप्रतापपुर में आयोजित बस्तर पंडुम में जनजातीय लोक नृत्य में लइंर्ग लयोर मांदरी दल, जनजातीय लोक गीत में नंदनी चुरेन्द्र, जनजाति वाद्ययंत्रों में गंधर्व बाजा पार्टी, जनजाति वेशभूषा एवं आभूषण में बृजबती मातलामी, जनजाति कला एवं गोदना में मनीषा गोटा, जनजाति पेय पदार्थ एवं व्यंजन में भामिनी उईके और अंतागढ़ विकासखण्ड में जनजातीय लोक नृत्य में सुरेन्द्र कावड़े एवं साथी, जनजातीय लोक गीत में तुलसी नेताम एवं साथी, जनजाति लोकनाट्य में रामचंद मंडावी एवं साथी, जनजाति वाद्ययंत्रों में दयाराम कुलदीप एवं साथी, जनजाति शिल्प एवं चित्रकला में लखबीबाई नेताम एवं साथी, जनजाति पेय पदार्थ एवं व्यंजन में अजन्तीन मंडावी एवं साथी ने विजेता दल में अपना नाम दर्ज किया।
 दुर्गूकोंदल विकासखण्ड में आयोजित बस्तर पंडुम में जनजातीय लोक नृत्य में जय लिंगो आदिवासी मांदरी नृत्य भीरावाही, जनजातीय लोक गीत में रजनी नरेटी एवं साथी, जनजाति लोकनाट्य में करिश्मा उसेण्डी एवं साथी, जनजाति वाद्ययंत्रों में किशोर एवं साथी, जनजाति वेशभूषा एवं आभूषण में संयोगिता एवं साथी, जनजाति कला एवं गोदना में धनिता मंडावी एवं साथी, जनजाति पेय पदार्थ एवं व्यंजन में हेमलता नरेटी प्रथम स्थान पर रहे। कोयलीबेड़ा विकासखण्ड में जनजातीय लोक नृत्य में मांदर नृत्य छबीलाल उसेण्डी एवं साथी कौड़ोसाल्हेभाट, जनजातीय लोक गीत में धनकुल पाटा महामाया बालिका जस मंडावी एवं साथी कोयलीबेड़ा, जनजाति लोकनाट्य में कन्या आश्रम कोयलीबेड़ा, जनजाति वाद्ययंत्रों में हुकूम नेकाना (मोहरी) कौड़ोसाल्हेभाट, जनजाति वेशभूषा एवं आभूषण में प्रिती सिन्हा कोयलीबेड़ा, जनजाति कला एवं गोदना में माटीकल प्रभुराम पांडे बड़गांव और जनजाति पेय पदार्थ एवं व्यंजन में कन्या आश्रम कोयलीबेड़ा का दल विजेता रहे। इस अवसर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सभी विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया। सभी विजेता दल जिला स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेंगे।

जिला स्तरीय बस्तर पण्डुम में  शिरकत करेंगे सांसद श्री नाग और विधायकगण
       बुधवार 26 मार्च को प्रातः 11 बजे से जिला स्तरीय आयोजन गोंडवाना भवन दक्षिण ब्लॉक सिंगारभाट में किया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा क्षेत्र कांकेर के सांसद भोजराज नाग एवं कांकेर विधायक आशाराम नेताम की अध्यक्षता में की जाएगी। इसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में अंतागढ़ विधायक विक्रम उसेण्डी, भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी, जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती किरण नरेटी एवं उपाध्यक्ष श्रीमती ताराबती ठाकुर उपस्थित रहेंगीं।

पूर्व में भी विभिन्न संस्थाओं को 33 लाख रूपये से अधिक की राशि दी गई
रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका द्वारा अपने स्वेच्छानुदान मद से इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ में अध्ययनरत उत्तर पूर्वी क्षेत्र के 38 जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए प्रोत्साहन स्वरूप 1 लाख 90 हजार रूपये की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। प्रत्येक विद्यार्थी को शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए स्वेच्छानुदान मद से 5-5 हजार रूपये प्रदान किए जायेंगे।
कुष्ठरोगियों के लिए 2 लाख रूपये स्वीकृत
 डेका द्वारा कोरबा जिले के प्रवास के दौरान वहां के 308 कुष्ठ रोगियों के लिए भी अपने स्वेच्छानुदान मद से 2 लाख रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल डेका द्वारा पूर्व में दिव्यांगों, अनाथों, वृद्धजनों, वनवासियों के लिए कार्यरत संस्थाओं एवं टी.बी मरीजों के लिए 33 लाख रूपये से अधिक की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई थी।
    राज्यपाल डेका ने स्वेच्छानुदान मद से अनुसूचित क्षेत्रों में कार्यरत वृद्धाश्रमों, अनाथ आश्रमों तथा दिव्यांग जनों के लिए कार्यरत शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं को भी आर्थिक सहायता राशि की गई है।

 रायपुर /शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका से आज यहां राजभवन में मैट्स यूनिवर्सिटी रायपुर के कुलाधिपति गजराज पगारिया ने भेंट की। राज्यपाल डेका ने विश्वविद्यालय को नैक से ए प्लस ग्रेड मिलने पर शुभकामनाएं दी और इसी तरह आगे भी विश्वविद्यालय की गुणवत्ता बनाये रखने कहा।
   इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति के. पी. यादव भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने परिवार सहित कथा में लिया भाग, 27 मार्च को होगा कथा का समापन
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले के मायाली के मधेश्वर महादेव धाम में आयोजित 7 दिवसीय शिव महापुराण कथा में सहभागी बने और भक्ति-भाव से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति परिवारों के साथ बैठकर कथा का श्रवण किया। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर शिव महापुराण कथा का श्रवण करने  एक लाख से अधिक श्रद्धालु उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी का पुष्पमाला पहनाकर एवं मधेश्वर महादेव का छायाचित्र भेंटकर अभिनंदन किया, साथ ही प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री  साय के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, पवन साय, कृष्ण कुमार राय, भरत सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी — कमिश्नर श्री नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
27 मार्च को पुनः प्रारंभ होगी मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना
 मुख्यमंत्री साय ने श्रद्धालुजनों को संबोधित करते हुए कहा कि यह हम सबके लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है कि भगवान शिव की दिव्य कथा कहने स्वयं पंडित प्रदीप मिश्रा मधेश्वर महादेव की धरती पर पधारे हैं। यहां पाँच दिनों से चल रही शिव भक्ति की धारा से समूचा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत हो गया है। इस पावन कथा से लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हो रही है।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना का पुनः शुभारंभ 27 मार्च को किया जाएगा। इसके तहत इच्छुक श्रद्धालुओं को विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन हेतु भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अयोध्या धाम रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।
शिव महापुराण कथा की दिव्य धारा से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर  जनजाति के ग्रामीण भी लाभान्वित हुए। ग्राम पंडरसिली (मनोरा), बेहेराखार और भितघारा (बगीचा) से आए अनेक श्रद्धालु कथा स्थल पहुंचे। पहाड़ी कोरवा जनजाति के संतोष राम, बजरु राम, शंकर राम, दुर्गा राम और बिरहोर जनजाति के  गेंदु राम, गुरुबारु राम, लाखा राम ने कहा कि शिव कथा ने हमारे अंतर्मन को छू लिया है। प्रदीप मिश्रा जी के प्रवचन केवल भक्ति नहीं सिखाते, वे जीवन को नई दिशा भी देते हैं।
मधेश्वर महादेव: आध्यात्मिक आस्था का केंद्र
मुख्यमंत्री साय ने मधेश्वर महादेव धाम को विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में गौरव का प्रतीक बताया और कहा कि यह स्थल पूरे प्रदेश की धार्मिक आस्था का केंद्र है। उन्होंने आह्वान किया कि इस पावन अवसर का अधिक से अधिक लोग लाभ लें और कथा के शेष दो दिनों में भी उपस्थित होकर शिव भक्ति से स्वयं को अनुप्राणित करें।

मुख्यमंत्री  साय ने भक्त माता कर्मा की 1009वीं जयंती पर किया ऐतिहासिक डाक टिकट का विमोचन
छत्तीसगढ़ से निकली आस्था की गूंज, देशभर में गूंजेगा माता कर्मा का संदेश - मुख्यमंत्री  साय
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ की धरती आज एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब भक्त माता कर्मा की 1009वीं जयंती के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित कर्माधाम परिसर में माता कर्मा को समर्पित डाक टिकट का भव्य विमोचन किया। यह डाक टिकट न केवल श्रद्धा की प्रतीक माता कर्मा के त्याग और समर्पण को अमर करता है, बल्कि साहू समाज के गौरवपूर्ण इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा को भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री  साय ने इस अवसर पर भक्त माता कर्मा मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की। उन्होंने आदर्श विवाह समारोह में शामिल नव दंपत्तियों को आशीर्वाद देते हुए समाज की एकजुटता और संस्कारशीलता की सराहना की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा भक्त माता कर्मा का जीवन निष्ठा, बलिदान और भक्ति की मिसाल है। डाक टिकट के माध्यम से उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाना, भावी पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। साहू समाज ने हमेशा मुझे अपार स्नेह दिया है और मैं समाज की इस ऐतिहासिक मांग को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी और केंद्र सरकार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी जानकारी दी कि राजिम माता की मूर्ति स्थापना सहित अन्य विकास कार्यों के लिए पूर्व में घोषित 5 करोड़ रुपए की राशि अब बजट में शामिल कर दी गई है, जिससे समाज के धार्मिक स्थलों के विकास को नई गति मिलेगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री  अरुण साव ने माता कर्मा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि माता कर्मा का आशीर्वाद समाज और प्रदेश दोनों के लिए कल्याणकारी है। यह डाक टिकट मातृशक्ति के सम्मान का प्रतीक है।
केंद्रीय राज्य मंत्री  तोखन साहू ने डाक टिकट विमोचन को तैलिक समाज के लिए गर्व का क्षण बताते हुए कहा यह डाक टिकट एक प्रतीक नहीं, बल्कि माता कर्मा के संघर्ष, सेवा और त्याग की राष्ट्रीय मान्यता है।
समारोह में छत्तीसगढ़ साहू समाज के अध्यक्ष  टहल सिंह साहू ने स्वागत उद्बोधन दिया।
इस अवसर पर संत माता कर्मा आश्रम शक्तिपीठ रायपुर को सामाजिक योगदान के लिए "गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" से सम्मानित किया गया, जो पूरे समाज के लिए गौरव का विषय है।
कार्यक्रम में विधायक मोतीलाल साहू,  पवन साय, विधायक  दीपेश साहू, विधायक  संदीप साहू, डाक सेवाएं निदेशक  दिनेश मिस्त्री सहित साहू समाज के अनेक प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर निगम से लोकसभा, राज्यसभा तक भारतीय जनता पार्टी का स्वर्णिम युग आ गया किंतु इस स्वर्णिम युग में कहीं ना कहीं ग्रहण भी लग गया. दुर्ग…

रायपुर / शौर्यपथ/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य शासन जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और तकनीकी सशक्तिकरण के माध्यम से शासकीय प्रक्रियाओं को और अधिक सरल, सुलभ और पारदर्शी बनाने हेतु निरंतर प्रयासरत है।

इसी कड़ी में वाणिज्यिक कर (पंजीयन) मंत्री ओ. पी. चौधरी के स्पष्ट निर्देश पर जनसुविधा को सर्वाेपरि रखते हुए महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा आज ही सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर यह निर्देशित किया गया है कि मार्च माह के सार्वजनिक अवकाश के दिनों 25, 29, 30 एवं 31 मार्च को भी सभी रजिस्ट्री कार्यालय खुले रहेंगे, ताकि आम नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके अतिरिक्त, नागरिकों की सुविधा हेतु रजिस्ट्री के लिए अपॉइंटमेंट का समय सायं 5 बजे से बढ़ाकर सायं 7 बजे तक कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि आज दिनांक 24 मार्च को रजिस्ट्री विभाग के सॉफ्टवेयर एन.जी.डी.आर.एस. (NGDRS) में तकनीकी समस्या आने के कारण सर्वर अस्थायी रूप से डाउन हो गया, जिससे कुछ समय के लिए रजिस्ट्री कार्य बाधित हुआ। एन.जी.डी.आर.एस. सॉफ्टवेयर का संचालन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), पुणे द्वारा किया जाता है। जैसे ही सर्वर डाउन होने की सूचना प्राप्त हुई, तुरंत एनआईसी पुणे और एनआईसी रायपुर की तकनीकी टीम से समन्वय स्थापित कर तत्काल सुधार की प्रक्रिया शुरू की गई। अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप सायं 6 बजे तक सर्वर सुचारू रूप से कार्य करने लगा और रजिस्ट्री कार्य पुनः प्रारंभ हो गया। आगे ऐसी कोई तकनीकी बाधा उत्पन्न न हो, इसके लिए एनआईसी के साथ लगातार तकनीकी समन्वय सुनिश्चित किया जा रहा है।

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