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हर पौधा मां के प्रति श्रद्धा और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा है: स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल
कबीरधाम में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ महाअभियान का शुभारंभ, 5.47 लाख पौधों का होगा रोपण
रायपुर/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पर्यावरण के प्रति उनकी दूरदृष्टि को साकार करते हुए आज कबीरधाम जिले में “एक पेड़ मां के नाम 2.0” वृक्षारोपण महाअभियान का शुभारंभ पूरे जिले में एक साथ किया गया। यह अभियान 25 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक चलेगा, जिसके अंतर्गत जिले में कुल 5.47 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा।
इस महाअभियान का शुभारंभ उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कवर्धा विकासखंड के ग्राम पँचायत जिंदा और जिला अस्पताल के मैदान में छायादार पौधा रोपण कर किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि “पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, यह हर नागरिक का नैतिक दायित्व है। जिस तरह हम मां की सेवा करते हैं, उसी भावना से एक पौधा लगाकर धरती माता को समर्पित करें।” उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेशभर में हरित क्रांति की दिशा में ठोस कार्य कर रही है, और कबीरधाम जिले की यह सहभागिता अत्यंत प्रेरणादायक है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि “हर पौधा केवल ऑक्सीजन का स्रोत नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन का आधार है। यह अभियान मां के प्रति श्रद्धा और समाज के प्रति ज़िम्मेदारी का प्रतीक है।” उन्होंने अभियान में सम्मिलित सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और नागरिकों को सक्रिय भागीदारी के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्री बिसेशर पटेल, सीजीएमएससी के चेयरमैन श्री दीपक म्हस्के, कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ईश्वरी साहू, नगर पालिका अध्यक्ष श्री चन्द्रप्रकाश चन्द्रवंशी, उपाध्यक्ष श्री कैलाश चन्द्रवंशी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी पौधरोपण कर अभियान में सहभागिता निभाई।
5.47 लाख पौधों का लक्ष्य, जिले के चारों विकासखंडों में चल रहा महाअभियान
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जानकारी दी कि महाअभियान के अंतर्गत जिले में कुल 5,47,112 पौधे रोपे जाएंगे, जिनमें 4,67,000 पौधे ग्राम पंचायतों में तथा 80,112 पौधे शैक्षणिक संस्थानों में लगाए जाएंगे।
पीयूष गोयल लेखक भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री हैं
रायपुर /शौर्यपथ /भारत-ब्रिटेनव्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए)भारतीय किसानों, मछुआरों, कारीगरों और व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर पहचान देने के साथ-साथरोज़गार के असंख्य अवसरों कासृजनकरेगा औरप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप लोगों को प्रतिस्पर्धी दरों पर उच्च-गुणवत्ता वाली वस्तुएं प्राप्त करने में सहायता प्रदान करेगा।
भारत औरब्रिटेनव्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए), ऑस्ट्रेलिया, यूरोप के मुक्त व्यापार समझौते और संयुक्त अरब अमीरात सहित अन्य विकसित देशों के साथ इसी तरह के समझौतों के अनुरूप है। यह मोदी सरकार के विकसित भारत 2047 के स्व प्नक को साकार करने के क्रम में आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन को अधिकतम करने की रणनीति का एक हिस्सा है।
प्रधानमंत्री की रणनीति-वर्ष 2014 में, मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था में वैश्विक विश्वास को पुन:स्थापित करने तथा इसे भारतीय और विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्यस बनाने के लिए एक दृढ़ रणनीति अपनाई। विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए)पर हस्ताक्षर करना, इस व्यापक रणनीति का एक हिस्सा है। एफटीए,व्यापार नीतियों के बारे में अनिश्चितताओं को दूर करते हुए निवेशकों का विश्वास भी बढ़ाते हैं।
विकसित देशों के साथ एफटीए, जिनके भारत के साथ प्रतिस्पर्धी व्यापारिक हित नहीं हैं, दोनों पक्षों के लिए लाभप्रद है, जबकि पिछली सरकार ने भारत के दरवाजे प्रतिद्वंद्वी देशों के लिए खोलकर भारतीय व्यवसायों को खतरे में डालने का रवैया अपनाया था।
यूपीए शासनकाल में, विकसित देशों ने भारत के साथ व्यापार वार्ता लगभग रोक दी थीऔर उस समय भारत को दुनिया की "पाँचकमजोर" अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2014 से लगभग तीनगुना बढ़कर लगभग 331 लाख करोड़ रुपये हो गया है। क्रांतिकारी सुधारों, व्यापार में आसानी और प्रधानमंत्री के वैश्विक व्यक्तित्व ने भारत को एक आकर्षक गंतव्यथ के रूप में उभरने मेंसहायता की है। आज, दुनिया भारत की अद्भुत गाथा में भागीदारी के साथ-साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करना चाहती है।
बाजार पहुंच, प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त- यह एफटीए ब्रिटेन के बाजार के सभी क्षेत्रों में भारतीय वस्तुओं के लिए व्यापक बाजार पहुंच सुनिश्चित करेगा। यह लगभग 99प्रतिशत टैरिफ लाइनों के टैरिफ को समाप्त करते हुए व्यापार मूल्य के लगभग 100प्रतिशत को कवर करता है। इस समझौते के अंतर्गत 56बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार से सृजित होने वाले व्या पक अवसरों केवर्ष 2030 तक दोगुना होने का अनुमान है।
छोटे व्यवसाय समृद्ध होंगे, क्योंकि भारतीय उत्पादों को प्रतिद्वंद्वियों पर स्पष्ट प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल होगी। फुटबॉल, क्रिकेट उपकरण, रग्बी गेंदें और खिलौने बनाने वाली कंपनियों का ब्रिटेनमें अपने कारोबार में उल्लेखनीय विस्तार होगा।
असंख्य रोज़गार- आकर्षक बाज़ार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त सेनिर्यातस्था यित्वर के साथ-साथ निवेश और रोजगार सृजन मेंवृद्धिहोगी। भारत वस्त्रक, चमड़ा और जूतेसे जुड़े क्षेत्रों में ब्रिटेन को आपूर्ति करने वाले तीन प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक बनने की शानदार स्थिति में है और इससे भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में प्रमुख क्षमता के रूप में उभरने में सहायतामिलने के साथ ही यह छोटे व्या्वसायियों, कारीगरों और महिलाओं को भी सहायता प्रदान करेगा।
रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, रसायन और फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्यात में भी वृद्धि होने की आशा है।
किसान प्रथम- 95प्रतिशत से अधिक कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क लगेगा, जिससे कृषि-निर्यात और ग्रामीण समृद्धि में तीव्र वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
शुल्क-मुक्त बाज़ार पहुंच से अगले तीन वर्षों में कृषि निर्यात में 20प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने का अनुमान है, जो वर्ष 2030 तक भारत के 100 अरब डॉलर के कृषि-निर्यात के लक्ष्य को पूरा करने में योगदान देगा। यह मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारतीय किसानों के लिए प्रीमियम ब्रिटिश बाज़ार को खोल देगा, जो जर्मनी, नीदरलैंड और अन्य यूरोपीय संघ के देशों को मिलने वाले लाभों के बराबर या उससे भी अधिक होगा।
हल्दी, काली मिर्च, इलायची और प्रसंस्कृत उत्पाद जैसे आम का गूदा, अचार और दालों को भी शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी। निर्यात बढ़ने से कृषि आय में वृद्धि होगी तथा गुणवत्ता, पैकेजिंग और प्रमाणन को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। इससे कृषि मूल्य श्रृंखला में रोज़गार के असंख्य अवसर सृजित होंगे।
कमज़ोर वर्गों की सुरक्षा-घरेलू किसानों की सुरक्षा के लिए एफटीएमें भारत के सबसे संवेदनशील कृषि क्षेत्रों को बाहर रखा गया है। भारत ने डेयरी उत्पादों, सेब, जई और खाद्य तेलों पर कोई शुल्क रियायत नहीं दी है।
ये रियायतें, मोदी सरकार की खाद्य सुरक्षा, घरेलू मूल्य स्थिरता और कमज़ोर कृषक समुदायों को प्राथमिकता देने की रणनीति को रेखांकित करती हैं।
मछुआरों का विकास–भारतीय मछुआरे, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल और तमिलनाडु के मछुआरे, ब्रिटेन के समुद्री आयात बाजार तक पहुंच के माध्यम से उल्लेखनीय विस्तार का अनुभव करेंगे।
झींगा और अन्य समुद्री उत्पादों पर ब्रिटेन का आयात शुल्क वर्तमान 20 प्रतिशत से घटकर शून्य हो जाएगा।
यह संभावना अभूतपूर्व है क्योंकि ब्रिटेन के 5.4 अरब डॉलर के समुद्री आयात में भारत की हिस्सेदारी केवल 2.25 प्रतिशत है।
सेवाएं और पेशेवर-यह समझौता आईटी/आईटीईएस, वित्तीय सेवाऔर शिक्षा सहित विभिन्ना सेवाओं को गति प्रदान करेगा और भारतीयों के लिए नवीन अवसरों का सजृन करेगा। इस समझौते में संविदा सेवा प्रदाता, व्यावसायिक यात्री, निवेशक, योग प्रशिक्षक, संगीतकार और रसोइये सहित कुशल पेशेवरों के लिए भारत नेअनुकूल गतिशीलता प्रावधान सुनिश्चित किए हैं।
अभिनव एफटीए-प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत के एफटीए में वस्तुओं और सेवाओं के अलावाअन्यए महत्वतपूर्ण बातें शामिल हैं। इसएफटीए ने नए मानक स्थापित किए हैं। इस ईएफटीए के साथ, भारत ने 100 अरब डॉलर के निवेश की बाध्यकारी प्रतिबद्धता हासिल की है, जिससे भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। ऑस्ट्रेलिया के एफटीए के साथ, भारत ने दोहरे कराधान के मुद्दे का समाधान किया, जो आईटी कंपनियों के लिए एक बाधा बना हुआ था।
इस एफटीए का एक सबसे महत्वपूर्ण पहलू दोहरा अंशदान समझौता है। यह ब्रिटेन में नियोक्ताओं और अस्थायी भारतीय कर्मचारियों को तीन वर्षों के लिए सामाजिक सुरक्षा अंशदान से छूट देता है। इससे भारतीय सेवा प्रदाताओं की प्रतिस्पर्धा में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
उपभोक्ताओं के लिए गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं-व्यापार समझौते प्रतिस्पर्धा बढ़ाते हैं, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च-गुणवत्ता युक्तध वस्तुएं प्राप्त करने मं सहायता मिलती है। मोदी सरकार ने गुणवत्ता को प्रोत्सागहन और बढ़ावा देने के लिएनीतिगत समर्थन प्रदान किया है, गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए हैं और मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर वार्तालाप किया है।
सरकार ने किसी भी मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले उद्योग जगत और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक हितधारक परामर्श किया है। यह जानकर प्रसन्नतता का अनुभव होता है कि उद्योग निकायों ने मोदी सरकार द्वारा हस्ताक्षरित प्रत्येक मुक्त व्यापार समझौते का भारी समर्थन और स्वागत किया गया है।
सीईटीए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच न्यायसंगत और महत्वाकांक्षी व्यापार समझौतों के लिए एक मानक है। यह हमारे मूल हितों से समझौता किए बिना, वंचित समुदायों के लिए आकर्षक वैश्विक अवसरों के द्वार खोलता है। यह इस बात का एक ज्वलंत उदाहरण है कि नया भारत व्यापार किस प्रकार करता है।
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा और नवाचार को सशक्त मंच देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए “CM आईटी फेलोशिप कार्यक्रम” की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह कार्यक्रम राज्य के तकनीकी रूप से दक्ष और होनहार युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के युवाओं को नवा रायपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT-NR) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं डाटा साइंस जैसे भविष्यगामी विषयों में M.Tech करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम डिजिटल इंडिया मिशन और नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किया गया है, जिसमें तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ नवाचार, अनुसंधान और व्यावहारिक प्रशिक्षण पर विशेष बल दिया गया है। इस योजना के तहत चयनित विद्यार्थियों की पूरी ट्यूशन फीस राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी, साथ ही उन्हें ₹50,000 प्रतिमाह की फेलोशिप भी प्रदान की जाएगी। पाठ्यक्रम के दौरान युवा विद्यार्थियों को AI, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, हेल्थटेक, एजुटेक, राजस्व प्रणाली और ई-गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सरकारी प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने का व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त होगा। प्रदेश सरकार ने युवाओं से आग्रह किया है कि वे इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाने हेतु iiitnr.ac.in पोर्टल पर जाकर आवेदन करें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल राज्य के तकनीकी परिदृश्य को नई ऊंचाइयाँ देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ को डिजिटल युग में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होगा।
भिलाई, 25 जुलाई।
शिव की नगरी भिलाई एक बार फिर महादेव के जयकारों से गुंजायमान होने जा रही है। पुण्यभूमि भिलाई में 30 जुलाई से 5 अगस्त 2025 तक प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से सायं 4 बजे तक जयंती स्टेडियम, सिविक सेंटर में श्री शिव महापुराण कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस सात दिवसीय आध्यात्मिक महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शिव कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी महाराज शिव महिमा का रसपान कराएंगे।
इस भव्य आयोजन की तैयारियों के क्रम में आयोजक एवं भिलाई निगम के नेता प्रतिपक्ष तथा बोल बम समिति के संस्थापक श्री दया सिंह ने आज शुक्रवार को दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री रामगोपाल गर्ग, कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह तथा पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल से सौजन्य मुलाकात कर उन्हें कथा का ससम्मान आमंत्रण पत्र भेंट किया। साथ ही उन्हें सपरिवार कथा में सम्मिलित होकर शिव कृपा प्राप्त करने का आग्रह भी किया।
इस अवसर पर श्री दया सिंह ने कहा—
“यह कथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक जागरण का पर्व है। यह आयोजन भक्ति, अनुशासन और समाज में सद्भाव का संदेश देगा। हम संपूर्ण भिलाईवासियों से अनुरोध करते हैं कि सपरिवार इस दिव्य प्रसंग का भाग बनें और महादेव की कृपा का अनुभव करें।”
सुरक्षा और व्यवस्था के लिए व्यापक तैयारियां जारी
प्रत्येक दिन अनुमानित हज़ारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए सुरक्षा एवं ट्रैफिक व्यवस्था की पूर्व तैयारी की जा रही है। नगर निगम, पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी से यह आयोजन सफल व व्यवस्थित बनाने का संकल्प लिया गया है।
कथा की मुख्य बातें:
? स्थान: जयंती स्टेडियम, सिविक सेंटर, भिलाई
? तिथि: 30 जुलाई से 5 अगस्त 2025
? समय: दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक
? कथावाचक: पं. श्री प्रदीप मिश्रा जी महाराज
स्वच्छता हम सभी की है जिम्मेदारी – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं, बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में हमारी स्वच्छता दीदियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है, जिन्होंने निष्ठा, परिश्रम और सेवा-भावना के साथ समाज को नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज जशपुर जिले के ग्राम बगिया में आयोजित सम्मान समारोह में स्वच्छता दीदियों को साड़ी, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जशपुर एक प्राकृतिक रूप से समृद्ध और सुंदर जिला है, लेकिन पहले जब वे गांवों का दौरा करते थे, तो सड़कों के किनारे फैला कचरा गांवों और नगरों की सुंदरता को धूमिल कर देता था। इस स्थिति को बदलने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत कर इसे राष्ट्रीय जनआंदोलन में परिवर्तित किया। उन्होंने स्वयं झाड़ू उठाकर लोगों को प्रेरित किया और गांव-गांव, शहर-शहर स्वच्छता की अलख जगाई। उन्होंने हर नागरिक को स्वच्छ और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार दिलाने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान में हमारी स्वच्छता दीदियों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उनके अथक परिश्रम और समर्पण का ही परिणाम है कि आज जशपुर जिले ने स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। वे वास्तव में सम्मान की पात्र हैं, क्योंकि उन्होंने हमें स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने में अमूल्य योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने घर, मोहल्ले, चौराहे, मंदिर और सार्वजनिक स्थलों की सफाई को अपना कर्तव्य मानें और स्वच्छता को अपनी आदत में शामिल करें।
उल्लेखनीय है कि आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शहरी स्वच्छता सुधारों के मूल्यांकन और प्रोत्साहन हेतु स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के अंतर्गत 4,589 शहरों को शामिल किया गया था। इस राष्ट्रीय सर्वेक्षण में जशपुर जिले के नगरीय निकायों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन कर देश भर में अपना परचम लहराया है।इसमें जशपुरनगर ने 20,000 से 50,000 की जनसंख्या वर्ग में पूरे देश में 10वां स्थान प्राप्त किया है, जो कि 2023 की 505वीं रैंकिंग से एक लंबी छलांग है। इसी वर्ग में नगर पंचायत कुनकुरी ने 13वां रैंक, नगर पंचायत पत्थलगांव ने 30वां रैंक, नगर पंचायत बगीचा ने 51वां रैंक, और नगर पंचायत कोतबा ने 64वां रैंक हासिल किया है। यह असाधारण उपलब्धि स्वच्छता दीदियों के परिश्रम और प्रशासनिक टीम के समन्वित प्रयास का प्रतिफल है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जिले को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगरीय निकायों द्वारा योजनाबद्ध रूप से कई कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें बी.टी. रोड निर्माण, रोड मार्किंग, सामुदायिक शौचालयों का उन्नयन, चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण, वॉल पेंटिंग, वेस्ट मैटेरियल से पार्कों का निर्माण, कम्पोस्टिंग शेड और रिसाइक्लिंग सेंटर की स्थापना, फुटपाथों पर पेवर ब्लॉक लगाना, साइनेज आदि प्रमुख हैं। लेकिन इन प्रयासों की आत्मा बनी हैं वे स्वच्छता दीदियाँ, जो हर गली, मोहल्ले में जाकर डोर टू डोर कचरा संग्रहण जैसे श्रमसाध्य कार्यों को अंजाम देती हैं।
इस अवसर पर जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने सभी स्वच्छता दीदियों, नगरीय निकायों के अधिकारियों और नागरिकों को इस उपलब्धि पर बधाई दी। सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय ने कहा कि स्वच्छता दीदियाँ वह कार्य कर रही हैं जो पहले समाज में उपेक्षित था। उन्होंने कहा कि कभी स्वच्छता के प्रति लोगों में चेतना नहीं थी, लेकिन स्वच्छ भारत अभियान के तहत दीदियों ने लोगों को न केवल जागरूक किया, बल्कि व्यवहार परिवर्तन भी सुनिश्चित किया, जिससे जशपुर को यह गौरव प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु मुख्यमंत्री की दूरदर्शी पहल
सीएसआर निधि से प्रदत्त एम्बुलेंस में उपलब्ध है बेसिक लाइफ सपोर्ट समेत आधुनिक सुविधाएँ
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर जिले के ग्राम बगिया स्थित कैम्प कार्यालय परिसर से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह एम्बुलेंस बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि से प्रदत्त है, जिसमें बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम सहित अन्य उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।
यह एम्बुलेंस मुख्य रूप से मनोरा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु रखी जाएगी, जिसकी सेवाएँ आवश्यकता अनुसार पूरे जिले में ली जा सकेंगी। इससे आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित चिकित्सा परिवहन सेवा सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे खासकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सहायता मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार हर व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण और त्वरित स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने के लिए कृतसंकल्पित है। उनकी पहल पर विशेष रूप से ग्रामीण एवं दूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए अनेक योजनाएँ प्रारंभ की गई हैं। उन्होंने बताया कि कुनकुरी में मेडिकल कॉलेज और 50 बिस्तर वाला मातृ एवं शिशु अस्पताल, जशपुर में प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना का कार्य प्रगति में है।
इस अवसर पर सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारी, और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
'नियद नेल्ला नार' बना सुशासन का जीवंत प्रमाण: जहाँ कभी बंदूकें थीं, वहाँ अब किताबें हैं – बस्तर में भय से विश्वास की ओर बढ़ती नई सुबह
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के वे सुदूरवर्ती गाँव, जो वर्षों तक विकास की मुख्यधारा से कटे रहे, आज नई उम्मीदों और उजालों की ओर अग्रसर हैं। जहाँ कभी बिजली, सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य सेवाएँ और संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, वहीं अब वही गाँव प्रगति के रास्ते पर तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इस बदलाव की नींव मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और जन सरोकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप 15 फरवरी 2024 को 'नियद नेल्लानार – आपका आदर्श ग्राम योजना' के रूप में रखी गई। यह योजना उन क्षेत्रों तक शासन की संवेदनशील और सक्रिय पहुँच सुनिश्चित करने का क्रांतिकारी प्रयास है, जहाँ अब तक केवल उपेक्षा और प्रतीक्षा का सन्नाटा था।
मुख्यमंत्री साय का स्पष्ट मानना रहा है कि केवल सुरक्षा शिविर स्थापित कर देना पर्याप्त नहीं, जब तक वहाँ शासन की संवेदनशील उपस्थिति और समग्र विकास की किरण नहीं पहुँचे। इसी सोच के साथ बस्तर के पाँच नक्सल प्रभावित जिलों—सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और कांकेर—में 54 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए। इन शिविरों के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 327 गाँवों को चिन्हित कर यह निर्णय लिया गया कि इन सभी को शत-प्रतिशत योजनाओं से जोड़ते हुए एक नया विकास मॉडल प्रस्तुत किया जाएगा।
इस पहल के साथ ही गाँवों में बदलाव की हवा बहने लगी है। शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने 31 नए प्राथमिक विद्यालयों की स्वीकृति दी, जिनमें से 13 स्कूलों में कक्षाएँ शुरू हो चुकी हैं। 185 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना को स्वीकृति दी गई, जिनमें से 107 पहले ही प्रारंभ हो चुके हैं, जिससे बच्चों को पोषण और प्रारंभिक शिक्षा की सुविधा मिलने लगी है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में 20 उप-स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत किए गए, जिनमें से 16 स्वास्थ्य केंद्र प्रारम्भ हो चुके हैं। ये वही गाँव हैं जहाँ पहले एक सामान्य दवा के लिए भी लोगों को मीलों जंगल पार करना पड़ता था।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में संचार और संपर्क साधनों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। पहले जहाँ मोबाइल सिग्नल का नामोनिशान नहीं था, वहाँ अब 119 मोबाइल टावरों की योजना बनी और 43 टावर कार्यशील हो चुके हैं। 144 हाई मास्ट लाइट्स की मंजूरी दी गई, जिनमें से 92 गाँवों में अब रात के अंधेरे में उजियारा फैलने लगा है। सड़क और पुल निर्माण के लिए 173 योजनाएँ बनाई गईं, जिनमें से 116 को स्वीकृति मिल चुकी है और 26 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। यह विकास केवल अधोसंरचना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक जुड़ाव और पहचान का सशक्त माध्यम बन चुका है। आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अब तक 70,954 लोगों के आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं, 46,172 वृद्धजनों को आयु प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं और 11,133 नागरिकों का मतदाता पंजीकरण हुआ है, जिससे वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदार बन पाए हैं। 46,172 लोगों को आयुष्मान कार्ड जारी कर मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 12,232 मकानों का लक्ष्य तय किया गया है, जिनमें से 5,984 परिवारों को स्वीकृति मिल चुकी है। किसान सम्मान निधि योजना के तहत 4,677 किसानों को सहायता राशि प्रदान की गई है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 6,460 घरों में व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए हैं। रसोई को धुएँ से मुक्त करने के उद्देश्य से 18,983 महिलाओं को उज्ज्वला और गौ-गैस योजना के तहत गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। 30 गाँवों में डीटीएच कनेक्शन भी दिए गए हैं, जिससे ये गाँव अब सूचना और मनोरंजन के मुख्य प्रवाह से जुड़ चुके हैं।
यह परिवर्तन मात्र योजनाओं का संकलन नहीं है, बल्कि शासन और जनता के बीच एक नए भरोसे का रिश्ता है, जिसकी बुनियाद सहभागिता और पारदर्शिता पर टिकी है। वर्षों तक शासन से कटे रहे लोग अब स्वयं विकास की निगरानी में सहभागी बन रहे हैं। अब ग्रामीण स्वयं आंगनबाड़ी की उपस्थिति पंजी, राशन दुकान की गुणवत्ता और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी कर रहे हैं। यह वही बस्तर है, जो भय से विश्वास और उपेक्षा से भागीदारी की ओर बढ़ चला है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस दूरदर्शिता ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि सुशासन केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि जमीनी क्रियान्वयन से आता है। 'नियद नेल्लानार' केवल एक योजना नहीं, बल्कि यह बस्तर के पुनर्जागरण की यात्रा है—एक ऐसी यात्रा जिसमें बंदूक की जगह अब किताबें हैं, अंधेरे की जगह उजियारा है और असहमति की जगह अब सहभागी लोकतंत्र की भावना है।
मुख्यमंत्री साय ने किया “रक्त-मित्र” पुस्तिका का विमोचन, रेडक्रॉस के आजीवन सदस्यों को किया सम्मानित
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि रक्तदान एक पुनीत कार्य है, जो न केवल किसी जरूरतमंद को जीवनदान देता है, बल्कि मानवता के प्रति हमारी सेवा भावना का श्रेष्ठतम उदाहरण भी है। मुख्यमंत्री श्री साय आज जशपुर जिले के ग्राम बगिया में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति समय पर रक्तदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित कर सकता है। यह पहल जीवनरक्षक सहायता को सहज, सुलभ और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मुझे यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जशपुर जिले में हर वर्ग के नागरिक स्वैच्छिक रक्तदान और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं और समाज सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। आज रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ, क्योंकि जीवनदान देने वाला व्यक्ति वास्तव में ईश्वर के समकक्ष होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि रक्त का हमारे जीवन में क्या महत्व है। सही समय पर उपयुक्त रक्त समूह का रक्त मिलने से किसी के प्राणों की रक्षा की जा सकती है, इसलिए रक्तदान को ‘महादान’ कहा गया है। राज्य में रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से सर्वाधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है, जो जनसेवा की उत्कृष्ट मिसाल है। मैं इस मंच से प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूँ कि वे यथासंभव रक्तदान कर इस जीवनरक्षक कार्य में सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार हेतु राज्य सरकार निरंतर प्रतिबद्ध है। हाल ही में हमने एम्बुलेंस सेवाओं को हरी झंडी दिखाकर त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस पहल की है। उन्होंने कहा कि मैं सभी नागरिकों को यह आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हमारी सरकार प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और त्वरित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए संकल्पित है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कैम्प कार्यालय बगिया में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी जशपुर के आजीवन सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए और “रक्त-मित्र” पुस्तिका का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने श्री नीरज शर्मा, श्री अजय कुमार कुशवाहा और श्री शिव नारायण सोनी को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनके योगदान की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री, जिला प्रशासन एवं भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, जिला जशपुर की एक अभिनव पहल है, जिसके अंतर्गत 480 स्वैच्छिक रक्तदाताओं के नाम एवं मोबाइल नंबर सूचीबद्ध किए गए हैं। इस डायरेक्ट्री के माध्यम से जब भी किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता होगी, वह सीधे सूची में दिए गए नंबरों पर संपर्क कर रक्त प्राप्त कर सकता है।
इस प्रयास से रोगियों को इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उन्हें समय पर रक्त मिल सकेगा। यदि कोई व्यक्ति या समाजसेवी “रक्त-मित्र” बनना चाहता है, तो वह डायरेक्ट्री में दिए गए QR कोड को स्कैन कर गूगल फॉर्म भर सकता है। साथ ही, कलेक्टर एवं अध्यक्ष, भारतीय रेडक्रॉस जिला मुख्यालय, जशपुर (कलेक्ट्रेट परिसर, कक्ष क्रमांक 122) में संपर्क कर भी “रक्त-मित्र” के रूप में पंजीयन कर सकता है।
इस गरिमामय कार्यक्रम में सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं पत्थलगाँव विधायक श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह, डिप्टी कलेक्टर श्री हरिओम द्विवेदी, डिप्टी कलेक्टर श्री प्रशांत कुशवाहा, रेडक्रॉस सोसायटी के श्री रूपेश प्राणी ग्राही, अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ी संस्कृति, लोक जीवन और खानपान की दिखी झलक
श्री साव ने हल और कृषि औजारों की पूजा कर गौमाता को आटे की लोंदी खिलाई, गेड़ी का भी लिया आनंद
प्रदेशवासियों को दी हरेली की बधाई और शुभकामनाएं
रायपुर / शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री अरुण साव के नवा रायपुर स्थित शासकीय निवास पर आज सुबह से हरेली की धूम रही। उन्होंने सपरिवार हल और कृषि औजारों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर गौमाता को आटे की लोंदी और गुड़ खिलाया। उन्होंने गेड़ी का भी आनंद लिया। कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक श्री रोहित साहू और श्री मोतीलाल साहू भी हरेली पर्व में शामिल हुए।
हरेली पर उप मुख्यमंत्री साव के निवास पर चहुंओर छत्तीसगढ़ी संस्कृति, लोक जीवन और खानपान की झलक दिखी। उन्होंने हरेली पर्व में शामिल होने अपने निवास पहुंचे सभी लोगों का परंपरागत छत्तीसगढ़ी व्यंजनों चौसेला, गुलगुल भजिया, बरा, टमाटर की चटनी और भजिया खिलाकर स्वागत व आवभगत किया। उन्होंने हरेली पर अपने निवास में शीशम का पौधा लगाया।
उप मुख्यमंत्री साव ने प्रदेशवासियों को हरेली की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरेली तीज-तिहारों से संपन्न छत्तीसगढ़ का साल का पहला लोक पर्व है। मुख्यतः कृषि और किसानों को समर्पित यह पर्व आज पूरे प्रदेश में उत्साह व उमंग के साथ मनाया जा रहा है। हरेली में गेड़ी का परंपरागत साथ बच्चों के लिए भी इस त्योहार को उत्साहपूर्ण बनाता है। हरेली से मेरे बचपन की कई अच्छी और सुखद यादें जुड़ी हुई हैं। रायपुर नगर निगम के सभापति सूर्यकांत राठौर, खनिज विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष छगन मूंदड़ा, बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष यशवंत जैन, पवन साय और अनुराग अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी हरेली पर्व में शामिल हुए।
? कोरबा |
कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र में एक विशेष विवाह आवेदन को लेकर सामाजिक हलकों में गहरी हलचल मची हुई है। एक युवक द्वारा विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत आवेदन देने के बाद, जिले के कई प्रमुख सामाजिक संगठनों ने इस विवाह को संदिग्ध मानते हुए प्रशासन को गहरी आपत्ति पत्र सौंपे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तौसीफ़ मेमन नामक युवक ने शोभा सिंह नाम की युवती से विवाह हेतु आवेदन दिनांक 23 जून 2025 को कार्यालय अपर कलेक्टर एवं विवाह अधिकारी, कोरबा में प्रस्तुत किया था। प्रथम दृष्टया यह एक वैधानिक प्रक्रिया प्रतीत होती है, परंतु जैसे ही यह मामला सार्वजनिक हुआ, हिन्दू मंदिर नारायणी सेना, महाराणा प्रताप चौक व्यापार मंडल, राजपूत क्षत्रिय समाज, समेत कई सामाजिक संस्थाओं ने इस पर गंभीर आपत्तियाँ दर्ज कराईं।
इन संगठनों ने अपने ज्ञापनों में आरोप लगाया कि:
युवक तौसीफ़ मेमन की पृष्ठभूमि संदिग्ध है।
वह मूलतः बांग्लादेशी घुसपैठिया रोहिंग्या मुसलमान हो सकता है।
उसका संबंध झींगुर बाबा गिरोह जैसे संगठनों से होने की आशंका भी जताई गई है।
इस विवाह का उद्देश्य केवल लव जिहाद या धार्मिक छल हो सकता है।
इन आरोपों को गंभीर मानते हुए विवाह अधिकारी ने दिनांक 23 जुलाई 2025 को पुलिस अधीक्षक, कोरबा को पत्र जारी कर संबंधित युवक की पूरी पृष्ठभूमि की गहन जांच कर सत्यापन रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। पत्र में यह स्पष्ट कहा गया है कि यदि आपत्तियों की पुष्टि होती है, तो आवेदन को नियमों के तहत रद्द किया जाएगा।
? क्या कहा है पत्र में?
"...आवेदक की पहचान को लेकर प्रस्तुत आपत्तियाँ अत्यंत गंभीर हैं। यदि वह वास्तव में बांग्लादेश से आया रोहिंग्या शरणार्थी है अथवा धर्मांतरण हेतु छल कर रहा है, तो यह विवाह कानून की मूल भावना के प्रतिकूल होगा..."
प्रशासन ने इस मामले में केवल दस्तावेज़ों को देखकर निर्णय नहीं लिया, बल्कि सामाजिक संगठनों की शंकाओं को आधार बनाकर जाँच प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है। विवाह अधिकारी ने यह भी उल्लेख किया है कि यह मामला केवल दो व्यक्तियों का निजी मामला नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक सद्भाव और सुरक्षा का पहलू भी गहराई से जुड़ा है।
आपत्ति करने वाले संगठनों ने कहा है कि यदि इस प्रकार के मामलों में प्रशासन मौन रहता है तो यह भविष्य में मासूम लड़कियों के साथ धोखा, शोषण और कट्टरपंथी नेटवर्क के प्रसार का मार्ग खोल सकता है।
विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत दो अलग-अलग धर्मों के युवक-युवती विवाह कर सकते हैं, लेकिन इसकी प्रक्रिया पारदर्शी और कानूनी सत्यापन से जुड़ी होती है। किसी भी प्रकार की झूठी जानकारी, विदेशी नागरिकता छिपाना या पहचान से छेड़छाड़ इस अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
यह मामला न केवल प्रशासन की सतर्कता का उदाहरण है, बल्कि समाज की सामूहिक चेतना और सजगता का भी प्रतीक है। यदि वाकई इस विवाह के पीछे किसी प्रकार का छल, पहचान की धोखाधड़ी या सांप्रदायिक उद्देश्य छिपा हो, तो यह हर नागरिक के लिए एक खतरे की घंटी है।
"बेटियों को बचाने के लिए कानून, समाज और प्रशासन — तीनों का सजग रहना अनिवार्य है।"
कोरबा प्रशासन ने सही दिशा में कदम उठाते हुए सामाजिक आपत्तियों को नजरअंदाज नहीं किया है। अब यह जिम्मेदारी पुलिस जांच पर है कि वह पूरे मामले की निष्पक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत कर न्यायसंगत निर्णय के लिए मार्ग प्रशस्त करे।
इस तरह के मामलों में सिर्फ भावनाओं से नहीं, सत्यता और प्रमाण के साथ ही कार्रवाई होनी चाहिए।