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जशपुर जिले में शिक्षा के विस्तार की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मनोरा विकासखंड के शासकीय कॉलेज भवन के निर्माण कार्य के लिए 4 करोड़ 61 लाख 25 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। यह स्वीकृति मुख्यमंत्री द्वारा अपने जशपुर प्रवास के दौरान की गई घोषणा के अनुरूप दी गई है, जिस पर राज्य सरकार द्वारा तत्परता से अमल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जशपुर जिले के विकास कार्यों में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना और सड़क-पुल निर्माण से जुड़े कार्यों के लिए लगातार स्वीकृतियाँ दी जा रही हैं, ताकि विकास योजनाएं तेज़ी से धरातल पर उतर सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि दूरस्थ अंचलों के बच्चों को भी उच्च शिक्षा की बेहतर सुविधाएं उनके निकट ही उपलब्ध हों। इसी उद्देश्य से मनोरा में कॉलेज भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
मनोरा में कॉलेज भवन निर्माण की स्वीकृति से क्षेत्र के विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा और उन्हें स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने मुख्यमंत्री की इस पहल के लिए उनका आभार प्रकट किया है।
रायपुर / शौर्यपथ / क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी पर तीन प्रतिशत कमीशन मांगने और ठेकेदारों को धमकाने के आरोपों के बाद अब इस प्रकरण में सियासी तापमान और बढ़ गया है। जहां एक ओर कांग्रेस ने खंडन पत्रों को दबाव और डर के तहत कराया गया बताया है, वहीं भाजपा खामोश नजर आ रही है। कांग्रेस ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए भूपेंद्र सवन्नी को तत्काल पद से हटाने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, "यह पहला मौका है जब किसी शिकायत की जांच नहीं की जा रही, बल्कि खंडन करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री को भेजी गई ठेकेदारों की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने स्वयं इस पर पत्र जारी कर पूरी जानकारी मांगी थी। बावजूद इसके, अब जो खंडन सामने आ रहे हैं, वो शिकायतकर्ताओं से नहीं, बल्कि अन्य ठेकेदारों से करवाए जा रहे हैं, जोकि बेहद गंभीर मामला है।"
धनंजय ठाकुर ने सीधे तौर पर भूपेंद्र सवन्नी पर आरोप लगाया कि उन्होंने शिकायतकर्ताओं को धमका कर, दबाव बना कर खंडन के लिए विवश किया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यही तरीका अगर मुख्यमंत्री तक की गई शिकायतों के साथ अपनाया जा रहा है, तो आम नागरिकों को न्याय की उम्मीद कैसे होगी?
"क्या भूपेंद्र सवन्नी मुख्यमंत्री से भी ऊपर हैं, जो जांच के आदेश के बाद भी वह ठेकेदारों को धमका रहे हैं? क्या भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है?" – धनंजय ठाकुर
? पृष्ठभूमि में क्या है मामला?
इस पूरे विवाद की शुरुआत भूपेंद्र सवन्नी के खिलाफ ठेकेदारों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत के सोशल मिडिया में उजागर होने के बाद राजनैतिक रंग चढ़ा । शिकायत में आरोप था कि क्रेडा में कार्य कराने वाले ठेकेदारों से भूपेंद्र सवन्नी तीन प्रतिशत कमीशन मांगते हैं और मना करने पर काम में अड़चन डालने की धमकी देते हैं।
शिकायत पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने विभागीय स्तर पर संज्ञान लेते हुए क्रेडा से विवरण मांगा था, लेकिन इसके तुरंत बाद ही कुछ ठेकेदारों के नाम से खंडन पत्र सामने आने लगे, जिनमें आरोपों को निराधार बताया गया।
हालांकि, अब कांग्रेस का दावा है कि जो खंडन दिए जा रहे हैं, वे उन्हीं ठेकेदारों से नहीं हैं जिन्होंने शिकायत की थी। कांग्रेस इसे भाजपा द्वारा प्रशासनिक दबाव और राजनीतिक संरक्षण के तहत कराया गया ‘खंडन प्रबंधन’ बता रही है।
? कांग्रेस ने क्या मांग की है?
कांग्रेस की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच हो। जब तक जांच पूरी न हो, भूपेंद्र सवन्नी को उनके पद से हटाया जाए। जिन ठेकेदारों ने शिकायत की है, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
धनंजय सिंह ठाकुर ने आगे कहा, “भाजपा की सरकार में सुशासन की बात बेमानी हो चुकी है। जब मुख्यमंत्री तक की गई शिकायतों को दबाया जा रहा है तो यह संकेत है कि प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं खतरे में हैं। गुंडागर्दी की ये राजनीति अब उजागर हो रही है।”
हिंदी पत्रकारिता एवं साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए अभिषेक को डॉक्टरेट की मानद उपाधि
नारायणपुर/शौर्यपथ /नारायणपुर के युवा लेखक अभिषेक बेनर्जी को हिंदी लेखन,हिंदी भाषा में उत्कृष्ट पत्रकारिता एवं हिंदी साहित्य सृजन के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ द्वारा नई दिल्ली के पश्चिम विहार मे स्थित रेडीशन ब्लू होटल मे आयोजित भव्य कार्यक्रम मे डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया,पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ देश के की उन संस्थाओं में से एक है जो विद्यावाचस्पति अर्थात डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करती है,यह सम्मान उन्हें हिंदी भाषा की सेवा, पत्रकारिता की निष्पक्षता, और साहित्यिक अभिव्यक्तियों की नवीन ऊँचाइयों पर पहुँचाने के लिए दिया गया है।
नई दिल्ली मे सांसदों ने किया सम्मान
उपाधि मिलने के पश्चात् डॉ अभिषेक बेनर्जी को नई दिल्ली मे केंद्र सरकार में आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन लाल साहू ,बस्तर सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग ने साल श्रीफल से सम्मानित कर बधाई दी व उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
हिंदी भाषा के संरक्षण व संवर्धन के लिए रहूंगा समर्पित- डॉ. अभिषेक बेनर्जी
डॉ. अभिषेक बेनर्जी ने बताया पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ जैसी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा मुझे डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान किया जाना, मेरे लिए केवल एक सम्मान हीं नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी है—ज्ञान, संस्कृति और समाज के प्रति अपनी भूमिका को और अधिक गंभीरता व समर्पण से निभाने की।यह उपाधि न केवल मेरी अब तक की यात्रा की एक स्वीकृति है, बल्कि एक प्रेरणा है कि मैं आगे भी हिंदी भाषा, भारतीय संस्कृति और मानवीय मूल्यों के संरक्षण व संवर्धन में समर्पित रहकर अपने योगदान को और अधिक प्रभावशाली बना सकूं, साथ हीं सभी शुभचिंतको का आभार व्यक्त करता हूँ|
भूमि अधिग्रहण संबंधी विवादों की संख्या में आएगी कमी
किसानों को मिल सकेगा न्यायसंगत मुआवजा
मुख्यमंत्री ने कहा अधिग्रहण से प्रभावित हितग्राहियों के हित में ऐतिहासिक कदम
भूमि मूल्य निर्धारण को पारदर्शी, सरल और विवाद मुक्त बनाने की सार्थक पहल
मुख्यमंत्रीविष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रीपरिषद ने दी मंजूरी
रायपुर/शौर्यपथ/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रीपरिषद की बैठक में वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के एक महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह प्रस्ताव राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण से संबंधित है, जिसमें किसानों, भू-अर्जन से प्रभावित हितग्राहियों और राजस्व से जुड़े मामलों में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है।
अनुमोदित प्रस्ताव के तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार में जिस तरह की अनियमितताएँ सामने आई थीं, उनसे बचने के लिए यह व्यवस्था मददगार होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा। इस प्रस्ताव के लागू होने से भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों में विवादों की संख्या घटेगी और किसानों को पारदर्शी और न्यायसंगत मुआवजा मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि यह निर्णय नीति निर्माण की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। उन्होंने इस निर्णय को किसानों और भूमि अधिग्रहण से प्रभावित हितग्राहियों के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। उनका मानना है कि गाइडलाइन दरों की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाकर हम न सिर्फ किसानों को न्याय दिलाएंगे बल्कि राज्य की विकास परियोजनाओं की रफ्तार को भी गति देंगे। यह बदलाव राज्य में भूमि मूल्य निर्धारण की प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल और विवाद-मुक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास होगा।
सर्वे में शामिल देशभर के 4,566 शहरों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर टॉप-100 में छत्तीसगढ़ के 25 शहर
गारबेज-फ्री सिटी स्टार रेटिंग में राज्य के 62 शहरों ने बढ़ाया अपना दर्जा, रायपुर को सेवन स्टार सम्मान
सिंगल, थ्री और फाइव स्टार दर्जा प्राप्त शहरों की संख्या 114 पहुँची, पिछले सर्वे में थी 71
तीन नगर निगम ओडीएफ प्लस प्लस से वाटर प्लस श्रेणी में पहुंचे, 163 निकायों को मिला ओडीएफ प्लस प्लस दर्जा
रायपुर/शौर्यपथ /भारत सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। राज्य के नगरीय निकायों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का परिणाम है कि इस बार सर्वेक्षण में शामिल 169 शहरों में से 115 शहरों ने अपनी रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार किया है। स्वच्छता के इस राष्ट्रीय मूल्यांकन में देशभर के 4,566 शहरों के बीच छत्तीसगढ़ के 25 शहर टॉप-100 में शामिल हुए हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में बड़ी छलांग है, जब केवल 16 शहर टॉप-100 में आ पाए थे।
राज्य के 62 नगरीय निकायों ने गारबेज-फ्री सिटी स्टार रेटिंग में अपना दर्जा बढ़ाया है, जबकि सिंगल, थ्री और फाइव स्टार प्राप्त करने वाले शहरों की संख्या 71 से बढ़कर अब 114 हो गई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ने इस बार फाइव स्टार से बढ़कर सेवन स्टार की सर्वोच्च रेटिंग प्राप्त की है। रायपुर को गारबेज-फ्री सिटी श्रेणी में यह सम्मान प्राप्त हुआ है, साथ ही स्वच्छता में उसे वाटर प्लस शहर का दर्जा भी मिला है।
इस बार बिलासपुर, कोरबा और भिलाई नगर—ये तीन नगर निगम ओडीएफ प्लस प्लस से बढ़कर वाटर प्लस श्रेणी में पहुंच गए हैं। राज्य के 163 नगरीय निकायों को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा प्राप्त हुआ है, जिनमें किरंदुल और भाटापारा नगर पालिका तथा कुंरा नगर पंचायत जैसे निकाय भी शामिल हैं, जो पहले केवल ओडीएफ श्रेणी में थे। सीतापुर नगर पंचायत ने भी ओडीएफ प्लस से आगे बढ़कर ओडीएफ प्लस प्लस दर्जा हासिल किया है।
पिछले डेढ़ वर्षों में 62 नगरीय निकायों ने अपने सतत प्रयासों के माध्यम से गारबेज-फ्री सिटी स्टार रेटिंग में सुधार किया है। बिलासपुर और अंबिकापुर ने अपने थ्री स्टार स्तर को बढ़ाकर फाइव स्टार किया है, जबकि भिलाई नगर, जगदलपुर नगर निगम, जामुल नगर पालिका और घरघोड़ा नगर पंचायत ने 2023-24 के सिंगल स्टार दर्जे से आगे बढ़ते हुए अब थ्री स्टार प्राप्त किया है। वहीं, धमतरी, शिबरीनारायण और राजपुर जैसे शहर, जो पूर्ववर्ती सर्वे में स्टार रेटिंग में नहीं थे, उन्होंने सीधे थ्री स्टार श्रेणी में प्रवेश किया है। स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के क्षेत्र में विशेष प्रयासों के चलते राज्य के 52 नगरीय निकायों ने नो स्टार से उन्नत होकर अब सिंगल स्टार दर्जा प्राप्त कर लिया है।
इस बार कई नगरीय निकायों की राष्ट्रीय रैंकिंग में बड़ा सुधार देखने को मिला है। वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय स्तर पर 649वें स्थान पर रहे सिमगा ने इस बार 95वीं रैंक हासिल की है। इसी तरह जशपुर 637वें से 91वें, राजपुर 630वें से 63वें और घरघोड़ा 616वें से 71वें स्थान पर आ गया है। भिलाई-चरोदा ने अपनी रैंकिंग 587 से सुधारकर 68, दोरनापाल ने 557 से 81, दंतेवाड़ा ने 552 से 70, जगदलपुर ने 461 से 55, मुंगेली ने 447 से 86, कवर्धा ने 430 से 77, कुनकुरी ने 426 से 84, दुर्ग ने 314 से 80, राजनांदगांव ने 268 से 46, भिलाई नगर ने 267 से 22, छुरा ने 230 से 76, प्रतापपुर ने 173 से 62, बलरामपुर ने 65 से 53 और रायपुर ने 12वीं रैंक से बढ़कर चौथा स्थान प्राप्त किया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के शहरों की इस उपलब्धि को स्थानीय निकायों और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि शहरी सरकार, राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर नवाचारों के साथ शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के शहरों की रैंकिंग में और भी सुधार होगा और इस बार की राष्ट्रीय सफलता सभी नगरीय निकायों को और अधिक प्रेरित करेगी।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नगरीय निकायों की सराहना करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में नगरीय विकास और स्वच्छता हेतु राज्य सरकार द्वारा 7,400 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी, जिसका यह सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वे अपने अधीनस्थ अमले के साथ प्रतिदिन प्रातः भ्रमण कर सफाई कार्यों की नियमित निगरानी करें। साव ने कहा कि विभाग की इन दोनों पहलों की इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा – छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है, कानून अपना कार्य कर रहा है
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज मंत्रालय, महानदी भवन में केरल एवं ओडिशा के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा सांसद चलाकुडी से बेनी बेहनन, कोट्टायम से श्री के. फ्रांसिस जॉर्ज, कोल्लम से श्री एन. के. प्रेमचंद्रन, कोरापुट से सप्तगिरि उल्का, और केरल विधानसभा सदस्य श्रीमती रोजी एम. जॉन शामिल थे।प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से राज्य में हाल ही में चर्चा में आए धर्मांतरण प्रकरण की जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समरसता में विश्वास रखने वाला प्रदेश है, जहाँ सभी धर्मों के लोग सौहार्दपूर्वक रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि मामले की जांच न्यायिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है। कानून स्वतंत्र रूप से अपना कार्य कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश की बेटियाँ और नागरिक सुरक्षित और सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करें।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में पदक विजेता खिलाड़ियों ने सौजन्य भेंट की।
मुख्यमंत्री साय ने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने खिलाड़ियों को और अधिक मेहनत कर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रदेश के विजेता खिलाड़ियों में रजत पदक विजेता अन्नू देवी कुंवर, दीप्ति साहू तथा कांस्य पदक विजेता संजना कन्नौजिया और हर्षा सेन शामिल थीं। प्रशिक्षक विशाल हियाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ किक बॉक्सिंग संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री छगन लाल मुंदड़ा तथा महासचिव श्री आकाश गुरुदीवान उपस्थित थे।
स्वामी आत्मानंद विद्यालय का निरीक्षण कर स्कूल के साफ-सफाई एवं सौन्दर्यीकरण करने के निर्देश
नारायणपुर/शौर्यपथ / कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं द्वारा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सिंगोड़ीतराई, प्राथमिक शाला एवं आंगनबाड़ी केन्द्र अंजरेल का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने स्वामी आत्मानंद सिंगोड़ीतराई का निरीक्षण करते हुए प्राचार्य को विद्यालय का साफ-सफाई एवं सौन्दर्यीकरण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने विद्यालय के शिक्षकों की पदस्थापना संबंधी जानकारी ली तथा रिक्त पदों को शीघ्र पूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने निरीक्षण करते हुए कक्षा 9वीं के बच्चों से संस्कृत विषय की जिज्ञासा संबंधी जानकारी ली और बच्चों से पाठय पुस्तक मिलने की जानकारी लेते हुए कक्षा शिक्षक से सभी विषय संबंधी विस्तार पूर्वक जानकारी ली। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का निरीक्षण करते हुए कक्षा 11वीं के बच्चों से विषय संबंधी जानकारी लेते हुए नीट की पढ़ाई करने प्रोत्साहित किया। उन्होंने कक्षों का निरीक्षण करने के पश्चात् फिजीक्स एवं केमिस्ट्री लैब का भी अवलोकन किया। उन्होंने विद्यालय परिसर के अवलोकन करते हुए भण्डार एवं भोजन कक्ष का भी अवलोकन कर प्राचार्य को साफ-सफाई, रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निरीक्षण करते हुए पहली एवं दुसरी कक्षा के बच्चों से विषय संबंधी जानकारी ली। उन्होंने निरीक्षण करते हुए कक्षा पहली के बच्चों से अंग्रेजी अक्षर ज्ञान संबंधी बच्चों का जिज्ञासा बढ़ाया। निरीक्षण पश्चात स्कूल परिसर का जायजा लेते हुए प्राचार्य को शौचालय, लैब, भवन मरम्मत करने के निर्देश दिए। स्वामी आत्मानंद विद्यालय के उपयोगी सामग्रियों की आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने प्राथमिक शाला और आंगनबाड़ी केंद्र अंजरेल का निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की उपस्थिति कम होने के कारण नाराजगी व्यक्त करते हुए बच्चों की उपस्थिति संख्या में वृद्धि करने निर्देशित किया। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों का परिचय पूछते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से बच्चों के अनुपस्थिति संबंधी जानकारी ली। कलेक्टर ने अंजरेल के स्कूली बच्चों से परिचय पूछते हुए शिक्षा की गुणवत्ता संबंधी जानकारी ली तथा शिक्षक को अच्छी शिक्षा देने के लिए निर्देशित किया। प्राथमिक शाला एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के निरीक्षण पश्चात् कलेक्टर ममगाईं ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत खोड़गांव से चिचाड़ी पारा तक 3.40 किलोमीटर सड़क का भी जायजा लिया।
कलेक्टर ममगाईं ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय महावीर चौंक का निरीक्षण किया। निरीक्षण करते हुए प्राथमिक शाला महावीर चौंक का निरीक्षण करते हुए स्कूल में साफ सफाई और शिक्षा की गुणवत्ता संबंधी जानकारी लेकर शिक्षक को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने निर्देशित किया। उन्होंने निरीक्षण करते हुए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय महावीर चौंक के कक्षा 12वीं के बच्चों से विषय संबंधी चर्चा करते हुए बेहतर पढाई करने के लिए प्रोत्साहित किया। निरीक्षण पश्चात स्कूल परिसर में ही माध्यमिक विद्यालय का भी अवलोकन करते हुए विद्यालय में पेयजल, शौचालय एवं विद्युत संबंधी समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराने पीएमजीएसवाई के कार्यपालन अभियंता को निर्देशित किए। महावीर चौंक विद्यालय के मरम्मत कार्य का भी अवलोकन करते हुए गुणवत्तायुक्त कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार पटेल, पीएमजीएसवाई के कार्यपालन अभियंता विनय वर्मा, जिला परियोजना अधिकारी महेन्द्र देहारी और प्राचार्य कल्याण कुमार मिस्त्री उपस्थित थे।
रायपुर में खुलेगा APEDA का क्षेत्रीय कार्यालय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों से कृषि निर्यात को मिलेगा नया प्रोत्साहन, राज्य बनेगा एक्सपोर्ट हब
रायपुर/शौर्यपथ / कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात को प्रोत्साहन देने की दिशा में छत्तीसगढ़ को एक बड़ी सौगात मिली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों एवं उद्योग विभाग की सक्रिय पहल के फलस्वरूप भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने रायपुर में APEDA का क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की है।
इस क्षेत्रीय कार्यालय के प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के किसानों, उत्पादकों और निर्यातकों को अनेक लाभ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे। अब उन्हें ट्रेनिंग, प्रमाणन, पैकेजिंग, मानकीकरण और निर्यात संबंधी सेवाओं के लिए अन्य राज्यों के कार्यालयों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
स्थानीय स्तर पर मिलेगी वैश्विक गुणवत्ता की सुविधा
राज्य में APEDA कार्यालय की स्थापना से अब फाइटो-सेनेटरी प्रमाणपत्र, गुणवत्ता प्रमाणन, लैब टेस्टिंग, और निर्यात से जुड़ी प्रक्रियाएं यहीं पूरी की जा सकेंगी। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि किसानों और निर्यातकों की लागत में भी कमी आएगी।
छत्तीसगढ़ के उत्पादों को मिलेगी ब्रांडिंग और वैश्विक पहचान
APEDA कार्यालय से फल, सब्ज़ियाँ, चावल, GI टैग वाले उत्पाद, मिलेट्स और अन्य कृषि उत्पादों का सीधे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में निर्यात आसान होगा। इससे उत्पादों को उचित दाम, व्यापारियों को नए बाज़ार, और राज्य को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी।
किसानों की आय और ज्ञान दोनों में वृद्धि
निर्यात से किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, नई तकनीकों, गुणवत्ता नियंत्रण, आधुनिक पैकेजिंग और अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग की जानकारी और प्रशिक्षण उन्हें स्थानीय स्तर पर मिल सकेगा।
निर्यात बुनियादी ढांचे को मिलेगा प्रोत्साहन
APEDA न केवल प्रमाणन और ब्रांड प्रमोशन में सहयोग करता है, बल्कि निर्यात बुनियादी ढांचे के निर्माण और रख-रखाव में भी सहायता करता है। इससे राज्य में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस जैसे सुविधाओं का विकास होगा, जिससे कृषि व्यापार को नई गति मिलेगी।
विशेष योजनाएं और सब्सिडी का लाभ राज्य को मिलेगा
APEDA द्वारा चलाए जा रहे एक्सपोर्ट प्रमोशन, स्किल डेवलपमेंट और सब्सिडी योजनाओं का लाभ अब छत्तीसगढ़ के किसान, स्टार्टअप और MSMEs को सहजता से मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री साय ने इस ऐतिहासिक पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों और उत्पादकों को अब वैश्विक बाजार से जोड़ने का मजबूत माध्यम मिल गया है। यह कार्यालय न केवल कृषि निर्यात को प्रोत्साहन देगा, बल्कि राज्य की आर्थिक समृद्धि की दिशा में भी एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को ‘वोकल फॉर लोकल टू ग्लोबल’ की दिशा में एक अग्रणी राज्य बनाएगी और समृद्ध कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खोलेगी।
मंत्रिमण्डल ने दी स्टेट क्रिकेट संघ को 7.96 एकड़ भूमि
मुख्यमंत्री साय की विशेष पहल पर नियमों को शिथिल कर लिया गया निर्णय
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप राज्य के उभरते क्रिकेट खिलाड़ियों के प्रशिक्षण एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-3, ग्राम-परसदा में 7.96 एकड़ भूमि क्रिकेट एकेडमी की स्थापना हेतु आबंटित करने का निर्णय लिया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि सरकारी व्ययन नियमों के तहत, गैर-लाभकारी संस्थाओं को सीधे भूमि आवंटन का प्रावधान नहीं है, लेकिन इस विशेष मामले में राज्य शासन ने नियमों को शिथिल कर यह निर्णय लिया है, जिससे खिलाड़ियों के हित में क्रिकेट एकेडमी की स्थापना हो सके।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को 2016 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से पूर्णकालिक मान्यता प्राप्त है। इसके लिए नगर विकास प्राधिकरण ने कुल 7.96 एकड़ भूमि चिन्हित की है।
छत्तीसगढ़ राज्य में क्रिकेट के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। प्रदेश के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम मौजूद है, परंतु अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं और प्रशिक्षण के लिए एकेडमी की जरूरत महसूस की जा रही थी। इस निर्णय से प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को क्रिकेट में आगे बढ़ने के बेहतरीन अवसर मिलेंगे और राज्य को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम न केवल प्रदेश के युवा क्रिकेटरों के लिए अवसर के नए द्वार खोलेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ को खेल के क्षेत्र में मजबूत पहचान दिलाने में सहायक होगा।