February 07, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

नगरी के ग्राम हरदीभाठा के निवासी ओजस्वी ध्रुव २१ वर्षीय (पिता सुदेश ध्रुव) ने अपने जन्मदिन पर पीपल के पौधे रोपे और उस नन्हे पौधे की देखभाल करने की शपथ ली ।
ओजस्वी कहती हैं कि अगर हम अपने जन्मदिन पर दिखावे पर ना जाकर ऐसा ही प्रकृति के सहयोग करें और वृक्षारोपण करें साथ ही उसके देखभाल के लिए संकल्पित रहें तो निश्चित ही एक दिन हम फिर से प्रकृति को मुस्कुराते हुए देख सकते हैं ।

माता-पिता व ग्रामवासी ने उनके इस पहल के लिए प्रशंसा कि हैं और बधाई दे रहे हैं ।

लद्दाख के गलवान सीमा में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद शहीद हुए भारत के वीर सपूतों की याद में श्रद्धांजलि स्वरूप भानु प्रताप कुंजाम ने पेंसिल की नोक पर कलाकृति बनाकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की है।
कलाकृति का आकार 0.2 मिमी* 1.5सेमी।
शिक्षक श्री. भूषण लाल नाग शिक्षिका श्रीमती नीलकमल ठाकुर एवं अन्य शिक्षकगण भी शहीद वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं...

धमतरी ब्यूरो /शौर्य पथ

 

शासकीय प्राथमिक शाला कोटल भट्टी की छात्रा मनीषा झांकर पिता जगन झांकर बोराई की निवासी का कक्षा छठवीं का चयन 2020 नवोदय विद्यालय कांकेर हेतु हुआ है। इस सफलता पर बोरई छेत्र से रैन नेताम, आर आर नेताम, मनोज साक्षी, सुरेश समरथ,प्रशांत ठाकुर, मोनू झांकर,सुमित खंडेलवाल, संतोष जैन,कैलाश जैन आदि ने बधाई दी है।

दुर्ग / शौर्यपथ / भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राज्यसभा सांसद डॉ सुश्री सरोज पाण्डेय ने अपने जन्म दिवस के अवसर पर वैश्विक महामारी…

आंचलिक के साथ ही अनेक जिला स्तरीय अस्पताल भी तैयार, रायपुर के इनडोर स्टेडियम में 230 बिस्तरों पर इलाज की सुविधा


         रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। पहले केवल आंचलिक कोविड अस्पतालों राजनांदगांव, अंबिकापुर और रायगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बिलासपुर कोविड अस्पताल तथा रायपुर स्थित एम्स, माना अस्पताल एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में ही मरीज भर्ती किए जा रहे थे। कोविड अस्पतालों की स्थापना के दूसरे चरण में ई.एस.आई.सी. अस्पताल कोरबा, शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल दुर्ग, एम.सी.एच. अस्पताल बलौदाबाजार, कोविड केयर अस्पताल कोरिया, एम.सी.एच. अस्पताल सूरजपुर, मिशन अस्पताल धमतरी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलरामपुर क्रियाशील किए जा चुके हैं। इन अस्पतालों की कुल क्षमता 2380 है।
         कोविड अस्पतालों के अगले क्रम में जिला स्तर पर कोविड केयर सेंटर के तौर पर रेलवे अस्पताल बिलासपुर, एन.टी.पी.सी. अस्पताल सीपत बिलासपुर, लाइवलीहुड कालेज जशपुर, सृष्टि अस्पताल कोरबा, भोरमदेव कन्या परिसर कवर्धा और गर्ल्स हास्टल मुंगेली को विकसित कर कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है। इन अस्पतालों की क्षमता 630 है। साथ ही गरियाबंद, महासमुंद और बालोद को आवश्यक होने पर तत्काल प्रारंभ किया जा सकता है। रायपुर स्थित इनडोर स्टेडियम को 230 बिस्तरों वाले कोविड केयर सेंटर के रुप में विकसित किया जा चुका है। इस प्रकार प्रदेश में तीन हजार नए मरीजों को तत्काल भर्ती कर इलाज शुरू किया जा सकता है। चिकित्सा अधिकारी के तौर पर विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों और सरकारी अस्पतालों में 361 डॉक्टरों के नियुक्ति आदेश जारी किए जा चुके हैं।
        माना कोविड अस्पताल में आवश्यकतानुसार मरीजों की भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू कर इलाज किया जाएगा। इसे बंद नहीं किया जा रहा है। अभी मरीजों की संख्या कम होने के कारण उन्हें डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल स्थानांतरित कर अस्पताल को सैनिटाइज किया जा रहा है। यह आवश्यक प्रक्रिया है। आवश्यकतानुसार माना अस्पताल में पुनः मरीज भर्ती किए जाएंगे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेशवासियों को रथयात्रा की बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ से सभी नागरिकों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की है। श्री बघेल ने आज यहां रथयात्रा की पूर्वसंध्या पर जारी अपने बधाई संदेश में कहा है कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा सौहार्द, भाई-चारे और एकता का प्रतीक मानी जाती है। पूरे देश में हर साल भक्ति-भाव और उत्साह से रथयात्रा का आयोजन किया जाता है और हजारों लोग इसमें शामिल होते हैं। छत्तीसगढ़ से लगे उड़ीसा राज्य के पुरी में भगवान जगन्नाथ का धाम है। पड़ोसी राज्य होने के कारण प्राचीन काल से ही छत्तीसगढ़वासियों की भगवान जगन्नाथ में गहरी आस्था और जुड़ाव रहा है। मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों से अपील की है कि लोग एक जगह भीड़ लगाने से बचें। भगवान जगन्नाथ की आराधना सोशल डिस्टेंसिंग और संक्रमण से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए करें।

दुर्ग / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई, क्षेत्र अंतर्गत आने वाले पशुपालकों से रोका-छेका संकल्प अभियान के तहत 513 पशु मालिकों से संकल्प पत्र भराया गया। शासन के निर्देश के परिपालन में निगमायुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने निगम के अधिकारी/कर्मचारियों की नियुक्ति इस कार्य के लिए की है, इसके लिए नोडल अधिकारी सहित टीम का गठन किया जा चुका है। रोका-छेका संकल्प अभियान के तहत पशु मालिकों को अपने मवेशी की सुरक्षा स्वंय करने, पालतू मवेशियों को अपने स्थान पर रखकर चारा, पानी की समुचित व्यवस्था करने, शहर की सड़कों में आवारा घूमने के लिए नहीं छोड़ने, आसपास के खेतों में फसलों तथा उद्यानों में पालतू मवेशियों का प्रवेश रोकने स्वयं व्यवस्था करने, सामूहिक व्यवस्था में सहभागिता निभाने, पशुपालन से उत्सर्जित होने वाले अपशिष्ट के लिए कंपोस्टिंग के लिए स्वयं व्यवस्था करने के लिए भिलाई निगम क्षेत्र में संकल्प पत्र भराया जा रहा है।
     सड़क पर घूमने वाले आवारा मवेशियों की हो रही है धरपकड़ निगम क्षेत्र में सड़क किनारे घुमने वाले आवारा पशुओं की धरपकड़ विगत दो-तीन दिनों से की जा रही है निगम का अमला सड़क पर घुमने वालें 32 पशुओं को अब तक पकड़ चुके हैं। जोन 02 के एआरओ संजय वर्मा व जोन 04 के एआरओ बालकृष्ण नायडू ने बताया कि निगम क्षेत्र में आवारा घुमने वाले पशुओं को खुर्सीपार, तेलहा नाला, नेहरू नगर, माॅडल टाउन चैक क्षेत्र में घुमते हुए पाए जाने पर पकड़ा गया है।
    भिलाई की सड़कों पर पालतू मवेशियों के घूमते हुए पाए जाने पर पशु पालकों पर होगी कार्यवाही उपायुक्त अशोक द्विवेदी ने बताया कि सड़कों पर यूं ही घूमने वाले आवारा मवेशी पाए जाने पर पशु मालिकों पर भी नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा गौधन को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशु जो यातायात में बाधक बन कर दुर्घटना का कारण बनते हैं जिससे होने वाली दुर्घटना में पशुधन एवं जनधन की हानि होती है। निगम की अपील है कि इससे बचने के लिए पशुपालक अपने पालतू मवेशियों को सड़कों पर आवारा घूमने न दें।
513 पशु मालिकों से भराया जा चुका है संकल्प पत्र निगम के सभी जोन कार्यालयों की टीम 19 जून से शासन के आदेश के पालन में रोका छेका अभियान के तहत पशु पालकों से संकल्प पत्र भरवा रहे है। संकल्प पत्र अभियान में जोन कं. 01 में 113 पशु मालिक, जोन 02 में 122 पशु मालिक, जोन 03 में 79 पशु मालिक, जोन 04 में 176 पशु मालिक, जोन 05 में 23 पशु मालिक से संकल्प पत्र भरवाया जा चुका है।

लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / भागती-दौड़ती जिंदगी में हम अक्सर खान-पान को लेकर लापरवाही कर जाते हैं जिसके चलते हमें मोटापा या पेट के आसपास के…
खाना / खजाना / शौर्यपथ / ‘ओल्ड इज गोल्ड’ आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी। रेसिपीज के मामके में भी यह बात बिल्कुल फिट…

खेल / शौर्यपथ / इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने 2001 में नासिर हुसैन की कप्तानी में भारत का दौरान किया था। दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई थी, जिसे भारत ने 1-0 से जीता था। इस सीरीज की शुरुआत से पहले माना जा रहा था कि भारत 3-0 से टेस्ट सीरीज में क्लीनस्वीप करेगा। पहला टेस्ट मैच भारत ने 10 विकेट से जीता था, लेकिन फिर इंग्लैंड ने वापसी की और बाकी दो टेस्ट मैच ड्रॉ कराए। इस टेस्ट सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच बेंगलुरु में खेला गया था। उस मैच में सचिन तेंदुलकर सेंचुरी से चूके थे और टेस्ट क्रिकेट में पहली बार स्टंपिंग आउट हुए थे, एश्ले जाइल्स नेगेटिव लेंथ पर गेंदबाजी करने के चलते निशाने पर रहे थे। नासिर हुसैन ने 19 साल बाद बताया कि किस तरह से सचिन को आउट करने का पूरा प्लान बनाया गया था।

बेंगलुरु टेस्ट में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 336 रन बनाए, जवाब में टीम इंडिया ने 121 रनों तक पांच विकेट गंवा दिए थे। वीरेंद्र सहवाग और तेंदुलकर क्रीज पर मौजूद थे। सहवाग सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए थे। सचिन 143 टेस्ट पारियों में पहली बार स्टंप आउट हुए थे। नासिर हुसैन ने बताया कि किस तरह से तेंदुलकर को आउट करने का प्लान बनाया गया था। हुसैन ने 'सोनी टेन पिट स्टॉप' पर कहा, 'सचिन और सहवाग जब मैदान के चारों तरफ शॉट्स खेल रहे हों और पूरा स्टेडियम सचिन... सचिन... से गूंज रहा हो तो मुझे अपने गेंदबाजों की आंखों में दिख रहा था कि वो चिंता में हैं। मुझे पता था कि सबसे जरूरी है स्टेडियम में मौजूद लोगों को शांत कराना। ऐसा करना तभी मुमकिन था जब सचिन को रन बनाने से रोका जा सके।'

'एश्ले जाइल्स को लेकर आया गेंदबाजी कराने'

उन्होंने आगे कहा, 'बेंगलुरु की पिच में एक रफ एरिया था, लेकिन मेन पिच में कुछ भी नहीं था। अगर गेंदबाज नॉर्मल गेंदबाजी करते तो उनके लिए कुछ नहीं था। मैं गेंदबाजी एश्ले जाइल्स को लेकर आया, जो कसी हुई लाइन से गेंदबाजी कर रहे थे। एश्ले स्टंप्स के काफी करीब गेंदबाजी कर रहे थे काफी कसी लाइन से गेंद फेंक रहे थे जिससे उस रफ पैच को हिट कर सकें।' जाइल्स ओवर द विकेट गेंदबाजी कर रहे थे, रन नहीं बना पाने पर तेंदुलकर भी परेशान होने लगे, एक गेंद उन्होंने मिस की और क्रीज से थोड़ा बाहर निकले ही थे कि जेम्स फोस्टर ने उन्हें स्टंप आउट कर दिया।

'चालाकी भरा प्लान था'

इंग्लैंड को 'नेगेटिव लाइन' से गेंदबाजी के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। हुसैन ने कहा, 'सचिन आउट हुए, यह काफी चालाकी भरा प्लान था। इसके बाद लोग भी शांत हो गए। उस समय इंग्लैंड में भी किसी ने कहा था कि यह शर्मनाक है और इंग्लैंड ऐसे नेगेटिव प्लान का इस्तेमाल कर रहा है। यह लोगों को शांत करने के लिए था। यह इकलौता ऐसा मौका था जब तेंदुलकर स्टंप आउट हुए थे। भारत उस मैच में पहली पारी में करीब 300 (असल में 238) रनों पर ऑलआउट हुआ था, जो मेरी जीत थी।

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