March 27, 2025
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मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी )

मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी ) (251)

नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना एवं शासन की अन्य विभागीय गतिविधियों की भी ली जानकारी

दुर्ग / शौर्यपथ / जिले की विकास उपलब्धियों को देखने के लिए मीडिया की टीम बुधवार को एक दिवसीय प्रवास पर दुर्ग एवं पाटन ब्लाक के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण पर रही। यहाँ मीडिया की टीम ने जिले के विकास कार्यों के लिए शासन द्वारा की जा रही पहल को देखा। इनमें से मीडिया टीम के लिए सबसे आकर्षक जगह रही बेलौदी। यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गाँव है और यहाँ की झील में प्रवासी पक्षी आते हैं। इनमें से सबसे खास पक्षी हैं राजहंस जो मानसरोवर में नेस्टिंग करते हैं और तिब्बत से होते हुए माउंट एवरेस्ट को पार करते हुए हिंदुस्तान पहुंचते हैं और यहाँ बेलौदी भी इनके फ्लाई हाईवे में शामिल होता है जहाँ ये सुस्साते हैं ऊर्जा से भरकर आगे का सफर तय करते हैं। मीडिया टीम को इसके बारे में जानकारी तहसीलदार पाटन एवं बर्ड वाचिंग एक्सपर्ट श्री अनुभव शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि यहाँ कुछ दिनों पहले राजहंस स्पाट किये गए। संस्कृत साहित्य में खंजन पक्षियों की काफी चर्चा है और सुंदर आँखों वाली की तुलना खंजन से करते हैं। यह पक्षी भी यहाँ तालाब में हैं। सुरखाब के जोड़े भी यहाँ पर मौजूद हैं जो काफी दुर्लभ पक्षी है।
जनसंपर्क अधिकारी सौरभ शर्मा ने बताया कि शासन ने इसे बर्ड वाचिंग परिक्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है। इससे इनके संवर्धन में काफी मदद मिलेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि थोड़ी दलदली भूमि होने के कारण पक्षियों को यहाँ काफी खुराक मिल जाता है। पहले यहाँ पेंटेंड स्टार्क कभी कभी आते थे, अब इन्होंने यहाँ स्थायी बसेरा बना लिया है। अभी स्नेक बर्ड ने प्रजनन किया है। साँपों की तरह का गला होने के कारण इन्हें स्नेक बर्ड कहते हैं।
गोधन के हितग्राहियों से मिले चंदखुरी गौठान में- मीडिया टीम ने दुर्ग ब्लाक के ग्राम चंदखुरी में गौठान देखा। यहाँ उन्होंने वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन होते देखा। वे गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों से भी मिले। सिंधुजा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती संतोषी देवांगन ने बताया कि हमारे गाँव ने गोधन न्याय योजना का बहुत अच्छा क्रियान्वयन हुआ है। गोबर विक्रेताओं को काफी आर्थिक लाभ हुआ है। स्व-सहायता समूहों के लिए भी यह योजना बहुत अच्छी है। इस अवसर पर पौधे का रोपण भी मीडियाकर्मियों ने किया। उन्होंने बताया कि हितग्राहियों को ट्रैक्टर और क्रशर के किश्त चुकाने में गोधन न्याय योजना की राशि काम आ रही है और वे सब बहुत खुश हैं।
66 एमएलडी प्लांट देखा- मीडियाकर्मियों ने 66 एमएलडी प्लांट भी देखा। यहाँ फिल्टर प्लांट से किस तरह से शुद्ध जल पूरे शहर में भेजा जाता है यह प्रक्रिया जानी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस प्लांट का लोकार्पण किया था।
देखी केसरा की बाड़ी- मीडिया टीम ने केसरा की बाड़ी भी देखी। यहाँ 11 समूहों की 65 महिलाएं सब्जी उगा रही हैं। यहाँ 30 एकड़ में सामुदायिक सब्जी लगाई गई है। एक सीजन में समूहों को लगभग 50 से 60 जार रुपए की आय हो रही है।
मोहल्ला क्लास का निरीक्षण भी किया- मीडिया टीम ने मोहल्ला क्लास का निरीक्षण भी किया। यहाँ उन्होंने पढ़ई तुंहर द्वार के अंतर्गत चल रही कक्षाओं का निरीक्षण किया। साथ ही बच्चों से चर्चा भी की।

ओवेरियन सिस्ट रिमूवल, हिस्टरएक्टोमी एवं एक एमरजेंसी सिजेरियन ऑपरेशन

           दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुंचाने के लिए किए जा रहे प्रयास रंग लाने लगे हैं। अब ग्रामीण अंचलों के शासकीय अस्पतालों में भी मुश्किल सर्जरियाँ होने लगीं हैं, जिनके लिए कल तक बड़े अस्पतालों पर निर्भरता थी। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में दुर्ग जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य के केंद्रों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में दिनांक 19 जनवरी को 3 मेजर ऑपरेशन किए गए, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी विधि से ओवेरियन सिस्ट रिमूवल, हिस्टरएक्टोमी एवं एक एमरजेंसी सिजेरियन ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुआ।
चिकित्सकीय टीम में डॉ. कृष्ण कुमार डेहरिया स्त्री रोग विशेषज्ञ सर्जन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. अजय सिंह ठाकुर, डॉ. सीडी दीवान सर्जन, स्टाफ नर्स शिव कुमारी दुबे, एकता सैमुअल, रीना बंछोर, जितेंद्र निर्मलकर रेखा कन्नौजे आदि ऑपरेशन दल के सदस्यों के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ । विकास खंड चिकित्सा अधिकारी एवं स्वामी आत्मानंद शासकीय चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा ने बताया की क्षेत्र की जनता को चिकित्सा सुविधा एवं सेवाएं देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें कम दूरी में ही गुणवत्तापूर्ण सुविधा एवं सेवाएं दे सकें। इस उद्देश्य से शासन द्वारा अस्थि रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना की गई है, डॉ. अरुण कटारे अस्थि रोग विशेषज्ञ की सेवाएं भी मिल रही हैं। विगत दिनों अस्थि रोग से संबंधित इलाज प्रारंभ किया गया है, इसमें फ्रैक्चर माइनर, अस्थि रोग सर्जरी एवं स्किन ग्राफ्टिंग भी की गई है, आगामी समय में विकासखंड पाटन में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के विस्तार की प्लानिंग की जा रही है।
क्षेत्र की जनता को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना एवं आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सुश्री प्यूली मजूमदार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन पहुंचकर चिकित्सक की टीम की सराहना की एवं ऑपरेशन से लाभान्वित हुए हितग्राहियों से मुलाकात उनका कुशल क्षेम पूछा एवं जल्द स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं दी।

’युवाओं की प्रतिभा को संवारने और आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने के अभियान में नहीं होगी कोई कमी’- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल’
’मुख्यमंत्री रेडियोवार्ता लोकवाणी की 14वीं कड़ी में युवाओं से हुए रूबरू’
’स्वामी विवेकानंद ने मानव उत्थान की सीख दी मुख्यमंत्री ने युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों की दी जानकारी’
’छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से कोरोना का किया मुकाबला’

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपनी रेडियोवार्ता लोकवाणी की 14वीं कड़ी में आज युवाओं से रूबरू हुए। रेडियोवार्ता की यह कड़ी युवाओं को समर्पित रही। मुख्यमंत्री ने युवाओं द्वारा रिकार्डेड संदेश के माध्यम से साझा किए गए विचारों और सुझावों पर विस्तार से चर्चा की और युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री ने इस कड़ी में युवाओं को नए वर्ष की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की तरूणाई नई अंगड़ाई लेकर उठ खड़ी हुई है। जो हम सबके सुरक्षित और सुखद भविष्य का संकेत है। लोकवाणी रेडियोवार्ता को जांजगीर-चांपा जिले के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में बड़े उत्साह के साथ सुना गया। जिला मुख्यालय में नैला स्टेशन के मेडिकल स्टोर में सर्वश्री संतोष यादव, राजधु्रवे, कन्हैया दास, विष्णु शर्मा, प्रकाश यादव, हिमांशु पाण्डेय, रज्जू सेन, कालू धुर्वे, और राजेन्द्र चैहान ने सामूहिक रूप से लोकवाणी का श्रवण किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने युवाओं को उनके उज्जवल भविष्य के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि युवाओं की प्रतिभा को संवारने और उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने के राज्य सरकार के अभियान में किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ी युवा हर मंच पर छत्तीसगढ़ का झण्डा गाड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं और सीख की चर्चा भी युवाओं के साथ की। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के शब्दों को उद्यत करते हुए युवाओं से कहा कि ’एक विचार उठाओ, उसे अपना जीवन बना लो’ यह सफलता का मार्ग है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को देखकर यही लगता है कि उन पर गांधी-नेहरू-स्वामी विवेकानन्द का असर है। उन्होंने कहा कि बेहतर खेल अधोसंरचनाओं के विकास से खेल प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा निखारने और छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के जरिए युवा साहित्यकारों और कलाकारों को सही मंच, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिलेगा।
’छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से किया कोरोना का मुकाबला’
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि पिछला साल बड़ी चुनौतियों के साथ बीता है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुनिया में अनेक परिवारों को अपने प्रियजनों से बिछड़़ना पड़ा। नौकरी, व्यापार, व्यवसाय तथा भिन्न-भिन्न आजीविका के साधनों पर कोरोना महामारी का बहुत घातक आघात रहा। छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से कोरोना का मुकाबला किया। आप सबकी बदौलत ही छत्तीसगढ़ ने कोरोना काल में भी बहुत उपलब्धियां हासिल कीं, जिसके कारण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को ख्याति मिली। हमारी उपलब्धियों के पीछे एक बहुत बड़ी ताकत हमारी युवा शक्ति है।
’स्वामी विवेकानंद ने भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई’
मुख्यमंत्री बघेल ने लोकवाणी में कहा कि मैं स्वामी विवेकानंद जी को, उनके जन्मदिन के अवसर पर, प्रदेश की जनता की ओर से नमन करना चाहूंगा। स्वामी विवेकानंद का मन मानव जाति की सेवा में रमा। बहुत छोटी-सी आयु में ही वे स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बन गए और वेदांत तथा आध्यात्मिक ज्ञान के शिखर की ओर बढ़ चले। 11 सितम्बर 1893 को शिकागो की धर्मसंसद में स्वामी विवेकानंद के व्याख्यान ने स्वयं उन्हें तथा भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई। स्वामी विवेकानंद को युवाओं का आदर्श माना गया। मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व का अनुभव हो रहा है कि भारत में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ का आयोजन 12 जनवरी 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में शुरू हुआ।
’स्वामी विवेकानंद ने मानव उत्थान की सीख दी’
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने विभिन्न धर्मों की आपसी प्रतियोगिता व वैमनस्यता के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया था। उन्होंने आडम्बरों का मुखर विरोध किया। वे अपनी सारी चेतना और शक्ति को मानव के उत्थान में ही लगाने में विश्वास करते थे और इसी की सीख दिए। शिकागो की प्रसिद्ध विश्व धर्मसंसद में स्वामी जी ने कहा था कि उन्हें ऐसे धर्म पर गर्व है, जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति दोनों सिखाई है। हम सभी धर्मों को सच मानते हैं। उन्हंे एक ऐसे देश से संबंधित होने पर गर्व है, जिसने सभी धर्मों और पृथ्वी के सभी देशों के पीडि़तों और शरणार्थियों को शरण दी है। उन्होंने कहा वास्तविक शिक्षा वह है, जो किसी को अपने दम पर खड़ा करने में सक्षम बनाती है। छात्रों को चरित्र और मानवीय मूल्य सिखाती है। आज मैं स्वामी जी के शब्दों में ही युवाओं का आह्वान करता हूं-‘एक विचार उठाओ, उसे अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार पर जियो।
’छत्तीसगढ़ के युवाओं ने हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का नाम किया रोशन’
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में बताया कि रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद, स्वामी आत्मानंद मेरे मन में बचपन से बसे थे। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि यदि भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढिए। पंडित जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि युवाओं को चाहिए कि वे विवेकानंद को बार-बार पढं़े, उनकी बुद्धिमत्ता, जोश और विवेक से नई पीढ़ी को काफी मदद मिलेगी। स्वामी विवेकानंद जी का छत्तीसगढ़ प्रवास हमें उस यश और गौरव से जोड़ता है, जो उन्होंने मात्र 39 वर्ष की उम्र में ही कमा लिया था। यही वजह है कि हम रायपुर में स्वामी जी की यादों को सहेजने का काम कर रहे हैं। हाल के दो वर्षों की बात करूं तो ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारी बस्तर की एक बेटी नम्रता जैन यूपीएससी में देश में बारहवें स्थान पर रही हैं। बिलासपुर के वर्णित नेगी तेरहवें स्थान पर रहे। भिलाई की सिमी करण सहित उमेश गुप्ता, आयुष खरे, योगेश पटेल, प्रसून बोपचे जैसे युवाओं ने एक सिलसिला बना दिया है। वर्ष 2020 में दुर्ग के कल्पित अग्रवाल गेट की परीक्षा में टॉपर रहे तो रायपुर के तनय राज ने नीट में परचम लहराया।
’‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’ के माध्यम से युवा साहित्यकारों,’ ’कलाकारों को मिलेगा सही मंच, मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन’
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने पहली बार छत्तीसगढ़ में ‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’ के गठन का निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी और लोककला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी आदि संस्थाएं काम करेंगी। हमारा प्रयास है कि यह काम जल्दी से आगे बढ़े ताकि आप लोगों को सही मंच, मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन मिल सके। इसके अलावा साहित्यकारों, कलाकारों और उनके परिवारजनों को सहायता देने के अनेक प्रावधान भी हैं। हमने स्थानीय कला-संस्कृति को महत्व देते हुए यह कोशिश की है कि हमारे स्थानीय कलाकारों को भरपूर अवसर मिले।
’‘खेलबो-जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़‘’
मुख्यमंत्री ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में शानदार उपलब्धियां हासिल करने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी दीपेश कुमार सिन्हा, शिखर सिंह, आकर्षि सहित अन्य सभी खिलाडि़यों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैंने नारा दिया था, ‘खेलबो-जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़।’ हमें पता है कि विरासत में हमें बेहद कमजोर खेल अधोसंरचना मिली है, वहीं खिलाडि़यों को भी बहुत से अभावों से जूझना पड़ता था। इसलिए हमने ‘छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण’ का गठन किया। हॉकी, फुटबाल, बैडमिंटन, तीरंदाजी, वालीबॉल, कबड्डी आदि खेलों के निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा दी गई है। अब ‘खेलो इंडिया योजना’ के तहत रायपुर में राष्ट्रीय स्तर की आवासीय हॉकी अकादमी तथा बिलासपुर में तीरंदाजी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। बिलासपुर में तीरंदाजी, हॉकी और एथलेटिक्स की राज्य स्तरीय अकादमी, जगदलपुर में फुटबॉल तथा रनिंग सिंथेटिक टर्फ ग्राऊंड, अम्बिकापुर इंडोर हॉल की मंजूरी प्राप्त की गई है।
नगरीय-निकायों तथा पंचायतों में ‘राजीव युवा मितान क्लब’
प्रदेश के सभी नगरीय-निकायों तथा पंचायतों में ‘राजीव युवा मितान क्लब’ का गठन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से युवाओं के सर्वांगीण विकास का कार्य किया जाएगा। हमारी योजना है कि प्रत्येक जिले में स्थानीय विशेषता के अनुसार प्रशिक्षण सुविधाएं विकसित की जाएं और उसमें उद्योगों की मदद भी ली जाए। मुझे तो विगत वर्ष मनाए गए युवा महोत्सव की याद आ रही है, जिसमें ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक युवाओं ने भाग लिया था और हजारों युवा साथी राज्य स्तरीय प्रदर्शन के लिए रायपुर आए थे। इस वर्ष कोरोना के कारण वैसा आयोजन नहीं हो पा रहा है, लेकिन हम प्रयास करेंगे कि भविष्य में कोई बड़ा आयोजन हो।
युवा प्रतिभाओं को दी बधाई
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में आइफा अवार्ड विजेता सरगुजा के दो युवाओं युवा संगीतकार सौरव गुप्ता और वैभव सिंह सेंगर तथा इंडिया बेस्ट डांसर टीव्ही शो में फस्ट रनरअप मुकुल गाइन को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके माध्यम से मैं उन सभी युवा प्रतिभाओं को बधाई देता हूं जिन्होंने छत्तीसगढ़ का नाम ऊंचा किया है। मैं चाहता हूं कि आप लोग इसी तरह लगातार काम करते रहें और सफलताएं हासिल करते रहें, इसके लिए मेरी शुभकामनाएं।
’दो वर्षों में 46 हजार से अधिक युवाओं ने मुख्यमंत्री कौशल प्रशिक्षण योजना से बने हुनरमंद’
लोकवाणी में कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अनेक युवाओं ने अपने बारे में संदेश रिकॉर्ड करवाए जिसमें उन्होंने इस योजना को युवाओं के लिए उपयोगी बताते हुए इसे जारी रखने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। श्री बघेल ने इन युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के तहत स्कूल, कॉलेज, कोचिंग तथा अन्य प्रशिक्षण संस्थानों पर रोक लगाई गई थी। कौशल विकास योजना को बेहतर ढंग से चलाने के लिए हमने नई गाइडलाइन जारी की, जिसके तहत बाजार की मांग और आधुनिक तकनीकी पर आधारित प्रशिक्षण शुरू किया गया। मुझे खुशी है कि दो वर्षों में 46 हजार से अधिक युवाओं ने प्रशिक्षण लिया है, जिसमें से लगभग 23 हजार युवाओं ने अपना काम शुरू कर दिया है। आपकी सहूलियत के लिए हमने ‘रोजगार संगी मोबाइल एप’ शुरू किया, जो प्रशिक्षित युवा और नियोक्ता के बीच पुल का काम कर रहा है। कोरोना के कारण जो प्रवासी श्रमिक वापस लौटे उनमें से 2 लाख 14 हजार लोगों की स्किल मैपिंग करके उनके प्रशिक्षण और रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। जैसे ही कोरोना का असर कम होगा या इसकी गाइडलाइन इजाजत देगी, वैसे ही हम जल्दी से जल्दी कौशल प्रशिक्षण शुरू करने की व्यवस्था करेंगे। ’युवाओं की प्रतिभा को संवारने और आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने के अभियान में नहीं होगी कोई कमी’
मुख्यमंत्री ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपने जिन पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाएं दी हैं, उनमें कहीं कोर्ट केस या प्रक्रियागत बाधाओं के कारण तकलीफें थीं, जिनका उचित ढंग से निराकरण किया जा रहा है। बहुत से प्रकरणों में तो मामला वेरीफिकेशन तक पहुंच गया है, हमारा प्रयास है कि जितनी जल्दी हो सके, नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएं। इस संबंध में मैंने विभिन्न विभागों को निर्देश दे दिए हैं। साथियों, मैं एक बार फिर यह कहना चाहूंगा कि आप लोगों ने जिस तरह से धैर्य बनाए रखा है, वह काबिले-तारीफ है। छत्तीसगढ़ में युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है। मैं चाहूंगा कि आपकी प्रतिभा को संवारने और आपको बेहतर आजीविका दिलाने के हमारे अभियान में कहीं कोई कसर नहीं रहेगी।
’दो वर्ष में 22 प्रतिशत से घटकर 2 से 4 प्रतिशत के बीच हुई बेरोजगारी दर’
’नए उद्योगों में ही 15 हजार लोगों को मिला रोजगार’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जमाना गया जब सिर्फ सरकारी नौकरी को ही रोजगार माना जाता था। अब तो बहुत से काम और बहुत सी नौकरियों को सरकारी नौकरी से बेहतर माना जाता है। यही वजह है कि हमने प्रदेश में ऐसे विकास कार्यों या योजनाओं को अपनाया है, जिसमें युवाओं की भागीदारी बड़े पैमाने पर हो। कृषि, वानिकी, इनके उत्पादनों का प्रसंस्करण, नई उद्योग नीति आदि के माध्यम से हमने सर्वांगीण विकास और चैतरफा विकास की रणनीति अपनाई है, ताकि छोटे-बड़े हर स्तर पर लोगों को काम मिले। अब देखिए कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना के कारण भी गांव-गांव में रोजगार के नए अवसर बने हैं। मुझे यह देखकर खुशी होती है कि हम एक रास्ता बनाते हैं तो उसमें से दस रास्ते लोग अपनी सोच, समझदारी और प्रतिभा से बना लेते हैं। गोबर हमारी पूरी कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केन्द्र में तो आ ही गया है, लेकिन अब इससे बनने वाले कलात्मक उत्पादों के लिए राज्य से लेकर दिल्ली तक मार्ट खुल जाना एक नई तरह की क्रांति है। क्योंकि ऐसा कोई भी काम होता है, तो उसमें रोजगार के अवसर समाहित रहते हैं। नई उद्योग नीति से नए उद्योग लगने की पहल हो रही है तो उसमें भी करीब 50 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना बन गई है। सिर्फ नए उद्योगों में ही लगभग दो साल में 15 हजार लोगों को रोजगार मिल गया है। गांव से लेकर सरकारी नौकरी और उद्योगों तक, जब हम समग्र रूप में देखते हैं तो पाते हैं कि प्रदेश की बेरोजगारी दर देश की बेरोजगारी दर की आधी भी नहीं है। दो वर्ष में 22 प्रतिशत से घटकर बेरोजगारी दर 2 से 4 प्रतिशत के बीच रही है।
’बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने ई-श्रेणी पंजीयन योजना की शुरूआत’
’स्नातक इंजीनियर, डिग्रीधारी, डिप्लोमाधारी राजमिस्त्री को भी रोजगार’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यह व्यवस्था की है कि बेरोजगार युवा यदि स्नातक इंजीनियर हैं तो इन्हें ई-श्रेणी में एकीकृत पंजीयन कर ब्लॉक स्तर पर 20 लाख तक के कार्य दिए जाएं। इन्हें एक वर्ष में अधिकतम 50 लाख रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी। वहीं अनुसूचित क्षेत्रों में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण युवाओं को भी ई-पंजीयन की सुविधा दी गई है, ताकि वे भी निर्माण कार्यों में सीधी भागीदारी निभा सकें। इसके अलावा बेरोजगार डिग्रीधारीध्डिप्लोमाधारीध्राज मिस्त्री को भी आसानी से रोजगार दिलाने के लिए पृथक से निविदा प्रक्रिया की व्यवस्था की गई है। जिसके तहत स्नातक इंजीनियरों को एक बार में 50 लाख तक और वर्ष में 2 करोड़ रू. तक का दिया जाएगा। डिप्लोमाधारी इंजीनियरों को एक बार में 25 लाख रू. तक तथा वर्ष में अधिकतम एक करोड़ रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी। राज मिस्त्रियों को एक बार में 15 लाख रू. तथा वर्ष में अधिकतम 60 लाख रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी।

सफलता की कहानी /शौर्यपथ /

पशुधन विकास विभाग द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन सुकमा जिले में सफलता पूर्वक हो रहा है। जिले में विभागीय योजनाओं जैसे बैकयार्ड कुक्कट पालन, शबरी लेयर फार्मिंग, शूकर पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि योजनाओं के तहत हितग्राहियों को आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़कर आर्थिक मजबूती, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
गरीबी उन्मूलन योजना के अन्तर्गत महिला स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्येश्य से पशुधन विकास विभाग जिला सुकमा द्वारा नवम्बर माह में ग्राम पंचायत केरलापाल के ग्यारह स्व-सहायता समूहों को एक-एक माह के 50-50 नग कड़कनाथ चूजे एवं दाना प्रदान किया गया था। जिससे उन्हें अपनी आय में वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक स्थिति सदृढ़ करने में सहायता मिल सके।
चूज़ों की देख-रेख में देती हैं पर्याप्त समय
पटेलपारा केरलापाल में सत्यम स्व सहायता समूह, जय मां काली स्व सहायता समूह एवं शिवम् स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि कड़कनाथ के चूजे मिलने से उन्हें आत्मनिर्भरता की राह नजर आई। महिलाओं ने बताया कि विभाग द्वारा प्रदाय किए गए चूजे उत्तम नस्ल के है जिनसे वे निश्चित ही आर्थिक लाभ कमा सकेंगी। जय मां काली समूह की अध्यक्ष श्रीमती सुकड़ी मरकाम ने बताया कि इन चूजों को रोजाना तीन समय खुराक दी जाती है जो इनकी वृद्धि होने में सहायक है। विभाग द्वारा चूजों के लिए 50 किलो दाना भी प्रदान किया गया है।
वहीं ग्राम केरलापाल सड़कपारा के शेरावाली स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती गन्धेश्वरी मंडल ने बताया कि समूह की महिलाएं चूजो की देख रेख के लिए पर्याप्त समय देती है। समूह के सदस्य कड़कनाथ चूजों के पालन को लेेकर खासी उत्साही हैं। चूजों को खुराक में वे दाने के साथ चावल, धान, कोंढा आदि मिलाकर देती है जिससे उनमें जल्दी वृद्धि हो। इसके साथ ही ठंड से बचाने के लिए बाड़े को चारों तरफ से कपड़े और बोरे से ढंक रखा है ताकि चूजे मौसमी सर्दी से बचे रहे। सुबह और रात को बाड़े को गरम रखने के लिए बल्ब और अलाव जलाकर व्यवस्था करती है, जिससे बाड़े में संतुलित तापमान बना रहता है।
कड़कनाथ का व्यवसाय कर कमाएंगी हजारों रुपए
चर्चा के दौरान हितग्राही महिलाओं ने बताया कि कड़कनाथ नस्ल के मुर्गियों की बाजार में अच्छी खासी कीमत है। अपने पौष्टिक गुणों के कारण साधारण प्रजाति की मुर्गियों की तुलना में इसकी कीमत लगभग दो से तीन गुना है। मंहगी होने के बावजूद भी लोग इसे खरीदने से कतराते नहीं। स्थानीय बाजार में कड़कनाथ बड़ी आसानी से लगभग 800 रुपए प्रति किलो की दर से बिक जाते है। जय मां काली स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती देवे मिश्रा ने बताया कि उनके आस पास पड़ोस के लोगों ने अभी से मुर्गियों के लिए नाम लिखवा रखे हैं। चूज़े अभी लगभग 700 ग्राम वजनी हैं, पर्याप्त वजन होने के बाद वे अपने ग्राहकों को कड़कनाथ विक्रय कर देंगी।
शासन द्वारा प्रदाय किए गए कड़कनाथ का व्यवसाय कर स्व-सहायता समूह की महिलाएं अधिक आय अर्जित कर सकती हैं। व्यवसाय से उन्हें कड़कनाथ विक्रय करने से तो फायदा होगा ही साथ ही अंडों से निकलने वाले चूजों से वे अगली खेप खुद ही तैयार कर सकती है। अपने विशिष्ट स्वाद और पौष्टिक तत्वों के कारण कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे-मुर्गियां कई प्रकार के रोग के निवारण में फायदेमंद होने के कारण इसकी अच्छी मांग रहती है। जिसको ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा गरीब तबके की महिलाओं को स्वावलंबी और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से चूजे प्रदान किए गए हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाओं की निष्ठा और लगन इस बात को दर्शाता है कि शासन की योजनाएं ग्रामीण अंचल के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। जिसमें ग्रामीणों को स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की राह सुदृढ नजर आती है।

सरकारी खर्च पर करेंगे एमबीबीएस की पढ़ाई: जेएनयू इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एण्ड रिसर्च सेंटर जयपुर में दिलाया गया प्रवेश
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन दंतेवाड़ा ने निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए
जमा कराई एक करोड़ 36 लाख 74 हजार रूपए की फीस
तीन विद्यार्थियों के एमबीबीएस कोर्स के लिए कुल 3 करोड़ 32 लाख 25 हजार रूपए का आएगा खर्च
नीट क्वालिफाई करने के बाद भी तकनीकी कारणों से नहीं मिल पाया
था एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश
अब साकार होगा डॉक्टर बनने का सपना

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशील पहल से प्रदेश के सुदूर अंचल दंतेवाड़ा के तीन प्रतिभावान विद्यार्थियों का डॉक्टर बनने का सपना अब साकार हो सकेगा। पी.ई.टी. तथा पी.एम.टी की कोचिंग हेतु संचालित बालक आवासीय विद्यालय बालूद एवं कन्या आवासीय विद्यालय कारली, दन्तेवाड़ा के इन तीनों छात्र-छात्राओं को जयपुर केे निजी मेडिकल कॉलेज जेएनयू इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एण्ड रिचर्स सेंटर में सरकारी खर्चे पर प्रवेश दिलाया गया है। इन तीनों छात्र-छात्राओं के प्रवेश के लिए एक करोड़ 36 लाख 74 हजार रूपए फीस जिला प्रशासन दंतेवाड़ा द्वारा जमा करा दी गई है। छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में यह पहली बार है कि कोई सरकार सुदूर अंचलों के छात्र-छात्राओं को निजी कॉलेज में सरकारी खर्चे पर MBBS की पढ़ाई पूरी कराने जा रही है।
ज्ञातव्य है कि जिला प्रशासन द्वारा पी.ई.टी. तथा पी.एम.टी की कोचिंग हेतु संचालित बालक आवासीय विद्यालय बालूद एवं कन्या आवासीय विद्यालय कारली, दन्तेवाड़ा से छम्म्ज् 2020 क्वालिफाई कर चुके इन छात्र-छात्राओं का तकनीकी त्रुटि के कारण एमबीबीएस कोर्स हेतु स्टेट काउंसिलिंग में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाने के कारण ये छात्र-छात्राएं मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने से वंचित रह गये थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के संज्ञान में जैसे ही यह जानकारी आई, तो उन्होंने संवेदनशील पहल करते हुए छात्र-छात्राओं को निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी खर्चे पर प्रवेश दिलाने के निर्देश जिला प्रशासन दंतेवाड़ा को दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए तीन विद्यार्थियों श्री सुधीर कुमार रजक, श्री जयंत कुमार और कुमारी ऐश्वर्या नाग को निजी कॉलेजों में प्रवेश दिलाने की कार्यवाही सुनिश्चित की गयी। इन तीनों छात्र-छात्राओं के निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स की फीस 3 करोड़ 32 लाख 25 हजार रूपए में से कुल 1 करोड़ 36 लाख 74 हजार रूपए की राशि जमा करा दी गई है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 9 जनवरी को नारायणपुर जिले के प्रवास के दौरान नारायणपुर में आयोजित कार्यक्रम में जिलेवासियों को 85.91 करोड़ रूपये से अधिक लागत के विकास कार्यों की सौगात देंगे। मुख्यमंत्री इनमें से 77.80 करोड़ रूपए की लागत से 26 कार्यों का भूमिपूजन और 8.11 करोड़ रूपए की लागत से 14 कार्यों का लोकर्पण शामिल है। मुख्यमंत्री इस अवसर पर हितग्राहीमूलक योजनाओं के अंतर्गत 935 स्व-सहायता समूहों एवं 15 60 कृषकों को हाइब्रिड सब्जी बीज मिनीकिट और 148 हितग्राहियों को धागाकरण मशीन सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं में सामग्री और आर्थिक सहायता का चेक भी वितरण करेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिला मुख्यालय नारायणपुर के हाईस्कूल मैदान में आयोजित आमसभा में एक करोड़ 70 लाख 40 हजार की लागत से 30 ग्रामों में सोलर ड्यूल पंप और टेंक 5000 लीटर स्थापित टेंक, एक करोड़ 28 लाख 10 हजार की लागत से 30 स्थलों में क्रेडा की विशेष योजनान्तर्गत स्थापित सोलर हाई मास्ट संयंत्र, 95 लाख 40 हजार रूपए की लागत से बनने वाले ग्राम गढ़बेंगाल विकासखण्ड नारायणपुर में निर्मित शास.उ.मा.वि. भवन, एक करोड़ की लागत से बनने वाले कुकड़ाझोर में नव निर्मित थाना और एक करोड़ की लागत से एड़का में नव निर्मित थाना सहित कुल 8.11 करोड़ रूपए की लागत की 14 विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगें।
मुख्यमंत्री बघेल एक करोड़ 14 लाख की लागत से बनने वाले ट्रांजिट हॉस्टल, 10 करोड़ 70 लाख रूपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनने वाली राजनांदगांव बारसूर रोड से माहका तक सड़क, 4 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत से बनने वाले नारायणपुर-ओरछा में सामुदायिक शौचालय, 13 करोड़ 74 लाख रूपए की लागत से बनने वाले नारायणपुर-गारपा मार्ग, 15 किलोमीटर से आकाबेड़ा (कोडोली से झारावाही) सड़क और 18 करोड़ 70 लाख 10 हजार रूपए की लागत से बनने वाले ब्रेहबेड़ा (नारायणपुर) से कंदाड़ी-कीहकाड़-मुरनार-बेचा मार्ग सहित कुल 77.80 करोड़ रूपए की लागत की 26 कार्यों का भूमिपूजन करेंगे।

बिलासपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश में ‘पढ़ई तुहार दुआर‘ कार्यक्रम के अंतर्गत कोरोनाकाल में बच्चों को ऑनलाइन या ऑफलाइन शिक्षा उपलब्ध करायी जा रही है। बिलासपुर जिले के विकासखण्ड कोटा की तहसील रतनपुर के जमुनाही तिलकडीह प्राथमिक शाला के कक्षा 5वीं के छात्र विमल ने स्टोरीविवर के वेबसाइट में 10 कहानियों का स्थानीय भाषा छत्तीसगढ़ी भाषा में अनुवाद कर एक नई शुरूआत की। कहते हैं, “पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती” यह अपने आप में नई मिसाल है।
कोरोना के कारण देश और प्रदेश में स्कूल बंद है, ऐसी स्थिति में बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग में ‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए विभिन्न प्रकार के कारगर उपाय किए गए। इसका लाभ सभी विद्यार्थियों को मिल रहा है।
विमल की उम्र अभी 10 वर्ष है। उसने हाल ही में अपने बड़े पिता श्री बलदाऊ सिंह श्याम को लैपटॉप में काम करते देख प्रेरित हो स्वयं कहानी लिखने की ठानी। विमल ने पक्के इरादे के साथ स्टोरीविवर की वेबसाइट पर उपलब्ध कहानियों में 10 हिंदी भाषा की कहानी को स्थानीय छत्तीसगढ़ी भाषा मे अनुवाद किया। वर्तमान में छात्र मोबाइल सहित कम्प्यूटर लैपटॉप में काम करने में बिना किसी प्रशिक्षण के काफी जानकारी रखने लगा है। ऑनलाइन से सम्बंधित पढ़ई तुंहर दुआर के तहत चलने वाले ऑनलाइन क्लास में भी विमल नियमित रूप से शामिल होकर पढ़ाई करता है। विमल ने स्टोरीविवर सहित ऑग्मेंटेड रियलिटी वीडियो बनाने का भी काम कर रहा है। वह लगातार ऑनलाइन सहित ऑफलाइन क्लास का लाभ लेते हुए अपनी पढ़ाई को जारी रखा हुआ है।
ग्रामीण अंचल के छात्र विमल सिंह गोंड जो माता-पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अपने बड़े पिता बलदाऊ सिंह श्याम के पास रहकर अपनी पढ़ाई-लिखाई सतत रूप कर रहा है। छात्र के पिता छोटे कृषक है। आर्थिक स्थिति ठीक नही होने के कारण छात्र बड़े पिता बलदाऊ सिंह के पास रहकर पढ़ाई कर रहा है, बलदाऊ सिंह द्वारा भी पढ़ाई में कभी आर्थिक स्थिति कारण न बने इसका ध्यान रखते हुए विमल को आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराते हैं। छात्र विमल इस कोरोनाकाल में अपने बड़े पिता के साथ रहकर सभी ऑनलाइन तकनीकी जानकारी भी रखने लगा है। ऑफलाइन क्लास के रूप में संचालित मोहल्ला क्लास में अपने साथ पढ़ने वाले बच्चों को लगातार क्लास में आने और पढ़ाई निरंतर जारी रखने के लिए प्रेरित करता है।


प्रत्येक परिवार को मिला 100 दिन का रोजगारWhatsApp Image 2021-01-05 at 5.37.21 PM.jpeg

 धमतरी / शौर्यपथ /   गांव का समृद्ध विकास एक कुशल शासक के कार्य को दर्शाता है। जब यह कार्य गांव के हित में हो तो निश्चित इसकी चर्चा चहूं ओर होती है। गांव का विकास, योजना से निर्मित परिसंपत्ति का संरक्षण, संवर्धन होने से विकास कार्यों के प्रति लोगों के सोच में परिवर्तन आने लगता है। सकारात्मक सोच का परिणाम शासन की महत्वाकांक्षी योजना को बिना आड़े आये आबाद गति से क्रियान्वित करती है। 
ग्राम पंचायत गोजी विकासखंड कुरूद मुख्यालय से 17 किलोमीटर की दूरी और धमतरी जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ज्यादातर ग्रामीण कृषि पर निर्भर है। कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर, बैलगाड़ी एवं पशुपालकों के मवेशियों के आने-जाने के लिए बड़ी समस्या थी। बरसात कि दिनों में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। विकास कार्यों में आ रही समस्याओं का समाधान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से पूर्ण हुआ। वर्ष 2019-20 में हीरा से गोसाईं खेत तक मिट्टी धरसा सड़क निर्माण कार्य राशि 6.93 लाख रूपये, वर्ष 2020-21 में बजरंगबली मंदिर से रोहित घर तक धरसा सड़क निर्माण कार्य राशि 5.94 लाख रूपये, मुख्य मार्ग से शमशान घाट तक धरसा मिट्टी सड़क निर्माण कार्य राशि 3.29 लाख रूपये, लक्ष्मण घर से राधाकृष्ण मंदिर धरसा मिट्टी सड़क निर्माण कार्य राशि 4.18 लाख रूपये, विश्वा यादव खेत से बिसे ब्यारा तक धरसा मिट्टी सड़क निर्माण कार्य राशि 4.61 लाख रूपये के कार्य कराये गये। धरसा सड़क निर्माण हेतु किसानों की लंबी मांग थी। अब किसानों की सारी समस्याएं दूर हुई और आवागमन का मार्ग प्रशस्त हुआ। 
इसी तरह वर्ष 2019-20 में नया तालाब निर्माण कार्य राशि 9.97 लाख,  रूपये, शमशान घाट तालाब सह घाट निर्माण कार्य राशि 9.66 लाख, वर्ष 2020-21 में रामसागर तालाब गहरीकरण सह पींिचंग निर्माण कार्य राशि 9.97 लाख रूपये, जुन्ना तालाब गहरीकरण सह पीचिंग निर्माण कार्य राशि 10.00 लाख रूपये, हीरा तालाब गहरीकरण सह पीचिंग निर्माण कार्य राशि 9.98 लाख रूपये जिला कार्यालय से स्वीकृति दी गई। 
अब तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से राशि 59.25 लाख रूपये के कार्य कराये जा चुके हैं। जाॅबकार्डधारी परिवारों की सक्रिय भागीदारी से पंचायत के कार्योंं को नया आयाम दिया गया। इस तरह 257 जाॅबकार्डधारी परिवार के कुल 450 श्रमिकों ने रोजगार नियोजित कर 27729 मानव दिवस अर्जित किया गया। तथा 197 नियोजित श्रमिकों को 100 दिवस का रोजगार दिया गया। कोरोना वायरस (कोविड-19) लाॅकडाउन के दौरान तत्काल उनके खाते में मजदूरी का भुगतान कराया गया। 
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि-कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराकर जीविकोपार्जन हेतु आर्थिक समृद्धि का सुरक्षा दिया गया। संकट के समय यह राशि श्रमिकों के परिवार में संजीवनी की तरह काम आये। मनरेगा से श्रमिकों को आर्थिक समृद्धि का बढ़ावा देना योजना का मुख्य लक्ष्य है।
सुश्री कुंती देवांगन कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत कुरूद ने बताया कि-उच्चाधिकारियों के  निर्देशानुसार प्रत्येक पंचायतों में कार्य स्वीकृत कराने के निर्देश दिये गये थे। पंचायत की सजगता से ग्रामीण श्रमिकों को मांग अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया गया। लाॅकडाउन में मनरेगा कार्य से इन श्रमिकों को बड़ी राहत मिली।
सरपंच श्री थानेश्वर तारक ने बताया कि-ग्रामीण एवं श्रमिकों के समन्वय से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से विकास कार्यों की सहभागिता सुनिश्चित हुई। आवश्यकतानुसार मूलभूत के कार्य होने से ग्रामीण कृषकों को भी आवागमन के साधन से मुश्किल आसान हुई। पंचायत का सपना साकार हुआ। लोगों में शासन के प्रति विश्वास बढ़ा। 

दुर्ग / शौर्यपथ / जिले के विकासखंड पाटन में सरकार की 2 साल की उपलब्धि पर एक दिवसीय विकास प्रदर्शनी लगाया गया। विकास प्रदर्शनी के माध्यम से शासन की योजनाओं, सेवाओं और कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया गया है। फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से राज्य में आए बदलाव, विकास के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के तहत् लाभान्वित हितग्राहियों के जीवन में आए परिर्वतन को रेखांकित किया गया है। फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ साफ झलक रही है। राज्य शासन द्वारा सरकार गठन के पश्चात् अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। जो राज्य की विकास की इबादत लिख रही है। पाटन में लगाए गए विकास प्रदर्शनी को मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के ओ.एस.डी. आशीष वर्मा ने शुभारंभ किया। उन्होंने विकास प्रदर्शनी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ अवलोकन किया। विकास प्रदर्शनी में किसानों से 25 सौ रूपए में धान खरीदी, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना, वन आश्रितों से वनोपज की खरीदी, गोधन न्याय योजना, कोरोना काल में लोगों के लिए रोजगार का अवसर मुहैया कराने के लिए किए गए ठोस पहल, पर्यटन के क्षेत्र में पर्यटन विकास हेतु राम वन गमन पर्यटन परिपथ का विकास, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, छत्तीसगढ़ के पांरपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए गढ़ कलेवा योजना, सार्वभौम पीडीएस योजना, पौनी पसारी योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना, राजीव गांधी किसान योजना सहित अन्य योजनाओं को प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष श्री भूपेंद्र कश्यप, उपाध्यक्ष श्री बलदाऊ भाले, एसडीएम श्री विनय पोयाम, सीईओ श्री मनीष साहू, सीएमओ श्री योगेश्वर उपाध्याय सहित अन्य मौजूद थे।

लोगों को अब हाट बाजार और अपने रोजी के लिए आने-जाने में हुई सुविधा

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति और वनांचलों क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा पहुंचाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जनजाति इलाकों में मूलभूत अधोसंरचना के विकास के लिए लगातार कार्य जारी है। बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के पाथरी गोंदियापाल के ग्रामीणों ने कपारी नाला में पुलिया और एप्रोच रोड़ बनाने की मांग प्रशासन के समक्ष रखी। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें कपारी नाला में पुलिया नहीं होने के कारण 10 किलोमीटर का लम्बा रास्ता तय कर दैनिक उपयोग की सामानों का खरीदी-बिक्री हाट बाजार से कर पाते थे साथ ही नाले में पुलिया नहीं होने के कारण दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती थी। अब वनांचलों में सड़कों, पुल-पुलियों के बन जाने से लोगों को हाट बाजार और रोजी-रोजगार के कार्यों के लिए आने-जाने की सुविधा हो गई है।
प्रशासन द्वारा छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण, भिरलिंगा को बस्तर ब्लाक के पाथरी गांेदियापाल, बांसपानी चेराकुर मार्ग में कपारी नाला में 18 मीटर स्पान पुलियॉ एवं 1.40 किमी. सड़क निर्माण करने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया गया था। छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता मद की एक करोड़ 20 लाख रूपए की राषि से उक्त पुलिया और एप्रोच रोड़ का निर्माण कराया गया है। वर्तमान में पाथरी गांेदियापाल, बांसपानी चेराकुर मार्ग में कपारी नाला में पुलियॉ एवं सड़क निर्माण कार्य कराये जाने से ग्राम वासियों को अस्पताल, स्कूल, हाट-बाजार, ऑगनबाड़ी, उचित मूल्य की दुकान इत्यादि से संबंधित मूलभूत सुविधॉए उपलब्ध हो रही है। पुल एवं सड़क का निर्माण होने से ग्रामीणों को 10 किलोमीटर की जगह 1.50 किमी. दुरी तय करके अपने दैनिक उपयोग हेतु हाट-बाजार, खाद्य सामग्री आसानी से कम समय में उपलब्ध हो जाती है एवं आवागन की सुविधा भी सुलभ हो गई है ।

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