September 17, 2024
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मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी )

मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी ) (229)

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में निम्नानुसार महत्वपूर्ण निर्णय लिए गएः-

*1 प्रदेश के सभी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक की कक्षायें तथा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की कक्षाएं सोेमवार 15 फरवरी से प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही राज्य में कौशल विकास के सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू करने का निर्णय लिया गया। कक्षाओं में कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी सभी निर्देशों का पालन किया जाएगा।
*2- बस्तर संभाग के सभी जिलों में ‘‘बस्तर फाईटर्स‘‘ विशेष बल के गठन का निर्णय लिया गया।
*3- सभी वर्गो के आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराने प्रदेश के सभी जिलों में ‘‘राजीव नगर आवास योजना‘‘ का क्रियान्वयन करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल को एक रूपए प्रति वर्गफीट की दर से शासकीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। इस योजना के तहत राज्य के सभी शहरी, अर्द्धशहरी और बड़े कस्बों में एक लाख आवासीय भवन बनाए जाएंगे।
*4- गोधन न्याय योजना के तहत गोठान समिति एवं स्व सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसके तहत प्रति किलो वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय दर की राशि 10 रूपए में से गोबर (2.5 किलोग्राम) क्रय की लागत राशि 5 रूपए संबंधित गोठान समित को दिया जाएगा। इसी प्रकार प्रसंस्करण और पैकेजिंग पर व्यय राशि 0.65 रूपए संबंधित समूह को दिया जाएगा। वर्मी कम्पोस्ट के विपणन के लिए लैम्पस या पैक्स एवं सहकारी बैंक को कमीशन की राशि क्रमशः 0.45 रूपए और 0.05 रूपए, इस तरह कुल 0.50 रूपए प्रति किलोग्राम दिया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रति किलो वर्मी कम्पोस्ट विक्रय दर से प्राप्त संभावित लाभांश राशि को 85ः15 के अनुपात में स्व सहायता समूह एवं गोठान समितियों को दिया जाएगा।
*5- नवा रायपुर अटल नगर में अच्छे शैक्षणिक संस्थानों के विकास के लिए ऐसे सेक्टर्स, जिनका सेक्टर स्तर पर विस्तृत अभिन्यास तैयार नही किया गया है, में शैक्षणिक प्रयोजन हेतु प्रीमियम दर 3706 प्रति वर्ग मीटर के स्थान पर 2475 प्रति वर्गमीटर करते हुए निविदा के माध्यम से आबंटन करने का निर्णय लिया गया। यह दर 31 मई 2022 तक प्रभावशील रहेगी।
*6- नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार और बसाहट को प्रोत्साहित करने सेक्टर स्तर पर अधोसंरचना के विकास शुल्क के पुर्ननिर्धारण के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। जिसके तहत प्रीमियम दरों में औसतन 10 से लेकर 21 प्रतिशत तक की कमी की गई है।
*7- नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं हेतु रियायती प्रीमियम दर पर भूखण्ड आबंटन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
*8- तेन्दूपत्ता के व्यापार से प्राप्त शुद्ध आय में से 15 प्रतिशत राशि का संग्राहक समितियों को अराष्ट्रीयकृत लघु वनोपजों के व्यापार के साथ-साथ लाख पालन हेतु भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। समितियों द्वारा यह कार्य छ.ग. राज्य लघु वनोपज संघ के मार्गदर्शन में किया जाएगा।
*9- लघु वनोपज आधारित प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए राज्य शासन, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ एवं निजी निवेशकों के मध्य किए जाने वाले एमओयू के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
*10- कैम्पा मद से राज्य के वनक्षेत्रों में डी.जी.पी.एस. सर्वे कार्य कराए जाने का निर्णय लिया गया।
*11 बंदी अधिनियम-1900 की धारा 31-क के उप नियम (एक) एवं (दो) में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
*12 राज्य के अधीन औद्योगिक संस्थानों को शासन द्वारा जिस स्त्रोत ( शासकीय/नैसर्गिक/स्वनिर्मित आदि) से जल आबंटन/प्रदाय करने की स्वीकृति दी गई है, उसी स्त्रोत हेतु शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित जल दर ही लागू करने का निर्णय लिया गया।
*13 छत्तीसगढ़ में दूरसंचार अवसंरचना के विकास के लिए तार मार्ग के अधिकार (राइट आॅफ वे) की नीति -2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
*14- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए आवश्यक शक्कर का क्रय फरवरी 2021 से एक वर्ष के लिए खुली निविदा के माध्यम से किए जाने के निर्णय का अनुमोदन किया गया।
*15 जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए एकल/समूह में ग्राम की नल जल योजना या रेट्रोफिटिंग कार्यो (ग्राम के अंदर के कार्यो) का एकल/समूह में निविदा के माध्यम से 5 करोड़ तक के वित्तीय अधिकार जिला जल एवं स्वच्छता मिशन को सौंपने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह समूह जल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत (ग्राम के बाहर के कार्यो) विभिन्न कार्यो के क्रियान्वयन से संबंधित समस्त अधिकार राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन को सौपा गया है।
*16- श्री शंकराचार्य आश्रम मानव सेवा तथा जनकल्याण हेतु ग्राम बोरियाकला तहसील व जिला रायपुर में आबंटित भूमि की निर्धारित प्रब्याजि एवं भू-भाटक राशि को माफ कर टोकन दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया गया।
*17-रायपुर विकास प्राधिकरण को शासकीय भूमि पर निर्मित संपत्तियों को एक रूपए प्रति वर्गफुट की दर से आबंटन करने का निर्णय लिया गया।
*18- छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
*19- छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण पुनर्गठन नियम-2020 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
*20- छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण निधि नियम-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
*21- तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2020-2021 का विधानसभा में उपस्थापन बावत छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
*22- बजट अनुमान वर्ष 2021-2022 का विधानसभा में उपस्थापन बावत् छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
*23- छत्तीसगढ़ पंचम विधानसभा के दशम् सत्र माह फरवरी-मार्च 2021 हेतु माननीया राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

तनवी, ज्योति और अब्दुल संग सैकड़ों बच्चों ने जीती कुपोषण से जंग

रायपुर / शौर्यपथ / नन्हे तनवी, ज्योति और अब्दुल हैं तो छोटे बच्चे लेकिन उन्होंने जंग बड़ी जीती है। उनकी यह जंग कुपोषण से थी। कुपोषण को हराने के लिए लगातार काम कर रहे लोगों में कुपोषण को जड़ से समाप्त करने का हौसला भी बढ़ रहा है। कुपोषण से बाहर आए इन बच्चों के हंसते खिलखिलाते चेहरे उनके परिवार के साथ ही हर उस दिल को सुकून से भर देते हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त करने की ठानी है। इनमें सबसे पहले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हैं जिन्होंने कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ 2 अक्टूबर 2019 से प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की। अभियान शुरू करते समय मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जो सपना देखा था वह तेजी से साकार रूप ले रहा है।
प्रदेश में बच्चों और महिलाओं के कदम कुपोषण को हराने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। शारीरिक रूप से कमजोर और कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का नतीजा साफ दिख रहा है। समन्वित प्रयासों से दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र सुकमा जिले के 3 हजार से अधिक बच्चों को कुपोषण के दुष्चक्र से बाहर निकाला गया है। जिले में ‘संवरता सुकमा‘कार्ययोजना संचालित है जिससे कुपोषण दर में लगातार कमी आ रही है। 4 वर्षीया बालिका तनवी का वजन सितंबर माह में 6.6 किलोग्राम था जो आज जनवरी माह में बढ़कर 8.89 किलोग्राम हो चुका है। इसी प्रकार अब्दुल का वजन भी 9.92 किलोग्राम से बढ़कर 10.5 किलो हो चुका है। बालिका ज्योति ने भी सुपोषित आहार का लाभ लेकर अपना वजन महज तीन माह में ही 7.91 किलो से 9.8 किलो कर कुपोषण को मात दी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मितानिनों के माध्यम से में 06 वर्ष से कम आयु के कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण आहार प्रदान किया जा रहा है जो बच्चों के वजन बढ़ाने के साथ ही अन्य पोषक तत्व प्राप्त करने में सहायक हैं। इसके साथ ही गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर चिकित्सकों की सतत् निगरानी में आवश्यक उपचार, पौष्टिक आहार के साथ ही दवाईयां दी जाती है ताकि बच्चों के सेहत में जल्दी सुधार हो।
आंगनबाड़ी में सुपोषण आहार ग्रहण करने आए छोटे बच्चों के मुस्कुराते चेहरे मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का असर खुद बयां करते हैं। आंगनबाड़ियों में दूध,अण्डा,रागी हलवा जैसे पौष्टिक और रूचि का भोजन मिलने से उनमें खाने के प्रति रूचि बढ़ी है। सुकमा विकासखंड अन्तर्गत आंगनबाड़ी केंद्र गीदम की कार्यकर्ता श्रीमती सरिता पोड़ियामी ने बताया कि उनके केंद्र में 22 बच्चों को सुपोषण आहार दिया जा रहा है। जिसमें अधिकतर बच्चे विगत तीन माह से सामान्य श्रेणी में आ चुके हैं। रोजाना बच्चे सुबह से ही केंद्र में आकर खेलते हैं और फिर भोजन करते। सुबह के समय भी वह बच्चों को रेडी टू ईट से बने लड्डू और बर्फी का नाश्ता देती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को शाम को परोसी जाने वाली दाल, मूंगफली, सोया बड़ी आदि सामग्रियों से बनी खिचड़ी बहुत पसंद है। बच्चे बड़े चाव से खिचड़ी खाते हैं।

करीब 17 हजार करोड़ रूपए पूंजी निवेश के साथ 22 हजार लोगों को मिला रोजगार
मेगा औद्योगिक परियोजनाओं के लिए हुए104 एम.ओ.यू., 42 हजार करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश प्रस्तावित
65 हजार और लोगों को मिलेगा रोजगार
146 में से 110 विकासखण्डों में फूडपार्क की स्थापना के लिए भूमि चिन्हांकित
बस्तर में लघु वनोपज आधारित 15 इकाईयों की स्थापना के लिए एम.ओ.यू. के प्रस्ताव तैयार
धान और गन्ने पर आधारित जैव ईंधन एथेनॉल उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई औद्योगिक नीति निवेशको को बहुत भा रही है। पिछले दो साल में प्रदेश में जहां 1207 नये उद्योगों की स्थापना हुई है, वहीं राज्य में इन उद्योगों के माध्यम से 16 हजार 897 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश हुआ है, जिसमें 22 हजार से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला है। इसी तरह इस दौरान मेगा औद्योगिक परियोजनाओं हेतु कुल 104 एम.ओ.यू. किए गए हैं। इन इकाइयों का प्रस्तावित कुल पंूजी निवेश 42 हजार 714.48 करोड़ रूपए है, जिसके माध्यम से करीब 65 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले दो वर्षाें में तीव्र गति से औद्योगिक विकास हुआ है। इस विकास को हासिल करने राज्य सरकार ने न केवल नई औद्योगिक नीति लागू की बल्कि इस नीति में निवेशकों की आवश्यकता के अनुरूप संशोधनों को शामिल किया। राज्य सरकार ने प्रदेश के विकासखण्डों में फूड पार्को की स्थापना के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण नीति लागू की और इसके लिए एम.ओ.यू. निष्पादित भी किए। वनवासियों को वनोपज संग्रहण का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए वनांचल पैकेज घोषित किया और उद्यमियों की मांग के अनुसार उन्हें सहायता मुहैया कराया जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास एक नया वातावरण विकसित हुआ है।
राज्य सरकार ने पिछड़े तथा अति पिछड़े क्षेत्रों में वनोपज, हर्बल तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति 2019-24 में वनांचल उद्योग पैकेज घोषित किया गया है। जिसके तहत् इकाईयों को अधिकतम 2.50 करोड़ रूपये का स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के साथ-साथ नेट एसजीएसटी सहित औद्योगिक नीति में घोषित सभी अनुदान दिया जा रहा है।
इसी तरह राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिये सरकार द्वारा प्रत्येक विकासखण्ड में फूडपार्क की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 146 विकासखण्डों में से 110 विकासखण्डों में नवीन फूडपार्क की स्थापना भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है। ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य प्रसंस्करण मिशन‘‘ की अवधि को बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2024 तक कर दिया गया है। साथ ही राज्य शासन द्वारा 05 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों से एम.ओ.यू. भी निष्पादित किए गए है, जिसमें दो इकाईयां उत्पादन में आ चुकी है। इनके माध्यम से राज्य में 283 करोड़ रूपये का निवेश तथा 2434 रोजगार प्रस्तावित है। इसके अलावा बस्तर क्षेत्र में लघु वनोपज आधारित 15 इकाईयों की स्थापना के लिए एम.ओ.यू. के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनके माध्यम से 74 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश तथा 1049 रोजगार प्रस्तावित है।
किसानों को स्थानीय स्तर पर उनकी उपज का संपूर्ण मूल्य दिलवाने के लिए धान और गन्ने पर आधारित जैर्व इंधन-एथेनॉल उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज जारी किया गया है। राज्य में अतिरिक्त धान द्वारा उत्पादित एवं शक्कर कारखानों के उत्पाद से बने एथेनॉल हेतु स्थापित इकाईयों को उच्च प्राथमिकता श्रेणी के तहत अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिये कच्चे माल की खरीदी समर्थन मूल्य पर करना आवश्यक होगा। राज्य में एथेनॉल प्लांट हेतु 8 इकाइयों द्वारा प्रस्ताव प्राप्त हुए है। जिसमें से 5 निवेशकों द्वारा एम.ओ.यू. निष्पादित कर लिया गया है जिसके माध्यम से 647 करोड़ रूपए का निवेश तथा 683 रोजगार प्रस्तावित है। राज्य सरकार की पहल पर भारत सरकार द्वारा देश में मक्का से एथेनॉल (बायो-फ्यूल) बनाने की अनुमति भी जारी की गई है।
उद्योगों में नवीन विचारधारा को समाहित करने तथा नव रोजगार सृजित करने छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्ट-अप पैकेज को नीति में स्थान दिया गया है। इन स्टार्ट-अप्स को अन्य उद्योगों से अधिक सुविधाएं कम औपचारिकता के साथ प्रदान की जायेगी। राज्य में अब तक पंजीकृत स्टार्ट-अप की संख्या 504 है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग के उद्यमियों को प्रोत्साहन देने हेतु उनके लिये विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज जारी किये गये हैं।
कोर सेक्टर के मेगा उद्योगों को सहायता देने Be Spoke Policy की नवीन धारणा लायी गई है। जिसमें उद्योगों को उनके उत्पादन से लिंक कर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसमें कुल परियोजना लागत का 60 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किये जा रहे हैं।
उद्यमियों द्वारा स्थापित किये जाने वाले पात्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को उद्योग विभाग या सीएसआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्रों में भू-आबंटन पर भू-प्रीमियम में अधिकतम 60 प्रतिशत तक का छूट प्रदान किया जा रहा है। उद्यमियों द्वारा बहुप्रतीक्षित भूमि हस्तांतरण शुल्क में कमी कर दी गयी है।
राज्य शासन द्वारा एमएसएमई को पृथक रूप से परिभाषित किया गया तथा वृहद सेवा उद्यम की परिभाषा भी जारी की गई। निवेशकों की मांग के अनुसार स्थायी पूंजी निवेश अनुदान को सूक्ष्म तक सीमित न कर लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिये भी प्रावधानित किया गया है। निजी औद्योगिक पार्क की स्थापना हेतु बस्तर व सरगुजा के पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि उपलब्धता की समस्या को देखते हुए वर्तमान नीति में इसे सरगुजा एवं बस्तर संभाग हेतु भूमि की न्यूनतम आवश्यकता को 20 एकड़ कर दिया गया है। इन सभी पहल के कारण दिसंबर 2018 से जनवरी, 2021 तक कुल 1207 उद्योगों की स्थापना हुई। राज्य के इन उद्योगों के माध्यम से कुल 16897 करोड़ रू. का पूंजी निवेश हुआ है तथा 22001 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। अब तक मेगा औद्योगिक परियोजनाओं हेतु कुल 104 एम.ओ.यू. निष्पादित किए गए हैं। इन इकाइयों का प्रस्तावित कुल पंूजी निवेश 42714.48 करोड़ रू. है, जिसके माध्यम से कुल 64094 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

छत्तीसगढ़ सरकार की हाॅफ बिजली योजना से अब तक प्रदेश के 38.68 लाख से अधिक परिवारों को 1645 करोड़ रूपए की मिली सब्सिडी

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार की हाफ बिजली बिल योजना से प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई के दौर में लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिली है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक 38 लाख 68 हजार 462 बिजली उपभोक्ताओं को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1645 करोड़ रुपए की घरेलू सब्सिडी दी गई है, या यह कह सकते है कि सीधे-सीधे लोगों की जेब में 1645 करोड़ रूपए की बचत हुई है।
गौरतलब है कि देश के बिजली हब छत्तीसगढ़ में किसानों, गरीब परिवारों को रियायती दरों पर बिजली आपूर्ति की अनेक योजनाएं संचालित की जाती रही हैं। मार्च 2019 में नई सरकार द्वारा पहली बार घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी नई योजना शुरु की गई। हाफ बिजली बिल योजना के नाम से शुरु की गई इस योजना में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के 400 यूनिट तक के बिल में आधे बिल की राशि में छूट दी गयी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में 1 मार्च 2019 से प्रारंभ की गई हाफ बिजली बिल योजना में घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति माह 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर प्रभावशील टैरिफ पर 50 प्रतिशत की छूट की पात्रता है। इस छूट के समतुल्य राशि राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनी को अनुदान के रूप में दी जाती है। वर्ष 2020-21 में जनवरी 2021 की स्थिति में राज्य शासन द्वारा 658 करोड़ रुपए की राशि इस योजना के लिए जारी की गई है। हाॅफ बिजली बिल योजना में मार्च 2019 से अब तक की स्थिति में कुल 38 लाख 68 हजार 462 उपभोक्ता इस योजना का लाभ ले चुके हैं। मार्च 2019 से अब तक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1645 करोड़ रुपए की घरेलू सब्सिडी घरेलू उपभोक्ताओं को दी गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में दिसंबर 2018 में गठित नई सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं की समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ महसूस किया और ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीति पर अमल करते हुए राज्य के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए 01 मार्च 2019 से ‘हाफ बिजली बिल योजना’ लागू की और अपना एक बड़ा वादा पूरा किया। ‘हाफ बिजली बिल योजना’ प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए अप्रत्याशित और सुखद बदलाव की योजना साबित हो रही है। प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं ने कभी ऐसी योजना की कल्पना भी नहीं की थी। योजना ने इस वर्ग के लोगों को बड़ी राहत प्रदान की है। उनके घरों का हजार रुपए का बिजली बिल कुछ सैकड़ों में सिमट गया। अब इन उपभोक्ताओं के लिए अपने घर का बिजली बिल पटाने में होने वाला खर्च आधा हो गया है, बचत राशि का उपयोग अब वे अन्य कार्यों में कर सकंेगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर खिलाड़ियों के लिए शुरू हुई अकादमी
कुशल प्रशिक्षकों के माध्यम से खिलाड़ियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
आवासीय खिलाड़ियों को निःशुल्क आवास, भोजन, शैक्षणिक व्यय, खेल परिधान, प्लेईंग किट, दुर्घटना बीमा आदि सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी
सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा चयन प्रक्रिया प्रारंभ
प्रत्येक खेल विधावार खिलाड़ियों का चयन रायपुर एवं बिलासपुर अकादमी के लिए अलग-अलग

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर रायपुर एवं बिलासपुर में राज्य स्तरीय हॉकी, एथलेटिक एवं तीरंदाजी की आवासीय खेल अकादमी शुरू की जा रही है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा नए वित्तीय वर्ष से भारत सरकार की खेलो इंडिया योजनांतर्गत खेलो इंडिया स्टेट सेन्टर आफ एक्सिलेंस में हॉकी, एथलेटिक एवं तीरंदाजी के आवासीय अकादमी हॉकी में 54, एथलेटिक में 60 एवं तीरंदाजी में लगभग 36 खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। राज्य स्तर पर अंतिम रूप से 300 खिलाड़ियों का चयन रायपुर एवं बिलासपुर अकादमियों के लिए किया जाएगा। खेल अकादमी संचालन नियम अंतर्गत अंतिम रूप से चयनित खिलाड़ियों को निःशुल्क आवास, भोजन, शैक्षणिक व्यय, खेल परिधान, प्लेईंग किट, दुर्घटना बीमा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राज्य स्तरीय चयन समिति एवं जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय चयन समिति का गठन किया गया है। आवासीय अकादमी में 9 से 17 वर्ष आयु वर्ग के बालक एवं बालिकाओं को प्रवेश दिया जायेगा। ऐसे सभी बालक-बालिका जो इन खेलों में रूचि रखते है, वे चयन प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। राज्य के समस्त जिलों में जिला स्तरीय चयन ट्रायल फरवरी माह में सम्पन्न कर लिया जाएगा। जिला स्तर से प्रतिभागियों का चयन कर राज्य स्तरीय चयन ट्रायल हेतु भेजा जाएगा। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा खेल अकादमी संचालन नियम के अनुरूप तय मानक अनुसार बालक एवं बालिका प्रतिभागियों का खेल विधावार वर्गवार बैटरी टेस्ट एवं कौशल टेस्ट लिया जाएगा।

बेमेतरा / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ‘गिधवा-परसदा पक्षी विहार’ को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के इस पक्षी विहार को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र में स्थापित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। पक्षी विज्ञानियों, प्रकृति प्रेमियों और यहां आने वाले सैलानियों के लिए विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यहां विश्व के विभिन्न प्रवासी पक्षियों का आवागमन होता हैं। विशेषकर साल के माह नवम्बर से मार्च (05 माह) में यहां ये पक्षी रहवास करते हैं। मुख्यमंत्री बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखण्ड के नगधा गांव में आयोजित ‘गिधवा-परसदा पक्षी विहार महोत्सव’ को सम्बोधित कर रहे थे। इसके पहले मुख्यमंत्री बघेल ने गिधवा-परसदा जलाशय का भ्रमण किया और वहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों और जलाशय के मनोरम और विहंगम दृश्यों को कैमरे में कैद किया। इस अवसर पर वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव गुरुदयाल बंजारे, विधायक आशीष छाबड़ा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, आईजी विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर शिवअनंत तायल सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने पक्षी महोत्सव में जैव विविधता के संरक्षण के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए कहा कि गिधवा एवं परसदा ग्रामों के आस-पास जिन क्षेत्रों में प्रवासी पक्षी आते हैं, उसके संरक्षण की योजना बनाकर छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा कार्य किया जाएगा। साथ ही क्षेत्र में एक पक्षी जागरूकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जाएगा। यहां राज्य के प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों की जैव विविधता संबंधी जानकारी एवं प्रशिक्षण जन सामान्य को दी जाएगी। राज्य के समस्त ऐसे वेटलैंड जिसमें प्रवासी पक्षी आते हैं एवं जैव विविधता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, उनके संरक्षण एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड को दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गिधवा-परसदा के जलाशयों को विश्व स्तरीय पक्षी पर्यटन स्थलों में स्थान दिलाने के लिए यहॉं 31 जनवरी से 02 फरवरी 2021 तक पक्षी विहार महोत्सव का आयोजन किया गया। पक्षियों के संरक्षण के साथ-साथ जैव विविधता संरक्षण तथा स्थानीय लोगों को ईको-पर्यटन के माध्यम से होम, विलेज स्टे से रोजगार उपलब्ध होगा।
बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा, नगधा, एरमशाही क्षेत्र जलीय एवं स्थल जैव विविधता से भरपूर है। यह क्षेत्र पारिस्थितिकीय व स्वस्थ्य पर्यावरण के लिये उपयुक्त है। गिधवा-परसदा स्थल मुख्यतः जलीय नमी युक्त क्षेत्र है। इसका भौगोलिक विस्तार लगभग 06 कि.मी. क्षेत्र में है। गिधवा परसदा में मुख्य 02 बड़े तथा 02 मध्यम आकार के जलाशय हैं, नजदीकी ग्राम एरमशाही में 05 जलाशय भी स्थित हैं। गिधवा-परसदा जलीय तंत्र में भरपूर जलीय खाद्य वनस्पति व जीव होने के कारण यहां पक्षियों के लिए अच्छा रहवास है। यहां किए गए अध्ययनों में पक्षियों की कुल 143 प्रजातियां जिसमें कुल 26 स्थानीय प्रवासी प्रजातियां, 11 विदेशी प्रवासी प्रजातियां तथा 106 स्थानीय आवासीय प्रजातियां पक्षी पायी गयी है।

नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना एवं शासन की अन्य विभागीय गतिविधियों की भी ली जानकारी

दुर्ग / शौर्यपथ / जिले की विकास उपलब्धियों को देखने के लिए मीडिया की टीम बुधवार को एक दिवसीय प्रवास पर दुर्ग एवं पाटन ब्लाक के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण पर रही। यहाँ मीडिया की टीम ने जिले के विकास कार्यों के लिए शासन द्वारा की जा रही पहल को देखा। इनमें से मीडिया टीम के लिए सबसे आकर्षक जगह रही बेलौदी। यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गाँव है और यहाँ की झील में प्रवासी पक्षी आते हैं। इनमें से सबसे खास पक्षी हैं राजहंस जो मानसरोवर में नेस्टिंग करते हैं और तिब्बत से होते हुए माउंट एवरेस्ट को पार करते हुए हिंदुस्तान पहुंचते हैं और यहाँ बेलौदी भी इनके फ्लाई हाईवे में शामिल होता है जहाँ ये सुस्साते हैं ऊर्जा से भरकर आगे का सफर तय करते हैं। मीडिया टीम को इसके बारे में जानकारी तहसीलदार पाटन एवं बर्ड वाचिंग एक्सपर्ट श्री अनुभव शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि यहाँ कुछ दिनों पहले राजहंस स्पाट किये गए। संस्कृत साहित्य में खंजन पक्षियों की काफी चर्चा है और सुंदर आँखों वाली की तुलना खंजन से करते हैं। यह पक्षी भी यहाँ तालाब में हैं। सुरखाब के जोड़े भी यहाँ पर मौजूद हैं जो काफी दुर्लभ पक्षी है।
जनसंपर्क अधिकारी सौरभ शर्मा ने बताया कि शासन ने इसे बर्ड वाचिंग परिक्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है। इससे इनके संवर्धन में काफी मदद मिलेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि थोड़ी दलदली भूमि होने के कारण पक्षियों को यहाँ काफी खुराक मिल जाता है। पहले यहाँ पेंटेंड स्टार्क कभी कभी आते थे, अब इन्होंने यहाँ स्थायी बसेरा बना लिया है। अभी स्नेक बर्ड ने प्रजनन किया है। साँपों की तरह का गला होने के कारण इन्हें स्नेक बर्ड कहते हैं।
गोधन के हितग्राहियों से मिले चंदखुरी गौठान में- मीडिया टीम ने दुर्ग ब्लाक के ग्राम चंदखुरी में गौठान देखा। यहाँ उन्होंने वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन होते देखा। वे गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों से भी मिले। सिंधुजा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती संतोषी देवांगन ने बताया कि हमारे गाँव ने गोधन न्याय योजना का बहुत अच्छा क्रियान्वयन हुआ है। गोबर विक्रेताओं को काफी आर्थिक लाभ हुआ है। स्व-सहायता समूहों के लिए भी यह योजना बहुत अच्छी है। इस अवसर पर पौधे का रोपण भी मीडियाकर्मियों ने किया। उन्होंने बताया कि हितग्राहियों को ट्रैक्टर और क्रशर के किश्त चुकाने में गोधन न्याय योजना की राशि काम आ रही है और वे सब बहुत खुश हैं।
66 एमएलडी प्लांट देखा- मीडियाकर्मियों ने 66 एमएलडी प्लांट भी देखा। यहाँ फिल्टर प्लांट से किस तरह से शुद्ध जल पूरे शहर में भेजा जाता है यह प्रक्रिया जानी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस प्लांट का लोकार्पण किया था।
देखी केसरा की बाड़ी- मीडिया टीम ने केसरा की बाड़ी भी देखी। यहाँ 11 समूहों की 65 महिलाएं सब्जी उगा रही हैं। यहाँ 30 एकड़ में सामुदायिक सब्जी लगाई गई है। एक सीजन में समूहों को लगभग 50 से 60 जार रुपए की आय हो रही है।
मोहल्ला क्लास का निरीक्षण भी किया- मीडिया टीम ने मोहल्ला क्लास का निरीक्षण भी किया। यहाँ उन्होंने पढ़ई तुंहर द्वार के अंतर्गत चल रही कक्षाओं का निरीक्षण किया। साथ ही बच्चों से चर्चा भी की।

ओवेरियन सिस्ट रिमूवल, हिस्टरएक्टोमी एवं एक एमरजेंसी सिजेरियन ऑपरेशन

           दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुंचाने के लिए किए जा रहे प्रयास रंग लाने लगे हैं। अब ग्रामीण अंचलों के शासकीय अस्पतालों में भी मुश्किल सर्जरियाँ होने लगीं हैं, जिनके लिए कल तक बड़े अस्पतालों पर निर्भरता थी। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में दुर्ग जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य के केंद्रों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में दिनांक 19 जनवरी को 3 मेजर ऑपरेशन किए गए, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी विधि से ओवेरियन सिस्ट रिमूवल, हिस्टरएक्टोमी एवं एक एमरजेंसी सिजेरियन ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुआ।
चिकित्सकीय टीम में डॉ. कृष्ण कुमार डेहरिया स्त्री रोग विशेषज्ञ सर्जन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. अजय सिंह ठाकुर, डॉ. सीडी दीवान सर्जन, स्टाफ नर्स शिव कुमारी दुबे, एकता सैमुअल, रीना बंछोर, जितेंद्र निर्मलकर रेखा कन्नौजे आदि ऑपरेशन दल के सदस्यों के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ । विकास खंड चिकित्सा अधिकारी एवं स्वामी आत्मानंद शासकीय चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा ने बताया की क्षेत्र की जनता को चिकित्सा सुविधा एवं सेवाएं देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें कम दूरी में ही गुणवत्तापूर्ण सुविधा एवं सेवाएं दे सकें। इस उद्देश्य से शासन द्वारा अस्थि रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना की गई है, डॉ. अरुण कटारे अस्थि रोग विशेषज्ञ की सेवाएं भी मिल रही हैं। विगत दिनों अस्थि रोग से संबंधित इलाज प्रारंभ किया गया है, इसमें फ्रैक्चर माइनर, अस्थि रोग सर्जरी एवं स्किन ग्राफ्टिंग भी की गई है, आगामी समय में विकासखंड पाटन में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के विस्तार की प्लानिंग की जा रही है।
क्षेत्र की जनता को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना एवं आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सुश्री प्यूली मजूमदार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन पहुंचकर चिकित्सक की टीम की सराहना की एवं ऑपरेशन से लाभान्वित हुए हितग्राहियों से मुलाकात उनका कुशल क्षेम पूछा एवं जल्द स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं दी।

’युवाओं की प्रतिभा को संवारने और आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने के अभियान में नहीं होगी कोई कमी’- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल’
’मुख्यमंत्री रेडियोवार्ता लोकवाणी की 14वीं कड़ी में युवाओं से हुए रूबरू’
’स्वामी विवेकानंद ने मानव उत्थान की सीख दी मुख्यमंत्री ने युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों की दी जानकारी’
’छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से कोरोना का किया मुकाबला’

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपनी रेडियोवार्ता लोकवाणी की 14वीं कड़ी में आज युवाओं से रूबरू हुए। रेडियोवार्ता की यह कड़ी युवाओं को समर्पित रही। मुख्यमंत्री ने युवाओं द्वारा रिकार्डेड संदेश के माध्यम से साझा किए गए विचारों और सुझावों पर विस्तार से चर्चा की और युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री ने इस कड़ी में युवाओं को नए वर्ष की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की तरूणाई नई अंगड़ाई लेकर उठ खड़ी हुई है। जो हम सबके सुरक्षित और सुखद भविष्य का संकेत है। लोकवाणी रेडियोवार्ता को जांजगीर-चांपा जिले के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में बड़े उत्साह के साथ सुना गया। जिला मुख्यालय में नैला स्टेशन के मेडिकल स्टोर में सर्वश्री संतोष यादव, राजधु्रवे, कन्हैया दास, विष्णु शर्मा, प्रकाश यादव, हिमांशु पाण्डेय, रज्जू सेन, कालू धुर्वे, और राजेन्द्र चैहान ने सामूहिक रूप से लोकवाणी का श्रवण किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने युवाओं को उनके उज्जवल भविष्य के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि युवाओं की प्रतिभा को संवारने और उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने के राज्य सरकार के अभियान में किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ी युवा हर मंच पर छत्तीसगढ़ का झण्डा गाड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं और सीख की चर्चा भी युवाओं के साथ की। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के शब्दों को उद्यत करते हुए युवाओं से कहा कि ’एक विचार उठाओ, उसे अपना जीवन बना लो’ यह सफलता का मार्ग है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को देखकर यही लगता है कि उन पर गांधी-नेहरू-स्वामी विवेकानन्द का असर है। उन्होंने कहा कि बेहतर खेल अधोसंरचनाओं के विकास से खेल प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा निखारने और छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के जरिए युवा साहित्यकारों और कलाकारों को सही मंच, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिलेगा।
’छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से किया कोरोना का मुकाबला’
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि पिछला साल बड़ी चुनौतियों के साथ बीता है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुनिया में अनेक परिवारों को अपने प्रियजनों से बिछड़़ना पड़ा। नौकरी, व्यापार, व्यवसाय तथा भिन्न-भिन्न आजीविका के साधनों पर कोरोना महामारी का बहुत घातक आघात रहा। छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से कोरोना का मुकाबला किया। आप सबकी बदौलत ही छत्तीसगढ़ ने कोरोना काल में भी बहुत उपलब्धियां हासिल कीं, जिसके कारण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को ख्याति मिली। हमारी उपलब्धियों के पीछे एक बहुत बड़ी ताकत हमारी युवा शक्ति है।
’स्वामी विवेकानंद ने भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई’
मुख्यमंत्री बघेल ने लोकवाणी में कहा कि मैं स्वामी विवेकानंद जी को, उनके जन्मदिन के अवसर पर, प्रदेश की जनता की ओर से नमन करना चाहूंगा। स्वामी विवेकानंद का मन मानव जाति की सेवा में रमा। बहुत छोटी-सी आयु में ही वे स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बन गए और वेदांत तथा आध्यात्मिक ज्ञान के शिखर की ओर बढ़ चले। 11 सितम्बर 1893 को शिकागो की धर्मसंसद में स्वामी विवेकानंद के व्याख्यान ने स्वयं उन्हें तथा भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई। स्वामी विवेकानंद को युवाओं का आदर्श माना गया। मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व का अनुभव हो रहा है कि भारत में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ का आयोजन 12 जनवरी 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में शुरू हुआ।
’स्वामी विवेकानंद ने मानव उत्थान की सीख दी’
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने विभिन्न धर्मों की आपसी प्रतियोगिता व वैमनस्यता के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया था। उन्होंने आडम्बरों का मुखर विरोध किया। वे अपनी सारी चेतना और शक्ति को मानव के उत्थान में ही लगाने में विश्वास करते थे और इसी की सीख दिए। शिकागो की प्रसिद्ध विश्व धर्मसंसद में स्वामी जी ने कहा था कि उन्हें ऐसे धर्म पर गर्व है, जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति दोनों सिखाई है। हम सभी धर्मों को सच मानते हैं। उन्हंे एक ऐसे देश से संबंधित होने पर गर्व है, जिसने सभी धर्मों और पृथ्वी के सभी देशों के पीडि़तों और शरणार्थियों को शरण दी है। उन्होंने कहा वास्तविक शिक्षा वह है, जो किसी को अपने दम पर खड़ा करने में सक्षम बनाती है। छात्रों को चरित्र और मानवीय मूल्य सिखाती है। आज मैं स्वामी जी के शब्दों में ही युवाओं का आह्वान करता हूं-‘एक विचार उठाओ, उसे अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार पर जियो।
’छत्तीसगढ़ के युवाओं ने हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का नाम किया रोशन’
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में बताया कि रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद, स्वामी आत्मानंद मेरे मन में बचपन से बसे थे। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि यदि भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढिए। पंडित जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि युवाओं को चाहिए कि वे विवेकानंद को बार-बार पढं़े, उनकी बुद्धिमत्ता, जोश और विवेक से नई पीढ़ी को काफी मदद मिलेगी। स्वामी विवेकानंद जी का छत्तीसगढ़ प्रवास हमें उस यश और गौरव से जोड़ता है, जो उन्होंने मात्र 39 वर्ष की उम्र में ही कमा लिया था। यही वजह है कि हम रायपुर में स्वामी जी की यादों को सहेजने का काम कर रहे हैं। हाल के दो वर्षों की बात करूं तो ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारी बस्तर की एक बेटी नम्रता जैन यूपीएससी में देश में बारहवें स्थान पर रही हैं। बिलासपुर के वर्णित नेगी तेरहवें स्थान पर रहे। भिलाई की सिमी करण सहित उमेश गुप्ता, आयुष खरे, योगेश पटेल, प्रसून बोपचे जैसे युवाओं ने एक सिलसिला बना दिया है। वर्ष 2020 में दुर्ग के कल्पित अग्रवाल गेट की परीक्षा में टॉपर रहे तो रायपुर के तनय राज ने नीट में परचम लहराया।
’‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’ के माध्यम से युवा साहित्यकारों,’ ’कलाकारों को मिलेगा सही मंच, मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन’
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने पहली बार छत्तीसगढ़ में ‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’ के गठन का निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी और लोककला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी आदि संस्थाएं काम करेंगी। हमारा प्रयास है कि यह काम जल्दी से आगे बढ़े ताकि आप लोगों को सही मंच, मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन मिल सके। इसके अलावा साहित्यकारों, कलाकारों और उनके परिवारजनों को सहायता देने के अनेक प्रावधान भी हैं। हमने स्थानीय कला-संस्कृति को महत्व देते हुए यह कोशिश की है कि हमारे स्थानीय कलाकारों को भरपूर अवसर मिले।
’‘खेलबो-जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़‘’
मुख्यमंत्री ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में शानदार उपलब्धियां हासिल करने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी दीपेश कुमार सिन्हा, शिखर सिंह, आकर्षि सहित अन्य सभी खिलाडि़यों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैंने नारा दिया था, ‘खेलबो-जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़।’ हमें पता है कि विरासत में हमें बेहद कमजोर खेल अधोसंरचना मिली है, वहीं खिलाडि़यों को भी बहुत से अभावों से जूझना पड़ता था। इसलिए हमने ‘छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण’ का गठन किया। हॉकी, फुटबाल, बैडमिंटन, तीरंदाजी, वालीबॉल, कबड्डी आदि खेलों के निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा दी गई है। अब ‘खेलो इंडिया योजना’ के तहत रायपुर में राष्ट्रीय स्तर की आवासीय हॉकी अकादमी तथा बिलासपुर में तीरंदाजी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। बिलासपुर में तीरंदाजी, हॉकी और एथलेटिक्स की राज्य स्तरीय अकादमी, जगदलपुर में फुटबॉल तथा रनिंग सिंथेटिक टर्फ ग्राऊंड, अम्बिकापुर इंडोर हॉल की मंजूरी प्राप्त की गई है।
नगरीय-निकायों तथा पंचायतों में ‘राजीव युवा मितान क्लब’
प्रदेश के सभी नगरीय-निकायों तथा पंचायतों में ‘राजीव युवा मितान क्लब’ का गठन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से युवाओं के सर्वांगीण विकास का कार्य किया जाएगा। हमारी योजना है कि प्रत्येक जिले में स्थानीय विशेषता के अनुसार प्रशिक्षण सुविधाएं विकसित की जाएं और उसमें उद्योगों की मदद भी ली जाए। मुझे तो विगत वर्ष मनाए गए युवा महोत्सव की याद आ रही है, जिसमें ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक युवाओं ने भाग लिया था और हजारों युवा साथी राज्य स्तरीय प्रदर्शन के लिए रायपुर आए थे। इस वर्ष कोरोना के कारण वैसा आयोजन नहीं हो पा रहा है, लेकिन हम प्रयास करेंगे कि भविष्य में कोई बड़ा आयोजन हो।
युवा प्रतिभाओं को दी बधाई
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में आइफा अवार्ड विजेता सरगुजा के दो युवाओं युवा संगीतकार सौरव गुप्ता और वैभव सिंह सेंगर तथा इंडिया बेस्ट डांसर टीव्ही शो में फस्ट रनरअप मुकुल गाइन को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके माध्यम से मैं उन सभी युवा प्रतिभाओं को बधाई देता हूं जिन्होंने छत्तीसगढ़ का नाम ऊंचा किया है। मैं चाहता हूं कि आप लोग इसी तरह लगातार काम करते रहें और सफलताएं हासिल करते रहें, इसके लिए मेरी शुभकामनाएं।
’दो वर्षों में 46 हजार से अधिक युवाओं ने मुख्यमंत्री कौशल प्रशिक्षण योजना से बने हुनरमंद’
लोकवाणी में कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अनेक युवाओं ने अपने बारे में संदेश रिकॉर्ड करवाए जिसमें उन्होंने इस योजना को युवाओं के लिए उपयोगी बताते हुए इसे जारी रखने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। श्री बघेल ने इन युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के तहत स्कूल, कॉलेज, कोचिंग तथा अन्य प्रशिक्षण संस्थानों पर रोक लगाई गई थी। कौशल विकास योजना को बेहतर ढंग से चलाने के लिए हमने नई गाइडलाइन जारी की, जिसके तहत बाजार की मांग और आधुनिक तकनीकी पर आधारित प्रशिक्षण शुरू किया गया। मुझे खुशी है कि दो वर्षों में 46 हजार से अधिक युवाओं ने प्रशिक्षण लिया है, जिसमें से लगभग 23 हजार युवाओं ने अपना काम शुरू कर दिया है। आपकी सहूलियत के लिए हमने ‘रोजगार संगी मोबाइल एप’ शुरू किया, जो प्रशिक्षित युवा और नियोक्ता के बीच पुल का काम कर रहा है। कोरोना के कारण जो प्रवासी श्रमिक वापस लौटे उनमें से 2 लाख 14 हजार लोगों की स्किल मैपिंग करके उनके प्रशिक्षण और रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। जैसे ही कोरोना का असर कम होगा या इसकी गाइडलाइन इजाजत देगी, वैसे ही हम जल्दी से जल्दी कौशल प्रशिक्षण शुरू करने की व्यवस्था करेंगे। ’युवाओं की प्रतिभा को संवारने और आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने के अभियान में नहीं होगी कोई कमी’
मुख्यमंत्री ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपने जिन पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाएं दी हैं, उनमें कहीं कोर्ट केस या प्रक्रियागत बाधाओं के कारण तकलीफें थीं, जिनका उचित ढंग से निराकरण किया जा रहा है। बहुत से प्रकरणों में तो मामला वेरीफिकेशन तक पहुंच गया है, हमारा प्रयास है कि जितनी जल्दी हो सके, नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएं। इस संबंध में मैंने विभिन्न विभागों को निर्देश दे दिए हैं। साथियों, मैं एक बार फिर यह कहना चाहूंगा कि आप लोगों ने जिस तरह से धैर्य बनाए रखा है, वह काबिले-तारीफ है। छत्तीसगढ़ में युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है। मैं चाहूंगा कि आपकी प्रतिभा को संवारने और आपको बेहतर आजीविका दिलाने के हमारे अभियान में कहीं कोई कसर नहीं रहेगी।
’दो वर्ष में 22 प्रतिशत से घटकर 2 से 4 प्रतिशत के बीच हुई बेरोजगारी दर’
’नए उद्योगों में ही 15 हजार लोगों को मिला रोजगार’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जमाना गया जब सिर्फ सरकारी नौकरी को ही रोजगार माना जाता था। अब तो बहुत से काम और बहुत सी नौकरियों को सरकारी नौकरी से बेहतर माना जाता है। यही वजह है कि हमने प्रदेश में ऐसे विकास कार्यों या योजनाओं को अपनाया है, जिसमें युवाओं की भागीदारी बड़े पैमाने पर हो। कृषि, वानिकी, इनके उत्पादनों का प्रसंस्करण, नई उद्योग नीति आदि के माध्यम से हमने सर्वांगीण विकास और चैतरफा विकास की रणनीति अपनाई है, ताकि छोटे-बड़े हर स्तर पर लोगों को काम मिले। अब देखिए कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना के कारण भी गांव-गांव में रोजगार के नए अवसर बने हैं। मुझे यह देखकर खुशी होती है कि हम एक रास्ता बनाते हैं तो उसमें से दस रास्ते लोग अपनी सोच, समझदारी और प्रतिभा से बना लेते हैं। गोबर हमारी पूरी कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केन्द्र में तो आ ही गया है, लेकिन अब इससे बनने वाले कलात्मक उत्पादों के लिए राज्य से लेकर दिल्ली तक मार्ट खुल जाना एक नई तरह की क्रांति है। क्योंकि ऐसा कोई भी काम होता है, तो उसमें रोजगार के अवसर समाहित रहते हैं। नई उद्योग नीति से नए उद्योग लगने की पहल हो रही है तो उसमें भी करीब 50 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना बन गई है। सिर्फ नए उद्योगों में ही लगभग दो साल में 15 हजार लोगों को रोजगार मिल गया है। गांव से लेकर सरकारी नौकरी और उद्योगों तक, जब हम समग्र रूप में देखते हैं तो पाते हैं कि प्रदेश की बेरोजगारी दर देश की बेरोजगारी दर की आधी भी नहीं है। दो वर्ष में 22 प्रतिशत से घटकर बेरोजगारी दर 2 से 4 प्रतिशत के बीच रही है।
’बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने ई-श्रेणी पंजीयन योजना की शुरूआत’
’स्नातक इंजीनियर, डिग्रीधारी, डिप्लोमाधारी राजमिस्त्री को भी रोजगार’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यह व्यवस्था की है कि बेरोजगार युवा यदि स्नातक इंजीनियर हैं तो इन्हें ई-श्रेणी में एकीकृत पंजीयन कर ब्लॉक स्तर पर 20 लाख तक के कार्य दिए जाएं। इन्हें एक वर्ष में अधिकतम 50 लाख रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी। वहीं अनुसूचित क्षेत्रों में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण युवाओं को भी ई-पंजीयन की सुविधा दी गई है, ताकि वे भी निर्माण कार्यों में सीधी भागीदारी निभा सकें। इसके अलावा बेरोजगार डिग्रीधारीध्डिप्लोमाधारीध्राज मिस्त्री को भी आसानी से रोजगार दिलाने के लिए पृथक से निविदा प्रक्रिया की व्यवस्था की गई है। जिसके तहत स्नातक इंजीनियरों को एक बार में 50 लाख तक और वर्ष में 2 करोड़ रू. तक का दिया जाएगा। डिप्लोमाधारी इंजीनियरों को एक बार में 25 लाख रू. तक तथा वर्ष में अधिकतम एक करोड़ रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी। राज मिस्त्रियों को एक बार में 15 लाख रू. तथा वर्ष में अधिकतम 60 लाख रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी।

सफलता की कहानी /शौर्यपथ /

पशुधन विकास विभाग द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन सुकमा जिले में सफलता पूर्वक हो रहा है। जिले में विभागीय योजनाओं जैसे बैकयार्ड कुक्कट पालन, शबरी लेयर फार्मिंग, शूकर पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि योजनाओं के तहत हितग्राहियों को आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़कर आर्थिक मजबूती, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
गरीबी उन्मूलन योजना के अन्तर्गत महिला स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्येश्य से पशुधन विकास विभाग जिला सुकमा द्वारा नवम्बर माह में ग्राम पंचायत केरलापाल के ग्यारह स्व-सहायता समूहों को एक-एक माह के 50-50 नग कड़कनाथ चूजे एवं दाना प्रदान किया गया था। जिससे उन्हें अपनी आय में वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक स्थिति सदृढ़ करने में सहायता मिल सके।
चूज़ों की देख-रेख में देती हैं पर्याप्त समय
पटेलपारा केरलापाल में सत्यम स्व सहायता समूह, जय मां काली स्व सहायता समूह एवं शिवम् स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि कड़कनाथ के चूजे मिलने से उन्हें आत्मनिर्भरता की राह नजर आई। महिलाओं ने बताया कि विभाग द्वारा प्रदाय किए गए चूजे उत्तम नस्ल के है जिनसे वे निश्चित ही आर्थिक लाभ कमा सकेंगी। जय मां काली समूह की अध्यक्ष श्रीमती सुकड़ी मरकाम ने बताया कि इन चूजों को रोजाना तीन समय खुराक दी जाती है जो इनकी वृद्धि होने में सहायक है। विभाग द्वारा चूजों के लिए 50 किलो दाना भी प्रदान किया गया है।
वहीं ग्राम केरलापाल सड़कपारा के शेरावाली स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती गन्धेश्वरी मंडल ने बताया कि समूह की महिलाएं चूजो की देख रेख के लिए पर्याप्त समय देती है। समूह के सदस्य कड़कनाथ चूजों के पालन को लेेकर खासी उत्साही हैं। चूजों को खुराक में वे दाने के साथ चावल, धान, कोंढा आदि मिलाकर देती है जिससे उनमें जल्दी वृद्धि हो। इसके साथ ही ठंड से बचाने के लिए बाड़े को चारों तरफ से कपड़े और बोरे से ढंक रखा है ताकि चूजे मौसमी सर्दी से बचे रहे। सुबह और रात को बाड़े को गरम रखने के लिए बल्ब और अलाव जलाकर व्यवस्था करती है, जिससे बाड़े में संतुलित तापमान बना रहता है।
कड़कनाथ का व्यवसाय कर कमाएंगी हजारों रुपए
चर्चा के दौरान हितग्राही महिलाओं ने बताया कि कड़कनाथ नस्ल के मुर्गियों की बाजार में अच्छी खासी कीमत है। अपने पौष्टिक गुणों के कारण साधारण प्रजाति की मुर्गियों की तुलना में इसकी कीमत लगभग दो से तीन गुना है। मंहगी होने के बावजूद भी लोग इसे खरीदने से कतराते नहीं। स्थानीय बाजार में कड़कनाथ बड़ी आसानी से लगभग 800 रुपए प्रति किलो की दर से बिक जाते है। जय मां काली स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती देवे मिश्रा ने बताया कि उनके आस पास पड़ोस के लोगों ने अभी से मुर्गियों के लिए नाम लिखवा रखे हैं। चूज़े अभी लगभग 700 ग्राम वजनी हैं, पर्याप्त वजन होने के बाद वे अपने ग्राहकों को कड़कनाथ विक्रय कर देंगी।
शासन द्वारा प्रदाय किए गए कड़कनाथ का व्यवसाय कर स्व-सहायता समूह की महिलाएं अधिक आय अर्जित कर सकती हैं। व्यवसाय से उन्हें कड़कनाथ विक्रय करने से तो फायदा होगा ही साथ ही अंडों से निकलने वाले चूजों से वे अगली खेप खुद ही तैयार कर सकती है। अपने विशिष्ट स्वाद और पौष्टिक तत्वों के कारण कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे-मुर्गियां कई प्रकार के रोग के निवारण में फायदेमंद होने के कारण इसकी अच्छी मांग रहती है। जिसको ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा गरीब तबके की महिलाओं को स्वावलंबी और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से चूजे प्रदान किए गए हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाओं की निष्ठा और लगन इस बात को दर्शाता है कि शासन की योजनाएं ग्रामीण अंचल के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। जिसमें ग्रामीणों को स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की राह सुदृढ नजर आती है।

हमारा शौर्य

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