December 07, 2025
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मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी )

मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी ) (256)

दुर्ग / शौर्यपथ / ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए गौठान का सशक्तिकरण आवश्यक है। गौठान के बनने से यहां जानवरों के रखने की व्यवस्था हो गई। गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुधन को लोग ज्यादा सहेजने लगे हैं। इससे फसल सुरक्षा भी हो रही है। कुछ किसानों ने बताया कि उन्होंने काफी समय पहले ओन्हारी फसल ली थी। इस बार उन्होंने फिर से यह फसल लगाई है। यह बताता है कि मवेशियों से फसल सुरक्षा बेहद आवश्यक थी।
गौठान और गोधन न्याय योजना से इसका रास्ता खुला। यह खेती और पशुपालन की बेहतरी के लिए शानदार योजना है। साथ ही जैविक खेती की ओर भी इससे राह प्रशस्त होती है। उन्होंने कहा कि पिछली बार किसानों ने गौठान के लिए मुक्त हस्त से पैरादान किया था। गोमाता के संवर्धन के लिए ये सबसे उत्तम कार्य है। इस बार भी खेतों में फसल अवशेष जलाएं नहीं अपितु पैरादान करें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गौठान ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में स्थापित होंगे। अभी स्वसहायता समूह की महिलाओं ने दीपावली को देखते हुए उत्पाद तैयार किये हैं। इनकी अच्छी बिक्री हो रही है। इन्हें स्थानीय जरूरत के मुताबिक चीजें तैयार करने के लिए कहा जा रहा है। अपने हुनर, गुणवत्ता और मेहनत से ये अपने उत्पादों की बाजार में जगह बना लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान उत्पादन करने वाले किसानों को एथेनॉल का प्लांट लगने से विशेष मदद मिलेगी। इसके लिए केंद्र से अनुमति मांगी गई थी, प्लांट आरम्भ होने से धान उगाने वाले किसानों की समृद्धि और बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों को खेती किसानी में किसी तरह की दिक्कत न आये, इसके लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्त ऐसे समय में दी गई जब किसानों को खेती के लिए सबसे ज्यादा राशि की जरूरत होती है।

पाटन में 101 आंगनबाड़ी केंद्रों का रेनोवेशन वेदांता समूह की मदद से हुआ, लोकार्पण के पश्चात बच्चों से प्रश्न पूछे मुख्यमंत्री ने

दुर्ग / शौर्यपथ / बच्चे सबसे अच्छे, मुख्यमंत्री ने जब आर जामगांव में आंगनबाड़ी के बच्चों की क्लास ली तो ब्लैकबोर्ड में यह लिख दिया। बच्चों के साथ उनके यह बेहद आत्मीय क्षण थे मौका था पाटन विधानसभा में 101 आंगनबाड़ी केंद्रों के रेनोवेशन पश्चात लोकार्पण का। यह वेदांता समूह के सहयोग से हुआ। मुख्यमंत्री ने इस केंद्र की बड़ी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस ऑडियो विजुअल की सुविधा वाले केंद्र में बच्चों को कल्पनाशीलता विकसित करने में खेल खेल में सीखने में खासी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बच्चों से प्रश्न भी पूछे।
आंगनबाड़ी की दीवारों पशु पक्षियों के सुंदर तस्वीरों से सजी थी। मुख्यमंत्री एक एक कर इनके बारे में पूछते रहे और बच्चे उत्साह से जवाब देते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी पहली ऐसी जगह होती है जहां घर से परे बच्चे पहली बार देर तक रुकते हैं। यह सुंदर हो, सुविधापूर्ण हो, मनोरंजक हो तो बच्चों को बहुत अच्छा लगता है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बच्चों को गिफ्ट भी दिये। उल्लेखनीय है कि लोकार्पित होने वाले केंद्रों में ऑडियो विजुअल क्लास के लिए टीवी सेट आदि की व्यवस्था की गई है। हाइजिनिक किचन बनाया गया है। वाटर फ़िल्टर की सुविधा है। एक मॉडल आंगनबाड़ी के अनुकूल बड़ा सुंदर माहौल यहां बनाया गया है।
यहां मौजूद जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि यहां की कार्यकर्ता श्रीमती मोहिनी म्हस्के और सहायिका श्रीमती देवेंद्री श्रीवास ने सुपोषण को लेकर बहुत अच्छा काम किया है तथा अपने केंद्र को कुपोषण से मुक्त किया है। इस पर मुख्यमंत्री ने दोनों का सम्मान किया। इस मौके पर संभागायुक्त टीसी महावर, आईजी विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी प्रशांत ठाकुर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक के ग्राम पतोरा के गौठान पहुंचे। वहां स्वसहायता समूह की महिलाओं ने दीवाली त्योहार के लिए सुंदर डिजाइनर दीये, सजावटी सामग्री तथा परंपरागत छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के पैकेट की सामग्री उन्हें दिखाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बिहान बाजार के बुकलेट का भी लोेकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं द्वारा संचालित आयमूलक गतिविधियों और उनके द्वारा उत्पादित सामग्री की गुणवत्ता की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सामग्रियों को केवल स्थानीय स्तर विक्रय करने के बजाए इसकी मार्केटिंग अन्य बाजारों एवं शहरों में की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को महिला समूहों के उत्पाद की मार्केटिंग एवं ऑनलाईन विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि आनलाइन प्लेटफार्म के लिए बातचीत चल रही है। इन उत्पादों को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने दुर्ग में बिहान बाजार जिला पंचायत परिसर में आरंभ किया गया है। केवल दो दिनों में 3 लाख रुपए की बिक्री बिहान बाजार में हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं से कहा कि जिन वस्तुओं की बाजार में ज्यादा माँग है, उन्हें तैयार करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि इन्हें सिलाई मशीन का प्रशिक्षण भी दें। अगरबत्ती, फिनाइल, साबुन जैसे उत्पादों के निर्माण के लिए भी सभी समूहों को प्रेरित करें। कोशिश यह हो कि स्थानीय मार्केट में अधिकाधिक उत्पाद स्थानीय एसएचजी ही उपलब्ध करा दें। इससे आय का रास्ता खुलेगा।
मुख्यमंत्री ने गौठान में वर्मी कंपोस्ट उत्पादन को भी देखा। मुख्यमंत्री ने पूछा कि डिकंपोजर डाला या नहीं। महिला समूह से जुड़ी सुमन ने बताया कि डिकंपोजर के उपयोग से खाद बनाने में लगने वाला समय काफी कम हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को आत्मनिर्भर बनाना है। आप लोग जितना काम गोधन न्याय योजना पर करेंगे, आपकी आय उतनी ही बढ़ेगी। उन्होंने पहाटियों से भी बातचीत की। पहाटियों ने बताया कि इससे हमें आय जरिया मिल गया है।इस मौके पर गुंडरदेही के विधायक श्री कुंवर निषाद, संभागायुक्त श्री टीसी महावर, आईजी विवेकानंद सिन्हा, सीएफ श्रीमती शालिनी रैना, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी प्रशांत ठाकुर, सीईओ सच्चिदानंद आलोक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य में गोबर विक्रेताओं को अब तक हो चुका 47.38 करोड़ रूपए का भुगतान
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राज्य शासन की महत्वाकांक्षी 'गोधन न्याय योजना' के तहत राज्य के 77 हजार 592 ग्रामीणों एवं गौपालकों से 20 अक्टूबर से 5 नवम्बर के मध्य गौठानों में क्रय किए गए गोबर के एवज में 8 करोड़ 97 लाख रूपए का ऑनलाइन भुगतान किया। गोधन न्याय योजना के तहत अब तक गोबर विक्रेताओं को 47 करोड़ 38 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के समन्वित प्रयास से गौठान और गोधन न्याय योजना का राज्य में सफल क्रियान्वयन हो रहा है और इसका लाभ ग्रामीणों, किसानों, पशुपालकों सहित समाज के गरीब तबके के लोगों को मिलने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन और विक्रय भी शुरू हो चुका है। इससे अब महिला समूहों को भी लाभ मिलने लगेगा। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट सहित अन्य सामग्रियों के निर्माण के लिए महिला समूहों को प्रशिक्षित किए जाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन एवं अप्रारंभ गौठानों को तेजी से पूरा कराने और इसे आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित करने की बात कही। उन्होंने महिला समूहों द्वारा उत्पादित सब्जी एवं अन्य सामग्रियों की मार्केटिंग के लिए उन्हें शासकीय संस्थाओं विशेषकर स्कूलों में संचालित मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम तथा आश्रम-छात्रावास में आपूर्ति सुनिश्चित करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि महिला समूह मांग आधारित सामग्रियों का उत्पादन करें, ताकि उन्हें लाभ होता रहे। उन्होंने कहा कि सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चर्चा पूरे देश में है। उन्होंने राज्य में इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजना के तहत प्रत्येक पखवाड़े में गोबर खरीदी की राशि का भुगतान कर अपने वादे को निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक 47.38 करोड़ रूपए का भुगतान गोबर बेचने वाले ग्रामीणों एवं गौपालकों को किया जा चुका है। यह समाज के जरूरतमंद एवं गरीब लोगों को सीधा लाभ पहुंचाने वाली योजना है। उन्होंने कहा कि गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य के प्रत्येक जिले में प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है। गौठानों के आजीविका मिशन से जोडऩे की कार्ययोजना है। उन्होंने गौठानों में आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र को 10-10 गौठानों से तथा एग्रीकल्चर, डेयरी एवं मत्स्य महाविद्यालयों को भी गौठानों से जोडऩे की बात कहीं।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता ने बताया कि राज्य में 5454 गौठान निर्मित है, जिसमें से 3677 गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है। अब तक 23 लाख 68 हजार 900 क्विंटल गोबर क्रय किया गया है। उन्होंने बताया कि गोबर विक्रेताओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के 51.51 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 37.24 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति वर्ग के 7.40 प्रतिशत हितग्राही शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वर्मी खाद के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में वर्मी टांको का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। अब तक 44 हजार से अधिक टांके बनाए जा चुके है, जबकि 16 हजार टांके निर्माणाधीन है। गौठानों में 8 हजार से अधिक क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन हुआ है। जिसमें से एक हजार क्विंटल खाद की बिक्री हो चुकी है। शेष खाद की मात्रा की पैकेजिंग एवं विक्रय प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना शुरू होने से बीते 3 माह में सक्रिय गौठानों की संख्या में लगभग 1 हजार की बढ़ोत्तरी हुई है।
इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी, सचिव कृषि अमृत कुमार खलखो, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक उद्यानिकी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में समाज के कमजोर लोगों, आदिवासियों, किसानों, श्रमिकों के कल्याण तथा उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मानना है कि छत्तीसगढ़ में किसानों को आगे बढ़ाकर, मजबूत व आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर ही राज्य को खुशहाल बनाया जा सकता है। वे जानते हैं कि किसान विकास की पूंजी है। गांव की तरक्की में ही देश की तरक्की है। इसलिए 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही किसानों से 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी के अपने वायदे को पूरा किया। वर्षों से लंबित 17 लाख 82 हजार किसानों का 8 हजार 755 करोड़ रू. का कृषि ऋण और 244 करोड़ रू. का सिंचाई कर माफ किया। ग्राम सुराजी योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ के माध्यम से गांवों की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को नया जीवन देने की पहल की। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में 1700 से अधिक आदिवासी किसानों की 4200 एकड़ जमीन वापिस कर दी। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 4000 रू. प्रति मानक बोरा कर दिया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल ने जब प्रदेश के किसानों से 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल में धान खरीदने में बाधा आई तो किसानों के हित में हरसंभव कदम उठाने का प्रण लिया। इस बीच अचानक कोरोना संक्रमण का खतरा और देशव्यापी लॉकडाउन से किसान भी अनेक मुसीबतों से घिर गए। इन विपरीत परिस्थितियों में मुख्यमंत्री ने किसानों से किया अपना वादा निभाया और 21 मई को राजीव गांधी जी के शहादत दिवस पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर किसानों के खातों में 1500 करोड़ रूपए की प्रथम किश्त की प्रोत्साहन राशि अंतरित। लॉक डाउन अवधि में किसानों को सीधे मदद पहुचाकर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश को रास्ता दिखाने का काम किया कि किस तरह हम अपने देश के अन्नदाता को मुसीबत से उबार सकते हैं और नकदी देकर अर्थव्यवस्था को भी सुधार सकते हैं।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में 19 लाख से अधिक किसानों को 5750 करोड़ रू. की राशि का भुगतान 4 किस्तों में किया जा रहा है। पहली किस्त 1500 करोड़ रूपए 21 मई को किसानों की खाते में देने के बाद दूसरी किस्त 20 अगस्त को राजीव गांधी जी के जन्म दिन के अवसर पर किसानों के खाते में जमा की गई थी। आज एक नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर किसानों को तीसरी किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि दी जाएगी। निश्चित ही यह योजना प्रदेश के किसानों के लिए कोरोना संकट काल में एक वरदान साबित हुई है। इससे किसानों को खेती-किसानी के लिए संबल मिला है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गतिशील बनाने में जुटे हैं। अपनी दूरदर्शी सोच से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ का जो उन्होंने खाका बुना था अब वह धरातल पर सफलता पूर्वक साकार होता दिखाई देने लगा है। प्रदेश में 5600 गौठान स्वीकृत होने के साथ 5454 पूर्ण हो चुके हैं। इन गौठानों में रोजगार के अवसर तो बने ही, साथ ही यहां तैयार जैविक खाद और इसकी उपयोगिता ने गोबर की महत्ता को भी बढ़ाया है। देश में एक अलग तरह की योजना गोधन न्याय योजना की शुरूआत भी इन्हीं उपयोगिताओं और महत्व का परिणाम है। किसानों से 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदकर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक नये अध्याय की शुरूआत की है। गोधन न्याय योजना ने देश भर में प्रशंसा बटोरी है। इस योजना में गोबर बेचने वाले किसानों, पशुपालकों एवं ग्रामीणों अब तक 39 करोड़ रूपए का भुगतान भी ऑनलाइन किया जा चुका है। निश्चित ही इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था संवरने के साथ पर्यावरण संतुलन को बेहतर बनाने में मदद मिली है।
कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के दौरान भी प्रदेश के मुख्यमंत्री गरीबों के मसीहा बने। उन्होंने इस संकटकाल में राशन कार्डधारियों सहित प्रवासी मजदूर परिवारों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था कराई। जरूरतमंदों को निःशुल्क खाद्यान्न देने के साथ आंगनबाड़ी, स्कूल से जुड़े बच्चों को सूखा अनाज घर-घर तक देने का काम किया। मनरेगा के तहत काम और समय पर मजदूरी भुगतान, लघु वनोपज संग्रह के लिए पारिश्रमिक देने में भी छत्तीसगढ़ अव्वल रहा है।
छत्तीसगढ़ की एक तिहाई जनसंख्या अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की है। सरकार द्वार इन वर्गों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी को वन अधिकार मान्यता पत्र देकर आदिवासियों के सांस्कृति एवं पारम्परिक विरासतों को सहेजने और पर्यावरण संतुलन को स्थापित रखने में भी कदम उठाया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य सबसे अधिक वन अधिकार पत्र देने वाला राज्य भी बन गया है। प्रदेश में 12.50 लाख वन क्षेत्र के निवासी है, जो तेंदूपत्ता संग्रहण करते हैं। ऐसे संग्राहकों के लिए श्री शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना लागू कर सुरक्षा लागू की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार का समाज के सभी वर्गों के कल्याण एवं गांवों में खुशहाली लाने और लोगों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास सराहनीय है।

रायपुर / शौर्यपथ /मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्योत्सव पर एक नवम्बर को प्रदेश में स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना का शुभारंभ करेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए इस योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए जा रहे हैं। प्रथम चरण में राज्य में 52 इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किए जा रहे हैं। उत्कृष्ट शिक्षा का संकल्प लिए अंग्रेजी माध्यम के इन स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। इन स्कूलों में अत्याधुनिक लाइब्रेरी एवं लैब, कम्प्यूटर और साइंस लैब के साथ ही ऑनलाईन शिक्षा की भी पूरी सुविधा उपलब्ध है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इन स्कूलों को विकसित करने हेतु 130 करोड़ रूपए प्रदान किए गए हैं।
शिक्षा हर समाज और देश की प्रगति का प्रतिबिम्ब है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सकारात्मक सोच से छत्तीसगढ़ सरकार ने उन परिवारों के सपनों को साकार करने का बीड़ा उठाया है जो कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से अपने बच्चों को महंगे अंग्रेजी निजी स्कूलों में शिक्षा दिलाने में समर्थ नहीं थे। छत्तीसगढ़ शासन ने गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों के बेहतर शिक्षा के प्रबंध में एक और कड़ी को शामिल कर लिया है। यह कड़ी अंग्रेजी मीडियम के सरकारी स्कूल हैं, जहां बच्चों को मुफ्त में राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से दिए जाने की पहल शुरू कर दी गई है। छत्तीसगढ़ जैसे हिन्दी भाषी राज्य के छात्रों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर की सभी प्रकार की प्रतियोगिताओं के काबिल बनाने के उद्देश्य से अंग्रेजी मीडियम में अध्ययन-अध्यापन को बढ़ावा देने के लिए स्वामी आत्मानंद के नाम से इंग्लिश मीडियम के स्कूल की शुरूआत की गई है। प्रथम चरण राज्य में 52 इंग्लिश मीडियम स्कूल राज्य में शुरू किए जा रहे हैं। आगामी शिक्षा सत्र से 100 और नये इंग्लिश मीडियम स्कूल ब्लॉक मुख्यालयों में खोले जाएंगे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में जन्मे स्वामी आत्मानंद की स्मृति को अक्षुण्य बनाए रखने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने उनके नाम से इंग्लिश मीडियम में राज्य के बच्चों को सहजता से शिक्षा उपलब्ध कराने की सराहनीय पहल की है। स्वामी आत्मानंद जी ने अपनी प्रतिभा एवं शिक्षा की बदौलत आईएएस के रूप में चयनित होकर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया था। स्वामी आत्मानंद आजीवन जनकल्याण के कार्यों में लगे रहे और पीड़ित मानवता की सेवा का संदेश दिया। उनके सपनों को साकार करने छत्तीसगढ़ सरकार ने गुणवत्ता युक्त शिक्षा की अलख जगाकर ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के माध्यम से प्रदेश के 52 शासकीय विद्यालयों को सर्व सुविधायुक्त अंग्रेजी स्कूलों में उन्नत किया है।
वर्तमान शैक्षणिक सत्र से अंग्रेजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों और उनके पालकों के चेहरों पर मुस्कान है। अब उनकी आर्थिक मजबूरियां शिक्षा में अवरोध नहीं बनेगी, यह आत्मविश्वास और सुकून उन्हें है। इन स्कूलों की गुणवत्ता और उपलब्ध सुविधाओं की वजह से निम्न आय वर्ग के साथ ही चिकित्सक, शासकीय सेवाओं में संलग्न अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक, व्यवसायी सभी अपने बच्चों का भविष्य संवारने इन स्कूलों में दाखिला करवा रहे हैं।
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उच्च शैक्षणिक वातावरण में खेल एवं कलात्मक गतिविधियों से बच्चों में उनकी रचनात्मकता-भौतिकता को नया आयाम देने सुविधायुक्त खेल मैदान, एम्फीथिएटर जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। खूबसूरत डिजाइन में तैयार विद्यालय भवन भी बच्चों को प्रेरित कर आत्म सम्मान का भाव विकसित करे, इसके लिए भवन की डिजाइन भी आकर्षक है। ऐसे प्राचार्यों का चयन किया है जो न केवल पढ़ाई और प्रबंधन में विशेष योग्यता हासिल किए है बल्कि उनमें अपनी संस्था को सर्वोत्तम बनाने का जज्बा भी है।
इन उत्कृष्ट स्कूलों में गुणवत्ता हेतु जिलों को स्वायत्तता प्रदान की गई है जिससे स्कूल के प्रबंधन और शिक्षकों का चयन सावधानी पूर्वक किया जा सके। उन्हें ऑनलाईन उत्कृष्ट प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। कोविड-19 के चलते जहां शासन द्वारा सभी स्कूल बंद है। वहीं इन स्कूलों में ऑनलाईन कक्षाओं के साथ ही खेल, कला, सांस्कृतिक सहित अन्य गतिविधियां भी संचालित की जा रही है। गुणवत्तायुक्त अध्ययन और स्कूल प्रबंधन को अनुशासित स्वरूप देने उत्कृष्ट शिक्षक चयनित किए गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए इन उत्कृष्ट विद्यालयों के बारे में पालकों, शिक्षकों और बच्चों की राय है कि छत्तीसगढ़ सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम से अब समाज का हर वर्ग, पूर्ण समानता के साथ अपने सपनों को साकार करेगा और बच्चों का भविष्य स्वर्णिम होगा।

जगदलपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में सौगातों का पिटारा खोला। उन्होंने यहां बस्तर दशहरा के आयोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मांझी-चालकी सहित विभिन्न पदाधिकारियों के मानदेय बढ़ाने की घोषणा कर दिल जीत लिया।
मुख्यमंत्री बघेल ने सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा उठाई गई मांगों पर 20 घोषणाएं कीं। उन्होंने सभी मांझी चालकियों से वन अधिकार पट्टे के लिए आवेदन लेकर उन्हें 6 माह के भीतर पट्टा देने की घोषणा की। इसी प्रकार मांझियों का मानदेय 1350 से बढ़ाकर 2000 रूपए प्रतिमाह, चालकियों का मानदेय 675 रूपए से बढ़ाकर एक हजार रूपए, कार्यकारिणी मेम्बरीन का मानदेय एक हजार से बढ़ाकर 11 सौ रूपए, और साधारण मेम्बरिनों को 15 सौ रूपए वार्षिक मानदेय, 21 पुजारियों का मानदेय 3 हजार से बढ़कार 3500 रूपए, गुरूमाय और भंडारदेवी पुजारी, मुण्डा बाजा वादक, मोहरी बाजा वादक और पूजा करने वाले सात सदस्यों को 1500 वार्षिक मानदेय, जोगी बिठाई करने वाले लोगों को 11 हजार रूपए, रथ निर्माण करने वाले दल को 21 हजार रूपए के मान से कुल 42 हजार रूपए की राशि दिए जाने की घोषणा की।
इसी प्रकार उन्होंने मांझी-चालकी के रिक्त पदों पर 6 माह के भीतर भर्ती किए जाने और जगदलपुर के मांझी भवन का उन्नयन कराने और चालकी की मांगों पर 6 माह के भीतर पूर्ण करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि विश्व का सबसे लंबा पर्व मनाने का कीर्तिमान बस्तर के पास है। प्रतिवर्ष ढाई महीने तक मनाया जाने वाला यह पर्व इस वर्ष साढ़े तीन माह तक मनाया गया। बस्तर दशहरा हिन्दुस्तान ही नहीं दुनिया में सबसे अधिक समय तक चलने वाला पर्व है। यह आयोजन हिन्दुस्तान में ही नहीं विदेशों में भी लोकप्रिय है, जिसे देखने बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी आते हैं।
उन्होंने बस्तर को आजादी पसंद बताते हुए कहा कि 1857 में आजादी की लड़ाई से काफी पहले यहां राजा गैंदसिंह को 1824 में फांसी दी गई थी। वर्ष 1857 में विद्रोह की ज्वाला बस्तर से निकली’।
छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह सहित सभी सपूतों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर ने देश की आजादी में विशेष भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मुरिया दरबार में आकर उन्हें काफी प्रसन्नता हो रही है। इस आयोजन में दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, कोण्डागांव और कांकेर से आदिवासी समाज के लोग शामिल होने आते हैं। मुरिया दरबार में समारोह के अलावा समाज उन्नति पर भी विचार विमर्श होता है यह सराहनीय है। यह समाज प्रकृति के साथ स्वतंत्रता पूर्वक रहने वाला समाज है। बस्तर दशहरा के लिए रथ निर्माण हेतु पेड़ कटाई की भरपाई के लिए वृक्षारोपण के संकल्प की मुख्यमंत्री ने प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने गरीब, आदिवासी एवं किसान हितैषी नीतियों के बारे में कहा कि राज्य में नई सरकार के गठन के बाद किसानों की ऋण माफी और 25 सौ रूपए में धान खरीदी की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए धान, मक्का और गन्ना किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की राशि दे रहे हैं। इसकी दो किस्त दे चुके हैं। तीसरी किस्त एक नवंबर को देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहण्डीगुड़ा में हमने 1700 आदिवासी किसानों की 42 सौ एकड़ जमीन वापस की है। छत्तीसगढ़ में तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए सबसे ज्यादा प्रति बोरा 4000 रूपए की राशि दी जा रही है। वनवासियों को सतत रूप से आय सुनिश्चित करने के लिए समर्थन मूल्य पर 7 की जगह अब 31 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद था, ऐसे कठिन समय में राज्य सरकार ने स्वसहायता समूहों के माध्यम से लघुवनोपज की खरीदी की व्यवस्था की। जिस समय लोग एक-एक पैसे के लिए मोहताज थे, हमारी सरकार ने मनरेगा में एक दिन में 26 लाख लोगों को रोजगार देने का कीर्तिमान बनाया, जिससे लोगों को कोई तकलीफ नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष का दायित्व भली भांति निभाया। उन्होंने इस पर्व के आयोजन में शामिल विभिन्न समुदायों की हर छोटी-बड़ी समस्याओं की जानकारी ली और उनका समाधान किया। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल के दौरान इस महापर्व के सफल आयोजन के लिए बस्तर दशहरा समिति और जिला प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पर्व की सभी रस्मों का आयोजन करने के साथ ही सुरक्षा का भी भरपूर ध्यान रखा गया। इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण मंत्री एवं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित किया।
झंडा मांझी के छायाचित्र का लोकार्पण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर झंडा मांझी के छायाचित्र का लोकार्पण किया। बस्तर दशहरा के उत्कृष्ट आयोजन में सहयोग के लिए मांझी, चालकी सहित बस्तर दशहरा समिति के सदस्यों और कर्मचारियों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर बस्तर राजपरिवार के सदस्य एवं माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव, संसदीय सचिव एवं जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप, क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, मत्स्य बोर्ड के अध्यक्ष एम.आर. निषाद, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री की पहल पर प्रदेश में खेल अधोसंरचनाओं को विकसित करने के प्रयासों को मिली एक और बड़ी सफलता
अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल तथा महासमुन्द में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक निर्माण के लिए भारत सरकार से मिली मंजूरी
अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल के लिए 4.50 करोड़ रूपए और महासमुन्द में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक निर्माण के लिए 6.60 करोड़ रुपए की स्वीकृति

    रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में खेल अधोसंरचनाओं को विकसित करने के राज्य सरकार के प्रयासों को एक और बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ राज्य में खेल अधोसंरचनाओं के विकास में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर भारत सरकार के युवा कल्याण और खेल मंत्रालय द्वारा खेलो इंडिया योजना के तहत अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल के निर्माण तथा महासमुन्द में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक निर्माण के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये दोनों प्रस्ताव छत्तीसगढ़ सरकार के खेल एवं युवा कल्याण संचालनालय द्वारा भारत सरकार को भेजे गए थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खेल मंत्री श्री उमेश पटेल के विशेष प्रयासों से भारत सरकार ने अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल के निर्माण के लिए 4 करोड़ 50 लाख रूपए तथा महासमुन्द में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक के निर्माण के लिए 6 करोड़ 60 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी है। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं खेल मंत्री उमेश पटेल ने हर्ष व्यक्त करते हुए प्रदेश के खिलाड़ियों तथा खेल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य के खिलाड़ियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार लगातार बडे़ कदम उठा रही है। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मापदण्डों के अनुरूप खेल अधोसंरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री बघेल ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई और अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है। दशहरा पर्व हमें सत्य के मार्ग पर चलने की हिम्मत और साहस देता है, हमें विश्वास दिलाता है कि सत्य के मार्ग में कितनी भी परेशानियां और कठिनाईयां क्यों न हो, विजय सदा सत्य की होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आज पूरे विश्व के समक्ष कोरोना संकट की चुनौती है, इस संकट पर विजय पाने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का स्वयं पालन करने और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करने की जरूरत है। मास्क लगाने, फिजिकल डिस्टेंटिग और साबुन या सेनेटाइजर से बार-बार हाथ धोने जैसे उपायों से ही कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है और इस महामारी पर विजय प्राप्त की जा सकेगी।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार "बालक-बालिकाओं की पढ़ाई, खेलकूद, भविष्य आदि " विषय पर प्रदेशवासियों से बात करेंगे।
इस संबंध में 16 वर्ष से कम आयु के बालक-बालिकाएं आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर 28, 29 एवं 30 अक्तूबर को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकाॅर्ड करा सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 12वीं कड़ी का प्रसारण 8 नवंबर को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों,एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा I

 

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