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रायपुर / शौर्यपथ /मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्योत्सव पर एक नवम्बर को प्रदेश में स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना का शुभारंभ करेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए इस योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए जा रहे हैं। प्रथम चरण में राज्य में 52 इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किए जा रहे हैं। उत्कृष्ट शिक्षा का संकल्प लिए अंग्रेजी माध्यम के इन स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। इन स्कूलों में अत्याधुनिक लाइब्रेरी एवं लैब, कम्प्यूटर और साइंस लैब के साथ ही ऑनलाईन शिक्षा की भी पूरी सुविधा उपलब्ध है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इन स्कूलों को विकसित करने हेतु 130 करोड़ रूपए प्रदान किए गए हैं।
शिक्षा हर समाज और देश की प्रगति का प्रतिबिम्ब है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सकारात्मक सोच से छत्तीसगढ़ सरकार ने उन परिवारों के सपनों को साकार करने का बीड़ा उठाया है जो कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से अपने बच्चों को महंगे अंग्रेजी निजी स्कूलों में शिक्षा दिलाने में समर्थ नहीं थे। छत्तीसगढ़ शासन ने गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों के बेहतर शिक्षा के प्रबंध में एक और कड़ी को शामिल कर लिया है। यह कड़ी अंग्रेजी मीडियम के सरकारी स्कूल हैं, जहां बच्चों को मुफ्त में राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से दिए जाने की पहल शुरू कर दी गई है। छत्तीसगढ़ जैसे हिन्दी भाषी राज्य के छात्रों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर की सभी प्रकार की प्रतियोगिताओं के काबिल बनाने के उद्देश्य से अंग्रेजी मीडियम में अध्ययन-अध्यापन को बढ़ावा देने के लिए स्वामी आत्मानंद के नाम से इंग्लिश मीडियम के स्कूल की शुरूआत की गई है। प्रथम चरण राज्य में 52 इंग्लिश मीडियम स्कूल राज्य में शुरू किए जा रहे हैं। आगामी शिक्षा सत्र से 100 और नये इंग्लिश मीडियम स्कूल ब्लॉक मुख्यालयों में खोले जाएंगे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में जन्मे स्वामी आत्मानंद की स्मृति को अक्षुण्य बनाए रखने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने उनके नाम से इंग्लिश मीडियम में राज्य के बच्चों को सहजता से शिक्षा उपलब्ध कराने की सराहनीय पहल की है। स्वामी आत्मानंद जी ने अपनी प्रतिभा एवं शिक्षा की बदौलत आईएएस के रूप में चयनित होकर छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया था। स्वामी आत्मानंद आजीवन जनकल्याण के कार्यों में लगे रहे और पीड़ित मानवता की सेवा का संदेश दिया। उनके सपनों को साकार करने छत्तीसगढ़ सरकार ने गुणवत्ता युक्त शिक्षा की अलख जगाकर ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के माध्यम से प्रदेश के 52 शासकीय विद्यालयों को सर्व सुविधायुक्त अंग्रेजी स्कूलों में उन्नत किया है।
वर्तमान शैक्षणिक सत्र से अंग्रेजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों और उनके पालकों के चेहरों पर मुस्कान है। अब उनकी आर्थिक मजबूरियां शिक्षा में अवरोध नहीं बनेगी, यह आत्मविश्वास और सुकून उन्हें है। इन स्कूलों की गुणवत्ता और उपलब्ध सुविधाओं की वजह से निम्न आय वर्ग के साथ ही चिकित्सक, शासकीय सेवाओं में संलग्न अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक, व्यवसायी सभी अपने बच्चों का भविष्य संवारने इन स्कूलों में दाखिला करवा रहे हैं।
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उच्च शैक्षणिक वातावरण में खेल एवं कलात्मक गतिविधियों से बच्चों में उनकी रचनात्मकता-भौतिकता को नया आयाम देने सुविधायुक्त खेल मैदान, एम्फीथिएटर जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं। खूबसूरत डिजाइन में तैयार विद्यालय भवन भी बच्चों को प्रेरित कर आत्म सम्मान का भाव विकसित करे, इसके लिए भवन की डिजाइन भी आकर्षक है। ऐसे प्राचार्यों का चयन किया है जो न केवल पढ़ाई और प्रबंधन में विशेष योग्यता हासिल किए है बल्कि उनमें अपनी संस्था को सर्वोत्तम बनाने का जज्बा भी है।
इन उत्कृष्ट स्कूलों में गुणवत्ता हेतु जिलों को स्वायत्तता प्रदान की गई है जिससे स्कूल के प्रबंधन और शिक्षकों का चयन सावधानी पूर्वक किया जा सके। उन्हें ऑनलाईन उत्कृष्ट प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। कोविड-19 के चलते जहां शासन द्वारा सभी स्कूल बंद है। वहीं इन स्कूलों में ऑनलाईन कक्षाओं के साथ ही खेल, कला, सांस्कृतिक सहित अन्य गतिविधियां भी संचालित की जा रही है। गुणवत्तायुक्त अध्ययन और स्कूल प्रबंधन को अनुशासित स्वरूप देने उत्कृष्ट शिक्षक चयनित किए गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए इन उत्कृष्ट विद्यालयों के बारे में पालकों, शिक्षकों और बच्चों की राय है कि छत्तीसगढ़ सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम से अब समाज का हर वर्ग, पूर्ण समानता के साथ अपने सपनों को साकार करेगा और बच्चों का भविष्य स्वर्णिम होगा।
जगदलपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में सौगातों का पिटारा खोला। उन्होंने यहां बस्तर दशहरा के आयोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मांझी-चालकी सहित विभिन्न पदाधिकारियों के मानदेय बढ़ाने की घोषणा कर दिल जीत लिया।
मुख्यमंत्री बघेल ने सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा उठाई गई मांगों पर 20 घोषणाएं कीं। उन्होंने सभी मांझी चालकियों से वन अधिकार पट्टे के लिए आवेदन लेकर उन्हें 6 माह के भीतर पट्टा देने की घोषणा की। इसी प्रकार मांझियों का मानदेय 1350 से बढ़ाकर 2000 रूपए प्रतिमाह, चालकियों का मानदेय 675 रूपए से बढ़ाकर एक हजार रूपए, कार्यकारिणी मेम्बरीन का मानदेय एक हजार से बढ़ाकर 11 सौ रूपए, और साधारण मेम्बरिनों को 15 सौ रूपए वार्षिक मानदेय, 21 पुजारियों का मानदेय 3 हजार से बढ़कार 3500 रूपए, गुरूमाय और भंडारदेवी पुजारी, मुण्डा बाजा वादक, मोहरी बाजा वादक और पूजा करने वाले सात सदस्यों को 1500 वार्षिक मानदेय, जोगी बिठाई करने वाले लोगों को 11 हजार रूपए, रथ निर्माण करने वाले दल को 21 हजार रूपए के मान से कुल 42 हजार रूपए की राशि दिए जाने की घोषणा की।
इसी प्रकार उन्होंने मांझी-चालकी के रिक्त पदों पर 6 माह के भीतर भर्ती किए जाने और जगदलपुर के मांझी भवन का उन्नयन कराने और चालकी की मांगों पर 6 माह के भीतर पूर्ण करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि विश्व का सबसे लंबा पर्व मनाने का कीर्तिमान बस्तर के पास है। प्रतिवर्ष ढाई महीने तक मनाया जाने वाला यह पर्व इस वर्ष साढ़े तीन माह तक मनाया गया। बस्तर दशहरा हिन्दुस्तान ही नहीं दुनिया में सबसे अधिक समय तक चलने वाला पर्व है। यह आयोजन हिन्दुस्तान में ही नहीं विदेशों में भी लोकप्रिय है, जिसे देखने बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी आते हैं।
उन्होंने बस्तर को आजादी पसंद बताते हुए कहा कि 1857 में आजादी की लड़ाई से काफी पहले यहां राजा गैंदसिंह को 1824 में फांसी दी गई थी। वर्ष 1857 में विद्रोह की ज्वाला बस्तर से निकली’।
छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह सहित सभी सपूतों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर ने देश की आजादी में विशेष भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मुरिया दरबार में आकर उन्हें काफी प्रसन्नता हो रही है। इस आयोजन में दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, कोण्डागांव और कांकेर से आदिवासी समाज के लोग शामिल होने आते हैं। मुरिया दरबार में समारोह के अलावा समाज उन्नति पर भी विचार विमर्श होता है यह सराहनीय है। यह समाज प्रकृति के साथ स्वतंत्रता पूर्वक रहने वाला समाज है। बस्तर दशहरा के लिए रथ निर्माण हेतु पेड़ कटाई की भरपाई के लिए वृक्षारोपण के संकल्प की मुख्यमंत्री ने प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने गरीब, आदिवासी एवं किसान हितैषी नीतियों के बारे में कहा कि राज्य में नई सरकार के गठन के बाद किसानों की ऋण माफी और 25 सौ रूपए में धान खरीदी की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए धान, मक्का और गन्ना किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की राशि दे रहे हैं। इसकी दो किस्त दे चुके हैं। तीसरी किस्त एक नवंबर को देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहण्डीगुड़ा में हमने 1700 आदिवासी किसानों की 42 सौ एकड़ जमीन वापस की है। छत्तीसगढ़ में तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए सबसे ज्यादा प्रति बोरा 4000 रूपए की राशि दी जा रही है। वनवासियों को सतत रूप से आय सुनिश्चित करने के लिए समर्थन मूल्य पर 7 की जगह अब 31 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद था, ऐसे कठिन समय में राज्य सरकार ने स्वसहायता समूहों के माध्यम से लघुवनोपज की खरीदी की व्यवस्था की। जिस समय लोग एक-एक पैसे के लिए मोहताज थे, हमारी सरकार ने मनरेगा में एक दिन में 26 लाख लोगों को रोजगार देने का कीर्तिमान बनाया, जिससे लोगों को कोई तकलीफ नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष का दायित्व भली भांति निभाया। उन्होंने इस पर्व के आयोजन में शामिल विभिन्न समुदायों की हर छोटी-बड़ी समस्याओं की जानकारी ली और उनका समाधान किया। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल के दौरान इस महापर्व के सफल आयोजन के लिए बस्तर दशहरा समिति और जिला प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पर्व की सभी रस्मों का आयोजन करने के साथ ही सुरक्षा का भी भरपूर ध्यान रखा गया। इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण मंत्री एवं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित किया।
झंडा मांझी के छायाचित्र का लोकार्पण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर झंडा मांझी के छायाचित्र का लोकार्पण किया। बस्तर दशहरा के उत्कृष्ट आयोजन में सहयोग के लिए मांझी, चालकी सहित बस्तर दशहरा समिति के सदस्यों और कर्मचारियों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर बस्तर राजपरिवार के सदस्य एवं माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव, संसदीय सचिव एवं जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप, क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, मत्स्य बोर्ड के अध्यक्ष एम.आर. निषाद, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री की पहल पर प्रदेश में खेल अधोसंरचनाओं को विकसित करने के प्रयासों को मिली एक और बड़ी सफलता
अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल तथा महासमुन्द में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक निर्माण के लिए भारत सरकार से मिली मंजूरी
अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल के लिए 4.50 करोड़ रूपए और महासमुन्द में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक निर्माण के लिए 6.60 करोड़ रुपए की स्वीकृति
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में खेल अधोसंरचनाओं को विकसित करने के राज्य सरकार के प्रयासों को एक और बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ राज्य में खेल अधोसंरचनाओं के विकास में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर भारत सरकार के युवा कल्याण और खेल मंत्रालय द्वारा खेलो इंडिया योजना के तहत अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल के निर्माण तथा महासमुन्द में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक निर्माण के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये दोनों प्रस्ताव छत्तीसगढ़ सरकार के खेल एवं युवा कल्याण संचालनालय द्वारा भारत सरकार को भेजे गए थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खेल मंत्री श्री उमेश पटेल के विशेष प्रयासों से भारत सरकार ने अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल के निर्माण के लिए 4 करोड़ 50 लाख रूपए तथा महासमुन्द में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक के निर्माण के लिए 6 करोड़ 60 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी है। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं खेल मंत्री उमेश पटेल ने हर्ष व्यक्त करते हुए प्रदेश के खिलाड़ियों तथा खेल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य के खिलाड़ियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार लगातार बडे़ कदम उठा रही है। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मापदण्डों के अनुरूप खेल अधोसंरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री बघेल ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई और अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है। दशहरा पर्व हमें सत्य के मार्ग पर चलने की हिम्मत और साहस देता है, हमें विश्वास दिलाता है कि सत्य के मार्ग में कितनी भी परेशानियां और कठिनाईयां क्यों न हो, विजय सदा सत्य की होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आज पूरे विश्व के समक्ष कोरोना संकट की चुनौती है, इस संकट पर विजय पाने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का स्वयं पालन करने और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करने की जरूरत है। मास्क लगाने, फिजिकल डिस्टेंटिग और साबुन या सेनेटाइजर से बार-बार हाथ धोने जैसे उपायों से ही कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है और इस महामारी पर विजय प्राप्त की जा सकेगी।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार "बालक-बालिकाओं की पढ़ाई, खेलकूद, भविष्य आदि " विषय पर प्रदेशवासियों से बात करेंगे।
इस संबंध में 16 वर्ष से कम आयु के बालक-बालिकाएं आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर 28, 29 एवं 30 अक्तूबर को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकाॅर्ड करा सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 12वीं कड़ी का प्रसारण 8 नवंबर को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों,एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा I
रेडियो वार्ता ’लोकवाणी’ की दसवीं कड़ी में ’समावेशी विकास-आपकी आस’ विषय पर मुख्यमंत्री ने साझा किए अपने विचार
सभी की आजीविका और बेहतर आमदनी की व्यवस्था समावेशी विकास का मूलमंत्र
महान विभूतियों की न्याय की अवधारणा में मिला विकास का ’छत्तीसगढ़ी मॉडल’
राजमेरगढ़ और कबीर चबूतरा में बनेगा ईको रिसार्ट और कैफेटेरिया
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रसारित अपनी रेडियो वार्ता लोकवाणी की दसवीं कड़ी में ‘समावेशी विकास-आपकी आस’ विषय पर श्रोताओं के साथ अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर, शास्त्री, आजाद, मौलाना जैसे हमारे नेता जिस न्याय की बात करते थे, उसी साझी विरासत से हमें विकास का छत्तीसगढ़ी मॉडल मिला है। समावेश का सरल अर्थ होता है- समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना, सभी की भागीदारी, सबके विकास की व्यवस्था। उन्होंने कहा कि किसान को जब हम अर्थव्यवस्था की धुरी मान लेंगे तो समझ लीजिए कि समावेशी विकास की धुरी तक पहुंच गए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को अर्थव्यवस्था के केन्द्र में रखा है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में किसान, ग्रामीण, अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के गंभीर प्रयास करते हुए राज्य सरकार सबसे विकास की व्यवस्था कर रही है।
‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ के वेदवाक्य में है समावेशी विकास की भावना
मुख्यमंत्री ने ‘समावेशी विकास-आपकी आस’ विषय पर आपने विचार रखते हुए कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश और प्रदेश की आर्थिक- सामाजिक समस्याओं का समाधान, समावेशी विकास से ही संभव है। हम अपने राज्य में समावेशी विकास की अलख जगा रहे हैं और इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ के वेदवाक्य में भी यही भावना है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत है। सवाल उठता है कि प्रचलित व्यवस्था में किसका समावेश नहीं है? कौन छूटा है? तो सीधा जवाब है कि जिसे संसाधनों पर अधिकार नहीं मिला, जिसके पास गरिमापूर्ण आजीविका का साधन नहीं है, विकास के अवसर नहीं हैं या जो गरीब है। वही वर्ग तो छूटा है। हमारी प्रचलित अर्थव्यवस्था में किसान, ग्रामीण, अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं की भागीदारी बहुत कम रही है। ऐसा नहीं है कि प्रयास शुरू ही नहीं हुए बल्कि यह कहना उचित होगा कि वह मुहिम कहीं भटक गई, कहीं जाकर ठहर गई। थोड़ा पीछे जाकर देखें तो महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर, शास्त्री, आजाद, मौलाना जैसे हमारे नेता जिस न्याय की बात करते थे, उसी साझी विरासत से हमें छत्तीसगढ़ी मॉडल मिला है। नेहरू जी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पंचवर्षीय योजनाओं का सिलसिला शुरू किया था। उसी की बदौलत भारत की बुनियाद हर क्षेत्र में, विशेष तौर पर आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में मजबूत हुई थी। उन्होंने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना काल (2007 से 2012) में भारत की अर्थव्यवस्था में ‘समावेशी विकास’ की अवधारणा को काफी मजबूती के साथ रखा गया था। उस समय यूपीए की सरकार थी और प्रधानमंत्री थे मनमोहन सिंह अर्थात देश की बागडोर कुशल अर्थशास्त्री के हाथों में थी। लक्ष्य था कि देश की जीडीपी अर्थात सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर को 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक लाना है। यह भी तय हुआ था कि विकास दर को लगातार 10 प्रतिशत तक बनाए रखना है ताकि वर्ष 2016-17 तक प्रति व्यक्ति आय को दोगुना किया जा सके। 12वीं पंचवर्षीय योजना काल 2012 से 2017 के लिए भी जीडीपी को 9 से 10 प्रतिशत के बीच टिकाए रखने का लक्ष्य रखा गया था। आज भारत की विकास दर 3 प्रतिशत के आसपास है। वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में देश की विकास दर में लगभग 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो दुनिया में सर्वाधिक गिरावट है। कोरोना की समस्या तो पूरी दुनिया में है। अमेरिका के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित होने के बावजूद वहां की जीडीपी मात्र 10 प्रतिशत गिरी है। जबकि भारत की जीडीपी दुनिया में सर्वाधिक 24 प्रतिशत गिरी है। इस हालात को समझना होगा।
सभी की आजीविका और बेहतर आमदनी की व्यवस्था समावेशी विकास का मूलमंत्र
मुख्यमंत्री ने समावेशी विकास की अवधारणा को छत्तीसगढ़ में लागू किया करने के संबंध में कहा कि समाज के जो लोग चाहे वे छोटे किसान हों, गांव में छोटा-मोटा काम-धंधा करने वाले लोग हों, खेतिहर मजदूर हांे, वनोपज पर आश्रित रहने वाले वन निवासी तथा परंपरागत निवासी हों, चाहे कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवार की महिलाएं हों, ग्रामीण अंचलों में परंपरागत रूप से काम करने वाले बुनकर हांे, शिल्पकार हांे, लोहार हों, चर्मकार हों, वनोपज के जानकार हों, सभी के पास कोई न कोई हुनर है, जो उन्हें परंपरागत रूप से मिलता है। समय की मार ने उनकी चमक, उनकी धार को कमजोर कर दिया है। उनके कौशल को बढ़ाया जाए, उनके उत्पादों को अच्छा दाम मिले, अच्छा बाजार मिले तो वे बड़ा योगदान कर सकते हैं। ऐसे सभी लोगों की आजीविका और बेहतर आमदनी की व्यवस्था करना ही समावेशी विकास का मूलमंत्र है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि हर परिवार के पास आजीविका का साधन हो। मुख्यतः अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को राज्य के संसाधन और उनकी आय के साधन सौंपकर हम आर्थिक विकास के लाभों के समान वितरण का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। दिसम्बर 2018 से छत्तीसगढ़ में हमने जिस तरह की नीति-रीति अपनाई है, उसे देखकर समावेशी विकास को समझा जा सकता है।
किसानों को माना अर्थव्यवस्था की धुरी
मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता के श्रोताओं से कहा कि किसान को जब हम अर्थव्यवस्था की धुरी मान लेंगे तो समझ लीजिए कि समावेशी विकास की धुरी तक पहुंच गए हैं। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ से प्रदेश के 19 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है। दो किस्तों में 3 हजार करोड़ का भुगतान हो चुका है। अब जल्दी ही पूरे 5700 करोड़ रू. भुगतान का वादा भी पूरा हो जाएगा। हमने न सिर्फ धान के किसानों को 2500 रूपए प्रति क्विंटल देने का वादा पूरा किया है, बल्कि मक्का, गन्ना के साथ छोटी-छोटी बहुत सी फसलों का भी बेहतर दाम देंगे। राज्य सरकार ने कर्ज माफी की, सिंचाई कर माफ किया और अब न्याय योजनाओं का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। गोधन न्याय योजना के चालू होते ही गौठान निर्माण में तेजी आई है। हर 15 दिन में हम खरीदे गए गोबर का भुगतान कर रहे हैं। स्व-सहायता समूह से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं गोबर खरीदकर, वर्मी कम्पोस्ट बना रही हैं। इस तरह से ग्रामीण जनता ही नहीं, बल्कि अनेक संस्थाओं को भी अपनी भूमिका निभाने का अवसर मिला। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए गांव के सभी वर्गों का एकजुट होना, मेरे ख्याल से सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति भी है। जिस तरह से कुछ लोग गाय और शिक्षा प्रणाली को लेकर सिर्फ बातें करते थे, करते कुछ नहीं थे। उन्हें यह देखना चाहिए कि हमारे 40 नए इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश भी अब सम्मान का विषय बन गया है। ‘पढ़ाई तुंहर दुआर’ ‘पढ़ाई तुंहर पारा’, जैसे लोक अभियानों से हमने बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें वरिष्ठ सांसद राहुल गांधी जी ने ही न्याय योजना शुरू करने, हर ब्लॉक में फूडपार्क खोलने जैसे व्यावहारिक उपाय बताए थे। हमने 200 फूडपार्क खोलने की योजना बना ली है और इनमें से 100 से ज्यादा के लिए जमीन का इंतजाम भी हो गया। औद्योगिक विकास को ब्लॉक स्तर पर पहुंचाने वाली नई औद्योगिक नीति लागू कर दी है। मुख्यमंत्री को श्रोताओं ने बताया कि आमचो बस्तर, आमचो ग्राम, आमचो रोजगार योजना के माध्यम से उन्हें लाभ मिलना शुरू हो गया है। इसी तरह पंचायत में लगाए सर्वर से भी लोगों को लाभ मिल रहा है। राजनांदगांव जिले के गर्रापार के श्री मानवेन्द्र साहू ने नरवा-गरवा -घुरवा- बारी के माध्यम से समावेशी विकास और रोजगार के संबंध में मुख्यमंत्री से जानकारी चाही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुराजी गांव योजना को आप लोगों ने जिस तरह से हाथों-हाथ लिया है, उससे मैं बहुत उत्साहित हूं। यह योजना वास्तव में ग्रामवासियों को ही चलानी है। नरवा का पानी सिंचाई के लिए भी जरूरी है और अन्य कार्यों के लिए भी। गरवा, गौठान, गोधन न्याय योजना सब एक दूसरे से जुड़ गए हैं। जैविक खाद भी बन रही है और मूर्तियां भी। हर गौठान में समिति भी हैं और इनके साथ महिला स्व-सहायता समूह भी बन रहे हैं। सब मिलकर अपने गांव की जमीन को उपजाऊ भी बना रहे हैं और रोजगार का नया-नया साधन भी अपना रहे हैं। गौठान, गोधन, बाड़ी, जैविक खाद निर्माण विपणन आदि के माध्यम से लाखों लोगों के लिए रोजगार के रास्ते बन रहे हैं। गांव के संसाधन को जब गांव के लोग अपना समझकर उसे आर्थिक उन्नति के लिए उपयोग में लाते हैं, तो यह समावेशी विकास का सबसे अच्छा उदाहरण बन जाता है। मेरा पूरा विश्वास है कि आप सब लोग मिलकर गांवों को सचमुच में चमन बना देंगे और यही छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी ताकत होगी।
छत्तीसगढ़ ने साबित किया: समावेशी विकास ही सर्वांगीण विकास का रास्ता
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने यह साबित किया है कि समावेशी विकास ही सर्वांगीण विकास का रास्ता है। उन्होंने कहा कि हमने यह देखा कि किसी भी तरह किसानों, ग्रामीणों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं की जेब में नगद राशि डाली जाए। यह राशि डेढ़ साल में 70 हजार करोड़ रू. तक पहुंच गई। इस तरह प्रदेशवासियों को मान-सम्मान के साथ उनके स्वावलंबन का रास्ता बनाया है। हमारी योजनाओं से हर तबके को लाभ मिला। बिजली बिल हाफ, छोटे भू-खंडों की खरीदी-बिक्री, गाइड लाइन दरों में 30 प्रतिशत कमी, पंजीयन शुल्क में कमी, राजस्व संबंधी मामलों का निपटारा, भूमिहीनों को भूमि प्रदाय और ऐसे अनेक सुधार किए जिसके कारण आम आदमी का जीवन आसान हुआ। इस तरह लाखों लोगों के हाथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संभालने में मददगार बने। हमने कोरोना संकट के बीच, एक ओर जहां सरकारी कर्मचारियों का वेतन यथावत् रखा, कोई कटौती नहीं की, वहीं प्रवासी मजदूरों सहित उद्योग, व्यापार और कारोबार जगत पर विश्वास किया। किसानों से लेकर व्यापारियों तक, सबके बीच हमारा विश्वास का रिश्ता बना है, उसी के कारण खेती भी चली और उद्योगों के पहिये भी चले। हमारी नीतियों से गांवों से लेकर शहरों तक वित्तीय तरलता बनी रही जिससे लोगों को रोजगार मिला और बेरोजगारी की दर घटी। हमने यूपीए सरकार की महात्मा गांधी नरेगा योजना की विरासत को संजोया और उसमें प्राण फूंके, जिससे देश में मनरेगा के तहत काम और मजदूरी देने वाले अग्रणी राज्य बने। तेंदूपत्ता की संग्रहण मजदूरी 4 हजार रू. करके ही चुप नहीं बैठे, बल्कि लघु वनोपजों की खरीदी 7 से बढ़ाकर 31 वस्तुओं तक पहुंचा दी। जो महुआ 17 रू. में बिकता था उसे 30 रू. किलो में खरीदा। ऐसे तमाम काम जनता की जरूरतें और दुख-दर्द को समझने वाली सरकार ही कर सकती है। अपनी संस्कृति से लेकर जनता की आर्थिक स्थिति तक से सीधा जुड़ाव, उनकी स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर, हर परिस्थिति में शिक्षा-दीक्षा के इंतजाम, पोषण और प्रगति के इंतजाम करना ही हमारा मुख्य उद्देश्य रहा है। लॉकडाउन के बीच भी पीडीएस, आंगनबाड़ी, मध्याह्न भोजन योजना, कुपोषण मुक्ति अभियान पूरी गति से चलता रहा, जिसके कारण कुपोषण की दर में भी कमी आई। ऐसे सभी प्रयास जो आम जनता या कमजोर तबकों को सीधे मदद करते हैं, ये सब समावेशी विकास के प्रयास ही हैं। जिसका नतीजा राज्य के सर्वांगीण विकास के रूप में मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने यह साबित किया है कि समावेशी विकास ही सर्वांगीण विकास का रास्ता है।
राजमेरगढ़ और कबीर चबूतरा में सात करोड़ रूपए की लागत से विकसित किए जाएगा ईको रिसार्ट और कैफेटेरिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला गठन के 6 माह के अंदर, वहां करीब 100 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की स्वीकृति मिल चुकी है। कई कार्य प्रगति पर हैं। मरवाही अनुभाग, मरवाही नगर पंचायत, सरकारी अंग्रेजी माध्यम शाला तथा महंत बिसाहूदास उद्यानिकी महाविद्यालय, एक के बाद एक नई-नई उपलब्धियां नए जिले के खाते में जुड़ती जा रही हैं। नए जिले में पर्यटन विकास की संभावनाओं को साकार किया जाएगा। साथ ही इसे ग्रामीण विकास के रोल मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में ही घोषणा करते हुए कहा कि राजमेरगढ़ और कबीर चबूतरा की प्राकृतिक छटा और ऐतिहासिक महत्व का सम्मान करते हुए यहां ईको रिजॉर्ट, कैफेटेरिया तथा अन्य पर्यटन अधोसंरचनाओं का विकास तेजी से किया जाएगा। फिलहाल इसके लिए 7 करोड़ रू. की लागत से विकास कार्य शीघ्र शुरू होंगे।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए किए जा रहे हर संभव उपाय
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना संकट से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि मार्च 2020 की स्थिति में केवल एम्स रायपुर में ही कोविड टेस्टिंग की सुविधा थी, जिसे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती थी। आज की स्थिति में राज्य के सभी 6 शासकीय मेडिकल कॉलेज, 4 निजी लैब में आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट, 30 लैब में ट्रू नॉट टेस्ट तथा 28 जिला अस्पतालों सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रैपिड एंटीजन किट से टेस्ट की व्यवस्था कर दी गई है। मार्च 2020 में प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार की सुविधा केवल एम्स रायपुर में थी, लेकिन राज्य शासन ने सुनियोजित कार्ययोजना से अब तक 29 शासकीय, 29 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, 186 कोविड केयर सेन्टर की स्थापना कर दी है। 19 निजी अस्पतालों को भी उपचार हेतु मान्यता दी गई है। मार्च 2020 की स्थिति में 54 आईसीयू बिस्तर तथा 446 जनरल बेड उपलब्ध थे, जिसमें बढ़ोतरी करते हुये अब 776 आईसीयू बेड्स तथा 28 हजार 335 जनरल बेड उपलब्ध करा दिए गए हैं, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सुविधा हेतु 148 वेन्टिलेटर थे। जो अब बढ़कर 331 हो गए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे है।
एसिम्टोमेटिक मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा: टेलीमेडिसिन परामर्श केन्द्र से उपचार हेतु मार्गदर्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत है कि सब लोग मिलकर हिम्मत का परिचय दें। सावधानी और साहस से यह दौर भी निकल जाएगा। राज्य में ज्यादातर व्यक्ति एसिम्टोमेटिक श्रेणी के आ रहे हैं। इसको लेकर भी भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन फेस मास्क और फेस शील्ड के महत्व को समझें। हाथ साफ करने के लिए साबुन-पानी, सेनेटाइजर का उपयोग करें। भीड़ से बचें। एसिम्टोमेटिक मरीजों के होम आइसोलेशन की सुविधा भी नियमानुसार उपलब्ध है। लगातार समीक्षा और सुधार से स्थितियों को बेहतर किया जा रहा है। टेलीमेडिसिन परामर्श केन्द्र के माध्यम से पूर्ण जानकारी, उपचार हेतु मार्गदर्शन व दवाईयॉ उपलब्ध कराने की सुविधा भी दी है। संकट अभी टला नहीं है। सावधानी जरूरी है।
दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा ‘‘मुख्यमंत्री बाल भविष्य योजना’’ के अंतर्गत संचालित उत्कृष्ठ संस्था प्रयास आवासीय विद्यालय, दुुर्ग में राज्य के सुदूर नक्सल प्रभावित जिले के विद्यार्थियों का कक्षा 11 वीं प्रवेष परीक्षा के माध्यम से प्रवेषित होकर अपने षिक्षा के स्तर में उन्नयन करते हुए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा जे.ई.ई. मेन-2020 मे उत्कृष्ठ प्रदर्षन किया है।
विभाग की जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंवदा रामटेके, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, दुर्ग द्वारा जानकारी दिया गया कि इस वर्ष जे.ई.ई. मेन-2020 में 59 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिसमें 29 विद्यार्थियों ने एडवांस हेतु क्वालिफाई किया है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के 16 विद्यार्थी (भोजकुमार, देवेन्द्र कुमार, फलेन्द्र कुमार, गोकुल राम, हेमन्त कुमार, खिलेेष कुमार, निखिल देहारी, नोहेल कोर्राम, प्रकाष कुमार, पुष्पेन्द्र ठाकुर, राजीव ध्रुव, दिप्ती कोमिया, हरिष्मा मरकाम, करिष्मा, लीना एवं मनीषा) अनुसूचित जाति वर्ग के 05 विद्यार्थी (किषोर कुमार टंडन, मनीष कुमार, रूपेष, सचिन बंबोड़े एवं नेहा) अन्य पिछड़ा वर्ग के 07 विद्यार्थी (ऐष्वर्य कुमार, हरोष सोनवानी, हिरेष कुमार, नमेष नमन निषाद, पोषण कुमार वर्मा, निषा गुप्ता एवं प्रियंका) तथा अनारक्षित वर्ग के 01 विद्यार्थी (रवि कुमार विष्वकर्मा) है। इन विद्यार्थीयों में अधिकतर विद्यार्थियो के पालक कृषि/ दैनिक मजदूर किसान निम्न आय वर्ग के हैं। शासन द्वारा विद्यार्थियो को संस्था में हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाकर उत्कृष्ठ षिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों के प्रतिभा को निखार कर भविष्य निर्माण करने का प्रयास किया जाता है।
पिता-कृषि मजदूर बेटा बनेगा इंजिनियर
बालोद जिले के डौण्डी लोहारा से फलेन्द्र कुमार, प्रयास आवसीय विद्यालय, दुर्ग के छात्र है। माता-पिता कृषि मजदूर है। जब माता पिता को पता चला कि मेरा बेटा एडवांस के लिए क्वालिफाई किया है, उनके आखों से खुषी के आंसू निकल आए। छात्र द्वारा मुबंई आई.आई.टी. से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करके देष के निर्माण में योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है।
मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, अब बेटा बनेगा आई.आई.टी. से इंजिनियर
महासमुंद जिले के बागबहरा ब्लाक के छात्र देवन्द्र कुमार जे.ई.ई. परीक्षा में अच्छा रैंक दृढ़ शक्ति से हासिल कर सफलता प्राप्त की। वह भी देष के उत्कृष्ठ आई.आई.टी. से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करना चाहता है। मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पिता कृषि मजदूरी करते हैं।
स्कूल के महौल से हुए मोटिवेट-जे.ई.ई. हेतु 8 घंटे रोजाना अध्ययन
प्रयास आवासीय विद्यालय दुर्ग की छात्रा प्रियंका राजनांदगाॅव जिले के डोगरगढ़ ब्लाक की रहने वाली है। उसने बताया कि संस्था में पढ़ाई का अच्छा माहौल एवं षिक्षकों के मोटिवेषन से रोजाना 8 घंटे पढ़ाई कर एडवांस हेतु सफलता प्राप्त की। उसने कहा कि मैं आई.आई.टी. से पढ़ाई कर इंजीनियरिंग सेवा में जाना चाहती है।
मेरे अरमानों की पूर्ति का स्तंभ है प्रयास, दुर्ग
कुमारी नेहा जिला बालोद ब्लाॅक डौण्डी लोहारा की रहने वाली छात्रा ने भी एडवांस की परीक्षा की तैयारी कर आई.आई.टी. से बी.टेक करना चाहती है। उसके अनुसार मेरे अरमानों की पूर्ति इस संस्था में आने से सफल हो रही है। प्रयास संस्था भविष्य निर्माण का अच्छा प्लेटफार्म है।
दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गोधन न्याय योजना के एप की लॉन्चिंग की। इस अवसर पर उन्होंने पाटन के ग्राम सिकोला के ग्रामीणों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले सरपंच श्रीमती उषा निषाद से गौठान की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही गोबर खरीदी की व्यवस्था की जानकारी भी ली। सरपंच ने बताया कि गोबर खरीदी बहुत अच्छी हो रही है गोधन न्याय योजना से लोगों में काफी उत्साह का वातावरण है। लोग इससे काफी लाभ कमा रहे हैं। ग्रामीण इससे काफी खुश हैं अब इसके दूसरे चरण में वर्मी कंपोस्ट से भी आय होगी। मुख्यमंत्री ने उप सरपंच पुरुषोत्तम यादव से गांव के चारागाह बाड़ी आदि के बारे में जानकारी ली। श्री यादव ने बताया कि नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के माध्यम से हम लोग अपने गांव को संवार रहे हैं। बाड़ी का विकास कर रहे हैं। बाड़ी के माध्यम से सब्जियां उगा रहे हैं जिससे हमारे बच्चों को भी पर्याप्त पोषण मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने पशु पालकों से भी चर्चा की। पशुपालक श्रीमती कविता ने बताया कि वह 35 क्विंटल गोबर बेच चुकी है जिससे उन्हें 7000 रुपये की आय प्राप्त हो चुकी है। गोधन न्याय योजना पशु पालकों के लिए बहुत अच्छी है। साथ ही इससे जैविक खेती करने के लिए भी रास्ता मिलेगा। ग्रामीणों को वर्मी कंपोस्ट से भी आय हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गौठान अध्यक्ष श्री गोकरण यादव से भी बातचीत की। श्री यादव ने बताया कि गांव में हम लोगों ने दो चरवाहे रखे हैं । एक चरवाहा समिति की ओर से रखा है और एक चरवाहा गांव की ओर से रखा गया है जो आवारा पशुओं की भी देखभाल करता है। मुख्यमंत्री ने ग्राम सचिव श्री बिहारी लाल साहू से कहा कि ऐप के बारे में प्रचार प्रसार करें साथ ही गोधन योजना के बारे में पर्याप्त प्रचार-प्रसार करें ताकि ग्रामीणों को इस महत्वपूर्ण योजना के माध्यम से आर्थिक लाभ हासिल हो सके। इस मौके पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने इस मौके पर ग्रामीणों से गांव की समस्या एवं गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी भी ली तथा उन्हें सामूहिक रूप से काम कर इस योजना का लाभ उठाने की अपील भी की। जिला पंचायत सीइओ एस. आलोक ने बताया कि जिले की 216 गौठान में नोडल अधिकारी नियुक्ति किए गए है। जो शासन की महत्वकांक्षी योजना एनजीजीबी के तहत बनाए गए गौठान में सतत् गतिविधियां एवं गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन निरीक्षण करेंगे।
गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं के द्वारा बेचे गए गोबर का खरीदी विक्रय का विवरण रखने के लिए एप तैयार किया गया जिसके माध्यम पंजीकृत हितग्राही अपने सभी विवरण इसमें देख सकेगे । इस संबंध में नोडल अधिकारियों को एप से संबंधित जानकार को लेकर प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. आलोक ने बताया कि गोबर खरीदी के लिए शासन के द्वारा चिप्स के माध्यम से एप तैयार कराया गया है। जिले में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंन्द्र भुरे के मार्ग दर्शन में गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। एस. आलोक बताया कि अब एप के माध्यम से गोधन न्याय योजना का संचालन किया जाएगा। जिस तरह से धान खरीदी में किसानों का पंजीयन किया जाता है। उसी तरह गोधन न्याय योजना में गोबर विक्रता का पंजीयन कृषि सहकारी समिति द्वारा किया जाना है। ऐसा करना इसलिए आवश्यक है क्योकि गोबर खरीदी के समय विक्रताओं की जानकारी भरने की आवश्यकता न रहे। केवल क्रय किए गए गोबर की मात्रा ही भरना पड़े। उन्होंने बताया कि जिन हितग्राहियों ने गोबर की विक्रय किया है। उनकी जानकारी एनआईसी में एकत्रित हो गई है। उनका पंजीयन दुबारा करने आवश्यक नही होगा। सिर्फ जिन्होने अब तक गोबर नहीं बेचा है, उनका ही पंजीयन कराये जाने को कहा है। उन्होने गौठान नोडल अधिकारियों को अभियान चलाकर शेष सभी गोबर विके्रता का पंजीयन कराने कहा है। एप के संबंध में सभी नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके बाद भी अगर कही पर भी कोई कठिनाई आती है, तो जिलास्तरिय अधिकारी या फिर चिप्स के हेल्पलाईन नम्बर पर कॉल करके समस्या का समाधन कर सकते है। उन्होने कहा कि इस एप को सहायता से पंजीकृत हिजग्राही अपने पंजीयन की जानकारी जैसे व्यक्तिगत विवरण, बैक विवरण एवं संबंधित गौठान का नाम देख पाएगें। इसमें हितग्राही द्वारा बेचे गए गोबर की तिथिवार जानकारी एवं विक्रय से प्राप्त राशि को जानकारी आसानी से देख सकेगें।
जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं के द्वारा बेचे गए गोबर का लेखा जोखा रखने के लिए एप तैयार किया गया है, जिसके माध्यम पंजीकृत हितग्राही अपने सभी विवरण इसमें देख सकेंगे। जिले में एप के माध्यम से गोबर की खरीदी 6 सितम्बर से की जाएगी। इस संबंध में नोडल अधिकारियों को एप से संबंधित जानकारी को लेकर प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने बताया कि गोबर खरीदी के लिए शासन के द्वारा चिप्स के माध्यम से एप तैयार कराया गया है। जिले में कलेक्टर यशवंत कुमार के मार्ग निर्देशन में गोधन न्याय योजना का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिपं सीईओ ने बताया कि अब एप के माध्यम से गोधन न्याय योजना का संचालन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिस तरह से धान खरीदी में किसानों का पंजीयन किया जाता है, उसी तरह गोधन न्याय योजना में गोबर विक्रेताओं का पंजीयन कृषि साख सहकारी समिति (पैक्स) द्वारा किया जाना है। ऐसा करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि गोबर खरीदी के समय विक्रेताओं की जानकारी भरने की आवश्यकता न रहे। केवल क्रय किए गए गोबर की मात्रा ही भरना पड़े। उन्होंने बताया कि जिन हितग्राहियों ने गोबर विक्रय किया हैं उनकी जानकारी एनआईसी में एकत्रित हो गई है। उनका पंजीयन दुबारा करना आवश्यक नहीं होगा। सिर्फ जिन्होंने अब तक गोबर नहीं बेचा है उनका ही पंजीयन पैक्स के माध्यम से कराये जाने कहा है। उन्होंने गोठान नोडल अधिकारियों को अभियान चलाकर शेष सभी गोबर विक्रेताओं का पंजीयन कराने कहा है।
एप के संबंध में सभी नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके बाद भी अगर कहीं पर भी कोई कठिनाई आती है तो जिला स्तरीय अधिकारी या फिर चिप्स के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके समस्या का समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 6 सितम्बर से गोबर की खरीदी चिप्स एप के माध्यम से की जाएगी। इस एप की सहायता से पंजीकृत हितग्राही अपने पंजीयन की जानकारी जैसे व्यक्तिगत विवरण, बैंक विवरण एवं संबंधित गोठान का नाम देख पाएंगे। इसमें हितग्राही द्वारा बेचे गए गोबर की तिथिवार जानकारी एवं विक्रय से प्राप्त राशि की जानकारी आसानी से देख सकेंगे।
प्रत्येक गोठान के लिए नोडल
जिपं सीईओ अग्रवाल ने बताया कि जिले की 234 गोठान में नोडल अधिकारी नियुक्ति किए गए हैं। जो शासन की महत्वकांक्षी योजना एनजीजीबी के तहत बनाए गए गोठान में सतत गतिविधियों एवं गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन, निरीक्षण करेंगे।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए ग्राम सुराजी योजना तथा गोधन न्याय योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं का एक प्रमुख उद्देश्य यह भी है कि स्थानीय संसाधन से जैविक खेती और जैविक खाद के निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। रासायनिक खाद के बेतरतीब उपयोग से धरती की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। ऐसे में जैविक खाद के प्रचलन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस मिशन में ग्रामीण महिलाए भी पीछे नहीं है। जनपद पंचायत छुरा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रूचि शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अंतर्गत विकासखण्ड छुरा के ग्राम रानी परतेवा के तिग्गा क्लस्टर के ग्राम संगठन जय गंगा मैया के जय मां सरस्वती समूह की सक्रिय सदस्य श्रीमती गायत्री साहू द्वारा इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। बिहान के सीएसएमएस परियोजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए एनपीएम शॉप के माध्यम से ग्राम स्तर पर विभिन्न जैविक दवाईयों तथा खाद का निर्माण और उपयोग किया जा रहा है। सदस्य गायत्री साहू द्वारा बताया गया कि वे नाडेप खाद, केचुआ खाद, घना जीवामृत, नीमास्त्र, अग्नास्त्र, बेसरम पत्री दवाई, डण्डी दवाई, अमृत पानी तथा अमृत खाद का निर्माण स्वयं कर रही है। निर्माण के साथ-साथ इन जैविक दवाईयों का उपयोग स्वयं के बाडी एवं खेत में लगे फसल के बीमारी एवं कीटो से बचाव हेतु कर रही है। गायत्री ने बताया कि इन दवाईयों का निर्माण स्थानीय संसाधनों से किया गया है तथा निर्माण लागत लगभग नहीं के बराबर है। दवाईयां बिहान के दुकान के माध्यम से विक्रय भी हो रहा है, जिससे यह अतिरिक्त आय का स्त्रोत बन गया है। इन दवाईयों की कीमत प्रति बोतल 50 से 80 रूपये तक है, यह कीमत बाजार में मिलने वाले रासायनिक दवाई से बहुत ही कम है। उन्होंने बताया कि इस एनपीएम शॉप के माध्यम से वे 5-6 हजार रूपये प्रत्येक सीजन में कमा लेती है। साथ ही साथ गायत्री द्वारा दूसरे ग्रामों, विकासखण्ड व जिले में इसके निर्माण हेतु प्रशिक्षण भी दे रही है।
रायपुर / शौर्यपथ / कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर शुरूआत की गई मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान काफी सफल रहा है। इसके परिणामस्वरूप प्रथम चरण में बिलासपुर जिले के में चिन्हित 26 हजार 816 कुपोषित बच्चों में से लगभग 15 प्रतिशत बच्चे सुपोषित हो गए है। बिलासपुर जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बताया कि कुपोषण मुक्ति के लिए संचालित पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, एवं मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के सफल क्रियान्यवन से विगत तीन वर्षाें के भीतर कुपेाषण दर में 4.59 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2018 में जिले में कुपोषण का प्रतिशत 26.67 था। जो 2020 में घटकर 16.08 प्रतिशत हो गया है।
इस योजना की शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 को की गई थी। इसके अंतर्गत 06 माह से 05 वर्ष की आयु तक सभी कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण के आहार के अतिरिक्त सप्ताह में 3 दिन पौष्टिक लड्डू और सभी शिशुवती माताओं को गरम भोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रदाय किया जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के अतिरिक्त मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन भी किया जा रहा है। कोविड 19 महामारी के दौरान आंगनबाड़ी बंद होने से कुपोषित बच्चों को पौष्टिक लड्डू एवं शिशुवती माताओं को सूखा राशन घर-घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा प्रदान किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार जनता के प्रति अपनी जवाबदेही निभा रही है- राहुल गांधी
संसद-विधानसभा संविधान की रक्षा के लिये जरूरी, भावनाओं से बचेगा संविधान- सोनिया गांधी
छत्तीसगढ़ सरकार अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर कर रही है फैसले
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समावेशी दृष्टिकोण से सभी की बेहतरी के लिए कर रहे हैं काम
नये विधानसभा भवन का निर्माण शीघ्र पूरा होगा- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाना और लोकतांत्रिक व्यवस्था की अगुवाई हमारा संकल्प- डा. महंत
छत्तीसगढ़ विधासभा भवन के नवीन भवन का नवा रायपुर में शिलान्यास: 270 करोड़ रुपए की लागत से 51 एकड़ में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा नया भवन
रायपुर / शौर्यपथ / सांसद श्रीमती सोनिया गांधी एवं सांसद राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा की वर्चुअल उपस्थिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नये भवन के निर्माण के लिए बटन दबाकर शिलापट का अनावरण किया। नवा रायपुर के सेक्टर 19 में लगभग 270 करोड रुपए की लागत से यह भवन महानदी और इंद्रावती भवन के पीछे 51 एकड़ में बनेगा। मुख्य भवन का निर्माण 52 हजार 497 वर्ग मीटर में किया जाएगा।
इस अवसर पर सांसद श्रीमती सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नये भवन के लिए छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संसद और विधानसभा लोकतंत्र के सबसे बड़े स्तंभ और पवित्र मंदिर हैं। यहां संविधान की रक्षा होती है, लेकिन यह याद रखना होगा कि संविधान भवनों से नहीं भावनाओं से बचेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों ने आजादी की लड़ाई लड़ी, उनके सपनों पूरा करने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। श्रीमती सोनिया गांधी ने देश की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश और समाज में नफरत फैलाने वाली ताकतें लोकतंत्र के सामने चुनौती बन गई हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में हैं, लोकतांत्रिक संस्थाएं ध्वस्त की जा रही हैं। नफरत फैलाने वाली ताकतें चाहती हैं कि समाज के सभी वर्ग के लोग अपना मुंह बंद रखें। वह देश का मुंह बंद करना चाहती हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डा. राजेंद्र प्रसाद, बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर ने यह सोचा नहीं होगा कि आजादी के 73 वर्ष बाद ऐसे कठिन समय का सामना लोगों को करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज हम शपथ लें कि हम समाज के अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर फैसले लेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल और छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर फैसले ले रही है। उन्होंने इस मौके पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों, आदिवासियों, गरीबों के हित में किए जा रहे कामों के साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुपोषण अभियान, तेंदूपत्ता संग्रहण दर में वृद्धि का उल्लेख किया और कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समावेशी दृष्टिकोण से सभी वर्गों के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
सांसद राहुल गांधी ने अपने प्रेषित संदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व को बेहतर तरीके से निभा रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने इस फैसले से किसानों-गरीबों-मजदूरों के हाथों में पैसा पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ सरकार के जनोन्मुखी कार्य आगे भी जारी रहेंगे। श्री राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के नये विधानसभा के शिलान्यास के लिए सभी को बधाई दी। सांसद राहुल गांधी के इस संदेश का वाचन संसदीय मंत्री रविंद्र चौबे ने किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर अपने उद्बोधन की शुरुआत छत्तीसगढ़ महतारी और भारत माता के जयकारे से की। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर अटल नगर आबाद हो, इसको लेकर छत्तीसगढ़ सरकार चौतरफा उपाय कर रही है। मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास बनाने की शुरुआत बीते वर्ष की जा चुकी है। कोरोना संक्रमण की वजह से काम में थोड़ा विलंब हुआ। संसदीय सचिवों को नवा रायपुर में ही आवास आबंटित किए गए हैं। मुख्यसचिव नवा रायपुर में निवास करने लगे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी वर्षों में यहां राज्यपाल, मंत्रीगण और शासन-प्रशासन से जुड़े सभी लोग रहने लगेंगे, यहां सुविधाएं बढ़ेंगी। इस नये शहर को बसाने की सभी अड़चनें दूर हो जाएंगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी यह कोशिश रहेगी कि विधानसभा का नया भवन जल्दी बनकर तैयार हो जाए और हम सब छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनता और छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के लिए यहां बैठेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में सांसद श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी की वर्चुअल उपस्थिति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नये भवन के शिलान्यास अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बधाई देते हुए कहा कि उनकी परिकल्पना के अनुरूप सर्वसुविधायुक्त आधुनिक तकनीक से लैस भव्य भवन की आधारशिला रखी गई है। यह भवन नहीं, लोकतंत्र का मंदिर है। इस मौके पर हम सभी विधायकगण संकल्प लेते हैं कि हम भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने की अगुवाई करेंगे। इस मौके पर उन्होंने छत्तीसगढ़ के निर्माण में भागीदारी निभाने वाले पुरखों को नमन किया और उम्मीद जताई कि पुरखों के आशीर्वाद से हम सब छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में जुटे रहेंगे। डा. महंत ने इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार का उल्लेख करते हुए कहा कि आप सभी को छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा का मौका मिला है। उन्होंने गरीबों, किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, वंचितों की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि जनकल्याण के कार्यों के लिए सभी का सहयोग मिल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ बाबा गुरुघासी दास, संत कबीर की धरती है। छत्तीसगढ़ वास्तव में प्रेम की धरती है। हम सब प्रेम और सद्भाव का उदाहरण बनें।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना संकटकाल में मास्क लगाएं परंतु वाणी की मिठास बनाए रखें। सोशल डिस्टेंसिंग रखें, परंतु दिलों के बीच दूरी न आने दें। नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने विधानसभा भवन के शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि विधायकों के लिए भी निकट भविष्य में आवास की व्यवस्था होगी।
लोकनिर्माण एवं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का भवन महानदी भवन एवं इंद्रावती भवन के बीच पिछले हिस्से में रिक्त भूमि पर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी रूप-रेखा दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सामने स्थित नार्थ एवेन्यू एवं साउथ एवेन्यू जैसी रखी गई है। नये विधानसभा भवन के सामने राजपथ जैसा मार्ग बनेगा, जिसके जरिये महानदी एवं इंद्रावती भवन से पैदल भी विधानसभा पहुंचा जा सकेगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बनने वाले नए भवन में छत्तीसगढ़ की गौरवशाली और समृद्ध संस्कृति तथा परंपरा की झलक देखने को मिलेगी। विधानसभा भवन में अत्याधुनिक लाइब्रेरी और ऑडिटोरियम का भी निर्माण किया जाएगा । भविष्य को ध्यान में रखते हुए नये विधानसभा भवन में करीब 150 से 200 विधायकों के बैठने की व्यवस्था एवं अध्यक्षीय दीर्घा, अधिकारी दीर्घा, प्रतिष्ठित दर्शक दीर्घा, पत्रकार दीर्घा एवं दर्शक दीर्घा का निर्माण किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों, नेता प्रतिपक्ष एवं उपाध्यक्ष और मुख्य सचिव तथा विधानसभा के प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य सचिव के लिए कक्ष, मीटिंग हॉल एवं स्टाफ कक्षों का निर्माण किया जाएगा। नवीन भवन में विभिन्न समिति कक्षों का निर्माण, पुस्तकालय, एलोपैथिक, होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक औषधालय, पोस्ट ऑफिस, रेल्वे रिजर्वेशन काऊंटर एवं बैंक के लिए भी कक्षों का निर्माण होगा। विधानसभा के चारों ओर सड़क निर्माण, वृक्षारोपण सहित सौन्दर्यीकरण का कार्य किया जाएगा।
बीजापुर / शौर्यपथ / शासन की स्वरोजगार योजना से लाभान्वित होकर बीजापुर तहसील अंतर्गत ईटपाल निवासी प्रहलाद नाईक गांव में हाॅलर मिल स्थापित कर खेती-किसानी के साथ ही इसे आय का अतिरिक्त जरिया बना चुका है। प्रहलाद नाईक अपने गांव में हाॅलर मिल के माध्यम से ईटपाल, जैतालूर और मांझीगुड़ा के किसानों तथा ग्रामीणों की धान कुटाई सहित गेहूं, चावल, दाल, रागी इत्यादि की पिसाई का कार्य कर रहे हैं। प्रहलाद नाईक ने बताया कि परिवार के पास केवल ढाई एकड़ कृषि भूमि के मद्देनजर खेती-किसानी के अलावा गांव में ही स्वरोजगार अपनाने की सोच रहे थे। इस बीच वर्ष 2015-16 में अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के अधिकारी ने स्माॅल बिजनेस योजनान्तर्गत स्वरोजगार स्थापित करने की जानकारी देने के साथ ही बैंक के माध्यम से 6 प्रतिशत रियायती ब्याज दर पर3 लाख रूपए ऋण उपलब्ध कराये जाने के बारे में बताया। इस योजना के सम्बन्ध में परिवार के सदस्यों तथा मित्रों से चर्चा कर गांव में ही हाॅलर मिल स्थापित करने के लिए आवेदन पत्र जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यालय में जमा कर दिया। इसके बाद उक्त प्रकरण पर 3 लाख रूपए ऋण की स्वीकृति दी गयी। इस ऋण राशि गांव में पूर्व से निर्मित शेड में ही हाॅलर मिल स्थापित किया।
प्रहलाद नाईक बताते हैं कि पहले लोग बीजापुर जाकर धान की मिलिंग और गेहूं, चावल, रागी की पिसाई का कार्य करवाते थे। लेकिन जब गांव में ही हाॅलर मिल लग गया तो ईटपाल, जैतालूर सहित मांझीगुड़ा के लोग धान की मिलिंग करवाने के साथ ही गेहूं, चावल, दाल, रागी की पिसाई करवा रहे हैं। जिससे उन्हे घर पर ही स्वरोजगार उपलब्ध हुआ है। प्रहलाद नाईक बताते हैं इस काम से उन्हे हर महीने 5 से 6 हजार रूपए आमदनी होती है। त्यौहार तथा शादी-ब्याह के सीजन में ग्रामीण धान की मिलिंग तथा आटा-दाल पिसाई ज्यादा करवाते हैं तो आमदनी में भी इजाफा होता है। जिसके फलस्वरूप 3 लाख रूपए ऋण राशि में से अब तक एक लाख 56 हजार रूपए ऋण राशि अदा कर चुके हैं। प्रहलाद ने बताया कि अपने परिवार के ढाई एकड़ कृषि भूमि में धान की फसल लेने के साथ ही रबी सीजन के दौरान एक एकड़ रकबा में साग-सब्जी का उत्पादन करते हैं। जिससे 5 सदस्यीय परिवार का आसानी के साथ भरण-पोषण कर रहे हैं, वहीं बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। प्रहलाद शासन की स्वरोजगार योजना से लाभान्वित होकर गांव घर में ही आय का जरिया मिलने से खुश है और इसके लिए सरकार को साधुवाद दिया।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के प्रयासों से प्रदेश में आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में ई-कोर्ट के माध्यम से राजस्व विभाग के कार्यों का सरलीकरण कर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की सार्थक शुरूआत हुई है। अब प्रदेश के सभी जिलों में ई-कोर्ट के तहत राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है जिससे लोगों को इसका लाभ मिलने लगा है।
इससे पहले राजस्व न्यायालय में दर्ज सभी प्रकरणों की जानकारी लेने के लिए जिला अथवा तहसील मुख्यालय आना पड़ता था। राजस्व ई-कोर्ट की शुरूआत होने से संबंधितों के लिए राजस्व न्यायालय में प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती मिल रही है। साथ ही पक्षकारों को उनके प्रकरणो में की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो रही है। विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी भी ई कोर्ट में उपलब्ध है। पक्षकारों को सुनवाई के बाद आगामी पेशी तारीख की एसएमएस या मैसेज के माध्यम से सूचना भी दी जा रही है। प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है।
राजस्व प्रशासन ने पारदर्शिता लाने एवं राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए ई-कोर्ट व्यवस्था प्रारंभ की गई है। राजस्व न्यायालयों में संधारित किए जाने वाले दायरा पंजी, वाद पंजी एवं अर्थदण्ड पंजी को ई-कोर्ट व्यवस्था के अंतर्गत ऑनलाईन किया गया है। ई-कोर्ट में विचाराधीन प्रकरणों से संबंधित भूमि की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध करायी गई है। आम जनता को भू अभिलेखों की दुरूस्ती हेतु ऑनलाईन आवेदन करने एवं आवेदन पर की गई कार्यवाही की वर्तमान स्थिति ऑनलाईन देखने की सुविधा पटवारी द्वारा संधारित नामांतरण पंजी को भी ऑनलाईन नामांतरण पंजी में परिवर्तित किया गया है। भू अभिलेखों तक लोगों की आसान पहुंच सुनिश्चित करने हेतु एन्ड्राइड एप्प पर उपलब्ध कराया गया है। खसरा एवं बी-1 की डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रतिलिपि ऑनलाईन निःशुल्क कही से भी कभी भी प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
राजस्व ई-कोर्ट के तहत राजस्व न्यायालय मे कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार तक के सभी न्यायालय पंजीबद्ध हैं। प्रकरणो के पंजीयन से लेकर अंतिम निराकरण तक सारी कार्यवाही जैसे कि आदेश पत्र लिखना, साक्ष्य अंकित करना एवं अंतिम आदेश पारित करना आदि ऑनलाइन करने या अपलोड करने का प्रावधान है। राजस्व न्यायालय मे प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती प्रदाय करने की व्यवस्था की गई है। पक्षकारों को उनके प्रकरणो मे की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है। विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी ई-कोर्ट में उपलब्ध है। पक्षकारों को सुनवाई पश्चात आगामी पेशी तारीख की एसएमएस या मैसेज के माध्यम से सूचना संप्रेषण का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची भी ऑनलाइन उपलब्ध करने का प्रावधान कोर्ट में हैं।