December 07, 2025
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मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी )

मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी ) (256)

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए ग्राम सुराजी योजना तथा गोधन न्याय योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं का एक प्रमुख उद्देश्य यह भी है कि स्थानीय संसाधन से जैविक खेती और जैविक खाद के निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। रासायनिक खाद के बेतरतीब उपयोग से धरती की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। ऐसे में जैविक खाद के प्रचलन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस मिशन में ग्रामीण महिलाए भी पीछे नहीं है। जनपद पंचायत छुरा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रूचि शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अंतर्गत विकासखण्ड छुरा के ग्राम रानी परतेवा के तिग्गा क्लस्टर के ग्राम संगठन जय गंगा मैया के जय मां सरस्वती समूह की सक्रिय सदस्य श्रीमती गायत्री साहू द्वारा इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। बिहान के सीएसएमएस परियोजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए एनपीएम शॉप के माध्यम से ग्राम स्तर पर विभिन्न जैविक दवाईयों तथा खाद का निर्माण और उपयोग किया जा रहा है। सदस्य गायत्री साहू द्वारा बताया गया कि वे नाडेप खाद, केचुआ खाद, घना जीवामृत, नीमास्त्र, अग्नास्त्र, बेसरम पत्री दवाई, डण्डी दवाई, अमृत पानी तथा अमृत खाद का निर्माण स्वयं कर रही है। निर्माण के साथ-साथ इन जैविक दवाईयों का उपयोग स्वयं के बाडी एवं खेत में लगे फसल के बीमारी एवं कीटो से बचाव हेतु कर रही है। गायत्री ने बताया कि इन दवाईयों का निर्माण स्थानीय संसाधनों से किया गया है तथा निर्माण लागत लगभग नहीं के बराबर है। दवाईयां बिहान के दुकान के माध्यम से विक्रय भी हो रहा है, जिससे यह अतिरिक्त आय का स्त्रोत बन गया है। इन दवाईयों की कीमत प्रति बोतल 50 से 80 रूपये तक है, यह कीमत बाजार में मिलने वाले रासायनिक दवाई से बहुत ही कम है। उन्होंने बताया कि इस एनपीएम शॉप के माध्यम से वे 5-6 हजार रूपये प्रत्येक सीजन में कमा लेती है। साथ ही साथ गायत्री द्वारा दूसरे ग्रामों, विकासखण्ड व जिले में इसके निर्माण हेतु प्रशिक्षण भी दे रही है।

रायपुर / शौर्यपथ / कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर शुरूआत की गई मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान काफी सफल रहा है। इसके परिणामस्वरूप प्रथम चरण में बिलासपुर जिले के में चिन्हित 26 हजार 816 कुपोषित बच्चों में से लगभग 15 प्रतिशत बच्चे सुपोषित हो गए है। बिलासपुर जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बताया कि कुपोषण मुक्ति के लिए संचालित पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, एवं मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के सफल क्रियान्यवन से विगत तीन वर्षाें के भीतर कुपेाषण दर में 4.59 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2018 में जिले में कुपोषण का प्रतिशत 26.67 था। जो 2020 में घटकर 16.08 प्रतिशत हो गया है।
इस योजना की शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 को की गई थी। इसके अंतर्गत 06 माह से 05 वर्ष की आयु तक सभी कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण के आहार के अतिरिक्त सप्ताह में 3 दिन पौष्टिक लड्डू और सभी शिशुवती माताओं को गरम भोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रदाय किया जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के अतिरिक्त मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन भी किया जा रहा है। कोविड 19 महामारी के दौरान आंगनबाड़ी बंद होने से कुपोषित बच्चों को पौष्टिक लड्डू एवं शिशुवती माताओं को सूखा राशन घर-घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा प्रदान किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार जनता के प्रति अपनी जवाबदेही निभा रही है- राहुल गांधी
संसद-विधानसभा संविधान की रक्षा के लिये जरूरी, भावनाओं से बचेगा संविधान- सोनिया गांधी
छत्तीसगढ़ सरकार अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर कर रही है फैसले
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समावेशी दृष्टिकोण से सभी की बेहतरी के लिए कर रहे हैं काम
नये विधानसभा भवन का निर्माण शीघ्र पूरा होगा- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाना और लोकतांत्रिक व्यवस्था की अगुवाई हमारा संकल्प- डा. महंत
छत्तीसगढ़ विधासभा भवन के नवीन भवन का नवा रायपुर में शिलान्यास: 270 करोड़ रुपए की लागत से 51 एकड़ में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा नया भवन

रायपुर / शौर्यपथ / सांसद श्रीमती सोनिया गांधी एवं सांसद राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा की वर्चुअल उपस्थिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नये भवन के निर्माण के लिए बटन दबाकर शिलापट का अनावरण किया। नवा रायपुर के सेक्टर 19 में लगभग 270 करोड रुपए की लागत से यह भवन महानदी और इंद्रावती भवन के पीछे 51 एकड़ में बनेगा। मुख्य भवन का निर्माण 52 हजार 497 वर्ग मीटर में किया जाएगा।
इस अवसर पर सांसद श्रीमती सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नये भवन के लिए छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संसद और विधानसभा लोकतंत्र के सबसे बड़े स्तंभ और पवित्र मंदिर हैं। यहां संविधान की रक्षा होती है, लेकिन यह याद रखना होगा कि संविधान भवनों से नहीं भावनाओं से बचेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों ने आजादी की लड़ाई लड़ी, उनके सपनों पूरा करने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। श्रीमती सोनिया गांधी ने देश की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश और समाज में नफरत फैलाने वाली ताकतें लोकतंत्र के सामने चुनौती बन गई हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में हैं, लोकतांत्रिक संस्थाएं ध्वस्त की जा रही हैं। नफरत फैलाने वाली ताकतें चाहती हैं कि समाज के सभी वर्ग के लोग अपना मुंह बंद रखें। वह देश का मुंह बंद करना चाहती हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डा. राजेंद्र प्रसाद, बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर ने यह सोचा नहीं होगा कि आजादी के 73 वर्ष बाद ऐसे कठिन समय का सामना लोगों को करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज हम शपथ लें कि हम समाज के अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर फैसले लेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल और छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर फैसले ले रही है। उन्होंने इस मौके पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों, आदिवासियों, गरीबों के हित में किए जा रहे कामों के साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुपोषण अभियान, तेंदूपत्ता संग्रहण दर में वृद्धि का उल्लेख किया और कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समावेशी दृष्टिकोण से सभी वर्गों के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
सांसद राहुल गांधी ने अपने प्रेषित संदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व को बेहतर तरीके से निभा रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने इस फैसले से किसानों-गरीबों-मजदूरों के हाथों में पैसा पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ सरकार के जनोन्मुखी कार्य आगे भी जारी रहेंगे। श्री राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के नये विधानसभा के शिलान्यास के लिए सभी को बधाई दी। सांसद राहुल गांधी के इस संदेश का वाचन संसदीय मंत्री रविंद्र चौबे ने किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर अपने उद्बोधन की शुरुआत छत्तीसगढ़ महतारी और भारत माता के जयकारे से की। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर अटल नगर आबाद हो, इसको लेकर छत्तीसगढ़ सरकार चौतरफा उपाय कर रही है। मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास बनाने की शुरुआत बीते वर्ष की जा चुकी है। कोरोना संक्रमण की वजह से काम में थोड़ा विलंब हुआ। संसदीय सचिवों को नवा रायपुर में ही आवास आबंटित किए गए हैं। मुख्यसचिव नवा रायपुर में निवास करने लगे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी वर्षों में यहां राज्यपाल, मंत्रीगण और शासन-प्रशासन से जुड़े सभी लोग रहने लगेंगे, यहां सुविधाएं बढ़ेंगी। इस नये शहर को बसाने की सभी अड़चनें दूर हो जाएंगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी यह कोशिश रहेगी कि विधानसभा का नया भवन जल्दी बनकर तैयार हो जाए और हम सब छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनता और छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के लिए यहां बैठेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में सांसद श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी की वर्चुअल उपस्थिति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।


विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नये भवन के शिलान्यास अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बधाई देते हुए कहा कि उनकी परिकल्पना के अनुरूप सर्वसुविधायुक्त आधुनिक तकनीक से लैस भव्य भवन की आधारशिला रखी गई है। यह भवन नहीं, लोकतंत्र का मंदिर है। इस मौके पर हम सभी विधायकगण संकल्प लेते हैं कि हम भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने की अगुवाई करेंगे। इस मौके पर उन्होंने छत्तीसगढ़ के निर्माण में भागीदारी निभाने वाले पुरखों को नमन किया और उम्मीद जताई कि पुरखों के आशीर्वाद से हम सब छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में जुटे रहेंगे। डा. महंत ने इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार का उल्लेख करते हुए कहा कि आप सभी को छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा का मौका मिला है। उन्होंने गरीबों, किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, वंचितों की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि जनकल्याण के कार्यों के लिए सभी का सहयोग मिल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ बाबा गुरुघासी दास, संत कबीर की धरती है। छत्तीसगढ़ वास्तव में प्रेम की धरती है। हम सब प्रेम और सद्भाव का उदाहरण बनें।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना संकटकाल में मास्क लगाएं परंतु वाणी की मिठास बनाए रखें। सोशल डिस्टेंसिंग रखें, परंतु दिलों के बीच दूरी न आने दें। नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने विधानसभा भवन के शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि विधायकों के लिए भी निकट भविष्य में आवास की व्यवस्था होगी।
लोकनिर्माण एवं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का भवन महानदी भवन एवं इंद्रावती भवन के बीच पिछले हिस्से में रिक्त भूमि पर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी रूप-रेखा दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सामने स्थित नार्थ एवेन्यू एवं साउथ एवेन्यू जैसी रखी गई है। नये विधानसभा भवन के सामने राजपथ जैसा मार्ग बनेगा, जिसके जरिये महानदी एवं इंद्रावती भवन से पैदल भी विधानसभा पहुंचा जा सकेगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बनने वाले नए भवन में छत्तीसगढ़ की गौरवशाली और समृद्ध संस्कृति तथा परंपरा की झलक देखने को मिलेगी। विधानसभा भवन में अत्याधुनिक लाइब्रेरी और ऑडिटोरियम का भी निर्माण किया जाएगा । भविष्य को ध्यान में रखते हुए नये विधानसभा भवन में करीब 150 से 200 विधायकों के बैठने की व्यवस्था एवं अध्यक्षीय दीर्घा, अधिकारी दीर्घा, प्रतिष्ठित दर्शक दीर्घा, पत्रकार दीर्घा एवं दर्शक दीर्घा का निर्माण किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों, नेता प्रतिपक्ष एवं उपाध्यक्ष और मुख्य सचिव तथा विधानसभा के प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य सचिव के लिए कक्ष, मीटिंग हॉल एवं स्टाफ कक्षों का निर्माण किया जाएगा। नवीन भवन में विभिन्न समिति कक्षों का निर्माण, पुस्तकालय, एलोपैथिक, होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक औषधालय, पोस्ट ऑफिस, रेल्वे रिजर्वेशन काऊंटर एवं बैंक के लिए भी कक्षों का निर्माण होगा। विधानसभा के चारों ओर सड़क निर्माण, वृक्षारोपण सहित सौन्दर्यीकरण का कार्य किया जाएगा।

बीजापुर / शौर्यपथ /  शासन की स्वरोजगार योजना से लाभान्वित होकर बीजापुर तहसील अंतर्गत ईटपाल निवासी प्रहलाद नाईक गांव में हाॅलर मिल स्थापित कर खेती-किसानी के साथ ही इसे आय का अतिरिक्त जरिया बना चुका है। प्रहलाद नाईक अपने गांव में हाॅलर मिल के माध्यम से ईटपाल, जैतालूर और मांझीगुड़ा के किसानों तथा ग्रामीणों की धान कुटाई सहित गेहूं, चावल, दाल, रागी इत्यादि की पिसाई का कार्य कर रहे हैं। प्रहलाद नाईक ने बताया कि परिवार के पास केवल ढाई एकड़ कृषि भूमि के मद्देनजर खेती-किसानी के अलावा गांव में ही स्वरोजगार अपनाने की सोच रहे थे। इस बीच वर्ष 2015-16 में अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के अधिकारी ने स्माॅल बिजनेस योजनान्तर्गत स्वरोजगार स्थापित करने की जानकारी देने के साथ ही बैंक के माध्यम से 6 प्रतिशत रियायती ब्याज दर पर3 लाख रूपए ऋण उपलब्ध कराये जाने के बारे में बताया। इस योजना के सम्बन्ध में परिवार के सदस्यों तथा मित्रों से चर्चा कर गांव में ही हाॅलर मिल स्थापित करने के लिए आवेदन पत्र जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यालय में जमा कर दिया। इसके बाद उक्त प्रकरण पर 3 लाख रूपए ऋण की स्वीकृति दी गयी। इस ऋण राशि गांव में पूर्व से निर्मित शेड में ही हाॅलर मिल स्थापित किया।

     प्रहलाद नाईक बताते हैं कि पहले लोग बीजापुर जाकर धान की मिलिंग और गेहूं, चावल, रागी की पिसाई का कार्य करवाते थे। लेकिन जब गांव में ही हाॅलर मिल लग गया तो ईटपाल, जैतालूर सहित मांझीगुड़ा के लोग धान की मिलिंग करवाने के साथ ही गेहूं, चावल, दाल, रागी की पिसाई करवा रहे हैं। जिससे उन्हे घर पर ही स्वरोजगार उपलब्ध हुआ है। प्रहलाद नाईक बताते हैं इस काम से उन्हे हर महीने 5 से 6 हजार रूपए आमदनी होती है। त्यौहार तथा शादी-ब्याह के सीजन में ग्रामीण धान की मिलिंग तथा आटा-दाल पिसाई ज्यादा करवाते हैं तो आमदनी में भी इजाफा होता है। जिसके फलस्वरूप 3 लाख रूपए ऋण राशि में से अब तक एक लाख 56 हजार रूपए ऋण राशि अदा कर चुके हैं। प्रहलाद ने बताया कि अपने परिवार के ढाई एकड़ कृषि भूमि में धान की फसल लेने के साथ ही रबी सीजन के दौरान एक एकड़ रकबा में साग-सब्जी का उत्पादन करते हैं। जिससे 5 सदस्यीय परिवार का आसानी के साथ भरण-पोषण कर रहे हैं, वहीं बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। प्रहलाद शासन की स्वरोजगार योजना से लाभान्वित होकर गांव घर में ही आय का जरिया मिलने से खुश है और इसके लिए सरकार को साधुवाद दिया।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के मार्गदर्शन एवं राजस्व मंत्री  जयसिंह अग्रवाल के प्रयासों से प्रदेश में आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में ई-कोर्ट के माध्यम से राजस्व विभाग के कार्यों का सरलीकरण कर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की सार्थक शुरूआत हुई है। अब प्रदेश के सभी जिलों में ई-कोर्ट के तहत राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है जिससे लोगों को इसका लाभ मिलने लगा है।

    इससे पहले राजस्व न्यायालय में दर्ज सभी प्रकरणों की जानकारी लेने के लिए जिला अथवा तहसील मुख्यालय आना पड़ता था। राजस्व ई-कोर्ट की शुरूआत होने से संबंधितों के लिए राजस्व न्यायालय में प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती मिल रही है। साथ ही पक्षकारों को उनके प्रकरणो में की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो रही है। विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी भी ई कोर्ट में उपलब्ध है। पक्षकारों को सुनवाई के बाद आगामी पेशी तारीख की एसएमएस या मैसेज के माध्यम से सूचना भी दी जा रही है। प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है।
    राजस्व प्रशासन ने पारदर्शिता लाने एवं राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए ई-कोर्ट व्यवस्था प्रारंभ की गई है। राजस्व न्यायालयों में संधारित किए जाने वाले दायरा पंजी, वाद पंजी एवं अर्थदण्ड पंजी को ई-कोर्ट व्यवस्था के अंतर्गत ऑनलाईन किया गया है। ई-कोर्ट में विचाराधीन प्रकरणों से संबंधित भूमि की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध करायी गई है। आम जनता को भू अभिलेखों की दुरूस्ती हेतु ऑनलाईन आवेदन करने एवं आवेदन पर की गई कार्यवाही की वर्तमान स्थिति ऑनलाईन देखने की सुविधा पटवारी द्वारा संधारित नामांतरण पंजी को भी ऑनलाईन नामांतरण  पंजी में परिवर्तित किया गया है। भू अभिलेखों तक लोगों की आसान पहुंच सुनिश्चित करने हेतु एन्ड्राइड एप्प पर उपलब्ध कराया गया है। खसरा एवं बी-1 की डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रतिलिपि ऑनलाईन निःशुल्क कही से भी कभी भी प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
    राजस्व ई-कोर्ट के तहत राजस्व न्यायालय मे कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार तक के सभी न्यायालय पंजीबद्ध हैं। प्रकरणो के पंजीयन से लेकर अंतिम निराकरण तक सारी कार्यवाही जैसे कि आदेश पत्र लिखना, साक्ष्य अंकित करना एवं अंतिम आदेश पारित करना आदि ऑनलाइन करने या अपलोड करने का प्रावधान है। राजस्व न्यायालय मे प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती प्रदाय करने की व्यवस्था की गई है। पक्षकारों को उनके प्रकरणो मे की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है। विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी ई-कोर्ट में उपलब्ध है। पक्षकारों को सुनवाई पश्चात आगामी पेशी तारीख की एसएमएस या मैसेज के माध्यम से सूचना संप्रेषण का प्रावधान किया गया है।     प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची भी ऑनलाइन उपलब्ध करने का प्रावधान कोर्ट में हैं।

रायपुर / शौर्यपथ / राम वनगमन पर्यटन परिपथ राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत वर्तमान में मौजूद धार्मिक स्थलों को यथावत रखते हुए निर्माण विकास कार्य किया जाएगा।

    छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न शोधपत्रों, अभिलेखों एवं मान्यता अनुसार भगवान श्री राम ने अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से अधिकांश समय छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों पर व्यतीत किए थे। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा, ऐतिहासिकता एवं प्रचीन मान्यताओं से पर्यटकों को परिचित कराने राम वनगमन परिपथ के विकास की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राम वनगमन पर्यटन परिपथ को विकसित करने के लिए प्रथम चरण में 9 स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं।

    राम वनगमन पर्यटन परिपथ के विकास का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों एवं आगन्तुकों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है। प्रथम चरण में चयनित 9 स्थानों पर कोई भी नया मंदिर निर्माण नहीं किया जा रहा है। अपितु इन स्थानों पर वर्तमान में मौजूद धार्मिक स्थलों, मंदिरों एवं अन्य धार्मिक संरचनाओं को यथावत् रखते हुए परिसर एवं आस-पास के स्थान में पर्यटक सुविधाओं के विकास का कार्य किया जाएगा। इससे पर्यटकों को इन क्षेत्रों में आकर्षित किया जा सकेगा। पर्यटक स्थानीय मान्यताओं, लोक-कला संस्कृति से परिचित हो सकेंगे इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने बताया कि रामाराम जिला सुकमा में पर्यटकों की सुविधा के लिए कैफेटरिया, गार्डन, पेयजल, दुकानें, यात्राी शेल्टर, ट्रेकिंग रूट, पार्किंग आदि अधोसंरचना का विकास प्रस्तावित है।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्य शासन द्वारा नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान राज्य में विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिकों के गांवों में आने पर उन्हें ऐसे समय में बरसात के मौसम में भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जरूरतमंद परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उनके द्वारा काम की मांग किए जाने पर पौधारोपण, मुर्गी शेड, बकरी शेड, पक्का फर्श निर्माण, पंचायत भवन, धान चबूतरा निर्माण, गौठानों में वर्मी टांका एवं नाडेफ निर्माण, आगंनबाड़ी भवन निर्माण और प्रधानमंत्री आवास निर्माण के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य हितग्राही मूलक एवं आजीविका मूलक कार्यों में निरंतर रोजगार प्रदाय किए जा रहे हैं। कांकेर जिले में योजनांतर्गत 3 हजार 142 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
    कोरोना महामारी काल में जहां जरूरतमंद परिवारों को काम की मांग के आधार पर रोजगार प्रदान किया जा रहा है। वहीं जिले के पंजीकृत दिव्यांगजनों को भी मनरेगा के तहत रोजगार प्रदान कर मदद की जा रही है। जिला पंचायत के सीईओ डॉ. संजय कन्नौजे ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक जिले में 2 हजार 108 परिवारों को 100 दिवस कार्य दिया जा चुका है। साथ ही जिले में एक वित्तीय वर्ष में गर्भवती माताओं को कम से कम 50 दिवस कार्य करने पर एक माह का मातृत्व भत्ता 5 हजार 910 रूपए प्रदान किया जा रहा है।
    इस प्रकार कोरोना महामारी व बरसात के मौसम में भी जरूरतमंद लोगों और दिव्यांगजनों को काम की मांग करने पर निरंतर रोजगार प्रदाय किया जा रहा है, जिससें उन्हें आर्थिक मदद मिल रही है। वहीं दूसरी ओर गांव में परिसम्पतियों का निर्माण भी हो रहा है। ग्रामीणों के लिए गौठान और वहां मुर्गी शेड, बकरी शेड के निर्माण से आजीविका के नये आयाम विकसित हो रहे हैं।  

रायपुर / शौर्यपथ / महिलाओं को गौठानों से तरक्की की नई राह मिल गई है। कुछ महीनों तक रोजगार के अभाव में आर्थिक तंगी से जूझ रही बिलासपुर जिले की ग्राम परसदा की महिलाओं पर यह कहावत सही साबित हो रही है। ग्राम परसदा की गौठान में जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की 10 महिलाएं जैविक खाद बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। साथ ही गांव की अन्य महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। शासन द्वारा समूह की 10 महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है। प्रशिक्षित होने के बाद अब ये महिलाएं खाद का उत्पादन कर रही हैं, जिससे उनके जीवन में आर्थिक समृद्धि आ रही है।

    जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि उन्होंने 56 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया और उसमें से 36 क्विंटल खाद की बिक्री भी कर ली है। खाद बेचने से उन्हें 33 हजार रूपये प्राप्त हुए हैं। खाद की खरीदी उद्यानिकी विभाग द्वारा की गई है। अब समूह की महिलाओं ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर से खाद बनाना शुरू कर दिया है। पूर्व में गोबर कम मात्रा में मिलने से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा था लेकिन अब गोधन न्याय योजना के लागू होने से पर्याप्त मात्रा में गोबर मिल रहा है। राज्य शासन की गोधन न्याय योजना से यहां की महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और भविष्य में इस योजना से और अधिक तरक्की करने की नयी आस उनमें जगी है। राज्य शासन को धन्यवाद देते हुए समूह की महिलाएं कहती है कि इन योजनाओं के चलते ही अब वे किसी पर आर्थिक रूप से निर्भर नहीं है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों विशेष रूप से किसान भाइयों को पारंपरिक पोला तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नागरिकों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की है। अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा है कि पोला तिहार छत्तीसगढ़ की परम्परा, संस्कृति और लोक जीवन की गहराइयों से जुड़ा है। इस त्यौहार में उत्साह से बैलों और जाता-पोरा की पूजा कर अच्छी फसल और घर को धन-धान्य से परिपूर्ण होनेे के लिए प्रार्थना की जाती है।
यह त्यौहार हमारे जीवन में खेती-किसानी और पशुधन का महत्व बताता है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह पर्व बच्चों को हमारी संस्कृति और परम्पराओं से परिचय कराने का भी अच्छा माध्यम है। घरों में प्रतिमान स्वरूप मिट्टी के बैलों और बर्तनों की पूजा कर बच्चों को खेलने के लिए दिया जाता है,जिससे बच्चे अनजाने ही अपनी मिट्टी और उसके सरोकारों से जुड़ते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए ग्रामीणों और किसान भाइयों से पोला तिहार के मनाने के दौरान मास्क लगाने तथा फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर राज्य में वनवासियों की खुशहाली और वनांचल के गांवों को स्वावलंबी बनाने के उद्ेदश्य से इंदिरा वन मितान योजना शुरू किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य के आदिवासी अंचल के दस हजार गांव में युवाओं के समूह गठित कर उनके माध्यम से वन आधारित समस्त आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इन समूहों के माध्यम से वनवासियों के स्वरोजगार और उनकी समृद्धि के नए द्वारा खुलेंगे। इस योजना के तहत समूहों के माध्यम से वनोपज की खरीदी, उसका प्रसंस्करण एवं मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। राज्य के प्रत्येक आदिवासी विकासखण्डों में वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना किए जाने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों के 10 हजार गांवों में इस योजना के अंतर्गत समूह गठित किए जाएंगे, जिनमें युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्येक समूह में 10 से 15 सदस्य होंगे। इंदिरा वन मितान योजना में अनुसूचित क्षेत्रों के 19 लाख परिवारों को जोडऩे का लक्ष्य है। इस योजना के माध्यम से समूहों को वृक्ष प्रबंधन का अधिकार प्रदान किया जाएगा, जिससे वे वन क्षेत्रों के वृक्षों से वनोपज संग्रहण कर आर्थिक लाभ ले सकें। वनोपज की खरीदी की व्यवस्था समूह के माध्यम से की जाएगी, जिससे वनोपज का सही मूल्य मिल सके। समूह के माध्यम से लोगों के लिए स्व-रोजगार के नए अवसर निर्मित होंगे। वनोपजों की मार्केटिंग की व्यवस्था के साथ अनुसूचित क्षेत्रों के प्रत्येक विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी। एक यूनिट की अनुमानित लागत लगभग 10 लाख रूपए होगी। अनुसूचित क्षेत्रों के 85 विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना के लिए 8 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि प्राधिकरण मद से उपलब्ध कराई जाएगी। वनों में इमारती लकड़ी की बजाए फलदार और वनौषधियों के पौधे लगाए जाएंगे। जिससे वनवासियों की आय बढ़ सके।
विश्व आदिवासी दिवस का गरिमामय कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्रीगणों, संसदीय सचिवों, विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों तथा आदिवासी समाज के गणमान्य लोगों की मौजूदगी में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अतिथियों द्वारा आंगादेव, बूढ़ादेव एवं मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना से हुआ। इस अवसर पर आदिवासी नर्तक दल द्वारा गौर नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। इस मौके पर मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, कवासी लखमा, अमरजीत भगत, डॉ. शिव डहरिया, श्रीमती अनिला भेंडिय़ा तथा खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन भी नर्तक दलों के साथ मांदर की थाप पर थिरके और आदिवासी कला संस्कृति को आगे बढ़ाने और उसे जीवंत बनाए रखने की छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। आदिवासी गौर नृत्य में मंत्रीगणों की भागीदारी से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय का पूरा वातावरण उत्साह और उमंग से भर उठा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने उद्बोधन में आगे कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों का सबसे बड़ा संरक्षक रहा है। प्रकृति से निकटता और प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित दोहन भावी पीढ़ी के बेहतर जीवन के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर हमें आदिवासी समाज के हित के सभी पहलुओं पर समग्रता से विचार करना चाहिए। उन्होंने आदिवासी समाज के प्रत्येक सदस्य और संगठन से अपील की कि वे अपने अधिकारों और विकास के अवसरों के बारे में मुखर हो। छत्तीसगढ़ सरकार सदैव आपके साथ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के काम-काज, नीतियों और फैसलों से आदिवासी अंचलों की फिजा में तेजी से बदलाव आ रहा है। जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के अधिकार की नई ईबारत लिखी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने राज्य के सभी पात्र वनवासियों को वन अधिकार पट्टा देने का अभियान शुरू किया है। छत्तीसगढ़ राज्य वनवासियों को व्यक्तिगत एवं सामुदायिक पट्टा देने के मामले में देश में अव्वल स्थान पर है। अभी तक राज्य में 4.50 लाख व्यक्तिगत तथा 43 हजार सामुदायिक पट्टे दिए जा चुकें है। वन अधिकार पट्टों के माध्यम से चार लाख 18 हजार हेक्टेयर भूमि आबंटित की गई है, जो देश में सर्वाधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन अधिकार पट्टों को मनरेगा, सिंचाई, खेती-किसानी और खाद्य संरक्षण जैसे अनेक कार्यो से जोड़कर पट्टे की ंभूमि को हमने वनवासियों के खुशहाली और आमदनी का माध्यम बनाने का प्रयास कर रहें है। उन्होंने इस मौके पर राज्य के सभी वन भूमि पट्टाधारियों से अपने अधिकार और अवसर का भरपूर लाभ उठाने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में लघु वनोपज की खरीदी और उनके समर्थन मूल्य में वृद्धि सहित शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह तमाम कोशिशें आदिवासी भाई-बहनों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने तथा उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पहले सात लघु वनोपज की खरीदी होती थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 31 कर दिया है। उन्होंने कहा कि महुआ सहित अन्य लघु वनोपजों के मूल्य में वृद्धि किए जाने से इसका सीधा फायदा संग्राहक परिवारों को हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी अंचलों में विशेषकर बस्तर में सिंचाई का रकबा बहुत कम है। इसे बढ़ाने और बस्तर अंचल के लोगों की हर जरूरत के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने हेतु बोधघाट परियोजना की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के डूबान क्षेत्र में आने वाली भूमि का मुआवजा और पुनर्वास पैकेज आदिवासी समाज के लोग खुद तय करेंगे। उन्होंने कहा कि बोधघाट सिंचाई परियोजना की पुनर्वास नीति देश दुनिया की सबसे अच्छी नीति बने यह उनकी मंशा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी भाई-बहनों को सिर्फ जल, जंगल और जमीन की ताकत ही नही बल्कि शासन और प्रशासन की ताकत भी सौंपी है। उन्होंने इस मौके पर आदिवासी समाज के लोगों से पूरी सक्षमता के साथ आगे बढऩे और राज्य के विकास में भागीदारी निभाने की अपील की।
इस अवसर पर मंत्री कवासी लखमा एवं मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों के हितों का ध्यान रखा है, उनका मान-सम्मान बढ़ाया है। मंत्रीद्वय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने तथा उसे विश्व पटल पर लाने की सराहनीय पहल मुख्यमंत्री ने की है। उन्होंने विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर वनांचल क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दी गई सौगातों के लिए उनका आभार जताया। कार्यक्रम को सर्वआदिवासी समाज के अध्यक्ष बी.पी.एस. नेताम ने भी सम्बोधित किया और आदिवासी समाज से संबंधित मांगों का ज्ञापन सौंपा।
कार्यक्रम में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिय़ा, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और नगरीय विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, संसदीय सचिव सुश्री शकुंतला साहू, चिंतामणि महाराज और जशपुर विधायक विनय भगत, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन अनेक जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

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