September 17, 2024
Hindi Hindi
मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी )

मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी ) (229)

सभी से इस मुहिम में जुड़ने की अपील की
  रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत अपनी जन्मभूमि बगिया में अपनी माताजी के सम्मान में पौधरोपण किया। उन्होंने शासकीय हाईस्कूल बगिया परिसर में रुद्राक्ष का पौधा रोपा। उन्होंने कहा कि इस अभियान अंतर्गत लगे पौधे जननी और जन्मभूमि के रिश्ते को एक नई पहचान देंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव में शामिल होने यहां पहुंचे थे। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय ने भी रुद्राक्ष का पौधा लगाया। वहीं प्रदेश के वित्त मंत्री और जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने आंवले का पौधा लगाया।


       मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मां के साथ रिश्ता अनमोल होता है। जिस प्रकार मां हमे जीवन देती है, हमारा पालन पोषण करती है, वैसे ही प्रकृति भी हमारे लिए जीवनदायिनी है। इसकी सुरक्षा और संवर्धन हमारी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस मुहिम से हम सभी को जुड़ते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान जरूर देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने सभी से  "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत पेड़ लगाने आग्रह किया। साथ ही सभी से पौधों का संरक्षण हेतु संकल्प लेने कहा।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस मानसून में ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करें। अपने घर, आसपास के परिवेश, गांव और शहरों और जंगलों को खूब हरा-भरा बनाएं। इस अवसर पर रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री राधेश्याम राठिया, विधायक जशपुर श्रीमती रायमुनी भगत, विधायक पत्थलगांव श्रीमती गोमती साय, विधायक आरंग गुरु खुशवंत साहेब सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

लगभग 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में 653 करोड़ 84 लाख रुपए अंतरित

     रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय महतारी वंदन योजना की पांचवीं किश्त सोमवार एक जुलाई को जारी करेंगे। योजना के अंतर्गत लगभग 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में मुख्यमंत्री साय 653 करोड़ 84 लाख रुपए अंतरित करेंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अनुरूप विवाहित माताओं-बहनों को हर महीने महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 1000 रूपए देने का संकल्प लिया था। शपथ लेने के तीन महीने के भीतर ही इस महती योजना पर काम शुरू हो गया।  प्रशासनिक अमले ने तेजी से सर्वे का काम पूरा करते हुए हितग्राही महिलाओं से फार्म भरवाए और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मार्च को महतारी वंदन योजना की पहली किश्त जारी की थी। इसके पश्चात नियमित रूप से यह किश्त जारी की जा रही है। नियमित रूप से यह राशि आने की वजह से महिलाएं काफी खुश हैं। कुछ महिलाएं अपने घरेलू बजट को इससे व्यवस्थित कर पा रही हैं, कुछ महिलाएं इस राशि को अपनी बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में खर्च कर रही हैं तथा कुछ भविष्य के लिए निवेश कर रही हैं।

 
  महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन में सुशासन के मूल्य स्पष्ट झलकते हैं। डीबीटी के माध्यम से राशि का अंतरण हो रहा है इससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। बीते दिनों जनदर्शन में बहुत सी महिलाएं आयी उन्होंने अपने आवेदन दिए साथ ही महतारी वंदन योजना को लेकर अपनी खुशी भी जाहिर की। इन महिलाओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि विष्णु का सुशासन हमारे जीवन में बहुत सुख-समृद्धि लेकर आया है। इसके पहले महिलाओं को लेकर इतनी अच्छी योजना हमारे राज्य में क्रियान्वित नहीं की गई थी। इससे हमारे सपने पूरे हो रहे हैं।
   सोमवार को जब मुख्यमंत्री पांचवीं किश्त का अंतरण महिलाओं के खाते में करेंगे, तब स्वतः ही महिलाओं के जीवन में कुछ खुशियां और भी जुड़ जाएंगी। मातृ शक्ति को मजबूत कर प्रदेश को विकसित बनाने का जो विजन मुख्यमंत्री ने देखा है, उस विजन की राह में एक मील का पत्थर इस दिन फिर जुड़ जाएगा।

राज्य में छात्र-छात्राओं को पहली बार हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई ट्रेड का मिला प्रमाण पत्र
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर हायर सेकेण्डरी के साथ शुरू किया गया है आईटीआई
मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को हायर सेकेण्डरी सह आईटीआई ट्रेड प्रमाण पत्र किए वितरित
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षक भर्ती के व्याख्याताओं को नियुक्ति पत्र भी सौंपे

        रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की तर्ज पर भारत सरकार 12वीं के साथ आईटीआई कराने पर विचार कर रही और हमने हायर सेकेण्डरी पास करने वाले छात्र-छात्राओं को आईटीआई प्रमाण पत्र भी वितरित कर दिए हैं। उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षक भर्ती - 2023 के अंतर्गत व्याख्याताओं को नियुक्ति पत्र एवं 292 छात्र-छात्राओं को हायर सेकेंडरी सह आई.टी.आई. ट्रेड प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कही।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज रोजगार के क्षेत्र में आईटीआई पास युवाओं की बहुत आवश्यकता है। ऐसे विद्यार्थी जो आईटीआई करना चाहते थे उन्हें हायर सेकेंडरी पास करने के बाद एक साल आईटीआई की ट्रेनिंग करना पड़ता है, इससे समय बहुत लगता है लेकिन आज 12वीं पास करते ही छात्र-छात्राओं के पास एक सर्टिफिकेट होगा, जो आपको चयनित ट्रेड का एक्सपर्ट बना देगा। इस डिग्री से आप जॉब भी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सबके अपने सपने होते हैं, उन सपनों को साकार करने में माता-पिता का सबसे बड़ा योगदान है, खुद की मेहनत उससे भी महत्वपूर्ण है, लेकिन थोड़ा सा सहयोग सरकार की ओर से भी है। आप अपने सपने साकार करने की दिशा में आगे बढ़ सके इसलिए एक प्रयास छत्तीसगढ़ सरकार ने किया और आज उसे भारत सरकार भी अपनाने के लिए आतुर है।
     इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा 12वीं के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र मिलने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने नियुक्त व्याख्याताओं और हायर सेकेंडरी के साथ-साथ आई.टी.आई. ट्रेड प्रमाण प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हम लगातार कार्य कर रहे हैं, हमारी सरकार ने लगभग 27 हजार शिक्षकों की भर्ती की है। नियुक्ति पत्र प्रदान करने की शुरुआत आज हुई है अब यह क्रम लगातार चलता रहेगा। जो कल तक बेरोजगार थे आज उन्हें रोजगार मिल गया है। उन्होंने नव नियुक्त व्याख्याताओं से कहा कि आज से आपका संकल्प होना चाहिए कि छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ऊंचाई में ले जाना है। जहां भी आपकी ड्यूटी लगे पूरे मनोयोग से बच्चों को पढ़ाएं, उन्हें योग्य बनाएं। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प हम आपके माध्यम से हम पूरा करना चाहते हैं।
       मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा सुलभ उपलब्ध हो सके इसलिए हमने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी माध्यम स्कूलों की शुरुआत की है। आज हमारे प्रदेश में 727 स्वामी आत्मानंद स्कूलों में साढ़े चार लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। मुझे यह बताते हुए ख़ुशी होती है कि हमारी सबसे अच्छी योजनाओं में से एक योजना स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी माध्यम स्कूल योजना है। इन स्कूलों से जब बच्चे पढ़कर निकलेंगे, तब हम सब गौरवान्वित महसूस करेंगे। इसी प्रकार से 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे बच्चों के लिए हमने आईटीआई का कोर्स करना शुरू किया, इसका परिणाम है कि आज 12वीं पास होते ही उनके हाथ में दो सर्टिफिकेट है, एक 12वीं का और दूसरा आईटीआई का।
     मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत सरकार जो अभी सोच रही है, उसे करने में हम 2 साल आगे हैं। आज आईटीआई पास बच्चे जितने खुश हैं, उतनी ही खुशी हमारे ट्रेनर के चेहरों में भी दिखाई पड़ रही है, ट्रेनर्स आज तक केवल आईटीआई पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाते थे, लेकिन आज वह नए तरीके से ट्रेनिंग दे रहे हैं। इस कोर्स को हमने 2 साल में बांटा है, पहला साल जिसमें अच्छी तरह थ्योरी की पढ़ाई हो सके, तो दूसरा साल प्रैक्टिकल। दोनों अलग-अलग काम है और जरुरी भी। स्कूल के विद्यार्थियों को हायर सेकेंडरी के साथ-साथ आई.टी.आई. ट्रेड कराने में एक बड़ी चुनौती है, जिन स्कूलों के पास आई.टी.आई. ट्रेड हैं वहां कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन जिन स्कूलों से यह संस्थान दूर हैं उन्हें थोड़ी मुश्किल होगी।
     मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि टेक्नोलॉजी भविष्य की जरुरत है, इसे देखते हुए हमने 36 आईटीआई के उन्नयन के लिए टाटा टेक्नोलॉजिस के साथ 1186 करोड़ रूपए का एमओयू किया है। जिसके माध्यम से बहुत सारे ट्रेड आएंगे, जो देश-दुनिया की आवश्यकता है। इससे 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। हमारा लगातार प्रयास है कि सभी को रोजगार मिले, हम बेरोजगारी भत्ता बांट रहे हैं, रोजगार मिल सके इसलिए युवाओं को विभिन्न ट्रेडो का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। बेरोजगारी भत्ता बांटने में इतनी खुशी नहीं होती जितनी खुशी युवाओं के पास नौकरी देखकर होती है। हमारे हुनरमंद युवाओं को रोजगार दिलाने के उद्देश्य से हमने ग्रामीण क्षेत्रों में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की है, हम शहरों में हम अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क बना रहे हैं ताकि युवाओं को अपने व्यापार, व्यवसाय के अवसल मिले।
    इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं तकनीकी मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की पहल कि विद्यार्थियों को बारहवीं की शिक्षा के साथ ही साथ आई.टी.आई. की डिग्री भी मिल रही है। हमारी ये व्यवस्था आज केंद्र सरकार भी अडॉप्ट कर रही है, किसी भी पहल की सफलता यही है।

भू-जल संरक्षण संबंधी कार्यों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नरवा विकास में छत्तीसगढ़ को मिल चुका दो पुरस्कार
‘स्कॉच अवार्ड’ और ‘पृथ्वी अवॉर्ड्स-2023’ से नवाजा गया
वनांचल के लगभग 25 लाख हेक्टेयर भू-भाग का हो रहा उपचार

रायपुर / शौर्यपथ / राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास योजना’ के सफल क्रियान्वयन से वनांचल की तस्वीर ही बदल गई है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास कार्यक्रम के तहत कैम्पा मद अंतर्गत वनांचल स्थित नालों में काफी तादाद मेें भू-जल संरक्षण संबंधी कार्याे का तेजी से क्रियान्वयन जारी है। इससे वन क्षेत्रों के भू-जल स्तर में काफी सुधार दिखाई देने लगा है और वनवासियों सहित क्षेत्रवासियों को पेयजल, सिंचाई तथा निस्तारी आदि सुविधाओं का भरपूर लाभ मिलने लगा है। साथ ही साथ इससे वन संरक्षण तथा संवर्धन के कार्यों को भी बढ़ावा मिला है।

राज्य में इसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को ’स्कॉच अवार्ड’ के पर्यावरण श्रेणी के लिए स्वर्ण पुरस्कार भी मिल चुका है। इसके अलावा हाल ही में छत्तीसगढ़ में नरवा विकास कार्य के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नई दिल्ली में 14 और 15 जुलाई को आयोजित ईएसजी ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में पृथ्वी अवॉर्ड्स भी प्रदान किया गया है।

वनांचल में साढ़े चार वर्षों के दौरान 6755 नालों में 1 करोड़ 80 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण जारी

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य के वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन के लिए बड़े तालाब में जल स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य लिया गया है।

छत्तीसगढ़ में गत साढ़े चार वर्षों के दौरान राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास‘ योजना के तहत वनांचल स्थित 6 हजार 755 नालों के लगभग 25 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्रों को उपचारित करते हुए विभिन्न जल संरचनाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत एक करोड़ 80 लाख से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं। इन संरचनाओं में ब्रश वुड चेक डैम, लूज बोल्डर चेक डैम, गेबियन संरचना, मिट्टी चेक डैम, कंटूर ट्रेंच, वाटर अब्जॉर्प्शन ट्रेंच तथा स्टेगर्ड कंटूर ट्रेंच का निर्माण शामिल है। इसके अलावा गली प्लग, चेक डैम, स्टॉप डैम, परकोलेशन टैंक तथा तालाब, डबरी और वाटरहोल आदि भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।

मुंगेली / शौर्यपथ / राज्य शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत अब जिले के स्कूल संवरने लगे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप स्कूलों का कायाकल्प होने से बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर परिवेश मिल रहा है। कलेक्टर राहुल देव ने आज मुंगेली विकासखंड के ग्राम बामपारा में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत प्राथमिक शाला के जीर्णोधार कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्कूल के जीर्णोधार के लिए स्वीकृत राशि, कार्य की लागत के संबंध में जानकारी ली।
     जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ग्राम बामपारा का स्कूल काफी जर्जर हो गया था। जिसे मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना अंतर्गत जीर्णोधार किया गया है। इसमें छत, खिड़की, दरवाजा की मरम्मत, कक्षों में टाइल्स, पुट्टी आदि कार्य शामिल है। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना अंतर्गत स्वीकृत अन्य शाला भवनों की भी मरम्मत, नवीनीकरण और जीर्णोद्धार कार्य के साथ अतिरिक्त कक्ष निर्माण शीघ्र कराने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने बच्चों से सुना पहाड़ा, टॉफी प्रदान कर किया उत्साहवर्धन
      कलेक्टर ने प्राथमिक शाला बामपारा में कक्षा 05वीं के बच्चों से भी मुलाकात की और शिक्षा का स्तर एवं गुणवत्ता परखने उनसे 13 और 19 का पहाड़ा सुनाने कहा। कलेक्टर ने बच्चों द्वारा बेझिझक पहाड़ा सुनाने पर उनकी भूरी-भूरी सराहना की और टॉफी प्रदान कर उत्साहवर्धन किया। उन्होंने बच्चों से कहा कि शिक्षा के बिना एक आदमी नींव के बिना एक इमारत की तरह है। हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व होता है। शिक्षा एक व्यक्ति की सोच का पोषण करती है और उन्हें जीवन में सोचने, कार्य करने और आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करती है। उन्होंने बच्चों को खूब मन लगाकर पढ़ाई करने और आगे बढ़ने प्रेरित किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री विजेंद्र पाटले सहित संबंधित अधिकारी, शिक्षकगण और गणमान्य नागरिक श्री लोकराम साहू उपस्थित थे।

अंजोरा में तैयार किया जा रहा प्लॉस्टिक जार एवं बेकरी उत्पाद

दुर्ग / शौर्यपथ / ग्राम पंचायत अंजोरा(ख) में युवाओं को रोजगार के साथ नई पहचान मिल रही है। गौठान में स्थापित रीपा बनाने की परिकल्पना अब साकार हो रही है। शासन की महत्वाकांक्षी योजना गौठान के अंतर्गत विकास के साथ रोजगार की दिशा में एक नया आयाम प्राप्त हो रहा है।
दुर्ग विकासखण्ड के अंजोरा (ख) में महिलाएं एवं युवा पहली बार प्लॉस्टिक जार एवं बेकरी उत्पाद बनाने का काम कर रही है। गांवों को उत्पाद का केन्द्र और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है यह योजना अब ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने लगी है। घरेलू कामों में व्यस्त रहने वाली महिलाएं एवं युवा सफलता की नई कहानियां लिख रहे हैं। 2 करोड़ रूपए की लागत से तैयार यह रीपा लोगों के रोजगार का जरिया बन रही है।
महिलाओं एवं युवाओं द्वारा अंजोरा में प्लास्टिक बाटल, प्लास्टिक जार एवं बेकरी बनाने का काम किया जा रहा है, जिसमें ब्रेड व पाव तैयार किया जा रहा है। ब्रेड बनाने एवं कटिंग के लिए शासन द्वारा मशीन प्रदान की गई है। भविष्य में आईसक्रीम कोन बनाने के लिए मशीन लगाई जाएगी। गत दिवस कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा प्लास्टिक जार के वाहन को हरी झण्डी दिखाकर भिलाई के लिए रवाना किया गया था। इस उद्योग मेें प्रतिदिन 6 हजार प्लास्टिक जार तैयार किया जा रहा है, जिसे 17 रूपए प्रति नग के हिसाब से बाजार में बेचा जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर में ही गांव की महिलाओं एवं युवाओं के लिए रोजगार का एक अच्छा अवसर प्राप्त हुआ है। रीपा के संचालन से महिला समूह की सभी सदस्य बेहद ही खुश है एवं अतिरिक्त आय प्राप्त कर अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ साथ परिवार के आर्थिक गतिविधियों में भी अपना हाथ बंटा रही है। उन्हें काम की तलाश में अब बाहर जाने की जरूरत नही पड़ती। गौठान में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) बनाने की परिकल्पना अब साकार हो रहा है।
इनके उत्पादन हेतु प्रशासन द्वारा आवश्यक मशीने रीपा स्थल पर उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही क्षेत्र की मांग के अनुरूप को निकट भविष्य में रीपा केंद्र में प्लास्टिक से बनने वाले नए उत्पादों को भी स्थान दिया जाएगा। इस यूनिट से आसपास के क्षेत्र के कुल 21 लोगों को रोज़गार का अवसर प्रदान किए गए हैं।

आधी आबादी को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने छत्तीसगढ़ सरकार की पहल शानदार

लेख : सौरभ शर्मा, सहायक संचालक

     रायपुर / शौर्यपथ / आज विश्व जनसंख्या दिवस है। भारत के जनांकिकी आंकड़ों के मुताबिक भारत की औसत आयु 28 वर्ष है और इस नाते युवा शक्ति इस देश को आगे ले जाने में अपना बड़ा योगदान दे सकती है। दुनिया भर में जनांकिकी को आर्थिक शक्ति के रूप में देखा जा रहा है। इस लिहाज से भारत में आर्थिक शक्ति की बड़ी संभावना है। जनांकिकी की तरक्की इस बात पर निर्भर करती है कि आधी आबादी की हिस्सेदारी कार्यक्षेत्र में कितनी है। इस दृष्टि में भारत में अभी महिलाओं की केवल 17 फीसदी आबादी कार्यक्षेत्र में है जबकि चीन की 40 प्रतिशत महिला आबादी कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ के संदर्भ में देखें तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ग्रामीण विकास योजनाओं से सीधे महिलाओं की बड़ी आबादी आर्थिक गतिविधियों में संलग्न हो गई है।

  सी मार्ट में महिला समूह के उत्पाद को मिला बड़ा मंच 
     इसका सबसे सुंदर उदाहरण गौठान और रीपा के माध्यम से आर्थिक गतिविधियां हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद स्व-सहायता समूहों की संख्या तेजी से बढ़ गई। दिसंबर 2018 के बाद से अब तक 13 लाख से अधिक महिलाएं इन समूहों से जुड़ चुकी हैं। इस तरह से कार्यशील आबादी की संख्या में तेजी से विस्तार आया है।
      इस बड़ी आबादी के कार्यशील गतिविधियों में लगे होने का अर्थव्यवस्था को लाभ तो होता लेकिन जब तक इनके लिए व्यवस्थित बाजार मुहैया नहीं कराया जाता तब तक यह लाभ प्रभावी नहीं हो पाते। छत्तीसगढ़ सरकार ने इनके लिए बाजार प्रदान किया। हर जिले में सी-मार्ट आरंभ किये गये। इन सी-मार्ट के माध्यम से हर क्षेत्र के खास उत्पादों को जगह मिली। उदाहरण के लिए बस्तर के दंतेवाड़ा में यदि भूमगादी समूह से जुड़ी कोई महिला जैविक चावल का विक्रय कर रही है तो उसके लिए बाजार केवल अपने आसपास के क्षेत्र तक नहीं है अपितु पूरा छत्तीसगढ़ और इसके बाहर भी बाजार उपलब्ध है। इसके साथ ही प्रशिक्षण का पक्ष भी महत्वपूर्ण है। जब महिलाएं एसएचजी से जुड़ती हैं तो बैंकिंग गतिविधियों से भी जुड़ती हैं एकाउंटेंसी से भी परिचित होती हैं और मार्केट को भी समझ पाती हैं। इस तरह पूरी तरह से आर्थिक कार्यकलापों के लिए दक्ष बनाने अपने को तैयार कर पाती हैं।
     रीपा में महिहाओ की भागीदार 

  जब महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं तो अपनी बेटियों को भी इस दिशा में तैयार कर रही हैं। छत्तीसगढ़ में स्कूल के अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर और महिलाओं में बढ़ी जागरूकता का प्रभाव स्कूलों में दर्ज संख्या से पता चलती है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 में 10 से अधिक साल तक पढ़ाई करने वाली लड़कियों की संख्या में 36.9 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
महिलाओं के आगे आने से आर्थिक रूप से सबल होने से उनकी सामाजिक स्थिति भी सशक्त हो रही है। मुख्यमंत्री से भेंट मुलाकात के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में जितनी संख्या में पुरुष हितग्राही अनुभव साझा करते हैं उतनी ही संख्या में महिला हितग्राही भी अपना अनुभव साझा करते हैं। इन सभाओं को देखकर महसूस होता है कि छत्तीसगढ़ का समाज सचमुच समतामूलक समाज है जहां महिलाओं और पुरुषों की कार्यक्षेत्र में बराबरी की भागीदारी हैं और दोनों ही मिलकर अपने प्रदेश के विकास की गाथा को गढ़ रहे हैं।
   गौठानो में महिलाओं को मिला तरक्की और समृद्धि का रास्ता 

 महिलाएं परिवार की धुरी होती हैं और आर्थिक रूप से सक्षम होने की वजह से उनके पास भी परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने की शक्ति आ गई है। चाहे बच्चों की पढ़ाई का मामला हों, उनके लिए ज्वैलरी खरीदी हो। वे निर्णय ले रही हैं। अपने सपनों को पूरा करने की जो शक्ति उनके भीतर आई है उससे उनके जीवन में खुशियां भी बढ़ी हैं।
गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों का ट्रेंड देखें तो यह साफ होता है कि महिलाएं लगातार अपनी आर्थिक गतिविधियों का विस्तार कर रही हैं। जिन समूहों की महिलाएं वर्मी कंपोस्ट तैयार करती थीं। उन्होंने मशरूम का उत्पादन आरंभ कर दिया। तेल पिराई का काम करने लगीं। इस तरह अपने आसपास की बाजार की जरूरतों को भांपते हुए अपना कार्य क्षेत्र बढ़ाया। छत्तीसगढ़ में उद्यमशील समाज के निर्माण में अब इन महिलाओं की अहम भूमिका हो गई है।

रायपुर / शौर्यपथ / यहाँ बात विकास और उन्नति की नहीं परम्परा की है . सरकार कोई भी हो विकास की दिशा में कार्य करती ही है चाहे उनकी रफ़्तार तेज हो या धीमी क्योकि बिना विकास के सत्ता ज्यादा दिन नहीं टिक सकती . छत्तीसगढ़ को अस्तित्व में आये हुए आज 23 साल हो रहे है . इन 23 सालो में अगर भूपेश सरकार के लगभग 5 साल हटा दिए जाए तो 18 साल तक छत्तीसगढ़ में नेताओ को छत्तीसगढ़ी बोलने में हिचक होती थी यहाँ तक छत्तीसगढ़ के हित की बात करते हुए 15 साल तक रमन सरकार ने राज किया किन्तु छत्तीसगढ़ी तीज त्यौहार को कोई महत्तव नहीं दिया . रमन सरकार के मंत्री मंडल में ताकतवर मंत्रियो की बड़ी संख्या ऐसी थी जो सालो से छत्तीसगढ़ में निवास कार रहे किन्तु अभि भी अपने मूल निवास के परिवेश को ही अपनाते हुए चल रहे है . अपने मूल अस्तित्व को नहीं भूलना चाहिए किन्तु साथ ही जिस जमीन ने जिस जगह ने पहचान और रूतबा दिया उसके सम्मान और पर्व को भी अपनाने में कही दिक्कत नहीं होनी चाहिए किन्तु छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य ही रहा कि 18 साल छत्तीसगढ़ अपनी मूल पहचान की तलाश में रहा .
     2018 में भूपेश सरकार के आने के बाद छत्तीसगढ़ी भाखा , तीज त्यौहार , खान-पान , परम्परा , खुले मंच में छत्तीसगढ़ी बोली का उद्बोधन ये सब भूपेश सरकार के बाद ही हुआ . जिस तरह से छत्तीसगढ़ियो का तीज त्योहारों का चलन शुरू हुआ उसके बाद 15 साल मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह सहित प्रदेश के अधिकतर नेता चाहे वो किसी भी राजनैतिक दल के हो छत्तीसगढ़ी बोली का उपयोग करने में हिचक महसूस नहीं कर रहे . एक बात जेहन में आयी जब छत्तीसगढ़ में रमन सिंह मुख्यमंत्री थे तब कभी भी छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े त्यौहार तीजा के बधाई सन्देश छत्तीसगढ़ी में नहीं दिए किन्तु सत्ता से हटने के बाद पहले ही तीजा में समाचार पत्रों में जो बधाई सन्देश दिए छत्तीसगढ़ की माताओ बहनों को वो विशुद्ध छत्तीसगढ़ी भाखा में दिए और आज जब रायपुर मे पीएम मोदी का सम्मलेन था तो उन्होंने भी छत्तीसगढ़ी शब्दों का प्रयोग किया . ये शुरुवात हुई अब छत्तीसगढ़ी बोली की उपेक्षा राजनेताओ की पहुँच से दूर हो गयी . मेरी नजर में सीएम बघेल ने जो शुभारम्भ किया खुले मंच में छत्तीसगढ़ी बोली का अब उसका अंत असंभव है .
लेख - शरद पंसारी
संपादक - शौर्यपथ दैनिक समाचार

नगर पालिकाओं में भी हुआ मितान की सेवा का विस्तार

रायपुर / शौर्यपथ /मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मितान योजना के शुभारंभ के तत्काल बाद 30 मिनट के भीतर, हितग्राही बालोद निवासी  गौरव पटेल और श्रीमती डिंपल पटेल के घर तक पहुंचा उनका “विवाह प्रमाण पत्र” बालोद नगर पालिका में “मुख्यमंत्री मितान योजना” के तहत स्वयं विधायक संजारी बालोद श्रीमती संगीता सिन्हा, नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा और कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने मितान की भूमिका निभाई। ज्ञात हो कि प्रदेश के नगर निगमों में यह सुविधा उपलब्ध थी। इसका विस्तार अब नगर पालिका स्तर पर किया गया है। इससे आम नागरिकों को विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र आसानी से सुलभ हो सकेंगे।

मितान योजना में श्रमिक कार्ड सहित 25 सेवाओं की घर बैठे डिलीवरी
प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क ( UIPA) का किया शुभारंभ
शहरी क्षेत्रों में भी स्टार्टअप उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों को रोजगार के बेहतर अवसर होंगे उपलब्ध

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि अपनी सुंदर संस्कृति और कृषि आधारित मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण हमारा छत्तीसगढ़ पूरे देश में विख्यात है। पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान हमारी कोशिश रही है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ राज्य की शहरी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया जाए। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए हमने शहरी अधोसंरचना के विकास के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने और ऐसी योजनाएं संचालित कीं,  जिनसे समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जा सके।
  सीएम बघेल ने कहा कि सभी आय वर्ग के परिवारों के बच्चों के लिए अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना प्रारंभ की गई।  मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान संचालित करते हुए सभी के लिए अच्छा पोषण सुनिश्चित किया गया। इस अभियान से बच्चों को कुपोषण से और महिलाओं को एनीमिया से मुक्ति मिल रही है . सस्ती और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हाफ बिजली बिल योजना प्रारंभ की गई। मोर बिजली एप के माध्यम से विद्युत-सेवाओं को आसान और सर्वसुलभ बनाया गया।
 युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के नये अवसरों का निर्माण करने के साथ-साथ हमने उनके कौशल विकास की भी व्यवस्था की। शिक्षित-बेरोजगारों के लिए बेरोजगारी भत्ता योजना संचालित की जा रही है, इसके तहत हर महीने शिक्षित-बेरोजगार युवाओं को 2500 रुपए की सहायता दी जा रही है। केवल तीन महीने में 80 करोड़ 64 लाख रुपए का भत्ता वितरित किया जा चुका है।
  मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती देने के लिए हमने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना और श्री धन्वंतरी जैनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना प्रारंभ की। हर घर तक साफ पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पाइप लाइनों का विस्तार किया गया है। स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ को उत्कृष्ट कार्यों के लिए लगातार तीन वर्षों तक केंद्र सरकार ने पुरस्कृत किया है। राज्य सरकार द्वारा प्रति इण्डस्ट्रीयल पार्क 02 करोड़ रुपए की राशि संबंधित निकायों को प्रदान की जा रही है। अब शहरी क्षेत्रों में स्टार्टअप उद्यमियों तथा स्व-सहायता समूहों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की तर्ज पर अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क की शुरुआत हम करने जा रहे हैं। इसका वर्चुअल शिलान्यास आज किया गया है। सर्विस डिलेवरी को मजबूत करने, नागरिकों को घर बैठे प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री मितान योजना की शुरूआत की गई। छत्तीसगढ़ के नगर निगम क्षेत्रों में नागरिकों को घर बैठे विभिन्न शासकीय दस्तावेज मितान के माध्यम से उपलब्ध हो रहे हैं। मुझे आशा है कि इस अभिनव प्रयास से हमारे शहरों में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे, साथ ही शहरी अर्थव्यवस्था को नई गति प्राप्त होगी।
  छत्तीसगढ़ के नगर निगम क्षेत्रों में नागरिकों को घर बैठे विभिन्न शासकीय दस्तावेज मितान के माध्यम से उपलब्ध हो रहे हैं। आज से मुख्यमंत्री मितान योजना अंतर्गत श्रमिक कार्ड सेवाओं सहित कुल 25 सेवाओं की घर बैठे डिलिवरी का विस्तार करते हुए मितान के माध्यम से प्रदेश के समस्त नगर पालिका परिषदों में उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री मितान योजना के तहत आज 01 लाखवें हितग्राही को यहां प्रमाण पत्र दिया गया है। थोड़े समय में ही इस योजना से लाभान्वित नागरिकों की संख्या काफी उत्साहजनक है। नवगठित जिलों के साथ-साथ विभिन्न जिलों के जनप्रतिनिधियों द्वारा मोबाईल मेडिकल यूनिट की मांग की जा रही थी। इन मांगों को देखते हुए आज मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तृतीय चरण में शामिल 30 एमएमयू का प्रतीकात्मक शुभारंभ किया जा रहा है।  मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत अब तक 51 लाख हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। ये आंकड़े अपने आप में इस योजना की सफलता की कहानी कह रहे हैं।
 

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)