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महतारी वंदन योजना की 6 वीं किश्त में महिलाओं को मिलेगी एक-एक हजार रूपए की राशि
महतारी वंदन एप का होगा शुभारंभ ,एक पेड़ मां के नाम अभियान का होगा शुभारंभ
3061 महिला स्व-सहायता समूहों को वितरित करेंगे 100 करोड़ रूपए का ऋण
बस्तर जिले को 9.31 करोड़ के विकास कार्यों की देंगे सौगात
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जगदलपुर प्रवास के दौरान 01 अगस्त को वहां आयोजित जिला स्तरीय महिला सम्मेलन में शामिल होंगे और प्रदेश की महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत 1000-1000 रूपए की 6 वीं किश्त जारी कर राखी त्यौहार का उपहार देंगे। इस मौके पर वे महतारी वंदन एप का भी शुभारंभ करेंगे।
गौरतलब है कि महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की लगभग 70 लाख विवाहित महिलाओं को उनके आर्थिक सशक्तिकरण के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा हर माह एक-एक हजार रूपए की राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की जाती है।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री साय 2752 महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए वित्तीय समावेशन के तहत 100 करोड़ का बैंक लोन का भी वितरित करेंगे। कार्यक्रम में शहीद गुण्डाधूर की प्रतिमा के अनावरण के साथ ही नारी शक्ति से जल शक्ति रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना करेंगे।
एक पेड़ माँ के नाम
मुख्यमंत्री साय एक पेड़ माँ के नाम महावृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर महतारी वंदन योजना के हितग्राही के साथ ही उद्योग विभाग, श्रम विभाग सहित अन्य विभाग के हितग्राहियों को भी सामग्री वितरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक पेड़ मां के नाम का वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत देश में सितम्बर 2024 तक 80 करोड़ एवं मार्च 2025 तक 140 करोड़ वृक्षों के रोपण का लक्ष्य है। एक पेड़ मां के नाम महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण एंव वन विभाग द्वारा वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में 03 करोड़ 95 लाख 85 हजार पौधों का रोपण किया जा रहा है।
विकास कार्यो का लोकार्पण
मुख्यमंत्री साय जगदलपुर में 9 करोड़ 31 लाख से अधिक राशि के विकास कार्यों लोकार्पण करेंगे। इनमें 48.03 लाख की लागत से अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय जगदलपुर, तोकापाल और लोहांडीगुड़ा तथा 66.49 लाख की लागत से नवीन तहसील कार्यालय जगदलपुर का जीर्णाेद्धार के साथ 2.50-2.50 करोड़ की लागत से निर्मित लोहांडीगुड़ा और बुरगुम थाना का शामिल हैं।
इसी प्रकार जिला अस्पताल (महारानी अस्पताल) परिसर में डीएमएफटी मद के तहत 01 करोड़ 72 लाख 76 हजार की लागत से स्थापित माडुलर किचन एवं सामग्री युक्त अन्नपूर्णा रसोईघर का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही महारानी लक्ष्मी बाई अस्पताल परिसर में प्रधानमन्त्री भारतीय जन औषधि केंद्र का भी शुभारंभ किया जाएगा।
महतारी वंदन एप
महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन को और सुदृढ़ बनाने के लिए महतारी वंदन मोबाईल ऐप का भी शुभारंभ किया जा रहा है। इस एप के माध्यम से हितग्राहियों को प्रतिमाह हुए भुगतान और यह राशि किस खाते में प्राप्त हुई है की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।
महतारी वंदन योजना के किसी हितग्राही की असामायिक मृत्यु हो जाती है तो इसकी सूचना भी इसी मोबाईल ऐप के माध्यम से दी जा सकती है। इस एप के जरिए शिकायतें भेजी जा सकती है तथा निराकरण की स्थिति भी देखी जा सकती है। यदि किसी हितग्राही को उसे प्राप्त हो रहे लाभ त्याग करना हो तो भी मोबाईल ऐप के माध्यम से लाभ त्याग कर सकेगी। इसके अलावा शासन द्वारा योजनांतर्गत समय-समय जारी होने वाले दिशा-निर्देशों की सूचना भी इसी मोबाईल ऐप के माध्यम से हितग्राहियों को प्राप्त हो सकेंगी।
महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों की सुविधा के लिए बनाया गया यह मोबाईल ऐप एन्ड्रायड बेस है तथा इसे प्लेस्टोर से https://play.google.com/store/apps/details\id com-mahtarivandanyojan डाउनलोड किया जा सकता है।
आईबीसी 24 स्वर्णशारदा स्कॉलरशिप 2024 कार्यक्रम में हुए शामिल मुख्यमंत्री
33 जिलों की 37 टॉपर बेटियों सहित 42 विद्यार्थी हुए सम्मानित
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित आईबीसी 24 स्वर्णशारदा स्कॉलरशिप 2024 कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस पुरस्कार से बेटियों का ना सिर्फ मनोबल बढ़ा है बल्कि उन्हें आर्थिक मदद भी मिल रही है। ये बहुत खुशी की बात है। गरीब परिवार के होनहार बच्चों के लिए अपना भविष्य गढ़ने के लिए ये बड़ी मदद है। सबसे अच्छी बात है कि यह पुरस्कार सही समय पर दिए जा रहे हैं। कॉलेज के दाखिले अभी चल रहे हैं। हमारे टॉपर बेटे-बेटियों को स्कॉलरशिप मिलने से आगे की पढाई सुगमता से हो पायेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार का प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर विशेष जोर है। बेटियों की पढ़ाई में स्कूल की दूरी बाधा ना बने, इसलिए हमने सरस्वती सायकल योजना की फिर से शुरुआत की है। गरीब परिवारों के बच्चे जो जीवन में बड़े सपने देख रहे हैं और प्रशासनिक अफसर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। ऐसे अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों के लिए देश की राजधानी दिल्ली में ट्राइबल यूथ होस्टल की सुविधा हमारी सरकार दे रही है। हमने इस हॉस्टल की क्षमता को बढ़ाते हुए 80 से 185 सीटर कर दिया है ताकि अधिक से अधिक बच्चों को दिल्ली में पढ़ाई के लिए निःशुल्क व्यवस्था मिल सके।
इसी प्रकार श्रमवीर परिवारों के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की चिंता हम कर रहे हैं। इन बच्चों को हम 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दे रहे हैं, जिसमें एक लाख उन्हें स्कूटी खरीदने के लिए और 1 लाख की राशि उनकी आगे की पढ़ाई के लिए है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पीएम श्री योजना की शुरुआत की है। छत्तीसगढ़ के 211 स्कूल इस योजना में शामिल हैं, हमें उम्मीद है कि यह संख्या और बढ़ेगी। पीएम श्री योजना के तहत एक स्कूल को 2 करोड़ की राशि दी जा रही है। इस राशि की मदद से स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ शिक्षा के गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। हमने नई शिक्षा नीति को भी लागू कर दिया है। बच्चों की स्किलिंग पर हमारा विशेष जोर है ताकि शिक्षा के साथ वे रोजगार के लिए भी पूरी तरह से तैयार हों। कार्यक्रम को आईबीसी 24 के चेयरमैन श्री सुरेश गोयल ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती भावना वोहरा तथा आईबीसी समूह के सदस्यगण उपस्थित थे।
डायमंड स्टेट कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने किया संबोधित
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ अब माओवाद उन्मूलन के रास्ते पर आगे बढ़ चुका है। हम राज्य में माओवाद प्रभावित क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। माओवाद के रास्ते को छोड़कर वापस लौटने वालों के लिए हम बेहतर पुनर्वास नीति तैयार करेंगे और इसके लिए हमारे गृह मंत्री असम प्रवास पर भी हैं। यह बात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने न्यूज 18 के डायमंड स्टेट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले 6 माह में 150 नक्सलियों को मार गिराया गया है। सुरक्षाबलों के हौसले बुलंद है। गोली का जवाब गोली और बोली का जवाब बोली से ही दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों का सपना साकार करने के लिए ही छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ। नवनिर्माण के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य निरंतर विकास के रास्ते आगे बढ़ रहा है। श्री साय ने कहा कि प्रदेश में मोदी की गारंटी को पूरा करने का काम किया जा रहा है। मोदी जी की गारंटी को पूरा करते हुए हमने किसानों को धान के दो वर्षों का बकाया बोनस, 3100 सौ रुपए प्रति क्विंटल में धान की खरीदी, माता-बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उन्हें प्रति माह 1 हजार रूपये की राशि देने का काम हम कर रहे हैं।
श्री साय ने आगे कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच कराई जा रही है और दोषी व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ के घर-घर में नल से जल की व्यवस्था करने का काम, अमृत मिशन के माध्यम से जल पहुंचाने का काम, बिजली, पानी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं, धुएं से मुक्ति के लिए उज्ज्वला योजना से लोगों जीवन को आसान बनाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में शौचालय मान-सम्मान से जुड़ा विषय था। बरसात के दिनों में जो कठिनाइयां माता बहनों को होती थी, उसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। आज इस मिशन से देश में बड़ा परिवर्तन लाया है।
उन्होंने रामलला दर्शन योजना और शक्तिपीठ सर्किट के निर्माण के संबंध में भी जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अपने व्यक्तिगत जीवन संघर्ष और राजनीतिक जीवन से जुड़ी जानकारियां भी दी।
कोरबा के हर वॉर्ड में शुरू होंगे कार्य ,वॉर्ड क्रमांक 31 में विभिन्न विकास कार्यों का वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने किया भूमिपूजन
रायपुर / शौर्यपथ / विष्णु देव सरकार में विकास कार्यों की रफ्तार अब गति पकड़ चुकी है। चुनाव में जिन वार्डों में लोगों ने वॉर्ड की समस्या से अवगत कराया था, अब उन कार्यों को स्वीकृति प्रदान कर जल्द प्रारंभ किया जा रहा है। लोगों को अब किसी भी विकास कार्यों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उक्त बातें वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कोरबा नगर निगम के वॉर्ड क्रमांक 31 में विभिन्न विकास कार्यों के भूमिपूजन के दौरान कही।
मंत्री देवांगन ने कहा कि दादरखुर्द वार्ड के कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां विकास कार्य आज तक नहीं हुए। 10 साल से वॉर्ड की सड़क, नाली और स्ट्रीट लाइट नहीं लग सकी थी।विधानसभा चुनाव के दौरान वॉर्ड वासियों ने इन कार्यों की मांग की थी। चुनाव के बाद कोरबा निगम क्षेत्र के सभी वार्डाे के ऐसे कार्यों के लिए विष्णुदेव सरकार ने तत्काल राशि मंजूर की। जिला खनिज मद 2024-25 से कुल 146.69 लाख की लागत से दादर मेन रोड से प्रधानमंत्री आवास परिसर तक सीसी रोड, नाली, और स्ट्रीट लाइट के कार्य कराए जाएंगे।मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने जिला खनिज मद की राशि का अधिकार हमें दिया है। अब श्री विष्णु देव साय की सरकार में जनता के विकास कार्यों के लिए राशि स्वीकृत की जा रही है। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, वॉर्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेंद्र देवांगन, वॉर्ड क्रमांक 31 के पार्षद सुकुंदी यादव, पार्षद धनश्री साहू, पार्षद रितु चौरसिया, ईश्वर साहू, चन्दन साहू जी समेत अन्य उपस्थित रहे।
निर्माणधीन दादरखुर्द पीएम आवास कॉलोनी का मंत्री देवांगन ने लिया जायजा
दादरखुर्द के प्रवास के दौरान मंत्री लखन लाल देवांगन ने निर्माणधीन पीएम आवास कॉलोनी का जायजा लिया। इस अवसर पर निगम के अधिकारियों ने बताया कि कुल 2784 मकान बनाए जा रहे हैं, पहले चरण में हितग्रहियों को आवंटित किए जा चुके हैं। अगले महीने एक हजार मकानों के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। मंत्री देवांगन ने निगम के अधिकारियों को कॉलोनी के शेष सुविधाओं और मकानों को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
रायपुर / शौर्यपथ / आज लोकेश और राहुल की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अनुकंपा नियुक्ति मिलने की खुशी के साथ घर की जिम्मेदारी निभाने में भी सक्षम हो गया है। घर-परिवार में त्यौहार जैसा माहौल लग रहा है। एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाईयां दे रहे है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की संवेदनशीलता से आमजनों के हित में त्वरित कार्य करने के निर्देश जिले के सभी कलेक्टरों को दिया गया है। इसी कड़ी में लोकेश और राहुल को भी अनुकंपा नियुक्ति मिली है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलावा आया है। गरियाबंद जिले की श्री राहुल, श्री लोकश कुमार को अनुकम्पा नियुक्ति मिल गई है। गरियाबंद कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल के हाथों अनुकंपा नियुक्ति पत्र मिला है।
छत्तीसगढ़ शासन के प्रावधानों के तहत मुख्यमंत्री श्री साय अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को तेजी से निराकृत करने के निर्देश दिये हैं। इसी के तहत अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों को तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के द्वारा अनुकंपा नियुक्ति मिलने से आज दोनों युवकों ने खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन का आभार जताया। श्री राहुल एवं श्री लोकेश कुमार को भृत्य पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। अनुकंपा नियुक्ति मिलने के बाद उन्होंने कहा कि राज्य शासन की नीति के तहत त्वरित पहल से नौकरी मिल गई है। जिससे आर्थिक समस्याओं को दूर करने एवं परिवार के पालन पोषण में सहायक होगी।
उल्लेखनीय है कि अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले गरियाबंद जिले देवभोग अंतर्गत ग्राम सुपेबेड़ा के निवासी श्री राहुल कुमार क्षेत्रपाल ने बताया कि उनके पिताजी स्वर्गीय श्री तुकाराम सहायक शिक्षक के रूप में शासकीय प्राथमिक शाला ठिरर्लीगुड़ा में पदस्थ थे, निधन 06 अक्टूबर 2022 को हुआ। निधन के बाद उनके पुत्र श्री राहुल कुमार क्षेत्रपाल को भृत्य पद के रूप में शासकीय माध्यमिक शाला झाखरपारा में नियुक्ति मिली है। उन्होंने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति मिलने से परिवार के पालन पोषण एवं देखरेख में सहायता मिलेगी। साथ ही भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। इसी प्रकार ग्राम दीवानमुड़ा के रहने वाले श्री लोकेश कुमार शांडिल्य के पिताजी स्वर्गीय श्री डोंगर सिंह शांडिल्य प्रधानपाठक के रूप में शासकीय माध्यमिक शाला दीवानमुड़ा में पदस्थ थे। निधन 30 जनवरी 2024 हो हुआ। निधन के पश्चात श्री लोकेश कुमार शांडिल्य को भृत्य के रूप में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल झाखरपारा में अनुकंपा नियुक्ति मिली है। उन्होंने बताया कि पिता के जाने के बाद भविष्य चिंतित था। शासन की पहल से अनुकंपा नियुक्ति मिलने से परिवार के खुशहाली में मदद होगी।
स्वास्थ्य विभाग में मिली नौकरी से पहाड़ी कोरवाओं की बदल रही जीवनरेखा
रायपुर /शौर्यपथ / यह पहाड़ी कोरवा समारिन बाई है। कुछ दिन पहले तक इन्हें गिनती के कुछ लोग ही जानते थे। यह सिर्फ इनकी ही बात नहीं है। इनके गाँव की भी यहीं बात है। घने जंगल के बीच मौजूद इनके गाँव टोकाभांठा को भी बहुत कम लोग जानते हैं। मुख्य सड़क से दूर टोकाभांठा में रहने वाली पहाड़ी कोरवा समारिन बाई का जीवन भी घने जंगल में बसे गाँव की तरह गुमनाम सा था। जहाँ सुबह का सूरज तो रोज निकलता था, लेकिन इनकी जिंदगी में गरीबी का अंधेरा जस का तस रहता था। दिन के उजाले में पहाड़ के नजदीक पहाड़ जैसी जिंदगी जीने वाली समारिन बाई ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन उन्हें नौकरी मिल जायेगी और अंधेरे से घिरी गरीबी को दूर कर कडुवाहट भरी जिंदगी में मिठास तथा जीवन में उल्लास का उजियारा लाएगी।
कोरबा जिले के अजगर बहार ग्राम पंचायत के अंतर्गत ग्राम टोकाभांठा में रहने वाली समारिन बाई अब पहले से काफी बदल गई है। उनकी जिंदगी और रहन-सहन में बदलाव की शुरुआत हाल ही के दिनों से हुई है। जिला प्रशासन की पहल पर जब विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा था तब समारिन बाई की शिक्षा भी बहुत काम आई। कक्षा दसवीं तक पढ़ी समारिन बाई को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू में वार्ड आया की नौकरी मिल गई। फिर क्या था, जंगल में बकरी चराने वाली और गरीबी की वजह से आर्थिक तंगी से जूझने वाली समारिन बाई अस्पताल में अलग रूप में नज़र आ रही है। ट्रे में दवाइयां लेकर मरीजों के वार्ड तक और डॉक्टर, नर्स के साथ उनके आस-पास समारिन का दिन गुजर रहा है। उन्होंने बताया कि उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन वह सरकारी अस्पताल में अपनी ड्यूटी करेगी। उन्हें तो लगता था कि हम पहाड़ी कोरवाओं की जिंदगी गरीबी के बीच जंगल में उनके पुरखों की तरह ही कठिनाइयों के बीच बीतेगी।
पहाड़ी कोरवा समारिन बाई का कहना है कि उनका समाज ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है। जंगल में गरीबी के बीच बहुत ही विषम परिस्थितियों में जीवन-यापन करना पड़ता है। ऐसे में शिक्षा से जुड़ पाना संभव नहीं हो पाता। खासकर लड़कियों को घर के काम करने पड़ते हैं, उनका स्कूल जाना और पढ़ाई पूरी कर पाना बहुत चुनौती है। मैंने किसी तरह पढ़ाई तो कर ली थी लेकिन नौकरी मिलेगी यह कभी सोचा ही नहीं था। समारिन बाई ने बताया कि उन्हें अस्पताल में नौकरी मिली है। इस जगह में रहकर वह जान पा रही है कि अन्य समाज के साथ कैसे रहना है। किस तरह पढ़ाई कर महिलाएं काम कर रही है। यहाँ बहुत कुछ सीखने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अभी मानदेय में जो राशि मिल रही है उससे घर का खर्च चला रही है। भविष्य में कुछ पैसे बचत करने की कोशिश भी करेगी ताकि अपने बच्चों का भविष्य बना पाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू में ही पहाड़ी कोरवा समार साय, बुधवार सिंह की भी स्वच्छक तथा वार्ड बॉय के रूप में नौकरी लगी है। मानदेय के आधार पर मिली नौकरी से दोनों खुश हैं और बताते हैं कि दिन भर जंगल में बिताने से बेहतर है कि यहां काम कर कुछ पैसे मिल जाएं। इससे घर परिवार का खर्च चल जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा पहाड़ी कोरवाओं को दी जा रही नौकरी की सराहना करते हुए कहा कि हमारी कड़ुवाहट भरी जिंदगी में नौकरी से मिठास जरूर आयेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशन में कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में जिले के पहाड़ी कोरवाओं तथा बिरहोरों को योग्यता के आधार पर मानदेय में नौकरी पर रखने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में पीवीटीजी के 19 युवाओं को अस्पतालों में विभिन्न पदों पर रखा गया है।
राजधानी रायपुर में आयोजित “नवा सौगात” कार्यक्रम में मिला सम्मान
9 बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने में निभाई अहम भूमिका
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है । इसी बीच साय सरकार ने मितानिनों के हित में एक पहल की है। मुख्यमंत्री साय ने आज मितानिनों के खाते में प्रोत्साहन राशि आनलाइन ट्रांसफर की है। राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित “नवा सौगात” कार्यक्रम में मुख्मंत्री साय ने उपस्थित होकर प्रदेश की लगभग 73 हजार 831 मितानिनों, प्रशिक्षकों और समन्वयकों के खाते में कुल 90 करोड़ 8 लाख 84 हजार रुपये की मितानिन प्रोत्साहन राशि का अंतरित किया। सीधे खाते में पैसे पाकर मितानिनों में खुशी की लहर है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली मितानिनों को सीएम ने किया सम्मानित
“नवा सौगात” कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न हिस्सों से आई हुई मितानिन बहनों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सम्मानित भी किया। सम्मानित होने वाली मितानिनों में जशपुर जिले के ग्राम बगिया की मितानिन दीदी माधुरी पैंकरा भी शामिल हैं। जिन्हें मुख्यमंत्री ने “मितानिन पासबुक” के साथ शाल एवं श्री फल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री साय ने कई मितानिन बहनों से बातचीत की। इसी बीच जशपुर जिले के तहसील कुनकुरी के ग्राम पंचायत बेहराखार (रेंगारी) निवासी मितानिन दीदी श्रीमती मुलिका बाई से मुख्यमंत्री जी ने सीधा संवाद किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी मितानिन बहनों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और वो राज्य में सुशासन की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस सफर में राज्य भर में काम कर रही 70 हजार से अधिक मितानिन बहनों का भी अमूल्य योगदान है जिनके दम पर राज्य मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में अभूतपूर्व सुधार हासिल करने मे कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि मितानिन बहनें छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था का आधार हैं जो सुदूर क्षेत्रों में जाकर भी इमानदारी से काम करती हैं।
माधुरी पैकरा ने 9 बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने में निभाई अहम भूमिका
कुनकुरी के ग्राम बगिया की मितानिन दीदी माधुरी पैकरा को स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सम्मानित भी किया है । श्रीमती माधुरी पैकरा ने बेहतर सेवा भाव से कार्य कर 9 बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई हैं। वह अपने क्षेत्र में विगत कई वर्षों से कार्य कर रही हैं और कुपोषण मुक्ति, मातृत्व सुरक्षा सहित स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने पूरी इमानदारी से काम कर रही हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 13 जुलाई को श्री रामलला का दर्शन करने अयोध्या धाम जाएंगे। जारी कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री 13 जुलाई शनिवार को प्रातः 9.30 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से प्रस्थान कर पूर्वान्ह 11 बजे महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या धाम पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री पूर्वान्ह 11.15 बजे से शाम 5 बजे तक श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या धाम में श्री रामलला का दर्शन और मंदिर भ्रमण करेंगे। मुख्यमंत्री शाम 5.15 बजे अयोध्या धाम एयरपोर्ट से प्रस्थान कर संध्या 6.45 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर लौट आएंगे।
लाल भाजी, जिमीकांदा, मुनगा की सब्जी, इडहर कड़ी का चखा स्वाद
दरभा की जयमनी ने मुख्यमंत्री से कहा- बस्तर आएं तो अवश्य चखें खट्टी-चटपटी चापड़ा चटनी का स्वाद
बैगा जनजाति की मितानिन दीदी दसनी बाई लोगों तक पहुंचा रही हैं स्वास्थ्य सुविधाएं
रायपुर / शौर्यपथ / राजधानी रायपुर में मितानिन दीदियों को प्रोत्साहन राशि वितरण के लिए आयोजित ‘नवा सौगात‘ कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मितानिन बहनों के साथ दोपहर का भोजन किया।
मुख्यमंत्री साय पंगत में बस्तर दरभा से आयी मितानिन दीदियों जयमनी नाग और कवर्धा की बैगा जनजाति की दसनी बाई के साथ भोजन करने बैठे। भोजन में दही मिर्ची, लाई बड़ी, बिजौरी, चावल पापड़, चना, लाल भाजी, जिमीकांदा, मुनगा की सब्जी, इडहर कड़ी, भरवा करेला, चावल, कोदो चावल, रोटी, मीठे में रागी लड्डू, अंदरसा, गुलगुला, पीड़िया, मठ्ठा आदि परोसा गया। भोजन के प्रारंभ में फ्रूट सलाद भी सर्व किया गया।
मुख्यमंत्री ने मितानिन दीदियों के साथ बड़े चाव के साथ भोजन किया। इस दौरान उन्होंने जयमनी नाग और दसनी बाई से बड़ी ही आत्मीयता के साथ उनका कुशल क्षेम पूछा और कहा कि अब उनके बैंक खाते में हर महीने प्रोत्साहन राशि सीधे मिल जाया करेगी। मुख्यमंत्री ने जयमनी नाग से बातचीत के दौरान कहा कि बस्तर तो कई बार गया हूं, लेकिन चापड़ा चटनी का स्वाद चखने का मौका नहीं मिला। जयमनी नाग ने कहा कि अब जब बस्तर आएं तो खट्टी-चटपटी चापड़ा चटनी का स्वाद अवश्य चखें।
मितानिन बहनों के साथ उपमुख्यमंत्री अरुण साव, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वन एवं संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, विधायक अनुज शर्मा, विधायक गुरु खुशवंत साहब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने भोजन किया।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की महिलाओं में महतारी वंदन योजना को लेकर अपार उत्साह देखा जा रहा है। खास कर गरीब, मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग की महिलाओं को इस योजना से मिलने वाली राशि से काफी राहत मिली है। महिलाओं का कहना है कि इस योजना से महिलाओं में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ गया है।
प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन का ही प्रतिफल है कि उन्हें समय पर महतारी वंदन योजना की राशि माह दर माह मिल रही है। महतारी वंदन योजना में इस माह 5वीं किश्त के रूप में एक-एक हजार रूपए की राशि मिली है। राशि के उपयोग से आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं। यह राशि महिलाओं के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से पहुंच रही है। महिलाओं के खाते में राशि आने से परिवार में भी उनकी पूछ परख बढ़ गई है।
धमतरी के कलेक्टोरेट परिसर में कैंटिन का संचालन करने वाली सहेली संघ स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती हेमा साहू ने बताया कि महतारी वंदन योजना से स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को काफी फायदा हो रहा है। समूह की महिलाओं द्वारा अब नियमित रूप से आर्थिक गतिविधियों के लिए अपना योगदान दे पा रही हैं।
श्रीमती हेमा ने यह भी कहा कि महतारी वंदन योजना से मिल रही राशि से महिलाएं अपने बच्चों के लिए आवश्यकतानुसार बेहतर प्रबंध कर पा रही हैं। महिलाएं निजी जरूरतों, घरेलू आवश्यकताओं व दैनिक उपयोग की चीजों की खरीदी एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम हुई है। साथ ही भविष्य के लिए बचत भी कर रही है। इससे महिलाओं में आत्मनिर्भरता एवं आत्मविश्वास का संचार हुआ है।
समाचार सार ...
सरकारी स्कूलों में अब हर साल ग्रीष्मकालीन शिविर होंगे आयोजित: मुख्यमंत्री ने की घोषणा
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए बनेगा आवासीय विद्यालय
बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ मिलेगी व्यावसायिक शिक्षा भी
एक पेड़ मां के नाम रोपित कर राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ राजधानी रायपुर के बजाय राज्य के सुदूर सीमावर्ती जशपुर जिले के आदिवासी बहुल गांव बगिया से करके न सिर्फ वर्षो से चली आ रही परंपरा को बदला है बल्कि इसके माध्यम से उन्होंने राज्य के सुदूर कोने तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है। मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर बगिया और बंदरचुआ के स्कूल को मॉडल स्कूल बनाने तथा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए एक आवासीय विद्यालय बनाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस मौक पर एक पेड़ मां के नाम रोपित कर राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत की और लोगों से पौध रोपण के इस महायज्ञ में सहभागी बनने की भी अपील की। राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में बालिका शिक्षा का बढ़ावा देने का संदेश दिया और स्कूली बालिकाओं को साइकिल प्रदान करके यह सुनिश्चित किया कि बालिकाओं को स्कूल आने जाने में किसी भी तरह का व्यवधान न आए और आगे की शिक्षा हासिल कर सकें।
मुख्यमंत्री साय ने जशपुर सरकारी स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब्स में से एक में रोबोटिक्स मॉडल विकसित करने वाले छात्र से बातचीत की। उन्होंने इस सुदूरवर्ती जिले में किये गये व्यावसायिक शिक्षा कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए कौशल और व्यावसायिक शिक्षा जरूरी है। इस मौके पर वह स्वयं छात्रों के साथ मिट्टी के बर्तन बनाकर यह संदेश भी दिया कि बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा भी दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने नई शिक्षा नीति की परिकल्पना के अनुसार स्थानीय भाषाओं में प्रारंभिक शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में बोली जाने वाली सदरी बोली भाषा में भी पाठ्य पुस्तकें तैयार करने की बात कहीं। छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशन में अब तक 18 स्थानीय भाषाओं-बोलियों में स्कूली बच्चों पुस्तकें तैयार की गई है। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग को नई शिक्षा नीति के अनुरूप मेगा पीटीएम आयोजित करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने समर कैंप के दौरान छात्रों द्वारा किए गए कार्य को देखकर प्रसन्नता जताई और सरकारी स्कूलों में हर साल ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए राज्य सरकार इस साल से दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होंगी। उन्होंने कहा कि पीएमश्री के तहत राज्य में प्रथम चरण में 211 स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने भी बच्चों को शिक्षा-दीक्षा में माता-पिता की भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने बच्चों को शिक्षा के लिए कई उपयोगी टिप्स दिए और कहा कि बच्चों को मोबाइल का उपयोग सिर्फ शिक्षा, ज्ञान और जीवनोपयोगी जानकारी हासिल करने के लिए करना चाहिए।
चाक पर हाथ चला और दीया बनाकर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दिया सन्देश
बच्चों के हुनर और प्रस्तुति की सराहना की
राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में स्टॉल का किया अवलोकन
रायपुर /शौर्यपथ /बच्चे तो मन के सच्चे होते हैं और यह बिल्कुल ही गीली मिट्टी की तरह होते हैं.. आप इन्हें जिस रूप में आकार देना चाहते हैं, दे सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय कुम्हार की चाक पर हाथ चलाते हुए राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में शायद यहीं संदेश दे रहे थे। जशपुर जिले में अपने गृहग्राम बगिया में मुख्यमंत्री श्री साय ने अपनी पत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय के साथ कार्यक्रम स्थल पर चाक पर न सिर्फ हाथ आजमाए...उन्होंने गीली मिट्टी से दीया बनाकर मौके पर उपस्थित बच्चों और अभिभावकों को अलग-अलग संदेश दिया कि गीली मिट्टी की तरह बच्चे भी कोमल होते हैं और उन्हें किसी भी रुप में ढाला जा सकता है। वहीं दीया बनाकर उन्होंने अँधेरे को दूर करने में दीये की उपयोगिता को बताने की भी कोशिश की।
इस दौरान बगिया में कार्यक्रम स्थल पर लगायें एक- एक स्टाल का मुख्यमंत्री श्री साय ने अवलोकन किया। उन्होंने बच्चों द्वारा तैयार मॉडल,सामग्रियों को देखकर उनकी सराहना की और उन्हें प्रेरित भी किया।
राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम स्थल पर अलग अलग विभागों की स्टाल लगाई गई थी। जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देने मॉडल, स्वास्थ्य विभाग द्वारा डायरिया के रोकथाम, आदिवासी विकास विभाग द्वारा एकलव्य आवासीय विद्यालय में अध्यापन और आदिवासी बच्चों को दी जाने वाली सुविधाएं, लाइवलीहुड कॉलेज नवगुरूकुल द्वारा आजीविका पाठ्यक्रम की जानकारी दी गई। स्टाल में पीएमश्री प्राथमिक शाला लवाकेरा के विद्यार्थियों ने बैंड से देशभक्ति धुनों की प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना की। शासकीय कन्या आश्रम बगीचा, पीएमश्री विद्यालय कांसाबेल, पीएमश्री विद्यालय कडरेगा के बच्चों ने स्कूल में तैयार की गई मॉडल, वैज्ञानिक सोच और तार्किकता को बढ़ावा देने वाले मॉडल से मुख्यमंत्री का ध्यान अपनी ओर खींचा। छात्रा कु.अनामिका ,समिस्ता टोप्पो, दीपिका सिंह,दृष्टि साय, अनुष्का टोप्पो ने जादुई पिटारे सहित अन्य प्रस्तुत सामग्रियों के विषय में बताया। शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला पत्थलगांव के विद्यार्थियों ने हुनर के पेटी,खेल सामग्री ,जादुई पिटारा,बायो गैस मॉडल के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
शासकीय विद्यालय दोकड़ा द्वारा हेल्थकेयर सेजेस जशपुर के विद्यार्थियों द्वारा रोबोट के माध्यम से यातायात के दौरान दुर्घटना से बचाव,शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई विद्यालय जशपुर की श्रुति डहरे, सरस्वती और भूमिका डहरे ने थ्री डी प्रिंटर के माध्यम से कलात्मक प्रिंट तैयार करने, हाइट फाइंडर के माध्यम से ऊंचाई नापने की जानकारी दी।
शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल चराई डाँड़ के विद्यार्थियों ने ड्रिप सिंचाई, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय गम्हरिया द्वारा मशरूम उत्पादन की जानकारी दी गई। स्टाल में बाँस कला, माटी कला अंतर्गत सामग्री की जानकारी भी दी गई। मुख्यमंत्री ने स्टाल में मिली जानकारी को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि बच्चों की यह प्रतिभा जीवन में आगे बढ़ने के काम आएगी।
बीमारियों को बढ़ने से रोकना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती: स्वास्थ्य मंत्री
शादी के पहले जन्मकुंडली की तरह ही जेनेटिक कुंडली भी मिलाएं: श्री जायसवाल
आईआईटी भिलाई में आयोजित "हेल्थ इनोवेशन केयर इन छत्तीसगढ़" के दूसरे राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए स्वास्थ्य मंत्री
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल आज IIT भिलाई में आयोजित "हेल्थ इनोवेशन केयर इन छत्तीसगढ़" के दूसरे राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। इस कॉन्फ्रेंस में IIT, IIM, AIIMS, NIT और मल्टी नेशनल कंपनी के पदाधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल तक बेहतर मेडिकल सुविधा कैसे पहुंचे इस पर सकारात्मक चर्चा हुई। कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए सुझाव और तकनीक को लेकर चर्चा हुई जो आने वाले दिनों में राज्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे।
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए श्री जायसवाल ने कहा कि स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है जो इंसान के साथ ताउम्र जुड़ा रहता है , लिहाजा एक बीमारी को ठीक करना हे स्वास्थ्य नहीं है बल्कि व्यक्ति बीमार ही न हो यह ज्यादा आवश्यक है। ऐसी स्थिति लाने की लिए युवा पीढ़ी को शादी से पहले जन्म कुंडली ही नहीं बल्कि जेनेटिक कुंडली भी मिला लेनी चाहिए ताकि सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पूरी तरह से खत्म हो जाए।
श्री जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है और इसका लाभ भी दूरस्थ अंचल के लोगों को मिल रहा है। अंबिकापुर से उदयपुर तक ड्रोन चिकित्सा सेवा और रायपुर के मेकाहारा में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत नई तकनीक का ही उदाहरण है।
श्री जायसवाल ने भारत की अग्रणी संस्थाओं से कहा कि वो स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए तकनीक की खोज करें जिसके लिए राज्य सरकार का हर संभव सहयोग रहेगा। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए कार्य कर रही है जिसमें रायपुर और बिलासपुर में 700 बेड के अस्पताल तथा बस्तर और सरगुजा में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण की घोषणा शामिल हैं।
कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ धीरेंद्र तिवारी, IIT भिलाई के निदेशक प्रो.डॉ. राजीव प्रकाश , AIIMS रायपुर के कार्यकारी निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल , NIT रायपुर के निदेशक प्रो. एन. वी. रमन्ना राव सहित IIM रायपुर और स्टैनफोर्ड बायर्स सेंटर फॉर बायोडिजाइन के पदाधिकारी और IIT भिलाई के रिसर्च स्कॉलर्स उपस्थित थे।
सभी से इस मुहिम में जुड़ने की अपील की
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत अपनी जन्मभूमि बगिया में अपनी माताजी के सम्मान में पौधरोपण किया। उन्होंने शासकीय हाईस्कूल बगिया परिसर में रुद्राक्ष का पौधा रोपा। उन्होंने कहा कि इस अभियान अंतर्गत लगे पौधे जननी और जन्मभूमि के रिश्ते को एक नई पहचान देंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव में शामिल होने यहां पहुंचे थे। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय ने भी रुद्राक्ष का पौधा लगाया। वहीं प्रदेश के वित्त मंत्री और जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने आंवले का पौधा लगाया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मां के साथ रिश्ता अनमोल होता है। जिस प्रकार मां हमे जीवन देती है, हमारा पालन पोषण करती है, वैसे ही प्रकृति भी हमारे लिए जीवनदायिनी है। इसकी सुरक्षा और संवर्धन हमारी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस मुहिम से हम सभी को जुड़ते हुए पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान जरूर देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने सभी से "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत पेड़ लगाने आग्रह किया। साथ ही सभी से पौधों का संरक्षण हेतु संकल्प लेने कहा।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस मानसून में ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करें। अपने घर, आसपास के परिवेश, गांव और शहरों और जंगलों को खूब हरा-भरा बनाएं। इस अवसर पर रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री राधेश्याम राठिया, विधायक जशपुर श्रीमती रायमुनी भगत, विधायक पत्थलगांव श्रीमती गोमती साय, विधायक आरंग गुरु खुशवंत साहेब सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।