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मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया बनी लोगों का आशा का केंद्र
समस्या सुनते ही आधी रात की गई त्वरित निराकरण
मुख्यमंत्री साय का जताया आभार
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आम नागरिकों की समस्याओं को लेकर बेहद ही संवेदनशील है, यही वजह है कि लोक कल्याण के कार्यों में तेजी आई है तथा तत्काल समय पर समाधान भी मिल जाता है। आमजनों की समस्याओं के त्वरित निराकरण होने से लोगों में बहुत उत्साह है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकारी अमला आम आदमी को राहत पहुंचाने पूरी तरह से सक्रिय है। दिन हो या रात समय की परवाह किए बिना समस्या का त्वरित गति से निराकरण किया जाता है। बिजली की समस्या से जूझ रहे पत्थलगांव क्षेत्र के कुछ ग्रामीण इलाकों को आधी रात को भी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भेजे एक व्हाट्सऐप मैसेज से राहत मिल गई।
पत्थलगांव के सुरेशपुर, बहनाटांगर, सुसडेगा, मुड़ेकेला ग्रामीण क्षेत्र में बिजली समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों द्वारा गुरुवार की दरमियानी रात को मुख्यमंत्री कार्यालय में व्हाट्सअप मेसेज के जरिये बिजली गुल रहने सम्बन्धी समस्या की जानकारी दी गयी। कैंप कार्यालय के निर्देश पर आधी रात को बिजली कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र में बिजली सुधार कार्य करवाकर बिजली को सुचारू रूप से चालु किया गया। बगिया स्थित सीएम कैम्प कार्यालय के माध्यम से एक व्हाट्सअप मेसेज पर समाधान मिलने पर नागरिकों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताया है।
बगिया स्थित सीएम कैम्प कार्यालय में अब तक जशपुर सहित अन्य जिलों के बिजली व्यवस्था, राशन व्यवस्था, स्वास्थ्य लाभ, दिव्यांग व बुजुर्ग पेंशन संबंधित एव अन्य समस्त समस्याओं के समाधान की आस लेकर पहुंचने वाले हजारों लोगों को अब तक तत्काल राहत पहुंचाई जा चुकी है। गौरतलब है की मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के नागरिकों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई है की आम नागरिक अपनी समस्या के समाधान के लिए सीएम कैम्प कार्यालय के टोल फ्री नंबर 07764-250061, 07764-250062, 07764-250068 पर घर बैठे कॉल कर सकते हैं। कॉल करने पर उनकी समस्या का समाधान के लिए तत्काल कार्यवाही की जाती है।
पहाड़ी कोरवा बस्ती में जनमन शिविर का आयोजन
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इन परिवारों के लिए आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और आधार कार्ड बनवाने के साथ-साथ उनकी स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में जशपुर जिले के बगीचा विकास खंड के ग्राम पंचायत बालादरपाठ में जनमन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें इन परिवारों की समस्याओं का समाधान किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों के आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए हमारी सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है और विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता को बढ़ाकर उनके स्वास्थ्य में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, आजीविका के नए अवसरों के सृजन के लिए कृषि और अन्य छोटे व्यवसायों के लिए सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे इन परिवारों की आय में वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पहाड़ी कोरवा परिवारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। साथ ही, इनकी सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर को संजोने और उसे बढ़ावा देने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
प्रथम चरण में 189.43 किमी की 51 सड़कों का निर्माण शुरू
द्वितीय चरण में केन्द्र सरकार को 40 नवीन सड़कों के निर्माण का भेजा गया प्रस्ताव
रायपुर / शौर्यपथ / केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पहुंचविहीन पीवीटीजी बसाहटों को पक्की संपर्क सड़कों के जरिए मुख्य रास्तों से जोड़ा जा रहा है। पीएम जनमन के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से पक्की सड़कों का निर्माण कर विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों वाले बसाहटों के 100 या अधिक की आबादी वाली प्रत्येक बसाहट के लिए सड़क कनेक्टिविटी के माध्यम से मजबूत किया जा रहा है। इन सड़कों से आवागमन सुलभ होने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा, दैनिक कामकाज के लिए गांव से शहर आवागमन की बेहतर सुविधा लोगों को मिलेगी।
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से प्रथम चरण में जिला सरगुजा में 189.43 किमी कुल लंबाई की 51 सड़कों की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसमें से 47 सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। सड़क निर्माण हेतु की कुल स्वीकृत राशि 157.17 करोड़ रुपए है। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के द्वारा ये सड़कें जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा की 54 बसाहटों से जुड़ेंगी, जिसकी स्वीकृति छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदान की गई है।
कार्यपालन अभियंता पीएमजीएसवाई ने बताया कि द्वितीय चरण में 148.99 किमी लंबाई की 40 नवीन सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। इसमें प्रमुख रूप से उदयपुर विकासखंड में बकोई से भेलवाडांड 10.15 किमी, टी 01 भकुरमा रोड से बुले केदमा 9.82 किमी की सड़क को प्रस्ताव में शामिल किया गया है। अंबिकापुर में राम नगर से लुकुम घुटरा 4.92 किमी, मोहनपुर से कोरवा पारा 2.81 किमी, पंपापुर से हर्राघाट 3.42 किमी, लुण्ड्रा विकासखंड में डकई से डकई बेवरा 4.33 किमी, जरकेला से चेउरपानी 4.02 किमी, चित्तपुर से चेउरपानी 3.60 किमी, अजिरमाकला से मांझा बेवरा 3.50 किमी सड़क निर्माण किया जाना है।
इसी तरह सीतापुर विकासखंड में रजपुरी से बिजली चट्टान 5.90 किमी, बंशीपुर से अमगोड़हा 3.83 किमी, बतौली में टीरंग से इमलीटीकरा 7.00 किमी, घोघरा से परसाढाब 6.80 किमी, बांसाझाल से कदमहुआ 6.60 किमी, नकना से पहाड़पारा 6.30 किमी, बांसाझाल से आमपानी 5.50 किमी, टीरंग से खूंटापानी 5.30 किमी सड़क निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। इसी प्रकार सरमना से कोईलारढोंढी 4.00 किमी, विकासखंड लखनपुर में बेलदगी से मुड़ापारा 1.22 किमी तथा विकासखंड मैनपाट में कतकालो से लोटापानी 8.13 किमी, सुपलगा से हसियाखार 4.23 किमी, कदनई से सेमिडीह 4.20 किमी, पेंट से डाहुझरिया 3.00 किमी, कोट से गटीकोना 4.00 किमी सहित पूरे जिले में सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है।
रायपुर / शौर्यपथ / राजनांदगांव जिले के बागतराई गांव के सभी घरों में अब नल के जरिए शुद्ध पेयजल पहुंचने लगा है। इससे गांवों की महिलाओं ने खुशी का माहौल है। पानी की व्यवस्था के लिए न उन्हें अब हैण्डपंप चलाने की झंझट रही, न ही कुंए से पानी निकालने की मशक्कत। बागतराई के ग्रामीण परिवारों को यह सुविधा जल जीवन मिशन के माध्यम से सुलभ हुई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों के प्रत्येक घर में नल से जल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। बागतराई के हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए 240 मीटर डिस्ट्रीब्यूशन एवं 4600 मीटर राइजिंग मेन पाइप लाइन बिछायी गई है। इससे गांव के 242 परिवारों को नल कनेक्शन से शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने लगा है।
बागतराई निवासी श्रीमती रश्मि राजपूत अपने घर में नल से जल की आपूर्ति पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि सरकार ने हम ग्रामीणों को बहुत बड़ी सुविधा उपलब्ध करा दी है। अब गांव के सभी घरों में नल से पानी आने लगा है। श्रीमती रश्मि ने बताया कि उनके विवाह को 11 वर्ष हो चुका है। उन्होंने यह नहीं सोचा था कि कभी उनके घर में नल लगेगा और पानी आएगा। लेकिन यह आज हकीकत बन गया है। श्रीमती रश्मि ने बताया कि पूर्व में कुएं, हैंडपंप और तालाब से पानी भरना पड़ता था, जिसमें मेहनत और काफी समय लगता था। सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल लगाकर पेय जल की समस्या का स्थायी निदान कर दिया है। उन्होंने गांव के प्रत्येक घर में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी और प्रदेश के मुखिया श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया है।
124 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए
आवेदन पर तत्काल निराकरण की कार्यवाही कर रहा है विद्युत विभाग
लोगों ने मुख्यमंत्री सहित शासन-प्रशासन को दिया धन्यवाद
जशपुरनगर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप जिले में विकास कार्यों की रूपरेखा बना कर योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्यवन किया जा रहा है। आम लोगों के जीवन से जुड़ी सुविधाएं एवं समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री के गृह निवास बगिया में मुख्यमंत्री कार्यालय कैंप की स्थापना इसी दिशा में उठाया गया कदम हैं। जहां लोगों की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाता है।
जशपुर जिला हाथी विचरण क्षेत्र हैं। जिले के दूरस्थ अंचलों में भी बिजली की संचालन निर्बाध रूप से हो इसके लिए विद्युत विभाग दिन हो या रात लगातार कार्य कर रहा है। आम लोगांे के आवेदन पर विभाग का अमला तत्कार संज्ञान लेकर काम में जुट जाता है। विद्युत विभाग बारिश हो या अंधड़, पेड़ का बिजली के तारों या खंभों में गिरने जैसी चुनौतियों का लगातार सामना करते हुए बिजली की सुविधा उपलब्ध करा रही है। विभाग के द्वारा पिछले लगभग 9 महीने में जशपुर जिलें में 578 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं और 124 नया ट्रांसफार्मर नया लगाया गया है। इसके साथ ही विभाग द्वारा नई लाईन बिछाने, केबल, ग्रिप चेंज आदि कार्य भी सतत रूप से किया जा रहा है।
विद्युत विभाग के द्वारा जिलें के विकासखंडों सहित इसके अंतर्गत आने वाले गांवों में विद्युतिकरण कार्य एवं इसके संचालन में आने वाले बाधाओं को तत्काल निराकरण किया जा रहा है। विभाग के द्वारा बिजली की लोड केपिसिटी के हिसाब से 578 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं। जिनमें बगीचा विकासखंड में 42 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं। इसी तरह दुलदुला विकासखंड में 45, जशपुर विकासखंड में 50, कुनकुरी विकासखंड में 106, मनोरा में 29, सन्ना में 42, पत्थलगांव में 144, कांसांबेल में 55 एवं फरसाबहार में 65 ट्रांसफार्मर बदले गए हैं।
इसी तरह जिले के आठों विकासखंड में 124 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। जिसमें 100 केव्हीए का 16 ट्रांसफार्मर, 63 केव्हीए का 77 ट्रांसफार्मर और 25 केव्हीए का 31 ट्रांसफार्मर लगाया गया है। शहरों के साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था के निर्बाध रूप से संचालन से लोगों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री सहित शासन-प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं।
स्वाभिमानी और स्वावलंबी युवाओं से भारत बनेगा ग्लोबल पावर: वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने आज यहां नवा रायपुर स्थित आईटीएम यूनिवर्सिटी में एरीज एग्रो लिमिटेड के सहयोग से स्थापित आईटीएम ड्रोन ट्रेनिंग एकादमी का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्वाभिमानी और स्वावलंबी युवाओं से भारत ग्लोबल पावर बनेगा।
वित्त मंत्री चौधरी ने ड्रोन एकादमी के पहले बैच में प्रशिक्षण ले रहे ड्रोन दीदी और ड्रोन पायलट को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार के हाल के बजट में इंटर्नशिप के लिए विशेष प्रावधान किये गए हैं ताकि देश के एक करोड़ से ज्यादा यूथ इंटर्नशिप लेकर देश में मैनपावर की कमी दूर कर सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया का 20 प्रतिशत युवा भारत में हैं और दुनिया को काम करने वालों की जरुरत है। यहाँ सात दिन की ड्रोन ट्रेनिंग कैरियर के लिए ज्यादा कारगर हो सकता है। उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं के दीर्घकालीन सफलता में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी पर जोर दिया।
आईटीएम ड्रोन ट्रेनिंग एकादमी को छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहले ड्रोन ट्रेनिंग एकादमी बनने का गौरव प्राप्त हुआ है जो महज सात दिनों के प्रशिक्षण में ड्रोन दीदी और ड्रोन पायलट तैयार करेगा जो डीजीसीए सर्टिफाइड पायलट कहलाएंगे। आईटीएम यूनिवर्सिटी कैंपस में उद्घाटन समारोह में डायरेक्टर जनरल सुश्री लक्ष्मी मूर्ति ने मुख्य अतिथि वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी और विशेष अतिथि के रूप में मौजूद एरीज एग्रो लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राहुल मीरचंदानी का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
डायरेक्टर जनरल सुश्री लक्ष्मी मूर्ति ने कहा कि आईटीएम यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेशन के अलावा ड्रोन टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता लाने बहुत जल्द डिग्री एवं मास्टर प्रोग्राम भी प्रारंभ करेगा ताकि प्रदेश के युवाओं को इसका हरसंभव लाभ मिल सकें। एरीज एग्रो लिमिटेड के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राहुल मीरचंदानी ने कहाकि ड्रोन तकनीकों का कृषि में इस्तेमाल करने से किसानों की कई समस्याएं दूर होंगी। समय और मजदूर काम लगने के साथ ड्रोन से पानी की भी बचत होगी और फसलों की पैदावार दोगुनी होगी।
इसके पश्चात ड्रोन अकादमी में ड्रोन अकादमी के डायरेक्टर निलेश कोकाटे ने वित्त मंत्री सहित सभी अतिथियों को अत्याधुनिक ड्रोन से जुड़ी तकनीकी जानकारी दीं। इस कार्यक्रम में एरीज एग्रो लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट डी. के. तिवारी, कार्यक्रम संयोजक मितुल कोठारी, छत्तीसगढ़ स्टेट इंचार्ज रवि मिश्रा, कामर्शियल मैनेजर अनुपम पांडेय, मार्केटिंग मैनेजर उमेश कुमार मिश्रा, दिवेश कुमार यादव, रजिस्ट्रार सौरव चटर्जी सहित अन्य मौजूद थे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गई ‘नियद नेल्लानार योजना’ (आपका अच्छा गांव योजना) के तहत नारायणपुर जिला प्रशासन ने पहली बार सुदूरवर्ती ग्राम मोहंदी में शिविर का आयोजन किया। इस योजना के अंतर्गत माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में 14 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिनके पांच किलोमीटर की परिधि में बसे गांवों में 25 से अधिक मूलभूत सुविधाएं और 32 व्यक्ति मूलक योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिलाया जा रहा है।
नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखंड में ग्राम पंचायत कुतुल के आश्रित ग्राम मोहंदी में आयोजित राजस्व पखवाड़ा शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। शिविर में जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र और वृद्धा पेंशन योजना वन अधिकार पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का वितरण किया गया और आवेदन लिया गया। शिविर में 12 जाति प्रमाण पत्र, 15 निवास प्रमाण पत्र, 12 आय प्रमाण पत्र, 16 जन्म प्रमाण पत्र और 26 आधार कार्ड हेतु आवेदन प्राप्त हुए साथ ही शिविर में 16 जन्म प्रमाण पत्र, एक मृत्यु प्रमाण पत्र और 3 वृद्धा पेंशन योजना के प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। यह नियद नेल्लानार योजना माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं से लोगों को लाभ पहुंचाने के मुख्यमंत्री के संकल्प को साकार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। शासन का यह प्रयास सुदूर वनांचल के ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
रायपुर / शौर्यपथ / जनसमुदाय तक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधित व्यापक प्रचार प्रसार एवं प्रभावी व्यवहार परिवर्तन हेतु जनआंदोलन के रूप में प्रतिवर्ष के भाँति इस वर्ष भी ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह‘‘ का अयोजन 01 से 30 सितम्बर 2024 तक किया जाना है। महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक सुश्री तुलिका प्रजापति ने समस्त कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र लिखकर ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह 2024‘‘ के सफल आयोजन के लिए निर्देशित किया है।
राज्य द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के दौरान मुख्य रूप से एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर प्रशासन, पारदर्शिता और कुशल सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकी, समग्र पोषण के थीम पर विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जानी है। सुश्री प्रजापति ने पोषण माह के प्रभावी सुचारू एवं परिणाम मूलक आयोजन एवं गतिविधियों के आयोजन में सम्मानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि, सहयोगी विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी, महिला स्व-सहायता समूहों, महिला मण्डली, नेहरू युवा केन्द्रों, नेशनल कैडिट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना आदि की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। पूर्व वर्षों में राज्य में आयोजित पोषण माह, पोषण पखवाड़ा में विभिन्न सहयोगी विभागों एवं डेव्हलेपमेंट संस्थाओं का सक्रिय एवं परिणाममूलक सहयोग प्राप्त होता रहा है। इस वर्ष भी विभिन्न सहयोगी विभागों के मैदानी अमले के मध्य प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए जिला, विकासखण्ड, ग्राम स्तर एवं प्रत्येक केन्द्र स्तर पर पोषण माह का आयोजन किया जाना है। पोषण माह 2024 का मुख्य उद्देश्य पोषण पंचायतों को सक्रिय करना है, इस हेतु ग्राम स्तर पर सरपंच एवं ग्राम पंचायतों को गतिविधियों का आधार बनाते हुए जनआंदोलन को जनभागीदारी के रूप में परिवर्तित करना है।
राष्ट्रीय पोषण माह 2024 अंतर्गत 01 सितम्बर से 30 सितम्बर 2024 तक प्रतिदिन आयोजित किए जाने वाले गतिविधि कैलेण्डर एवं सहयोगी विभागों की कार्य दायित्व की कार्ययोजना तैयार की गयी है। पोषण माह के दौरान की जाने वाली समस्त गतिविधियों को जन आंदोलन के डैशबोर्ड पोर्टल पर अनिवार्यतः प्रतिदिन प्रविष्ठी किया जायेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में 1360 करोड़ रूपए की लागत के भालुमुड़ा-सारडेगा रेल परियोजना की स्वीकृति मिलने पर प्रदेशवासियों को दी बधाई
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में 1360 करोड़ रूपए लागत की भालुमुड़ा-सारडेगा रेल परियोजना की मंजूरी मिलने पर छत्तीसगढ़वासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में स्थित भालुमुड़ा से ओड़िसा के सारडेगा तक 37 किलोमीटर नई दोहरी रेल लाइन की मंजूरी दिए जाने से छत्तीसगढ़ में मौजूदा रेल नेटवर्क का विस्तार होने के साथ ही बड़ी संख्या में प्रदेशवासियों की देश के अन्य क्षेत्रों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का विकास होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के भालुमुड़ा से ओडिसा के सारडेगा तक 37 किलोमीटर नई दोहरी रेल लाइन परियोजना से 25 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन होगा और 84 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी जो 3.4 करोड़ वृक्षों के रोपण के तुल्य है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। उन्होंने कहा कि नई रेल लाइन की स्वीकृति से छत्तीसगढ की देश के अन्य राज्यों से सीधी कनेक्टिविटी बनेगी, आवागमन में सुधार होगा तथा भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा संबंधी विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने आज रेल मंत्रालय की लगभग 6,456 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे 4 राज्यों के 7 जिलों में लागू की जाने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 300 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। इन परियोजनाओं से दूर-दराज़ के इलाकों को आपस में जोड़कर लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार लाने, मौजूदा लाइन क्षमता बढ़ाने और परिवहन नेटवर्क का विस्तार करने के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा जिससे तेजी से आर्थिक विकास होगा। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर बेहद जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
रायपुर / शौर्यपथ / बलौदाबाजार जिले के सुदूर अंचल में स्थित ग्राम बल्दाकछार में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति कमार महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना बड़ी खुशी लेकर आई है। महतारी वंदन योजना ने यहाँ के बांस शिल्प कला में नई जान डाल दी है। महतारी वंदन योजना से मिले पैसों से यहां की महिलाओं को बांस शिल्प कला को नई पहचान दिलाने का मौका मिल रहा है और उन्हें स्वरोजगार से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त होने में भी मदद मिल रही है।
बल्दाकछार के कमारपारा में निवासरत श्रीमती चांदनी बाई कमार ने बताया कि वह परंपरागत रूप से बांस शिल्प की कला कृति बनाकर एवं कृषि के समय कृषक मजदूरी का कार्य करके जीवकोपार्जन करती है। पहले वह आर्थिक तंगी के कारण बांस शिल्प बनाने के लिए बांस नहीं खरीद पाती थी पर अब उन्हें महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह 1 हजार रूपये मिलते है, जिसका उपयोग वह बांस खरीदने में करती है। वह झेंझरी, सुपा, पर्रा, टुकनी सहित अन्य सजावटी वस्तुएं अधिक संख्या में बना पाती है, जिसे बेचकर उन्हें अच्छी खासी आमदनी मिल रही है। श्रीमती चांदनी ने महतारी वंदन योजना के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इसकी राशि बढ़ाने के लिए आग्रह की है। उसी गांव कि श्रीमती ममता कमार भी महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग बांस शिल्प एवं अपनी बच्ची 1 वर्षीय लवली कमार के शिक्षा के लिए बचत कर रही है। महतारी वंदन योजना से हर माह मिलने वाली राशि उनके लिए बहुत बड़ा सहारा है। छत्तीसगढ़ की परंपरा रही है कि यहां बेटियों को अगाध स्नेह और सम्मान दिया जाता है। बेटियों का हर घर में विशेष स्थान होता है। तीज- त्यौहारों में बेटियों और बहनों को स्नेह से भेंट और राशि दी जाती है। इसी के तहत संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने माताओं-बहनों को त्यौहार पर यह उपहार भेंट की है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशानुसार राज्य में मजबूत अधोसंरचना निर्माण के लिए सड़कें, पुल-पुलिया के साथ ही स्कूल, छात्रावास सहित अन्य शासकीय भवनों के निर्माण आदि के लिए राज्य शासन द्वारा लगातार स्वीकृति दी जा रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर ही जशपुर क्षेत्र के लिए 15 विभिन्न सड़कों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जशपुर क्षेत्र में भुड़केला से लवानदी तक 2.10 किमी की लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 38 लाख 77 हजार रूपए, बालाछापर-आरा-सकरडेगा मार्ग से छोटा बनई पहुंच मार्ग 2.40 किमी निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 57 लाख 84 हजार रूपए, बघियाकानी से शिवमंदिर तक मार्ग लंबाई 0.60 किमी निर्माण कार्य हेतु 87 लाख 21 हजार रूपए, ठेठेटांगर से बरंगजोर मार्ग 1.18 किमी निर्माण कार्य हेतु 1 करोड़ 44 लाख 89 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसी प्रकार एस.एच.17 में 15/10 से घुईडांड मार्ग 1.70 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ 93 लाख 06 हजार रूपए, गड़ाकटा-दुलदुला मार्ग के किमी 10/4 से ग्राम रजौटी पहुंच मार्ग लंबाई 1.68 किमी. निर्माण कार्य हेतु 1 करोड़ 87 लाख 33 हजार रूपए, कंदाडोड़हा से घुमरा पहुंच मार्ग लंबाई 0.80 किमी निर्माण कार्य हेतु 78 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसी तरह मयाली रिसोर्ट से देवबोरा बस्ती पहुंच मार्ग 1.26 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 1 करोड़ 27 लाख 41 हजार, बालाछापर-आरा-सकरडेगा मार्ग से कारीताला 2.00 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 25 लाख 71 हजार रूपए, खरवाटोली से बांधाटोली 2.00 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 33 लाख 99 हजार रूपए, बेलसोंगा से रनपुर पहुंच मार्ग लंबाई 1.38 किमी निर्माण हेतु 01 करोड़ 70 लाख 95 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी प्रकार मुख्यमार्ग सिंगीबहार से रघराटोली 1.12 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 01 करोड़ 88 लाख 36 हजार रूपए, डिपाटोली (सिंगीबहार) से धवईटोली तक 1.36 किमी लंबी सड़क निर्माण हेतु 02 करोड़ 03 लाख 95 हजार रूपए, बहराखैर से जुड़वाईन लंबाई 1.63 किमी निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 29 लाख 96 हजार रूपए एवं जशपुर के एन.एच. 73 खड़सा से कोमड़ो तक 1.94 किमी लंबी सड़क निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 45 लाख 68 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया
कोरबा से अम्बिकापुर और गढ़चिरौली से बीजापुर होते हुए बचेली तक दो नयी रेल लाइन का होगा अंतिम सर्वे
रेल मंत्रालय ने 670 किलोमीटर लंबी 2 नई रेल लाइन परियोजनाओं के अंतिम सर्वे और डीपीआर निर्माण के लिए दी 16.75 करोड़ रूपये की स्वीकृति
बस्तर और सरगुजा अंचल के विकास को मिलेगी गति
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में दो नई रेल लाइन परियोजनाओं के अंतिम सर्वे और डीपीआर निर्माण की स्वीकृति मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे छत्तीसगढ़ का रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और अधिक मजबूत होगा।
गौरतलब है कि रेल मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ में दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के अंतर्गत 16 करोड़ 75 लाख रूपये लागत की कुल 670 किलोमीटर लंबी 2 नई रेल लाइन परियोजनाओं के अंतिम सर्वे और डीपीआर निर्माण की स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन दो रेल लाइन परियोजनाओं में से गढ़चिरौली से बीजापुर होते हुए बचेली तक 490 किलोमीटर की नई रेल लाइन के सर्वे को मिली स्वीकृति बस्तर के सर्वसमावेशी विकास की गति को कई गुना बढ़ाने वाली है। इसके सर्वे के लिए रेल मंत्रालय ने 12 करोड़ 25 लाख रूपये स्वीकृत किये हैं। इससे बस्तर के सुदूर अंचल के लोग उच्च शिक्षा, रोजगार, बेहतर स्वास्थ्य और अपने उत्पादों की बिक्री के लिए रेलमार्ग से सीधे शहर से जुड़ेंगे। समूचा बस्तर क्षेत्र विकास के उच्च आयामों को छुएगा।
वहीं कोरबा से अंबिकापुर तक 180 किलोमीटर की नई रेल लाइन के सर्वे को मिली स्वीकृति कोरबा और सरगुजा के सर्वसमावेशी विकास की गति को कई गुना बढ़ाने वाली है। इसके सर्वे के लिए रेल मंत्रालय ने 4 करोड़ 50 लाख रूपये स्वीकृत किये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में रेल सुविधा के क्षेत्र में इन दोनों सर्वे को मिली स्वीकृति क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी, जिससे बस्तर और सरगुजा संभाग में रेल्वे सहित सभी क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। साथ ही इनसे हजारों-लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
*बायो-मेट्रिक्स प्रणाली के माध्यम से मदिरा दुकानों में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य*
रायपुर । शौर्यपथ । सचिव सह आबकारी आयुक्त श्रीमती आर.संगीता ने मंत्रालय महानदी भवन में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) के स्टूडियों से प्रदेश की मदिरा दुकानों में बायो मेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली का शुभारंभ किया। बायो-मेट्रिक्स प्रणाली के माध्यम से मदिरा दुकानों में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा।
वर्चुवली माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त 33 जिलों के अधिकारी एवं मदिरा दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों को मंत्रालय के एन.आई.सी. स्टूडियों से कनेक्ट किया गया। सचिव, आबकारी द्वारा कार्यक्रम के दौरान जिला बिलासपुर, रायपुर, मुंगेली, कोण्डागांव, रायगढ़, सारगंढ़-बिलाईगढ़, कबीरधाम, नारायणपुर के आबकारी अधिकारियों एवं चयनित दुकानों में पदस्थ कर्मचारियों से आधार सक्षम बायो मेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली के संबंध में चर्चा की गई। मंत्रालय से कनेक्टेड समस्त जिलों के मदिरा दुकानों के कर्मचारियों द्वारा अपनी उपस्थिति नवीन स्थापित प्रणाली के माध्यम से दी गई। रायगढ़ जिले में इस प्रणाली को स्थापित करने के लिए जिले के विभागीय अधिकारियों की सराहना की गई। बायो मेट्रिक्स के माध्यम से उपस्थिति लिए जाने से एक ओर मदिरा दुकानों की अनियमितता पर नियंत्रण किया जा सकेगा, साथ ही कार्यरत कर्मचारियों का हित भी होगा। जिस व्यक्ति की नियुक्ति जिस मदिरा दुकान हेतु की गई है, वह उसी दुकान पर कार्य कर सकेगा। उपस्थिति के समय का पालन किया जा सकेगा। नियुक्त व्यक्ति की मदिरा दुकान में उपलब्धता सुनिश्चित होगी तथा किसी भी प्रकार की अनियमितता पर जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जा सकेगी। प्रत्येक कर्मचारी की उपरोक्त प्रक्रिया से उपस्थिति ली जाने से उसके संबंध में प्रतिदिन की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध होगी जिससे वेतन तैयार किए जाने, ओवरटाईम के समय का निर्धारण, अवकाश दिवसों की गणना इत्यादि का कार्य त्वरित रूप से किया जा सकेगा। इसी अनुक्रम में ई.पी.एफ., ई.एस.आई.सी. की राशि की भी गणना किए जाने में आसानी होगी। इस प्रकार की गणना से वेतन हेतु लगने वाले समय में कमी होगी तथा कर्मचारियों का निर्धारित समय पर प्राप्त होने वाली सम्पूर्ण राशि का भुगतान संभव हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की समस्त देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन राज्य शासन के सार्वजनिक उपक्रम ’छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन’ द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश में मदिरा दुकानों के संचालन में सुधार के लिए मदिरा दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों को यूनिफार्म प्रदान किया जाना, फोटो युक्त आई. डी. कार्ड प्रदान करना, ओवरटाइम कार्य करने पर निर्धारित दर से भुगतान किया जाना, दुकानों में मांग अनुसार मदिरा उपलब्ध कराना आदि नवाचार किए गए है।
सुधारों की श्रंृखला में एक बड़ा सुधार आधार सक्षम बायो मेट्रिक्स उपस्थिति प्रणाली का शुभारंभ किया जाना है। प्रदेश में आज से समस्त मदिरा दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों की उपस्थिति बायो-मेट्रिक्स के माध्यम से लिया जाएगा। इस पद्धति में प्रदेश की समस्त मदिरा दुकानों के अक्षांश और देशांतर का उपयोग करते हुए मोबाइल एप के माध्यम से कर्मचारियों की उपस्थिति ली जावेगी। तैयार एप के माध्यम से समस्त कर्मचारियों के चेहरे की पहचान कर उपस्थिति दर्ज होगी। इस हेतु प्रदेश की मदिरा दुकानों में कार्यरत समस्त कर्मचारियों का ’आधार’ आधारित फेस रिकग्निशन पंजीयन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश की कुल 672 मदिरा दुकानों में कुल 5738 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो सीधे इस सुविधा से लाभांवित होंगे तथा विभाग के लिए भी मदिरा दुकानों का उचित नियंत्रण संभव हो सकेगा।
कार्यक्रम के दौरान प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कार्पाेरेशन एवं छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन लिमिटेड श्री श्याम लाल धावड़े, विशेष सचिव आबकारी श्री देवेन्द्र भारद्वाज, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) के वरिष्ठ अधिकारी श्री टी.एन. सिंह एवं श्री शिशिर रायजादा एवं आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हथकरघा में हुनरमंद हो रही महिलाएं और बालिकाएं
विभिन्न ट्रेड में ले रही प्रशिक्षण
रायपुर । शौर्यपथ । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में बस्तर संभाग के माओवादी आतंक से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक तरफ सुरक्षा कैंपों की सख्या बढ़ायी जा रही है। वहीं सुरक्षा कैंपों के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए नियद् नेल्लानार जैसी नवाचारी योजनाओं की शुरूआत की गई है। इस योजना के बेहतर और सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। लोगों का विश्वास फिर से शासन-प्रशासन के प्रति लौटने लगा है।
नियद नेल्लानार योजना से युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। युवा पढ़ाई के साथ साथ अपनी पसंद के ट्रेडस में प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया जा रहा है। बेहतर शिक्षा के साथ उनका कौशल उन्नयन किया जा रहा है। दंतेवाड़ा जिले में शासन की महत्वकांक्षी योजना ‘‘नियद नेल्लानार योजना‘‘ के तहत बासनपुर कैंप के अंतर्गत आने वाले ग्राम गामावाड़ा की 21 महिलाओं को आजीविका के नये संसाधनों से जोड़ने के लिए हथकरघा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत लाइवलीहुड कॉलेज में 12 छात्र भी एसोसिएट, डेस्कटॉप, असिस्टेंट, हैंड एंब्रॉयडरी, टू व्हीलर सर्विस असिस्टेंट ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे हैं। ज्ञात हो कि ’’नियद नेल्लानार योजना‘‘ एवं प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना के तहत जिले के बेरोजगार युवक-युवतियों को हुनरमंद बनाने के तहत विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण सत्र चलाये जा रहे हैं। यह एक ऐसा अवसर है जिसमें बेरोजगार युवक-युवतियां किसी भी टेªड में प्रशिक्षण लेकर स्वावलंबी बन सकते है।