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शौर्यपथ लेख । दुनिया में अगर अमीरों की गिनती की जाए तो बिल गेट्स का नाम सबसे ऊपर आता है किंतु बिल गेट्स ने भी यह मान लिया कि उनसे भी हमें कोई इस दुनिया में है । एक बार की बात है जब किसी ने "दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति बिल गेट्स से पूछा - 'क्या इस धरती पर आपसे भी अमीर कोई है ? बिल गेट्स ने जवाब दिया - हां, एक व्यक्ति इस दुनिया में मुझसे भी अमीर है। कौन -!!!!! बिल गेट्स ने बताया: एक समय मे जब मेरी प्रसिद्धि और अमीरी के दिन नहीं थे
मैं न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर था.. वहां सुबह सुबह अखबार देख कर, मैंने एक अखबार खरीदना चाहा,पर मेरे पास खुदरा पैसे नहीं थे.. सो, मैंने अखबार लेने का विचार त्याग कर उसे वापस रख दिया.. अखबार बेचने वाले लड़के ने मुझे देखा, तो मैंने खुदरा पैसे/सिक्के न होने की बात कही.. लड़के ने अखबार देते हुए कहा - यह मैं आपको मुफ्त में देता हूँ
बात आई-गई हो गई.. कोई तीन माह बाद संयोगवश उसी एयरपोर्ट पर मैं फिर उतरा और अखबार के लिए फिर मेरे पास सिक्के नहीं थे।उस लड़के ने मुझे फिर से अखबार दिया, तो मैंने मना कर दिया। मैं ये नहीं ले सकता.. उस लड़के ने कहा, आप इसे ले सकते हैं, मैं इसे अपने प्रॉफिट के हिस्से से दे रहा हूँ
मुझे नुकसान नहीं होगा। मैंने अखबार ले लिया...... 19 साल बाद अपने प्रसिद्ध हो जाने के बाद एक दिन मुझे उस लड़के की याद आयी और कोई डेढ़ महीने खोजने के बाद आखिरकार वह मिल गया।
मैंने पूछा - क्या तुम मुझे पहचानते हो ? लड़का - हां, आप मि. बिल गेट्स हैं. गेट्स - तुम्हे याद है, कभी तुमने मुझे फ्री में अखबार दिए थे ? लड़का - जी हां, बिल्कुल.. ऐसा दो बार हुआ था.. गेट्स- मैं तुम्हारे उस किये हुए की कीमत अदा करना चाहता हूँ । तुम अपनी जिंदगी में जो कुछ चाहते हो, बताओ, मैं तुम्हारी हर जरूरत पूरी करूंगा.. लड़का - सर, लेकिन क्या आप को नहीं लगता कि, ऐसा कर के आप मेरे काम की कीमत अदा नहीं कर पाएंगे
गेट्स - क्यूं ..!!! लड़का - मैंने जब आपकी मदद की थी, मैं एक गरीब लड़का था, जो अखबार बेचता था.. आप मेरी मदद तब कर रहे हैं, जब आप इस दुनिया के सबसे अमीर और सामर्थ्य वाले व्यक्ति हैं फिर, आप मेरी मदद की बराबरी कैसे करेंगे...!!! बिल गेट्स की नजर में, वह व्यक्ति दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति से भी अमीर था, क्योंकि--- "किसी की मदद करने के लिए, उसने अमीर होने का इंतजार नहीं किया था "
अमीरी पैसे से नहीं दिल से होती है दोस्तों किसी की मदद करने के लिए अमीर दिल का होना भी बहुत जरूरी है। साभार
दुर्ग / शौर्यपथ / जीवन की चुनौतियों का सफलतलापूर्वक सामना करने की सीख हेतु शारदा विद्यालय रिसाली सेक्टर में 3 मई से 5 मई 2023 को ‘‘एडवेन्चर कैम्प’’ का आयोजन किया गया जिसमें शकुन्तला विद्यालय रामनगर और शारदा विद्यालय रिसाली सेक्टर के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया । कक्षा 5वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्रों ने पूरे साहस, उल्लास के साथ रस्सी पर चढ़ना, नदी पार करना, कमांडो जाल पर चढ़ना, तीरंदाजी, निशानेबाजी, जुमरिंग जियरिंग जिय लाइनिंग आदि कलाओं का प्रशिक्षण लिया व भरपूर अभ्यास किया ।
शिविर के अंतिम दिन 5 मई 2023 को शकुन्तला विद्यालय रामनगर में रात्रि शिविर ‘स्टारगेजिंग’ लगाया गया - जिसमें अन्य प्रकार की गतिविधियाॅं जैसे अलाव लगाना, तरह-तरह के खेल-कूद, चलचित्र (फिल्म दर्शन) के साथ विद्यार्थियों ने कैम्प में रात्रिवास का पूरा आंनद लिया । घर-अभिभावक से दूर, दोस्तों की संगति, नये अनुभव, शिक्षकों की मित्रवत् निगरानी की मौज-मस्ती से यह कैम्प पूर्ण हुआ ।
कैम्प का निरीक्षण करते हुए शकुन्तला गु्रप आॅफ स्कूल्स के डायरेक्टर संजय ओझा ने कहा - कि संस्था विद्यार्थियों के सर्वांगीण परिपक्वता पर गंभीरता से मंथन करता है, और जो उनकी आवश्यकता, रूचि कौशल-विकास व भावी जीवन के निर्माण में प्रभावी होता है उसपर निरन्तर प्रयास करता है । समय की मांग पर जिन-जिन कला-शिक्षा की आवश्यकता देखता है उसकी बेखटक पहल करता है । हमेशा नया व हितकारी करना हमारी योजना की दूरदृष्टि है ।
शिविर समापन के इस उत्सव पर विद्यालय के प्राचार्य विपिन कुमार (शकुन्तला विद्यालय), मैनेजर ममता ओझा (शारदा विद्यालय रिसाली सेक्टर), व्ही दुबे, अभय दुबे, प्राचार्य सुतापा सरकार (शारदा विद्यालय रिसाली सेक्टर), आरती मेहरा, उपप्राचार्य जी. रंजना कुमार, अनिता नायर, हेडमिस्टेªस पुष्पा सिंह, सीनियर मिस्टेªस रेन्जिनी एम. आर., बलजीत कौर एंव सीनियर एक्टिविटी इंचार्ज पूजा बब्बर, राजेश वर्मा, प्रतीक ओझा, वनिता ओझा ने भी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।
निगाहें भविष्य की ओर तैयारी आज से ..
दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग द्वारा दिनांक 29 अप्रैल 2023 को ग्राम खपरी सिलोदा में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य शिविर में ग्राम सरपंच श्री राजकुमार साहू एवम सीएसआर मेडिकल टीम से चिकित्सक श्रीमती डाॅ निशि मिंज, फार्मासिस्ट श्री खिलावन कुंभकार, ब्लड एवम बीपी परीक्षण के लिए श्रीमती फरीदा जोसेफ एवम पंजीयन श्री शम्भू तथा विभाग की ओर से श्री सोनी उपस्थित थे। शिविर में कुल, 40 मरीजों की जांच करके उनको दवाई वितरण किया गया। जिनमें 09 पुरुष, 19 महिला और 12 बच्चे शामिल थे।
दुर्ग / शौर्यपथ /
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवन एवं कोल केमिकल विभाग (सीओ एंड सीसीडी) ने 29 अप्रैल 2023 को एक दिन में 486 वैगनों की अब तक की सर्वश्रेष्ठ अनलोडिंग दर्ज कर, 27 फरवरी 2023 को दर्ज की गई 444 वैगनों की अनलोडिंग के रिकाॅर्ड को पीछे छोड़ा। 29 अप्रैल 2023 को ही वैगन टिपलिंग का एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया गया। कोक ओवन तथा टी एंड डी की टीम ने औसत शिफ्ट टिपलिंग के साथ एक दिन में 162 वैगनों की वैगन टिपलिंग का एक नया रिकॉर्ड बनाया।
30 अप्रैल 2023 को संयंत्र के कोक ओवन एवं कोल केमिकल विभाग ने 825 ओवन पुशिंग कर एक और नया रिकॉर्ड बनाया। जो 28 फरवरी 2023 को दर्ज 824 ओवन पुशिंग के पिछले रिकाॅर्ड से अधिक है। भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार सहित संयंत्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आज 1 मई 2023 को कोक ओवन का दौरा कर कोक ओवन बिरादरी को उनके नेतृत्व और संबंधित शाॅप्स तथा विभागों को उपलब्धियों के लिए बधाई दी।
संयंत्र की मर्चेंट मिल जो एंगल 75 प्रोफाइल के रोलिंग में नए रिकॉर्ड स्थापित कर रही है, ने 29 अप्रैल 2023 को 1675 बिलेट्स को 75 एमएम एंगल में 817 टन रोल कर एक नया शिफ्ट रिकॉर्ड बनाया। यह रिकाॅर्ड एक दिन पूर्व 28 अप्रैल 2023 को स्थापित पिछले सर्वश्रेष्ठ 1650 बिलेट्स के इसी प्रोफाइल के 804 टन रोलिंग से कहीं अधिक है।
दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र की स्टील मेल्टिंग शॉप-2 (एसएमएस-2) ने पहली बार, एलॉय स्टील प्लांट दुर्गापुर के लिए 20एमएनसीआर5 डीगैस्ड स्टील ग्रेड के ब्लूम्स की कास्टिंग कर एक और उपलब्धि दर्ज की है, जिससे एलॉय स्टील प्लांट से लंबे समय से लंबित आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है।
वर्ष 1985 में एसएमएस-2 में क्रूड स्टील का उत्पादन शुरू हुआ। एसएमएस-2 को संयंत्र के 4 मिलियन टन विस्तारीकरण के अंतर्गत चालू किया गया था। एसएमएस-2 अपने कंटीन्यूअस कास्टिंग शॉप (सीसीएस) के कास्टर से कास्ट ब्लूम और कास्ट स्लैब का उत्पादन करता है। एसएमएस-2 से कास्ट स्लैब को प्लेट मील में रोलिंग कर प्लेट उत्पादन किया जाता है और संयंत्र के रेल और स्ट्रक्चरल मील में कास्ट ब्लूम्स को रोल कर रेल का उत्पादन किया जाता है।
ब्लूम कास्टर नंबर 5 शुरू से ही एसएमएस-2 का अभिन्न हिस्सा रहा है, जिसमें पहला ब्लूम 3 फरवरी 1985 को कास्ट किया गया था और तब से लेकर आज तक कास्टर-5 ने निरन्तर भारतीय रेलवे के मांग अनुसार आवष्यक गुणवत्ता को पूरा किया है। यह कास्टर हमेशा सभी कास्टर के बीच उत्कृष्ट रहा है और कास्टर का उपयोग हमेशा 95 प्रतिशत से अधिक रहा है। एक बार कास्टिंग शुरू हो जाने के बाद कास्टर को फ्लाइंग टंडिश के द्वारा लंबे क्रम तक जारी रखा जाता है और किसी तकनीकी समस्या की स्थिति में ही रोका जाता है। भारतीय रेलवे की आवश्यकतानुसार कास्टर को समय-समय पर उन्नत किया गया है, जिसमें ईएमएस सिस्टम, स्लैग डिटेक्शन सिस्टम और एएमएलसी शामिल हैं।
एसएमएस-2 सभी आयामों पर उत्कृष्टता के लिए निरंतर प्रयासरत रहा है। एलॉय स्टील प्लांट दुर्गापुर के लिए 20एमएनसीआर5 डीगैस्ड स्टील ग्रेड के ब्लूम्स की कास्टिंग कर एसएमएस-2 एक और उपलब्धि दर्ज की है, जिससे एलॉय स्टील प्लांट से लंबे समय से लंबित आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है।
मुख्य महाप्रबंधक (एसएमएस-2) श्री सुशांत कुमार घोषाल के नेतृत्व में एसएमएस-2 के कंटीन्यूअस कास्टिंग शॉप (सीसीएस) के संचालन (ऑपरेशन), मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल के अलावा इंस्ट्रूमेंटेशन ग्रुप, प्लांट्स रिसर्च एंड कंट्रोल लेबोरेटरी (आरसीएल), एसएमएस-2 में कन्वर्टर शॉप, एसबीएस, सेकेंडरी रिफाइनिंग यूनिट्स, केएमसी ग्रुप और प्रोटेक्टिव ग्रुप सहित सभी सहयोगी विभागों के अथक प्रयासों से इस उपलब्धि को प्राप्त करना संभव हो पाया।
उल्लेखनीय है कि 20एमएनसीआर5 डीगैस्ड स्टील ग्रेड के इन ब्लूम्स को ऑटोमोबाइल क्षेत्र में विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए सेल के एएसपी विशेष इस्पात संयंत्र में रोल किया जाएगा।
विशेष लेख।
पक्षी और इंसान एक दूसरे के पूरक है ।सृष्टि की उत्पत्ति के साथ ही यह बात उजागर होती रही है।बदलते दौर में बढ़ते कंक्रीट के जंगल, घटते वन और कीटनाशक दवाओं के उपयोग से पक्षी और इंसान दोनों संकट के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में इंसानों के सबसे करीब रहने वाली चिड़िया गौरैया भी घोर संकट से जूझते अपने अस्तित्व के संघर्ष की लड़ाई लड़ रही है
गौरैया की लुप्त होती स्थिति को उबारने के लिए पूरे विश्व में 20 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व गौरैया दिवस का आयोजन किया जाता है। अन्य राष्ट्रीय दिवस पर जैसे देश परिवेश परिवार के संरक्षण पर चर्चा होती है। उसी तरह 20 मार्च को गौरैया का कृषि, संस्कृति और प्रकृति से अटूट संबंधों पर भी व्यापक चर्चा होती रही है। वर्ष 2010 में पहली बार गौरैया दिवस मनाने की शुरुआत की गई ।दरअसल ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ऑफ वॉइस ने अपने शोध के आधार पर उजागर किया कि समूचे विश्व में गौरैया रेड लिस्ट की श्रेणी में आ गई है, अर्थात गौरैया का संकट अस्सी फ़ीसदी के करीब जा पहुंची है।
मानव जीवन में पक्षियों के कलरव ना होने से बढ़ती उदासी और व्याधियों ने चिकित्सा जगत को भी चिंता में डाल दिया है। सूरज के उगने के साथ ही शीतल हवा के झोंके और पक्षियों के कलरव से प्रतिदिन की शुरुआत करने वाला इंसान अब अपनी हर सुबह को उबाऊ और मन में भारीपन का बोझ लिए आरंभ करता है। क्योंकि गौरैया, फाख्ता, कोयल, कौवे,कबूतर, तोता की आवाज अब केवल रेडियो टीवी मोबाइल पर ही सुनने को मिलता है।
गौरैया इंसान के करीब रहने वाली सबसे लोकप्रिय पक्षियों में से एक है वह समूह में रहना सिखाती है। संघर्ष करते हुए तिनके तिनके को जोड़कर घर घोसला बनाना, परिवार बसाना सिखाती है। चोंच में दाना ले जा ले जा कर अपने नवजात पखेरू को पालते पूछते हुए परिवार में प्रेम की भावना को उजागर करती है।
अनादि काल से मानव समुदाय के परिवार का हिस्सा बनी हुई चिड़िया फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े मकोड़ों को खाकर, पके हुए फलों को खा कर उसके बीजों को दूर-दूर तक विकरित करने जैसे प्राकृतिक कार्यों का निष्पादन निशुल्क करती आ रही है।
पक्षियों के लुप्त होते वंश और कम होती संख्या का एक बड़ा दुष्परिणाम हमें वन और वनोपज की कमी को भी देखना पड़ रहा है।
20 मार्च गौरैया दिवस हमें सचेत कर रहा है की गौरैया के साथ-साथ अन्य पक्षी और पशुओं की सुरक्षा संरक्षण में ही मानव जीवन की भलाई है गौरैया दिवस पर अपने घर की मुंडेर में एक सुराही टांग दे पानी और धानी की व्यवस्था आंगन में कर दे तो गोरिया सहित अन्य पक्षी भी आपके आंगन में चलेंगे और आपको एहसास होगा कि परिंदे जिनके करीब होते हैं वह बड़े खुशनसीब होते हैं *विजय मिश्रा 'अमित'*
पूर्व अति महाप्रबंधक (जन )
अग्रोहा सोसाइटी रायपुर
रायपुर।शौर्यपथ।
शरीर में खून की कमी होना लोगों की आम समस्या बन गई है। यह विशेष रूप से छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है। खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा का एक स्तर से कम हो जाना चिकित्सीय भाषा में एनीमिया कहलाता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के 42 प्रतिशत बच्चे और 40 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिक हैं। इस प्रकार एनीमिया वर्तमान समय की एक गंभीर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है।
हीमोग्लोबिन, हीम अर्थात् आयरन और ग्लोब्यूलीन एक प्रोटीन से मिलकर बना होता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं का एक अत्यंत आवश्यक घटक है। शरीर में हीमोग्लोबिन की आवश्यकता ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए होती है। यदि रक्त में हीमोग्लोबिन बहुत कम हो या लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य हों, तो शरीर के ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है। इससे भूख नहीं लगना, थकान, कमजोरी, चक्कर आना और सांस की तकलीफ जैसे कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या उनमें हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक हीमोग्लोबिन की मात्रा व्यक्ति के उम्र, लिंग, निवास स्थल की ऊंचाई, शारीरिक अवस्था जैसे गर्भावस्था की स्थिति में भिन्न-भिन्न होती है। आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे आम प्रकार है जो मुख्य रूप से महिलाओं को प्रभावित करता है। रक्त की अधिक आवश्यकता के कारण हीमोग्लोबिन की कमी गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं पैदा कर सकता है। रक्त में हीमोग्लोबिन की सही मात्रा होने से बच्चे का उचित शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। शरीर चुस्त रहता है और मन में फुर्ती रहती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
ऽ त्वचा, चेहरे, जीभ एवं आँखों में लालिमा की कमी।
ऽ काम करने पर जल्दी ही थकावट हो जाना।
ऽ सांस फूलना या घुटन होना।
ऽ काम में ध्यान न लगना और बातें भूल जाना।
ऽ चक्कर आना।
ऽ भूख न लगना ।
ऽ चेहरे और पैरों में सूजन।
बच्चों, महिलाओं और गर्भवती स्त्रियों में एनीमिया के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। इन्हें जानकर दूर करने से एनीमिया से मुक्ति पाई जा सकती है।
ऽ जन्म के समय एनीमियाग्रस्त माता से।
ऽ जन्म के एक घण्टे में स्तनपान न कराए जाने से।
ऽ ऊपरी आहार बहुत जल्दी या देर से शुरू करना।
ऽ भोजन में आयरन तत्वों की कमी होना।
ऽ पेट में कीड़े होना।
ऽ साफ-सफाई की कमी होना।
ऽ भोजन में आयरन तत्वों की कमी होना।
ऽ माहवारी के दौरान ज्यादा खून बहने से।
ऽ गर्भावस्था के दौरान शरीर में अधिक आयरन की जरूरत के कारण।
ऽ कम उम्र में गर्भधारण।
ऽ दो बच्चों के जन्म के बीच में दो साल से कम अंतराल होने पर।
ऽ गर्भपात के कारण।
ऽ मलेरिया या पेट में कीड़ों के कारण।
ऽ पीने के पानी में फ्लोरोसिस की अधिक मात्रा होने पर।
ऽ साफ-सफाई की कमी होने पर।
ऽ बच्चे का मानसिक एवं शारीरिक विकास कम होना।
ऽ किसी काम में ध्यान नहीं लगा पाना।
ऽ मेहनत करने की क्षमता कम होना।
ऽ बीमारी से संक्रमण का खतरा बढ़ जाना।
ऽ माहवारी में अत्याधिक रक्तस्त्राव।
ऽ प्रसव के दौरान मृत्यु की संभावना।
ऽ नवजात बच्चे का कम वजन और खून की कमी होना।
ऽ स्वस्थ शरीर और तेज़ दिमाग के लिए सभी आयु वर्ग को आयरन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
ऽ सोयाबीन, काले चने और दालें जैसे मसूर, उड़द, अरहर, चना आदि को भोजन में प्राथमिकता दे।
ऽ पत्तेदार सब्जियाँ जैसे चौलाई, पालक, सहजन, सरसों, चना, अरबी, और मेथी के साग तथा प्याज की कली और पुदीना को दैनिक आहार में शामिल करें।
ऽ अन्य सब्जियाँ जैसे कच्चा केला, सीताफल आदि का सेवन करें।
ऽ रामदाना और तिल जैसे बीज खाएं।
ऽ मांसाहारी होने पर अण्डा, मीट, कलेजी, मछली आदि का सेवन करें।
ऽ आयरन युक्त भोजन के साथ विटामिन सी युक्त चीजें खाने से आयरन का बेहतर समावेश होता है। इसलिए खाने में पत्तागोभी, फूल गोभी, तरबूज, संतरा, नींबू, आंवला, टमाटर आदि खाएँ।
ऽ खमीर युक्त या अंकुरित आहार।
ऽ खून की कमी को रोकने के लिए चिकित्सक की सलाह से गर्भावस्था के महीने से 180 दिन (6 महीने) तक हर रोज आयरन की एक लाल गोली जरूर लें।
ऽ यदि आपको मितली आए या जी मिचलाए तो भी गोलियों को लेना जारी रखें, ये दुष्प्रभाव ज्यादा देर नहीं रहेंगे।
ऽ भोजन के लगभग एक से 2 घण्टे के बाद आयरन की गोली खाने से दुष्प्रभाव कम हो जाएँगे।
ऽ इसे कभी भी खाली पेट न लें। इसे दूध, चाय, कॉफी या कॅल्शियम की गोली के साथ भी न लें।
ऽ पेट के कीड़ों से बचाव हेतु एल्बेण्डाजोल की गोली गर्भधारण के दूसरी तिमाही में एक बार जरूर लें।
ऽ यदि थकान महसूस हो, काम में ध्यान न रहें, ज़रूरी बातें भूलने लगें या सांस फूलने लगे तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर एनीमिया की जाँच कराएँ एवं उपचार लें।
ऽ जंक फूड और तला हुआ आहार।
ऽ सोडा, चाय, कॉफी आदि।
ऽ नशीले पदार्थ।
बच्चों के शारीरिक विकास के लिए शरीर में हीमोग्लोबिन की सही मात्रा बहुत जरूरी है। शरीर में आयरन की आजीवन मात्रा बनी रहने के लिए जन्म के पहले 3 मिनट निर्णायक होते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जन्म के 3 मिनट बाद ही बच्चे की गर्भनाल काटने की सलाह दी जाती है। बच्चे के 6 महीने होने पर, ऊपरी आहार देने के साथ ही स्तनपान जारी रखना जरूरी होता है। बच्चों को मसला हुआ ऊपरी आहार, जैसे- दलिया, खिचड़ी, दही, केला, आम, सूजी की खीर आदि दें। आयरन युक्त भोजन के साथ समय पर बच्चों को आयरन की खुराक देना भी आवश्यक है। 6 महीने से अधिक आयु के बच्चे को पेट के कीड़ों से बचाव के लिए एल्बेण्डाजोल की गोली साल में दो बार खिलाएँ। हफ्ते में दो बार फोलिक एसिड सिरप की खुराक ज़रूर दें। इसी तरह स्वस्थ बच्चे और सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं में भी हीमोग्लोबिन का सही मात्रा में होना आवश्यक है। इसके लिए उन्हें चिकित्सीय परामर्श के अनुसार आयरन टैबलेट, एल्बेण्डाजोल की गोली और आयरन सिरप जरूर लेना चाहिए। ध्यान रखंे कि आयरन का सिरप कभी भी खाली पेट नहीं लें। आयरन सिरप व एल्बेण्डाजोल की गोली नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र और आँगनबाड़ी से निःशुल्क प्राप्त की जा सकती है। आयरन की गोली नियमित रूप से लेने पर जच्चा और बच्चा खून की कमी और इससे होने वाले खतरे से बच सकते हैं। इसी तरह धात्री महिलाएं भी प्रसव के 6 महीने तक नियमित आयरन की गोली लें।
नई दिल्ली। शौर्यपथ। जियो के पोर्टफोलियो में आपको कई रिचार्ज ऑप्शन मिलते हैं. कंपनी ने अब इसमें कुछ नए जोड़ दिए हैं. यानी Jio ने नए रिचार्ज प्लान्स लॉन्च किए हैं, जो फैमिली पैक के साथ आते हैं. अगर आप चार लोगों के लिए एक ही प्लान चाहते हैं, तो जियो ने नए रिचार्ज ऑप्शन्स का फायदा उठा सकते हैं. आइए जानते हैं इन प्लान्स की डिटेल्स
Jio ने अपना नया रिचार्ज प्लान पेश कर दिया है, जो फैमिली यूजर्स के लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. ब्रांड ने Jio Plus पोस्टपेड प्लान्स रिलीज किए हैं, जो 399 रुपये की शुरुआती कीमत पर आते हैं. इस प्लान में आप तीन अन्य यूजर्स को भी जोड़ सकते हैं. यानी एक ही रिचार्ज में चार लोगों का काम चलेगा.
वैसे तो 4 लोगों वाला जियो का पोस्टपेड प्लान पहले से मौजूद है, लेकिन उसकी कीमत ज्यादा है. वहीं इस रिचार्ज प्लान में यूजर्स को अपने हिसाब से कनेक्शन चुनने की आजादी भी मिलती है. यानी यूजर्स दो, तीन या चार कनेक्शन्स को एड ऑन कर सकते हैं. उन्हें इसी हिसाब से कीमत भी अदा करनी होगी.
Jio ने चार नए प्लान्स लॉन्च किए हैं, जिनकी कीमत 299 रुपये, 399 रुपये, 599 रुपये और 699 रुपये है. ये सभी प्लान्स 22 मार्च से कंज्यूमर्स के लिए उपलब्ध रहेंगे.
सेहत/शौर्यपथ /जब भी हमें कुछ मीठा खाने का मन करता है तो बाजार से मिठाई मंगा लेते हैं या फिर घर पर ही चीनी का इस्तेमाल करके एक अच्छी होम मेड मिठाई तैयार कर लेते हैं. जबकि मीठे की क्रेविंग शांत करने के लिए एक और चीज है जिसे हम खा सकते हैं वो है गुड़. जिसकी तरफ लोगों का ध्यान कम जाता है. यह आपके क्रेविंग को भी शांत करता है साथ में आपको कई तरीके से फायदा भी पहुंचाता है.
गुड़ खाने के क्या हैं लाभ
- सबसे पहले बात कर लेते हैं गुण के पोषक तत्वों के बारे में इसमें सोलेनियम, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम और पोटैशियम होता है. ये सारे तत्व सेहत के लिए लाभकारी होते हैं.
- ठंड के मौसम में लोग गरम तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं. वहीं, गुड़ की भी तासीर गरम होती है ऐसे में इससे बेहतर और सस्ता विकल्फ कुछ और नहीं हो सकता है.
- इसको खाने से आपके शरीर में गर्माहट तो बनी ही रहती है साथ में बॉडी का मेटाबॉलिज्म भी मजबूत होता है. ऐसे में इसे खाना पोषण से भऱपूर होता है. यहा आपके शरीर में आयरन की कमी नहीं होने देता है.
- क्योंकि इसमें कैल्शियम की मात्रा होती है इसलिए यह हड्डियों के लिहाज से बहुत अच्छा माना जाता है. इसलिए इसका सेवन करना अच्छा होता है.
- इसका सेवन सर्दी जुकाम को ठीक करने में भी मदद करता है. जब भी आपको बहुत ज्यादा जुकाम हो जाए तो काली मिर्च और गुड़ के साथ सेवन करना शुरू कर दीजिए. फिर देखिए कैसे आराम मिलता है. इसके अलावा यह आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करने का काम करता है.
सेहत /शौर्यपथ / भारत में मधुमेह रोगियों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. इसका कारण खराब लाइफ स्टाइल और अनुवांशिकी दोनों है. कुछ लोगों का ब्लड शुगर लेवल इतना बढ़ जाता है कि उसे कंट्रोल करना मुश्किल होता है. नौबत ये आ जाती है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है. अगर आपके घर में भी मधुमेह रोगी हैं तो उन्हें एलोपैथी इलाज देने के साथ कुछ घरेलू उपाय भी दें. इससे बहुत हद तक असर पड़ता है ब्लड शुगर पर.
ब्लड शुगर कैसे करें कंट्रोल
- कसूरी मेथी का सेवन करें ये आपके रक्त में शर्करा को कंट्रोल करने में मदद करती है. इसे एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पी लीजिए. मेथी में फाइबर होता है जो पाचन के लिए अच्छा होता है.
- दालचीनी का सेवन भी आपके ब्लड शुगर के लिए बहुत अच्छा होता है. यह शरीर में डायबिटीज लेवल को नियंत्रित करता है. मुख्य रूप से ये इंसुलिन को नियंत्रित करता है.
- आंवले का जूस भी मधुमेह रोगियों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. इसमें क्रोमियम नामक खनिज होता है जो कार्बोहाइड्रेट को नियंत्रित करता है. एक गिलास पानी में 2 चम्मच आंवले का रस मिलाकर सुबह पिएं. फिर देखिए कैसे शरीर में रक्त शर्कार कंट्रोल रहता है.
- गाजर का रस भी डायबिटीज पेशेंट के लिए अच्छा होता है. आप इसमें ककड़ी या सेब का रस भी मिलाकर पी सकते हैं . इससे स्वाद अच्छा हो जाएगा. इससे ग्लूकोज लेवल नियंत्रित रहेगा.
- आपको बता दें कि अमरुद के पत्तों में औषधिय गुण होते हैं जो कई सारी बीमारियों में लाभकारी होते हैं. यह आपके ग्लूकोज लेवल को मेंटेन करने का काम करता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मेटाबॉलिज्म यानी कि चयापचय जो हमारे खाने को ऊर्जा में परिवर्तित करके हमारे शरीर को एनर्जी देता है. यही वजह है कि हमारा मेटाबॉलिज्म स्ट्रांग होना बहुत जरूरी है, लेकिन कई कारणों की वजह से जैसे उम्र, वजन, शारीरिक गतिविधि या किसी प्रकार की हेल्थ रिलेटेड समस्या के चलते मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है. इससे बचने के लिए और अपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए आइए हम आपको बताते हैं चार ऐसी हेल्दी ड्रिंक्स की रेसिपी जो आप झटपट बना सकते हैं और अपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के साथ ही वजन को भी तेजी से कम कर सकते हैं.
वेट लॉस करने के लिए इन ड्रिंक्स से बढ़ाएं मेटाबॉलिज्म
1) चिया और नींबू पानी
इस हेल्दी ड्रिंक को बनाने के लिए चिया सीड्स को एक कप पानी में 1-2 घंटे के लिए भिगो दें. अब इन भीगे हुए चिया सीड्स को एक बड़े गिलास में डालें. इसमें एक नींबू निचोड़ें और उसमें 1/2 टीस्पून शहद मिलाएं और अच्छी तरह मिला लें. आपका चिया लेमनेड तैयार है.
2) नींबू-अदरक का पानी
इस ड्रिंक के लिए अदरक को छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में कद्दूकस कर लीजिए. एक ब्लेंडर में अदरक और पानी डालें। इसे अच्छे से ब्लेंड करें और एक गिलास में डालें. इसके बाद नींबू का रस और भुना जीरा पाउडर डालें. अच्छी तरह से मिलाएं और इंजॉय करें.
3) जीरा-दालचीनी का पानी
एक पैन में 1 लीटर पानी, 4 छोटे चम्मच जीरा और 2 दालचीनी के टुकड़े डालें. पानी में उबाल आने दें, ताकि पानी में जीरा और दालचीनी का फ्लेवर आ जाए. पानी को एक गिलास में छान लें. नींबू का रस डालें और इसे पिएं.
4) ग्रीन टी और मिंट ड्रिंक
एक गिलास में गर्म पानी डालें और उसमें एक ग्रीन टी बैग डालें. इसे 1 मिनट के लिए छोड़ दें. फिर इसमें पुदीने के पत्ते, नींबू का रस और शहद डालकर अच्छी तरह मिलाएं और इस हेल्दी ड्रिंक का आनंद लें.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /इंडियन क्यूज़ीन दुनिया की वन ऑफ द बेस्ट क्यूजींस में से एक है. खास बात यह है कि भारतीय खाने में इस्तेमाल की जाने वाली कई चीजें ऐसी है जो न सिर्फ स्वाद बढ़ाती हैं बल्कि आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद होती हैं. एक नहीं बल्कि कई स्टडीज ये बताती हैं कि इंडियन फूड आइटम्स हेल्थ के लिए काफी ज्यादा बेनिफिशियल हैं. ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने से लेकर वजन घटाने तक कई ऐसी खाने की चीजें हैं जो आपकी मदद करती हैं. मोटापे की बीमारी को ही ले लीजिए. यह आज के समय की सबसे खतरनाक बीमारी है जो शरीर में एक्स्ट्रा फैट के जमा होने के कारण होती है. या यूं कहें तो मोटापा कई बीमारियों की जड़ है. आज हम आपको पांच ऐसे ग्रीन सुपरफूड बताने जा रहे हैं जो आपके घर के किचन में ही मौजूद है और जो आपके बॉडी के एक्स्ट्रा फैट को बहुत तेजी से कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं.
वजन घटाने के लिए हेल्दी और असरदार सब्जियां
1) मूंग दाल
मूंग दाल में प्रोटीन और विटामिन्स भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं. इसमें कम फैट होता है साथ ही ये प्रोटीन और फाइबर का बेहतरीन सोर्स है जिसके कारण पेट भरा रहता है और भूख कम लगने लगती है. जब आपको भूख कम लगेगी तो आप कम खाएंगे और आपकी बॉडी पर एक्स्ट्रा फैट भी जमा नहीं होगा.
2) मिर्च
काली मिर्च में पाया जाने वाला थर्मोजेनिक पदार्थ कैप्साइसिन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है. साथ ही ये फैट बर्न करने में मदद करता है. अगर आप वजन बढ़ने की समस्या से परेशान हैं तो काली मिर्च का सेवन शुरू कर दें.
3) इलायची
इलायची, जिसे "मसालों की रानी" भी कहा जाता है, एक थर्मोजेनिक पौधा है जो शरीर के टेम्परेचर को बढ़ाकर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है. मेटाबॉलिज्म के बढ़ने से वजन कम करने में मदद मिलती है.
4) करी पत्ता
करी पत्ता शरीर में जमा एक्सट्रा फैट को कम करता है और वजन कम करने में मदद करता हैं. करी पत्ता शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कम करता है जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
5) ग्रीन टी
ग्रीन टी शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है और आपको वजन घटाने में मदद करती है. साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर के खतरे को कम करते है. ग्रीन टी पीने से एक नेचुरल प्रोसेस बन जाता है जिससे आपको भूख कम लगती है और आपके लिए वजन कम करना आसान हो जाता है.
खाना खजाना /शौर्यपथ / यदि प्लेनेट पर सबसे वर्स्टाइल इंग्रीडिएंट निर्धारित करने का कॉम्पटीशन होता, तो हम्बल एग एक टॉप कैंडीडेट होता. डेसर्ट हो, स्नैक्स हो, लंच हो या डिनर, अंडे का इस्तेमाल कई तरह के खाने में किया जा सकता है. आप जो भी रेसिपी चुनते हैं, आपके हाथों में एक विनर होगा. लेकिन अगर कोई एक डिश है जिसे यूनिवर्सली पसंद किया जाता है, तो वह है अंडे की भुर्जी. और क्यों नहीं? यह एक स्वादिष्ट रेसिपी है जिसे भरपेट ब्रेकफास्ट (Egg For Breakfast) के लिए झटपट बनाया जा सकता है. तो अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि सुबह के समय एग फास्ट कैसे बनाया जाए, तो अब आप जानते हैं कि क्या करना है. लेकिन इसे और भी दिलचस्प बनाने के लिए, हमने अंडे की भुर्जी को देसी ट्विस्ट दिया है. यह डिश आपके सुबह के मील में कुछ मसाला जोड़ता है और इसे बनाना भी बहुत आसान है. सबसे अच्छी बात यह है कि आप सबसे बेसिक सामग्री का उपयोग कर सकते हैं जो लगभग हमेशा हमारे किचन पेंट्री में उपलब्ध होती हैं. उदाहरण के लिए, कुछ अंडे, बटर और इंडियन स्पाइस. तो अपना एप्रन पकड़े और कुक करने के लिए तैयार हो जाओ!
इस रेसिपी में इंडियन स्पाइस एक अलग फ्लेवर और अरोमा प्रदान करके डिश को ऊंचा उठाते हैं. तो, एक हाई प्रोटीन और स्वादिष्ट ब्रेकफास्ट के लिए, घर पर इस देसी स्टाइल के फ्राइड हुए अंडे की रेसिपी को आजमाएं. आश्चर्य है कि इसके बारे में कैसे जाना जाए? नीचे पढ़ें.
कैसे बनाएं देसी-स्टाइल स्क्रैम्बल्ड एग
एक नॉनस्टिक पैन लें और इसे शुरू करने के लिए बटर या घी से कोट करें. एक चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट, कटी हुई हरी मिर्च और एक मुट्ठी हरा धनिया डालें. इसे एक या दो मिनट के लिए भूनें.
अब, 3-4 अंडे तोड़ लें, इसे नमक, काली मिर्च और लाल मिर्च पाउडर से सीज़न करें. अच्छी तरह मिलाएं और 4-5 मिनट तक चलाते रहें.
बची हुई धनिया पत्ती और चाहें तो मक्खन से गार्निश करें. इसे हल्के से भुने ब्रेड या बन के साथ मिलाएं और कुछ ही मिनटों में आपका पौष्टिक नाश्ता तैयार हो जाता है.
अब आपके अगले स्पेशल ब्रेकफास्ट के लिए इस रेसिपी को बनाने का समय है और हमें नीचे कमेंट में बताएं कि आपको यह कैसी लगी.
आस्था /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को भगवान शिव से समर्पित माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधिवत उपासना करने से हर क्लेश और दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. जिससे जीवन में आने वाली बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं. नए साल 2023 का पहला प्रदोष व्रत 4 जनवरी 2023, बुधवार को रखा जाएगा. यह पौष महीने का दूसरा और नए साल का पहला प्रदोष व्रत होगा. ऐसे में हर कोई चाहेगा कि नए साल में प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की उपासना करके, उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाए. आइए जानते हैं कि साल 2023 के पहले प्रदोष व्रत के दिन किस प्रकार भगवान शिव की उपासना करना शुभ रहेगा.
दूसरा पौष प्रदोष व्रत 2023
पौष कृष्ण त्रयोदशी तिथि शुरू- 3 जनवरी 2023, रात 10.01 बजे
पौष कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्ति - 5 जनवरी 2023, प्रात: 12.00 बजे
पूजा मुहूर्त - शाम 05:47 से रात 08:29 बजे के बीच
प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत वाले दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करें. प्रदोष व्रत के दिन अगर सुबह स्नान किए हों तो भी शाम के समय प्रदोष काल में पूजन से पहले स्नान करना जरुरी होता है. इसके बाद इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा आरंभ करें. इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का षोडशोपचार पूजन करें. इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें और भगवान शिव की आरती करें. इतना करने के बाद पूजा का प्रसाद भक्तों के बीच बांटें.
प्रदोष व्रत के उपाय
वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए साल का पहला प्रदोष व्रत सभी के लिए खास रहने वाला है. इस दिन शाम के समय गुबाल की फूल की पत्तियों का रस शिवलिंग पर अर्पित करें. इसके साथ ही इसे मां पार्वती के चरणों में भी अर्पित करें. पूजन की समाप्ति पर थोड़ा रस पति-पत्नी दोनों लोग अपनी आंखों पर लगाएं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से वैवाहिक जीवन की तमाम परेशानियां दूर हो जाती हैं. परिणामस्वरूप शादीशुदा जिंदगी खुशहाल नजर आती है.
अगर किसी कारण पति-पत्नी का आपसी सामांजस्य नहीं बन रहा है, छोटी-छोटी बातों को लेकर भी बराबर लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं तो ऐसे में साल के पहले प्रदोष व्रत के दिन 11 गुलाब में चंदन का इत्र लगाएं. इसके बाद इसे शाम के समय पति-पत्नी मिलकर एक-एक फूल शिवलिंग पर अर्पित करें. ऐसा करते हुए ओम् नमः शिवाय इस मंत्र का जाप करते रहें. ऐसा करने से दांपत्यजीवन में आपसी प्यार बढ़ता है.