August 02, 2025
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ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / शादियों का सीजन शुरू हो चुका है और दुल्हनें महीनेभर पहले से खुद को संवारने में लग जाती है. चाहे तब वह चमकदार स्किन पाना ही क्यों न हो वह हर एक चीज करती हैं जो उन्हें अपनी शादी में सबसे अलग दिखाए. जबकि कपड़े और आभूषण एक जरूरी भूमिका निभाते हैं, लेकिन आपको भीतर से अच्छा महसूस करने के लिए काम करना होगा. परफेक्ट दिखने के लिए पिछले कुछ महीनों में तनाव नर्वस करने वाला हो सकता है. दुल्हनें फिट रहने के लिए अतिरिक्त मेहनत करती हैं. इस दबाव में कई दुल्हनें वजन कम करने के लिए फैड डाइट का सहारा लेती हैं या कम खाती हैं. हालांकि, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप तब तक अच्छे नहीं दिख सकते और अच्छा महसूस नहीं कर सकते जब तक कि आपके शरीर को ठीक से पोषण न मिले और पर्याप्त व्यायाम न हो. तो, यहां चमकती त्वचा पाने के लिए कुछ डाइट टिप्स बताए गए हैं.
ग्लोइंग स्किन के लिए डाइट टिप्स
1) अधिक बार और छोटे-छोटे भोजन करें
यह सबसे अधिक प्रचलित डाइट टिप्स में से एक है. छोटे भागों में बार-बार खाएं क्योंकि इससे तनाव के कारण होने वाली लो ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, वेट मैनेजमेंट के लिए यह एक अच्छी रणनीति है. अपने आहार में फलों और सब्जियों की कम से कम 5-8 सर्विंग शामिल करें.
2) डिटॉक्स के लिए सब्जियों के जूस को शामिल करें
टमाटर, पालक, पुदीना और धनिया से बनी सब्जियों का कम से कम 2 गिलास जूस पीने की सलाह देते हैं. यह आपके शरीर को डिटॉक्सिफाई करने और शरीर की अतिरिक्त गंध को खत्म करने में मदद करता है.
3) अधिक प्रोटीन लें
अपने आहार में कम से कम 40-45 ग्राम प्रोटीन शामिल करें जैसे मछली, अंडे का सफेद भाग और डेयरी प्रोडक्ट्स या अन्य प्रोटीन से भरपूर शाकाहारी विकल्प. प्रोटीन हमारे शरीर में सभी कोशिकाओं को बनाता है और पर्याप्त कार्य करने के लिए जरूरी है.
4) पर्याप्त कैल्शियम
दुल्हन शादी की तैयारियों में काफी व्यस्त होती है. इसलिए, अपने कैल्शियम सेवन में वृद्धि करें जो आपको पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है.
5) संतरे का जूस पिएं
ताजा निचोड़ा हुआ संतरे का रस ओह-ताजा महसूस करता है. यह आपकी त्वचा और बालों के लिए बहुत अच्छा है और आपके शरीर को आसानी से पचने वाले पोषक तत्व भी प्रदान करता है. हालांकि, इसे पीते समय सावधानी बरतें और केवल तभी जब आप वजन की समस्या से जूझ रहे हों. संतरे का रस विटामिन सी का एक उत्तम स्रोत है, जो अच्छी त्वचा के लिए बहुत अच्छा है.
6) समग्र स्वास्थ्य के लिए प्रोसेस्ड फूड्स को ना कहें
मैदे से बने रिफाइंड फूड्स से दूर रहें. इसलिए अपनी पसंदीदा रुमाली रोटी, नान, नूडल्स और पास्ता को दूर रखें क्योंकि ये शरीर में पानी बनाए रख सकते हैं. यह, बदले में आपको हर समय फूला हुआ महसूस कराता है.
7) पानी का सेवन बनाए रखें
पानी का सेवन शरीर के लिए जरूरी है. अपने पानी का सेवन दिन में कम से कम 2-3 लीटर तक बढ़ाएं. यह न केवल आपके हाइड्रेशन लेवल को बढ़ाएगा बल्कि विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालेगा.
8) परफेक्ट स्किन के लिए लो फैट डाइट
अगर आपके पास मुंहासे वाली त्वचा है, तो अपने भोजन में 4-5 चम्मच (प्रति दिन) से अधिक तेल के साथ कम वसा वाले फूड्स का सेवन करें.

     खाना खजाना /शौर्यपथ /अच्छी स्किन और काले, लंब घने बाल हर किसी को चाहिए होते हैं. आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताने वाले हैं जिसका इस्तेमाल करके आप अपनी खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं. हम बात कर रहे हैं विटाइिम ई की, आपने इसके फायदों के बारे में तो जरूर सुना होगा. ये स्किन केयर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. अपनी डाइट में आप विटामिन ई को शामिल करके इससे होने वाले अनगिनत फायदों का लाभ उठा सकते हैं. विटामिन ई की कैप्सूल भी मार्केट में मिलती है. कई सारे स्किन केयर प्रोडक्टस बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. तो आइए जानते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में.
ऑयल मसाज
कई लोग बालों मे डायरेक्ट विटामिन ई कैप्सूल लगाते हैं, लेकिन ये इसको बालो में लगाने का सही तरीका नही है. आप अपने नार्मल ऑयल में विटामिन ई के कैप्सूल को मिलाकर लगा सकते हैं.
नाखून की ग्रोथ के लिए
कई लोगों के नाखून काफी कमजोर होते हैं, वो बहुत ही जल्दी टूट जाते हैं. अगर आपको नाखूनों की अच्छी ग्रोथ चाहिए तो आप अपने नाखूनों पर विटामिन ई कैप्सूल लगाकर उससे मसाज कर सकते हैं.ऐसा करने से नाखूनों की ग्रोथ अच्छी होगी और नाखून मजबूत भी हो जाएंगे.
एंटी एजिंग क्रीम
विटामिन ई कैप्सूल का यूज एजिंग को कम करने के लिए भी किया जाता है. इसके लिए आप अपनी क्रीम में विटामिन ई कैप्सूल को मिक्स करें और फिर इसे लगाएं. बता दें कि आजकल मार्केट में भी कई ऐसी क्रीम मिलती हैं जिनमें विटामिन ई मिला होता है.
नाइट क्रीम
रात में आप जो अपनी स्किन पर लगाते हैं वो आपकी स्किन को ज्यादा फायदा पहुंचाता है. क्योंकि रातभर सही से एबसोर्व हो पाती है और स्किन को अंदर से पोषण मिलता है. आप ऐसी नाइट क्रीम को चूज करें जिसमें विटामिन ई पाया जाता हो.

 खाना खजाना / शौर्यपथ /आपने भी आजकल क्विनोआ का नाम जरूर सुना होगा. क्विनोआ एक लस मुक्त यानी ग्लुटेन फ्री साबुत अनाज है, जो कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ प्रोटीन और अमीनो एसिड से भरपूर होता है. आजकल ज्यादातर लोग अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए सफेद चावल की जगह ग्लूटेन फ्री क्विनोआ का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि क्विनोआ एक बहुत ही सेहतमंद और फायदेमंद विकल्प है. क्विनोआ विटामिन बी, फाइबर, प्रोटीन, आयरन और मैग्नीशियम का एक बेहतरीन सोर्स होने के अलावा कई खनिजों से भी समृद्ध है. आइए क्विनोआ के फायदों के बारे में जानते हैं, साथ ही ये भी जानते हैं कि सफेद चावल की जगह इसे क्यों खाया जाना चाहिए.
सफेद चावल बनाम क्विनोआ
क्विनोआ और चावल की न्यूट्रिशनल वैल्यू एक दूसरे से काफी अलग होती है. चावल की तुलना में क्विनोआ में अधिक मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है, इसलिए क्विनोआ को चावल की तुलना में अधिक फायदेमंद माना जाता है. सीलिएक रोग जिसमें व्यक्ति ग्लूटेन का सेवन करने में असमर्थ होता है, ऐसे लोगों के लिए क्विनोआ एक बेहतरीन फूड ऑप्शन माना जाता है. चावल की जगह क्विनोआ में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है, इसलिए क्विनोआ को चावल का सबसे अच्छा और फायदेमंद विकल्प माना जाता है.
क्विनोआ के फायदे- Health Benefits Of Quinoa:

    क्विनोआ फाइबर से भरपूर होता है, जो कई तरह के कैंसर के खतरे से बचा सकता है.
    क्विनोआ एक साबुत अनाज है, जो शरीर के खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ावा देने के साथ-साथ पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
    क्विनोआ मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है, जो स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है.

आस्था /शौर्यपथ / हिंदू धर्म में जब कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य आरंभ किए जाते हैं तो सबसे पहले पंचदेव की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि कोई भी मांगलिक कार्य पंचदेव की पूजा के बिना संपन्न नहीं होता है. पंचदेव में भगवान गणेश, मां दुर्गा, भगवान शिव, भगवान विष्णु और सूर्य देव शामिल किए गए हैं. शास्त्रीय मान्यता है कि जो कोई नियमित रूप से पूजन के दौरान सबसे पहले पंचदेव की पूजा करता है, उसके सारे कार्य सफल हो जाते हैं. इसके साथ ही जीवन सुख-समृद्धि के परिपूर्ण रहता है. आइए जानते हैं पंचदेव पूजन के लिए खास मंत्र और महत्व.
पंच देवताओं में भगवान श्री गणेश जी जलतत्व के अधिपति हैं. ऐसे में पंच देवों की पूजा में सबसे पहले नीचे दिए गए मंत्र से श्री गणेश का प्रतिदिन ध्यान करें.
श्री गणेश जी का ध्यान मंत्र
प्रात: स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम्।
उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड - माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम्।।
शास्त्रों के मुताबिक अग्नि तत्त्व की की स्वामिनी मां दुर्गा मानी गई हैं. मां शक्ति की साधना अग्निकुंड के हवन आदि के माध्यम से करने का विधान है.
श्री देवी जी का ध्यान मंत्र
प्रात: स्मरामि शरदिन्दुकरोज्ज्वलाभां सद्रत्नवन्मकरकुण्डलहारभूषाम् ।
दिव्यायुधोर्जितसुनीलसहस्त्रहस्तां रक्तोत्पलाभचरणां भवतीं परेशाम् ।।
श्री शिव जी का ध्यान मंत्र
प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् ।
खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥
भगवान विष्णु आकाश तत्त्व के स्वामी हैं. इसलिए उनकी साधना शब्दों अर्थात् मंत्रादि के माध्यम से करने का विधान है.
श्री विष्णु जी का ध्यान मंत्र
प्रात: स्मरामि भवभीतिमहार्तिनाशं नारायणं गरुडवाहनमब्जनाभम्।
महाभिभृतवरवारणमुक्तिहेतुं चक्रायुधं तरुणवारिजपत्रनेत्रम्॥
प्रत्यक्ष देव भगवान सूर्य वायु तत्व के स्वामी हैं. ऐसे में उन्हें पवित्र जल से अर्घ्य और नमस्कार के माध्यम से साधना की जाती है.
श्री सूर्यदेव जी का ध्यान मंत्र
प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं, रूपं हि मण्डलमृचोअथ तनुर्यन्जूषि
सामानि यस्य किरणा: प्रभावादिहेतुं, ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्

     आस्था /शौर्यपथ /हिंदू धर्म शास्त्रों में 18 महापुराणों का वर्णन किया गया है. जिसमें से एक गरुड़ पुराण है. आमतौर पर लोग गरुड़ पुराण का पाठ किसी की मृत्यु को उपरांत करवाया जाता है. कहा जाता है कि गरुड़ पुराण में उन सभी दंडों का जिक्र किया गया है जो किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद दिया जाता है. इसके साथ ही इस महापुराण में ये भी बताया गया है कि मरने के बाद उसकी आत्मा के साथ क्या होता है. इन सारी बातों के अलावा गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी बुरी आदतों के बारे में बताया गया है, जिससे हर इंसान को दूर रहने की सलाह दी जाती है. आइए गरुड़ पुराण के अनुसार जानते हैं कि किन बुरी आदतों की वजह से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.
मनुष्य की इन आदतों के नाराज हो जाती हैं मां लक्ष्मी
कड़वे बोल या अपशब्द- ऐसे लोग जो दूसरों से कड़वा बोलते हैं, वे मां लक्ष्‍मी को कभी रास नहीं आते हैं. अपशब्‍द या कड़वा बोलने वाले लोगों पर धन की देवी मां लक्ष्‍मी कभी कृपा नहीं करती हैं. ऐसे में गरुड़ पुराण यही शिक्षा देता है कि हमेशा विनम्र रहें और छोटे-बड़े सभी लोगों का सम्‍मान करें.
गंदे वस्त्र पहनने वाले- गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग गंदे कपड़े पहनते हैं, गंदगी में रहते हैं उनसे मां लक्ष्‍मी हमेशा नाराज रहती हैं. ऐसे लोगों के जीवन में कभी बरकत नहीं आती है. वे कितनी भी कड़ी मेहनत क्‍यों न करें लेकिन जीवन में सुख-समृद्धि नहीं रहती है. मां लक्ष्‍मी इन लोगों पर कभी कृपा नहीं करती हैं. इसलिए रोज नहाना चाहिए, अपने आसपास सफाई रखनी चाहिए और साफ कपड़े पहनना चाहिए.
सुबह देर तक सोने वाले- जो लोग सूरज निकलने के बाद भी सोते रहते हैं, वे जीवन में कभी सुख, सफलता, संपन्‍नता और अच्‍छी सेहत का आनंद नहीं ले पाते हैं. ऐसे लोग दुख और दरिद्रता में ही जीवन बिताते हैं. इसी तरह सूर्यास्‍त के समय सोने वाले लोगों से भी मां लक्ष्‍मी नाराज रहती हैं. वे कभी भी ऐसे घरों में वास नहीं करती हैं, जहां लोग शाम के समय सोते हैं क्‍योंकि ये समय घर में मां लक्ष्‍मी के आगमन का समय होता है.

सेहत /शौर्यपथ /वजन घटाने की बात होते ही जिम में जाकर घंटों मेहनत मशक्कत करने का ख्याल दिल में आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि केवल एक्सरसाइज करने से ही वजन कम नहीं होता, इसके लिए आपको बैलेंस डाइट  लेने की भी जरूरत होती, जिससे वजन कम होने के साथ ही आपके शरीर में ताकत भी बनी रहे. मूंगफली फाइबर और प्रोटीन में समृद्ध होती है, जो लंबे समय तक आपका पेट भरा रखती है और वजन घटाने में मदद करती हैं. ऐसे में आप किसी स्नैक्स की तलाश में हैं जो वजन कम करने में भी मददगार हो तो आप मूंगफली या पीनट का इस्तेमाल कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि मूंगफली कैसे हमारी सेहत को लाभ पहुंचाती है.
वजन घटाने के लिए मूंगफली के फायदे
वेट लॉस में मददगार है मूंगफली
प्रोटीन का सेवन कैलोरी बर्न करने का एक स्मार्ट तरीका है. मूंगफली फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट समेत तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जो ओवरऑल कैलोरी सेवन को नियंत्रित करना आसान बनाती है और वजन घटाने में मदद करती है.
हेल्दी फैट से भरपूर
मूंगफली मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड  और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड  जैसे हेल्दी फैट से भी भरपूर होते हैं और सूजन, मोटापा, हृदय रोग और डायबिटीज को कम करने में भी मदद करती है. इससे शरीर को एनर्जी भी मिलती है, जिससे कार्यक्षमता का विकास होता है.
मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है मूंगफली
मूंगफली एनर्जी का भी एक अच्छा सोर्स है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देती है और जिससे अधिक कैलोरी बर्न होती है, जो वजन घटाने में और मददगार होता है.
इस तरह करें मूंगफली का सेवन
मूंगफली को कच्चा, भूनकर या उबालकर खाना सबसे अच्छा होता है. इसके अलावा आप इसका सेवन पीनट बटर, पीनट ऑयल, रोस्टेड पीनट और पीनट डिप के रूप में भी कर सकते हैं. पीनट बटर से आपका पेट लंबे वक्त तक भरा रहता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. यह आपके ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करता है.

          सेहत /शौर्यपथ /दही कम कार्ब्स के साथ हाई प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरा एक हेल्टी प्रोबायोटिक है. इसे आप अपने भोजन के साथ रायता, दही या छाछ के रूप में ले सकते हैं, जो खाने के टेस्ट को भी बढ़ाता है. लेकिन बहुत से लोग सर्दियों के मौसम में दही खाना छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उन्हें सर्दी और खांसी होने का खतरा बढ़ जाएगा. माता-पिता भी बच्चों को सर्दियों में खासतौर पर रात में दही खाने से मना करते हैं. लेकिन क्या वाकई ठंड के मौसम में दही का सेवन हानिकारक है? आज हम इसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं.
दही कई सारे पोषक तत्वों से भरा होता है और इसमें उच्च मात्रा में अच्छे बैक्टीरिया जैसे लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस, लैक्टोकोकस लैक्टिस, लैक्टोकोकस लैक्टिस क्रेमोरिस आदि और अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन होते हैं. इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन बी2 और बी12 भी होते हैं. हालांकि दही को लेकर कई मिथक भी जुड़े हैं, आज हम उन्हीं की बात कर रहे हैं.
मिथ 1: सर्दी के मौसम में दही खाने से सर्दी और खांसी हो सकती है
फैक्ट्स: दही सर्दियों के दौरान खाने के लिए एक आइडियल फूट है क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक और विटामिन होते हैं जो किसी भी मौसम में इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं. हालांकि आप इन्हें सर्दियों के समय हमेशा रूम टेम्परेचर पर ही खाएं.
मिथ 2: स्तनपान कराने वाली माताओं को दही से बचना चाहिए क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों में सर्दी पैदा कर सकता है.
फैक्ट्स: यह सच नहीं है. मां के दूध से केवल पोषक तत्व शिशु तक पहुंचेंगे और इससे कोई सर्दी या संक्रमण नहीं होगा क्योंकि मां का दूध इम्युनोग्लोबुलिन से भरपूर होता है. दही में मिलने वाले सक्रिय बैक्टीरिया रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं से लड़ने में मदद करते हैं और पाचन में सुधार करके आपके पेट को स्वस्थ रखते हैं. दही लैक्टोबैसिलस के साथ-साथ विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होता है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है. रायता या दही चावल का सेवन स्तनपान कराने वाली माताओं द्वारा उनकी कैल्शियम और प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए किया जा सकता है.
जिम जाने से पहले कर लें ये तैयारियां, परफेक्ट होगा वर्कआउट प्लान
मिथ 3: बच्चों को सर्दियों में दही खाने से बचना चाहिए
फैक्ट्स: दही एक बेहतरीन इम्युनिटी बिल्डर है, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह डब्ल्यूबीसी सिंथेसिस को भी बढ़ाता है. इसलिए, बच्चों को किसी भी रूप में दही खाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, लेकिन सुनिश्चित करें कि यह कमरे के तापमान पर हो और रेफ्रिजरेटर से नहीं.
मिथ 4: अगर वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो दही से परहेज करें
फैक्ट्स: यह सच नहीं है. वजन घटाने के लिए स्वस्थ फैटी एसिड का सेवन भी उतना ही महत्वपूर्ण है. लो फैट दूध या स्किम्ड दूध से बने दही के सेवन से सैचुरेटेड फैट नहीं बढ़ेगा या आप मोटे नहीं होंगे. दही कैल्शियम, विटामिन डी, पोटेशियम और प्रोटीन से भी भरपूर होता है ऐसे में वेट लॉस डाइट में शामिल करने के लिए ये परफेक्ट फूड है.

ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / बालों के झड़ने का सिलसिला एक बार शुरू होता है तो आसानी से नहीं थमता. वैसे तो बालों को गिनना आसान नहीं. लेकिन एक दिन में सौ तक बालों का गिरना सामान्य माना जाता है. लेकिन हर बार बालों में हाथ फिराते हुए आपके हाथ में गुच्छे टूट टूट कर आने लगें तो ये बालों के कमजोर होने की निशानी है. इसी तरह झड़ते झड़ते बाल बहुत पतले होने लगते हैं. ऐसे गिरते टूटते कमजोर बालों   में नई जान डालने के लिए आप पांच अलग अलग तरह के मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं. ये पांच तेल एक बराबर मात्रा में मिलाकर आपको जार में रखना है. हफ्ते में दो बार इस तरह के तेल के उपयोग से आप वापस घने बाल हासिल कर सकते हैं. चलिए जानते हैं कौन कौन से हैं वो तेल.
बालों की हर परेशानी को दूर करने के लिए तेल
1) नारियल तेल
नारियल तेल से बालों को नमी मिलती है साथ ही ये प्रोटीन लोस होने से भी बचाता है. नारियल तेल की नियमित मसाज से बाल ड्राई नहीं रहते और आसानी से नहीं टूटते. तेल में मौजूद फैटी चैन बालों के क्यूटिकल्स को मजबूत करती है और उन्हें हाइड्रेट रखती है.
2) कैस्टर ऑयल
कैस्टर ऑयल एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, विटामिन्स और फैटी एसिड्स से भरपूर होता है. इस तेल को लगाने से बालों की स्कैल्प को भरपूर पोषण मिलता है. जिसकी वजह से बालों का झड़ना कम होता है.
3) बादाम का तेल
बालों को स्प्लिट एंड्स और डैमेज से बचाने के लिए बादाम का तेल एकदम परफेक्ट है. डैमेज बाल कम होंगे तो वो ज्यादा घने और मजबूत ही नजर आएंगे. बादाम के तेल में भरपूर विटामिन ई होता है. जो बालों के लिए एक नेचुरल ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और बालों को रिपेयर करता है.
4) ऑलिव ऑयल
बालों में किसी तरह का इंफेक्शन हो या बार बार डैंड्रफ होता हो तो ऑलिव ऑयल की मसाज करने की सलाह दी जाती है. इस तेल से रूसी कम होती है. बाल भरपूर मॉइश्चराइज होते हैं. ऑलिव ऑयल उन हॉरमोन्स की ग्रोथ को भी रोकता है जो स्कैल्प को कमजोर कर बालों की बाइंडिंग पर असर डालते हैं.
5) रोजमैरी ऑयल
रोजमैरी ऑयल की सिर्फ दस बूंदें इन पांच तेलों के मिश्रण में मिलाएं. इस तेल की वजह से बालों की चमक लौटती है साथ ही बाल घने भी दिखाई देते हैं. इस तेल की मसाज से गंजेपन का खतरा कम होता है.

खाना खजाना /शौर्यपथ /हरी मिर्च इंडियन कुकिंग में एक आवश्यक सामग्री है. वे न केवल एक डिश में एक निश्चित स्तर का तीखापन एड करती है बल्कि इसके स्वाद को बढ़ाने में भी मदद करती है. और अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो मसालेदार खाना पसंद करते हैं, तो आप जानते होंगे कि हरी मिर्च किसी भी इंडियन फूड के लिए एकदम परफेक्ट कॉम्बिनेशन है. इतना ही नहीं, ये कई स्वास्थ्य लाभों से भी भरे हुए हैं. हरी मिर्च विटामिन सी का एक परफेक्ट सोर्स है, इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है और इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं. आज हम आपके लिए एक लाजवाब हरी मिर्च की सब्जी रेसिपी लेकर आए हैं, जो वीकेंड पर बनाने के लिए परफेक्ट है. यह उन लोगों के लिए भी सही है, जिन्हें मसालों के प्रति कम सहनशीलता है.
यह डिश एक स्पेशल किस्म की हरी मिर्च से बनाई जाती है जो सामान्य मिर्च से बड़ी होती है. ये कम तीखे भी होते हैं. इस रेसिपी में, हरी मिर्च को कई मसालों के मिश्रण के साथ स्वादिष्ट बनाया गया है. यह हरी मिर्च की सब्जी झटपट बन जाती है और रोटी, परांठे या अपनी पसंद की किसी भी इंडियन ब्रेड के साथ पेयर करने पर अच्छी लगती है. इस रेसिपी को फूड ब्लॉगर पारुल ने अपने यूट्यूब चैनल 'कुक विद पारुल' पर शेयर किया है. नीचे दी गई रेसिपी देखें:
 ब्रेकफास्ट में चाहते हैं पोषण का तड़का तो इस विंटर जरूर ट्राई करें गाजर पराठा
कैसे बनाएं अचारी हरी मिर्च की सब्जी-
सबसे पहले एक बाउल लें और उसमें कटी हुई हरी मिर्च डालें. एक तरफ रख दें. एक क्रेशर लें और उसमें राई डालें. इन्हें अच्छी तरह पीसकर दरदरा पाउडर बना लें. सौंफ डालकर फिर से पीस लें. अब मीडियम आंच पर एक पैन में 5 टी स्पून सरसों का तेल गर्म करें. - जब तेल गर्म हो जाए तो गैस बंद कर दें.
इसके बाद तैयार की हुई राई और सौंफ पाउडर को हरी मिर्च के साथ मिलाएं. हल्दी, कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर, नमक और नींबू का रस डालें. अब सरसों के तेल में 1/2 चम्मच हींग डालें. अच्छी तरह मिलाएं. इसे हरी मिर्च के मिश्रण में डालें और सभी चीजों को एक साथ मिला लें. अचारी हरी मिर्च की सब्जी तैयार है! 

आस्था /शौर्यपथ / हिंदू धार्मिक मान्यताओं में पूजा-पाठ के बाद भगवान की आरती करने का विधान है. मान्यता है कि कोई भी यज्ञ-अनुष्ठान और पूजा-पाठ तभी संपन्न होता है जब पूजन के बाद संबंधित देवी-देवता की आरती की जाती है. आरती एक प्रकार से पुर्णाहुति का ही एक अभिन्न अंग है. हालांकि शास्त्र-पुराणों में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि सही विधि और नियम से की गई आरती देवी-देवता को स्वीकार होती है. आइए जानते हैं कि भगवान की आरती करते वक्त पूजा की थाली कितनी बार घुमानी चाहिए. ताकि भगवान को आरती स्वीकार हो सके. 
भगवान के सामने कितनी बार घुमाएं आरती
- भगवान की आरती हमेशा एक ही स्थान पर खड़े होकर करनी चाहिए. आरती करते समय हमेशा थोड़ा झुककर आरती करें. आरती को चार बार भगवान के चरणों में, दो बार नाभि पर, एक बार मुखमण्डल पर और सात बार सभी अंगों पर उतारें. इस तरह के 14 बार आरती घुमाने से  चौदह भुवन जो भगवान में समाए हैं उन तक आपका प्रणाम पहुंचता है.
- स्कंद पुराण में भी आरती के बारे में खास नियम का जिक्र किया गया है. इस संबंध में स्कंद पुराण में जिक्र है कि यदि कोई व्यक्ति मंत्र नहीं जानता, पूजा की संपूर्ण विधि नहीं जानता. लेकिन भगवान की हो रही आरती और पूजा में श्रद्धापूर्वक शामिल होकर आरती करता है तो उसकी पूजा स्वीकार हो जाती है.
- शास्त्रों में भगवान विष्णु द्वारा कहा गया है कि, जो व्यक्ति घी के दीपक से आरती करता है, उसे कोटि कल्पों तक स्वर्गलोक में स्थान प्राप्त होता है. कपूर से आरती करने पर व्यक्ति को अनंत में प्रवेश मिलता है. जो व्यक्ति पूजा में होने वाली आरती के दर्शन करता है, उसे परमपद की प्राप्ति होती है. ऐसे में पूजा बाद आरती करते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
जिस घर में हो आरती, चरण कमल चित्त लाय।
कहां हरि बासा करें, जोत अनंत जगाय।।
उपरोक्त दोहा का अर्थ है कि जिस घर में प्रभु के चरण कमलों को ध्यान में रखते हुए पूर्ण आस्था और श्रद्धाभाव से आरती की जाती है, वहां प्रभु का वास होता है. ऐसे घरों में प्रभु की कृपा से हमेशा खुशहाली बनी रहती है.

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