
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
अनन्या पांडे का फैशन सेंस कमाल का है. इसी कारण एक्ट्रेस सुर्खियों में बनी रहती हैं. दिवा अपने सभी फैशन चॉइस के साथ अपने फैन्स को दीवाना बनाती रहती हैं. चाहे फिल्म प्रमोशन हो या रेड कारपेट इवेंट, अनन्या के स्टनिंग लुक हमेशा ऑन पॉइंट होता है. हाल ही में एक फोटोशूट के लिए, अनन्या ने एक ऑल-ब्लैक बॉडीसूट चुना और एक शीक फैशन स्टेटमेंट बनाया. फुल-स्लीव वाले आउटफिट में नेकलाइन, स्लीव्स और इन-कट बॉटम पर कटआउट शीयर पैटर्न के साथ क्लोज्ड नेकलाइन थी. अनन्या ने अपने बालों को मैस्सी बन में बांधा था, जिसमें मिनिमल मेकअप था, जिसमें सटल-कोहल्ड आईज और ग्लॉसी लिप्स थे, जिसने उनके लुक को कम्पलीट किया. ब्लैक प्लेसूट में अनन्या की सन-किस्ड तस्वीरें खूबसूरत लग रही थीं, इसमें कोई शक नहीं है.
अनन्या पांडे कई बार अपने फैशन चॉइस को कैजुअली शीक रखना पसंद करती हैं और इसका प्रूफ यह है. दिवा ने स्लीवलेस हॉल्टर नेक व्हाइट टी-शर्ट पहनी थी और इसे बेज कलर की स्केटर स्कर्ट के साथ टीम्ड किया था. मिनी स्कर्ट में बॉक्स प्लेट्स थे और जिसने अनन्या की ड्रेसिंग में एक शानदार ट्विस्ट ऐड किया. एक्ट्रेस इस आउटफिट में बेहद गॉर्जियस लग रही थीं. अनन्या पांडे ने अपने खूबसूरत बालों को ढीला छोड़ा हुआ था, इसके साथ उन्होंने कोहल-रिम्मड आईज और लिप ग्लॉस के डैश का ऑप्शन चुना.
अनन्या पांडे ने शानदार ब्राउन मिनी ड्रेस पहनी थी, जो हर तरह से स्टाइलिश थी. दिवा ने एक ब्राउन कलर का स्लीवलेस आउटफिट चुना, जिसमें बॉडीकॉन फिट था. इस आउटफिट में एक्ट्रेस ने एक बार फिर जलवा बिखेरा. एक्सेसरीज के लिए उन्होंने ब्लैक ट्रेंडी सनग्लासेस और एक स्लिंग बैग चुना. अनन्या का मेकअप मिनिमल था और इसमें कोहल-लाडेन आईज, रोज़ी ब्लश और न्यूड लिप ग्लॉस शामिल था.
सेहत /शौर्यपथ /पपीता एक ऐसा फल है जो ठंडी गर्मी दोनों में खाया जाता है. यह स्वाद में लाजवाब होता ही है साथ में सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है. इसका गुदा लाभकारी तो होता ही है इसके बीज भी कई बीमारियों में फायदेमंद साबित होते हैं. तो आज हम इस लेख में पपीते के बीज के बारे में जानेंगे की ये किस तरह का असर हमारे शरीर पर छोड़ता है, तो चलिए जानते हैं.
पपीते के बीज के फायदे
ज्यादातर फलों के बीज सेहत के लिए ठीक नहीं होते हैं लेकिन पपीते के बीज के साथ ऐसा नहीं है. ये चर्बी गलाने का काम बखूबी करते हैं. क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. जो फैट को बढ़ने से रोकने का काम करते हैं.
पपीते के बीज पीरियड्स के दर्द में भी राहत दिलाते हैं. यह पेट में होने वाली ऐंठन को कम करते हैं. और तो और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करने का काम करते हैं. इसमें मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है. आंतों को हेल्दी रखने का भी काम करता है. इसमें प्रोटियोलिटिक एंजाइम होते हैं. जो आंत के लिए अच्छा है.
इसके बीज सर्दी जुकाम में भी राहत दिलाने का काम करते हैं. इसको खाने से पुरानी बीमारियों से भी राहत मिलती है. यह हार्ट के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. इसके फाइबर ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने का काम करते हैं.
सेहत /शौर्यपथ /सर्दियों का मौसम आते ही हमें कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. उनमें से ही एक समस्या है कब्ज. दरअसल ठंड का मौसम में हमारा डेली रूटीन काफी ज्यादा चेंज हो जाता है. अधिक ठंड की वजह से हम आलस की वजह से काफी देर तक सोते रहते हैं, या सोकर उठने के बाद भी घंटो तक लेटे रहते हैं. जिसका असर हमारे डेली रूटीन पर पड़ता है. इस वजह से ना तो हमारे खाने का समय निश्चित हो पाता है और ना ही सोने का. यहां तक की इस वजह से एक्सरसाइज और वॉक भी नहीं करते क्योंकि कम्बल से बाहर निकलना इस समय में काफी बड़ा टॉस्क होता है. इतना ही नहीं इस मौसम में प्यास कम लगती है जिस वजह से हम पानी कम मात्रा में पीते हैं जो हमारे स्वास्थय के लिए किसी भी तरह से सही नहीं है. इस तरह में लाजमी है कि आपको कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि बॉडी का मूवमेंट कम होता है जिस वजह से खाना पचने में भी कठिनाई होती है. आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताएंगे जिनका इस मौसम में सेवन भूलकर भी ना करें वरना ये कब्ज की समस्या आपका पीछा नही छोड़ेगी.
इन चीजों से बना ले दूरी (Distance Yourself From These Things):
1. कैफीन
सर्दियों के मौसम में हम पानी कम पीते हैं, क्योंकि ठंड की वजह से प्यास कम लगती है. जिस वजह से हमारी बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है. बॉडी का डिहाइड्रेट होना कब्ज का मुख्य कारण होता है. वहीं अगर आप कैफीन और शराब जैसी चीजों का सेवन करते हैं तो आपकी बॉडी और ज्यादा डिहाइड्रेट हो सकती है. इसलिए इस तरह की चीजों से आप दूरी बना लें.
2. प्रोसेस्ड फूड
प्रोसेस्ड और पैकेट वाले खाना कब्ज होने का एक मुख्य कारण हो सकता है. प्रोसेड्ड फूड में फाइबर की कमी होती है जिस वजह से इसको पचाना काफी मुश्किल होता है.
3. कच्चे केले
केला पाचन के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन अगर आप कच्चे केले का सेवन करते हैं तो इससे आपको कब्ज की समस्या हो सकती हैं. दरअसल कच्चे केले में स्टार्च पाया जाता है जिस वजह से इसको पचाना मुश्किल होता है. वहीं पके हुए केले में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है और ये पेट के लिए फायदेमंद होता है और कब्ज जैसी समस्या से भी आराम दिलाता है.
4. जंक या फास्ट फूड
जंक या फास्ट फूड का सेवन भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. खाने की इन चीजो में फाइबर की मात्रा कम और फैट बहुत अधिक पाया जाता है. जिस वजह से इसको पचाना काफी मुश्किल होता है. फास्ट फूड से कब्ज की समस्या होने के साथ ही यह शरीर को कई गंभीर बीमारियों से भी ग्रस्त कर सकता है.
सेहत /शौर्यपथ /स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक है कि हमें किसी तरह के विटामिंस, मिनरल्स और पौष्टिक तत्वों की कमी ना हो. क्योंकि इनमें से किसी भी चीज की कमी हमें कई तरह की बीमारियों का शिकार बना सकती है. आज हम बात करेंगे विटामिन बी 12 की, जिसकी कमी हमारे शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है. विटामिन बी 12 हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाकर रखता है. इसकी कमी से हम कई गंभीर रोगों की चपेट में आ सकते हैं. इसकी कमी हमारे दिमाग और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. इतना ही नहीं यह शरीर में बनने वाले रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए भी जरूरी होता है और इसकी कमी बल्ड सेल्स के निर्माण पर असर डालती है, साथ ही मानसिक रोग, हड्डियों की परेशानी और एनीमिया का भी शिकार हो सकते हैं. इसलिए आपको अपने खान-पान में ऐसी चीजों को शामिल करना होता है जिसमें विटामिन बी 12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. चलिए आपको बताते हैं इसकी कमी से होने वाली परेशानियां और इसकी कमी को दूर करने के लिए खाने की किन चीजों को शामिल करें.
विटामिन बी- 12 की कमी के लक्षण
त्वचा का पीला पड़ना
जीभ में दाने होना
जीभ का लाल हो जाना
मुंह में छाले होना
आंखो की रोशनी कम होना
डिप्रेशन, कमजोरी और सुस्ती महसूस होना
सांस का फूलना
सिरदर्द
कान बजना
भूख कम लगना
इन खाद्य पदार्थों में पाया जाता है विटामिन बी 12
अंडे को सेहत से भरपूर माना जाता है. बता दें कि अंडे में विटामिन बी 12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसका सेवन करने से विटामिन बी12 की कमी को पूरा किया जा सकता है. आप रोजाना 2 अंडे खाने से हर दिन की जरूरत के हिसाब से 46 प्रतिशत मात्रा को पूरा कर सकता है.
सोयाबीन में भी विटामिन बी12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. अगर आपको सोयबीन नहीं पसंद है तो आप इसकी जगह पर सोया मिल्क, टोफू भी खा सकते हैं.
दही का सेवन भी विटामिन बी 12 की कमी को पूरा कर सकता है. इसलिए आप अपने खाने में लो फैट दही को शामिल कर सकते हैं.
ओट्स में भी भरपूर मात्रा में फाइबर और विटामिन्स पाए जाते है. आप इसको भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
दूध में भी विटामिन बी12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसको भी आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
दूध से बनने वाला पनीर भी विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने में सहायक होता है.
इसके अलावा आप अपने खाने में हरी सब्जियां भी शामिल करें. ये विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने के साथ ही हीमोग्लोबिन बढ़ाने में भी मदद करता है.
मांसाहारी लोगो को लिए विटामिन बी-12 की कमी को पूरा करने के लिए कई ऑप्शन हैं. आप डाइट में झींगा मछली और साल्स मछली को भी शामिल कर सकते हैं.
अगर आप मछली नहीं खाते हैं तो आप अपनी डाइट में चिकन को भी शामिल करें, इसमें भी भरपूर मात्रा में विटामिन बी 12 पाया जाता है.
सेहत /शौर्यपथ /सर्दियों के मौसम में कई ऐसी सब्जियां आती है जो सेहत के लिए फायदेमंद होती है. इन्हीं सब्जियों में से एक है टमाटर. टमाटर एक ऐसी सब्जी जिसका इस्तेमाल हर घर में हर दिन होता है. टमाटर किसी भी सब्जी के स्वाद को बढ़ाने का काम करता है. दरअसल इसमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं. इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, फाइबर, फोलेट और कैल्शियम जैसे कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं. टमाटर में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं. जो डायबिटीज, कैंसर जैसी कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं.
टमाटर को वजन घटाने के लिए काफी असरकारी माना जाता है. अगर आप बढ़े हुए वजन को कम करना चाहते हैं तो आप टमाटर को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. टमाटर को आप कई तरीके से प्रयोग कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल सब्जी में, जूस बनाकर या फिर सलाद के रूप में किया जाता है. टमाटर में पाया जाने वाला विटामिन सी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी मदद करता है. वहीं कुछ लोग खाने में प्याज लहसुन का इस्तेमाल नहीं करते हैं उनके लिए टमाटर ग्रेवी का काम करता है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व आपकी स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं.टमाटर को स्वाद और सेहत का बेहतरीन कॉम्बिनेशन कहना गलत नहीं होगा. इसका सेवन करने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं. तो आइए जानते हैं सर्दियों में टमाटर खाने के फायदे.
टमाटर खाने के फायदे
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद.
ब्लड सर्कुलेशन में फायदेमंद.
कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है.
शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है.
स्किन के लिए फायदेमंद.
शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है.
वजन घटाने के लिए फायदेमंद.
इम्यूनिटी बढ़ाने में फायदेमंद.
अपनी डाइट में कैसे करे शामिल
आप टमाटर का सूप बनाकर पी सकते हैं.
खाने के साथ सलाद के तौर पर टमाटर खाएं.
सैंडविच और बर्गर के साथ टमाटर की स्लाइस जरूर मिलाएं.
टमाटर का सूप या इसकी स्मूथी बनाकर इसका सेवन करें.
सेहत /शौर्यपथ /सर्दियों का मौसम आते ही हमें कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. उनमें से ही एक समस्या है कब्ज. दरअसल ठंड का मौसम में हमारा डेली रूटीन काफी ज्यादा चेंज हो जाता है. अधिक ठंड की वजह से हम आलस की वजह से काफी देर तक सोते रहते हैं, या सोकर उठने के बाद भी घंटो तक लेटे रहते हैं. जिसका असर हमारे डेली रूटीन पर पड़ता है. इस वजह से ना तो हमारे खाने का समय निश्चित हो पाता है और ना ही सोने का. यहां तक की इस वजह से एक्सरसाइज और वॉक भी नहीं करते क्योंकि कम्बल से बाहर निकलना इस समय में काफी बड़ा टॉस्क होता है. इतना ही नहीं इस मौसम में प्यास कम लगती है जिस वजह से हम पानी कम मात्रा में पीते हैं जो हमारे स्वास्थय के लिए किसी भी तरह से सही नहीं है. इस तरह में लाजमी है कि आपको कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि बॉडी का मूवमेंट कम होता है जिस वजह से खाना पचने में भी कठिनाई होती है. आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताएंगे जिनका इस मौसम में सेवन भूलकर भी ना करें वरना ये कब्ज की समस्या आपका पीछा नही छोड़ेगी.
इन चीजों से बना ले दूरी
1. कैफीन
सर्दियों के मौसम में हम पानी कम पीते हैं, क्योंकि ठंड की वजह से प्यास कम लगती है. जिस वजह से हमारी बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है. बॉडी का डिहाइड्रेट होना कब्ज का मुख्य कारण होता है. वहीं अगर आप कैफीन और शराब जैसी चीजों का सेवन करते हैं तो आपकी बॉडी और ज्यादा डिहाइड्रेट हो सकती है. इसलिए इस तरह की चीजों से आप दूरी बना लें.
2. प्रोसेस्ड फूड
प्रोसेस्ड और पैकेट वाले खाना कब्ज होने का एक मुख्य कारण हो सकता है. प्रोसेड्ड फूड में फाइबर की कमी होती है जिस वजह से इसको पचाना काफी मुश्किल होता है.
3. कच्चे केले
केला पाचन के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन अगर आप कच्चे केले का सेवन करते हैं तो इससे आपको कब्ज की समस्या हो सकती हैं. दरअसल कच्चे केले में स्टार्च पाया जाता है जिस वजह से इसको पचाना मुश्किल होता है. वहीं पके हुए केले में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है और ये पेट के लिए फायदेमंद होता है और कब्ज जैसी समस्या से भी आराम दिलाता है.
4. जंक या फास्ट फूड
जंक या फास्ट फूड का सेवन भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. खाने की इन चीजो में फाइबर की मात्रा कम और फैट बहुत अधिक पाया जाता है. जिस वजह से इसको पचाना काफी मुश्किल होता है. फास्ट फूड से कब्ज की समस्या होने के साथ ही यह शरीर को कई गंभीर बीमारियों से भी ग्रस्त कर सकता है.
मनोरंजन/शौर्यपथ /ऋषि कपूर अब इस दुनिया में नहीं हैं. वह बॉलीवुड के लोकप्रिय एक्टर्स में से एक थे. वह फ़िल्म अभिनेता, फ़िल्म निर्माता और निर्देशक थे. उन्होंने बतौर बाल कलाकार फिल्मों में डेब्यू किया था. उन्हें बॉबी फ़िल्म के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और साथ ही 2008 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था. उनकी पहली फ़िल्म मेरा नाम जोकर में बाल कलाकार के रूप में शानदार भूमिका के लिए 1970 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला.
उन्होंने 1973 और 2000 के बीच लगभग 92 फिल्मों में बतौर रोमांटिक लीड काम किया. उन्होंने एक्ट्रेस नीतू सिंह से शादी की. अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके पत्नी और बेटे रणबीर कपूर जाने माने स्टार बन चुके हैं. ऋषि कपूर की एक बेटी भी हैं जिनका कम ही जिक्र होता है. उनकी बेटी का नाम रिद्धिमा कपूर है. रिद्धिमा कपूर ने मम्मी पापा और भाई की तरह फिल्मों में करियर नहीं बनाया. उन्होंने बिजनेस मैन भरत साहनी से शादी की और वह जुलरी का बिजनेस करती हैं.
बता दें कि रिद्धिमा कपूर की बेटी समारा अब बड़ी हो गई हैं और काफी खूबसूरत दिखती हैं. क्रिसमस की फोटो में वह पापा- मम्मी के साथ नजर आईं. इंस्टा पर रिद्धिमा कपूर ने फैमिली फोटो शेयर की है, जिसमें समारा भी नजर आ रही हैं. समारा को देख कर फैंस की नजरें उन पर टिकी रह गई. दरअसल लुक में वह अपने नाना यानी कपूर खानदान पर गई हैं. वह गोरी चिट्टी औऱ बेहद प्यारी हैं.
इससे पहले रणबीर- आलिया का शादी में भी समारा लाइम लाइट में आई थीं. समारा ने एक सुपर क्यूट पोस्ट के साथ आलिया भट्ट का फैमिली में स्वागत किया था. समारा ने रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी की फोटो में से एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, "परिवार में आपका स्वागत है आलिया मामी. मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं." कुछ दिनों बाद समारा के पोस्ट पर आलिया भट्ट ने रिएक्ट किया. आलिया ने लिखा, "लव यू समुउउउ" इसके साथ उन्होंने रेड दिल के इमोटिकॉन्स भी शेयर किए.
इस पोस्ट पर कमेंट में समारा की नानी नीतू कपूर ने लिखा, "ओह यह सबसे प्यारी है." समारा की मां रिद्धिमा कपूर साहनी ने रेड दिल के इमोजीस शेयर किए. समारा साहनी ने रणबीर और आलिया की शादी की एक फोटो के साथ आलिया और रणबीर के मेहंदी फंक्शन की भी एक फोटो शेयर की थी.
सेहत /शौर्यपथ /सर्दियों के मौसम में आने वाला फ्रेश संतरा न केवल स्वाद में लाजवाब होता बल्कि, सेहत के लिए भी बेमिसाल है. संतरे को विटामिन सी का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है. विटामिन सी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार है. मजबूत इम्यूनिटी शरीर को कई संक्रमण से बचाने में मदद कर सकती है. सर्दियों के मौसम में हमारी इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है, जिससे हम जल्दी-जल्दी बीमार पड़ सकते हैं. देश में एक बार फिर से कोराना का नया वैरिएंट दस्तक दे रहा है. ऐसे में अपनी सेहत को लेकर ज्यादा सजग रहने की जरूरत है. सेहतमंद रहने के लिए सावधानी और डाइट दोनों का ख्याल रखें. हेल्दी डाइट शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचा सकती है. तो चलिए जानते हैं. संतरा खाने से होने वाले फायदे.
संतरा खाने के फायदे-
1. इम्यूनिटी-
इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार है संतरा. संतरे में विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है. मजबूत इम्यूनिटी शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाने में मदद कर सकती है.
2. दिल-
दिल को दुरुस्त रखने के लिए आप संतरे का सेवन कर सकते हैं. संतरा में पाए जाने वाले गुण दिल संबंधी समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं. आप संतरे के जूस का भी सेवन कर सकते हैं.
3. पेट के लिए-
पेट संबंधी समस्याओं के लिए बेहद गुणकारी है संतरा. संतरा में पाए जाने वाले गुण पाचन को बेहतर रखने में मदद करते हैं. इससे मल त्याग को आसान बनाने में भी मदद मिल सकती है.
4. गठिया-
ठंड का मौसम आते ही कई लोगों में गठिया, पैरों में दर्द की समस्या देखने को मिलती है. संतरे का सेवन कर शरीर में मौजूद यूरिक एसिड को कम करने में भी मदद मिल सकती है.
5. स्किन-
स्किन को हेल्दी रखने के लिए रोजाना करें संतरे का सेवन. संतरे का सेवन कर झुर्रियां, छांही और फाइन लाइन्स को कम करने में मदद मिल सकती है. इसमें मौजूद गुण स्किन के लिए अच्छे माने जाते हैं.
6. बालों-
अगर आपके बाल झड़ते हैं या कमजोर हैं, तो आपके लिए संतरे का सेवन फायदेमंद हो सकता है. रोजाना संतरा खाने से बालों को मजबूत, घना और चमकदार बनाने में मदद मिल सकती है.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हर साल 25 दिसंबर को, भारत और दुनिया भर में ईसाई समुदाय द्वारा यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है. क्रिसमस को जर्मनी में यूलटाइड, स्पेनिश में नवीदाद, इतालवी में नटले और फ्रेंच में नोएल कहा जाता है. न्यू टेस्टामेंट के अनुसार, यीशु का जन्म बेथलहम में जोसेफ और मैरी के घर हुआ था और उनके जन्म का महीना और तारीख ज्ञात नहीं है, लेकिन शुरुआती से लेकर चौथी शताब्दी के मध्य तक, पश्चिमी ईसाई चर्च ने 25 दिसंबर को क्रिसमस रखा था और यह तारीख को बाद में दुनिया भर में अपनाया गया.
- एक आम प्रथा यह है कि कई व्यक्तियों और चर्चों ने ईसा मसीह के जन्म को दर्शाते हुए एक नैटिविटी दृश्य स्थापित किया है. जहां एक चरनी या खलिहान को फिर से बनाया गया है, और जोसेफ, मैरी और बेबी जीसस का प्रतिनिधित्व करने वाले आंकड़े हैं. वे आमतौर पर स्वर्गदूतों, बाइबिल मैगी, चरवाहों और जानवरों जैसे गधे, बैल और ऊंट से घिरे होते हैं.
- क्रिसमस की भागदौड़ में, लोग अक्सर छोटे समूहों में घर-घर जाकर कैरल गाते हैं ताकि उत्सव की खुशियों में इजाफा हो सके. वहीं सजावट क्रिसमस के आकर्षण का एक अभिन्न हिस्सा है. लोग अपने घरों और कार्यालयों को माल्यार्पण, कैंडी के डिब्बे, होली, मिस्टलेटो और स्टॉकिंग्स से सजाना पसंद करते हैं और निश्चित रूप से, एक क्रिसमस ट्री - चाहे वह वास्तव में लंबा हो या छोटा - रंगीन आभूषणों के साथ, बहुत जरूरी है.
- मिस्टलेटो के नीचे चुंबन का रिवाज कथित तौर पर विक्टोरियन युग में शुरू हुआ था. उस समय लोगों का मानना था कि इससे शादी होती है और प्रजनन क्षमता को बढ़ावा मिलता है. ऐसे में इस दिन फ्रूट केक क्रिसमस के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है. साथ ही प्लम और चेरी को चीनी के बड़े घोल में भिगोकर लंबे समय तक रखा जाता है.
-कैंडी के डिब्बे पर सफेद पट्टियां यीशु मसीह की शुद्धता का प्रतिनिधित्व करती हैं. तीन लाल पट्टियां पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के लिए खड़ी होती हैं और लाल धारी यीशु मसीह के खून का प्रतिनिधित्व करती हैं. क्रिसमस के पेड़ अनन्त जीवन का प्रतीक हैं और इंग्लैंड में पेश किए गए थे जब महारानी विक्टोरिया ने राजकुमार अल्बर्ट से शादी की थी, जो एक जर्मन थे.
- जर्मन लोग और हव्वा के पर्व के दिन "स्वर्ग के पेड़" ले जाने वाले जुलूस की मेजबानी करते थे. जिसमें निषिद्ध फल का प्रतिनिधित्व करने वाले सेब होते थे. क्लेमेंट मूर की 1822 की कविता ए विजिट फ्रॉम सेंट निकोलस में सांता के बारहसिंगों को पेश किया गया था, जिसे अब ट्वास द नाइट बिफोर क्रिसमस कहा जाता है, जबकि सांता क्लॉज की किंवदंती सेंट निकोलस नामक एक साधु के लिए सैकड़ों साल पीछे चली जाती है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह 280 ईस्वी के आसपास पैदा हुआ था. पटारा में, वर्तमान तुर्की में मायरा के पास और किंवदंतियों का विषय बन गया, क्योंकि उनकी धर्मपरायणता और दयालुता के लिए उनकी प्रशंसा की गई थी.
-आधुनिक समय में, क्रिसमस को सांता क्लॉज़ की पौराणिक आकृति के साथ जोड़ दिया गया है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों में क्रिसमस के पारंपरिक संरक्षक हैं, जो बच्चों को उपहार लाते हैं. हर साल, क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, सांता क्लॉज़ दुनिया भर के बच्चों को उपहार देने के लिए उत्तरी ध्रुव से अपनी बेपहियों की गाड़ी पर सवार होते हैं और बच्चे अपने उपहारों को खोलने के लिए सुबह जल्दी उठते हैं.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / अंडरआर्म्स की स्किन शरीर के बाकी हिस्सों के मुकाबले अधिक गहने रंग की होती है. कई बार इसका रंग इतना अधिक गहरा हो जाता है कि आप स्लीवलेस ड्रेस पहनने या पूल में उतर कर नहाने से भी कतराने लगते हैं. डार्क अंडरआर्म्स के कई कारण हो सकते हैं, जैसे बार-बार शेविंग करने, हाइपरपिग्मेंटेशन , टाइट कपड़े, त्वचा विकार जो कालेपन का कारण बन सकते हैं, जैसे फॉक्स-फोर्डिस रोग या फिर हार्मोन का असंतुलन. हालांकि इन डार्क आर्म्स को लेकर आपको घबराने की जरूरत नहीं है, कुछ घरेलू उपायों से इनसे आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है.
डार्क अंडरआर्म्स के लिए घरेलू उपाय
1) आलू
एक आलू को कद्दूकस कर लें, कद्दूकस किए हुए आलू का रस निचोड़ लें और इस रस को अपने अंडरआर्म्स पर लगाएं. 10 मिनट बाद अपने अंडरआर्म्स को ठंडे पानी से धो लें.
2) दूध, गुलाब जल और संतरे के छिलके
एक गाढ़ा पेस्ट बनाने के लिए पर्याप्त पाउडर संतरे के छिलके में एक बड़ा चम्मच दूध और एक बड़ा चम्मच गुलाब जल मिलाएं. पेस्ट से अपने अंडरआर्म्स को धीरे से स्क्रब करें और फिर इसे ठंडे पानी से धोने से पहले लगभग 15 मिनट के लिए छोड़ दें. प्रति सप्ताह दो से तीन बार दोहराएं.
3) नींबू
नींबू के मोटे टुकड़े काटकर अपने अंडरआर्म्स पर रगड़ें. 10 मिनट के बाद, अपने अंडरआर्म्स को ठंडे पानी से धो लें, उन्हें सुखा लें और मॉइश्चराइजर लगा लें.
4) हल्दी और नींबू
एक छोटे कटोरे में, पेस्ट बनाने के लिए पर्याप्त हल्दी के साथ 2 बड़े चम्मच ताजा नींबू का रस मिलाएं. पेस्ट को अपने अंडरआर्म्स पर समान रूप से लगाएं. 30 मिनट बाद पेस्ट को धो लें.
5) अंडे की जर्दी का तेल
सोने से ठीक पहले अपने अंडरआर्म्स पर अंडे की जर्दी के तेल की मालिश करें. अगली सुबह, अपने अंडरआर्म्स को पीएच-संतुलित बॉडी वॉश या साबुन से धो लें.
6) नारियल का तेल
नारियल तेल की कुछ बूंदों से अंडरआर्म्स पर मसाज करें. 15 मिनट बाद अपने अंडरआर्म्स को गुनगुने पानी और किसी माइल्ड सोप से धो लें. ये स्टेप्स हर सप्ताह दो से तीन बार दोहराएं.
7) टी ट्री ऑयल
एक छोटी स्प्रे बोतल में पानी के साथ टी ट्री ऑयल की 5 बूंदें मिलाएं. नहाने पर अच्छे से सुखा कर इस मिश्रण को हर दिन अपने अंडरआर्म्स पर स्प्रे करें. इसे प्राकृतिक रूप से सूखने दें.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / कब दूसरे बच्चे की प्लानिंग कब कर रही हैं? पहला बच्चा हो या फिर दूसरा आज के समय में कुछ भी प्लान करने से पहले बहुत सी बातों को सोच कर चलना पड़ता है. पहली प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद बॉडी में कई तरह के हार्मोनल चेंजेस आते हैं उनको ओवरकम करने के बाद आप दूसरा बेबी की प्लान कर सकते हैं. हालांकि अगर इन बदलावों पर ठीक तरीके से ध्यान ना दिया जाए तो यह बड़ी बीमारियों का कारण बन सकते हैं. आपको बता दें कि फैमिली प्लानिंग करने का कोई भी टाइम गलत नहीं होता दूसरा बच्चा अपने साथ कई तरह की परेशानियों का हल लेकर आता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं पांच ऐसे कारण जिससे आपको ये समझने में मदद मिलेगी कि आपको दूसरा बच्चा प्लान क्यों प्लान करना चाहिए.
सेकेंड बेबी क्यों प्लान करना चाहिए?
1. भाई-बहन हमेशा एक दूसरे का साथ देते हैं
दूसरा बेबी करने का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपके पहले बच्चे को एक भाई या बहन मिल जाता है. ये सिबलिंग अपने भाई बहन के साथ तब भी मजबूती से साथ होते हैं जब आप उनके आसपास ना हों. ज्यादातर माता-पिता इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि उनके जाने के बाद उनके बच्चे कैसे रहेंगे. एक और बच्चा होने से पहले बेबी को एक लाइफ लोंग कंपनी हो मिल जाती है.यदि आप अपने भाई-बहनों के करीब हैं, तो आप जानेंगे की आपका बच्चा उसी सॉलिड सपोर्ट सिस्टम का हकदार है जो आपके बड़े होने पर थी.
2. आप प्रेगनेंसी के बारे में सब कुछ जानती हैं
जब आप एक बार प्रेगनेंट हो जाती हैं, तो आपको इसके अच्छे, बुरे और भयानक सभी स्थतियों के बारे में पता चल जाता है. पहली बार माता-पिता बनने के लिए आपने जाहिर तौर पर काफी जानकारी जुटाई होगी लेकिन आप आप इसकी गहराई के बारे में समझते हैं.आपको पता होता है कि प्रेगनेंसी में आपके सामने आने वाली चुनौतियों का सामना कैसे करना है. मेडिकली दूसरी प्रेगनेंसी के लिए भी लेबर टाइम कम होता है.
3. एक एक्स्ट्रा हैंड और एक्स्ट्रा केयर
कभी-कभी, माता-पिता बच्चे की समस्याओं से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं. बच्चे एक उम्र के बाद पैरेंट्स से बाते छिपाने लग जाते हैं. ऐसी स्थिति को भाई बहन अच्छी तरह संभालते हैं. भाई-बहन जानते हैं कि अपने छोटे भाई या बहन को बेहतर तरीके से कैसे संभालना है. बड़ा बच्चा भी एक एक्स्ट्रा स्पून या बेबी वाइप्स लेने के लिए दौड़ता है जब आपको उनकी जरूरत होती है. साथ ही अगर आपके एक से ज्यादा बच्चे होंगे तो वो आपका और अच्छे से ख्याल रख पाएंगे.
4. साथ हो तो घबराते नहीं हैं बच्चे
जब आपके बच्चे का कोई दोस्त होता है तो चीजें अपने आप कम डरावनी लगती हैं. एक बच्चा होगा तो वह अकेले रहने से कई बार घबराएगा. लेकिन जब 2 बच्चे होंगे तो वो एक साथ खेल सकते हैं और एक दूसरे के अनुभवों से सीख सकते हैं. एक दोस्त होने से मोरल और मेंटल सपोर्ट की भावना पैदा होती है और दोनों बच्चे एक दूसरे की कंपनी में मजबूत महसूस करते हैं.
5. प्रॉब्लम सॉल्व करने की बढ़ती है स्किल
जब घर में एक ही बच्चा होता है तो उसको बहुत लाड़ प्यार से रखा जाता है. लेकिन जब वो बड़ा होता है तो वो मुश्किलों से लड़ने में हेल्पलेस फील करता है. इसलिए जरूरी है कि परिवार में दूसरा बच्चा भी हो. दूसरा बच्चा घर में प्यार के साथ एक कॉम्पटीशन भी लाता है. जब बच्चा अपनी मुश्किलें से लड़ना खुद सीखेगा तभी वो जीवन में आगे बढ़ पाएगा. इस चीज में भाई और बहन बहुत अच्छे से मदद कर सकते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मां बनना एक शादीशुदा औरत के लिए सबसे सुखद एहसास माना जाता है, लेकिन बहुत सी महिलाओं में फर्टिलिटी कम होती है जिससे उनके मां बनने का सपना पूरा नहीं हो पाता. इस क्षमता को बढ़ाने के लिए डॉक्टर और दवाएं तो काम करते ही हैं, लेकिन कुछ सुपरफूड्स भी हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं. अगर आप भी सोचते हैं कि फर्टिलिटी कैसे बढ़ाएं? या फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए क्या खाएं? तो इसके लिए आप पांच ऐसी चीजों को अपने आहार का हिस्सा बना सकते हैं जो आपकी इनफर्टिलिटी को दूर कर सकते हैं. आइए जानते हैं कौन से हैं वो सुपरफूड्स.
क्या ये फूड्स बढ़ा सकते हैं प्रजनन क्षमता?
1) पत्तेदार हरी सब्जियां
प्रेगनेंसी के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां बहुत फायदेमंद होती हैं. इनमें ब्रोकोली, केला, गोभी, जलकुंभी, रॉकेट, पालक सब्जियां शामिल हैं. इन में विटामिन ए, सी, ई और के एंटीऑक्सीडेंट समेत सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स होते हैं. ये पत्तेदार सब्जियां विटामिन बी फोलेट का एक अच्छा रिसोर्स है.
2) मछली बढ़ाती हैं फर्टिलिटी
मछलियां फर्टिलिटी को बढ़ाने में बहुत सहायक हैं. प्रेगनेंसी के दौरान ये बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी है. कुछ मछलियां जैसे सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन और पिल्चार्ड जैसी मछलियां ओमेगा 3 के फैटी एसिड की अच्छी किस्म मानी जाती हैं. ये मेल और फीमेल दोनों की फर्टिलिटी के लिए जरुरी हो सकती हैं.
3) प्रेगनेंसी के लिए लें जिंक फूड
जिंक फूड सेल्स को अलग-अलग करने के लिए जरूरी है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये आदमी हो या औरत दोनों में स्पर्म और एग के डेवलपमेंट और प्रेगनेंसी के लिए एक जरूरी एलिमेंट माना जाता है.
4) दाल और मेवे भी हैं फायदेमंद
फर्टिलिटी बढ़ाने में संतुलित और पोष्टिक आहार बहुत अधिक फायदेमंद होता है. कुछ खाने की चीजें जैसे शैल फिस, जैविक पदार्थ, कद्दू, तिल, चिया, सूरजमुखी और अलसी के बीज, काजू, बादाम, अखरोट ऑर्गेनिक स्टफ और पाइन नट्स जैसे मेवे, बीन्स, मशरूम, दालों समेत कई तरह के अनाज खाने चाहिए.
5) मिक्स्ड कार्बोहाइड्रेट लें
व्हाइट कार्बोहाइड्रेट के बजाय मिक्स्ड जैसे ब्रेड, पास्ता, चावल और शकरकंद जैसे साबुत अनाज वाला भोजन लें. गैर-लस वाले अनाज भी फायदा पहुंचाते हैं. इसके पीछे कारण ये है कि व्हाइट कार्बोहाइड्रेट में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और लोड (जीएल) होता है जो ब्लड शुगर के बैलेंस को बिगाड़ देता है. इससे फर्टिलिटी हार्मोन का बैलेंस भी बिगड़ जाता है. इसलिए मिक्स्ड कार्बोहाइड्रेट लेने चाहिए. ये ब्लड शुगर और हार्मोन को ठीक रखते हैं. प्रोटीन युक्त आहार भी लेना चाहिए. ये मेल और फीमेल के री-प्रोडक्शन हार्मोन में बिल्डिंग ब्लॉक बढाता है. इनके अलावा व्यायाम भी करना अच्छा होता है.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / चॉकलेट का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है. अगर आप भी चॉकलेट खाने के शौकीन हैं तो आप डार्क चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं. डार्क चॉकलेट को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. आपको बता दें कि डार्क चॉकलेट कोको बीन्स से बनती है. मिल्क चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट ज्यादा लाभकारी है. डार्क चॉकलेट में आयरन, कॉपर, फ्लैवनॉल्स, जिंक व फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं. डार्क चॉकलेट खाने से स्ट्रेस को कम करने में मदद मिल सकती है. इतना ही नहीं इसे हार्ट के लिए भी अच्छा माना जाता है. तो चलिए जानते हैं डार्क चॉकलेट खाने से होने वाले फायदे.
डार्क चॉकलेट खाने के फायदे-
1. डिप्रेशन-
भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब खान-पान के चलते डिप्रेशन की समस्या काफी देखी जा रही है. इस समस्या से सबसे ज्यादा युवा वर्ग आपको देखने को मिलेगा. डिप्रेशन को कंट्रोल करने में डार्क चॉकलेट को काफी अच्छा माना जाता है. इसमें पाए जाने वाले गुण मूड को हेप्पी रखने में मदद कर सकते हैं.
2. एनर्जी-
डार्क चॉकलेट में पॉलिफिनॉल्स, एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं. डार्क चॉकलेट के सेवन से एनर्जी को बूस्ट करने में मदद मिल सकती है.
3. ब्लड प्रेशर-
डार्क चॉकलेट में एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव मौजूद होता है, जो हाई बीपी को कंट्रोल करने में मददगार है. सीमित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन कर हाई ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं.
4. सूजन-
डार्क चॉकलेट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. फ्लेवनॉल युक्त कोको के सेवन से सूजन कम हो सकती है. अगर आपको सूजन संबंधी समस्या है तो आप अपनी डाइट में डार्क चॉकलेट को शामिल कर सकते हैं.
5. आंखों-
आंखों को हेल्दी रखने के लिए आप डार्क चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं. डार्क चॉकलेट में मौजूद गुण आंखों को हेल्दी रखने और रोशनी को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
6. हार्ट-
डार्क चॉकलेट में एंटीहाइपरटेन्सिव, एंटीप्लेटलेट, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं, जो हार्ट संबंधी समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं. डार्क चॉकलेट के सेवन से हार्ट को हेल्दी रखा जा सकता है.
आस्था /शौर्यपथ / हिंदी कैलेंडर से मुताबिक पौष माह से बाद माघ की शुरुआत होती है. जो कि हिंदू साल का 11वां महीना है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं और धर्म शास्त्रों में माघ महीने को बेहद पवित्र और मोक्षदायक कहा गया है. इसके साथ ही माघ का महीना भगवान सूर्य, मां गंगा और भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है. ऐसे में इन दिनों में स्नान, दान और तप का खास महत्व है. आइए जानते हैं कि माघ का महीना कब से शुरू हो रहा है और इस दौरान क्या करना शुभ होता है.
ज्योतिष शास्त्र में इस माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं, भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस माह में पवित्र नदी में स्नान करते समय या फिर गंगा में स्नान करते समय गंगा स्तुति और गंगा स्त्रोत का पाठ करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
कब से शुरू हो रहा है माघ
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ का महीना पौष के बाद आता है. यह साल का 11वां महीना होता है. इस महीने में गंगा नदी में स्नान और दान का खास महत्व है. इस बार माघ का महीना 7 जनवरी 2023 से शुरू हो रहा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस महीने में मां गंगा, भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा विशेष शुभ फलदायी होती है. इस महीने में गंगा स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है. आगे जानते हैं गंगा स्तुति से बारे में.
गंगा जी की स्तुति
गगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम्
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम्
माँ गंगा स्तोत्रम्
देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे
त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे
शङ्करमौलिविहारिणि विमले
मम मतिरास्तां तव पदकमले
भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव
जलमहिमा निगमे ख्यातः
नाहं जाने तव महिमानं
पाहि कृपामयि मामज्ञानम्
हरिपदपाद्यतरङ्गिणि गङ्गे
हिमविधुमुक्ताधवलतरङ्गे
दूरीकुरु मम दुष्कृतिभारं
कुरु कृपया भवसागरपारम्
तव जलममलं येन निपीतं
परमपदं खलु तेन गृहीतम्
मातर्गङ्गे त्वयि यो भक्तः
किल तं द्रष्टुं न यमः शक्तः
पतितोद्धारिणि जाह्नवि गङ्गे
खण्डितगिरिवरमण्डितभङ्गे
भीष्मजननि हे मुनिवरकन्ये
पतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये
कल्पलतामिव फलदां लोके
प्रणमति यस्त्वां न पतति शोके
पारावारविहारिणि गङ्गे
विमुखयुवतिकृततरलापाङ्गे
तव चेन्मातः स्रोतःस्नातः
पुनरपि जठरे सोऽपि न जातः
नरकनिवारिणि जाह्नवि गङ्गे
कलुषविनाशिनि महिमोत्तुङ्गे
पुनरसदङ्गे पुण्यतरङ्गे
जय जय जाह्नवि करुणापाङ्गे
इन्द्रमुकुटमणिराजितचरणे
सुखदे शुभदे भृत्यशरण्ये
रोगं शोकं तापं पापं
हर मे भगवति कुमतिकलापम्
त्रिभुवनसारे वसुधाहारे
त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे
अलकानन्दे परमानन्दे
कुरु करुणामयि कातरवन्द्ये
तव तटनिकटे यस्य निवास
खलु वैकुण्ठे तस्य निवास
वरमिह नीरे कमठो मीनः
किं वा तीरे शरटः क्षीणः
अथवा श्वपचो मलिनो दीनस्तव
न हि दूरे नृपतिकुलीनः
भो भुवनेश्वरि पुण्ये धन्ये
देवि द्रवमयि मुनिवरकन्ये
गङ्गास्तवमिमममलं नित्यं
पठति नरो यः स जयति सत्यम्
येषां हृदये गङ्गाभक्तिस्तेषां
भवति सदा सुखमुक्तिः
मधुराकान्तापज्झटिकाभिः
परमानन्दकलितललिताभिः
गङ्गास्तोत्रमिदं भवसारं
वाञ्छितफलदं विमलं सारम्
शङ्करसेवकशङ्कररचितं पठति
सुखी स्तव इति च समाप्तः
देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे
त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे
शङ्करमौलिविहारिणि विमले
मम मतिरास्तां तव पदकमले