
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
सेहत /शौर्यपथ /हर साल 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है. इसकी स्थापना यूरोपियन थायराइड एसोसिएशन और अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन ने थायराइड एक प्रकार की गले की बीमारी होती है. जिसके बारे में लोगों को शुरुआत में पता नहीं चल पाता. थायराइड तितली के आकार का एक ग्लैंड होता है. थायराइड ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है ये हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को कंट्रोल करता है. थायराइड 2 तरह का होता है. पहला थायराइड जिसमें T3 और T4 तेजी से बढ़ने लगता है और दूसरा Hypothyroid जिसमें T3 और T4 तेजी से घटने लगता है. थायराइड से बचने के लिए आप अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल कर सकते हैं. हेल्दी डाइट हमारे शरीर को हेल्दी रखने में अहम रोल निभाती है. तो चलिए जानते हैं ऐसे ही फूड्स के बारे में जिन्हें थायराइड से बचने के लिए डाइट में शामिल कर सकते हैं.
थायराइड के मरीज इन चीजों को डाइट में शामिल कर खुद को रख सकते हैं हेल्दी-
1. फल-
फलों को सेहत के लिए कितना फायदेमंद माना जाता है ये तो हम सभी जानते हैं. लेकिन फ्रेश फ्रूट को डाइट में शामिल कर कई बीमारियों से बचा जा सकता है. फलों मे एंटीऑक्सीडेंट्स गुण पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. जिससे कई संक्रमण से बचा जा सकता है.
2. आयोडीन-
थायराइड आयोडीन की कमी के कारण भी हो सकता है. इसलिए अपने खाने में आयोडीन का सेवन करें. आयोडीन थायराइड से बचाने का काम कर सकता है.
3. डेयरी प्रोड्क्ट-
डेयरी प्रोड्क्ट में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व पाए जाते है, जो शरीर को कई पोषक तत्व देने और थायराइड से बचाने में मदद कर सकते हैं.
4. अनाज-
अनाज में आप ब्राउन राइस, जई, मकई आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं. अनाज में अधिक मात्रा में विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और फाइबर के गुण मौजूद होते हैं, जो थायराइड की समस्या से बचाने में मदद कर सकते हैं.
5. लौकी-
लौकी एक हरी सब्जी है जिसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. लौकी पोषक तत्वों से भरपूर मानी जाती है. लौकी के जूस को डाइट में शामिल कर थायराइड की समस्या को कम किया जा सकता है.
खाना खजाना /शौर्यपथ / गर्मियों का मौसम है ऐसे मौसम में हेल्दी और लाइट खाना न केवल स्वाद ब्लकि, सेहत के लिए भी अच्छा होता है. डिनर में अक्सर कई लोग हैवी खाना खा लेते हैं, जो सेहत को नुकसान कर सकता है. असल में ज्यादा ऑयली और स्पाइसी खाना पाचन को बिगाड़ सकता है. तो अगर आपका भी मन कुछ हल्का-फुल्का खाने का कर रहा है और आप ज्यादा समय भी नहीं लगाना चाहते हैं. तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं. हां आपने हमें बिल्कुल सही सुना आज हम आपके लिए एक ऐसी ही रेसिपी लेकर आए हैं. जिसे आप डिनर में बना सकते है. लेमन रसम एक टेस्टी डिश है. इस पौष्टिक डिश को आप डिनर में आसानी से बना सकते हैं.
सामग्री-
अरहर की दाल
टमाटर
नींबू
जीरा
राई
करी पत्ता
काली मिर्च
कश्मीरी लाल मिर्च
अदरक
हरी मिर्च
हरा धनिया
घी/तेल
नमक
विधि-
लेमन रसम बनाने के लिए सबसे पहले आप दाल साफ पानी से अच्छी तरह धो लें.
दाल को प्रेशर कुकर करा लें.
फिर एक पैन में घी-तेल डालें.
इसमें कटे टमाटर, मिर्च, अदरक और कड़ी पत्ता डालें.
अब हल्दी पाउडर डालकर अच्छे से मिला लें.
इस मिक्सचर में थोड़ा पानी डालकर उबाल आने दें.
इसी में टमाटर को मैश कर दें और प्याज डालें.
फिर दाल डालकर अच्छे से मिला लें.
अब तड़के लिए जीरा, राई, करी पत्ता, हींग और काली मिर्च को तड़कने तक गर्म करें और दाल में डालें.
इसके उपर से नींबू को निचोड़ दें, रसम बनकर तैयार है.
सेहत /शौर्यपथ /वजन घटाना दुनिया के कुछ कठिन कामों में से एक है. कई लोगों को स्ट्रिक्ट डाइट और कसरत करने के बाद भी वो रिजल्ट नहीं मिलते जो वो चाहते हैं. यदि आप उन लोगों में से एक हैं जो रेस्ट्रिक्शन्स का पालन करने के बाद भी वजन कम नहीं कर पा रहे हैं तो आपको वजन घटाने के लिए प्राकृतिक उपचारों पर ध्यान देना चाहिए. इन प्राकृतिक उपचारों में सबसे पहला नाम नींबू पानी और छाछ का आता है. लेकिन यहां सवाल उठता है कि इन दोनों ड्रिंक में से कौन सा बेहतर रहेगा. ऐसे में यहां हम आपको इन दोनों के फायदे और कौन सा उपचार बेहतर है इस बारे में बता रहे हैं.
नींबूपानी
अपने दिन की शुरुआत एक गिलास गर्म पानी और नींबू के रस से करने से आपको कई तरह से मदद मिल सकती है. सबसे पहले, यह आपके शरीर को हाइड्रेट रखता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकाल देता है. इसके अलावा, यह तेजी से फैट को जलाने के लिए मेटाबॉलिज्म को स्पीड देता है. यह पाचन में सुधार करने में भी मदद करता है और कब्ज को रोकता है. विटामिन सी रिच ये ड्रिंक फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होता है, एक कम्पाउंड जिसमें शक्तिशाली रोग-विरोधी गुण होते हैं. इसके अलावा, इसमें पोटैशियम, फोलेट और विटामिन बी जैसे ट्रेस मिनरल्स भी होते हैं. रोजाना नींबू पानी पीने के प्रभाव कुछ ही हफ्तों में दिखाई देने लगते हैं. यह घर पर वजन घटाने के सबसे आसान उपायों में से एक है.
छाछ
छाछ एक लाइट ड्रिंक है जिसे अकसर डाइट में शामिल किया जाता है. गर्मी से राहत के लिए दोपहर के भोजन के बाद या शाम को छाछ ले सकते हैं. ये गर्मी से राहत देने के साथ-साथ वजन घटाने में भी मदद करता है. इस ड्रिंक में कैलोरी की मात्रा कम होती है. इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें काला नमक, जीरा पाउडर और कटा हरा धनिया मिला सकते हैं. भोजन के बाद इसे लेने से पाचन में सुधार होता है, एसिड रिफ्लक्स रुकता है, मेटाबॉलिज्म को बूस्ट मिलता है और फैट का जमाव कम होता है. दही में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया आपके पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकते हैं.
दोनों में से कौन सा ड्रिंक बेहतर
नींबू पानी और छाछ दोनों ही नेचुरल ड्रिंक है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक गिलास छाछ में 98 कैलोरी होती है. वहीं एक गिलास नींबू पानी में 11 कैलोरी मिलती है. पोषक तत्वों की बात करें तो नींबू पानी विटामिन सी से भरपूर लो कैलोरी ड्रिंक है. छाछ से प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, कैल्शियम, सोडियम, विटामिन बी 12, आदि प्राप्त होते हैं. ऐसे में वजन घटाने के लिए ज्यादातर एक्सपर्ट नींबू पानी पीने की सलाह देते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मोटापा, पेट की बढ़ी हुई चर्बी को कम करने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते, घंटों जिम में पसीना बहाने से लेकर एक्सरसाइज और डाइटिंग तक. इसके बावजूद हमें वो परिणाम नहीं मिलता जो हम चाहते हैं. तो अगर आप भी वेट लॉस करना चाहते हैं, वो भी हेल्दी तरीके से या यूं कहें कि बिना डाइटिंग के, हां आपने बिल्कुल सही सुना हमें. वजन को कम करने के लिए डाइटिंग की जरूरत नहीं है बस हेल्दी और बैलेंस डाइट का फॉलो करना है. कई बार हम ये नहीं जानते कि हमें किन फलों का सेवन वजन घटाने के दौरान करना चहिए, क्योंकि हाई कैलोरी फ्रूट वजन घटाने में बाधा बन सकते हैं. तो चलिए जानते हैं ऐसे ही फ्रूट्स के बारे में, जो वजन को आसानी से कम करने में हमारी मदद कर सकते हैं.
इन फलों का करें सेवन तेजी से घटेगा वजन-
1. पपीता)
पपीता वजन घटाने के लिए सबसे अच्छे ऑप्शन में से एक है. पपीते में फाइबर, विटामिन सी और विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो पाचन को बेहतर और वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं.
2. तरबूज)
गर्मियों के मौसम में आने वाले मौसमी फल तरबूज को भला कौन पसंद नहीं करता. तरबूज फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, पोटैशियम, विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन, लाइकोपीन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है, जो शरीर को हेल्दी और वजन को कम करने में मदद कर सकता है.
3. सेब)
सेब को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद फल माना जाता है. सेब में कैलोरी की मात्रा कम और मिनरल्स, प्रोटीन, ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स और फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं.
4. नारियल)
नारियल में मौजूद सैचुरेटेड फैट हेल्दी होता है और आपकी बॉडी में फैट के रूप में स्टोर नहीं होता. रोजाना कच्चे नारियल को डाइट में शामिल कर वजन को आसानी से कम कर सकते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / मछली को ओमेगा-3 का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है. लेकिन उन लोगों के लिए क्या जो फिश नहीं खाते. अगर आप भी वेगन हैं और आप नॉनवेज का सेवन नहीं करते हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. फिश के अलावा भी कई चीजें हैं जिन्हें आप डाइट में शामिल कर ओमेगा-3 की कमी को दूर कर सकते हैं. शरीर को सेहतमंद रखने के लिए विटामिन्स, मिनरल के अलावा ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन भी जरूरी है. ओमेगा 3 शरीर में कोशिकाओं को सही ढंग से काम करने में मदद करने का काम करता है. तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में जिन्हें डाइट में शामिल कर ओमेगा-3 की कमी को दूर किया जा सकता है.
ओमेगा-3 से भरपूर हैं ये चीजें
1. राजमा-
कई लोगों का राजमा फेवरेट है. हममें से ज्यादातर लोग राजमा को चावल के साथ पेयर करना पसंद करते हैं. शरीर में ओमेगा 3 की कमी को दूर करने के लिए आप राजमा को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
2. सोयाबीन-
सोयाबीन में ओमेगा 3 फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. यूएसडीए के अनुसार सोयाबीन के तेल में 0.923 ग्राम ओमेगा 3 मौजूद होता है. सोयाबीन को डाइट में शामिल कर ओमेगा 3 की कमी को दूर कर सकते हैं.
3. अखरोट-
अखरोट को सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है. अखरोट को डाइट में शामिल कर ओमेगा-3 की कमी को दूर कर सकते हैं.
4. फूल गोभी-
फूल गोभी पोषक तत्वों से भरपूर होती है. फूलगोभी में विटामिन सी, विटामिन के, पोटैशियम, मैंग्नीज और ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो शरीर में ओमेगा-3 की कमी को दूर करने में मदद कर सकते हैं.
सेहत /शौर्यपथ / ज्यादातर इंडियन घरों में आज भी कुकिंग के लिए सरसों का तेल पहली पसंद है. सरसों के तेल को खाना बनाने से लेकर मालिश करने तक के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वैसे तो आज के समय में बहुत से कुकिंग ऑयल मार्केट में उपलब्ध हैं, जो ज्यादा हेल्दी होने का दावा करते हैं. लेकिन कई घरों में आज भी सरसों के तेल को ही इस्तेमाल किया जाता है. असल में सरसों के तेल को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. सरसों के तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी ऐसिड, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड, सैचुरेटेड फैट, प्रोटीन, फाइबर और अन्य माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स होते हैं, जो शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं. सरसों के तेल से बने खाने का सेवन करने से वजन को भी कम करने में मदद मिल सकती है. तो चलिए जानते हैं सरसों के तेल से होने वाले फायदे.
1. पाचन-
पेट का स्वस्थ रहना हमारे शरीर को हेल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी है. पाचन तंत्र खराब होने से हमारे पूरे शरीर पर असर पड़ता है. तो अगर आप भी पाचन को बेहतर रखना चाहते हैं तो सरसों के तेल से बने खाने का सेवन कर सकते हैं.
2. इंफेक्शन-
सरसों का तेल एंटी-बैक्टिरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है. इसका अंदरूनी और बाहरी दोनों तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं. सरसों का तेल कई तरह के इंफेक्शन से बचाने में मदद कर सकता है.
3. दिल-
सरसों के तेल को दिल के लिए अच्छा माना जाता है. कई रिसर्च के अनुसार खाने की चीजो में सरसों के तेल का इस्तेमाल करने से दिल को दुरुस्त रखा जा सकता है.
4. इम्यूनिटी-
सरसों के तेल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया, फंगस और वायरस से होने वाली बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं. सरसों के तेल से बने खाने का सेवन कर इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /एक स्वस्थ और सफल वेट-लॉस जर्नी में हमेशा एक्सरसाइज और हेल्दी बैलेंस डाइट शामिल होती है. एक्स्ट्रा फैट बर्न करने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें और प्रोसेस को तेज करने वाले फूड्स खाएं - लॉजिक सिंपल है. यह भी मायने रखता है कि आप अपनी एक्सरसाइज से ठीक पहले और बाद में क्या खाते हैं, हां यह सच है. कुछ ऐसे फूड हैं जिनका सेवन पहले करने से आपको एक अच्छा एक्सरसाइज सेशन करने में मदद मिल सकती है. आपने सुना होगा कि दौड़ने या जिम जाने से पहले प्रोटीन फूड्स, केला, नट्स और ऐसे अन्य फूड्स कैसे मददगार होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नमक जैसा सादा फूड भी एक्सरसाइज से पहले के मील के रूप में फायदेमंद हो सकता है.
एक चुटकी नमक, आपके वर्कआउट में जोश भर सकता है. हमें विश्वास नहीं है? पोषण विशेषज्ञ निधि निगम बताती हैं
वजन घटाने के लिए नमक खाने के 10 तरीके-
1. हाइड्रेशन में सुधार-
नमक वाटर रिटेंशन को बनाए रखने में मदद करता है, इसलिए आप ज़ोरदार एक्सरसाइज सेशन के दौरान डिहाइड्रेटेड नहीं होंगे.
2. हार्ट रेट कम करता है-
चूंकि नमक को शरीर में ब्लड फ्लो में सुधार करने का श्रेय दिया जाता है, इसलिए यह वास्तव में आपको अपने जिम सेशन से गुजरने में मदद करेगा.
3. मांसपेशियों में ऐंठन को रोकता है-
फिर से, बेहतर ब्लड फ्लो के कारण, एक्सरसाइज के दौरान और बाद में मांसपेशियों में ऐंठन और जोड़ों के दर्द की संभावना कम होगी.
4. पावर आउटपुट बढ़ाता है-
नमक शरीर में ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है, जो कि पावर-पैक वर्कआउट के दौरान आवश्यक होता है.
5. रिप्लेस इलेक्ट्रोलाइट्स-
नमक के सेवन से वाटर रिटेंशन में वृद्धि शरीर को अपने खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को बदलने में मदद करती है.
6. बॉडी तापमान-
यह शरीर में वाटर रिटेंशन और ब्लड फ्लो में सुधार के करता है. पसीने के बीच शरीर के तापमान को बनाए रखता है.
7. परिश्रम को कम करता है-
नमक हार्ट रेट को कम करने में मदद करता है जिसके कारण शरीर कम परिश्रम करता है और इसके परिणामस्वरूप एक्सरसाइज के दौरान बेहतर ऊर्जा उत्पादन होता है.
8. सहनशक्ति बढ़ाता है-
जैसा कि ऊपर कहा गया है, सिस्टम में नमक के कारण शरीर कम परिश्रम करेगा, इसलिए हार्ट एक्सरसाइज करने के लिए शरीर की सहनशक्ति अधिक होनी चाहिए.
9. कार्डियक आउटपुट बढ़ाता है-
ब्लड फ्लो में वृद्धि के कारण यह फिर से होता है.
10. ब्लड की मात्रा में गिरावट-
यदि इंडोरेंस के स्तर के साथ-साथ ब्लड फ्लो की दर अधिक है, तो ब्लड की मात्रा कम हो जाती है, जो कि एक्सरसाइज के दौरान एक एक्स्ट्रा लाभ है.
सेहत /शौर्यपथ / हर मौसम के अपने खास मौसमी फल और सब्जियां होती हैं. हरी सब्जियों को सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है. टिंडा पौष्टिकता से भरी एक हरी सब्जी है. गोल-गोल हरे रंग के टिंडा स्वाद और सेहत में शानदार हैं. टिंडा को बेबी पंपकिन और एप्पल गॉर्ड के नाम से भी जाना जाता है. आयुर्वेद में टिंडा को कई बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है. वैसे तो इसे खाना हर कोई पसंद करता है लेकिन साउथ एशिया में खासतौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है. टिंडा में पाए जाने वाले गुणों की बात करें तो इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट, फाइबर, कैराटिनॉयड, विटामिन सी, आयरन और पोटैशियम जैसे गुण पाए जाते हैं.
टिंडा खाने के फायदे-
1. पेट के लिए-
अगर आपको पेट संबंधी समस्या है तो आप अपनी डाइट में टिंडा को शामिल कर सकते हैं. टिंडा में पाए जाने वाले गुण पाचन को बेहतर रखने में मदद कर सकते हैं.
2. हाई ब्लड प्रेशर-
हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए टिंडे के जूस का सेवन फायदेमंद माना जाता है. इसमें ऐसे बहुत सारे तत्व मौजूद होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करते हैं जिससे ब्लड प्रेशर नॉर्मल रखने में मदद मिल सकती है.
3. वजन घटाने-
मोटापा को कम करने में मददगार है टिंडे की सब्जी. टिंडे में लगभग 94 प्रतिशत पानी की मात्रा होती है, जो वजन को कम करने में मदद कर सकता है. रोजाना टिंडे की सब्जी या जूस का सेवन कर वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं.
4. दिल के लिए-
हार्ट हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. टिंडे की सब्जी या जूस का रोजाना सेवन कर दिल संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /सर्दियों के मौसम में अलसी को डाइट में शामिल कर आप कई फायदे पा सकते हैं. अलसी के छोटे-छोटे बीजों में कई बड़े-बड़े फायदे छिपे हैं. अलसी को खाने में हम कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं जैस, अलसी के बीजों का तेल, सलाद के रूप में, स्मूदी के रूप में, लड्डू के रूप में. ओट्स में आदि. अलसी के बीज में विटामिन बी-1, प्रोटीन, कॉपर, मैंग्नीज, ओमेगा-3 एसिड, लिगनन समेत कई माइक्रो न्यूट्रिएंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर को कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं. अलसी में मौजूद औषधीय गुण ठंड में से बचाने में मदद कर सकते हैं. अलसी को डाइट में शामिल कर इम्यूनिटी को मजबूत और पाचन तंत्र को बेहतर किया जा सकता है. इतना ही नहीं अलसी वजन को घटाने और स्किन को हेल्दी बनाने में भी मददगार है.
ऐसे करें अलसी के बीजों का सेवन बीमारियां रहेंगी कोसों दूरः
1. अलसी के लड्डूः
सर्दियों में हेल्दी रहने के लिए आप अलसी के लड्डूओं को डाइट में शामिल कर सकते हैं. इन लड्डूओं को बनाने के लिए रोस्टेड अलसी को पीस कर इसमें ड्राई फ्रूट्स और गुड घी का इस्तेमाल किया जाता है, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने और शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद कर सकते हैं.
2. ओट्सः
अलसी को उबालकर आप इसमें ओट्स डालकर खा सकते हैं. ये सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत से भरपूर है जो वजन को कम करने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
3. अलसी रायताः
अलसी के बीज ओमेगा 3 फैटी एसिड के सबसे अच्छे सोर्स माने जाते हैं. इसमें पाए जाने वाले फाइबर, न्यूट्रिएंट इम्यूनिटी को बढ़ाने, हार्ट को हेल्दी रखने में मददगार हैं. कब्ज की समस्या से राहत पाने और वजन को कंट्रोल करने के लिए आप अलसी के रायते का सेवन कर सकते हैं.
4. सलादः
गैस, कब्ज और अपच की समस्या को दूर करने और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए आप अलसी के बीजों को सलाद में शामिल कर सकते हैं. इसमें खीरा, ब्रोकली, अमरूद, केला, और रोस्टेड अलसी के बीज के साथ हल्का सा काला नमक डालकर इसका सेवन कर सकते हैं.
क्या, कितना खतरनाक है ओमिक्रोन
सेहत /शौर्यपथ / सर्दियों का मौसम और कड़कड़ाती ठंड अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आती है. मौसम में हुआ ये बदलाव इम्यूनिटी को कमजोर करने लगता है जिस वजह से ज्यादातर लोग सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं. इसलिए इस मौसम में खुद को स्वस्थ रखने के लिए विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है. इसके लिए आवश्यक है कि आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें, तो चलिए जानते हैं इस मौसम में फिट और हेल्दी बने रहने के लिए किन चीजों का सेवन करना चाहिए.
सर्दियों के मौसम में बाजरे का सेवन किया जाता है. बाजरे की तासीर गर्म होती है इसलिए यह हमारे शरीर को अंदर से गर्म रखता है. इसके साथ ही इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर और विटामिन बी भी मौजूद होता है. जो हर मायने से स्वास्थय के लिए लाभदायी है.
लहसुन
हम सब जानते हैं कि लहसुन की तासीर गर्म होती है. इसका इस्तेमाल सब्जी, चटनी और अचार बनाने में किया जाता है. वहीं कुछ लोग सुबह खाली पेट 1-2 लहसुन की कली का सेवन करते हैं. यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ ही कई तरह की बीमारियों से भी बचाता है.
ड्राई फ्रूट्स
ड्राई फ्रूट्स की तासीर गर्म होती हैं. इनका सेवन करने से आपके शरीर को अंदर से गर्माहट मिलती है जिससे आप सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से बचे रह सकते हैं.
जिंजरf28tlbngअदरक की तासीर भी बेहद गर्म होती है. इसका सेवन करने से शरीर को अंदर से गर्माहट मिलती है. सर्दियों के दिनों में अदरक से बनी चाय और काढ़े का सेवन किया जाता है जो आपको मौसमी बीमारियों से बचाकर रखता है.
गुड़
गुड़ भी गर्म तासीर का होता है. इसके साथ ही गुड़ में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो इस मौसम में आपको कई बीमारियों से बचाता है और स्वस्थ रखता है. आप गुड़ से बनी मिठाइयों और चाय का सेवन कर सकते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /च्युइंग गम चबाना कई लोगों की आदत होती है. आपको याद होगा बचपन में च्युइंग गम चबाकर उसके गुब्बारे फुलाना फेवरेट एक्टिविटी होती थी. कुछ लोग च्युइंग गम चबाने की सलाह देते हैं, जबकि कुछ लोग कहते हैं कि इससे दूरी बनाकर रहनी चाहिए. लेकिन क्या आप सच्चाई से वाकिफ हैं? दरअसल, च्युइंग गम चबाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है. इससे कई तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं. आइए जानते हैं इससे होने वाले फायदे.
च्युइंग गम चबाने से क्या-क्या फायदे-
1. कैलोरी बर्न होती है
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, च्युइंग गम चबाने से कैलोरी बर्न होती है, जो वजन कम करने में हेल्प करती हैं. अगर वेट लॉस करना है तो च्युइंग गम चबाना सबसे अच्छा तरीका हो सकता है.
2. मेमोरी स्ट्रॉन्ग होती है
च्युइंग गम चबाना ब्रेन तक पहुंचने वाले ब्लड फ्लो को बूस्ट करता है. इससे हमारी मेमोरी इम्प्रूव होती है. दिमाग तेज चलता है. इतना ही नहीं इसे चबाने से स्ट्रेस जैसी समस्याएं भी दूर हो सकती हैं.
3. अलर्ट रखता है
अगर आप थकावट फील कर रहे हैं, तो आपको च्युइंग गम चबाना चाहिए. इससे आपको अलर्ट रहने में मदद मिल सकती है. इससे आपका दिमाग एकाग्रचित होता है और आप हर चीज को लेकर एक्टिव फील कर सकते हैं.
4. जी मिचलाने से राहत
अगर आपका जी मिचला रहा है तो च्युइंग गम का स्लाइवा आपको बेहतर फील करा सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान मोशन सिकनेस और मॉर्निंग सिकनेस से भी महिलाओं को राहत मिल सकती है.
अब जान लेते हैं च्युइंगम खाने के नुकसान
अगर आप शुगर युक्त च्युइंग गम चबाते हैं तो मुंह में बैक्टेरियल ग्रोथ हो सकती है. साथ ही टूथ एनेमल कमजोर हो सकते हैं. डेंटल वर्क को भी नुकसान हो सकता है. अगर आप ज्यादा च्युइंग गम गम चबाते हैं तो गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल इश्यूज हो सकते हैं.
सेहत /शौर्यपथ /साल का यह समय ट्रीट से भरा हुआ है क्योंकि हम क्रिसमस और नए साल के जश्न में सराबोर रहते हैं. गिल्ट फ्री हम हर एक पल को अपने प्रियजनों, परिवार और दोस्तों के साथ मनाते हैं. नए साल की पूर्व संध्या के साथ पार्टियों में शामिल होना एक सुखद पल होता है. इस दौरान आप बिना किसी चिंता के बिंज में शामिल होते हैं लेकिन जल्द ही हालांकि आपका शरीर आपको बताना शुरू कर देगा कि सब कुछ ठीक नहीं है. आप इस दौरान सुस्त और फूला हुआ महसूस करना शुरू कर सकते हैं. इसमें नए साल की पूर्व संध्या के बाद का हैंगओवर आपको और भी धीमा कर देता है.
आपको बता दें हमारे शरीर को हर दिन डिटॉक्सिफिकेशन में शामिल होने के लिए डिजाइन किया गया है. नए साल की शुरुआत शरीर को डिटॉक्स करने के कई नेचुरल तरीके हैं जो शरीर को साफ करते हैं. योग भी उन्हीं में से एक है. डिटॉक्सिंग शुरू करने के लिए आपको सिर्फ हरे रस पर हफ्तों की चुस्की लेने की जरूरत नहीं है. नीचे दिए गए योग आसन आपके सर्कुलेशन, पाचन और लसीका तंत्र को उत्तेजित करेंगे, जिससे आपको अपने शरीर से अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी.
योग शारीरिक लाभों के अलावा मानसिक स्पष्टता भी प्रदान कर सकता है. योग के शांत और केंद्रित पहलू आपके दिमाग और शरीर के लिए कम्पलीट डिटॉक्स के लिए जरूरी हैं, जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विषाक्तता को दूर करने में मदद करते हैं.
नए साल के योग डिटॉक्स के लाभ
एनर्जी और जुनून बढ़ा
नींद के पैटर्न में सुधार
बैलेंस हार्मोन
बेहतर पाचन
वजन में कमी और कामेच्छा में वृद्धि
चमकती त्वचा और चमकदार बाल
शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मददगार योग
1) वाइड-लेग्ड फॉरवर्ड बेंड
ये तंग हैमस्ट्रिंग खोलने के लिए एक बढ़िया मुद्रा है. यह पोज गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव को भी उलट देती है, जिससे पूरे शरीर में रक्त का संचार होता है. तह गति पेट को स्क्वीज करती है जो पाचन के लिए भी बेहद फायदेमंद है.
2) रिवॉल्व्ड चेयर पोज
यह किकस पोज आपके निचले पैरों को मजबूत करता है और आपके क्वाड्स और ग्लूट्स को ऐसा महसूस कराता है जैसे वे आग पर हैं! यह गहरा मोड़ पाचन में सहायता के लिए भी बेहतरीन है क्योंकि आप अपने किडनी, लीवर और प्लीहा पर कोमल दबाव महसूस करते हैं जो आपके पेट की दीवार को टोनिंग करते हुए विषाक्त पदार्थों को हटाने को उत्तेजित करता है. यह हृदय को उत्तेजित करता है, ब्लड, श्वसन और लसीका तंत्र में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और मानसिक और शारीरिक सुस्ती से राहत देता है.
3) थ्री-लेग्ड डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग पोज
इसमें अपने सिर को नीचे और अपने पैर को हवा में उठाकर रखने से रक्त पूरे शरीर में फैलता है, साथ ही तरल पदार्थ को लिम्फ नोड्स में ले जाता है. यह मुद्रा बहुत आराम देने वाली भी हो सकती है, जो तनाव, भय और उदासी को दूर करने के साथ-साथ मानसिक विषहरण में भी मदद कर सकती है.
4) ट्राएंग पोज
यह मुद्रा शरीर की पूरी पीठ को मजबूत करता है. हृदय को खोलती है और अच्छी मुद्रा को बनाए रखने में मदद करती है. आपके पेट पर दबाव भी पाचन को प्रोत्साहित करता है, जो उन चीजों की रिहाई को उत्तेजित करता है जो शरीर को नेचुरल डिटॉक्स करते हैं.
5) लोकस्ट पोज
यह मुद्रा शरीर की पूरी पीठ को मजबूत करती है, हृदय को खोलती है और अच्छी मुद्रा को प्रोत्साहित करती है. आपके पेट पर दबाव भी पाचन को प्रोत्साहित करता है. ये बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन में भी मदद करता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /दुनिया के एक चौथाई लोग जो देख नहीं सकते भारत में रहते हैं. नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस द्वारा तैयार किए गए एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया में अधिकतम 39 मिलियन की तुलना में राष्ट्र में लगभग 12 मिलियन लोग दृष्टिबाधित हैं. आपके स्वास्थ्य की तरह आपकी आंखों की रोशनी उम्र बढ़ने के साथ बिगड़ती जाती है. इसके अलावा कई नियमित लाइफस्टाइल की आदतें आपकी दृष्टि को नुकसान पहुंचा सकती हैं. यहां पांच डेली हैबिट्स हैं जो आपकी आंखों की रोशनी को खतरे में डाल सकती हैं:
आंखों की रोशनी कमजोर होने के कारण
1) बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम
दुनिया स्क्रीन से अटी पड़ी है. वे टीवी, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट और लगभग हर जगह हैं. स्क्रीन टाइम का मतलब है कि लोग हर दिन स्क्रीन देखने में कितना समय बिताते हैं. अत्यधिक स्क्रीन समय दृष्टि को खराब कर सकता है और तनाव पैदा कर सकता है, खासकर बच्चों में. जो लोग स्क्रीन पर अधिक समय बिताते हैं वे भी सक्रिय रहने और किसी भी प्रकार के शारीरिक व्यायाम में व्यस्त रहने में कम समय व्यतीत कर सकते हैं. इसलिए ध्यान रखें कि आपके बच्चे स्क्रीन पर कितना समय बिता रहे हैं.
2) अत्यधिक धूम्रपान करना
धूम्रपान छोड़ दें या बिल्कुल भी शुरू न करें. धूम्रपान आपकी आंखों के लिए उतना ही हानिकारक है जितना आपके फेफड़ों और हृदय के लिए. धूम्रपान उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन, मोतियाबिंद और ऑप्टिक नर्व डैमेज के रिस्क से निकटता से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से दृष्टि हानि हो सकती है. इसके अलावा, कैंसर 50 साल से अधिक आयु के वयस्कों में दृष्टि हानि का एक प्रमुख ट्रिगर है.
3) अन्य हेल्थ प्रोब्लम्स को रेगुलेट करें
अगर आप डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, थायरॉयड आदि जैसी पुरानी चिकित्सा स्थितियों का ध्यान नहीं रखते हैं तो आपकी आंखों की रोशनी धीरे-धीरे खराब हो सकती है. हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त रेटिनोपैथी के लक्षण 40 साल और उससे अधिक आयु के वयस्कों में आम हैं.
4) पर्याप्त नींद और व्यायाम न करना
नींद की कमी ड्राई आई, रेड आई, डार्क सर्कल, आंखों में क्रैम्प्स और हल्की सेंसिटिविटी जैसी जटिलताओं को दिखा सकती है. नींद की कमी को शरीर में शारीरिक परिवर्तनों से भी जोड़ा गया है, जैसे हार्मोनल और न्यूरोनल परिवर्तन. ये परिवर्तन खराब दृष्टि को और बढ़ा सकते हैं. इसी तरह घर के अंदर रहने और किसी भी शारीरिक गतिविधि में शामिल नहीं होने से आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है.
5) हाइड्रेटेड नहीं रहना
शरीर के तापमान और अन्य जैविक कार्यों को नियंत्रित करने के लिए हमारी कोशिकाओं, अंगों और टिश्यू को पानी की जरूरत होती है. पानी, आंसुओं के रूप में हमारी आंखों को नम रखने में भी मदद करता है. वातावरण में मौजूद धूल, अशुद्धियों और अन्य कणों का हमारी आंखों तक पहुंचना स्वाभाविक है. आंखों में नमी के बिना, सूखी, लाल या सूजी हुई आंखों के विकसित होने की संभावना अधिक होती है.
आंखों की रोशनी बढ़ाने के टिप्स
जब आंखों की रोशनी की रक्षा करने की बात आती है तो लाइफस्टाइल में कुछ सरल बदलाव न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं बल्कि आपके रेटिना और दृष्टि के स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकते हैं.
गहरे रंग की हरी पत्तेदार सब्जियां और मछली जैसे पौष्टिक आहार लें. ओमेगा -3 फैटी एसिड, ल्यूटिन और जेक्सैंथिन से भरी डाइट को उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन (एआरएमडी) की कम घटना से जोड़ा गया है.
एक हेल्दी वेट बनाए रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें. जो लोग फिजिकली एक्टिव रहते हैं उनमें ARMD विकसित होने की संभावना कम होती है. व्यायाम मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के रेगुलेशन में भी सहायता करता है, ये सभी नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं.
परिवार के सदस्यों से किसी दृष्टि संबंधी समस्या के बारे में पूछताछ करें. एआरएमडी, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी और यहां तक कि रेटिनल डिटेचमेंट सभी में एक आनुवंशिक प्रवृत्ति हो सकती है जो परिवारों में चलती है.
• सूर्य की पराबैंगनी (यूवी) किरणें न केवल हमारी त्वचा बल्कि हमारी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं. बाहर जाते समय, 100 प्रतिशत यूवी अवशोषण के साथ धूप का चश्मा पहनें या जो यूवीए और यूवीबी दोनों किरणों को ब्लॉक करता है.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / यदि प्लेनेट पर सबसे वर्स्टाइल इंग्रीडिएंट निर्धारित करने का कॉम्पटीशन होता, तो हम्बल एग एक टॉप कैंडीडेट होता. डेसर्ट हो, स्नैक्स हो, लंच हो या डिनर, अंडे का इस्तेमाल कई तरह के खाने में किया जा सकता है. आप जो भी रेसिपी चुनते हैं, आपके हाथों में एक विनर होगा. लेकिन अगर कोई एक डिश है जिसे यूनिवर्सली पसंद किया जाता है, तो वह है अंडे की भुर्जी. और क्यों नहीं? यह एक स्वादिष्ट रेसिपी है जिसे भरपेट ब्रेकफास्ट के लिए झटपट बनाया जा सकता है. तो अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि सुबह के समय एग फास्ट कैसे बनाया जाए, तो अब आप जानते हैं कि क्या करना है. लेकिन इसे और भी दिलचस्प बनाने के लिए, हमने अंडे की भुर्जी को देसी ट्विस्ट दिया है. यह डिश आपके सुबह के मील में कुछ मसाला जोड़ता है और इसे बनाना भी बहुत आसान है. सबसे अच्छी बात यह है कि आप सबसे बेसिक सामग्री का उपयोग कर सकते हैं जो लगभग हमेशा हमारे किचन पेंट्री में उपलब्ध होती हैं. उदाहरण के लिए, कुछ अंडे, बटर और इंडियन स्पाइस. तो अपना एप्रन पकड़े और कुक करने के लिए तैयार हो जाओ!
इस रेसिपी में इंडियन स्पाइस एक अलग फ्लेवर और अरोमा प्रदान करके डिश को ऊंचा उठाते हैं. तो, एक हाई प्रोटीन और स्वादिष्ट ब्रेकफास्ट के लिए, घर पर इस देसी स्टाइल के फ्राइड हुए अंडे की रेसिपी को आजमाएं. आश्चर्य है कि इसके बारे में कैसे जाना जाए? नीचे पढ़ें.
कैसे बनाएं देसी-स्टाइल स्क्रैम्बल्ड एग-
एक नॉनस्टिक पैन लें और इसे शुरू करने के लिए बटर या घी से कोट करें. एक चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट, कटी हुई हरी मिर्च और एक मुट्ठी हरा धनिया डालें. इसे एक या दो मिनट के लिए भूनें.
अब, 3-4 अंडे तोड़ लें, इसे नमक, काली मिर्च और लाल मिर्च पाउडर से सीज़न करें. अच्छी तरह मिलाएं और 4-5 मिनट तक चलाते रहें.
बची हुई धनिया पत्ती और चाहें तो मक्खन से गार्निश करें. इसे हल्के से भुने ब्रेड या बन के साथ मिलाएं और कुछ ही मिनटों में आपका पौष्टिक नाश्ता तैयार हो जाता है.
अब आपके अगले स्पेशल ब्रेकफास्ट के लिए इस रेसिपी को बनाने का समय है और हमें नीचे कमेंट में बताएं कि आपको यह कैसी लगी.