
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
आस्था /शौर्यपथ /हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी की विधिवत और नियमित आराधना करने से धन-वैभव की प्राप्ति होती है. दरअसल ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर मनोकामनाए पूरी करती हैं. जिससे आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में प्रसन्नता का माहौल कायम रहता है. वैसे तो मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भक्त उनकी पूजा करते हैं, लेकिन इसी पूजा के साथ अगर श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करें तो शीघ्र ही मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सकती है. इसके लिए स्नान करके मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं. इसके बाद पूरे भक्ति-भाव के साथ श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर स्त्रोत का पाठ करें. माना जाता है कि रोजाना सुबह इस स्त्रोत का पाठ करने से सभी आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं.
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर स्त्रोत
देव्युवाच
देवदेव! महादेव! त्रिकालज्ञ! महेश्वर!
करुणाकर देवेश! भक्तानुग्रहकारक! ॥
अष्टोत्तर शतं लक्ष्म्याः श्रोतुमिच्छामि तत्त्वतः ॥
ईश्वर उवाच
देवि! साधु महाभागे महाभाग्य प्रदायकम् ।
सर्वैश्वर्यकरं पुण्यं सर्वपाप प्रणाशनम् ॥
सर्वदारिद्र्य शमनं श्रवणाद्भुक्ति मुक्तिदम् ।
राजवश्यकरं दिव्यं गुह्याद्–गुह्यतरं परम् ॥
दुर्लभं सर्वदेवानां चतुष्षष्टि कलास्पदम् ।
पद्मादीनां वरांतानां निधीनां नित्यदायकम् ॥
समस्त देव संसेव्यम् अणिमाद्यष्ट सिद्धिदम् ।
किमत्र बहुनोक्तेन देवी प्रत्यक्षदायकम् ॥
तव प्रीत्याद्य वक्ष्यामि समाहितमनाश्शृणु ।
अष्टोत्तर शतस्यास्य महालक्ष्मिस्तु देवता ॥
क्लीं बीज पदमित्युक्तं शक्तिस्तु भुवनेश्वरी ।
अंगन्यासः करन्यासः स इत्यादि प्रकीर्तितः ॥ध्यानम्
वंदे पद्मकरां प्रसन्नवदनां सौभाग्यदां भाग्यदां
हस्ताभ्यामभयप्रदां मणिगणैः नानाविधैः भूषिताम् ।
भक्ताभीष्ट फलप्रदां हरिहर ब्रह्माधिभिस्सेवितां
पार्श्वे पंकज शंखपद्म निधिभिः युक्तां सदा शक्तिभिः ॥
सरसिज नयने सरोजहस्ते धवल तरांशुक गंधमाल्य शोभे ।
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवन भूतिकरि प्रसीदमह्यम् ॥
ॐ प्रकृतिं, विकृतिं, विद्यां, सर्वभूत हितप्रदाम् ।
श्रद्धां, विभूतिं, सुरभिं, नमामि परमात्मिकाम् ॥ 1 ॥
वाचं, पद्मालयां, पद्मां, शुचिं, स्वाहां, स्वधां, सुधाम् ।
धन्यां, हिरण्ययीं, लक्ष्मीं, नित्यपुष्टां, विभावरीम् ॥ 2 ॥
अदितिं च, दितिं, दीप्तां, वसुधां, वसुधारिणीम् ।
नमामि कमलां, कांतां, क्षमां, क्षीरोद संभवाम् ॥ 3 ॥
अनुग्रहपरां, बुद्धिं, अनघां, हरिवल्लभाम् ।
अशोका,ममृतां दीप्तां, लोकशोक विनाशिनीम् ॥ 4 ॥
नमामि धर्मनिलयां, करुणां, लोकमातरम् ।
पद्मप्रियां, पद्महस्तां, पद्माक्षीं, पद्मसुंदरीम् ॥ 5 ॥
पद्मोद्भवां, पद्ममुखीं, पद्मनाभप्रियां, रमाम् ।
पद्ममालाधरां, देवीं, पद्मिनीं, पद्मगंधिनीम् ॥ 6 ॥
पुण्यगंधां, सुप्रसन्नां, प्रसादाभिमुखीं, प्रभाम् ।
नमामि चंद्रवदनां, चंद्रां, चंद्रसहोदरीम् ॥ 7 ॥
चतुर्भुजां, चंद्ररूपां, इंदिरा,मिंदुशीतलाम् ।
आह्लाद जननीं, पुष्टिं, शिवां, शिवकरीं, सतीम् ॥ 8 ॥
विमलां, विश्वजननीं, तुष्टिं, दारिद्र्य नाशिनीम् ।
प्रीति पुष्करिणीं, शांतां, शुक्लमाल्यांबरां, श्रियम् ॥ 9 ॥
भास्करीं, बिल्वनिलयां, वरारोहां, यशस्विनीम् ।
वसुंधरा, मुदारांगां, हरिणीं, हेममालिनीम् ॥ 10 ॥
धनधान्यकरीं, सिद्धिं, स्रैणसौम्यां, शुभप्रदाम् ।
नृपवेश्म गतानंदां, वरलक्ष्मीं, वसुप्रदाम् ॥ 11 ॥
शुभां, हिरण्यप्राकारां, समुद्रतनयां, जयाम् ।
नमामि मंगलां देवीं, विष्णु वक्षःस्थल स्थिताम् ॥ 12 ॥
विष्णुपत्नीं, प्रसन्नाक्षीं, नारायण समाश्रिताम् ।
दारिद्र्य ध्वंसिनीं, देवीं, सर्वोपद्रव वारिणीम् ॥ 13 ॥
नवदुर्गां, महाकालीं, ब्रह्म विष्णु शिवात्मिकाम् ।
त्रिकालज्ञान संपन्नां, नमामि भुवनेश्वरीम् ॥ 14 ॥
लक्ष्मीं क्षीरसमुद्रराज तनयां श्रीरंगधामेश्वरीम् ।
दासीभूत समस्तदेव वनितां लोकैक दीपांकुराम् ॥
श्रीमन्मंद कटाक्ष लब्ध विभवद्–ब्रह्मेंद्र गंगाधराम् ।
त्वां त्रैलोक्य कुटुंबिनीं सरसिजां वंदे मुकुंदप्रियाम् ॥ 15 ॥
मातर्नमामि! कमले! कमलायताक्षि!
श्री विष्णु हृत्–कमलवासिनि! विश्वमातः!
क्षीरोदजे कमल कोमल गर्भगौरि!
लक्ष्मी! प्रसीद सततं समतां शरण्ये ॥ 16 ॥
त्रिकालं यो जपेत् विद्वान् षण्मासं विजितेंद्रियः ।
दारिद्र्य ध्वंसनं कृत्वा सर्वमाप्नोत्–ययत्नतः ।
देवीनाम सहस्रेषु पुण्यमष्टोत्तरं शतम् ।
येन श्रिय मवाप्नोति कोटिजन्म दरिद्रतः ॥ 17 ॥
भृगुवारे शतं धीमान् पठेत् वत्सरमात्रकम् ।
अष्टैश्वर्य मवाप्नोति कुबेर इव भूतले ॥
दारिद्र्य मोचनं नाम स्तोत्रमंबापरं शतम् ।
येन श्रिय मवाप्नोति कोटिजन्म दरिद्रतः ॥ 18 ॥
भुक्त्वातु विपुलान् भोगान् अंते सायुज्यमाप्नुयात् ।
प्रातःकाले पठेन्नित्यं सर्व दुःखोप शांतये ।
पठंतु चिंतयेद्देवीं सर्वाभरण भूषिताम् ॥ 19 ॥
॥ इति श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रं संपूर्णम् ॥
खाना खजाना /शौर्यपथ / शुगर के मरीजों को अपना खाना-पीना बहुत सोच समझकर तय करना पड़ता है क्योंकि इस पर ही उनका इंसुलिन का बैलेंस निर्भर होता है. मधुमेह रोगियों के साथ एक परेशानी होती है उन्हें मीठा खाने की क्रेविंग बहुत होती है. जो कि उनके लिए जहर के समान है. ऐसे में उन्हें अपने मन को मारना ही पड़ता है. इसलिए हम आपके लिए एक ऐसे डिजर्ट को लेकर आए हैं जिसे खाने से आपकी सेहत नहीं बिगड़ेगी. हम आपको बताएंगे कटहल के लड्डू बनाने के बारे में जो आपकी सेहत को दोगुना करेंगे.
कटहल का लड्डू कैसे बनाएं
सामग्री- बादाम 3 कप, कटहल का आटा 3 कप, 1/2 कप जैतून का तेल, 2 बड़े चम्मच अदरक पाउडर, 1 छोटी चम्मच काली मिर्च, 1 छोटी चम्मच इलायची पाउडर, 2 कप एगेव सिरप या स्वीटनर, 1 कप गोंद और 1 बड़ा चम्मच घी चाहिए इसे बनाने के लिए.
लड्डू बनाने की विधि क्या है- सबसे पहले पैन को गैस पर चढ़ाकर गरम करें फिर उसमें कटहल के आटे को डालकर अच्छे भून लीजिए. फिर उसे ठंडा होने के लिए अलग से रख दीजिए. अब इसमें बादाम और स्वीटनर को छोड़कर बाकी सभी सामग्री मिला लीजिए अच्छे से, फिर बची सामग्री को मिलाकर छोटे-छोटे लड्डू हाथ से बना लीजिए. अब आप इसका सेवन कर सकते हैं ये आपके ग्लाइसेमिक कंट्रोल करने में मदद करेंगे.
टिप्स /ट्रिक्स /शौर्यपथ /बालों पर नारियल के तेल को तो आपने खूब लगाया होगा और यकीनन इसके फायदों से भी वाकिफ होंगे ही, लेकिन क्या कभी नारियल के दूध को हेयर केयर में इस्तेमाल किया है? नहीं, तो अब कर लीजिए. नारियल के दूध में विटामिन सी, ई, बी1, बी3, बी5 और बी6 के साथ ही आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम और सोडियम की भी अच्छी मात्रा पायी जाती है. जानिए बालों की अलग-अलग दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए किस तरह नारियल के दूध का इस्तेमाल किया जा सकता है.
नारियल दूध के हेयर मास्क
नारियल दूध और आंवला
इस हेयर मास्क को बनाने के लिए एक कटोरी में आंवले का पाउडर लें और जरूरत के अनुसार इसमें नारियल का दूध मिला लें. अब इस मास्क को पूरा करने के लिए इसमें 2 से 3 बूंदे किसी एसेंशियल ऑयल या फिर नारियल तेल की डाल लें. इस हेयर मास्क (Hair Mask) को बालों पर आधा घंटा लगाए रखने के बाद धो लें. आपके बालों को भरपूर पोषण मिलेगा जिससे बालों पर चमक दिखेगी.
मुलायम बालों के लिए मास्क
नारियल का दूध बालों पर लगाने का यह सबसे अच्छा तरीका है. अगर आप बालों पर नेचुरल कंडीशनर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इस तरीके को अपनाएं. एक कटोरी में नारियल का दूध लेकर आधा बालों की जड़ों से सिरों तक मलकर लगा लें. इसे लगाने के लिए रूई का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इसके बाद 20-25 मिनट में बालों को धो लें.
डैंड्रफ हटाने के लिए
आधा कटोरी नारियल का दूध लेकर उसमें 2 चम्मच भरकर नींबू का रस निचौड़ लें. इसे तकरीबन 4 से 5 घंटे फ्रिज में रख दें. समय पूरा होने के बाद इस मिश्रण को बालों पर 30 से 45 मिनट तक लगाकर रखने के बाद धो लें. बालों से डैंड्रफ का नामोंनिशान तक मिट जाएगा.
बालों में चमक के लिए
बालों को चमकदार और मुलायम बनाने के लिए इस हेयर मास्क को लगाएं. इस हेयर मास्क में आपको नारियल के दूध के साथ शहद (Honey) का इस्तेमाल करना होगा. शहद के एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण बालों को नमी देते हैं, चमक देते हैं और साथ ही मुलायम भी बनाते हैं. इस हेयर मास्क को बनाने के लिए आधा कटोरी नारियल के दूध में 2 चम्मच भरकर शहद डालें और बालों में आधा घंटा लगाए रखने के बाद धो लें.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / क्या आपके मन में अपना एक छोटा व्यवसाय शुरू करने का विचार आ रहा है. आदर्श रूप से, आप एक ऐसा व्यावसायिक उपक्रम विकसित करेंगे जिसमें आपकी दिलचस्पी हो और जो बाजार की ज़रूरतों को पूरा करता हो. लेकिन आप पहला स्टेप लेने से डर रही हैं तो हम आपको यहां पर कुछ आसान टिप्स बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर आप निश्चित ही एक नया वेंचर खड़ा करने में सफल हो जाएंगी.
नया बिजनेस शुरू करने का आसान तरीका
पहले यह पता लगाना है कि आप क्या बेचने की योजना बना रहे हैं. एक व्यवसाय के रूप में आपकी सफलता आपके ग्राहकों को उत्पादों या सेवाओं को बेचने की आपकी क्षमता पर निर्भर करती है. इसके बाद आपके द्वारा पेश किए जा सकने वाले उत्पादों या सेवाओं की एक सूची बनाएं. वहां से, जिसमें आपको निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करना चाहिए.
जब आप एक बिजनेस शुरू करते हैं तो एक व्यावसायिक योजना आपको स्पष्टता प्राप्त करने में मदद करेगी. और तब और जब कोई लघु उद्योग शुरू करना चाहते हैं तो प्लान बनाना बहुत जरूरी होता है.
सही कानूनी ढांचा चुनना आपके व्यवसाय को चलाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगर आप जल्द से जल्द और कम से कम परेशानी के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो सोल प्रोप्राइटरशिप आपके लिए सही हो सकती है.
इस प्रकार के व्यवसाय मॉडल के साथ, आपके पास जवाब देने के लिए कोई भागीदार या कार्यकारी बोर्ड नहीं है, इसलिए आप सभी निर्णयों पर पूर्ण नियंत्रण रखते हैं. हालांकि, ध्यान रखें कि आपके और व्यवसाय के बीच कोई कानूनी अलगाव नहीं है; व्यवसाय पर पड़ने वाले किसी भी ऋण और मुक़दमे के लिए आप ज़िम्मेदार हैं.
आपकी नियोक्ता पहचान संख्या एक कर संख्या है जो आपकी व्यावसायिक इकाई की पहचान करेगी. यदि आप कभी भी अपने व्यवसाय को एलएलसी के रूप में पंजीकृत करने या कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना बनाते हैं, तो आपको एक ईआईएन की आवश्यकता होगी.
EIN के बिना, आपको अपने व्यवसाय की पहचान करने के लिए अपने सोशल सिक्योरिटी नंबर का उपयोग करना होगा, इसलिए EIN के लिए आवेदन करने से आपको अपना सामाजिक सुरक्षा नंबर सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है. आप आईआरएस वेबसाइट पर निःशुल्क आवेदन कर सकते हैं और मिनटों में अपना ईआईएन प्राप्त कर सकते हैं.
खाना खजाना /शौर्यपथ /सर्दियों का मौसम और गर्मा गर्म पकौड़े खाने को मिल जाएं तो क्या ही कहने हैं. अब जब बात पकौड़ों की हुई है तो पनीर को भला कैसे भूल सकते हैं. लेकिन आप इस पकौड़े को थोड़ा कस्टमाइज कर के बना सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे क्रिस्पी पनीर पकौड़ा बनाने की रेसिपी. जो खाने में तो टेस्टी होगी ही इसके साथ ही अगर आप इसे किसी पार्टी में बना रहे हैं तो आपके मेहमानों को भी ये बहुत पसंद आएगा. बाहर से क्रिस्पी और अंदर से सॉफ्ट ये पकौड़े आपकी पार्टी की जान भी बन सकते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं क्रिस्पी पनीर पकौड़ा बनाने की रेसिपी.
सामग्री
1/4 कप कॉर्न फ्लौर /कॉर्न स्टार्च
1/4 कप मैदा
1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर
1/2 छोटा चम्मच गरम मसाला
1/2 छोटा चम्मच सूखा पुदीना
1 बड़ा चम्मच कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर
1/4 कप मैदा
1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर
1 छोटा चम्मच चाट मसाला
1 छोटा चम्मच अदरक लहसुन पेस्ट
2 कप पानी
कॉर्न फ्लेक्स
200 ग्राम पनीर
नमक स्वादानुसार
घी या तेल
कुरकुरे पनीर रेसिपी
सबसे पहले पनीर को मीडियम साइज में काट लें.
इसके बाद एक बड़ा सा कटोरा लें. उसमें कॉर्न फ्लोर, मैदा, कश्मीरी लाला मिर्च पाउडर, काली मिर्च पाउडर, सूखा पुदीना, चाट मसाला, गरम मसाला, नमक और अदरक लहसुन पेस्ट डालकर अच्छी तरह मिलाए़ं.
अब इस पेस्ट में धीरे-धीरे पानी डालें और धीरे-धीरे इन सभी को अच्छे से मिक्स करें, ध्यान रखें कि इसमें किसी तरह की कोई गांठ न हो और एक गाढ़ा घोल तैयार करें.
एक दूसरे कटोरे में कॉर्न फ्लेक्स लें और उसे अपने हाथों से धीरे-धीरे मैश कर दें.
अब पनीर का एक टुकड़ा लें और और उसे मसालेदार बैटर में अच्छे से डुबाकर उसे कोट करें. अब इस कोटेड पनीर को कॉर्न फ्लेक्स से अच्छी तरह से कोट कर लें.
अब इस तरह सारे पनीर के टुकड़ों को कोट कर के कुछ देर के लिए रेस्ट करने को और अच्छी तरह से सेट होने के लिए रख दें.
अब एक कढ़ाही मे तेज आंच पर तेल गर्म करें. तेल को हल्का ठंडा होने के बाद इसमें कोट किए हुए पनीर डालें.
पनीर के टुकड़े को कुरकुरे और गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई करें.
आपके क्रिस्पी पनीर बनकर तैयार है.
इन क्रिस्पी पनीर को आप अपनी पसंदीदा चटनी के साथ खाएं और दूसरों को भी खिलाएं. यकीन मानिए इसको खाने के बाद हर कोई आपसे इसकी रेसिपी जरूर पूछेगा.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी कमजोरी क्या है, नमकीन, मीठा, कुरकुरे, फैटी चीजें या सभी. अपने स्वास्थ्य के लिए खाने में संयम रखना जरूरी है. खासतौर पर सर्दियों के दौरान चीनी से परहेज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. सर्दियों के दौरान अत्यधिक बहुत ज्यादा मात्रा में अनहेल्दी या स्वीट्स खाया जाता है. यहां जानें कि सर्दियों में अपनी डायबिटिक शुगर क्रेविंग को कैसे मैनेज करें, लेकिन इससे पहले कि हम शुगर क्रेविंग को पूरी तरह से खत्म कर सकें, हमें पहले यह समझना होगा कि हमारी लालसा में कौन से कारक योगदान देते हैं.
शुगर क्रेविंग बढ़ाने वाले कारक
1) आदत
मीठे की लालसा आमतौर पर आकी आदतों का परिणाम होती है. जब कोई पसंदीदा मिठाई खाता है तो जो हार्मोन रिलीज होता है उसे डोपामाइन कहा जाता है और ये खुशी दिलाने वाला होता है. इसलिए हमें इसकी आदत हो जाती है. ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने वाला हार्मोन इंसुलिन है.
2) पोषक तत्वों की कमी
जब कुछ खनिज अपर्याप्त होते हैं तो इंसुलिन लेवल को कंट्रोल करने में शरीर की अक्षमता भी मिठाई के लिए हमारी लालसा को प्रभावित कर सकती है. उदाहरण के लिए मैग्नीशियम की कमी से कोशिकाओं के लिए ऊर्जा को अवशोषित करना कठिन हो सकता है, जिससे शरीर एनर्जी लेवल को बढ़ाने के लिए मीठे फूड्स के लिए लालायित हो जाता है.
3) कम सेरोटोनिन
मस्तिष्क में कम सेरोटोनिन लेवल के परिणामस्वरूप शुगर क्रेविंग हो सकती है. सेरोटोनिन मूड को नियंत्रित करने में मदद करता है. जब हम तनावग्रस्त, चिंतित या दुखी होते हैं तो हमारा शरीर चीनी की तलाश करेगा क्योंकि मीठा मूड में सुधार करता है और चिंता कम करता है.
शुगर क्रेविंग को कम करने के लिए क्या करें?
1) तनाव को मैनेज करें
अपने तनाव और चिंता को मैनेज करके हम मीठे स्नैक्स की अपनी जरूरत को कम कर सकते हैं. जैसा कि पहले ही कहा गया था, चिंता संबंधी भावनाएं आपको मिठाई के लिए और भी अधिक लालसा कर सकती हैं.
2) हेल्दी भोजन करें
संतुलित आहार खाने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है जिसमें हाई फाइबर वाले फूड्स और प्रोटीन शामिल होते हैं, जिनका शरीर ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाए बिना फ्यूल के रूप में उपयोग करता है.
3) मदद लें
चाहे भोजन की कमी हो या अधिक गंभीर स्वास्थ्य चिंता हो, प्रोफेशनल एडवाइज लेने की सलाह दी जाती है, जिन पोषक तत्वों की आपको कमी है, आपको कितनी जरूरत है और अगर उन पोषक तत्वों की कमी से अतिरिक्त समस्याएं हो सकती हैं.
4) खुद को विचलित न करें
कभी-कभी चीनी की इच्छा का विरोध करना मुश्किल हो सकता है. किसी दोस्त को फोन करने की कोशिश करें, सैर के लिए जा सकते हैं, कसरत कर सकते हैं, किताब पढ़ें या किसी भी गतिविधि में शामिल होने की कोशिश करें.
मनोरंजन /शौर्यपथ /विवेक ओबेरॉय बॉलीवुड के मशहूर अभनेता हैं, जिन्हें कई फिल्मों और वेब सीरीज में काम करते हुए देखा गया है. फिल्म इंडस्ट्री में लंबा सफर तय करने के बाद अब एक्टर ने एक शॉकिंग खुलासा किया है. एक समय ऐसा था, जब लड़कियों के बीच विवेक बहुत फेमस थे. हालांकि बाद में विवेक धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री से गायब होते चले गए. आखिर क्यों उन्होंने बॉलीवुड से बना ली दूरी, इसका खुलासा खुद अभिनेता ने किया है. विवेक ने खुद बताया है कि आखिर उनके साथ ऐसा क्या हुआ, जिससे उनके करियर का ग्राफ गिरते ही चला गया.
विवेक ओबेरॉय ने कंपनी और साथिया जैसी फिल्मों में दमदार परफॉरमेंस दी है. वे अपने करियर में अच्छा कर रहे थे, लेकिन कुछ विवादों के चलते वे अपने रास्ते से भटक गए. बॉलीवुड बबल को एक्टर ने इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि वे उस दौर से भी गुजर चुके हैं, जब उनके पास डेढ़ साल तक कोई काम नहीं था. वे ऑडिशन के लिए भटकते थे और किसी को बताते नहीं थे कि वे सुरेश ओबेरॉय के बेटे हैं. इस दौरान उनके मन में सुसाइड जैसे बुरे ख्याल भी आए. यहां तक कि उन्होंने फैसला ले लिए था कि वे सब खत्म कर देंगे.
विवेक कहते हैं, "आसपास की नेगेटिविटी ने मुझे काफी परेशान कर दिया था. शायद यही एजेंडा था. ये एजेंडा कभी-कभी आपको मानसिक रूप से तोड़ देते हैं. इस समय प्रियंका मेरी जिंदगी में आई और उन्होंने अहम रोल अदा किया. प्रियंका की वजह से मैं अपने रियल सेल्फ को जान पाया", विवेक ने कहा कि सब कुछ खत्म करने का मतलब गहरा है. इसलिए वे सुशांत सिंह राजपूत और उन जैसे बाकी लोगों के दर्द को महसूस कर सकते हैं.
आस्था /शौर्यपथ /नए साल के व्रत और त्योहारों की लिस्ट जारी कर दी गई है. ताकि लोग अपनी छुट्टियों को प्लान कर सकें. ऐसे में नए साल की शुरूआत में यानी 03 जनवरी को प्रदोष व्रत पड़ रहा है. जिसकी पूजा कैसे की जाए उसके बारे में बताएंगे. क्योंकि बहुत से लोगों को सही तरीका नहीं पता होता है पूजा-पाठ का जिसके कारण लाभ की जगह नुकसान होने लगता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर किस तरह से प्रदोष व्रत में पूजा करनी चाहिए जिससे भोलेनाथ की कृपा आप पर बनी रहे.
सोम प्रदोष व्रत पूजा सामग्री
सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा के लिए गाय का दूध, मंदार पुष्प, पंच फल, कपूर, धूप, पंच मेवा, पंच रस, गन्ने का रस, बेलपत्र, इत्र, गंध रोली, पंच मिष्ठान्न, जौ की बालें, मौली जनेऊ, दही, देशी घी, शहद, दीप, गंगा जल, धतूरा, भांग, बेर, आदि आम्र मंजरी, रत्न, दक्षिणा, चंदन और माता पार्वती के श्रृंगार की पूरी सामग्री आदि होना आवश्यक है.
प्रदोष व्रत पूजा विधि
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक भगवान शिव की पूजा की जाती है. ऐसे में इस दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें. पूजा के दौरान लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र पहनना शुभ होता है. इस दिन तांबे या चांदी के लोटे से शुद्ध शहद एक धार के साथ शिवलिंग पर श्रद्धापूर्वक अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही शुद्ध जल से शिविलिंग का अभिषेक करना चाहिए. इस दौरान "ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः" इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है. इसके साथ ही भगवान को फूल, मिठाई और फल अर्पित करें. प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें. साथ ही शिव चालीसा का भी पाठ करें. इसके अलावा इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी शुभ होता है.
आस्था /शौर्यपथ /देवी-देवताओं की आरती करने के लिए घी, तेल का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा एक और चीज से भी भगवान को दिया दिखाया जाता है वो है कपूर. इसको ना सिर्फ आरती में बल्कि हवन करने में भी उपयोग में लाया जाता है. लोगों का मानना है कि कपूर से देवी देवता प्रसन्न होते हैं. इसे जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और घर में मौजूद खराब बैक्टीरिया भी मर जाते हैं. इसके अलावा कपूर का वास्तु शास्त्र में भी विशेष महत्व है. इसको जेब में रखने से कई तरह की परेशानियों से निजात मिलती है जिसके बारे में लेख में बताया जा रहा है ताकि आप भी लाभ उठा सकें.
जेब में कपूर रखने के लाभ
- सबसे पहला लाभ होता है इससे मन शांत रहता है. किसी तरह के नकारात्मक विचार नहीं आते हैं दिमाग में. खुशी का अनुभव होता है. इसके अलावा काम में मन लगता है.
- जेब में कपूर रखने से सुंदरता भी बढ़ती है चेहरे की. आपको सफेद कपड़े में कपूर को बांधकर अपने पास रखना है. इससे स्किन और ब्यूटी से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान होता है.
- वहीं जिन लोगों का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं होता है उन्हें भी इस वास्तु टिप्स को अपनाना चाहिए. इससे शांति और प्यार दोनों बना रहेगा आपसी संबंधों में.
- वहीं, ऐसा करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है. हंसी खुशी का महौल होता है परिवार में, किसी तरह की कलह नहीं होती है. इससे अगर आपको बहुत गुस्सा आता है तो वो भी कंट्रोल में रहता है.
- कपूर रखने से आर्थिक संकट भी दूर होते हैं. अगर आप पैसे की परेशानी से जूझ रहे हैं तो इस नुस्खों को अपनाएं जरूर लाभ मिलेगा.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / सर्दियों के मौसम में हाई यूरिक एसिड को कैसे कंट्रोल करें? या यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या करें? जैसे सवाल अक्सर परेशान करते हैं. आपको बता दें. यूरिक एसिड आमतौर पर तब बनता है जब हमारा शरीर प्यूरीन नामक पदार्थ को मेटाबॉलाइज करता है. प्यूरीन हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है, लेकिन यह कई प्रकार के फूड्स में भी पाया जाता है. आमतौर पर यूरिक एसिड मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन जब हमारी किडनियां यूरिक एसिड को बाहर नहीं धकेल पाते, तो इससे गाउट (जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न) की समस्या हो सकती है. यूरिक एसिड को प्रभावी रूप से कैसे कम करें यह जानने के लिए पढ़ते रहें.
यूरिक एसिड और गाउट को कैसे समझें?
गाउट एक ऐसी स्थिति है जब हाई यूरिक एसिड लेवल एक जोड़ के आसपास जमा हो जाता है. इसे अक्सर गठिया का एक दर्दनाक रूप भी कहा जाता है क्योंकि यूरिक एसिड के ये हाई लेवल अक्सर क्रिस्टल बनाते हैं जो जोड़ों के आसपास बहुत अधिक कठोरता और गतिहीनता पैदा करते हैं. यह हृदय और किडनी जैसे अन्य अंगों के लिए भी खतरनाक हो सकता है.
1) शुगरी बेवरेज का सेवन सीमित करें
अध्ययनों में कहा गया है कि शुगरी ड्रिंक्स में मौजूद हाई फ्रुक्टोज गाउट के लिए एक जोखिम कारक है. इसलिए, सभी शुगरी बेवरेज से दूर रहें. ज्यादातर फलों में पर्याप्त मात्रा में फ्रुक्टोज भी होता है, हालांकि उन्हें कम मात्रा में लेने से आपको सूक्ष्म पोषक तत्व मिल सकते हैं लेकिन कुल मिलाकर फ्रुक्टोज का सेवन सीमित करना जरूरी है. हाई फ्रुक्टोज प्रोडक्ट्स जैसे सोडा और कुछ रस, अनाज, आइसक्रीम, कैंडी और फास्ट फूड भी यूरिक एसिड बढ़ा सकते हैं.
2) शराब को बिल्कुल कम या बंद करें
अल्कोहल प्यूरीन का एक बेहतरीन स्रोत है और अगर आप अक्सर शराब का सेवन करते हैं, तो यूरिक एसिड बढ़ना निश्चित है और इसके साथ-साथ लक्षण भी बढ़ेंगे. इसलिए जितना हो सके शराब को सीमित करने की कोशिश करें.
3) मांस और सी फूड
ज्यादातर रेड मीट, ऑर्गन मीट, सी फूड जैसे सार्डिन, एंकोवी, मैकेरल में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है. इनके सेवन से परहेज करना बहुत ज्यादा जरूरी है.
4) कुछ प्रकार की सब्जियां
शतावरी, पालक, फूलगोभी, मशरूम, हरी मटर जैसी सब्जियों में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है, जिससे यूरिक एसिड बढ़ सकता है और ये गाउट को ट्रिगर करता है.हाई यूरिक एसिड लेवल वाले ज्यादातर व्यक्ति अपने लक्षणों जैसे कि दर्द, जकड़न आदि का अनुभव करते हैं जो खासकर सर्दियों के मौसम में बढ़ जाते हैं. हालांकि मौसम कोई भी हो, कुछ ऐसे फूड्स हैं जो समस्या को बढ़ा देते हैं और आपको उनसे दूर रहने की जरूरत है. डाइट से कुछ फूड्स से परहेज करके इन लक्षणों को कम करने और इस दौरान कुछ राहत प्रदान करने में मदद मिल सकती है.
यूरिक एसिड को कम करने के लिए किन फूड्स से परहेज करें? | Which Foods Should Be Avoided To Reduce Uric Acid?
खाने के लिए कोई खास डाइट हाई यूरिक एसिड को पूरी तरह से नहीं रोक पाएगी, लेकिन एक अच्छी गाउट डाइट आपकी मदद करेगी:
हेल्दी वेट तक पहुंचें.
खाने की अच्छी आदतें सेट करें और उनसे चिपके रहें.
प्यूरीन वाले फूड्स को सीमित करें.
यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने में मदद करने वाले फूड्स को शामिल करें.
अनियन या टोमैटो उत्तपम खाकर हो गए हैं बोर तो ट्राई करें मसाला उत्तपम की मजेदार रेसिपी
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /मानव शरीर कई आंतरिक और बाहरी कारकों के आधार पर किसी न किसी तरह से प्रतिक्रिया करता रहता है. कभी-कभी, आप बीमार पड़ जाते हैं और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हो सकता है कि आपका शरीर कुछ अनवांटेड बाहरी तत्वों या वायरस से लड़ रहा हो. हालांकि, कभी-कभी ऐसे समस्याएं होती हैं जो गंभीर या तत्काल ध्यान देने की जरूरत होती है, लेकिन वे आपके सिस्टम को आंतरिक रूप से प्रभावित कर सकती हैं. तो, कभी-कभी आपके पैरों में झनझनाहट हो सकती है क्योंकि आपके शरीर में कुछ विटामिनों की कमी होती है. न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल ने इंस्टाग्राम पर अपने लेटेस्ट वीडियो में इस बारे में बात की है. यहां हम आपको उन सभी विटामिन्स के बारे में बता रहे हैं जिनकी कमी से शरीर में या आपके पैरों में झुनझुनी हो सकती है.
कैप्शन में वह कहती हैं, "आपके पैरों में झुनझुनी! खैर, यह केवल बहुत देर तक बैठे रहने के कारण नहीं हो सकता है. यहां कुछ अन्य कारण दिए गए हैं.
आपके पैरों में झुनझुनी होने के कारण
1) विटामिन बी 12: यह आपकी नसों की मरम्मत के लिए जरूरी है. हालांकि, जब आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी होती है, तो नसें कमजोर हो जाती हैं और व्यक्ति को झुनझुनी महसूस हो सकती है.
2) विटामिन बी 6: यह एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो तंत्रिका तंत्र को ठीक से काम करने में मदद करता है. यह नसों को फ्यूल देने में भी भूमिका निभाता है.
3) थायराइड की जांच: आपको पता होना चाहिए कि TAH लेवल द्वारा एक अंडरएक्टिव थायरॉयड जांच भी इस झुनझुनी सनसनी सहित कई लक्षणों के लिए जिम्मेदार हो सकती है.
4) शुगर लेवल: क्या आप जानते हैं कि आपका शुगर लेवल भी इस स्थिति का कारण बन सकता है? शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है, खासकर आपके पैरों और पैरों को और अतिरिक्त चीनी झुनझुनी पैदा कर सकती है.
5) निर्जलीकरण: यह एक और कारण है जिसके बारे में आपको जानना चाहिए. जब आपका शरीर डिहाइड्रेट होता है, तो यह आपके सिस्टम को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है. डिहाइड्रेशन सोडियम लेवल में गिरावट का कारण बन सकता है जिसकी वजह से झुनझुनी और सनसनी हो सकती है.
अब जब भी आपको अपने पैरों में झुनझुनी महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज़ न करें. अगर यह बार-बार हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से कनसल्ट करें.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /सर्दियों में आपकी कुछ आदतें अक्सर बीमारियों को आमंत्रित करती हैं. विंटर में अपने स्वास्थ्य का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है. सर्दियां इंसान को आलसी बना देती हैं चाहे देर उठना हो या पानी पीना हर चीज में आलस आता है. आपको बता दें कई बार छोटी लगने वाली कुछ चीजें आपको कई दिनों तक परेशान कर सकती हैं. अगर आप खुद और अपने परिवार को बीमारियों की चपेट में आने से बचाना चाहते हैं तो कुछ आदतों को आज ही त्यागना होगा. यहां हमारे द्वारा सर्दियों में की जाने वाली कुछ गलतियों के बारे में बताया गया है जिनसे आपको बचने की कोशिश करनी चाहिए.
सर्दियों में की जाने वाली आम गलतियां
1) कम्फर्ट फूड्स में लिप्ट होना
सर्दियों के मौसम में खान-पान की गलत आदतें एक आम बात है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बहुत अधिक शुगर या वसा वाले फूड्स और पर्याप्त फल और सब्जियां नहीं खाने से आपकी इम्यूनिटी को नुकसान पहुंच सकता है. आपका वजन भी बढ़ सकता है, जो आपको लंबे समय में मोटापे और दिल से जुड़ी समस्याओं जैसी कई बीमारियों के खतरे में डाल सकता है. हेल्दी सब्जियां सर्दियों के फल, फलियां, लीन प्रोटीन फूड्स, डेयरी और साबुत अनाज का स्टॉक करें. कम शुगर, फैट और नमक का प्रयोग करें.
2) व्यायाम न करना
जब व्यायाम करने की बात आती है तो लोग आलसी हो जाते हैं और सर्द हवा या बारिश का झोंका आपके अच्छे इरादों को कमजोर कर सकता है. कम व्यायाम करने से वजन बढ़ता है, जिससे आपको कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. दिन में कम से कम 20 मिनट के लिए बाहर या ट्रेडमिल पर टहलें. इससे आपका इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहेगा.
3) बहुत देर तक सोना
सर्दी हमारे सोने के तरीके को बदलने का सबसे अच्छा बहाना है. हम रात को भी पहले बिस्तर पर चले जाते हैं और सुबह देर से जागते हैं, हमारे हाइबरनेशन के लिए अंधेरे और मौसम को दोष देते हैं. हालांकि, ध्यान दें कि शोध डायबिटीज और हृदय रोग के बढ़ते जोखिम के साथ बहुत अधिक सोने को जोड़ता है. इसलिए एक हेल्दी स्लीपिंग रूटीन से चिपके रहना बेहतर है.
4) घर के अंदर ज्यादा समय बिताना
मौसम ठंडा होने पर बस अंदर रहने का मन करता है. सर्दियों में धूल, धुआं, मोल्ड, गंध, एलर्जी और कीटाणु फंस सकते हैं. जितना हो सके धूप में निकलें, ताजी हवा आपके लिए अच्छी है और धूप आपके उत्साह को भी बनाए रखने में मदद करेगी. ताजी हवा के लिए अपनी खिड़कियां और दरवाजे नियमित रूप से खोलना न भूलें.
5) लंबे समय तक गर्म पानी से नहाना
सर्दियों में भाप से नहाना निश्चित रूप से आरामदायक होता है, लेकिन पानी और गर्मी आपकी त्वचा को रूखा बना देते हैं. हर दिन अपने पूरे शरीर को मॉइस्चराइज करें.
6) पानी कम पीना
ठंड के दिनों में कॉफी और चाय लोकप्रिय पेय हैं, लेकिन इनका ज्यादा मात्रा में सेवन आपको डिहाइड्रेट कर सकता है और पानी पीने की इच्छा कम जाती है. हाइड्रेटेड रहने का मतलब है कि आप सर्दी और फ्लू जैसे संक्रमणों से बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम हैं.
7) बहुत ज्यादा शराब पीना
एक धमाकेदार सर्दियों की शाम को रेड वाइन के गिलास जैसा कुछ नहीं है, लेकिन आपके द्वारा पी जाने वाली शराब की मात्रा पर नजर रखें. ज्यादा मात्रा में सेवन अच्छे से ज्यादा नुकसान कर सकती है.
मनोरंजन /शौर्यपथ /मशहूर शायर जौन एलिया उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले थे जिनका जन्म 14 दिसंबर, 1931 को हुआ. भारत के बंटवारे के कुछ साल बाद वे 1957 में कराची जा बसे. कराची में उनकी शादी जानी मानी पत्रकार जाहिदा हिना से हुई. जौन एलिया के अब तक पांच गजल संग्रह प्रकाशित हुए हैं. उनके गद्य का भी कलेक्शन 'फर्नूद' छप चुका है. जौन एलिया अंत में क्षय रोग के शिकार हुए और उनका निधन 8 नवंबर 2002 को हो गया. जौन एलिया की शायरी में दर्द और जिंदगी के कई चेहरे नजर आते हैं. उनकी शायरी युवाओं के बीच काफी पॉपुलर है और उन्हें काफी पढ़ा और सुना भी जाता है. 2020 में पंजाबी रैपर के कैप ने जौन एलिया की शायरी को बुलावा सॉन्ग में अपनी आवाज से पिरोया था. 'मैं जो हूँ 'जौन-एलिया' हूँ जनाब, इस का बेहद लिहाज़ कीजिएगा', इस शेयर से उनके मिजाज को समझा जा सकता है.
जौन एलिया के चुनिंदा 10 शेर:
सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं
और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं
ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या
बहुत नज़दीक आती जा रही हो
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या
क्या कहा इश्क़ जावेदानी है!
आख़िरी बार मिल रही हो क्या
बिन तुम्हारे कभी नहीं आई
क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है
दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते
अब कोई शिकवा हम नहीं करते
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम
गँवाई किस की तमन्ना में ज़िंदगी मैं ने
वो कौन है जिसे देखा नहीं कभी मैं ने
तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी
कुछ अपना हाल सँभालूँ अगर इजाज़त हो
आज बहुत दिन ब'अद मैं अपने कमरे तक आ निकला था
जूँ ही दरवाज़ा खोला है उस की ख़ुश्बू आई है
खाना खजाना /शौर्यपथ /ब्रेकफास्ट के लिए क्विक एंड इजी डिशेज के बारे में सोचते ही सबसे पहले साउथ इंडियन विकल्प ही हमारे दिमाग में सबसे पहले आते हैं. इडली, डोसा, अप्पे और वड़ा ये सभी सुबह के ब्रेकफास्ट के लिए परफेक्ट माने जाते हैं. साउथ इंडियन व्यंजन में उत्तपम की एक लाजवाब रेसिपी है, जो ब्रेकफास्ट, लंच या बच्चों को टिफिन में देने के लिए भी अच्छा विकल्प है. उत्तपम बनाने के लिए चावल और उड़द दाल से तैयार बैटर का ही उपयोग किया जाता है, मगर इसकी लोकप्रियता को देखकर सूजी बैटर और पोहा बैटर के साथ भी बनाया जाने लगा हैं, इन्हें इंस्टेंट बैटर कहा जाता है. इतनी नहीं रेगुलर बैटर से आप अलग-अलग स्वाद वाले उत्तपम भी बना सकते हैं, जिनमें अनियन उत्तपम, टोमैटो उत्तपम और वेजिटेबल उत्तपम के नाम शामिल हैं और इसी लिस्ट में हम जोड़ने जा रहे हैं मसाला उत्तपम.
मसाला उत्तपम एक बहुत ही बढ़िया वैराइटी हैं. खाने में वैराइटी आपको कभी बोर नहीं होने देती है. मसाला उत्तपम बनाने के लिए आपको किसी भी तरह की मेहनत या मश्क्कत करने की जरूरत नहीं है. इस उत्तपम रेसिपी में आपके उत्तपम के ऊपर एक मसालेदार आलू की लेयर मिलती हैं जो जिसे अन्य रेसिपीज से अलग बनाती है. आलू की इस मसालेदार टॉपिंग को उसी तरह तैयार करना है जैसे आपके डोसे की फीलिंग को बनाते हैं. इसके अलावा उत्तपम बनाने के लिए आपको अपने रेगुलर बैटर का इस्तेमाल करना होता है. इसे आप पीनट चटनी और सांबर के साथ पेयर कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं मसाला उत्तपम की मजेदार रेसिपी.
कैसे बनाएं मसाला उत्तपम | मसाला उत्तपम रेसिपी:
सबसे पहले कढ़ाही में दो बड़े चम्मच तेल गरम करें, इसमें चना दाल और उड़द दाल डालें, इसी के साथ राई डालकर चटकने दें. हींग, अदरक, हरी और प्याज डालकर कुछ सेकेंड पकने दें. कढ़ी पत्ता और उबले मैश किए गए आलू डालकर भूनें. हल्दी, लाल मिर्च और स्वाादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह मिक्स करते हुए कुछ सेकेंड इस मिश्रण को भूनें. हरा धनिया डालकर मिक्स करके आंच बंद कर दें. अब डोसा तवा गैस पर गरम करें और हल्का सा तेल लगाकर चिकना कर लें. इस पर करछी भरकर बैटर फैलाएं. कुछ सेकेंड सिकने दें.
मसाला उत्तपम रेसिपी: उत्तपम चावल और उड़द दाल के बैटर से तैयार होने वाली एक साउथ इंडियन डिश है. यह ब्रेकफास्ट के लिए बहुत ही बढ़िया विकल्प हैं और आज हम आपके लिए मसाला उत्तपम की बेहतरीन रेसिपी लेकर आए है, जिसमें उत्तपम के ऊपर मसालेदार आलू की लेयर मिलती है और यही इसके स्वाद को बढ़ा देती है.
मसाला उत्तपम की सामग्री
3 आलू उबले हुए
1 टी स्पून चना दाल
1 टी स्पून उड़द दाल
5-6 कढ़ीपत्ता
2 हरी मिर्च, बारीक कटा हुआ
1 टी स्पून अदरक, बारीक कटा हुआ
2 मीडियम प्याज, कटा हुआ
1 टी स्पून राई
स्वादानुसार नमक
1/2 टी स्पून हल्दी
1/2 टी स्पून लालमिर्च
एक चुटकी हींग
चावल और उड़द दाल बैटर
3 टेबल स्पून तेल
मसाला उत्तपम बनाने की विधि
1.सबसे पहले कढ़ाही में दो बड़े चम्मच तेल गरम करें, इसमें चना दाल और उड़द दाल डालें, इसी के साथ राई डालकर चटकने दें.
2.हींग, अदरक, हरी और प्याज डालकर कुछ सेकेंड पकने दें. कढ़ी पत्ता और उबले मैश किए गए आलू डालकर भूनें.
3.हल्दी, लाल मिर्च और स्वाादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह मिक्स करते हुए कुछ सेकेंड इस मिश्रण को भूनें. हरा धनिया डालकर मिक्स करके आंच बंद कर दें.
4.अब डोसा तवा गैस पर गरम करें और हल्का सा तेल लगाकर चिकना कर लें. इस पर करछी भरकर बैटर फैलाएं. कुछ सेकेंड सिकने दें.
5.इस ऊपर तैयार आलू का मिश्रण डालें और इसे एक लेयर के रूप में इस पर फैला दें. उत्तपम को पलट कर दूसरी तरफ से भी सेक लें और इस मसाला उत्तपम का मजा लें.