August 04, 2025
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       टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /गुड़ सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है। सर्दियों में गुड़ की चाय पीने से कई बीमारियों का खतरा भी कम होता है। आप अगर वेट लॉस मिशन पर हैं, तो आपको चीनी को रिप्लेस करके गुड़ का इस्तेमाल करना चाहिए। गुड़ से सिर्फ चाय की नहीं बना सकते बल्कि कई मीठी डिशेज बनाने में गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है। इससे आप हेल्दी रहने के साथ आपको वजन बढ़ने का भी खतरा नहीं रहता है। ऐसे में यह फायदे तभी मिलते हैं, जब गुड़ असली होता है। नकली गुड़ खाने से आपको कई हेल्थ इश्यू हो सकते हैं। आइए, जानते हैं असली गुड़ की पहचान करने के क्या हैं तरीके-  
स्वाद से करें पहचान
सबसे पहले गुड़ को चखकर देखें, अगर गुड़ का स्वाद थोड़ा नमकीन या कड़वा लगता है, तो समझ जाएं कि गुड़ शुद्ध नहीं है। असली गुड़ स्वाद में मीठा लगता है।
गुड़ का रंग
असली गुड़ की पहचान यही है कि रंग में यह डार्क ब्राउन दिखता है। गुड़ को लाइट ब्राउन करने के लिए इसे साफ करने के लिए कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं। वहीं, इसका वजन बढ़ाने के लिए इसे पॉलिश करने के अलावा अन्य चीजों की मिलावट भी कर दी जाती है।
पानी से करें पहचान
नकली गुड़ को मीठा करने के लिए इसमें शुगर क्रिस्टल की मिलावट की जाती है। इसकी पहचान करने के लिए आप गुड़ को पानी में घोलें, अगर यह तैरता रहता है, तो यह असली गुड़ है और पानी में नीचे बैठ जाता है, तो यानी इसमें कई तरह की मिलावट है।

    शौर्यपथ / बच्चे के नाम का मतलब पॉजिटिव होना चाहिए, क्योंकि कहा जाता है कि नाम के मतलब का असर बच्चे की पर्सनेलिटी डिसाइड करता है। बच्चे को नाम देने के लिए हर माता-पिता काफी एक्साइटेड होते हैं। कई पेरेंट्स बेबी के जन्म से पहले ही नाम सोच लेते हैं तो वहीं कुछ ऐसे हैं जो बेबी के आने के बाद नाम की खोज चालू करते हैं। अगर आपके घर में नन्ही परी ने जन्म लिया है तो आप उसे संस्कृत नाम दे सकते हैं। यहां कुछ ऐसे नाम बताए गए हैं जो पौराणिक तो हैं, लेकिन साथ ही ये ऐसे नेम्स हैं जो कभी पुराने नहीं होते। यहां देखिए बेबी गर्ल के लिए अमेजिंग नेम लिस्ट।
अ अक्षर से बेटियों के खास नाम
बच्चे का नाम ऐसा रखें जिसका मतलब पॉजिटिव मतलब हो। अ अक्षर से हिंदू नाम रखना है तो यहां देखें कभी पुराने न होने वाले नाम। ये नाम हैं, आद्रिका (पहाड़), आरात्रिका (खुशी),आर्या (दुर्गा), आसा (उम्मीद), अबानी (पृथ्वी), अभया (निडर), अकुला (पार्वती), अनामिका (रिंग फिंगर), अनंता (बिना किसी अंत के), अनिला(हवा), अवनि (धरती)।
म अक्षर से बेटियों के खास नाम
बेटी का नाम म अक्षर से निकला है तो यहां कुछ पौराणिक नाम है जो बेटी को दिए जा सकते हैं। जैसे माधुरी (स्वीट), मंदाकिनी (भारतीय नदी), मनिषा (ख्वाहिश), मिनाक्षी (देवी पार्वती), मीना (मछली जैसी खूबसूरत आंखे), मोहाना (आकर्षित), मोहिनी (सबसे सुंदर)।
त अक्षर से बेटी के लिए नाम
त अक्षर से भी काफी खूबसूरत नाम है जिनका अर्थ भी काफी प्यारा है। इन नामों में से कुछ है, तानीरिका (फूल), तनूश्री (सुंदर), तान्या (शरीर), तारा (स्टार), त्रिलोचना (भगवान शिव), त्रिशा (विश)।

     खाना खजाना /शौर्यपथ /कभी-कभी मिठाई खाने की क्रेविंग होने लग जाती है। ऐसे में आप मार्केट से मिठाई खाने से अच्छा घर पर मिठाई बना लें। इसमें न सिर्फ शुगर की मात्रा कम होती है बल्कि यह डिश वेट लॉस फ्रेंडली होने के साथ डायबिटीज के मरीज भी इसे खा सकते हैं। इसे बनाना बहुत आसान है। आप इसे घर पर बनाकर रख सकते हैं और खाना खाने के बाद इसे खा सकते हैं। खजूर से बनी होने के कारण यह काफी हेल्दी भी है। बच्चों को यह देसी मिठाई खासतौर पर पसंद आएगी। खजूर पोषक तत्वों से भरपूर भी होते हैं इसलिए बच्चों को भी यह मिठाई जरूर खिलाएं। आइए, जानते हैं खजूर की बर्फी की रेसिपी-
खजूर की बर्फी बनाने की सामग्री-
खजूर
मलाई या दूध
ड्राय फ्रूट्स
खजूर की बर्फी बनाने की विधि-
खजूर के टुकड़े-टुकड़े काट लें। आपको इसमें से बीज को अलग कर लेना है। अब एक पैन में मलाई या दूध डालें। इसमें खजूर के टुकड़े डाल दें। जब खजूर गल जाए, तो इसमें आपको ड्राय फ्रूट्स डालने हैं। इसे अच्छी तरह मिलाएंं। आप व्हाइट तिल को रोस्ट करके इसमें डाल दें। अब इस मिक्सचर को प्लेन शीट पर डालकर रोल बना लें। बिल्कुल उसी तरह फैलाएं, जैसे आप काजू कतली के मिक्सचर को फैलाते हैं। अब इसे अच्छी तरह सेट होने के बाद पसंदीदा शेप में काट लें। यह मिठाई डायबिटीज के मरीज भी खा सकते हैं क्योंकि इसमें शुगर का इस्तेमाल नहीं हुआ है। आप एयरटाइट कंटेनर में रखकर इसे 10-15 दिनों तक रख सकते हैं।

    आस्था /शौर्यपथ /वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ पौधों को बेहद चमत्कारिक माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन पौधों में देवताओं का वास होता है। कुछ पौधें घर की साज-सज्जा को बढ़ाने, पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के अलावा ग्रह, नक्षत्रों को भी नियंत्रित करते हैं। आज हम आपके एक ऐसे ही पौधें के बारे में बताने जा रहे हैं। जो भगवान शिव को बेहद प्रिय है और सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाला शनि ग्रह को भी नियंत्रित करने का कार्य करता है।
1. शनिवार के दिन सीधे जमीन व गमले में भी शमी का पौधा लगा सकते हैं। घर के मेन गेट के पास शमी का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
2. घर के ईशान कोण में शमी का पौधा लगाना चाहिए। इससे परिवार को कभी आर्थिक तंगी जैसी समस्या से नहीं गुजरना पड़ता है।
3. घर से बाहर जाते समय शमी के पौधें के दर्शन करके बाहर निकले, ऐसा करने से हर कार्य में सफलता मिलने लगती है।
4. वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपकी कुंडली मे किसी तरह का शनि दोष है या आप शनि के दुष्प्रभाव से हमेशा दूर बने रहना चाहते हैं तो मेन गेट के बाई ओर शमी का पौधा लगाना चाहिए।
5. शमी के पौधें पर सूर्य की किरणें पड़नी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो पा रहा तो पौधें को दक्षिण दिशा की ओर लगा दें।
6. शमी के पौधें को विजयादशमी के दिन लगाना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से फके शमी के पौधें की पूजा कर विजयी होने का आशीर्वाद मांगा था।

       नई दिल्ली /शौर्यपथ  /वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए अगले आदेश तक वजूखाने  का संरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है, जहां से 'शिवलिंग' मिला था। इससे पहले अदालत ने 12 नवंबर तक संरक्षण का आदेश दिया था, जिसकी तारीख शनिवार को खत्म हो रही थी। ऐसे में अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए इसे बढ़ाने का आदेश दे दिया है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच से अपील की थी कि इस संरक्षण को जारी रखा जाए। इस पर अदालत ने सुनवाई करते हुए 17 मई के अपने आदेश को जारी रखा।
        सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 17 मई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी के अंदर जिस वजूखाने से शिवलिंग मिला था, उसे संरक्षित रखा जाए। फिलहाल वहां केंद्रीय बलों की तैनाती है और उसका संरक्षण किया जा रहा है ताकि उसके स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न हो सके और यथास्थिति बनी रहे। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, 'सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील रखे जाने के फैसले को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर जवाब देने के लिए हमें तीन सप्ताह का वक्त दिया है।'

     मनोरंजन /शौर्यपथ /आयुष्मान खुराना की फिल्म एन एक्शन हीरो का ट्रेलर रिलीज हो गया है। काफी समय से इस फिल्म को लेकर आयुष्मान ने सस्पेंस बनाया हुआ था। ट्रेलर में खूब एक्शन है क्योंकि यह एक्शन हीरो पर ही बनी है। फिल्म में आयुष्मान एक्शन हीरो के किरदार में हैं। ट्रेलर की शुरुआत होती है आयुष्मान से जो गाड़ी में बैठे होते हैं। तभी उनकी गाड़ी पर हमला होता है और उन्हें मारने आते हैं जयदीप अहलावत जो फिल्म में म्युनिसिपल काउंसलर का किरदार निभा रहे हैं। जयदीप अपने भाई के मौत के लिए आयुष्मान से बदला लेने आते हैं क्योंकि आयुष्मान पर उनके भाई को मारने का आरोप लगा है। आयुष्मान जो एक आलीशान जिंदगी जी रहे होते हैं वह फिर एक क्रिमिनल की तरह सबसे छिपते छिपाते परेशान हो जाते हैं। वहीं उनके फैंस अब उन्हें बायकॉट की डिमांड करते हैं।
फिल्म में खूब एक्शन सीक्वेंस हैं। आयुष्मान इसमें खूब एक्शन करते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा डायलॉग्स भी फिल्म के जबरदस्त हैं और स्पेशयली जयदीप के वन लाइनर्स सीन को और मजेदार कर रहे हैं। ट्रेलर को देखकर क्लीयर है कि इसमें चूहे-बिल्ली की दौड़ दिखेगी। हालांक इस केस में क्रिमिनल और पुलिस ही नहीं बल्कि और भी कई लोग हैं जो एक्शन हीरो को मारने आए हैं। इससे फिल्म में सस्पेंस भी नजर आ रहा है तो कुल मिलाकर ट्रेलर से यह तो क्लीयर है कि फिल्म एक्शन और सस्पेंस से भरी है।
मलाइका अरोड़ा की झलक
इनके अलावा ट्रेलर में जो एक सीन आया जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा और वो हैं मलाइका अरोड़ा। ट्रेलर में मलाइका कुछ ग्लैमरस मूव्ज दिखाती नजर आईं। अब फिल्म में वह सिर्फ एक गाने में नजर आएंगी या उनके स्पेशल अपीयरेंस है यह तो फिल्म देखकर पता चलेगा।
फिल्म को लेकर आयुष्मान ने बात करते हुए कहा, 'यह मेरे लिए अलग तरह की फिल्म है। इसके जरिए मैं हमेशा की तरह कोई मैसेज नहीं दे रहा हूं। इसमें सिर्फ थ्रिल है। यह एक रोलर कोस्टर राइड है। मजेदार बात यह है कि एक सुपरस्टार जब ऐसे मर्डर केस में फंसता है तो क्या होता है। बस यही इसकी स्टोरी है।'
वहीं जयदीप का कहना है, 'इस फिल्म को देखकर आप यह नहीं बता पाएंगे कि हीरो कौन है और विलेन। सबकी कुछ न कुछ करने की वजह है।'
फिल्म को अनिरुद्ध अय्यर डायरेक्टर कर रहे हैं। अनिरुद्ध इससे पहले आनंद एल राय की फिल्म तनु वेड्स मनु रिटर्न्स और जीरो में उनके असिस्टेंट डायरेक्टर रहे हैं। रिलीज डेट की बात करें तो फिल्म 2 दिसंबर को रिलीज होगी।

      आस्था /शौर्यपथ / अपने घर में पॉजिटिव एनर्जी को अंदर लाने का बेहरीन तरीका फेंग शुई है। सभी स्थानों को जीवित ऊर्जा की आवश्यकता होती है। फेंगशुई पौधे जीवंत ची या महत्वपूर्ण ऊर्जा लाने का एक आसान, प्राकृतिक तरीका है। इन पौधों को घर के अंदर रखने पर पॉजिटिव एनर्जी को बुलाने में मदद मिल सकती है। पौधे सजावट के रूप में भी कार्य करते हैं। पौधे रचनात्मकता, उत्पादकता और सकारात्मक दृष्टिकोण को दिखाते हैं। आइए जानते हैं घर के लिए 4 बेस्ट फेंगशुई पौधें
1.मॉन्स्टेरा डेलिसिओसा
अपने बड़े दिल के आकार के पत्तों के लिए इन्हें काफी पसंद किया जाता है। यह आश्चर्यजनक पौधे, जिन्हें "स्प्लिट-लीफ फिलोडेंड्रोन" के रूप में भी जाना जाता है, सही स्थान पर रखा यह पौधा विवाह और दूसरे संबंधों को जोड़कर रखने में मदद करता है। डायरेक्ट लाइट और पानी की मदद से इस पौधे को खुश करना आसान है।
  2.मनी प्लांट ट्री
 फेंगशुई एक्पर्ट के मुताबिक मनी ट्री का नाम असल में फेंग शुई से निकला है, यह इस विश्वास को बढ़ाता है कि यह पौधे के मालिक और स्थान के लिए पॉजिटिव एनर्जी और सौभाग्य लाएगा।  यह पौधा को डायरेक्ट लाइट की उतनी जरूरत नहीं होती यह ऐसे ही फलता-फूलता है, केवल कम पानी की जरूरत होती है और छोटे रहने वाले स्थानों के लिए पूरी तरह से काम करता है। इसकी उपस्थिति तनाव और चिंता को भी कम करती है।
3. फिलोडेंड्रोन ग्रीन
तेजी से बढ़ने वाली पत्तियों और कम रख-रखाव वाली, देखभाल के साथ, क्लासिक फिलोडेंड्रोन प्लांट प्यार को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। चो के अनुसार, इसकी कोमल, दिल के आकार की पत्तियां आपके स्थान के विवाह और संबंधों को सक्रिय करने में मदद कर सकती हैं। अधिक प्रभाव के लिए, आप दो पौधों के मालिक हो सकते हैं। पौधों की एक जोड़ी एक समान, संतुलित साझेदारी पर जोर दे सकती है जिसे बुलाना चाहते हैं।
  4.पोथोस
पोथोस के पौधे हवा को अच्छी तरह से प्यूरीफाई करते हैं। उनके पास लंबी, पत्तेदार लताएं होती हैं जो उन्हें एक अच्छा इनडोर हैंगिंग प्लांट बनाती हैं। यह पौधे कम रखरखाव वाले हैं, यहां तक ​​​​कि डेविल्स आइवी का उपनाम भी इन्हें इसी कारण मिला है। यह देखभाल करने के लिए सबसे आसान फेंग शुई पौधों में से एक हैं, और उनके नरम, गोल पत्ते पूरे स्थान में कोमलता और सद्भाव को बढ़ावा देते हैं।

   लाइफस्टाइल /शौर्यपथ  ऐसा नहीं है बच्चों की परवरिश करने वाले सभी माता पिता एकदम परफेक्ट होते हैं। बच्चों को बड़ा करते हुए वो भी जीवन की किताब से रोजाना एक नया पाठ सीख रहे होते हैं। ऐसे में लाजमी है अपने बच्चों के लिए हमेशा अच्छा सोचने वाले माता-पिता से भी उनकी परवरिश करते समय कई गलतियां हो जाती हैं। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वो अपने बच्चों से प्यार नहीं करते या उनका भला नहीं सोचते। ऐसे में थोड़ी सी समझदारी और सतकर्ता को अपनाकर पैरेंट्स कुछ गलतियां करने से बच सकते हैं। आइए जानते हैं उन गलतियों के बारे में जिन्हें माता-पिता को अपने बच्चों से अनजाने में भी नहीं बोलना चाहिए।    
बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए उनकी अच्‍छी परवरिश का होना बेहद जरूरी होता है। अच्‍छी परवरिश का मतलब सिर्फ खान-पान और अच्छे पहनावे से ही नहीं बल्कि उनके साथ किए जाने वाले व्यवहार से भी है। कई बार पैरेंट्स अनजाने में ही सही लेकिन गुस्सा होने पर अपने बच्चों से इतनी गलत तरीके से बातें करते हैं जो उनके मस्तिष्‍क पर नकारात्‍मक प्रभाव डालने लगती है। जिसकी वजह से बच्‍चा या तो डरपोक या फिर हिंसक होने लगता है। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में-
डांटने की जगह समझाएं-
अगर आपका बच्चा अपनी क्लास में अच्छे ग्रेड्स नहीं ला पा रहा है तो उसके पीछे छिपे कारण को समझने की कोशिश करें न कि उसे डांटने-मारने लग जाएं। ऐसा करने से आपके बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास कम हो जाएगा और उसके अंदर डर बैठ जाएगा। अपने बच्चे के ग्रेड्स अच्छा करने के लिए उसके साथ खुद भी मेहनत करें। उसकी कमियों को दूर करने की कोशिश करें। आपके ऐसा करने से बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा।
पापा की धमकी न दें-
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे अपनी मां के ज्यादा करीब होते हैं और पिता से कुछ भी शेयर करने में थोड़ी सी झिझक महसूस करते हैं। इसके पीछे हो सकता है कि बच्चे की हर छोटी गलती पर उसे बार-बार पापा के नाम की धमकी देकर अनुशासित बनाए रखने की कोशिश की जा रही हो। ऐसा करने से बच्चों के मन में पिता के लिए सम्मान की जगह खौफ बैठ सकता है।
बच्चों को ताना न देना-
पैरेंट्स कई बार दूसरे बच्चों से अपने बच्चों की तुलना करते समय उन्हें ताना मारने लग जाते है। ऐसे करने से कई बार बच्चे गुस्सैल और चिढ़चिढ़े हो जाते हैं। अपनी हर बात मनवाने के लिए वो जिद्द करने लगते हैं।
सरे बच्‍चों से तुलना-
कई बार पैरेंट्स न चाहते हुए भी अपने बच्चों के साथ भेदभाव करने लगते हैं। ऐसा वो तब करते हैं जब वो अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से करते हैं। ऐसा करने से बच्चे के मन में हीन भावना पनपने लगती है।
बच्चों की डाइट-
कुछ पैरेंट्स बच्चे की डाइट को लेकर भी बात का बतंगड़ बनाने लगते है, जिससे बच्चे के मन में हीन भावना और खुद को दूसरे बच्चों से कम आंकने की प्रवृति जन्म ले सकती है। जिससे उसका आत्मविश्वास भी कम हो सकता है।

      खाना खजाना /शौर्यपथ आपको अगर खांसी-जुकाम या गले में दर्द में दर्द है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि बदलते मौसम में यह बीमारियां बहुत आम है। मौसम के अलावा प्रदूषण भी एक कारण है जिसकी वजह से आपको ये प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। ऐसे में देसी सूप आपके लिए बहुत कारगर है। आज हम आपको गार्लिक सूप बनाने का तरीका बता रहे हैं। यह सूप बहुत जल्दी बनकर तैयार हो जाता है। आइए, जानते हैं कैसे बनाएं-
गार्लिक सूप बनाने के लिए सामग्री-
लहसुन
अदरक
दालचीनी
काली मिर्च साबुत और पाउडर
हरा धनिया
जीरा
हींग
घी
गार्लिक सूप बनाने की विधि-
इस सूप को बनाने के लिए आपको चाहिए 7-8 लहसुन की कलियां। इसे छीलकर धो लें। एक पतीले में तीन गिलास पानी लें अब इसमें पिसा हुआ लहसुन की कलियां, एक अदरक का टुकड़ा, काली मिर्च, दालचीनी डाल दें। अब इसे पकने दें। आप इन चीजों को पीसकर पानी में डाल सकते हैं। इसके बाद इन्हें धीमी आंच में पकने दें। अब इसमें नमक मिलाएं। इसे अच्छी तरह पकने दें। जब यह अच्छी तरह पकने लगे और सारी चीजों की महक आपको मिलने लग जाए, तो इसे गैस से उतार दें। इसे छान लें या फिर बिना छानें भी पी सकते हैं। हरा धनिया और काली मिर्च पाउडर डालकर इसे सर्व करें। आप चाहें, तो इसमें घी में जीरा और हींग से तड़का भी लगा सकते हैं। इससे सूप का स्वाद बढ़ जाएगा। यह स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक भी है। बच्चों को भी यह सूप पिला सकते हैं लेकिन बच्चों को कम मात्रा में ही यह सूप देना चाहिए।

     सेहत /शौर्यपथ /प्रोटीन, कैल्शियम और कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर दूध को एक कम्पलीट मील माना है। सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने के बावजूद दूध के साथ कुछ चीजों का सेवन करने की मनाही होती है। दरअसल, कुछ ऐसे फूड्स हैं, जिसका कॉम्बिनेशन शरीर में नुकसान पहुंचाता है। वहीं, कुछ ऐसे आहार भी हैं, जिसका सेवन आपको दूध पीने के बाद नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, दूध पीने के बाद इन चीजों का सेवन करने से पित्तदोष बढ़ता है। साथ ही पाचन से जुड़ी परेशानियां बढ़ती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे आहार के बारे में
दूध पीने के बाद न करें इन चीजों का सेवन-
कटहल न खाएं-
दूध पीने के बाद कटहल का सेवन न करें। दरअसल, कटहल खाने से तुरंत बाद दूध पीने से आपको स्किन और पेट से जुड़ी परेशानी हो सकती है। दूध पीने के तुरंत बाद कटहल खाने से स्किन पर रैशेज, खुजली और सोरायसिस की परेशानी हो सकती है। साथ ही यह पाचन को भी प्रभावित कर सकता है।

मछली के बाद दूध-
बालों से लेकर खूबसरत त्वचा तक, मछली खाने के कई फायदे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं मछली का सेवन कभी भी दूध के साथ नहीं करना चाहिए। मछली के बाद दूध का सेवन किया जाए तो पाचन संबंधी (जैसे फूड पॉइजिनिंग, पेट दर्द आदि) दिक्कत तो होती है साथ ही स्किन पर सफेद धब्बे भी हो सकते हैं। हालांकि मछली के बाद दूध का सेवन ना करने पर कोई सांइटिफिक रिजन अभी तक नहीं है।

दूध और दही-
यूं तो दूध और दही खाने से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं। लेकिन इन दोनों का सेवन एक साथ करने की सलाह नहीं दी जाती है। दूध और दही दोनों को एक साथ या एक के बाद तुरंत दूसरी चीज का सेवन किया जाए तो पाचन क्रिया गंभीर रूप से प्रभावित होती है। जिसके बाद पेट दर्द और उल्टी आना जैसे लक्षण आमतौर पर देखें जाते हैं।

खट्टे फलों का दूध के साथ सेवन-
खट्टे फलों के साथ भी दूध का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। इसे खाने से उल्टी की समस्या हो सकती है। ये दोनों चीजें एक साथ लेने से सेहत पर बहुत विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए जब भी खट्टे फल खाएं उसके कम से कम 2 घंटे बाद ही दूध का सेवन करें।
उड़द दाल के साथ दूध-
उड़द की दाल और दूध का एक साथ या फिर छोटे से अंतराल के बाद किया गया सेवन आपको गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पाचन का गड़बड़ाना, जी मचलना, उल्टी आना, शरीर में भारीपन महसूस होना और पेट दर्द जैसे लक्षण दिखाी देने लगते हैं। उड़द की दाल खाने के कम से कम दो घंटे बाद दूध पीना चाहिए।

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