December 08, 2025
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राजनीति

राजनीति (1153)

दुर्ग। शौर्यपथ। 1 मार्च को दुर्ग नगर निगम की शहरी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हो चूका है और 5 साल बाद एक बार फिर शहरी सरकार की जिम्मेदारी नारी शक्ति के हाथ में होगी। महापौर के शपथ ग्रहण के बाद पूर्ण बहुमत में आने वाली भाजपा सभापति के चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के लिए भीड़ जाएगी. पूर्ण बहुमत के साथ आने के कारण सभापति भारतीय जनता पार्टी का बनना तय है ऐसे में शहरी सरकार यह नहीं चाहेगी कि जो गलती कांग्रेस की शहरी सरकार ने की है वही गलती भाजपा की शहरी सरकार करें। कांग्रेस की शहरी सरकार के समय सभापति के रूप में राजेश यादव दुर्ग निगम में शहरी सरकार में थे सभी को ज्ञात है कि सभापति कक्ष से ही दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद हुए थे सभापति कक्ष में ही तात्कालिक विधायक अरुण वोरा के विरोधियों का जमघट लगा रहता था. विरोध की चिंगारी कब आग बनी और उसके तूफान ने दुर्ग विधानसभा क्षेत्र के लाडले विधायक अरुण वोरा को विधानसभा चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा। 

   ऐसी राजनीतिक चर्चा रही थी कि भारतीय जनता पार्टी का चुनावी मुकाबला कांग्रेस से जरूर था परंतु कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा को भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा कांग्रेसियों से ही मुकाबला करना पड़ा कांग्रेसियों ने जबरदस्त भीतरी घात किया और अरुण वोरा की 48000 से ज्यादा वोटो से हार हुई।

  अब एक बार फिर शहर में नई पारी की शुरुआत होने वाली है राजनीति में गुटबाजी कोई बड़ी बात नहीं सभी पार्टी में गुट बाजी होती है इस गुटबाजी को दूर करने या इसे पनपने से रोकने के लिए शहरी सरकार ऐसे किसी पार्षद को सभापति के लिए निर्वाचित नहीं करेगी जो शहरी सरकार के प्रमुख से अलग चले और उनके समूह का ना हो. ऐसे में शहरी सरकार की बड़ी जिम्मेदारी यह है कि उसे ऐसे व्यक्ति को सभापति के रूप में चुनना है जो उनके साथ मिलकर चले ना कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जो नजारा देखने को मिला वही नजारा एक बार फिर सभापति कक्ष मे देखने को मिले. ऐसे में अब सभी को इंतजार है कि शहर में सभापति के रूप में भारतीय जनता पार्टी के किस पार्षद की किस्मत खुलेगी और शहरी सरकार में किस किस को शहरी सरकार मे मंत्री की भूमिका मिलेगी. 

शहरी सरकार मे सभापति के लिए प्रमुखता से श्याम शर्मा, साजन जोसेफ,काशीराम कोसरे,नरेंद्र बंजारे, देव नारायण चंद्राकर,, शिव नायक, रामचंद्र सेन, कुलेश्वर साहू, शेखर चंद्राकर, आशीष चंद्राकर, गुलाब वर्मा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है परंतु राजनीतिक हलको में यह भी चर्चा है कि इसमें से आधे से ज्यादा पार्षद विधायक गजेंद्र यादव के कट्टर समर्थको मे गिने जाते हैं वही कुछ ग्रामीण विधायक चंद्राकर के करीबी बताये जा रहे हैं ऐसे में इन सब के बीच में किसके नाम की चर्चा प्रमुखता से होगी यह चर्चा दुर्ग के राजनीतिक क्षेत्र में वर्तमान समय में चर्चा का विषय है सभापति का चुनाव 7 मार्च को होना है 7 मार्च के पहले भाजपा की शहरी सरकार को यह तय करना है कि सभापति के लिए किसके नाम पर सहमति बने जो सभी सरकार के मुखिया के साथ सामंजस बैठ कर शहर के विकास की दिशा में काम करें ना कि पूर्व की शहरी सरकार में हुए गुटबाजी की घटना की पुनरावृत्ति करें.

पूर्व सीएम के विधान सभा क्षेत्र में जनपद में भाजपा एकतरफा बहुमत की ओर  

   पाटन / शौर्यपथ / पाटन क्षेत्र के निर्दलीय और कांग्रेस जनपद सदस्यों का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है। विगत दिनों 3 निर्दलीय जनपद सदस्यों ने जिला भाजपा कार्यालय पहुंचकर भाजपा की सदस्यता ली उनके भाजपा में शामिल होने के बाद शुक्रवार को चार और जनपद सदस्यों ने जिला भाजपा कार्यालय दुर्ग पहुंचकर जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक, निवर्तमान जिला अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा, जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पाध्ये, दिलीप साहू, भाजपा नेता संजय बघेल के समक्ष भाजपा प्रवेश किया, इस प्रकार अब तक निर्दलीय और कांग्रेस जनपद सदस्य मिलाकर कुल 7 नेता भाजपा में सम्मिलित हो चुके हैं जबकि भाजपा के 10 अधिकृत प्रत्याशी जनपद  जीतकर आए हैं इसके बाद भाजपा का कुल आंकड़ा 17 पहुंच गया है।
   पाटन विकास खंड के निर्वाचित निर्दलीय जनपद सदस्य सीता निषाद जिनके पति सुरेश निषाद पूर्व में कांग्रेस से जनपद सदस्य रह चुके हैं साथ ही निर्दलीय डुलेश्वर सिंह मानकुर (पूर्व सरपंच) ने और कांग्रेस समर्थित जनपद सदस्य रेखा अरविंद जोशी और दामिनी राकेश साहू ने भाजपा की सदस्यता ली।
  भाजपा प्रवेश करने वाले जनपद सदस्यों ने सामूहिक रूप से कहा कि भाजपा के सिद्धांत, विचारधारा और उपलब्धिपूर्ण कार्यों से प्रभावित होकर बिना किसी भय प्रलोभन और दबाव के वे भाजपा में सम्मिलित हो रहे हैं और पाटन जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव में खुलकर भाजपा का समर्थन करेंगे।
  जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक ने कहा कि नगरी निकाय चुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी खुलकर भाजपा के पक्ष में सामने आकर पार्टी प्रवेश रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी खुले दिल से सबका स्वागत करती है।
  निवर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि जैसा कि उन्होंने पूर्व में ही बताया था उसी के अनुसार लगातार निर्दलीय और कांग्रेस के पंचायत जनप्रतिनिधि भाजपा में शामिल हो रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अब कांग्रेस के कार्यकर्ता ऊब चुके हैं, और भाजपा की स्वच्छ और पारदर्शी कार्य प्रणाली से प्रभावित होकर सदस्यता ले रहे हैं। उनके गृह विधानसभा पाटन, अमलेश्वर और कुम्हारी में भाजपा को विजयश्री प्रदान कर जनता ने कांग्रेस को नकार दिया हैं।
  इस अवसर पर जिला मंत्री दीपक चोपड़ा, कार्यालय सह प्रभारी अनूप सोनी, मंडल अध्यक्ष कमलेश साहू, पूर्व मंडल अध्यक्ष मदन वाढई, जनपद सदस्य कमलेश वर्मा, दुलौरिन यादव, राकेश आडिल, जिला कार्यकारिणी सदस्य केशव बंछोर, कामता पटेल, सहित भाजपा पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

 राजनांदगांव / शौर्यपथ /

     नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद अब जमीनी कार्यकर्ताओ का गुस्सा फूटने लगा प्रदेश के कई जिलो में कार्यकत्र्ता जिला संगठन को कठपुतली बता रहे है तो जिले के बड़े नेता प्रदेश संगठन को निष्क्रिय . अंतर्कलह की यह धारा कांग्रेस में अविरल बह रही है . इस बीच राजनांदगांव से एक बड़ी खबर आयी है, जहां राजनांदगाव जिले के कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भागवत साहू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
   जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष और जिला साहू समाज के अध्यक्ष भागवत साहू ने कांग्रेस पार्टी पर आंतरिक षड्यंत्र और उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर इस संबंध में अवगत कराया था। भागवत साहू ने आज प्रेस क्लब में प्रेवासर्ता लेकर संगठन पर कई आरोप लगाए। वर्तमान में जिला पंचायत चुनाव में हारने के बाद पार्टी द्वारा कोई सहयोग नहीं करने की बात भी कही।
  भागवत साहू ने कहा कि जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 03 टेरेसरा से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में उन्हें चुनावी मैदान में उतारा गया था, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया। इसके विपरीत शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कुछ नेताओं ने मिलकर साजिशन उनकी हार सुनिश्चित की।
   उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए समर्पित होकर काम किया। बावजूद इसके पार्टी नेतृत्व ने उन्हें उपेक्षित किया। नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए भागवत साहू ने कहा कि डोंगरगढ़ के वर्तमान विधायक ने बागी प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार किया। उन्होंने पूर्व जिला अध्यक्ष नवाज खान पर गंभीर आरोप लगाया। उनका है कि इन नेताओं ने धन बल और बाहुबल का इस्तेमाल कर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी को हराकर बागी प्रत्याशी अंगेश्वर देशमुख को जिताने का काम किया।
   भागवत साहू ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, मैंने पार्टी नेतृत्व को समय रहते स्थिति से अवगत कराया था, लेकिन मेरी बात को अनदेखा किया गया। मुझे भ्रमित किया गया और बागी प्रत्याशी को खुलकर समर्थन दिया गया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस घटना से कांग्रेस पार्टी की छवि को गहरा नुकसान हुआ है और बहुसंख्यक साहू समाज में असंतोष फैल गया है। भागवत ने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी चरम पर है। कुछ नेता पार्टी को कमजोर करने में लगे हैं। मैं जब खुद न्याय पाने में असफल हूं तो कार्यकर्ताओं को कैसे न्याय दिला पाऊंगा? ऐसी स्थिति में अध्यक्ष पद पर बने रहना उचित नहीं है।

सभापति के प्रबल दावेदार कांग्रेस से 02 और भाजपा से 02   

     दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो चुके हैं 15 फरवरी को नतीजे आ जाएंगे दुर्ग नगर निगम के 60 वार्डों में राजनीतिक चर्चा के अनुसार कांग्रेस पार्षदों की संख्या एक बार फिर बहुमत की ओर नजर आ रही है और अपने 25 सालो के रिकार्ड को बरकरार रखेगी वही भाजपा समर्थको का कहना है कि इस बार निगम में बहुत भाजपा पार्षदों की होगी और बहुमत से कम होने का रिकार्ड टूट जाएगा .
  बता दे कि पिछले 4 कार्यकाल में भाजपा को निगम में पार्षदों की संख्या में बहुमत नहीं मिला ऐसे में इस बार संगठन की मजबूत रणनीति का हवाला देते हुए बढ़त की उम्मीद की जा रही है . वही कांग्रेस समर्थको का कहना है कि पार्षदों की संख्या में बहुमत होगी और सभापति की खुर्सी भाजपा के हाथ होगी . मतगणना के पहले और बाद में कवायदों का दौर जारी रहेगा कि सभापति कौन होगा .
   कांग्रेस को बहुमत मिलने पर सभापति के लिए दो प्रमुख नामो दीपक साहू और संजय कोहले की चर्चा जोरो पर है कांग्रेस से प्रबल दावेदार के रूप में दीपक साहू के नाम पर आम सहमति बन सकती है वार्ड नंबर 40 से पार्षद दीपक साहू तीसरी बार नगर निगम में अपनी भूमिका निभाएंगे .दीपक साहू कांग्रेसी पार्षदों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के बीच में भी काफी लोग भी हैं एवं उनकी मिलनसार छवि के है और इनका भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के साथ भी मधुर सम्बन्ध है . निर्दलीय प्रत्याशियों की अगर भूमिका अहम् होती है ऐसे में दीपक साहू को निर्दिल प्रत्याशियों के समर्थन की गुंजाइश ज्यादा बनती है वही दूसरा नाम संजय कोहले का है कोहले भी 4 बार से वार्ड का प्रतिनिधितव कर चुके है ऐसे में वरिष्ठ पारषद होने के नाते संगठन के अन्य नेता उनके नाम को आगे कर सकते है वही ऐसी भी चर्चा है कि पूर्व विधायक के तरफ से एक बार फिर कांग्रेस संगठन को दरकिनार करते हुए अपने करीबी राजेश शर्मा अगर जीत जाते है तो उनके नाम को आगे करेंगे किन्तु इस बार कांग्रेस नेता अरुण वोरा को समर्थन मिले इसकी उम्मीद ना के बराबर है .
   वहीं अगर भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिला तो श्याम शर्मा और विनायक नातू के सभापति पद के दावेदारी की बात सामने आ रही है बता दें कि विनायक नातू और श्याम शर्मा दोनों ही विधायक गजेंद्र यादव के करीबी माने जाते हैं महापौर प्रत्याशी के लिए सांसद विजय बघेल की पसंद को प्राथमिकता दी गई ऐसे में सभापति के लिए स्थानीय विधायक गजेंद्र यादव की पसंद को प्राथमिकता दी जा सकती है इन सब में श्याम शर्मा और विनायक नातू प्रबल दावेदार होंगे परंतु वहीं दूसरी ओर विनायक नातू वार्ड नंबर 53 से चुनावी जग में जीत जाए ऐसी संभावना वर्तमान समय में नजर नहीं आ रही है वहीं श्याम शर्मा भी त्रिकोनी मुकाबले में फंस चुके हैं .परिणाम आने के बाद स्थिति साफ़ होगी कि भाजपा की तरफ से कौन प्रमुख दावेदार होगा . सत्ता का लाभ भी भाजपा को मिलने की उम्मीद है जिसके कारण निर्दलीय पार्षद का झुकाव भाजपा की तरफ भी हो सकता है . कयासों का दौर राजनितिक उठापटक सभापति के चयन तक ज़ारी रहेगा और राजनितिक सरगर्मी तेज ही होगी .

  दुर्ग। शौर्यपथ।

  नगरी निकाय चुनाव में 11 फरवरी को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो चुका है प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 15 फरवरी को हो जाएगा मतदान होने के बाद शहर में चर्चा का विषय राजनीतिक पार्टियों को सोचने पर मजबूर कर रहा है एक तरफ ऐसी चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी के लगभग 20 पार्षद चुनावी जंग में जीत हासिल करेंगे वहीं एक बार फिर शहरी सरकार में कांग्रेसी पार्षदों की संख्या ज्यादा होगी और सभापति का पद कांग्रेस के पास पहुंच जाएगा वहीं दूसरी तरफ महापौर के लिए भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी श्रीमती अलका वाघमार की जीत को निश्चित माना जा रहा है.
    ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब दुर्ग नगर निगम के 60 वार्डों में कांग्रेसी पार्षद ज्यादा संख्या में जीत कर आ रहे हैं ऐसे में कांग्रेसी महापौर को हार का सामना क्यों करना पड़ रहा है कांग्रेसी पार्षदों के जीत की संख्या ज्यादा होने की चर्चा से इस बात को बल मिल रहा है कि शहर में कांग्रेस के कार्यकर्ता अभी भी अपनी जमीनी पकड़ को मजबूत बने हुए हैं परंतु संगठन की दृष्टि से कांग्रेस एक कमजोर संगठन के रूप में फिर उभर कर सामने आ गई दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में कांग्रेस संगठन का पूरा होल्ड पूर्व विधायक अरुण वोरा के पास सालों से है और इस कमजोर संगठन में कोई बड़ा फेरबदल न होने का प्रमुख कारण  अरुण वोरा ही माने जा रहे हैं .पूर्व विधायक अरुण वोरा कांग्रेस संगठन के निष्क्रिय और कमजोर जिला अध्यक्ष को बदलने में असफल हुए .ऐसी चर्चा है कि एक बार बैठक में जिला अध्यक्ष ने अपनी पीड़ा भी कह दी कि उन्हें उनके हिसाब से काम करने नहीं दिया जा रहा और वह इस्तीफा दे रहे हैं परंतु ना तो उनका इस्तीफा मंजूर हुआ और ना ही जिले का अध्यक्ष किसी अन्य के हाथों सौपा गया वहीं सालों से ब्लॉक अध्यक्ष भी नहीं बदले गए .कांग्रेस सरकार के समय ब्लॉक अध्यक्षों को चखना सेंटर मिलने की चर्चा के बाद ब्लॉक अध्यक्षों की छवि भी धूमिल हुई वहीं पूर्व के कार्यकाल में कांग्रेसी पार्षद ठेकेदारी में और शौचालय सञ्चालन सहित राशन दुकान लेने को ही अपनी उपलब्धि मानते रहे संगठन की मजबूती से ना उन्हें कोई लगाव नजर आया और ना ही संगठन के लिए उनके द्वारा कोई विशेष पहल की गई .
   युवा कांग्रेस अध्यक्ष की बात करें तो युवा कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति भी कांग्रेस नेता अरुण वोरा द्वारा की गई यह अलग विषय है कि अब वह भी गुटबाजी की चपेट में है . युवा अध्यक्ष के विषय में भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का यही कहना है कि वह सिर्फ ठेकेदारी करने के लिए युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने थे युवा कांग्रेस अध्यक्ष की शक्ति कभी आंदोलन में नजर नहीं आई युवा कांग्रेस अध्यक्ष अपनी शक्ति प्रदर्शन का नजारा तब दिखाएं जब उनकी टिकट काटी गई और अपने साथियों सहित पूर्व विधायक अरुण वोरा के समक्ष बड़ी संख्या में विरोध करने पहुंच गए . वहीं निष्क्रिय कार्यशैली की बात करे तो मतदान के एक दिन पहले युवा कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा वार्ड प्रभारी की नियुक्ति कर समाचार पत्रों में झूठी वाह वाही भी बटोरी गई परंतु जहां एक और भारतीय जनता पार्टी संगठन पिछले 6 महीना से नगर निगम चुनाव की तैयारी में बैठकों का दौर आरंभ कर चुकी थी वहीं कांग्रेस संगठन में बैठकों की बात तो दुर्ग कांग्रेस की  आपसी गुटबाजी चुनावी समर में अपनी चरम सीमा पर नजर आई .
   दुर्ग शहर कांग्रेस की राजनीति की बात करें तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का पूर्व विधायक अरुण वोरा से मोह भंग हो गया ऐसे में कांग्रेस संगठन लगातार कमजोर स्थिति में नजर आ रहा है अगर जल्द बदलाव नहीं हुई तो कोई बड़ी बात नहीं कि कांग्रेस अपने और बुरे दौर में गुजरेगी कांग्रेस की राजनीति करने वाले कार्यकर्ता भी अब यह मानने लगे हैं कि दुर्ग शहर में संगठन में बड़े परिवर्तन की आवश्यकता है और पूर्व विधायक अरुण वोरा के वर्चस्व की समाप्ति के बाद ही कांग्रेस संगठन एक बार फिर सक्रिय भूमिका में पूरी दमदारी के साथ नजर आएगा .वर्तमान समय में कांग्रेस से महापौर प्रत्याशी प्रेमलता साहू शहर में चर्चा का विषय जरूर रही परंतु संगठन की निष्क्रियता प्रेमलता साहू के हार का बड़ा कारण माना जा रहा है वही प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दीपक बैज की कार्यप्रणाली की निष्क्रियता का प्रमाण यही है कि दुर्ग जिले में कांग्रेस लगातार अपनी लोकप्रिय खोती जा रही है और संगठन कमजोर होने के बावजूद भी प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दुर्ग कांग्रेस में कोई बदलाव की दिशा में सार्थक कदम नहीं उठाया गया परिणाम स्वरुप फिर एक बड़ी हार की ओर दुर्ग कांग्रेस पहुंच गई वहीं पार्षदों की ज्यादा संख्या (चर्चो अनुसार )यह भी दर्शा रही है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता अभी भी मजबूत है परंतु नेतृत्वकर्ता काफी कमजोर जिसके परिवर्तन की आवश्यकता अब कांग्रेसी कार्यकर्ता भी कर रहे हैं ?

राजनितिक चर्चा के आधार पर

  मुंगेली / शौर्यपथ / नगरीय निकाय का शोर थम रहा अब प्रदेश के त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव की गहमागहमी आरम्भ हो गई प्रत्याशी क्षेत्र की जनता से संपर्क साध रहे एवं उनकी समस्याओ को सुन जीत के बाद निराकरण का भरोसा दिला रहे है . इसी कड़ी में मुंगेली से सेतगंगा जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 8 से निर्दलीय प्रत्याशी आंचना बंजारा आम जनता से जन्समपर्क आरम्भ कर चुकी है . विभिन्न ग्राम में चौपाल लगाकर उनकी समस्याओं से रूबरू हो रही . उन्होंने महिलाओं एवं बुजुर्गों के साथ युवाओं को समर्थन देने आह्वाहन किया।
   आचना बंजारा ने कहा क्षेत्र को बहुविकल्पी योजना अनुसार विकास के नए कार्य करने आश्वासन दिए .उन्होंने क्षेत्र की जनता से अपील करते हुए कहा कि मैं एक सामान्य घर से आती हूँ मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान कर समर्थन देवे . वही क्षेत्र की जनता उनसे मिलकर अपने समस्याओं से अवगत करा रहे हैं जिसे निराकरण करने आश्वासन आचना बंजारा द्वारा दिया जा रहा है .उन्होंने ग्राम चमारी हरिहरपुर,उदका,टिगीपुर चमारी निरजाम,बाकी,नवागांव में सभा कर जन समर्थन की अपील की क्षेत्र की जनता उनके इस चौपाल में बड़ी संख्या में उपस्थित हो रहे एवं अपना आशीर्वाद प्रदान करने की बात कह रहे है .

  

  मुंगेली /शौर्यपथ / त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन को लेकर क्षेत्र में सरगर्मी तेज हो गई है। जिला मुंगेली के अंतर्गत आने वाले जनपद पंचायत सदस्य पद के लिए भारतीय जनता पार्टी से अधिकृत प्रत्याशी प्रभा शेखर भास्कर के लिए झोपडी छाप चुनाव चिन्ह प्रदान दिया गया है । मुंगेली ब्लॉक् से क्षेत्र क्रमांक 01 से पंचायत सदस्य पद के चुनाव के लिए पुरे क्षेत्र से प्रभा शेखर भास्कर निवासी (सेतगंगा) का नाम की घोषणा होते ही समर्थको का हुजूम चुनावी जंग के लिए तैयार है और जीत के प्रति आश्वस्त है .
     मुंगेली जिला के क्षेत्रीय विधायक पुन्नू लाल मोहले ने दी शुभकामनाएं........
 क्भाजपा की समर्थित प्रत्याशी के रूप में प्रभा भास्कर के नाम की घोषणा होने के बाद बधाई एवं शुभकामनाओं का दौर आरम्भ हो गया . मुंगेली के लोकप्रिय विधायक के रूप में भाजपा के वरिष्ठ विधायक पुन्नू लाल मोहले ने प्रभा भास्कर को बधाई प्रेषित किया . प्रभा भास्कर क्षेत्र एवं गांव में साफ छवि एवं लोगों के प्रति मिलनसार के साथ लोगों के हर छोटी-बड़ी समस्याओं पर विचार करना एवं साथ हर संभव समस्या का समाधान करने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। प्रभा भास्कर के कार्यशैली को देखते हुए जिला पंचायत सदस्य क्रमांक 01 सेंतगंगा से सदस्य पद के लिए नाम की घोषणा पश्चात् ही क्षेत्र के निवासियों में भाजपा प्रत्याशी के जीत की लहर देखी जा रही है वही क्षेत्र की जनता को विश्वास है कि जनप्रतिनिधि के रूप में प्रभा भास्कर क्षेत्र का विकास और समस्याओ के निराकरण के लिए सदैव प्रयासरत रहेगी एवं जनता के हित में कार्य करेंगी .

दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम में अब मतदान में मात्र 4 दिन शेष हैं वही प्रचार के लिए दो दिन व जनसंपर्क के लिए दो दिन बचे हैं ऐसे में अब वार्ड की जनता किसे अपना मत दें इस पर खुल के कहने से बच रही है वहीं शहर के एक ऐसे वार्ड जो आरम्भ से ही प्रत्याशी चयन में भाजपा के लिए सर दर्द बना अब इस वार्ड में जनता परिवर्तन चाहती है। 

   वार्ड वासियों की माने तो वार्ड के निवासी परिवर्तन की राह देख रहे हैं वही इस बारे में कुछ भी कहने से बचने की कोशिश भी कर रहे हैं वार्ड के निवासियों में दबी जुबान में यह चर्चा है कि अब बदलाव होना चाहिए सालों बाद वार्ड के एक गरीब परिवार से संबंधित व्यक्ति को जनप्रतिनिधि बनने का मौका मिला है इस स्थिति में वार्ड की जनता और वार्ड का एक बड़ा हिस्सा अपने वार्ड के प्रत्याशी के पक्ष में नजर आ रहे हैं. 

   बता दे कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी श्रीमती शशि द्वारिका साहू बगल के वार्ड के निवासी होने के कारण भी कहीं ना कहीं उनके लिए विरोध के स्वर सामने आने लगे हैं हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह बगावत करने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित किया ऐसे में अब ऐसे भी कार्य कर्ता हैं जो वार्ड में निवास करते हैं और वार्ड के किसी व्यक्ति के लिए काम करने की इच्छा रखते थे वह भी आप परदे के पीछे बड़ा खेल कर सकते हैं.

   बड़ी बात यह है कि सामने से सभी दोनों ही पक्षों को मजबूत और कांटे की टक्कर बता रहे हैं परंतु शौर्य पथ की टीम द्वारा लगातार तीन दिनों तक वार्ड के कई लोगों से चर्चाओं में यह बात सामने आई की वार्ड में इस बार परिवर्तन होने की पूरी संभावना है परंतु धनबल के आगे जन सामान्य कहीं ना कहीं फेल हो जाता है ऐसी स्थिति इस वार्ड में भी ना हो जाए ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती सेन आर्थिक रूप से एक सामान्य परिवार से आती है वहीं श्रीमती शशि द्वारिका साहू का परिवार धनाट्य लोगों की श्रेणी में आता है वार्ड पार्षद चुनाव में अगर धनबल भरपूर चला तो कोई बड़ी बात नहीं भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती शशि द्वारिका साहू की जीत आसान हो जाएगी इस बार जनता धनबल को किनारा कर करने की बात तो कर रही है परंतु अंतिम मोहर 11 फरवरी को लगेगा जिस पर वार्ड की जनता भी बिल्कुल मौन है और परिवर्तन या पुनर्चयन यह 15 फरवरी को स्पष्ट हो जाएगा।

  60 वार्डों में ऐसे बहुत कम वार्ड हैं जहां पर वार्ड के निवासी कशमकश में है एवं कुछ भी कहने से बच रहे हैं ऐसा ही कुछ हाल वार्ड नंबर 33 का है अभी सब मौन है परंतु अंतर्मन से कुछ अलग ही माहौल नजर आ रहा है और जिस तरह प्रत्याशियों को 15 फरवरी का इंतजार है उतनी ही बेसब्री से वार्ड की जनता को भी 15 फरवरी का ही इंतजार है..

दुर्ग नगर निगम के ऐसे वार्ड जहां कांग्रेस काफ ी
मजबूत स्थिति में कैसे मुकाबला होगा आसान ?

   दुर्ग / शौर्यपथ /
    दुर्ग नगर पालिक निगम चुनाव के मतदान की तारीख में अब चार दिन शेष रह गए हैं ऐसे में प्रमुख राजनीतिक पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के पार्षद प्रत्याशी अपने-अपने वार्ड में प्रचार एवं जनसंपर्क अभियान में और ज्यादा तेजी लाते हुए अपने मतदाताओं को अपनी सोच और योजनाओं से अवगत करा रहे हैं .परंतु दुर्ग नगर निगम का पूर्व इतिहास रहा है कि दुर्ग नगर पालिक निगम में कभी भी भारतीय जनता पार्टी बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई ऐसे में मुकाबला को एक तरफा कहना कहीं से भी उचित नहीं होगा .
  दुर्ग नगर निगम के 60 वार्ड में से कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में है दुर्ग नगर निगम के वह वार्ड जहां कांग्रेस मजबूती स्थिति में है.
 वार्ड नंबर 40 जो कांग्रेस का गढ़ रहा है जहां से कांग्रेस अपना सीट कभी नहीं हारी इस बार भी वार्ड नंबर 40 में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है .वार्ड नंबर 41 की बात करें तो वार्ड नंबर 41 में महिला आरक्षण के बाद अब यह सीट पूर्व पार्षद खोखर की धर्मपत्नी रुबीना खोखर लड़ रही है और जिस तरह पिछले बार चुनावी जंग भाजपा के साथ था इस बार ऐसा कोई शोर सुनाई नहीं दे रहा यह वार्ड एक बार फिर रिकार्ड मतों से जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है इस बार से कांग्रेस की जीत सुनिश्चित होने के साथ-साथ रिकार्ड मतों से जीत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता .
  वार्ड नंबर 43 की बात करें तो वार्ड नंबर 43 से भी कांग्रेस की जीत लगभग सुनिश्चित है मुहर 15 तारीख को लगेगी किंतु इस वार्ड के पूर्व पार्षद के रूप में दीपक साहू की साफ़ छवि का पूरा फायदा एक बार फिर पार्षद प्रत्याशी के रूप में दीपक साहू को मिलेगा ऐसे में इस वार्ड में कांग्रेस की है .वार्ड नंबर 44 की बात करें तो वार्ड नंबर 44 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रकाश जोशी चुनावी मैदान में है इस वार्ड से प्रकाश जोशी लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में वार्ड की जनता के पहली पसंद है ऐसे में वार्ड नंबर 44 से कांग्रेस की जीत को नकारा नहीं जा सकता .
  ऐसे ही वार्ड नंबर 27 की बात करें तो वार्ड नंबर 27 से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मनीष बघेल चुनावी मैदान में है मनीष बघेल भी अपने वार्ड में काफी लोकप्रिय हैं विकास कार्य और सतत आम जनता से जुड़े रहने के कारण क्षेत्र की जनता एक बार फिर मनीष बघेल के पक्ष में नजर आ रही है .
  वार्ड नंबर 39 की बात करें तो वार्ड नंबर 39 में बदलाव की बयार चल रही ऐसा माना जा रहा है कि इस बार से शुकून ढीमर की वापसी हो सकती है इस वर्ष से भारतीय जनता पार्टी से गुलाब वर्मा चुनावी मैदान में है इस वार्ड में जीत किसकी होगी यह कोई भी नहीं बता रहा मुकाबला कड़ा है और जीत का अंतर काफी कम होने की बात कही जा रही है वार्ड नंबर 13 की बात करें तो वार्ड नंबर 13 से संजय कोहले एक बार फिर जीत की ओर बढ़ रहे है  वार्ड नंबर 13 से संजय कोहली की जीत भी निश्चित मानी जा रही है वार्ड वासियों के अनुसार संजय कोहले लगातार सक्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य करते आ रहे हैं और एक बार फिर जनता उन्हें मौका देगी.
  वार्ड नंबर 36 की बात करें तो इस वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी तो चुनावी मैदान में नहीं होता है परंतु जिस प्रत्याशी को बढ़त मिलती दिख रही है वह कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में नजर आ रहा है ऐसे में वार्ड नंबर 36 से प्रतिभा गुप्ता भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूनम यादव से वर्तमान समय में आगे नजर आ रही है. वार्ड नंबर 51 से पोषण साहू भी वार्ड की जनता की पहली पसंद के रूप में सामने आ रहे हैं वार्ड की जनता एक बार फिर पोषण साहू को जनप्रतिनिधि के रूप में नगर निगम भेजना की बात कर रही है इस वार्ड से भारतीय जनता पार्टी ने साजन जोसेफ को चुनावी मैदान में उतारा है वर्तमान समय तक मुकाबला जमीनी स्तर पर देखा जाए तो एक तरफ है परंतु चुनावी जंग में जीत किसकी हो या अंतिम मोहर लगने के बाद ही निश्चित होता है .
  ऐसे ही वार्ड नंबर 38 की बात करें तो वार्ड नंबर 38 से जिस तरह से एक पूरा वर्ग भाजपा प्रत्याशी से नाराज चल रहा है इस बार से कांग्रेस के मनोज सिन्हा की जीत की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा वहीं वार्ड नंबर 7 से इस बार सरोज यादव कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं वार्ड नंबर 7 में एक बार फिर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहने की बात क्षेत्र की जनता कर रही है शहर के ऐसे अन्य कई वार्ड है जहां कांग्रेस के प्रत्याशी काफी मजबूत स्थिति में है मतदान के चार दिन से ऐसे में मुकाबला रोचक होते जा रहा है राजनीतिक उठापटक कब किस ओर चली जाए कहां नहीं जा सकता .
  स्थितियां दिन प्रतिदिन बदलती जा रही हैं और मुकाबला रोचक होता जा रहा है ऐसे में अगर भाजपा अपने पुराने रिकॉर्ड को कायम रखती है तो महापौर प्रत्याशी के लिए अभी और मेहनत की जरूरत है 9 फरवरी को प्रचार के अंतिम दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय  का रोड शो है ऐसे में भाजपा इस रोड शो के जरिए मतदाताओं को कितना अपने ओर आकर्षित करती है यह 11 फरवरी के मतदान और 15 फरवरी के परिणाम के बाद ही सामने आएगा अभी लोकतंत्र के महापर्व के अंतिम दौर में राजनीतिक चहल-पहल अपने पूरे तूफान पर है और सभी को 11 फरवरी का इंतजार है ..

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