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रायपुर/ शौर्यपथ (राजनीती)
भाजपा सरकार इस वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य में कम धान खरीदने का षडयंत्र कर रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पहले डी.ए.पी. फिर यूरिया की कमी किया गया। किसान आज भी यूरिया के लिये परेशान है। यूरिया नहीं मिलने के कारण उनका उत्पादन कम होगा। अब सरकार ने फरमान जारी किया है कि बिना एग्री स्टेक में पंजीयन कराये कोई भी किसान धान नहीं बेच पायेगा। सरकार यह सब अडंगेबाजी इसलिये कर रही ताकि उसे 3100 रू. के भाव में किसानों का धान खरीदना पड़े। सरकार के पास धान खरीदने के लिये बजट का आभाव है। इसके साथ ही पिछले वर्ष खरीदे गए धान का निपटारा सरकार अभी तक नहीं कर पाई है। इसीलिये सरकार किसानों के उत्पादन से लेकर पंजीयन तक में बाधा पैदा कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बिना समुचित तैयारी के भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी सरकार अपने तुगलकी निर्णय को किसानों पर जबरिया थोप रही है। एग्री स्टेट पोर्टल में केवल 2023 तक के ही रिकॉर्ड अपडेट किए गए हैं उसके बाद की खरीदी गई भूमि ,नामांतरण और बंटवारे की प्रविष्टियां सरकार के पोर्टल में ही दर्ज नहीं है जिसको लेकर किसान बार-बार तहसील कार्यालय, कलेक्टर ऑफिस, एसडीम कार्यालय, पटवारी और आरआई के चक्कर काटने मजबूर हैं। भाजपा के मंत्री विधायक और मुख्यमंत्री तक शिकायत के बावजूद आज तक उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पाया है लेकिन यह सरकार अपने विभाग की गलतियों पर भी किसानों को ही प्रताड़ित कर रही है। खामियों और त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया के चलते एग्री स्टैग पोर्टल किसानों के लिए मुसीबत बन गया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार दुर्भावना पूर्वक किसानों के लिए लगातार कठिनाई पैदा कर रही है ताकि समर्थन मूल्य पर कम से कम धान खरीदना पड़े। पूरे प्रदेश में खाद बीज का संकट है, दुगुने, तिगुने दाम पर डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी सर्वविदित है। अब एग्री स्टैग पोर्टल में पंजीयन की अनिवार्यता और प्रक्रियागत खामियों के चलते खुद ही समस्या पैदा कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया है कि जेम पोर्टल भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। उनका कहना है कि अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ने हाल ही में 50 हजार रुपये की रोटी बनाने की मशीन को लगभग 7 लाख 95 हजार रुपये में खरीदा है। इसके पहले भी 200 रुपये के जग को 32 हजार रुपये और 1 लाख रुपये की टीवी को 10 लाख रुपये में खरीदा गया था।
शुक्ला ने कहा कि इसी तरह की अनियमितताओं को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में जेम पोर्टल से खरीदी की प्रक्रिया बंद कर दी थी, ताकि बाहरी सप्लायरों और दलालों को रोककर राज्य के खजाने की सुरक्षा की जा सके। लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद फिर से जेम पोर्टल से शासकीय खरीदी शुरू की और अब इसका नकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जेम पोर्टल लागू कर छत्तीसगढ़ के स्थानीय व्यवसायियों और युवाओं से रोजगार छीनने का काम किया है। वहीं कांग्रेस सरकार ने स्थानीय उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सीएसआईडीसी के माध्यम से रेट कॉन्ट्रैक्ट आधारित खरीदी की व्यवस्था शुरू की थी, जिससे राज्य के छोटे उद्योगों, व्यापारियों और कुटीर उद्योगों को संरक्षण और रोजगार के अवसर मिलते थे।
शुक्ला के अनुसार भाजपा सरकार ने यह दावा किया था कि सीएसआईडीसी की सप्लाई व्यवस्था में भ्रष्टाचार होता था, जबकि यह पूरी तरह से पारदर्शी प्रणाली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जेम पोर्टल लागू करने का असली उद्देश्य स्थानीय व्यवसायियों को दरकिनार कर मोटा कमीशन वसूल करना था, और अब उसके दुष्परिणाम प्रदेश के सामने आ रहे हैं।
NextGenGST : गरीब, किसान, व्यापारी और उद्योग जगत के लिए ऐतिहासिक सौगात – जितेन्द्र वर्मा
प्रधानमंत्री मोदी का नेक्स्ट जेन जीएसटी सुधार बनेगा गेम चेंजर, हर वर्ग को मिलेगा सीधा लाभ – जितेन्द्र वर्मा
दुर्ग /रायपुर / शौर्यपथ / देश में GST के नियम में बड़े बदलाव किये गए है नए नियम के अनुसार आम जनता को इससे काफी राहत मिलेगी वही आवश्यक वस्तुओ और कृषि क्षेत्र में भी यह विकास की दिशा में एक बड़ी पहल है . नए GST नियम की सराहना करते हुए भाजपा संगठन के परदेश मंत्री जितेन्द्र वर्मा ने पीएम मोदी का आभार मानते हुए कहा है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में #NextGenGST सुधारों का संकल्प लेकर ऐतिहासिक घोषणा की थी, जो आज साकार हो गया है। जीएसटी में हुए ऐतिहासिक सुधार पर भाजपा प्रदेश मंत्री श्री जितेन्द्र वर्मा ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि ये सिर्फ टैक्स सुधार नहीं है, ये नए भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने का सशक्त माध्यम हैं।
भाजपा प्रदेश मंत्री जितेन्द्र वर्मा ने आगे कहा कि गरीब, किसान, पीड़ित, शोषित वंचितो के मसीहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अगली पीढ़ी के #GST बदलाव की बात रखी थी, आज उसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, जीएसटी काउंसिल ने ऐतिहासिक बदलाव पर मुहर लगाई है, जो GST के दरों को सरल बनाता हैं। यह पैसे के बोझ को कम करते हुए और नागरिकों व व्यापारियों, दोनों के जीवन को बहुत आसान बनाएगा। 5% और 18% की केवल दो प्राथमिक स्लैब, मध्यम वर्ग के लिए सस्ता सामान, निर्यातकों के लिए तेज़ रिफंड और एमएसएमई के लिए आसान पंजीकरण के साथ, ये सुधार किसानों और छोटे व्यापारियों से लेकर महिलाओं, युवाओं और उद्यमियों तक, समाज के हर वर्ग को सीधा लाभ पहुंचाएगा।
भाजपा प्रदेश मंत्री जितेंद्र वर्मा ने आगे कहा कि नेक्स्ट जेन जीएसटी सुधार हर वर्ग के लिए राहत लेकर आया है। किसानों को कृषि उपकरण सस्ते मिलेंगे, विद्यार्थियों की किताबें और कॉपियां कर मुक्त होंगी, स्वास्थ्य बीमा और दवाओं पर बोझ कम होगा, वहीं मध्यम वर्गीय परिवारों को रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ें अब और सस्ती मिलेंगी। केंद्र सरकार का यह निर्णय करोड़ों देशवासियों व व्यापारियों के जीवन में एक नया सूर्योदय लाएगा। यह बदलाव आमजन के जीवन को सरल बनाने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।
भाजपा प्रदेश मंत्री जितेन्द्र वर्मा ने आगे इस निर्णय को व्यापार, उद्योग और रोजगार के लिए गेम चेंजर बताते हुए कहा कि कर का बोझ घटने और MSME को प्रोत्साहन मिलने से उद्योग व व्यापार का विस्तार होगा। छोटे व्यापारी भी बड़े बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे, जिससे आर्थिक विकास में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित होगी। मांग और उत्पादन बढ़ने से नए उद्योग-धंधों का विकास होगा, जिससे लाखों रोजगार अवसर पैदा होंगे। कर राहत से स्थानीय उत्पाद और सेवाएं प्रतिस्पर्धी बनेंगी, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी। यह सुधार विकसित भारत 2047 के संकल्प को पूरा करने वाला है।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी की दूरदृष्टि और नेतृत्व में आसान जीवन और आसान व्यापार का संकल्प साकार हो रहा है। इस ऐतिहासिक सौगात के लिए भाजपा प्रदेश मंत्री वर्मा ने प्रधानमंत्री जी एवं वित्तमंत्री जी का आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापित किया हैं।
कृषि मंत्री दिल्ली जाकर नड्डा से गुहार लगाते हैं, खाली हाथ लौटकर कहते हैं, खाद की कोई कमी नहीं है ?
रायपुर/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में अभूतपूर्व खाद संकट, डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी को भाजपा प्रायोजित त्रासदी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है भाजपा सरकारों की दुर्भावना पूर्वक नीतियों के चलते ही ऐसी परिस्थिति निर्मित हुई है। सरकार के द्वारा खाद सब्सिडी में लगातार कटौती, उर्वरक क्षेत्रों का निगमीकरण, निजी करण और नियंत्रणमुक्त करने की वजह से ही आज छत्तीसगढ़ के किसान खाद के लिए तरस रहे हैं। प्रदेश के किसान खरीफ सीजन शुरू होने से 3 महीना पहले, फरवरी में ही अपनी डिमांड सहकारी सोसाइटियों के माध्यम से सरकार तक पहुंचा चुके थे, लेकिन यह सरकार समय पर न रैक की व्यवस्था करा पाई, न ही सोसाइटी में भंडारण। अब तो फसल के निर्णायक ग्रोथ का समय आ गया है, अब भी खाद नहीं मिल पाएगा तो उत्पादन कैसे होगा?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि धान का कटोरा कहलाने वाला छत्तीसगढ़, भाजपा सरकार की दुर्भावना के चलते हैं उर्वरक संकट से जुझ रहा है। सरकारी समितियों के गोदाम खाली है, किसान सुबह से शाम तक कतार में खड़े होकर खाली हाथ लौटने मजबूर हैं। खाद के अभाव में खरीफ फसल की वृद्धि रूक गई है। सत्ता के संरक्षण में जमाखोर, कोचियों, बिचौलियों और कालाबाजारी करने वाले किसानों को खुलेआम लूट रहे हैं। 1350 का डीएपी खुले बाजार में 2000 रुपए तक बिक रहा है, 266 रुपए के यूरिया के लिए किसानों से 1000-1200 तक वसूला जा रहा है। किसान कर्जदार हो रहे हैं, लेकिन सरकार केवल विज्ञापनों में झूठे दावे करके किसानों की समस्या से किनारा कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार का चरित्र छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्यायपूर्ण है। एक तरफ छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री दिल्ली जाकर नड्डा से खाद उपलब्ध कराने गुहार लगाते हैं, और जब केंद्र सरकार की उपेक्षा से सुनवाई नहीं होती तो खाली हाथ वापस छत्तीसगढ़ लौटकर कहते हैं कि खाद की कोई कमी नहीं है। उर्वरक सप्लाई के सरकारी दावे केवल कागजी हैं। केंद्र सरकार की दुर्भावना और उपेक्षा पर परदेदारी करने सरकार झूठे दावे करके किसानों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। सरकार के दोहरे रवैए के खिलाफ पूरे प्रदेश में किसान उद्वेलित हैं।
रायपुर / शौर्यपथ /
बिहार कांग्रेस भवन में हुई तोड़फोड़ की घटना की निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की “वोट मेरा अधिकार यात्रा” की सफलता से विचलित भाजपा, हिंसक गतिविधियों और षड्यंत्रों का सहारा ले रही है।
श्री ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के मंच से अभद्र टिप्पणी करने वाला व्यक्ति भाजपा का सक्रिय सदस्य निकला है। उन्होंने कहा कि—
“जब भाजपा से जुड़े लोग ही इस प्रकार की हरकत कर रहे हैं तो कांग्रेस पर दोषारोपण करना किस हद तक उचित है? भाजपा को जनता से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।”
वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य हमेशा जनता के मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना रहा है। किसान आंदोलन, छात्र आंदोलन, और एनआरसी विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी भाजपा से जुड़े लोग भीड़ में घुसकर उकसाने वाले नारे और गतिविधियां करते रहे हैं। बिहार में भी इसी तरह का षड्यंत्र रचा गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को संयम और संस्कार की आवश्यकता है। पूर्व में भी विपक्षी नेताओं के खिलाफ भाजपा द्वारा अभद्र भाषा के उपयोग के उदाहरण जनता देख चुकी है। श्री ठाकुर ने आरोप लगाया कि राजनीतिक मुकाबले में असमर्थ होने पर भाजपा “स्लीपर सेल” और “ट्रोल गैंग” के जरिए भ्रामक प्रचार और षड्यंत्रकारी गतिविधियों का सहारा लेती है।
अंत में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश और देश की जनता भाजपा की इन रणनीतियों को समझ चुकी है और भाजपा को इस व्यवहार के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।
रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता श्री सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार आने के बाद से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अपनी मूल भावना से भटक गई है। रोजगार की कानूनी गारंटी देने वाली यह योजना अब प्रदेश में अघोषित रूप से ठप पड़ी है।
श्री वर्मा ने बताया कि प्रदेश के 70 प्रतिशत से अधिक गांवों में मनरेगा का कोई कार्य नहीं चल रहा, जिससे मजदूर परिवार रोजी-रोटी की समस्या से जूझ रहे हैं और उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार स्पष्ट करे कि प्रदेश में कितने स्थानों पर मनरेगा के कार्य संचालित हो रहे हैं और पिछले 20 महीनों में कितने परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष लगभग 18 करोड़ कार्य दिवस सृजित किए जाते थे। लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद इस योजना पर रोक-टोक और कटौती शुरू हो गई। उन्होंने याद दिलाया कि यूपीए सरकार के समय प्रत्येक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्य को 100 दिन का गारंटेड रोजगार मिलता था, जिसमें सड़क निर्माण, तालाब व कुएं की खुदाई, जल संरक्षण एवं सूखा राहत जैसे कार्य शामिल थे। यदि 15 दिन के भीतर काम नहीं मिलता था तो मजदूरी का भुगतान किया जाता था। लेकिन अब न तो पर्याप्त काम दिया जा रहा है और न ही मजदूरी का समय पर भुगतान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां गरीब विरोधी हैं। पूरे देश में मनरेगा के तहत 27 करोड़ मजदूर पंजीकृत हैं, लेकिन मोदी सरकार एक-तिहाई यानी 9 करोड़ मजदूरों को भी सालभर में पर्याप्त रोजगार उपलब्ध नहीं करा पा रही है। 100 दिन के रोजगार की गारंटी तो दूर, 30 दिन का काम भी मजदूरों को नहीं मिल पा रहा है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की डबल इंजन सरकार बनने के बाद मजदूरों की स्थिति और भी बदहाल हो गई है। श्री वर्मा ने कहा कि यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और सरकार को तुरंत प्रभाव से मनरेगा के कार्य प्रारंभ कर मजदूरों को रोजगार और मजदूरी उपलब्ध करानी चाहिए।
रायपुर/शौर्यपथ /
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) की विश्वसनीयता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि जिन परीक्षाओं को यूपीएससी की तर्ज पर निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने का वादा किया गया था, वे आज गोपनीयता भंग और अनियमितताओं के कारण मजाक बन गई हैं।
बैज ने आरोप लगाया कि पीएससी परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच ऐसे लोगों से कराई जा रही है, जो पात्र नहीं हैं। एक वेबसाइट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बिलासपुर पीजीबीटी कॉलेज में डेपुटेशन पर कार्यरत शिक्षक एवं एलबी शिक्षक, यहां तक कि प्राचार्य तक, कॉपियां जांच रहे हैं। इस मामले में विद्याभूषण शर्मा, सलीम जावेद सहित अन्य नाम सामने आए हैं, किंतु आयोग की ओर से न तो खंडन किया गया और न ही कोई स्पष्टीकरण दिया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि –
“पीएससी परीक्षा में प्रश्नपत्र तैयार करने से लेकर उत्तरपुस्तिका जांच तक की प्रक्रिया गोपनीय रहती है। जब परीक्षकों के नाम सार्वजनिक हो रहे हैं तो निष्पक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठना स्वाभाविक है। भाजपा सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच आवश्यक है।”
बैज ने बताया कि बस्तर में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अनेक गांवों का संपर्क टूट गया है, सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और लोगों का अनाज, पशु-पक्षी बह गए हैं। उन्होंने सरकार से प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा, राशन और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की।
अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लागू किए जाने को लेकर बैज ने कहा कि इसका छत्तीसगढ़ के निर्यात क्षेत्र पर गहरा असर पड़ेगा। प्रदेश से अमेरिका को गैर-बासमती चावल, तेंदूपत्ता, जड़ी-बूटियां, जैविक फल, शहद, हस्तशिल्प, धातु एवं लकड़ी की मूर्तियां, एल्युमिनियम उत्पाद आदि निर्यात होते हैं। नए टैरिफ के कारण ये उत्पाद अमेरिका में महंगे होंगे, जिससे खरीदी घटेगी और उत्पादकों को आर्थिक नुकसान तथा बेरोजगारी में वृद्धि होगी।
राजधानी रायपुर के शांति नगर इरिगेशन कॉलोनी को तोड़कर वहां होटल, मॉल और क्लब बनाने की संभावित योजना पर भी बैज ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि रायपुर में पहले से ही ग्रीनरी और खेल मैदानों की कमी है। सरकार को चाहिए कि उस क्षेत्र को ऑक्सीजोन या खेल मैदान के रूप में विकसित करे। यदि व्यावसायिक निर्माण करना ही है, तो इसके लिए पर्याप्त जगह वाले नवा रायपुर का चयन किया जाए।
यह प्रेस विज्ञप्ति सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष – कांग्रेस संचार विभाग, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी की गई।
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आज पत्रकार वार्ता में भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि राज्य और देश की नीतिगत विफलताओं का खामियाजा आम जनता, उद्योग जगत और कर्मचारी भुगत रहे हैं।
बस्तर में बाढ़ से तबाही, तत्काल राहत व मुआवजा की मांग
दीपक बैज ने कहा कि बस्तर संभाग में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
कई मार्ग अवरुद्ध हैं, दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं। मकान गिर गए, मवेशी बह गए और वाहनों के डूबने की खबरें हैं। एक पर्यटक परिवार के चार सदस्यों की मौत भी हुई है। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू करे और नुकसान का आंकलन कर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।
मुख्यमंत्री विदेश में, प्रदेश में उद्योग बंद
कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री निवेश लाने विदेश (जापान और दक्षिण कोरिया) गए हैं, जबकि प्रदेश में ही हालात चिंताजनक हैं। भाजपा शासन में अब तक 4288 कंपनियां बंद हो चुकी हैं। स्पंज आयरन, रोलिंग मिल, राइस मिल, सहकारी शक्कर कारखाने बंद पड़े हैं। महंगी बिजली और उद्योग विरोधी नीतियों को उन्होंने जिम्मेदार बताया।
बैज ने पूछा – “जब अपने उद्योग बंद हो रहे हैं तो बाहर से निवेशक यहां क्यों आएंगे?”
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल पर सरकार को घेरा
बैज ने कहा कि प्रदेश में 16000 से अधिक एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगें मानने की बजाय बर्खास्तगी की धमकी दे रही है। चुनाव के दौरान भाजपा ने “मोदी की गारंटी” के तहत नियमितीकरण का वादा किया था। 21 महीने बीत चुके हैं, पर वादा पूरा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, “डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद यह कहना कि यह केंद्र का मामला है, जनता और कर्मचारियों को गुमराह करना है।”
अमेरिकी टैरिफ को बताया मोदी सरकार की विफलता
दीपक बैज ने कहा कि अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ बढ़ा दिया है, जिससे हमारे उद्योग प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा, मोदी खुद को ट्रंप का मित्र बताते थे, फिर अब चुप क्यों हैं? यदि अमेरिका ऐसा कर सकता है तो भारत को भी अमेरिकी उत्पादों पर वैसा ही कदम उठाना चाहिए।
भाजपा कार्यकर्ता ने मांगी इच्छा मृत्यु
बैज ने भाजपा के अंदरूनी हालात पर भी सवाल उठाए।सूरजपुर जिले के पूर्व मंडल महामंत्री विशंभर यादव ने मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु मांगी है।यादव दो साल पहले रायपुर में प्रधानमंत्री मोदी की सभा में जाते समय सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे। इलाज में 35 लाख से अधिक खर्च हो चुका है, घर-बार बिक चुका है और वे स्थायी रूप से विकलांग हो गए हैं।
भाजपा की सरकार बनने के बावजूद उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
बैज ने कहा – “भाजपा कार्यकर्ताओं को देवतुल्य बताती है, लेकिन सच यह है कि संकट में अपने ही कार्यकर्ताओं को बेसहारा छोड़ देती है।”
निष्कर्ष :दीपक बैज ने प्रेसवार्ता के अंत में कहा कि भाजपा सरकार को चाहिए कि वह बस्तर बाढ़ राहत कार्य, उद्योग संकट, एनएचएम कर्मचारियों की मांग और अमेरिकी टैरिफ जैसे गंभीर मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई करे, वरना जनता में सरकार के प्रति असंतोष और बढ़ेगा।
रायपुर / शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री के विदेश प्रवास और नए निवेश आकर्षित करने के दावों पर कांग्रेस ने तीखा पलटवार किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया है कि – “छत्तीसगढ़ में जून 2025 तक 18,940 पंजीकृत कंपनियां संचालित थीं, इनमें से 4,288 कंपनियां आखिर क्यों बंद हो गईं?”
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जापान और दक्षिण कोरिया जाकर विदेशी निवेश का ढिंढोरा पीट रहे हैं, जबकि प्रदेश की हकीकत यह है कि पहले से संचालित स्पंज आयरन प्लांट, रोलिंग मिलें, राइस मिल, सहकारी शक्कर कारखाने और एथेनॉल प्लांट भाजपा सरकार की उपेक्षा और उद्योग-विरोधी नीतियों की वजह से ठप हो गए हैं।
वर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कृषि और वनोपज प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई थी। सीमेंट और स्टील उत्पादन में छत्तीसगढ़ ने नए कीर्तिमान स्थापित किए थे। लेकिन भाजपा की सरकार आते ही उद्योगों पर लगातार चोट की गई—20 महीनों में चार बार बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई।
आज की स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़ के उद्योगों को पड़ोसी राज्यों उड़ीसा, झारखंड और मध्यप्रदेश की तुलना में डेढ़ गुना महंगी औद्योगिक बिजली चुकानी पड़ रही है। कांग्रेस काल में बनी उद्योग नीति को बदलकर भाजपा सरकार ने स्थानीय उद्योगों को बर्बाद करने की राह पर धकेल दिया।
वर्मा ने आगे कहा—
“भाजपा सरकार एक तरफ छत्तीसगढ़ के लघु और कुटीर उद्योगों तथा रीपा (रूरल इंडस्ट्रियल पार्क) जैसी योजनाओं को समाप्त करने पर तुली है, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री विदेशी धरती पर उद्यमियों को आमंत्रित कर छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर रहे हैं।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि बीते 20 महीनों में हजारों उद्योग बंद होने से लाखों युवा बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन में नाकाम भाजपा सरकार अपनी नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए केवल “राजनीतिक पर्यटन” कर रही है।
? यह मुद्दा अब प्रदेश की राजनीति में भाजपा सरकार की औद्योगिक नीतियों बनाम कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों के मुकाबले के रूप में उभर चुका है।
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
