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दुर्ग / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है छत्तीसगढ़ के दूसरे चरण में 17 नंबर को दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में मतदान होने वाले हैं ऐसे में आरोप प्रत्यारोप और प्रत्याशियों के उपलब्धियां तथा कार्यों के बारे में आम जनता को बताने की जिम्मेदारी चौथे स्तंभ ले रखी है कई इलेक्ट्रॉनिक चैनल , प्रिंट मीडिया विधानसभा के प्रत्याशियों से उनके आने वाले कार्यों की रूपरेखा एवं पूर्व में किए गए कार्यों की उपलब्धियां के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
ऐसे ही एक निजी चैनल ने दुर्ग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण वोरा से उनके पांच बड़े कार्यो की उपलब्धियां के बारे में जब जानना चाहा तो कांग्रेस प्रत्याशियों द्वारा ऐसी कोई पांच बड़े कार्यो की उपलब्धि नहीं बता सके जो उनकी स्वयं की उपलब्धि रही हो . आश्चर्य की बात तो यह है कि पांच बड़े कार्यो की उपलब्धि में उन्होंने स्वर्गीय मोतीलाल बोरा के कार्यों की उपलब्धि को भी बताने की कोशिश की किंतु आधे घंटे से भी ज्यादा के साक्षात्कार में कांग्रेस की तरफ से 7 वी बार बने विधायक प्रत्याशी अरुण वोरा ने कार्यों की उपलब्धि के बारे में बताना शुरू किया तो 1972 में बने हुए दुर्ग के एकमात्र स्टेडियम पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम की बात कही जो की मोतीलाल बोरा के विधायक की काल में शुरू होना बताया . उसके बाद शहर के दो अंडर ब्रिज एवं ठगडा बाँध व सड़क चौडीकरण की बात सही वही जिला अस्पताल को अत्याधुनिक बताया गया जबकि आज की स्थिति में करोडो खर्च के बाद भी ऐसे कई मामले सामने है जिसमे जिला अस्पताल की भूमिका रेफर केस में ज्यादा नजर आती है इस बात के जवाब को भी टालते ही नजर आये .
पुरे साक्षात्कार में पिता स्व.मोतीलाल वोरा की ही चर्चा ज्यादा रही . बता दें कि पिछले 50 सालों में दुर्ग कांग्रेस के मुख्य सूत्रधार के रूप में वोरा परिवार ही प्रमुख भूमिका पर नजर आता है इन 50 सालों में दुर्ग में कोई भी कांग्रेसी कार्यकत्र्ता नहीं हुआ जो महापौर के चुनाव से आगे की सोंच पाया हो या यह भी कहा जा सकता है कि दुर्ग कांग्रेस कार्यकर्ताओ की आखिरी मंजिल महापौर चुनाव तक ही सीमित है . इन 50 सालो में ऐसा कोई भी कांग्रेसी दिग्गज नहीं हुआ जो विधानसभा चुनाव में भी प्रचार सञ्चालन में महत्तवपूर्ण भूमिका में हो इसके लिए भी रायपुर से वोरा परिवार के सदस्य आते है और मार्ग दर्शन देते है शायद इसी का परिणाम है कि पिछले चार दिनों से प्रत्याशी घोषित होने के बाद शहर के बड़े सामजिक लोगो और कांग्रेस के ऐसे नेता जो वोरा बंगले से हटकर अपना एक अलग मुकाम बनाये हुए है बधाई देने भी नहीं पहुंचे .
वही दूसरी तरफ दुर्ग निगम के कई पार्षद भी आंतरिक रूप से नाराज नजर आ रहे है इस बार के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा को चुनावी जंग में दिखने वाले विरोधी भाजपा प्रत्यशी के साथ साथ परदे के पीछे ना के विरोधियो से भी मुकाबला करना होगा जो सामने तो समर्थन की बात कर रहे है किन्तु अपने पांच साल की उपेक्षा का रंग मतदान के समय दिखाने की भी बात हो रही है .
नहीं है कोई उपलब्धि तो बच्चो का सहारा लेने का आरोप कांग्रेसी प्रत्याशी पर
अरुण वोरा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत सामने आई है. विधायक पर सरकारी स्कूल में जाकर चुनाव प्रचार करने का आरोप लगा है। कांग्रेस की सूची जारी होने से पहले विधायक अरुण वोरा ने स्व. झाड़ूराम देवांगन शासकीय स्कूल में छात्रों से बातचीत में कहा था कि अगर अरुण वोरा को वोट मिलेगा तो स्कूल को और अच्छा बनाएंगे. ऐसे में सभी बच्चे अपने माता-पिता को जाकर बोले कि वह अरुण वोरा को वोट दें. इसके बात की शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से की गई।
जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि उन्हें इस संबंध में शिकायत मिली है शिकायत में कहा गया है कि विधायक अरुण वोरा ने शासकीय स्कूल में जाकर बच्चों को बोला है कि अगर उन्हें वोट मिलेगा तो स्कूल को और अच्छा बनाने काम करेंगे ऐसे में अपने माता-पिता से बोले कि वे उन्हें वोट करें तो वही जब इस पूरे मामले पर अरुण वोरा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
एक बार फिर उठ रही समाधी स्थल की चर्चा और पद की ताकत का दुरूपयोग ...
स्व. मोतीलाल वोरा के याद में निर्मित समाधी स्थल की चर्चा भी एक बार उठ रही . आम जनता के बीच यह चर्चा का विषय है कि आखिर समाधी स्थल किसकी अनुमति से और किस मद से बनाई गयी . बता दे कि स्व. मोतीलाल वोरा की समाधी स्थल शिवनाथ मुक्तिधाम में बनाई गयी है जो कि मुक्तिधाम की संपत्ति है ऐसे में शासन के पास ऐसे कोई दस्तावेज नहीं है कि इस स्थान पर विधि संगत समाधी स्थल बने वही चर्चा है कि पद की ताकत के आगे विधायक ने यह स्थल बनवाया है ऐसे में कुछ लोगो इसे दुर्ग के सबसे ज्यादा लाडले नेता स्व. हेमचंद यादव से भी तुलना कर रहे है तब भाजपा सरकार थी इसके बावजूद भी ना ही परिवार ने और ना ही प्रदेश सरकार ने ऐसी कोई कोशिश की कि हरनाबांधा मुक्तिधाम में स्व. हेमचंद यादव का समाधी स्थल बनाए .
रायपुर / शौर्यपथ / सांसद प्रमोद तिवारी ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इन पांच राज्यों में जनता को जिस घड़ी का इंजार था वह समय अब आ गया है। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और किसान तथा युवाओं के साथ-साथ लगभग हर वर्ग के साथ भाजपा ने धोखा एवं विश्वाघात किया है, सार्वजनिक कंपनियां को बेचा है। अब जनता उसका सही फैसला करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी सहित ज्यादातर केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ में आकर झूठ बोलते है, स्तरहीन राजनीति करते है और महंगाई, बेरोजगार, किसानों की समस्याओं, छोटे एवं मध्यम व्यापारियों तथा हर स्तर पर फेल भाजपा सरकार की असफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने का कुत्सित प्रयास करते है।
श्री तिवारी ने कहा है कि ‘‘मोदी सरकार’’ लगातार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव पूर्ण सौतेला व्यवहार करती रही है तथा छत्तीसगढ़ के हक और अधिकारों का हनन कर रही है, केंद्रीय योजनाओं की धनराशि ही समय पर नहीं प्रदान की जाती है जिससे समयबद्ध ढंग से उन योजनाओं की शुरूआत नहीं होती है। यही नहीं छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली तमाम ट्रेनों को भी निरस्त कर दिया जाता है जिससे जनता को अपनी आवश्यकताओं के लिये एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में परेशानी होती है। छत्तीसगढ़ में जनता की अदालत में जाने के लिये भारतीय जनता पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है जिसको लेकर वह जनता के सामने जाये, और न ही कोई लोकप्रिय चेहरा ही उसके पास है, जिसके मुखौटे पर वह चुनाव मैदान में उतर सके। सबसे दुःखद एवं और चिंताजनक तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने 15 साल के भ्रष्टाचारियों और कमीशन खोरी के संगीन आरोपियों को पुनः प्रत्याशी बनाया है।
श्री तिवारी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बन रही है, मिजोरम में कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। इस चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की वह भविष्यवाणी सही साबित होगी जो उन्होंने अपने मुखपत्र आर्गनाइजर में चिंता व्यक्त करते हुये कहा था कि अकेले दम पर ‘‘मोदी’’ अब जिताऊ चेहरा नहीं रहे। हमें जीतने के लिये अब कुछ और करना होगा। इस पर चिंतन की आवश्यकता है। हिमांचल एवं कर्नाटका में न दुखड़ा चला न मुखड़ा चला। हिमांचल प्रदेश से निकली हुई मोदी जी के पराजय की श्रृंखला कर्नाटक होते हुये तेलंगाना, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान होकर पूरे देश में लोकसभा के चुनाव में उसका सफाया करेगी।
सांसद तिवारी ने कहा है कि आखिर झूठे और खोखले वायदे से मोदी जी देश की जनता को कब तक भ्रमित करते रहेंगे। आगामी 3 दिसंबर 2023 की सुबह का सूरज जैसे-जैसे ढलता जायेगा वैसे-वैसे भाजपा की पराजय का नया अभूतपूर्व इतिहास देश की जनता लिखेगी, और शाम होते-होते इन पांच राज्यों (तेलंगाना, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान) में कांग्रेस का तिरंगा फहर जायेगा।
रायपुर / शौर्यपथ / सांसद प्रमोद तिवारी ने अमित शाह को चुनौती देते हुये कहा कि कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आये, एक और झूठ बोलकर गये कि बस्तर एनएमडीसी संयंत्र नहीं बेचा जायेगा। यदि नगरनार संयंत्र नहीं बेचा जा रहा तो इसका फैसला कब हुआ। कब केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नगरनार संयंत्र को विनिवेशीकरण की सूची से बाहर किया, उसको नहीं बेचने का आदेश कहां है इसका मोदी और अमित शाह जवाब दें?
मोदी सरकार ने नगरनार को बेचने का फैसला कर लिया है। इसके बेचने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। 14 अक्टूबर 2020 में भारत सरकार ने एनएमडीसी (नगरनार) स्टील प्लांट में 50.79 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया था। उक्त कार्य हेतु भारत सरकार के वित्त विभाग के अधीन “निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग” (डीआईपीएएम) को सौंपा गया। यह निर्णय प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा लिया गया। इस बैठक में नगरनार स्टील प्लांट के राजनीतिक विनिवेश का कार्य सितंबर 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया। (पीआईबी रिपोर्ट)। उक्त निर्णय के क्रियान्वयन हेतु “दीपम” (डीआईपीएएम) ने 2 दिसंबर 2022 को नगरनार की रणनीतिक बिक्री हेतु प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित की गयी। इस निविदा के संबंध में निजी निवेशकों को अन्य जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रश्न जमा करने की अंतिम तारीख 29 दिसंबर 2022 तथा बोली जमा करने की अंतिम तिथि 27 जनवरी 2023 रखी गयी थी।
रायपुर / शौर्यपथ /
राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ का चुनाव दो मुद्दों पर केंद्रित करना चाह रही भ्रम और भय वह हिन्दू-मुस्लिम और सांप्रदायिकता फैलाकर चुनाव लडऩा चाह रही, ईडी की कार्यवाही झूठी कहानी बनाकर भ्रम फैलाकर चुनाव लडऩा चाह रही। अमित शाह के भाषण से लेकर हेमंत विस्व शर्मा के बयान बता रहे भाजपा छत्तीसगढ़ में दंगा भड़काने में लगी है।
दूसरा भाजपा चुनाव तक ईडी की कार्यवाही और करवा कर नई-नई कहानियां बनाकर प्रदेश में भ्रम पैदा करेगी, इनके पास मुद्दे नहीं है। आने वाले दिन में दंगे कराना और ईडी की छापेमारी इनका उद्देश्य है। आने वाले दिनों में चुनाव तक गली-गली में ईडी की छापेमारी होगी।
भाजपा छत्तीसगढ़ में जनसरोकारों के मुद्दों पर चुनाव लडऩे से डर रही है। उसके पास आम आदमी से जुड़े मुद्दे उठाने के लिये नहीं है। वह हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिकता की गंदगी फैलाकर छत्तीसगढ़ की फिजा खराब करना चाह रही है। जिस प्रदेश में हिन्दू-मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध सभी मिल कर आबादी 3 प्रतिशत से भी कम है उस प्रदेश में भाजपा सांप्रदायिकता का गंदा खेल खेलने की कोशिश में है ताकि मतो का ध्रुवीकरण हो जिस कवर्धा में प्रदेश में सबसे बड़ी जीत मोहम्मद अकबर को दिया, वहां पर आकर आसाम का मुख्यमंत्री धार्मिक विद्वेष भड़काने का काम करता है। पहले अमित शाह ने भड़काऊ भाषण दिया अब हेमंत शर्मा इनमे साहस नहीं किसानों के बारे में आदिवासियों के बारे में लोगों से जुड़ी समस्या महंगाई के बारे मेमं बात करें, धान के बारे में बात करें, मजदूर के बारे में बात करें, यह सिर्फ धार्मिक विद्वेष भड़काना जानते है वही कर रहे है। इनको जनता और जनता के सुख दुख से मतलब नहीं है।
हेमंता से असम संभल नहीं रहा छत्तीसगढ़ में बड़बोली कर रहे
जो अपना प्रदेश नहीं संभाल पा रहे हेमंत विस्व शर्मा वह छत्तीसगढ़ में आकर बड़ी-बड़ी बाते कर रहे है।
देश का तीसरा सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाला राज्य आसाम है आसाम की बेरोजगारी दर 17.2 प्रतिशत से अधिक है, छत्तीसगढ़ बेरोजगारी दर 0.5 प्रतिशत है देश में सबसे कम, वह छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की बाते कर रहे है, बेरोजगारी पर मोदी से सवाल करने का साहस क्यों नही दिखाते।
आसाम देश में सबसे ज्यादा अपराधों वाला हाई क्राईम वाला राज्य है। महिलाओं के प्रति अपराधों में आसाम देश में प्रथम स्थान पर है। मतलब आसाम में महिलाएं पूरे देश में सबसे ज्यादा असुरक्षित है जबकि कांग्रेस राज में महिलायें देश के 5 सबसे ज्यादा सुरक्षित राज्यों में एक है। साइबर क्राइम में आसाम देश में दूसरे नंबर पर हे। आसाम 32 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है अर्थात वहां पर 1 करोड़ जनसंख्या बीपीएल के नीचे है।
सिद्धार्थ सिंह को भाजपा ने झूठ बोलने परमानेंट रखा है
भाजपा के यूपी के विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह शराब घोटाले की बात कर रहे थे पहली बात उन्होंने अपने बयान में कोर्ट के आदेश की गलत और अपने राजनैतिक सुविधा के अनुसार व्याख्या कर रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ईडी को फटकार लगाया था।
छत्तीसगढ़ में कोई शराब घोटाला नहीं हुआ है, भाजपा और ईडी षडय़ंत्र करके छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले की पटकथा लिखा है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में शराब के राजस्व में दुगुनी बढ़ोतरी हुयी है। कांग्रेस के राज में शराब का राजस्व 3200 करोड़ सालाना से बढ़कर 6000 करोड़ के लगभग पहुंच गया।
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला रमन राज में हुआ था, ठीक वैसे ही जैसे आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में शराब नीति बदला था उनमें उपमुख्यमंत्री जेल में है, वैसे ही घोटाला करके जो 4700 करोड़ रूपये का है रमन सिंह खुला घूम रहे, ईडी, सीबीआई कोई जांच नही कर रहा। रमन के नान घोटाला, चिटफंड घोटाला, पनामा घोटाला की जांच क्यों नहीं हो रही?
पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ प्रवक्ता आर.पी.सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेंद्र वर्मा, संयुक्त महासचिव अजय साहू, प्रवक्ता मणी वैष्णव, सुजीत घिदौड़े, ऋषभ चंद्राकर उपस्थित थे।
- शाह बताएं - किसानों से 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदना क्या भ्रष्टाचार है
- बिजली बिल हाफ, धन्वंतरी दवाई दुकान, स्वामी आत्मानंद स्कूल जैसी योजनाओं में शाह को कहां से भ्रष्टाचार नजर आ रहा
- युवाओं के बैंक अकाउंट में बेरोजगारी भत्ता जमा करना कहां का भ्रष्टाचार है?
राजनांदगांव / शौर्यपथ /
मतदान की तारीख बस अब कुछ दिन ही दूर है ऐसे में राजनितिक दलों के आरोप प्रत्यारोप लगातार बढ़ते ही रहेंगे . हाल ही में देश के गृह मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नामांकन के दौरान राजनांदगांव पहुंचे जहां उन्होंने कांग्रेस पर उल्टा लटकाने का ब्यान दिया जिसके बाद गृहमंत्री अमित शाह के उलटा लटकाने के बयान को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने करारा पलटवार किया है।
राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल के रमन सरकार के कार्यकाल में कर्ज से परेशान हजारों किसान फांसी पर लटके। केंद्र की मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून लगाने का प्रयास कर किसानों को फांसी पर लटकाने की कोशिश की जो सफल नहीं हो सकी। अब गृहमंत्री अमित शाह किसानों को सबसे ज्यादा मूल्य देने वाले भूपेश सरकार पर झूठे, मनगढ़ंत आरोप लगाकर उलटा लटकाने की धमकी दे रहे हैं।
राजेंद्र ने कहा कि शाह ने भूपेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। शाह बताएं कि बेरोजगार युवाओं को हर महीने 25 सौ रुपए बेरोजगारी भत्ता देना क्या भ्रष्टाचार है? क्या भूमिहीन मजदूरों को सालाना 7 हजार रुपए की सहायता राशि देना क्या भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है ? किसानों की कर्जमाफी और 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करने में शाह को भ्रष्टाचार कैसे नजर आ रहा है ?
राजेंद्र ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गोपालकों और स्वसहायता समूह की महिलाओं से गोबर खरीदने में कैसा भ्रष्टाचार दिख रहा है। शाह यह भी बताएं कि आम जनता को बिजली बिल हाफ करने की राहत देकर भूपेश सरकार आखिर कौन सा भ्रष्टाचार कर रही है ? इन योजनाओं के अलावा स्वामी आत्मानंद स्कूल, हाट बाजार क्लीनिक, स्लम स्वास्थ्य योजना, धन्वंतरी योजना जैसी दर्जनों योजनाओं से प्रदेश की जनता को सीधा लाभ मिल रहा है। देश के गृहमंत्री अमित शाह को इन योजनाओं में भ्रष्टाचार नजर आना समझ से परे है।
राजेंद्र ने कहा कि भूपेश सरकार ने किसानों, मजदूरों, स्वसहायता समूह की महिलाओं, युवाओं समेत हर वर्ग को राहत देने जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। भूपेश सरकार ने रमन सरकार के कार्यकाल में एक्टिव रहे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त कर दी है। योजनाओं का लाभ सीधे लोगों के खाते में पहुंच रहा है।
राजेंद्र ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने महंगाई बढ़ाने के साथ-साथ केवल अंबानी और अडानी को लाभ पहुंचाने का काम किया है। मोदी सरकार के कारनामों से देश की जनता, किसान, मजदूर, युवा, महिलाएं त्रस्त हैं। शाह समझ लें कि अब देश की केंद्र सरकार में बदलाव का समय आ चुका है। आम जनता ने ठान लिया है कि भारतीय जनता पार्टी के उलटा लटकने की बारी आ गई है।
भाजपा ने 15 साल पट्टा नहीं दिया, कांग्रेस ने लोगों को घर और छत दिया
रायपुर / शौर्यपथ / राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि कांग्रेस सरकार ने शहरी जनता के लिये और राजधानी के लिए अभूतपूर्व काम किया है। राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर स्वामी आत्मानंद स्कूल, धनवंतरी मेडिकल, शहरी स्वास्थ्य योजना से लोगों को लाभ मिल रहा है। कांग्रेस की सरकार ने इस वर्ष 25 हजार से ज्यादा पट्टा वितरण किया। भाजपा 15 साल तक सरकार में रही किसी को पट्टा नहीं दिया। कांग्रेस की सरकार ने 1979 से आज तक 1 लाख से अधिक पट्टा वितरण कर चुका है। सन् 1979 में 10 साल के लिए 10 हजार लोगों को पट्टा दिया, 1984 में 30 साल के लिये 30 हजार लोगों को पट्टा दिया, 2002 में 30 साल के 40 हजार लोगों को पट्टा दिया, 2023 में भूपेश बघेल की सरकार ने 25 हजार लोगों को पट्टा। ये पट्टा 2028 तक वैलिड रहेगा। भाजपा के नेता, कार्यकर्ता सभी ने पट्टा लिया। पट्टा वितरण में फोटो भी खिचवाते है। पट्टा लेकर लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे है। भाजपा सरकार 15 साल में लोगों के घरों में बुलडोजर चलवाने का काम करते करते रहे लेकिन किसी को पट्टा नहीं दिया।
राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार में बनी गुणवत्ताहीन एक्सप्रेस-वे को पुनः मजबूत एवं गुणवत्ता युक्त निर्माण करवाया गया। इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक में डूबे खातादारों की पैसा की वसूली। आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला। अनियमित निर्माण का नियमतीकरण। गुमास्ता को लाईफ टाईम किया। मोर जमीन मोर मकान योजना। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत हितग्राहियों को 1-1 लाख रुपये प्रदान। मुख्यमंत्री शहरी स्लम चिकित्सा योजना हमर लैब हमर अस्पताल, धनवंतरी मेडिकल स्टोर्स। बिजली बिल हाफ योजना। छोटे भूखंड 5 डिसमिल तक की रजिस्ट्री में लगी रोक हटाई। गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत कटौती विगत 5 वर्षों से लगातार जारी। किसी भी प्रकार से मकान एवं प्रापर्टी कर में वृद्धि नहीं किया गया। सुरक्षा के दृष्टि से चौक चौराहों पर सीसी कैमरा लगाया गया। गोलबाजार के व्यापारियों को मालिकाना हक दिया। किसी के भी दुकान एवं मकान में तोड़-फोड़ नहीं की गई। भाजपा सरकार में जो विस्थापित दुकानदार मकान मालिक थे सभी का पुनर्वास किया गया। नगर निगम क्षेत्र को टैक्स मुक्त किया गया। विकास कार्यों के लिए पार्षदों को 50 लाख रुपया दिया गया। जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण का सरलीकरण, मितान योजना से घर पहुंच सुविधा।
पत्रकारों से चर्चा करते हुये जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा ने कहा कि 15 सालों में बस्तियां टूटी लोगों को बीएसयूपी मकान में भेजा। उनकी सुध नहीं ली गयी। लोग अपने छत के अधिकार के लिये लड़ते रहे। कांग्रेस की सरकार आने के बाद विधानसभा में कानून बनाकर लोगों को उनको छत का अधिकार दिया। हमारी सरकार ने पट्टे देने की शुरुआत किया। रायपुर शहर में 25000 लोगों को पट्टा दिया। आने आने समय में जिन लोगों का नाम सर्वे में है तथा जो छूट गये है सभी को पट्टा दिया जायेगा। कांग्रेस की सरकार फिर से बनने पर तालाब पर एवं पुरानी नहर जिन का अब उपयोग नहीं है वहां पर पट्टा देने का कानून बनाया जायेगा। भाजपा ने पहले कानून बनाया था तालाब पार एवं नहर के पार पर बने लोगों को पट्टा नहीं दिया जायेगा। पट्टा देने की परंपरा सिर्फ कांग्रेस की सरकार ने शुरू किया है। अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, कांग्रेस की पहली सरकार भूपेश सरकार ने ही पट्टा दिया। 15 सालों में भाजपा ने नहीं दिया।
विधायक कुलदीप जुनेजा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने शहरी एवं ग्रामीण आवासहीनों को आवास उपलब्ध करवाने के लिये महत्वपूर्ण काम किया है। कांग्रेस सरकार ने नियमितीकरण लाकर हर वर्ग का भला किया है। पत्रकार वार्ता में पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, आरडीए के उपाध्यक्ष सूर्यमणि मिश्रा, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, संयुक्त महासचिव अजय साहू, युवा कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश में 09 अक्तूबर से आदर्श आचार संहिता लागू हो गया आचार संहिता लगने के कुछ घंटो बाद ही छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपनी दूसरी सूचि में 64 प्रत्यशियो की ज़ारी कर दी . सभी अटकलों के बाजार को दरकिनार करते हुए भाजपा ने वही सूची जारी की जो कुछ दिनों पहले वाइरल हुई थी .
दुर्ग ग्रामीण में भाजपा ने ललित चंद्राकर के ऊपर दांव खेला है। ललित चंद्राकर पिछले कई विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट मांग रहे थे वह लगातार भारतीय जनता पार्टी के द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमो में हिस्सा भी ले रहे थे। 2023 के विधानसभा चुनाव में उनके प्रत्याशी बनने से उनके समर्थकों में खासा उत्साह पैदा हो गया है। जिला भाजपा कार्यालय में उनके समर्थको की भीड़ ने उन्हें घेर भी लिया है।
आपको बताते हैं चले की ललित चंद्राकर कुर्मी समाज से हैं, ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि पाटन में कुर्मी प्रत्याशी देने के बाद दुर्ग ग्रामीण में साहू समाज से प्रत्याशी बनाया जा सकता है क्योंकि सिटिंग विधायक कांग्रेस के साहू समाज से ही हैं जो प्रदेश के गृहमंत्री हैं, तो स्वाभाविक रूप से लग रहा था कि साहू समाज से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी उतार सकती है लेकिन हुआ कुछ और ही भाजपा ने ललित चंद्राकर जो जिला महामंत्री हैं उन्हें दुर्ग ग्रामीण से प्रत्याशी बनाया है।
जिले में दो विधानसभा क्षेत्र पाटन और दुर्ग ग्रामीण से भाजपा ने कुर्मी समाज के प्रत्याशी पर दाव खेला वही कांग्रेस के द्वारा पाटन विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश के मुख्यमंत्री चुनावी मैदान में उतरेंगे हालांकि अभि कांग्रेस ने सूचि जारी नहीं की परन्तु परेश की कुछ ऐसी सीट है जिनके प्रत्याशी लगभग तय है सिर्फ संगठन से अधिकृत सूची ज़ारी होने की देरी है .
दुर्ग ग्रामीण से कांग्रेस के प्रबल दावेदार के रूप में प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू है इस स्थिति में दुर्ग ग्रामीण में मुकाबला रोचक होता नजर आ रहा है . दुर्ग ग्रामीण में साहू समाज के मतदाता एवं कुर्मी समाज के मतदाता दोनों की तादाद परिणाम बदलने में सक्षम है ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि कौन सा समाज किस तरफ रुख करता है . एक तरफ युवा चेहरे के रूप में भाजपा से ललित चंद्राकर मैदान में है वही दूसरी तरफ प्रदेश के अनुभवी वरिष्ठ एवं कद्दावर राजनेता के रूप में पहचान बना चुके ताम्रध्वज साहू मैदान में है हालाँकि कांग्रेस की तरफ से सूची जारी नहीं हुई किन्तु कयासों का बाजार गर्म है और मुकाबला युवा जोश के सामने अनुभवी उम्मीदवार का है .
-अतका लबारी काबर मारथस मोदी जी ? साढ़े नौ साल के कार्यकाल म एक भी वादा ल पूरा नहीं करे हस... अऊ कइथस के मोदी सपनों को पूरा करे के गारंटी हे ... अतका झूठ नई बोलना चहिये
- मोदी चाहे सौ बार झूठ बोलें या हजार बार, छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी, जनता तय कर चुकी
दुर्ग / शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने बिलासपुर में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर कड़ा प्रहार किया है। राजेंद्र ने ठेठ छत्तीसगढ़ी अंदाज में कहा कि “अतका लबारी काबर मारथस मोदी जी ? साढ़े नौ साल के कार्यकाल म एक भी वादा ल पूरा नहीं करे हस... अऊ कइथस के मोदी सपनों को पूरा करे के गारंटी हे ... । ये सबले बड़े झूठ हे ... अतका झूठ नई बोलना चहिये, मोदी बबा ...”
राजेंद्र ने कहा कि पीएम मोदी ने देश की जनता के खाते में 15 लाख रुपए आने के सपने दिखाए थे। महंगाई कम करने, किसानों की आय दोगुना करने, हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, बुलेट ट्रेन चलाने, 2022 तक हर आवासहीन को आवास उपलब्ध कराने, मेक इन इंडिया के माध्यम से पूरे देश में औद्योगिक क्रांति लाने जैसे दर्जनों वादे कर लोगों को आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने के सपने दिखाए थे। मोदी जी बताएं कि इनमें से कौन सपना पूरा हुआ।
सच ये है कि प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरा होने वाला है, लेकिन देश की जनता को दिखाया गया एक भी सपना पूरा नहीं हुआ। उलटे जिन सपनों की बात मोदी ने की थी, उससे एकदम उलटा हो गया। देश की जनता आज सबसे ज्यादा महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है। किसानों की आमदनी दोगुना करने की बजाय कीटनाशक और कृषि उपकरणों के साथ डीजल के दाम बढ़ाकर मोदी सरकार ने किसानों का बोझ बढ़ा दिया।
मोदी ने बुलेट ट्रेन चलाने का सपना दिखाया था लेकिन हालत ये है कि देश भर में यात्री ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि मोदी राज में पैसेंजर ट्रेनें तक नियमित रूप से नहीं चल पा रही है। मेक इन इंडिया से औद्योगिक क्रांति लाने का सपना धराशायी हो गया। उद्योग – कल कारखाने बंद हो रहे हैं। करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए।
महिला सुरक्षा की बात करने वाले मोदी राज में हाथरस, कानपुर में महिलाओं की हत्या, मणिपुर में महिलाओं के साथ सरेआम बलात्कार और अत्याचार, देश के लिए मैडल जीतने वाली महिला पहलवानों के साथ मोदी सरकार का सुलूक पूरा देश देख चुका है। हरेक नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपए जमा करने वाले मोदी की सरकार मिनिमम बैलेंस होने पर आम आदमी के अकाउंट से पैसे काट रही है। साढ़े 9 साल के कार्यकाल में पूरा देश बर्बादी के कगार पर आ चुका है।
राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आकर बार-बार किसानों का पूरा धान खरीदने का सफेद झूठ बोलने वाले पीएम को सच बोलना चाहिए। हालत ये है कि मोदी के खुद के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के किसानों से भी 25 सौ रुपए की दर से धान खरीदी नहीं हो रही है। वहां के किसानों को 12 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान बेचना पड़ रहा है। देश में सबसे ज्यादा 25 सौ रुपए की दर से केवल छत्तीसगढ़ में धान खरीदा जा रहा है।
राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग जितने सीधे सादे हैं, उतने ही जागरूक भी है। मोदी चाहे सौ बार झूठ बोलें या हजार बार, छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी। परिवर्तन देश की सत्ता में होना तय है। पीएम मोदी जितना ज्यादा झूठ बोलेंगे, भाजपा की पराजय का ग्राफ उतना ही ज्यादा बढ़ेगा।
Durg / Shouryapath/ Chhattisgarh Assembly Elections 2023 have started, political parties are busy in their preparations. In the last assembly elections, BJP had won the only seat in Durg district from Vaishali Nagar. After the sudden demise of Vaishali Nagar MLA Shri Vidya Ratan Bhasin ji, now this The discussion is in full swing on whom the Bharatiya Janata Party will field as its candidate. Many Bharatiya Janata Party workers are contesting from the Vaishali Nagar assembly seat, but the main effort put in by Sangeeta Ketan Shah, who belongs to an industrialist family, is the main one in presenting the claim. The manner in which Mrs. Sangeeta K Shah is suddenly making her the chief guest of the festive events, there is a strong discussion among the general public of Vaishali Nagar that in the present environment, it is universally accepted to be the chief guest in big events. A wealthy leader is considered capable rather than a leader.
Vaishali Nagar seat in Durg district remains identified as a safe seat for BJP. This is the reason why industrialist-turned-public servant Sangeeta Ketan Shah, who entered the Bharatiya Janata Party six months ago, is making continuous efforts to capture this reserved seat. It is possible that the Bharatiya Janata Party may also declare her a candidate, but on the other hand, this It is also a subject of discussion that if the Bharatiya Janata Party declares Sangeeta Ketan Sahab as its candidate, then after the victory, will Mrs. Sangeeta Ketan Shah remain among the public to understand the pain and suffering of the common people or will the common public listen to their MLA? Many walls will have to be crossed to meet.
There is talk that even in the current environment, Mrs. Sangeeta Ketan Shah is preparing to contest the elections. In this environment, today the general public has to overcome many kinds of difficulties and many kinds of walls in meeting, who can also be called a mediator or a personal assistant these days. The election date has not even come yet and no party has declared its candidate from Vaishali Nagar. Even at such a time, permission of many people is required to meet Mrs. Sangeeta Ketan Shah, then how can the general public know about their leader? You will be able to tell your problems by meeting them because in place of public servant Sangeeta Ketan Shah, an army of people authorized by her are standing to listen to every problem.
Will the people of Vaishali Nagar give their blessings by voting for such a candidate or will the voters support a person with whom they can meet directly without any middleman.
Half of the people in Vaishali Nagar assembly constituency belong to the poor and middle class and they want to see such a person as their MLA with whom they can meet directly and the Vaishali Nagar area can be developed, whereas this is also the case among the workers of Bharatiya Janata Party. There are rumors going around that if the organization declares public servant Sangeeta Ketan Shah as its candidate considering the financial situation, then this reserved seat of Bharatiya Janata Party will go to the account of Congress. Until the candidates are declared, the market of speculation will continue like this. But it is also true that the poor class and the middle class have to face small needs and problems, for which they have no other way except through their public representatives. If the general public cannot even meet their public representatives directly, then Whom will she go to for her problem? Feeling similar confusion and past experience, this time the general public of Vaishali Nagar assembly constituency is preferring to support a candidate who is actually accessible to the general public and not just a mask.