April 26, 2024
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राजनीति

राजनीति (961)

दुर्ग / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में भाजपा का चुनाव घोषणा पत्र जारी होने पर पीसीसी महामंत्री राजेंद्र साहू ने सवालों की झड़ी लगाते हुए कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र को मोदी की गारंटी कहा गया है। मोदी ने 2014 में देश भर के किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का वादा किया था। उस वादे का क्या हुआ। महंगाई कम करने, हर साल दो करोड़ रोजगार देने, हरेक के खाते में 15 लाख रुपए देने सहित कई वायदे किये थे। इन सारे वायदों का क्या हुआ ?
  राजेंद्र ने कहा कि चुनावी लाभ लेने के लिए भाजपा ने किसानों के लिए कई वायदे किये हैं। सच ये है कि छत्तीसगढ़ के किसान 2640 रुपए की दर से धान बेच रहे हैं, जबकि दूसरे भाजपा शासित राज्यों में किसान 12 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान बेचने पर मजबूर हैं। रमन सिंह के राज में किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी को घटाकर 12 क्विंटल प्रति एकड़ किया गया।  किसान विरोधी भाजपा 21 क्विंटल धान कैसे खरीदेगी।  
  राजेंद्र ने कहा कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ में रमन राज में किसानों को 21 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने और बोनस देने का वादा किया था, लेकिन 15 साल में न तो 21 सौ रुपए की दर से धान खरीदी हुई, न बोनस दिया गया।
  इसी तरह पीएम नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन 9 साल के मोदी राज में छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार नहीं मिला। रमन सिंह के 15 साल के राज में एक लाख लोगों को भी रोजगार नहीं दिया गया। कोरोना काल में पूरे देश में लाखों लोगों की नौकरी चली गई। आज तक उन्हें रोजगार नहीं मिला। मोदी सरकार ने बेरोजगार हुए लोगों की सुध भी नहीं ली।     
  राजेंद्र ने कहा कि 5 सौ रुपए में सिलेंडर देने का वादा भाजपा ने किया है। कांग्रेस राज में 4 सौ रुपए में सिलेंडर रिफिल होता था, जिसे मोदी सरकार ने 12 सौ रुपए कर दिया। मोदी को किसने रोका है? वे चाहें तो पूरे देश में सिलेंडर रिफिल की दर 5 सौ रुपए कर दें। मोदी की यह गारंटी भी छलावा है।
  राजेंद्र ने कहा कि मजदूरों को 10 हजार रुपए सालाना देने का वादा भी हवा हवाई है। कोरोना काल में सबसे ज्यादा अत्याचार केंद्र की मोदी सरकार ने किया। लाखों मजदूरों को हजारों मील  पैदल चलना पड़ा। भूखे पैदल चलनेे से कई लोगों की मौत भी हो गई। मजदूर विरोधी भाजपा ने लाखों मजदूरों का रोजगार छिनने पर रोजगार भी उपलब्ध नहीं कराया।         
  राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरे देश को समझ आ चुका है कि मोदी केवल चुनाव जीतने के लिए गारंटी देते हैं और वादे करते हैं। न तो उनके वादे पूरे होते हैं, न गारंटी पूरी होती है। छत्तीसगढ़ की जनता को भूपेश बघेल पर भरोसा है, जिनकी सरकार बनते ही दो घंटे के भीतर किसानों की कर्ज माफी कर दी गई। किसानों से 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई। बिजली बिल हाफ योजना लागू हो गई। किसानों से 25 सौ रुपए और बाद में 2640 रुपए की दर से धान खरीदी की गई। युवाओं को 25 सौ रुपए बेरोजगारी भत्ता, मजदूरों को 7 हजार रुपए सालाना दिया जा रहा है। दर्जनों योजनाएं चालू की गई है जिससे छत्तीसगढ़ की जनता आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही है। भूपेश जो कहते हैं, वो करते हैं। पहले वादा करना और बाद में जुमला कहना भाजपा की आदत है।

रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा के पत्रकार वार्ता पर पलटवार करते हुये कहा कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ विरोधी नीति के काट के रूप में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार मुख्यमंत्री आवास योजना शुरू किया है। केन्द्र की मोदी सरकार लगातार छत्तीसगढ़ की उपेक्षा कर रही थी। राज्य के प्रतीक्षारत 7 लाख आवासों की प्रतीक्षा सूची को केन्द्र लंबे समय से रोके रखा था जिसके कारण राज्य आवासहीनों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को अनेकों बार पत्र लिखकर प्रतीक्षा सूची को क्लियर करने की मांग किया लेकिन राज्य के प्रति दुर्भावना के कारण भाजपा की केन्द्र सरकार ने राज्य के आवासों को लटकाये रखा है केन्द्र के इस दुर्भावना पूर्ण रवैये से राज्य की जनता को राहत देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने राज्य अपनी आवास योजना शुरू किया है। जिसमें  7 लाख आवासहीनों को भूपेश सरकार स्वयं आवास उपलब्ध करायेगी। आने वाले समय में 17 लाख लोगों को आवास कांग्रेस देगी।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार गरीबों के आवास योजना को बंद करना चाह रही है। छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजना का आबंटन केंद्र सरकार के पास फंड की कमी के चलते रद्द किया गया है। मोदी सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना बंद करने का षडयंत्र कर रही। प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में भी प्रधानमंत्री आवास योजना में मात्र 40 प्रतिशत काम हुये है। मध्यप्रदेश 30 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है ऐसे में भाजपा नेता मोदी सरकार के नाकामी पर पर्दा डालने झूठे आरोप लगा रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा 800 करोड़ के राज्यांश के भुगतान के बाद में राज्य का आबंटन क्यो रद्द हुआ एक भी भजपा सांसद ने केंद्र से पूछने का साहस नहीं दिखाया। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार इस दिशा में सतत प्रयासरत रहती है कि प्रत्येक जन कल्याणकारी योजना का लाभ छत्तीसगढ़ की जनता को मिले, चाहे वह केंद्र की योजना हो अथवा राज्य की। प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्रांश और राज्यांश क्रमशः 60 प्रतिशत और 40 प्रतिशत है इसलिए इस योजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार हमेशा अपने अंश को देने कोताही बरतती है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा को यदि वाकई में गरीबों की चिंता है तो मोदी सरकार से यह सवाल पूछना चाहिए कि उनके द्वारा छत्तीसगढ़ में पीएम आवास का आवंटन रद्द क्यों किया गया? मोदी सरकार छत्तीसगढ़ में पीएम आवास योजना के क्रियान्वयन को बाधित करने के लिए तरह-तरह के षड्यंत्र कर रही है और छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता दलीय चाटुकारिता के कारण गरीबों के सपनों को भूलकर भूपेश सरकार पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं।

भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ ने रचा है समृद्धि और सुशासन के कीर्तिमान

तीन गुना ज्यादा कर्ज़ में लादकर मोदी सरकार कि वित्त मंत्री कह रही है कि आने वाली पीढ़ी पर हम कर्ज का बोझ कम कर रहे हैं ?


रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी में केंद्र से लेकर निचले स्तर के नेताओं में झूठ और लफ्फाजी की होड़ मची है। भाजपाईयों द्वारा भूपेश पर भरोसे की सरकार के खिलाफ़ तथ्यहीन आरोप और अनर्गल बयान बाजी लगातार जारी है। एक तरफ जहां मोदी सरकार में भुखमरी इंडेक्स में 55 से 111 वें नंबर पर आ गए उन्हें दूसरी तरफ भूपेश सरकार में पिछले 56 महीना के दौरान 40 लाख लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं। छत्तीसगढ़ की जनता ने 15 साल रमन राज के कुशासन को भी भोगा है। विगत साढ़े 9 साल से मोदी सरकार की वादाखिलाफी भी देख ही रहे हैं। कोई भी भाजपा का नेता अपनी उपलब्धि बताने की स्थिती में नहीं है। यह शर्मनाक है कि देश के संसाधन, सार्वजनिक उपक्रम, नवरत्न कंपनियां, देश की संपत्तियों को बेचने के बावजूद 2014 की तुलना में देश पर कुल कर्ज का भार तीन गुना बढ़ाने वाली मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपनी आर्थिक नाकामी को वित्तीय प्रबंधन बता रही है। भुखमरी और गरीबी में लगातार पिछड़ने, महंगाई और बेरोजगारी शिखर पर पहुंचने, कर्जभार तीन गुना बढ़ाने के बाद भी यह कहना कि आने वाली पीढ़ी पर कर्ज का बोझ हम कम कर रहे हैं, यह केवल कुतर्क है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में अड़ंगे लगाती है और मोदी सरकार के मंत्री छत्तीसगढ़ आकर कहते हैं कि धान खरीदी केंद्र सरकार करती। अपराध को लेकर केंद्रीय गृह विभाग के अधिन जारी एनसीआरबी का आंकड़ा बताता है कि भूपेश सरकार आने के बाद गंभीर प्रकृति के अपराधों में कमी आई है, नक्सली घटनाओं और शहादत लगातार घटे हैं, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध जो रमन राज में सातवें स्थान पर था वह वर्तमान में घटकर 17वें स्थान पर आ गया है, नियंत्रित हुआ है लेकिन भाजपा के नेता केवल चुनावी लाभ के लिए अपनी ही केंद्र सरकार के विभागों के द्वारा ज़ारी आंकड़ों को झूठलाते हैं। दलीय चटुकरिता में छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ का स्वाभिमान को अपमानित करने का कोई भी अवसर भारतीय जनता पार्टी के नेता नहीं छोड़ते हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार की प्राथमिकता गांव, गरीब, किसान, गौपालक, वनोपज संग्राहक, नौकरी पेसा, महिलाएं, प्रदेश के युवाओं और आमजन का हित है, लेकिन मोदी सरकार की नीतियां केवल चंद पूंजीपति मित्रों के मुनाफे पर केंद्रित है। विगत साढ़े 9 साल में केंद्र की मोदी सरकार ने अपने चुनिंदा मित्रों का 25 लाख करोड़ का लोन राइट ऑफ कर दिया लेकिन किसानों को 2014 में किए गए वायदे के अनुरूप स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के आधार पर सीटू फार्मूले पर 50 प्रतिशत लाभ देने में बहाने बाजी कर रहे हैं। 100 दिन में महंगाई कम करने का वादा था लेकिन किया उल्टा। 2 करोड़ रोजगार नई नौकरी तो लगी लगे नौकरियों की खत्म होने लगी। 90 प्रतिशत एमएसएमई 2 साल के भीतर ही बंद हो जा रहे हैं। मोदी सरकार की सारी राहत और तमाम सहूलियतें केवल चंद बड़े पूंजीपत मित्रों के लिए है, आम जनता के लिए भुखमरी, गरीबी, बदहाली, महंगाई और बेरोजगारी ही आम जनता को मोदी सरकार की सौगात है। भूपेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को मुफ्त की रेवड़ी बताने वाले भाजपाई बताएं की देश के संसाधान क्या केवल मोदी के मित्रों के लिए है? 15 साल रमन राज की कुशासन भ्रष्टाचार और वादा खिलाफी छत्तीसगढ़ की जनता अभी भुली नहीं है। मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ती असमानता से जनता त्रस्त है।  मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री झूठे दावे करके जनता के जख्मो पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। आने वाले चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता भारतीय जनता पार्टी को करारा जवाब देगी।

मोदी सरकार धान की कीमत समर्थन मूल्य से ज्यादा देने में अड़ंगा लगाती है

रायपुर/शौर्यपथ /प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी हो इसीलिये मोदी सरकार ने 86 लाख मीट्रिक टन चावल के कोटे को घटाकर 61 लाख कर दिया है। मोदी सरकार धान की कीमत समर्थन मूल्य से ज्यादा देने पर भी अडंगा लगाती है। मोदी सरकार के प्रतिबंध के कारण ही भूपेश सरकार को किसानों को 2500 कीमत देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर 9000 रू. प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देना शुरू किया था ताकि किसानों से किया वादा कांग्रेस सरकार पूरा कर सके। भाजपा को वोट देने का मतलब है धान खरीदी बंद करना और आने वाले समय में धान की पूरी कीमत नहीं मिलना होगा। भाजपा की मोदी सरकार धान पर घोषित समर्थन मूल्य से 1 रू. भी ज्यादा देने के खिलाफ है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भले ही मोदी सरकार एक भी दाना चावल मत लें कांग्रेस सरकार किसानों से पूरा धान खरीदेगी। कांग्रेस सरकार राज्य के किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदेगी तथा इस साल 125 लाख मीट्रिक धान की रिकार्ड खरीदी की जायेगी। भूपेश है तो भरोसा है कि आने वाले सालों में छत्तीसगढ़ का किसान 3600 रू. प्रति क्विंटल में धान की कीमत पायेगा। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ का किसान पूरे देश में धान की सबसे ज्यादा कीमत 2640 रू. पाया है। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में तो किसानों का 1100 रू. धान बेचना पड़ता है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष  सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी में केन्द्र सरकार के सहयोगी की झूठी बाते करने वाले भाजपाई जवाब दे कि मोदी सरकार ने राज्य से चावल लेने में कटौती क्यों किया। एक तरफ जो कर्नाटका जब केन्द्र से 35 लाख टन चावल खरीदना चाहता है तो केन्द्र कहता है चावल का स्टाक नहीं है। वहीं मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों के चावल के कोटे में इसलिये कटौती कर रहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपनी धान खरीदी की योजना सफल न कर पाये। यह भाजपा का छत्तीसगढ़ विरोधी चरित्र है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ में धान खरीदी बाधित करने के लिये अभी से अडंगे बाजी शुरू कर चुकी है। केन्द्र ने सेन्ट्रल पुल में चावल का कोटा 86.5 लाख मीट्रिक टन से घटाकर 61 लाख कर दिया है। ताकि भूपेश सरकार इस बार जो 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने वाली है उसके निराकरण में राज्य ने केन्द्रीय जूट कमिश्नर से 3.56 लाख गठाने खरीदने के लिये मांग पत्र दिया था जिसको भी केन्द्र ने घटा दिया है। छत्तीसगढ़ को केवल 2.45 लाख गठाने देने की ही स्वीकृति दिया है। इस बार राज्य सरकार ने किसानों से 20 क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया है तो बारदाना भी अधिक लगेगा। बारदाने के पूरे कीमत का भुगतान राज्य सरकार करती है। मोदी सरकार के इशारे पर जूट कमिश्नर इसमें कटौती कर भूपेश सरकार के किसानों से पूरा धान खरीदी के निर्णय में बाधा पहुंचाना चाह रहे।

भाजपा ने छत्तीसगढ़ की जनता का हक राजभवन में रोकवाया
आदिवासी, ओबीसी, अनुसूचित जाति तथा सामान्य सभी वर्ग के लोगों का अधिकार भाजपा ने रोका है

रायपुर/ शौर्यपथ / भाजपा ने छत्तीसगढ़ की जनता का हक राजभवन में रोकवाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि आदिवासी समाज सहित छत्तीसगढ़ की सर्व समाज का अधिकार भारतीय जनता पार्टी के षड़यंत्रों के कारण राजभवन में 10 महिनों से रूका हुआ है। कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के सभी समाजों के लिये उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण का विधेयक विधानसभा में पारित करवा कर राजभवन भेजा था लेकिन भाजपा राजभवन में हस्ताक्षर नहीं होने दे रही।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि आरक्षण संशोधन विधेयक राजभवन में 10 महिनों से अटका हुआ है। अभी तक राजभवन ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किया है। प्रदेश में चुनावी दौरे पर भाजपा के बड़े-बड़े नेता आ रहे प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक आ रहे लेकिन राजभवन में रूके आरक्षण बिल पर सब मौन है। भाजपा के कारण आरक्षण बिल राजभवन में रुका हुआ है। भाजपा के आरक्षण विरोधी रवैये को कांग्रेस जनता के बीच लेकर जायेगी। भाजपा आरक्षित वर्ग के गरीबों के हितों में बाधक बनी हुई है। आरक्षण संशोधन विधेयक में आदिवासी समाज के लिये 32 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। आरक्षण विधेयक राजभवन में रुका है तो इसका खामियाजा आदिवासी समाज को सबसे ज्यादा हो रहा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस ने सर्व समाज को आरक्षण देने अपना काम पूरी ईमानदारी से करके सभी वर्गो के लिये आरक्षण का प्रावधान किया है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति को उनकी जनगणना के आधार पर तथा पिछड़ा वर्ग को क्वांटी फायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया। इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति के लिये 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिये 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को भी 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। 76 प्रतिशत का आरक्षण सभी वर्गों की आबादी के अनुसार निर्णय लिया है। यह विधेयक यदि कानून का रूप लेगा तो हर वर्ग के लोग संतुष्ट होंगे। सभी वंचित वर्ग के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने सामाजिक न्याय को लागू करने यह विधेयक बनाया गया है। इस विधेयक को विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया है इसको रोकना जनमत का अपमान है। चुनाव में सर्वसमाज के लोग भाजपा से अपने आरक्षण को रोकने का हिसाब लेंगे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि जो आरक्षण विधेयक राजभवन में अटका हुआ है उसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार अमित शाह हैं। राज्यपाल, केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशन में ही काम करते हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे दुर्भावनावश इसलिए रोक कर रखा है ताकि आरक्षण का लाभ प्रदेश की जनता को ना मिल सके और राजनैतिक लाभ भूपेश सरकार को ना मिल सके। भाजपा को यह डर सता रहा है कि यदि भूपेश सरकार में 76 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया तो ओबीसी, एसटी, एससी और ईडब्ल्यूएस को आरक्षण का अधिकार मिल जाएगा और उसके बाद भाजपा चुनाव में 14 सीट बचाने की स्थिति में भी नहीं रहेगी। विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हो चुके आरक्षण विधेयक को राजभवन में निरुद्ध करवाकर शाह छत्तीसगढ़ के सर्वसमाज का हित बाधित कर रहे है। शाह बिल्कुल भी नहीं चाहते कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं और जनता को उनका अधिकार मिले। भाजपा और शाह छत्तीसगढ़ के युवाओं को उनके अधिकारों से वंचित और दर-दर भटकते देखना चाहते हैं। भाजपा का आरक्षण विरोधी चरित्र कांग्रेस चुनावी मुद्दा बनायेगी।

रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों से प्राप्त जानकारीनुसार केंद्र में भाजपा सरकार के अधीन तीनों सरकारी तेल कंपनियां, गैस एजेंसियों के माध्यम से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुफ्त में नवीन गैस कनेक्शन प्रदान करने हेतु संपूर्ण चुनावी राज्यों में हितग्राहियों से रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरवा रही है, जिसके लिये तीनों ऑयल कंपनियों गैस एजेंसियों को टारगेट दे कर दबावपूर्वक 31/10/2023 से पूर्व पूरा करने बाध्य कर रही है।
  चूंकि अभी देश के कुल 5 राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू है। अत: ऑयल कंपनियों का इस प्रकार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के नाम से भाजपा का प्रचार प्रसार करना साफ तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव के दरमियान प्रलोभन हेतु शुरू किये गये प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के नवीन रजिस्ट्रेशन को तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए, ताकि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता का परिपालन सुनिश्चित हो सकें।

 दुर्ग / शौर्यपथ /

    छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है छत्तीसगढ़ के दूसरे चरण में 17 नंबर को दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में मतदान होने वाले हैं ऐसे में आरोप प्रत्यारोप और प्रत्याशियों के उपलब्धियां तथा कार्यों के बारे में आम जनता को बताने की जिम्मेदारी चौथे स्तंभ ले रखी है कई इलेक्ट्रॉनिक चैनल , प्रिंट मीडिया विधानसभा के प्रत्याशियों से उनके आने वाले कार्यों की रूपरेखा एवं पूर्व में किए गए कार्यों की उपलब्धियां के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
 ऐसे ही एक निजी चैनल ने दुर्ग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण वोरा से उनके पांच बड़े कार्यो की उपलब्धियां के बारे में जब जानना चाहा तो कांग्रेस प्रत्याशियों द्वारा ऐसी कोई पांच बड़े कार्यो की उपलब्धि नहीं बता सके जो उनकी स्वयं की उपलब्धि रही हो . आश्चर्य की बात तो यह है कि पांच बड़े कार्यो की उपलब्धि में उन्होंने स्वर्गीय मोतीलाल बोरा के कार्यों की उपलब्धि को भी बताने की कोशिश की किंतु आधे घंटे से भी ज्यादा के साक्षात्कार में कांग्रेस की तरफ से 7 वी बार बने विधायक प्रत्याशी अरुण वोरा ने कार्यों की उपलब्धि के बारे में बताना शुरू किया तो 1972 में बने हुए दुर्ग के एकमात्र स्टेडियम पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम की बात कही जो की मोतीलाल बोरा के विधायक की काल में शुरू होना बताया . उसके बाद शहर के दो अंडर ब्रिज एवं ठगडा बाँध व सड़क चौडीकरण की बात सही वही जिला अस्पताल को अत्याधुनिक बताया गया जबकि आज की स्थिति में करोडो खर्च के बाद भी ऐसे कई मामले सामने है जिसमे जिला अस्पताल की भूमिका रेफर केस में ज्यादा नजर आती है इस बात के जवाब को भी टालते ही नजर आये .
  पुरे साक्षात्कार में पिता स्व.मोतीलाल वोरा की ही चर्चा ज्यादा रही . बता दें कि पिछले 50 सालों में दुर्ग कांग्रेस के मुख्य सूत्रधार के रूप में वोरा परिवार ही प्रमुख भूमिका पर नजर आता है इन 50 सालों में दुर्ग में कोई भी कांग्रेसी कार्यकत्र्ता नहीं हुआ जो महापौर के चुनाव से आगे की सोंच पाया हो या यह भी कहा जा सकता है कि दुर्ग कांग्रेस कार्यकर्ताओ की आखिरी मंजिल महापौर चुनाव तक ही सीमित है . इन 50 सालो में ऐसा कोई भी कांग्रेसी दिग्गज नहीं हुआ जो विधानसभा चुनाव में भी प्रचार सञ्चालन में महत्तवपूर्ण भूमिका में हो इसके लिए भी रायपुर से वोरा परिवार के सदस्य आते है और मार्ग दर्शन देते है शायद इसी का परिणाम है कि पिछले चार दिनों से प्रत्याशी घोषित होने के बाद शहर के बड़े सामजिक लोगो और कांग्रेस के ऐसे नेता जो वोरा बंगले से हटकर अपना एक अलग मुकाम बनाये हुए है बधाई देने भी नहीं पहुंचे .
  वही दूसरी तरफ दुर्ग निगम के कई पार्षद भी आंतरिक रूप से नाराज नजर आ रहे है इस बार के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा को चुनावी जंग में दिखने वाले विरोधी भाजपा प्रत्यशी के साथ साथ परदे के पीछे ना के विरोधियो से भी मुकाबला करना होगा जो सामने तो समर्थन की बात कर रहे है किन्तु अपने पांच साल की उपेक्षा का रंग मतदान के समय दिखाने की भी बात हो रही है .



नहीं है कोई उपलब्धि तो बच्चो का सहारा लेने का आरोप कांग्रेसी प्रत्याशी पर
 अरुण वोरा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत सामने आई है. विधायक पर सरकारी स्कूल में जाकर चुनाव प्रचार करने का आरोप लगा है। कांग्रेस की सूची जारी होने से पहले विधायक अरुण वोरा ने स्व. झाड़ूराम देवांगन शासकीय स्कूल में छात्रों से बातचीत में कहा था कि अगर अरुण वोरा को वोट मिलेगा तो स्कूल को और अच्छा बनाएंगे. ऐसे में सभी बच्चे अपने माता-पिता को जाकर बोले कि वह अरुण वोरा को वोट दें. इसके बात की शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से की गई।
  जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि उन्हें इस संबंध में शिकायत मिली है शिकायत में कहा गया है कि विधायक अरुण वोरा ने शासकीय स्कूल में जाकर बच्चों को बोला है कि अगर उन्हें वोट मिलेगा तो स्कूल को और अच्छा बनाने काम करेंगे ऐसे में अपने माता-पिता से बोले कि वे उन्हें वोट करें तो वही जब इस पूरे मामले पर अरुण वोरा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।

 एक बार फिर उठ रही समाधी स्थल की चर्चा और पद की ताकत का दुरूपयोग ...
 
   स्व. मोतीलाल वोरा के याद में निर्मित समाधी स्थल की चर्चा भी एक बार उठ रही . आम जनता के बीच यह चर्चा का विषय है कि आखिर समाधी स्थल किसकी अनुमति से और किस मद से बनाई गयी . बता दे कि स्व. मोतीलाल वोरा की समाधी स्थल शिवनाथ मुक्तिधाम में बनाई गयी है जो कि मुक्तिधाम की संपत्ति है ऐसे में शासन के पास ऐसे कोई दस्तावेज नहीं है कि इस स्थान पर विधि संगत समाधी स्थल बने वही चर्चा है कि पद की ताकत के आगे विधायक ने यह स्थल बनवाया है ऐसे में कुछ लोगो इसे दुर्ग के सबसे ज्यादा लाडले नेता स्व. हेमचंद यादव से भी तुलना कर रहे है तब भाजपा सरकार थी इसके बावजूद भी ना ही परिवार ने और ना ही प्रदेश सरकार ने ऐसी कोई कोशिश की कि हरनाबांधा मुक्तिधाम में स्व. हेमचंद यादव का समाधी स्थल बनाए .

रायपुर / शौर्यपथ / सांसद प्रमोद तिवारी ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इन पांच राज्यों में जनता को जिस घड़ी का इंजार था वह समय अब आ गया है। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और किसान तथा युवाओं के साथ-साथ लगभग हर वर्ग के साथ भाजपा ने धोखा एवं विश्वाघात किया है, सार्वजनिक कंपनियां को बेचा है। अब जनता उसका सही फैसला करेगी।
  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी सहित ज्यादातर केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ में आकर झूठ बोलते है, स्तरहीन राजनीति करते है और महंगाई, बेरोजगार, किसानों की समस्याओं, छोटे एवं मध्यम व्यापारियों तथा हर स्तर पर फेल भाजपा सरकार की असफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने का कुत्सित प्रयास करते है।
 श्री तिवारी ने कहा है कि ‘‘मोदी सरकार’’ लगातार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव पूर्ण सौतेला व्यवहार करती रही है तथा छत्तीसगढ़ के हक और अधिकारों का हनन कर रही है, केंद्रीय योजनाओं की धनराशि ही समय पर नहीं प्रदान की जाती है जिससे समयबद्ध ढंग से उन योजनाओं की शुरूआत नहीं होती है। यही नहीं छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली तमाम ट्रेनों को भी निरस्त कर दिया जाता है जिससे जनता को अपनी आवश्यकताओं के लिये एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में परेशानी होती है। छत्तीसगढ़ में जनता की अदालत में जाने के लिये भारतीय जनता पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है जिसको लेकर वह जनता के सामने जाये, और न ही कोई लोकप्रिय चेहरा ही उसके पास है, जिसके मुखौटे पर वह चुनाव मैदान में उतर सके। सबसे दुःखद एवं और चिंताजनक तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने 15 साल के भ्रष्टाचारियों और कमीशन खोरी के संगीन आरोपियों को पुनः प्रत्याशी बनाया है।
श्री तिवारी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बन रही है, मिजोरम में कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। इस चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की वह भविष्यवाणी सही साबित होगी जो उन्होंने अपने मुखपत्र आर्गनाइजर में चिंता व्यक्त करते हुये कहा था कि अकेले दम पर ‘‘मोदी’’ अब जिताऊ चेहरा नहीं रहे। हमें जीतने के लिये अब कुछ और करना होगा। इस पर चिंतन की आवश्यकता है। हिमांचल एवं कर्नाटका में न दुखड़ा चला न मुखड़ा चला। हिमांचल प्रदेश से निकली हुई मोदी जी के पराजय की श्रृंखला कर्नाटक होते हुये तेलंगाना, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान होकर पूरे देश में लोकसभा के चुनाव में उसका सफाया करेगी।
 सांसद तिवारी ने कहा है कि आखिर झूठे और खोखले वायदे से मोदी जी देश की जनता को कब तक भ्रमित करते रहेंगे। आगामी 3 दिसंबर 2023 की सुबह का सूरज जैसे-जैसे ढलता जायेगा वैसे-वैसे भाजपा की पराजय का नया अभूतपूर्व इतिहास देश की जनता लिखेगी, और शाम होते-होते इन पांच राज्यों (तेलंगाना, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान) में कांग्रेस का तिरंगा फहर जायेगा।

रायपुर / शौर्यपथ / सांसद प्रमोद तिवारी ने अमित शाह को चुनौती देते हुये कहा कि कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आये, एक और झूठ बोलकर गये कि बस्तर एनएमडीसी संयंत्र नहीं बेचा जायेगा। यदि नगरनार संयंत्र नहीं बेचा जा रहा तो इसका फैसला कब हुआ। कब केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नगरनार संयंत्र को विनिवेशीकरण की सूची से बाहर किया, उसको नहीं बेचने का आदेश कहां है इसका मोदी और अमित शाह जवाब दें?
मोदी सरकार ने नगरनार को बेचने का फैसला कर लिया है। इसके बेचने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। 14 अक्टूबर 2020 में भारत सरकार ने एनएमडीसी (नगरनार) स्टील प्लांट में 50.79 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया था। उक्त कार्य हेतु भारत सरकार के वित्त विभाग के अधीन “निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग” (डीआईपीएएम) को सौंपा गया। यह निर्णय प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा लिया गया। इस बैठक में नगरनार स्टील प्लांट के राजनीतिक विनिवेश का कार्य सितंबर 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया। (पीआईबी रिपोर्ट)। उक्त निर्णय के क्रियान्वयन हेतु “दीपम” (डीआईपीएएम) ने 2 दिसंबर 2022 को नगरनार की रणनीतिक बिक्री हेतु प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित की गयी। इस निविदा के संबंध में निजी निवेशकों को अन्य जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रश्न जमा करने की अंतिम तारीख 29 दिसंबर 2022 तथा बोली जमा करने की अंतिम तिथि 27 जनवरी 2023 रखी गयी थी।

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