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खेल /शौर्यपथ /आज का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास है, क्योंकि आज विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। 1 जून 1985 को चेन्नई में जन्मे कार्तिक ने साल 2004 में भारतीय टीम में जगह बना ली थी, लेकिन उनका जगह कभी भी टीम में पक्की नहीं रही। कार्तिक उस विश्व विजेता टीम क सदस्य भी रहे हैं, जिसने पहली बार 2007 में आयोजित हुए टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था। उनके जुड़े यादगार लम्हों में 2018 में निदाहास ट्रॉफी के फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई 34 रनों की वह पारी शामिल है, जब उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तरह छक्का लगाकर टीम को खिताब दिलाया था।
कोलंबो में खेले गए इस मुकाबले में कार्तिक ने 8 गेंद पर 29 रनों की पारी खेली थी। भारत को फाइनल मुकाबले में आखिरी दो ओवरों में 34 रन चाहिए थे। कार्तिक ने 19वें ओवर में 22 रन ठोके। भारत को आखिर गेंद पर पांच रनों की जरूरत थी और उस गेंदबाजी बांग्लादेश के पार्टटाइम गेंदबाज सौम्य सरकार कर रहे थे। कार्तिक ने यहां आखिरी गेंद पर एक्सट्रा कवर के ऊपर से छक्का लगाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। टीम को इस तरह जीत दिलाने से फैन्स उन्हें धोनी के बाद यहा मिस्टर फिनिशर बुलाने लगे थे।
कार्तिक ने मैच को लेकर बाद में बताया था कि, 'पहले मैं नंबर-5 पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार था, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि मैं नंबर-6 पर बल्लेबाजी के लिए जाऊंगा। इसलिए मैं इसके साथ भी खुश था। मैं इसे लेकर पूरी तरह से आश्वस्त था कि मैं नंबर-6 पर बल्लेबाजी करने के लिए जाऊंगा। उन्होंने कहा कि, 'जब चौथा विकेट आउट हो गया था तो मैं बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरने के लिए तैयार था, लेकिन तभी रोहित ने कहा कि विजय शंकर को बल्लेबाजी के लिए जाना चाहिए। इसलिए उस समय मैं काफी निराश और गुस्से में था। लेकिन जाहिर है कि आप कप्तान से सवाल नहीं कर सकते।'
खेल /शौर्यपथ / भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी और चेन्नई सुपर किंग्स के कोच माइकल हसी के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत सुरक्षा के मद्देनजर टी-20 वर्ल्ड कप के लिए उचित जगह नहीं है। वैसे भारत में इस साल टी-20 वर्ल्ड कप होगा या नहीं, यह अभी तक तय नहीं हुआ है। हसी ने यह बयान बायो बबल में ज्यादा कोरोना केस आने के बाद स्थगित हुए आईपीएल 2021 के बाद दिया था। हसी खुद कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
हसी को जवाब देते हुए गावस्कर ने कहा कि, 'ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को तब पैसा कमाने वाले टूर्नामेंट के साथ बने रहने में कोई समस्या नहीं थी, जब भारत के कुछ ही शहरों में कोरोना के मामले एक्टिव थे। ऐसे में अब जब लाखों के मुकाबले केस कम थे, तो तब भी ऑस्ट्रेलिया में से किसी ने ऐसा सुझाव नहीं दिया था कि भारत का दौरा रद्द किया जाना चाहिए। मेलबर्न में तो कोरोना के ज्यादा एक्टिव केस होने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया ओपन टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन हुआ।'
'द स्पोर्ट्सस्टार' से बात करते हुए उन्होंने भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे की भी बात की। उन्होंने कहा कि, 'उस समय किसी कंगारू खिलाड़ी के मुंह से कोई बात क्यों नहीं निकली, जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। यहां भारत ने तीन वनडे, तीन टी-20 और चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेली थी। इस दौरे में भारत ने कोरोना के केस बढ़ने के बावजूद मैच खेले थे।' गावस्कर चाहते हैं कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया से टी-20 विश्व कप आयोजित करने में वैसा ही सहयोग मिले, जो भारत ने उन्हें पिछले साल 10 मैचों का दौरा करने के लिए दिया था।
गावस्कर ने आगे कहा कि, 'भारत इस समय बुरे दौरे से गुजर रहा है। यदि अगस्त के आखिर तक भारत में हालात ठीक नहीं होते तो, टी-20 विश्व कप की मेजबानी यूएई ही करेगा। लेकिन, तब तक कृपा करके अचानक से किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें।'
खेल /शौर्यपथ / टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की टेस्ट टीम में वापसी हुई है। वो चोट की वजह से टीम से बाहर थे। इंग्लैंड दौरे में भारत को रवींद्र जडेजा से काफी उम्मीदें हैं। भारत दो जून को इंग्लैंड दौरे के लिए रवाना होगी। जहां भारत 18 जून से 22 जून तक न्यूजीलैंड के साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलेगी। इसके बाद भारत इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज खेलेगी। रवीद्र जडेजा की साल 2018 में टीम में वापसी हुई। इंग्लैंड दौरे से पहले वो 18 महीने तक भारतीय टेस्ट और वनडे टीम से बाहर थे।
जडेजा ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताया कि टीम इंडिया से बाहर होने के बाद उनके क्या हाल थे। 18 महीने बाद टीम इंडिया में वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा,"'सच कहूं तो वो डेढ़ साल रातों की नींद हराम कर गए। उस दौर में मुझे याद है कि मैं सुबह 4-5 बजे तक उठ जाता था। मैं सोच रहा था कि क्या करूं, मैं वापसी कैसे करूं? मैं सो नहीं सका। मैं लेटा रहता था, लेकिन जगा ही रहता था। मैं टेस्ट टीम में था, लेकिन खेल नहीं रहा था क्योंकि हम विदेशों में खेल रहे थे। मैं वनडे नहीं खेल रहा था। मैं घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेल रहा था, क्योंकि मैं भारतीय टीम के साथ यात्रा कर रहा था। मुझे खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं मिल रहा था। मैं सोचता रहता कि मैं वापस कैसे आऊंगा।"
साल 2018 में ओवल में खेले गए टेस्ट मैच को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस टेस्ट ने मेरे लिए सब कुछ बदल दिया। पूरा खेल,मेरा प्रदर्शन, मेरा आत्मविश्वास, सब कुछ। जब आप सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ अंग्रेजी परिस्थितियों में स्कोर करते हैं, तो यह आपके आत्मविश्वास को बहुत प्रभावित करता है। यह आपको महसूस कराता है कि आपकी तकनीक दुनिया में कहीं भी स्कोर करने के लिए काफी अच्छी है मुझे याद है कि जब मैं उस टेस्ट में बल्लेबाजी के लिए गया था तो पहले से कोई योजना नहीं थी। इस मैच में 332 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय टीम इंडिया के 160 पर 6 विकेट गिर गए थे। जडेजा ने उस मैच में 86 रन बनाए थे।
खेल /शौर्यपथ /टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच रवि शास्त्री का आज जन्मदिन है। बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैंपियनशिप में 'चैंपिंयन ऑफ चैंपियंस' बनकर छाए टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर रवि शास्त्री 27मई को 59 साल के हो गए हैं। एक ओवर में छह छक्के लगाकर गैरी सोबर्स के रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले शास्त्री भारतीय क्रिकेट के कई एतिहासिक पलों के गवाह रहे हैं। चाहे वो वो खिलाड़ी के तौर पर हो या कोच के तौर या फिर कमेंटेटेर के तौर पर।
रवि शास्त्री क्रिकेट कमेंट्री के लिए पूरी दुनिया में फेमस रहे हैं। आईसीसी के कई बड़े टूर्नामेंटों समेत उन्होंने कई लोकप्रिय क्रिकेट सीरीज में कमेंट्री की है। रवि शास्त्री बतौर क्रिकेटर वर्ल्डकप 1983 में टीम इंडिया में शामिल थे। वेस्टइंडीज के साथ फाइनल में वो भले ही ना खेल पाए हैं। लेकिन वो भारत के पहली बार वर्ल्डकप जीतने के गवाह बने थे। कपिल देव की अगुवाई में भारत ने पहली बार वर्ल्डकप जीता था। लॉर्ड्स में कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम में वेस्टइंडीज को रोमांचक मैच में हराया था। युवराज सिंह ने साल 2007 के पहले टी20 वर्ल्डकप में इंग्लैंड के गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के मारे थे। उस समय रवि शास्त्री कमेंट्री कर रहे थे।
भारत और पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए टी20 वर्ल्डकप के फाइनल में भी वो कमेंटेटर की भूमिका में थे। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली युवा भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हराकर पहला टी20 वर्ल्डकप अपने नाम किया था। इस दौरान भी वो इस ऐतिहासिक जीत के गवाह बने। दुनिया के महान खिलाड़ियों में से एक सचिन तेंदुलकर ने जब वनडे क्रिकेट में पहली बार दोहरा शतक जड़ने का कारनामा किया था, तब भी कमेंट्री कर रहे थे। इसके बाद साल 2011 में भारत ने 28 साल वनडे वर्ल्ड कप जीता था। धोनी ने नुवान कुलसेकरा की गेंद पर छक्का जड़कर भारत को जीत दिलाई थी। इस दौरान भी कमेंट्री बॉक्स में रवि शास्त्री ही कमेंट्री कर रहे थे।
रवि शास्त्री के इंटरनेशनल करियर की बात करें तो उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 1981 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था. उन्होंने 80 टेस्ट मैचों में 11 शतक और 12 अर्धशतक की बदौलत 3830 रन बनाए। टेस्ट मैचों में उनके नाम पर 151 विकेट दर्ज हैं। वहीं रवि शास्त्री ने 150 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 4 शतक और 18 अर्धशतक के साथ उन्होंने 3108 रन बनाए है। वनडे मैचों में शास्त्री के नाम 129 विकेट भी हैं। 2014 से 16 तक रवि शास्त्री टीम इंडिया के डायरेक्टर भी रहे। 2017 में उन्हें अनिल कुंबले की जगह भारतीय टीम का हेड कोच बना दिया गया।
खेल /शौर्यपथ /भारत के तेज गेंदबाज दीपक चाहर को लगता है कि महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल 2021 के बचे सीजन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं। आईपीएल 2021 के स्थगित होने से पहले सीएसके ने इस सीजन में धमाकेदार वापसी की थी। साल 2020 में प्लेऑफ तक नहीं पहुंच सकने वाली चेन्नई आईपीएल 2021 के स्थगित होने से पहले प्वॉइंट टेबल में दूसरे नंबर पर थी। गौरतलब है कि धोनी के इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद
फैंस को आईपीएल में उन्हें देखने का बेसब्री से इंतजार रहता है।
महेंद्र सिंह धोनी पिछले सीजन से ही बल्लेबाजी में संघर्ष करते दिख रहे हैं। आईपीएल 2020 में धोनी ने 14 मैचों में 200 रन बनाए। ये धोनी का सबसे खराब सीजन रहा था। इस साल वो कप्तानी से तो कमाल कर रहे हैं लेकिन बल्ले से अब तक कमाल नहीं कर सके हैं। स्पोर्ट्स कीड़ा के साथ इंटरव्यू में सीएसके की तरफ से खेलने वाले दीपक चाहर ने कहा, "एक बल्लेबाज एक ही तरीके से 15-20 सालों तक बैटिंग नहीं कर सकता है। अगर किसी भी बल्लेबाज ने पहले रेगुलर क्रिकेट नहीं खेला है तो फिर आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में आकर परफॉर्म करना आसान नहीं होता है। उसे अपने आपको ढालने के लिए थोड़ा समय लगता है।"
चाहर ने आगे कहा कि उन्होंने(धोनी) ने हमेशा फिनिशर का रोल निभाया है लेकिन जब आप रेगुलर क्रिकेट ना खेल रहे हों तो फिर और काफी मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि 2018 और 2019 के सीजन में भी धोनी भाई ने धीमी शुरुआत की थी लेकिन जैसे-जैसे सीजन आगे बढ़ता गया वो लय में आते चले गए। इसलिए शायद आईपीएल 2021 के दूसरे हाफ में आपको धोनी का सर्वश्रेष्ठ देखने को मिले। धोनी की कप्तानीक की तारीफ करते हुए चहर ने कहा कि खेल को पढ़ने की उनकी क्षमता ही उन्हें एक सफल कप्तान बनाती है।
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खेल /शौर्यपथ /इस साल के अंत में भारत में आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप खेला जाना है। इस टूर्नामेंट से पहले इस बात को लेकर काफी चर्चा हो रही है कि क्या भारत की ओर से कप्तान विराट कोहली और उप-कप्तान रोहित शर्मा साथ में पारी का आगाज करेंगे। हाल में भारत और इंग्लैंड के बीच टी20 सीरीज खेली गई थी, जिसमें विराट कोहली ने खुद को बैटिंग ऑर्डर में प्रमोट करते हुए पारी का आगाज किया था। भारत ने सीरीज 3-2 से अपने नाम की थी। पारी का आगाज करते हुए विराट कोहली ने इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाए थे। विराट ने पांच मैचों में 147.13 के स्ट्राइक रेट और 115.50 के औसत से कुल 231 रन बनाए। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सलमान बट ने इसको लेकर अपनी बात रखी है कि क्या टी20 वर्ल्ड कप में विराट को रोहित के साथ पारी का आगाज करना चाहिए।
विराट इसके अलावा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की अपनी फ्रेंचाइजी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के लिए भी पारी का आगाज कर चुके हैं। सलमान बट से जब पूछा गया कि क्या विराट कोहली आने वाले टी20 वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा के साथ पारी का आगाज करते नजर आएंगे, तो उन्होंने कहा, 'यह देखना होगा और ऐसा हो सकता है। रोहित और विराट भारत के बेस्ट खिलाड़ी हैं। विराट अपनी फ्रेंचाइजी टीम आरसीबी के लिए भी पारी का आगाज कर चुके हैं। भारत के पास शिखर धवन के रूप में राइट और लेफ्ट हैंड कॉम्बिनेशन है और इसके अलावा केएल राहुल भी हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'उनके पास काफी सारे ऑप्शन्स हैं। आपके पास पृथ्वी शॉ हैं और भी ऐसे खिलाड़ी हैं, जो आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। तो विराट के पास यह विकल्प रहेगा कि वह किस नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरते हैं। विराट और रोहित बेस्ट खिलाड़ी हैं और अगर दोनों को पूरे ओवर खेलने का मौका मिलता है तो भारत के लिए कोई भी टारगेट बड़ा नहीं होगा। अगर वह बैटिंग ऑर्डर में नीचे आते हैं, तो टीम को बैलेंस देना चाहेंगे। यह सब उनकी सोच पर निर्भर करेगा।'
खेल /शौर्यपथ / रोहित शर्मा ने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में पिछले दो सालों में अच्छा प्रदर्शन किया है और हर किसी को दिखाया है कि वह सफेद जर्सी में भी उतने ही कारगर बल्लेबाज हैं जितने वह लिमिटेड ओवर की क्रिकेट में हैं। टेस्ट क्रिकेट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरने के बाद हिटमैन के बल्ले से लगातार रन निकले हैं। इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई घरेलू टेस्ट सीरीज में भी रोहित ने कुछ दमदार पारियां खेली थीं। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल और इंग्लैंड दौरे पर भी भारतीय टीम उनसे बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद जरूर करेगी। हालांकि हिटमैन स्विंग गेंदबाजी के सामने इतने सहज नजर नहीं आते हैं ऐसे में इंग्लैंड में स्विंग लेती गेंदें रोहित की अग्निपरीक्षा ले सकती हैं। इस बीच, रोहित के बचपन के कोच ने बताया है कि कैसे वह इस इंग्लैंड दौरे को यादगार बना सकते हैं।
स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ बातचीत करते हुए रोहित के दिनेश लाड कोच ने कहा, 'हां, रोहित को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि बाकी देशों के मुकाबले में इंग्लैंड में गेंद ज्यादा स्विंग करती है और उस मोवमेंट को संभालने के लिए आपको अधिक फोकस रहना पड़ेगा। लेकिन, अगर वह भारत के बढ़िया गेंदबाजों को नेट्स सेशन या प्रैक्टिस मैचों में फेस करेंगे तो इससे उनको परिस्थितियों से तालमेल बिठाने में काफी मदद मिलेगी। यहां तक इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने जैसे बैटिंग की उससे सभी का ध्यान रोहित के ऊपर गया और उन्होंने तेज गेंदबाजों को खेलते हुए शॉट मेकिंग को काफी आसान बना दिया। उनको देखकर कभी नहीं लगा कि वह आउट होने वाले हैं, लेकिन दोबारा से कुछ पारियां रहीं जहां उन्होंने अपने विकेट को फेंक दिया। उनको इस दफा ऐसा करने से बचना होगा।'
रोहित शर्मा का रिकॉर्ड इंग्लैंड में कुछ खास नहीं रहा है और साल 2014 में खेले एक टेस्ट मैच में वह महज 28 और 6 रन ही बना सके थे। हालांकि, पिछले कुछ समय की फॉर्म को देखते हुए हर किसी की निगाहें हिटमैन पर रहने वाली हैं। 2019 विश्व कप के बाद से रोहित टेस्ट क्रिकेट में 4 शतक, एक दोहरा शतक और 4 फिफ्टी जड़ चुके हैं। खास बात यह है कि रोहित को ओपनर का स्लॉट वनडे की तरह टेस्ट क्रिकेट में भी काफी रास आ रहा है। दाएं हाथ के बल्लेबाज की सबसे बड़ी कमजोरी रही है कि वह अपनी अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके हैं, जो इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई घरेलू टेस्ट सीरीज में भी देखने को मिला था।
नई दिल्ली / शौर्यपथ / बांग्लादेश के खिलाफ रविवार से शुरू हो रही तीन मैचों की वनडे सीरीज से पहले श्रीलंका के दो खिलाड़ी और कोच कोरोना चपेट में आ गए हैं। कोच चामिंडा वास, इसुरू उडाना और शिरन फर्नंडो कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। बांग्लादेश को घरेलू टेस्ट सीरीज में शिकस्त देने के बाद श्रीलंका वनडे सीरीज खेलने के लिए बांग्लादेश पहुंची है। टीम ने दो मैचों की टेस्ट सीरीज को 1-0 से अपने नाम किया था।
क्रिकबज की खबर के अनुसार,चामिंडा वास, इसुरू उडाना और शिरन फर्नंडो कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। इन खिलाड़ियों के सैंपल 21 मई को लिए गए थे। हालांकि, इन खिलाड़ियों में किसी तरह के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं और टीम एक दिन पहले लिए गए कोरोना टेस्ट के नतीजों का इंतजार कर रही है। बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज कुशल परेरा को टीम की कमान सौंपी गई है। श्रीलंका की टीम 17 मई को बांग्लादेश पहुंची थी और उसके बाद से क्वारंटाइन थी। श्रीलंका ने अपनी टीम में कई बदलाव करते हुए दिमुथ करुणारत्ने की जगह उनके सलामी जोड़ीदार कुसाल परेरा को कप्तान नियुक्त किया तथा एंजेलो मैथ्यूज और दिनेश चंदीमल जैसे खिलाड़ियों को भी टीम से बाहर किया था। कुशल मेंडिस को इस दौरे के लिए टीम का उपकप्तान बनाया गया है।
खेल /शौर्यपथ / भारत दो जून को तीन महीने से भी ज्यादा लंबे दौरे के लिए इंग्लैंड रवाना होगा। टीम इस दौरान न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मुकाबला और इसके बाद मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी। इस दौरान ही बीसीसीआई जुलाई में तीन वनडे और तीन टी-20 मैचों की सीरीज खेलने के लिए टीम को श्रीलंका भेजेगा। भारत की टीम 5 जुलाई को श्रीलंका पहुंचेगी और एक हफ्ते तक क्वारंटाइन में रहेगी। भारत के पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान में कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे संजय मांजरेकर ने श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए भारतीय टीम को चुना है।
'ईएसपीएन क्रिकइंफो' से बात करते हुए मांजरेकर ने जो टीम चुनी है, उसमें पृथ्वी शॉ और शिखर धवन बतौर ओपनर शामिल हैं। मांजरेकर ने नंबर 3 पर मुंबई इंडियंस के धुआंधार बल्लेबाज ईशान किशन को जगह दी है। इसके अलावा इस टीम में सूर्यकुमार यादव भी अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं। नंबर 5 पर मनीष पांडे टीम में शामिल हैं, वहीं हार्दिक पांड्या और राहुल तेवतिया ऑलराउंडर के तौर पर टीम में जुड़े हैं।
गेंदबाजी डिपार्टमेंट की बात की जाए तो मांजरेकर ने इस टीम में चाहर ब्रदर्स को जगह दी है। उनके अलावा राजस्थान रॉयल्स के युवा तेज गेंदबाज चेतन सकारिया और भुवनेश्वर कुमार भी जगह बनाने में सफल रहे हैं। मांजरेकर ने इस टीम में पिछले कुछ सालों से लिमिटेड ओवर क्रिकेट में लगातार खेल रहे युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को शामिल नहीं किया है। बता दें कि दोनों ही स्पिनर इंग्लैंड दौरे के लिए भी टीम में शामिल नहीं किए गए हैं।
संजय मांजरेकर द्वारा चुनी गई टी-20 प्लेइंग XI: शिखर धवन, पृथ्वी शॉ, ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव, मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या, राहुत तेवतिया, चेतन सकारिया, राहुल चाहर, दीपक चाहर, भुवनेश्वर कुमार।