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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को उचित पोषण, स्तनपान और नवजात शिशु की देखभाल के प्रति किया जागरूक, निकली पोषण रैली एवं पोषण कार्यक्रम के माध्यम जनजागरूकता
दुर्ग/शौर्यपथ /दुर्ग शहरी परियोजना अंतर्गत परिक्षेत्र वार्ड क्रमांक 1 नया पारा अंतर्गत के आंगनबाड़ी केंद्र में पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सभी आंगनवाड़ी केंद्रों मे पोषण पखवाड़ा अंतर्गत पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बधी जागरूकता कर्यक्रम आयोजित किये गए नयापारा मे कार्यक्रम मे वार्ड पार्षद मनीष साहू की उपस्थिति में प्रतिभागियों को महिलाओ एवं बच्चों के स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन के भोजन मे आवश्यक पोषण समग्रीयों के विषय मे बताया गया की बच्चों के पोषण का ध्यान महिलाओ के गर्भावस्था से ही शुरू करना चाहिए व महिलाओ मे खून की कमी को अपने क्षेत्र मे आसानी से उपलब्ध होने वाली खाद्य समग्रीयों के उचित उपयोग से दूर किया जा सकता है. कार्यक्रम के बाद जन जागरूकता हेतु रैली निकाली गई।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को उचित पोषण, स्तनपान, और नवजात शिशु की देखभाल के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को उचित खानपान व स्तनपान के विषय में जानकारी दी। इसके अंतर्गत उन्होंने महिलाओं को तिरंगा भोजन थाली का महत्व, आयरन और कैल्शियम की दवा का नियमित सेवन, फल, सब्जियां, भाजियों का उपयोग के बारे में बताया।
साथ ही उन्होंने नवजात शिशु की देखभाल, जैसे स्वच्छता, नियमित टीकाकरण, और सुरक्षित वातावरण बनाए रखने एवं स्तनपान से जुड़ी सामान्य समस्याओं, जैसे दूध की कमी, शिशु का दूध न पीना, एवं स्तन में दर्द जैसी परिस्थितियों पर भी विस्तार से चर्चा की और उनके समाधान के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा जागरूकता रैली निकालकर नारों के माध्यम से भी जागृति लाने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग से वार्ड 1 की कार्यकर्ता सीता, इंदु, संध्या दुबे, उर्मिला गुप्ता कविता भोंडेकर, हेमलता हमुख सहायिकान एवं मितानिन एवं अन्य महिलाएं भी शामिल हुईं।
प्रदेश की 1460 ग्राम पंचायतों में 24 अप्रैल पंचायत दिवस से शुरू होगी नगद भुगतान की सुविधा सहित अन्य डिजिटल सेवाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा शुरू करने का किया था वादा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र के लिए आयोजित एमओयू कार्यक्रम को किया संबोधित
कॉमन सर्विस सेंटर के सेवा प्रदाता और सरपंचों के बीच हुआ एमओयू
रायपुर /शौर्यपथ /भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ में मोदी की एक और गारंटी पूरी होने जा रही है। प्रदेश की 1460 ग्राम पंचायतों में 24 अप्रैल, पंचायत दिवस से नगद भुगतान सहित अन्य डिजिटल सेवाएं शुरू की जाएंगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड की 10-10 ग्राम पंचायतों में "अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र" के लिए एमओयू किया गया।
इन सुविधा केंद्रों में ग्रामीणों को अब बहुत सारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिल सकेंगी। वे अपने खाते से आसानी से पैसे निकाल सकेंगे, अपने खाते से किसी अन्य के खाते में पैसे भेज सकेंगे, बिजली-पानी बिल का भुगतान कर सकेंगे तथा पेंशन-बीमा जैसी अनेक सुविधाओं का लाभ अपने पंचायतों में ही ले सकेंगे।
अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के सेवा प्रदाताओं और सरपंचों के बीच आज एमओयू हुआ। यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित किया गया। इन सुविधा केंद्रों के आरंभ होने से ग्रामीणों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए विकासखंड और जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा। गांव में ही उन्हें बहुत-सी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला मुख्यालयों में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। मोदी की गारंटी की एक और गारंटी पूरी करने जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा शुरू करने का वादा किया था, जो अब पूरा होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने सवा साल में ही मोदी की गारंटी के अधिकांश वादों को पूरा किया है। चाहे किसानों के लिए 3100 रुपये में धान खरीदी हो या पिछले दो वर्षों का धान बोनस, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना, बुजुर्गों के लिए रामलला दर्शन, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का पुनः प्रारंभ, या 5 लाख 62 हजार कृषि मजदूरों को सालाना 10 हजार रुपये देने का वादा।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्राम पंचायतों में शुरू हो रहे इन सुविधा केंद्रों से किसान धान का भुगतान, महतारी वंदन योजना, पेंशन तथा अन्य योजनाओं की राशि का भुगतान ले सकेंगे, साथ ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य सुविधाओं का भी लाभ ले सकेंगे।
आवास सर्वे की सूची में हर जरूरतमंद और पात्र व्यक्ति का नाम हो शामिल, योजना का मिले लाभ
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर किसी का पक्का मकान हो। पिछली सरकार के कार्यकाल में 18 लाख हितग्राही आवास से वंचित रह गए थे। शपथ लेने के दूसरे दिन हमने कैबिनेट की बैठक में 18 लाख आवासों की स्वीकृति दी। अभी तक हमें केंद्र से 14 लाख आवास मिले हैं। दो दिन पूर्व केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लिए साढ़े तीन लाख आवास स्वीकृत करने जा रहे हैं। सभी को आवास मिले, इसके लिए हमने "आवास प्लस प्लस" सर्वे में पात्रता के दायरे को बढ़ाया है, जिससे हर किसी के घर का सपना पूरा हो सके।
उन्होंने कार्यक्रम से जुड़े सभी जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस प्लस का सर्वे 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक हो रहा है। इस सर्वे की सूची में सभी जरूरतमंद और पात्र हितग्राहियों का नाम शामिल हो, ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल सके।
गांव-गांव में वाटर हार्वेस्टिंग की अपील
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने गांव-गांव में जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग अपनाने की अपील की।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पंचायतों में वित्तीय सुविधा को बढ़ावा देने के लिए अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र एक मील का पत्थर साबित होगा। इनसे निश्चित ही एक ही स्थान पर रेलवे टिकट बुकिंग हो या छात्रवृत्ति, पेंशन राशि का आहरण की सुविधा ग्राम पंचायतों में ही उपलब्ध होगी। इससे हम ग्राम पंचायतों को स्वावलंबी बनाने के संकल्प को पूरा कर सकते हैं। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में भू-जल का गिरता स्तर बहुत ही चिंताजनक है। इसके लिए गांव-गांव में भू-जल स्तर बढ़ाने हेतु विभाग से अलग से एसओपी जारी किया जा रहा है। हम जल स्तर बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करेंगे। उन्होंने उपस्थित लोगों से भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए कार्य करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री साय प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के सर्वे अभियान का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान जिला मुख्यालयों में सांसद, विधायक, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सरपंच सहित नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधिगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कार्यक्रम में जिन पंचायतों में पहले से PMAY-G पंचायत एंबेसडर हैं, उन्हें विशेष रूप से कार्यक्रम में आमंत्रित कर सम्मानित किया गया। जिन पंचायतों में अब तक कोई PMAY-G पंचायत एंबेसडर नियुक्त नहीं हुआ है, वहाँ उपयुक्त व्यक्ति को चयनित कर एंबेसडर नियुक्त किया जाएगा।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत चल रहे सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा "मोर दुवार साय सरकार" महाभियान (15 अप्रैल से 30 अप्रैल) की जानकारी हितग्राहियों को दी गई। साथ ही ग्राम पंचायतों के भू-जल स्तर के संबंध में जानकारी दी गई तथा वॉटर हार्वेस्टिंग बनाने हेतु जनप्रतिनिधियों को संकल्प दिलाया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस., पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह, विशेष सचिव श्री तारण प्रकाश सिन्हा, आयुक्त मनरेगा एवं संचालक पीएमएवाई ग्रामीण श्री रजत बंसल, संचालक पंचायत श्रीमती प्रियंका महोबिया उपस्थित थीं।
बाबा साहेब का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बाबा साहेब का संपूर्ण जीवन संघर्ष की अनुपम मिसाल है। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने हमें एक ऐसा संविधान दिया जो भारत को लोकतंत्र, समानता और न्याय की मजबूत नींव प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री साय ने बाबा साहब के विचारों को युगप्रेरक बताते हुए कहा कि आज का दिन हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम उनके आदर्शों पर चलें, और एक समावेशी, समतामूलक और न्यायप्रिय समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
रायपुर/शौर्यपथ / राज्यपाल रमेन डेका ने आज राजभवन में भारत रत्न एवं भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए ।
राज्यपाल डेका ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन संघर्षाे से भरा हुआ था। उन्होंने सामाजिक भेदभाव, छूआछूत, असमानता के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम माना और स्वयं इसके उदाहरण बने। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अनेक उपाधियाँ प्राप्त कीं और देश के पहले विधि मंत्री के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन किया।
राज्यपाल डेका ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर न्याय व समतामूलक समाज के निर्माण के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे। उन्होंने समाज के शोषित, पीड़ित एवं कमजोर तबके के लोगों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज जब हम बाबा साहेब को याद कर रहे हैं, तब यह आवश्यक है कि हम केवल औपचारिकताएं न करें, बल्कि उनके विचारों को व्यवहार में उतारें। समता, बंधुत्व और न्याय के सिद्धांत को हमें समाज के प्रत्येक स्तर पर स्थापित करना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार भीष्म प्रसाद पाण्डेय, उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के द्वारा रायपुर के गुलमोहर पार्क पीएमवाय कॉलोनी में विगत दिवस हुई आकस्मिक दुर्घटना में मृत बालक दिव्यांश के शोकसंतप्त परिवारजनों को तत्काल 4 लाख रूपये आर्थिक सहायता देने के निर्देश पर परिवारजनों को तत्काल सहायता राशि दी गई।
मुख्यमंत्री के आदेश पर रायपुर जिला प्रशासन और रायपुर नगर पालिक निगम के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के साथ सतत संपर्क बनाकर आकस्मिक घटना के तत्काल पश्चात अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे दो अन्य बालकों की स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं। दोनों बालकों का स्वास्थ्य निरंतर सुधर रहा है। चिकित्सक गण लगातार दोनों बालकों के स्वास्थ्य की सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवगननम की अध्यक्षता में दिया गया महत्वपूर्ण निर्णय
रायपुर /शौर्यपथ /कोलकाता हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाई गई नामांकन और नागरिकता सत्यापन की प्रक्रियाओं पर पूर्ण संतोष व्यक्त किया है।
WPA(P)/85/2025 – Manik Fakir @ Manik Mondal vs Union of India & Ors. नामक इस मामले में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए पूर्ण नागरिकता सत्यापन अनिवार्य होना चाहिए, और यह कार्य चुनाव आयोग द्वारा उचित रूप से नहीं किया गया है। साथ ही यह चिंता भी जताई गई कि कुछ विदेशी नागरिक अवैध रूप से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं, विशेषकर आगामी 2026 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में।
इस पर माननीय मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवगननम ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग तब कार्य करता है जब चुनाव अधिसूचित हो जाता है और उम्मीदवार नामांकन दाखिल करता है। आयोग द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं में पहले से ही पर्याप्त जांच और संतुलन हैं।
यदि कोई शिकायत पूर्ण रूप में प्राप्त होती है, तो उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाती है।
कोई भी नागरिक किसी उम्मीदवार के नामांकन की वैधता को लेकर आपत्ति दर्ज करा सकता है।
अदालत ने यह भी कहा कि नए प्रकार की प्रक्रिया लागू करना एक विधायी कार्य है, जिसे न्यायालय अपने अधिकार क्षेत्र (अनुच्छेद 226) के अंतर्गत नहीं कर सकता। अंततः, अदालत ने याचिका को इन टिप्पणियों के साथ निस्तारित कर दिया और चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं को वैध और संतोषजनक करार दिया।
गांव के नक्सल मुक्त होने पर 1 करोड़ रुपए के होंगे विकास कार्य
छत्तीसगढ़ की नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति में विशेष प्रावधान
रायपुर/शौर्यपथ /नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में अब हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को सरकार और अधिक प्रोत्साहन देगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में तैयार नई नक्सल आत्मसमर्पण नीति के तहत सामूहिक आत्मसमर्पण करने वालों को न केवल घोषित इनाम की दोगुनी राशि मिलेगी, बल्कि नक्सल मुक्त घोषित ग्राम पंचायतों में एक करोड़ के विशेष विकास कार्य भी कराए जाएंगे।
नक्सली संगठन की किसी फॉर्मेशन इकाई के यदि 80 प्रतिशत या उससे अधिक सक्रिय सदस्य सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें उनके विरुद्ध घोषित इनामी राशि की दोगुनी राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जैसे अति नक्सल प्रभावित जिलों में यदि किसी ग्राम पंचायत क्षेत्र में सक्रिय समस्त नक्सली व मिलिशिया सदस्य आत्मसमर्पण करते हैं, और ग्राम पंचायत को नक्सल मुक्त घोषित किया जाता है, तो वहां एक करोड़ रूपए के विकासात्मक कार्य स्वीकृत किए जाएंगे।
नई नीति के तहत यदि पति-पत्नी दोनों आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें पृथक इकाई मानते हुए अलग-अलग पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। हालांकि यदि किसी योजना में दोनों को एक इकाई माना जाता है, तो वहीं के अनुसार लाभ मिलेगा। इनामी राशि का निर्धारण दोनों के लिए पृथक रूप से किया जाएगा।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को राहत व सहायता राशि गृह विभाग के बजट से उपलब्ध कराई जाएगी। जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करना होगा कि आत्मसमर्पण के 10 दिनों के भीतर पूरी राशि संबंधित व्यक्ति को प्रदान कर दी जाए। यदि किसी आत्मसमर्पित नक्सली पर पहले से आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, तो उसके नक्सलवाद उन्मूलन में योगदान और 6 माह तक के अच्छे आचरण को देखते हुए मंत्रिपरिषद की उप समिति इन मामलों को समाप्त करने पर विचार कर सकती है।
रायपुर / शौर्यपथ / कुछ समय पहले तक झीरम घटी से दिन में गुजरने में भी दहशत का माहौल रहता था किन्तु साय सरकार के नीतियों और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा की कोशिशो और सफल निति का परिणाम है कि वर्तमान समय में देर रात भी झीरम घटी में सफ़र अब सुरक्षित होने लगा है . नक्सलियों के खात्मे की योजना और आत्म समर्पित नक्सलियों के उत्थान के लिए साय सरकार के उप मुख्यमंत्री लगातार बस्तर का दौरा कर रहे है इसी कड़ी में उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा आज एकदिवसीय प्रवास पर सुकमा जिले पहुँचे। इस दौरान उन्होंने सुकमा के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ संवाद और आत्मसमर्पित नक्सलियों से भी मुलाकात की ।
इसके पश्चात उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा मौसम खराब और रात्रि होने के कारण सुकमा से सड़क मार्ग से रायपुर के लिए रवाना हुए। उनका काफिला झीरम घाटी होते हुए आगे के गंतव्य के लिए रवाना हुआ।
उप-मुख्यमंत्री अरुण साव ने सामूहिक आदर्श विवाह समारोह में नव वैवाहिक जोड़ों को सुखमय एवं खुशहाल दांपत्य जीवन का दिया आशीर्वाद
डिप्टी सीएम साव ने बेरला में साहू समाज के सामाजिक भवन के लिए 20 लाख एवं हसदा में 10 लाख की घोषणा की
बेमेतरा / शौर्यपथ / उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज बेमेतरा जिले के ग्राम हसदा में आयोजित मां कर्मा जयंती महोत्सव, आदर्श विवाह एवं इकाई अध्यक्षों के सम्मान समारोह में सम्मिलित हुए। वहीं रायपुर के राम नगर में मां कर्मा जयंती, वार्ड अध्यक्षों के शपथ ग्रहण समारोह एवं टिकरापारा में भक्त माता कर्मा जयंती में शामिल हुए।
बेमेतरा के बेरला ब्लाक के ग्राम हसदा में आयोजित समारोह में 9 जोड़ों का सामूहिक आदर्श विवाह विधि विधान से संपन्न हुआ। और राम नगर रायपुर में दो जोड़ों ने आदर्श विवाह किया। इस अवसर पर श्री साव ने सभी नव वैवाहिक जोड़ों को सुखमय एवं खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। भक्त माता कर्मा से सभी नव दंपत्ति के लिए तरक्की एवं संपन्नता बनाए रखने की कामना की।
उप मुख्यमंत्री साव ने बेरला में साहू समाज के सामाजिक भवन के लिए 20 लाख रुपए एवं हसदा में 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। इसके साथ ही राम नगर में शेड निर्माण और गेट लगाने की बात कही।
इस अवसर पर विधायक दीपेश साहू , अवधेश चंदेल जी योगेश तिवारी , जिला साहू संघ अध्यक्ष गैंदराम साहू, सूर्यकांत साहू , छोटेलाल साहू , सरपंच चंद्रशेखर परगनिया, रोहित साहू , संध्या परगनिया, हरीश साहू, राजा गौकरण साहू , तामेश्वर साहू , प्रदीप साहू एवं समाज के गणमान्य जन उपस्थित रहे।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से नक्सलवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 लागू की है। इस नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले सक्रिय ईनामी नक्सलियों और उनके परिवारजनों को शिक्षा, रोजगार एवं वित्तीय सहायता जैसी कई महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
सरकारी सेवा में नियुक्ति का प्रावधान
यदि किसी आत्मसमर्पित नक्सली ने नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग दिया है और इसके कारण उसकी जान व संपत्ति को खतरा उत्पन्न हुआ है, तो ऐसे प्रकरणों में उसे पुलिस विभाग के आरक्षक या समकक्ष पद पर नियुक्त किया जा सकेगा। अन्य विभागों में नियुक्ति हेतु जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा आवश्यक होगी।
साथ ही, 5 लाख रूपए या उससे अधिक के ईनामी नक्सली के आत्मसमर्पण की स्थिति में, पात्रता रखने पर नक्सली अथवा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को शासकीय सेवा में नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा। यदि किसी कारणवश सेवा नहीं दी जा सकती, तो ऐसे आत्मसमर्पित को एकमुश्त 10 लाख की राशि सावधि जमा के रूप में दी जाएगी। यह राशि 3 वर्षों के अच्छे आचरण के पश्चात एकमुश्त हस्तांतरित की जाएगी।
शिक्षा एवं छात्रवृत्ति की विशेष व्यवस्था
छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं उनके बच्चों की शिक्षा के लिए भी व्यापक प्रावधान किए हैं। बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक निःशुल्क एवं प्राथमिकता आधारित शिक्षा शासकीय एवं आवासीय विद्यालयों में दी जाएगी। छात्रावास की सुविधा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदान की जाएगी। यदि आत्मसमर्पित नक्सली या उनके बच्चे निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ना चाहें, तो उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आरक्षित सीट में प्रवेश एवं अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
इच्छुक आत्मसमर्पित स्वयं भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, जिसके लिए संबंधित विभागों की योजनाओं के अंतर्गत सहायता दी जाएगी। यह नई नीति राज्य में शांति एवं विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके परिवारजनों के भविष्य को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।
रायपुर / शौर्यपथ / उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा शनिवार को सुकमा के एकदिवसीय दौरे पर पहुँचे। इस दौरान उन्होंने नक्सल पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया और आत्मसमर्पित नक्सलियों से मुलाकात कर उनके वर्तमान हालात, सरकार की पुनर्वास नीति तथा उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में शांति स्थापना और सामाजिक समावेश की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों से संवाद करते हुए उनके पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और समावेशन की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि सरकार उनके समुचित पुनर्वास हेतु प्रतिबद्ध है। शासन की ओर से सभी ज़रूरी दस्तावेज – राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक पासबुक, वोटर आईडी और राजस्व संबंधी प्रमाणपत्र – बनाए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को लघुवनोपज आधारित प्रसंस्करण एवं कृषि संबंधित रोजगारमूलक प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। उन्होंने पुनर्वास केंद्र में एक नियमित प्रशिक्षक (रेगुलर इंस्ट्रक्टर) की नियुक्ति तथा कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। साथ ही केंद्र में एक देवस्थली की स्थापना कर नियमित पूजा-अर्चना की व्यवस्था करने को भी कहा।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार पुनर्वास और विकास को लेकर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। आत्मसमर्पण करने वालों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
इस अवसर पर बस्तर सांसद महेश कश्यप, महिला आयोग की सदस्य सुश्री दीपिका सोरी, बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी., पंचायत विभाग के विशेष सचिव तारण प्रकाश सिन्हा, डीआईजी कमलोचन कश्यप, सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, एसपी किरण चव्हाण, जनप्रतिनिधि धनीराम बारसे, जिला पंचायत सदस्य हुंगाराम मरकाम सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
प्रतिभावान छात्र-छात्राओं एवं नवनिर्वाचित जिला पंचायत, जनपद पंचायत सदस्यों एवं सरपंचों को किया सम्मानित
मोहला /शौर्यपथ /प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता एवं संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप आज जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के ग्राम पंचायत टोला गांव ब्राह्मण भेड़ी में आयोजित प्रतिभावान छात्र-छात्राओं एवं नवनिर्वाचित जिला पंचायत, जनपद पंचायत सदस्य एवं सरपंचों का सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने यहां आयोजित गरिमामयी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जनजाति समाज का गौरवमयी इतिहास रहा है। जनजाति समाज के अनेकों विभूतियों ने देश और समाज को एक दिशा देने का उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज आदिकाल से पर्यावरण के साथ जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, शहीद वीर नारायण सिंह, गैंद सिंह जैसे विभूतियों ने समाज को गौरवान्वित किया है। उन्होंने आगे कहा कि जनजाति समाज विपरीत परिस्थिति में भी लडऩे की अदम्य साहस रखता है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज के गौरवमयी इतिहास, परंपरा, संस्कृति और विरासत को सहेजे रखने के लिए समाज के सभी नागरिकों की भागीदारी की जरूरत है। मंत्री श्री कश्यप ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार जनजाति समाज को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति के पद पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू पूरे समाज को गौरवान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज के अनेक प्रतिभाशाली विद्यार्थी आज अनेक क्षेत्रों में अपना परचम लहराकर समाज को गौरवान्वित कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को संगठित और एकजुटता के साथ रहकर समाज को आगे बढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए।
इस अवसर पर मंत्री कश्यप ने क्षेत्र के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य एवं सरपंचों को प्रतीक चिन्ह भेंटकर कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कबड्डी खेल के विजेता खिलाड़ियों को भी प्रतीक चिन्ह भेंटकर कर सम्मानित किया।
मंत्री केदार कश्यप ने इस अवसर पर ग्राम वासियों की मांग पर कबड्डी खेल के लिए उपयोग में आने वाले मेट, सामुदायिक भवन, धान खरीदी केंद्र खोलने सहित क्षेत्र के विकास को देखते हुए सभी आवश्यक कार्ययोजना को पूरा करने का भरोसा दिया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नम्रता सिंह, वनमण्डलाधिकारी दिनेश पटेल, पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह, अपर कलेक्टर विजेन्द्र सिंह पाटले सहित अन्य अधिकारीगण, जनप्रतिनिधिगण, अधिक संख्या में गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे।
मेयर ने कहा- बाबा साहब को नमन करते हैं, जिन्होंने संविधान का निर्माण किया है,इसके माध्यम से विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत चल रहा है
दुर्ग/शौर्यपथ /शंकर नगर स्थित बुद्ध विहार में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर बुद्ध विहार समिति द्वारा भव्य सम्मान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम में मेयर श्रीमती अलका बाघमार ने मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई।इस अवसर पर अध्यक्षता समिति अध्यक्ष ज्ञानेश्वर बागड़े ने स्वागत, सत्कार किया।इस अवसर पर मेयर श्रीमती अलका बाघमार ने अंबेडकर जयंती की दी बधाई देते हुए बोले, बाबा साहब को नमन करते हैं, जिन्होंने संविधान का निर्माण किया है। इसके माध्यम से विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत चल रहा है।
बुद्ध विहार समिति शंकर नगर दुर्ग द्वारा सन् 1970 से दुर्ग शहर स्तरीय भारत रत्न डॉ. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के जयंती समारोह का आयोजन कराया जा रहा है।इस वर्ष 134वीं जयंती समारोह का आयोजन 11 से 14 अप्रैल तक किया जाएगा।
कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य चंद्रशेखर चंद्राकर, पार्षद हर्षिका जैन, सावित्री दमाहे, आशीष चंद्राकर और संजय कोहले उपस्थित रहे।समिति के अध्यक्ष श्री बागडे और महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती संगीता मेश्राम ने आयोजन को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।
कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बुद्ध विहार समिति और महिला मंडल का योगदान सराहनीय रहा।
गुरूर में आयोजित माँ कर्मा महोत्सव तथा गोण्डवाना वार्षिक महाधिवेशन में हुए शामिल
बस स्टैण्ड में शहीद वीर नारायण सिंह के प्रतिमा पर किया माल्यार्पण, गोण्डवाना समाज एवं साहू समाज के नवनिर्मित सामाजिक भवनों का किया लोकार्पण
बालोद/शौर्यपथ /केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज के विकास के लिए सबसे बड़ी धुरी है। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा के किसी भी समाज की उन्नति की परिकल्पना बिल्कुल भी नही की जा सकती। साहू आज विकासखण्ड मुख्यालय गुरूर के कोलिहामार में गोण्डवाना समाज एवं साहू समाज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित माँ कर्मा महोत्सव एवं गोण्डवाना वार्षिक महाधिवेशन तथा नवनिर्मित सामाजिक भवनों के लोकार्पण समारोह के अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री भोजराज नाग, गोण्डवाना समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी, केशकाल विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं गोण्डवाना समाज के प्रदेश अध्यक्ष नीलकंठ टेकाम, पूर्व विधायक प्रीतम साहू, साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष टहल सिंह साहू, साहू समाज के प्रदेश सलाहकार पवन साहू, तहसील साहू संघ के अध्यक्ष महेन्द्र साहू, आदिवासी गोण्डवाना सेवा समिति गुरूर के तहसील अध्यक्ष श्रीमती उत्तरा मरकाम एवं यूआर गंगराले सहित अन्य समाज प्रमुख एवं जन प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने नशापान को समाज के विकास के लिए सबसे बड़ा बाधक बताते हुए समाज के लोगों को नशापान से सर्वथा दूर रहने की अपील की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि साहू एवं अतिथियों ने बस स्टैण्ड गुरूर में शहीद वीर नारायण सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इस दौरान अतिथियों के द्वारा गुरूर में 50-50 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित गोण्डवाना समाज एवं साहू समाज के सामाजिक भवनों का लोकार्पण भी किया गया। केन्द्रीय मंत्री साहू ने छत्तीसगढ़ के दो प्रमुख समाज गोंड़ एवं साहू समाज के द्वारा गुरूर में संयुक्त रूप से समारोह के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसके लिए उन्होंने दोनों समाज के लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू ने आदिवासी समाज के गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आदिवासियों की संस्कृति दुनिया में सबसे समृद्ध एवं वैभवशाली है। उन्होंने कहा कि सीधे, सरल एवं मेहनतकश आदिवासियों द्वारा कठिन परिश्रम से समाज के अन्य सभी वर्गों का भरण पोषण एवं सेवा का पूनीत कार्य किया जाता है। इसके अलावा आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा पेड़-पौधों एवं पशु-पक्षियों की रक्षा कर प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण तथा संवर्धन भी इनके संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अवसर पर उन्होंने साहू समाज के गौरवशाली इतिहास पर भी प्रकाश डालते हुए समाज के विरासत को अत्यंत उज्ज्वल बताया। उन्होंने कहा कि साहू समाज के लोगों को अपने वैभवशाली अतीत से शिक्षा लेना चाहिए। उन्होंने दानवीर भामाशाह के दानवीरता के संबंध में प्रकाश डालते हुए कहा कि जब महाराणा प्रताप सम्राट अकबर के साथ युद्ध करते हुए घोर आर्थिक कठिनाई से गुजर रहे थे। ऐसे विषम परिस्थिति में हमारे समाज के गौरव दानवीर भामाशाह ने महाराणा प्रताप को असीमित धन देकर उनके आर्थिक कठिनाईयों को सदा के लिए दूर किया था। इस तरह से हमारे समाज के लोगांे ने भी जब-जब भी आवश्यकता हुई मातृभूमि के रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है। इस अवसर पर उन्होंने भक्त माता कर्मा सहित साहू समाज के अन्य विभूतियों के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए समाज के लोगों के उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने को कहा। श्री साहू ने समाज के आने वाले पीढ़ी को उच्च शिक्षित बनाने तथा बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारी भी बनाने की अपील की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के द्वारा समाज के सभी वर्गों के चहुँमुखी विकास के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा समाज के संर्वागीण विकास हेतु अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर उनका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। वह वास्तव में आने वाले भारत के नवनिर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। साहू ने आदिवासी एवं साहू समाज सहित सभी समाज के लोगों को बेहतर कार्य करते हुए अपने समाज व राष्ट्र के विकास में बहुमूल्य भागीदारी निभाने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने आज के इस कार्यक्रम मंे गोण्डवाना एवं साहू समाज के लोगों के द्वारा प्रस्तुत किए गए मांगों के निराकरण हेतु उचित कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया। समारोह में स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए आदिवासी गोण्डवाना सेवा समिति तहसील गुरूर के अध्यक्ष श्रीमती उत्तरा मरकाम एवं तहसील साहू समाज गुरूर के अध्यक्ष महेन्द्र साहू ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए अपने-अपने समाजों के मांगों की ओर अतिथियों का ध्यान आकृष्ट भी कराया।