June 14, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

  दंतेवाड़ा/शौर्यपथ /कलेक्टर जिला दंतेवाड़ा कुणाल दुदावत के निर्देशानुसार एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी वरुण नागेश के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक 13 जून 2025 को “महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013” के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन जिला ग्रंथालय, दंतेवाड़ा में किया गया। इस अवसर पर महिला संरक्षण अधिकारी श्रीमती मनीषा ठाकुर द्वारा अधिनियम की प्रमुख धाराओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि लैंगिक उत्पीड़न के अंतर्गत शारीरिक संपर्क, लैंगिक अनुग्रह की मांग, आपत्तिजनक टिप्पणियां, अश्लील लेखन या प्रदर्शन, तथा किसी भी प्रकार का अनुचित शारीरिक, मौखिक या शाब्दिक आचरण शामिल हैं। ऐसे सभी संस्थान जहाँ 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, वहाँ धारा 4 के अंतर्गत आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है। वहीं जहाँ कर्मचारियों की संख्या 10 से कम हो अथवा शिकायत स्वयं नियोक्ता के विरुद्ध हो, वहां स्थानीय शिकायत समिति के माध्यम से शिकायत की जा सकती है।
कार्यशाला में विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला दंतेवाड़ा के सचिव श्री अनंत दीप तिर्की एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री के.के. देवांगन ने विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहकर अधिनियम 2013 के विभिन्न प्रावधानों, समितियों के गठन एवं उनके कर्तव्यों व कार्य विधियों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। स्थानीय शिकायत समिति की अध्यक्ष श्रीमती बबीता पांडे द्वारा प्रत्येक माह समिति की बैठक आयोजित कर रिपोर्ट जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजे जाने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने यह भी बताया कि समिति का कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात उसका पुनर्गठन अनिवार्य है एवं समिति गठन संबंधी सूचना का बोर्ड कार्यालय में चस्पा किया जाना आवश्यक है। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विभागों व कार्यालयों में गठित आंतरिक शिकायत समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्यों, स्थानीय शिकायत समिति के पदाधिकारियों सहित महिला सशक्तिकरण विभाग से श्रीमती शिवरात्री भुवार्य, ‘सखी’ से दिव्या, तथा पुलिस विभाग से सुश्री आशा सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों द्वारा विषय से संबंधित सवाल पूछे गए, जिनका समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।

हरित ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर छत्तीसगढ़ का कदम
कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट के लिए त्रिपक्षीय समझौता
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार ने सतत् और पर्यावरण हितैषी नीति को गति देते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस दिशा में आज रायपुर नगर पालिक निगम, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) एवं भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के मध्य त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह एग्रीमेंट सतत योजना के तहत नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन हेतु किया गया है।
यह एग्रीमेंट छत्तीसगढ़ राज्य में सतत ऊर्जा उत्पादन एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण और सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है। सतत् योजना के तहत कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना न केवल अपशिष्ट प्रबंधन में सहायक होगी, बल्कि रोजगार और हरित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी।
ग्राम रांवाभाटा, रायपुर में प्रस्तावित संयंत्र 100.150 टन प्रतिदिन MSW संसाधित कर बायोगैस का उत्पादन करेगा। इसमें शत-प्रतिशत निवेश भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 100 करोड़ रुपए की होगी। संयंत्र के माध्यम से रायपुर सहित आसपास के नगरीय निकायों से लगभग 150 टन प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट का उपयोग किया जाएगा।
इस संयंत्र से जुड़ी प्रमुख विशेषताएं
रोजगार सृजन - संयंत्र के संचालन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 हजार मानव दिवस प्रति वर्ष रोजगार सृजित होंगे। पर्यावरणीय लाभ संयंत्र के संचालन से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी तथा राज्य Net Zero Emission लक्ष्य की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ेगा। आय और राजस्व पूर्ण क्षमता पर कार्यरत संयंत्र से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ रुपए का जीएसटी प्राप्त होगा। जैविक खेती को बढ़ावा संयंत्र से सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद का उपयोग जैविक कृषि को प्रोत्साहन देगा। इससे पूर्व 2024 में भिलाई नगर पालिक निगम के साथ त्रिपक्षीय समझौता हो चुका है और 2025 में अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, राजनांदगांव धमतरी एवं बिलासपुर में कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र हेतु एमओयू निष्पादित किया गया है।
आज हुए एग्रीमेंट हस्ताक्षर कार्यक्रम में रायपुर कलेक्टर श्री गौरव कुमार, सीबीडीए के सीईओ श्री सुमित सरकार, बीपीसीएल बायोफ्यूल्स प्रमुख श्री अनिल कुमार पी, नगर निगम रायपुर कमिश्नर श्री विश्वदीप समेत भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड और सीबीडीए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्यपाल दरभंगा में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुए शामिल
रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल  रमेन डेका गत दिवस बिहार राज्य के दरभंगा में राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ द्वारा ‘‘सीमा सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी‘‘ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसकी सीमाएँ हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक फैली हुई हैं। सीमा की सुरक्षा केवल सैनिकों और सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
राज्यपाल  डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीमा की रक्षा राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का आधार है। सीमा की सुरक्षा, देश की आंतरिक और बाह्य स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह न केवल बाहरी खतरों जैसे आतंकवाद, घुसपैठ और तस्करी से रक्षा करती है, बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करती है। भारत की सीमाएँ, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ साझा की जाती हैं, और प्रत्येक सीमा की अपनी अनूठी चुनौतियाँ हैं।
 डेका ने कहा कि हमारे सैनिक, प्राणों की बाजी लगाकर सीमा की सुरक्षा करते हैं लेकिन उनकी यह जिम्मेदारी तब और प्रभावी होती है, जब समाज और नागरिक उनका साथ देते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं और स्थानीय प्रशासन या सुरक्षा बलों को सूचित कर सकते हैं। असामान्य गतिविधियों, जैसे तस्करी या घुसपैठ, की जानकारी देना, देश की सुरक्षा को मजबूत करता है। आज के युग में सीमा सुरक्षा में तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रोन, सैटेलाइट निगरानी, और स्मार्ट फेंसिंग जैसे उपकरण सीमा पर निगरानी को और प्रभावी बना रहे हैं। श्री डेका ने कहा कि नागरिक के रूप में, हम तकनीकी नवाचारों को समर्थन दे सकते हैं और सरकार के डिजिटल सुरक्षा प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी जी के दुखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना की यह त्रासदी अत्यंत पीड़ादायक है। श्री रूपाणी जी का निधन न केवल गुजरात बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विजय रूपाणी जी एक सरल, सहज और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के धनी थे। उनका जनसेवा के प्रति समर्पण सदैव अनुकरणीय रहेगा। उन्होंने निष्ठा और कुशलता के साथ कार्य करते हुए माँ भारती की सेवा की।
मुख्यमंत्री साय ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक संतप्त परिवारजनों को दुख की इस घड़ी में संबल प्रदान करें।

महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का अनावरण
कन्वेंशन सेंटर का नामकरण महारानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर करने की घोषणा
कोरबा जिले को दी 223 करोड़ रूपए की लागत के विकास कार्यों की सौगात
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कोरबा जिले के प्रवास के दौरान कन्वेंशन सेंटर में लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का लोकार्पण किया और कन्वेंशन सेंटर को महारानी के नाम पर करने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने जिलेवासियों को लगभग 223 करोड़ 88 लाख रूपए से अधिक लागत के 66 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर  प्रजावत्सल और न्यायप्रिय शासक थी। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए, नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ ही उन्होंने देश के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों, धार्मिक स्थलों को संवारा और नई पहचान दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कन्वेन्शन सेंटर को वातानुकूलित बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे छः माह पहले भी कोरबा आये थे, इस दौरान भी 600 करोड़ रूपए से अधिक की राशि के विभिन्न विकास कार्यों की सौगातें दी गई। आज सवा दो सौ करोड़ के विकास कार्यों की सौगात से कोरबा जिले के लोगों को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने ऐलुमिनियम पार्क की स्थापना के लिए आवश्यक पहल करने की बात कही। उन्होंने एक पेड़ माँ के नाम के तहत कन्वेन्शन सेंटर परिसर में सिंदूर का पौधा भी लगाया। उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री अरूण साव और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन भी ने सम्बोधित किया।
लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री साय द्वारा लोकार्पित किए गए कार्यों में मुख्य रूप से जल जीवन मिशन के अंतर्गत 11 गांवों में एकल ग्राम नल-जल योजना, 3 गांवों में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन, स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय नवीन भवन/जीर्णाेद्धार कार्य, और 47 छात्रावासों-आश्रमों में 2.4 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य शामिल हैं। इसी प्रकार भूमि पूजन के प्रमुख कार्यों में नगर पालिक निगम कोरबा हेतु 100 टीपीडी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री ई-बस सेवा अंतर्गत सिटी बस डिपो-टर्मिनल कॉपलेक्स, 100 बेड हॉस्पिटल में एसएनसीयू हॉल, प्रशिक्षण हॉल सहित अन्य निर्माण कार्य, अयोध्यापुरी तालाब में जल संवर्धन कार्य एवं जिला खनिज संस्थान न्यास मद तथा 15 वें वित्त आयोग के विभिन्न कार्य शामिल हैं।  
प्लेन क्रैश में मृत लोगों के प्रति जताई संवेदना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुजरात से लंदन जा रहे प्लेन के क्रैश होने की घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके प्रति गहरी संवेदना प्रकट की।

भिलाई/दुर्ग । शौर्यपथ विशेष।  

    इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता, और मदद का कोई वक़्त नहीं — इस सोच को वास्तविकता में जीने वाले लोगों की सूची में इंद्रजीत सिंह उर्फ ‘छोटू’ का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है। दुर्ग-भिलाई क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में इंद्रजीत सिंह छोटू एक ऐसा नाम है, जिसने ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम बना दिया। शौर्यपथ समाचार द्वारा शहर के ऐसे गणमान्य व्यक्तियों का एक संक्षिप्त जीवन परिचय एवं उनके द्वारा समाज के उठान के लिए किये कार्यो का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा समाज के लिए किये कार्यो की एक छोटी सी झलक प्रस्तुत कर रहे है उम्मीद है सम्मानित पाठको को यह लेख पसंद आएगा .

परिचय से परे – व्यक्तित्व की गरिमा

  भिलाई के निवासी इंद्रजीत सिंह छोटू ट्रांसपोर्ट सेक्टर में एक स्थापित नाम हैं, लेकिन उनके लिए पहचान का असली मानक है – सामाजिक कार्यों के लिए उनकी निःस्वार्थ प्रतिबद्धता।
ड्राइवर, क्लीनर, मजदूर, खिलाड़ी, बेसहारा बच्चे, गरीब परिवार – कोई भी तबका हो, इंद्रजीत सिंह ‘छोटू’ हर बार आगे आते हैं। उनकी सोच हमेशा यही रही है कि “जिस समाज से मिला है, उसे लौटाना भी हमारा कर्तव्य है।”

ड्राइवर-क्लीनर के लिए सुरक्षा कवच

   इंद्रजीत सिंह के प्रयासों से सैकड़ों ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों को बीमा सुरक्षा, हेलमेट, मेडिक्लेम, और सड़क सुरक्षा संबंधित प्रशिक्षण दिए गए। उन्होंने ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं को लेकर प्रशासन से लेकर सरकार तक सुनियोजित संवाद बनाए रखा है, जिससे नीतिगत सुधार की मांग बार-बार उठती रही।



खिलाड़ियों को मिलता है हौसला

  छोटू खुद एक खेल-प्रेमी हैं। उन्होंने स्थानीय स्तर के अनेक क्रिकेट, कबड्डी, फुटबॉल टूर्नामेंट में आर्थिक सहयोग और मंच देकर ग्रामीण खिलाड़ियों को उभरने का मौका दिया है। कई बार राष्ट्रीय स्तर पर चयनित खिलाड़ियों को ट्रेवल और किट सहयोग देकर प्रेरणा दी।



गरीब बेटियों के विवाह की जिम्मेदारी

  यहां सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि पिता समान भावनात्मक जुड़ाव भी देखने को मिलता है। अब तक 40 से अधिक निर्धन परिवारों की बेटियों के विवाह में सहयोग, पूरी शादी की व्यवस्था, कपड़े, गहने, भोजन, और वर-वधू की विदाई तक की पूरी ज़िम्मेदारी निभा चुके हैं।

आपदा में सेवा – जब सब पीछे हटते हैं, छोटू आगे होते हैं

 चाहे कोरोना काल हो या सड़क हादसा, इंद्रजीत सिंह छोटू ने एम्बुलेंस, भोजन, मेडिकल किट और ऑक्सीजन सिलेंडर तक उपलब्ध करवाए। लॉकडाउन में भूखे ट्रक ड्राइवरों के लिए भोजन वितरण का उनका नेतृत्व आज भी याद किया जाता है।

ट्रांसपोर्ट सेक्टर के मसीहा

  ट्रांसपोर्टरों के हक के लिए प्रभावी यूनियन प्रतिनिधि की भूमिका निभाते हुए उन्होंने माल ढुलाई दरों की पारदर्शिता, पथ कर में छूट, और अनुचित चालान के खिलाफ अभियान चलाए हैं।

समाज को संदेश

  इंद्रजीत सिंह जैसे लोग हमें यह सिखाते हैं कि नाम कमाने के लिए मंच नहीं, नीयत चाहिए। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि अगर आपका दिल सच्चा है तो समाज खुद आपकी पहचान बन जाता है।
आज जब समाज में स्वार्थ और दूरी बढ़ती जा रही है, ‘छोटू भैया’ जैसे लोग उम्मीद का वह दीपक हैं जो बिना कहे सबके लिए जलता है।

उपसंहार

इंद्रजीत सिंह उर्फ छोटू आज सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि समर्पण, सेवा और सजग नागरिकता का प्रतीक बन चुके हैं। युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए कि व्यवसाय के साथ-साथ समाजसेवा भी पूरी तन्मयता से की जा सकती है।

    

   बलौदाबाजार/शौर्यपथ /कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिले में अवैध शराब निर्माण, भंडारण एवं परिवहन पर आबकारी विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य में गस्त के दौरान कसडोल क्षेत्र में आबकारी विभाग की टीम द्वारा 45 बल्क लीटर महुआ शराब सहित 1100 किग्रा महुआ लाहन जब्त की गई।
  आरोपी देवप्रसाद यादव पिता कंशराम उम्र 35 वर्ष, चौकी बया अंतर्गत ग्राम सैयहाभाठा के कब्जे से 20.00 बल्क लीटर हाथभठ्ठी महुआ शराब एवं 600 कि.ग्राम महुआ लाहन जप्त किया गया।
इसी तरह आरोपी वासुदेव यादव पिता नरेश यादव उम्र 32 वर्ष चौकी बया अंतर्गत ग्राम सैयहाभाठा से 25.00 बल्क लीटर हाथभठ्ठी महुआ शराब एवं 500 कि.ग्राम महुआ लाहन कुल 45.00 बल्क लीटर महुआ शराब व 1100 कि.ग्राम महुआ लाहन जब्त किया गया। आरोपी के विरूध्द छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(2)(1)(च) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
उक्त कार्रवाई में सहायक जिला आबकारी जलेश कुमार सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

15 जून से होगा आगाज
धरती आबा अभियान के तहत शिविरों की सफलता हेतु अधिकारी आपसी समन्वय से करें कार्य- कलेक्टर दुदावत”
   दंतेवाड़ा/शौर्यपथ /जनजातीय ग्रामीण विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के तहत दंतेवाड़ा जिले में 15 जून से 30 जून 2025 तक विशेष संतृप्तिकरण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं जैसी मूलभूत सुविधाओं को लोगों की आवश्यकता अनुसार सुगम और सशक्त बनाना है।
इस संबंध में जिले के कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बताया कि इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सभी संबंधित विभागों को निर्देश दे दिए गए है। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण पहल है जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की वास्तविक आवश्यकताओं की पहचान कर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि वे इन शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर अपने अधिकारों व सुविधाओं की जानकारी लें और योजनाओं का लाभ प्राप्त करें।इसके अंतर्गत दंतेवाड़ा जिले के 156 ग्राम को इस अभियान में शामिल किया गया है। इनमें विकासखण्ड दंतेवाड़ा के 34, गीदम के 42, कटेकल्याण के 51 एवं कुआकोंडा के 29 ग्राम शामिल है।
ज्ञात हो कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत दंतेवाड़ा विकासखंड अन्तर्गत जारम, पोन्दुम, मुरकी, पुलनार, मटेनार, टेकनार, केशापुर, भोगाम, तुड़पारास, कुपेर, मगनार, कमालुर, कुम्हाररास, गामावाड़ा, धुरली, भांसी, बड़े कमेली, नेरली, पाढ़ापुर, दुगेली, मोलसनार, गंजेनार, मसेनार, गदापाल, पुलनार, तोयलंका, कांवड़ गांव, ढुमाम, मेटपाल,नेटापुर, चन्देनर।
गीदम विकासखण्ड अन्तर्गत कौरगांव, तुमरीगुंडा,  पहुरनार, छिंदनार, मुचनार, हितामेटा, भाटपाल, कोरलापाल, उपेट, घोटपाल, कटूलनार, रोंजे, कासोली, हिरानार, मुसतलनार, गुमलनार, गुटोली,  छोटे तुमनार, मोफलनार, पुंडरी, बोदली, बांगापाल, बड़ेसुरोकी, बड़े तुमनार, मुंडेर, फरसपाल, अलनार, बिंजाम, झोडि़याबाड़म, बड़े कारली, नागुल, मड़से, बड़े पनेड़ा, महाराहाउरनार, बड़े पनेड़ा, हाउरनार, जांवगा,  गुमड़ा, कौरलापाल,  कोरकोटी, जोड़ातरई।
इसी प्रकार कटेकल्याण विकासखण्ड अन्तर्गत गाटम, मथाड़ी, बेंगलूर, कटेकल्याण, बड़ेलखपाल, धनीकरका, सुरनार, कौरीरास, बड़े बेड़मा, मोखपाल, माहराकरका, भूसारास, हिडपाल, बड़ेगुडरा, छोटेगुडरा, एटेपाल, टेटम, तुमकपाल, गुड़से, परचेली, चीकपाल, मारडुम, बड़ेगादम, जगमपाल एवं कुआकोण्डा विकासखण्ड अन्तर्गत गढ़मिरी, नकुलनार, कुआकोण्डा, हल्बारास, हितावर, मैलावाड़ा, गोंगपाल, कुटेपाल, श्यामगिरी, टिकनपाल,कड़मपाल, मदाड़ी, चोलनार, हिरोली, केरलापाल, समलवार, समेली, गुमियापाल, तनेली, अरनपुर, नहाड़ी, बुरगुम, कुटरेम, पोटाली, रेवाली, अरबे, जबेली, निलावया, पालनार, फुलपाड़ तथा रेगानार मैं शिविरों का आयोजन होगा।

महानदी किनारे अंगारमोती में शुरू की फोटोग्राफी, रोजाना एक से डेढ़ हज़ार की कमाई
  रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में युवाओं के लिए सरकार द्वारा रोजगारपरक योजनाओं में से एक प्रोजेक्ट योजना के तहत धमतरी जिले के तीन युवकों के लिए आय का साधन बन गया है। धमतरी जिले में प्रोजेक्ट युवा के परिणाम अब आने शुरू हो गए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत फोटोग्राफी का निःशुल्क प्रशिक्षण लेकर गंगरेल-रुद्री के तीन युवाओं ने अपने शौक को अब रोजगार के रूप में अपना लिया है। सुनील साहू, कीर्तन साहू और भुवन मीनपाल ने महानदी के किनारे अंगारमोती में अपनी फोटोग्राफी की दुकान खोली है। तीनों युवा यहाँ माँ अंगार मोती के दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों की अलग अलग लोकेशनों में आकर्षक फोटो खींचकर तुरंत प्रिंट उपलब्ध करा देते है। तीनों युवा हर दिन एक से डेढ़ हज़ार रुपए कमा रहे हैं। इन तीनों ने प्रोजेक्ट युवा की संकल्पना को मूर्त रूप देकर धमतरी के युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही स्व रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार  का आभार जताया है।
     फोटोग्राफी की निःशुल्क ट्रेनिंग ने फोटोग्राफी की कला को निखारा। फोटोग्राफी की कला अब  कमाई का जरिया बन गया है, फोटोग्राफी कभी सिर्फ शौक था, अब वही रोज़गार बन चुका है। गंगरेल के स्थानीय निवासी कीर्त्तन कुमार साहू और उनके साथी सुनील साहू तथा भुवन मीनपाल आज फोटोग्राफी के जरिए आत्मनिर्भर बन चुके हैं।  जिला प्रशासन द्वारा दिए गए निः शुल्क  फोटोग्राफी प्रशिक्षण की बदौलत। कीर्तन साहू बताते हैं, “हम पहले भी फोटो खींचते थे, फोटोग्राफी हमारा शौक था, लेकिन तकनीक और समझ की कमी थी। जब जिला प्रशासन ने प्रोजेक्ट युवा में फोटोग्राफी का निःशुल्क प्रोफेशनल प्रशिक्षण दिया, तब समझ आया कि फोटो सिर्फ क्लिक नहीं होती, बल्कि एक कला होती है।“ तीनों साथियों ने इस प्रशिक्षण में फोटोग्राफी की बारीकियां सीखी। कैमरे के प्रकार से लेकर लाइट, अपर्चर, स्पीड, फ्रेम सब की जानकारी मिली। इंडोर और आउट डोर फोटोग्राफी के गुर भी सीखें।
      ट्रेनिंग के बाद आज कीर्तन, सुनील और भुवन तीनों ने मिलकर गंगरेल डैम और अंगारमोती परिसर जैसे पर्यटन स्थलों पर फोटोग्राफी का काम शुरू किया हैं। छुट्टी के दिनों और विशेष मेला-मड़ई के अवसर पर भीड़ वाले दिनों में इनकी कमाई एक से डेढ़ हज़ार रुपये प्रतिदिन तक पहुंच जाती है, जबकि सामान्य दिनों में पाँच सौ से एक हज़ार रुपये तक की आमदनी हो जाती है। प्रोजेक्ट युवा के तहत निःशुल्क ट्रेनिंग ने न सिर्फ इनकी कला को निखारा, बल्कि कमाई का साधन भी बना दिया। यह पहल उन युवाओं के लिए मिसाल है, जो हुनर तो रखते हैं, लेकिन उन्हें सही दिशा नहीं मिलती।
    प्रशिक्षण के बाद इन तीनों युवाओं को फोटोग्राफी का स्टाल शुरू करने के लिए भी जिला प्रशासन ने मदद की है । इन्हें रेडीमेड और आसानी से असेंबल होने वाले आकर्षक स्टॉल भी निःशुल्क दिए गए है। अब ये युवा एक बैट्री से चलने वाले प्रिंटर की मदद से पर्यटकों के आकर्षक फोटो प्रिंट कर तत्काल उपलब्ध करा देते हैं। रियायती दरों पर लोगों को उनके पेन ड्राइव या मोबाइल में भी फोटो की सॉफ्ट कॉपी भी उपलब्ध कराई जा रही है। अब पर्यटकों को भी अपने प्रवास की मधुर स्मृतियाँ इस फोटो बूथ से मिल रही है।
     युवा कार्यक्रम के तहत धमतरी जिले के बारहवीं कक्षा से लेकर कॉलेज तक में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आज के जमाने की डिजीटल तकनीकों और पेशेवर कौशलों में प्रशिक्षित किया जा रहा है । इन युवाओं को एक-दो माह के ऐसे छोटे व्यवसाय पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसके बाद वे तुरंत ही अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। प्रथम चरण में प्रशासन द्वारा डिजीटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाईनिंग, फ्री लाउसिंग, सायबर सुरक्षा, एआई तकनीक, ड्रोन और रोबोटिक्स, फाईनेंशल मैनेजमेंट, शेफ एंड कुकिंग तथा ब्यूटिशियन जैसे शॉर्ट टर्म व्यवसायों में प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।

रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण से सम्मानित अधिवक्ता विवेक सारस्वत की नवीनतम  पुस्तक "जीएसटी लॉ मैनुअल 2025" का विमोचन किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अधिवक्ता विवेक सारस्वत की यह पुस्तक जीएसटी कानून की अद्यतन जानकारी का महत्वपूर्ण स्रोत है और यह मैनुअल कर पेशेवरों और व्यापारियों के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगा। इस अवसर पर अधिवक्ता बीना सिंह गौतम, अभय तिवारी, प्रिंसी धावना, वंदना सारस्वत और प्रियांश वर्मा उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि यह मैनुअल भारत के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानूनों का एक अद्यतन और व्यापक संस्करण है, जिसमें सीजीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और मुआवजा उपकर के अंतर्गत सभी अधिनियमों, नियमों, अनुसूचियों, अधिसूचनाओं और परिपत्रों का सुव्यवस्थित संकलन किया गया है।
"जीएसटी लॉ मैनुअल 2025" की एक विशेषता इसका द्विभाषी (अंग्रेजी और हिंदी) प्रारूप है, जो देशभर के कर पेशेवरों, व्यापारियों और छात्रों के लिए सरल और स्पष्ट पहुंच सुनिश्चित करता है। इस पुस्तक में वित्त अधिनियम 2025 द्वारा किए गए नवीनतम संशोधनों को भी समाहित किया गया है, जिससे यह मैनुअल जीएसटी कानून का सबसे अद्यतन संस्करण बन गया है। किताब में डिजिटल युग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक जीएसटी फॉर्मों की डिजिटल प्रतियों तक क्यूआर कोड के माध्यम से सीधी पहुँच की सुविधा भी प्रदान की गई है। यह विशेषता अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाती है और प्रशासनिक कार्यों को सरल करती है। कर पेशेवरों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सचिवों, लागत लेखाकारों, सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों, छात्रों और शिक्षाविदों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिखी गई यह पुस्तक जीएसटी की जटिलताओं को समझने और लागू करने के लिए एक अनमोल संसाधन है। इसकी व्यापक सामग्री, द्विभाषी प्रस्तुति और डिजिटल उपकरण इसे भारत की वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था की प्रभावी व्याख्या, कार्यान्वयन और गहन समझ के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाते हैं।
अधिवक्ता विवेक सारस्वत को जीएसटी और वैट कानूनों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2022 में उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण के अंतर्गत कानून क्षेत्र का सर्वोच्च राज्य पुरस्कार "बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल पुरस्कार 2022" प्रदान किया गया था। उन्होंने जीएसटी और वैट कानूनों पर कई सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया है। वे www.cggst.com और www.cgvatlaw.com जैसी सफल वेबसाइटों के निर्माता हैं, और देश का पहला अप्रत्यक्ष कर कानून ऐप CGVATLAW भी विकसित कर चुके हैं।
अप्रत्यक्ष कराधान के क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले अधिवक्ता विवेक सारस्वत की यह छठी पुस्तक है, जो कराधान साहित्य में उनके अतुलनीय योगदान को रेखांकित करती है।

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