August 03, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

 राजनांदगांव / शौर्यपथ /

  जिला भाजपा अध्यक्ष व पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार 1 नवंबर से धान खरीदी नही करना चाहती है जिसके लिए वह मंत्रिमंडल के उपसमिति रिपोर्ट प्रस्तूत नही होने का बहाना बना रही है। हकीकत तो यह है कि भूपेश सरकार सही समय में धन नही खरीदना चाहती है और ना ही किसानों को वास्तविक लाभ देने चाहती है इसके विपरीत वह बिचौलियों को लाभ पहुंचाना चाहती है।
    श्री यादव ने कहा कि गत वर्ष का उदाहरण है कि राजनांदगाँव जिले में 9000 से अधिक पंजीकृत किसान, समितियों मे धान न बेच कर बाजार मे बहुत ही कम दर पर बेचने को मजबुर हो गए थे, जिससे उनको बहुत नुकसान उठाना पड़ा था।
   श्री यादव ने कहा कि धान खरीदी की तिथि की घोषणा तय नहीं होने से किसान को हतोत्साहित होंगे तथा बिचौलियों को लाभ मिलेगा। आज की स्थिति में अग्रिम किस्म के धान की कटाई शुरु हो गई है और धान खरीदी की तिथी की घोषणा नही होना सरकार द्वारा किसानों के साथ षडयंत्र करना ही है।
प्रदेश के 70 प्रतिशत आबादी की आमदनी धान की बिक्री पर निर्भर है, ऐसे में समय से धान खरीदी शुरु नहीं होना किसानों को नुकसान पंहुचाने की सोची समझी षडयंत्र है। इसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ेगा। पिछले वर्ष का किसानों को अपने उत्पादन की पूरी कीमत अभी तक नहीं मिला है और वर्तमान उत्पादन की बिक्री में दो माह की देर हो रही है। इस स्थिति मे जो सरकार 25 सौ के दम पर सरकार मे आई है वह किसानों को लुटने का काम कर रही है और चार किश्तों मे राशि देकर वाहवाही लुटने का काम कर रही है।
  वर्तमान में मंडियों में धान की आवक शुरु हो गई है। मुख्यमंत्री तीन किसान कानूनों के विरोधी हैं, तो उन्हें सबसे पहले यह करना चाहिए कि कोई भी पंजीकृत किसान बाजार में धान बेचने मजबूर न हो, यदि कॉंग्रेस इस बात से इनकार करती है, तो पहले यह बतावें कि पिछले साल राजनांदगाँव जिले के 9000 पंजीकृत किसान बाजार मे धान बेचने क्यूं मजबूर हो गए?
    कल मंत्रीमंडलीय उपसमिति की बैठक है कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, सहकारिता मंत्री अमरजीत भगत इस बात पर विचार करें कि धान खरीदी में देरी होने से किसको फायदा है। यह सरकार अपने आप को किसानों की सरकार कहती है। यदि आप किसान हितैषी हो तो 1 नवंबर से धान खरीदना चाहिए अन्यथा यह किसानों को समझने मे देर नहीं लगेगी कि यह किसान विरोधी तथा बिचौलियों को लाभ पहुंचाने वाली सरकार है।

रायपुर / शौर्यपथ /
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में मिलेट्स मिशन (लघु धान्य फसलों) के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कृषि विभाग द्वारा मैदानी स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अभी रबी सीजन में राज्य में रागी के फसल प्रदर्शन एवं बीज उत्पादन को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा क्षेत्रवार किसानों का चयन और रकबे का चिन्हांकन किया जा रहा है। रबी सीजन में रागी के फसल प्रदर्शन को लेकर कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। रागी के फसल प्रदर्शन का उद्देश्य राज्य में पर्याप्त मात्रा में उच्च क्वालिटी के बीज का उत्पादन है, ताकि आगामी खरीफ सीजन में कृषकों को उनकी डिमांड के आधार पर रागी बीज मुहैया कराया जा सके।
   यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में कोदो-कुटकी एवं रागी फसल के क्षेत्र विस्तार एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए वर्ष 2022-23 से आगामी 5 वर्षों तक के लिए राज्य में मिलेट्स मिशन लागू किया गया है। इसका उद्देश्य कोदो, कुटकी और रागी की खेती को बढ़ावा देना तथा उत्पादक कृषकों को बेहतर बाजार मूल्य दिलाकर उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। गौरतलब है कि देश के शहरों एवं महानगरों में मिलेट्स की काफी डिमांड है और इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। इसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो, कुटकी एवं रागी की खेती को बढ़ावा देने के साथ ही समर्थन मूल्य पर इसकी खरीदी की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य 3000 रूपए प्रति क्विंटल एवं रागी का समर्थन मूल्य 3377 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। समर्थन मूल्य पर खरीदी छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा की जाएगी। मिलेट्स उत्पादक जिलों में प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं। कोण्डागांव, कांकेर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कोदो-कुटकी एवं रागी प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग कर मार्केटिंग की जा रही है।
राज्य में कृषि विकास योजना अंतर्गत अभी लघु धान्य फसलों के प्रदर्शन के लिए 8 करोड़ 50 लाख रूपए की स्वीकृति एसएलएससी ने दी है। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत ने विभागीय अधिकारियों को छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम से समन्वय स्थापित कर मिलेट्स के बीज की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अभी रबी सीजन में रागी बीज उत्पादन कार्यक्रम एवं फसल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत चयनित कृषकों को तकनीकी मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन देने को कहा है, ताकि राज्य में कोदो, कुटकी, रागी की खेती को बढ़ावा मिलने के साथ ही उन्नत किस्म के बीज का उत्पादन सुनिश्चित हो सके।  

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल पर बातचीत करेंगे। इस संबंध में आप आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर 27, 28 एवं 29 अक्टूबर को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकॉर्ड करा सकते हैं।
 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 23वीं कड़ी का प्रसारण 14 नवंबर 2021 को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा।

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीपावली के अवसर पर कुम्हारों, स्व सहायता समूहों, छोटे कारीगरों से कोई भी कर या शुल्क नहीं लेने और उन्हें पूर्ण सहयोग और समस्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं। ज्ञातव्य है कि इन लोगों द्वारा दीपावली के मौके के लिए विशेष रुप से तैयार की गई सामग्रियों की बिक्री के लिए स्टॉल, दुकानें लगाई जाती हैं। कुम्हार द्वारा दीये, दीप, मूर्तियों, स्व-सहायता समूहों और छोटे कारीगरों द्वारा अनेक सजावटी सामग्री सहित अपने तैयार उत्पादों की बिक्री की जाती है। इन लोगों पर कोई आर्थिक बोझा न पड़े और वे लोग सुविधाजनक रूप से सामग्रियों का विक्रय कर सकें, इसलिए मुख्यमंत्री ने इन लोगों को पूर्ण सहयोग और सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज लखनऊ प्रवास पर रवाना होने के पहले ये आदेश जारी किए।
  मुख्यमंत्री ने इसी कड़ी में आम जनता से भी यह अपील की है कि वे दीपावली के मौके पर स्थानीय कारीगरों द्वारा तैयार सामग्रियां क्रय कर उन्हें भी अपनी खुशियों में शामिल करने की पहल करें।

तीनों नवीन जिलों के गठन के संबंध में छत्तीसगढ़ राजपत्र में 20 अक्टूबर को प्रकाशित की गई सूचना
 नवीन जिलों के प्रस्तावित स्वरूप और सीमाओं के संबंध में आपत्तियां और सुझाव सूचना के प्रकाशन के दिनांक से 60 दिनों की अवधि में किए गए आमंत्रित

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को की गई घोषणा के अनुरूप राज्य शासन द्वारा तीन नये जिलों ’मोहला-मानपुर-अम्बागढ़-चौकी’, ’सक्ती’ और ’सारंगढ़-बिलाईगढ़’ के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तीनों नए जिलों के संबंध में सूचना का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में 20 अक्टूबर 2021 को कर दिया गया है। राजपत्र में प्रकाशित सूचना के अनुसार नये जिलों के संबंध में सूचना के प्रकाशन के दिनांक से 60 दिवस के भीतर प्रस्ताव पर आपत्तियां या सुझाव दिए जा सकते हैं। तीनों नए जिले के संबंध में आपत्तियां या सुझाव, लिखित में, सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन, केपिटल कॉम्पलेक्स, नवा रायपुर अटल नगर जिला रायपुर को उक्त समयावधि की समाप्ति के पूर्व अग्रेषित किया जा सकता है।
नवीन जिला ’मोहला-मानपुर-अम्बागढ़-चौकी’ के गठन के संबंध में राजपत्र में प्रकाशित सूचना की अनुसूची के अनुसार दुर्ग संभाग के राजनांदगांव जिले की सीमाओं को परिवर्तित करना, नये जिले ’मोहला-मानपुर-अम्बागढ़-चौकी’ का सृजन करना तथा उनकी सीमाओं को परिभाषित करना प्रस्तावित किया गया है। अनुसूची के अनुसार नवीन जिला ’मोहला-मानपुर-अम्बागढ़-चौकी’ के गठन के लिए परिवर्तन का स्वरूप जिला राजनांदगांव के उपखंड मोहला एवं मानपुर तथा तहसील मोहला, मानपुर एवं अम्बागढ़ चौकी को समाविष्ट कर नवीन जिला ’’मोहला-मानपुर-अम्बागढ़-चौकी’ का सृजन प्रस्तावित किया गया है। प्रकाशित सूचना के अनुसार इस नवीन जिले की सीमाएं- उत्तर-तहसील छुरिया जिला राजनांदगांव, दक्षिण सीमा-तहसील दुर्गकोंदल एवं पंखाजुर, जिला उत्तर बस्तर कांकेर, पूर्व सीमा-तहसील डौण्डी एवं डौण्डी-लोहारा जिला बालोद, पश्चिम सीमा- महाराष्ट्र राज्य की सीमा प्रस्तावित की गई है।
नवीन जिला ’सक्ती’ के गठन के संबंध में राजपत्र में प्रकाशित सूचना की अनुसूची के अनुसार बिलासपुर संभाग के जिला जांजगीर-चाम्पा की सीमाओं को परिवर्तित करना, नवीन जिला ’सक्ती’ का सृजन करना तथा उनकी सीमाओं को परिभाषित करना प्रस्तावित किया गया है। अनुसूची के अनुसार नवीन जिला सक्ती के गठन के संबंध में परिवर्तन का स्वरूप जिला जांजगीर-चाम्पा के उपखंड सक्ती एवं डभरा तथा तहसील सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर, नया बाराद्वार तथा डभरा को समाविष्ट कर नवीन जिला सक्ती का सृजन प्रस्तावित किया गया है। इस नवीन जिले की सीमाएं उत्तर- तहसील करतला, जिला कोरबा, दक्षिण सीमा-तहसील सारंगढ़, जिला रायगढ़, पूर्व सीमा- तहसील खरसिया एवं रायगढ़ जिला रायगढ़, पश्चिम सीमा-तहसील सारागांव एवं बम्हनीडीह, जिला जांजगीर-चाम्पा प्रस्तावित की गई है।
इसी प्रकार नवीन जिला ’सारंगढ़-बिलाईगढ़’ के गठन के संबंध में राजपत्र में प्रकाशित सूचना की अनुसूची के अनुसार बिलासपुर संभाग के जिला रायगढ़ एवं बलौदाबाजार-भाटापारा की सीमाओं को परिवर्तित करना, नवीन जिला ’सारंगढ़-बिलाईगढ़’ का सृजन करना तथा उनकी सीमाओं को परिभाषित करना प्रस्तावित किया गया है। नवीन जिला ’सारंगढ़-बिलाईगढ़’ के गठन के परिवर्तन का स्वरूप जिला रायगढ़ के उपखंड सारंगढ़, तहसील सारंगढ़ एवं बरमकेला तथा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के उपखंड बिलाईगढ़ तथा तहसील बिलाईगढ़ को समाविष्ट करते हुए नवीन जिला ’सारंगढ़-बिलाईगढ’़ का सृजन प्रस्तावित किया गया है। इस नवीन जिले की सीमाएं उत्तर-तहसील पुसौर जिला रायगढ़ तथा तहसील डभरा, जिला जांजगीर-चाम्पा, दक्षिण सीमा-तहसील सरायपाली, जिला महासमुंद, पूर्व सीमा-तहसील अम्बाभौना, जिला बरगढ़ (उड़िसा), पश्चिम सीमा-तहसील कसडोल, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा प्रस्तावित की गई है।

कबीरधाम जिले की महिलाओं ने इस सहयोग के लिए मंत्री श्री अकबर को आशीर्वाद दिए, महिलाओं ने कहा इस बार अच्छे से मनाएं दीवाली तिहार

बाकी 1328 महिलाओं को नगरपालिका, पार्षद, एल्डरमेन एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से किया जाएगा वितरण  

 

कवर्धा । शौर्यपथ ।   छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री व कवर्धा विधायक  मोहम्मद अकबर अपने स्वेच्छा अनुदान मद से कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के 1438 विधावा महिलाओं को लगभग 72 लाख रूपए आर्थिक मदद पहुंचाएंगे। प्रत्येक महिलाओं के लिए पांच-पांच हजार रूपए की स्वीकृति दी गई है।

मंत्री अकबर ने आज यहां कलेक्ट्रोरेट कार्यालय के सभा कक्ष में कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र के 110 महिलाओं को पांच-पांच हजार रूपए का चेक वितरण किया। कवर्धा नगर पालिका निवासी पदमा कहार, सरोजनी कुंभकार, शिवकुमारी निषाद, सरस्वती ठाकुर, जानकी यादव, दुर्गा राजपुत, सुरेखा कौशिक सहित सौकड़ों महिलाओं ने दीवापाली त्यौहार से ठीक पहले पांच-पांच हजार रूपए आर्थिक सहयोग करने के लिए मंत्री श्री अकबर को धन्यवाद दिए है। महिलाओं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विधिवा महिलाओं के लिए यह आर्थिक सहयोग किसी संजीवनी से कम नहीं नहीं है। हम सब अच्छे से दिपावली का त्यौहार मना सकते है। जरूरत के हिसाब से बच्चों व परिवार के लिए नए -नए कपडे भी खरीद सकते है।  

उल्लेखनीय है कि कैबिनेट मंत्री अकबर कोविड संक्रमण के दौर से कबीरधाम जिले के जरूरतमंद लोगों को सीधे तौर पर आर्थिक मदद पहुंचा रहे है। कोविड संक्रमण काल में उन्होने लगभग 50 लाख रूपए से अधिक का सहयोग भी दे चुके है। मंत्री अकबर ने आज चेक वितरण करते हुए कहा कि शेष महिलाओं को पांच-पांच रूपए का चेक दिए जाएंगे। पूरे प्रदेश में कवर्धा विधानसभा पहला विधानसभा बनी है, जहां अपने स्वेच्छा अनुदान मद से विधवा महिलाओं के लिए सीधे तौर पर आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है।

वन, परिवहन मंत्री तथा कवर्धा विधायक  मोहम्मद अकबर अपने संक्षिप्त उद्वबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं, गांव-गरीब, किसानों, युवाओं की सरकार है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों से लेकर अंतिम व्यक्ति को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। इस अवसर पर कलेक्टर  रमेश कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, जिला पंचायत सीईओ  विजय दयाराम के. डीएफओ दिलराज प्रभाकर, क्रेडा के सदस्य श्री कन्हैया अग्रवाल,  कलीम खान,  नीलकंठ चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष  जमील खान, सभापति  नरेन्द्र देवांगन,  भीखम कोसले,  प्रमोद लुनिया, श्रीमती अरूधंति चंद्रवंशी, श्रीमती सुशीला धुर्वे,  चुनवा खान,  नरेन्द्र धुर्वे, श्रीमती सुष्मा सिन्हा,  संतोष यादव, श्रीमती जानकी जायसवाल, श्रीमती महिमा गुप्ता,  अशोक सिंह,  उत्तम गोप,  मोहित माहेश्वरी,  सुनील साहू, श्रीमती भारती सतनामी सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

कबीरधाम। शौर्यपथ ।  छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर एक दिवसीय दौरे पर कबीरधाम जिला पहुंचे, जहां समर्थकों ने उनका जगह-जगह भव्य स्वागत किया।

बता दे कि लगभग 500 गाड़ियां मंत्री मो. अकबर के काफिले में लगकर अगुवाई कर रही थी। यह नजारा देख समर्थक झूम उठे। वही तय कार्यक्रम के अनुसार मंत्री अकबर ग्राम कुसुमघटा पहुंचे और श्रीमद भागवत कार्यक्रम में शामिल हुए और विधिवत पूजा अर्चना कर छत्तीसगढ़ की सुख समृद्धि की कामना की।

इसके बाद मंत्री मोहम्मद अकबर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां पर 1438 विधवा महिलाओं को 5-5 हज़ार चेक प्रदान किया। वही हितग्राहियों का कहना था कि इससे पहले भी सरकार रही लेकिन उन्होंने बेसहाराओं का कभी नही सोचा। एक अकबर जी हैं, जिन्होंने त्यौहार के पहले हमें राशि उपलब्ध करा कर हमारी आर्थिक मदद की है, अब हमारी दीवाली अच्छे से मनेगी।

 एक हितग्राही ने बताया में रोजी मजदूरी करके जीवन यापन करती हूं। मेरे छोटे छोटे बच्चे है, जिनके लिए इन पैसों से त्यौहार में नया कपड़ा खरीदूंगी और कुछ पैसा राशन के लिए बचाऊंगी।

दिवाली से पहले राशि का वितरण कर मंत्री मोहम्मद अकबर ने निश्चित इन विधवा महिलाओं की जिंदगी में रोशनी की। विधवा महिलाओं की खुशी उनके चेहरों पर झलक रही थी। उन सभी ने मंत्री अकबर को दिवाली की शुभकामनाएं दी और आशीर्वाद भी दिया। इस अवसर पर नीलू चंद्रवंशी,कन्हैया अग्रवाल, श्याम तम्बोली, तुकाराम चंद्रवंशी, राजू खान, मनीष शर्मा ,नवीन जायसवाल, महेन्द्र कुम्भकार ,कलीम खान,घनश्याम चंद्रवंशी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 28 से 30 अक्टूबर तक तथा राज्योत्सव का आयोजन रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में 01 नवम्बर को होगा

31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री वल्लभ भाई पटेल के व्यक्त्वि और कृतित्व पर फोटो प्रदर्शनी और संगोष्ठी का होगा आयोजन

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में 7 देशों के नर्तक दलों सहित 27 राज्यों और 6 केन्द्र शासित प्रदेशों के 59 आदिवासी नर्तक दल देंगे रंगारंग प्रस्तुति

आदिवासी नर्तक दलों के भव्य मार्चपास्ट के साथ होगा राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आगाज: प्रतिदिन 20-20 दलों द्वारा दी जाएगी प्रस्तुति

रायपुर /शौर्यपथ/

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव

राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में 28 अक्टूबर को भव्य समारोह में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ होगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में देश और विदेश के आदिवासी नर्तक दलों द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दी जाएगी। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में 7 देशों के नर्तक दल सहित देश के 27 राज्यों तथा 6 केन्द्र शासित प्रदेशों के 59 आदिवासी नर्तक दल शामिल हो रहे हैं। इन नर्तक दलों में लगभग 1000 कलाकार शामिल होंगे, जिनमें 63 विदेशी कलाकार होंगे।

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने आयोजन स्थल पर की जा रही तैयारियों, विदेशों तथा देश के अन्य राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से आने वाले आदिवासी नृत्य दलों तथा अतिथियों के रूकने की व्यवस्था, परिवहन व्यवस्था, पांच दिनों तक आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन साईंस कॉलेज मैदान में 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक किया जाएगा, 31 अक्टूबर को रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय  इंदिरा गांधी और पूर्व उप प्रधानमंत्री स्वर्गीय  वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केन्द्रित फोटो प्रदर्शनी, संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, इंदिरा गांधी पर बनाई गई डॉक्यूमेंटरी फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा तथा भजन संध्या भी आयोजित की जाएगी। राज्य स्थापना दिवस एक नवम्बर को राज्य अलंकरण समारोह आयोजित किया जाएगा। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली हस्तियों को 33 अलंकरण सम्मान प्रदान किए जाएंगे।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ 28 अक्टूबर को भव्य समारोह में किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल हो रहे आदिवासी नर्तक दलों द्वारा मार्चपास्ट किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में युगाण्डा, उत्तर प्रदेश, फिलीस्तीन, सिक्किम और छत्तीसगढ़ के आदिवासी नर्तक दलों द्वारा अपनी प्रस्तुति दी जाएगी। इस महोत्सव में शामिल होने के लिए नाइजीरिया का दल नई दिल्ली पहुंच चुका है। यह दल 25 अक्टूबर को रायपुर पहुचेगा। नृत्य महोत्सव में शामिल होने के लिए विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से नर्तक दल 25 और 26 अक्टूबर को रायपुर के लिए रवाना होंगे। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के नर्तक दल दो विधाओं विवाह संस्कार तथा अपने राज्य की अन्य पारंपरिक विधाओं में अपनी प्रस्तुति देंगे। दोनों विधाओं में प्रथम तीन स्थान पर रहने वाले नर्तक दलों को कुल 20 लाख रूपए की पुरस्कार राशि, प्रमाण पत्र और ट्राफी प्रदान की जाएगी। प्रत्येक विधा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले दल को 5 लाख रूपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले दल को 3 लाख रूपए तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले दल को 2 लाख रूपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का यह द्वितीय आयोजन है। देश विदेश में इस आयोजन को काफी लोकप्रियता मिली है। इस वर्ष आयोजित हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में श्रीलंका, उज्बेकिस्तान, स्वाजीलैण्ड, नाइजीरिया, पेलेस्टीन, माले और युगांडा के नर्तक दल हिस्सा लेंगे। मोरक्को के दल की भी इस आयोजन में शामिल होने की संभावना है।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, प्रतिदिन 20-20 आदिवासी नर्तक दलों द्वारा अपनी प्रस्तुति दी जाएगी। महोत्सव के दौरान आदिवासियों की जीवन शैली, आदिवासी संस्कृति पर केन्द्रित प्रदर्शनी लगाई जाएगी तथा संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों के स्टाल भी होंगे। प्रदर्शनी में हाथकरघा वस्त्रों और हस्तशिल्प के स्टाल भी लगाए जाएंगे। विदेशों तथा अन्य राज्यों से आने वाले नर्तक दलों के रूकने की व्यवस्था रायपुर के विभिन्न होटलों और मेरिज हॉल में की गई है। आयोजन के सुचारू संचालन और व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और विभिन्न विभागों के लगभग 3500 अधिकारियों-कर्मचारियों को तैनात किया गया है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन स्थल पर ट्राइबल डांस एरिया और स्पीकर लाउंज के साथ-साथ लाइव शोकेस एरिया, ट्राइबल इंस्पायर्ड एग्जीबिट, शिल्प-ग्राम और फूड-एरिया भी होगा।

बैठक में पर्यटन मंत्री  ताम्र्र्रध्वज साहू, वन मंत्री  मोहम्मद अकबर, संस्कृति मंत्री  अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री  उमेश पटेल, मुख्य सचिव  अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव उद्योग श्री मनोज कुमार पिंगुआ, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., जनसम्पर्क सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, जनसम्पर्क आयुक्त श्री दीपांशु काबरा, पुलिस महानिरीक्षक  आनंद छाबड़ा, संचालक संस्कृति  विवेक आचार्य, छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के प्रबंध संचालक  यशवंत कुमार, कलेक्टर रायपुर  सौरभ कुमार और पुलिस अधीक्षक रायपुर  प्रशांत अग्रवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राजधानी में 2 नवंबर तक आयोजित 10 दिवसीय छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला का किया शुभारंभ

दीवाली मेला में खरीदा गया हर उत्पाद किसी आदिवासी परिवार का करेगा जीवन रोशन

मुख्यमंत्री ने वनोपज ‘तिखुर’ से बनी मिठाईयों का चखा स्वाद

रायपुर /शौर्यपथ/

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आज शाम 24 अक्टूबर से 2 नवंबर तक

आयोजित 10 दिवसीय छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम 24 अक्टूबर से 2 नवंबर तक आयोजित 10 दिवसीय छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला का शुभारंभ किया। राजधानी के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के 130 से अधिक उत्पाद 15 प्रतिशत की छूट पर उपलब्ध है। इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  मोहम्मद अकबर, महापौर नगरपालिक निगम  एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक  कुलदीप जुनेजा, राज्य लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष  भरत साय उपस्थित थे।

राजधानी के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के 130 से अधिक उत्पाद 15 प्रतिशत की छूट पर उपलब्ध है। इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  मोहम्मद अकबर, महापौर नगरपालिक निगम एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक  कुलदीप जुनेजा, राज्य लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष श्री भरत साय उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री  बघेल ने इसका शुभारंभ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी-वनवासी परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने में लघु वनोपजों के उत्पाद का महत्वपूर्ण स्थान है। इस पर हमें गर्व है कि लघु वनोपज संघ वन विभाग के सतत् प्रयत्नों से राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र तथा वनांचल के निवासियों का सतत् उत्थान हो रहा है। मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला में लगाए गए आयुष स्टॉल और घरेलू उत्पाद स्टॉल, कोदो-कुटकी उत्पाद स्टॉल, आयुर्वेदिक चिकित्सालय, गढ़कलेवा खाद्य उत्पाद स्टॉल और हथकरघा एवं माटी कला बोर्ड तथा शबरी एम्पोरियम आदि हर एक स्टॉल का अवलोकन कर उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस दौरान जिला यूनियन धमतरी द्वारा वनोपज ‘तिखुर’ से बने उत्पाद जलेबी, बर्फी तथा हलवा का भी स्वाद लिया और इसे छत्तीसगढ़ के स्वादिष्ट पकवान बताते हुए सराहना की। उन्होंने छत्तीसगढ़ के तिखुर से बने पकवान का प्रचार-प्रसार के लिए नगर निगम से भी दुकान आवंटन हेतु आवश्यक पहल करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने इस दौरान माटी कला बोर्ड के स्टॉल में इलेक्ट्रिक चाक से मिट्टी का दीया बनाकर परम्परागत व्यावसायियों को प्रोत्साहित भी किया।

झिटकू-मिटकी कला तथा हैण्डलूम उत्पाद के स्टाल भी हैं।

इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पारम्परिक व्यंजनों का स्वाद वहां गढ़कलेवा के

इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश के निवासियों को उनके अपने ब्रांड छत्तीसगढ़ हर्बल्स से परिचय कराना है। उन्हें उस स्नेह एवं लगन की शुद्धता से भी परिचय कराना है, जो स्व-सहायता समूह की महिलाएं छत्तीसगढ़ हर्बल्स के इन उत्पादों में डालती हैं। मेला में इस दीवाली खरीदा गया हर छत्तीसगढ़ हर्बल्स उत्पाद किसी आदिवासी अथवा वनवासी परिवार का जीवन रोशन करेगा।

स्टॉल में ले सकते हैं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन  मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख  राकेश चतुर्वेदी, प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ  संजय शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक  पी.सी. पांडेय,  के.मुरूगन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक  सुनील मिश्रा, अपर प्रबंध संचालक द्वय  एस.एस. बजाज एवं आनंद बाबू आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के आयुर्वेदिक उत्पाद, खाद्य उत्पाद और विभिन्न प्रकार के घरेलू उत्पाद की खरीदी कर सकते हैं। यह उत्पाद 6 हजार से अधिक स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए हैं, जो दुर्गम क्षेत्रों में स्थित 50 से अधिक वनधन विकास केन्द्रों में कार्यरत हैं। छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला में इसके अतिरिक्त 11 अन्य स्व-सहायता समूहों और कृषक समितियों के 60 से अधिक उत्पाद भी प्रदर्शनी में शामिल है। मेला में लोगों की सेहत का ध्यान रखने के लिए परम्परागत वैद्य भी हैं। इस अवसर पर आदिवासी नृत्य समूह द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी जाएगी। मेले में अन्य आकर्षण बांस शिल्प, छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध झिटकू-मिटकी कला तथा हैण्डलूम उत्पाद के स्टाल भी हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पारम्परिक व्यंजनों का स्वाद वहां गढ़कलेवा के स्टॉल में ले सकते हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन  मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख  राकेश चतुर्वेदी, प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ  संजय शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक  पी.सी. पांडेय,  के.मुरूगन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक  सुनील मिश्रा, अपर प्रबंध संचालक द्वय  एस.एस. बजाज एवं  आनंद बाबू आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री की ग्रामीण व्यवसायियों को बड़ी सौगात, ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार टैक्स पसरा शुल्क होगा समाप्त

मण्ड़ियों और बाजारों में पसरा आंबटन में मरार समाज के लोगों को मिलेगी प्राथमिकता

शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष को केबिनेट मंत्री का दर्जा देने का ऐलान

मरार समाज के सामुदायिक भवन के लिए रियायती दर पर मिलेगी शासकीय भूमि

मरार पटेल समाज का एकीकरण ऐतिहासिक: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

मरार समाज की तीन बिरादरियां सामाजिक रूप से एक हुई

रायपुर /शौर्यपथ /

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने शाकम्भरी जयंती-छेर-छेरा

पुन्नी के अवसर पर राज्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने शाकम्भरी जयंती-छेर-छेरा पुन्नी के अवसर पर राज्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ मरार पटेल महासंघ के पदाधिकारियों की मांग पर राज्य के ग्रामीण अंचल के बाजारों में पसरा शुल्क समाप्त करने, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष को केबिनेट मंत्री का दर्जा देने, मरार पटेल समाज के लोगों की बहुलता वाले इलाकों में सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए रियायती दर पर भूमि एवं शासन की ओर से राशि स्वीकृत किए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित स्वर्गीय बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ मरार पटेल महासंघ द्वारा आयोजित सामाजिक एकीकरण, शपथ ग्रहण एवं सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ मरार पटेल महासंघ के पदाधिकारियों

की मांग पर राज्य के ग्रामीण अंचल के बाजारों में पसरा शुल्क समाप्त करने, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष को केबिनेट मंत्री का दर्जा देने, मरार पटेल समाज के लोगों की बहुलता वाले इलाकों में सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए

मुख्यमंत्री ने राज्य के ग्रामीण अंचल में नाले के किनारे स्थित शासकीय भूमि को मरार समाज की महिला स्व-सहायता समूहों को सामुदायिक बाड़ी के लिए उपलब्ध कराए जाने, मंडी एवं बाजारों में दुकान एवं पसरा आबंटन में मरार समाज को प्राथमिकता देने की भी घोषणा की। छत्तीसगढ़ राज्य के मरार पटेल समाज की तीन बड़ी बिरादरियों के एकीकरण पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन मरार पटेल समाज के लिए ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने समाज के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छत्तीसगढ़ मरार (पटेल) महासंघ के पदाधिकारियों, समाज के सभी वरिष्ठ जनों, युवाओं, माताओं और बहनों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में मरार पटेल समाज की तीन प्रमुख बिरादरियां हरदिया, कोसरिया एवं भोयरा बिरादरी के लोगों ने सामाजिक एकीकरण का संकल्प लिया।

इस समारोह में पूरे प्रदेश के कोने-कोने से मरार पटेल समाज के पदाधिकारी एवं सामाजिक बन्धु हजारों की संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री  रविन्द्र चौबे, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष  राम कुमार पटेल, छत्तीसगढ़ मरार पटेल महासंघ के अध्यक्ष  देवचरण पटेल, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम पटेल, महा सचिव श्री विजय पाटिल, संयोजक  पवन पटेल,  आत्मा राम पटेल, राजेन्द्र नायक पटेल सहित अन्य पदाधिकारी कार्यक्रम में मंचस्थ थे।

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि मरार पटेल समाज के लोग स्वाभिमानी एवं मेहनतकश माटी पुत्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मरार पटेल समाज, महिलाओं को उनका हक और सम्मान देने के मामले में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार समाज के सभी वर्गाें के सम्मान और भलाई के लिए काम कर रही है। कुपोषण दूर करना, शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्हांने कहा कि सुराजी गांव योजना के अंतर्गत शामिल बाड़ी विकास कार्यक्रम वास्तव में मरार पटेल समाज की तरक्की के लिए है। बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत फल, फूल और सब्जी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त की राशि एक नवम्बर राज्योत्सव के अवसर पर जारी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने समारोह में शाकम्भरी बोर्ड तथा कृषक कल्याण परिषद के मरार समाज के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को छत्तीसगढ़ मरार पटेल महासंघ की ओर से सम्मानित किया। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री  रविन्द्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल राज्य की जनता से किए अपने एक-एक वायदे को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने किसानों की कर्जमाफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, सिंचाई कर की माफी का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार समाज के सभी वर्ग के लोगों का ध्यान रख रही है। कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ मरार पटेल महासंघ के पदाधिकारियों ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ मरार पटेल महासंघ के पदाधिकारियों एवं समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का अभूतपूर्व स्वागत और अभिनंदन पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शाकम्भरी बोर्ड के सदस्य  दुखवा पटेल, हरी पटेल एवं किसान कल्याण परिषद के सदस्यगण सहित मरार पटेल समाज के सभी जिलों एवं मण्डलों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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