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रायपुर /शौर्यपथ/
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के र्साइंस कॉलेज मैदान में 28 अक्टूबर को पूर्वान्ह 11 बजे ‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ एवं ’राज्योत्सव 2021’ का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रुप में करेंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके 28 अक्टूबर को रात्रि 8 बजे आयोजित ‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ के कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी। अगले दिन 29 अक्टूबर को शाम 8 बजे आयोजित होने वाले कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री एस.चरणजीत सिंह चन्नी मुख्य अतिथि होंगे। इस महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर के अनेक जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।
‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ एवं ’राज्योत्सव 2021’ का आयोजन 28 अक्टूबर से 01 नवम्बर तक किया जा रहा है, 28 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल पर केन्द्रित प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी तथा 01 नवम्बर को राज्य अलंकरण एवं राज्योत्सव समापन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। सभी कार्यक्रम रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित किए जाएंगे।
रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 28 अक्टूबर को आयोजित उद्घाटन समारोह में राज्यसभा सांसद के.सी वेणुगोपाल, पी.एल. पुनिया, बी.के. हरिप्रसाद, लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भक्तचरण दास और वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला अतिविशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, लोकसभा सांसद सुनील सोनी, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री विकास उपाध्याय, कुंवर सिंह निषाद, द्वारिकाधीश यादव, विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, बृजमोहन अग्रवाल, कुलदीप जुनेजा शामिल होंगे। उद्घाटन समारोह में समस्त सांसद, विधायक, संसदीय सचिव, निगम, मंडल, आयोग, जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा नगर निगमों के महापौरों की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव 2021 अंतर्गत 28 अक्टूबर को रात्रि 8 बजे आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके मुख्य अतिथि होंगी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, लोकसभा सांसद सुनील सोनी, संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज, विकास उपाध्याय, कुंवर सिंह निषाद, द्वारिकाधीश यादव, विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, बृजमोहन अग्रवाल, कुलदीप जुनेजा शामिल होंगेे।
अगले दिन 29 अक्टूबर को रात्रि 8 बजे रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव 2021 अंतर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री एस.चरणजीत सिंह चन्नी मुख्य अतिथि होंगे। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, गृह एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, लोकसभा सांसद श्री सुनील सोनी, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, विकास उपाध्याय, श्री कुंवर सिंह निषाद, श्री द्वारिकाधीश यादव, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, श्री धनेंद्र साहू, श्री बृजमोहन अग्रवाल, श्री कुलदीप जुनेजा शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 30 अक्टूबर को रात्रि 8 बजे साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल, लोकसभा सांसद श्री सुनील सोनी, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री विकास उपाध्याय, श्री कुंवर सिंह निषाद, श्री द्वारिकाधीश यादव, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, बृजमोहन अग्रवाल, कुलदीप जुनेजा शामिल होंगे। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के तीन दिनों तक आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों में समस्त सांसद, विधायक, संसदीय सचिव, निगम, मंडल, आयोग, जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा नगर निगमों के महापौरों की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
रायपुर /शौर्यपथ/
छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डॉटा आयोग 27 अक्टूबर को जिला मुख्यालय महासमुन्द और गरियाबंद के दौरे पर रहेगा। आयोग वहां अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के संगठनों एवं प्रतिनिधियों से चर्चा करेगा। आयोग के अध्यक्ष एवं सचिव रायपुर से सवेरे 10 बजे कार द्वारा रवाना होकर पूर्वान्ह 11.30 बजे महासमुन्द पहुंचेंगे और वहां कलेक्टर द्वारा निर्धारित किए गए स्थान पर अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के संगठनों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक में चर्चा करेंगे। आयोग के अध्यक्ष और सचिव महासमुन्द से दोपहर 2.30 बजे रवाना होकर 3.30 बजे गरियाबंद पहुंचेंगे और वहां शाम 4 बजे अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के संगठनों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक में चर्चा करेंगे।
आयोग ने दोनों जिलों के कलेक्टरों को अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों को बैठक के संबंध में सूचित करने कहा है। राज्य शासन द्वारा गठित छत्तीसगढ़ क्वांटिफायबल डॉटा आयोग प्रदेश की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डॉटा एकत्रित करने प्रदेश भर में पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के संगठनों एवं प्रतिनिधियों से चर्चा कर आंकड़े जुटा रहा है। भ्रमण के दौरान आयोग डाटा एकत्रीकरण, सत्यापन कार्यों का अवलोकन कर रहा है। मोबाइल एप के माध्यम से भी आयोग द्वारा सर्वे किया जा रहा है।
रायपुर /शौर्यपथ/
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पटाखों के उपयोग के संबंध में जारी निर्देशों का राज्य में संबंधितों को शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित करने के संबंध में राज्य शासन द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। इस संबंध में जारी निर्देश के तहत जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा या संतोषजनक अथवा मध्यम श्रेणी हो, वहां केवल हरित पटाखे ही विक्रय तथा उपयोग किए जाये। दीपावली, छठ, गुरूपर्व तथा नया वर्ष/क्रिसमस इत्यादि के अवसर पर पटाखों को फोड़ने की अवधि भी दो घंटे ही निर्धारित की गई है। साथ ही अपर मुख्य सचिव आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा राज्य में सभी जिला कलेक्टरों तथा पुलिस अधीक्षकों को इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सहित कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके तहत ऐसे शहरों में हरित पटाखों के फोड़े जाने की अवधि दीपावली पर्व पर रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक, छठ पूजा पर प्रातः 6 बजे से प्रातः 8 बजे तक, गुरूपर्व पर रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक और नया वर्ष अथवा क्रिसमस पर रात्रि 11.55 बजे से 12.30 बजे तक निर्धारित की गई है। इसी तरह पटाखों के उपयोग के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देश के अनुरूप कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाले इम्प्रूव्ड एवं हरित पटाखों की बिक्री केवल लायसेंस्ड ट्रेडर्स द्वारा की जा सकेगी। केवल उन्हीं पटाखों को उपयोग के लिए बाजार में बेचा जा सकेगा, जिनसे उत्पन्न ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो। सीरीज पटाखे अथवा लडियों की बिक्री, उपयोग तथा निर्माण प्रतिबंधित किया गया है। पटाखों के ऐसे निर्माताओं का लायसेंस भी रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनके द्वारा पटाखों में लिथीयम, आरसेनिक, एन्टिमनी, लेड एवं मर्करी का उपयोग किया गया है। ऑनलाइन अर्थात् ई-व्यापारिक वेबसाइटों जैसे-फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि से पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित रहेगा।
रायपुर. /शौर्यपथ/
आदिवासी नृत्य महोत्सव में भाग लेने रायपुर पहुंचे श्रीलंका, फिलीस्तीन और नाइजीरिया के प्रतिभागी इस आयोजन को लेकर काफी उत्साहित हैंश्रीलंका से आए नर्तकों के दल ने इस आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे यहां अपने नृत्य प्रदर्शन को लेकर काफी उत्सुक हैं
आदिवासी नृत्य महोत्सव में भाग लेने रायपुर पहुंचे श्रीलंका, फिलीस्तीन और नाइजीरिया के प्रतिभागी इस आयोजन को लेकर काफी उत्साहित हैं। फिलीस्तीन से आए दल ने कहा कि वे इस भव्य और खूबसूरत आयोजन का हिस्सा बनकर बेहद खुश हैं। वे यहां अपने देश का परंपरागत ‘दपका’ नृत्य प्रस्तुत करेंगे। वहीं नाइजीरिया से आए दल ने कहा कि वे भारत और छत्तीसगढ़ में हुए अपने स्वागत से अभिभूत हैं। आदिवासी नृत्य महोत्सव में हिस्सा लेने को लेकर वे सभी काफी उत्साहित हैं। छत्तीसगढ़ भ्रमण के लिए बहुत अच्छी जगह है। श्रीलंका से आए नर्तकों के दल ने इस आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे यहां अपने नृत्य प्रदर्शन को लेकर काफी उत्सुक हैं और वे बेताबी से इसका इंतजार कर रहे हैं।
रायपुर /शौर्यपथ/
राजधानी के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में आयोजित छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला की रौनक दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
राजधानी के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में आयोजित छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला की रौनक दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में यह मेला राज्य लघु वनोपज संघ के तत्वाधान में 02 नवम्बर तक आयोजित है।
मेला में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के 130 से अधिक उत्पाद 15 प्रतिशत की छूट पर उपलब्ध है। प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला ने बताया कि मेला में प्रतिदिन संध्या 7 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आकर्षक प्रस्तुति भी दी जा रही है। मेला में कोदो-कुटकी, रागी, तिखुर के व्यंजन व पकवान तथा गढ़कलेवा आदि फूड जोन के अलावा बच्चों के लिए निःशुल्क छूला की व्यवस्था है। साथ ही यहां आयुर्वेदिक चिकित्सालय का स्टाल भी लगाया गया है। इसमें निःशुल्क नाड़ी परीक्षण और वैद्य परामर्श की सुविधा उपलब्ध है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स दीवाली मेला में लगाए गए आयुर्वेदिक चिकित्सालय के स्टाल में राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों से विभिन्न गंभीर बीमारियों के इलाज में पारंगत वैद्य अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके द्वारा निःशुल्क वैद्य परामर्श सहित नाड़ी परीक्षण का कार्य किया जा रहा है। इनमें पथरी, गठिया, वात, सिकलिंग आदि बीमारियों के इलाज में पारंगत वैद्यराज रामप्रसाद निषाद नारायणपुर क्षेत्र से शामिल है। इसी तरह सफेद पानी, प्रदर, त्वचा रोग, नाड़ी विज्ञान आदि में पारंगत वैद्यराज झुमुकलाल- कवर्धा, कैंसर, शुगर, बवासीर, सायटिका, लकवा, ट्यूमर आदि बीमारी में पारंगत वैद्यराज रामविलास काशी-बलरामपुर तथा वातरोग, मधुमेह आदि में पारंगत वैद्यराज श्री बिरेन्द्र बच-कटघोरा शामिल है। इसके अलावा पीलिया, सामान्य रोग में पारंगत वैद्यराज श्री महादेव धु्रव-गरियाबंद और पीलिया, नेत्ररोग आदि बीमारियों में पारंगत वैद्यराज श्री समधु बघेल-बस्तर द्वारा अपनी-अपनी सेवाएं दी जा रही है।
रायपुर /शौर्यपथ/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में तिलहनी फसलों को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से इस साल रबी सीजन में 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर में तिलहन की विभिन्न फसलों की बुआई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य में तिलहनी फसलों की बुआई शुरू हो चुकी है। कृषि विभाग के अधिकारी किसानों से संपर्क कर उन्हें तिलहनी फसलों की खेती के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित कर रहे हैं। कृषकों को तिलहनी फसलों के प्रमाणित बीज एवं मिनीकिट भी प्रदाय किए जा रहे हैं। तिलहन उत्पादक इलाकों के गौठानों में तेल पेराई के लिए मशीन लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि इस साल रबी सीजन में तिलहनी फसलों के रकबे में 60 हजार हेक्टेयर से अधिक की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। बीते रबी सीजन में राज्य में 2 लाख 17 हजार हेक्टेयर में तिलहनी फसलों की खेती की गई थी। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल दलहनी फसलों के अंतर्गत अलसी की बोनी के लिए 60 हजार हेक्टेयर, राई-सरसों की खेती के लिए 01 लाख 60 हजार हेक्टेयर, तिल के लिए 9000 हेक्टेयर, सूरजमुखी के लिए 6000 हेक्टेयर, कुसुम की खेती के लिए 10 हजार हेक्टेयर तथा मूंगफली की खेती के लिए 35 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में अब तक लगभग 8000 हेक्टेयर से अधिक रकबे में तिलहनी फसलों की बोनी हो चुकी है।
रायपुर शौर्यपथ/
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज कांकेर जिले से पदयात्रा करते आ रहे आदिवासियों के समूह से मिलने बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम पहुंची। यह आदिवासियों का प्रतिनिधिमण्डल करीब दो हजार की संख्या में थे, जो कांकेर जिले के बंडापाल, कोलर परगना, रावघाट क्षेत्र के 58 ग्राम और 14 ग्राम पंचायतों से आए थे। यह प्रतिनिधिमण्डल अपने 58 ग्राम को कांकेर जिले से हटाकर नारायणपुर जिले में शामिल कराने का आग्रह कर रहे थे। राज्यपाल ने उनकी मांगों पर जल्द कार्यवाही करने का आश्वासन दिया और बताया कि जब मुझे ज्ञात हुआ कि आप पैदल चलकर राजधानी पहुंच रहे हैं तो मैंने कांकेर जिला प्रशासन से बात की। उन्होंने मुझे पत्र के माध्यम से सूचना दी है कि इन गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल कराने के लिए, संबंधित गांव के नक्शे संलग्न कर शासन को पत्र लिख दिया गया है। उन्होंने इस संबंध में शासन के उच्च अधिकारियों को जल्द कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि उनके क्षेत्र से कांकेर जिला 150 किलोमीटर दूर पड़ता है, जिससे जिला मुख्यालय जाने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं नारायणपुर जिला 10 से 20 किलोमीटर पड़ता है और आने-जाने में आसानी होती है। इसलिए वे नारायणपुर जिला में शामिल होना चाहते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि जब से मैंने राज्यपाल का पद संभाला तो यह प्रयास किया कि जो राजभवन आए उनकी समस्याओं को सुनंू और उन्हें दूर करने का प्रयास करूं। इसके पूर्व भी बीजापुर के ग्रामीण अपनी समस्या लेकर आए थे तो मैंने बस्तर प्रवास के दौरान संभाग के अधिकारियों को उनकी समस्या के समाधान करने के निर्देश दिए थे। इसके पूर्व अति पिछड़ी जनजाति के लोग राजभवन आए थे और सरकारी पदों में भर्ती न होने की जानकारी दी थी। मैंने अधिकारियों को इस संबंध में तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 13 जिले और पांच जिले आंशिक रूप से अनुसूचित क्षेत्रों में आते हैं। इन क्षेत्रों में आदिवासियों के हितों के संरक्षण का दायित्व राज्यपाल के ऊपर है। मैं इस नाते उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास करती रहती हूं। सुश्री उइके ने प्रतिनिधिमण्डल से आग्रह किया कि वे पैदल चल कर आए हैं, मगर मैंने जिला प्रशासन से बातकर वापस जाने के लिए बस और खाने-पीने का इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदिवासियों से कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करने और टीका लगाने की भी अपील की। राज्यपाल ने आदिवासियों की समस्याएं सुनीं और उनके साथ लोक नृत्य भी किया और वाद्य यंत्र भी बजाया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो तथा आदिवासी समाज के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ/
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने राज्य के किसान भाईयों से गौठानों में गौ माता के चारे की व्यवस्था के लिए पैरा-दान करने की अपील की है। किसान भाईयों के नाम जारी अपनी अपील में मुख्यमंत्री ने कहा है कि आप सब को मालूम है कि राज्य के गांवों में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सुराजी गांव योजना के तहत गौठान बनाए गए है। इन गौठानों में गोधन के चारे एवं पानी का निःशुल्क प्रबंध गौठान समितियों द्वारा किया गया है। पशुधन के लिए गौठानों में सूखे चारे का पर्याप्त प्रबंध हो सके इसके लिए किसान भाईयों से आग्रह है कि धान की कटाई के बाद खेतों में पैरा को जलाने की बजाय अपने गांव की गौठान समिति को बीते वर्ष भांति इस साल भी पैरा-दान करें। इससे गोधन के लिए चारे का इंतजाम करने में समितियों को आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने गोधन के चारे के लिए सर्वाधिक पैरा-दान करने वाले कृषक एवं सर्वाधिक पैरा एकत्र करने वाली गौठान प्रबंध समिति को विकासखंड स्तर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गौठानों में पैरा-दान से चारे की व्यवस्था के लिए कलेक्टरों को प्रेषित अपने पत्र में कहा है कि राज्य में धान फसल की कटाई बहुतायत रूप से कंबाईन हार्वेस्टर से की जाती है। जिसके फलस्वरूप पैरा खेतों में फैल जाता है। खेतों में फैले हुए पैरा को आमतौर पर किसान भाई एकत्र करने के बजाय जला देते है। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। उन्होंने कलेक्टरों को धान फसल की कटाई के बाद खेतों में फैले हुए पैरे को सुविधानुसार एकत्र कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने इसके लिए कल्टीवेटर के पीछे तार जाली लगाकर या देशी यंत्र कोपर द्वारा खेतों में फैले हुए पैरा को एकत्र कराने तथा बंडल बनवाकर गौठानों में सुरक्षित रूप से रखवाए जाने को कहा है। उन्होंने गौठान प्रबंधन समिति को गौठानों में आने वाले पशुओं की संख्या के मान से पैरा की व्यवस्था करने को कहा है।
रायपुर / शौर्यपथ/
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 1 नवंबर को शाम 6 बजे राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्य अलंकरण एवं राज्योत्सव समापन समारोह की मुख्य अतिथि होंगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल समारोह की अध्यक्षता करेंगे।
समारोह में गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, लोकसभा सांसद सुनील सोनी, संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज, विकास उपाध्याय, कुंवर सिंह निषाद, द्वारिकाधीश यादव, विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, बृजमोहन अग्रवाल, कुलदीप जुनेजा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कार्यक्रम में समस्त सांसद, विधायक, संसदीय सचिव, निगम, मंडल, आयोग, जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा नगर निगमों के महापौरों की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
० महापुरुषों के आड़ में भाजपाई सत्ता ने शासकीय कोष को लूटा : रूपेश दुबे
० महापौर की मजबूत पहल से अकेले पड़े पूर्व मुख्यमंत्री
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने विज्ञान महाविद्यालय का नाम राजनांदगांव जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कन्हैया लाल जी अग्रवाल के नाम पर रखे जाने के निर्णय पर राजनांदगांव के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विरोध को दुर्भाग्य जनक बताते हुए कहा कि भाजपा के पदाधिकारी खुले रूप से पाकिस्तान के झंडे लगाने का दुष्टकृत्य करते हैं उस पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मूकदर्शक बने बैठे रहे पर स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करने से नहीं चूके यह दोहरी भाजपाई मानसिकता का परिचायक है। मात्र अपनी राजनीतिक धरातल को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे डॉ. रमन सिंह पर्यावरण तीर्थ के नाम पर जिले के भाजपा नेताओं को बौना दिखाने पैराशूट भाजपाई के माध्यम से चंदा उगाही और नौटंकी करने के बजाए अपने द्वारा लोकार्पित बर्बादी के मंजर ऑक्सीजन जोन की ही सुध ले लेते तो कुछ बात होती।
प्र्रवक्ता दुबे ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से रिक्त पार्टी भाजपा व उनके लोग भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के चाटुकार बने थे, गोडसे विचारधारा के होने के कारण भी वे सेनानियों के सम्मान व गरिमा को पहचानने नही पा रहे हैं। डॉ साहब ने तो मात्र अपने परिजन स्वार्थ के चलते विषय विहीन पदस्थापना कर विज्ञान महाविद्यालय को कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के रूप में परिवर्तित कर सत्ता का दुरुपयोग किये थे, उसी नाम विहीन कॉलेज को गरिमा देने राजनांदगांव नगर निगम की जुझारू नेतृत्व की धनी महापौर हेमा देशमुख की नेक सोच और महापुरुषों, वीर शहीदों और सामाजिक समरसता को ध्यान में रखते हुए शहर में जो नामकरण का पुनीत कार्य हुआ है, उस सभा मे उनके विधायक प्रतिनिधि, सांसद प्रतिनिधि भाजपा पार्षद दल ने भी सहमति दी, उसके बाद भी उनके विरोध से यह साबित हुआ कि राजनांदगांव में डॉ साहब अकेले हो गए इसीलिए बाहरी व्यक्ति का सहारा लेना बेबसी है। डॉ. रमन के मुख्यमंत्री कार्यकाल के एक वर्षीय वित्तीय वर्ष 2018-19 में तो महापुरुषों के नाम सत्ता का दुरुपयोग कर शासकीय राशि पर डाका डालने का काम किया है, जो गंभीर आर्थिक अपराध है जैसे महाराणा प्रताप की मूर्ति अनावरण पर पंडाल का खर्च 293335 रूपये अटल बिहारी वाजपेई जी के अस्थि विसर्जन के नाम पर पंडाल एवं लाइट का खर्च 381659 रु शिव गंगा आरती के पंडाल का खर्च 378756 रु यहां तक कि नवरात्र में पदयात्री सेवा हेतु पत्रकार संघ पंडाल 410800 रु और तो और राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त में 2189104 रु 26 जनवरी 1299416 रु पंडाल राशि के नाम पर जो खेल हुआ है वह इनके राष्ट्रीयपर्व, महापुरुषों एवं पत्रकार साथियों की आड़ में अपनी जेब भरने वाला अर्थिक अनियमितता है ऐसे में इनसे महापुरुषों, सेनानियों के सम्मान की कल्पना करना भी व्यर्थ है। डॉ. रमन सिंह में जरा भी नैतिकता है तो वह कन्हैया लाल अग्रवाल जी के नामकरण का विरोध करने के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व नेक पहल हेतु महापौर का आभार व्यक्त करें।