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राजनांदगांव। शौर्यपथ/स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा वर्ष 2018 में हर विकासखंड में एक प्रायमरी और एक मिडिल अंग्रेजी माध्यम के स्कूल आरंभ किया गया था और पूरे प्रदेश में 153 प्रायमरी और 153 मिडिल अंग्रेजी माध्यम के स्कूल आरंभ किए गए थे। इस वर्ष इन 153 मिडिल स्कूल से लगभग 6 हजार बच्चें कक्षा आठवी उत्तीर्ण कर कक्षा नवमीं पंहुच गए है और अब इन 6 हजार बच्चों को किस अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कक्षा नवमी में प्रवेश दिलाया जाएगा, इसकी कोई ठोस योजना स्कूल शिक्षा विभाग के पास नहीं था, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पेरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर इन 6 हजार बच्चों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के कक्षा नवमी में प्रवेश दिलाने की समुचित व्यवस्था करने की मांग किया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शासन स्तर पर पैरेंट्स एसोसियेशन की मांग पर मोहर लगा दिया गया है और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दे दिया गया है, यानि अब इन सरकारी अंग्रेजी माध्यम मिडिल स्कूलों के बच्चों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के कक्षा नवमीं में प्रवेश मिल जाएगा। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने स्कूल शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला का अभार व्यक्त किया गया है और कहा कि, उनकी तत्परता से ही बच्चों को बड़ी राहत मिला है, इसका सारा श्रेय आलोक शुक्ला को जाता है, लेकिन अभी भी लगभग 20 हजार आरटीई के बच्चों को किसी ना किसी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाना है, जो प्रायवेट स्कूलों से कक्षा आठवीं उत्तीर्ण कर कक्षा नवमीं पहंुचे है और जो प्रायवेट स्कूल कोरोना काल में बंद हुए है इन स्कूलों में प्रवेशित आरटीई के बच्चों के लिए भी शासन स्तर पर जल्द निर्णय लिया जाना चाहिए। ----------------------
राजनांदगांव / शौर्यपथ / राज्य सरकार हर जिले में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलकर अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन सरकार को खूद याद नही है कि वर्ष 2018 से लगभग 9 विकासखण्ड़ों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित किए जा रहे है, जहां अब लगभग 500 बच्चे इस वर्ष 2021 में कक्षा नवमी कहां पढ़ेंगे इसकी जानकारी कोई नही दे रहा है क्योकि सरकार ने सिर्फ मिडिल स्कूल यानि कक्षा छटवी से लेकर आठवी तक ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्वीकृति दी है और इस वर्ष लगभग पांच सौ बच्चे इस वर्ष कक्षा आठवी उत्तीर्ण कर कक्षा नवमी प्रवेश कर चूके है और अब इन बच्चों को किस सरकारी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास कोई योजना नही है। इतना ही नही जिले में लगभग 25 प्रायवेट स्कूल ऐसे संचालित हो रहे है जहां सिर्फ कक्षा आठवी तक ही स्कूल संचालित हो रही है और इन स्कूलों में जिला शिक्षा अधिकारी ने लगभग 500 आरटीई के बच्चों को प्रवेश दिलाया है और अब सभी बच्चों को कक्षा नवमी मे किस अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा इसकी जानकारी भी जिला शिक्षा अधिकारी के पास नही है क्योकि आरटीई के बच्चों को कक्षा बारहवी तक की शिक्षा पूर्ण कराने की जिम्मेदार जिला शिक्षा अधिकारी की है। वैसे भी बीत वर्ष कोरोना काल मे जो प्रायवेट स्कूल बंद हो गए थे उनके स्कूलों में प्रवेशित आरटीई के बच्चों को आज तक किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया है वे बच्चे आज भी शिक्षा से वंचित है और उनका एक साल बर्बाद हो चूका है जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ही जिम्मेदार है जिसको लेकर कई पालको ने पुलिस थाने में जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है। छत्तीसगढ़ पैरेंटस एसोसियेशन ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर इन एक हजार बच्चों को तत्काल शासकीय और प्रायवेट अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्रवेश दिलाने की मांग किया गया है।