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दुर्ग / शौर्यपथ / पचरी पारा क्षेत्र में कोरोना व लॉकडॉउन कि पीड़ा जूझ रहे लोगो को अब पीने कि पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है और लगातार पानी कि संकट को लेकर वार्ड के लोग आक्रोशित होकर अब आंदोलन के मूड बना रहा है इस सम्बन्ध में क्षेत्र के ओम प्रकाश सेन ने निगम महापौर धीरज बाकलीवाल व आयुक्त हरीश मंडावी सहित निगम अधिकारियों को इसकी जानकारी व चेतावनी देते हुए बताया कि लगभग 33 लाख किलो लीटर क्षमता वाले शहर है क्योंकि निगम में सत्तासीन पार्षदों के दबाव मे आवश्यकता से अधिक वार्डो मे मनमाने नल कनेक्शन बाटने के कारण इन क्षेत्रों में पानी सप्लाई का प्रेशर एकदम कम हो गया है जिसके चलते पचरी पारा क्षेत्र के मुख्य मार्ग तथा अंदर उचाई वाले एरिया मे भीषण गर्मी मे एक गुंडी पानी भी नसीब नहीं हो रहा है . वर्तमान में अमृत मिशन का कार्य पूर्ण नहीं होने के बावजूद पुराने पाइप लाइन से भी जल प्रदाय की स्थिति गंभीर बनी हुई है . जल का प्रेशर कम होने की वजह से आम जनता को पानी की पूरी सप्लाई नहीं हो रही है . वार्ड में जगह जगह पाइप लाइन के गड्ढे खुदे महीनो बीत गए किन्तु कार्य की गति धीमी होने से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वही महापौर और विधायक सिर्फ कड़े निर्देश की बात करते है किन्तु निर्देश क्या सिर्फ दिखाने के लिए ही दिए जा रहे है क्योकि शहर विधायक ये निर्देश महीनो से दे रहे है . महापौर बाकलीवाल की भी यही कहानी है जो विधायक कहते है बसुसी बात की हामी भरते नजर आ रहे है .
इस संबध मे पचरी पारा के पार्षद ओमप्रकाश सेन ने कहा कि बस स्टैंड से लेकर फ़रिश्ता काम्प्लेक्स एवं अन्दर की बस्तियों में गर्मी के इस मौसम में दुर्ग निगम द्वारा प्रयाप्त रूप से जल प्रदाय ना कर पाना शहरी सरकार की विफलता का प्रमाण है शहरी सरकार के मुखिया एक रबर स्टाम्प की तरह कार्य करते नजर आ रहे है अब तो आम जनता को भी समझ नहीं आरहा है कि शहर के महापौर कौन है धीरज बाकलीवाल या फिर अरुण वोरा . विकाश की बात तो र्दु शहर की जनता को चलने के लिए साफ़ सडक और पीने के लिए प्रयाप्त मात्रा में पानी नहीं देने वाली इस सरकार की कार्य प्रणाली से वार्ड की जनता में आक्रोश दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है . वार्ड पार्षद सेन ने कहा है कि अगर जल्द से जल्द वार्ड की जल समस्या का समाधान नहीं होगा तो कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए श्रेय की राजनीती करने वाले विधायक वोरा , महापौर बाकलीवाल व निगम की सरकार के खिलाफ उग्र जन आन्दोलन होगा . भाजपा पार्षदों ने इस समस्या के लिए विधायक अरुण वोरा को पूरी तरह जिम्मेदार बताते हुए कहा है वार्डो मे पानी कि समस्या के स्थाई हल के लिए केंद्र कि मोदी सरकार द्वारा दिए गए अमृत मिशन योजना कि राशि से भाजपा कि पूर्व परिषद से चालू हुए कई पानी टंकी निर्माण पूर्ण हुए 3माह से अधिक हो गए है जिनका प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियरों टेस्टिंग भी कर लिया किंतु विधायक महोदय कि श्रेय की राजनीति व उद्घाटन के फेर में उक्त टंकी चालू नहीं हुआ है यदि पूर्ण हुए टंकी को चालू कर दिया जाता तो अन्य टंकियो में बढऩे वाले दबाव कम हो जाएगा और सभी क्षेत्रों में भरपूर पानी पहुंच जाएगा किंतु विधायक के वाहवाही लेने के चक्कर में जनता प्यासे है और अधिकारी सत्ता पक्ष के दबाव मे चुप है किंतु जनता चुप नहीं बैठेगी बल्कि पानी कि समस्या दूर नहीं होगी तो उग्र प्रदर्शन करेगी।
नई दिल्ली/ शौर्यपथ / कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना वायरस को लेकर लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं. राहुल गांधी ने कहा है कि देश के भविष्य के लिए वर्तमान मोदी ‘सिस्टम' को नींद से जगाना ज़रूरी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आने वाले समय में बच्चों को कोरोना से सुरक्षित करना होगा. पीडियाट्रिक स्वास्थ्य सुविधाएँ व वैक्सीन-इलाज के प्रोटोकॉल अभी से तैयार होने चाहिए. देश के भविष्य के लिए वर्तमान मोदी ‘सिस्टम' को नींद से जगाना ज़रूरी है.'
सोमवार को राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कोरोना संकट से निपटने और जनता के साथ खड़े होने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा था कि मौजूदा समय में बहुत सारे लोग व्यक्तिगत स्तर पर अपनी सेवा के माध्यम से दुनिया को दिखा रहे हैं कि भारत के क्या मायने हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारत सरकार न सिर्फ कोविड संकट से निपटने में विफल रही, बल्कि लोगों के साथ खड़े होने में भी नाकाम रही. रोजाना शक्ति और परमार्थ की कई व्यक्तिगत कहानियां सामने आ रही हैं.'
साथ ही राहुल गांधी ने कहा, ‘उन नायकों का बहुत आभार है जिन्होंने दूसरों की सेवा के लिए खुद को सपर्पित किया है और दुनिया को यह दिखाया है कि भारत के क्या मायने हैं.' उन्होंने एक एक अन्य ट्वीट में आरोप लगाया था, ‘पीएम केयर्स के वेंटिलेटर और स्वयं प्रधानमंत्री में कई समानताएं हैं- दोनों का हद से ज़्यादा झूठा प्रचार, दोनों ही अपना काम करने में फ़ेल, ज़रूरत के समय, दोनों को ढूंढना मुश्किल.'
नई दिल्ली /शौर्यपथ/ टूलकिट मामले से जुड़ी FIR की जानकारी मीडिया में लीक होने के खिलाफ दाखिल दिशा रवि की अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने हलफनामा दाखिल ना करने पर नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार ने अभी तक हलफनामा नहीं दाखिल किया है. दरअसल, केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय मांगा था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या आपके ऊपर जुर्माना लगाया जाना चाहिए? आपको हलफनामा दाखिल करने के लिए मार्च में समय दिया गया था. तो फिर इस मामले की क्या पवित्रता रह जाती है. केंद्र सरकार के वकील ने कोरोना का हवाला देते हुए हलफनामा दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का समय मांगा है. इस पर अदालत ने केंद्र को ये समय दे दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई अगस्त में होगी. तब तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा.
बता दें, किसानों के विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देने वाले एक ऑनलाइन दस्तावेज़ (टूलकिट) के सिलसिले में पुलिस ने दिशा रवि को 13 फरवरी की आधी रात बेंगलुरु स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया था. बाद में दिशा को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया था, जहां 10 दिन बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए दिशा रवि को रिहा कर दिया था. कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि पुलिस ने 22 वर्षीय छात्रा के खिलाफ "डरावने साक्ष्य और अधूरी स्केचिंग" पेश की थी.
नई दिल्ली / शौर्यपथ /अत्यधिक खतरनाक चक्रवाती तूफान ताउते सोमवार की रात गुजरात के तट से टकराया. लेकिन इसके पहले तूफान ने पांच राज्यों- केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में भी तबाही मचाई. यह तूफान पिछले हफ्ते अरब सागर में उठा था और फिर कल गुजरात पहुंचने के बाद अब थोड़ा कमजोर पड़ गया है. पिछले दो-तीन दिनों में इस तूफान के चलते कई जानें गई हैं, कई जगहों से हजारों लोगों को विस्थापित किया गया और कई रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए गए हैं.
इसी दौरान समंदर में तेज हवाओं और ऊंची लहरों के बीच नेवी के युद्धपोत INS कोलकाता ने वर प्रभा जहाज के एक लाइफ राफ्ट से दो लोगों को बचाया. इस दौरान का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आप देख सकते हैं कि ताउते के चलते समंदर में कितनी खतरनाक स्थिति बनी थी और कैसे खराब मौसम की चुनौतियों के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था.
INS कोलकाता के डेक केबिन से रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में देख सकते हैं कि इस लाइफ राफ्ट में दो लोग हैं और उनकी राफ्ट को खींचने की कोशिश हो रही है. तेज हवाओं के बीच राफ्ट तेजी से हिल रही है और लहरें भी काफी ऊंची हैं. बाद में तस्वीरें भी जारी की गई थीं, जिसमें बताया गया कि इन दोनों राफ्ट सवारों को बचा लिया गया है.
नेवी के प्रवक्ता की ओर से ट्विटर पर जानकारी दी गई कि 'INS कोलकाता ने वर प्रभा जहाज के एक लाइफ राफ्ट पर सवार दो लोगों को बचाया, जिसके बाद वो तूफान में फंस गए बार्ज P305 के क्रू को बचाने की मुहिम में INS कोच्चि की ओर रवाना हो गई.' बाद में एक सपोर्ट जहाज और ग्रेट शिप अहल्या ने भी ऑपरेशन जॉइन कर लिया है.
बता दें कि बार्ज 'P305' सोमवार की दोपहर तूफान के बीच मुंबई के तट से भटक गया था. इस पर 237 लोग सवार थे. इसके अलावा GAL Constructor बार्ज भी भटक गया था, जिसपर 137 लोग सवार थे. बार्ज 'P305' से अबतक 177 लोगों को बचाया जा चुका है. नेवी ने ट्विटर पर अपडेट्स और विजुअल्स शेयर किए थे.
नई दिल्ली / शौर्यपथ / देश में कोरोना की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्य और उनके जिला अधिकारियों के साथ बैठक की. आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मीटिंग में पीएम के बयान का टीवी पर लाइव प्रसारण किए जाने को लेकर एक ट्वीट किया है. सिसोदिया ने अपने ट्वीट में लिखा, 'आज की मीटिंग में प्रधानमंत्री का वक्तव्य TV पर लाइव प्रसारित हुआ. पिछली बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लाइव प्रसारण पर आपत्ति जताई गई थी कि प्रोटोकाल तोड़ा गया, आज के प्रोटोकॉल में live broadcast की इजाज़त थी?' सिसोदिया ने आगे लिखा कि इस बात का पता कैसे चले कि कौन सी बैठक से लाइव प्रसारण हो सकता है और कौन सी में नहीं.
गौरतलब है कि पिछले माह 23 अप्रैल को कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की थी. टीवी पर लाइव बातचीत के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने देश की राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की ओर ध्यान आकर्षित किया. केंद्र सरकार ने बाद में आरोप लगाया कि केजरीवाल इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल राजनीति करने और झूठ फैलाने के लिए कर रहे हैं.सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सीएम केजरीवाल ने पीएम-सीएम मीट को 'राजनीतिक उद्देश्य' से इस्तेमाल किया. उन्होंने ऑक्सीजन की सप्लाई हवाई मार्ग से पहुंचाने का मुद्दा उठाया, उन्हें शायद पता नहीं कि यह पहले से ही किया जा रहा है. बाद में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण के लाइव प्रसारण के लिए खेद जताया था.पीएम मोदी ने 'इन हाउस मीटिंग' के लाइव टेलीकॉस्ट को लेकर ऐतराज जताया था जिसके बाद सीएम केजरीवाल ने खेद व्यक्त किया था.
मंगलवार की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ हमारे मुख्य हथियार हैं: लोकल कंटेनमेंट जोन, तेजी के साथ जांच, सही और पूरी जानकारी और कालाबाजारी पर लगाम. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस युद्ध में आप सब एक अहम भूमिका में है, आप इस युद्ध के एक तरह से फील्ड कमांडर हैं. कोरोना से निपटने से जुड़े अपने अच्छे अनुभव मुझे भेजिए, मेरे पास पहुंचाइए. मैं इसका दूसरे जिलों में कैसे उपयोग हो, इसको लेकर जरूर सोचूंगा. आपके इनोवेशन देश के काम आने चाहिए.
तिरुवनंतपुरम /शौर्यपथ / कोरोना महामारी के दौरान केरल के स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर अपनी काम को लेकर सराहना हासिल करने वाली केके शैलजा को लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की नई कैबिनेट में स्थान नहीं मिला है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. 64 साल की पूर्व मंत्री केके शैलजा को 'शैलजा टीचर' के नाम से भी जाना जाता है. केरल में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में शैलजा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है और LDF गठबंधन की सरकार मे वापसी हुई है.
केरल में दशकों से बारी-बारी LDF और UDF गठबंधन के सत्ता में आने की परंपरा सी रही है लेकिन इस बार LDF के सत्ता में आने के साथ ही इस सिलसिला टूट गया. शैलजा ने कन्नूर जिले की अपनी विधानसभा सीट पर 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है. कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर शैलजा ने स्थिति को जिस तरहह से नियंत्रित किया था, उसके लिए उन्हें काफी प्रशंसा हासिल हुई थी. इससे पहले निपाह वायरस संकट के खिलाफ उनके 'प्रबंधन' को भी सराहा गया था. पिछले साल सितंबर माह में ब्रिटेन की मैगजीन ने शैलजा टीचर को 'टॉप थिंकर ऑफ इ ईयर 2020' के तौर पर चुना था.
नई दिल्ली /शौर्यपथ / पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या के मामलों का सुप्रीम कोर्ट परीक्षण करने को तैयार हो गया है. SC ने इस मामले में पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है. बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के भाई की याचिका पर जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने सुनवाई की. याचिका में उनके भाई और बूथ कार्यकर्ता हरन अधिकारी की कथित हत्या की जांच SIT से जांच कराने की मांग की गई है.
याचिका में पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच की मांग की गई है. आरोप है कि TMC के इशारे पर ये हिंसा हुई है. गौरतलब है कि कोलकाता में हिंसा 2 मई को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के नतीजे आते ही शुरू हो गई थी.35 वर्षीय बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार, जो नॉर्थ कोलकाता में मूर्तियां बनाने का काम करते थे, की हिंसा में मौत हो गई थी. उनके बड़े भाई बिस्वजीत सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच SIT से कराने की मांग की है
याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील महेश.जेठमलानी ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है, मामले में दो चश्मदीद भी मौजूद है, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं गई. मामले में CBI या SIT से जांच कराई जानी चाहिए, हत्या तब हुई जब बंगाल में चुनावी नतीजे घोषित हुए थे महेश जेठमलानी ने कहा कि अभी तक शव का अंतिम संस्कार नही किया गया है. घरवाले चाहते हैं कि शव की फारेंसिक जांच कराई जाए.मामले की सुनवाई अगले मंगलवार को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो कॉपी केंद्र और बंगाल सरकार को दे.
नई दिल्ली/ शौर्यपथ/ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र सरकार से अपील की है कि सिंगापुर से आने-जाने वाली फ्लाइट्स तुरंत बंद की जाएं. उन्होंने सिंगापुर से आए कोरोनावायरस के दूसरे वेरिएंट को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद खतरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है.
उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि बच्चों के लिए वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता पर काम हो. उन्होंने सरकार से अपील की कि 'सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है.
केंद्र सरकार से मेरी अपील:
1. सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द हों
2. बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो.'
आज शाम 4 बजे के आसपास केजरीवाल के डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की भी संभावना है.
अगर दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर नजर डालें तो दिल्ली में कोरोना काफी हद तक काबू में होता दिख रहा है. मंगलवार को दिन में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट गिरने का सिलसिला बरकरार है.
पिछले 24 घंटों में दिल्ली में पॉजिटिविटी गिरकर 7% के नीचे जा चुका है. यह दर 7 अप्रैल के बाद सबसे कम है. पिछले 24 घंटों में 4482 नए मामले सामने आए हैं, वहीं 265 लोगों की मौत हुई है. एक्टिव मामलों की संख्या अपने पीक से लगभग आधी हो गई है. एक समय करीब एक लाख एक्टिव मामले हो गए थे, अब 50 हज़ार के करीब पहुंच गए हैं.
नई दिल्ली/शौर्यपथ/ मेरठ में दो जुड़वां भाइयों की 24 घंटों के भीतर कोविड संक्रमण के कारण मौत हो गई. 24 साल के जोयफ्रेड और रोलफ्रेड महज 5 मिनट के अंतर से पैदा हुए जुड़वा भाई थे. इंजीनियरिंग के बाद दोनों मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे. अपने जन्मदिन के एक रोज बाद उन्हें कोरोना हुआ और कोरोना संक्रमण के 19 दिन तक संघर्ष करने के बाद दोनों की जान चली गई. जॉयफ्रेड की मौत 13 तारीख़ को हुई जबकि रोलफ्रेड की मौत 14 तारीख़ को हुई.
इन दोनों जुड़वां भाइयों की जिंदगी में बहुत सारी घटनाएं एक साथ हुईं. दोनों ही भाइयों ने करियर के तौर पर कंप्यूटर इंजनियरिंग को चुना और दोनों ही हैदराबाद में नौकरी कर रहे थे. यही नहीं, दोनों को पिछले माह एक ही दिन कोरोना संक्रमण ने अपनी चपेट में लिया. दुर्भाग्य से दोनों भाइयों की मौत के मामले में भी यह सिलसिला बरकरार रहा और कुछ घंटों के अंतराल में ही दोनों भाइयों को दुनिया को अलविदा कह दिया. दोनों भाइयों के पिता ग्रेगोरी रेमंड राफेल बताते हैं कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके दोनों बेटे बीमारी को हरा देंगे और एक साथ घर लौटेंगे लेकिन ऐसा हो नहीं सका.
नई दिल्ली /शौर्यपथ/ बंदरों के खतरे का मुकाबला करने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने 500 बिस्तरों वाले सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर, राधा स्वामी ब्यास, छतरपुर, नई दिल्ली में लंगूरों के कट आउट लगाए हैं. पिछले दिनों यह देखा गया है कि बंदरों के समूह इस केंद्र के इर्द गिर्द घूमते रहते हैं और कभी-कभी केंद्र की देखभाल के लिए तैनात कर्मियों के कामकाज में बाधा भी डालते हैं.
बंदर कई बार पीपीई किट में तैनात लोगों पर झुंड में हमला करने का प्रयास करते देखे गए हैं. इस चिंता से निबटने के लिए विशेष लंगूर कट आउट लगाए गए हैं जिन्हें रोज नए-नए स्थानों पर इस ढंग से लगाया जाता है जिससे बंदरों को आभास हो कि ये सजीव हैं. इनकी जगह बदलती रहती है.
ये कट आउट अभी बहुत प्रभावी लग रहे हैं और बंदर समूह इस पहल के कारण परिसर में अब कम देखा जा रहा है. यह यहां कर्मचारियों के लिए राहत की बात है.