August 11, 2025
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शौर्यपथ

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नई दिल्ली/ शौर्यपथ / दिल्‍ली पुलिस ने कोरोना राहत सामग्री को लेकर यूथ कांग्रेस अध्‍यक्ष बीवी श्रीनिवास से पूछताछ की है. श्रीनिवास ने कहा है कि वे राहत/सहायता कार्य नहीं रोकेंगे, उन्‍हें कोई डर नहीं है.राहत सामग्री को लेकर लगाए गए कथित आरोपों को लेकर यह पूछताछ की गई. गौरतलब है कि कोरोना राहत कार्य को लेकर सोशल मीडिया पर श्रीनिवास को काफी प्रशंसा हासिल हुई है.
श्रीनिवास ने कहा, 'हमने कुछ भी गलत नहीं किया. यदि हमारा छोटा सा प्रयास कोई जान बचाने में मदद करता है तो हमें ऐसी बातों से डरने की जरूरत नहीं है. 'श्रीनिवास और उनकी टीम के खिलाफ याचिका में आरोप लगाया गया है कि विभिन्‍न हिस्‍सों के राजनेता कोविड के इलाज के लिए इस्‍तेमाल होने वाली दवाओं के 'अवैध वितरण' में शामिल हैं.
गौरतलब है क‍ि हाल में एक विवाद सामने आया था जब विदेशी दूतावासों ने ऑक्‍सीजन के लिए कांग्रेस को SOS भेजे थे. कांग्रेस ने दो विदेशी दूतावासों न्‍यूजीलैंड और फिलीपींस, में गंभीर मरीजों को ऑक्‍सीजन सप्‍लाई की थी. ऑक्‍सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने वाली यूथ कांग्रेस ने इस वीडियो को न्‍यूजीलैंड उच्‍चायोग की अपील के साथ ट्वीट किया था.सोशल मीडिया पर इस मसले को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बीच 'शब्‍दयुद्ध' छिड़ा था. न्‍यूजीलैंड के दूतावास ने यूथ कांग्रेस को अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था और एक ट्वीट कर कहा था-हम सभी स्रोतों से ऑक्‍सीजन सिलेंडर की तत्‍काल व्‍यवस्‍था की कोशिाश कर रहे हैं. हमारी अपील का गलत अर्थ निकाला गया जिसका हमें खेद है. गौरतलब है कि क्रिकेटर से राजनेता बने बीवी श्रीनिवास यूथ कांग्रेस के दिल्‍ली ऑफिस में 'वार रूम' का प्रबंधन संभाल रहे हैं. यह ऑक्‍सीजन और दवाओं के लिए अनुरोध पर नजर रखता है और आने वाले ट्वीट पर 'काम' करता है. उन्‍होंने "SOS IYC" के तहत यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का नेटवर्क स्‍थापित किया है और कई शहरों में उनके ऐसे ही कंट्रोल रूम हैं.

लखनऊ / शौर्यपथ / उत्‍तर प्रदेश की जेल में हुए शूटआउट में तीन लोगां की मौत हो गई है. जानकारी के अनुसार, राज्‍य के चित्रकूट जेल में एक कैदी ने अपने दो साथियों को गोली मार दी, जिसमें दोनों को मौत हो गई. आधिकारियों ने कैदियों को समर्पण करने के लिए कहा, बाद में आत्‍मरक्षा में उसे गोली मारनी पड़ी. घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं. विस्‍तृत जानकारी का इंतजार है. रगौली जेल के जेलर एसपी त्रिपाठी ने बताया कि जेल में बंद कुछ कैदियों के बीच हुई आपसी झड़प के दौरान एक बंदी ने दो कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी, बाद में जेल सुरक्षाकर्मियों ने उसे भी मार गिराया.जेलर त्रिपाठी ने बताया कि अभी फिलहाल जिले के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं.
एक सवाल के जवाब में जेल अधिकारी ने बताया कि बीच-बचाव करने गए एक सुरक्षाकर्मी का सर्विस रिवाल्वर छीनकर बंदी ने दो कैदियों पर गोली चलाई. उधर, लखनऊ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जेल के अंदर मारे गए तीनों कैदियों में अंशु दीक्षित, मेराजुददीन उर्फ मेराज अली और मुकीम काला शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक दीक्षित ने मेराज अली और मुकीम काला की गोली मारकर हत्या कर दी जबकि पुलिस द्वारा की गई रक्षात्मक कार्रवाई में अंशु दीक्षित मारा गया. सूत्रों ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैराना के लोगों के पलायन में मुकीम गैंग का नाम आया था जबकि मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली को मऊ जिले के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता था. दीक्षित ठेके पर हत्या करने वाला अपराधी था, जिस पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे. मेराज अली पिछली 20 मार्च को जिला जेल बनारस से प्रशासनिक आधार पर चित्रकूट जेल लाया गया था जबकि मुकीम काला को सात मई, 2021 को सहारनपुर जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर चित्रकूट जेल में स्थानांतरित किया गया था. पुलिस की सुरक्षात्मक कार्रवाई में मारा गया तीसरा बंदी अंशु दीक्षित प्रशासनिक आधार पर आठ दिसंबर, 2019 को जिला जेल सुलतानपुर से लाकर चित्रकूट जेल में रखा गया था.अधिकारी के मुताबिक चित्रकूट जेल में घटना सुबह दस बजे हुई और दीक्षित ने मेराज और मुकीम को मारने के बाद पांच बंदियों को असलहे का भय दिखाकर अपने कब्जे में लिया था और उन्हें मारने की धमकी दे रहा था. जेल की स्थिति अब नियंत्रण में है.

SHOURYAPATH news । राजनांदगांव। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना काल मे बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए अनेको योजना जैसे पढ़ाई दुंहर दुआर, बोलटू के बोल और ना जाने क्या -क्या योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया और कोरोड़ो रूपया खर्च किया गया और इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सरकार को कई पुरूस्कार भी प्राप्त हुआ। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव और डीपीआई द्वारा जिन गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत प्रायवेट विद्यालयों में प्रवेश कराया गया था उन्हे कोरोना काल में पढ़ाई से जोड़े रखने में जानबूझकर कर घोर लापरवाही बरता गया। राजनांदगांव के जिला शिक्षा अधिकारी श्री हेतराम सोम ने जिस प्रकार से गरीब बच्चों के जीवन व भविष्य के साथ जानबूझकर खिलवाड़ किया गया है वह सरकार की सारी योजनाओं का पोल खोलकर रख दिया है। कोरोना काल में बंद हुए प्रायवेट स्कूलों के पालक अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने जिला शिक्षा अधिकारी के चक्कर काट रहे थे और पूरा साल बीत गया उनके बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया और जानबूझकर इन गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखा गया। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पाॅल ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, दिल्ली को पत्र लिखकर यह बताया है कि राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी श्री हेतराम सोम ने जिले के सैकड़ों गरीब बच्चे, जो शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत प्रायवेट विद्यालयों मे पढ़ रहे थे उनके जीवन व भविष्य के साथ खिलवाड़ कर दिया है। पाॅल का कहना है कि बीते सत्र 2020-21 में लगभग 20 प्रायवेट विद्यालय बंद हो गए और इन स्कूलों में अध्ध्यनरत् आरटीई के बच्चों को किसी अन्य स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाना था जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी पूर्णतः जिम्मेदार थे लेकिन इन बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया जबकि पालको ने स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होकर दिनांक 21/07/2020 को आवेदन दिया था और उनके बच्चों को किसी अन्य स्कूलों में प्रवेश दिलाने की मांग किया गया था और इस प्रकार पालको ने लगभग 10 से अधिक बार उपस्थित होकर जिला शिक्षा अधिकारी से निवेदन करते रहे लेकिन पूरा साल बीते जाने के पश्चात् भी उनके बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया जो कि गंभीर प्रवृति का अपराध है। पाॅल ने बताया कि पीड़ित पालको को अब यह समझ नही आ रहा है कि उनके बच्चों को अब किस स्कूल का रिजल्ट मिलेगा और उनके बच्चों को इस वर्ष 2021-22 में किस कक्षा में प्रवेश मिलेगा क्योंकि पूर साल उनके बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश नही दिलाया गया और बच्चे शिक्षा पाने पूरे साल भटकते रहे जिसको लेकर पालको ने राजनांदगांव सिटी कोतवाली पुलिस थाना में राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी श्री हेतराम सोम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 166 के अंतर्गत अपराध पंजीबंद्ध करने के लिए दिनांक 13/05/2021 को लिखित शिकायत प्रस्तुत किया गया है। पाॅल का कहना है कि श्री हेतराम सोम, जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव के द्वारा गरीब बच्चों को अनावश्यक मानसिक कष्ट दिया गया उनकी उपेक्षा किया गया और उन्हे शिक्षा से वंचित कर दिया गया। इतना ही नही गरीब बच्चों के जीवन व भविष्य के साथ जानबूझकर सुनियोजित ढंग से खिलवाड़ किया गया है जिसके लिए डीईओ हेतराम सोम पूर्णतः जिम्मेदार है और यह प्रताड़ना की श्रेणी में आता है। पाॅल ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून और किशोर न्याय(बालकों की देखरेख और सरक्षण) अधिनियम, 2015(अधिनियम क्रमांक 2 सन् 2016) और भारतीय दंड संहिता की धारा 166 के अंतर्गत जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम पूर्णतः दोषी है क्योंकि उन्होने जानबूझकर कानून का उल्लघंन कर गरीब बच्चों के जीवन व भविष्य के साथ सुनियोजित ढंग से खिलवाड़ किया गया है। पाॅल ने आयोग और शिक्षा सचिव से यह मांग की है कि इन गरीब बच्चों को उनके उम्र के अनुसार किसी अन्य स्कूलों में प्रवेश दिलाने की समुचित व्यवस्था कर दोषि जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही किया जाए।

शौर्यपथ / छत्‍तीसगढ़ राजय के दंतेवाड़ा में पुलिस जवानों और नक्सलियों के बीच मुस्तलनार के जंगलों में मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ के दौरान करीब एक घंटे तक दोनों तरफ से गोलीबारी हुई. मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया है. मारे गये नक्सली के पास से 2 देशी हथियार, आईईडी बम, वायर, 4 पिठ्ठू के साथ दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद हुई है. पुलिस के अनुसार, मारे गये नक्सली की शिनाख्त प्लाटून नम्बर 16 रामचन्द्र कड़ती के रूप में हुई है.
इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर जवानों की पार्टी निकली थी इसी दौरान गीदम थाना क्षेत्र के मुस्तलनार के जंगलों में यह मुठभेड़ हुई. दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने मुठभेड़ की पुष्टि की है.

नई दिल्ली/ शौर्यपथ/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के अवसर पर देशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दीं. मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सभी देशवासियों को अक्षय तृतीया की मंगलकामनाएं. शुभ कार्यों की सिद्धि से जुड़ा यह पावन पर्व कोरोना महामारी पर विजय के हमारे संकल्प को साकार करने की शक्ति प्रदान करें.'' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘भगवान परशुराम की जयंती के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं.''
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है. इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है.
अक्षय तृतीया को देश के कुछ हिस्सों में अखा तीज के रूप में जाना जाता है. यह चार तीथ या समय का है जब किसी को किसी विशेष कार्य या पूजा के लिए मुहूर्त या शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है. बता दें, अक्षय तृतीया के पूरे दिन को पवित्र माना जाता है.
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया की तिथि: 14 मई 2021
अक्षय तृतीया पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 5:38 से दोपहर 12:18 तक.
- कुल अवधि 6 घंटे 40 की मिनट होगी.
- तृतीया तिथि प्रारंभ- 14 मई 2021 को सुबह 05:38 बजे से
- तृतीया तिथि समाप्त- 15 मई 2021 को सुबह 07:59 तक

नई दिल्ली/ शौर्यपथ / कोरोना की इस महामारी के दौर में कई ठग भी सक्रिय हैं. ये ऑक्सीजन, दवा और बेड दिलाने के नाम पर सैकड़ो लोगों को ऑनलाइन चपत लगा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने इस तरह के फ्रॉड की शिकायत पर 100 से ज्यादा FIR दर्ज की है. कोरोना संक्रमण के दौरान Remdesivir दवा की कालाबाजारी आम है, इस दवा की एक वायल करीब 900 रुपए की है. लेकिन रजत जैन को ये करीब 50 हजार रुपए में मिली वो भी फिल्मी स्टाइल से. रजत बताते हैं, 'मेरठ में मैरे मौसाजी की तबियत खराब थी और Remdesivir दवा की जरूरत है इस दवा के लिए हमने पांच सौ गुना कीमत दी. पहले एक फोन आएगा फिर कहा जाएगा कि आप वहां खड़े हो जाओ. इसके बाद फिल्मी स्चाइल से हमने रेमडेसिवियर खरीदा. Remdesivir ही नहीं बल्कि ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर कई जालसाज सक्रिय हैं. पहले ये अपना नंबर व्हाट्स ग्रुप पर फारवर्ड करते हैं फिर ऑनलाइन पेमेंट अपने खाते में करवाकर लोगों को ठग रहे हैं.
अमित दवे नामक के एक शख्‍स ने ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने की कोशिश की. व्हाट्सएप चैट के दौरान ठगी करने वाले व्‍यक्ति ने सोल इंडिया ट्रस्ट वाला एक खाता दिया और उस खाते में जैसे ही ऑनलाइन पैसा जमा कराया, ठग पैसे लेकर गायब हो गया. पीड़ित अमित दवे ने बताया, 'दोस्त ऑक्सीजन के लिए खोज रहा था तो एक नंबर व्हाट्सएप ग्रुप पर घूम रहा था. मैंने उनसे मैसेज पर पूछा और एडवांस की पैसा, जो अकाउंट एक ट्रस्ट के नाम पर था, में पैसा जमा कराया लेकिन दो घंटे बाद मोबाइल स्विच आफ हो गया.
कोरोना काल में नामी अस्पताल में बेड दिलवाने के नाम पर फ्रॉड किया जा रहा है. इसे करने वाले को बीकॉम गैंग के नाम से जाना जाता है .बड़े अस्पताल के बाहर गैंग का सदस्य खड़ा होता है और जिन मरीजों का दाखिला नहीं हो पाता है उससे बात करता है फिर फोन से अपने ही गैंग के साथी को डॉक्टर के तौर पर बात करवाकर लाखों रुपए अपने अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लेता है. एसपी सिटी, गा‍जियाबाद निपुण अग्रवाल कहते हैं, 'हमने गैंग के सदस्‍यों को पकड़ा है. ये सब पढ़े लिखे लोग है, कोरोना काल में पैसा कमाने के लिए इन लोगों ने गैंग बनाया.'दिल्ली पुलिस ने शिकायतों के आधार पर कोरोना संक्रमण के दौरान ऐसे 115 से ज्यादा फ्रॉड पर मामला दर्ज किया है. कई लोगों को अरेस्‍ट भी किया गया है.कोरोना संक्रमण की इस लहर में एंबुलेंस के नाम पर भी खूब मनमाना पैसा वसूला गया है.कई एंबुलेस चालकों को पुलिस ने पकड़ा भी है. ठगी करने वाले बेड और यहां तक की श्मशान घाट पर लकड़ी और कफन तक में लोगों के साथ फ्राड कर रहे हैं.अब अदालत भी इन ठगों पर सख्त है और लगातार ठग सलाखों के पीछे भी पहुंच रहे हैं.

कोलकाता / शौर्यपथ / पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी पर हमला बोला है. धनखड़ ने कहा, ''पश्चिम बंगाल में प्रजातांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात हो रहा है, हम कानून-व्यवस्था से दूर जा रहे हैं. इसकी शुरुआत चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने की, जब उन्होंने पहली बार जनता को चेतावनी दी कि केंद्रीय बल कब तक रहेंगे, उनके जाने के बाद कौन बचाएगा। मुझे उनसे इस प्रकार की उम्मीद नहीं थी. लोगों के घर किस तरह से बर्बाद हुए, व्यापारी संस्थानों का क्या हाल किया गया है. ये सब एक ही कारण से किया गया कि दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र में आपने इतनी बड़ी हिमाकत क्यों कर ली कि अपनी मर्जी से वोट दे रहे हो. क्या प्रजातंत्र में वोट देने की सजा मौत है.''
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा, ''राज्य में लोग थाने जाने से डर रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं से पुलिस डरी हुई है. मैंने उनसे वापस आने का अनुरोध करता हूं, मैं अपने सीने पर गोली लूंगा. मैं सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सीएम से बात करूंगा. उन्हें जनादेश मिला है. सीएम को टकराव से दूरी बना लेनी चाहिए.''
बता दें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सिलीगुड़ी में सीतलकुची का भी दौरा किया, जहां चुनाव बाद हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी. धनखड़ हिंसा से प्रभावित लोगों से मिलने गए थे. इस दौरान उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने सीएम ममता की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने (सीएम) शपथ लेने के बाद एसआईटी का गठन किया और एसपी को निलंबित कर दिया. मैं सीएम से पूछना चाहता हूं - जब पूरा राज्य जल रहा है, तो क्या आप कुछ और नहीं देख सकती हैं?
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रणपगली में शिविर में शरण लिए हिंसा से प्रभावित लोगों से भी मुलाकात की. श्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के बाद बेघर हुए लोगों ने यहां शरण ली है. धनखड़ ने लोगों से मुलाकात की और उनके दर्द को सुना. हिंसा पीड़ित अपना दर्द बयां करते हुए भावुक हुए धनखड़ से लिपट कर रोने लगे.

दोषी सरपँच, सचिव व इंजीनियर को बर्खास्त करे प्रशासन.. और साथ ही होनी चाहिए गौठान निर्माण के खर्च की पूरी वसूली..
दो दिन पूर्व ही सड़कों पर आवारा घूम रहे पशुओं को गौठान में रख उनके चारा पानी की व्यवस्था की मांग उठाई थी सतीश पारख ने...
पूरे प्रदेश में गौठानों का बुरा हाल...ना पशु...ना चारा ...ना पानी...सिर्फ जनता के पैसों की बर्बादी

दुर्ग / शौर्यपथ /

एक ही बारिश में ढहे गौठान ने भ्ष्र्टाचार की पोल खोल कर रख दी है, दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के ग्राम जंजगिरी में जो की प्रदेश सरकार के मंत्री ताम्रध्वज साहू का ना सिर्फ निर्वाचन क्षेत्र है बल्कि उनके स्वंम के ग्राम पाउवारा से लगा गाँव व दुर्ग जनपद के अध्यक्ष देवेन्द्र देशमुख का गृह ग्राम है । जहां पहली ही बारिश में ढहे गौठान की गुणवत्ता व निर्माण में व्याप्त भ्ष्र्टाचार की पोल खोल कर रख दी है ।
गौठान सहित नरवा गरवा घुरवा बॉडी सहित गोबर खरीदी में सिर्फ और सिर्फ भ्ष्र्टाचार का खेल चल रहा है, जिसमे निर्वाचित प्रतिनिधियों सहिंत अधिकारियों की मिलीभगत को नकारा नही जा सकता । गाँव गाँव मे गौठानों के नाम पर जनता के टैक्स के लाखों की बर्बादी की गई है, जिन गौठानों में ना पशु ना चारा ना पानी किसी का कोई ठिकाना नही है बल्कि इसकी व्यवस्था हेतु मिलने वाली धनराशि भी भ्ष्र्टाचार की भेंट चढ़ रही है, उक्त आरोप जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के दुर्ग जिला ग्रामीण अध्यक्ष सतीश पारख ने पंचायत सरपंच, सचिव, संलग्न इंजीनियर, सहिंत जनपद पंचायत के प्रतिनिधियों व कार्यपालन अधिकारी पर लगाये हैं । उन्होंने सरकार की इस महती योजना के धराशायी होने पर संलग्न अधिकारियों के बर्खास्तगी की मांग की है ।


उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही शहरों व ग्राम की सड़कों पर आवारा भूखे प्यासे घूम रहे मवेशियों को कॅरोना काल के चलते इन गौठानों में रखने व उनके चारा पानी के व्यवस्था की मांग उन्होंने प्रशासन व सरकार से की थी । और पहली ही बारिश में इस योजना ने ढह कर भृष्टाचार की पोल खोल दी है, जिस पर जिम्मेदारों पर कार्यवाही तय कर तत्काल बर्खास्तगी की कार्यवाही होनी चाहिए ।
इस गौठान के ढहने पर जिला पंचायत अधिकारी द्वारा इसे प्राकृतिक आपदा कहकर भ्ष्र्टाचार को छुपाने का आरोप सतीस पारख ने लगाया है इस तरह की बातें कहकर पंचायत अधिकारी अपना जुर्म छिपा नही सकते । जो स्पष्ट दिखाई दे रहा है । उन्होंने कहा की यदि यह प्राकृतिक आपदा होती तो और भी जन धन की हानि होती सिर्फ गौठान नही ढहता । यह तो गनीमत है कि गौठान में पशु नही थे नही तो पशुधन की हानि निश्चित तौर पर होती फिर भी अधिकारी यूँ ही बहाने बना अपने मातहत अधिकारियों के भ्ष्र्टाचार को छिपाने और उन्हें बचाने का प्रयास करने से बाज नही आते ।

दुर्ग / शौर्यपथ /

दुर्ग नगर निगम का प्रशासनिक विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार को दबाने की इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है वो एक बार फिर देखने को मिल रहा है . सालो से अमृत मिशन के कार्य की लापरवाही , मनपसंद ठेकेदार को कार्य देने की ईई मोहन पूरी गोस्वामी की जिद , विधायक निधि की बर्बादी की ईई गोस्वामी द्वारा पहल , मुख्यमंत्री के बधाई सन्देश के पोस्टरों को रातोरात शहर के होर्डिंग्स से उतरना , सफाई और व्यवस्था को सुचारू रखनेके लिए मुख्यमंत्री के पोस्टरों को , विधायक देवेन्द्र यादव व अन्य नेताओ के पोस्टरों को हटाना घटिया निर्माण और अनैतिक कार्य करने वालो पर कार्यवाही के बजाये लीपापोती करना , निगम के पैसे से आयुक्त निगम दुर्ग द्वारा सरकारी आवास में लाखो का कार्य अलग अलग नामो से करवाना जैसे मामले उजागर होते गए और दबते गए किन्तु कार्यवाही के नाम पर हर बार मामला शून्य क्योकि सारे मामले में संदेह की सुई निगम के अधिकारियों पर टिकती है ऐसे मामलो पर कार्यवाही का ना होना ही इस बात का प्रमाण है कि दुर्ग निगम के अधिकारियों द्वारा भष्र्टाचार को कितना महत्व दिया जाता है .

2019 के प्रसार की सामग्री जो अब तक दुर्ग निगम में रद्दी के ढेर में थी इसे बाँटने की अब हो रही तैयारी 


ऐसे मामले जो शहर तक ही सिमित रहते थे वो मामले दबते गए और शहर के विधायक जो भष्र्टाचार पर लगाम लगाने और हमर दुर्ग की बात करते है उनके द्वारा भी कभी ऐसे मामलो पर कुछ नहीं बोला गया किन्तु अब एक ऐसा मामला आया है जिसमे दुर्ग निगम प्रशासन के अधिकारियो द्वारा प्रदेश के मुखिया की नीतियों की प्रसार सामग्री को भी रद्दी का ढेर बना दिए यहाँ तक नगरीय निकाय की योजनाओ जिसमे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और निकाय मंत्री डहरिया की फोटो ऐसे पम्पलेट , पत्रिका , मैगजीन को भी दुर्ग निगम के जिम्मेदार अधिकारी रद्दी का ढेर बना दिए , ऐसी चर्चा है कि इन पोम्प्लेट को ना बाटने का किसी बड़े जनप्रतिनिधि का आदेश था . इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो जाँच का विषय है किन्तु वो प्रशासनिक अधिकारी जिनकी जिम्मेदारी थी ऐसे प्रसार सामग्री को जनता तक पहुँचाने की उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन क्यों नहीं किया . और जब मामले का उजागर हुआ तो दुर्ग निगम के आयुक्त हरेश मंडावी द्वारा मामले को संज्ञान लेकर जाँच क्यों नहीं की जा रही और चुपचाप इन सामग्रियों को पार्षदों के निवास क्यों पहुँचाया जा रहा है . जबकि वितरण का कार्य निगम प्रशासन का है ऐसे में पार्षदों को ये प्रसार सामग्री क्यों दिया जा रहा है .
क्या निगम प्रशासन अपनी किसी बड़ी गलती को छुपाने के लिए इस तरह की लीपापोती कर रही है आखिर आयुक्त मंडावी मामले की निष्पक्ष जाँच क्यों नहीं करवा रहे है .

01 मई के बाद लगातार सुधर रही है स्थिति
सुविधाओं में विस्तार से टेस्ट और टीकाकरण में आई तेजी
अस्पतालों में सभी तरह के बेड की उपलब्धता भी बढ़ी
प्रतिदिन होने वाली मृत्यु के आंकड़े में भी कमी
पाजिटिविटी दर और नीचे उतर कर 14 प्रतिशत रह गई

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में 01 मई 2021 के बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। तब से लेकर अब तक जहां प्रतिदिन नये मामलों में कमी हो रही है, वहीं संक्रमण दर भी लगातार घट रही है। इन 12 दिनों में पाजिटिविटी दर 26.1 से घट कर अब 14 प्रतिशत रह गई है।
अस्पतालों में सभी तरह के बिस्तरों और आक्सीजन की उपलब्धता बढ़ने के साथ-साथ प्रतिदिन होने वाली मृत्यु में भी कमी आ रही है। इस बीच टेस्ट और टीकाकरण में भी तेजी आई है। राज्य ने प्रतिदिन किए जा रहे टेस्ट में नया रिकार्ड कायम किया है। 12 मई को एक दिन में 71 हजार 138 से टेस्ट किए गए।
छत्तीसगढ़ में बीते 1 मई को जहां कोरोना संक्रमण के 15 हजार 905 नये मामले सामने आए थे, वहीं 12 मई को 10 हजार 150 नये मामले दर्ज किए गए। इसी तरह प्रतिदिन होने वाली मृत्यु का आंकड़ा जहां 01 मई को 229 था, वहीं 12 मई को 153 लोगों की मृत्यु हुई। 12 दिन पहले तक राज्य के अस्पतालों में जहां खाली बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे, वहीं कल 12 मई की स्थिति में 318 वेन्टीलेटर बेड, 852 आई.सी.यू. बेड, 750 एच.उी.यू. बेड, 6364 ऑक्सीजन बेड एवं 11,883 अन्य बेड उपलब्ध थे। राज्य में शुरु से आक्सीजन की कमी नहीं रही है। सुविधाओं में किए जा रहे विस्तार के कारण अब संभावित कोरोना संक्रमितों की प्रतिदिन जांच का आंकड़ा भी बढ़ा है। 12 मई को राज्य ने 71 हजार 138 लोगों की जांच कर नया रिकार्ड कायम किया है।
इस बीच टीकाकरण की मुहिम को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 12 मई को राज्य में सीजी-टीका वेब पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल की शुरुआत होने से गरीब, निराश्रित और अंत्योदय सहित ऐसे लोग भी अपना पंजीयन करा सकेंगे, जिनके पास मोबाइल या इंटरनेट की सुविधा नहीं है। राज्य के 13 नगर निगमों में आज 13 मई से सप्ताह में सातों दिन चैबीसों घंटे रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा शुरु कर दी गई है। सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच सुविधाओं में किए जा रहे विस्तार के तहत बैकुंठपुर में नये वायरोलाजी लैब की शुरुआत की जा चुकी है। इस लैब को मिलाकर अब राज्य के दस शासकीय लैबों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। इससे प्रतिदिन जांच की संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ जांच-रिपोर्ट भी जल्दी मिलने लगेगी।

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