August 11, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

मुंगेली / शौर्यपथ / राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिले में कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम के संबंध में जिलास्तर पर एनजीओंज कोर्डिनेशन् सेंटर (ngo’s coordination center) की स्थापना की गई है। कलेक्टर पी.एस एल्मा ने अपर कलेक्टर श्री राजेश नशीने को एनजीओंज कोर्डिनेशन् सेंटर (ngo’s coordination center) का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। नोडल अधिकारी नशीने का मोबाईल नंबर 79879-30435 और 98261-48437 है। 

जगदलपुर / शौर्यपथ / विगत दिनों कोरबा के जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला को जब डिलीवरी हेतु भर्ती करने के लिए ले जाया गया तब उन्हें पहले कोविड जाँच कराकर आने कहा गया।जब महिला अस्पताल परिसर में बने जाँच केंद्र की लाइन में थी तभी उनकी डिलीवरी हो गई।इसका उल्लेख करते हुए आम आदमी पार्टी जिला अध्यक्ष तरुणा बेदरकर ने कहा कि यह घटना कोविड के मद्देनजर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा के सिस्टम की खामियों को उजागर करता है।जिस अस्पताल में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा है वहाँ जब ऐसी घटना हो सकती है तो जिन प्रसूति गृहों में यह सुविधा नहीँ है वहाँ गर्भवती महिलाओं को होने वाली परेशानियों की कल्पना की जा सकती है।
प्रदेश के निजी और सरकारी प्रसूति गृहों में सभी जगह कोविड टेस्टिंग की सुविधा नहीं है।गर्भवती महिलाओं की शारीरिक और मानसिक दोनों दशा जटिल होती है,ऐसे में परिजनों का गर्भवती महिला को लेकर जाँच के लिए भटकना बेहद कष्टप्रद होता है और इस बीच अगर महिला की हालत खराब होती है तो बात जच्चा-बच्चा की जान पर भी आ सकती है।ऊपर से जाँच केंद्रों में गर्भवती महिला को उसी लाइन में लगना होता है जिस लाइन में सामान्य स्त्री पुरुष खड़े होते हैं।गर्भावस्था में महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती है और उन्हें कोरोना का टीका भी नहीं लगा होता। ऐसे में उसी लाइन में खड़े होने से उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा होता है।प्रदेश भर से गर्भवती महिलाओं की कोरोना संक्रमण से मृत्यु की भी खबरें आईं हैं।
तरुणा ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना महामारी से निपटने केवल गाइडलाइन बनाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है लेकिन उस गाइडलाइन को लागू करने के लिए और उसके परिपालन पर नजर रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीँ बनाती।कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सरकार की यह गंभीर कमजोरी हर क्षेत्र में दिखाई दे रही है।महामारी की इस भयावह आपदा के समय प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं या नहीं पता ही नहीं चल रहा है।
आम आदमी पार्टी प्रदेश सरकार से मांग करती है कि सभी निजी और सरकारी प्रसूति गृहों में कोरोना जाँच की सुविधा उपलब्ध कराई जाए और कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के लिए उसी अस्पताल में अलग वार्ड बनाया जाए।

नई दिल्ली / शौर्यपथ / भोपाल मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक कोविड-19 पीड़िता के साथ भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में रेप का मामला सामने आया है. घटना पिछले माह 6 अप्रैल की बताई गई है और 24 घंटों में पीड़िता की मौत हो गई थी. मामले को लेकर निशातपुरा पुलिस स्‍टेशन में केस दर्ज किया गया था. आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, फिलहाल उसे भोपाल सेंट्रल जेल में रखा गया है. सूत्रों ने बताया कि पीड़िता को 6 अप्रैल को वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया गया था. उसकी हालत बिगड़ती चली गई और बाद में उसी दिन शाम को मृत्‍यु हो गई थी.
भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि पीड़िता ने अपनी पहचान छुपाने के लिए पुलिस को एक आवेदन दिया था और घटना का खुलासा नहीं करने का अनुरोध किया था. इसी कारण जांच टीम के अलावा किसी को भी घटना की जानकारी नहीं दी गई. सूत्रों के अनुसार, आरोपी की पहचान 40 वर्षीय संतोष अहिरवार के रूप में हुई है. कोविड पीड़िता के यौन उत्‍पीड़न के पहले उसने एक स्‍टाफ नर्स के साथ भी छेड़छाड़ की थी.

जगदलपुर / शौर्यपथ / आम आदमी पार्टी के समीर खान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस प्रकार केंद्र सरकार काम कर रही है उससे ये साबित होता है कि देश व देश की जनता से उनका कोई सरोकार नही है , छत्तीसगढ़ में रासायनिक खादों के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है। केंद्र के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय (केमीकल एंड फर्टीलाइजर मिनीस्ट्री) के अंतर्गत आने वाले इफको ने खाद के दामों में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि की है। 12 सौ रुपये वाले डीएपी की कीमत बढ़कर 19 सौ रुपये हो गई है ।
समीर खान ने कहा कि अब डीएपी के मूल्य में लगभग 58 फीसद की एकाएक वृद्धि से किसान हैरान हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 खरीफ सीजन में डीएपी खाद किसानों को 1150 रुपये प्रति बोरी की दर से व रबी सीजन 2020-21 में 1200 रुपये प्रति बोरी की दर से दी गई थी। अब ये 1900 रुपये हो गई है । तरह रासायनिक खाद एनपीके के दाम में भी प्रति बोरी 565 रुपये की वृद्धि की गई है।
अब यह खाद किसानों को 1185 रुपये प्रति बोरी के स्थान पर 1747 रुपये प्रति बोरी देकर खरीदना होगा। सिंगल सुपर फास्फेट के सभी प्रकार के खादों के दाम में प्रति बोरी लगभग 36 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। रासायनिक खाद एमओपी के दाम में भी प्रति बोरी 150 रुपये की वृद्धि की गई है। इसका दाम 850 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया है।
समीर खान ने कहा- बस्तर में हाल ही में किसान ने बढ़ते खाद के दामों को लेकर और कर्ज की वजह से आत्महत्या कर ली थी, कोरोना की वजह से पहले ही आम इंसान और साथ-साथ किसानों के हालत खराब है । ऐसे में खाद के दामों में तेजी से वृद्धि करने से किसान मुसीबतों के दौर से गुजर रहे हैं । ऐसे में केंद्र सरकार को बढ़ाए हुए दामों को किसानों के हित को देखते हुए वापस जल्द लेना चाहिए और राज्य की भूपेश सरकार को किसानों को खाद पर सब्सिडी देना चाहिए , जिससे किसानों को राहत मिल सके । आम आदमी पार्टी राज्य सरकार से मांग करती है कि छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलो के विभिन्न सोसाइटियों में तथा व्यापारियों को कम रेट में मार्च में ही खाद दिया जा चुका है । अभी इन खादो की कीमत सोसाइटी में 1150 रुपये है । इसकी बोरी में एमआरपी 1200 रुपए का है ।।इसी तरह मार्च में ही व्यापारी गण खाद कम रेट में खरीद कर अपने गोदामों में रख चुके हैं जिसे वे अभी खरीफ फसल ने बेचेंगे । आम आदमी पार्टी की यह मांग है की राज्य सरकार इन सोसाइटी एवं व्यापारियों के लिए आदेश जारी करें की कोई भी सोसाइटी या व्यापारी अपने पुराने खरीद के खाद को 1200 रुपए एम आर पी से अधिक नहीं बेच सकते । यदि इस तरह का आदेश सरकार जारी नहीं करेगी तो बाजार में खाद की कालाबाजारी शुरू हो जाएगी जो कि किसानों के लिए इस कोरोना काल में घातक होगा, छत्तीसगढ़ की जनता ने भूपेश सरकार को चुना है । आम आदमी पार्टी के गीतेश सिघाड़े ने कहा कि खाद के बढ़े दामों को लेकर आम आदमी पार्टी कल प्रदेशव्यापी वर्चुअल उग्र प्रदर्शन करेगी ।

नई दिल्ली /शौर्यपथ/ वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली बिक्री 17 मई यानी सोमवार से शुरू होकर पांच दिन तक खुली रहेगी. वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में बताया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मई से लेकर सितम्बर के बीच छह किस्तों में जारी किये जायेंगे. वित्त वर्ष 2021-22 की पहली किस्त के तहत 17 से 21 मई के बीच खरीद की जा सकेगी और 25 मई को बांड जारी किये जायेंगे.
कहां से खरीद सकते हैं
मंत्रालय के मुताबिक बांड स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से बेचे जाएंगे. लघु वित्त बैंक और भुगतान बैंकों को बॉन्ड बेचने की अनुमति नहीं होगी. भारत सरकार की तरफ से ये बॉंड रिजर्व बैंक द्वारा जारी किये जाएंगे.
क्या भाव होगा
वित्त मंत्रालय ने बताया कि सोने के बॉन्ड का दाम इंडिया बुलियन एण्ड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा जारी दाम के सामान्य औसत भाव पर होगा. यह दाम निवेश की अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम तीन कारोबारी दिवस के दौरान 999 शुद्धता वाले सोने का औसत भाव होगा. बॉन्ड खरीदने के लिये ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वालों को बॉन्ड के दाम में 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी.
क्या होगी अवधि
बॉन्ड की अवधि आठ वर्षों की होगी जिसमें पांच साल बाद अगले ब्याज भुगतान की तिथि पर बॉन्ड से हटने का भी विकल्प होगा. स्वर्ण बॉड में निवेश एक ग्राम के मूल यूनिट के अनुरूप किया जा सकेगा. कम से कम एक ग्राम सोने के लिये निवेश करना होगा.
कौन खरीद सकता है
बयान के अनुसार कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम चार किलोग्राम मूल्य तक का बॉन्ड खरीद सकता है जबकि ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है. बांड खरीदने के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) संबंधी मानदंड उसी तरह के होंगे जैसे कि बाजार से सोना खरीदते हुए होते हैं. सरकार की सावरेन गोल्ड बॉंड योजना नवंबर 2015 में शुरू हुई थी.

जगदलपुर /शौर्यपथ / छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह, अंबेडकर एवं रविंद्र नाथ टैगोर वार्ड में जगदलपुर नगर के भाजपा पदाधिकारियों ने कोविड काल मे हर जरूरतमंद लोगों तक हरी सब्जी बांटने में सहयोग किया। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्रीनिवास राव मद्दी, भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता,नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय,नगर उपाध्यक्ष मनोहर दत्त तिवारी ,महामंत्री संग्राम सिंह राणा की उपस्थिति में 325 परिवारों को हरी सब्जी का सहयोग किया गया,श्रीनिवास राव मद्दी ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन जरूर लगाना चाहिए। कोविड नियमो का पालन जरूर करें। भारतीय जनता पार्टी परिवार हर गरीब,शोषित,वंचित लोगों के साथ हमेशा खड़ा है ।
नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने कहा जगदलपुर के भाजपा पार्षद लगातार अपने वार्डो में जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर सहयोग प्रदान कर रहे हैं।नगर अध्यक्ष सुरेश गुप्ता एवम मनोहर दत्त ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नगर मंडल जगदलपुर के 48 वार्डो में रह रहे व्यक्ति की चिंता कर रहा है। हर जरूरत मंद लोगों तक खाद्य सामग्री एवम हरी सब्जी पहुंचे।इसकी चिंता नगर मंडल कर रहा है। हर व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क लगाएं एवं कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन जरूर लगाएं। इस अवसर पर प्रकाश झा,शिरीष मिश्रा,अमर झा,संजय चंद्राकर,खेम सिंह देवांगन,शेखर साहू,घनश्याम बघेल, सूरज मिश्रा,लोकेश राव,सूरज केशरवानी,वशीम खान,विक्की साहू,सूर्यभूषण सिंह सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

नई दिल्ली/ शौर्यपथ/ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ने कहा है कि देश में वैक्‍सीन बनाने का काम दूसरी कंपनियों को भी दिया जाए. गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जैन ने बताया कि हमने आज केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के साथ बैठक के दौरान कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी वैक्सीन खरीदनी है तो केंद्र सरकार को ही सबके लिए खरीदनी चाहिए. इसके अलावा हमने यह बात भी रखी कि दो कंपनियों के पास ही वैक्सीन बनाने का अधिकार है. वैक्सीन बनाने का काम दूसरी कंपनियों को भी दिया जाए.
दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्‍टीट्यूट को बहुत ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका दिया जा रहा है. उनको 150 रुपये वैक्सीन में भी मुनाफा होता है लेकिन यह तो राज्य सरकार को ₹300 में दे रहे हैं जबकि प्राइवेट अस्पतालों को ₹400 में वैक्सीन दे रहे हैं. केंद्र सरकार को वैक्सीन बेचने में ₹10, राज्य सरकार को बेचने में ₹160 और प्राइवेट अस्पताल को बेचने में 260 का मुनाफा प्रति डोज़ कंपनी को आ रहा है.
उन्‍होंने कहा कि अगर ऐसे ही चलेगा तो एक कंपनी का शुद्ध मुनाफा 1000 करोड़ रुपए बन जाएगा.भारत बायोटेक की वैक्सीन महंगी है उसका मुनाफा तो और भी ज्यादा हो जाएगा. इसलिए हमने आग्रह किया है कि 150 रुपये वैक्सीन का रेट रहना चाहिए.

राजनांदगांव / शौर्यपथ / कोरोना महामारी में विगत वर्ष 2020-21 में कई प्राईवेट विद्यालय बंद हो गए और इन विद्यालयों ने प्रवेशित बच्चों को अन्य विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाना था और यह जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होती है।
ग्रीन फील्ड स्कूल जो कि बीते वर्ष 2020-21 से बंद हो चुका है और बीते सितंबर माह से पालकों के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित आवेदन कर उनके बच्चों को अन्य विद्यालयों ने प्रवेश दिलाने की मांग कर रहे थे, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में कोई रूचि नहीं दिखाया, जिसके कारण इन बच्चों को बीते सत्र 2020-21 में किसी भी विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाया गया और इस प्रकार इन बच्चों का पूरा एक वर्ष बर्बाद हो गया और उन्हें किसी भी विद्यालय से उत्तीर्ण होने का रिजल्ट नहीं मिल पाया और ना ही इस सत्र 2021-22 में भी किसी विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया, जबकि कई प्रायवेट विद्यालयों में 1 अप्रैल से कक्षाएं आरंभ हो चुकी है, जबकि सरकारी अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में 15 मई से प्रवेश आरंभ होने वाला है और यह सभी बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में अध्ययनरत् थे, इसलिए इन्हें अंग्रेजी माध्यम से स्कूलों में ही प्रवेश दिलाया जाना था, इनमें से कई बच्चे शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत प्रवेशित थे, जो विगत वर्ष से बिना शिक्षा पाए ही शिक्षा पाने भटक रहे है और यह गंभीर प्रवृति का अपराध है।
पीड़ित पालकों ने गुरूवार को सिटी कोतवाली में जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 166 के तहत् नामजद प्रथामिकी दर्ज करने की मांग को लेकर लिखित शिकायत किया गया है, क्योंकि पालकों का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी जो कि एक जिम्मेदार अधिकारी है और उनके बच्चों को किसी अन्य विद्यालयों में प्रवेश दिलाने की जिम्मेदारी उन्हीं की थी, लेकिन उन्होने जान-बुझकर कानून का उल्लघंन कर उनके बच्चों के जीवन व भविष्य के साथ सुनियोजित ढंग से खिलवाड़ किया गया है। इस प्रकार हेतराम सोम, जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव के द्वारा हमारे बच्चों को अनावश्यक मानसिक कष्ट दिया गया, उनकी उपेक्षा किया गया और उन्हें शिक्षा से वंचित कर उसके मौलिक अधिकार का हनन किया गया है, जिसके लिए डीईओ हेतराम सोम पूर्णतः जिम्मेदार है और यह प्रताड़ना की श्रेणी में आता है।
क्या कहता है कानून...
भारतीय दंड संहिता की धारा 166 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जो किसी सरकारी नौकरी के पद पर पदस्थ है, वह एक लोक सेवक होने के नाते, जान-बुझकर किसी कानून के किसी भी प्रावधान का इस प्रकार उल्लंघन या उस कानून की अवज्ञा करता है, जिस प्रकार सरकार के द्वारा उस लोक सेवक को उस कानून का संचालन करने के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। वह लोक सेवक या सरकारी नौकरी करने वाला व्यक्ति इस बात को अच्छे से जनता है, कि उसके द्वारा ऐसा कार्य करने से या उस कानून का उल्लंघन करने से किसी अन्य व्यक्ति को हानि पहुंच सकती है, या उस अन्य व्यक्ति को किसी प्रकार की चोट पहुंच सकती है, तो ऐसी स्थिति में वह लोक सेवक भारतीय दंड संहिता की धारा 166 के अनुसार अपराध करता है, और उसे उसके इस अपराध के लिए उचित दंड भी दिया जाता है।

नई दिल्ली /शौर्यपथ / प्रवासी मजदूरों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि केंद्र, दिल्ली सरकार यूपी और हरियाणा, फंसे प्रवासियों को परिवहन प्रदान करने पर राहत के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दें. इसके साथ ही SC ने कहा है कि केंद्र, दिल्ली सरकार, यूपी और हरियाणा, दिल्ली एनसीआर में फंसे प्रवासियों के लिए
आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत राशन उपलब्ध कराएं. मई से प्रवासियों को सूखा राशन दिया जाए. राशन को दिल्ली एनसीआर में प्रवासियों को बिना आई कार्ड के दिया जाना चाहिए.
SC नेे कहा है क‍ि दिल्ली, यूपी फंसे हुए प्रवासी कामगारों की पहचान करें और सड़क मार्ग से या केंद्र की मदद से ट्रेन द्वारा परिवहन प्रदान करें. इसके साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सामुदायिक रसोई के माध्यम से फंसे प्रवासियों को एक दिन में दो बार भोजन प्रदान करें. मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होगी.
अदालत ने कहा है कि पिछले साल के आदेशों के बावजूद कुछ राज्यों ने अपने राज्यों में प्रवासी कामगार की संख्या, उनके रोजगार के लिए योजना का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा को निर्देश दिया कि वे प्रवासियों को दी गई योजनाओं, उनकी संख्या आदि पर विवरण प्रस्तुत करें.ये राज्य 10 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करें और यह उन्हें दिया गया आखिरी मौका है.बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश के कई राज्यों लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसकी वजह से पिछले साल पलायन के बाद शहरों को लौट चुके मजदूर एक बार फिर संकट में हैं. हालांकि, अधिकतर राज्यों ने संपूर्ण लॉकडाउन का कदम नहीं उठाया है, लेकिन फिर भी बहुत से सेक्टरों में काम ठप है, जिसके चलते मजदूरों की रोजी-रोटी पर बनी हुई है.

सेहत /शौर्यपथ / वेट लॉस करना एक ऐसी चुनौती है जिसे पार करना इतना आसान नहीं है। डाइट, वर्कआउट और आपकी कई छोटी-छोटी आदतें वजन कम करने में काम आती है। जैसे बात करें अगर चाय की, तो चाय का भी वजन कम करने या बढ़ाने में अहम रोल है। आज हम आपको बता रहे हैं। ऐसी पांच चाय जिनके सेवन से बेली फैट तेजी से कम होता है।
पुएर चाय
यह चाय एक प्रकार की चाइनीज काली चाय है, जिसे फर्मेटेड किया गया है। भोजन के बाद अक्सर इसका आनंद लिया जाता है, और इसमें एक सुगंध होती है जो लंबे समय तक संग्रहीत होती है। पुएर चाय ब्लड शुगर और रक्त ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकती है। इससे बेली फैट तेजी से कम होता है।
ग्रीन-टी
ग्रीन-टी वजन घटाने के लिए सबसे ज्यादा कारगर है और इसे कई स्वास्थ्य लाभों के साथ जोड़ा जाता है। यह वजन घटाने के साथ स्किन के लिए भी काफी इफेक्टिव चाय मानी जाती है। ग्रीन-टी में वजन और शरीर की चर्बी दोनों को कम करने के लिए की गजब की क्वालिटी होती है।
ब्लैक टी
काली चाय में दूसरी चाय से ज्यादा ऑक्सीकरण होता है, जैसे कि ग्रीन, सफेद या ऊलोंग चाय। ऑक्सीकरण एक रासायनिक प्रतिक्रिया है, जो तब होती है जब चाय की पत्तियां हवा के संपर्क में आती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ब्राउनिंग होती है जो काली चाय की विशेषता गहरे रंग का कारण बनती है। काली चाय के कई अलग-अलग प्रकार और मिश्रण उपलब्ध हैं, जिनमें अर्ल ग्रे और अंग्रेजी ब्रेकफास्ट जैसी लोकप्रिय किस्में शामिल हैं।
ऊलोंग चाय
ऊलोंग चाय एक ट्रेडिशनल चाइनीज चाय है, जिसे आंशिक रूप से ऑक्सीकरण किया गया है, इसे ऑक्सीकरण और रंग के मामले में ग्रीन-टी और काली चाय के बीच कहीं रखा गया है। यह अक्सर फल, सुगंधित सुगंध और एक अद्वितीय स्वाद के लिए जानी जाती है कई अध्ययनों से पता चला है कि ऊलोंग चाय फैट बर्न में मेटाबॉलिज्म के लिए बहुत अच्छी है।
हर्बल चाय
हर्बल चाय में गर्म पानी में जड़ी बूटियों, मसालों और फलों के एक्सट्रेंक शामिल होते हैं। वे ट्रेडिशनल चाय से भिन्न होते हैं क्योंकि उनमें आमतौर पर कैफीन नहीं होता है और कैमेलिया साइनेंसिस की पत्तियों से नहीं बनता है। हर्बल चाय किस्मों में रूइबोस चाय, अदरक की चाय, गुलाब की चाय और हिबिस्कस चाय शामिल हैं। हालांकि, हर्बल चाय की सामग्री और संरचना में काफी भिन्नता हो सकती है, लेकिन कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि हर्बल चाय वजन घटाने और वसा घटाने में मदद कर सकती है।

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