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नई दिल्ली /शौर्यपथ /चेन्नई एक्टर और राजनीतिज्ञ कमल हासन की पार्टी मक्कल नीधि मय्यम को तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा, उनकी पार्टी चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. जिसके बाद अब पार्टी में बिखराव की स्थिति पैदा हो गई है, कई बड़े नेताओं ने खुले मंच से पार्टी में लोकतंत्र की कमी का हवाला देते हुए कमल हसन को पार्टी चलाने की समझ नहीं होने की बात कही थी. जिसके बाद मंगलवार को कमल हासन ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मेल के जरिए अपने असंतोष और विचार व्यक्त करने की अपील की. MNM के प्रमुख कमल हासन को कोयंबटूर दक्षिण सीट से हार का मुंह देखना पड़ा था. उनका मानना है कि वह पार्टी के उद्देश्य और लक्ष्य को राजनीतिक षणयंत्रों के हिसाब से बदल नहीं सकते हैं. हासन की यह अपील पार्टी उपाध्यक्ष महेंद्रन के उस आरोप के बाद सामने आई जहां उन्होंने पार्टी में लोकतंत्र की कमी का आरोप लगाया था. नतीजों के बाद महेंद्रन समेत 6 लोगों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
बताते चलें कि महेंद्रन कोयम्बटूर की सिंगनल्लूर निर्वाचन क्षेत्र चुनाव हार गए थे. नतीजों के बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ शीर्ष नेता ही पार्टी चला रहे थे, साथ ही उन्होंने हासन पर भी राजनीतिक दल चलाने की सही समझ नहीं होने की बात भी कही थी. वहीं कमल हासन ने कहा कि तमिलनाडु में बदलाव लाने के अपनी मुहीम के तहत हमने 6 अप्रैल को अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और बड़ी कुशलता से इस युद्ध में विरोधियों का सामना किया.
उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान में हमने देखा कि दुश्मनों के साथ कुछ गद्दार भी खड़े हैं. इन गद्दारों के खिलाफ हम एकजुट हैं. कमल हासन ने कहा कि इस लिस्ट में सबसे ऊपर डॉक्टर आर महेंद्रन का नाम है. उन्होंने महेंद्रन पर अपनी बेइमानी और अक्षमता के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराने और हार के बाद सहानभूति बटोरने का आरोप लगाया. हासन ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस करारी शिकस्त के बाद हार नहीं मानने की अपील की है.
नई दिल्ली / शौर्यपथ /वॉशिंगटन भारत द्वारा हाल में चीनी कंपनियों हुवावेई और जेडटीई के बिना 5जी परीक्षणों को करने के फैसले को अमेरिका ने एक संप्रभु निर्णय कहा है.अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका उन उपकरणों के साथ नेटवर्क स्थापित करने के खतरों को लेकर अत्यधिक चिंतित है, जिन्हें चीन द्वारा बाधित या नियंत्रित किया जा सकता है.अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह भारत सरकार द्वारा एक संप्रभु निर्णय था, इसलिए हमारा मानना है कि इस बारे में आपको भारत सरकार से ही कोई टिप्पणी लेनी चाहिए.''उन्होंने आगे कहा, ‘‘लेकिन मैं अधिक व्यापक रूप से कह सकता हूं कि यह सही है कि हम ऐसे उपकरणों पर आधारित नेटवर्क के खतरों को लेकर चिंतित हैं, जिन्हें पीआरसी (पीपुल्स रिपल्बिक ऑफ चाइन) नियंत्रण या बाधित कर सकता है.''
उन्होंने कहा कि हुवावेई या जेडटीई जैसे गैर-भरोसेमंद दूरसंचार आपूर्तिकर्ताओं को अनुमति देने में राष्ट्रीय सुरक्षा, निजता और मानवाधिकारों से जुड़े जोखिम शामिल हैं.दूरसंचार विभाग ने चार मई को 5जी परीक्षण के लिए दूरसंचार कंपनियों के आवेदनों को मंजूरी दी थी, हालांकि इसमें कोई भी कंपनी चीनी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं करेगी. दूरसंचार विभाग ने रिलाइंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन और एमटीएनएल के आवेदनों को मंजूरी दी है. इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का उपयोग नहीं कर रही है.
दूरसंचार विभाग ने 5जी परीक्षण के लिए स्वीकृत दूरसंचार गीयर विनिर्माताओं की सूची में एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सी-डॉट और रिलायंस जियो की स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं. इसका का मतलब है कि चीनी कंपनियां 5जी परीक्षणों का हिस्सा नहीं होंगे.दूरसंचार विभाग का यह कदम इस ओर इशारा करता है कि केंद्र सरकार देश में शुरू होने वाली 5जी दूरसंचार सेवाओं में चीनी कंपनियों को हिस्सा लेने से रोक सकती है.चीन ने अपनी कंपनियों को भारत में 5जी ट्रायल में हिस्सा लेने की मंजूरी न देने के सरकार के फैसले पर अफसोस जताया है.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /अहमदाबाद गुजरात में डाक्टरों ने तथाकथित ‘गाय के गोबर से उपचार' के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा है कि शरीर पर गाय के गोबर का लेप लगाने से कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा नहीं मिलेगी बल्कि इससे म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) समेत दूसरी तरह के संक्रमण हो सकते हैं. लोगों का एक समूह यहां श्री स्वामीनारायण गुरुकुल विश्वविद्या प्रतिष्ठानम (एसजीवीपी) द्वारा संचालित गौशाला में उपचार ले रहा है और उसका मानना है कि इससे कोविड-19 के खिलाफ उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी.
एसजीवीपी के पदाधिकारी ने कहा कि इस गौशाला में 200 से ज्यादा गाय हैं. उन्होंने कहा कि बीते एक महीने से करीब 15 लोग हर रविवार यहां शरीर पर गाय के गोबर और गोमूत्र का लेप लगवाने आते हैं. बाद में इसे गाय के दूध से धो दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि यह उपचार लेने वालों में कुछ अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी और दवा की दुकानों पर काम करने वाले लोग हैं. डॉक्टर इसे प्रभावी नहीं मानते हैं.
गांधीनगर स्थित भारतीय जन स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक डॉ. दिलीप मावलंकर ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि यह उपचार क्या वास्तव में लोगों की मदद करेगा? मेरे सामने अब तक ऐसा कोई शोध नहीं आया है जिससे यह संकेत मिले कि शरीर पर गोबर लगाने से कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी.'
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की महिला शाखा की अध्यक्ष और शहर की एक वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मोना देसाई ने इस उपचार को 'पाखंड और अप्रमाणित' बताया. उन्होंने कहा, 'उपयोगी साबित होने के बजाए गाय के गोबर से आपको म्यूकोरमाइकोसिस समेत दूसरे संक्रमण हो सकते हैं.'
नई दिल्ली/ शौर्यपथ/ कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' की निर्माता भारत बायोटेक ने दिल्ली को वैक्सीन सप्लाई करने से इनकार कर दिया है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को यह बात कही. उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे केंद्र का 'वैक्सीन कुप्रबंधन' करार दिया. दूसरी ओर, कंपनी ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राज्य उसके इरादों को लेकर शिकायत कर रहे हैं. गौरतलब है कि कोरोना से जंग में ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड की किल्लत के बीच अब भारत वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है. राजधानी दिल्ली में भी वैक्सीन की कमी साफ देखी जा रही है. हालात यहां तक हो गए हैं कि वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़े हैं. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहाकि दिल्ली सरकार ने 1.34 करोड़ वैक्सीन की डिमांड की थी, जिसमें दोनों तरह की वैक्सीन शामिल थीं. लेकिन Covaxin ने दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिखकर साफ कह दिया है कि वे उन्हें वैक्सीन नहीं दे सकता, क्योंकि वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.
मनीष सिसोदिया ने आगे बताया कि Covaxin ने उनसे कहा कि वे उन्हें इससे ज्यादा नहीं दे सकता, जितनी सरकारी अधिकारी यानी केंद्र सरकार कह रही है. ऐसे में Covaxin की सप्लाई दिल्ली में बंद है और उन्होंने साफ लिख कर वैक्सीन के लिए मना कर दिया है, क्योंकि वे केंद्र सरकार के हिसाब से वैक्सीन दे रहे हैं.सिसोदिया ने बताया कि उन्होंने 67 लाख वैक्सीन मांगी थी. लेकिन Covaxin की चिट्ठी से यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार ही तय करेगी कि किसको कितनी वैक्सीन मिलेगी और कब मिलेगी.उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि कोवैक्सीन उपलब्ध न होने की वजह से उन्हें 17 स्कूलों में करीब 100 सेंटर बंद करने पड़े हैं.उन्होंने केंद्र सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपनी भूमिका निभाएं और एक्सपोर्ट तुरंत बंद करें.
उधर, भारत बायोटेक की सह संस्थापक सुचित्रा एल्ला ने इसके जवाब में लिखा, 'कोवैक्सीन ने 10 मई 2021 को 18 राज्यों को छोटी खेप के रूप में सप्लाई भेजी है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राज्य हमारे इरादे को लेकर शंका जता रहे हैं. हमारे 50 कर्मचारी कोविड से प्रभावित से प्रभावित होने के कारण काम से बाहर हैं, इसके बावजूद हम आपके लिए हर दिन, 24 घंटे काम कर हैं. '
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि इन दोनों कंपनियों की उत्पादन क्षमता सीमित है. इन दोनों से फार्मूला लेकर जितनी भी कंपनियां वैक्सीन बना सकती हैं उनको फार्मूला दिया जाए और बड़े स्तर पर वैक्सीन का उत्पादन करवाया जाए. यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जहां से भी वैक्सीन मिले, वहां से लेकर राज्य सरकारों को उपलब्ध करवाएं.
वैक्सीन का एक्सपोर्ट बंद करना और वैक्सीन उपलब्ध करवाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है और वैक्सीन जल्द से जल्द लगवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /जेनेवा कोविड -19 महामारी के भयावह पैमाने को रोका जा सकता था, स्वतंत्र ग्लोबल पैनल ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. जानलेवा कोरोनावायरस और खराब तालमेल की वजह से चेतावनी के संकेत अनसुने कर दिए गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और पहले महामारी को लेकर अलर्ट कर सकता था. द इंडिपेंडेंट पैनल फॉर पैन्डेमिक प्रीपेयर्डनेस एंड रिस्पॉन्स ने कहा है कि एक के बाद एक खराब निर्णयों की वजह से कोरोनावायरस ने अब तक करीब 33 लाख लोगों की जान ले ली और वैश्विक अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया.
IPPPR ने अपनी बहुप्रतीक्षित अंतिम रिपोर्ट में कहा कि संस्थाएं लोगों की सुरक्षा में विफल रहीं और विज्ञान से इनकार करने वाले नेताओं ने स्वास्थ्य हस्तक्षेप में जनता के विश्वास को मिटा दिया.
पैनल ने कहा कि चीन के वुहान में दिसंबर 2019 में शुरू हुए कोरोना के प्रकोपों की प्रारंभिक प्रतिक्रिया में तत्काल कमी थी. इसकी अनदेखी की वजह से फरवरी 2020 का महीना काफी महंगा साबित हुआ, क्योंकि कई देश इस संकेत को समझने में नाकाम रहे.
वर्तमान महामारी से निपटने के लिए, सबसे अमीर देशों से सबसे गरीब देशों को एक अरब वैक्सीन की खुराक दान करने का आह्वान किया गया. पैनल ने अपनी रिपोर्ट में दुनिया के सबसे धनी राष्ट्रों से अगली महामारी की तैयारी के लिए समर्पित नए संगठनों को आर्थिक मदद मुहैया कराने की भी बात कही है.
बता दें कि इस रिपोर्ट का अनुरोध WHO के सदस्य राज्यों ने पिछले साल मई में किया था. इस पैनल की साझा अगुवाई न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलन क्लार्क और लाइबेरिया की पूर्व राष्ट्रपति और 2011 में नोबेल विजेता एलन जॉनसन सरलीफ ने की.
सरलीफ ने पत्रकारों से कहा, 'आज हम जिस स्थिति में खुद को पाते हैं, उसे रोका जा सकता था. यह विफलताओं, इसके अंतराल और तैयारी और प्रतिक्रिया में देरी के कारण है.' रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की रफ्तार को कम करने के लिए कुछ शुरुआती और तेजी से कार्रवाई भी की गई लेकिन इसमें 'देरी, संकोच और इनकार' भी था.
रिपोर्ट में कहा गया कि महामारी के खतरे को नजरअंदाज कर दिया गया था और लगभग सभी देश इससे निपटने के लिए तैयार नहीं थे. पैनल ने WHO पर निशाना साधते हुए कहा कि संगठन 22 जनवरी, 2020 की स्थिति को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय मामले के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर सकता था. इसके बजाय उसने ऐसा करने के लिए 8 और दिनों का इंतजार किया.
WHO ने पिछले साल मार्च में इसे महामारी करार दिया था. पैनल ने कहा कि चीन की तरफ से जरूर देरी हुई लेकिन हर ओर से इस मामले में देरी हुई. रिपोर्ट में वर्तमान समय में इस महामारी से निपटने के लिए भी कई उपायों का जिक्र किया गया है, जिसमें प्रमुख तौर पर तेजी से टीकाकरण की बात कही गई है.
नई दिल्ली/ शौर्यपथ / कोरोनावायरस की दूसरी लहर के चलते देश में कई राज्यों में लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू सहित कई सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं. देश की श्रम शक्ति का अहम हिस्सा, देश के मजदूरों के लिए स्थिति पहली लहर जितनी भयावह तो नहीं है, लेकिन हां उन्हें कोई राहत भी नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने इसे लेकर श्रम मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में कोरोना की मार झेल रहे गरीब मजदूरों के लिए तुरंत वित्तीय राहत पैकेज की मांग की गई है.
भारतीय मज़दूर संघ ने श्रम मंत्री संतोष गंगवार से कोरोना संकट झेल रहे गरीब मज़दूरों के लिए तत्काल वित्तीय राहत पैकेज की मांग की है. बता दें कि भारतीय मज़दूर संघ के महासचिव बिनोय सिन्हा ने श्रम मंत्री को चिठ्ठी लिखकर मांग की है कि ESI स्कीम से जुड़े कोरोना पीड़ित मज़दूरों के इलाज पर हुए खर्च का पूरा पैसा उन्हें रिइंबर्स किया जाए.
इसमें यह भी कहा गया है कि सभी ESI के अस्पतालों और मेडिकल डिस्पेंसरीज़ में मज़दूरों के लिए टीकाकरण मुफ्त हो और जिन मजदूरों की मौत हुई है, उनके परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाए. वहीं, कोरोना से होने वाली मौत के अंतिम संस्कार के लिए राहत राशि बढ़ाकर 30,000 की जाए.
CAIT ने भी मांगी थी मदद
बता दें कि अभी पिछले हफ्ते ही कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भी व्यापारियों के लिए राहत मांगी थी. संगठन ने बताया था कि पिछले 40 दिनों में घरेलू व्यापार को 7 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. इस चिट्ठी में कई तत्काल वित्तीय राहत उपायों और GST (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स) और आयकर के तहत विभिन्न वैधानिक देय तारीखों को 31 अगस्त, 2021 तक बढ़ाने का आग्रह किया था.
साथ ही यह भी कहा गया था कि बैंकों को लॉकडाउन की अवधि के लिए व्यापारियों से ऋण पर कोई ब्याज नहीं लेने का निर्देश दिया जाए और छह महीने का एक मोरेटोरियम अवधि दी जाए, जिसमें ऋण की ईएमआई का भुगतान करने पर रोक लगाई जाए.
नई दिल्ली /शौर्यपथ / बनारस कोरोना महामारी के दौरान बनारस घराने के मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का पिछले माह निधन हो गया था. राजन मिश्र कोरोना संक्रमित थे. कोरोना महामारी के इस दौर में स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी दबाव बढ़ा है, 'पंडितजी' को समय पर वेंटीलेर उपलब्ध नहीं हो पाया. समय पर वेंटीलेटर नहीं मिल पाने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया और देश ने एक दिग्गज शास्त्रीय गायक को खो दिया. पंडित राजन मिश्र के निधन के बाद उनके प्रति सम्मान दर्शाते हुए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में खोले गए अस्थाई कोविड अस्पताल को उनका नाम दिया गया है. कोविड अस्पताल के बाहर ही पंडित राजन मिश्र और पीएम मोदी की तस्वीर वाला बोर्ड लगाया गया है और इसमें बड़े अक्षरों में पंडित राजन मिश्र कोविड हॉस्पिटल लिखा गया है.
स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पंडित राजन मिश्रा की हुई मौत से संगीत जगत में शोक और नाराजगी है. विपक्ष के कई नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है. कुछ विपक्षी नेताओं ने तो तो यह तक कहा कि कोविड वॉर्ड का नामकरण 'पंडितजी' पर करके सरकार अपनी नाकाम को नहीं छुपा सकते. पंडितजी ने देश-विदेश में शास्त्रीय संगीत के मंच पर देश को अलग पहचान दिलाई. शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.
पंडित राजन मिश्र के बेटे रजनीश ने इस मामले में बात करते हुए कहा, ' मेरे पिताजी जैसे सेलेब्रिटी को समय पर वेंटीलेटर जैसी सुविधा नहीं मिल पाई तो आम आदमी की हालत की कल्पना की जा सकती है. इसमें हम सरकार को दोष नहीं दे रहे, लेकिन सरकार से अनुरोध है कि आने वाले समय के लिए बड़े-बड़े हजारों-हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर पैसा नहीं खर्च करके सर्वसुविधा युक्त अस्पताल, एंबुलेस और हेल्थ सिस्टम पर पैसा खर्च करें तो कई घर उजड़ने से बच जाएंगे. हम सभी यह कोशिश करें कि जिस तरह हमारा बड़ा नुकसान हुआ है, उस तरह और घर नहीं उजड़ें.'
SHOURYAPATH NEWS । Durg । मोदी सरकार की गलत कार्यनीति के कारण छत्तीसगढ़ के नागरिकों को टीकाकरण अभियान बाधित होने बात कहकर एनएसयूआई ने केंद्र सरकार से सौतेले व्यवहार नहीं करने की मांग की गई है और कलेक्टर को ज्ञापन देकर कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण फैली महामारी को नियंत्रित करने के लिए वृहद स्तर पर टीकाकरण अभियान ही एकमात्र उपाय व विकल्प के रूप में हमारे सामने है इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए वृहद स्तर का टीकाकरण करवाने की जानकारी देकर एनएसयूआई दुर्ग भी जन जागरूकता के लिए सोशल मीडिया और अपने संपर्क दायरे में आने वाले सभी लोगों को टीकाकरण करवाने के फायदों को बताकर आम जनों को टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित कर रही है ऐसे में खास करके APL वर्ग के लोग टीकाकरण केंद्रों पर टिका लगवाने के लिए आने वाले लोगों कि संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती नजर आ रही है एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा टीकाकरण अभियान के प्रचार प्रसार को युद्ध स्तर पर किया जा रहा है जिसके कारण सामान्य नागरिकों की बड़ी संख्या टीकाकरण करवाने के संबंध में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं से टीकाकरण केंद्रों की जानकारी और इन केंद्रों में उपलब्ध टीकों के आधार पर टीकाकरण केंद्रों पर आने के उचित समय की जानकारी ले रही है लेकिन टीकाकरण केंद्रों की संख्या कम होने के कारण टिकाकरण केंद्रों पर भीड़ इकट्ठा हो रही है और टीका लगवाने के इच्छुक नागरिकों को अव्यवस्थाओं का भी सामना करना पड़ रहा है जिसे देखते हुए दुर्ग शहर में टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ साथ एपीएल श्रेणी में आने वाले 18 से 44 आयु वर्ग वाले नागरिकों के लिए यथासंभव अधिक संख्या मे टीकाकरण केंद्रों का संचालन करने का निवेदन महापौर और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा कर मांग किए जिससे कि अनावश्यक और अनियंत्रित भीड़ की अवांछित स्थिति को टीकाकरण केंद्रों से टाला जाना संभव हो सकेगा दुर्ग एनएसयूआई जिला कार्यकारी अध्यक्ष सोनू साहू ने बताया कि एनएसयूआई कार्यकर्ता अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रहे है और जिला प्रशासन को लगने वाले किसी भी प्रकार के सहयोग को करने के लिए कार्यकर्ता तैयार है पर आज कलेक्टर और महापौर से मिलने के बाद जो बात सामने आया वह यह है कि केंद्र सरकार छःग राज्य सरकार को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध नही करा रही है जिसके कारण जिलों में वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में नही पहुंच पा रही है राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी पूरे नागरिकों का जल्द से जल्द टीकाकरण हो इसके लिए केंद्र सरकार से 50 लाख डोज वैक्सीन के मांग किए है पर केंद्र की मोदी सरकार छःग सरकार को वैक्सीन देने में सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है जिसके कारण 18 से 44 वर्ष के लोगो को वैसिनेस से वंचित होना पड़ रहा है जब भी वैक्सीन की उपलब्धता हो जाती है तो केंद्रों की संख्या यथासंभव बढ़कर जहां भी एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के सेवाओं की आवश्यकता हो तो इसकी जानकारी हमे देवे ताकि शासन प्रशासन के मदद में दुर्ग एनएसयूआई के हर एक कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए तैयार हैं उक्त टीकाकरण अभियान को तेज गति देने के लिए कलेक्टर के माध्यम से केंद्र सरकार को पत्र लिख करके छःग राज्य के युवाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराने और केंद्रों की संख्या बढ़कर सामान्य आय वर्ग के 18 से 44 आयु वाले लोगो की बढ़ती भीड़ को व्यवस्थित करने का निवेदन किया इस विषय में माननीय जिलाधीश महोदय एवम दुर्ग महापौर श्री धीरज बाकलीवाल ने एनएसयूआई के मांग को संज्ञान में लेकर सभी के सहयोग से शीघ्र ही समस्या का निराकरण करने का भरोसा दिलाया इस अवसर पर एमआईसी सदस्य हमीद खोखर जी, श्रद्धा सोनी पार्षद उपस्थित थे समस्त दैनिक अखबार प्रमुख...
SHOURYAPATH News । कोवीड 19 राहत कोष में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा किया जा हर रहे प्रयासों में सहयोग हेतु कोरोना महामारी से निपटने जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए एनएसयूआई के छात्र नेता संगम यादव के नेतृव में मुख्यमंत्री सहायता कोष राशि कोविड-19 के लिए खुर्सीपार जोन के PDS दुकानदारो ने 21000 रुपये की राशि भिलाई विधायक श्री देवेन्द्र यादव जी के माध्यम से भेट किए जिससे इस महामारी से छःग राज्य और पूरे भिलाई को कोरोना संक्रमण के प्रभाव से बचाया जा सके और इस वैश्विक लड़ाई के जंग में भारत देश सहित हमारे राज्य को बल मिल सके सरकार के द्वारा कोरोनो संक्रमण के फैलाव से बचने के लिए उठाया गया हर कदम सार्थक है साथ ही भिलाई विधायक श्री देवेंद्र यादव जी के प्रयासों से कोरोनो मरीजों को स्वास्थ्य लाभ में सभी तरह से मदद मिल रहा है इस अवसर पर प्रमुख रूप से खुर्सीपार जोन के पीडीएस दुकानदार अशोक अग्रवाल जी,नव रतन शर्मा जी,अमित अग्रवाल,बबलू तिवारी एनएसयूआई के असफाक अंसारी,राहुल शर्मा भी उपस्थित थे
सेहत / शौर्यपथ /मौसम कोई भी हो लेकिन आपके बालों को इसकी सबसे ज्यादा मार सहनी पड़ती है। सर्दी, गर्मी और बारिश तीनों ही मौसम में बालों का डैमेज होने का खतरा बढ़ा रहता है। आप अगर बालों का ख्याल नहीं रखते, तो आपको हेयर फॉल के अलावा डैंड्रफ जैसी समस्याएं भी परेशान करने लग जाती हैं। ऐसे में अपने बालों को लंबा और चमकदार बनाने के लिए आप जो सबसे आसान काम कर सकते हैं, वह है अपनी डाइट में सुधार करना और ओमेगा -3 पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स का सेवन करना, जो बालों के स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हुए हैं। आप जैसा खाते हैं वैसे ही होते हैं। आइए, जानते हैं हेयर केयर के लिए आप कौन-सी चीजें डाइट में शामिल कर सकते हैं-
अखरोट
अखरोट में सबसे ज्यादा ओमेगा-3 फैटी एसिड की अधिक मात्रा होती है, जो बालों के स्ट्रैंड की नमी को बरकरार रखते हैं और धूप से बचाकर रखते हैं।
मछली
वसायुक्त और तैलीय मछली ओमेगा -3 एसिड के उत्कृष्ट स्रोत हैं। सैल्मन, मैकेरल, ट्राउट और सार्डिन में डीएचए और ईपीए - दो प्रकार के ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं, जिन्हें बालों के लिए सुपरफूड माना जाता है।
कैनोला का तेल
कैनोला के तेल का आमतौर पर कम इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसमें संतृप्त वसा की कम सामग्री होती है और इसकी आणविक संरचना ऐसी होती है कि यह तेल को उच्च तापमान को सहन करने देती है। कैनोला तेल ओमेगा -3 फैटी एसिड में प्रचुर मात्रा में है।
सोयाबीन
सोयाबीन में ALA ओमेगा-3 वसा और बहुत सारे विटामिन-ई होते हैं, जो बालों को पर्याप्त पोषण प्रदान करने के लिए एक साथ काम करते हैं।
बीज
पोषण के लिए कई तरह के बीज लेने पड़ते हैं, लेकिन सन के बीज, सूरजमुखी के बीज और चिया के बीज विशेष रूप से तेजी से बालों के विकास और बालों ग्रोथ को बढ़ाते हैं।